हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय हमीरपुर में शनिवार से बी फार्मेसी (डायरेक्ट एंट्री) की दूसरे चरण की काउंसलिंग शुरू हुई। दूसरे चरण की काउंसलिंग के पहले दिन हिमाचल प्रदेश कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (एचपीसीईटी) की मेरिट के आधार पर एससी, एसटी व ओबीसी मुख्य श्रेणी और उप श्रेणी के अभ्यर्थियों की काउंसलिंग हुई, जिसमें 65 अभ्यर्थियों को सीटें आवंटित की गई। अब चार अगस्त को सामान्य श्रेणी, ऑल इंडिया कोटा, ईडब्ल्यूएस, बेटी है अनमोल आदि श्रेणी के अभ्यर्थियों को काउंसलिंग के लिए बुलाया है। वहीं, एम फार्मेसी के पहले चरण की काउंसलिंग में 10 सीटें आवंटित की गई।
शनिवार को ज्वालामुखी पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में एनएसयूआई की विशेष बैठक का आयोजन एनएसयूआई जिला कांगड़ा उपाध्यक्ष नीरज राणा की अध्यक्षता में आयोजित की गई। जिसमें ज्वालामुखी डिग्री कॉलेज एनएसयूआई अध्यक्ष शाहिद विशेष तौर पर उपस्थित रहे। बैठक में हाल ही में मझीन व खुंडिया कॉलेज में छात्रों द्वारा बेहतरीन प्रदर्शन करने पर बधाई व शुभकामनाएं प्रेषित की गई। नीरज ने कहा कि यह कॉलेज विधायक संजय रत्न द्वारा चंगर इलाके के लिए बहुत बड़ी सौगात रही है। मझीन व खुंडिया में महाविद्यालय खोलने के लिए एनएसयूआई ने विधायक संजय रत्न का दिल से आभार व्यक्त किया है। वही नीरज ने प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि मंडी जिला में एनएसयूआई के प्रदेशाध्यक्ष टोनी ठाकुर की अध्यक्षता में राहत सामग्री पहुंचाने का काम किया जा रहा है। मंडी जिला में हर एक आपदा ग्रस्त इलाके में एनएसयूआई पहुंच रही है। वहां पर राहत देने का कार्य किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त एनएसयूआई ने ज्वालामुखी भाजपा नेता पर भी तंज कसा है। उन्होंने कहा कि ज्वालामुखी विधानसभा में भाजपा नेता टूरिस्ट की तरह आते हैं ,इसलिए उन्हें ज्वालामुखी का विकास नहीं दिख रहा है। इस दौरान आदी, दीपक,राहुल,सौरव,अरमान,देवांश,हर्षित,रोबिन,राज इत्यादि एनएसयूआई के कार्यकर्ता उपस्थित रहे ।
राजकीय महाविद्यालय ढलियारा की एनसीसी इकाई ने पर्यावरण संरक्षण की तत्काल आवश्यकता के बारे में जनता और छात्रों को जागरूक करने के लिए एक पर्यावरण जागरूकता रैली का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में एनसीसी कैडेटों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और ढलियारा के आस-पास के इलाकों से मार्च ,नारे और हरित, स्वच्छ भविष्य की वकालत करने वाले तख्तियां प्रदर्शित कीं। यह रैली 6 एचपी (1) एनसीसी कंपनी, ऊना के पीआई स्टाफ के मार्गदर्शन में आयोजित की गई, जिसमें हवलदार सुमेश कुमार और हवलदार कुलविंदर राणा की सक्रिय उपस्थिति रही। दोनों गणमान्य व्यक्तियों ने कैडेटों को संबोधित किया और पर्यावरण संरक्षण में एनसीसी की महत्वपूर्ण भूमिका पर ज्ञानवर्धक व्याख्यान दिए, जिससे युवाओं में जिम्मेदारी और जागरूकता की भावना पैदा हुई। कॉलेज की प्राचार्या डॉ. अंजू आर. चौहान ने एक प्रेरक भाषण दिया और कैडेटों को न केवल अनुशासन और कर्तव्य के माध्यम से, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए पर्यावरण की रक्षा करके भी राष्ट्र की सेवा करते रहने के लिए प्रोत्साहित किया। गवर्नमेंट कॉलेज ढलियारा की एनसीसी इकाई के मुख्य तकनीकी अधिकारी डॉ. कपिल सूद ने रैली को सफल बनाने के लिए सभी प्रतिभागी कैडेटों और सम्मानित अतिथियों का हार्दिक आभार व्यक्त किया। इस पहल की स्थानीय निवासियों ने भी सराहना की, क्योंकि कैडेटों ने समुदाय के सदस्यों के बीच जागरूकता फैलाई और इस संदेश को पुष्ट किया कि पर्यावरण क्षरण के विरुद्ध लड़ाई में हर छोटा कदम एक बड़े उद्देश्य में योगदान देता है।
पूर्व मंत्री एवं वर्तमान में धर्मशाला से विधायक सुधीर शर्मा ने अपने जन्मदिन पर मिसाल पेश करते हुए थुनाग में आपदा प्रभावितों को लगभग 21 लाख रुपए के चेक वितरित किए।थुनाग में आयोजित कार्यक्रम में उनके साथ नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर,विधायक प्रकाश राणा व भारतीय जनता पार्टी के अन्य नेता भी उपस्थित रहे। इस अवसर पर उन्होंने आपदा में अपने परिवार खो चुकी निकिता का आजीवन पढ़ाई का खर्च उठाने का फ़ैसला भी लिया। इसके अतिरिक्त सुधीर शर्मा ने निकिता के नाम एक लाख रुपए की एफ॰डी॰ भी उपहार स्वरूप भेंट की। थुनाग और सराज में सुधीर शर्मा ने पीड़ित परिवारों से मिलकर अपनी गहरी संवेदनाएं प्रकट की तथा कहा कि वे इस दुख की घड़ी में खुदको अकेला न समझें और हौंसला रखें। वह आगे भी प्रभावित लोगों की सहायता के लिए निरंतर प्रयासरत रहेंगे। विधायक सुधीर शर्मा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदा के कारण पूरा प्रदेश प्रभावित है और आपदा की इस घड़ी में हम सभी को साथ मिलकर काम करना होगा। उन्होंने अन्य दानी सज्जनों से भी आपदा प्रभावित लोगों की हर संभव सहायता करने का आह्वान किया।
भारतीय संस्कृति, परंपरा और भाषा के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु समर्पित संस्कृत भारती आगामी सप्ताह को "संस्कृत सप्ताह" के रूप में मनाने जा रही है। इस अवसर पर देशभर में 6 अगस्त से 12 अगस्त तक विभिन्न स्तरों पर अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इस संदर्भ में जानकारी देते हुए संस्कृत भारती (हिमाचल प्रदेश) देहरा जनपद प्रचार प्रमुख एवं ज्योतिषाचार्य डॉ. शैलेश कुमार तिवारी ने बताया कि संस्कृत सप्ताह का आयोजन श्रावण पूर्णिमा (रक्षाबंधन) से तीन दिन पहले 6 अगस्त से आरंभ होगा और यह 12 अगस्त तक चलेगा। इस सप्ताह के दौरान शोभायात्रा, भजन संध्या, पत्र वितरण, स्तोत्र पाठ जैसे विविध आयोजन किए जाएंगे। इन आयोजनों का उद्देश्य आम जनमानस, विद्यार्थियों व शिक्षकों में संस्कृत भाषा के प्रति जागरूकता उत्पन्न करना है तथा उन्हें इसके वैज्ञानिक और सांस्कृतिक महत्व से परिचित कराना है। डॉ. शैलेश तिवारी ने बताया कि यह सप्ताह "संस्कृतम् जीवनस्य आधारम्" की भावना के साथ मनाया जा रहा है। संस्कृत भारती का मुख्य उद्देश्य सरल, वैज्ञानिक पद्धति एवं विशेष शैली के माध्यम से आमजन को संस्कृत संभाषण सिखाना है। उन्होंने बताया कि 5 अगस्त, सोमवार को केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, वेदव्यास परिसर (बलाहर) में इस सप्ताह का उद्घाटन कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसमें अनेक विद्वान, शिक्षक, छात्र और संस्कृत प्रेमी सम्मिलित होंगे।
भाजपा के वरिष्ठ नेता पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री प्रो प्रेम कुमार धूमल ने हिमाचल प्रदेश कांग्रेस सरकार की चार दिवसीय महामंथन मंत्रिमंडल बैठक का सबसे प्रमुख निर्णय, प्रदेश में लॉटरी को पुनः आरंभ करने की निंदा की है। प्रो धूमल ने कहा कि आज से 30 वर्ष पहले 17 अप्रैल 1996 को उच्च न्यायालय ने प्रदेश में चल रही सिंगल डिजिट लॉटरी की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था। इसके उपरांत जब मैं स्वयं 1998 में पहली बार प्रदेश का मुख्यमंत्री बना उसके अगले वर्ष 1999 में हमारी भाजपा सरकार ने एक मत में निर्णय लिया की हिमाचल प्रदेश में पूरा लॉटरी सिस्टम बंद कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह निर्णय केवल मात्र एक निर्णय नहीं था, अपितु पूरे प्रदेश को बर्बादी से बचाने की एक दूरगामी सोच थी। उसे समय हिमाचल प्रदेश की सभी श्रेणियों के कर्मचारियों, सेवानिवृत कर्मचारी, मजदूरों एवं युवाओं ने बड़ी संख्या में लॉटरी खरीदनी शुरू कर दी थी, जिसके कारण कर्मचारियों की सैलरी, युवाओं की बचत, सेवानिवृत की पेंशन और मजदूरों का पैसा दाव पर लग गया था और कई परिवार एवं घर तबाह हो गए थे। इस अभिशाप लॉटरी की आदत हिमाचल प्रदेश की जनता को ना लग जाए इसलिए जनहित में लॉटरी को बंद किया गया था। उस समय कई कर्मचारी एवं सेवानिवृत कर्मचारियों ने अपना वेतनमान एवं रिटायरमेंट की कमाई लॉटरी में गंवा थी। प्रो प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि 2004 में कांग्रेस की सरकार ने लॉटरी को फिर शुरू किया और उसके उपरांत तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह द्वारा इस लॉटरी सिस्टम के ऊपर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया। शायद पूर्व मुख्यमंत्री को भी समझ आ गया था की लॉटरी एक अभिशाप है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में हिमाचल प्रदेश में कुल 231180 कर्मचारी काम कर रहा है, जिसमें से 160000 पक्के कर्मचारी है। इसी तरह से हिमाचल प्रदेश में 9 से 10 लाख बेरोजगार है जिनको इस लॉटरी प्रथा से बड़ा खतरा है, जिससे इनका जीवन दाव पर लग सकता है। हिमाचल की कांग्रेस की सरकार सत्ता में प्रथम कैबिनेट में 1 लाख युवाओं को और 5 साल में 5 लाख युवाओं को पक्की नौकरी देने के वादे पर सत्ता में आई थी पर असलियत जिस प्रकार से निकल कर सामने आ रही है की हिमाचल प्रदेश शराब, चिट्टा, भांग, नशा और लॉटरी का गढ़ बनता दिखाई दे रहा है। भारतीय जनता पार्टी इस निर्णय की कड़ी निंदा करती है और सरकार से मांग करती है कि इस प्रकार के जन विरोधी निर्णय को तुरंत प्रभाव से वापस ले।
हिमाचल प्रदेश में बिकने वाली हर शराब की बोतल पर अब होलोग्राम और क्यूआर कोड लगाना अनिवार्य होगा। यह फैसला आबकारी विभाग ने नकली और अवैध शराब की बिक्री रोकने के लिए लिया है। सरकार ने 'ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम' के तहत इस व्यवस्था को लागू किया है। इस सिस्टम से शराब की हर बोतल पर सिक्योरिटी होलोग्राम, क्यूआर कोड और बॉक्स पर बार कोड लगेगा। बॉटलिंग प्लांट से निकलते वक्त बोतलों और पेटियों को स्कैन किया जाएगा। फिर गोदाम और रिटेल शॉप तक पहुंचने के हर पड़ाव पर इनकी ट्रैकिंग होगी। ग्राहक भी मोबाइल से क्यूआर कोड और होलोग्राम स्कैन कर शराब की असली और नकली पहचान कर सकेंगे। सरकार ने अगले एक साल में 10 करोड़ होलोग्राम तैयार करने की योजना बनाई है।
हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति में शुक्रवार को मौसम का कहर देखने को मिला। घाटी में तीन अलग-अलग स्थानों पर बादल फटने की घटनाएं सामने आईं। सबसे पहले तिंदी के पास पूहरे नाले में बादल फटने से बाढ़ आ गई, जिसमें एक वाहन मलबे में फंस गया। गनीमत रही कि वाहन चालक समय रहते बाहर निकल आया और जान बच गई। इस घटना के बाद उदयपुर-किलाड़ सड़क मार्ग भी अवरुद्ध हो गया, जिसे बीआरओ ने शाम तक बहाल कर दिया। दूसरी घटना यांगला घाटी में सामने आई, जहां बाढ़ का मलबा खेतों में घुस गया। किसान किसी तरह भागकर अपनी जान बचाने में कामयाब रहे। वहीं, तीसरी घटना जिस्पा क्षेत्र में हुई, जहां अचानक आई बाढ़ के कारण सड़क पर मलबा आ गया। सड़क तीन घंटे तक बंद रही, लेकिन किसी तरह की जनहानि नहीं हुई। मौसम विभाग ने राज्य के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में आगे भी भारी बारिश और बादल फटने की आशंका जताई है। प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
हिमाचल प्रदेश में जुलाई 2025 के दौरान औसत से 2 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई है। इस बार प्रदेश में 250.3 मिलीमीटर वर्षा हुई, जबकि जुलाई में सामान्य बारिश का आंकड़ा 255.9 मिमी माना जाता है। मौसम विभाग के अनुसार, यह वर्ष 1901 के बाद जुलाई में 73वीं सबसे अधिक वर्षा है। जुलाई में अब तक सबसे ज्यादा बारिश साल 1949 में 548.6 मिमी रिकॉर्ड की गई थी। जुलाई में मंडी जिला सबसे अधिक बारिश वाला क्षेत्र रहा, जहां 574.7 मिमी बारिश हुई। इसके उलट, लाहौल-स्पीति में सबसे कम 32.2 मिमी वर्षा दर्ज की गई। बिलासपुर, हमीरपुर, कुल्लू, मंडी, शिमला, सिरमौर और ऊना में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज हुई, जबकि चंबा, कांगड़ा, सोलन और लाहौल-स्पीति में सामान्य से कम वर्षा देखी गई। आज और कल के लिए येलो अलर्ट मौसम विभाग ने शनिवार और रविवार (3 और 4 अगस्त) को राज्य के कई हिस्सों में बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी किया है। वहीं, 4 और 5 अगस्त को हल्की बारिश की संभावना जताई गई है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के मुताबिक, अगस्त से सितंबर तक दक्षिण-पश्चिम मानसून के दूसरे चरण में राज्य के कई क्षेत्रों में सामान्य से अधिक वर्षा हो सकती है।
भरमौर-चंबा मार्ग पर रविवार सुबह एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया। लूणा के समीप एक प्राइवेट बस सेवा "लक्ष्मी बस" पर अचानक पहाड़ी से भारी भरकम पत्थर आ गिरा। हालांकि बस को क्षति पहुंची है, लेकिन राहत की बात यह रही कि बस में सवार सभी यात्री पूरी तरह सुरक्षित हैं और किसी तरह की जानमाल की हानि नहीं हुई। यह घटना उस समय हुई जब क्षेत्र में लगातार भारी बारिश हो रही थी। बारिश के चलते पहाड़ियों से पत्थर व मलबा गिरने की घटनाएं बढ़ गई हैं, जिससे यात्रियों की सुरक्षा को लेकर चिंता गहराती जा रही है। स्थानीय प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे भारी बारिश के दौरान पहाड़ी क्षेत्रों में अनावश्यक यात्रा से बचें और सतर्कता बरतें। साथ ही यात्रियों और वाहन चालकों को सावधानीपूर्वक यात्रा करने की सलाह दी गई है। प्रशासन और लोक निर्माण विभाग द्वारा मार्ग की निगरानी की जा रही है और मलबा हटाने का कार्य शुरू कर दिया गया है।
प्रदेश में इस मानसून सीजन में 20 जून से 31 जुलाई तक 173 लोगों की मौत हो गई, जबकि 281 घायल हुए हैं। 36 लोग अभी भी लापता हैं। 78 लोगों की सड़क हादसों में मौत हुई है। बादल फटने, भूस्खलन, बाढ़ से अब तक 1,766 कच्चे-पक्के घरों, दुकानों को क्षति हुई है। 1,313 गोशालाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं। 1,410 पालतु पशुओं की माैत हुई है। नुकसान का कुल आंकड़ा 1,626 करोड़ रुपये पहुंच गया है। प्रदेश में 20 जून से 31 जुलाई तक सामान्य से 10 फीसदी अधिक बारिश दर्ज हुई है। इस अवधि में 357 मिलीमीटर बारिश को सामान्य माना गया है। इस वर्ष 391 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई। किन्नौर, चंबा, लाहौल-स्पीति में सामान्य से कम और शेष जिलों में सामान्य से अधिक बारिश हुई। बिलासपुर में सामान्य से 24, हमीरपुर में 33, कांगड़ा में तीन, कुल्लू में 30, मंडी में 65, शिमला में 71, सिरमौर में 24, सोलन में आठ और ऊना में 22 फीसदी अधिक बारिश हुई। चंबा में सामान्य से 11, किन्नौर में 18 और लाहौल-स्पीति में 70 फीसदी कम बारिश दर्ज हुई।
हिमाचल प्रदेश में वीरवार को राजधानी शिमला सहित ऊना, नाहन, मंडी में बादल बरसे। रोहतांग के साथ ऊंची चोटियों पर वीरवार को बर्फबारी भी हुई। खपीन जोत में पत्थर गिरने से शाहपुर के भेड़पालक की मौत हो गई। कुल्लू के सैंज में पिन पार्वती नदी में बाढ़ आने से शाक्टी मरोड़ को जोड़ने वाले पैदल रास्तों पर बनीं छह पुलियां बह गई हैं। वीरवार शाम तक प्रदेश में 291 सड़कें, 416 बिजली के ट्रांसफार्मर और 219 जल आपूर्ति योजनाएं ठप रहीं। उधर, मनाली-लेह मार्ग पर 24 घंटे बाद भी बड़े वाहनों की आवाजाही ठप है, ऐसे में मनाली से लेह की तरफ जाने वाले करीब 300 ट्रक रास्ते में फंस गए हैं। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने शुक्रवार को पांच जिलों कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला और सिरमौर के कुछ क्षेत्रों के लिए भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। 6 अगस्त तक प्रदेश में मौसम खराब बने रहने का पूर्वानुमान है। राजधानी शिमला में वीरवार को सुबह मौसम साफ रहा। दोपहर को शहर में बादल बरसे। कांगड़ा जिले में वीरवार सुबह कई क्षेत्रों में हल्की बारिश हुई और दिनभर बादल छाए रहे। धर्मशाला में दिनभर धुंध छाई रही। मुल्थान तहसील की दोनों मुख्य सड़कें मुल्थान-बड़ाग्रां व मुल्थान-बरोट-लोहरड़ी ल्हासे गिरने के कारण बंद हो गई हैं।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में गुरुवार को हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक का चौथा और अंतिम दौर आयोजित हुआ। बैठक में कई अहम फैसले लिए गए, जिनमें सबसे बड़ा निर्णय प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र आयोजित करने को लेकर रहा। कैबिनेट की बैठक में 18 अगस्त से 2 सितंबर 2025 तक मानसून सत्र चलाने की सिफारिश की गई है। यह सत्र कुल 12 बैठकों का होगा और इसकी अंतिम मंज़ूरी के लिए प्रस्ताव राज्यपाल को भेजा जाएगा। राज्यपाल की स्वीकृति मिलने के बाद अधिसूचना जारी की जाएगी। राज्यपाल को मिलेगी नई मर्सिडीज, कीमत 92 लाख रुपए बैठक में एक और चर्चित निर्णय राज्यपाल के लिए नई गाड़ी ख़रीदने को लेकर लिया गया। कैबिनेट ने राज्यपाल के लिए 92 लाख रुपए की नई मर्सिडीज कार ख़रीदने को मंज़ूरी दी है। संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रोटोकॉल के तहत राज्यपाल की आधिकारिक गाड़ी को हर पांच साल में बदला जाता है। उसी प्रक्रिया के तहत यह स्वीकृति दी गई है। सरकारी लॉटरी को फिर से शुरू करने का फ़ैसला कैबिनेट ने हिमाचल प्रदेश में सरकारी लॉटरी को दोबारा शुरू करने का भी फैसला किया है। यह योजना वर्ष 1998 में बंद कर दी गई थी, लेकिन अब इसे फिर से शुरू करने की मंज़ूरी मिल गई है। पंजाब जैसे पड़ोसी राज्यों में इस योजना से राजस्व अर्जन हो रहा है और अब हिमाचल भी इसी दिशा में आगे बढ़ेगा। OBC आरक्षण और स्क्रैप नीति पर भी मुहर बैठक में शहरी निकाय चुनावों में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को आरक्षण देने का निर्णय भी लिया गया। इसके अलावा, बिना पंजीकरण के चल रही वाहनों को स्क्रैप करने का निर्णय भी लिया गया है, जिससे सड़कों पर चल रहे अवैध और पुराने वाहनों पर लगाम लगाई जा सकेगी।
यहाँ आपकी स्क्रिप्ट को बेहतर भाषा, प्रवाह और न्यूज़ प्रेज़ेंटेशन के लिहाज से एडिट किया गया है: हिमाचल प्रदेश सरकार ने नशे के खिलाफ अभियान को और तेज़ करते हुए एक बड़ा कदम उठाया है। अब प्रदेश में पुलिस भर्ती से पहले सभी उम्मीदवारों का डोप टेस्ट ज़रूरी होगा। साथ ही, सभी नए सरकारी कर्मचारियों को यह शपथ पत्र देना होगा कि वे किसी भी तरह के नशे, खासकर सिंथेटिक ड्रग्स यानी चिट्टे का सेवन नहीं करते। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि राज्य सरकार ड्रग्स के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। इसी के तहत हर ज़िले में नशा मुक्ति केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जिनके लिए 14.95 करोड़ रुपए स्वीकृत किए जा चुके हैं। इसके अलावा, नशे के खिलाफ जमीनी स्तर पर कार्रवाई के लिए पुलिस कांस्टेबलों के साथ आशा वर्करों और पंचायत सहायकों की टीम भी गठित की जाएगी। मुख्यमंत्री सुक्खू ने बताया कि सरकार ने PIT-NDPS एक्ट को लागू किया है, जिसके तहत सिर्फ शक के आधार पर भी संदिग्ध को हिरासत में लिया जा सकता है। इस एक्ट के तहत अब तक 44 लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है और ड्रग नेटवर्क से जुड़ी करीब 42.22 करोड़ की संपत्तियाँ ज़ब्त की गई हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में दोगुनी है। राज्य भर के सभी पुलिस थानों को अब A, B, C और D ग्रेड में वर्गीकृत किया जाएगा। यह ग्रेडिंग संबंधित क्षेत्र की जनसंख्या और अपराध दर के आधार पर की जाएगी, ताकि सुधारात्मक कार्यवाही को और व्यवस्थित रूप दिया जा सके।
वन परिक्षेत्र अंब के तहत ज्वार ब्लॉक में अधिकारी के पद पर कार्यरत अरविंद शर्मा गुरुवार को सेवानिवृत्त हो गए। उन्होंने लगभग 40 वर्षों तक वन विभाग में सेवाएं दीं। विभाग की ओर से उन्हें भावभीनी विदाई दी गई और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। अरविंद शर्मा ग्राम पंचायत लूथान के निवासी हैं। उन्होंने 1 जनवरी 1986 को वन निगम में बतौर फॉरेस्ट गार्ड अपनी सेवा की शुरुआत की थी। वर्ष 2003 में उन्होंने वन विभाग के नालागढ़ रेंज में कार्यभार संभाला। तत्पश्चात पदोन्नति के बाद ब्लॉक अधिकारी के रूप में ज्वार में दो वर्षों तक सेवा दी। सेवानिवृत्ति के अवसर पर अरविंद शर्मा ने डीएफओ ऊना सुशील राणा, रेंज ऑफिसर अंब राहुल ठाकुर और समस्त सहयोगियों का आभार व्यक्त किया। रेंजर राहुल ठाकुर ने कहा कि अरविंद शर्मा ने हर जिम्मेदारी को पूरी ईमानदारी और निष्ठा से निभाया। उनकी सेवाओं को विभाग हमेशा याद रखेगा। इस अवसर पर विभाग के अधिकारी और सहकर्मी उपस्थित रहे।
सोलन ज़िले की पट्टा बरावरी पंचायत में प्रदेश कोली समाज के राज्य कार्यकारी अध्यक्ष और पूर्व पेंशनर कल्याण संघ अध्यक्ष (कुनिहार इकाई) जगदीश सिंह का 80वां जन्मदिवस सादगी और सेवा भावना के साथ मनाया गया। इस अवसर पर पेंशनरों ने पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। पट्टा बरावरी-हरिपुर यूनिट और कुनिहार यूनिट के पेंशनरों की मौजूदगी में समारोह का आयोजन किया गया। जगदीश सिंह के पैतृक गांव पन्याली में, पेंशनर कार्यालय भवन से श्मशान घाट तक सड़क किनारे लगभग 50 पौधे जैसे आंवला, जरूनी, बांस और भेड़ा रोपे गए। समारोह की शुरुआत जिला मीडिया प्रभारी डी.डी. कश्यप ने की, जिन्होंने जगदीश सिंह को जन्मदिवस की शुभकामनाएं दीं और उनके दीर्घायु जीवन की कामना की। इसके बाद सभी पेंशनरों ने बारी-बारी से उन्हें बधाई दी। इस अवसर पर रूपेन्द्र कौशल (सेवानिवृत्त अधिशासी अभियंता, विद्युत बोर्ड), रामनाथ कश्यप (जिला कोली समाज अध्यक्ष), जगदेव गर्ग (अध्यक्ष, पेंशनर एवं वरिष्ठ नागरिक कल्याण संगठन), ग्राम पंचायत प्रधान हरिश कौशल सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में जगदीश सिंह ने सभी पेंशनरों और अतिथियों का आभार व्यक्त किया और उनके लिए भोजन की व्यवस्था भी की गई। इस संबंध में जानकारी जिला मीडिया प्रभारी डी.डी. कश्यप द्वारा प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी गई।
30 जून को आई प्राकृतिक आपदा के बाद स्याठी गांव के डेढ़ दर्जन से अधिक बेघर परिवारों को अब राहत की किरण दिखने लगी है। प्रशासन ने प्रभावितों को बसाने के लिए सरकारी भूमि आवंटन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। रविवार को राजस्व विभाग की टीम, ग्राम पंचायत प्रतिनिधि और प्रभावित परिवारों ने टौरीनाला क्षेत्र में भूमि का चयन किया। यह भूमि लौंगनी ग्राम पंचायत के हुक्कल मुहाल में चिन्हित की गई है, जिसे प्रशासन की ओर से अनुमोदन के लिए उपायुक्त मंडी को प्रस्तावित किया जाएगा। उपायुक्त को तीन विश्वा तक भूमि आवंटन की स्वीकृति देने का अधिकार है। पूर्व ज़िला पार्षद भूपेंद्र सिंह ने बताया कि प्रभावितों को न केवल भूमि उपलब्ध करवाई जा रही है, बल्कि उन्होंने रसोई गैस कनेक्शन व सिलेंडर भी शीघ्र दिलवाने की मांग प्रशासन से की है। पुराने मामले भी उठाए गए भूपेंद्र सिंह ने 2023 की आपदा में प्रभावित हियुन-बल्ह (तनियार पंचायत) के अनुसूचित जाति परिवारों की भी समस्या उठाई है। उन्होंने बताया कि इन एक दर्जन परिवारों को अब तक भूमि नहीं मिल पाई है और वे दो वर्षों से किराए के घरों में रह रहे हैं। जिन दो परिवारों को सरकार से मकान बनाने के लिए राशि मिली भी, उन्हें पहले ज़मीन खरीदनी पड़ी, जिससे बजट का बड़ा हिस्सा खर्च हो गया। फिलहाल 21 परिवारों को नैना माता मंदिर में अस्थायी रूप से ठहराया गया है। मुख्यमंत्री के निर्देशों पर मंदिर परिसर में छत तो डाल दी गई है, लेकिन वहां शौचालय और स्नानघर जैसी बुनियादी सुविधाएं नाकाफी हैं। सिंह ने मांग की है कि छत के नीचे अलग-अलग केबिन तैयार किए जाएं ताकि हर परिवार को थोड़ी निजता मिल सके। भविष्य को ध्यान में रख बसावट की ज़रूरत उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि जब तक स्थायी ज़मीन न मिल जाए, तब तक प्रभावितों के लिए नाल्ड गौ सदन के पास अस्थायी शेड तैयार किए जाएं। साथ ही कहा कि अनुसूचित जाति समुदायों को बार-बार उन स्थानों पर बसाया गया है जो नदियों या नालों के किनारे, या गांवों से दूर रहे हैं, जो भविष्य के लिहाज़ से असुरक्षित हैं। इस बीच प्रभावितों, ग्राम पंचायत प्रधान, उपप्रधान और अन्य प्रतिनिधियों ने भूमि आवंटन प्रक्रिया शुरू करवाने के लिए प्रशासन का आभार जताया है।
हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के शिलाई उपमंडल की एक दुर्गम पंचायत क्यारी गुंडाहां से इंसानियत और साहस की एक अनोखी कहानी सामने आई है। जानकारी के अनुसार, गांव के ही एक किसान की गाय गंभीर रूप से बीमार हो गई थी। गाय की हालत हर बीतते दिन के साथ बिगड़ती जा रही थी, और उसे तुरंत इलाज की ज़रूरत थी। लेकिन गांव से एकमात्र पशु चिकित्सालय 3 किलोमीटर दूर था। बीते दिनों हुई भारी बारिश के कारण यह पहाड़ी रास्ता पूरी तरह से टूट चुका था। जगह-जगह मलबा और फिसलन थी, जिससे किसी भी वाहन का वहां तक पहुंचना नामुमकिन था। गांव वाले निराश हो चुके थे, क्योंकि उन्हें लग रहा था कि अब गाय को बचाना संभव नहीं है। ऐसे मुश्किल समय में गांव के ही दो बहादुर व्यक्ति, दया राम और लाल सिंह, आगे आए। उन्होंने एक ऐसा फैसला लिया जिसने सबको चौंका दिया। उन्होंने तय किया कि वे गाय को अपनी पीठ पर लादकर 3 किलोमीटर दूर अस्पताल तक पहुंचाएंगे। यह फैसला सिर्फ़ शारीरिक ताकत का नहीं, बल्कि अटूट साहस और गहरी आस्था का प्रतीक था। गाय का वज़न 2 क्विंटल से भी ज़्यादा था, लेकिन दोनों ने हार नहीं मानी। उन्होंने रस्सियों की मदद से गाय को सावधानी से अपनी पीठ पर बांधा और अपनी जान जोखिम में डालकर उस मुश्किल रास्ते पर निकल पड़े। बारिश में भीगी हुई फिसलन भरी पगडंडियों पर हर कदम पर खतरा था। ज़रा सी चूक किसी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती थी, लेकिन उनका एक ही लक्ष्य था: ''गौ माता को बचाना''। घंटों तक चले इस संघर्ष के बाद, जब वे अस्पताल पहुंचे और गाय को समय पर इलाज मिला, तो पूरा गांव भावुक हो गया। समय पर इलाज मिलने से गाय की जान बच गई और अब वह पूरी तरह से स्वस्थ है।
हिमाचल प्रदेश में अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश होने की संभावना है, जिसके चलते मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है। यह अलर्ट आज से 5 अगस्त तक के लिए है। इस दौरान, राज्य के कई जिलों में भारी बारिश होने की उम्मीद है। मौसम विभाग के अनुसार, आज चंबा, कांगड़ा, मंडी, और कुल्लू जिलों में कुछ जगहों पर भारी बारिश हो सकती है। वहीं, राज्य के बाकी हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। बीते दिन भी हिमाचल प्रदेश के ज़्यादातर इलाकों में बादल छाए रहे और कई जगहों पर बारिश हुई। इसका असर ऊँचाई वाले क्षेत्रों में देखने को मिला, जहाँ तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। कल कुकुमसेरी में सबसे कम न्यूनतम तापमान 11.3 डिग्री सेल्सियस और भुंतर में सबसे अधिक तापमान 33.5 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। आने वाले दिनों में खराब मौसम को देखते हुए लोगों को खास सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। यह दिशानिर्देश खासकर आम जनता और पर्यटकों के लिए हैं।
प्रसिद्ध शक्ति पीठ चिंतपूर्णी मंदिर में चले सावन मेले के दौरान पहले पांच मेलों में मंदिर न्यास को 82 लाख 50 हज़ार 236 रोयेका नगद चढ़ावा प्राप्त हुआ है। मंदिर अधिकारी अजय मंडयाल ने बताया कि अभी तक छह मेलों के दौरान साढ़े तीन लाख श्रद्धालु मां के दरबार में हाजिरी लगा चुके हैं। यह एक बड़ी संख्या है और यह दर्शाता है कि चिंतपूर्णी मंदिर में श्रद्धालुओं की आस्था कितनी गहरी है। विदेशी करेंसी के रूप में इटली,15 ,ऑस्ट्रेलिया के 50, सिंगापुर से दो, कनाडा से पांच, कतर से एक रियाल, कुवैत से एक ,इंग्लैंड से 110, यूएई से 630 ,यूएसए 140 डॉलर की विदेशी करेंसी भी प्राप्त हुई है। बता दे की सावन माह के इस नवरात्रि की शुरुआत हुई। इसमें 25 जुलाई को 14 लाख 51हज़ार 834 प्राप्त हुए, 26जुलाई को 17लाख76644 रुपये, प्राप्त हुए 27 जुलाई को 18 लाख 55747 प्राप्त हुए, 28 जुलाई को 16 लाख 23073 रुपए प्राप्त हुए व29 जुलाई को 15 लाख 42938 प्राप्त हुए। मंदिर अधिकारी अजय मंडयाल ने बताया कि सावन मेले के दौरान मंदिर न्यास को मिलने वाला चढ़ावा बहुत महत्वपूर्ण होता है। यह चढ़ावा मंदिर के रख-राव और श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं को बढ़ाने में उपयोग किया जाता है।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर प्राचीन ठाकुरद्वारा मंदिर हाटकोट में श्री मद भागवत कथा का आयोजन इस वर्ष बड़े ही धूम धाम से आयोजित किया जा रहा है। इस वर्ष राम लीला जन कल्याण समिति ने भागवत करवाने का जिम्मा लिया है। कुनिहार में जन्माष्टमी कार्यक्रम व पहली बार मटकी फोड़ परियोगिता का आयोजन किया जायगा। श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर आयोजित कार्यक्रमों को किस तरह आकर्षक व भव्य रूप से किया जा सकता है बारे चर्चा व विचार विमर्श कर रूपरेखा तैयार की गई। राम लीला जन कल्याण समिति अध्यक्ष रितेश जोशी व उपाध्यक्ष अमन अत्री ने बताया कि शनिवार 9 अगस्त को कलश यात्रा सांय 5 बजे नजदीक सिविल अस्पताल कुनिहार से प्रारम्भ कर पुराना बस स्टैंड से होते हुए कथा स्थल राज दरबार प्रांगण में पहुंचेगी। उन्होंने बताया कि श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर 16 वर्षीय बाल व्यास स्मृति अपने मुखारविंद से कथा का व्याख्यान करेगी। इसके अलावा समिति ने अन्य कार्यक्रमों की व्यवस्था बारे चर्चा कर उसे अंतिम रूप दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि समिति व समस्त कुनिहार वासियों के सहयोग से यह आयोजन किया जाता है। 15 अगस्त को श्री कृष्ण जन्माष्टमी की रात्रि को मंदिर परिसर में कृष्ण जन्म व झांकियों द्वारा भव्य आयोजन के लिए तैयारियां शुरू कर दी है। 10 अगस्त से 15 अगस्त तक पुराण प्रवचन का समय 2 बजे से सांय 5 बजे तक रहेगा।16 अगस्त को प्रवचन 11 बजे, यज्ञ पूर्णाहुति दोपहर 1 बजे की जायगी। उन्होंने बताया कि इस बार दही हांडी फोड़ प्रतियोगिता भी करवाई जाएगी जिसका समय दोपहर 2 बजे रहेगा। सांय 4 बजे ठाकुर जी के रथ की पूरे कुनिहार की परिक्रमा की करवाई जाएगी। दोहपर 2 बजे से विशाल भंडारा का आयोजन किया जाएगा ।वहीं इस मौके पर प्रधान ग्राम पंचायत हाटकोट जगदीश अत्री, उप प्रधान रोहित जोशी, वार्ड सदस्य प्रदीप पुरी, संजय जोशी,राकेश झांझी, आशीष द्विवेदी, संदीप जोशी, अमन अत्री,मुकेश शर्मा, पंकज योगीराज, हनी खुराना,गोलू, मोनू जोशी, लक्ष्य जोशी, पवन पूरी, लबु, हर्षित भारद्वाज, सूर्यांश शर्मा,भूपेंद्र,भारद्वाज, सोनी अरोड़ा, सहित समिति के सदस्य मौजुद रहे।
हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक बुधवार को मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई। लगातार तीसरे दिन हुई मंत्रिमंडल की बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए। मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी कैबिनेट मंत्री हर्षवर्धन चाैहान व यादवेंद्र गोमा ने दी। करुणामूलक आधार पर नौकरियों के लिए आय की सीमा को 2,50,000 लाख से बढ़ाकर तीन लाख सालाना किया गया है। इससे बहुत से अभ्यर्थी नाैकरियों की पात्रता पूरी कर सकेंगे। इसमें पहली प्राथमिकता विधवाओं को दी जाएगी, फिर अनाथ को दी जाएगी। इसके बाद अन्य को माैका मिलेगा। वही करुणामूलक आधार मंत्रिमंडल ने 500 पदों को स्वीकृत किया गया है। ये पक्की नाैकरियां होंगी, जोकि तीन व चार श्रेणी पदों पर मिलेगी। फैसला एसएनजीएनसी शिमला में बीएससी नर्सिंग की सीटों को 60 से बढ़ाकर 100 किया गया। टांडा मेडिकल काॅलेज में इसे 30 से बढ़ाकर 60 किया गया है। मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी कैबिनेट मंत्री हर्षवर्धन चाैहान व यादवेंद्र गोमा ने दी। साथ ही मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश फैक्टरी नियमों में संशोधन को मंजूरी दी गई। इसके तहत अब महिलाएं भी अपनी इच्छानुसार उद्योगों में आठ की बजाय 12 घंटे की ड्यूटी कर सकेंगी। इसके लिए उन्हें ओवरटाइम मिलेगा। मंत्रिमंडल ने राज्य विद्युत बोर्ड की 200 करोड़ स्टेट गारंटी मंजूर की। विद्युत निगम की उधार सीमा को 6,200 करोड़ करने की मंजूरी दी। मंत्रिमंडल की बैठक में फैसला लिया गया कि अब बीएड की संयुक्त प्रवेश परीक्षा एचपीयू की ओर से आयोजित की जाएगी। मंत्रिमंडल ने इसकी मंजूरी दी है। वहीं महर्षि वाल्मीकि कामगार योजना में मकान निर्माण की राशि को तीन लाख रुपये किया गया है। हिमाचल विधानसभा का मानसून सत्र अगस्त में होगा। इसकी तिथि 31 जुलाई को होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में तय की जाएगी।
उपमंडल ज्वालामुखी के तहत बलालडू के पास लोअर घल्लोर में सोमवार को एक कार और मोटरसाइकिल के बीच जोरदार टक्कर हो गई। हादसे में बाइक सवार एक युवक को गंभीर चोटें आई हैं, जबकि चालक को मामूली चोटें पहुंची हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार, कार (नंबर HP 83A-3098) और बाइक (नंबर HP 83A-5971) के बीच यह टक्कर हुई। मोटरसाइकिल को प्रवीण कुमार पुत्र रमेश कुमार, गांव रिड़ी, डाकघर थिल चला रहा था। टक्कर में प्रवीण कुमार को मामूली चोटें आई हैं, जबकि बाइक पर पीछे बैठे विशाल राणा पुत्र जगदीश चंद्र, निवासी गांव लोहारकड़, तहसील खुंडिया, जिला कांगड़ा को गंभीर चोटें आई हैं। घायल विशाल राणा को उपचार हेतु तत्काल सिविल अस्पताल ज्वालामुखी ले जाया गया है। हादसे की सूचना संबंधित पुलिस को दे दी गई है और मामले की जांच जारी है। स्थानीय लोगों ने समय रहते घायलों को अस्पताल पहुंचाने में सहायता की, जिससे एक बड़ी अनहोनी टल गई।
भारत सरकार के डाक विभाग ने डिजिटल दक्षता की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाते हुए अगली पीढ़ी के एपिटे (APT) एप्लिकेशन को लागू करने की घोषणा की है। यह आधुनिक डिजिटल प्रणाली 4 अगस्त से कांगड़ा जिले के 19 डाकघरों में प्रभावी रूप से लागू की जाएगी। नया सिस्टम जिन डाकघरों में लागू किया जा रहा है, उनमें कांगड़ा, बरोह, सुन्ही, दौलतपुर, नगरोटा बगवान, सुनेहड़, टांडा, गग्गल, तियारा, रैत, जवाली, धमेटा, राजा का तालाब, भरमाड़, नगरोटा सूरियाँ, फतेहपुर, रेहन, लंज और रानीताल शामिल हैं। इस ट्रांज़िशन के सुचारु संचालन के लिए 2 अगस्त को एक नियोजित डाउनटाइम रहेगा। इस दिन उपरोक्त डाकघरों में कोई भी सार्वजनिक लेन-देन नहीं किया जाएगा। यह अस्थायी सेवा विराम डेटा माइग्रेशन, सिस्टम सत्यापन और कॉन्फ़िगरेशन प्रक्रिया को सफलतापूर्वक सम्पन्न करने हेतु आवश्यक है। एपिटे एप्लिकेशन को बेहतर ग्राहक अनुभव, तेज़ सेवा वितरण, और स्मार्ट तथा भविष्य-उन्मुख डाक सेवाओं के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह पहल डाक विभाग की राष्ट्र निर्माण और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है। डाक विभाग ने नागरिकों से अनुरोध किया है कि वे अपने कार्यों की योजना पहले से बना लें। अत्यावश्यक सेवाओं के लिए नजदीकी डाकघरों जैसे बनखंडी, जवालामुखी, संसारपुर टेरेस और हरिपुर से संपर्क किया जा सकता है। डाक विभाग ने संभावित असुविधा के लिए खेद व्यक्त किया है और भरोसा दिलाया है कि यह कदम नागरिकों को अधिक कुशल और डिजिटल रूप से सशक्त सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
कुनिहार पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एक वाहन से 48 बोतल अवैध देशी शराब बरामद की है। पुलिस ने इस संबंध में एक व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, थाना कुनिहार से एएसआई जयराम अपनी टीम के साथ गश्त पर थे। इस दौरान उन्हें मुखबिर से सूचना मिली कि अर्की की ओर से एक संदिग्ध गाड़ी (नंबर HP 64C 2622) कुनिहार की तरफ आ रही है, जिसे सूरजीत नामक व्यक्ति चला रहा है, और गाड़ी में अवैध शराब हो सकती है। सूचना के आधार पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उक्त गाड़ी को कुनिहार-अर्की सड़क पर स्थित पावर हाउस के पास रोका और चेकिंग की। तलाशी के दौरान गाड़ी की डिक्की से चार गत्ता पेटियों में कुल 48 बोतल देशी शराब (ब्रांड: पैराडाइज संतरा) बरामद की गई। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और आगे की कार्रवाई की जा रही है। मामले की पुष्टि डीएसपी सोलन अशोक चौहान ने की है।
नव चेतना समाज सेवा संगठन जिला सोलन की एक विशेष बैठक जाडली में संगठन अध्यक्ष देशराज भाटिया की अध्यक्षता में आयोजित की गई । बैठक बारे जानकारी देते हुए संगठन प्रवक्ता मान सिंह ने बताया कि बैठक में संगठन विस्तार बारे विस्तृत चर्चा करने के साथ विभिन्न सामाजिक समस्याओं पर विचार विमर्श कर संगठन के माध्यम से समस्याओं का हल करवाने बारे निर्णय लिया गया, तथा एक जुटता के साथ हर मुद्दे व समस्या को संबंधित विभाग व सरकार के समक्ष रखकर उसका हल करवाने पर सहमति दर्ज की गई। इस बैठक में संगठन के उपाध्यक्ष बलबंत सिंह,सचिव जोगिंद्र सिंह, सलाहकार व प्रवक्ता मान सिंह,कोषाध्यक्ष कमल चंद के अलावा सदस्य मदन लाल आदि मौजूद रहे।
ऑरेंज अलर्ट के बीच हिमाचल प्रदेश के कई भागों में बारिश लगातार जारी है। इससे लोगों की दुश्वारियां बढ़ गई हैं। चंबा जिले के भटियात क्षेत्र के तहत कामला में भूस्खलन से बोलेरो गाड़ी सड़क के बीचोंबीच फंस गई। गाड़ी में सवार लोगों ने भागकर अपनी जान बचाई। वहीं चुराह उपमंडल की ग्राम पंचायत मंगली के भोड़ास गांव में पहाड़ी से हुए भूस्खलन की चपेट में कुछ मकान आए हैं। चुराह उपमंडल का तरेला-बौदेड़ी-मंगली जुनास घारे के समीप बंद हो गया। चुराह उपमंडल का शिकारी मोड़-गनेड़-बिहाली मार्ग गनेड़ नाला में बंद होने से लोगों की दिक्कतें बढ़ गई हैं। कांगड़ा जिले में भी भारी बारिश से कई सड़कें ठप हो गई हैं। शिमला में भी माैसम खराब बना हुआ है। राज्य में बुधवार सुबह 10:00 बजे तक भूस्खलन से 343 सड़कें ठप रहीं। 551 बिजली ट्रांसफार्मर व 186 जल आपूर्ति योजनाएं भी प्रभावित हैं। मंडी जिले में सबसे ज्यादा 217 सड़कें व 155 बिजली ट्रांसफार्मर बाधित हैं। चंबा जिले में 279 व कुल्लू जिले में 111 बिजली ट्रांसफार्मर बाधित हैं। माैसम विज्ञान केंद्र शिमला की ओर से आज कई भागों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। 31 जुलाई से 5 अगस्त तक के लिए कई क्षेत्रों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। बीती रात भटियात में 182.6, पालमपुर 157.0, कांगड़ा 115.8, जोत 85.0, नादौन 76.4, पंडोह 63.5, देहरा गोपीपुर 52.2, गोहर 38.0, पच्छाद 37.3, जोगिंद्रनगर 36.0, चंबा 29.0, धर्मशाला 28.4, नयना देवी 22.6, जुब्बड़हट्टी 21.4, सराहन 20.5, जटाैन बैराज 20.4, सोलन और रोहड़ू 20.0 व कोठी में 18.6 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है।
मंडी ज़िले में बीती रात आई बाढ़ और बादल फटने की घटना ने कई परिवारों को गहरे ज़ख्म दिए हैं। मंगलवार सुबह जेल रोड पर आए मलबे ने दर्शन सिंह का सब कुछ छीन लिया। उनका पूरा परिवार पत्नी, बेटा और भाई मलबे के सैलाब में बह गया। ये सबकुछ उनकी आंखों के सामने हुआ, और वे खुद भी घायल हो गए। फिलहाल वे क्षेत्रीय अस्पताल मंडी में भर्ती हैं। टूटे पैर के दर्द से ज्यादा उन्हें उस हादसे का सदमा सता रहा है, जिसमें उनका पूरा संसार उजड़ गया। इलाज के दौरान वार्ड में मौजूद लोगों से उन्होंने भर्राए गले से कहा, "सब मुझे कह रहे हैं कि मेरा परिवार सुरक्षित है... लेकिन मैं जानता हूं, मैंने खुद उन्हें बहते देखा है..." दर्शन की यह बात सुनकर अस्पताल में मौजूद हर आंख नम हो गई। एक पल ने सब कुछ बदल दिया। अब वह सिर्फ अकेले बचे हैं, जिनकी आंखों में अपनों की आखिरी झलक कैद है। दर्शन सिंह ने बताया कि परिवार के सभी लोगों ने सोमवार रात एक साथ खाना खाया और सोने चले गए। तेज बारिश के चलते बार-बार नींद टूटती रही। करीब 3:30 बजे जोर की आवाज होने पर आस-पड़ोस के सभी लोग घरों की बालकनी और बरामदों में खड़े हो गए। एकाएक रास्ते पर बह रहे पानी का बहाव तेज हो गया। दर्शन सिंह सड़क पर पार्क किए अपने ऑटो को देखने बाहर निकले, पीछे छोटा भाई बलवीर, बेटा अमनप्रीत और पत्नी सपना भी बाहर आ गई। घर से कुछ दूरी पर पहुंचते ही अचानक पानी का बहाव तेज हो गया और देखते ही देखते परिवार के सभी लोग पानी की चपेट में आ गए। तेज बहाव से दर्शन एक शटर के अंदर गिरे। अंधेरा होने से परिवार के लोगों का कुछ पता नहीं चला। किसी तरह तेज बहाव में शटर को पकड़े रखा। बचाव के लिए हाथ पांव मारते हुए एक शीशे का टुकड़ा हाथ लगा। उसकी मदद से दर्शन ने मलबे को हटाते हुए बाहर निकलने की कोशिश की। पानी के बीच पत्थरों की चपेट में आने से एक टांग टूट गई। लोगों ने बड़ी मशक्क्त के बाद दर्शन को बाहर निकाला।
हिमाचल प्रदेश के चार जिलों मंडी, कुल्लू, चंबा और कांगड़ा के कई क्षेत्रों में बुधवार को भी भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी हुआ है। ऊना, हमीरपुर, शिमला और सिरमौर के कई क्षेत्रों में बारिश का येलो अलर्ट रहेगा। मंगलवार को राजधानी शिमला सहित प्रदेश के अधिकांश जिलों में बूंदाबांदी और हल्की बारिश का दौर जारी रहा। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने 31 जुलाई से 4 अगस्त तक प्रदेश के सभी क्षेत्रों में बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। वही मंडी जिले में फिर बादल फटने से भारी तबाही हुई है। मंडी शहर में सोमवार देर रात लगभग 3 बजे बादल फटने से करीब ढाई किलोमीटर क्षेत्र में कहर बरपा है। बादल फटने से आई बाढ़ में फंसे ऑटो को निकालने के चक्कर में मां-बेटे और देवर ने जान गंवा दी। घरों के भीतर मलबे में फंसे 32 से ज्यादा लोगों को खिड़की और दरवाजे तोड़कर सुरक्षित बाहर निकाला गया। प्रशासन ने बताया कि मंडी के जेल रोड से करीब 400 मीटर ऊपर गंधर्व जंगल में बादल फटने से तबाही मची है। जेल रोड, जोनल अस्पताल से सटी दौला कॉलोनी, सैण मोहल्ले और तुंगल कॉलोनी में 100 से ज्यादा बाइक, स्कूटी, ऑटो और कारों समेत अन्य बड़े वाहन मलबे में दब गए। 50 से ज्यादा घरों व दुकानों में मलबा, लकड़ियां और बड़े-बड़े पत्थर घुस गए। कई लोग घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों या रिश्तेदारों के पास चले गए हैं। प्रशासन ने 22 पीड़ितों को पड्डल स्थित गुरुद्वारा में ठहराया है। मंडी के जेल रोड पर बाढ़ में फंसे ऑटो को सुरक्षित जगह पर ले जाते हुए पूर्व पार्षद कृष्णा देवी के परिवार के तीन लोगों की बाढ़ के पानी में बह जाने से मौत हो गई। मृतकों में सपना कुमारी (47), उनका बेटा अमनप्रीत (25) और देवर बलवीर सिंह (45) शामिल हैं। महिला का शव घर के पास कारों के नीचे दबा हुआ था। इसे रेस्क्यू टीम ने कड़ी मशक्कत कर बरामद किया। अमनप्रीत और बलवीर का शव घटना स्थल से 50 मीटर की दूरी पर बरामद हुआ। सपना के पति दर्शन सिंह भी साथ थे, लेकिन वह बाल-बाच बच गए।
ज्वालामुखी उपमंडल के तहत खुण्डियां में भारतीय जनता पार्टी मंडल कार्यकारिणी की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में संगठन को सशक्त करने एवं आगामी योजनाओं को लेकर विस्तृत चर्चा की गई। साथ ही विभिन्न स्थानीय एवं प्रदेश स्तर के मुद्दों पर भी गहन विचार-विमर्श हुआ। सभी कार्यकर्ताओं ने एकजुट होकर पार्टी की मजबूती और जनहित के लिए कार्य करने का संकल्प लिया। बैठक में मंडल के अध्यक्ष संजय राणा, उपाध्यक्ष राजिंदर पाल, ललिता चौहान, पूनम ठाकुर, प्रताप सिंह महामंत्री संजीव कुमार व राजेश शर्मा मंडल सचिव, नरेंद्र कुमार लगड़ू, नरेंद्र अगन कार्यालय सचिव कश्मीर सिंह मीडिया प्रभारी रघुवीर सिंह आईटी संयोजक अग्रवन सिंह सोशल मीडिया प्रभारी शशि कुमार पूर्व मंडल अध्यक्ष मान सिंह राणा युवा मोर्चा अध्यक्ष अजय कुमार राणा इत्यादि उपस्थित रहे ।
हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड उपमंडल सिद्धपुर (योल) के अंतर्गत आने वाले सभी उपभोक्ताओं से अपील की गई है कि वे अपने बिजली बिल का भुगतान 31 जुलाई तक अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करें। विद्युत उपमंडल सिद्धपुर के सहायक अभियंता संतोष कुमार ने बताया कि जिन उपभोक्ताओं के बिजली बिल लम्बित हैं, वे तत्काल प्रभाव से अपना बकाया भुगतान करें, अन्यथा उनके बिजली कनेक्शन बिना किसी पूर्व सूचना के नियमानुसार काट दिए जाएंगे। बिजली बिल का भुगतान उपमंडल कार्यालय सिद्धपुर (योल) के कैश काउंटर पर किया जा सकता है या फिर बोर्ड की वेबसाइट व विभिन्न ऑनलाइन पेमेंट ऐप्स के माध्यम से भी भुगतान किया जा सकता है। बिजली बिल से संबंधित किसी भी सहायता या जानकारी के लिए उपभोक्ता फोन नंबर 01892-246394 (प्रातः 10:00 बजे से सायं 05:00 बजे तक) संपर्क कर सकते हैं।
हिमाचल किसान सभा और सेब उत्पादक संघ के बैनर तले आज सैकड़ों किसान- बागवानों ने वन भूमि से बेदखली के खिलाफ छोटा शिमला सचिवालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। इससे पहले प्रदर्शनकारी टोलेंड से रैली निकालते हुए सचिवालय की ओर बढ़े, जहा उन्होंने ने पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड तोड़ने का प्रयास किया गया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हल्की धक्का-मुक्की भी हुई। गौरतलब है कि हिमाचल हाईकोर्ट द्वारा अतिक्रमित वन भूमि पर लगे सेब को हटाने के आदेश के खिलाफ शिमला के पूर्व डिप्टी मेयर टिकेंद्र सिंह पंवर और एक अन्य याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में फलों से लदे सेब के पौधों की कटान पर रोक लगा दी है। इसके बावजूद किसान-बागवान बेदखली के मसले को लेकर चिंतित हैं और सरकार से जवाब मांग रहे हैं। प्रदर्शन के दौरान किसान नेता एवं पूर्व विधायक राकेश सिंघा ने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा, यह सरकार अपंग है। सुप्रीम कोर्ट ने पहले भी दो मामलों में बेदखली को गैरकानूनी बताया, लेकिन न कोर्ट ने पूरी तरह रोक लगाई और न ही सरकार ने कोई ठोस कदम उठाया। उन्होंने कहा कि, अब जबकि सुप्रीम कोर्ट ने सेब कटान पर रोक लगा दी है, हम उसका स्वागत करते हैं। लेकिन अब हमारा सवाल है कि क्या सरकार और कोर्ट इस आदेश को मानेगा? हम अपनी अगली रणनीति इसी आधार पर तय करेंगे। सिंघा ने चेतावनी दी कि, सरकार के जेलों में जगह कम पड़ जाएगी। 1980 के बाद आई तमाम सरकारें अपने कर्तव्यों में विफल रही हैं। इन्होंने दो इंच भूमि नहीं छोड़ी, बल्कि सारी भूमि को 1952 की अधिसूचना के तहत वन घोषित कर दिया गया। लेकिन जैसे देश के किसानों ने तीन कृषि कानून वापस कराए थे, वैसे ही हम भी अपने हक की लड़ाई पूरी ताकत से लड़ेंगे।
विश्व शांति, आपदाओं की टालना और शक्तियों की अर्जन की कामना के साथ कोठी वंनोगी क्षेत्र में मां जगतजननी आदि शक्ति महामाई देवी भगवती नवदुर्गा की पारंपरिक फेरा यात्रा पर्व का आयोजन 12-13 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद धूमधाम से शुरू हुआ है। यह देव यात्रा क्षेत्र की आस्था, परंपरा और लोक संस्कृति की जीवंत मिसाल है। फेरा यात्रा का शुभारंभ श्रावण मास की द्वादशी तिथि को हुआ, जब पटाहरा गांव से माता दुर्गा व देवता पुंडरीक की पूजा-अर्चना के पश्चात सुहागिन महिलाओं द्वारा पारंपरिक रीति से यात्रा को देहुरी की ओर रवाना किया गया। देहुरी पहुंचने पर देव मिलन और विशाल देव कचहरी का आयोजन हुआ, जिसमें मां दुर्गा के गूर डोला सिंह द्वारा भविष्यवाणी की गई। इस देव यात्रा का आयोजन कारदार लोतम राम, किशन चंद, अनंत राम, डोला सिंह, गूर सेस राम तथा समस्त हारियांनों द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि यह पर्व न केवल आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करता है, बल्कि समुदाय की एकता, संस्कृति और परंपरा को भी मजबूत करता है।
हिमाचल प्रदेश के तीन जिलों कांगड़ा, कुल्लू और मंडी के कई क्षेत्रों में मंगलवार को भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी हुआ है, अन्य क्षेत्रों में बारिश का येलो अलर्ट रहेगा। तीन अगस्त तक पूरे प्रदेश में बारिश का दौर जारी रहने का पूर्वानुमान है। सोमवार को प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में मौसम मिलाजुला बना रहा। राजधानी शिमला में बूंदाबांदी हुई तो अन्य क्षेत्रों में बादल छाए रहे। हिमाचल में सोमवार शाम तक 200 सड़कें, 62 बिजली ट्रांसफार्मर और 110 जल आपूर्ति योजनाएं प्रभावित रहीं। मंडी जिले में सबसे अधिक 121 सड़कें और 39 जल आपूर्ति स्कीमें बाधित हैं। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार प्रदेश में 29 और 30 जुलाई के दौरान बारिश की अधिक गतिविधि होने की संभावना है। 31 जुलाई से 3 अगस्त तक अनेक स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है। आगामी 48 घंटों के दौरान अधिकतम तापमान में 2-5 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आने की संभावना है। प्रदेश में इस मानसून सीजन में 20 जून से 28 जुलाई तक 164 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। 269 लोग घायल हुए हैं। 35 लोग अभी भी लापता हैं। इस दौरान 74 लोगों की सड़क हादसों में माैत हुई है। बादल फटने, भूस्खलन, बाढ़ से अब तक 1,607 कच्चे-पक्के घरों, दुकानों को क्षति हुई है। 1,168 गोशालाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं। 1,402 पालतु पशुओं की माैत हुई है। नुकसान का कुल आंकड़ा 1523 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में भारी बारिश ने फिर तबाही मचाई है। बादल फटने से इस बार मंडी शहर के विभिन्न स्थानों पर भारी नुकसान हुआ है। मंडी शहर के जेल रोड़ में अभी तक तीन लोगों की पानी के बहाव में बहने से मौत की पुष्टि हुई है। एक महिला का शव मलबे में दबी गाड़ियों के बीच में फंसा हुआ था, जिसे कड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकला गया। एक महिला लापता बताई जा रही है। जेल रोड में पुलिस, एनडीआरएफ की ओर से बचाव अभियान चलाया जा रहा है। एसपी मंडी साक्षी वर्मा भी मौके पर माैजूद हैं। बादल फटने के बाद आई बाढ़ में दर्जनों छोटे-बड़े वाहन मलबे में दब गए हैं और कुछ बह गए हैं। इसके अलावा पैलेस काॅलोनी, जोनल अस्पताल और अन्य स्थानों पर बारिश ने कहर बरपाया है। शहर वासियों ने डर के साए में पूरी रात काटी। सुबह नगर निगम के मेयर वीरेंद्र भट्ट, कमीशनर रोहित राठौर और अन्य अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। धर्मपुर लोनिवि मंडल कार्यालय व अधीक्षण अभियंता कार्यालय के ऊपर भारी भूस्खलन हुआ है। कई गाड़ियों के दबने की भी सूचना है। ब्यास, सुकेती, और सकोडी खड्ड के उफान पर होने से साथ लगते घरों के लोग भी सहम गए। नगर निगम आयुक्त मंडी रोहित राठौर ने कहा कि मंडी में भारी बारिश के कारण ऊपरी इलाकों का मलबा निचले इलाकों में जमा हो गया। यह बादल फटने का नतीजा हो सकता है। सभी अधिकारी फिलहाल राहत कार्य में जुटे हैं। हमें जेल रोड के पास हुए नुकसान की सूचना मिली है। इस हादसे में कई लोगों की मौत हो गई है। हमें 2 शव मिले हैं। एनएचएआई के अधिकारियों ने जानकारी दी है कि लगातार हो रही भारी वर्षा के कारण मार्ग को बहाल करने में कठिनाई आ रही है। वर्षा बंद होने के बाद ही मार्ग को खोल दिया जायेगा। मंडी में भारी बारिश के कारण दोनों प्रमुख नेशनल हाईवे को बंद कर दिया गया है। चंडीगढ़-मनाली और पठानकोट-मंडी नेशनल हाईवे बीती रात से बंद पड़ा है। चंडीगढ़-मनाली एनएच पर 4 मील, 9 मील, दवाड़ा, झलोगी और अन्य स्थानों पर भारी भूस्खलन हुआ है। इसी तरह से पठानकोट मंडी पर भी पत्थर से लेकर मंडी तक अनेकों स्थानों पर भूस्खलन हुआ है। जिले में अभी भी बारिश का दौर जारी है। राहत कार्यों में दिक्कतें आ रही हैं। मंडी शहर के विक्टोरिया पुल के पास लैंडस्लाइड भी हुआ है।
लाहलड़ी गांव में रविवार शाम विधायक आशीष शर्मा ने एक जिम का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने युवाओं को नशे से दूर रहने और फिटनेस के प्रति जागरूक रहने के लिए प्रेरित किया। विधायक ने कहा कि जिम खोलने का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना और युवाओं को सकारात्मक गतिविधियों की ओर प्रेरित करना है। कार्यक्रम के दौरान स्थानीय महिला मंडल को सम्मानित किया गया। साथ ही, गुरु रविदास आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय होशियारपुर से संबंध रखने वाले 18 कॉलेजों में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली स्थानीय छात्रा दीक्षा पटियाल को भी सम्मानित किया गया। इस अवसर पर "एक पेड़ मां के नाम" अभियान के तहत पौधरोपण भी किया गया। कार्यक्रम में स्थानीय पार्षद वकील सिंह, स्वाति जार, अनिल, रविंद्र सहित कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।
राज्य सरकार पक्के घरों के निर्माण के लिए सात लाख और कच्चे घरों के लिए एक लाख रुपये देगी। मंत्रिमंडल की बैठक में सोमवार को मानसून में बादल फटने और बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई के लिए आपदा राहत पैकेज पर फैसला लिया जाएगा। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में होने जा रही कैबिनेट बैठक में आपदा में हुए नुकसान और आपदा राहत पैकेज पर प्रस्तुति दी जाएगी। कैबिनेट की बैठक में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी आपदा राहत पैकेज घोषित करने का एजेंडा रखेंगे इसके अनुसार अगर प्राकृतिक आपदा से किसी का घर पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है तो उसे सात लाख की मदद मिलेगी। सात लाख रुपये में केंद्र से एसडीआरएफ के तहत 1.30 लाख का अंशदान दिया जाएगा। बाकी खर्च का वहन राज्य सरकार करेगी। आंशिक रूप से नष्ट हुए घर के लिए एक लाख की मदद दी जाएगी। इसमें केंद्र सरकार का अंशदान 12,500 रुपये होगा और राज्य सरकार 87,500 रुपये की मदद जारी करेगी। गोशाला नष्ट होने पर 50 हजार की मदद दी जाएगी। इसमें केंद्र का अंशदान 10 हजार का होगा और राज्य सरकार 40 हजार देगी। गाय या भैंस की मृत्यु होने पर 55 हजार की सहायता दी जाएगी। इसमें राज्य सरकार 37,500 रुपये और केंद्र 17,500 रुपये देगा। दुकान या ढाबा नष्ट होने पर एक लाख रुपये की मदद दी जाएगी। बगीचे या कृषि योग्य भूमि के नष्ट होने पर 10 हजार और भूस्खलन से नुकसान पर 5,000 रुपये की मदद दी जाएगी। नुकसान का यह आकलन संबंधित क्षेत्र के राजस्व अधिकारी करेंगे। हिमाचल प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण और सामुदायिक सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के तौर पर शुरू की गई वन संवर्धन योजना पर मंत्रिमंडल की बैठक में चर्चा होगी। राजीव गांधी वन संवर्धन योजना का उद्देश्य बंजर और क्षतिग्रस्त वन भूमि पर फलदार वृक्ष लगाकर राज्य ग्रीन कवर बढ़ाना है, साथ ही महिला मंडलों, युवक मंडलों और स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से रोजगार सृजन और जनभागीदारी को बढ़ावा देना भी है। वन विभाग में फील्ड स्टाफ की कमी और बढ़ती पर्यावरणीय चुनौतियों के मद्देनजर यह योजना शुरू की गई है। मंत्रिमंडल की बैठक में पौधा रोपण के लिए दिए जाने वाले भूखंड और मानदेय पर फैसला लिया जाएगा। साथ ही ग्रीन एडॉप्शन स्कीम के तहत निजी कंपनियों को वनीकरण के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से पौधरोपण के लिए भूमि उपलब्ध करवाने पर भी निर्णय होगा। मंत्रिमंडल की बैठक में कांगड़ा एयरपोर्ट के विस्तार को लेकर समय सीमा बढ़ाने पर भी फैसला प्रस्तावित है। एयरपोर्ट के विस्तार का काम अवाॅर्ड करने के लिए समय सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव है।
राजस्व, बागवानी, जनजातीय विकास और जन शिकायत निवारण मंत्री जगत सिंह नेगी ने शनिवार को धर्मपुर उपमंडल के स्याठी गांव का दौरा कर प्राकृतिक आपदा से प्रभावित क्षेत्रों में जारी राहत एवं पुनर्निर्माण कार्यों का बारीकी से निरीक्षण किया। प्रभावित लोगों से मिलकर हालचाल जाना और उनकी समस्याओं को सीधे समझने के साथ उन्होंने अधिकारियों को कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है कि हर प्रभावित व्यक्ति तक राहत सामग्री और आर्थिक मदद पहुंचे। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आपदा के 24 घंटे के भीतर प्रभावित इलाकों का दौरा कर प्रशासन को राहत एवं पुनर्वास कार्यों के कड़े निर्देश दिए हैं। मंत्री ने स्पष्ट किया कि जिन परिवारों के घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं, उन्हें अधिकतम 7 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता दी जाएगी, जो देश में अब तक किसी राज्य सरकार द्वारा दी गई सबसे बड़ी राहत राशि है। हालांकि, भूमि की उपलब्धता एक बड़ी चुनौती बनी हुई है क्योंकि अधिकतर खाली जमीन वन क्षेत्र में आती है। इस समस्या के समाधान के लिए राज्य सरकार ने वन संरक्षण अधिनियम में संशोधन हेतु केंद्र को प्रस्ताव भेजा है। वहीं, वन अधिकार अधिनियम के तहत भी आजीविका पर निर्भर परिवारों को जमीन उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अतिरिक्त, प्रभावित खेतों और बागीचों के नुकसान का आकलन राजस्व, कृषि और बागवानी विभाग संयुक्त रूप से करेंगे और मुआवज़ा राशि बढ़ाई गई है। राजस्व मंत्री ने लोक निर्माण विभाग, जल शक्ति विभाग और विद्युत बोर्ड के पुनर्निर्माण कार्यों की प्रगति की जानकारी ली और उन्हें कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने अटल आदर्श विद्यालय मढ़ी का भी निरीक्षण किया। इस दौरान विधायक चन्द्रशेखर ने क्षेत्र के प्रभावित परिवारों की संख्या बताई और मुख्यमंत्री व सरकार के त्वरित राहत कार्यों के लिए आभार जताया। एसडीएम धर्मपुर जोगिंद्र पटियाल ने बताया कि अब तक प्रभावितों को लगभग 3.85 लाख रुपये की सहायता राशि विभिन्न मदों में दी जा चुकी है। 26 पूरी तरह से क्षतिग्रस्त पक्के घरों व 3 कच्चे घरों को 2.50 लाख रुपये, आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त 10 पक्के व 18 कच्चे घरों को 70 हजार रुपये की अग्रिम राहत दी गई है। साथ ही गौशालाओं को 65 हजार रुपये की सहायता प्रदान की गई। राहत सामग्री के तहत 29 राशन किट, 16 कंबल, 612 तिरपाल और गैस सिलेंडर आदि वितरण किए गए हैं। पेयजल योजनाओं में अधिकांश कार्य आंशिक रूप से बहाल हो चुके हैं और कुछ सड़कों की मरम्मत प्रगति पर है।
केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के बलाहर स्थित वेदव्यास परिसर में राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) इकाई द्वारा एक विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया गया। यह व्याख्यान परिसर के प्राध्यापकों और विद्यार्थियों के लिए आयोजित किया गया था, जिसमें संस्कृतभारती के अखिल भारतीय सम्पर्क प्रमुख श्रीश देव पुजारी मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। व्याख्यान का मुख्य फोकस भारतीय ज्ञान प्रणाली की अवधारणा, उसकी वर्तमान चुनौतियाँ, समाधान और छात्रों की उसमें सक्रिय भूमिका पर केंद्रित रहा। श्रीश देव पुजारी ने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि संस्कृत केवल एक भाषा नहीं, बल्कि भारत की आत्मा है। उन्होंने विद्यार्थियों को संस्कृत क्षेत्र में अपने योगदान को पहचानने और उसे मजबूती से निभाने की प्रेरणा दी। इस अवसर पर व्याख्यान के बाद परिसर के आचार्यों के साथ एक विशेष परिचर्चा भी आयोजित की गई, जिसमें शिक्षा और संगठन से जुड़े मुद्दों पर गंभीर विमर्श किया गया। गौरतलब है कि श्रीश देव पुजारी इन दिनों पंचदिवसीय प्रवास पर हिमाचल प्रदेश में हैं। इस प्रवास के दौरान वे राज्य में संस्कृतभारती के संगठनात्मक विस्तार, व्यवस्थापन और सशक्तिकरण को लेकर सक्रिय हैं। साथ ही प्रदेश के प्रमुख संस्कृत शिक्षण संस्थानों, जैसे केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, केन्द्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला, विभिन्न गुरुकुल और संस्कृत महाविद्यालयों में अध्ययन-अध्यापन की वर्तमान स्थिति, भविष्य की आवश्यकताएँ और संभावनाएँ समझने के लिए प्रशासनिक एवं सामाजिक प्रतिनिधियों से मुलाक़ात भी कर रहे हैं। वेदव्यास परिसर में आयोजित इस व्याख्यान में विश्वविद्यालय के सभी शिक्षक, कर्मचारी और छात्र-छात्राएँ मौजूद रहे। आयोजन को लेकर परिसर में उत्साहपूर्ण वातावरण देखने को मिला।
बिलासपुर उपायुक्त राहुल कुमार ने शुक्रवार को सब्ज़ी मंडी और मीट मार्केट का औचक निरीक्षण किया और वहां की गंदगी, अव्यवस्था व अधूरी विकास परियोजनाओं पर सख्त नाराज़गी जाहिर की। निरीक्षण के दौरान डीसी ने नगर परिषद, लोक निर्माण विभाग और जल शक्ति विभाग के अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई और दो टूक शब्दों में कहा कि अब लापरवाही बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उपायुक्त ने अधिकारियों को 15 अगस्त तक पूरे क्षेत्र को पूरी तरह स्वच्छ और व्यवस्थित बनाने की अंतिम समयसीमा दी है। उन्होंने कहा कि डियारा सेक्टर तक सफाई और सीवरेज व्यवस्था को युद्धस्तर पर ठीक किया जाए। इसके बाद यदि किसी भी प्रकार की कोताही सामने आई, तो जिम्मेदारों पर कड़ी प्रशासनिक कार्रवाई होगी। डीसी ने साफ शब्दों में कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर फैली गंदगी न केवल शहर की छवि खराब करती है, बल्कि संक्रामक बीमारियों को भी न्योता देती है। ऐसे में यदि नगर परिषद समय पर सफाई और व्यवस्था नहीं सुधारती, तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई तय मानी जाएगी। स्थानीय नागरिकों की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए उन्होंने जल शक्ति विभाग को निर्देश दिए कि जिन जल निकासी नालों में पेयजल आपूर्ति की पाइपें डाली गई हैं, उन्हें तुरंत हटाया जाए ताकि बरसात के दौरान जलभराव और सफाई में बाधा न आए। निरीक्षण के दौरान हिमुडा बोर्ड के निदेशक मंडल सदस्य जितेंद्र चंदेल ने शिकायत की कि कुछ बाहरी लोग खुलेआम इलाके में कूड़ा फेंक रहे हैं। इस पर डीसी ने सहमति जताई और निर्देश दिए कि इन 'हॉटस्पॉट' इलाकों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं। उन्होंने चेतावनी दी कि जो भी व्यक्ति सार्वजनिक स्थानों पर गंदगी फैलाते पकड़ा जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं, एपीएमसी अध्यक्ष सतपाल वर्धन ने बताया कि मंडी परिसर में 5 लाख रुपये की लागत से एक हैंडपंप लगाया जा रहा है, जो लगभग पूरा हो चुका है। इसके अलावा सड़क मरम्मत के लिए 3.60 लाख रुपये और एपीएमसी के पुराने भवन की मरम्मत के लिए 37 लाख रुपये का बजट मंजूर किया गया है। उपायुक्त ने स्पष्ट किया कि जो भी अधिकारी अपनी जिम्मेदारी निभाने में विफल रहेंगे, उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उन्होंने जनता से भी अपील की कि वे स्वच्छता बनाए रखने में प्रशासन का सहयोग करें।
भरमौर के विधायक डॉ. जनक राज ने होली से वाया कलाह मार्ग से होकर पवित्र मणिमहेश यात्रा मार्ग पर श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु की जा रही व्यवस्थाओं का गहन निरीक्षण किया l इस दौरान उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मिलकर यात्रा मार्ग पर व्यवस्थाओं का जायज़ा लिया और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। स्वच्छता अभियान में सक्रिय भागीदारी करते हुए उन्होंने स्वयं साफ-सफाई में हिस्सा लिया और स्थानीय लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक रहने का संदेश भी दिया।निरीक्षण के दौरान डॉ. जनक राज ने स्थानीय लोगों से संवाद कर उनके सुझाव लिए ताकि व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाया जा सके। उन्होंने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए कि यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।
कारगिल विजय दिवस पर जब पूरा देश अपने वीर सपूतों को याद कर रहा है, तब हिमाचल के सोलन जिले के बुघार पंचायत का नाम भी गर्व से लिया जाता है। यहां के बेटे शहीद सिपाही धर्मेंद्र सिंह ने मात्र 20 वर्ष की उम्र में पाकिस्तान से लोहा लेते हुए देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी थी। धर्मेंद्र की बहादुरी और बलिदान की गाथा आज भी उनके गांव और परिवार की जुबां पर है। सुबाथू संवाददाता ने जब कारगिल के इस वीर शहीद के पिता नरपत सिंह से बात की तो उनकी आंखों में गर्व भी था और एक अधूरी उम्मीद का मलाल भी। नरपत सिंह ने बताया, “धर्मेंद्र कारगिल युद्ध के दौरान सबसे आगे वाली टुकड़ी में था। अंधेरे में कवरिंग फायर देते हुए दुश्मनों पर लगातार गोलियां बरसाईं। लेकिन अचानक रोशनी पड़ते ही दुश्मन ने फायरिंग शुरू की और धर्मेंद्र सीने पर गोली खाकर शहीद हो गया।” धर्मेंद्र सिंह का जन्म 26 जनवरी 1979 को हुआ था। 1996 में जमा दो की परीक्षा पास करने के बाद उन्होंने सेना जॉइन की और पंजाब रेजिमेंट में शामिल हुए। उनकी पोस्टिंग कारगिल के बटालिक सेक्टर में हुई। 30 जून 1999 की रात वह और एक साथी दुश्मनों की अग्रिम पंक्ति के बेहद करीब पहुंच चुके थे, तभी दुश्मन की सर्चलाइट की चपेट में आ गए। जवाबी कार्रवाई में दोनों ने बहादुरी से मोर्चा संभाला लेकिन धर्मेंद्र को गोली लग गई और वह शहीद हो गए। 3 जुलाई 1999 को उनका पार्थिव शरीर पूरे राजकीय सम्मान के साथ गांव लाया गया और गंभर नदी के किनारे अंतिम संस्कार किया गया। शहीद के पिता नरपत सिंह ने कहा कि सेना और प्रशासन की ओर से उन्हें पूरा सम्मान मिला, लेकिन राजनीतिक दलों ने सिर्फ़ वादे किए। “मैंने अपने गांव में एक छोटा आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्र मांगा था, जो आज तक फाइलों में ही सिसक रहा है। यह मलाल हमेशा रहेगा।” धर्मेंद्र की याद में उनके पिता ने गांव के स्कूल के पास एक शहीद स्मारक बनवाया है, जिसमें धर्मेंद्र की मूर्ति मंदिर की तरह स्थापित की गई है। “मैं चाहता हूं कि आने वाली पीढ़ी धर्मेंद्र की शहादत से सीखे और देशसेवा को अपना आदर्श बनाए।”
भरमौर जिला परिषद किलोड वार्ड के प्रतिनिधि एवं APMC चंबा के अध्यक्ष ललित ठाकुर ने खड़ामुख में सब्जी मंडी शुरू किए जाने की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि भरमौर और होली के बीच स्थित HPMC की खड़ामुख बिल्डिंग की ऊपरी मंजिल, जो कई वर्षों से खाली पड़ी थी, अब किसानों और बागवानों के हित में उपयोग की जाएगी। यह मंज़िल उपायुक्त चंबा और ADM भरमौर के सहयोग से HPMC द्वारा APMC चंबा को सौंप दी गई है। ललित ठाकुर ने कहा कि भवन की मरम्मत के बाद इसे "सब्जी मंडी" के रूप में चालू कर दिया जाएगा, जिससे स्थानीय किसान-बागवान अपने उत्पाद, जैसे सब्जियां, सेब इत्यादि, स्थानीय स्तर पर उचित दामों पर बेच सकेंगे। इससे न सिर्फ़ उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी बल्कि उन्हें उत्पाद बेचने के लिए अन्य जगहों पर भटकना भी नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि यह मांग लंबे समय से उठ रही थी और मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में अब पूरी होने जा रही है। ललित ठाकुर ने मुख्यमंत्री का आभार जताते हुए कहा कि बतौर APMC अध्यक्ष उन्हें जो ज़िम्मेदारी मिली है, उसका उपयोग वह जनता की सेवा और विकास कार्यों के लिए कर रहे हैं। इस अवसर पर APMC चंबा की टीम, तहसीलदार होली, RM HPMC और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
संसारपुर टैरेस से सटे घाटी पंचायत में सड़क किनारे स्थित एक गड्ढा लगातार हादसे को न्योता दे रहा है। इस बारे में पंचायत प्रधान बाजेश्वर कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि यह गड्ढा कई बार दुर्घटनाओं का कारण बनते-बनते टल चुका है। स्थानीय निवासी सुशील कुमार, राज कुमार, शानू और अन्य लोगों ने भी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह गड्ढा सड़क के किनारे है, जहां से गाड़ियों को पास लेने में दिक्कत आती है। अब तक कई बार वाहन चालक हादसे से बाल-बाल बचे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस संबंध में लोक निर्माण विभाग को पहले भी सूचित किया जा चुका है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द इस गड्ढे की मरम्मत करवाई जाए, ताकि किसी बड़े हादसे से बचा जा सके। इस मुद्दे पर जब लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता नितेश कौंडल से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि बरसात के कारण सड़क पर बहाव तेज हो गया है, जिससे यह गड्ढा बन गया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि विभाग की ओर से जल्द ही अस्थायी रूप से इसकी मरम्मत करवाई जाएगी ताकि आमजन को राहत मिल सके।
नगर परिषद सुजानपुर टीहरा में परिवार रजिस्टर बनाने का काम 02 जुलाई से शुरू किया गया था। सर्वेक्षण कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है। यह सर्वेक्षण कार्य लोकमित्र केंद्र की टीम द्वारा किया गया था। हालांकि, नगर परिषद ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई परिवार सर्वेक्षण के दौरान छूट गया हो, तो वह अब भी 31 जुलाई तक अपने परिवार का नाम परिवार रजिस्टर में दर्ज करवा सकता है। इसके बाद शहरी विकास विभाग निदेशालय के निर्देशानुसार, लोकमित्र केंद्र की सर्वे टीम किसी भी छूटे हुए परिवार को रजिस्टर में शामिल नहीं कर पाएगी। जिसके लिए नगर परिषद सुजानपुर टीहरा ने समस्त रहवासी परिवारों से अनुरोध किया है कि जो परिवार अभी तक रजिस्टर में दर्ज नहीं हो पाए हैं, वे जल्द से जल्द निम्नलिखित लोकमित्र केंद्र से संपर्क करें और अपना नाम दर्ज करवाएं।
धर्मपुर विद्युत मंडल के अधीन 33 केवी सबस्टेशन को भारी बारिश और सड़क निर्माण के चलते हुए भूस्खलन से भारी नुकसान झेलना पड़ा है। सरकाघाट से धर्मपुर को आने वाली मुख्य बिजली लाइन के कई पोल गिर गए हैं, जिससे हजारों उपभोक्ताओं और कई पेयजल योजनाओं की बिजली आपूर्ति ठप हो गई है। बिजली विभाग के कर्मचारी पिछले चार दिनों से दिन-रात मलबे में फंसे पोलों को ठीक करने में जुटे हैं। जंगल के भीतर फैले पेड़ों और भारी मलबे की वजह से कार्य में भारी कठिनाई आ रही है। अधिशाषी अभियंता ई. संतोष कुमार शर्मा ने बताया कि विभाग को अब तक ₹10 करोड़ से अधिक का नुकसान हो चुका है। उन्होंने बताया कि मंडप, चोलथरा, मढ़ी और अन्य 33 केवी सबस्टेशनों के माध्यम से वैकल्पिक तौर पर बिजली की आपूर्ति बहाल की गई है, जिससे उपभोक्ताओं को कुछ राहत मिली है। हालांकि, कुछ पेयजल योजनाएं कम वोल्टेज के कारण सुचारु रूप से नहीं चल पा रही हैं, जिससे पेयजल आपूर्ति प्रभावित हो रही है। भूस्खलन का मुख्य कारण धर्मपुर-कोटली सड़क निर्माण कार्य के दौरान की गई अवैध मिट्टी डंपिंग और भारी बारिश को बताया जा रहा है। इससे पहले भी 33 केवी सबस्टेशन पर मलबा भर चुका था, जिससे विभाग को परेशानी हुई थी। अब मुख्य लाइन के पोल गिरने से स्थिति और भी गंभीर हो गई है। वही ई. संतोष कुमार शर्मा ने बताया कि विभाग युद्धस्तर पर कार्य कर रहा है और प्रयास है कि कल तक मुख्य लाइन की बिजली आपूर्ति बहाल कर दी जाए। उपभोक्ताओं को जल्द ही नियमित बिजली और पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।
शिमला स्थित इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (IGMC) पर एक व्यक्ति ने गंभीर आरोप लगाए हैं। पीड़ित ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा करते हुए कहा कि अस्पताल में समय पर इलाज न मिलने के कारण उसकी मां की मृत्यु हो गई। वीडियो में व्यक्ति ने भावुक होकर आरोप लगाया कि IGMC की इमरजेंसी में तकरीबन एक घंटे तक वे, उनके भाई-बहन और पत्नी अपनी माता के इलाज के लिए भटकते रहे, लेकिन इमरजेंसी ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों ने लापरवाही बरती। व्यक्ति ने कहा, "मैंने एक-एक डॉक्टर से अपनी मां के इलाज की भीख मांगी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। डॉक्टर मेरे सामने से गुजरते रहे लेकिन किसी ने इलाज शुरू नहीं किया।" व्यक्ति के अनुसार, वीडियो रिकॉर्ड करने के बाद ही इलाज शुरू हुआ, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। उन्होंने बताया कि उनकी माता का अस्पताल में दाखिला तो हो गया था, लेकिन ट्रीटमेंट का समय निकल गया। उन्होंने यह भी कहा कि दाखिले के बाद एक डॉक्टर बहुत अच्छे थे, लेकिन उन्हें भी इलाज करने का मौका नहीं मिला। इस मामले पर IGMC के डिप्टी मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. अमन ने कहा कि फिलहाल उनके ध्यान में ऐसा कोई मामला नहीं आया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि यदि शिकायत मिलती है तो मामले की जांच की जाएगी। इस वीडियो के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों की तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। कई लोगों ने अस्पताल प्रबंधन से जवाबदेही तय करने की मांग की है।
मातृ शिशु अस्पताल KNH शिमला में डॉक्टरों की लापरवाही का एक बड़ा मामला सामने आया है। डिलीवरी के एक दिन बाद महिला की अस्पताल में मौत हो गई है। परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही बरतने के आरोप लगाए हैं। शिमला के गढ़ावग गांव की रहने वाली 27 साल की अर्चना शर्मा की गुरुवार सुबह 11:30 बजे सीजेरियन ऑपरेशन के जरिए डिलिवरी हुई थी और शुक्रवार सुबह 8: 30बजे उसकी मृत्यु हो गई। परिजनों ने बताया कि आज शुक्रवार सुबह अर्चना को दूसरे कमरे में जबरदस्ती पैदल चल कर शिफ्ट करने को कहा गया। जिसके बाद नर्सों ने उसे बेड से उठाने की कोशिश की इस दौरान महिला को चक्कर आया और ब्लीडिंग भी शुरू हो गई, जिसके थोड़ी ही देर में महिला की मौत हो गई। परिजनों ने आरोप लगाया कि महिला का सीजेरियन ऑपरेशन हुआ था और चलने की स्थिति में नहीं थी, लेकिन उसे जबरदस्ती दूसरे कमरे में शिफ्ट करने की कोशिश की जिससे उसकी मौत हो गई। महिला ने बीते कल ही एक बच्चे को जन्म दिया था और एक चार साल की बेटी घर पर है। परिजनों ने न्याय की मांग करते हुए लापरवाही बरतने वाले डॉक्टर और नर्स पर कारवाई की गुहार लगाई है।
जिला ऊना मुख्यालय में चल रही नौ दिवसीय श्री शिव महापुराण कथा के चौथे दिन शिव विवाह का भावुक प्रसंग प्रस्तुत किया गया। कथा स्थल हर हर महादेव और जय शिव शंकर के जयकारों से गूंज उठा। श्रद्धालुओं ने भजनों पर झूमकर अपनी भक्ति व्यक्त की। कथा व्यास जगतगुरु श्री 1008 विकास दास महाराज ने माता पार्वती की तपस्या, सप्त ऋषियों के उपदेश तथा ताड़का वध की कथा का विस्तार से वर्णन किया। इसके बाद शिव-पार्वती विवाह की कथा सुनाते हुए उन्होंने वातावरण को भावुक कर दिया। भजन "सांसों की माला पर सिमरूं मैं शिव का नाम" पर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो उठे। महाराज ने भजन "लगन तुमसे लगा बैठे, जो होगा देखा जाएगा" गाकर श्रद्धालुओं को भक्ति रस में सराबोर कर दिया। इस अवसर पर पूर्व मंत्री वीरेंद्र कंवर ने भाग लेकर आरती में सम्मिलित हुए और महाराज से आशीर्वाद प्राप्त किया। उनके साथ विजय आंगरा, डॉक्टर राजन आंगरा, नारायण आंगरा, साहिल जैतिक और राजकुमार पठानिया भी मौजूद रहे। जगतगुरु विकास दास महाराज ने कथा के दौरान समाज में फैल रहे नशे के जाल पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि भगवान शिव ने समाज की रक्षा के लिए विषपान किया, लेकिन आज कुछ लोग भोलेनाथ का नाम लेकर भांग और नशे को महिमामंडित कर रहे हैं, जो पूरी तरह गलत है। उन्होंने कहा, "भगवान शिव रक्षक हैं, सृष्टि के पालनकर्ता हैं, वे कभी भी परिवार को तोड़ने या नशे की प्रेरणा देने वाले नहीं हो सकते।" उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे नशे से दूर रहें, पढ़ाई करें, रोजगार की ओर बढ़ें और समाज के लिए ईमानदारी से कार्य करें। विकास दास महाराज ने कहा कि हिमाचल प्रदेश भी अब नशे की गिरफ्त में है। पहले यह हालात पंजाब तक सीमित थे, लेकिन अब देशभर में सिंथेटिक ड्रग्स का खतरा फैल चुका है। उन्होंने कहा कि जो युवा नशे की चपेट में हैं, उन्हें बाहर निकालने के लिए सरकार, समाज और संत समाज को एकजुट होकर काम करना होगा। वहीं जो नशे के माफिया और सप्लायर हैं, उनका सामाजिक बहिष्कार होना चाहिए और उनके खिलाफ कठोर कानून लागू किए जाने चाहिए। विकास दास महाराज ने हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल के नशा मुक्ति अभियान की सराहना करते हुए कहा कि उनका यह प्रयास अत्यंत सराहनीय है। उन्होंने कहा, "राज्यपाल स्वयं फील्ड में जाकर नशे के विरुद्ध रैलियां कर रहे हैं, समाज को जोड़ रहे हैं और जागरूकता फैला रहे हैं।" उन्होंने कहा कि संत समाज भी इस अभियान में भागीदार है और वे स्वयं अपनी कथाओं के माध्यम से लोगों को नशे के खिलाफ जागरूक कर रहे हैं। आने वाले समय में वे राज्यपाल से मिलकर नशा मुक्ति अभियान को और मजबूती देने के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित करने का प्रयास करेंगे। कथा के आयोजक राकेश पुरी और राघव पुरी ने समस्त अतिथियों और श्रद्धालुओं का धन्यवाद ज्ञापित किया और सभी से अनुरोध किया कि वे इस धार्मिक आयोजन के माध्यम से समाज सुधार की दिशा में भी योगदान दें।
हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से एक व्यापक जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसी कड़ी में गुरुवार को आत्मा परियोजना काँगड़ा की उप परियोजना निदेशक डॉ वैशाखा पॉल, कृषि विकास अधिकारी देहरा आदित्य महाजन, कृषि प्रसार अधिकारी स्वाति शर्मा, आत्मा पारिजाना देहरा से खंड तकनीकी प्रबंधक, डिम्पल ठाकुर, सहायक तकनीकी प्रबंधक दीपक ठाकुर और लक्षिता गोयल ने विकास खंड देहरा की पंचायत गुगाना, दरीन, सिल्ह, लुथान, त्रिपल, दरकाटा, बारी कलां का दौरा किआ और किसानों को प्राकृतिक खेती के महत्व, तरीकों और लाभों के बारे मे जानकारी दी, और किसानों का इस योजना के तहत पंजीकरण भी किया गया। इस बार हिमाचल सरकार किसानों से प्राकृतिक हल्दी की 90 रूपये प्रति किलोग्राम और प्राकृतिक मक्की की 40 रूपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से खरीद करने जा रही है। इसके अतिरिक्त उप परिजोना निदेशक काँगड़ा, डॉ वैशाखा पॉल ने बताया कि कोई भी किसान इस बारे में अतिरिक्त जानकारी हेतु कृषि विभाग देहरा में संपर्क कर सकता है तथा इस योजना का लाभ ले सकता है।