** ग्रीष्मकालीन स्कूलों में होगी शुरुआत हिमाचल में अब पांचवीं और आठवीं कक्षा में फेल विद्यार्थी अगली कक्षा में प्रमोट नहीं होंगे। चालू शैक्षणिक सत्र मार्च 2025 में प्रदेश के ग्रीष्मकालीन स्कूलों से इसकी शुरूआत होगी। शीतकालीन स्कूलों में अगले वर्ष से यह व्यवस्था लागू होगी। हिमाचल सरकार ने केंद्र सरकार के संशोधित निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 को प्रदेश में सख्ती से लागू करने का फैसला लिया है। परीक्षा पास करने में असफल रहे विद्यार्थियों को आवश्यक अंक प्राप्त करने को एक और मौका दिया जाएगा। दूसरी बार भी जो विद्यार्थी परीक्षा पास नहीं करेगा, उसे फेल कर दिया जाएगा। बुधवार को प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला उपनिदेशकों को इस संदर्भ में पत्र जारी कर दिया है। बीते दिसंबर में केंद्र ने निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम में संशोधन किया है। केंद्र के फैसले के बाद नो डिटेंशन पॉलिसी को हिमाचल सरकार ने भी बंद कर दिया है। देश में नो डिटेंशन पॉलिसी का फैसला लागू होने के बाद से हिमाचल इसका विरोध कर रहा है। साल 2019 में हिमाचल सरकार ने पांचवीं और आठवीं कक्षा में बिना परीक्षा पास किए बच्चों को पास नहीं करने का फैसला लिया था, लेकिन इस फैसले को सख्ती से लागू नहीं किया। अब कांग्रेस सरकार ने शिक्षा गुणवत्ता बनाए रखने के लिए नो डिटेंशन पाॅलिसी को समाप्त कर दिया है। चालू शैक्षणिक सत्र से पांचवीं और आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों की उत्तर पुस्तिकाएं ब्लॉक और क्लस्टर स्तर पर जांची जाएंगी। अभी तक की व्यवस्था के तहत इन दोनों कक्षाओं के लिए प्रश्नपत्र तो स्कूल शिक्षा बोर्ड की ओर से जारी किए जाते हैं, लेकिन उत्तर पुस्तिकाओं को आसपास के स्कूलों में ही जांचा जाता है। अब पांचवीं कक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं को ब्लॉक और आठवीं कक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं को क्लस्टर स्तर पर जांचा जाएगा।
शिमला: हिमाचल प्रदेश में बीते 24 घंटों में मौसम शुष्क रहा। प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में बीते रोज बुधवार को धूप खिली रही। वहीं, 16 जनवरी को सुबह राजधानी शिमला समेत अन्य क्षेत्रों में बादल छाए हुए हैं, जिससे लोगों को गुरुवार सुबह से ही कड़ाके की ठंड का सामना करना पड़ रहा है। मौसम विभाग ने 16 जनवरी को प्रदेश के निचले पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश और मध्यम व ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई है। वहीं, अगले 3 से 4 दिनों तक अधिकतम तापमान में 3 से 4 डिग्री सेल्सियस गिरावट होने की संभावना है और न्यूनतम तापमान में भी 2 से 4 डिग्री सेल्सियस गिरावट होने की संभावना है। वहीं, कुफरी, नारकंडा में गुरुवार सुबह से बर्फबारी शुरू हो गई है जिससे सड़कों पर फिसलन बढ़ गई है। मौसम विभाग ने शीतलहर को लेकर येलो अलर्ट जारी किया है। खासकर ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, मंडी, सोलन और सिरमौर जिला में शीतलहर की चेतावनी दी गई है। मौसम विभाग के निदेशक कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा , प्रदेश में बीती रात से मौसम ने करवट बदली है और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी जबकि निचले क्षेत्रों में बारिश हो रही है। आगामी दो दिनों तक प्रदेश में मौसम इसी तरह से खराब बना रहेगा। इस दौरान ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी का दौर जारी रहेगा। बीते रोज बुधवार को ताबो प्रदेश का सबसे अधिक ठंडा स्थान रहा। ताबो का तापमान -13.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। वहीं, ताबो का अधिकतम तापमान 11.5 डिग्री दर्ज किया गया। इसके अलावा प्रदेश में ऊना सबसे गर्म रहा। ऊना का अधिकतम तापमान 24.2 डिग्री दर्ज किया गया। इसके अलावा ऊना का न्यूनतम तापमान 1.7 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। इसके अलावा शिमला का न्यूनतम तापमान 4.2, मनाली का -0.6, कुफरी का 2.2, भरमौर का न्यूनतम तापमान 1.1 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
हिमाचल प्रदेश में आज बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई गई है। पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से मौसम में बदलाव आ सकता है, जिससे 21 जनवरी तक मौसम खराब रहने की उम्मीद है। राज्य के मैदानी क्षेत्रों में कोहरे और ऊंचाई वाले इलाकों में शीतलहर से ठंड में इजाफा हो गया है। मंगलवार रात को राज्य के छह स्थानों पर रात का तापमान माइनस में दर्ज हुआ। बुधवार को राजधानी शिमला और राज्य के अन्य हिस्सों में धूप खिली रही, लेकिन आगामी दिनों में मौसम फिर से करवट ले सकता है। इसके साथ ही तीन दिन बाद अटल टनल रोहतांग से बस सेवा फिर से शुरू हो गई है। इससे यात्रियों को राहत मिली है, क्योंकि पहले यात्रा में 10 किलोमीटर पैदल चलने की परेशानी होती थी, अब यह दूरी केवल 5 किलोमीटर रह गई है। इसके अलावा, औट-बंजार-सैंज हाईवे-305 पर भी निगम की बसें घियागी के बजाय सोझा तक चलने लगी हैं। प्रदेश के निचले पहाड़ी और मैदानी इलाकों, जैसे बिलासपुर, ऊना, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी, सोलन और सिरमौर में बुधवार को सुबह और शाम के वक्त घना कोहरा छाया रहा। वीरवार को इन क्षेत्रों में घना कोहरा छाने का येलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार, 16 से 21 जनवरी के बीच मध्य और उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर बारिश और बर्फबारी हो सकती है। वहीं, निचले पर्वतीय और मैदानी क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश का अनुमान है। मौसम विभाग का कहना है कि अगले 3-4 दिनों में राज्य के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान 3 से 5 डिग्री और न्यूनतम तापमान 2 से 4 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है। चंबा, कांगड़ा, किन्नौर, कुल्लू, लाहौल-स्पीति, मंडी और शिमला जिलों में बारिश और बर्फबारी के आसार हैं।
** प्रदेश में लोहड़ी के अवसर पर कड़ाके की ठंड शिमला: इन दिनों उत्तर भारत समेत हिमाचल प्रदेश में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। लोहड़ी के पर्व पर प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर न्यूनतम तापमान में गिरावट देखी गई है। हाल ही में निचले पहाड़ी इलाकों और ऊंचे पर्वतीय क्षेत्रों में हल्की बारिश और बर्फबारी से तापमान में यह गिरावट आई है। मौसम विभाग ने 14 और 15 जनवरी को प्रदेश में मौसम साफ रहने की संभावना जताई है। मौसम विभाग के अनुसार, 16 जनवरी से पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की संभावना है, जिसके कारण प्रदेश में मौसम में फिर से बदलाव हो सकता है। इस दौरान, मध्यम और ऊंचाई वाले कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी हो सकती है। यह पश्चिमी विक्षोभ 19 जनवरी तक सक्रिय रहेगा। हालांकि, निचले पहाड़ी क्षेत्रों जैसे मंडी, बिलासपुर, ऊना और अन्य जगहों पर मौसम साफ रहने की संभावना है। इन क्षेत्रों में सुबह के समय कोहरे को लेकर मौसम विभाग ने अलर्ट भी जारी किया है। बीते 24 घंटों में, मंडी जिले के सुंदरनगर में अधिकतम तापमान 22.3 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 2.1 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। वहीं, स्पीति घाटी के कुकुमसेरी में प्रदेश का सबसे कम तापमान -12.3 डिग्री सेल्सियस रहा। अन्य प्रमुख स्थानों पर तापमान इस प्रकार रहा: शिमला 2.4 डिग्री सेल्सियस, मनाली -1.1, भरमौर 0.3, कुफरी -0.8, पालमपुर 1.0, केलांग -8.7, बिलासपुर 5.4 और ऊना 3.6 डिग्री सेल्सियस।
** प्रदेश में चार मंदिरों के सौंदर्यीकरण के लिए तैयार होगा मास्टर प्लानः मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बीते कल भाषा एवं संस्कृति विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बाबा बालक नाथ, माता चिंतपूर्णी, नैनादेवी और ज्वालाजी मंदिर परिसरों के सौन्दर्यीकरण के लिए मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा। इन मंदिरों में श्रद्धालुओं के लिए विश्व स्तरीय सुविधाओं का सृजन किया जाएगा, जिससे प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को भी प्रोत्साहन मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी वित्त वर्ष से सभी जिलों में ‘जिला स्तरीय उत्सव’ आयोजित किए जाएंगे। प्रदेश में आयोजित किये जाने वाले मेलों एवं उत्सवों में कम से कम एक सांस्कृतिक संध्या स्थानीय कलाकारों के लिए आरक्षित की जाएगी। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के कुल व्यय की 33 प्रतिशत राशि स्थानीय कलाकारों को दिए जाने का प्रावधान किया जाएगा। उन्होंने कलाकारों का मानदेय निर्धारित करने तथा मानदेय का युक्तिकरण करने के भी निर्देश दिए। सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा 107 मेले अधिसूचित किए गए हैं जिनमें 4 अन्तर्राष्ट्रीय स्तर, 5 राष्ट्रीय स्तर, 29 राज्य स्तर तथा जिला स्तर के 69 मेले शामिल हैं। प्रदेश सरकार द्वारा वित्त वर्ष 2024-25 में अभी तक इन मेलों के आयोजन के लिए 1.10 करोड़ रुपये सहायता अनुदान राशि प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि शिमला स्थित बैंटनी कैसल में डिजिटल संग्रहालय की स्थापना का कार्य इस वर्ष पूर्ण कर लिया जाएगा और अंतर्राष्ट्रीय रौरिक स्मारक ट्रस्ट को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने और शिमला विंटर कार्निवाल के आयोजन को अधिसूचित करने के निर्देश भी दिये। मुख्यमंत्री ने विभाग द्वारा कार्यान्वित की जा रही अन्य योजनाओं की विस्तृत समीक्षा भी की। बैठक में उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा, निदेशक भाषा एवं संस्कृति डॉ. पंकज ललित और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार बड़े स्तर पर हरित ऊर्जा के दोहन का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि 72 मैगावाट क्षमता की सात सौर ऊर्जा परियोजनाओं को स्थापित करने के लिए निविदाएं आमंत्रित की गई हैं जिनका मूल्यांकन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इनका कार्य शीघ्र ही सम्बन्धित कम्पनियों को आवंटित कर दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त 325 मैगावाट की 8 परियोजनाओं का सर्वेक्षण एवं जांच का कार्य जारी है। उन्होंने कहा कि पहली बार सरकार राज्य की 200 पंचायतों को ‘हरित पंचायत’ के रूप में विकसित करने की ओर अग्रसर है जिसमें 200 केवी के ग्रांऊड माउंटेड सोलर संयंत्र लगाए जाएंगे तथा इन संयंत्रों से प्राप्त आय को पंचायत के विकास कार्यों में खर्च किया जाएगा। ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि सौर ऊर्जा क्षेत्र में ऊना जिले में 32 मैगावाट की पेखुबेला सौर ऊर्जा परियाजना को 15 अप्रैल, 2024 को जनता को समर्पित किया गया था तथा अप्रैल से अक्तूबर 2024 तक साढ़े छः महीने की अवधि में इस परियोजना के माध्यम से 34.19 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन किया गया है, जिससे 10.16 करोड़ रुपये की आय हुई है। उन्होंने कहा कि इससे अतिरिक्त ऊना जिला के भंजाल में 5 मैगावाट सौर ऊर्जा परियोजना को 30 नवम्बर 2024 को शुरू कर दिया गया है, जबकि 10 मैगावाट की अघलौर सौर ऊर्जा परियोजना का निर्माण कार्य भी इस माह पूर्ण होना अपेक्षित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार हिमाचल प्रदेश को 2026 तक देश का पहला ‘हरित ऊर्जा’ बनाने की दिशा में प्रयासरत है ताकि प्रदेश के पर्यावरण को किसी प्रकार का नुक्सान न हो। उन्होंने कहा कि हरित ऊर्जा के दोहन से जहां पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी, वहीं कार्बन उत्सर्जन भी कम होगा। उन्होंने कहा कि हरित ऊर्जा स्रोत अक्षय हैं और समाप्त नहीं होते, जिससे भविष्य की पीढ़ियों को ऊर्जा की उपलब्धता सुनिश्चित हो पाएगी। यह जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को कम करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त, 2 टन प्रतिदिन की क्षमता के कम्प्रेस्ड बायो-गैस के प्लांट की ड्राफ्ट डीपीआर तैयार कर दी गई है। इसके अलावा प्रदेश के बाल एवं बालिका आश्रमों तथा वृद्ध आश्रमों और राजीव गांधी मॉडल डे-बोर्डिंग स्कूलों में ग्रिड से जुड़े रूफ टॉप सोलर प्लांट और वाटर हिटिंग सिस्टम स्थापित किए जाएंगे।
हिमाचल में महंगाई की मार झेल रहे लाखों उपभोक्ताओं को फरवरी माह राहत भरा रहने वाला है। केंद्र से सस्ते राशन का आवंटन हो गया है जिसके आधार पर प्रदेश सरकार ने भी फरवरी महीने में सरकारी डिपुओं के माध्यम से APL परिवारों को दिए जाने वाला आटे और चावल की मात्रा निर्धारित कर दी है। राहत की खबर ये है कि सरकार ने प्रदेशभर में 4500 से अधिक डिपुओं के माध्यम से एपीएल परिवारों को अगले महीने दिए जाने वाले आटे और चावल की मात्रा में कोई कटौती नहीं की है। ऐसे में फरवरी महीने में भी APL परिवारों को 14 किलो आटा और 6 किलो चावल कोटा प्रति राशन कार्ड मिलेगा। प्रदेश में अगस्त 2023 से एपीएल परिवारों को डिपुओं में मिलने वाले आटे और चावल की दी जाने वाली मात्रा में कोई कट नहीं लगा है। वहीं, इससे पहले हिमाचल में हर दो से तीन महीने में सस्ते राशन के कोटे को घटाया और फिर से बढ़ाया जाता था, लेकिन 17 महीनों से APL परिवारों को दिए जाने वाले आटे और चावल की मात्रा में कोई फेरबदल नहीं हुआ है। केंद्र से राशन का आवंटन होने के बाद प्रदेश के सभी जिलों में डिपुओं के माध्यम से दिए जाने वाले आटे और चावल की मात्रा निर्धारित कर दी गई है। एपीएल परिवारों को आबादी के आधार पर 20 हजार 286 मीट्रिक टन राशन का आवंटन हुआ है। इसमें 14 हजार 131 मीट्रिक टन गेहूं और 6,155 मीट्रिक टन चावल की मात्रा शामिल है। इस बारे में सभी जिला खाद्य नियंत्रकों को निर्देश जारी किए गए हैं। वहीं, अब तय की गई मात्रा के हिसाब से डिपो धारकों को जनवरी महीने के आखिर में परमिट जारी किया जाएगा ताकि डिपुओं में फरवरी के पहले ही सप्ताह से सस्ता राशन उपलब्ध हो सके। हिमाचल प्रदेश में कुल राशन कार्ड धारकों की संख्या 19 लाख 65 हजार 589 है। इसमें कुल एपीएल कार्डधारकों की संख्या 12 लाख 24 हजार 448 है। विभाग के आंकड़ों के मुताबिक इसमें एपीएल टैक्स पेयर कार्डधारकों की कुल संख्या 72 हजार 445 है। वहीं, 11 लाख 52 हजार 3 नॉन टैक्स पेयर एपीएल कार्ड धारक हैं। हिमाचल में एपीएल कार्ड धारकों की कुल आबादी 44 लाख 19 हजार 312 बनती है, जिसमें नॉन टैक्स पेयर एपीएल परिवारों की आबादी 41 लाख 26 हजार 583 है। वहीं, टैक्स पेयर की आबादी 2 लाख 92 हजार 729 है जिन्हें अगले महीने डिपुओं के माध्यम से 14 किलो आटा और 6 किलो चावल प्रति राशन कार्ड मिलेगा। खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के निदेशक राम कुमार गौतम ने कहा, फरवरी महीने के लिए राशन का आवंटन किया गया है। अगले महीने एपीएल परिवारों को पहले की तरह 14 किलो आटा और 6 किलो चावल प्रति कार्ड दिया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश के ग्रीन कॉरिडोर में सरकार ने 41 और इलैक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन लगाने की स्वीकृति दे दी है। हिमाचल प्रदेश को ग्रीन स्टेट बनाने के लिए सरकार जो प्रयास कर रही है उसके लिए सरकार ने एक हाई पावर कमेटी बनाई है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हाल ही में हाई पावर कमेटी की बैठक में फैसला लिया गया है कि ग्रीन कॉरिडोर में अधिक से अधिक संख्या में इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। अभी तक 23 स्टेशन बना दिए गए हैं, लेकिन इस साल 41 और स्टेशन बनाए जाएंगे। इसके साथ ही हिमाचल में पेड़ कटान पर पहले से प्रतिबंध है और अभी सरकार ने कुछ और प्रजातियों के पेड़ों को काटने पर भी रोक लगाई है।सरकार ऐसे काम करना चाहती है, जिससे प्रदूषण न हो और हिमाचल ग्रीन स्टेट के रूप में जाना जाए। इससे हिमाचल को ग्रीन बोनस मिलने में भी आसानी होगी। परिवहन विभाग के निदेशक डीसी नेगी ने बताया कि जियो, बीपी कंपनी मंडी-जोगिंद्रनगर-पठानकोट के साथ कीरतपुर-मनाली-केलांग ग्रीन कॉरिडोर पर ईवी चार्जिंग स्टेशन बना रही है। ईवीआई टेक्नोलॉजी कंपनी परवाणू-ऊना-संसारपुर टैरेस-नूरपुर और परवाणू- शिमला-रिकांगपिओ-लोसर ग्रीन कॉरिडोर पर इस कार्य को कर रही है। इलेक्ट्रो वेब कंपनी शिमला-हमीरपुर-चंबा ग्रीन कोरिडोर को विकसित करने का काम करेगी। दोनों चयनित कंपनियां 75 लाख रुपए प्रति वर्ष लीज मनी के रूप में सरकार को देगी। बीते 10 दिसंबर को इस संबंध में परिवहन विभाग ने दो कंपनियों के साथ चार ग्रीन कोरिडोर में सुविधाएं बढ़ाने के लिए एमओयू हस्ताक्षरित किया था। प्रदेश में अभी ईवी चार्जिंग स्टेशन की संख्या 23 है, जो दिसंबर महीने तक बढक़र 64 हो जाएगी। बीते 10 दिसंबर को इस संबंध में सरकार ने कंपनियों के साथ एमओयू साइन किया था। हाई पावर कमेटी की बैठक में इसको लेकर चर्चा की गई है। कंपनियों को निर्देश दिए गए हैं कि ईवी चार्जिंग स्टेशन लगाने के लिए जो भी औपचारिकताएं हैं, उन्हें जल्द पूरा करें। हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम भी प्रदेश के सभी बस अड्डों में चार्जिंग स्टेशन स्थापित करेगा। उसने कुछ नए बस अड्डों पर इसकी सुविधा तैयार कर ली है। इसके लिए एचआरटीसी को नाबार्ड के तहत 100 करोड़ मंजूर हुए हैं। अभी शिमला, धर्मशाला, कुल्लू सहित कुछेक स्थानों पर ही इवी चार्जिंग स्टेशन की सुविधा है, क्योंकि एचआरटीसी के बेड़े में इलेक्ट्रिक व्हीकल बड़ी संख्या में आने वाले दिनों में शामिल होंगे, लिहाजा उनके लिए चार्जिंग स्टेशन भी सभी स्थानों पर चाहिए। फिलहाल ग्रीन कोरिडोर में लगभग सभी जगहों पर सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
शिमला: हिमाचल प्रदेश में बीते 24 घंटों के दौरान ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी और निचले इलाकों में बारिश ने प्रदेशवासियों को कड़ी ठंड का सामना कराया। मौसम विभाग के अनुसार, 13 जनवरी से मौसम साफ रहने की संभावना है, लेकिन 15 जनवरी से फिर से बारिश और बर्फबारी के आसार हैं। मौसम विभाग ने बताया कि पिछले 24 घंटों में गोंडला में 6 सेंटीमीटर, कोठी, खदराला और नशल्लारू में 5 सेंटीमीटर, जोत और भरमौर में 4 सेंटीमीटर, हंसा में 2.5 सेंटीमीटर, कुफरी में 2 सेंटीमीटर, कल्पा में 0.8 सेंटीमीटर और कुकमसेरी में 0.5 सेंटीमीटर बर्फबारी हुई। शिमला के सराहन में 18.1 मिलीमीटर, रोहड़ू में 15 मिलीमीटर, पच्छाद में 5.1 मिलीमीटर और मनाली में 5 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। 13 और 14 जनवरी को मौसम साफ रहेगा, लेकिन 14 जनवरी रात से पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने के बाद 15 जनवरी से प्रदेश के ऊंचाई और मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बारिश और बर्फबारी हो सकती है। हालांकि, निचले इलाकों में इसका असर कम रहेगा। प्रदेश में 12 जनवरी को सिरमौर जिले के धौला कुआं में 15.7 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान रिकॉर्ड किया गया, जबकि लाहौल-स्पीति का ताबो -5.2 डिग्री सेल्सियस के साथ प्रदेश का सबसे ठंडा स्थान रहा।
वाटर स्पोर्ट्स के बाद जिले को एयरो स्पोर्ट्स हब बनाने के लिए अब यहां हॉट एयर बैलून राइड शुरू करने की तैयारी चल रही है। किरतपुर-नेरचौक फोरलेन पर मंडी भराड़ी पुल के पास हॉट एयर बैलून राइड के लिए प्रशासन औपचारिकताएं पूरी कर रहा है। कवायद सिरे चढ़ी तो जल्द ही यहां हॉट एयर बैलून राइड का लुत्फ उठाया जा सकेगा। हॉट एयर बैलून की सुविधा शुरू होने के बाद जिले की गिनती उन चुनिंदा स्थानों में होगी, जहां पर्यटक हवा में उड़ते हुए प्रकृति के खूबसूरत नजारों का आनंद ले सकेंगे। जिला प्रशासन का उद्देश्य है कि पर्यटकों को साल भर के लिए आकर्षित किया जाए। इससे न केवल स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। हॉट एयर बैलून राइड जैसी रोमांचक गतिविधि शुरू करने के लिए प्रशासन डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन से लाइसेंस, मंजूरी लेने समेत अन्य औपचारिकताएं पूरी कर रहा है। बैलून उड़ाने वाले पायलटों को प्रशिक्षित और प्रमाणित किया जाना भी जरूरी है। बैलून के साथ सभी जरूरी सुरक्षा उपकरण, जैसे फायर सेफ्टी सिस्टम, रेडियो संचार और प्राथमिक चिकित्सा किट उपलब्ध होनी चाहिए। पर्यटकों और उपकरणों की सुरक्षा के लिए बीमा पॉलिसी लेना जरूरी है। साथ ही संचालन से संबंधित कानूनी औपचारिकताएं पूरी करना जरूरी है। पर्यावरणीय प्रभाव को ध्यान में रखते हुए संबंधित विभाग की भी अनुमति चाहिए। बैलून राइड के लिए उचित स्थल का चयन, टेक-ऑफ और लैंडिंग के लिए सुरक्षित स्थान सुनिश्चित करना आवश्यक है। पुलिस, फायर ब्रिगेड और अन्य स्थानीय अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित करना होता है ताकि किसी आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके। हॉट एयर बैलून एक बड़ा गुब्बारा होता है, जिसे गर्म हवा की मदद से उड़ाया जाता है। इसके निचले हिस्से में एक बास्केट होती है, जिसमें लोग खड़ रह सकते हैं। बैलून में लगी बर्नर की मदद से हवा को गर्म किया जाता है, जिससे वह ऊपर उठता है। यह गतिविधि पूरी तरह सुरक्षित और रोमांचक अनुभव प्रदान करती है। हॉट एयर बैलून राइड के जरिए पर्यटक न केवल ऊंचाई से प्राकृतिक नजारों का आनंद ले सकते हैं, बल्कि रोमांच और एडवेंचर का भी अनुभव कर पाएंगे। जिले को पर्यटन दृष्टि से विकसित करने के लिए एडवेंचर स्पोर्ट्स सबसे महत्वपूर्ण है। पैरा मोटर के सफल ट्रायल के बाद अब हॉट एयर बैलून राइड शुरू करने के लिए फाइल तैयार की जा रही है। अगर इसे शुरू करने में सफलता मिलती है तो यह बड़ी उपलब्धि होगी। सब कुछ योजना के अनुसार हुआ तो बिलासपुर जल्द ही एयरो स्पोर्ट्स एडवेंचर का एक प्रमुख केंद्र बनकर उभरेगा।
हिमाचल में मौसम ने फिर करवट बदली है। एक सप्ताह बाद प्रदेश का मौसम बिगड़ा है। नारकंडा और कुफरी समेत ऊंचाई वाले क्षेत्रों में शनिवार रात को बर्फबारी हुई है। इससे देश-विदेश से यहां घूमने के लिए आने वाले सैलानी चहक उठे हैं। बर्फबारी के कारण एनएच 5 पर वाहनों की आवाजाही अवरुद्ध हो गई है। इस वजह से एनएच पर बसों की आवाजाही बंद रही। इसके अलावा चौपाल मार्ग भी बंद है। सड़कों को खोलने का कार्य जारी है। मौसम में आए अचानक बदलाव से शनिवार रात को चंबा के प्रसिद्द पर्यटन स्थल डलहौजी के लक्कड़मंडी, डायन कुंड और ऊपरी इलाकों में बर्फबारी हुई। रविवार कि सुबह बर्फ की सफेद चादर देख पर्यटक भी खुशी से झूम उठे। इस ताजा बर्फबारी से पर्यटन व्यवसायी भी खुश हैं। इस बर्फबारी से समूचा क्षेत्र ठंड की चपेट में हैं। वहीं, लाहौल सहित प्रदेश की ऊंची चोटियों पर शनिवार को बर्फबारी हुई, मैदानों में कोहरा छाया रहा। इससे प्रदेश में ठंड में इजाफा हुआ है। शनिवार को बदले मौसम के बीच अधिकतम पारे में शुक्रवार के मुकाबले आठ डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज हुई। रविवार को बारिश-बर्फबारी होने का पूर्वानुमान है। बिलासपुर, ऊना, कांगड़ा और मंडी के कई क्षेत्रों में शनिवार को सुबह और शाम के समय घना कोहरा छाया रहा। रविवार को भी कोहरा पड़ने का येलो अलर्ट जारी हुआ है। ऊना में शनिवार को ट्रेनें ढाई से तीन घंटे देरी से पहुंचीं। मैदानी जिलों में सुबह 11 बजे के बाद धूप खिली। अपराह्न चार बजे फिर कोहरा छा गया। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने 13 से 16 जनवरी तक मौसम साफ रहने की संभावना जताई है। 17 को फिर बारिश- बर्फबारी के आसार हैं। लाहौल में रुक-रुक कर बर्फबारी होती रही। इससे कुल्लू से लेकर लाहौल तक ठंड व शीतलहर का प्रकोप बढ़ गया। रोहतांग दर्रा के साथ कुंजम दर्रा, बारालाचा, शिंकुला व जलोड़ी दर्रा में फाहे गिरने से तापमान में कमी आई है। सोलंगनाला से आगे पर्यटक वाहनों के जाने पर प्रशासन ने रोक लगा दी है। फोर बाई फोर वाहनों को ही जाने की अनुमति है। ऊना में शनिवार को ट्रेन नंबर 19307 तीन घंटे और दिल्ली एक्सप्रेस ढाई घंटा देरी से ऊना स्टेशन पहुंची। 12 जनवरी को मध्य और उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर बारिश-बर्फबारी व निचले पर्वतीय और मैदानी क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश के आसार हैं।
**नशा तस्करी के मामले में पिछले दशक में 340 प्रतिशत की वृद्धि, स्थिति गंभीर हिमाचल सरकार ने पिछले तीन सालो में प्रदेश में नशा तस्करी करने वाले तस्करों की 16 करोड़ की अवैध संपत्ति को जब्त किया है। हिमाचल प्रदेश में बढ़ रहे नशा तस्करी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे है। पिछले एक दशक में तो बढ़ रहे इन मामलो में 340 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) द्वारा आयोजित ‘नशीली दवाओं की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा’ पर क्षेत्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता की। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सम्मेलन में नादौन से आभासी माध्यम से भाग लिया और बढ़ते नशे के संकट से निपटने के लिए हिमाचल प्रदेश की प्रतिबद्धता पर बल दिया। सम्मेलन में नशीले पदार्थों की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा के बीच संबंधों पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिसमें आठ उत्तरी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों पर विशेष ध्यान दिया गया। सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले एक दशक में नशीले पदार्थों की तस्करी के मामलों में 340 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो वर्ष 2012 में लगभग 500 मामलों से बढ़कर वर्ष 2023 में 2,200 मामले हो गए हैं। इसके अतिरिक्त, हेरोइन से जुड़े मामलों का प्रतिशत भी दोगुना हो गया है, जो वर्ष 2020 में 29 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2024 में 50 प्रतिशत हो गया है। उन्होंने सिंथेटिक दवाओं की चिंताजनक स्थिति का उल्लेख किया, जोकि दुष्प्रभावी होने के साथ-साथ इसकी रासायनिक संरचना के कारण नियंत्रित करना भी कठिन है। उन्होंने नशीली दवाओं की तस्करी से निपटने के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण की आवश्यकता पर बल दिया, विशेष रूप से अंतरराज्यीय सीमावर्ती क्षेत्रों में, जो अवैध गतिविधियों का केंद्र बन चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मादक पदार्थों की तस्करी अक्सर संगठित अपराध और आतंकवाद का कारण बनती है, जो देश की संप्रभुता और सुरक्षा के लिए बढ़ा खतरा पैदा करती है। उन्होंने कानून प्रवर्तन, सार्वजनिक स्वास्थ्य, पुनर्वास और न्यायिक सुधारों के समन्वयन से मादक पदार्थों को नियंत्रित करने के लिए हिमाचल प्रदेश की बहुआयामी रणनीति को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि नशे की लत से पीड़ित लोग स्वभाव से अपराधी नहीं होते। उन्होंने कहा, ‘हमारा दृष्टिकोण दंडात्मक उपायों से आगे बढ़कर मज़बूत पुनर्वास ढांचा विकसित करना होना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य विधायिका ने एनडीपीएस अधिनियम, 1985 की धारा 37 में संशोधन किया है, ताकि आदतन अपराधियों को जमानत हासिल करने की अनुमति देने वाली कानूनी खामियों को दूर किया जा सके। इस संशोधन से कानूनी ढांचा मज़बूत हुआ है, जिससे यह अधिक कठोर और निवारक बन गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटांस (पीआईटी-एनडीपीएस) अधिनियम को राज्य में लागू करने के बाद अवैध तस्करी की रोकथाम शुरू कर दी गई है। यह अधिनियम मादक पदार्थों की तस्करी के मामलों में लगातार शामिल अपराधियों को हिरासत में लेने में सक्षम बनाता है, जिससे सार्वजनिक हितों की रक्षा होती है। ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश ने पिछले तीन वर्षों में 16 करोड़ रुपये की अवैध रूप से अर्जित संपत्ति जब्त की है, जिसमें पिछले वर्ष जब्त किए गए 9 करोड़ रुपये भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि राज्य मादक पदार्थों और नशीली दवाओं से संबंधित अपराधों के लिए समर्पित एक विशेष कार्य बल (एसटीएफ) का गठन करने जा रहा है, जिसके पास विशेष संसाधन, स्वायत्तता और समर्पित पुलिस स्टेशन होंगे, ताकि नशीले पदार्थों के नेटवर्क के खिलाफ अभियान तेज़ किया जा सके। मुख्यमंत्री ने खुफिया जानकारी साझा करने और संयुक्त अभियानों को मज़बूत करने के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ सहयोग के महत्व पर, खासकर सीमा पार नशीली दवाओं की तस्करी से निपटने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्यों और केंद्र सरकार के साथ सहयोग क्षेत्रीय सीमाओं पर सक्रिय तस्करी नेटवर्क को खत्म करने में महत्त्वपूर्ण साबित होगा। उन्होंने कहा कि हमारे सामने चुनौतियां बहुत बड़ी हैं, लेकिन हिमाचल प्रदेश के लोगों के अटूट समर्थन, हमारी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के समर्पण और पुनर्वास के प्रति संवेदनशील दृष्टिकोण के साथ, हम एक नशा मुक्त राज्य बना सकते हैं। हम सब मिलकर शांति, सद्भाव और सुरक्षा के मूल्यों की रक्षा करेंगे, जिन्हें हिमाचल प्रदेश ने हमेशा कायम रखा है, ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित और स्वस्थ भविष्य सुनिश्चित हो सके।
हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में पर्यटक अब 12 महीने पैरा मोटर का लुत्फ उठा सकेंगे। गोबिंद सागर झील किनारे पैरा मोटर का सफल ट्रायल किया गया। ट्रायल सफल रहने पर प्रशासन ने ऑपरेटर को एयरो स्पोर्ट्स नियमों के तहत पर्यटन विभाग से लाइसेंस लेने के लिए कहा गया है। लाइसेंस के बगैर ऑपरेटर व्यावसायिक उड़ानें शुरू नहीं कर पाएगा। जिले में वाटर स्पोर्ट्स के बाद अब जिला प्रशासन एयरो स्पोर्ट्स को बढ़ावा देगा। शुक्रवार को जिला प्रशासन ने धराड़सानी के पास पैरा मोटर का ट्रायल करवाया। ऑपरेटर ने ट्रायल में पांच उड़ानें भरीं और यह जगह पैरा मोटर के लिए उचित पाई गई। प्रशासन ने एक माह तक ऑपरेटर को ट्रायल करने को कहा है, ताकि अगर कोई किसी तरह की दिक्कत आती है तो उसे दूर किया जा सके। वहीं, ऑपरेटर एयरो स्पोर्ट्स नियमों के तहत लाइसेंस के लिए पर्यटन विभाग के पास आवेदन करने के लिए कहा गया है। जैसे ही विभाग लाइसेंस जारी करेगा तो यहां व्यावसायिक रूप से पैरा मोटर उड़ानें शुरू होंगी। यह 12 माह चलने वाली गतिविधि है। इससे पहले बंदला पैराग्लाइडिंग साइट को भी व्यावसायिक गतिविधियों के लिए अधिसूचित किया जा चुका है। इसके बाद अब पैरा मोटर पर्यटन की दृष्टि से बड़ी उपलब्धि है।पैरा मोटरिंग अल्ट्रालाइट विमान का एक रूप है। इसमें पायलट अपनी पीठ पर एक मोटर पहनता है जो एक अनुकूलित पैराग्लाइडर या पैरा मोटर विंग का उपयोग करके उड़ान भरने के लिए पर्याप्त जोर प्रदान करता है। पैरा मोटर के साथ पैराशूट भी लगा होता है, जो हवा में उड़नें और दिशा नियंत्रित करने में सहायता करता है। इसमें शांत हवा में और समतल जमीन पर अकेले पायलट टेक ऑफ करता है। किरतपुर नेरचौक फोरलेन पर मंडी भराड़ी पुल के पास पैरा मोटर शुरू करने के लिए ट्रायल कराया गया है। यह सफल हुआ है। ट्रायल एक माह का रहेगा। हालांकि, पहले ही दिन इसके लिए अच्छा रिस्पांस मिला है। जैसे ही पर्यटन विभाग ऑपरेटर को लाइसेंस प्रदान करेगा यहां पर पैरा मोटरिंग शुरू हो जाएगी। इससे जिले में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बीते दिन हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड, ऊर्जा विभाग व अन्य उपक्रमों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि विद्युत बोर्ड को और अधिक दक्ष व व्यावसायिक बनाने की दिशा में प्रदेश सरकार निरंतर कार्य कर रही है। बोर्ड की गतिविधियों को सशक्त बनाने के लिए नवोन्वेषी प्रयास किए जा रहे हैं। बैठक में यह अवगत करवाया गया कि राज्य विद्युत बोर्ड द्वारा उपभोक्ताओं की केवाईसी प्रक्रिया पूर्ण करने के लिए अंतिम तिथि 15 फरवरी, 2025 निर्धारित की गई है। मुख्यमंत्री ने सम्पन्न विद्युत उपभोक्ताओं से स्वैच्छिक तौर पर सब्सिडी छोड़ने का भी आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने बोर्ड की विभिन्न गतिविधियों की समीक्षा की और आवश्यक दिशा निर्देश दिए । उन्होंने निर्माणाधीन विद्युत परियोजनाओं की भी विस्तृत जानकारी ली। बैठक में विधायक संजय अवस्थी, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार राम सुभग सिंह, हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड के अध्यक्ष संजय गुप्ता, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
** एक वर्ष में प्राकृतिक खेती पद्धति से जोड़े जाएंगे एक लाख किसान परिवार मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बीते कल कृषि विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए विभाग के अधिकारियों को प्रदेश में प्राकृतिक खेती से गेहूं व मक्की उगाने वाले क्षेत्रों की मैपिंग करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कृषि विभाग के सभी फार्म को सिर्फ प्राकृतिक खेती पद्धति से ही खेती करने के लिए विकसित किया जाएगा। आगामी वर्ष से इन सभी में प्राकृतिक खेती की जाएगी। यहां प्राकृतिक खेती करने के लिए बीजों का उत्पादन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती से उत्पादित गेहूं व मक्का के भंडारण के लिए हाई एंड तकनीक से भंडारण केन्द्र का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आगामी वर्ष में एक लाख परिवारों को प्राकृतिक खेती से जोड़ा जाएगा। उन्होंने हमीरपुर के ताल में सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने की संभावना तलाश करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों का विकास खंड के आधार पर डेटा तैयार किया जाए और इसे हिम परिवार से भी जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक खेती के क्षेत्र में देशभर में अग्रणी राज्य बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती के दौरान यदि फसल किसी बीमारी से ग्रसित होती है तो उसका उपचार भी प्राकृतिक पद्धति से ही किया जाना चाहिए। उन्होंने प्राकृतिक खेती के बीजों का प्रमाणीकरण करने के लिए प्रक्रिया निर्धारित करने को भी कहा। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती के दृष्टिगत भूमि व बीज की जांच के लिए प्रदेश में हाई-एंड प्रयोगशालाएं खोली जाएंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत करने को विशेष अधिमान दे रही है। इसी दिशा में नीतियों एवं कार्यक्रमों को लागू किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में हल्दी व अदरक के प्रसंस्करण के लिए प्रसंस्करण संयंत्र खोलने पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि चौधरी सरवण कुमार कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर मंे डेयरी आधारित डिग्री पाठ्यक्रम शुरू किये जाएंगे ताकि प्रदेश के युवाओं को इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने अधिकारियों को प्राकृतिक खेती पद्धति के उत्पादों के प्रभावी विपणन के लिए ई-कामर्स वेबसाइट से समन्वय करने के निर्देश भी दिए। बैठक में यह अवगत करवाया गया कि प्रदेश मे खरीफ सीजन 2024-25 के दौरान प्राकृतिक खेती से उगाई गई 3989 क्विंटल मक्का की खरीद की गई है तथा आगामी रबी सीजन के दौरान प्राकृतिक खेती से उगाई गई 8050 क्विंटल गेहूं की खरीद का लक्ष्य रखा गया है। बैठक में कृषि मंत्री प्रो. चन्द्र कुमार, उप-मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया, विधायक संजय अवस्थी, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, सचिव कृषि सी पालरासु, निदेशक डिजीटल प्रौद्योगिकी एवं नवाचार डॉ. निपुण जिंदल, निदेशक कृषि कुमुद सिंह, कृषि विपणन बोर्ड के प्रबंध निदेशक हेमिस नेगी, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने उद्योगों के लिए बंद हुई एक रुपये प्रति यूनिट सब्सिडी पर कोई राहत नहीं दी है। अदालत ने उद्योगों की ओर से अंतरिम राहत के लिए दायर अर्जी को खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट के आदेशों के बाद अब उद्योगों को बढ़े हुए बिजली बिल चुकाने होंगे। मुख्य याचिका अभी अदालत में लंबित है। इस मामले पर मार्च में सुनवाई होगी। उद्योगों की ओर से हाईकोर्ट के एकल जज के फैसले को डबल बेंच में चुनौती दी गई थी। दलीलों में कहा था कि राज्य विद्युत विनियामक आयोग ने बिना सोचे-समझे राज्य सरकार की ओर से जारी सब्सिडी बंद करने की अधिसूचना को लागू कर दिया। टैरिफ में सिर्फ साल में एक बार ही संशोधन किया जा सकता है, जबकि सब्सिडी को बिना टैरिफ संशोधन के बदलाव नहीं किया जा सकता। उन्होंने अदालत से सरकार की ओर से 3 मार्च 2024 को जारी अधिसूचना को वापस लेने की गुहार लगाई थी। वहीं सरकार ने अदालत को बताया कि सरकार को किसी भी समय सब्सिडी वापस लेने का अधिकार है। राज्य विद्युत विनियामक आयोग ने कहा कि टैरिफ में कोई बदलाव नहीं किया गया है। सिर्फ सरकार की ओर से जारी सब्सिडी को वापस लिया गया है। उद्योगों का विवाद जारी किए गए बिल से है। बता दें कि एकल जज ने राज्य सरकार की ओर से उद्योगों को एक रुपये प्रति यूनिट मिलने वाली सब्सिडी को बंद करने के निर्णय को सही ठहराया था। सरकार ने उद्योगों को एक रुपये प्रति यूनिट मिलने वाली सब्सिडी को बंद कर दिया था। सरकार के इस फैसले से प्रदेश में स्थापित करीब 200 कंपनियां प्रभावित हुई हैं।
हिमाचल सरकार ने प्रचार और प्रसार के लिए इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक और पीवीसी बैनर को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना की ओर से जारी अधिसूचना के तहत 100 माइक्रोन से कम प्लास्टिक या पीवीसी बैनर के उपयोग पर रोक लगा दी गई है। भारत सरकार की ओर से पर्यावरण संरक्षण के लिए जारी निर्देशों पर हिमाचल प्रदेश सरकार ने इस बाबत राजपत्र में अधिसूचना जारी की। पर्यावरण को बचाने के लिए पेडों पर बैनर लगाने पर कार्रवाई के प्रति चेताया गया है। डिजिटल होर्डिंग को बढ़ावा देने का आग्रह भी किया गया है। सरकारी योजनाओं, विभागों के शिक्षाप्रद बैनर 200 माइक्रोन से कम नहीं होने चाहिए। सरकारी कार्यक्रम के लिए बैनर 100 माइक्रोन से कम नहीं होने चाहिए। चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों के कटआउट 200 माइक्रोन, चुनावी रैली के लिए 100 माइक्रोन से कम नहीं होने चाहिए। निजी विज्ञापन 30 दिनों के लिए 100 माइक्रोन से कम नहीं, 30 दिन से अधिक के लिए 200 माइक्रोन से कम नहीं होना चाहिए। बैनर और होर्डिंग स्थानीय निकाय की मंजूरी से ही लगाए जाएंगे। फ्लेक्स हटाने के बाद स्थानीय निकाय को रिसाइक्लिंग के लिए देना अनिवार्य होगा। बैनर पर विभाग का नाम, अवधि, प्रिंटर का नाम प्रकाशित करना होगा। केंद्र सरकार के निर्देशों का उल्लंघन करने पर पर्यावरण विज्ञान एवं जलवायु परिवर्तन विभाग जुर्माना वसूल सकेगा।
हिमाचल प्रदेश के कई क्षेत्रों में शनिवार और रविवार को बारिश और बर्फबारी के आसार हैं। पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से मौसम में बदलाव आने का पूर्वानुमान है। इसके चलते कई क्षेत्रों में दो दिनों तक शीतलहर चलने का पूर्वानुमान भी है। 13 जनवरी से प्रदेश में मौसम साफ रहने की संभावना है। इस दौरान धूप खिलने से तापमान में और बढ़ोतरी दर्ज होने की संभावना है। शुक्रवार को राजधानी शिमला सहित प्रदेश के कई क्षेत्रों में मौसम साफ रहा। प्रदेश के मैदानी जिलों में शुक्रवार को सुबह और शाम के समय घना कोहरा छाया रहा। कोहरे के कारण ऊना में दो ट्रेनें और कालका-शिमला ट्रेन ढाई घंटे देरी से चली। हरियाणा में कोहरा पड़ने से कालका तक आने वाली शताब्दी ट्रेन तय समय से लेट पहुंची। इस कारण कालका से शिमला की ओर से आने वाली ट्रेन भी देरी से चली। ऊना तक भी कोहरे के चलते ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित हुई। उधर, जिला कुल्लू व लाहौल में शुक्रवार को मौसम साफ रहा। घाटी में बड़ी संख्या में सैलानी बर्फ का दीदार के लिए पहुंच रहे हैं। केलांग से मनाली-कुल्लू से केलांग के लिए अटल टनल रोहतांग होकर 13 दिन बाद बस सेवा शुरू हो गई है। मौसम को देखते हुए प्रशासन ने सैलानियों को संवेदनशील इलाकों की ओर न जाने की अपील की है। शुक्रवार को धर्मशाला में अधिकतम तापमान 22.0, मंडी में 21.3, भुंतर में 20.6, सुंदरनगर में 19.3, कांगड़ा-हमीरपुर में 18.7, बिलासपुर में 18.0, शिमला में 17.0, ऊना में 15.6, मनाली में 14.6, नाहन में 11.9 और कल्पा में 9.0 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ। बिलासपुर, कांगड़ा, हमीरपुर, मंडी, सोलन और सिरमौर के कई क्षेत्रों में भी शुक्रवार सुबह और शाम के समय घना कोहरा छाया रहा। इन क्षेत्रों में दोपहर 12 बजे के बाद धूप खिली। शाम चार बजे के बाद दोबारा कोहरा छा गया। शनिवार को बारिश और बर्फबारी की संभावना के चलते कोहरा पड़ने से कुछ राहत मिल सकती है।
** शिमला समेत हिमाचल में बारिश और बर्फबारी की संभावना हिमाचल प्रदेश में 11 और 12 जनवरी को बारिश और बर्फबारी की संभावना है। किन्नौर, लाहौल-स्पीति, कुल्लू और शिमला में बर्फबारी जबकि निचले इलाकों में बारिश हो सकती है। शिमला, मनाली और नारकंडा में भी बर्फबारी की उम्मीद है। आज मौसम साफ रहेगा, लेकिन मैदानी इलाकों में शीतलहर और कोहरे को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम वैज्ञानिक का संदीप ने कहा कि बीते 24 घंटे के दौरान प्रदेश में मौसम साफ बना हुआ है हालांकि मैदानी इलाकों सोलन बिलासपुर मंडी के कुछ एक इलाकों में कोहरे को लेकर अलर्ट जारी किया है और शनिवार को इन इलाकों में शीतलहर की चेतावनी भी है। मौसम विभाग ने कहा कि 11 जनवरी से पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा, जिससे तापमान में गिरावट आ सकती है।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार सभी छात्रों तक गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्रदान करने के लिए कृत संकल्प है और यह सुनिश्चित बनाया जा रहा है कि सभी स्तरों पर अध्यापकों को नियमित प्रशिक्षण प्रदान किया जाए। रोहित ठाकुर गत दिवस यहां नव नियुक्त प्रशिक्षित स्नातकों के लिए 15 दिवसीय प्रेरणा प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। इस 15 दिवसीय नव नियुक्त स्नातक प्रशिक्षिण कार्यक्रम में प्रदेश के सभी ज़िलों के बैचवाईज भर्ती के माध्यम से नव नियुक्त 81 प्रशिक्षित स्नातक कला तथा 33 प्रशिक्षित स्नातक विज्ञान अध्यापकों ने भाग लिया। शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षा क्षेत्र के सुदृढ़ीकरण के लिए सभी विद्यालयों में शिक्षकों के खाली पड़े पदों को भरा जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की शिक्षा क्षेत्र की योजनाओं को अध्यापकों के सहयोग से पूरा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अध्यापकों का प्रशिक्षण जहां उन्हें तकनीक एवं पाठ्यक्रम की नवीनतम जानकारी प्रदान करता है वहीं शिक्षा विभाग की योजनाओं से अवगत भी करवाता है। उन्होंने सभी शिक्षकों का आह्वान किया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्राप्त ज्ञान को विद्यार्थियों तक पहुंचाना सुनिश्चित करें। उन्होंने आशा जताई कि प्रशिक्षण कार्यक्रम नव नियुक्त अध्यापकों के ज्ञानवर्धन में सहायक सिद्ध होगा। उन्होंने इस अवसर पर रिसोर्स पर्सन को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित भी किया।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने ग्रामीण बैंक में अंशकालिक कर्मियों के रूप में काम करने वालों पर यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए हैं। न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की अदालत ने कहा कि कर्मचारियों को बैंक नौकरी से नहीं निकाल सकता है। प्रदेश उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने वर्ष 29 मार्च 2019 में ग्रामीण बैंक में पार्ट टाइम काम करने वाले वर्करों को निकालने पर रोक लगा दी थी। इसके बावजूद ग्रामीण बैंक ने कुछ कर्मचारियों को सेवाओं से हटा दिया है। याचिकाकर्ता की ओर से अदालत में आवेदन दायर किया गया, जिसमें कहा कि अदालत की रोक के बाद भी अंशकालिक कर्मियों को हटाया जा रहा है। हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आवेदन का निपटारा करते हुए बैंक कर्मियों को नहीं निकालने के आदेश दिए हैं। अगर कोई अधिकारी ऐसा करते हुए पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए हैं। वहीं, हाईकोर्ट ने आदेश दिए हैं कि सेली प्रोजेक्ट मामले में अपफ्रंट प्रीमियम समय पर जमा न करने में जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ जांच रिपोर्ट को अदालत के रिकॉर्ड में लाया जाए। उधर, हिमाचल सरकार की ओर से शुक्रवार को महाधिवक्ता ने अदालत को बताया कि अगली सुनवाई से पहले इस रिपोर्ट को रिकॉर्ड में लाया जाएगा। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने सेली प्रोजेक्ट का 64 करोड़ रुपए का अपफ्रंट प्रीमियम जमा न करने पर अधिकारियों के विरुद्ध जांच के आदेश दिए थे। न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की अदालत ने कहा कि अधिकारियों की लापरवाही की वजह से सरकार को 29 करोड़ रुपए अतिरिक्त जमा करने पड़े। अफसरों की लापरवाही से सरकारी खजाने को नुकसान हुआ, इसे बर्दाश्त नहीं कर सकते। इस मामले की सुनवाई अब मार्च में होगी। हाईकोर्ट ने छह न्यायिक अधिकारियों के स्थानांतरण आदेश जारी किए हैं। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश किन्नौर यजुविंद्र सिंह को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय-2 शिमला बदला गया है। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक विशेष अदालत पोक्सो किन्नौर स्थित रामपुर हरमेश कुमार को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश किन्नौर स्थित रामपुर, वरिष्ठ मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी नेहा दहिया को पदोन्नति के बाद अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक विशेष अदालत पोक्सो किन्नौर स्थित रामपुर के पद पर नियुक्त किया गया है। वरिष्ठ सीनियर सिविल जज पालमपुर उपासना शर्मा को वरिष्ठ मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी नाहन, जिला विधिक न्यायिक प्राधिकरण शिमला के सचिव उमेश वर्मा को वरिष्ठ सिविल जज शिमला में नियुक्ति दी गई है। एकांक्ष कपिल को सिविल जज द्वितीय ग्रेड के पद से पदोन्नत कर वरिष्ठ सिविल जज यानी अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कोर्ट नंबर दो में नियुक्त किया गया है।
हिमाचल: गर्मियों के स्कूलों में वार्षिक समारोह कराने वाले प्रिंसिपलों पर होगी कार्रवाई, चेतावनी जारी
हिमाचल प्रदेश उच्च शिक्षा निदेशालय की रोक के बावजूद वार्षिक समारोह करवा रहे ग्रीष्मकालीन स्कूलों के प्रिंसिपलों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। निदेशालय की ओर से इस संदर्भ में स्कूल प्रिंसिपलों को चेतावनी पत्र जारी किए गए हैं। 31 दिसंबर तक ही वार्षिक समारोह आयोजन करने की छूट दी गई थी। कई ग्रीष्मकालीन स्कूलों में आजकल भी समारोह हो रहे हैंश्र। इस पर उच्च शिक्षा निदेशालय ने कड़ी आपत्ति जताई है। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने बताया कि विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित ना हो, इसके लिए समारोह करने पर रोक लगाई गई थी। पहले 20 दिसंबर 2024 तक आयोजन करने के निर्देश दिए थे फिर 31 दिसंबर 2024 तक इस बाबत छूट दी गई थी। उन्होंने बताया कि आज कल भी कई ग्रीष्मकालीन स्कूलों में वार्षिक समारोह आयोजित किए जा रहे हैं। इस कारण स्कूलों में पढ़ाई का माहौल नहीं बन रहा है। शिक्षा निदेशक ने कहा कि रोक के बावजूद जिन-जिन स्कूलों में वार्षिक समारोह मनाए गए हैं, उनकी जानकारी जिला शिक्षा उपनिदेशकों के माध्यम से मांगी गई है। ऐसे स्कूलों के प्रिंसिपलों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। शिक्षा निदेशक ने कहा कि अब किसी भी स्कूलों में वार्षिक समारोह आयोजित नहीं होना चाहिए। प्रदेश सरकार के निर्देशों का पालन नहीं करने पर कड़ी कार्रवाई के प्रति भी शिक्षा निदेशक ने चेताया है।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में बीते कुछ समय के दौरान बंद या मर्ज हुए 1094 स्कूलों में पढ़ने वाले 674 बच्चों ने अन्य जगह दाखिले ले लिए हैं। दाखिले नहीं लेने वाले 60 बच्चों की पहचान करने का काम जारी है। प्रारंभिक जांच के अनुसार यह प्रवासियों के बच्चे थे, जो सर्दियों में अपने राज्यों में लौट गए हैं। इनमें अधिकांश बच्चे जिला शिमला में थे। जिला उपनिदेशक इस बारे में पूरी जानकारी जुटा रहे हैं। सरकार की प्राथमिकता है कि यहां रहने वाले वाले हर बच्चे को शिक्षा का न अधिकार प्राप्त हो। राज्य सचिवालय में न मीडिया से बातचीत में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि पूर्व पूर्व की भाजपा सरकार के समय में प्रदेश में 3400 स्कूल सिर्फ एक-एक शिक्षक के सहारे चल रहे थे। कांग्रेस ने सत्ता में आते ही ऐसे स्कूलों की पहचान कर शिक्षकों की नियुक्तियां की हैं। अब सिंगल टीचर वाले 2600 स्कूल रह गए हैं। पूर्व सरकार के समय में करीब 350 स्कूलों में स्थाई शिक्षक ही नहीं थे। अब ऐसे स्कूल 125 शेष रह गए हैं। उन्होंने कहा कि विभिन्न श्रेणी के शिक्षकों के पदों को भरा जा रहा है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश में जल्द ही 700 स्कूल प्रवक्ताओं की भर्ती प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। सरकार ने फैसला लिया है कि जिन स्कूलों में छात्रों की संख्या अधिक है, वहां पर शिक्षकों की नियुक्ति करने को प्राथमिकता दी जाएगी। हर विषय का शिक्षक स्कूलों में देने के प्रयास जारी हैं। शिक्षा मंत्री ने कहा कि आउटसोर्स के माध्यम से प्री प्राइमरी स्कूलों में भर्ती किए जाने वाले प्रशिक्षकों के मामले में हाईकोर्ट के फैसले का इंतजार है। जल्द ही कोर्ट में इस मामले की सुनवाई होनी है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार भी आउटसोर्स भर्तियां कर रही है। उम्मीद है कि कोर्ट से राहत भरा फैसला आएगा।
** खाद्य आपूर्ति निगम प्रदेश सरकार को भेजेगा निविदाओं का प्रस्ताव ** सरकार से मंजूरी के बाद फाइनल होंगे रिफाइंड और सरसों तेल के टेंडर प्रदेश के राशन डिपुओं में मिलने वाले सरसों और रिफाइंड तेल के टेंडर के लिए छह अलग-अलग कंपनियों ने आवेदन किए हैं। खाद्य आपूर्ति निगम द्वारा तेल कंपनियों की निवादाओं की सूची फाईनल करने के लिए जल्द ही प्रदेश सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा। प्रदेश सरकार से मंजूरी मिलने के बाद ही प्रदेश के राशन डिपुओं में मिलने वाले सरसों और रिफाइंड तेल का सप्लाई ऑर्डर जारी किया जाएगा। पिछले कई माह से तेल कंपनियों के टेंडर में सरसों और रिफाइंड तेल के दामों को लेकर सहमती न बनने से टेंडर फाईनल नहीं हो पाए हैं। अब खाद्य आपूर्ति निगम ने फिर से तेल कंपनियों से निविदाए आमंत्रित की हैं, जिसमें छह तेल कंपनियों ने टेंडर के लिए आवेदन किया है। तेल कंपनियों में गोकुल एग्री इंटरनेशनल, शक्ति न्यूट्रेशन और श्री महावीर जनरल ऑयल कंपनी सरसों के तेल की सप्लाई के टेंडर के लिए आवेदन किए हैं। इसके अलावा रिफाइंड तेल के लिए अजनता सोया लिमटेड, गोकुल एग्री इंटर नेशनल और गोकुल एग्रो रिसोसिस लिमटेड ने आवेदन किए हैं। खाद्य आपूर्ति निगम के प्रबंध निदेशक राजेश्वर गोयल का कहना है कि सरसों और रिफादंड तेल के टेंडर को छह कंपनियों ने आवेदन किया है।
** बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों पर होगी नजर हयूमन मेटान्यूमो वायरस (एचएमपीवी) के देश में मामले सामने आने के बाद हिमाचल प्रदेश में सतर्कता बढ़ा दी गई है। सरकार के निर्देशों के तहत स्वास्थ्य विभाग ने सभी अस्पतालों में सर्दी, खांसी, बुखार और कफ के गंभीर लक्षण वाले मरीजों के आरटीपीसीआर टेस्ट करवाने को कहा है। साथ ही विशेष लैब शुरू करने की तैयारी है, जिसमें संक्रमण की पुष्टि नहीं होने पर अन्य टेस्ट होंगे। स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल प्रशासन को इन्फ्लूएंजा और गंभीर तीव्र श्वसन के संबंधित रोगियों की निगरानी रखने को कहा है। बाहरी राज्यों से हिमाचल आने वाले लोगों पर भी नजर रखने के निर्देश दिए हैं। अस्पतालों में ऐसे रोगियों के लिए अलग वार्ड की व्यवस्था करने को कहा है। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि यह एक सामान्य वायरस है, जिससे घबराने की आवश्यकता नहीं है। इस वायरस से इंफेक्शन देश में पहले भी होते रहे हैं। स्वास्थ्य सचिव एम सुधा ने मंगलवार को सभी मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्यों, जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों और चिकित्सा अधीक्षकों के साथ वर्चुअल बैठक की। स्वास्थ्य सचिव ने इन्फ्लूएंजा और गंभीर तीव्र श्वसन के संबंधित रोगियों पर नजर रखने को कहा है। इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव की अध्यक्षता में सभी राज्यों व केंद्रशासित राज्यों के स्वास्थ्य सचिवों के साथ बैठक आयोजित की गई। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि यह एक सामान्य वायरस है, जो ज्यादातर बच्चों, व्यस्कों और कमजोर प्रतिरक्षा क्षमता वाले लोगों में फैलता है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने कहा है कि यह एक सामान्य वायरस है, जिससे घबराने की जरूरत नहीं है। इसके मुख्य लक्षण खांसी, बुखार, नाक बंद होना, गंभीर मामलों में सांस का फूलना इत्यादि है। इससे ब्रोंकाइटिस और निमोनिया भी हो सकता है। यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में खांसने, छींकने व हाथ मिलाने आदि से फैलता हैं। उपरोक्त लक्षण होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जांच करवाने की सलाह दी गई है। स्वास्थ्य विभाग ने यह निर्देश भी दिए हैं कि जिन बच्चों को बुखार, खांसी के लक्षण हैं, उन बच्चों और उनके परिवार वाले मास्क जरूर पहनें।
नई दिल्ली में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की अध्यक्षता में परिवहन मंत्रियों की बैठक आयोजित हुई। इसमें हिमाचल प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने राज्य के परिवहन क्षेत्र से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए। उन्होंने 7,000 से अधिक सरकारी वाहनों की स्क्रैपिंग पर राज्य को आने वाले वित्तीय बोझ का जिक्र करते हुए केंद्र से विशेष सहायता की मांग की। उन्होंने स्क्रैपिंग प्रक्रिया को सरल बनाने और समय सीमा को 31 मार्च 2025 तक बढ़ाने का आग्रह किया। इसके अलावा, उन्होंने राज्य में विकसित हो रहे 1,734.70 करोड़ के शहरी रोपवे नेटवर्क की जानकारी दी, जो भारत का सबसे बड़ा और दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा प्रोजेक्ट होगा। एआईटीपी बसों से राज्य परिवहन को हो रही चुनौतियों पर भी चर्चा हुई, और केंद्र से उचित नियम बनाने की मांग की गई। नितिन गडकरी ने हिमाचल के सभी मामलों पर सकारात्मक विचार करने का आश्वासन दिया हैं।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में एफआईआर दर्ज करने के लिए पंजीकृत पुलिस चौकियों को अधिकृत करेंगे। इन चौकियों को अपराध और आपराधिक ट्रैकिंग नेटवर्क प्रणाली से जोड़ेंगे। ड्रग माफिया के खिलाफ प्रदेश में एंटी ड्रग एक्ट भी बनाया जाएगा। कर्मचारियों की कमी दूर करने के लिए सरकार शीघ्र खाली पद भरेगी। इसके अलावा पुलिस विभाग में डाटा संग्रहण करने और व्यवस्थित करने के लिए डाटा वेयरहाउस और क्लियरिंग एजेंसी स्थापित की जाएगी। पुलिस विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए सीएम ने कहा कि कार्यप्रणाली में सुधार और परिचालन कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक तकनीक अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि बेहतर जनसेवा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस थानों को जनसंख्या, भौगोलिक कारक, ग्रामीण और शहरी आधार पर वर्गीकृत करेंगे। इनकी कार्य क्षमता बेहतर बनाने के लिए स्टाफ उपलब्ध करवाया जाएगा। सीएम ने कहा कि कर्मचारियों की कमी दूर करने के लिए सरकार शीघ्र भर्तियां करेगी। अभी 1,226 पुलिस जवान और 30 सब इंस्पेक्टरों की भर्ती प्रक्रिया जारी है। उन्होंने कहा कि सरकार राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल और अग्निशमन विभाग को सुदृढ़ कर रही है। गृह रक्षक के 700 पद भरे जा रहे हैं। सरकार 86 नियमित प्रतिक्रिया केंद्रों के डिजिटलीकरण के लिए पर्याप्त वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। सीएम ने कहा कि सरकार कानून प्रवर्तन और आपातकाल सेवाओं को मजबूत बनाने के अलावा साइबर अपराध और आपदा प्रबंधन संबंधी चुनौतियों से लड़ने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए विभिन्न बोर्डों और निगमों में गृहरक्षक तैनात करेंगे। बिलासपुर जिले के मारकंड में एक गृह रक्षक बटालियन प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करेंगे, जिससे प्रशिक्षण सुविधाएं सुधरेंगी। आपदा या आपातकाल के दौरान राहत व पुनर्वास कार्यों के लिए जरूरी वाहन किराये पर लेने के लिए सक्षम प्राधिकारी को अधिकार देंगे। आपदा प्रतिक्रिया बल में स्थायी स्टाफ की भर्ती होने तक अस्थायी तौर पर गृह रक्षक तैनात होंगे। इसके अलावा अग्निशमन सेवाओं को आधुनिक बनाया जाएगा और इसके लिए 19.40 करोड़ की पहली किस्त शीघ्र जारी होगी। सीएम सुक्खू ने राज्य में साइबर अपराध के बढ़ते मामलों पर चिंता जताते हुए कहा कि वर्ष 2024 में साइबर अपराध की 11,892 शिकायतें दर्ज की गईं, जिनमें 114.94 करोड़ की धोखाधड़ी शामिल है।
* प्रदेश के निचले क्षेत्रों में छाया रहेगा घना कोहरा हिमाचल प्रदेश में सोमवार को ऊंचे व मध्यम पर्वतीय क्षेत्रों में हल्की बर्फबारी और बारिश देखने को मिली। वहीं, प्रदेश के निचले क्षेत्रों में बादल छाए रहे जिससे की तापमान में गिरावट दर्ज की गई। मौसम विभाग के मुताबिक मंगलवार से मौसम साफ रहने की संभावना जताई गई है। निचले पहाड़ी क्षेत्रों में 7 और 8 जनवरी को अलग-अलग स्थानों पर घना कोहरा छाया रहेगा जिससे लोगों को परेशानी हो सकती है। मौसम विभाग ने 7 जनवरी से 10 जनवरी तक मौसम साफ रहने की संभावना जताई है। इस दौरान प्रदेश के अधिकांश स्थानों पर धूप खिली रहेगी। हालांकि प्रदेश के निचले पहाड़ी क्षेत्रों में कोहरे के कारण धूप देरी से निकलेगी जिससे लोगों को कड़ाके की ठंड का सामना करना पड़ सकता है। मौसम विभाग ने 10 जनवरी से पश्चिमी विक्षोभ के एक बार फिर सक्रिय होने की संभावना जताई है जिसके कारण 11 जनवरी से एक बार फिर मौसम करवट लेगा. मौसम विभाग ने 11 जनवरी को प्रदेश में बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई है। 6 जनवरी को लाहौल-स्पीति का जिला मुख्यालय केलांग सबसे ठंडा रहा. यहां न्यूनतम तापमान -2.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। इसके अलावा सुंदरनगर प्रदेश में सबसे गर्म रहा. यहां अधिकतम तापमान 25.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया और सुंदरनगर में न्यूनतम तापमान 5.1 डिग्री दर्ज किया गया। 6 जनवरी को बिलासपुर में घना कोहरा छाया रहा। इसके अलावा सुंदरनगर और मंडी में भी हल्का कोहरा छाया रहा।
हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग (HPPSC) ने HAS एग्जाम का फाइनल रिजल्ट घोषित कर दिया है। सोमवार देर शाम को यह रिजल्ट घोषित किया गया, जिसमें मेरिट के आधार पर 20 अभ्यर्थियों का चयन हुआ है। इसमें 9 उम्मीदवार एचएएस बने हैं जबकि 3 उम्मीदवार तहसीलदार, 1 अभ्यर्थी जिला पंचायत अधिकारी, 3 जिला वेलफेयर कम प्रोबेशन अधिकारी, 3 असिस्टेंट रजिस्ट्रार और 1 अभ्यर्थी जिला नियंत्रक खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले के पद पर चयनित हुआ है। HAS एग्जाम में इस बार लड़कों का दबदबा रहा। इस बार 15 लड़कों ने बाजी मारी है, जबकि 5 लड़कियां एग्जाम क्लियर करने में सफल रहीं। साल 2024 के HAS एग्जाम में उमेश ने टॉप किया है। बता दें कि बीते 2 से 6 जनवरी तक शिमला में अभ्यर्थियों के पर्सनैलिटी टेस्ट हुए थे, जिसके बाद सोमवार शाम को ही लोक सेवा आयोग ने रिजल्ट घोषित कर दिया। उत्तीर्ण हुए उम्मीदवारों में उमेश (एचएएस), मोहित सिंह (एचएएस), जितेंद्र चंदेल (एचएएस), स्वाति वालिया (तहसीलदार), अनूप शर्मा (तहसीलदार), राहुल शर्मा (तहसीलदार), संजय कुमार (जिला पंचायत अधिकारी), नितिन राणा (जिला कल्याण कम प्रोबेशन अधिकारी), शिवांशी सूद (असिस्टेंट रजिस्ट्रार), अवस पंडित (जिला कल्याण कम प्रोबेशन अधिकारी), राहुल धीमान (एचएएस), साहिल (जिला वेलफेयर कम प्रोबेशन अधिकारी), अरुण कुमार सांख्यान (असिस्टेंट रजिस्ट्रार), आस्था (एचएएस), अखिल सिंह ठाकुर (असिस्टेंट रजिस्ट्रार), तानिया कश्यप (एचएएस), करण (जिला नियंत्रक खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले), अंकुश कुमार (एचएएस), रजत चौधरी (एचएएस) और प्रियंका (एचएएस) शामिल हैं। HAS का प्री एग्जाम साल 2024 में 30 जून को आयोजित हुआ था। प्री एग्जाम पास करने वाले अभ्यर्थियों का मेन्स एग्जाम बीते साल 3 से 10 अक्टूबर के बीच आयोजित हुआ था। मेन्स एग्जाम पास करने वाले अभ्यर्थियों को पर्सनल इंटरव्यू के लिए बुलाया गया था जो साल 2025 में 2 से 6 जनवरी के बीच हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के ऑफिस शिमला में आयोजित हुए थे। हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा के लिए 30 पद विज्ञापित किए गए थे लेकिन 20 पदों पर ही योग्य उम्मीदवार मिले।हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग की सचिव निवेदिता नेगी ने बताया कि आयोग ने परिणाम घोषित कर वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है।
ठियोग की क्यार और कमाह पंचायत के लिए बनी सिंचाई योजना के पाइप ट्रायल में फटने के मामले में सरकार ने जांच बैठा दी है। सरकार ने जांच का जिम्मा जल शक्ति विभाग के इंजीनियर इन चीफ को सौंपा है और हफ्ते में रिपोर्ट मांगी है। सरकार ने पूछा है कि जब मौके पर सिंचाई के पाइप बिछाए जा रहे थे उस समय अधिकारी कहां थे। विकास कार्यों में क्यों लापरवाही बरती गई। पाइप जमीन के नीचे दबाने के बजाय खुले में क्यों छोड़े गए। इस मामले की जांच विजिलेंस को सौंपने की भी तैयारी चल रही है। अमर उजाला ने 6 जनवरी के अंक में ट्रायल में पाइप फटने का मामला प्रमुखता से उठाया था। सूत्र बताते हैं कि ठेकेदार ने टेंडर कम रेट पर लिया था, ऐसे में उसने पाइप खुले में छोड़ दिए। पानी के लिए बनाए चेंबर भी फट गए हैं। इनमें भी गुणवत्ता वाला कार्य नहीं हुआ है। स्थानीय लोगों ने बार-बार काम की गुणवत्ता को लेकर शिकायतें की थीं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब अधिकारी योजना का स्थानीय लोगों से फीडबैक ले रहे हैं। करीब सवा तीन करोड़ से क्वार खड्ड से बनाई उठाऊ सिंचाई योजना पहले ही सवालों के घेरे में रही है। निम्न गुणवत्ता के पाइप इस्तेमाल करने की शिकायत एक कांग्रेस नेता ने एसडीएम कार्यालय ठियोग में की। एसडीएम ने जांच करने के आदेश दिए थे। पाइपें फटने से पंचायतों के लोगों में रोष व्याप्त है और मांग कि लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। मामले में जांच बिठा दी गई है। जल शक्ति विभाग के इंजीनियर इन चीफ को जांच कर रिपोर्ट एक हफ्ते में देने को कहा है। उसके बाद लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
जिला शिमला में बीते साल गर्मियों में टैंकर से पानी की आपूर्ति के नाम पर एक करोड़ से ज्यादा के घपले की विजिलेंस ब्यूरो ने तफ्तीश तेज कर दी है। कौन सा टैंकर किस समय कहां था, जीपीएस से इसका पता लगाया जाएगा। टैंकर चालक उस समय कहां थे, इसका भी मोबाइल लोकेशन से खुलासा होगा। साथ ही निलंबित इंजीनियरों और ठेकेदारों के बैंक खाते भी खंगाले जाएंगे। सोमवार को विजिलेंस ने अधिशासी अभियंता को छोड़कर अन्य 7 एसडीओ और जेई से पूछताछ की। करीब दो घंटे की पूछताछ में उन्होंने कई राज उगले हैं। एक ठेकेदार से भी पूछताछ हुई है। बताया जा रहा है कि कुछ अधिकारियों के मोबाइल फोन भी कब्जे में लिए हैं। विजिलेंस ने जल शक्ति विभाग से रिकाॅर्ड जुटाया है। आज फिर इन इंजीनियरों से पूछताछ होगी। उधर, सोमवार को सुबह आठ बजे विजिलेंस ब्यूरो की टीम पानी के उन स्रोतों तक पहुंची, जहां से ठेकेदार ने पानी उठाने की बात कही है। सूत्रों के अनुसार इंजीनियर ही नहीं, कार्यालय के लिपिक भी जांच की जद में हैं। विजिलेंस ब्यूरो की टीम यह देख रही है कि बीते साल जल शक्ति विभाग ने पानी की आपूर्ति का टेंडर किया और इसमें कितने लोगों ने भाग लिया। कहीं चहेतों को लाभ देने के लिए सप्लाई ऑर्डर तो नहीं जारी हुआ है। विजिलेंस ब्यूरो की टीम ने सोमवार को ठियोग से 20 किलोमीटर दूर गिरि नदी के लेलू पुल का दौरा किया। इसके अलावा टीम क्यार खड्ड भी पहुंची। जल शक्ति विभाग के रिकॉर्ड में बताया गया है कि गिरि नदी और क्यार खड्ड से टैंकरों के माध्यम से पानी प्रभावित क्षेत्रों में ले जाया गया। विजिलेंस हर पहलू की गंभीरता से जांच कर रही है। यह भी आशंका जताई जा रही है कि यह घोटाला 1.13 करोड़ रुपये से ज्यादा का हो सकता है। इस मामले की धीरे-धीरे परतें खुलेंगी। उधर, उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री कह चुके हैं कि दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। वहीं, अतिरिक्त मुख्य सचिव जल शक्ति ओंकार शर्मा ने कहा कि मामले की निष्पक्षता से जांच होगी। बीते साल ठियोग तहसील के कई प्रभावित क्षेत्रों के लिए पानी की सप्लाई का टेंडर किया गया, लेकिन इसमें एक गांव ऐसा है, जो अभी तक सड़क से नहीं जुड़ा है। हैरत की बात है कि वहां भी टैंकर के जरिये पानी पहुंचाने की बात कही गई। जिन टैंकरों से पानी की सप्लाई देने का दावा किया गया, उनमें मोटरसाइकिल और एक अधिकारी की गाड़ी का नंबर भी दे दिया गया। जल शक्ति विभाग के इस कारनामों से हर कोई हैरत में है। ऐसे में सरकार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जल शक्ति विभाग के 10 इंजीनियरों को बीते दिनों सस्पेंड किया है।
मिड-डे मील की रोजाना जानकारी नहीं देने पर सात जिलों के 93 स्कूलों को नोटिस जारी किए गए हैं। उच्च शिक्षा निदेशालय ने स्कूल प्रभारियों को तय समय में पूरा रिकॉर्ड अपलोड करने के निर्देश जारी किए हैं। सभी स्कूलों को मिड-डे मील योजना के लिए वास्तविक समय रिपोर्टिंग करना भी अनिवार्य किया गया है। चंबा, शिमला, हमीरपुर, कांगड़ा, कुल्लू, सिरमौर और मंडी जिला के 31 वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों, 40 मिडल स्कूलों और 22 हाई स्कूलों की ओर से रोजाना मिड-डे मील की जानकारी पोर्टल पर अपलोड नहीं की जा रही है। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने कहा कि मिड-डे मील योजना के कार्यान्वयन के संबंध में भारत सरकार ने सभी स्कूल अधिकारियों को इस योजना के तहत पात्र छात्रों को दिए जाने वाले भोजन की दैनिक वास्तविक समय रिपोर्टिंग सुनिश्चित करने के लिए निर्देश जारी किया है। इसके अनुसार विभिन्न सरकारी स्कूलों (जीपीएस, जीएमएस, जीएचएस और जीएसएसएस) के प्रत्येक मिड-डे मील शिक्षक प्रभारी को अपने पंजीकृत मोबाइल नंबरों का उपयोग करके टोल-फ्री नंबर 15544 पर एसएमएस के माध्यम से दैनिक रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होती है। इस रिपोर्टिंग का उद्देश्य नामांकित छात्रों को दिए जाने वाले भोजन पर सटीक डेटा प्रदान करना है। अधिकारियों को भोजन वितरण की स्पष्ट तस्वीर देने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि कार्यक्रम को उसके दिशानिर्देशों के अनुसार निष्पादित किया जा रहा है। रिपोर्ट सभी स्कूल कार्य दिवसों पर प्रस्तुत की जानी चाहिए। यह प्रणाली यह निगरानी करने में भी मदद करती है कि आवंटित भोजन इच्छित छात्रों को परोसा जा रहा है या नहीं। उन्होंने कहा कि बीते दिनों सामने आया कि 93 स्कूल नियमित आधार पर रिपोर्ट नहीं दे रहे हैं। इस कारण भारत सरकार और राज्य सरकार दोनों स्तरों पर विभाग के लिए शर्मनाक स्थिति पैदा हो रही है। शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि इस रिपोर्टिंग आवश्यकता का पालन करने में विफलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जो स्कूल दैनिक एसएमएस रिपोर्टिंग में चूक करना जारी रखते हैं, उन्हें अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है, जिसमें दंड या अन्य प्रशासनिक परिणाम शामिल हो सकते हैं। उच्च शिक्षा निदेशक ने कहा कि पीएम पोषण योजना की सफलता समय पर और सटीक डेटा संग्रह पर बहुत अधिक निर्भर है। ये रिपोर्ट न केवल भोजन वितरण की निगरानी के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण के रूप में काम करती है, बल्कि स्कूलों में बाल पोषण आवश्यकताओं को संबोधित करने में कार्यक्रम की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करने में भी मदद करती है। उन्होंने डिफॉल्टर स्कूलों को दैनिक रिपोर्ट प्रस्तुत करने को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया है।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सुक्खू ने आज यहां पर्यटन विभाग की विभिन्न परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि पर्यटन क्षेत्र हिमाचल प्रदेश की आर्थिकी का मुख्य स्तम्भ है। राज्य सरकार विभिन्न पर्यटन परियोजनाओं को निर्धारित समय में पूरा करने को प्राथमिकता दे रही है ताकि पर्यटकों को विश्व स्तरीय सुविधाएं प्रदान की जा सकें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के पर्यटन क्षेत्र मेें अधोसंरचना निर्माण एवं सुदृढ़ीकरण पर आने वाले समय में 2415 करोड़ रुपये व्यय करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला मंडी में बनने वाले शिवधाम पर 150.27 करोड़ रुपये तथा जिला हमीरपुर के बाबा बालक नाथ मन्दिर के सौन्दर्यीकरण पर 51.70 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे। इसी प्रकार 78.09 करोड़ रुपये की लागत से जिला कांगड़ा के नगरोटा बगवां तथा पालमपुर नगर का सौन्दर्यीकरण किया जाएगा। प्रदेश सरकार 280.39 करोड़ की लागत से जिला हमीरपुर के नादौन, जिला कांगड़ा के नगरोटा बगवां और जिला कुल्लू के मनाली व कुल्लू में वैलनैस सेन्टर विकसित करेगी। जिला कुल्लू के नग्गर किले के संरक्षण व मरम्मत कार्य पर 8.64 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे। ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार साहसिक पर्यटन को भी बढ़ावा दे रही है और इस कड़ी में नादौन में राफ्टिंग कॉम्पलैक्स और मनाली, धर्मशाला तथा शिमला में रोलर स्केटिंग रिंक का निर्माण किया जाएगा। इन पर 163.50 करोड़ रुपये व्यय होंगे जिससे पर्यटकों सहित स्थानीय लोग लाभान्वित होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बेहतर हवाई सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार हेलीपोर्ट का निर्माण कर रही है। उन्होंने अधिकारियों को इन परियोजनाओं के कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने पर्यटन विभाग को डीजीसीए जिला शिमला के संजौली, रामपुर, जिला मंडी के कंगनीधार और जिला सोलन के बद्दी हेलीपोर्ट सहित मौजूदा अन्य हेलीपोर्ट के लिए परिचालन स्वीकृति प्राप्त करने के निर्देश भी दिए, ताकि इन हेलीपोर्ट में हेलीकॉप्टर सेवाओं का संचालन सुगम हो सके। सीएम सुक्खू ने कहा कि पर्यटन और ऊर्जा क्षेत्र प्रदेश सरकार की प्राथमिकता वाले क्षेत्र हैं और सरकार इन क्षेत्रों के विकास और अधिकतम लाभ अर्जित करने के लिए हर संभव प्रयास करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के प्रयासों से प्रदेश में पर्यटकों की आमद बढ़ी है, जो प्रदेश की आर्थिकी को सुदृढ़ करने में महत्त्वपूर्ण साबित हो रही है। इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष रघुवीर सिंह बाली ने पर्यटन क्षेत्र में सुधार के लिए अपने बहुमूल्य विचार प्रस्तुत किए। प्रधान सचिव पर्यटन देवेश कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, निदेशक पर्यटन विवेक भाटिया, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा और पर्यटन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।
बिलासपुर/सुनील: घुमारवीं में जिला प्रशासन बिलासपुर द्वारा आयोजित एक दिवसीय निशुल्क सहायता उपकरण शिविर में प्रदेश सरकार के नगर नियोजक, आवास, तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री राजेश धर्मानी ने घुमारवीं और झंडुता उपमंडल के 140 पात्र दिव्यांगजनों को एडिप और राष्ट्रीय वयोश्री योजना के तहत सहायक उपकरण वितरित किए। इनमें व्हीलचेयर, कान की मशीन, और विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए मोबाइल फोन सहित अन्य सहायक उपकरण शामिल थे। मंत्री राजेश धर्मानी ने कहा, प्रदेश सरकार दिव्यांगजनों को मुख्यधारा में शामिल करने और उनके जीवन को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि दिव्यांगजनों को हरसंभव सहायता मिले और वे आत्मनिर्भर बन सकें। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने समाज के पिछड़े और जरूरतमंद वर्गों के लिए विभिन्न योजनाएं चलाई हैं, जिनमें विशेष रूप से मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना शामिल है। इसके तहत अनाथ बच्चों को प्रदेश सरकार ने गोद लिया है और इन बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए सरकार कार्य कर रही है। मंत्री ने आगे कहा कि प्रदेश सरकार उपमंडल स्तर पर एसेसमेंट कैंप लगाने का निर्णय ले चुकी है, जिससे दिव्यांगजनों की पहचान सही तरीके से की जा सके और उन्हें उनकी आवश्यकता अनुसार सहायक उपकरण वितरित किए जा सकें। उन्होंने विश्वास दिलाया कि आगामी समय में यह एसेसमेंट कैंप छोटे से छोटे स्तर पर भी आयोजित किए जाएंगे, जिसमें कुछ ग्राम पंचायतें भी शामिल होंगी। इस पहल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रदेश के किसी भी दिव्यांगजन को सहायता से वंचित न रखा जाए और उनकी पहचान हर संभव तरीके से की जा सके। मंत्री राजेश धर्मानी ने हाल ही में छत्तीसगढ़ में सीआरपीएफ के जवान के घायल होने के मामले पर बयान दिया, जिसमें उनके दोनों पैरों की गंभीर चोटों की जानकारी दी गई। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि उस जवान के घर के पास लड़ाई-झगड़ों के कारण रास्ता बंद करने का मामला सामने आया है। मंत्री ने कहा कि वे इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से बातचीत करेंगे और दिव्यांग व्यक्तियों के घर तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए कानूनी और बजट संबंधी मामलों पर चर्चा करेंगे। इसके अतिरिक्त, उन्होंने बजट में दिव्यांगों के घर तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए धन स्वीकृत करने और अन्य कानूनी मामलों में चर्चा करने का आश्वासन दिया। कार्यक्रम में कांग्रेस पार्टी के महासचिव विवेक कुमार, जिला परिषद सदस्य शालू राणावत और प्रमिला बसु, एसडीएम गौरव चौधरी, जिला कल्याण अधिकारी रमेश बंसल, जिला दिव्यांग कल्याण संघ के अध्यक्ष विनोद, और एलिम्को के प्रतिनिधि तुषार विशेष तौर पर उपस्थित रहे।
बिलासपुर/सुनील: प्रदेश के नगर नियोजक, आवास, तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री राजेश धर्मानी ने राष्ट्रीय टी-20 क्रिकेट प्रतियोगिता में जीत हासिल करने वाली दिव्यांग हिमाचल महिला क्रिकेट टीम की कप्तान रचना को सम्मानित किया। मंत्री ने रचना की कड़ी मेहनत और उत्कृष्ट प्रदर्शन की सराहना की और उन्हें प्रदेश सरकार की ओर से शुभकामनाएं दीं। मंत्री ने कहा, यह सफलता न केवल रचना की व्यक्तिगत मेहनत का परिणाम है, बल्कि यह हिमाचल प्रदेश के दिव्यांग खिलाड़ियों की क्षमता और आत्मविश्वास को भी दर्शाता है। हम हमेशा ऐसे खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करेंगे और उन्हें हर संभव समर्थन प्रदान करेंगे ताकि वे अपनी पूरी क्षमता को पहचान सकें और आगे बढ़ सकें।
** जयराम ठाकुर ने जन्मदिन पर माता-पिता, और देवी-देवताओं का किया आभार व्यक्त हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर का आज जन्मदिन है। जयराम ठाकुर आज 60 वर्ष के हो गए हैं। इस खास मौके पर उन्होंने शिमला में भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच 60 किलो का केक काटकर अपना जन्मदिन मनाया। इस अवसर पर जयराम ठाकुर के आधिकारिक आवास पर बधाई देने वालों का तांता लगा रहा। कार्यकर्ताओं ने पहाड़ी नाटी डालकर जयराम ठाकुर के जन्मदिन का जश्न मनाया और उन्हें ढेर सारी बधाईयां दीं। जयराम ठाकुर ने जन्मदिन के इस मौके पर कहा कि वह अब सीनियर सिटीजन हो गए हैं और जीवन के इस नए पड़ाव पर पहुंचने के लिए वह ईश्वर, देवी-देवताओं और अपने माता-पिता का आभार व्यक्त करते हैं। उन्होंने कहा कि उनके माता-पिता ने कठिन संघर्ष भरा जीवन जिया और उन्होंने भी अपने जीवन का एक बड़ा हिस्सा समाज सेवा में समर्पित किया है। जयराम ठाकुर ने यह भी कहा कि वह देवी-देवताओं से प्रार्थना करते हैं कि वह अपनी पूरी जिंदगी समाज सेवा में इसी तरह समर्पित रहें। जन्मदिन के मौके पर प्रदेश भर से उन्हें मिल रहे बधाई संदेशों के लिए उन्होंने जनता का धन्यवाद किया। जयराम ठाकुर ने बताया कि रात के 12 बजे से ही प्रदेश भर से लोग उन्हें फोन और मैसेज भेजकर बधाई दे रहे हैं, और वह इसके लिए प्रदेशवासियों के आभारी हैं। उन्होंने कहा कि उनकी यह कामना है कि प्रदेशवासियों का आशीर्वाद हमेशा उनके साथ रहे, ताकि वह देश और समाज की सेवा में इसी तरह निरंतर लगे रहें।
चीन में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) वायरस तेजी से फैल रहा है। यह वायरस खास तौर से बच्चों में देखा जा रहा है। चीन में HMPV वायरस की वजह से एक बार फिर से कोरोना महामारी जैसी स्थिति बन गई है। अस्पतालों में इस वायरस की चपेट में आए मरीजों की भारी भीड़ नजर आ रही है, जिनमें ज्यादातर बच्चे शामिल हैं। वहीं, इस वायरस की वजह से बड़ी संख्या में मौते भी हो रही है। इस बीच जो खबर आई है वो हर भारत के लिए चिंता बढ़ाने वाली है। चीन में कोराना की तरह तेजी से फैलने वाला HMPV वायरस ने अब भारत में भी दस्तक दे दी है। पहला मामला बेंगलुरु में आया है। यहां एक 8 महीने की बच्ची में HMPV वायरस डिटेक्ट किया गया है। शहर के बैपटिस्ट अस्पताल में यह पहला मामला सामने आया है। अस्पताल के अधिकारियों ने यह जानकारी दी है। कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में 8 महीने के बच्ची में HMPV वायरस पाया गया है। यह भारत का पहला केस है। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि अभी सरकारी लैब में इसका टेस्ट नहीं किया गया है। मगर एक प्राइवेट हॉस्पिटल से यह रिपोर्ट आई है और इस रिपोर्ट पर संदेह नहीं किया जा सकता है। सरकारी लैब में भी इसका टेस्ट कराया जाएगा। US सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के अनुसार, HMPV सभी उम्र के लोगों, खासकर छोटे बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों में ऊपरी और निचले श्वसन रोग का कारण बन सकता है। 2001 में इसका पता लगाया गया था और यह श्वसन सिंकिटियल वायरस (RSV) के साथ न्यूमोविरिडे से संबंधित है। HMPV के लक्ष्णों की बात करें, तो इसमें सामान्य सर्दी या फ्लू जैसे ही लक्षण दिखाई देते हैं। गंभीर मामलों में, यह घरघराहट या सांस की तकलीफ, ब्रोंकाइटिस, निमोनिया या अस्थमा के बढ़ने का कारण बन सकता है। इस वायरस से सबसे ज्यादा खतरा पांच साल से कम उम्र के बच्चे, खास तौर पर नवजात शिशु, वृद्ध वयस्क, जिनकी उम्र 65 वर्ष से अधिक हो और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले या अस्थमा या सीओपीडी जैसी पुरानी श्वसन संबंधी बीमारियों वाले व्यक्तियों को है।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व को 7 जनवरी से पहले अतिक्रमण और बेदखली मामलों के निष्पादन को लेकर सभी विभागों को जरूरी दिशा-निर्देश जारी करने के आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट के एक अक्तूबर के आदेशों का अनुसरण करते हुए अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व ने हलफनामा दाखिल किया है। इसमें कहा गया है कि हिमाचल प्रदेश भूमि राजस्व अधिनियम 1954 की धारा 163 के तहत संबंधित सहायक कलेक्टर प्रथम और द्वितीय श्रेणी कलेक्टर के पास 5789 मामले लंबित हैं। भू राजस्व अधिनियम 1954 की धारा 163 के अंतर्गत बेदखली और वारंट के 3746 और अपील के मामले 457 लंबित हैं। न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर और न्यायाधीश बिपिन चंद्र नेगी की खंडपीठ ने अतिरिक्त सचिव को निर्देश दिए हैं कि लंबित मामलों की सुनवाई का निपटारा जल्द किया जाए। हाईकोर्ट ने वित्त आयुक्त को निर्देश दिए हैं कि भूमि राजस्व अधिनियम की धारा 17 के तहत पूर्ण निरीक्षण याचिकाओं और धारा 14 के तहत अपील का 31 जुलाई से पहले निपटारा किया जाए। सहायक कलेक्टर प्रथम श्रेणी और द्वितीय श्रेणी के कलेक्टर के समक्ष धारा 163 के अंतर्गत 5789 मामलों का निष्पादन 30 जून और अपीलों का 30 मई 2025 तक करने को कहा गया। हिमाचल प्रदेश सार्वजनिक परिसर बेदखली और किराया वसूली के तहत बेदखली के वारंटों का निष्पादन 31 मार्च 2025 तक या उससे पहले सुनिश्चित करने की निर्देश दिए गए हैं। हाईकोर्ट की ओर से ये निर्देश जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान दिए गए हैं। अगली सुनवाई 8 जनवरी को होगी।
अगर आप हवाई जहाज से देहरादून, नोएडा या जयपुर जाना चाहते हैं तो बहुत जल्द गगल हवाई अड्डे से यह सुविधा मिल जाएगी। जल्द ही गगल एयरपोर्ट इन शहरों से भी सीधी उड़ान के जरिये जुड़ जाएगा। 30 मार्च से हवाई उड़ानों के शेड्यूल में होने वाले बदलाव के साथ ही इन शहरों के लिए गगल से सीधी उड़ानें होंगी। मौजूदा समय में गगल एयरपोर्ट से शिमला-दिल्ली और चंडीगढ़ के लिए सीधी उड़ानें होती हैं। जानकारी के अनुसार 30 मार्च से हवाई उड़ानों के शेड्यूल में बदलाव होगा। इस दौरान जहां राजधानी दिल्ली के लिए होने वाली उड़ानों की संख्या में बढ़ोतरी होगी, वहीं देहरादून, नोएडा और जयपुर शहरों को भी गगल एयरपोर्ट से जोड़ा जाएगा। इन शहरों के लिए सीधी उड़ानें शुरू करने के लिए एयरपोर्ट अथारिटी की विमानन कंपनियों के साथ बातचीत चल रही है। अगर प्रयास सफल हुए तो 30 मार्च से इन शहरों के गगल एयरपोर्ट से सीधी उड़ानें होंगी। उल्लेखनीय है कि मौजूदा समय में गगल एयरपोर्ट पर विमानन कंपनी एलायंस एयर, इंडिगो और स्पाइस जेट अपनी सेवाएं दे रही हैं। इन विमानन कंपनियों की शिमला, दिल्ली और चंडीगढ़ के लिए उड़ानें होती हैं। गगल एयरपोर्ट से अन्य शहरों को जोड़ने के लिए लोग मांग कर रहे हैं। इसी कड़ी में इन शहरों को जोड़ने के लिए विमानन कंपनियों के साथ बात चल रही है। गगल एयरपोर्ट में 30 मार्च से सूर्योदय से सूर्यास्त तक उड़ानें शुरू की जाएंगी। उम्मीद है कि नोएडा, देहरादून और जयपुर के लिए भी सीधी उड़ानें शुरू हो सकेंगी।
नए साल के जश्न के बाद भी पहले वीकेंड पर हिमाचल के पर्यटन स्थल सैलानियों से गुलजार हो गए हैं। हिल्सक्वीन शिमला, मनाली, धर्मशाला, कसौली, चायल और डलहौजी में सैलानियों की भारी भीड़ रही। वीकेंड पर बर्फबारी के पूर्वानुमान के चलते बड़ी संख्या में सैलानियों ने हिमाचल के पर्यटन स्थलों का रुख किया। पर्यटक स्थलों पर पर्यटक वाहनों की भीड़ बढ़ने से ट्रैफिक जाम की समस्या भी पेश आई। वीकेंड पर शनिवार और रविवार को शिमला में सैलानियों का खूब जमावड़ा लगा। रिज मैदान पर विंटर कार्निवाल का सैलानियों ने आनंद लिया। पर्यटन निगम की लिफ्ट के बाहर सैलानियों की लंबी कतारें लगी रहीं। बर्फ में अठखेलियां करने के लिए सैलानियों ने कुफरी और नारकंडा का रुख किया। कुल्लू-मनाली में भी वीकेंड पर सैलानियों की खूब रौनक रही। औट, बंजार और तीर्थन घाटी में पर्यटक वाहनों की संख्या बढ़ने से ट्रैफिक जाम की समस्या पेश आई। अटल टनल रोहतांग में भी वीकेंड पर सैलानियों की भारी भीड़ रही। कसौली में वीकेंड पर पर्यटक वाहनों की भीड़ बढ़ने से जाम की समस्या पेश आई। धर्मशाला और चायल में भी नए साल के पहले वीकेंड पर ब़ॉी संख्या में सैलानी मौसम का लुत्फ उठाने के लिए पहुंचे।फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्टोरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष गजेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि नए साल के जश्न के बाद पहला वीकेंड भी शानदार रहा है। बर्फबारी का आनंद लेने के लिए बड़ी संख्या में सैलानी शिमला, मनाली, धर्मशाला सहित अन्य पर्यटन स्थलों पर पहुंचे हैं। बर्फबारी होती रही तो सैलानियों के आने का क्रम आगे भी जारी रहेगा।
हिमाचल प्रदेश के मंडी में चिट्टे की तस्करी के झूठे केस में फंसाने की फोन पर धमकी देकर पैसे मांगने और कुल्लू के तोश में घूमने आए हरियाणा के युवक की मौत के मामले में सीबीआई ने केस दर्ज किए हैं। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने दोनों मामले सीबीआई को सौंपने के राज्य सरकार को निर्देश दिए थे। रविवार को केस दर्ज कर सीबीआई ने जांच शुरू कर दी है। सीबीआई मामलों में की गई अब तक की जांच का सारा रिकॉर्ड पुलिस से लेगी और मामले से जुड़े लोगों से पूछताछ की जाएगी। गौर हो कि हरियाणा का वैभव यादव (21) 9 दिसंबर 2023 को चार युवकों के साथ तोश घूमने आया था। सभी युवक सूरज गेस्ट हाउस में रुके। इस बीच वैभव की मौत हो गई। इसके बाद वैभव के पिता बलदेव ने पुलिस महानिदेशक और पुलिस थाना कुल्लू को लिखित शिकायत देकर पुलिस जांच पर सवाल उठाए। उन्होंने हिमाचल हाईकोर्ट को पत्र लिखा, जिसके आधार पर आपराधिक रिट याचिका दायर की गई और हाईकोर्ट ने सीबीआई को मामले की जांच सौंपने के आदेश दिए। वहीं, चिट्टा तस्करी के झूठे आपराधिक मामले में फंसाने की धमकी देकर जबरन वसूली के आरोपों में शिकायत के आधार पर 10 जून 2024 को मंडी के बल्ह थाने में एक केस दर्ज किया गया था। शिकायतकर्ता का आरोप है कि उसे 31 मार्च 2024 की शाम को एक फोन कॉल आई, जिसमें कहा गया कि उनके बेटे की गाड़ी से चिट्टा पकड़ा गया है। यदि उस बचाना है तो एक पेटी या एक लाख रुपये का प्रबंध करें और अकेले नेरचौक आने को कहा। इस मामले में भी युवक के पिता की शिकायत पर हाईकोर्ट ने सीबीआई को केस की जांच सौंपने के आदेश दिए थे। अब सीबीआई ने दोनों मामलों में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
हिमाचल प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण के लिए सरकार ने पेड़ कटान पर अंकुश लगाने के लिए सख्त फैसले लिए हैं। इसको लेकर दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। इसके मुताबिक प्रदेश सरकार ने खैर व तीन प्रजातियों सफेदा, पॉपुलर और बांस को छोड़कर अन्य पेड़ों के कटान पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। इसके अलावा कृषि और घरेलू उपयोग के लिए साल भर में तीन पेड़ एक वर्ष के भीतर किसानों द्वारा काटे जा सकते है। इससे ज्यादा पेड़ काटने के लिए किसानों को वन मंडल अधिकारी से लिखित में अनुमति लेनी होगी। वहीं, खैर का कटान पहले की तरह दस वर्ष की अवधि के बाद ही किया जाएगा। इस बारे में वन विभाग ने आदेश जारी किए हैं। जो तुरंत प्रभाव से लागू हो गए हैं। प्रदेश में पेड़ कटान के लिए अधिकारियों की अनुमति देने की सीमा को भी निर्धारित किया गया है। प्रदेश में अब एक साल में 200 पेड़ काटने तक की अनुमति देने के लिए डीएफओ को अधिकृत किया गया है। वहीं, एक साल में 300 तक पेड़ काटने के लिए मुख्य अरण्यपाल व अरण्यपाल वन, अनुमति दे सकते है। 400 पेड़ काटने तक के लिए प्रधान मुख्य अरण्यपाल को अनुमति देने का अधिकार होगा। वहीं, 400 से अधिक पेड़ काटने के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार की अनुमति लेनी होगी। अन्य प्रजातियों के पेड़ों को बेचने व कटान की अनुमति प्रधान मुख्य अरण्यपाल की और से दी जाएगी। पर्यावरण के कारण मौसम में लगातार हो रहे बदलाव को देखते हुए सरकार ने धरती पर हरियाली को बचाने की दिशा में कदम बढ़ाया हैं। प्रदेश सरकार ने घरेलू, कृषि व बेचने के लिए वृक्ष काटने वाले व्यक्ति को तीन पेड़ काटने पर इसके बदले तीन पेड़ों का रोपण करना होगा। सरकार ने ये शर्त पर्यावरण को बचाने के लिए लगाई है, ताकि जितने पेड़ काटे जाएंगे उतने ही पौधों का रोपण कर आने वाली पीढ़ियों के लिए भी वन संपदा को बचाकर रखा जा सकेगा। वहीं, अगर फलदार पौधे रोपित किए जाते हैं, तो उसके लिए बागवानी विभाग की तरफ से तय मापदंड का पालन करना होगा।
हिमाचल प्रदेश सरकार और वाइल्ड फ्लॉवर होटल प्रबंधन के बीच बातचीत को लेकर कोई सहमति नहीं बन पाई है। ओबरॉय ग्रुप की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जुड़े। न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाॅल दुआ की अदालत इस मामले की सुनवाई कर रही है। अगली सुनवाई एक मार्च को होगी। उस दिन अब ईस्ट इंडिया होटल लिमिटेड यानी ओबरॉय समूह की ओर से भी बहस की जाएगी। सरकार की ओर से कहा गया कि होटल प्रबंधन की तरफ से बातचीत के लिए कोई प्रस्ताव नहीं दिया गया। अदालत ने पिछली सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों को कहा था कि प्रस्ताव पर सहमति बनती है या नहीं, इस पर अदालत में रिपोर्ट प्रस्तुत करें। राजधानी शिमला के नजदीक ऐतिहासिक वाइल्ड फ्लॉवर हॉल होटल के प्रबंधन से सरकार बातचीत करने के लिए तैयार हो गई थी। महाधिवक्ता अनूप रतन ने हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा था कि अगर ईस्ट इंडिया होटल लिमिटेड यानी ओबरॉय समूह की ओर से कोई प्रस्ताव दिया जाता है तो सरकार के दरवाजे बातचीत के लिए खुले हैं। उन्होंने कहा था कि अगर कोई भी कंपनी प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए काम करना चाहती है तो सरकार स्वागत करती है। राज्य सरकार ने वाइल्ड फ्लावर हॉल को अपने अधीन लेने को लेकर हाईकोर्ट में क्रियान्वयन याचिका दायर की है। हाईकोर्ट ने पहले ही ओबरॉय समूह को मध्यस्थता के आदेशों की पालना करने के आदेश दिए थे। बता दें कि होटल के स्वामित्व की दो दशकों से कानूनी लड़ाई चल रही है। हाईकोर्ट ने वाइल्ड फ्लावर हॉल को सरकार को सौंपने के आदेश दिए थे। हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ ओबरॉय ग्रुप सुप्रीम कोर्ट गया था। सुप्रीम कोर्ट से इन्हें कोई राहत नहीं मिली।
हिमाचल प्रदेश के शिक्षण संस्थानों में गैर शैक्षणिक वीडियो और रील्स बनाने पर रोक लगा दी गई है। इसके अलावा सोशल मीडिया का अनावश्यक उपयोग नहीं होगा। शनिवार को उच्च शिक्षा निदेशालय ने सभी स्कूलों और कॉलेजों के प्रिंसिपलों को इस बाबत नजर रखने के निर्देश जारी किए। निदेशालय ने विद्यार्थियों पर इन गतिविधियों का गलत प्रभाव पड़ने का हवाला दिया है। निर्देशों का पालन न करने वाले शिक्षकों और गैर शिक्षकों को अनुशासनात्मक कार्रवाई के प्रति भी चेताया गया है। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने बताया कि ध्यान भटकाने वाली गतिविधियों पर लगाम लगाने और शैक्षणिक गतिविधियों पर फोकस बढ़ाने के उद्देश्य से यह फैसला लिया गया है। सोशल मीडिया पर शिक्षकों और कर्मचारियों के गैर शैक्षणिक गतिविधियों में शामिल होने के बढ़ते मामलों की निदेशालय के पास लगातार शिकायतें आ रही हैं। इस पर संज्ञान लेते हुए निदेशालय ने स्कूलों-कॉलेजों के प्रिंसिपलों और जिला शिक्षा उपनिदेशकों को पत्र जारी किए हैं। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि कुछ शिक्षक और कर्मचारी स्कूल समय में ऐसी सामग्री बनाते रहते हैं, जो छात्रों के शैक्षणिक विकास में योगदान नहीं देती। ऐसी वीडियो या रील्स सोशल मीडिया पर डाले जा रहे हैं, जो शैक्षणिक, खेल या पाठयक्रम से संबंधित नहीं होते हैं। ऐसे विकर्षण विद्यार्थियों को उनके शैक्षिक लक्ष्यों से दूर करते हैं और उन्हें सोशल मीडिया के उपयोग में लिप्त होने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं जो उनके मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। स्कूलों-कॉलेजों के प्रिंसिपलों को निर्देश दिया है कि विद्यार्थियों के चरित्र निर्माण और उन्हें जिम्मेदार और बेहतर नागरिक बनने के लिए अनुकूल माहौल प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।
शिमला जिले के ठियोग उपमंडल में टैंकरों से पानी आपूर्ति देने के नाम पर हुए लाखों रुपये के घोटाले की जांच शनिवार को विजिलेंस ने शुरू कर दी। एएसपी नरवीर सिंह राठौर की अगुवाई में गठित जांच टीम ने एसडीएम ठियोग कार्यालय से संबंधित रिकॉर्ड कब्जे में ले लिया है। पानी आपूर्ति के घोटाले की खबर अमर उजाला में प्रकाशित होने के बाद जल शक्ति विभाग में हड़कंप मच गया था और विभाग के 10 अधिकारियों को शुक्रवार को निलंबित कर दिया गया। इनमें दो अधिशासी, तीन सहायक, चार कनिष्ठ और एक सेवानिवृत्त कनिष्ठ अभियंता शामिल हैं। इसके बाद मामला सरकार ने जांच के लिए विजिलेंस को सौंप दिया। शनिवार को घोटाले के तथ्यों की जांच कर विजिलेंस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए ठियोग का दौरा किया और एसडीएम कार्यालय का पानी की सप्लाई से संबंधित रिकॉर्ड कब्जे में ले लिया। सूत्रों के अनुसार विजिलेंस मामले में जल्द ही एफआईआर भी दर्ज कर सकती है। इसके बाद निलंबित अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। बता दें कि पानी की आपूर्ति के लिए टैंकरों की जगह बाइक, कारों और अफसर की गाड़ी के नंबर देने और जहां सड़क नहीं है, वहां भी टैंकरों से पानी की आपूर्ति दर्शाने की खबर छपने के बाद सरकार हरकत में आई और 10 अफसरों पर कार्रवाई की। निलंबित अफसरों को विभाग के मुख्यालय में अटैच किया गया है। इसके अलावा पानी की सप्लाई करने वाले ठेकेदारों को ब्लैक लिस्ट भी कर दिया गया है। वहीं, इस मामले में ठियोग से कांग्रेस के विधायक कुलदीप राठौर ने कहा कि जो भी दोषी होगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा। राठाैर ने कहा कि जैसे ही 27 नवंबर को इस मामले की जानकारी मिली, तुरंत उपमुख्यमंत्री एवं जलशक्ति मंत्री मुकेश अग्निहोत्री से इस घोटाले की निष्पक्ष जांच की मांग की। साथ ही आला अधिकारियों के साथ चर्चा कर तत्काल कार्रवाई करने के आदेश दिए। विजिलेंस की टीम को शनिवार शाम को मामले से जुड़े सभी जरूरी कागजात सौंप दिए हैं।
बिलासपुर/सुनील: प्रदेश सरकार के नगर नियोजन, आवास, तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री राजेश धर्मानी ने बताया कि घुमारवीं सिविल अस्पताल में जल्द ही लिफ्ट की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। इसके लिए सरकार द्वारा 29 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई है। मंत्री धर्मानी ने कहा कि घुमारवीं सिविल अस्पताल में इस सुविधा के आने से मरीजों, विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों गर्भवती महिलाओं और दिव्यांगजनों को राहत मिलेगी। लिफ्ट की स्थापना से अस्पताल में आने वाले लोगों की सुविधा में सुधार होगा, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाना और भी सुगम हो जाएगा। राजेश धर्मानी ने कहा कि प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के लिए प्रतिबद्ध है। स्वास्थ्य क्षेत्र में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के साथ-साथ आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। घुमारवीं सिविल अस्पताल को नई सुविधाओं से लैस करना इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
एचआरटीसी (हिमाचल पथ परिवहन निगम) के बेड़े में मार्च माह में 24 नई वोल्वो बसें जुड़ जाएंगी। इनकी खरीद के लिए सरकार ने एचआरटीसी को 36 करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं। नई बसें हिमाचल के विभिन्न रूटों से दिल्ली के लिए चलाई जाएंगी। हाईटेक बसों में यात्री आरामदायक सफर का आनंद ले सकेंगे। आधुनिक सुविधाओं से लैस एक वोल्वो बस की कीमत करीब डेढ़ करोड़ है। एचआरटीसी शिमला, मनाली, धर्मशाला, डलहौजी, बीड़, चंबा, हमीरपुर, रिवालसर और चिंतपूर्णी सहित अन्य रूटों से दिल्ली के लिए वोल्वो चलाता है। सामान्य बसों के मुकाबले वोल्वो की कमाई करीब दोगुना है। दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने के बाद ग्रैप (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) पाबंदियां लगाई गई हैं, जिनके तहत बीएस-6 बसों को ही राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश दिया जा रहा है। निगम की वोल्वो सेवा प्रभावित न हो, इसके लिए नई बसों की खरीद प्रक्रिया शुरू की गई है। 24 नई वोल्वो खरीदने की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। मार्च में ये बसें मिलना शुरू हो जाएंगी। नई बसें आधुनिक सुविधाओं से लैस बीएस-6 श्रेणी की होंगी। इन्हें प्रदेश के विभिन्न रूटों से दिल्ली के लिए संचालित किया जाएगा। बीएस-6 तकनीक से लैस प्रदूषण रहित नई वोल्वो में हर सीट पर यात्रियों के लिए थाई रेस्ट, फुट रेस्ट की सुविधा उपलब्ध होगी। लैपटॉप सहित अन्य कीमती सामान चोरी होने की घटनाओं के मद्देनजर सीटों के ऊपर कैरियर में लॉकर की सुविधा होगी। सभी सीटों के साथ यूएसबी मोबाइल चार्जर और पहली दो सीटों पर लैपटॉप चार्जर की सुविधा दी जाएगी। निगम की पुरानी वोल्वो 285 हॉर्स पावर की हैं। नई वोल्वो 300 हॉर्स पॉवर होंगी। नई वोल्वो पैनिक बटन, व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम और वाईफाई से लैस होंगी।
हिमाचल प्रदेश में 20 से कम छात्र संख्या वाले हाई और 25 वाले वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों का दर्जा घटेगा। नए शैक्षणिक सत्र से पांच से सात किलोमीटर के नजदीकी स्कूलों में इन स्कूलों के विद्यार्थियों को दाखिले दिलाए जाएंगे। प्रदेश में अब स्कूल मर्ज करने की जगह दर्जा घटाने का प्रदेश सरकार ने फैसला लिया है। उच्च शिक्षा निदेशालय से जनवरी अंत तक सरकार ने इस बाबत प्रस्ताव मांगा है। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि कम छात्र संख्या वाले स्कूलों का डाटा एकत्र होने के बाद सरकार की मंजूरी लेकर इनका दर्जा कम किया जाएगा। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जिन हाई स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या 20 या उससे कम होगी, ऐसे स्कूलों का दर्जा घटाकर मिडल किया जाएगा। इसी तरह जिन वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में विद्यार्थी संख्या 25 या उससे कम होगी, वहां स्कूलों का दर्जा घटाकर हाई स्कूल किया जाएगा। दर्जा घटने के बाद जो कक्षाएं स्कूलों में बंद हो जाएंगी, उनमें पढ़ने वाले विद्यार्थियों को पांच से सात किलोमीटर के दायरे वाले अन्य स्कूलों में दाखिले दिलाए जाएंगे। शैक्षणिक सत्र 2025-26 से यह व्यवस्था लागू होगी। उधर, 10 छात्र संख्या से कम वाले प्राइमरी स्कूलों को नजदीकी दो से तीन किलोमीटर के दायरे वाले स्कूलों में मर्ज किया जाएगा। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने 300 ऐसे स्कूल चिह्नित किए हैं, जहां विद्यार्थियों की संख्या दस से कम है। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि अगले चरण में कम छात्र संख्या वाले कॉलेजों को भी मर्ज किया जाएगा। सभी कॉलेजों से विद्यार्थियों के नामांकन की जानकारी मांगी गई है। प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखने और हर संस्थान में पर्याप्त मात्रा में शिक्षकों की नियुक्तियां करने के लिए कम विद्यार्थियों वाले संस्थानों को मर्ज या दर्जा घटाने का फैसला लिया गया है।
सरकारी स्कूलों में नर्सरी से आठवीं कक्षा तक विद्यार्थियों को परोसे जाने वाले मिड-डे-मील की जांच में कई खामियां सामने आई हैं। यह खुलासा पंजाब बायोटेक्नोलॉजी इनक्यूबेटर की ओर से स्कूलों में तैयार होने वाले खाने के सैंपल जांचने पर हुआ। सैंपल जांच में सामने आया कि खाने में ई कोली नाम का बैक्टीरिया है। इससे बच्चों का पेट खराब होने से लेकर आंत को नुकसान तक पहुंच सकता है। जांच रिपोर्ट आने के बाद शिक्षा विभाग ने सभी स्कूल प्रबंधकों को खाना बनाते समय स्वच्छता मानकों का ख्याल रखने की हिदायत दी है। जानकारी के अनुसार सितंबर 2024 में केंद्र सरकार के निर्देश अनुसार पंजाब बायोटेक्नोलॉजी इनक्यूबेटर मोहाली की टीम ने ऊना के 10 स्कूलों में जाकर मिड-डे-मील के सैंपल लिए। सैंपल की जांच रिपोर्ट हाल ही में सामने आई है। इसमें कहा गया है कि भोजन में ई कोली बैक्टीरिया है, जो बच्चों की सेहत पर बुरा असर करता है। रिपोर्ट मिलने के बाद शिक्षा विभाग के हरकत में आते हुए स्कूलों को आदेश दिए गए कि भोजन तैयार करने वाले कर्मियों की नियमित स्वास्थ्य जांच हो। खाना बनाते समय स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाए। स्कूल प्रबंधक पेयजल की नियमित समय अंतराल के बाद क्लोरीनेशन करवाते रहें। खाना बनाने वाले स्थान, इस्तेमाल होने वाले बर्तनों और जहां बच्चों को भोजन खिलाया जाता है, उस स्थान की प्रतिदिन सफाई करवाई जाए। इसके अलावा खाना बनाने से पहले हाथों को साबुन से धोया जाए। बर्तन धोने के बाद व भोजन वितरित करते समय भी हाथों की साफ सफाई रखी जाए। ई कोली बैक्टीरिया के कुछ प्रकार जहरीला पदार्थ बनाते हैं, जो छोटी आंत की परत को नुकसान पहुंचा सकता है। इससे पेट में ऐंठन, उल्टी और दस्त (अक्सर खून के साथ) हो सकते हैं। लक्षण आमतौर पर बैक्टीरिया के संपर्क में आने के 3-4 दिन बाद शुरू होते हैं और लगभग एक सप्ताह के भीतर समाप्त हो जाते हैं। संक्रमण कम से कम तब तक संक्रामक रहता है, जब तक व्यक्ति को दस्त रहता है।
हिमाचल प्रदेश के राशनकार्ड उपभोक्ताओं को डिपुओं में इस महीने सरसों और रिफाइंड तेल मिलने की उम्मीद है। खाद्य आपूर्ति निगम ने शुक्रवार को तेल के टेंडर खोल दिए हैं। इसमें तीन कंपनियों ने डिपो में तेल की सप्लाई देने की हामी भरी है। सोमवार को खाद्य आपूर्ति निगम की ओर से फाइनेंशियल बिड खोली जानी है। इनमें से अब जिस कंपनी का रेट सबसे कम होगा, उसे टेंडर दिया जाएगा। हिमाचल में राशनकार्ड उपभोक्ताओं को तीन महीने से सरसों और रिफाइंड तेल नहीं मिला है। हालांकि इससे पहले भी खाद्य आपूर्ति निगम ने तेल की कंपनी फाइनल कर फाइल मंजूरी के लिए सरकार को भेजी थी। लेकिन रेट ज्यादा होने पर इसे रद्द किया गया। इसके चलते निगम की ओर से दोबारा से टेंडर किया जा रहा है। हिमाचल में साढ़े 19 लाख राशनकार्ड परिवार हैं। प्रदेश सरकार लोगों को दो लीटर तेल (एक रिफाइंड और एक लीटर सरसों), चीनी, तीन किलो दालें (मलका, माश और दाल चना) सब्सिडी पर दे रही है। आटा और चावल केंद्र सरकार सब्सिडी पर उपलब्ध करवा रही है। खाद्य आपूर्ति निगम के प्रबंध निदेशक राजेश्वर गोयल का कहना है कि डिपुओं में उपभोक्ताओं को सस्ते दामों में सरसों और रिफाइंड तेल उपलब्ध कराया जाना है। निगम की ओर से औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। जिस कंपनी का रेट कम होगा, टेंडर उसे दिया जाएगा। निगम का दावा है कि हिमाचल प्रदेश में 3 महीने तक दालों की कमी नहीं होगी। खाद्य आपूर्ति निगम के गोदाम दालों से भरे हैं। निगम ने डिपो होल्डर को समय रहते गोदामों से सप्लाई उठाने के निर्देश दिए हैं।