धर्मपुर बस स्टैंड के साथ लगती सोन खड्ड में हाल ही में आए फ्लैश फ्लड से प्रभावित लोगों को प्रशासन द्वारा अब तक लगभग 13 लाख 60 हज़ार रुपये की फौरी राहत राशि वितरित की जा चुकी है। एसडीएम धर्मपुर जोगिंद्र पटियाल ने बुधवार को बताया कि इस आपदा में प्रभावित 99 दुकानदारों, 15 मकान मालिकों और 22 किरायेदारों को यह राहत राशि दी गई है। उन्होंने बताया कि प्रशासन की ओर से जेसीबी मशीनों और विभागीय उपकरणों के माध्यम से सड़कों की बहाली और बस स्टैंड धर्मपुर पर भरी सिल्ट को हटाने का कार्य तेज़ी से किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि एसडीआरएफ, एनडीआरएफ के 44 जवान और स्थानीय पुलिस मिलकर ड्रोन कैमरों की मदद से आपदा में लापता हुए लोगों की तलाश कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रशासन पूरी तरह राहत और बहाली कार्यों में जुटा हुआ है और जल्द ही धर्मपुर में बस सेवाएं सामान्य हो जाएंगी। हिमाचल पथ परिवहन निगम के मंडलीय प्रबंधक, मंडी उत्तम सिंह ने बताया कि हाल ही में धर्मपुर में आई फ्लैश फ्लड से एचआरटीसी बस स्टैंड को भारी नुकसान पहुंचा है। सोन खड्ड में आए उफान के चलते अब तक 20 बसें क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। बस स्टैंड की ग्राउंड फ्लोर और वर्कशॉप क्षेत्र में पानी घुसने से मोटी परत में सिल्ट भर गई है, जिसे निकालने का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। क्षतिग्रस्त बसों को रिकवर करने के लिए एचआरटीसी डिवीजनल डिपो हमीरपुर और धर्मशाला से मैकेनिकल टीमें धर्मपुर भेजी गई हैं, जो बुधवार शाम तक पहुंच जाएंगी। फिलहाल सरकाघाट–धर्मपुर मार्ग पर दो बसें सवारियों की सुविधा के लिए चलाई जा चुकी हैं। उन्होंने बताया कि धर्मपुर डिपो की 28 अन्य बसें अभी अलग-अलग स्थानों पर फंसी हुई हैं, जिन्हें सड़क मार्ग बहाल होने पर क्रमवार चलाया जाएगा। स्थानीय यात्रियों को असुविधा न हो इसके लिए नजदीकी डिपो से भी बसें मंगवाई गई हैं ताकि दूरदराज क्षेत्रों के लिए अस्थायी सेवाएं जारी रखी जा सकें। उन्होंने बताया कि डिपो की लगभग 33 लाख रुपये की इन्वेंट्री क्षतिग्रस्त हो गई है। शेष सामग्री की स्थिति की जांच जारी है और जो वस्तुएं उपयोग योग्य होंगी, उन्हें कार्य में लिया जाएगा। इसके अलावा बसों में ईंधन आपूर्ति के लिए स्थापित 20 हजार लीटर क्षमता वाले पंप में भी गाद घुस गई है। इसमें करीब 15 हजार लीटर ईंधन मौजूद था। इस संबंध में इंडियन ऑयल से संपर्क कर सफाई और ईंधन की रिकवरी का कार्य शुरू किया जा रहा है। गत 15 और 16 सितम्बर की रात को हुई मूसलाधार बारिश ने धर्मपुर विद्युत उपमंडल की अधोसंरचना को बुरी तरह प्रभावित किया है। हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार बारिश से 33 केवी और 11 केवी एचटी लाइनों के साथ-साथ एलटी लाइनें, डीटीआर स्टोर तथा 33/11 केवी उप-स्टेशन को भारी क्षति पहुंची है। रिपोर्ट के मुताबिक 2 किलोमीटर 33 केवी एचटी लाइन और 6 किलोमीटर 11 केवी एचटी लाइन क्षतिग्रस्त हुई हैं। वहीं 12 ट्रांसफॉर्मर पूरी तरह या आंशिक रूप से खराब हो गए, जिससे अकेले इस मद में करीब 41.36 लाख का नुकसान हुआ। कुल मिलाकर 9.5 किलोमीटर एलटी लाइन और 110 पोल क्षतिग्रस्त हुए हैं। सबसे अधिक नुकसान 225 लाख रुपये के सिविल इन्फ्रास्ट्रक्चर को हुआ है। उप-स्टेशन की बाउंड्री वॉल, फेंसिंग, यार्ड, कंट्रोल रूम, और स्टोर सामग्री बह गई है। साथ ही विभाग के छह वाहन भी क्षतिग्रस्त बताए गए हैं। कुल मिलाकर विभाग को इस आपदा में 460.87 लाख रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। विभाग का कहना है कि विद्युत आपूर्ति बहाल करने का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। लगातार हो रही बारिश और सड़क संपर्क बाधित होने के कारण बिजली के खंभे और सामग्री साइट तक पहुंचाने की चुनौती के बावजूद विद्युत कर्मी बहाली के लिए दिन-रात जुटे हुए हैं।
हिमाचल प्रदेश में मानसून का कहर जारी है। सुंदरनगर उपमंडल के तहत आने वाली निहरी तहसील के ब्रगटा गांव में सोमवार रात को भूस्खलन की चपेट में आने से तीन लोगों की मौत हो गई। जबकि दो लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है। जानकारी के अनुसार यहां भूस्खलन होने से पूरा घर जमींदोज हो गया। हादसे के समय घर में पांच लोग मौजूद थे। इस हादसे में तीन लोगों की माैत हो गई। मृतकों में दो महिलाएं और एक आठ महीने का बच्चा शामिल है। इसके अलावा दो लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है। मृतकों में तांगू देवी(33) पत्नी जय सिंह, कमला देवी(33) पत्नी देव राज और भीष्म सिंह(8 महीने) पुत्र देव राज शामिल हैं। सुरक्षित बचाए गए लोगों में खूब राम(65) पुत्र धनी राम और दर्शन देवी(58) पत्नी खूब राम शामिल हैं। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर उन्हें पोस्टमाार्टम के लिए भेज दिया है। एसपी मंडी साक्षी वर्मा ने हादसे की पुष्टि की है। बताया जा रहा है कि क्षेत्र के अधिकतर मार्ग बंद पड़े हैं, जिस कारण घटनास्थल तक पहुंचने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं। स्थानीय लोगों ने ही अपने स्तर पर सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर लोगों को बाहर निकाला है। क्षेत्र में अभी भी रुक रुककर बारिश का दौर जारी है, जिस कारण बाकी राहत एवं बचाव कार्यों में दिक्कतें आ रही हैं। साथ ही पहाड़ी से लगातार मलबा गिरने का खतरा भी बना हुआ है।
मंडी जिले में सोमवार रात को हुई भारी बारिश ने जमकर तबाही मचाई। सबसे ज्यादा असर धर्मपुर बाजार और आसपास के इलाकों में देखने को मिला, जहां से होकर बहने वाली सोन खड्ड और साने खड्ड अचानक विकराल रूप धारण कर गई। रात 11 बजे से बारिश का दौर शुरू हुआ और करीब एक बजे तक हालात इतने बिगड़ गए कि लोग डर के मारे घरों से बाहर निकल आए। देखते ही देखते धर्मपुर का बस स्टैंड पूरी तरह पानी में डूब गया। यहां खड़ी निगम की बसें लबालब पानी में फंस गई और कुछ बसें तो तेज बहाव में बह भी गई। खड्ड के किनारे बने कई मकान पानी में डूब गए। घरों में पानी घुसने पर लोग दूसरी मंजिल और छतों पर शरण लेने को मजबूर हो गए। निजी वाहन, बाइक, स्कूटर और कारें भी तेज धारा में बह गई। धर्मपुर में बने एक होस्टल में 150 बच्चे फंसे हुए थे, जिन्होंने समय रहते ऊपर की मंजिलों पर जाकर अपनी जान बचाई। लोगों की चीख-पुकार और चारों तरफ फैली अफरा-तफरी ने पूरे इलाके को दहला दिया। डीएसपी धर्मपुर संजीव सूद ने बताया कि जैसे ही रात को तेज बारिश शुरू हुई, पुलिस और रेस्क्यू टीमें तुरंत ही सक्रिय हो गई। लोगों को सुरक्षित निकालने का काम पूरी रात चलता रहा। प्रशासन का कहना है कि नुकसान का जायजा लिया जा रहा है और हालात को सामान्य बनाने की कोशिशें जारी हैं।
पुलिस थाना सुंदरनगर की टीम ने जड़ोल में गश्त के दौरान एक युवक को 344 ग्राम चरस के साथ गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान कुल्लू जिला के पनवी गांव निवासी कुंज लाल (27) के रूप में हुई है। शनिवार दोपहर बाद सुंदरनगर थाना पुलिस का दल मुख्य आरक्षी हंसराज के नेतृत्व में जड़ोल फोरलेन पर गश्त पर थे। इसी दौरान पैदल जा रहा एक युवक पुलिस को देख कर घबरा गया और नजरे चुराते हुए तेज गति से जाने लगा। संदेह होने पर पुलिस ने उसे रोका और तलाशी लेने पर उसके पास से 344 ग्राम चरस बरामद हुई। जिस पर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ सुंदरनगर थाना में प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई आरंभ कर दी है।
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के कोटली उपमंडल में सड़क हादसे में दो लोगों की मौत हो गई और एक महिला गंभीर रूप से घायल हो गई। यह हादसा कोटली-कून सड़क पर द्रुबल पंचायत के अलग गांव के पास हुआ। एक टाटा सूमो गाड़ी अनियंत्रित होकर सड़क से करीब 40 फीट नीचे खाई में गिर गई, जिससे यह बड़ा हादसा हुआ। प्राप्त जानकारी के अनुसार, टाटा सूमो कोटली से कून गांव की ओर जा रही थी, जिसमें चालक सहित तीन लोग सवार थे। अचानक, गाड़ी अनियंत्रित होकर सड़क से नीचे एक घर के पास बने शौचालय के पास जा रुकी। इस हादसे में गाड़ी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। हादसे के तुरंत बाद, स्थानीय लोगों और द्रुबल पंचायत की प्रधान रेखा ठाकुर ने राहत और बचाव कार्य शुरू किया। 108 एंबुलेंस की मदद से सभी घायलों को कोटली अस्पताल पहुंचाया गया। अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने गाड़ी के चालक 48 वर्षीय पवन कुमार पुत्र सुधामा राम निवासी कून को मृत घोषित कर दिया। वहीं, हादसे में घायल पवन कुमार की पत्नी रमा देवी और अच्छर सिंह गांव बड़ू को गंभीर हालत में मंडी के जोनल अस्पताल रेफर किया गया। लेकिन दुर्भाग्यवश, मंडी अस्पताल में उपचार के दौरान अच्छर सिंह ने भी दम तोड़ दिया। घायल महिला रमा देवी की गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए एम्स बिलासपुर भेजा गया है। एसपी मंडी साक्षी वर्मा ने इस घटना की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है और मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। हादसे के कारणों का पता लगाया जा रहा है। द्रुबल पंचायत की प्रधान रेखा ठाकुर ने बताया कि यह घटना बेहद दुखद है। उन्होंने कहा कि जैसे ही उन्हें हादसे की सूचना मिली, वे तुरंत मौके पर पहुंची और स्थानीय लोगों की मदद से घायलों को अस्पताल पहुंचाने का प्रयास किया। उन्होंने बताया कि यह लोग अपने घर की ओर जा रहे थे, लेकिन रास्ते में यह दुखद हादसा हो गया। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आगे की कार्रवाई कर रही है।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) ने जुलाई 2025 सत्र के लिए पुनः पंजीकरण की तिथि 15 सितंबर 2025 तक बढ़ा दी है। अब विद्यार्थी 15 सितंबर तक पंजीकरण या पुनः पंजीकरण के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। राजकीय महाविद्यालय करसोग स्थित इग्नू अध्ययन केंद्र (कोड 1138) के समन्वयक डॉ. कुलभूषण शर्मा ने बताया कि वे विद्यार्थी जो पूर्व में इग्नू से जुड़े हैं किन्तु आगामी शैक्षणिक सत्र के लिए पंजीकरण नहीं कर पाए थे, वे भी इस विस्तारित तिथि तक पंजीकरण की प्रक्रिया पूर्ण कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि नए अभ्यर्थियों के लिए भी यह अवसर उपलब्ध है और वे स्नातक, स्नातकोत्तर, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट पाठ्यक्रमों जैसे कि बीए, बीकॉम, बीएससी, एमए, एमकॉम, एमबीए, आदि में प्रवेश हेतु आवेदन कर सकते हैं। पुनः पंजीकरण प्रक्रिया के लिए छात्र इग्नू की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं।
हिमाचल की सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का नया दौर शुरू होने जा रहा है। आज पूरे हिमाचल में एक साथ अभ्यास हिमाचल कार्यक्रम लॉन्च किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित सभी शिक्षकों, अभिभावकों व बच्चों को प्रदेश शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने वर्चुअल माध्यम से संबोधित किया। यह कार्यक्रम एक होम लर्निंग है जो कक्षा 1 से 10 तक के बच्चों की नींव मजबूत करेगा। आज जिला हमीरपुर के सभी सरकारी स्कूलों में पेरेंट् टीचर्स मीटिंग आयोजित की गई। इसी कड़ी में आज राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सुजानपुर में मेगा पीटीएम आयोजित की गई, जिसमें जिला हमीरपुर के तीनों शिक्षा उपनिदेशक मोही राम चौहान, नवीन शर्मा व कमल किशोर भारती उपस्थित रहे। स्थानीय स्कूल प्रधानाचार्य अशोक कुमार ने सभी उपस्थित शिक्षकों व अभिभावकों का स्वागत व अभिनंदन किया। इस योजना में कक्षा 1 से 10 तक के बच्चे हर शनिवार हिंदी, अंग्रेजी, और गणित विषयों में अभ्यास हिमाचल के जरिए प्रश्नों को हल करेंगे।
करसोग अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करते हुए राज्य सरकार ने अस्पताल के लिए नई 300 एम.ए. एक्स-रे मशीन उपलब्ध करवाई है। इस मशीन के लगने से अब उपमंडल के मरीजों को एक्स-रे संबंधी किसी प्रकार की कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में और सुधार होगा। खंड चिकित्सा अधिकारी करसोग डॉ. गोपाल चौहान ने जानकारी देते हुए बताया कि अस्पताल में लगी पुरानी एक्स-रे मशीन पिछले कुछ माह से खराब चल रही थी। तकनीकी जांच के बाद इंजीनियरों ने बताया था कि मशीन की मुरम्मत नहीं हो सकती। उन्होंने बताया कि इसके उपरान्त, अस्पताल में केवल 100 एम.ए. की पोर्टेबल मशीन से काम चलाया जा रहा था, जो मुख्य रूप से वार्ड के कार्यों के लिए उपयोगी होती है। उन्होंने बताया कि यह मशीन कम क्षमता की थी, जिससे बड़े स्तर पर एक्स-रे करवाने और रिपोर्ट देखने में काफी मुश्किलें आ रही थीं। डॉ. चौहान ने कहा कि करसोग अस्पताल में प्रतिदिन औसतन 70 से 80 एक्स-रे किए जाते हैं। ऐसे में बड़ी क्षमता की मशीन की आवश्यकता लंबे समय से थी । उन्होंने बताया कि अस्पताल में अब नई 300 एम.ए. एक्स-रे मशीन के आने से न केवल मरीजों को समय पर जांच सुविधा मिलेगी बल्कि उन्हें निजी केंद्रों में जाने की परेशानी से भी राहत मिलेगी। उन्होंने बताया कि इस मशीन की उपलब्धता से करसोग कस्बे के साथ साथ आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के हजारों लोगों को सीधा लाभ मिलेगा और मरीजों को उच्च स्तरीय और त्वरित एक्स-रे सुविधा करसोग अस्पताल में ही मिल सकेगी। डॉ. चौहान ने अस्पताल में एक्सरे की आधुनिक सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए सीएमओ मंडी, स्वास्थ्य विभाग और प्रदेश सरकार का विशेष आभार व्यक्त किया हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है कि ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों में भी आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाए।
सैकड़ों वाहन एवं और लोग जाम में फंसे हुए हैं मंडी: हिमाचल में लगातार भारी बारिश और लैंडस्लाइड की वजह से तबाही मची हुई है। आपको बता दें की कल बुधवार को सुबह मंडी-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग-154 पर लंबाड़ी के नज़दीक भारी लैंडस्लाइड से यातायात पूरी तरह से बाधित है। बारिश के चलते NH-154 बिजनी के समीप मलबा आ गया जिसकी वजह से यह NH बंद हो गया है। पहाड़ी से लगातार पानी के रिसाव होने से बहाली में देरी हो रही है। इस पानी को डायवर्ट करने के लिए पाइप लाइन बिछाई जा रही है, और इसके बाद ही हाईवे यातायात के लिए फिर से बहाल हो सकेगी। ऐसा उम्मीद जताई जा रही है कि आज रात तक हाईवे को एकतरफा बहाल किया जा सकता है। हाईवे के बंद होने जाने से सैकड़ों वाहन एवं और लोग जाम में फंसे हुए हैं। एसडीएम पधर सुरजीत सिंह ने बताया कि NH को खोलने में समय लग सकता है, इसी वजह से छोटी गाड़ियों के लिए वैकल्पिक मार्ग तय किए गए हैं। उन्होंने बताया कि मंडी जाने वाले यात्री के लिए साहल-गरलोग-कटिंडी मार्ग, वहीं पधर की ओर जाने वाले यात्री कटिंडी-नगरोटा-पाली मार्ग का प्रयोग कर सकते हैं। उन्होंने ये भी कहा कि कुछ समय के बाद इन मार्गों पर यातायात को वन-वे कर दिया जाएगा, ताकि जाम की स्थिति न बने। उन्होंने बड़े वाहन चालकों से अपील की है कि वे जहां हैं, अभी कुछ समय के लिए वहीं सुरक्षित स्थान पर रुके रहें और प्रशासन के आदेशों का पालन करें। एसडीएम ने जानकारी दी है कि पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा पधर-डायना पार्क-कटिंडी मार्ग का निरीक्षण किया जा रहा है। यदि सड़क यातायात के लिए सुरक्षित पाया जायेगा तो इसे भी खोल दिया जाएगा। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि जरुरत हो तभी यात्रा करें, अनावश्यक यात्रा से बचे रहें ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना न हो।
35वीं बार रक्तदान कर दिया संदेश - “रक्तदान सिर्फ रक्त देना नहीं, बल्कि जीवन दान है।” रक्त की आवश्यकता होने पर मोबाइल नंबर – 9218500087 पर संपर्क करें राजकीय सी. एण्ड वी. अध्यापक संघ, जिला मंडी के जिला अध्यक्ष दयाराम ठाकुर ने अपना 35वां रक्तदान कर समाजसेवा में एक अनूठा उदाहरण पेश किया। इस अवसर पर कुछ शिक्षक जिला अध्यक्ष के साथ ज़ोनल अस्पताल मंडी पहुंचे और रक्तदान किया। दयाराम ठाकुर ने कहा कि "शिक्षक होने के साथ-साथ समाजसेवा भी हमारा नैतिक दायित्व है। रक्तदान महादान है, जो किसी की जान बचाने का जरिया बन सकता है। यह केवल वही कर सकता है, जिसके हृदय में दूसरों के लिए सच्ची संवेदना हो।" उन्होंने आगे बताया कि संगठन का मकसद केवल शिक्षकों के अधिकारों के लिए कार्य करना ही नहीं, बल्कि समाज की हर जरूरत में आगे बढ़कर सहयोग देना भी है। बरसात की त्रासदी या किसी भी आकस्मिक दुर्घटना में घायल व्यक्तियों को यदि रक्त की आवश्यकता होगी तो सीधे जिला अध्यक्ष दयाराम ठाकुर से संपर्क किया जा सकता है। उनका कहना है कि "राजकीय सी. एण्ड वी. अध्यापक संघ, जिला मंडी संगठन हमेशा जरूरतमंद व्यक्तियों की मदद के लिए रक्तदान करने को तत्पर और तैयार रहता है।" यह कार्य केवल सेवा ही नहीं बल्कि मानवता का सबसे बड़ा धर्म है। किसी भी व्यक्ति को यदि रक्त की आवश्यकता हो तो मोबाइल नंबर – 9218500087 पर संपर्क किया जा सकता है। दयाराम ठाकुर का यह योगदान बताता है कि शिक्षक केवल पाठशाला तक सीमित नहीं हैं, बल्कि समाज के हर संकट में जीवनदायिनी भूमिका निभाते हैं।
एसडीएम ने स्वतंत्रता सेनानियों व कारगिल शहीदों के परिजनों को किया सम्मानित 79वां उपमंडल स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला करसोग में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर उपमंडलाधिकारी (नागरिक) करसोग गौरव महाजन मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। मुख्यातिथि ने ध्वजारोहण कर समारोह का शुभारंभ किया और पुलिस, होमगार्ड, एनसीसी, एनएसएस, स्काउट एंड गाइड और रेंजर्स एंड रोवर्स द्वारा प्रस्तुत आकर्षक मार्चपास्ट की सलामी ली। उन्होंने शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित कर देश के लिए प्राण न्यौछावर करने वाले वीर सपूतों को पुष्पांजलि भी अर्पित की। इस अवसर पर, अपने संबोधन में मुख्यातिथि ने प्रदेश व क्षेत्रवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि देश की आजादी के लिए दी गई शहीदों की कुर्बानियों को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने आह्वान किया कि महात्मा गांधी, पंडित नेहरू, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह जैसे महान स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों का भारत बनाने में हम सभी अपना योगदान दें। समारोह के दौरान मुख्य अतिथि ने स्वतंत्रता सेनानी सुंदर लाल व गयारु राम, तथा क्षेत्र के कारगिल शहीदों के परिजनों को शॉल, टोपी व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। इसके अलावा, गत 30 जून की रात्रि को करसोग में आई प्राकृतिक आपदा के दौरान राहत व बचाव कार्य में उत्कृष्ट योगदान देने वाले विभिन्न विभागों के लगभग 2 दर्जन कर्मचारियों सहित अन्य व्यक्तियों को भी सम्मानित किया गया। इस अवसर पर विभिन्न विद्यालयों के विद्यार्थियों द्वारा देशभक्ति से ओतप्रोत सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए। सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में भाग लेने वाले विद्यार्थियों, मार्चपास्ट प्रस्तुत करने वाले पुलिस, होमगार्ड, एनसीसी, एनएसएस, रेंजर्स एंड रोवर्स के प्रतिभागियों को भी स्मृति चिन्ह व प्रशस्ति पत्र भेंट कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में नगर पंचायत अध्यक्षा सविता गुप्ता, उपाध्यक्ष बंसी लाल, प्रधान ग्राम पंचायत भडारणू दलीप शर्मा, तहसीलदार करसोग वरुण गुलाटी, बीएमओ डॉ. गोपाल चौहान, विद्युत विभाग के एक्सियन चंद्रमणि शर्मा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी, पूर्व सैनिक और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र में इस बार हुई भारी बारिश ने कई क्षेत्रों में नुकसान पहुंचाया है। धर्मपुर उपमंडल स्थित राजकीय उच्च पाठशाला रियूर भी इससे अछूता नहीं रहा। लगातार हो रहे भूस्खलन के कारण स्कूल परिसर की जमीन धंस गई है, जिससे स्कूल का पुराना भवन पूरी तरह से जर्जर हो गया है। वहीं, नये भवन के सामने स्थित खेल मैदान में भी दरारें आई हैं, हालांकि स्कूल का नया भवन पूरी तरह से सुरक्षित है और यहीं पर बच्चों की कक्षाएं नियमित रूप से संचालित हो रही हैं। सोमवार को छुट्टियों के बाद जैसे ही स्कूल दोबारा खुला, तो वहां का दृश्य चिंताजनक था। जगह-जगह जमीन धंसी हुई थी और पुराने भवन की स्थिति गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त दिखी। बच्चों के अभिभावक भी इस स्थिति से चिंतित नजर आए। मुख्याध्यापक राजेश कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि उन्हें पहले सोशल मीडिया से इस स्थिति की जानकारी मिली थी। मौके पर पहुंचने के बाद उन्होंने पुष्टि की कि पुराना भवन, जो पहले ही असुरक्षित घोषित किया जा चुका था, और जिसमें अब कोई कक्षाएं नहीं लगती थीं, बारिश के चलते और अधिक क्षतिग्रस्त हो गया है। उन्होंने कहा कि पुराने भवन को पहले ही खाली कर दिया गया था और वहां कोई गतिविधि नहीं हो रही थी। इसके लिए एक संयुक्त निरीक्षण कमेटी का गठन भी किया गया है, जो इस भवन को गिराने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगी। राजेश कुमार ने यह भी स्पष्ट किया कि नया भवन पूरी तरह से सुरक्षित है, और बच्चों की पढ़ाई नियमित रूप से जारी है। उन्होंने अभिभावकों से आग्रह किया कि वे किसी भी प्रकार की अफवाहों या सोशल मीडिया पर वायरल हो रही असत्य जानकारी से भ्रमित न हों।
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में भारी बारिश के कारण एक बार फिर से तबाही का मंजर देखने को मिला है, खासकर सराज क्षेत्र में। लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने नदी-नालों के जलस्तर को बढ़ा दिया है, जिससे बाढ़ और भूस्खलन का खतरा मंडरा रहा है। इस आपदा से सराज की कई पंचायतें बुरी तरह प्रभावित हुई हैं, जिनमें बूंगरैलचौक, संगलबाड़ा, ढीम कटारू, लंबाथाच, चिऊणी, थुनाग, पखरैर, मुरहाग, शिकावरी, लेहथाच, कांढ़ा-बगस्याड, शरण, बहलीधार, शिल्हीबागी, बागाचनोगी, भाटकीधार, कलहणी, खबलेच, जैंशला, बस्सी, कुकलाह और बाखली प्रमुख हैं। बूंगरैलचौक और थुनाग जैसे बाजारों में, मलबा कई घरों में घुस गया है, जिससे वहां रह रहे हजारों लोगों की जान को खतरा पैदा हो गया है। इस आपदा ने पूरे क्षेत्र की बुनियादी सुविधाओं को भी बुरी तरह प्रभावित किया है। सड़कें बंद, बिजली गुल लगातार बारिश के चलते सराज की सभी मुख्य सड़कें बंद हो गई हैं, जिससे यातायात पूरी तरह ठप हो गया है। हाल ही में पीडब्ल्यूडी द्वारा बाखलीखड्ड पर बनाए गए अस्थाई कलवर्ट भी बह गए हैं, जिससे मरम्मत का काम फिर से शुरू करना पड़ेगा। सबसे बड़ी समस्या यह है कि जंजैहली, जो एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है, का शेष दुनिया से संपर्क टूट गया है। इसके अलावा, बिजली आपूर्ति भी पूरी तरह से ठप हो गई है, जिससे पूरा सराज क्षेत्र अंधेरे में डूब गया है।
पूर्व मंत्री एवं वर्तमान में धर्मशाला से विधायक सुधीर शर्मा ने अपने जन्मदिन पर मिसाल पेश करते हुए थुनाग में आपदा प्रभावितों को लगभग 21 लाख रुपए के चेक वितरित किए।थुनाग में आयोजित कार्यक्रम में उनके साथ नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर,विधायक प्रकाश राणा व भारतीय जनता पार्टी के अन्य नेता भी उपस्थित रहे। इस अवसर पर उन्होंने आपदा में अपने परिवार खो चुकी निकिता का आजीवन पढ़ाई का खर्च उठाने का फ़ैसला भी लिया। इसके अतिरिक्त सुधीर शर्मा ने निकिता के नाम एक लाख रुपए की एफ॰डी॰ भी उपहार स्वरूप भेंट की। थुनाग और सराज में सुधीर शर्मा ने पीड़ित परिवारों से मिलकर अपनी गहरी संवेदनाएं प्रकट की तथा कहा कि वे इस दुख की घड़ी में खुदको अकेला न समझें और हौंसला रखें। वह आगे भी प्रभावित लोगों की सहायता के लिए निरंतर प्रयासरत रहेंगे। विधायक सुधीर शर्मा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदा के कारण पूरा प्रदेश प्रभावित है और आपदा की इस घड़ी में हम सभी को साथ मिलकर काम करना होगा। उन्होंने अन्य दानी सज्जनों से भी आपदा प्रभावित लोगों की हर संभव सहायता करने का आह्वान किया।
30 जून को आई प्राकृतिक आपदा के बाद स्याठी गांव के डेढ़ दर्जन से अधिक बेघर परिवारों को अब राहत की किरण दिखने लगी है। प्रशासन ने प्रभावितों को बसाने के लिए सरकारी भूमि आवंटन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। रविवार को राजस्व विभाग की टीम, ग्राम पंचायत प्रतिनिधि और प्रभावित परिवारों ने टौरीनाला क्षेत्र में भूमि का चयन किया। यह भूमि लौंगनी ग्राम पंचायत के हुक्कल मुहाल में चिन्हित की गई है, जिसे प्रशासन की ओर से अनुमोदन के लिए उपायुक्त मंडी को प्रस्तावित किया जाएगा। उपायुक्त को तीन विश्वा तक भूमि आवंटन की स्वीकृति देने का अधिकार है। पूर्व ज़िला पार्षद भूपेंद्र सिंह ने बताया कि प्रभावितों को न केवल भूमि उपलब्ध करवाई जा रही है, बल्कि उन्होंने रसोई गैस कनेक्शन व सिलेंडर भी शीघ्र दिलवाने की मांग प्रशासन से की है। पुराने मामले भी उठाए गए भूपेंद्र सिंह ने 2023 की आपदा में प्रभावित हियुन-बल्ह (तनियार पंचायत) के अनुसूचित जाति परिवारों की भी समस्या उठाई है। उन्होंने बताया कि इन एक दर्जन परिवारों को अब तक भूमि नहीं मिल पाई है और वे दो वर्षों से किराए के घरों में रह रहे हैं। जिन दो परिवारों को सरकार से मकान बनाने के लिए राशि मिली भी, उन्हें पहले ज़मीन खरीदनी पड़ी, जिससे बजट का बड़ा हिस्सा खर्च हो गया। फिलहाल 21 परिवारों को नैना माता मंदिर में अस्थायी रूप से ठहराया गया है। मुख्यमंत्री के निर्देशों पर मंदिर परिसर में छत तो डाल दी गई है, लेकिन वहां शौचालय और स्नानघर जैसी बुनियादी सुविधाएं नाकाफी हैं। सिंह ने मांग की है कि छत के नीचे अलग-अलग केबिन तैयार किए जाएं ताकि हर परिवार को थोड़ी निजता मिल सके। भविष्य को ध्यान में रख बसावट की ज़रूरत उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि जब तक स्थायी ज़मीन न मिल जाए, तब तक प्रभावितों के लिए नाल्ड गौ सदन के पास अस्थायी शेड तैयार किए जाएं। साथ ही कहा कि अनुसूचित जाति समुदायों को बार-बार उन स्थानों पर बसाया गया है जो नदियों या नालों के किनारे, या गांवों से दूर रहे हैं, जो भविष्य के लिहाज़ से असुरक्षित हैं। इस बीच प्रभावितों, ग्राम पंचायत प्रधान, उपप्रधान और अन्य प्रतिनिधियों ने भूमि आवंटन प्रक्रिया शुरू करवाने के लिए प्रशासन का आभार जताया है।
मंडी ज़िले में बीती रात आई बाढ़ और बादल फटने की घटना ने कई परिवारों को गहरे ज़ख्म दिए हैं। मंगलवार सुबह जेल रोड पर आए मलबे ने दर्शन सिंह का सब कुछ छीन लिया। उनका पूरा परिवार पत्नी, बेटा और भाई मलबे के सैलाब में बह गया। ये सबकुछ उनकी आंखों के सामने हुआ, और वे खुद भी घायल हो गए। फिलहाल वे क्षेत्रीय अस्पताल मंडी में भर्ती हैं। टूटे पैर के दर्द से ज्यादा उन्हें उस हादसे का सदमा सता रहा है, जिसमें उनका पूरा संसार उजड़ गया। इलाज के दौरान वार्ड में मौजूद लोगों से उन्होंने भर्राए गले से कहा, "सब मुझे कह रहे हैं कि मेरा परिवार सुरक्षित है... लेकिन मैं जानता हूं, मैंने खुद उन्हें बहते देखा है..." दर्शन की यह बात सुनकर अस्पताल में मौजूद हर आंख नम हो गई। एक पल ने सब कुछ बदल दिया। अब वह सिर्फ अकेले बचे हैं, जिनकी आंखों में अपनों की आखिरी झलक कैद है। दर्शन सिंह ने बताया कि परिवार के सभी लोगों ने सोमवार रात एक साथ खाना खाया और सोने चले गए। तेज बारिश के चलते बार-बार नींद टूटती रही। करीब 3:30 बजे जोर की आवाज होने पर आस-पड़ोस के सभी लोग घरों की बालकनी और बरामदों में खड़े हो गए। एकाएक रास्ते पर बह रहे पानी का बहाव तेज हो गया। दर्शन सिंह सड़क पर पार्क किए अपने ऑटो को देखने बाहर निकले, पीछे छोटा भाई बलवीर, बेटा अमनप्रीत और पत्नी सपना भी बाहर आ गई। घर से कुछ दूरी पर पहुंचते ही अचानक पानी का बहाव तेज हो गया और देखते ही देखते परिवार के सभी लोग पानी की चपेट में आ गए। तेज बहाव से दर्शन एक शटर के अंदर गिरे। अंधेरा होने से परिवार के लोगों का कुछ पता नहीं चला। किसी तरह तेज बहाव में शटर को पकड़े रखा। बचाव के लिए हाथ पांव मारते हुए एक शीशे का टुकड़ा हाथ लगा। उसकी मदद से दर्शन ने मलबे को हटाते हुए बाहर निकलने की कोशिश की। पानी के बीच पत्थरों की चपेट में आने से एक टांग टूट गई। लोगों ने बड़ी मशक्क्त के बाद दर्शन को बाहर निकाला।
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में भारी बारिश ने फिर तबाही मचाई है। बादल फटने से इस बार मंडी शहर के विभिन्न स्थानों पर भारी नुकसान हुआ है। मंडी शहर के जेल रोड़ में अभी तक तीन लोगों की पानी के बहाव में बहने से मौत की पुष्टि हुई है। एक महिला का शव मलबे में दबी गाड़ियों के बीच में फंसा हुआ था, जिसे कड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकला गया। एक महिला लापता बताई जा रही है। जेल रोड में पुलिस, एनडीआरएफ की ओर से बचाव अभियान चलाया जा रहा है। एसपी मंडी साक्षी वर्मा भी मौके पर माैजूद हैं। बादल फटने के बाद आई बाढ़ में दर्जनों छोटे-बड़े वाहन मलबे में दब गए हैं और कुछ बह गए हैं। इसके अलावा पैलेस काॅलोनी, जोनल अस्पताल और अन्य स्थानों पर बारिश ने कहर बरपाया है। शहर वासियों ने डर के साए में पूरी रात काटी। सुबह नगर निगम के मेयर वीरेंद्र भट्ट, कमीशनर रोहित राठौर और अन्य अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। धर्मपुर लोनिवि मंडल कार्यालय व अधीक्षण अभियंता कार्यालय के ऊपर भारी भूस्खलन हुआ है। कई गाड़ियों के दबने की भी सूचना है। ब्यास, सुकेती, और सकोडी खड्ड के उफान पर होने से साथ लगते घरों के लोग भी सहम गए। नगर निगम आयुक्त मंडी रोहित राठौर ने कहा कि मंडी में भारी बारिश के कारण ऊपरी इलाकों का मलबा निचले इलाकों में जमा हो गया। यह बादल फटने का नतीजा हो सकता है। सभी अधिकारी फिलहाल राहत कार्य में जुटे हैं। हमें जेल रोड के पास हुए नुकसान की सूचना मिली है। इस हादसे में कई लोगों की मौत हो गई है। हमें 2 शव मिले हैं। एनएचएआई के अधिकारियों ने जानकारी दी है कि लगातार हो रही भारी वर्षा के कारण मार्ग को बहाल करने में कठिनाई आ रही है। वर्षा बंद होने के बाद ही मार्ग को खोल दिया जायेगा। मंडी में भारी बारिश के कारण दोनों प्रमुख नेशनल हाईवे को बंद कर दिया गया है। चंडीगढ़-मनाली और पठानकोट-मंडी नेशनल हाईवे बीती रात से बंद पड़ा है। चंडीगढ़-मनाली एनएच पर 4 मील, 9 मील, दवाड़ा, झलोगी और अन्य स्थानों पर भारी भूस्खलन हुआ है। इसी तरह से पठानकोट मंडी पर भी पत्थर से लेकर मंडी तक अनेकों स्थानों पर भूस्खलन हुआ है। जिले में अभी भी बारिश का दौर जारी है। राहत कार्यों में दिक्कतें आ रही हैं। मंडी शहर के विक्टोरिया पुल के पास लैंडस्लाइड भी हुआ है।
राजस्व, बागवानी, जनजातीय विकास और जन शिकायत निवारण मंत्री जगत सिंह नेगी ने शनिवार को धर्मपुर उपमंडल के स्याठी गांव का दौरा कर प्राकृतिक आपदा से प्रभावित क्षेत्रों में जारी राहत एवं पुनर्निर्माण कार्यों का बारीकी से निरीक्षण किया। प्रभावित लोगों से मिलकर हालचाल जाना और उनकी समस्याओं को सीधे समझने के साथ उन्होंने अधिकारियों को कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है कि हर प्रभावित व्यक्ति तक राहत सामग्री और आर्थिक मदद पहुंचे। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आपदा के 24 घंटे के भीतर प्रभावित इलाकों का दौरा कर प्रशासन को राहत एवं पुनर्वास कार्यों के कड़े निर्देश दिए हैं। मंत्री ने स्पष्ट किया कि जिन परिवारों के घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं, उन्हें अधिकतम 7 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता दी जाएगी, जो देश में अब तक किसी राज्य सरकार द्वारा दी गई सबसे बड़ी राहत राशि है। हालांकि, भूमि की उपलब्धता एक बड़ी चुनौती बनी हुई है क्योंकि अधिकतर खाली जमीन वन क्षेत्र में आती है। इस समस्या के समाधान के लिए राज्य सरकार ने वन संरक्षण अधिनियम में संशोधन हेतु केंद्र को प्रस्ताव भेजा है। वहीं, वन अधिकार अधिनियम के तहत भी आजीविका पर निर्भर परिवारों को जमीन उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अतिरिक्त, प्रभावित खेतों और बागीचों के नुकसान का आकलन राजस्व, कृषि और बागवानी विभाग संयुक्त रूप से करेंगे और मुआवज़ा राशि बढ़ाई गई है। राजस्व मंत्री ने लोक निर्माण विभाग, जल शक्ति विभाग और विद्युत बोर्ड के पुनर्निर्माण कार्यों की प्रगति की जानकारी ली और उन्हें कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने अटल आदर्श विद्यालय मढ़ी का भी निरीक्षण किया। इस दौरान विधायक चन्द्रशेखर ने क्षेत्र के प्रभावित परिवारों की संख्या बताई और मुख्यमंत्री व सरकार के त्वरित राहत कार्यों के लिए आभार जताया। एसडीएम धर्मपुर जोगिंद्र पटियाल ने बताया कि अब तक प्रभावितों को लगभग 3.85 लाख रुपये की सहायता राशि विभिन्न मदों में दी जा चुकी है। 26 पूरी तरह से क्षतिग्रस्त पक्के घरों व 3 कच्चे घरों को 2.50 लाख रुपये, आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त 10 पक्के व 18 कच्चे घरों को 70 हजार रुपये की अग्रिम राहत दी गई है। साथ ही गौशालाओं को 65 हजार रुपये की सहायता प्रदान की गई। राहत सामग्री के तहत 29 राशन किट, 16 कंबल, 612 तिरपाल और गैस सिलेंडर आदि वितरण किए गए हैं। पेयजल योजनाओं में अधिकांश कार्य आंशिक रूप से बहाल हो चुके हैं और कुछ सड़कों की मरम्मत प्रगति पर है।
नगर परिषद सुजानपुर टीहरा में परिवार रजिस्टर बनाने का काम 02 जुलाई से शुरू किया गया था। सर्वेक्षण कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है। यह सर्वेक्षण कार्य लोकमित्र केंद्र की टीम द्वारा किया गया था। हालांकि, नगर परिषद ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई परिवार सर्वेक्षण के दौरान छूट गया हो, तो वह अब भी 31 जुलाई तक अपने परिवार का नाम परिवार रजिस्टर में दर्ज करवा सकता है। इसके बाद शहरी विकास विभाग निदेशालय के निर्देशानुसार, लोकमित्र केंद्र की सर्वे टीम किसी भी छूटे हुए परिवार को रजिस्टर में शामिल नहीं कर पाएगी। जिसके लिए नगर परिषद सुजानपुर टीहरा ने समस्त रहवासी परिवारों से अनुरोध किया है कि जो परिवार अभी तक रजिस्टर में दर्ज नहीं हो पाए हैं, वे जल्द से जल्द निम्नलिखित लोकमित्र केंद्र से संपर्क करें और अपना नाम दर्ज करवाएं।
धर्मपुर विद्युत मंडल के अधीन 33 केवी सबस्टेशन को भारी बारिश और सड़क निर्माण के चलते हुए भूस्खलन से भारी नुकसान झेलना पड़ा है। सरकाघाट से धर्मपुर को आने वाली मुख्य बिजली लाइन के कई पोल गिर गए हैं, जिससे हजारों उपभोक्ताओं और कई पेयजल योजनाओं की बिजली आपूर्ति ठप हो गई है। बिजली विभाग के कर्मचारी पिछले चार दिनों से दिन-रात मलबे में फंसे पोलों को ठीक करने में जुटे हैं। जंगल के भीतर फैले पेड़ों और भारी मलबे की वजह से कार्य में भारी कठिनाई आ रही है। अधिशाषी अभियंता ई. संतोष कुमार शर्मा ने बताया कि विभाग को अब तक ₹10 करोड़ से अधिक का नुकसान हो चुका है। उन्होंने बताया कि मंडप, चोलथरा, मढ़ी और अन्य 33 केवी सबस्टेशनों के माध्यम से वैकल्पिक तौर पर बिजली की आपूर्ति बहाल की गई है, जिससे उपभोक्ताओं को कुछ राहत मिली है। हालांकि, कुछ पेयजल योजनाएं कम वोल्टेज के कारण सुचारु रूप से नहीं चल पा रही हैं, जिससे पेयजल आपूर्ति प्रभावित हो रही है। भूस्खलन का मुख्य कारण धर्मपुर-कोटली सड़क निर्माण कार्य के दौरान की गई अवैध मिट्टी डंपिंग और भारी बारिश को बताया जा रहा है। इससे पहले भी 33 केवी सबस्टेशन पर मलबा भर चुका था, जिससे विभाग को परेशानी हुई थी। अब मुख्य लाइन के पोल गिरने से स्थिति और भी गंभीर हो गई है। वही ई. संतोष कुमार शर्मा ने बताया कि विभाग युद्धस्तर पर कार्य कर रहा है और प्रयास है कि कल तक मुख्य लाइन की बिजली आपूर्ति बहाल कर दी जाए। उपभोक्ताओं को जल्द ही नियमित बिजली और पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।
भारी बारिश के चलते मंडी-कुल्लू राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात पूरी तरह से बाधित हो गया है। रविवार रात 10:00 बजे से ही 4 मील, 9 मील, बांध के नजदीक, मून होटल और फ्लाईओवर के पास पहाड़ी से लगातार पत्थर गिर रहे हैं, जिससे मार्ग बंद पड़ा है। बारिश के चलते पहाड़ियों से पत्थर और मलबा गिरने का सिलसिला जारी है, जिससे एनएचएआई की मशीनों को मार्ग से मलबा हटाने में कठिनाई हो रही है। लगातार बारिश के बीच मार्ग को खोलना जोखिम भरा बना हुआ है। पंडोह थाना प्रभारी एएसआई अनिल कटोच ने बताया कि एनएचएआई की टीमें मौके पर मौजूद हैं और जैसे ही बारिश में थोड़ी राहत मिलेगी, तुरंत मार्ग से मलबा हटाकर सड़क को यातायात के लिए सुरक्षित बनाया जाएगा। प्रशासन लोगों से अपील कर रहा है कि वे वैकल्पिक मार्गों का प्रयोग करें और अनावश्यक रूप से यात्रा से बचें। स्थानीय प्रशासन और पुलिस टीम हालात पर नजर बनाए हुए हैं। यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए किसी भी तरह का जोखिम नहीं लिया जा रहा है।
जब काग़ज़ों में करोड़ों का विकास हो, और ज़मीन पर सिर्फ़ धूल उड़ती मिले तो समझिए कि भ्रष्टाचार ने विकास की बुनियाद ही हड़प ली है। हिमाचल प्रदेश की मंडी ज़िला स्थित करसोग उपमंडल की ठाकुरठाणा पंचायत से ऐसी ही एक चौंकाने वाली कहानी सामने आई है , जहां पंचायत प्रधान माला मेहता को लाखों के गबन और सरकारी धन के दुरुपयोग के आरोप में पद से निलंबित कर दिया गया है। काग़ज़ी दावों में ठाकुरठाणा पंचायत में नालियां बनीं, रास्ते पक्के हुए, सड़कों की मरम्मत हुईलेकिन ज़मीनी हकीकत यह है कि गांव वालों ने किसी निर्माण कार्य का नामोनिशान तक नहीं देखा। लाखों के बिल पास हुए, यहां तक कि मशीनों की एंट्री भी दर्ज कर दी गई। लेकिन जब ग्रामीणों ने हिम्मत जुटाकर शिकायत की, तो परत-दर-परत घोटाला सामने आया। करसोग बीडीओ सुरेंद्र कुमार से प्राप्त जानकारी के अनुसार जांच के दौरान सबसे हैरान करने वाला तथ्य यह सामने आया कि एक स्कूटी के नंबर को जेसीबी मशीन का नंबर बताकर भुगतान कर दिया गया था। यानी सड़क निर्माण में इस्तेमाल होने वाली जेसीबी असल में एक दोपहिया वाहन निकली। यह तथ्य RTI से मिली जानकारी के बाद सामने आया, जिसे ग्रामीणों ने सटीक दस्तावेजों के साथ पेश किया था। सरकारी धन के गबन की प्राथमिक जांच में आरोप सही पाए गए, जिस पर जिला पंचायत अधिकारी अंचित डोगरा ने प्रधान माला मेहता को 20 जून को कारण बताओ नोटिस जारी किया। मगर जवाब संतोषजनक नहीं रहा। आखिरकार पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 145(1)(ग) और नियमावली 1997 के नियम 142(1)(क) के तहत कार्रवाई करते हुए माला मेहता को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।
करसोग क्षेत्र में हाल ही में बादल फटने की घटनाओं के आपदाग्रस्त परिवारों की सहायता के उद्देश्य से पांगणा और इसके आसपास के क्षेत्रों में एक संगठित और मानवीय संवेदना से परिपूर्ण राहत अभियान चलाया जा रहा है, जो पांचवें दिन भी पूरी निष्ठा, समर्पण और उत्साह के साथ जारी रहा। स्थानीय स्वयंसेवकों, युवाओं, शिक्षक समुदाय और समाजसेवियों की टीमों ने बाजारों और गाँव-गाँव, घर-घर जाकर लोगों से सहायता राशि एकत्रित की। इस प्रयास के परिणामस्वरूप पहले दिन ₹29,071, दूसरे दिन ₹43,460, तीसरे दिन ₹19,651, चौथे दिन ₹54,622 और पाँचवें दिन ₹59,748 की राशि जुटाई गई। अब तक कुल ₹2,06,552 की सहायता राशि एकत्र हो चुकी है, जो प्रभावित परिवारों के तात्कालिक पुनर्वास और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति हेतु अत्यंत महत्वपूर्ण है। राहत अभियान की पारदर्शिता और कुशल प्रबंधन को सुनिश्चित करते हुए आज से ऑफलाइन सहयोग राशि संग्रहण बंद कर दिया गया है, जबकि डिजिटल या ऑनलाइन माध्यम से सहयोग भेजने की अंतिम तिथि 9 जुलाई दोपहर 12:00 बजे निर्धारित की गई है। इसके उपरांत सभी नागरिकों से अनुरोध किया गया है कि वे संबंधित बैंक खाते में कोई भी राशि न भेजें, जिससे अभियान की समापन प्रक्रिया को व्यवस्थित रूप से पूर्ण किया जा सके। इस जनसहयोग अभियान की सबसे बड़ी विशेषता यह रही कि इसमें पांगणा क्षेत्र की अनेक सामाजिक, शैक्षणिक, धार्मिक और प्रशासनिक इकाइयों ने सक्रिय सहभागिता निभाई। व्यापार मंडल पांगणा, ग्राम पंचायतें – कलाशन, मशोग, सूई-कुफरीधार, सरही, चुराग – के प्रतिनिधियों ने न केवल आर्थिक सहयोग दिया, बल्कि स्वयं भी क्षेत्र में घूमकर जनसंपर्क किया। विद्यालय प्रबंधन समितियाँ (SMC), राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS), यूथ क्लब, इको क्लब, विभिन्न विद्यालयों के शिक्षक, विद्यार्थी और बुद्धिजीवियों ने मिलकर जनमानस को इस नेक कार्य से जोड़ने का सराहनीय प्रयास किया। इस अभियान की सफलता में प्रशासनिक अधिकारियों और समाजसेवियों की भूमिका भी उल्लेखनीय रही।
पधर उपमंडल की चौहारघाटी की ग्राम पंचायत सिल्हबुधाणी के कोरतंग गांव में रविवार रात करीब 12 बजे बादल फटने की घटना से क्षेत्र में भारी तबाही मच गई। गांव के साथ लगते नाले में अचानक आए सैलाब से एक वाहन योग्य पुल सहित तीन पैदल पुल (पुहुली) बह गए हैं। नाले के किनारे बसे ग्रामीणों की मलकियत उपजाऊ भूमि, खड़ी फसलें और बागीचे पानी व मलबे में समा गए हैं। पंचायत प्रधान प्रेम सिंह ठाकुर और बीडीसी सदस्य कमला ठाकुर ने बताया कि इस प्राकृतिक आपदा में जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन आने वाले समय में गांव को गंभीर खतरा बना हुआ है। नाले के तेज बहाव और कटाव के चलते क्षेत्र की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पंचायत प्रधान की ओर से एसडीएम पधर को एक रिपोर्ट भेजी गई है, जिसमें क्षेत्र की वर्तमान स्थिति और संभावित खतरे का ब्यौरा देते हुए शीघ्र राहत एवं सुरक्षा उपायों की मांग की गई है। एसडीएम पधर सुरजीत सिंह ठाकुर ने बताया कि प्रशासनिक टीम को तत्काल घटनास्थल के लिए रवाना कर दिया गया है। मौके पर जाकर नुकसान का जायजा लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बुधवार को जिला मंडी के धर्मपुर में लौंगणी पंचायत के आपदा प्रभावित स्याठी गांव का दौरा किया। उन्होंने बादल फटने से प्रभावित परिवारों से मुलाकात कर उनका दुख साझा किया और जिला प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे राहत एवं पुनर्वास कार्यों की समीक्षा की। बादल फटने की घटना से 61 लोग प्रभावित हुए हैं तथा घरों, गौशालाओं और पशुओं को काफी नुकसान पहुंचा है। जिला प्रशासन मंडी ने प्रभावितों को 1.70 लाख रुपये की वित्तीय सहायता, राशन आपूर्ति, तिरपाल और अन्य राहत सामग्री सहित तत्काल सहायता प्रदान की है। प्रभावित परिवारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि दुख की इस घड़ी में प्रदेश सरकार उनके साथ खड़ी है तथा आपदा के इस मुश्किल दौर में व्यक्तिगत रूप से आपका दुख साझा करने आया हूं। उन्होंने प्रशासन को प्रभावितों को हर संभव व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि क्षतिग्रस्त घरों के पुनर्निर्माण के लिए विशेष राहत पैकेज तथा गाय, बकरी, भेड़ सहित पशुधन के नुकसान के साथ-साथ नष्ट हुए गौशालाओं के लिए भी बढ़ा हुआ मुआवजा प्रदान किया जाएगा। प्रभावित परिवारों ने आपबीती सुनाते हुए कहा कि इस आपदा में पूरा गांव बह गया तथा अब उनके पास तंबू लगाने के लिए भी जमीन नहीं बची है। कई लोगों ने मुश्किल से अपनी जान बचाई है। प्रभावितों द्वारा जमीन उपलब्ध करवाने की मांग पर मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि यदि क्षेत्र में सरकारी भूमि उपलब्ध होगी तो उन्हें आवंटित की जाएगी। वन भूमि क्षेत्र में यदि जमीन है तो यह मामला केंद्र सरकार के समक्ष उठाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने मंडी-कोटली सड़क को हुए नुकसान का भी निरीक्षण किया। बाद में मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि मंडी जिला में मूसलाधार बारिश के कारण भारी तबाही हुई है। स्याठी गांव में भूस्खलन से 20 घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं तथा 61 लोगों को समय रहते सुरक्षित राहत शिविरों में आश्रय दिया गया है। उन्होंने चट्टानी सतह के खिसकने के कारणों का पता लगाने तथा अध्ययन किए जाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बादल फटने की आठ से दस घटनाएं घटित हुई हैं। जलवायु परिवर्तन भी इसका एक कारण हो सकता है। केंद्र और राज्य सरकारों को सामूहिक रूप से ऐसी घटनाओं के कारणों का अध्ययन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मंडी जिला के थुनाग, जंजैहली और बगस्याड़ क्षेत्रों में भी भारी नुकसान हुआ है। प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक सेवाओं को बहाली के लिए कर्मचारी समर्पित भाव से काम में जुटे हुए हैं। कर्मचारियों की तत्परता से बगस्याड़ में सड़क को बहाल कर दिया गया है। मंडी जिला में अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 34 अन्य लापता हैं। गोहर उपमंडल में पांच, थुनाग में तीन और जोगिंद्रनगर व करसोग में एक-एक व्यक्ति की मृत्यु की पुष्टि हुई है तथा प्रशासन द्वारा मृतकों की पहचान की जा रही है।
बुधवार को जिला मंडी के धर्मपुर क्षेत्र के दौरे के उपरांत सरकाघाट के दौरे के दौरान मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने क्षेत्र में भारी बारिश से हुए नुकसान का जायजा लिया। उन्होंने उपायुक्त को बारिश से हुए नुकसान का आकलन करने और प्रभावित परिवारों तक राहत सामग्री शीघ्र पहुंचाने के निर्देश दिए। उन्होंने सरकाघाट में कन्या खेल छात्रावास का दौरा भी किया। उन्होंने खिलाड़ियों से बातचीत की और उन्हें बेहतर सुविधाएं प्रदान करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि बेहतर शैक्षणिक अवसर प्रदान करने के लिए सरकाघाट में शीघ्र ही सीबीएसई मान्यता प्राप्त विद्यालय की स्थापना की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यालयों को निर्देश दिया गया है कि खेल आयोजनों में भाग लेने वाले छात्रों को अनुपस्थित के बजाय ‘विशेष अवकाश’ पर चिह्नित करें जैसा स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसजीएफआई) प्रतियोगिताओं के लिए किया जाता है।
हिमाचल प्रदेश में सोमवार रात को 17 जगह बादल फटे हैं। मंडी जिले में 15, जबकि कुल्लू और किन्नौर जिले में एक-एक जगह बादल फटा है। मंडी जिले में बारिश, बादल फटने और ब्यास नदी व नालों के रौद्र रूप से भारी तबाही हुई है। मंडी में 16 लोगों समेत पूरे प्रदेश में 18 की जान चली गई है। 33 लोग अभी लापता हैं। दर्जनों लोग घायल हो गए हैं। 332 लोगों को जगह-जगह से रेस्क्यू कर उनकी जान बचाई गई है। अकेले मंडी जिले में 24 घर और 12 गोशालाएं जमींदोज हो गई हैं। 30 पशुओं की मौत हो गई है। कुकलाह के समीप पटीकरी प्रोजेक्ट बह गया है। कई पुल ध्वस्त हो गए हैं। थुनाग उपमंडल में कुकलाह में भी रात को बादल फटने से आई बाढ़ में करीब आठ घरों के साथ 24 लोग बह गए। मंगलवार शाम को 9 शव मिले हैं, जबकि 21 लोग लापता है। गोहर उपमंडल के स्यांज में सोमवार रात को बादल फटने से नौ लोगों के साथ दो घर बह गए। इनमें दो के शव मिले हैं। बाड़ा में एक घर के ढहने से छह लोग दब गए। इनमें से चार को रेस्क्यू कर लिया गया, जबकि दो के शव बरामद हुए हैं। बस्सी में फंसे दो लोगों को रेस्क्यू किया गया, जबकि परवाड़ा में मकान बहने के कारण एक ही परिवार के दो सदस्य लापता हैं। एक शव बरामद कर लिया गया है। करसोग में बादल फटने से पुराना बाजार नेगली पुल से चार लोग लापता हैं, जबकि एक शव बरामद कर लिया गया है। यहां छह घरों को नुकसान पहुंचा है। वही मंडी में करसोग के रिक्की, कुट्टी, ओल्ड बाजार, गोहर के स्यांज, बाड़ा, बस्सी, परवाड़ा, तलवाड़ा, कैलोधार, धर्मपुर के त्रियंबला, भडराना, थुनाग के कुटाह, लस्सी मोड़, रेल चौक, पट्टीकारी में बादल फटे है।
धर्मपुर के विधायक चंद्रशेखर ठाकुर ने मंगलवार को धर्मपुर के स्याठी में बारिश और भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। इस दौरान वह पीड़ित लोगों से मिले, उनसे बातचीत की तथा प्रशासन द्वारा कार्यान्वित राहत एवं पुनर्वास कार्यों की जानकारी ली। उन्होंने लौंगणी पंचायत के स्याठी, ततोहली बरडाणा, बनाल, हवाणी रियूर, सिद्धपुर और शिवद्वाला आदि क्षेत्रों में प्रभावित परिवारों के घर जाकर बातचीत की और उनका दुख दर्द बांटा। विधायक ने उन्हें आश्वासन देते हुए कहा कि आपदा की इस घड़ी में हिमाचल सरकार हर कदम पर उनके साथ है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के निर्देशों के अनुरूप जिला प्रशासन तत्परता से राहत व पुनर्वास कार्यों में जुटा है। उन्होंने कहा कि राहत मैनुअल के अनुसार फौरी राहत राशि प्रदान कर के पीड़ित परिवारों की मदद की जा रही है। चन्द्रशेखर ने कहा कि इस आपदा से प्रदेश को बहुत नुकसान हुआ है। लोगों की गाढ़ी कमाई पानी में बह गई या मलबे में दब गई। उन्होंने कहा कि वह उनकी पीड़ा को समझते हैं और इस मुश्किल घड़ी में उनके साथ हैं। इस दौरान
मंगलवार सुबह करीब 4.45 बजे खैरी पंचायत प्रधान किशोर चंद ने थाना सुजानपुर में सूचना दी कि खैरी गांव के 7-8 मकान ब्यास नदी में बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। सूचना मिलने पर थाना सुजानपुर से थाना प्रभारी राकेश धीमान एक टीम लेकर घटनास्थल की तरफ निकले, लेकिन सुजानपुर-संधोल मुख्य सड़क मार्ग पर जगह-जगह भूस्खलन होने से सड़क के बाधित होने से उनका घटनास्थल पर समय पर पहुंचना नामुमकिन था। इसके चलते उन्होंने फोर्थ बटालियन जाखू जंगल के कमांडैंट दिवाकर शर्मा से बात की, जिस पर उन्होंने तुरंत कार्रवाई करते हुए जाखू जंगल बटालियन से 2 डीएसपी की अगुवाई में बटालियन के 25 जवानों को घटनास्थल पर भेजा। कड़ी मशक्कत के बाद टीम ने बाढ़ में फंसे स्थानीय व प्रवासी लोगों को निकालने के लिए रैस्क्यू ऑप्रेशन शुरू किया तथा रस्सी के सहारे बाढ़ में फंसे करीब 51 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में भारी बारिश के चलते उप मंडल गोहर की ग्राम पंचायत स्यांज के पंगलियुअर गांव में दो मकान बह गए है। इसमें 9 लोगों के बहने की सुचना है। वहीं, ग्राम पंचायत बाड़ा में एक मकान ढहने से 6 लोग दब गए हैं। ग्राम पंचायत अनाह में जल स्तर बढ़ने से उप स्वस्थ केंद्र, दो गौशालाएं समेत कई मवेशियों के बहने की सूचना है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पटिकरी में स्थित हाइड्रो प्रोजेक्ट के बांध टूटने का भी समाचार है। हालांकि अभी इसकी अधिकारीकारिक तौर पर पुष्टि प्राप्त नहीं है। जिससे बाखली खड्ड के जल स्तर में वृद्धि होने से बड़े नुकसान की आशंका जताई जा रही है। बिजली रात से गुल पड़ी है तथा सराज में संचार व्यवस्था पूरी तरह से चरमाई है। कार्यकारी एसडीएम गोहर कृष्ण कुमार ने बताया कि पंगलियुअर गांव में दो मकान बहने की घटना हुई है, जिसमें 9 लोगों के बहने की सूचना प्राप्त हुई है। उन्होंने बताया कि रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंच गई है और बचाव कार्य जारी है। जबकि ग्राम पंचायत बाड़ा में एक मकान ढहने से 6 लोग दब गए हैं। इनमें से 4 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। मलवे में दबे अन्य एक बुजुर्ग महिला और एक लड़के का रेस्क्यू जारी है। प्रशासन ने बताया कि बचाव कार्य में तेजी लाई जा रही है और जल्द ही सभी लोगों को सुरक्षित निकाल लिया जाएगा। दोनों घटनाओं में बचाव कार्य के लिए टीमें तैनात की हैं। कार्यकारी एसडीएम कृष्ण कुमार ने बताया कि प्रशासन की ओर से हर संभव मदद की जा रही है और प्रभावित परिवारों को सहायता प्रदान की जाएगी। उन्होंने लोगों से अनुरोध है कि वे प्रशासन की सलाह का पालन करें और सुरक्षित रहें। बचाव कार्य में प्रशासन की मदद करें और अफवाहों से बचें।
धर्मपुर,मंडी/डिंपल शर्मा: हिमाचल पथ परिवहन निगम सरकाघाट डिपो की ओर से संचालित सरकाघाट-जोगिंदरनगर-पालमपुर बस रूट पिछले चार महीने से बंद पड़ा है, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यह बस सुबह 6:00 बजे सरकाघाट से चलकर 9:00 बजे जोगिंदरनगर पहुंचती थी। इस रूट के बंद होने से हुक्कल, लोगणी, धर्मपुर, कांडपतन, नेरी और धार्मिक स्थल चतुर्भुजा माता मंदिर जाने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों को जोगिंदरनगर की ओर जाने के लिए निजी वाहनों पर निर्भर रहना पड़ रहा है, जिससे उन्हें अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ रहा है और परेशानी भी झेलनी पड़ रही है। सरकाघाट-धर्मपुर क्षेत्र के ग्रामीणों ने बताया कि यह उनके लिए जोगिंदरनगर और पालमपुर जाने का एकमात्र सीधी बस सेवा थी। इस संबंध में जब सरकाघाट के क्षेत्रीय प्रबंधक मेहर चंद से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि सरकाघाट डिपो ड्राइवरों की भारी कमी से जूझ रहा है। डिपो में लगभग 40 ड्राइवरों की कमी है, जिसके कारण क्षेत्र के पांच रूट पूरी तरह से बंद पड़े हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि ड्राइवर मिलते ही सरकाघाट-जोगिंदरनगर-पालमपुर बस रूट को फिर से शुरू कर दिया जाएगा।
हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) के सरकाघाट डिपो से संचालित सरकाघाट-जोगिंदरनगर-पालमपुर बस रूट पिछले चार महीनों से बंद पड़ा है, जिससे क्षेत्र के ग्रामीणों और दैनिक यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यह बस प्रतिदिन सुबह 6:00 बजे सरकाघाट से रवाना होकर सुबह 9:00 बजे जोगिंदरनगर पहुंचती थी। इस रूट के बंद होने से हुक्कल, लोगणी, धर्मपुर, कांडपतन, नेरी सहित चतुर्भुजा माता मंदिर जैसे धार्मिक स्थल की ओर जाने वाले यात्रियों को खासा नुकसान हो रहा है। ग्रामीणों को मजबूरी में महंगे निजी वाहनों का सहारा लेना पड़ रहा है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह रूट जोगिंदरनगर और पालमपुर के लिए एकमात्र सीधी बस सेवा थी, जो अब बंद होने से स्कूल, कॉलेज, अस्पताल और बाज़ार जाने वाले लोगों को भी असुविधा हो रही है। सरकाघाट-धर्मपुर क्षेत्र के ग्रामीणों ने HRTC से अनुरोध किया है कि इस रूट को शीघ्र चालू किया जाए, ताकि उन्हें रोज़ाना के सफर में राहत मिल सके। इस विषय में जब HRTC सरकाघाट डिपो के क्षेत्रीय प्रबंधक मेहर चंद से बात की गई तो उन्होंने बताया कि ड्राइवरों की भारी कमी के कारण फिलहाल डिपो के पांच रूट पूरी तरह से बंद हैं। सरकाघाट डिपो में लगभग 40 ड्राइवरों की कमी चल रही है, जिससे कई रूट प्रभावित हुए हैं। जैसे ही ड्राइवरों की तैनाती होती है, सरकाघाट-जोगिंदरनगर-पालमपुर बस सेवा को फिर से शुरू कर दिया जाएगा।” ड्राइवरों की कमी जैसी प्रशासनिक समस्याओं का सीधा असर आम जनता पर पड़ रहा है। यात्रियों और ग्रामीणों को उम्मीद है कि प्रशासन जल्द आवश्यक कदम उठाकर बस सेवा बहाल करेगा, जिससे क्षेत्रवासियों को राहत मिल सके।
पारच्छू में एनएचएआई की कंपनी द्वारा पुल निर्माण का कार्य जारी है। इस कार्य के लिए कंपनी ने हजारों टन मिट्टी एकत्रित कर पुल के लिए शटरिंग तैयार की है। यह पहला मौका है जब शटरिंग के लिए लोहे की गार्डर की बजाय मिट्टी का इस्तेमाल किया गया है। मिट्टी के इस ढेर पर डबल लाइन पुल बनाया जा रहा था, जो पहले भी ध्वस्त हो चुका है। उस समय चारों पिलर क्रेन से उठाते हुए पलट गए थे। बरसात का मौसम शुरू हो चुका है और यह मिट्टी अभी तक हटाई नहीं गई है। इसके चलते वर्षा का पानी वहां एकत्रित होकर झील जैसा रूप ले चुका है। यदि शीघ्र इस पर कार्रवाई नहीं की गई, तो यह झील धर्मपुर क्षेत्र के लिए भारी खतरा बन सकती है। गासिया माता मंदिर और उससे सटे श्मशान घाट तक में पानी घुस गया है, जिससे धार्मिक और सामाजिक स्थलों को भी खतरा उत्पन्न हो गया है। इस मुद्दे को लेकर किसान सभा कई बार प्रशासन के समक्ष प्रदर्शन कर चुकी है। उन्होंने बरसात से पहले मिट्टी के ढेर को हटाने की मांग की थी, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। मंडी में आयोजित जिला परिषद की बैठक में ग्रयोह वार्ड से जिला परिषद सदस्य वंदना गुलेरिया ने इस मुद्दे को जोरशोर से उठाया और तुरंत कार्रवाई की मांग की। प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रशासन ने कंपनी को 30 जून तक का समय दिया है ताकि वह इस मिट्टी को हटा सके। शनिवार को एसडीएम धर्मपुर जोगिंद्र पटियाल ने स्वयं मौके का निरीक्षण कर स्थिति की रिपोर्ट उपायुक्त मंडी को भेज दी है। एसडीएम धर्मपुर जोगिंद्र पटियाल ने बताया, प्रशासन की ओर से पहले ही कंपनी को मिट्टी हटाने के निर्देश दिए जा चुके हैं। मैंने शनिवार को स्वयं मौके का निरीक्षण किया है और इस संबंध में रिपोर्ट उपायुक्त मंडी को भेज दी गई है। अब माननीय उपायुक्त ही आगामी निर्णय लेंगे।
धर्मपुर/मंडी(डिंपल शर्मा): हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री राजा वीरभद्र सिंह की जयंती के अवसर पर आज धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी द्वारा एक श्रद्धांजलि सभा और पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम युवा कांग्रेस धर्मपुर की पहल पर और स्थानीय विधायक चंद्रशेखर के नेतृत्व में संपन्न हुआ, जहां दिवंगत नेता को भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। सभी ने राजा वीरभद्र सिंह के जनसेवा और प्रदेश के विकास के लिए किए गए अतुलनीय कार्यों को याद किया। युवा कांग्रेस द्वारा पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक सार्थक प्रयास करते हुए दर्जनों पौधे भी लगाए गए। इस अवसर पर विधायक चंद्रशेखर ने राजा वीरभद्र सिंह को 'गरीबों का मसीहा' बताते हुए उनके योगदान को सराहा। उन्होंने कहा कि राजा वीरभद्र सिंह जी ने प्रदेश और कांग्रेस पार्टी को तब संभाला, जब हालात सबसे मुश्किल थे। चुनौतियाँ चाहे कितनी भी बड़ी रही हों, उन्होंने कभी न तो नेतृत्व से पीछे हटे और न ही प्रदेश के विकास की रफ्तार थमने दी। चंद्रशेखर ने कहा कि राजा वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में हिमाचल ने न केवल राजनीतिक स्थिरता प्राप्त की, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और सामाजिक न्याय के क्षेत्रों में भी ऐतिहासिक प्रगति देखी। कार्यक्रम में पूर्व ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष प्रकाश चंद और युवा कांग्रेस अध्यक्ष विशांत ठाकुर सहित कांग्रेस के कई कार्यकर्ता, युवा कार्यकर्ता, एनएसयूआई के सदस्य सहित भारी संख्या में लोगों की उपस्थिति रही, जिन्होंने राजा वीरभद्र सिंह की स्मृति को नमन करते हुए उनके दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।
डिंपल शर्मा,धर्मपुर/मंडी – धर्मपुर और सरकाघाट उपमंडलों को जोड़ने वाले राष्ट्रीय उच्च मार्ग-03 पर गासियां खड्ड में पाड़छु के पास बन रहे पुल निर्माण को लेकर गावर कंस्ट्रक्शन कंपनी पर गंभीर आरोप लगे हैं। हिमाचल किसान सभा के पूर्व जिला पार्षद भूपेंद्र सिंह ने दावा किया है कि कंपनी ने पुल के नीचे हजारों टन मलबा अवैध रूप से डंप कर खड्ड को पूरी तरह से बंद कर दिया है। यह मलबा बिना किसी अनुमति के डाला गया है और प्री-मॉनसून शुरू होने के बावजूद इसे हटाया नहीं गया है, जिससे बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। भूपेंद्र सिंह ने बताया कि उन्होंने इस संबंध में 4 जून को सरकाघाट थाने में कंपनी के खिलाफ FIR दर्ज करने के लिए शिकायत दी थी, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि पुलिस ने अभी तक FIR दर्ज नहीं की है। रपट रोज़नामचा में यह लिखा गया है कि इसके लिए उच्च अधिकारियों से अनुमति ली जा रही है। शिकायतकर्ता भूपेंद्र सिंह ने सरकाघाट पुलिस पर कंपनी को बचाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पुलिस को और यहां की एसडीएम को, जिन्हें इस अवैध डंपिंग की पूरी जानकारी है, तत्काल FIR दर्ज करनी चाहिए थी। उन्होंने चेतावनी दी है कि वे अब FIR दर्ज कराने के लिए कानूनी प्रावधानों के तहत पुलिस अधीक्षक को मामला भेज रहे हैं और उसके बाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की जाएगी, जिसमें कंपनी के साथ-साथ सरकाघाट प्रशासन को भी पार्टी बनाया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि बरसात में मलबा बहने से धर्मपुर कस्बे में कोई नुकसान होता है, तो उसकी पूरी जिम्मेदारी हाथ पर हाथ धरे बैठे प्रशासन की होगी। भूपेंद्र सिंह ने यह भी बताया कि आरटीआई से मिली सूचना के अनुसार कंपनी ने 28 स्थानों पर अवैध रूप से सामग्री डंप की है। इसके अलावा, अवैध रूप से ब्लास्टिंग, खनन, और लोगों के रास्ते, लिंक रोड, पानी के स्रोत तोड़ने की भी शिकायतें हैं। बनाल पंचायत के रियूर गांव में ओबीसी और अनुसूचित जाति की बस्ती पर खतरा मंडरा रहा है, और हवानी, बनेहरडी और कुम्हरड़ा में कई मकानों के पास सुरक्षा दीवारें नहीं लगाई गई हैं। सड़क खुदाई से पानी की निकासी के लिए बनी नालियां और कलवर्ट बंद हो गए हैं, जिससे पानी घरों और लोगों की जमीनों को नुकसान पहुंचा रहा है, लेकिन प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। बनाल में 17 जून को हुए प्रदर्शन के बाद एसडीएम ने अगले दिन मौका मुआयना करने का आश्वासन दिया था, लेकिन तीन दिन बाद भी वे धर्मपुर से मात्र पांच किलोमीटर दूर रियूर की ओबीसी व अनुसूचित जाति की बस्ती में हालात जांचने नहीं पहुंचे। भूपेंद्र सिंह ने इसे प्रशासन की घोर लापरवाही बताया, खासकर जब एसडीएम ने स्वयं 18 जून को वहां जाने की हामी भरी थी।किसान सभा द्वारा कंपनी के खिलाफ सिलसिलेवार धरनों का अगला पड़ाव बनेहरडी में होगा।
डिंपल शर्मा,धर्मपुर: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के 55वें जन्मदिन के अवसर पर आज युवा कांग्रेस धर्मपुर ने एक सेवा कार्यक्रम का आयोजन किया। इस मौके पर स्थानीय अस्पताल में भर्ती मरीजों को फल और जूस वितरित किए गए। इस पहल का मुख्य उद्देश्य समाज के जरूरतमंद तबके तक सेवा और सहयोग की भावना को पहुंचाना था। इस कार्यक्रम का नेतृत्व धर्मपुर विधानसभा युवा कांग्रेस अध्यक्ष ने किया। जिसमें युवा कांग्रेस के कई कार्यकर्ता मौजूद रहे। इनमें युवा कांग्रेस धर्मपुर महासचिव विक्रम कटवाल, विकास राही (जिला उपाध्यक्ष), अनिल कटवाल (ब्लॉक उपाध्यक्ष), विनोद बिष्ट (सचिव), राहुल पालसरा (विधानसभा उपाध्यक्ष), और गोल्डी (सचिव) विशेष रूप से शामिल थे। सभी कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी के विचारों और सेवाभाव से प्रेरणा लेते हुए जनसेवा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। कार्यक्रम में धर्मपुर विधानसभाध्यक्ष विशांत ठाकुर भी विशेष रूप से उपस्थित रहे। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि राहुल गांधी जी सिर्फ एक राजनेता नहीं, बल्कि करोड़ों युवाओं के प्रेरणास्रोत हैं। उनका जीवन सत्य, सेवा और संघर्ष की मिसाल है। आज का यह आयोजन यह दर्शाता है कि हम सभी उनकी सोच के साथ खड़े हैं। युवा कांग्रेस धर्मपुर ने यह भी संकल्प लिया है कि भविष्य में भी इसी तरह के समाजसेवा के कार्यों को नियमित रूप से जारी रखा जाएगा।
नगर निगम के पुरानी मंडी वार्ड के वासणी में सिलिंडर फटने से जोरदार धमाका हो गया। इससे घर की दूसरी मंजिल स्थित स्टोर में आग लग गई। इस घटना से करीब चार लाख रुपये की संपत्ति स्वाह गई। दमकल कर्मियों ने स्थानीय लोगों की मदद से आग पर काबू पाया लेकिन तब तक सभी कुछ जल कर राख हो गया। आग लगने के कारण का पता नहीं चल पाया है। राजस्व विभाग की टीम ने मौके पर पहुंच कर नुकसान का आकलन कर रिपोर्ट तैयार की है। नगर निगम के महापौर वीरेंद्र भट्ट शर्मा के पुरानी मंडी वार्ड के वासणी में रविवार दोपहर करीब साढ़े बारह बजे दूसरी मंजिल पर स्टोर में जोरदार धमाका हुआ। धमाके की आवाज सुन कर सोहन सिंह सकलानी का परिवार सहम गया। परिवार के सदस्य घर से बाहर निकल आए। सोहन सिंह व अन्य लोग जब घर की दूसरी मंजिल में पहुंचे तो उन्होंने देखा कि स्टोर में ट्रंक, बर्तन, गैस चूल्हा समेत अन्य सामान को आग ने चपेट में ले लिया। साप्ताहिक अवकाश होने के कारण आस पास के लोग भी एकदम घटनास्थल में पहुंच कर आग पर काबू पाने के लिए जुट गए। इसी बीच दमकल कर्मी भी वहां पहुंच गए। इससे पहले कि आग पर काबू पाया जाता सभी कुछ जल कर राख हो गया। फिलहाल दमकम विभाग की टीम मामले की जांच कर रही है।
राजकीय महाविद्यालय धर्मपुर में शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए बीए, बीकॉम और बीएससी पाठ्यक्रमों में प्रवेश प्रक्रिया जारी है। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. रमेश धलारिया ने बताया कि प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय वर्ष के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया 1 जून से शुरू हो चुकी है, जो 19 जून तक चलेगी। स्नातक प्रथम वर्ष में प्रवेश पूरी तरह मेरिट आधार पर होगा, जिसके अंतर्गत पहली मेरिट सूची 20 जून को महाविद्यालय की वेबसाइट पर प्रकाशित की जाएगी। इस सूची में चयनित विद्यार्थी 21 से 23 जून तक अपनी फीस ऑनलाइन जमा कर सकेंगे। इसके बाद यदि सीटें खाली रहती हैं तो दूसरी मेरिट सूची 24 जून को जारी की जाएगी, और उसमें चयनित छात्र 25 से 27 जून तक फीस भर सकेंगे। वहीं, बीए, बीकॉम और बीएससी द्वितीय एवं तृतीय वर्ष के विद्यार्थियों को रोल ऑन आधार पर अगली कक्षा में प्रवेश दिया जाएगा, जिसके लिए अंतिम तिथि 19 जून निर्धारित की गई है तथा फीस भुगतान की तिथियां 12 से 23 जून के मध्य रखी गई हैं। प्रवेश प्रक्रिया को सुचारू रूप से संचालित करने हेतु महाविद्यालय द्वारा तकनीकी सहायता और परामर्श के लिए हेल्प डेस्क की व्यवस्था की गई है, जहां विद्यार्थियों को ऑनलाइन आवेदन, दस्तावेज़ अपलोडिंग एवं शुल्क भुगतान संबंधी हर संभव मार्गदर्शन प्रदान किया जा रहा है। प्राचार्य डॉ. धलारिया ने समस्त अभिभावकों और विद्यार्थियों से अपील की है कि वे निर्धारित समय-सीमा के भीतर प्रवेश प्रक्रिया पूर्ण करें ताकि समय पर कक्षाओं का लाभ लिया जा सके। उन्होंने यह भी बताया कि महाविद्यालय में सभी संकायों की नियमित कक्षाएं 1 जुलाई 2025 से आरंभ कर दी जाएंगी।
मंडी जिले के जोगिंद्रनगर उपमंडल अंतर्गत लडभड़ोल क्षेत्र की ग्राम पंचायत खुड्डी में शनिवार को एक दर्दनाक सड़क हादसा हो गया। एक अनियंत्रित बोलेरो गाड़ी गहरे तीखे मोड़ से होकर सीधे खाई में जा गिरी, जिसके परिणामस्वरूप एक महिला की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो युवतियों सहित एक अन्य महिला गंभीर रूप से घायल हो गईं। यह हादसा उस समय हुआ जब तनु (28) पत्नी विवेक, निवासी खुड्डी, बोलेरो वाहन चला रही थीं। गाड़ी में उनके साथ मुस्कान (18) पुत्री सरवन, निवासी खुड्डी; काजल (19) निवासी कोलंग; और मीना देवी (36) पत्नी सरवन, निवासी खुड्डी, सवार थीं। बताया जा रहा है कि जैसे ही तनु ने एक तीखे मोड़ पर गाड़ी मोड़ने की कोशिश की, वाहन अचानक संतुलन खो बैठा और सीधे गहरी खाई में जा गिरा। हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय ग्रामीण तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे और स्थिति की गंभीरता को देखते हुए तत्काल 108 एंबुलेंस सेवा को सूचित किया। सभी घायलों को प्राथमिक उपचार के लिए नागरिक अस्पताल लडभड़ोल पहुंचाया गया। वहां, डॉ. निखिल शर्मा ने प्राथमिक उपचार देने के बाद गंभीर रूप से घायल तनु, मीना और मुस्कान को बैजनाथ सिविल अस्पताल रेफर कर दिया। दुर्भाग्यवश, बैजनाथ अस्पताल में इलाज के दौरान मीना देवी ने दम तोड़ दिया। अन्य दो घायलों की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है और उनका उपचार बैजनाथ में जारी है। उधर, लडभड़ोल पुलिस चौकी प्रभारी रमेश कुमार ने अस्पताल पहुंचकर घायल काजल के बयान दर्ज किए हैं। उन्होंने बताया कि पुलिस को मीना देवी की मृत्यु की सूचना मिल चुकी है और मामले की विस्तृत जांच प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। पुलिस दुर्घटना के कारणों की गहराई से जांच कर रही है और इसमें फोरेंसिक टीम का भी सहयोग लिया जाएगा।
पधर, मंडी: मंडी-पठानकोट राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर कुन्नू चौक के समीप वीरवार सुबह एक दर्दनाक सड़क हादसे में बाइक सवार युवक की मौत हो गई। मृतक की पहचान विनोद कुमार (पुत्र राजू राम), निवासी गांव लोहड़ा, डाकघर कुफरी के रूप में हुई है। यह हादसा सुबह करीब 7 बजे उस समय हुआ जब विनोद की बाइक एक ट्रक से टकरा गई। दुर्घटनास्थल पर सड़क किनारे कई अन्य ट्रक भी खड़े हुए थे। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, दुर्घटना के बाद युवक सड़क की गलत दिशा (रॉन्ग साइड) में गिरा पाया गया। हालांकि उसने हेलमेट पहन रखा था, लेकिन टक्कर इतनी भीषण थी कि वह जानलेवा साबित हुई। हादसे की सूचना मिलते ही पधर पुलिस थाना प्रभारी सौरभ ठाकुर अपनी टीम के साथ तुरंत मौके पर पहुंचे। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर जोनल अस्पताल मंडी भेज दिया है, जहाँ पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया जाएगा। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
क्रांति सूद/जोगिंदरनगर, मंडी: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहाँ एक पारिवारिक विवाद ने खूनी मोड़ ले लिया। जोगिंदरनगर उपमंडल के द्रोबड़ी गांव में सोमवार देर रात एक बेटे ने अपने ही पिता की हत्या कर दी। यह दर्दनाक घटना पति-पत्नी के बीच चल रहे झगड़े में बीच-बचाव के दौरान हुई। जानकारी के मुताबिक, गांव निवासी मुकेश और उसकी पत्नी के बीच किसी बात को लेकर विवाद हो रहा था। माहौल गरमागरम होने पर, जल शक्ति विभाग से सेवानिवृत्त कर्मचारी और मुकेश के पिता, प्रताप (59) ने स्थिति को शांत करने की कोशिश की। बताया जा रहा है कि मुकेश को अपने पिता का हस्तक्षेप नागवार गुजरा। गुस्से में उसने पास पड़ी एक नुकीली चीज से अपने पिता प्रताप पर हमला कर दिया। गंभीर रूप से घायल प्रताप तुरंत जमीन पर गिर पड़े। परिवार के सदस्य उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाने लगे, लेकिन दुर्भाग्य से रास्ते में ही उनकी मृत्यु हो गई। जोगिंदरनगर पुलिस ने मृतक की पत्नी नागण देवी की शिकायत पर आरोपी बेटे मुकेश के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया है। शव को पोस्टमार्टम के लिए नेरचौक मेडिकल कॉलेज भेजा गया है। एसपी मंडी साक्षी वर्मा ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि जोगिंदरनगर में एक बेटे द्वारा अपने पिता की हत्या का मामला सामने आया है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। मामले की आगे की जांच की जा रही है। इस घटना से पूरे क्षेत्र में सनसनी और शोक का माहौल है।
डिंपल शर्मा/ धर्मपुर-मंडी हिमाचल प्रदेश में मिड डे मील वर्कर्स को बड़ी राहत मिली है। सीटू से संबंधित मिड डे मील वर्कर्स यूनियन की मांग पर, शिक्षा निदेशक ने स्कूलों में दोपहर का भोजन बनाने वाले वर्कर्स की ऑनलाइन हाजिरी लगाने के आदेशों को रद्द कर दिया है। अब उनकी हाजिरी पहले की तरह रजिस्टर के माध्यम से ही लगेगी। सीटू मंडी जिला प्रधान भूपेंद्र सिंह, प्रभारी गुरदास वर्मा, और यूनियन प्रधान बिमला देवी ने बताया कि पिछले कुछ समय से मिड डे मील वर्कर्स पर ऑनलाइन हाजिरी के लिए सुबह 9:30 बजे स्कूल पहुंचने का दबाव बनाया जा रहा था। यूनियन ने इसका कड़ा विरोध करते हुए निदेशक प्राथमिक शिक्षा विभाग को मांग पत्र सौंपा था, जिसमें ऑनलाइन हाजिरी के आदेशों को रद्द करने की मांग प्रमुख थी। आज जारी हुए आदेशों से यह स्पष्ट हो गया है कि प्रदेश के किसी भी स्कूल में मिड डे मील वर्कर की हाजिरी ऑनलाइन नहीं लगेगी, और न ही उन्हें सुबह 9:30 बजे बुलाया जाएगा. यूनियन ने इस फैसले के लिए शिक्षा निदेशक का धन्यवाद व्यक्त किया है। इस राहत के बावजूद, हिमाचल प्रदेश मिड डे मील वर्कर यूनियन ने अपनी अन्य मांगों को भी दोहराया है. यूनियन ने बताया कि मिड डे मील वर्कर्स को समय पर वेतन नहीं मिलता है, और कई शिक्षा खंडों में तो दो-तीन महीने तक वेतन नहीं दिया जाता। इससे वर्कर्स को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है, और उन्हें पूरा वेतन एक साथ भी नहीं मिलता। यूनियन ने शिक्षा निदेशक से मांग की है कि मिड डे मील वर्कर्स को हर महीने की पहली तारीख को पूरा वेतन एक साथ दिया जाये। यूनियन ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार और शिक्षा विभाग इन मांगों को पूरा नहीं करते हैं, तो मिड डे मील वर्कर यूनियन 14 और 15 जून को शिमला में होने वाले सम्मेलन में आंदोलन की रूपरेखा बनाएगी।
मंडी की ग्राम पंचायत टांडू के महेड़ चौहट्टा निवासी विप्लव सकलानी ने एक नन्हे खरगोश के बच्चे की जान बचाकर इंसानियत की मिसाल पेश की है। शुक्रवार रात की है जब विप्लव सकलानी अपने घर लौट रहे थे। रास्ते में उन्हें घर से थोड़ी दूरी पर एक खरगोश का बच्चा दिखाई दिया। विप्लव ने बिना समय गंवाए उस नन्हे जीव को उठाया और उसे अपने घर ले आए, ताकि रात के समय कोई शिकारी जानवर उसकी जान न ले सके। इस पूरे घटनाक्रम को लेकर विप्लव सकलानी ने तत्परता दिखाते हुए मंडी वन मंडल के डीएफओ (वन मंडल अधिकारी) वासु डोगर से फोन पर संपर्क किया और उन्हें पूरी स्थिति की जानकारी दी। डीएफओ वासु डोगर ने उस समय अवकाश पर होने के बावजूद मामले को गंभीरता से लेते हुए रेंज ऑफिसर से बातचीत की। उन्होंने निर्देश दिया कि खरगोश के बच्चे को मंडी के भ्यूली स्थित वन कार्यालय में तैनात फाेरैस्ट गार्ड हेमराज को सौंप दिया जाए। विप्लव सकलानी और उनकी पत्नी संजना ने शनिवार सुबह वन विभाग के कार्यालय पहुंचकर खरगोश के बच्चे को सुरक्षित रूप से फॉरेस्ट गार्ड हेमराज के सुपुर्द कर दिया। वन विभाग के अधिकारियों ने विप्लव दंपत्ति के जज्बे और जागरूक पहल की सराहना की और कहा कि ऐसे प्रयासों से ही समाज में वन्य जीवों के प्रति जिम्मेदारी का भाव पनपता है।
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में शादी के नाम पर एक युवक से लाखों रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। बंजार उपमंडल के ज्ञान चंद ने आरोप लगाया है कि एक युवती ने पहले उन्हें प्रेमजाल में फंसाया, फिर शादी की और बाद में उनकी पुश्तैनी जमीन बिकवाकर लाखों रुपये अपने खाते में डलवा लिए। इसके बाद वह नकदी और गहने लेकर फरार हो गई। पीड़ित युवक अब न्याय के लिए पुलिस के चक्कर काट रहा है। ज्ञान चंद ने मंडी में मीडिया को बताया कि 2024 में उनकी शादी मंडी जिले के बालीचौकी क्षेत्र की एक युवती से हुई थी, जिसकी शादी उनके भाई ने तय की थी। शादी के बाद, युवती ने कथित तौर पर ज्ञान चंद की 18 बिस्वा पुश्तैनी जमीन बिकवा दी और पूरी रकम अपने बैंक खाते में ट्रांसफर करवा ली। अप्रैल 2025 में, वह घर में रखे 20 हजार रुपये नकद और जेवर लेकर भी गायब हो गई। ज्ञान चंद ने बताया कि जब भी वह युवती से अपनी शादी को पंचायत में दर्ज करवाने की बात करते थे, तो वह टालमटोल करती थी। उसने पतलीकूहल पुलिस थाने में भी शिकायत दी थी। पीड़ित ने आरोप लगाया कि युवती की पहले दो शादियां कर चुकी थी और इस बात की जानकारी उसे बाद में मिली। युवक ने बताया कि अब हाल ही में ठगी करने वाली युवती ने सुंदरनगर में चौथी शादी कर ली है। कुल्लू पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, युवती को ट्रेस कर लिया गया है और जल्द ही दोनों पक्षों को आमने-सामने बैठाकर बयान लिए जाएंगे। कुल्लू पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, युवती का पता लगा लिया गया है और जल्द ही दोनों पक्षों को आमने-सामने बिठाकर उनके बयान दर्ज किए जाएंगे। इस मामले में आगे की जांच जारी है।
शिक्षा क्षेत्र में युवाओं को प्रोत्साहित करने और मेधावी छात्रों को पहचान दिलाने के लिए जिला प्रशासन मंडी ने एक अनूठी पहल की है। 'डीसी फॉर ए डे' अभियान। इस अभिनव कार्यक्रम के तहत, सरकाघाट क्षेत्र के डून गांव की अन्वी सिंह को एक दिन के लिए मंडी की उपायुक्त बनने का गौरव प्राप्त हुआ। अन्वी, विक्रम सिंह ठाकुर और अनीता वर्मा की बेटी हैं, आलोक भारती विद्यालय, कोटली की छात्रा हैं। उसने हाल ही में हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की 10वीं कक्षा की परीक्षा में जिले में टॉप किया और प्रदेश में चौथा स्थान हासिल किया। उनकी इस असाधारण उपलब्धि ने ही उन्हें यह विशेष अवसर दिलाया। शुक्रवार की सुबह 9 बजे, अन्वी अपने पिता और दादा के साथ उपायुक्त अपूर्व देवगन की उपस्थिति में कार्यालय पहुंचीं। जिलाधीश की कुर्सी पर बैठते ही उनके निजी स्टाफ ने औपचारिक रूप से उनका स्वागत किया। 'एक दिन की डीसी' के रूप में अन्वी के सामने पहली चुनौती भूकंप पर पूर्वाभ्यास की निगरानी करना था। उन्होंने वीसी रूम में सभी अधिकारियों से परिचय प्राप्त किया और फिर इस महत्वपूर्ण पूर्वाभ्यास की बारीकी से निगरानी की। इसके बाद, उन्होंने उपायुक्त कार्यालय की विभिन्न शाखाओं के बारे में जानकारी हासिल की और फील्ड निरीक्षण के लिए भी गईं। इस दौरान, अन्वी ने लोगों की शिकायतें भी सुनीं और संबंधित विभागों को उनके तत्काल निपटारे के आदेश दिए। अन्वी ने इस दिन को अपने जीवन का सबसे यादगार पल करार दिया और बताया कि इस अनुभव से उन्हें प्रशासनिक कार्यों की कई व्यवहारिक बातें पता चलीं। उपायुक्त अपूर्व देवगन ने उन्हें एक उपायुक्त के रूप में जिम्मेदारियों के निर्वहन के बारे में विस्तार से समझाया। अन्वी ने इस अवसर के लिए उपायुक्त मंडी का हार्दिक आभार व्यक्त किया। उपायुक्त अपूर्व देवगन ने कहा कि जिला प्रशासन बच्चों को जीवन में बेहतर प्रदर्शन के लिए विभिन्न स्तरों पर प्रयास कर रहा है। 'अपना विद्यालय' और 'अपना पुस्तकालय' अभियान के साथ अब 'डीसी फॉर ए डे' जैसी पहल भी की गई है। उन्होंने अन्वी को बधाई देते हुए कहा कि सभी बच्चों में बेहतर करने की क्षमता होती है, उन्हें केवल उचित मार्गदर्शन और सही दिशा की आवश्यकता होती है, जिससे वे अपने लक्ष्य प्राप्त कर सकें। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि अन्वी ने अपनी जिम्मेदारियों का बखूबी निर्वहन किया है और यह अनुभव उन्हें भविष्य में अपने लक्ष्य हासिल करने के लिए और भी प्रेरित करेगा।
पधर (मंडी)। उपमंडल पधर के नारला क्षेत्र में शुक्रवार को एक मेगा मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। जिसका उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं, विशेष रूप से भूस्खलन जैसी स्थिति से निपटने के लिए प्रशासनिक तैयारियों की परख करना था। इस अभ्यास में उपमंडल आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से जुड़े सभी विभागों के अधिकारी, कर्मचारी, स्वयंसेवक और स्थानीय लोग सक्रिय रूप से शामिल हुए। ड्रिल के तहत एक काल्पनिक परिदृश्य को दर्शाया गया, जिसमें नारला के पास एक यात्री बस भूस्खलन की चपेट में आ गई। साथ ही, नारला तक जाने वाली मुख्य सड़क मलबे के कारण अवरुद्ध हो गई थी। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने तुरंत पीडब्ल्यूडी की जेसीबी मशीन को घटनास्थल पर भेजा और कुछ ही समय में सड़क को खोल दिया गया। इंसिडेंट कमांडर एवं तहसीलदार पधर डॉ. भावना वर्मा के नेतृत्व में रेस्क्यू टीम, पुलिस बल, अग्निशमन विभाग और स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य आरंभ किए। रेस्क्यू टीम ने घटनास्थल व आसपास के क्षेत्रों का बारीकी से निरीक्षण किया और यह सुनिश्चित किया कि किसी अन्य व्यक्ति को नुकसान न पहुंचे। बचाव अभियान के दौरान कई यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। राहत कार्यों में सेवानिवृत्त सैनिकों, रेड क्रॉस के स्वयंसेवकों, आपदा मित्रों, और स्थानीय नागरिकों ने बढ़-चढ़कर सहयोग किया, जिससे प्रशासन को समय पर और प्रभावी ढंग से कार्य करने में मदद मिली। एसडीएम पधर सुरजीत सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि मॉक ड्रिल के दौरान सभी आवश्यक व्यवस्थाएं पूर्व निर्धारित प्रोटोकॉल के तहत की गई थीं। पधर स्कूल मैदान में कमांड पोस्ट और स्टेजिंग एरिया स्थापित किया गया, जबकि सामुदायिक भवन पधर को राहत शिविर के रूप में प्रयोग किया गया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि वास्तविक आपदा की स्थिति में प्रशासनिक अमला, रेस्क्यू टीम, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग एवं अन्य सभी सहयोगी इकाइयाँ आपसी समन्वय के साथ प्रभावी ढंग से कार्य कर सकें और जनहानि को न्यूनतम किया जा सके।
विश्व पर्यावरण दिवस पर कसौली ने भारतीय हिमालय क्षेत्र में अब तक के सबसे बड़े सफाई अभियान में अहम भूमिका निभाई। इस अभियान का नेतृत्व वेस्ट वॉरियर्स नाम की संस्था ने किया और हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड के अलग-अलग हिस्सों से 7000 से ज़्यादा लोगों को एक साथ जोड़ा गया। सभी ने मिलकर एक दिन में 7000 किलो से ज़्यादा कचरा साफ किया। कसौली में करीब 1315 लोगों ने सफाई अभियान में भाग लिया। सफाई धर्मपुर स्कूल रोड, साईं मंदिर पानवा, गड़खल सनावर ITI रोड, कसौली कैंट, चामिया, शालाघाट अर्की और कुमारहट्टी बाज़ार जैसी जगहों पर की गई। इन जगहों से लगभग 1471 किलो कचरा एकत्र किया गया, जिसे अब वेस्ट वॉरियर्स की टीम रीसाइक्लिंग के लिए प्रोसेस कर रही है। अभियान में कई तरह के लोगों ने हिस्सा लिया — स्थानीय समुदाय, महिला मंडल, युवाओं के समूह, स्कूल, कॉलेज, प्रशिक्षण संस्थान, सामाजिक संगठन और सरकारी विभाग जैसे वन विभाग और नगर निगम भी शामिल हुए। सभी ने मिलकर यह दिखाया कि जब लोग साथ आते हैं, तो बड़ा बदलाव लाया जा सकता है। यह सफाई अभियान सिर्फ कसौली तक सीमित नहीं था। हिमाचल प्रदेश के मनाली, धर्मशाला, शिमला, बीड़ और रेणुकाजी जैसे क्षेत्रों में भी सफाई हुई। उत्तराखंड में देहरादून, उत्तरकाशी, कॉर्बेट, आसन और केंपटी फॉल्स जैसे इलाकों में भी यह अभियान पहुंचा। वेस्ट वॉरियर्स संस्था हिमालयी क्षेत्रों में बेहतर कचरा प्रबंधन सिस्टम बनाने पर काम करती है। ऐसे अभियानों के ज़रिए यह संस्था सिस्टम को मजबूत करने के साथ-साथ लोगों को उनके पर्यावरण की ज़िम्मेदारी लेने के लिए प्रेरित करती है। इस विश्व पर्यावरण दिवस ने यह दिखाया कि जब हजारों लोग एक मकसद के लिए एक साथ आते हैं, तो असली बदलाव संभव है। यह अब तक का सबसे बड़ा पहाड़ी सफाई अभियान था और यह एक याद दिलाने वाला उदाहरण है कि बदलाव तब आता है जब हम सब मिलकर कदम उठाते हैं।
डिंपल शर्मा/धर्मपुर मंडी: हिमाचल प्रदेश के राज्य सूचना आयुक्त एस.एस. गुलेरिया ने कहा है कि सूचना का अधिकार अधिनियम (RTI Act) 2005 आम नागरिकों के सशक्तिकरण के लिए बनाया गया है। उन्होंने बताया कि इसका मुख्य उद्देश्य लोकतंत्र की प्रक्रिया में नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित करना, सरकारी व्यवस्था में पारदर्शिता लाना, जवाबदेही तय करना और भ्रष्टाचार पर रोक लगाना है। गुलेरिया धर्मपुर में सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए विभिन्न विभागों के जनसूचना अधिकारियों (PIOs) के ज्ञानवर्धन हेतु आयोजित कार्यशाला की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में लोगों को उन सभी निर्णयों की जानकारी होनी चाहिए जिनसे उनका जीवन प्रभावित होता है। उन्होंने अधिकारियों को बताया कि आरटीआई आवेदनों को किस तरह से प्रभावी और सरल तरीके से निपटाया जाए। उन्होंने सभी जनसूचना अधिकारियों से आग्रह किया कि वे सद्भावनापूर्ण तरीके से कार्य करें और कानून का पारदर्शिता से शत-प्रतिशत पालन करना अपनी जिम्मेदारी समझें। गुलेरिया ने जोर दिया कि आरटीआई एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है और किसी भी आपत्ति का समाधान समय पर किया जाना चाहिए। उन्होंने आरटीआई की महत्वपूर्ण धाराओं के बारे में उपस्थित अधिकारियों को विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों की विभिन्न जिज्ञासाओं और शंकाओं का समाधान भी किया और आरटीआई अधिनियम से जुड़े विभिन्न पहलुओं को स्पष्ट किया। उन्होंने अधिनियम के प्रावधानों को प्रभावी तरीके से लागू करने पर विशेष बल दिया।उन्होंने कार्यालयों में कार्यालय मैन्यूल के अनुरूप रिकॉर्ड रखने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया। उनका कहना था कि ऐसा करने से आरटीआई में सूचना देने में कोई कठिनाई नहीं होगी। इस अवसर पर एसडीएम सरकाघाट स्वाति डोगरा, डीएसपी धर्मपुर संजीव सूद, तहसीलदार धर्मपुर रमेश कुमार, नायब तहसीलदार धर्मपुर संजीव कुमार, नायब तहसीलदार टीहरा शशिपाल मोदगिल, नायब तहसीलदार मण्डप ओमशिखा, अधिशाषी अभियंता लोक निर्माण विभाग, खण्ड चिकित्सा अधिकारी व अन्य जनसूचना अधिकारी उपस्थित रहे।
डिंपल शर्मा/धर्मपुर-मंडी: मंडी में फोरलेन निर्माण कर रही गावर कंस्ट्रक्शन कंपनी की कथित मनमानी के खिलाफ आखिरकार स्थानीय लोगों का गुस्सा फूटा है। पूर्व जिला पार्षद भूपेंद्र सिंह के नेतृत्व में एक दर्जन से अधिक शिकायतकर्ताओं ने आज सरकाघाट पुलिस थाने में गावर कंपनी के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज करने के लिए शिकायत दी है। इसकी प्रतियां डीएसपी और एसपी को भी भेजी गई हैं। अब देखना होगा कि पुलिस इस पर क्या कार्रवाई करती है। आज एफआईआर दर्ज कराने वालों में भूपेंद्र सिंह के अलावा हिमाचल किसान सभा के रणताज राणा, दिनेश काकू, सरकाघाट नागरिक सभा के बीडी शर्मा, एनएच प्रभावित संघर्ष समिति के पूर्ण चंद पराशर, अमृत लाल के साथ-साथ प्रभावित अविनाश चंदेल, श्रवण कुमार, ओंकार सिंह, परसदा पंचायत की प्रधान सलिता देवी और ठेकेदार रमेश ठाकुर शामिल हैं। यह शिकायत एडवोकेट सुरेश शर्मा के मार्गदर्शन में तैयार की गई है। शिकायतकर्ताओं ने पर्यावरण संरक्षण एक्ट 1999 की धारा 270, 279, 280, 285, 288, 290, 324(1) और 326(ए) व (बी) के तहत भारतीय न्याय संहिता के प्रावधानों के तहत एफआईआर दर्ज करने का आवेदन दिया है। इस शिकायत में गावर कंस्ट्रक्शन कंपनी के साथ-साथ क्वालिटी कंट्रोल के लिए भारत सरकार द्वारा नियुक्त एलएन मालवीय कंपनी और भारत सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग विभाग, हमीरपुर के परियोजना निदेशक व अन्य अधिकारियों को भी एफआईआर में पार्टी बनाया गया है। भूपेंद्र सिंह ने बताया कि सरौन-अवाहदेवी से सरकाघाट-पाड़छु तक यूनिट-1 का काम पिछले चार साल से चल रहा है लेकिन अभी तक पूरा नहीं हुआ है। उनके मुख्य आरोपहै कि डेढ़ दर्जन मकानों के पास सुरक्षा दीवारें न होने से उनके गिरने का खतरा बढ़ गया है। इसके साथ ही दर्जनों रास्ते, लिंक रोड और पेयजल स्रोत नष्ट कर दिए गए हैं, और हैंडपंप उखाड़ दिए गए हैं। कई जगहों पर सड़कें उखाड़ दी गई हैं और उन्हें तीन साल से पक्का नहीं किया जा रहा है। चोलथरा, रखोह, सरौर, परसदा, दमसेहड़ा के पास सड़कों पर गहरे गड्ढे पड़े हैं, जिससे सैकड़ों गाड़ियों को नुकसान पहुँचा है और यातायात बाधित होता रहता है। बरसात में यह समस्या और भी बढ़ जाएगी। कंपनी ने कलोट-रखोह, टटीह, सरौर और गासियां खड्ड-पाड़छु में अवैध रूप से खड्डों में मलबा डालकर डंपिंग की है, जिससे धर्मपुर कस्बे को भी बरसात में नुकसान होने की आशंका है।कंपनी अवैध ब्लास्टिंग और खनन कर रही है और प्रदूषण नियंत्रण के मापदंडों का उल्लंघन किया जा रहा है। आरोप लगाया है कि पूरा निर्माण कार्य बहुत ही घटिया किस्म का किया गया है और मॉर्थ विभाग (सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय) तथा क्वालिटी चेक करने वाली कंपनी भी मूकदर्शक बनी हुई हैं। भूपेंद्र सिंह ने आरोप लगाया कि स्थानीय प्रशासन भी कंपनी के आगे असहाय है और कंपनी मनमाने तरीके से काम कर रही है। इन अनियमितताओं के चलते हिमाचल किसान सभा और अन्य संगठन पिछले एक महीने से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं और अब एफआईआर दर्ज करवा दी गई है ताकि जनता को राहत मिल सके। शिकायत दर्ज करवाने वालों ने पुलिस प्रशासन से तुरंत एफआईआर दर्ज करके कार्रवाई शुरू करने की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर इसमें कोई ढिलाई बरती गई तो किसान सभा और अन्य संगठन प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे।
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहाँ एक युवक ने अपने ही मामा-मामी के घर में चोरी की वारदात को अंजाम दिया। मामला बल्ह थाना क्षेत्र का है। जहाँ एक महिला ने अपने भांजे पर घर से ₹1.15 लाख के कीमती गहने चुराने का आरोप लगाया है। पीड़िता हुरमति देवी, पत्नी मस्तराम, जो गांव चतरौर की निवासी हैं, ने बल्ह थाने में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि शनिवार को उनका पूरा परिवार किसी ज़रूरी काम से घर से बाहर गया था। जब वे देर शाम लौटे, तो घर के मुख्य दरवाज़े का ताला टूटा हुआ मिला। शक होने पर उन्होंने बेडरूम की तलाशी ली, जहाँ अलमारी का लॉकर टूटा हुआ था और उसमें रखे कीमती गहने गायब थे। चोरी हुए आभूषणों में सोने का मंगलसूत्र, झुमके (झुमर), नथ, टीका, चाक और अंगूठी शामिल हैं। इन सभी गहनों की अनुमानित कीमत करीब 1 लाख 15 हज़ार आंकी गई है। पीड़िता ने सीधे तौर पर अपने भांजे अनिल पर इस वारदात को अंजाम देने का संदेह जताया है। उन्होंने पुलिस को बताया कि अनिल पहले भी नशे की लत में देखा गया है और वह चिट्टे (हेरोइन) जैसे घातक नशे का आदी है। वारदात को अंजाम देने के बाद से ही वह फरार है, जिससे उस पर शक और गहरा हो गया है। पुलिस ने महिला की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है. डीएसपी हेडक्वार्टर दिनेश कुमार ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि आरोपी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस द्वारा सघन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है और उम्मीद है कि उसे जल्द ही हिरासत में ले लिया जाएगा। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि इस घटना में कोई अन्य व्यक्ति भी शामिल था या नहीं।