•   Tuesday Oct 07
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हिमाचल: ड्रिंक एंड ड्राइव मामले में कटेगा भारी चालान, इस त्योहारी सीजन चलेगा मेगा अभियान

प्रदेश में इस त्योहारी सीजन शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों का न सिर्फ भारी चालान होगा, बल्कि ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी की जाएगी। ड्रिंक एंड ड्राइव के खिलाफ प्रदेश पुलिस विशेष अभियान शुरू करने जा रही है। प्रदेश पुलिस मुख्यालय (पीएचक्यू) की ओर से सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को इसे लेकर विशेष निर्देश जारी किए गए  हैं। अभियान के तहत शाम 6 बजे से सुबह 6 बजे तक विशेष नाके लगाए जाएंगे और हर संदिग्ध वाहन चालक की जांच एल्कोसेंसर सहित अन्य माध्यमों से की जाएगी। फेस्टिवल सीजन में शराब के नशे में वाहन चलाने वालों के कारण सड़क हादसों में एकाएक बढ़ोतरी हो जाती है। इसलिए इस अभियान को सख्ती से लागू किया जा रहा है। पकड़े जाने पर चालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। ड्रिंक एंड ड्राइव में दोषी पाए जाने पर 10,000 रुपये का चालान, छह माह तक की कैद या दोनों सजाएं दी जा सकती हैं। पुलिस मुख्यालय से जारी निर्देशों के अनुसार सभी एसपी को पर्याप्त संख्या में एल्कोसेंसर उपलब्ध करवाए गए हैं। नाके शहरों के व्यस्त क्षेत्रों, मुख्य बाजारों और हाईवे पर लगाए जाएंगे, जिससे यातायात व्यवस्था पर नजर रखी जा सके और नियम तोड़ने वालों पर तुरंत कार्रवाई की जा सके। शराब के नशे में यदि कोई पुलिस कर्मियों से उलझता है तो तुरंत उसका मेडिकल करवाकर मुकद्दमा दर्ज करने की भी हिदायत दी गई है। इस अभियान का उद्देश्य केवल चालान काटना नहीं, बल्कि लोगों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करना है। नशे में ड्राइविंग से न केवल चालक, बल्कि सड़क पर चलने वाले हर व्यक्ति की जान के लिए खतरा रहता है। प्रदेश के लोगों से आग्रह है कि त्योहारों का आनंद सुरक्षित तरीके से लें और नशे में वाहन चलाने से बचें।

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हिमाचल: लाहाैल घाटी सहित उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में हिमपात, कई जिलों में बारिश का ऑरेंज अलर्ट; जाने मौसम अपडेट

हिमाचल प्रदेश के उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फबारी का दाैर जारी है। बर्फबारी के कारण दारचा-शिंकुला, दारचा- बारालाचा और कोकसर-लोसर सड़क वाहनों की आवाजाही के लिए बंद हो गई है। वहीं लाहौल घाटी में रात से बर्फबारी हो रही है। जबकि राजधानी शिमला सहित कुल्लू व अन्य भागों में बारिश का दौर जारी है। इससे ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ठंडक बढ़ गई है। रोहतांग दर्रा, अटल टनल के नॉर्थ पोर्टल, दारचा, जिस्पा और सेवन सिस्टर पीक में भी ताजा बर्फबारी हुई है।  माैसम विज्ञान केंद्र शिमला की ओर से प्रदेश के जिलों चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, ऊना हमीरपुर व बिलासपुर में आज 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से अंधड़ चलने के साथ भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। बाकि जिलों में येलो अलर्ट है। 7 अक्तूबर को कांगड़ा, मंडी, चंबा, ऊना, कुल्लू, बिलासपुर और हमीरपुर जिले में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। बर्फबारी से रविवार को लेह-मनाली हाईवे सुबह से दोपहर तक छह घंटे बंद रहा। बारालाचा और शिंकुला दर्रे पर कई वाहन फंस गए हैं। अक्तूबर की शुरुआत में ही चंद्रा वैली के रिहायशी इलाकों में हिमपात हुआ है।  उधर, चंबा की चोटियों के अलावा धर्मशाला में धौलाधार की चोटियां भी बर्फबारी से सफेद हो गई हैं। मणिमहेश, चौबिया, कुगति जोत, खपरांस, काली छौ और सचे पास बर्फ से ढक गए हैं। खज्जियार में पर्यटकों की आवाजाही बढ़ गई है।  बता दें कि पिछले 24 घंटों के दौरान कई स्टेशनों पर अधिकतम तापमान में उल्लेखनीय गिरावट आई तथा अधिकांश स्टेशनों पर अधिकतम तापमान सामान्य से 2-5 डिग्री सेल्सियस कम रहा तथा कुछ स्टेशनों पर यह सामान्य या सामान्य के निकट रहा। शिमला में न्यूनतम तापमान 11.5, सुंदरनगर 16.6, भुंतर 12.2, कल्पा 6.4, धर्मशाला 16.6, ऊना 14.0, नाहन 16.8, केलांग 0.1, पालमपुर 11.0, सोलन 13.6, मनाली 8.5, कांगड़ा 14.6, मंडी 16.9, बिलासपुर 18.2, हमीरपुर 15.1, डलहाैजी 6.0, कुफरी 6.8, कुकुमसेरी 5.2, नारकंडा 5.8, भरमाैर 7.0, रिकांगपिओ 9.9, पांवटा साहिब 20.0, ताबो 5.2, सराहन 13.5 व देहरा गोपीपुर में 18.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

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हिमाचल: लाहौल घाटी में ताजा बर्फबारी, तापमान में आई गिरावट

हिमाचल प्रदेश के जिला कुल्लू सहित जनजातीय क्षेत्र लाहौल स्पीति में मौसम ने फिर करवट ली है। रविवार सुबह से जहां कुल्लू घाटी में झमाझम बारिश हो रही है वहीं, लाहौल घाटी में ताजा बर्फबारी होने से तापमान में भारी गिरावट आई है। लाहौल में यह इस सीजन की पहली बर्फबारी है। रोहतांग दर्रा, बारालाचा समेत पूरी लाहौल घाटी में ताजा बर्फबारी हो रही है। वहीं, बर्फबारी से रोहतांग मार्ग बंद हो गया है। जिला कांगड़ा में शनिवार रात से जारी बारिश के कारण धौलाधार की पहाड़ियों पर सीजन का पहला हिमपात हो गया। धौलाधार की पहाड़ियां बर्फ की सफेद चादर से ढक गई है। खराब मौसम के चलते पहाड़ी क्षेत्र में ठंड का प्रकोप बढ़ गया है। धर्मशाला में अधिकतम तापमान 28 और न्यूनतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस तक रहा। रविवार को धर्मशाला और आस-पास के क्षेत्रों में लोग गर्म कपड़ों में नजर आए। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने रविवार को बारिश और ओलावृष्टि का येलो तथा सोमवार को ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से आठ अक्तूबर तक प्रदेश में मौसम खराब बना रहने का पूर्वानुमान है। इस दाैरान उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फबारी की संभावना भी है।  साथ ही रविवार को ऊना, बिलासपुर, चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी व लाहाैल-स्पीति में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश का येलो अलर्ट है। 6 अक्तूबर को चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, सिरमौर और लाहौल-स्पीति में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश-बर्फबारी व ओलावृष्टि का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। जबकि, किन्नौर, हमीरपुर व ऊना के लिए येलो अलर्ट है। 7 अक्तूबर को ऊना, चंबा व कांगड़ा के लिए भारी बारिश का येलो अलर्ट है। शिमला जिले के लिए 5 से 7 अक्तूबर तक अंधड़ का अलर्ट है। आगामी दिनों के दौरान न्यूनतम तापमान में 4 से 6 डिग्री सेल्सियस की कमी आने और अधिकतम तापमान 5 से 9 डिग्री सेल्सियस कम हो सकता है।

Heavy rain and rockslide warning in Himachal, 6 mountains will be affected at peak
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हिमाचल में भारी बारिश और बर्फबारी की चेतावनी, 6 अक्तूबर को चरम पर रहेगा प्रभाव

हिमाचल प्रदेश में अगले चार दिनों तक भारी बारिश होने के आसार हैं, जिसकी शुरुआत आज से हो रही है। इस दौरान उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फबारी की भी संभावना है। यह मौसमी बदलाव एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ, और अरब सागर तथा बंगाल की खाड़ी से आ रही उच्च नमी के कारण होने की संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार, राज्य में 8 अक्तूबर तक लगातार बारिश का पूर्वानुमान है। बारिश की गतिविधियाँ 5 से 7 अक्तूबर के दौरान सबसे अधिक रहने की संभावना है, जिसमें 6 अक्तूबर को तीव्रता चरम पर होगी। 4 से 7 अक्तूबर के बीच कुछ स्थानों पर 40-50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने और ओलावृष्टि होने की भी आशंका है। 5 और 6 अक्तूबर को अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। 5 अक्तूबर को कुछ स्थानों पर भारी बारिश और 6 अक्तूबर को कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने का अनुमान है। 7 अक्तूबर को भी कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ जगहों पर भारी बारिश हो सकती है। 9 अक्तूबर से पूरे प्रदेश में मौसम साफ होने का पूर्वानुमान है।

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हिमाचल: दिवाली पर बिना लाइसेंस पटाखों की बिक्री करने पर FIR, जाने उपायुक्त के निर्देश

हिमाचल प्रदेश में दिवाली के मौके पर दुकानदार को बिना लाइसेंस के पटाखे बेचने की अनुमति नहीं होगी। दुकानदारों को लाइसेंस बनवाना अनिवार्य किया गया है। शिमला के उपायुक्त अनुपम कश्यप ने शनिवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी एसडीएम को दिशा-निर्देश दिए। बैठक में कहा कि बाजारों में एसडीएम पटाखों की बिक्री को लेकर औचक निरीक्षण करेंगे। पटाखे जिन स्टोर में रखे जाएंगे, उनका निरीक्षण करें। सभी एसडीएम अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले बाजारों के दुकानदारों को पटाखों की बिक्री नियमों के मुताबिक करने के लिए जागरूक करेंगे। बैठक में दिशा-निर्देश दिए गए कि दुकानों में 100 किलोग्राम से अधिक एलपीजी सिलेंडर स्टोर किए गए तो सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। सभी एसडीएम बाजारों में अवैध सिलेंडर की स्टोरेज का भी औचक निरीक्षण करें। हर क्षेत्र में सिलेंडर की आपूर्ति निर्धारित गैस एजेंसी के माध्यम से ही होनी चाहिए। अवैध तरीके से भी सिलेंडर की आपूर्ति अवैध पाई जाती है तो उसे जब्त किया जाएगा। दूध, पनीर, मिठाइयों में मिलावटी उत्पादों की संभावना सबसे अधिक त्योहारी सीजन में बढ़ जाती है। मिठाई के डिब्बों पर बेस्ट बिफोर डेट, सही लेबलिंग, सही पैकेजिंग अनिवार्य है। ऐसे में संबंधित विभाग समय-समय निरीक्षण करें। इसके अलावा फूड पॉइजनिंग के मामले भी बढ़ते है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी जिला शिमला के सभी अस्पतालों में दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करेंगे। किसी भी व्यक्ति की जान फूड पॉइजनिंग से नहीं होनी चाहिए। जिला में मात्र दो लाइसेंस धारक हैं। बिना लाइसेंस पटाखे बेचने पर अनाधिकृत स्टॉक को तत्काल जब्त करना, व्यापार लाइसेंस रद्द करना या पराधिक मामला दर्ज किया जा सकता है। जिला प्रशासन पटाखों की अनाधिकृत बिक्री या भंडारण को रोकने के लिए किसी भी दोषी के विरुद्ध सख्त और अनुकरणीय कार्रवाई करेगा। किसी भी अप्रिय घटना की पूरी ज़िम्मेदारी अनाधिकृत बिक्री में शामिल लोगों की होगी।

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हिमाचल में ऑरेंज अलर्ट जारी, ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी के आसार

हिमाचल प्रदेश में मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार राज्य में 4 से 8 अक्तूबर तक लगातार बारिश होने का पूर्वानुमान है। शनिवार से मौसम बदलेगा। 5 और 6 अक्तूबर को कई क्षेत्रों में भारी बारिश और अंधड़ का ऑरेंज अलर्ट जारी हुआ है। कुछ स्थानों पर 4 से 7 अक्तूबर के दौरान गरज के साथ 40-50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने और ओलावृष्टि होने की संभावना है। 7 अक्तूबर को कुछ स्थानों पर भारी बारिश की संभावना है। वहीं 5 और 6 अक्तूबर को अधिकांश स्थानों पर बारिश होगी। पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से सात अक्तूबर को बर्फबारी के आसार हैं। नौ तक बारिश का दौर जारी रहने की संभावना है। प्रदेश के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान कम होने से सुबह और शाम के समय मौसम में ठंडक बढ़ गई है। राजधानी शिमला में शुक्रवार को हल्के बादल छाए रहने के साथ धूप खिली। मैदानी जिलों में मौसम साफ रहा। हमीरपुर के कुछ इलाकों के अलावा प्रदेश के कुछ स्थानों पर वीरवार रात बारिश हुई।  आगामी 3-4 दिनों के दौरान न्यूनतम तापमान 4 से 6 डिग्री सेल्सियस गिरने की संभावना है। अधिकतम तापमान 5 से 9 डिग्री सेल्सियस गिरने की संभावना है। वीरवार रात को शिमला में न्यूनतम तापमान 14.2, सुंदरनगर में 19.4, भुंतर में 16.9, कल्पा में 8.0, धर्मशाला में 16.6, ऊना में 19.4, नाहन में 18.8, पालमपुर में 15.0, सोलन में 16.2, मनाली में 13.5, कांगड़ा में 19.1, मंडी में 20.5, बिलासपुर में 22.4, हमीरपुर में 21.8, कुफरी में 11.7, कुकुमसेरी में 6.7, नारकंडा में 9.3, भरमाैर में 12.0, रिकांगपिओ में 12.7, पांवटा साहिब में 23.0 और ताबो में 4.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

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100 स्कूल CBSE से जोड़े जाएंगे, JBT और TGT की भर्ती जल्द शुरू: रोहित ठाकुर

हिमाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को प्राथमिकता देते हुए लगातार कदम उठा रही है। प्रदेश के 100 स्कूलों को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) से जोड़ा जा रहा है। इसके लिए औपचारिकताएं जल्द पूरी कर ली जाएंगी।शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस कदम से छात्रों को बेहतर शैक्षणिक ढांचा और अवसर मिलेंगे। सरकार शिक्षकों की बेहतरी के लिए भी काम कर रही है। शिक्षकों का अलग से कैडर बनाने पर विचार चल रहा है, जिससे पदोन्नति और कार्यक्षमता में सुधार होगा।  शिक्षा मंत्री ने बताया कि राजीव डे-बोर्डिंग स्कूल योजना के तहत भी काम जारी है। इसका मकसद आधुनिक सुविधाओं से युक्त स्कूल स्थापित करना है। इन कदमों से हिमाचल प्रदेश में शिक्षा का स्तर और मजबूत होगा। सरकार का फोकस क्वालिटी एजुकेशन के साथ-साथ युवाओं को बेहतर अवसर उपलब्ध करवाने पर है। शिक्षा विभाग में अब तक 7,000 भर्तियां पूरी की जा चुकी हैं। इसके अलावा 3101 पदों को चयन आयोग को भेजा गया है। वहीं, 900 टीजीटी पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया नवंबर में शुरू होगी और 600 जेबीटी पदों के लिए भी भर्ती प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी। 

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सोनम वांगचुक की पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका

In Politics
Sonam Wangchuk's wife filed habeas corpus petition in Supreme Court

  सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि जे अंगमो ने अपने पति की तुरंत रिहाई की मांग को लेकर 2 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की है। गीतांजलि ने दावा किया है कि उनके पति पर लगे सारे आरोप गलत हैं और उनकी गिरफ्तारी भी अवैध है। सोनम वांगचुक 24 सितंबर को लेह में हिंसा भड़काने के आरोप में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत 26 सितंबर को गिरफ्तार किये गए थे।  गीतांजलि ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि उन्हें एक हफ्ता से सोनम की सेहत, उनकी हालत और साथ ही नजरबंदी के कारणों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। अंगमो ने अपने पति वांगचुक की गिरफ्तारी और उनके खिलाफ NSA लगाने को कोर्ट में चुनौती दी है। अंगमो ने कहा कि उन्हें अभी तक सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी आर्डर की कॉपी भी नहीं मिली है। अंगमो PM मोदी, राष्ट्रपति मुर्मू और गृह मंत्री अमित शाह समेत लद्दाख के उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता तक को पत्र लिख चुकी हैं।  बंदी प्रत्यक्षीकरण बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर करने का अधिकार हर नागरिक को होता है। अगर किसी व्यक्ति को गैर-कानूनी ढंग से हिरासत में लिया गया है, तो बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका के तहत अदालत उस व्यक्ति को तुरंत कोर्ट में पेश करने का आदेश दे सकती है। आदेश जारी होते ही पुलिस को पूरी जानकारी कोर्ट के सामने पेश करनी होती है। अंगमो ने लगाया आरोप अंगमो का आरोप लगाया है कि उनके पति वांगचुक को चुप कराने के लिए कई महीने से विच हंट किया जा रहा है। वांगचुक हमेशा से गांधीवादी तरीके से प्रदर्शन करते आए हैं। उन्होंने कहा कि उनके पति सोनम वांगचुक पाकिस्तान गए थे तो इसमें गलत क्या है। वांगचुक जलवायु परिवर्तन से सम्बंधित मीटिंग में गए थे।       

मोदी की स्वास्थ्य गारंटी : आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन से जुड़े 56.67 करोड़ लोग

In Health
guarantee: 56.67 crore people connected to Ayushman Bharat Digital Mission

पीएम मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने साल 2021 में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की शुरुआत की थी। मोदी के नेतृत्व में ही 2021-2022 से 2025-2026 तक 5 वर्षों के लिए 1,600 करोड़ रुपये की डिजिटल स्वास्थ्य इकोसिस्टम बनाने के लिए आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन शुरू किया गया था। इसकी वजह से पीएम मोदी के गारंटी का भी असर देखने को साफ मिला और इस योजना के तहत 29 फरवरी, 2024 तक 56.67 करोड़ लोगों के आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाते बनाए जा चुके हैं। इसके अलावा आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन ने लैंगिक समानता हासिल करने की दिशा में भी प्रगति की है। 29 फरवरी, 2024 तक, 27.73 करोड़ महिलाएं और 29.11 करोड़ पुरुषों को आभा कार्ड से लाभ हुआ है। वहीं 34.89 करोड़ से अधिक स्वास्थ्य दस्तावेजों को इससे जोड़ा गया है। क्या है आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन  आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन का उद्देश्य देश में यूनिफाइड डिजिटल स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे की मदद करने के लिए जरूरी आधार तैयार करना है। इससे सीमित इंटरनेट कनेक्टिविटी वाले क्षेत्रों में आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता खोलने के लिए ऑफलाइन मोड को मदद पहुंचती है। इसके अलावा भारत सरकार ने स्वास्थ्य सुविधा के लिए आभा ऐप और आरोग्य सेतु जैसे विभिन्न एप्लिकेशन भी लॉन्च किए गए हैं, जो आम लोगों को मदद पहुंचाती है। आभा ऐप एक प्रकार का डिजिटल स्टोरेज है, जो किसी भी व्यक्ति के मेडिकल दस्तावेजों का रखने का काम आता है। इस ऐप के जरिए मरीज रजिस्टर्ड स्वास्थ्य पेशेवरों से संपर्क भी कर सकते हैं।    भारत में बीजेपी की मोदी सरकार ने बीते 10 सालों के अपनी सरकार में कई सारे मील के पत्थर हासिल किया है। इन 10 सालों में पीएम मोदी के विजन ने भारत को अगले 23 साल बाद यानी साल 2047 तक विकसित भारत बनाने के ओर मजबूती से कदम भी बढ़ा लिया है। पीएम मोदी के नेतृत्व में बीजेपी सरकार ने देश के हित में जो भी फैसले लिए है, उनमें से हेल्थ सेक्टर को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का प्रयास किया गया है।        

देश के 45 शिक्षकों को मिला 'राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार', राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया सम्मानित

In Education
45 teachers of the country received 'National Teacher Award', honored by President Draupadi Murmu

  आज शिक्षक दिवस है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज शुक्रवार को शिक्षक दिवस के अवसर पर दिल्ली में विज्ञान भवन में देश के 45 शिक्षकों को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया। इस मौके पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्‍द्र प्रधान व केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी भी उपस्थित रहे।  आज के दिन ये वार्षिक अवार्ड उन शिक्षकों को दिया जाता है जिन्होंने विद्यार्थियों की पढ़ाई और समाज के लिए कुछ खास योगदान दिया हो। ये पुरस्कार केवल एक मेडल ही नहीं, बल्कि पूरे देश की ओर से इन शिक्षकों को दिया गया सम्‍मान है। ये शिक्षकों की मेहनत और समर्पण का प्रतिक है जो बच्चों का भविष्य बनाने के लिए अभूतपूर्व कार्य करते हैं।  पुरस्कारों दिए जाने से पहले, PM नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता शिक्षकों से बातचीत की। इस अवसर पर मोदी ने कहा कि राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों का अहम भूमिका होती है। PM ने कहा कि शिक्षकों का सम्मान केवल एक परम्परा नहीं है, बल्कि उनके आजीवन समर्पण का सम्मान है।PM ने कहा कि शिक्षक सामान्यतः छात्रों को होमवर्क देते हैं। लेकिन मोदी उन्हें एक टास्क देना चाहते थे- स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने वाले अभियानों का नेतृत्व करने और "मेक इन इंडिया" और "वोकल फॉर लोकल" आंदोलनों को मजबूत करने के लिए।    आज शिक्षक दिवस है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज शुक्रवार को शिक्षक दिवस के अवसर पर दिल्ली में विज्ञान भवन में देश के 45 शिक्षकों को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया। इस मौके पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्‍द्र प्रधान व केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी भी उपस्थित रहे।  आज के दिन ये वार्षिक अवार्ड उन शिक्षकों को दिया जाता है जिन्होंने विद्यार्थियों की पढ़ाई और समाज के लिए कुछ खास योगदान दिया हो। ये पुरस्कार केवल एक मेडल ही नहीं, बल्कि पूरे देश की ओर से इन शिक्षकों को दिया गया सम्‍मान है। ये शिक्षकों की मेहनत और समर्पण का प्रतिक है जो बच्चों का भविष्य बनाने के लिए अभूतपूर्व कार्य करते हैं।  पुरस्कारों दिए जाने से पहले, PM नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता शिक्षकों से बातचीत की। इस अवसर पर मोदी ने कहा कि राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों का अहम भूमिका होती है। PM ने कहा कि शिक्षकों का सम्मान केवल एक परम्परा नहीं है, बल्कि उनके आजीवन समर्पण का सम्मान है।PM ने कहा कि शिक्षक सामान्यतः छात्रों को होमवर्क देते हैं। लेकिन मोदी उन्हें एक टास्क देना चाहते थे- स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने वाले अभियानों का नेतृत्व करने और "मेक इन इंडिया" और "वोकल फॉर लोकल" आंदोलनों को मजबूत करने के लिए।   

Asia Cup 2025: आज दुबई में भारत-पाक के बीच होने वाले मैच को लेकर देशभर में विरोध

In Sports
 Asia Cup 2025: Protest across the country regarding the match between India and Pakistan in Dubai today

  एशिया कप में भारत-पाकिस्तान के बीच दुबई में आज मैच होने वाला है। भारत-पाकिस्तान के बीच मैच का मुकाबला हमेशा से रोमांचक रहा है। इसे देखने के लिए लोगों में बहुत उत्साह देखा जाता था। लेकिन इस बार इस मैच को लेकर देशभर में विरोध हो रहा है। विपक्षी राजनीतिक दलों के साथ-साथ आम लोग भी भारत-पाकिस्तान मैच को लेकर गुस्से में है। सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखकर इस मैच का जोरो से बहिष्कार किया जा रहा है। साथ ही पहलगाम हमले में मारे गए लोगों के परिवारों ने भी इस मैच पर कड़ा विरोध जताया है। अब तो भाजपा के कई सहयोगी भी इस मैच के विरोध में हैं। हालांकि क्रिकेट फैंस इसे लेकर अलग बंटे हुए हैं। इस मैच का कहीं विरोध किया जा रहा है, तो कहीं टीम इंडिया की जीत के लिए पूजा भी हो रही है।   नई खेल नीति के मुताबिक सरकार की नई खेल नीति के मुताबिक भारत ने फैसला किया है भारत पाकिस्तान के साथ कोई भी द्विपक्षीय मैच नहीं खेलेगा पर बहुपक्षीय टूर्नामेंट जैसे कि एशिया कप या ICC प्रतियोगिता में पाकिस्तान के खिलाफ खेलेगा।   विरोध की वजह  ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच यह पहला इंटरनेशनल मैच है। आपको बता दें कि 22 अप्रैल को आतंकवादियों द्वारा पहलगाम हमला हुआ था जिसमें कई भारतीय मरे थे और कहा जा रहा था कि इस हमले के पीछे पकिस्तान का हाथ है। इसके जवाब में भारत ने  7 मई को ऑपरेशन सिंदूर किया। इसी वजह से भारत के लोगों में भारत-पाकिस्तान मैच को लेकर नाराजगी और गुस्सा है।    ओवैसी की पार्टी AIMIM ने किया प्रदर्शन हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार से पूछा है कि क्या मैच से कमाया जाने वाला मुनाफ़ा पहलगाम हमले में मारे गए 26 लोगों की जान से ज्यादा कीमती है। अहमदाबाद में AIMIM ने भारत-पाकिस्तान मैच के खिलाफ प्रदर्शन किया।    AAP कार्यकर्ताओं ने किया बहिष्कार  चंडीगढ़ में AAP कार्यकर्ताओं ने भी 'BCCI शर्म करो' के नारे लगाए   शिंदे शिवसेना नेता ने किया विरोध शिंदे शिवसेना के नेता संजय निरूपम ने इस मैच के विरोध में कहा कि पाकिस्तान ने हमेशा भारत को क्षति पहुंचाने वाली नीति अपनाई है, पाकिस्तान ने आतंकियों को पाला पोषा है और इन आतंकियों ने भारत के निर्दोष लोगों पर हमले किए हैं। ऐसे में पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह का रिश्ता नहीं रखना चाहिए।    शिवसेना उद्धव गुट ने मैच के विरोध में तोड़ डाले टीवी   पूर्व क्रिकेटर मनोज तिवारी ने किया बहिष्कार पश्चिम बंगाल के खेल मंत्री और पूर्व क्रिकेटर मनोज तिवारी ने कहा कि वे भारत-पाकिस्तान मैच के साथ पूरे एशिया कप का बहिष्कार कर रहे हैं हूं। उन्होंने कहा कि पुलवामा, पहलगाम, पठानकोट जैसे आतंकी हमलों को भुलाया नहीं जा सकता।     पीड़ित परिवारों ने जाहिर किया गुस्सा पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए पुणे के संतोष जगदाले की बेटी असावरी जगदाले ने कहा कि यह मैच नहीं होना चाहिए था। यह बहुत ही शर्मनाक है। अभी हाल में पहलगाम हमला हुआ और फिर ऑपरेशन सिंदूर हुआ। तो इसके बाद यह मैच नहीं होना चाहिए था। उन्होंने कहा यह भी कहा कि इन्हें परवाह नहीं कि कोई मर गया।    

शारदीय नवरात्रि के कल तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा कैसे करें ? जानें शुभ मुहूर्त व भोग

In First Blessing
How to worship Maa Chandraghanta on the third day of Shardiya Navratri tomorrow? Know the auspicious time and enjoyment

  शारदीय नवरात्रि का तीसरा दिन कल बुधवार 24 सितंबर को है। नवरात्रि के तीसरे दिन मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। मां देवी के माथे पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र सुशोभित होता है और इसी वजह से मां देवी को चंद्रघंटा कहा जाता है। मां चंद्रघंटा का वाहन बाघ है। इसीलिए ये बाघ पर सवार होती हैं। देवी का यह जो रूप है वो शांति, साहस तथा कल्याण का प्रतीक है। माना जाता है कि ये हमेशा अपने भक्तों की रक्षा के लिये समर्पित रहती हैं। भक्तों कि रक्षा के लिए वे हाथों में त्रिशूल, गदा और तलवार धारण की होती हैं। मां चंद्रघंटा भक्तों को शांति और समृद्धि प्रदान करती हैं। परिवार में खुशियां आती हैं। इस दिन हरा, आसमानी तथा नारंगी रंग के कपड़े पहनना बहुत ही शुभ होता है।   शुभ मुहूर्त 24 सितंबर सुबह 4:35-5:23 बजे तक पूजा के लिए ब्रह्म मुहूर्त,  सुबह 9:11-10:57 बजे तक अमृत काल और इसके बाद दोपहर 2:14-3:02 बजे तक विजय मुहूर्त रहेगा।  मां चंद्रघंटा का भोग  माता चंद्रघंटा को गाय के दूध से बनी खीर का भोग लगाने से लोगों के सभी कष्टों दूर हो जाते हैं।  पूजा विधि  मां चंद्रघंटा को फूल, अक्षत, चंदन, सिंदूर अर्पण कर खीर का भोग लगाएं और कथा का पाठ करें। अंतिम में दीप जलाकर मंत्र का जप और आरती करें। कथा  ऐसी मान्यता है कि मां दुर्गा ने चंद्रघंटा का रूप धारण कर दैत्यों के आंतक को समाप्त किया था। कहा जाता है जिस वक्त महिषासुर के आंतक से देवता परेशान हो रहे थे तो उस वक्त वे ब्रह्मा, विष्णु व महेश की शरण में चले गए। तब त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु व महेश के क्रोध से निकलने वाली  ऊर्जा से मां चंद्रघंटा का रूप प्रकट हुआ था।     

पाताल भुवनेश्वर मंदिर: रहस्य, आस्था और आध्यात्मिकता का अद्भुत संगम

In Entertainment
Patal Bhuvaneshwar Temple: A wonderful confluence of mystery, faith and spirituality

  क्या आपने कभी कल्पना की है कि कहीं ऐसा स्थान भी हो सकता है, जहां सृष्टि के अंत का रहस्य छिपा हो? कोई ऐसा मंदिर, जहां चारों धामों के दर्शन एक ही स्थान पर संभव हों? उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित पाताल भुवनेश्वर मंदिर ऐसा ही एक रहस्यमयी और दिव्य स्थल है, जो हर भक्त को आस्था, रहस्य और आध्यात्मिकता की गहराइयों से जोड़ता है। यह मंदिर एक गुफा के भीतर स्थित है, जिसे प्राचीन काल से चमत्कारी और गूढ़ माना गया है। गुफा में प्रवेश करते ही ऐसा लगता है मानो आप किसी अद्भुत आध्यात्मिक संसार में प्रवेश कर चुके हों। मान्यता है कि यहां भगवान शिव के साथ-साथ 33 कोटि देवी-देवताओं का वास है। यहां स्थित भगवान गणेश का कटा हुआ मस्तक स्वयं में एक रहस्य है, जो इस स्थान की अलौकिकता को और भी गहरा बनाता है। यहां स्थित शिवलिंग के बारे में मान्यता है कि वह निरंतर बढ़ रहा है, और जिस दिन वह गुफा की छत से टकराएगा, उस दिन प्रलय होगा। यह धारणा श्रद्धालुओं को एक अकल्पनीय आध्यात्मिक अनुभव और चेतना की गहराई से जोड़ती है।गुफा के भीतर चार रहस्यमयी द्वार मानव जीवन के चार प्रमुख पड़ावों का प्रतीक माने जाते हैं। कहा जाता है कि रावण की मृत्यु के बाद पाप द्वार और महाभारत युद्ध के बाद रण द्वार बंद हो गए। अब केवल धर्म द्वार और मोक्ष द्वार खुले हैं, जो जीवन के सत्य और मोक्ष के मार्ग की ओर संकेत करते हैं। पौराणिक इतिहास की दृष्टि से इस मंदिर का उल्लेख त्रेता युग में मिलता है। सूर्य वंश के राजा ऋतुपर्ण ने सबसे पहले इस गुफा की खोज की थी। कहा जाता है कि पांडवों ने भी यहां भगवान शिव के साथ चौपड़ खेला था। बाद में 819 ईस्वी में जगत गुरु शंकराचार्य ने इस स्थल की पुनः खोज की और यहां पूजा आरंभ की। कैसे पहुंचे पाताल भुवनेश्वर? यह दिव्य स्थल पिथौरागढ़ से लगभग 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। निकटतम हवाई अड्डा पंतनगर है, जबकि सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन टनकपुर है। सड़क मार्ग से यह स्थान सुगम रूप से जुड़ा हुआ है और उत्तराखंड के खूबसूरत पर्वतीय रास्तों से होकर गुज़रता है, जो यात्रा को और भी आनंददायक बना देता है। यह मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि रहस्य और आध्यात्मिकता के अनूठे संगम के कारण भी यह स्थल भक्तों और शोधकर्ताओं के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। पाताल भुवनेश्वर की इस अद्भुत गुफा में जाकर आप स्वयं उस दिव्यता और रहस्यमय ऊर्जा का अनुभव कर सकते हैं, जो सदियों से लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती आ रही है।

सोनम वांगचुक की पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका

In News
Sonam Wangchuk's wife filed habeas corpus petition in Supreme Court

  सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि जे अंगमो ने अपने पति की तुरंत रिहाई की मांग को लेकर 2 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की है। गीतांजलि ने दावा किया है कि उनके पति पर लगे सारे आरोप गलत हैं और उनकी गिरफ्तारी भी अवैध है। सोनम वांगचुक 24 सितंबर को लेह में हिंसा भड़काने के आरोप में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत 26 सितंबर को गिरफ्तार किये गए थे।  गीतांजलि ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि उन्हें एक हफ्ता से सोनम की सेहत, उनकी हालत और साथ ही नजरबंदी के कारणों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। अंगमो ने अपने पति वांगचुक की गिरफ्तारी और उनके खिलाफ NSA लगाने को कोर्ट में चुनौती दी है। अंगमो ने कहा कि उन्हें अभी तक सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी आर्डर की कॉपी भी नहीं मिली है। अंगमो PM मोदी, राष्ट्रपति मुर्मू और गृह मंत्री अमित शाह समेत लद्दाख के उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता तक को पत्र लिख चुकी हैं।  बंदी प्रत्यक्षीकरण बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर करने का अधिकार हर नागरिक को होता है। अगर किसी व्यक्ति को गैर-कानूनी ढंग से हिरासत में लिया गया है, तो बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका के तहत अदालत उस व्यक्ति को तुरंत कोर्ट में पेश करने का आदेश दे सकती है। आदेश जारी होते ही पुलिस को पूरी जानकारी कोर्ट के सामने पेश करनी होती है। अंगमो ने लगाया आरोप अंगमो का आरोप लगाया है कि उनके पति वांगचुक को चुप कराने के लिए कई महीने से विच हंट किया जा रहा है। वांगचुक हमेशा से गांधीवादी तरीके से प्रदर्शन करते आए हैं। उन्होंने कहा कि उनके पति सोनम वांगचुक पाकिस्तान गए थे तो इसमें गलत क्या है। वांगचुक जलवायु परिवर्तन से सम्बंधित मीटिंग में गए थे।       

सोनम वांगचुक की पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका

In National News
Sonam Wangchuk's wife filed habeas corpus petition in Supreme Court

  सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि जे अंगमो ने अपने पति की तुरंत रिहाई की मांग को लेकर 2 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की है। गीतांजलि ने दावा किया है कि उनके पति पर लगे सारे आरोप गलत हैं और उनकी गिरफ्तारी भी अवैध है। सोनम वांगचुक 24 सितंबर को लेह में हिंसा भड़काने के आरोप में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत 26 सितंबर को गिरफ्तार किये गए थे।  गीतांजलि ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि उन्हें एक हफ्ता से सोनम की सेहत, उनकी हालत और साथ ही नजरबंदी के कारणों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। अंगमो ने अपने पति वांगचुक की गिरफ्तारी और उनके खिलाफ NSA लगाने को कोर्ट में चुनौती दी है। अंगमो ने कहा कि उन्हें अभी तक सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी आर्डर की कॉपी भी नहीं मिली है। अंगमो PM मोदी, राष्ट्रपति मुर्मू और गृह मंत्री अमित शाह समेत लद्दाख के उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता तक को पत्र लिख चुकी हैं।  बंदी प्रत्यक्षीकरण बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर करने का अधिकार हर नागरिक को होता है। अगर किसी व्यक्ति को गैर-कानूनी ढंग से हिरासत में लिया गया है, तो बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका के तहत अदालत उस व्यक्ति को तुरंत कोर्ट में पेश करने का आदेश दे सकती है। आदेश जारी होते ही पुलिस को पूरी जानकारी कोर्ट के सामने पेश करनी होती है। अंगमो ने लगाया आरोप अंगमो का आरोप लगाया है कि उनके पति वांगचुक को चुप कराने के लिए कई महीने से विच हंट किया जा रहा है। वांगचुक हमेशा से गांधीवादी तरीके से प्रदर्शन करते आए हैं। उन्होंने कहा कि उनके पति सोनम वांगचुक पाकिस्तान गए थे तो इसमें गलत क्या है। वांगचुक जलवायु परिवर्तन से सम्बंधित मीटिंग में गए थे।       

नेपाल: अंतरिम PM बनाने के लिए सेना-प्रदर्शनकारियों के बीच शुरू हुई बातचीत, कुलमान घिसिंग व सुशीला कार्की का नाम आगे

In International News
Talks started between army and protesters to make interim PM in Nepal, names of Kulman Ghisingh and Sushila Karki put forward.

  नेपाल में हुए हिंसक आंदोलन के बाद आज गुरुवार को हालात कंट्रोल में है। लेकिन फिर भी सेना ने एहतियातन राजधानी समेत कई इलाकों में  कर्फ्यू लगा रखा है। इस बीच, नेपाल में अंतरिम PM बनाने के लिए सेना-प्रदर्शनकारियों के बीच बातचीत शुरू हो गई है। जानकारी के अनुसार,आर्मी हेडक्वार्टर में सुबह 10:30 बजे बातचीत शुरू हो गई थी। आपको बता दें कि सेना ने सभी पार्टी और नेताओं को भी इसके लिए अपनी अपनी राय देने को कहा है।   मीडिया के कई रिपोर्ट्स के अनुसार, इस पद के लिए नेपाल के लाइट मैन कहे जाने वाले कुलमान घिसिंग और सुशीला कार्की का नाम आगे आ रहा है। हालांकि PM की रेस में कुलमान घिसिंग का नाम सुशीला कार्की से भी आगे चल रहा है। अंतिम फैसला देखना काफी दिलचस्प होगा कि किसे PM के नेतृत्व के लिए आगे किया जाता है।    सुशीला कार्की  सुशीला कार्की भ्रष्टाचार विरोधी शख्सियत के तौर पर जानी जाती हैं। इन्होनें भ्रष्टाचार के विरुद्ध कई बार सख्त बयान दिया है। आपको बता दें कि इन्होनें पॉलिटिकल साइंस में BHU से MA किया है। 2016 में वह नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश बनी।    कुलमान घिसिंग  कुलमान घिसिंग को नेपाल के 'लाइट मैन' भी कहा जाता है। उन्होंने जमशेदपुर, झारखण्ड से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की है। 1994 में नेपाल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी (NEA) से जुड़े और इसके बाद घाटे में चल रहे NEA को मुनाफे में बदल दिया। नेपाल की बिजली व्यवस्था, जो कि बहुत खराब थी, उसे भी सुधारने का श्रेय इन्हें ही जाता है।    नेपाल में इस तरह हुई हिंसक आंदोलन की शुरुआत सरकार ने 4 सितंबर को 26 सोशल मीडिया प्लेटफार्म को बैन किया था। ये कहकर कि इन प्लेटफॉर्म्स ने रजिस्ट्रशन नहीं करवाए हैं। इसके बाद 8 सितंबर को सरकार के भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर बैन के खिलाफ नेपाल के युवाओं ने सड़क पर उतर कर प्रदर्शन शुरू कर दिए। यह  प्रदर्शन धीरे धीरे हिंसा में प्रवर्तित हो गए और कई लोग इसमें मारे गए व कई ज़ख़्मी हुए। इसी बीच PM समेत कई मंत्रियों को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। साथ ही इस दौरान प्रदर्शन कर रहे युवाओं ने सेना के सामने सामाजिक और राजनितिक सुधार को लेकर कई मांगे भी रखीं।    आगे क्या होगा  बहुमत वाली पार्टी को सरकार बनाने के लिए कहा जायेगा। विशेषज्ञ का मानना है कि 6 महीने में चुनाव कराने के लिए अंतरिम सरकार बन सकती है।   

शायरी के बादशाह कहलाते है वसीम बरेलवी, पढ़े उनके कुछ चुनिंदा शेर

In Kavya Rath
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  वसीम बरेलवी उर्दू के बेहद लोकप्रिय शायर हैं। उनकी ग़ज़लें बेहद मक़बूल हैं जिन्हें जगजीत सिंह से लेकर कई अजीज़ गायकों ने अपनी आवाज़ दी है। वसीम बरेलवी अपनी शायरी और गजल के जरिए लाखों दिलों पर राज करते हैं। कोई भी मुशायरा उनके बगैर पूरा नहीं माना जाता।     18 फरवरी 1940 को वसीम बरेलवी का जन्म बरेली में हुआ था।  पिता जनाब शाहिद हसन  के रईस अमरोहवी और जिगर मुरादाबादी से बहुत अच्छे संबंध थे। दोनों का आना-जाना अक्सर उनके घर पर होता रहता था। इसी के चलते वसीम बरेलवी का झुकाव बचपन से शेर-ओ-शायरी की ओर हो गया। वसीम बरेलवी ने अपनी पढ़ाई बरेली के ही बरेली कॉलेज से की। उन्होंने एमए उर्दू में गोल्ड मेडल हासिल किया। बाद में इसी कॉलेज में वो उर्दू विभाग के अध्यक्ष भी बने।  60 के दशक में वसीम बरेलवी मुशायरों में जाने लगे। आहिस्ता आहिस्ता ये शौक उनका जुनून बन गया। पेश हैं उनके कुछ चुनिंदा शेर   अपने चेहरे से जो ज़ाहिर है छुपाएँ कैसे तेरी मर्ज़ी के मुताबिक़ नज़र आएँ कैसे   जहाँ रहेगा वहीं रौशनी लुटाएगा किसी चराग़ का अपना मकाँ नहीं होता     आसमाँ इतनी बुलंदी पे जो इतराता है भूल जाता है ज़मीं से ही नज़र आता है   ऐसे रिश्ते का भरम रखना कोई खेल नहीं तेरा होना भी नहीं और तेरा कहलाना भी   ग़म और होता सुन के गर आते न वो 'वसीम' अच्छा है मेरे हाल की उन को ख़बर नहीं   जहाँ रहेगा वहीं रौशनी लुटाएगा किसी चराग़ का अपना मकाँ नहीं होता     जो मुझ में तुझ में चला आ रहा है बरसों से कहीं हयात इसी फ़ासले का नाम न हो     कुछ है कि जो घर दे नहीं पाता है किसी को वर्ना कोई ऐसे तो सफ़र में नहीं रहता                         उसी को जीने का हक़ है जो इस ज़माने में इधर का लगता रहे और उधर का हो जाए       दुख अपना अगर हम को बताना नहीं आता तुम को भी तो अंदाज़ा लगाना नहीं आता     वो मेरे सामने ही गया और मैं रास्ते की तरह देखता रह गया   अपने अंदाज़ का अकेला था इसलिए मैं बड़ा अकेला था  

जयसिंहपुर: लोअर लंबागांव की बेटी अलीशा बनी ऑडिट इंस्पेक्टर

In Job
Jaisinghpur: Lower Lambagaon's daughter Alisha becomes audit inspector

जयसिंहपुर विधानसभा के अंतर्गत आने वाले लोअर लंबागांव की अलीशा ने हिमाचल प्रदेश एलाइड सर्विसेज की परीक्षा पास कर प्रदेश का नाम रोशन किया है । अलीशा का चयन ऑडिट इंस्पेक्टर के पद हुआ है। अलीशा ने बाहरवीं ऐम अकादमी सीनियर सेकेंडरी स्कूल जयसिंहपुर से की है। उसके बाद अलीशा ने गवर्नमेंट डिग्री कालेज धर्मशाला से ग्रेजुएशन की । अलीशा के पिता सुमन कुमार हिमाचल पुलिस में कार्यरत हैं और माता स्नेहलता गृहिणी हैं। अलीशा के पिता सुमन कुमार ने बेटी की उपलब्धि पर खुशी जताते हुए कहा कि यह परिवार के लिए गौरव का क्षण है। वही अलीशा ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता पिता व गुरुजनों को दिया है।

कहते है चंबा के राजमहल में 17 साल बतौर शाही मेहमान रहा था एक भैंसा

In Banka Himachal
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नारियल की जगह भैसें को बहाने की थी प्रथा मिंजर मेले की मुख्य शोभायात्रा राजमहल अखंड चंडी से चौगान से होते हुए रावी नदी के किनारे तक पहुंचती है। फिर मिंजर के साथ लाल कपड़े में नारियल लपेट कर, एक रुपया और फल-मिठाई नदी में प्रवाहित किये जाते है। इस नारियल को प्रवाहित करने के पीछे एक रोचक प्रथा है। दरअसल कहा जाता है कि 1940 के दशक कि शुरुआत तक मिंजर मेले में भैंसे की बलि देने की प्रथा थी। तब जीवित भैंसे को नदी में बहा दिया जाता था , जो आने वाले साल में राज्य के भविष्य को दर्शाता था। अगर पानी का बहाव भैंसे को साथ ले जाता था और वह डूबता नहीं था तो उसे अच्छा माना जाता था। अगर भैंसा बच कर नदी के दूसरे किनारे चला जाए, तो उसे भी अच्छा माना जाता था। पर अगर भैंसा उसी तरफ वापस आ जाता था तो उसे बुरा माना जाता था। अब भैंसे की जगह सांकेतिक रूप से नारियल की बलि दी जाती है।    पुराने लोगों कि माने तो 19वीं सदी में एक भैंसे ने रावी नदी को पार कर लिया और करीब 17 साल तक यह भैंसा चंबा के राजमहल में बतौर शाही मेहमान रहा। उसकी खातिर के लिए बाकायदा सेवादारों की व्यवस्था भी  थी। कहते है उसने लगातार 17 साल तक रावी को पार किया और बाद में राजमहल में उसकी मौत हो गई। 

11 साल बाद हरियाणा कांग्रेस को मिले जिला अध्यक्ष, हिमाचल में भी 9 महीने से इन्तजार

In Siyasatnama
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बगैर संगठन के ही हरियाणा में कई चुनाव लड़ने और हारने के  बाद  आखिरकार 11 साल बाद मंगलवार देर रात कांग्रेस ने हरियाणा में 32 जिला अध्यक्षों के नामों की घोषणा की है। पानीपत शहरी के अलावा सभी अन्य 32 संगठनत्मक ज़िलों में अध्यक्षों की नियुक्ति हो गई है। माना जा रहा है की संगठन की शेष नियुक्तियां भी जल्द होगी। इन नियुक्तियों में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा का दबदबा रहा है। 32 में से 22 जिला अध्यक्ष हुड्डा गुट के बताए जा रहे हैं, जबकि सात सांसद कुमारी सैलजा, एक रणदीप सुरजेवाला और दो कैप्टन अजय यादव के समर्थक हैं।  इस सूचि में सिर्फ दो महिलाएं है। संतोष बेनीवाल को सिरसा और मेवात के शाहिदा खान, जो कि एकमात्र मुस्लिम नेता को कमान दी गई है। जबकि विधानसभा चुनाव लड़ चुके चार नेताओं को जिलाध्यक्ष बनाया है।  हरियाणा में हुई इन नियुक्तियों के बाद अब निगाहें हिमाचल पर टिकी है, जहँ नौ महीने से भी ज्यादा वक्त से राज्य, जिला और ब्लॉक इकाइयां भंग है। इस बीच  मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभग सिंह  का कार्यकाल भी पूरा हो चूका है और नए अध्यक्ष के एलान का इन्तजार भी जारी है।   ये 32 नेता बने, जिला अध्यक्ष  कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से सूची के अनुसार, अंबाला कैंट से परविंदर परी,  अंबाला सिटी से पवन अग्रवाल, अंबाला ग्रामीण से दुष्यंत चौहान, भिवानी ग्रामीण से अनिरुद्ध चौधरी, भिवानी शहरी से प्रदीप गुलिया, चरखी दादरी से सुशील धनक, फरीदाबाद से बलजीत कौशिक, फतेहाबाद से अरविंद शर्मा, गुरुग्राम ग्रामीण से वर्धन यादव, गुरुग्राम शहरी से पंकज दावर को जिला अध्यक्ष बनाया गया है। इसी तरह, हिसार ग्रामीण से बृज लाल खोवाल, हिसार शहरी से बजरंग दास गर्ग, झज्जर से संजय यादव, जींद से ऋषि पाल, कैथल से रामचंदर गुज्जर, करनाल ग्रामीण से राजेश वैद, करनाल शहरी से पराग गाबा, कुरुक्षेत्र से मेवा सिंह, महेंद्रगढ़ से सत्यवीर यादव, मेवात (नूंह) से शाहिदा खान, पलवल से नेत्रपाल अधाना, पंचकूला से संजय चौहान, पानीपत ग्रामीण से रमेश मलिक, रेवाड़ी ग्रामीण से सुभाष चंद चौवरी, रेवाड़ी शहरी से प्रवीण चौधरी, रोहतक ग्रामीण से बलवान सिंह रंगा, रोहतक शहरी से कुलदीप सिंह, सिरसा से संतोष बेनिवाल, सोनीपत ग्रामीण से संजीव कुमार दहिया, सोनीपत शहरी से कमल देवान, यमुनानगर ग्रामीण से नरपाल सिंह और यमुनानगर शहरी से देवेंद्र सिंह को जिम्मेदारी सौंपी गई है।  

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