•   Wednesday Apr 02
In Scoop

Reading ⇾
Himachal: Now coming to Himachal has become expensive, toll tax increased
In News

हिमाचल: अब हिमाचल आना हो गया है महंगा, बढ़ा टोल टैक्स

अब बाहरी राज्यों से आने वाले लोगो के लिए हिमाचल आना महंगा हो गया है। नए वित्तीय वर्ष के आगाज़ के साथ ही प्रदेश में बाहर से आने वाले वाहनों के लिए भी नए नियम लागु हो गये है जिससे प्रवेश शुल्क महंगा हो गया है। अब निजी वाहनों के लिए शुल्क 10 रुपये और अन्य प्रकार के वाहनों के लिए 20 रुपये तक बढ़ा दिया गया है। खास बात यह है कि छह से 12 सीटर यात्री वाहनों को अब 110 रुपये और 12 से अधिक सीटों वाले वाहनों को 180 रुपये का शुल्क देना होगा। भारी मालवाहक वाहनों के लिए भी नई दरें लागू हो गई हैं, जिसमें 250 क्विंटल या उससे अधिक भार वाले वाहनों के लिए प्रवेश शुल्क अब 720 रुपये तक बढ़ा दिया गया है। हाईवे पर टोल शुल्क में भी इज़ाफा हुआ है। कालका-शिमला एनएच पर सनवारा टोल पर अब एकतरफा यात्रा के लिए कार, जीप, वैन और एलएमवी को 75 रुपये और रिटर्न के लिए 110 रुपये का भुगतान करना होगा। वहीं, बस और ट्रक (टू एक्सल) के लिए एक तरफा टोल 250 रुपये और रिटर्न के लिए 370 रुपये है। बिलासपुर के बलोह में भी टोल शुल्क में 5 से 15 रुपये की वृद्धि देखी गई है। शिमला में रहने वालों के लिए भी यह वित्तीय वर्ष महंगा साबित हो सकता है। राजधानी में प्रॉपर्टी टैक्स और कूड़ा शुल्क में इजाफा किया गया है। प्रॉपर्टी टैक्स में 6-7 प्रतिशत तक वृद्धि हुई है, जबकि कूड़ा शुल्क अब 129 रुपये से बढ़कर 142 रुपये हो गया है। साथ ही, नगर निगम शिमला से जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त करने की फीस भी 5 रुपये से बढ़कर 50 रुपये हो गई है। बताया जा रहा है कि हिमाचल प्रदेश में पानी  के बिल में भी जल्द ही 10 प्रतिशत तक वृद्धि देखी जा सकती है। इससे शहर के 36 हजार पेयजल उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।   

Shimla: HPMC produced around 2000 tonnes of apple concentrate: Jagat Singh Negi
In News

शिमला: HPMC ने किया ने 2000 टन के करीब एप्पल कंसंट्रेट का उत्पादन: जगत सिंह नेगी

**इस वित्त वर्ष सबसे ज्यादा 5 करोड़ के मुनाफे की अपेक्षा **कहा, सर्वाधिक 2000 टन एप्पल कंसंट्रेट का किया उत्पादन   शिमला, हिमाचल प्रदेश में मंगलवार को हिमाचल प्रदेश मार्केटिंग एंड प्रोसेसिंग कॉर्पोरेशन (HPMC) के निदेशक मंडल की 217वीं बैठक आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने की। इस बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए और निगम की अब तक की प्रमुख उपलब्धियों पर चर्चा की गई। मंत्री ने कहा कि इस वित्त वर्ष के अंत तक HPMC को अब तक का सबसे अधिक 5 करोड़ रुपये का मुनाफा होने की उम्मीद है। इसके अलावा निगम ने 2000 टन के करीब एप्पल कंसंट्रेट का उत्पादन किया है, जो अब तक का सर्वाधिक है। HPMC अब बिना आर्टिफिशियल शुगर के एप्पल जूस, वाइन, और नए वाइन एवं लिकर ब्रांड के उत्पादन में भी सक्रिय है। बैठक में यह तय किया गया कि CA स्टोर और ग्रेडिंग पैकिंग सेंटर को टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से निजी खिलाड़ियों को सौंपा जाएगा। इसके अलावा, निगम प्रदेश में जियो थर्मल ऊर्जा का उपयोग कर CA स्टोर बनाने के लिए पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत कर रहा है। निदेशक मंडल ने यह भी निर्णय लिया कि देशभर में HPMC की जमीनों को कमाई का स्रोत बनाते हुए निगम को 100 करोड़ रुपये से अधिक की अपफ्रंट मनी और मासिक 2 करोड़ रुपये से अधिक की आय की अपेक्षा है। मंत्री ने यह भी बताया कि HPMC लंबे समय से किसानों और बागवानों के हित में कार्य कर रहा है, और MIS के तहत सेब के प्रोक्योरमेंट की जिम्मेदारी भी निगम पर है, जिससे किसानों को उचित मूल्य मिल सके।  

Shimla: Devbhoomi Kshatriya organization staged a strong protest against SP MP Ramjilal Suman, burnt his effigy after garlanding it with shoes
In News

शिमला: देवभूमि क्षत्रिय संगठन ने सपा सांसद रामजीलाल सुमन के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन, जूतों की माला पहना कर जलाया पुतला

आज शिमला के छोटा सचिवालय के बाहर देवभूमि क्षत्रिय संगठन ने समाजवादी पार्टी के सांसद रामजीलाल सुमन के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन के दौरान सांसद का पुतला जलाया गया, जिससे संगठन ने अपनी नाराजगी और विरोध को स्पष्ट रूप से व्यक्त किया। प्रदर्शन के दौरान क्षत्रिय संगठन के कार्यकर्ताओं ने पुतले के ऊपर जूतों की माला भी डाली। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि वे 12 अप्रैल को शिमला से बड़ी संख्या में आगरा कूच करेंगे, ताकि इस मुद्दे पर और अधिक ध्यान आकर्षित किया जा सके। इस विरोध का कारण रामजीलाल सुमन का विवादित बयान है, जिसमें उन्होंने राजपूत योद्धा राणा सांगा की तुलना बाबर से की थी। इस बयान ने पूरे देश में विरोध की लहर फैला दी है। इसके जवाब में देवभूमि क्षत्रिय संगठन ने वीर योद्धाओं के सम्मान में सड़कों पर उतरने का फैसला किया है। देवभूमि क्षत्रिय संगठन के प्रदेश अध्यक्ष रुमित ठाकुर ने कहा कि हम वीर योद्धाओं के सम्मान में सड़कों पर उतरे हैं। जिनका कोई इतिहास नहीं है, वे योद्धाओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर रहे हैं। क्षत्रिय समाज इसे बर्दाश्त नहीं करेगा। प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने कार्यकर्ताओं को रोकने की कोशिश की, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने पुतले को जलाने की चेतावनी दी। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हल्की नोकझोंक भी हुई। रामजीलाल सुमन ने अपने बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनका किसी समुदाय या महापुरुष के प्रति अपमानजनक इरादा नहीं था और यह बयान केवल ऐतिहासिक संदर्भ में दिया गया था। उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे अपने राजनीतिक स्वार्थों के लिए इतिहास के विवादास्पद पहलुओं को पुनर्जीवित कर रहे हैं।  

Himachal: Ban on transfer of teachers will continue in the state
In News

हिमाचल: प्रदेश में टीचर्स के ट्रांसफर्स पर रोक रहेगी जारी

हिमाचल प्रदेश सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में एक बड़ा फैसला लेते हुए राज्य के स्कूलों में शिक्षकों के सामान्य तबादलों पर रोक को जारी रखने का निर्णय लिया है। यह कदम स्कूलों में पढ़ाई के माहौल को स्थिर बनाए रखने और शैक्षणिक गतिविधियों पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करने के लिए उठाया गया है। अब तबादले केवल युक्तिकरण और आवश्यक मामलों में ही किए जाएंगे, जबकि एक शिक्षक के सहारे चल रहे स्कूलों से तबादले नहीं किए जाएंगे। शहरी क्षेत्रों के स्कूलों में आपसी सहमति से ट्रांसफर पर भी ध्यान नहीं दिया जाएगा, और 30 किलोमीटर से कम दूरी पर तबादलों की अनुमति नहीं होगी। इसके अलावा, एक ही स्कूल में दो साल सेवा देना अनिवार्य रहेगा, और हार्ड क्षेत्रों से तबादले करवाने के लिए रिलीवर की शर्त का पालन सुनिश्चित किया जाएगा। मार्च के बाद भी सामान्य तबादलों पर रोक बनी रहेगी, और अतिरिक्त शिक्षक वाले स्कूलों को रिक्त पदों वाले स्कूलों में तैनात किया जाएगा, जिससे शिक्षा प्रणाली में संतुलन बना रहे। इसके साथ ही, हिमाचल प्रदेश के स्कूलों में अब मौसम के अनुसार छुट्टियों का नया शेड्यूल लागू किया गया है, जिससे छात्रों और शिक्षकों को अधिक सुविधाजनक ब्रेक मिलेगा। नालागढ़ उपमंडल, फतेहपुर, नगरोटा सूरियां, इंदौरा, पांवटा साहिब, कालाअंब और जिला ऊना के स्कूलों में 1 से 30 जून तक गर्मियों की छुट्टियां और 3 से 12 अगस्त तक बरसात की छुट्टियां होंगी, जबकि पहले ये छुट्टियां 22 जून से 29 जुलाई तक होती थीं। अन्य ग्रीष्मकालीन स्कूलों में 1 से 8 जून तक गर्मियों की छुट्टियां और 12 जुलाई से 12 अगस्त तक बरसात की छुट्टियां होंगी, जो पहले प्रावधान में नहीं थीं। इसके अलावा, सभी ग्रीष्मकालीन स्कूलों में लोहड़ी के आसपास जनवरी में मिलने वाली छह छुट्टियों के स्थान पर 1 से 8 जनवरी तक छुट्टियां दी जाएंगी, जबकि दिवाली की चार छुट्टियां पूर्व की तरह ही बरकरार रहेंगी। शीतकालीन स्कूलों में बरसात की छुट्टियां अब 7 से 12 अगस्त तक होंगी, जो पहले 22 से 27 जुलाई तक होती थीं, और सर्दियों की छुट्टियां 1 जनवरी से 11 फरवरी तक पूर्ववत रहेंगी। लाहौल-स्पीति जिले में बरसात की छुट्टियां नहीं होंगी, लेकिन दशहरे के दौरान छह छुट्टियां दी जाएंगी, जबकि कुल्लू जिले में 1 से 14 जनवरी तक सर्दियों की छुट्टियां, 20 जुलाई से 12 अगस्त तक बरसात की छुट्टियां और दशहरे के दौरान आठ छुट्टियां होंगी। कुल मिलाकर, पूरे राज्य के स्कूलों में एक साल के दौरान 52 छुट्टियां मिलेंगी, जिससे छात्रों और शिक्षकों को सालभर में पर्याप्त आराम मिलेगा।  

How to worship the Brahmacharini form of Maa Durga on the second day of Chaitra Navratri
In News

चैत्र नवरात्र के दूसरे दिन कैसे करे मां दुर्गा के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा

 नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है। "ब्रह्म" का अर्थ है तपस्या और "चारिणी" का अर्थ है आचरण करने वाली। इस तरह मां ब्रह्मचारिणी तप और संयम की प्रतीक हैं। पौराणिक कथा के अनुसार, मां पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तप किया था। इस तप के कारण उन्हें ब्रह्मचारिणी कहा गया। वे ज्ञान, तपस्या, वैराग्य और संयम की देवी मानी जाती हैं। महत्वमां ब्रह्मचारिणी की पूजा का विशेष महत्व है क्योंकि यह भक्तों को संयम, धैर्य, तप और आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करती है। उनकी आराधना से जीवन में आने वाली बाधाएं और कष्ट दूर होते हैं। यह पूजा विशेष रूप से विद्यार्थियों के लिए लाभकारी मानी जाती है, क्योंकि यह शिक्षा और ज्ञान प्राप्ति में सहायक होती है।मान्यता है कि मां ब्रह्मचारिणी की कृपा से भक्त अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए दृढ़ संकल्प और शक्ति प्राप्त करते हैं। इस साल चैत्र नवरात्रि के दौरान द्वितीया और तृतीया तिथि एक ही दिन है, जिस कारण नवरात्रि 9 नहीं बल्कि 8 दिनों की होगी।  इस साल  मुहूर्तचूंकि आज की तारीख 30 मार्च 2025 है, यह चैत्र नवरात्रि का पहला दिन है। इस आधार पर दूसरा दिन 31 मार्च 2025, सोमवार को होगा ।चन्द्र राशि - मेष सूर्योदय और सूर्यास्त का समय सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 18 मिनट पर सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 41 मिनट पर चन्द्रोदय - सुबह 07 बजकर 14 मिनट पर चन्द्रास्त - रात 09 बजकर 03 मिनट पर शुभ मुहूर्त रवि योग - दोपहर 01 बजकर 45 मिनट से 02 बजकर 08 मिनट तक ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 40 मिनट से 05 बजकर 26 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12 बजकर 00 मिनट से 12 बजकर 50 मिनट तक विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 19 मिनट तक गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 37 मिनट से 07 बजकर 00 मिनट तक निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 02 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक।   पूजा विधिमां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि शास्त्रों के अनुसार इस प्रकार है:तैयारीस्नान: ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पुरुष और महिलाएं पीले या सफेद वस्त्र पहन सकते हैं, क्योंकि मां को पीला रंग प्रिय है।पूजा स्थल की शुद्धि: पूजा स्थान को गंगाजल छिड़ककर शुद्ध करें। एक चौकी पर पीला कपड़ा बिछाएं और मां ब्रह्मचारिणी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। पूजा की प्रक्रियासंकल्प: हाथ में जल, फूल और अक्षत लेकर पूजा का संकल्प करें। मन में मां से प्रार्थना करें कि आपकी पूजा सफल हो। आह्वान: मां ब्रह्मचारिणी का ध्यान करें और उन्हें पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, शक्कर का मिश्रण) से स्नान कराएं। शृंगार: मां को पीले वस्त्र, फूल (विशेष रूप से पीले फूल जैसे गेंदा), और रोली-कुमकुम अर्पित करें।दीप प्रज्वलन: घी का दीपक जलाएं और धूप दिखाएं।  भोग: मां को शक्कर, मिश्री या चीनी से बना भोग लगाएं। मान्यता है कि यह भोग लगाने से लंबी आयु और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। आप पंचामृत भी अर्पित कर सकते हैं।  मंत्र जाप: निम्न मंत्रों का जाप करें बीज मंत्र: "ऊँ ऐं ह्रीं क्लीं ब्रह्मचारिण्यै नमः"पूजा मंत्र: "दधाना करपद्माभ्याम्, अक्षमालाकमण्डलू। देवी प्रसीदतु मयि, ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।।"कम से कम 108 बार मंत्र जाप करें। हवन: यदि संभव हो तो हवन करें। हवन में लौंग, बताशे और "ऊँ ब्रह्मचारिण्यै नमः" मंत्र के साथ आहुति दें। आरती: मां ब्रह्मचारिणी की आरती करें। उदाहरण:"जय अंबे ब्रह्मचारिणी माता, जय चतुरानन प्रिय सुख दाता। ब्रह्मा जी के मन भाती हो, ज्ञान सभी को सिखलाती हो।"समापनभोग को प्रसाद के रूप में परिवार में बांटें।मां से अपनी मनोकामना पूर्ण करने की प्रार्थना करें और क्षमा मांगें।पूजा के बाद थोड़ा समय ध्यान में बिताएं।अतिरिक्त सुझावइस दिन पीले रंग का प्रयोग करें, क्योंकि यह मां को प्रिय है और ज्ञान, उत्साह व बुद्धि का प्रतीक है।यदि व्रत रख रहे हैं, तो फलाहार या जलीय आहार लें।विद्यार्थी मां सरस्वती की भी उपासना कर सकते हैं, क्योंकि यह दिन ज्ञानार्जन के लिए शुभ है।मां ब्रह्मचारिणी की कृपा से आपका जीवन सुख, शांति और समृद्धि से भर जाए। 

Himachal: Weather will remain clear in the state till April 3, heat will increase
In News

हिमाचल: आगामी 3 अप्रैल तक प्रदेश में मौसम रहेगा साफ़, बढ़ेगी गर्मी

हिमाचल प्रदेश में आगामी 3 अप्रैल तक मौसम साफ और सुहावना रहेगा। मौसम विभाग के अनुसार, 3 अप्रैल से एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की संभावना है, जिससे चंबा, कुल्लू, कांगड़ा, लाहुल-स्पीति और किन्नौर जिलों में कहीं-कहीं हल्की बारिश हो सकती है। इसके बावजूद, आने वाले सप्ताह के बाकी दिनों में राज्य का मौसम मुख्य रूप से शुष्क रहेगा। इस समय के दौरान गर्मी का भी असर दिखने लगा है। अगले 4-5 दिनों में न्यूनतम तापमान में 2 से 5 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होगी, जबकि अधिकतम तापमान में भी 2 से 4 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी देखी जा सकती है। बीते 24 घंटे में सबसे कम तापमान केलांग में 2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, वहीं सबसे अधिक तापमान ऊना में 33.4 डिग्री सेल्सियस रहा। प्रदेश के विभिन्न शहरों में अधिकतम तापमान सामान्य से ज्यादा रहा, जिससे लोगों को गर्मी का सामना करना पड़ा चंबा में अधिकतम तापमान 27.4°C, केलांग में 3.1°C, धर्मशाला में 26°C, रंगरा में 29.7°C, मनाली में 23.8°C, सेओबाग में 19.9°C, भुंतर में 30.6°C, ऊना में 33.0°C, मंडी में 30.3°C, बरठीं में 39.6°C, सुंदरनगर में 30.6°C, कल्पा में 7.8°C, जुब्बरहट्टी में 27.0°C, कसौली में 22.2°C, शिमला में 24.4°C, सोलन में 30.0°C और नाहन में 29.3°C दर्ज किया गया। इन तापमानों के बढ़ने के कारण लोगों को गर्मी का अनुभव हो रहा है।  

Himachal: Before the new session, the government decided to downgrade senior secondary schools with less than 10 children
In Himachal

हिमाचल: नए सत्र से पहले सरकार ने 10 से कम बच्चों वाले सीनियर सेकेंडरी स्कूलों को डाउनग्रेड करने का लिया फैसला

 नए सत्र की शुरुआत से पहले ही राज्य सरकार ने शिक्षा प्रणाली को मजबूत और प्रभावशाली बनाने के लिए कई अहम निर्णय लिए हैं। सरकार ने 10 से कम छात्रों वाले सीनियर सेकेंडरी स्कूलों को डाउनग्रेड करने का निर्णय लिया गया है। इन स्कूलों में पढ़ रहे छात्रों को नजदीकी सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में स्थानांतरित किया जाएगा, जबकि इन स्कूलों में दसवीं तक की कक्षाएं जारी रहेंगी। इस कदम से शिक्षकों को अधिक जिम्मेदारी मिलेगी और छात्रों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में छात्रों के लिए यात्रा की कठिनाइयाँ भी पैदा हो सकती हैं। इसके अलावा, डिग्री कॉलेजों के मामले में भी बड़ा फैसला लिया गया है। जिन कॉलेजों में 75 से कम छात्र नामांकित हैं, उन्हें बंद किया जाएगा। पहले यह सीमा 100 थी, लेकिन अब इसे 75 कर दिया गया है, जिससे 10-12 कॉलेज प्रभावित होंगे। इससे कॉलेजों का युक्तिकरण होगा और अकादमिक गुणवत्ता में सुधार की संभावना बढ़ेगी, लेकिन छात्रों के लिए अन्य कॉलेजों में स्थानांतरण की चुनौती भी उत्पन्न होगी। सरकार ने छात्रों को अन्य कॉलेजों में शिफ्ट करने के लिए यात्रा भत्ता देने पर विचार करने का भी संकेत दिया है। इसके साथ ही, शहरी क्षेत्रों और जिला मुख्यालयों में स्थित लड़कियों और लड़कों के अलग-अलग सीनियर सेकेंडरी स्कूलों को को-एजुकेशन स्कूलों में बदला जाएगा। इससे न केवल छात्रों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि लैंगिक समानता को बढ़ावा मिलेगा और दोनों लिंगों के बीच सामाजिक संवाद भी मजबूत होगा। हालांकि, इससे स्कूलों के बुनियादी ढांचे और स्टाफ के पुनर्विन्यास की आवश्यकता भी होगी। इन सभी फैसलों के लिए शिक्षा विभाग को गाइडलाइंस तैयार करने का निर्देश दिया गया है, जिसके बाद ही आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा। इन बदलावों के तहत बंद होने वाले संस्थानों के स्टाफ का अन्य स्थानों पर पुनर्विन्यास किया जाएगा, ताकि उनके अनुभव और कौशल का बेहतर उपयोग हो सके।  

Featured Videos

Video

Latest

वो मुख्यमंत्री जिसने हिमाचल को किया क़र्ज़ मुक्त

In Politics
The Chief Minister who made Himachal debt-free

हिमाचल प्रदेश में जब भी कर्ज की बात होती है, तो शांता सरकार का जिक्र जरूर होता है। बेशक बतौर मुख्यमंत्री शांता कुमार अपनी दोनों पारियां पूरी न कर सके हों, लेकिन जब भी कुर्सी छोड़ी, प्रदेश की माली हालत पहले से बेहतर थी। क्या था शांता कुमार का इकॉनमी विज़न, आइए आपको बताते हैं। शांता कुमार बताते हैं कि आपातकाल के दौरान 19 महीने तक जेल में रहने के बाद, जब 1977 में वे पहली बार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री बने, तो प्रदेश पर लगभग 50 करोड़ का ओवरड्राफ्ट था। मगर जब शांता ने कुर्सी छोड़ी, तो प्रदेश कर्ज़ मुक्त हो चुका था। शांता कहते हैं कि प्रदेश को कर्ज़ मुक्त करने की शुरुआत उन्होंने खुद से की। फिजूलखर्ची कम की, अपने दफ्तर में टेबल पर रखे चार फोन में से दो कटवा दिए। प्रदेश भर के दफ्तरों में अधिकारियों के अनावश्यक टेलीफोन कटवाए। मुख्यमंत्री के साथ चलने वाला गाड़ियों का काफिला बंद करवा दिया। अफसरों को आदेश दिए गए कि मुख्यमंत्री की अगवानी करने के लिए दूसरे जिलों में डीसी और एसपी नहीं आएंगे। शनिवार और रविवार को अफसरों द्वारा सरकारी गाड़ियों का प्रयोग बंद करवाया गया। ये छोटे-छोटे खर्च कम करके, बतौर मुख्यमंत्री पहले ही साल उन्होंने 40 करोड़ बचाए। उस समय यह बड़ी राशि थी। यह पैसा बचाकर पीने के पानी पर लगाया गया। हर घर में नल पहुंचाए गए। शांता कुमार कहते हैं कि 1992 में जब वे सीएम पद से हटे, तब हिमाचल सरकार पर एक रुपये का भी कर्ज़ नहीं था। हिमाचल में साधन बढ़ाने के लिए पनबिजली योजना को निजी भागीदारी में लाया गया। सभी योजनाओं में सरकार को 12 प्रतिशत रॉयल्टी दिलाई गई। कभी विरोधी उनकी इस सोच पर हंसते थे, लेकिन अब हर साल इससे सरकार को हजारों करोड़ रुपये की आय होती है। सुक्खू सरकार को भी शांता यह नसीहत दे चुके हैं कि हवा में उड़ने से ज्यादा, अगर सड़कों पर चला जाए, तो प्रदेश पर कर्ज़ कम हो सकता है। शांता का कहना है कि अगर मुख्यमंत्री सरकार को अपना घर समझकर चलाएंगे, तो बचत होगी ही।

मोदी की स्वास्थ्य गारंटी : आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन से जुड़े 56.67 करोड़ लोग

In Health
guarantee: 56.67 crore people connected to Ayushman Bharat Digital Mission

पीएम मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने साल 2021 में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की शुरुआत की थी। मोदी के नेतृत्व में ही 2021-2022 से 2025-2026 तक 5 वर्षों के लिए 1,600 करोड़ रुपये की डिजिटल स्वास्थ्य इकोसिस्टम बनाने के लिए आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन शुरू किया गया था। इसकी वजह से पीएम मोदी के गारंटी का भी असर देखने को साफ मिला और इस योजना के तहत 29 फरवरी, 2024 तक 56.67 करोड़ लोगों के आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाते बनाए जा चुके हैं। इसके अलावा आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन ने लैंगिक समानता हासिल करने की दिशा में भी प्रगति की है। 29 फरवरी, 2024 तक, 27.73 करोड़ महिलाएं और 29.11 करोड़ पुरुषों को आभा कार्ड से लाभ हुआ है। वहीं 34.89 करोड़ से अधिक स्वास्थ्य दस्तावेजों को इससे जोड़ा गया है। क्या है आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन  आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन का उद्देश्य देश में यूनिफाइड डिजिटल स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे की मदद करने के लिए जरूरी आधार तैयार करना है। इससे सीमित इंटरनेट कनेक्टिविटी वाले क्षेत्रों में आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता खोलने के लिए ऑफलाइन मोड को मदद पहुंचती है। इसके अलावा भारत सरकार ने स्वास्थ्य सुविधा के लिए आभा ऐप और आरोग्य सेतु जैसे विभिन्न एप्लिकेशन भी लॉन्च किए गए हैं, जो आम लोगों को मदद पहुंचाती है। आभा ऐप एक प्रकार का डिजिटल स्टोरेज है, जो किसी भी व्यक्ति के मेडिकल दस्तावेजों का रखने का काम आता है। इस ऐप के जरिए मरीज रजिस्टर्ड स्वास्थ्य पेशेवरों से संपर्क भी कर सकते हैं।    भारत में बीजेपी की मोदी सरकार ने बीते 10 सालों के अपनी सरकार में कई सारे मील के पत्थर हासिल किया है। इन 10 सालों में पीएम मोदी के विजन ने भारत को अगले 23 साल बाद यानी साल 2047 तक विकसित भारत बनाने के ओर मजबूती से कदम भी बढ़ा लिया है। पीएम मोदी के नेतृत्व में बीजेपी सरकार ने देश के हित में जो भी फैसले लिए है, उनमें से हेल्थ सेक्टर को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का प्रयास किया गया है।        

शिक्षा में सुधार के लिए प्रदेश सरकार ने यूनेस्को के साथ साइन किया एमओयू

In Education
The-state- government- signed -MoU -with -UNESCO- to -improve- education

राज्य में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए प्रदेश सरकार ने संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। मुख्यमंत्री की उपस्थिति में राज्य सरकार की ओर से शिक्षा सचिव राकेश कंवर और संगठन की ओर से यूनेस्को निदेशक एवं प्रतिनिधि टिम कर्टिस तथा चीफ ऑफ एजुकेशन प्रोग्राम स्पेशलिस्ट जॉयस पोआन ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।   इसके तहत यूनेस्को हिमाचल को शिक्षा क्षेत्र के आधुनिकीकरण में सहायता प्रदान करेगा जिसके अन्तर्गत प्रदेश में शिक्षा पद्धतियों के सुदृढ़ीकरण, पाठ्यक्रम, शिक्षकों के प्रशिक्षण, मूल्यांकन प्रणाली तथा विद्यार्थियों को 21वीं सदी के कौशल में निपुण करने सहित उनमें रचनात्मकता, सहयोग और संचार जैसी क्षमताएं विकसित की जाएंगी। शिक्षा को समावेशी, सतत् और भविष्योन्मुखी बनाया जाएगा। समझौता ज्ञापन के तहत ग्रीन एजुकेशन पहल पर विशेष बल देते हुए पर्यावरण के बारे में जागरूकता और सतत् विकास को एकीकृत कर विद्यालयों के पाठ्यक्रमों में शामिल किया जाएगा ताकि विद्यार्थियों को पर्यावरण संबंधी चुनौतियों से निपटने का कौशल मिले। इसके अतिरिक्त खेलों का समावेश कर विद्यार्थियों को नैतिक मूल्य आधारित शिक्षा प्रदान कर उनका समग्र विकास सुनिश्चित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने प्रदेश सरकार की शिक्षा क्षेत्र में किए जा रहे सुधारों के प्रति प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार डिजिटल लर्निंग का विस्तार करते हुए सरकारी स्कूलों को स्मार्ट स्कूलों में बदल रही है और प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जा रही है। प्रदेश सरकार ने पिछले दो वर्षोंे के दौरान शिक्षा के क्षेत्र में अनेक सुधारात्मक कदम उठाए हैं जिनके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। शिक्षा क्षेत्र में सुधार के लिए प्रदेश सरकार द्वारा यूनेस्को के साथ किए गए समझौता ज्ञापन को इंगित करते हुए शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि सरकार भविष्य आधारित कौशल और वैश्विक स्तर की शिक्षा सुनिश्चित करने के प्रति प्रमुखता से कार्य कर रही है।

धर्मशाला को मिली 3 IPL मैचों की मेजबानी

In Sports
DHRAMSHALA-TO-HOST-THREE-IPL-MATCHES-IN-2025

 बीसीसीआई द्वारा इंडियन प्रीमियर लीग के 18वें सीजन आईपीएल-2025 के शैड्यूल का ऐलान कर दिया गया है।  एचपीसीए स्टेडियम धर्मशाला को 3 आईपीएल मैचों की मेजबानी करने का मौका मिला है।  धर्मशाला स्टेडियम में 4 मई को  पंजाब किंग्स की टीम लखनऊ सुपर जायंट्स के साथ अपना लीग मैच खेलेगी, जबकि 8 मई को पंजाब का मुकाबला दिल्ली कैपिटल्स के साथ होगा। ये दोनों ही मुकाबले शाम साढ़े 7 बजे शुरू होंगे। वहीं 11 मई को दोपहर साढ़े 3 बजे पंजाब की टीम मुंबई इंडियंस के खिलाफ स्टेडियम में उतरेगी। आईपीएल  चेयरमैन अरुण धूमल ने बीते दिनों बिलासपुर में आयोजित सांसद खेल महाकुंभ के शुभारंभ पर ही धर्मशाला स्टेडियम को आईपीएल के 3 मैचों की मेजबानी के संकेत दे दिए थे। अब इस पर आधिकारिक मुहर लग चुकी है। आईपीएल 2024 में धर्मशाला को मिले थे दो मैच वर्ष 2024 में धर्मशाला में पंजाब किंग्स की टीम के दो मैच चेन्नई सुपर किंग्स और रायल चैलेंजर बेंगलुरु से हुए थे। पहला मुकाबला पांच मई को भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की चेन्नई सुपर किंग्स के साथ हुआ था। नौ मई को पंजाब का मुकाबला आरसीबी के साथ खेला गया था।

स्टीव जॉब्स से विराट कोहली तक, नीम करोली बाबा के आश्रम में सब नतमस्तक

In First Blessing
NEEM-KARORI-BABA

  नीम करोली बाबा के आश्रम में स्टीव जॉब्स और मार्क जुकरबर्ग को मिली आध्यात्मिक शान्ति भारत में कई ऐसे पावन तीर्थ हैं, जहां पर श्रद्धा एवं भक्ति के साथ जाने मात्र से व्यक्ति के समस्त मनोरथ पूरे हो जाते हैं। ऐसा ही एक पावन तीर्थ देवभूमि उत्तराखंड की वादियों में है, जिसे लोग 'कैंची धाम' के नाम से जानते हैं। कैंची धाम के नीब करौरी बाबा (नीम करौली) की ख्याति विश्वभर में है। नैनीताल से लगभग 65 किलोमीटर दूर कैंची धाम को लेकर मान्यता है कि यहां आने वाला व्यक्ति कभी भी खाली हाथ वापस नहीं लौटता। यहां पर हर मन्नत पूर्णतया फलदायी होती है। यही कारण है कि देश-विदेश से हज़ारों लोग यहां हनुमान जी का आशीर्वाद लेने आते हैं। बाबा के भक्तों में एक आम आदमी से लेकर अरबपति-खरबपति तक शामिल हैं। बाबा के इस पावन धाम में होने वाले नित-नये चमत्कारों को सुनकर दुनिया के कोने-कोने से लोग यहां पर खिंचे चले आते हैं। बाबा के भक्त और जाने-माने लेखक रिचर्ड अल्बर्ट ने मिरेकल आफ लव नाम से बाबा पर पुस्तक लिखी है। इस पुस्तक में बाबा नीब करौरी के चमत्कारों का विस्तार से वर्णन है। इनके अलावा हॉलीवुड अभिनेत्री जूलिया राबर्ट्स, एप्पल के फाउंडर स्टीव जाब्स और फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग जैसी बड़ी विदेशी हस्तियां बाबा के भक्त हैं।  कुछ माह पूर्व स्टार क्रिकेटर विराट कोहली और उनकी पत्नी और अभिनेत्री अनुष्का शर्मा के यहां पहुंचते ही इस धाम को देखने और बाबा के दर्शन करने वालों की होड़ सी लग गई। 1964 में बाबा ने की थी आश्रम की स्थापना  नीम करोली बाबा या नीब करोली बाबा की गणना बीसवीं शताब्दी के सबसे महान संतों में की जाती है। इनका जन्म स्थान ग्राम अकबरपुर जिला फ़िरोज़ाबाद उत्तर प्रदेश में हुआ था। कैंची, नैनीताल, भुवाली से 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। बाबा नीब करौरी ने इस आश्रम की स्थापना 1964 में की थी। बाबा नीम करौरी 1961 में पहली बार यहां आए और उन्होंने अपने पुराने मित्र पूर्णानंद जी के साथ मिल कर यहां आश्रम बनाने का विचार किया। इस धाम को कैंची मंदिर, नीम करौली धाम और नीम करौली आश्रम के नाम से जाना जाता है। उत्तराखंड में हिमालय की तलहटी में बसा एक छोटा सा आश्रम है नीम करोली बाबा आश्रम। मंदिर के आंगन और चारों ओर से साफ सुथरे कमरों में रसीली हरियाली के साथ, आश्रम एक शांत और एकांत विश्राम के लिए एकदम सही जगह प्रस्तुत करता है। यहाँ कोई टेलीफोन लाइनें नहीं हैं, इसलिए किसी को बाहरी दुनिया से परेशान नहीं किया जा सकता है। श्री हनुमान जी के अवतार माने जाने वाले नीम करोरी बाबा के इस पावन धाम पर पूरे साल श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है, लेकिन हर साल 15 जून को यहां पर एक विशाल मेले व भंडारे का आयोजन होता है। यहां इस दिन इस पावन धाम में स्थापना दिवस मनाया जाता है। कई चमत्कारों के किस्से सुन खींचे आते है भक्त  मान्यता है कि बाबा नीम करौरी को हनुमान जी की उपासना से अनेक चामत्कारिक सिद्धियां प्राप्त थीं। लोग उन्हें हनुमान जी का अवतार भी मानते हैं। हालांकि वह आडंबरों से दूर रहते थे। न तो उनके माथे पर तिलक होता था और न ही गले में कंठी माला। एक आम आदमी की तरह जीवन जीने वाले बाबा अपना पैर किसी को नहीं छूने देते थे। यदि कोई छूने की कोशिश करता तो वह उसे श्री हनुमान जी के पैर छूने को कहते थे। बाबा नीब करौरी के इस पावन धाम को लेकर तमाम तरह के चमत्कार जुड़े हैं। जनश्रुतियों के अनुसार, एक बार भंडारे के दौरान कैंची धाम में घी की कमी पड़ गई थी। बाबा जी के आदेश पर नीचे बहती नदी से कनस्तर में जल भरकर लाया गया। उसे प्रसाद बनाने हेतु जब उपयोग में लाया गया तो वह जल घी में बदल गया। ऐसे ही एक बार बाबा नीब करौरी महाराज ने अपने भक्त को गर्मी की तपती धूप में बचाने के लिए उसे बादल की छतरी बनाकर, उसे उसकी मंजिल तक पहुंचवाया। ऐसे न जाने कितने किस्से बाबा और उनके पावन धाम से जुड़े हुए हैं, जिन्हें सुनकर लोग यहां पर खिंचे चले आते हैं। बाबा के दुनियाभर में 108 आश्रम  बाबा नीब करौरी को कैंची धाम बहुत प्रिय था। अक्सर गर्मियों में वे यहीं आकर रहते थे। बाबा के भक्तों ने इस स्थान पर हनुमान का भव्य मन्दिर बनवाया। उस मन्दिर में हनुमान की मूर्ति के साथ-साथ अन्य देवताओं की मूर्तियाँ भी हैं। यहां बाबा नीब करौरी की भी एक भव्य मूर्ति स्थापित की गयी है। बाबा नीब करौरी महाराज के देश-दुनिया में 108 आश्रम हैं। इन आश्रमों में सबसे बड़ा कैंची धाम तथा अमेरिका के न्यू मैक्सिको सिटी स्थित टाउस आश्रम है। स्टीव जॉब्स को आश्रम से मिला एप्पल के लोगो का आईडिया ! भारत की धरती सदा से ही अध्यात्म के खोजियों को अपनी ओर खींचती रही है। दुनिया की कई बड़ी हस्तियों में भारत भूमि पर ही अपना सच्चा आध्यात्मिक गुरु पाया है। एप्पल कंपनी के संस्थापक स्टीव जॉब्स 1974 से 1976 के बीच भारत भ्रमण पर निकले। वह पर्यटन के मकसद से भारत नहीं आए थे, बल्कि आध्यात्मिक खोज में यहां आए थे। उन्हें एक सच्चे गुरु की तलाश थी।स्टीव पहले हरिद्वार पहुंचे और इसके बाद वह कैंची धाम तक पहुंच गए। यहां पहुंचकर उन्हें पता लगा कि बाबा समाधि ले चुके हैं। कहते है कि स्टीव को एप्पल के लोगो का आइडिया बाबा के आश्रम से ही मिला था। नीम करौली बाबा को कथित तौर पर सेब बहुत पसंद थे और यही वजह थी कि स्टीव ने अपनी कंपनी के लोगों के लिए कटे हुए एप्पल को चुना। हालांकि इस कहानी की सत्यता के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है। जुकरबर्ग को मिली आध्यात्मिक शांति, शीर्ष पर पहुंचा फेसबुक  बाबा से जुड़ा एक किस्सा फेसबुक के मालिक मार्क जुकरबर्ग ने 27 सितंबर 2015 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बताया था, तब पीएम मोदी फेसबुक के मुख्यालय में गए थे। इस दौरान जुकरबर्ग ने पीएम को भारत भ्रमण की बात बताई। उन्होंने कहा कि जब वे इस संशय में थे कि फेसबुक को बेचा जाए या नहीं, तब एप्पल के फाउंडर स्टीव जॉब्स ने इन्हें भारत में नीम करोली बाबा के स्थान पर  जाने की सलाह दी थी। जुकरबर्ग ने बताया था कि वे एक महीना भारत में रहे। इस दौरान वह नीम करोली बाबा के मंदिर में भी गए थे। जुकरबर्ग आए तो यहां एक दिन के लिए थे, लेकिन मौसम खराब हो जाने के कारण वह यहां दो दिन रुके थे। जुकरबर्ग मानते हैं कि भारत में मिली अध्यात्मिक शांति के बाद उन्हें फेसबुक को नए मुकाम पर ले जाने की ऊर्जा मिली। बाबा की तस्वीर को देख जूलिया ने अपनाया हिन्दू धर्म  हॉलिवुड की मशहूर अदाकारा जूलिया रॉबर्ट्स ने 2009 में हिंदू धर्म अपना लिया था। वह फिल्म ‘ईट, प्रे, लव’ की शूटिंग के लिए भारत आईं थीं। जूलिया रॉबर्ट्स ने एक इंटरव्यू में यह खुलासा किया था कि वह नीम करौली बाबा की तस्वीर से इतना प्रभावित हुई थीं कि उन्होंने हिन्दू धर्म अपनाने का फैसला कर डाला। जूलिया इन दिनों हिन्दू धर्म का पालन कर रही हैं।    

मूवी RRR के नाटू-नाटू सॉन्ग ने जीता ऑस्कर अवॉर्ड

In Entertainment
Movie-RRR-Natu-Natu-Song-won-Oscar-Award

एसएस राजामौली की चर्चित मूवी ररर के नाटू-नाटू गाने को ऑस्कर अवॉर्ड मिला है। भारत के लिए ये ऐतिहासिक पल है। फिल्ममेकर नाटू नाटू ने ओरिजनल सॉन्ग कैटेगिरी में अवॉर्ड जीता है। एमएम कीरावणी अवॉर्ड लेते हुए बेहद एक्साइटेड नजर आए। उनकी स्पीच भी चर्चा में बनी हुई है। इस जीत के बाद पूरे देश में खुशी का माहौल है। मेकर्स ने RRR मूवी के ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर जीत की खुशी जताई है। उन्होंने लिखा- 'हम धन्य हैं कि आरआरआर सॉन्ग नाटू-नाटू के साथ बेस्ट सॉन्ग कैटेगरी में भारत का पहला ऑस्कर लाने वाली पहली फीचर फिल्म है। कोई भी शब्द इस अलौकिक पल को बयां नहीं कर सकते। धन्यवाद। जय हिंद। 'वहीं 'नाटू नाटू' के ऑस्कर जीतने पर फिल्म के लीड एक्टर जूनियर एनटीआर ने भी रिएक्ट किया है। उन्होंने कहा- 'मेरे पास अपनी खुशी व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं हैं। ये सिर्फ आरआरआर की जीत नहीं है बल्कि एक देश के तौर पर भारत की जीत है। ये तो अभी शुरुआत है कि भारतीय सिनेमा कितनी दूर जा सकता है। एमएम कीरावनी और चंद्रबोस को बधाई।'

हिमाचल: अब हिमाचल आना हो गया है महंगा, बढ़ा टोल टैक्स

In News
Himachal: Now coming to Himachal has become expensive, toll tax increased

अब बाहरी राज्यों से आने वाले लोगो के लिए हिमाचल आना महंगा हो गया है। नए वित्तीय वर्ष के आगाज़ के साथ ही प्रदेश में बाहर से आने वाले वाहनों के लिए भी नए नियम लागु हो गये है जिससे प्रवेश शुल्क महंगा हो गया है। अब निजी वाहनों के लिए शुल्क 10 रुपये और अन्य प्रकार के वाहनों के लिए 20 रुपये तक बढ़ा दिया गया है। खास बात यह है कि छह से 12 सीटर यात्री वाहनों को अब 110 रुपये और 12 से अधिक सीटों वाले वाहनों को 180 रुपये का शुल्क देना होगा। भारी मालवाहक वाहनों के लिए भी नई दरें लागू हो गई हैं, जिसमें 250 क्विंटल या उससे अधिक भार वाले वाहनों के लिए प्रवेश शुल्क अब 720 रुपये तक बढ़ा दिया गया है। हाईवे पर टोल शुल्क में भी इज़ाफा हुआ है। कालका-शिमला एनएच पर सनवारा टोल पर अब एकतरफा यात्रा के लिए कार, जीप, वैन और एलएमवी को 75 रुपये और रिटर्न के लिए 110 रुपये का भुगतान करना होगा। वहीं, बस और ट्रक (टू एक्सल) के लिए एक तरफा टोल 250 रुपये और रिटर्न के लिए 370 रुपये है। बिलासपुर के बलोह में भी टोल शुल्क में 5 से 15 रुपये की वृद्धि देखी गई है। शिमला में रहने वालों के लिए भी यह वित्तीय वर्ष महंगा साबित हो सकता है। राजधानी में प्रॉपर्टी टैक्स और कूड़ा शुल्क में इजाफा किया गया है। प्रॉपर्टी टैक्स में 6-7 प्रतिशत तक वृद्धि हुई है, जबकि कूड़ा शुल्क अब 129 रुपये से बढ़कर 142 रुपये हो गया है। साथ ही, नगर निगम शिमला से जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त करने की फीस भी 5 रुपये से बढ़कर 50 रुपये हो गई है। बताया जा रहा है कि हिमाचल प्रदेश में पानी  के बिल में भी जल्द ही 10 प्रतिशत तक वृद्धि देखी जा सकती है। इससे शहर के 36 हजार पेयजल उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।   

बाप के बाद बेटा भी बना सीएम ...तो लगातार सात सीएम देने का रिकॉर्ड होगा नई दिल्ली के नाम

In National News
After the father, the son also became the CM.. then New Delhi will have the record of giving seven consecutive CMs.

दिल्ली में बीजेपी की शानदार जीत के बाद सीएम फेस के लिए जद्दोजहद जारी है।कई दावेदार लॉबिंग में जुटे है पर सबसे ज्यादा चर्चा है प्रवेश वर्मा के नाम की, जिन्हें GIANT किलर भी कहा जा रहा है। प्रवेश वर्मा ने नई दिल्ली सीट से अरविन्द केजरीवाल को हराया है।अगर प्रवेश वर्मा दिल्ली के सीएम बनते है तो दिलचस्प रिकॉर्ड भी बनेंगे।           पहला, वो बीजेपी के ऐसे पहले नेता होंगे जिनके पिता भी सीएम रहे है । साहिब सिंह वर्मा फरवरी 1996 से लेकर  अक्टूबर 1998 तक दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे है। दूसरा, लगातार सातवीं बार दिल्ली का सीएम नई दिल्ली सीट से होगा। 1998, 2003 और 2008 में शीला दीक्षित इस सीट से विधायक  बनकर सीएम पद संभाल चुकी है। हालाँकि परिसीमन से पहले इस सीट को गोयल मार्किट के नाम से जाना जाता था। फिर 2013 में अरविन्द केजरीवाल ने शीला दीक्षित को हराया और दिल्ली से सीएम बने। 2015 और 2020 में भी केजरीवाल ही चुनाव जीते और सीएम बने। अब प्रवेश वर्मा ने अरविन्द केजरीवाल को हराया है और यदि वे सीएम बनाते है तो नई दिल्ली के नाम लगातार सात सीएम देने का अनूठा रिकॉर्ड भी बन जायेगा।

टेलर स्विफ्ट का Swift-Effect....... वो मॉडर्न पॉप सेंसेशन जो किसी भी देश की अर्थव्यवस्था में फूंक देती हैं जान

In International News
taylor swift swiftnomics

टेलर स्विफ्ट कई देशों को मंदी के दौर से उबार रही हैं... यह सुनने में काफी अजीब लग रहा है... मगर बिल्कुल सच है। दरअसल, टेलर स्विफ्ट की लोकप्रियता का आलम यह है कि वह जिस भी शहर या देश में परफॉर्म करती हैं, वहां की जीडीपी को एकदम से बूस्ट कर देती हैं। यह कहानी शुरू हुई दक्षिण-पूर्व एशिया के छोटे से देश सिंगापुर से, जिसे 2023 में मंदी का खतरा नजर आने लगा था। यह वह समय था जब टेलर स्विफ्ट अपने वर्ल्ड टूर की योजना बना रही थीं। जब सिंगापुर की सरकार को पता चला कि टेलर स्विफ्ट कॉन्सर्ट के लिए एशिया के किसी ऐसे देश की तलाश कर रही हैं, तो सिंगापुर के प्रधानमंत्री ने टेलर स्विफ्ट के साथ छह शो को लेकर एक एग्रीमेंट साइन किया। इस एग्रीमेंट के तहत सिंगापुर में एक शो के बदले स्विफ्ट को लाखों डॉलर दिए गए, लेकिन साथ ही शर्त रखी गई कि वह अपने Eras Tour को सिंगापुर के अलावा किसी अन्य दक्षिण-पूर्व एशियाई देश में लेकर नहीं जाएंगी। स्विफ्ट मान गईं। सिंगापुर में टेलर स्विफ्ट के छह शो ने कमाल कर दिया और हिचकोले खा रही सिंगापुर की अर्थव्यवस्था को इससे 375 मिलियन डॉलर (37.5 करोड़ डॉलर) का सीधा फायदा हुआ। कैसे? वह भी समझते हैं। कई सालों से मंदी की आशंका से घिरे देश में लोग कंजूस बन बैठे थे। बाजार वीरान पड़े थे, लोग खरीदारी करने से परहेज कर रहे थे। लेकिन जैसे ही टेलर स्विफ्ट के कॉन्सर्ट की खबर सार्वजनिक हुई, लोग टिकट खरीदने के लिए उमड़ पड़े। आसपास के देशों से पर्यटक सिंगापुर पहुंचने लगे। होटलों की बुकिंग में तेजी से इजाफा हुआ। तीन लाख से ज्यादा लोग इस कॉन्सर्ट में शामिल हुए थे। अकेले मार्च 2024 में सिंगापुर में 14 लाख से ज्यादा पर्यटक पहुंचे थे। फूड और ड्रिंक्स पर खर्च 30% बढ़ गया। होटलों के किराए में 10% तक की वृद्धि हुई थी। टेलर स्विफ्ट का The Eras Tour अब तक पांच महाद्वीपों की यात्रा कर चुका है और टेलर अलग-अलग देशों में 149 शो कर चुकी हैं। स्विफ्ट की इसी लोकप्रियता को दुनियाभर में Swift-Effect और Swiftonomics का नाम दिया गया है। इसे कॉन्सर्ट इकोनॉमी भी कहा जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हाल ही में 'कॉन्सर्ट इकोनॉमी' का जिक्र किया था। उन्होंने यह जिक्र भारत में कोल्डप्ले बैंड के कॉन्सर्ट की शानदार सफलता के बाद किया था और कॉन्सर्ट इकोनॉमी में जबरदस्त संभावनाओं पर जोर दिया था। यह कॉन्सर्ट इकोनॉमी भारत की जीडीपी के लिए भी बूस्टर का काम कर सकती है। उदाहरण के तौर पर, भारतीय कलाकार दिलजीत दोसांझ के कॉन्सर्ट्स से भी इकोनॉमी को बढ़ावा मिला है। इसी तरह, यह छोटे राज्यों के लिए भी फायदेमंद साबित हो सकता है। अगर हिमाचल प्रदेश जैसे राज्य में भी इस तरह के कॉन्सर्ट्स आयोजित किए जाएं, तो यहां भी पर्यटन और अर्थव्यवस्था दोनों का विकास होगा।

शायरी के बादशाह कहलाते है वसीम बरेलवी, पढ़े उनके कुछ चुनिंदा शेर

In Kavya Rath
best-sher-of-wasim-barelvi

  वसीम बरेलवी उर्दू के बेहद लोकप्रिय शायर हैं। उनकी ग़ज़लें बेहद मक़बूल हैं जिन्हें जगजीत सिंह से लेकर कई अजीज़ गायकों ने अपनी आवाज़ दी है। वसीम बरेलवी अपनी शायरी और गजल के जरिए लाखों दिलों पर राज करते हैं। कोई भी मुशायरा उनके बगैर पूरा नहीं माना जाता।     18 फरवरी 1940 को वसीम बरेलवी का जन्म बरेली में हुआ था।  पिता जनाब शाहिद हसन  के रईस अमरोहवी और जिगर मुरादाबादी से बहुत अच्छे संबंध थे। दोनों का आना-जाना अक्सर उनके घर पर होता रहता था। इसी के चलते वसीम बरेलवी का झुकाव बचपन से शेर-ओ-शायरी की ओर हो गया। वसीम बरेलवी ने अपनी पढ़ाई बरेली के ही बरेली कॉलेज से की। उन्होंने एमए उर्दू में गोल्ड मेडल हासिल किया। बाद में इसी कॉलेज में वो उर्दू विभाग के अध्यक्ष भी बने।  60 के दशक में वसीम बरेलवी मुशायरों में जाने लगे। आहिस्ता आहिस्ता ये शौक उनका जुनून बन गया। पेश हैं उनके कुछ चुनिंदा शेर   अपने चेहरे से जो ज़ाहिर है छुपाएँ कैसे तेरी मर्ज़ी के मुताबिक़ नज़र आएँ कैसे   जहाँ रहेगा वहीं रौशनी लुटाएगा किसी चराग़ का अपना मकाँ नहीं होता     आसमाँ इतनी बुलंदी पे जो इतराता है भूल जाता है ज़मीं से ही नज़र आता है   ऐसे रिश्ते का भरम रखना कोई खेल नहीं तेरा होना भी नहीं और तेरा कहलाना भी   ग़म और होता सुन के गर आते न वो 'वसीम' अच्छा है मेरे हाल की उन को ख़बर नहीं   जहाँ रहेगा वहीं रौशनी लुटाएगा किसी चराग़ का अपना मकाँ नहीं होता     जो मुझ में तुझ में चला आ रहा है बरसों से कहीं हयात इसी फ़ासले का नाम न हो     कुछ है कि जो घर दे नहीं पाता है किसी को वर्ना कोई ऐसे तो सफ़र में नहीं रहता                         उसी को जीने का हक़ है जो इस ज़माने में इधर का लगता रहे और उधर का हो जाए       दुख अपना अगर हम को बताना नहीं आता तुम को भी तो अंदाज़ा लगाना नहीं आता     वो मेरे सामने ही गया और मैं रास्ते की तरह देखता रह गया   अपने अंदाज़ का अकेला था इसलिए मैं बड़ा अकेला था  

पोस्ट कोड 928 के अंतर्गत स्टेनो टाइपिस्ट भर्ती का परिणाम घोषित

In Job
 Result -of -Steno -Typist- Recruitment -declared -under- post -code -928

हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग (एचपीआरसीए) ने पोस्ट कोड 928 के तहत स्टेनो टाइपिस्ट के 66 पदों की भर्ती के लिए अन्तिम परीक्षा परिणाम आज घोषित कर दिया है। प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों, बोर्डां और निगमों ने इन पदों को भरने के लिए सिफारिश की थी जिसके लिए 1 दिसंबर, 2021 को विज्ञापन जारी किया गया था। इनमें सामान्य श्रेणी (अनारक्षित) के 16 पद, सामान्य श्रेणी (आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग) के सात पद, सामान्य श्रेणी (स्वतंत्रता सेनानियों के आश्रित) का एक पद, सामान्य श्रेणी (पूर्व सैनिकों के आश्रित) के आठ पद, अन्य पिछड़ा वर्ग (अनारक्षित) के 11 पद, अन्य पिछड़ा वर्ग (बीपीएल) के पद, अन्य पिछड़ा वर्ग (पूर्व सैनिकों के आश्रित) के दो पद, अनुसूचित जाति (अनारक्षित) के 11 पद, अनुसूचित जाति (पूर्व सैनिकों के आश्रित) के तीन पद, अनुसूचित जनजाति (बीपीएल) का एक पद और अनुसूचित जनजाति (पूर्व सैनिकों के आश्रित) का एक पद शामिल हैं। पोस्ट कोड 928 के तहत स्टेनो टाइपिस्ट के 66 पदों में से 15 पद सक्षम उम्मीदवार न मिलने के कारण रिक्त रखे गए हैं। लिए विज्ञप्ति परीक्षा परिणाम हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग की अधिकारिक वेबसाइट www.hprca.hp.gov.in  पर भी उपलब्ध है।

शिमला:जवाहर बाल मंच के स्टेट चीफ कॉडिनेटर बने महेश सिंह ठाकुर

In Banka Himachal
शिमला:जवाहर बाल मंच के स्टेट चीफ कॉडिनेटर बने महेश सिंह ठाकुर

हिमाचल प्रदेश यूथ कांग्रेस के महासचिव एवं सिस्को संस्था के अध्यक्ष महेश सिंह ठाकुर को जवाहर बाल मंच का राज्य मुख्य संयोजक नियुक्त किया गया है। चीफ स्टेट कॉडिनेटर बनाए जाने पर महेश सिंह ठाकुर ने कांग्रेस अध्यक्ष  मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी,प्रदेश के सीएम सुखविन्दर सिंह सूक्खु , राष्ट्रीय प्रभारी केसी वेणुगोपाल,जवाहर बाल मंच के राष्टीय अध्यक्ष जी.वी. हरि. सहित अन्य नेताओं के प्रति आभार जताया है।  महेश ठाकुर ने कहा कि जवाहर बाल मंच का मुख्य उद्देश्य 7 वर्षों से लेकर 17 वर्ष के आयु के लड़के लड़कियां तक भारत के पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के विचार को पहुंचना।  उन्होंने कहा कि जिस तरीके से मौजूदा सरकार के द्वारा देश के इतिहास के साथ छेड़छाड़ हो रहा है देश के युवाओं को भटकाया जा रहा है जो की देश के लिए एक बहुत बड़ा चिन्ता का विषय है कांग्रेस पार्टी ने इस विषय को गंभीरता से लिया और राहुल गांधी के निर्देश पर डॉ जीवी हरी के अध्यक्षता में देशभर में जवाहर बाल मंच के द्वारा युवाओं के बीच में नेहरू जी के विचारों को पहुंचाया जाएगा। उन्होंने कहा वर्ष 2024 के चुनाव में कांग्रेस भारी बहुमत हासिल कर केंद्र से भाजपा को हटाने का काम करेगी। इसमें हिमाचल प्रदेश राज्य की भी प्रमुख भुमिका रहेगी।  उन्होंने कहा कि पूरे देश में महंगाई के कारण आमलोगों का जीना मुश्किल हो गया है। गरीब व मध्यम वर्गीय परिवार पर इस महंगाई का व्यापक असर पड़ रहा है। ऐसे में केंद्र सरकार के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही है।  

पिता सरकार में मंत्री, पुत्र खफा -खफा ...अब आगे क्या ?

In Siyasatnama
neeraj-bharti-unhappy-with-his-own-party-government

मंत्रिमंडल फेरबदल की चर्चा के बीच चौधरी चंद्र कुमार भी दिखा चुके है पार्टी को आईना ! नीरज भारती की लम्बे वक्त बाद टूटी चुप्पी, अपनी ही सरकार से खफा ! काफी वक्त चुप्पी  साधने के बाद बीते दिनों पूर्व सीपीएस नीरज भारती फिर बोले है और अपनी ही सरकार के खिलाफ बोले है। उसी सरकार के खिलाफ जिसमें उनके पिता चौधरी खुद मंत्री है। हालाँकि माहिर मान रहे है कि असल खबर ये नहीं है कि नीरज फिर बोले, या कितना और क्या-क्या बोले है । खबर दरअसल ये है कि उनसे पहले चौधरी चंद्र कुमार खुद बोले और अब उनके बेटे नीरज बोल रहे है। अब जब पिता-पुत्र दोनों कांग्रेस के हालातों पर टिपण्णी कर रहे है, तो ज़ाहिर है की इसके सियासी मायने भी गहरे हैं।   देखा जाए तो मंत्री चौधरी चंद्र कुमार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता है, उन्होंने पूरी जिंदगी कांग्रेस में खपाई है और बीते दिनों पार्टी की स्थिति को लेकर छलका उनका दर्द भी समझा जा सकता है। वहीँ उनके पुत्र भी अपनी ही पार्टी की सरकार से खफा है। एक मलाल ये है कि अपनी ही सरकार में कार्यकर्ताओं के काम नहीं हो रहे और दूसरा ये की मंत्री की बिना कंसेंट के उनके ही क्षेत्र में तबादले हो रहे है। वैसे इन दोनों ने जो भी कहा है वो निसंदेह कांग्रेस की वास्विकता है, पर वास्विकता तो ये भी है कि आईना दिखाने वाले कांग्रेस को रास कम ही आते है।     बहरहाल मंत्रिमंडल फेरबदल की चर्चा के बीच पिता -पुत्र की ये नसीहत और नाराजगी क्या रंग लाएगी, ये देखना रोचक होगा। खासतौर से सरकार के दो मंत्री अस्सी पार है जिनमें से एक चंद्र कुमार भी है। हालांकि चौधरी चंद्र कुमार कांग्रेस का सबसे बड़ा ओबीसी चेहरा है, पर ये नए दौर की सियासत है, न जाने कब, क्या हो जाए।

Sign up for the latest of First Verdict

Get the latest news, articles, exclusive insights and much more right in your inbox!