नेपाल में हुए हिंसक आंदोलन के बाद आज गुरुवार को हालात कंट्रोल में है। लेकिन फिर भी सेना ने एहतियातन राजधानी समेत कई इलाकों में कर्फ्यू लगा रखा है। इस बीच, नेपाल में अंतरिम PM बनाने के लिए सेना-प्रदर्शनकारियों के बीच बातचीत शुरू हो गई है। जानकारी के अनुसार,आर्मी हेडक्वार्टर में सुबह 10:30 बजे बातचीत शुरू हो गई थी। आपको बता दें कि सेना ने सभी पार्टी और नेताओं को भी इसके लिए अपनी अपनी राय देने को कहा है। मीडिया के कई रिपोर्ट्स के अनुसार, इस पद के लिए नेपाल के लाइट मैन कहे जाने वाले कुलमान घिसिंग और सुशीला कार्की का नाम आगे आ रहा है। हालांकि PM की रेस में कुलमान घिसिंग का नाम सुशीला कार्की से भी आगे चल रहा है। अंतिम फैसला देखना काफी दिलचस्प होगा कि किसे PM के नेतृत्व के लिए आगे किया जाता है। सुशीला कार्की सुशीला कार्की भ्रष्टाचार विरोधी शख्सियत के तौर पर जानी जाती हैं। इन्होनें भ्रष्टाचार के विरुद्ध कई बार सख्त बयान दिया है। आपको बता दें कि इन्होनें पॉलिटिकल साइंस में BHU से MA किया है। 2016 में वह नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश बनी। कुलमान घिसिंग कुलमान घिसिंग को नेपाल के 'लाइट मैन' भी कहा जाता है। उन्होंने जमशेदपुर, झारखण्ड से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की है। 1994 में नेपाल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी (NEA) से जुड़े और इसके बाद घाटे में चल रहे NEA को मुनाफे में बदल दिया। नेपाल की बिजली व्यवस्था, जो कि बहुत खराब थी, उसे भी सुधारने का श्रेय इन्हें ही जाता है। नेपाल में इस तरह हुई हिंसक आंदोलन की शुरुआत सरकार ने 4 सितंबर को 26 सोशल मीडिया प्लेटफार्म को बैन किया था। ये कहकर कि इन प्लेटफॉर्म्स ने रजिस्ट्रशन नहीं करवाए हैं। इसके बाद 8 सितंबर को सरकार के भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर बैन के खिलाफ नेपाल के युवाओं ने सड़क पर उतर कर प्रदर्शन शुरू कर दिए। यह प्रदर्शन धीरे धीरे हिंसा में प्रवर्तित हो गए और कई लोग इसमें मारे गए व कई ज़ख़्मी हुए। इसी बीच PM समेत कई मंत्रियों को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। साथ ही इस दौरान प्रदर्शन कर रहे युवाओं ने सेना के सामने सामाजिक और राजनितिक सुधार को लेकर कई मांगे भी रखीं। आगे क्या होगा बहुमत वाली पार्टी को सरकार बनाने के लिए कहा जायेगा। विशेषज्ञ का मानना है कि 6 महीने में चुनाव कराने के लिए अंतरिम सरकार बन सकती है।
नेपाल में सरकार के खिलाफ हिंसक आंदोलन के बीच मंगलवार को सरकार का तख्तापलट हो चुका है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली समेत कई मंत्रियों ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। प्रदर्शनकारियों ने ओली सरकार को सत्ता से बेदखल करने में सफलता हासिल कर ली है। इसी बीच प्रदर्शनकारियों ने कई सामाजिक और राजनितिक सुधार किये जाने के लिए अब एक लंबी मांगें रखी है। प्रदर्शनकारियों ने यह मांग की है कि संविधान में संशोधन, शासन व्यवस्था में सुधार तथा पिछले 3 दशकों में नेताओं द्वारा लूटी गई सम्पत्तियों की जांच हो। इंडिया टुडे कि रिपोर्ट के अनुसार प्रदर्शनकारियों ने एक बयान में कहा है कि, यह जो आंदोलन है, वह किसी भी पार्टी या व्यक्ति के लिए नहीं, बल्कि देश के लोगों के भविष्य के लिए है। प्रदर्शनकारियों ने यह उम्मीद जताई है कि राष्ट्रपति और नेपाली सेना उनकी मांगों को पूरा करेंगे। अभी तक घटीं ये घटनाएं नेपाल में सरकारी के भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर बैन के खिलाफ सड़कों पर उतरे प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति समेत कई मंत्रियों और नेताओं के सरकारी-निजी आवासों पर हमला व तोड़फोड़ किया और साथ ही आगजनी भी की। संसद भवन और सुप्रीम कोर्ट में भी आग लगा दी गई। आंदोलनकारियों द्वारा, प्रदर्शन करने वाले युवाओं पर गोली चलाने का आदेश देने वाले DSP की भी पीट कर हत्या कर दी गई। पूर्व प्रधानमंत्री, उनकी पत्नी व विदेश मंत्री को भी उनके घर में घुसकर पीटा गया। आंदोलनकारियों ने पूर्व प्रधानमंत्री झालानाथ खनल की पत्नी राजलक्ष्मी चित्रकार को तो घर के अंदर घुसकर जिंदा जला दिया। वित्त मंत्री को भी सड़कों पर दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया है। इन हालातों को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे को बंद कर दिया गया है। हालांकि कल रात मंगलवार से नेपाल की सेना ने सुरक्षा की कमान संभाल ली है। वहीं राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल और सेना प्रमुख अशोक राज सिगदेल ने आंदोलन कर रहे युवाओं से शांति बनाये रखने और चर्चा के लिए आगे आने की अपील की है। यह भी पढ़ें नेपाल: काठमांडू में इंटरनेशनल एयरपोर्ट बंद होने से सैकड़ों भारतीय यात्री फंसे, सीमा पर लगा लंबा जाम
नेपाल की राजधानी काठमांडू में सरकार के विरूद्ध हो रहे हिंसक प्रदर्शनों के बीच सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गई है और जगह जगह पर सेना को तैनात किये गए हैं। वहां के हालात गंभीर होने के चलते त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट को सभी घरेलू-अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों के लिए बंद किया गया था। एयर ट्रैफिक कंट्रोल के मुताबिक एयरपोर्ट को 10 सितंबर 2025 की दोपहर 12 बजे तक के लिए बंद किया गया था। एयरपोर्ट बंद होने से यहां कई भारतीय यात्री और पर्यटक फंस गए हैं। बताया जा रहा है कि करीब 800 पर्यटक पोखरा में फंसे हैं, जबकि काठमांडू में करीब 2000 यात्री फंसें हैं। एयरपोर्ट के बंद होने से नेपाल में फंसे भारतीयों को वापस आने के लिए वहां काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही सीमावर्ती क्षेत्रों में व्यापार और यातायात पूरी तरह बाधित है। हिंसक आंदोलन हुआ क्यों नेपाल में यह हिंसक आंदोलन सरकार के भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर बैन लगाए जाने के बाद हुआ। वहां के युवाओं में भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर बैन को लेकर काफी रोष था। इसी रोष के चलते वे सडकों पर उतर आए और हिंसक प्रदर्शन करने लगे। इस बीच वहां के युवाओं द्वारा काफी आगजनी और तोड़-फोड़ की गई और साथ ही संसद में घुसने की भी कोशिश की गई। इस बीच कई युवाओं की जान भी गई और कई मंत्रियों ने इस्तीफा भी दिया। भारतीय नागरिकों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी सरकार ने भारतीय नागरिकों को स्थिति स्थिर होने तक नेपाल की यात्रा नहीं करने को कहा है। सरकार ने नेपाल में फंसें भारतीय नागरिकों को अपने वर्तमान सुरक्षित जगहों पर ही रहने को कहा है। साथ ही नेपाल के अधिकारियों और काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास द्वारा जारी स्थानीय सुरक्षा निर्देश का पालन करने को भी कहा है। सरकार ने भारतीय नागरिकों की मदद के लिए काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास के हेल्पलाइन नंबर भी जारी कर दिए हैं। नंबर हैं +977 980 860 2881 और +977-981 032 6134
एशिया कप 2025 के शुरू होने में सिर्फ एक हफ्ता ही बचा है। इसी बीच आक्रामक बल्लेबाज आसिफ अली ने महज 33 की उम्र में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा कर दी है। इसकी जानकारी उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए दी है। लेकिन वह घरेलू और लीग क्रिकेट खेलते रहेंगें। आसिफ अली मुख्य रूप से एक फिनिशर और पावर हिटर के रूप में जाने जाते थे। उन्होंने बताया कि क्रिकेट के मैदान पर अपने देश की सेवा करना उनके लिए सबसे गौरवपूर्ण अध्याय रहा है। आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान की जर्सी पहनना उनके जीवन का सबसे बड़ा सम्मान है। ऐसा बताया जा रहा है कि टीम से लगातार बाहर रहने की वजह से उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट न खेलने का निर्णय लिया है। आसिफ अली का क्रिकेट करियर अली का क्रिकेट करियर बहुत ही छोटा रहा। उन्होंनें अप्रैल 2018 में वेस्टइंडीज के खिलाफ अपना T20 इंटरनेशनल डेब्यू किया था और 2025 में संन्यास ले लिया। आपको बता दें कि उन्होंने 21 वनडे और 58 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलकर पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व किया। वनडे फॉर्मेट में उन्होंने 3 अर्धशतकों के जरिए 382 रन बनाए, वहीं टी20 में 577 रन बनाए। करियर में यादगार पारी ICC पुरुष टी20 वर्ल्ड कप 2021 में अफगानिस्तान के खिलाफ, जब पाकिस्तान को 12 गेंदों पर 24 रनों की आवश्यकता थी, तब उन्होंने करीम जनत के ओवर में 4 छक्के लगाए और सिर्फ 7 गेंदों पर ही 25 रन बनाकर जीत पक्की कर दी। यह पारी पाकिस्तान को सेमीफाइनल तक पहुंचाने में बहुत अहम साबित हुई थी। इसके बाद अगले साल एशिया कप में भी उन्होंने भारत के खिलाफ 8 गेंदों में 16 रन बनाकर पाकिस्तान को जीत दिलाई थी। ये दोनों ही पारियां उनके करियर के शानदार पल रहे हैं। इन सब के बावजूद 2022 के T20 विश्व कप में उनका प्रदर्शन कुछ अच्छा नहीं था।
जर्मन संघीय विदेश मंत्री जोहान डेविड वाडेफुल मंगलवार सुबह भारत की दो दिवसीय दौरे पर बेंगलुरु पहुंचे हैं। उनकी यह यात्रा 2 से 3 सितंबर तक है। जर्मन विदेश मंत्री वाडेफुल भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का दौरा करेंगे। बुधवार को वाडेफुल केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से मिलेंगें और उनके साथ कई उच्च-स्तरीय बैठकें की होंगीं । इन बैठकों में उम्मीद है कि व्यापार, सुरक्षा, हरित ऊर्जा, डिजिटल परिवर्तन और वैश्विक शासन जैसे मुख्य विषयों पर चर्चा की जाएगी। उनसे मिलने के बाद वे दिल्ली में विदेश मंत्री एस जयशंकर से भेंट करेंगे और उसी दिन वह देश से लौट जाएंगे। आपको बता दें कि जर्मन विदेश मंत्री वाडेफुल ने अपनी यात्रा से पहले, भारत-प्रशांत क्षेत्र और वैश्विक मंच पर एक प्रमुख भागीदार के रूप में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका का ज़िक्र किया था। सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर वाडेफुल ने जर्मनी और भारत के बीच घनिष्ठ राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों पर जोर दिया था। भारत को ‘इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण साझेदार’ बताया वाडेफुल ने भारत को ‘इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण साझेदार’ बताया है। वाडेफुल ने जर्मनी और भारत के बीच आपसी संबंधों पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत और जर्मनी के बीच राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से घनिष्ठ संबंध हैं। उन्होंने कहा कि सुरक्षा सहयोग से लेकर इनोवेशन, टेक्नोलॉजी और स्किल्ड वर्कफोर्स भर्ती जैसे क्षेत्रों में हमारी रणनीतिक साझेदारी को विस्तार देने की बहुत सी संभावनाएं हैं। अंतरराष्ट्रीय शांति व स्थिरता के लिए मिलकर काम करना चाहिए वाडेफुल ने कहा कि भारत और जर्मनी को अंतरराष्ट्रीय शांति और स्थिरता को बनाए रखने के लिए एक साथ मिलकर काम करने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश और सबसे बड़े लोकतंत्र के तौर पर भारत की आवाज वैश्विक मंचों पर बहुत प्रभावशाली हो रही है, जो रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद-प्रशांत क्षेत्र परे भी सुनी जाती है। विदेश मंत्रालय के अनुसार विदेश मंत्रालय के अनुसार यूरोप में भारत के सबसे महत्वपूर्ण साझेदारों में से एक जर्मनी है। वर्ष 2000 से ही भारत और जर्मनी ने एक 'रणनीतिक साझेदारी' बनाए रखी है। 2011 में अंतर-सरकारी परामर्श (आईजीसी) की शुरुआत के बाद से यह और भी मजबूत हुआ है। सहयोग की समीक्षा को आईजीसी अधिक सक्षम बनाता है और मंत्रिमंडल स्तर पर जुड़ाव के नए अवसरों की पहचान करता है। भारत उन खास देशों में शामिल है जिनके साथ जर्मनी का ऐसा कम्युनिकेशन सिस्टम है।
अफगानिस्तान में 31 अगस्त रविवार को देर रात भूकंप आया जिसमें सैकड़ों लोगों की मौत होने की पुष्टि हुई है। पूर्वी अफगानिस्तान के नंगरहर में आए इस भूकंप की तीव्रता 6.0 दर्ज़ की गई है जिससे वहां जान-माल की बड़ी क्षति होने की खबर सामने आई है। जानकारी के अनुसार, अफगानिस्तान के आंतरिक मंत्रालय ने बताया है कि इस भूकंप की वजह से 622 लोग मारे गए हैं,वहीं हजारों घायल हैं। ऐसी खबर है कि मौतें और चोटें मुख्य रूप से जालालाबाद और आसपास के क्षेत्रों में हुईं हैं। नंगरहार इलाके में कई गांव मलबे का ढेर में तब्दील हो गए हैं क्यों यहां ज्यादातर मकान मिटटी के हैं। अफगानिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता शराफत जमान के अनुसार, तालिबान सरकार ने हेलीकॉप्टरों से लोगों को बचने के लिए रेस्क्यू किया गया है। पड़ोसी राज्यों से भी बचाव टीमें कुनार और नंगरहार पहुंचीं हैं, जहां लोगों को मलबे से निकालकर अस्पताल पहुंचाया जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र (UN) की टीम भी भूकंप से पीड़ित लोगों के लिए भोजन-पानी और मेडिकल मदद लेकर पहुंची है। केंद्र और तीव्रता अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) ने इस भूकंप की तीव्रता 6.0 तीव्रता का बताया है। यह भूकंप रविवार देर रात 11:47 बजे आया। जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज (GFZ) के मुताबिक, भूकंप का केंद्र जो था वह जालालाबाद शहर से 27 किलोमीटर पूर्व में था और इसकी गहराई 10 किलोमीटर थी। तालिबान सरकार ने बचाव कार्य शुरू कर दिया है, लेकिन दुर्गम क्षेत्रों में पहुंच मुश्किल होने कारण बचाव कार्य में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अफगानिस्तान में बार-बार भूकंप क्यों अफगानिस्तान हिंदू कुश पर्वत श्रृंखला में पड़ता है और यहां टेक्टॉनिक्स प्लेट का सक्रिय जोन है। आपको बता दें कि यहां यूरोएशियन प्लेट, अरबियन प्लेट और इंडियन प्लेट के आपस में टकराने से यहां अक्सर भूकंप आते ही रहते हैं। साल में 100 से भी ज्यादा भूकंप आते हैं। यहां यह देखा गया है कि इंडियन प्लेट का यूरोएशियन प्लेट से टकराव 39 मिमी/वर्ष की रफ्तार से होता है। पिछले 10 सालों में 300 किमी के दायरे में 10 भूकंप ऐसे आए जिनकी तीव्रता 6.0 से ऊपर थी। 2015 में यहां सबसे घातक भूकंप आया था जिसकी तीव्रता 7.5 दर्ज़ की गई थी।2023 में भी भयंकर भूकंप आया था जिसकी तीव्रता 6.3 मापी गई थी जिसमें करीब 1,500 मौतें हुई थी।
पीएम नरेंद्र मोदी शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में शामिल होने चीन के तिआनजिन पहुँचें हैं। इस SCO शिखर सम्मेलन से पहले ही आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय बैठक हुई और यह लगभग 1 घंटे चली। प्रधानमंत्री मोदी शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए 31 अगस्त से 1 सितंबर तक चीन में रहेंगें। आपको बता दें कि नरेंद्र मोदी का यह चीन यात्रा 7 साल बाद हो रहा है। साथ ही मोदी की शी जिनपिंग से पिछली मुलाकात ब्रिक्स 2024 सम्मेलन रूस (कजान) में हुई थी। 2020 की गलवान झड़प के बाद पहली बार दोनों देशों ने सीमा और व्यापार से जुड़े मामलों पर सहमति बनाई है। ऐसा कहना गलत नहीं होगा कि आर्थिक दबाव और वैश्विक हालात ने दोनों को साथ आने पर मजबूर किया है। इस बैठक में मोदी ने सीमा पर शांति और स्थिरता, आपसी सहयोग और संबंधों को मजबूत करने पर जोर दिया। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी अपनी 4 दिवसीय यात्रा पर चीन पहुँचे हैं। पुतिन सर्वप्रथम चीन के तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के दो दिवसीय शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग के बीच तिआनजिन में चल रही बातचीत अब ख़त्म हो गई है। इस मुलाकात में शी जिनपिंग ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी से दोबारा मिलकर बहुत खुशी हुई। आपको बता दें कि इस बैठक में प्रधानमंत्री मोदी के साथ NSA अजीत डोभाल, विदेश सचिव विक्रम मिस्री, चीन में भारत के राजदूत प्रदीप रावत, जॉइंट सेक्रेटरी (ईस्ट एशिया) गौरांग लाल दास और पीएमओ से अतिरिक्त सचिव दीपक मित्तल उपस्थित थे। वहीं, शी जिनपिंग के साथ विदेश मंत्री वांग यी, प्रधानमंत्री ली कियांग, डायरेक्टर जनरल ऑफिस कैई ची और भारत में चीन के राजदूत शू फेहोंग भी उपस्थित रहे। शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय बैठक में पीएम मोदी ने कहा इस बैठक के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि "सीमा प्रबंधन को लेकर हमारे विशेष प्रतिनिधियों के बीच समझौता हो गया है। कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू की गई है। दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानें भी बहाल हो रही हैं। हमारे सहयोग से दोनों देशों के 2.8 अरब लोगों के हित जुड़े हैं। इससे पूरी मानवता के कल्याण का मार्ग भी प्रशस्त होगा। हम आपसी विश्वास, सम्मान और संवेदनशीलता के आधार पर अपने संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।" जिनपिंग ने कहा -ड्रैगन और हाथी साथ आने की जरूरत शी जिनपिंग ने कहा, "इस साल चीन-भारत राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ है। उन्होंने कहा कि, 'दुनिया परिवर्तन की ओर बढ़ रही है। चीन और भारत दो सबसे प्राचीन सभ्यताएं हैं। हम दुनिया की सबसे अधिक जनसंख्या वाले दो देश हैं और ग्लोबल साउथ का हिस्सा भी हैं। ऐसे में हमारा मित्र होना, अच्छे पड़ोसी बनना और ड्रैगन व हाथी का एक साथ आना बेहद जरूरी है।' दोनों देशों के लिए यह जरुरी है कि हम अच्छे पड़ोसी बनें, साझेदार बनें जो एक-दूसरे की सफलता में मददगार हों और ड्रैगन और हाथी एक साथ आएं। इन मुद्दों पर सहमति 5 साल बाद भारत-चीन के बीच सीधी उड़ानें शुरू हुई हैं। भारत-चीन के बीच सीमा प्रबंधन पर सहमति बनी है। चीन ने भारत को रेयर अर्थ मिनरल्स बेचने तथा खाद-मशीनरी सप्लाई करने का आश्वाशन दिया है। साथ ही नाथु ला दर्रे से बॉर्डर ट्रेड फिर से शुरू करने के लिए भी चर्चा हुई। चीन ने भारत के श्रद्धालुओं को कैलाश मानसरोवर जाने की स्वीकृति दे दी है। पत्रकारों और पर्यटकों के लिए वीजा नियम को भी पहले से आसान किए गए हैं। SCO और BRICS संगठनों में भारत और चीन दोनों देश मल्टीपोलर वर्ल्ड ऑर्डर का समर्थन दे रहे हैं। चीन के साथ द्विपक्षीय बैठक खास क्यों लेकिन मोदी-शी की इस मुलाकात को खास मानी जा रही है और वह इसलिए क्योंकि गलवान में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प के बाद मोदी का यह पहला चीन यात्रा है। साथ ही हाल के दिनों में ट्रंप का भारत पर 50 % टैरिफ लगाने की वजह से अमेरिका और भारत के रिश्तों में तनाव आया है और इस समस्या से निपटने के लिए नए रास्ते तलाशे जा रहे हैं। भारत और चीन दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानें शुरू हुईं, बॉर्डर ट्रेड पर बातचीत हुई और साथ ही कैलाश मानसरोवर यात्रा भी शुरू हुई। पूरी दुनिया कि नज़र इस समिट पर आपको बता दें कि गलवान में हुई झड़प के बाद मोदी का यह पहला चीन यात्रा है। ग्लोबल टाइम्स के अनुसार, प्रधान मंत्री मोदी की यह यात्रा भारत और चीन के बीच तनाव को कम करने और द्विपक्षीय बातचीत को बढ़ावा देने के लिए बड़ा अवसर साबित हो सकता है। ट्रम्प ने SCO देशों पर बहुत ज्यादा टैरिफ लगाया है और ऐसे संकट के समय में यह उन देशों के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण है जो ट्रम्प के इस टैरिफ दबाव के खिलाफ एक साथ साझा मंच पर खड़े होने में जुटे हैं। इस समिट के जरिये ये SCO देश अमेरिका के नेतृत्व वाले ग्लोबल ऑर्डर का विकल्प के रूप में ऑप्शनल पावर बनने की कोशिश है। इस बार के समिट में केवल SCO सदस्य ही नहीं, बल्कि ऑब्जर्वर और पार्टनर देशों सहित 20 से ज्यादा देशों के नेता शामिल हो रहे हैं। इस सम्मलेन के जरिये यह भी संदेश देने की कोशिश होगी की जाएगी कि जो अमेरिकी की कोशिशें हैं-चीन, रूस, ईरान और अब भारत को अलग-थलग करने की, वो व्यर्थ रही हैं।
भारत के पूर्व रिजर्व बैंक (RBI) गवर्नर उर्जित पटेल को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) में एक बड़ा पद मिला है। उन्हें 3 साल के लिए IMF में कार्यकारी निदेशक नियुक्त किया गया है। वे अब IMF की कार्यकारी बोर्ड की बैठकों में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। उर्जित पटेल यहां भारत, बांग्लादेश, श्रीलंका और भूटान के ग्रुप का नेतृत्व करेंगे। पटेल साल 2016 में RBI के 24वें गवर्नर बने थे जबकि 2018 में, कुछ व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा दे दिया था। आपको बता दें कि इस बोर्ड में IMF के 24 कार्यकारी निदेशक होते हैं। ये कार्यकारी निदेशक संस्था के रोजमर्रा के कार्यों पर नजर बनाये रहते हैं और इससे सम्बंधित महत्वपूर्ण फैसले लेते हैं। उर्जित पटेल ने येल विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में पीएचडी, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से एम.फिल. और लंदन विश्वविद्यालय से बी.एस.सी. की डिग्री हासिल की है। उनकी भूमिकाएं उर्जित पटेल IMF में 5 साल तक काम किया है। पहले वाशिंगटन डी.सी. और फिर 1992 में दिल्ली में IMF के उप-निवासी प्रतिनिधि के तौर पर उन्होंने कार्य किया। RBI गवर्नर से पहले, वह RBI के डिप्टी गवर्नर भी रहे हैं, जहां उन्होंने मौद्रिक नीति और शोध जैसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी को संभाले। 1998 से 2001 तक वे वित्त मंत्रालय में सलाहकार भी रह चुके हैं। वे रिलायंस इंडस्ट्रीज, आईडीएफसी लिमिटेड, एमसीएक्स लिमिटेड और गुजरात राज्य पेट्रोलियम निगम समेत सरकारी और प्राइवेट क्षेत्रों में भी काम कर चुके हैं। यह नियुक्ति महत्वपूर्ण क्यों यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है, जब भारत ने पाकिस्तान के लिए IMF के बेलआउट कार्यक्रमों का लगातार विरोध किया है और चिंता जाहिर की है कि इस्लामाबाद इस धन का उपयोग युद्ध और सीमा पार आतंकवाद को बढ़ाने के लिए कर सकता है। आपको बता दें कि हाल ही में, IMF बोर्ड ने एक मौजूदा बहु-वर्षीय कार्यक्रम के तहत पाकिस्तान को 1 अरब डॉलर का ऋण देने के लिए सहमति दी थी।
पांगी - हिमाचल की सबसे खतरनाक सड़क से जुड़ा गांव **सड़क, बिजली, स्वास्थ्य, शिक्षा - यहाँ हर व्यवस्था बेहाल **आरोप : HRTC बस ड्राइवर करते है मनमर्ज़ी, डिपू से नहीं मिलता पूरा राशन **सड़क बंद हो तो कंधे पर उठा कर ले जाते है मरीज़ **मुख्यमंत्री के दौरे के बाद जगी उम्मीद
टेलर स्विफ्ट कई देशों को मंदी के दौर से उबार रही हैं... यह सुनने में काफी अजीब लग रहा है... मगर बिल्कुल सच है। दरअसल, टेलर स्विफ्ट की लोकप्रियता का आलम यह है कि वह जिस भी शहर या देश में परफॉर्म करती हैं, वहां की जीडीपी को एकदम से बूस्ट कर देती हैं। यह कहानी शुरू हुई दक्षिण-पूर्व एशिया के छोटे से देश सिंगापुर से, जिसे 2023 में मंदी का खतरा नजर आने लगा था। यह वह समय था जब टेलर स्विफ्ट अपने वर्ल्ड टूर की योजना बना रही थीं। जब सिंगापुर की सरकार को पता चला कि टेलर स्विफ्ट कॉन्सर्ट के लिए एशिया के किसी ऐसे देश की तलाश कर रही हैं, तो सिंगापुर के प्रधानमंत्री ने टेलर स्विफ्ट के साथ छह शो को लेकर एक एग्रीमेंट साइन किया। इस एग्रीमेंट के तहत सिंगापुर में एक शो के बदले स्विफ्ट को लाखों डॉलर दिए गए, लेकिन साथ ही शर्त रखी गई कि वह अपने Eras Tour को सिंगापुर के अलावा किसी अन्य दक्षिण-पूर्व एशियाई देश में लेकर नहीं जाएंगी। स्विफ्ट मान गईं। सिंगापुर में टेलर स्विफ्ट के छह शो ने कमाल कर दिया और हिचकोले खा रही सिंगापुर की अर्थव्यवस्था को इससे 375 मिलियन डॉलर (37.5 करोड़ डॉलर) का सीधा फायदा हुआ। कैसे? वह भी समझते हैं। कई सालों से मंदी की आशंका से घिरे देश में लोग कंजूस बन बैठे थे। बाजार वीरान पड़े थे, लोग खरीदारी करने से परहेज कर रहे थे। लेकिन जैसे ही टेलर स्विफ्ट के कॉन्सर्ट की खबर सार्वजनिक हुई, लोग टिकट खरीदने के लिए उमड़ पड़े। आसपास के देशों से पर्यटक सिंगापुर पहुंचने लगे। होटलों की बुकिंग में तेजी से इजाफा हुआ। तीन लाख से ज्यादा लोग इस कॉन्सर्ट में शामिल हुए थे। अकेले मार्च 2024 में सिंगापुर में 14 लाख से ज्यादा पर्यटक पहुंचे थे। फूड और ड्रिंक्स पर खर्च 30% बढ़ गया। होटलों के किराए में 10% तक की वृद्धि हुई थी। टेलर स्विफ्ट का The Eras Tour अब तक पांच महाद्वीपों की यात्रा कर चुका है और टेलर अलग-अलग देशों में 149 शो कर चुकी हैं। स्विफ्ट की इसी लोकप्रियता को दुनियाभर में Swift-Effect और Swiftonomics का नाम दिया गया है। इसे कॉन्सर्ट इकोनॉमी भी कहा जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हाल ही में 'कॉन्सर्ट इकोनॉमी' का जिक्र किया था। उन्होंने यह जिक्र भारत में कोल्डप्ले बैंड के कॉन्सर्ट की शानदार सफलता के बाद किया था और कॉन्सर्ट इकोनॉमी में जबरदस्त संभावनाओं पर जोर दिया था। यह कॉन्सर्ट इकोनॉमी भारत की जीडीपी के लिए भी बूस्टर का काम कर सकती है। उदाहरण के तौर पर, भारतीय कलाकार दिलजीत दोसांझ के कॉन्सर्ट्स से भी इकोनॉमी को बढ़ावा मिला है। इसी तरह, यह छोटे राज्यों के लिए भी फायदेमंद साबित हो सकता है। अगर हिमाचल प्रदेश जैसे राज्य में भी इस तरह के कॉन्सर्ट्स आयोजित किए जाएं, तो यहां भी पर्यटन और अर्थव्यवस्था दोनों का विकास होगा।
** हिंदुकुश में जमीन से 220 किमी नीचे था केंद्र ** फिलहाल किसी तरह के नुकसान की खबर नहीं अफगानिस्तान के हिंदुकुश में आज दोपहर बाद 2:20 बजे भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। इसकी वजह से पाकिस्तान के इस्लामाबाद, रावलपिंडी और भारत में जम्मू-कश्मीर से दिल्ली तक धरती हिल गई। नेशनल सेंटर फॉर सीसमोलॉजी के मुताबिक भूकंप की तीव्रता 6.1 मापी गई। इसका केंद्र हिंदुकुश में जमीन से करीब 220 किलोमीटर नीचे था। फिलहाल किसी तरह के नुकसान की कोई खबर नहीं है। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान में था। इसके झटके दिल्ली समेत उत्तर भारत के कई शहरों में महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान में था। इसके झटके दिल्ली समेत उत्तर भारत के कई शहरों में महसूस किए गए। दो माह पूर्व नेपाल में आया था 6.4 तीव्रता का भूकंप गत वर्ष 4 नवंबर को रात 11:32 बजे नेपाल में 6.4 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें 157 लोगों की मौत हुई थी। तब दिल्ली-एनसीआर के अलावा उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और बिहार की राजधानी पटना में भी झटके महसूस किए गए थे। हालांकि भारत में किसी तरह के जान-माल का नुकसान नहीं हुआ था।
-शिप में 15 भारतीय क्रू मेंबर्स हैं सवार -जहाज पर हथियार लेकर उतरे 5-6 लोग सोमालिया तट पर एक और मालवाहक जहाज 'एमवी लीला नॉरफॉकÓ हाईजैक हो गया है। जहाज बीते दिन हाईजैक हो गया था, जिसके बाद उसपर भारतीय सेना कड़ी निगरानी रख रही है। सोमालिया के तट के पास अगवा किए गए लाइबेरिया के झंडे वाले जहाज पर चालक दल में 15 भारतीय सदस्य भी शामिल हैं। भारतीय नौसेना के विमान जहाज पर नजर रख रहे हैं और चालक दल के साथ संचार स्थापित किया गया है। सैन्य अधिकारी ने बताया कि भारतीय नौसेना अपहृत जहाज एमवी लीला नॉरफॉक पर कड़ी निगरानी रख रही है, जिसके बारे में कल शाम जानकारी मिली थी। सोमालिया के तट के पास अगवा किए गए लाइबेरिया के झंडे वाले जहाज पर चालक दल के 15 भारतीय सदस्य हैं। भारतीय नौसेना के विमान जहाज पर नजर रख रहे हैं और चालक दल के साथ भी कम्यूनिकेशन स्थापित किया गया है। भारतीय नौसेना ने कहा कि जहाज ने ब्रिटेन के मैरिटाइम ट्रेड ऑपरेशन्स पोर्टल पर एक संदेश भेजा था। इसमें कहा गया था कि 4 जनवरी की शाम को 5-6 लोग हथियारों के साथ जहाज पर उतरे। नौसेना ने कहा कि हाईजैक की सूचना मिलते ही एक मैरिटाइम पैट्रोलिंग एयरक्राफ्ट को जहाज की तरफ रवाना किया गया। एयरक्राफ्ट ने तड़के सुबह शिप की लोकेशन पर पहुंचकर क्रू से संपर्क किया है। सभी सुरक्षित हैं। नेवी का एयरक्राफ्ट लगातार आईएनएस चेन्नई की लोकेशन ट्रैक कर रहे हैं।
- 200 इमारतें जलीं, 1400 लोग बुलेट ट्रेन में फंसे - इशिकावा में एक और भूकंप की चेतावनी जापान के इशिकावा में नए साल के पहले दिन आए 7.6 की तीव्रता के भूकंप में अब तक 48 लोगों की मौत हो चुकी है, भूकंप से कई जगहों पर आग लग गई। इससे 200 इमारतें जलकर खाक हो चुकी हैं। 32,500 घरों में बिजली नहीं है। यहां एक और भूकंप की चेतावनी जारी की गई है। जापान में सोमवार को आए भूकंप से 6 दिन पहले यानी 27 दिसंबर को ही दुनिया के सबसे बड़े न्यूक्लियर पावर प्लांट काशिवाजाकी कारिवा पर लगे बैन को हटाया गया था। जापान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक सोमवार को जब भूकंप आया तो इसके टॉप फ्लोर के रिएक्टर नंबर 7 और रिएक्टर नंबर 2 पर रेडियोएक्टिव मैटीरियल बहने लगा था। हालांकि, बाद में बताया गया कि प्लांट पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है।
नए साल पर जापान के इशिकावा प्रान्त में 7.5 की तीव्रता से भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. जिसके बाद से समंदर में उथल-पुथल तेज हो गई है. इसके अलावा जापान से कई डरावनी तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. जापान मौसम विज्ञान एजेंसी ने इशिकावा, निगाटा और टोयामा प्रान्त के पश्चिमी तटीय क्षेत्रों में सुनामी की चेतावनी जारी की है. जापान के पीएम फुमियो किशिदा ने कहा कि यह सुनामी अनुमान से भी ज्यादा भयानक हो सकती है, इसलिए सुरक्षित स्थानों को न छोड़ें. समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, पानी का स्तर 5 मीटर (16.5 फीट) तक पहुंचने का अनुमान जताया गया है. मौसम एजेंसी ने जापान के लोगों को उंचे स्थानों पर रहने की सलाह दी है.
फ्रांस में मानव तस्करी के शक में रोका गया विमान मुंबई पहुंच गया है। विमान आज तड़के 4 बजे मुंबई एयरपोर्ट पर लैंड हुआ। इसने 25 दिसंबर की शाम पेरिस के वाट्री एयरपोर्ट से उड़ान भरी थी। न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सुबह करीब 4:30 बजे रिपोर्ट दी कि इस फ्लाइट से 276 लोग लौटे हैं। एयरपोर्ट पर पहुंचते ही सीआईएसएफ ने इनसे पूछताछ की। वहीं, कई लोग मीडिया के सवालों का जवाब देने से बचने के लिए भागते नजर आए। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक इनमें ज्यादातर लोग पंजाब, गुजरात और साउथ इंडिया के हैं। पहले इस फ्लाइट के सोमवार दोपहर 2:20 बजे भारत आने की जानकारी दी गई थी। रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ लोग देश वापसी नहीं करना चाहते थे। इस वजह से फ्लाइट के उड़ान भरने में देरी हो गई। इन लोगों ने फ्रांस में ही शरण देने की मांग की थी। दरअसल, 22 दिसंबर को दुबई से निकारागुआ जा रहे भारतीय नागरिकों वाला विमान वाट्री एयरपोर्ट पर ईंधन भरने के लिए उतरा था। इस दौरान फ्रांस के अधिकारियों को सूचना मिली कि इसमें मानव तस्करी के पीड़ितों को ले जाया जा रहा है, जिसके बाद फ्लाइट को उड़ान भरने से रोक दिया गया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश के मामले पर बयान दिया है। फाइनेंशियल टाइम्स को दिए इंटरव्यू में पीएम मोदी ने कहा 'छोटी-मोटी घटनाओं से भारत-अमेरिका रिश्तों पर कोई फर्क नहीं पड़ता।' अगर हमारे देश का कोई नागरिक दूसरे देश में अच्छा या बुरा काम करता है तो हम जिम्मेदारी लेते हैं। हमें इस बारे में बताया गया है तो हम जांच करने के लिए तैयार हैं। हम कानून का पालन करते हैं। दरअसल, अमेरिकी सरकार ने आरोप लगाया था कि न्यूयॉर्क में पन्नू पर जानलेवा हमले की साजिश रची गई थी। इसमें भारत का हाथ था। इस साजिश को नाकाम कर दिया गया। हालांकि, यह नहीं बताया गया कि हमला किस दिन होने वाला था। जून में पीएम नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे के बाद ही अमेरिकी अधिकारियों ने भारत के सामने यह मुद्दा उठाया था। इस बात का खुलासा 22 नवंबर को पब्लिश हुई फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट में हुआ था।
-सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही खबर -कराची में अस्पताल में भर्ती बताया जा रहा अंडर वर्ल्ड डॉन भारत के मोस्ट वांटेड मुंबई हमले के मास्टरमाइंड दाऊद इब्राहिम को जहर दिए जाने की खबर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। खबरों के अनुसार उसे कराची में जहर दिया गया है और वह अस्पताल में भर्ती है। हालांकि दाऊद को जहर दिए जाने की खबरों को लेकर किसी तरह का आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। वहीं, मुंबई और नई दिल्ली में पुलिस और खुफिया अधिकारियों ने अब तक स्थिति पर चुप्पी साध रखी है और दावा किया है कि ऐसी कई रिपोर्टें हैं, जो नियमित रूप से सामने आती रहती हैं, लेकिन उनमें से ज्यादातर अफवाहें होती हैं। दरअसल सोशल मीडिया के अनुसार दाऊद इब्राहिम को कराची के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बताया जा रहा है कि किसी अनजान शख्स ने उसे जहर दिया है। खबरों के मुताबिक जिस अस्पताल में दाऊद भर्ती है, वहां कड़ी सुरक्षा है, वहां किसी को भी जाने की इजाजत नहीं है। सिर्फ शीर्ष अधिकारी और परिवारजन ही वहां जा सकते हैं। पाकिस्तान में इंटरनेट सेवाएं बाधित वहीं पूरे पाकिस्तान में इंटरनेट सेवाओं में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। बड़ी संख्या में यूजर्स ने सोशल मीडिया साइटों तक पहुंचने में कठिनाइयों की शिकायत की है। लोगों ने कहा कि इंटरनेट की स्पीड बहुत धीमी गई है। मीडिया आउटलेट ने बताया कि इस व्यवधान के पीछे का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं है, क्योंकि पाकिस्तान दूरसंचार प्राधिकरण ने इस मामले पर कोई बयान जारी नहीं किया है। लेकिन सोशल मीडिया से जुड़े कई लोगों द्वारा इंटरनेट सेवाओं के बाधित होने को भी दाऊद इब्राहिम को जहर देने की खबर से जोड़ा जा रहा है।
-दुबई के एमिरेत्स हिल्स में 50 प्रवासी हिमाचलियों के साथ की बैठक -हिमाचल में 6,000 करोड़ निवेश करने के हैं इच्छुक दुबई के उद्योगपति हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू यूएई के दौरे पर हैं। वे वहां निवेशकों से हिमाचल में निवेश करने के लिए आमंत्रित करने गए हैं। उन्होंने शुक्रवार देर सायं यूएई के दुबई में हिमाचली निवेशकों को राज्य में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया। मुख्यमंत्री ने दुबई के एमिरेत्स हिल्स में 50 प्रवासी हिमाचलियों के साथ बैठक की। दुबई के उद्योगपतियों ने हिमाचल प्रदेश में 6,000 करोड़ रुपये के निवेश की इच्छा जताई। मुख्यमंत्री सुक्खू शनिवार को दुबई से स्वदेश लौटेंगे। शनिवार को मुख्यमंत्री के दिल्ली में रुकने की संभावना है। रविवार को राजधानी शिमला पहुंचने के आसार हैं। मुख्यमंत्री के साथ सात सदस्यीय दल भी दुबई गया है। शुक्रवार सायं करीब 6 बजे प्रवासी हिमाचलियों के साथ मुख्यमंत्री की बैठक शुरू हुई। निवेशकों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश आपका अपना राज्य है। ऐसे में आप सबका फर्ज बनता है कि हिमाचल के विकास में सहयोगी बनें। उन्होंने कहा कि हिमाचल में निवेश करने वाले निवेशकों को सरकार की ओर से पूरा सहयोग दिया जाएगा। विभिन्न औपचारिकताएं पूरा करने के लिए किसी भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। सरकार सिंगल विंडो के माध्यम से स्वयं हर बाधा और औपचारिकता को पूरा करने के लिए कृतसंकल्प रहेगी। बैठक में मौजूद अधिकारियों के अनुसार कई निवेशकों ने हिमाचल प्रदेश में निवेश के लिए सकारात्मक रुख अपनाया है। संभावित है कि करीब 6,000 करोड़ का निवेश होगा।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया स्पेन की राजधानी मैड्रिड तथा बर्सिलोना शहर में 6 दिनों के अध्ययन प्रवास के बाद आज स्विटजरलैंड के खूबसूरत शहर ल्यूसर्न पहुंचे। कुलदीप सिंह पठानिया 11 से 16 अक्तूबर तक स्विटजरलैंड के अध्ययन प्रवास पर रहेंगे। गौरतलब है कि कुलदीप सिंह पठानियां राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन में भाग लेने 1 अक्तूबर को घाना की राजधानी अक्रा गए थे। सम्मेलन उपरांत पठानियां 6 अक्तूबर से स्पेन तथा स्विटजरलैंड देशों के अध्ययन प्रवास पर हैं। पठानिया स्विटजरलैंड के शहर ल्यूसर्न तथा ज्यूरिख के अध्ययन प्रवास पर रहेंगे, जबकि वे 16 अक्तूबर को इस्तांबुल होते हुए नई दिल्ली स्वदेश लौटेंगे। पठानिया के साथ विधानसभा सचिव यशपॉल शर्मा भी अध्ययन प्रवास पर हैं।
जैसे ही पृष्ठभूमि में सैकड़ों झंडे एक साथ लहराने लगे, वातावरण में लोकप्रिय भावना एक बार फिर एकजुटता की थी, क्योंकि 180 देशों के लोग एक-दूसरे के साथ घुल-मिल कर नृत्य, संगीत और भोजन के माध्यम से वैश्विक संस्कृतियों का जश्न मना रहे थे। यह एक ऐसा भव्य कार्यक्रम था, जो वास्तव में भारत की शक्ति को विश्व स्तर पर एकजुट करने वाली शक्ति के रूप में दर्शाता है। वॉशिंगटन डीसी के नेशनल मॉल में दूसरे दिन की शुरुआत ऐतिहासिक लिंकन मेमोरियल में एक हजार लोगों के योगा मैट्स पर कदम रखने के साथ हुई, क्योंकि उन्हें वैश्विक आध्यात्मिक गुरु, गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर द्वारा एक अद्वितीय योग, सांस और ध्यान के सत्र में भाग लेने का अवसर दिया गया। इसके साथ ही भावपूर्ण प्रदर्शनों, प्रेरणादायक संबोधनों और मानवीय जुड़ाव की एक अविस्मरणीय भावना से भरी शाम की रूपरेखा तैयार हो गई थी, जैसा कि भारत के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि पहाड़ों से लेकर तटीय मैदानी इलाकों तक से तथा नदी घाटियों से लेकर रेगिस्तानों तक से आए लोगों का समूह यहां एकत्रित हो गया है। ऐसा करके, आपने (गुरुदेव) वैश्विक परिवार के एक सूक्ष्म जगत का निर्माण कर दिया है। प्रस्तुत किए गए कई कला रूपों में प्रसिद्ध यूक्रेनी संगीतकार ओलेना अस्तशेवा द्वारा संचालित एक पारंपरिक यूक्रेनी गीत था, जिन्होंने युद्ध के कारण अपनी मातृभूमि छोड़ दी थी। प्रदर्शन से प्रभावित होकर, लोग गुरुदेव के नेतृत्व में यूक्रेन के लोगों के लिए एक सहज शांति प्रार्थना में शामिल हुए। रेव्ह गेराल्ड एल डर्ले ने कहा, जिसे केवल एक रोमांचकारी भाषण के रूप में वर्णित किया जा सकता है कि हमें आर्ट ऑफ लिविंग का नाम बदलकर आर्ट ऑफ लिविंग प्रूफ करने की जरूरत है, क्योंकि आप (गुरुदेव) यह साबित कर रहे हैं कि आप प्यार कर सकते हैं, आप साझा कर सकते हैं। आपमें करुणा की भावना आ सकती है। अमेरिकी उद्यम पूंजी निवेशक टिम ड्रेपर ने भी साझा किया कि हम (अमेरिकी) दूसरे देशों के लोगों को एलियन कहते थे। और यह कोई अच्छा शब्द नहीं था; और किसी तरह, हमने लोगों को एक साथ लाना शुरू कर दिया है, और गुरुदेव के नेतृत्व में, हम लोगों को एक साथ लाए हैं, और अब पृथ्वी पर कोई भी विदेशी नहीं है। लेकिन अगर इस धरती पर कोई एलियन होता और वे कहते कि मुझे अपने नेता के पास ले चलो, तो मैं उनके लिए गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर की ओर इशारा करूंगा। दूसरे दिन के प्रतिष्ठित वक्ताओं में मॉरीशस के राष्ट्रपति, पृथ्वीराज सिंह रूपन; भारत के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, अकी आबे, पूर्व प्रथम महिला और जापान के दिवंगत प्रधान मंत्री-शिंजो आबे की पत्नी; डॉ. विवेक मूर्ति, यूएस सर्जन जनरल अन्य लोगों के साथ उपस्थित थे। दूसरे दिन की सांस्कृतिक झलकियों में नेशनल मॉल में 10,000 लोगों का गरबा प्रदर्शन शामिल था, जिसने इतिहास रच दिया क्योंकि लाखों लोग ग्रैमी विजेता, भारतीय अमेरिकी गायक, फालू शाह के गायन के नेतृत्व में ताल पर थिरकने लगे; 200-सशक्त उत्साहपूर्ण भांगड़ा प्रदर्शन; आयरिश स्टेप डांस; अनोखी अफगानी धुनें; 1,000 चीनी अमेरिकी गायकों और नर्तकियों का एक शानदार समूह, सॉन्ग्स एंड स्माइल्स और जैस्मीन फ्लावर गाते हुए कुंग फू प्रदर्शन, कलात्मकता और कल्पना के माध्यम से जीवंत किए गए राजसी ड्रेगन और शेरों के साथ किया कार्यक्रम; इंडोनेशिया, ब्राज़ील, बोलीविया और लैटिन अमेरिकी देशों के अविस्मरणीय प्रदर्शन; कुर्टिस ब्लो जैसे दिग्गजों के नेतृत्व में हिप हॉप और ब्रेकडांस कलाकार; 1200 लोगों का गॉस्पेल गाना बजानेवालों और पाकिस्तानी दल का मंत्रमुग्ध कर देने वाला प्रदर्शन भी था। यूएस सर्जन जनरल डॉ. विवेक मूर्ति ने साझा किया कि आज (डब्ल्यू.सी.एफ) जैसे उत्सव शक्तिशाली हैं क्योंकि वे हमें याद दिलाते हैं कि एक-दूसरे के साथ हमारे संबंध कितने आवश्यक हैं। और हमें उस अनुस्मारक की आज पहले से कहीं अधिक आवश्यकता है क्योंकि अकेलापन और अलगाव महामारी बन गया है; जो मानसिक रोगों को बढ़ावा दे रही है, साथ ही मनोभ्रंश और हृदय रोग जैसी शारीरिक बीमारियों में भी योगदान दे रही है, और अब हमारे समुदायों की भलाई के लिए खतरा पैदा कर रही है।
'स्विस फर्म आईक्यूएयर ने जारी अपनी ‘वर्ल्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट’ में भारत को 2022 में दुनिया का आठवां सबसे प्रदूषित देश बताया, जो पिछले साल पांचवें स्थान पर था। दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में 50 शहरों में से 39 भारत के हैं। चाड, इराक, पाकिस्तान, बहरीन, बांग्लादेश, बुर्किना फासो, कुवैत, भारत, मिस्र और ताजिकिस्तान शीर्ष 10 सबसे प्रदूषित देश है, जबकि ऑस्ट्रेलिया, एस्टोनिया, फिनलैंड, ग्रेनाडा, आइसलैंड और न्यूजीलैंड ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) पीएम25 दिशानिर्देश को पूरा किया। 131 देशों का डेटा 30,000 से अधिक ग्राउंड-आधारित मॉनिटरों से लिया गया था। रिपोर्ट के अनुसार, भारत में परिवहन क्षेत्र पीएम2.5 प्रदूषण का 20-35 प्रतिशत का कारण बनता है, जबकि प्रदूषण के अन्य स्रोत औद्योगिक इकाइयां, कोयले से चलने वाले बिजली संयंत्र और बायोमास जलाना है। दो शीर्ष सबसे प्रदूषित शहरों, पाकिस्तान में लाहौर और चीन में होटन के बाद, राजस्थान का भिवाड़ी तीसरे स्थान पर है और चौथे स्थान पर दिल्ली है।
तुर्की में एक बार फिर भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए है । रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 6.3 मापी गई है । यूरोपीय भूमध्यसागरीय भूकंपीय केंद्र ने बताया कि तुर्किये-सीरिया सीमा क्षेत्र में दो किमी (1.2 मील) की गहराई में 6.3 तीव्रता का भूकंप आया। तुर्की के दक्षिणी प्रांत हाटे में सोमवार को दो बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। तुर्की के गृह मंत्री सुलेमान सोयलू ने कहा कि ताजा भूकंप में तीन लोगों की मौत हुई है और 213 घायल हुए हैं। भूकंप के झटके बाद लोग अपने घरों से बाहर आ गए और हर तरफ अफरा तफरी का माहौल दिखा। इससे पहले टर्की और पड़ोसी सीरिया में छह फरवरी को भूकंप के शक्तिशाली झटके महसूस किए गए थे। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 7.8 मापी गई थी। इसके एक-दो दिन बाद भी कई बार भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए थे। शक्तिशाली भूकंप से मरने वालों की संख्या 41,000 से ज्यादा हो गई है। ऐसे में एक बार फिर आए इस झटके ने चिंताएं बढ़ा दी हैं।
श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया के बुधवार तड़के देश छोड़ने कर मालदीव जाने के बाद इमरजेंसी का एलान किया गया है। राष्ट्रपति गोटाबाया के देश से भागने की खबर के बाद लोगों का हिंसक प्रदर्शन जारी है। बिगड़े हालात को काबू में करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े। प्रदर्शनकारियों ने सेना की गाड़ी को भी रोक दिया है। जबकि, दूसरी तरफ गोटबाया राजपक्षे को आज श्रीलंका के राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देना था। लेकिन उनके इस कदम की वजह से वहां की जनता में भारी गुस्सा दिख रहा है। वहीं श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के देश से भागने के बाद प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को कार्यवाहक राष्ट्रपति नियुक्त किया गया है। बता दें श्रीलंका के पास सबसे जरूरी वस्तुओं के आयात के लिए भी विदेशी मुद्रा समाप्त हो गई है, जिससे उसके 22 मिलियन लोगों के लिए गंभीर कठिनाइयां पैदा हो गई हैं। देश अप्रैल में अपने 51 अरब डॉलर के विदेशी कर्ज के भुगतान में चूक गया और संभावित राहत के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ बातचीत कर रहा है।
आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में सरकार ने सोमवार से एक सप्ताह के लिए सरकारी दफ्तरों को बंद करने की घोषणा की है। जानकारी के मुताबिक, द्वीपीय देश में ईंधन संकट और गहराता जा रहा है जिसके चलते ये फैसला लिया गया है। बिजली आपूर्ति की समस्या की पृष्ठभूमि में श्रीलंका के शिक्षा मंत्रालय ने कोलंबो शहर के सभी सरकारी और सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों के शिक्षकों से कहा है कि वे अगले सप्ताह से ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित करें। देश में मौजूद ईंधन की मात्रा तेजी से कम होने के कारण श्रीलंका पर अपने आयात के लिए विदेशी मुद्रा में भुगतान करने का दबाव है, जिसके कारण देश की अर्थव्यवस्था रुक सी गयी है। लोक प्रशासन और आंतरिक मामलों के मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी सर्कुलर के अनुसार, ‘‘ईंधन आपूर्ति की पाबंदियों, खराब सार्वजनिक परिवहन प्रणाली और निजी वाहनों के उपयोग में आने वाली दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए यह सर्कुलर सोमवार से न्यूनतम कर्मचारियों के साथ काम करने की अनुमति देता है।’’ सर्कुलर के अनुसार, हालांकि स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करने वाले सभी कर्मचारी काम पर जारी रखेंगे। आर्थिक संकट के चलते श्रीलंका में खाद्य वस्तुओं, दवा, रसोई गैस, ईंधन और टॉयलेट पेपर जैसी आवश्यक वस्तुओं की भारी कमी हो गई है। पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस खरीदने के लिए लोगों को दुकानों के बाहर घंटों कतारों में खड़ा होना पड़ रहा है।
मशहूर कोरियन बैंड बीटीएस के फैंस पूरी दुनिया में मौजूद हैं। बात करें भारत की तो बच्चों से लेकर हर उम्र के लोग इनके दीवाने हुए जा रहे हैं। इन दिनों अमेरिका के राष्ट्रपति भी बीटीएस के बड़े फैन नजर आ रहे हैं। दरअसल, हाल ही में कोरियाई -पॉप ग्रुप बीटीएस ने वॉशिंगटन डीसी में व्हाइट हाउस का दौरा किया। इस दौरान राष्ट्रपति जो बाइडेन ने उनसे खास मुलाकात की और बीटीएस स्टार के लिए उनका मशहूर चार्टबस्टर गाना बटर भी बजाया। राष्ट्रपति बाइडेन का यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वे बीटीएस के साथ उस गाने का आनंद लेते दिखाई दे रहे हैं।
ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर एंड्रयू साइमंड्स का कार हादसे में निधन हो चूका है। वॉर्न के बाद दुनिया ने एक और दिग्गज क्रिकेटर खो दिया है। जानकारी के अनुसार ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटर एंड्रयू साइमंड्स का शनिवार रात सड़क हादसे में निधन हो गया है। ऑस्ट्रेलियाई पुलिस के मुताबिक साइमंड्स कार में अकेले थे, जब शनिवार देर रात टाउन्सविले में उनकी कार सड़क से उतरी, तो हादसे के बाद उन्हें नजदीकी अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन उनकी स्थिति काफी नाजुक थी, डॉक्टर उन्हें बचा नहीं सके। बता दें कि हाल ही में ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट ने महान स्पिनर शेन वॉर्न को भी खोया था। स्थानीय पुलिस के अनुसार, शुरुआती जानकारी से संकेत मिलता है कि रात 11 बजे के बाद एलिस रिवर ब्रिज के पास हर्वे रेंज रोड पर साइमंड्स की कार चल रही थी। सड़क से हटने के बाद कार अनबैलेंस हुई और हादसा हुआ। इमरजेंसी सेवाओं ने 46 वर्षीय साइमंड्स को बचाने का प्रयास किया, लेकिन उनको काफी ज्यादा चोट आए थे जिसके कारण उनका निधन हो गया।
नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा अप्रैल के पहले सप्ताह में भारत का दौरा करेंगे। इस दौरान वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे। आधिकारिक कार्यक्रमों के अलावा देउबा वाराणसी का भी दौरा करेंगे। नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा 1 से 3 अप्रैल तक भारत के दौरे पर रहेंगे। वह 2 अप्रैल को पीएम से मुलाकात करेंगे। आधिकारिक कार्यक्रमों के अलावा वह वाराणसी भी जाएंगे। जुलाई 2021 में पीएम बनने के बाद यह उनकी पहली द्विपक्षीय विदेश यात्रा होगी। उन्होंने पीएम के रूप में अपने पहले के चार कार्यकालों में से प्रत्येक में भारत का दौरा किया है। पीएम के रूप में उनकी सबसे हालिया यात्रा 2017 में हुई थी। माना जा रहा है कि देउबा की यह यात्रा दोनों देशों के बीच आवधिक उच्च स्तरीय आदान-प्रदान को बल देगी, जो दोनों पक्षों को विकास, आर्थिक साझेदारी, व्यापार, स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग, बिजली, संपर्क, लोगों से लोगों के बीच संपर्क और पारस्परिक हित के अन्य मुद्दों सहित द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण पहलुओं की समीक्षा करने का अवसर प्रदान करेगा।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा पिछले महीने विशेष सैन्य अभियान की घोषणा के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों ने रूस पर कई प्रतिबंध लगाए हैं। रूस ने यूक्रेन के पांच शहरों में की युद्ध विराम की घोषणा की है। रूस का कहना है कि उसने मानवीय गलियारे खोलने का फैसला किया है। जिसमें अधिकांश मार्ग रूस या उसके सहयोगी बेलारूस की ओर जाते हैं। रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के 13वें दिन भी जंग जारी है। युद्ध के 13वें दिन रूस ने मंगलवार को कीव, चेर्निहाइव, सुमी, खार्किव और मारियुपोल शहरों में मानवीय कारिडोर को खोलने के लिए युद्ध विराम की घोषणा की है। जिसमें अधिकांश मार्ग रूस या उसके सहयोगी बेलारूस की ओर जाते हैं। हालांकि, यूक्रेन ने रूस के इस कदम को एक पब्लिसिटी स्टंट बताया है। यूक्रेन ने कहा कि रूस लगातार उन पर हमले कर रहा है। हालांकि, यूक्रेन ने रूस के इस कदम को एक पब्लिसिटी स्टंट बताया है। भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा भारत ने यूक्रेन से सभी निर्दोष नागरिकों, भारतीय नागरिकों के लिए सुरक्षित मार्ग की मांग की है। दोनों पक्षों से हमारे आग्रह के बावजूद सूमी में फंसे हमारे छात्रों के लिए सुरक्षित गलियारा नहीं बन पाया। रूस ने मंगलवार को कीव, चेर्निहाइव, सुमी, खार्किव और मारियुपोल शहरों में मानवीय कारिडोर को खोलने के लिए युद्ध विराम की घोषणा की है। यूक्रेन में मास्को के समय अनुसार सुबह 10 बजे से युद्ध विराम की घोषणा की गई है। रूस के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा सोमवार को बेलारूस में रूस और यूक्रेन के बीच तीसरे दौर की वार्ता हुई। बैठक में दोनों पक्षों ने नागरिकों को निकालने के मुद्दों पर जोर दिया। UNSC की बैठक में टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत पहले ही यूक्रेन और उसके पड़ोसी देशों को मानवीय सहायता भेज चुका है। इनमें दवाएं, टेंट, पानी के भंडारण टैंक, अन्य राहत सामग्री शामिल हैं। हम अन्य आवश्यकताओं की पहचान करने और उन्हें भेजने की प्रक्रिया में हैं। यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को लेकर स्पेशल फ्लाइट रोमानिया से दिल्ली पहुंची। यूक्रेन से लौटे एक छात्रा ने बताया कि दूतावास की एडवाइजरी आने के बाद हम खारकीव से निकले और पिसोचिन तक 25 किलोमीटर का सफर पैदल तय किया।
फर्स्ट वर्डिक्ट। नई दिल्ली रूस ने 24 फरवरी को यूक्रेन के शहरों पर हमला बोला था। रूस अब तक यूक्रेन के कई शहरों को तबाह कर चुका है। युद्ध के चलते यूक्रेन के लाखों लोग अन्य देशों में शरण ले चुके हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की, पीएम मोदी से युद्ध को लेकर रूस के बातचीत करने का आग्रह भी कर चुके हैं। रूस और यू्क्रेन के बीच युद्ध अभी भी जारी है। यूक्रेन पर रूस के हमले का आज 12वां दिन है। इसी बीच देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से बातचीत करेंगे। सरकारी सूत्रों ने बताया कि पीएम मोदी आज दोनों देशों के राष्ट्रपति से फोन पर बातचीत करेंगे। वहीं रूस और यूक्रेन के बीच तीसरे दौर की बातचीत आज हो सकती है, जिस पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं। रूस के हमले के एलान के बाद यूक्रेन के राजदूत ने प्रधानमंत्री मोदी से पूरे मामले में हस्तक्षेप की अपील की थी। यूक्रेन के राजदूत ने कहा था कि यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे तनाव में भारत अहम भूमिका अदा कर सकता है। उन्होंने पीएम मोदी से अपील करते हुए कहा कि वो तुरंत यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से इस बारे में बात करें। राजदूत ने कहा था कि मोदी इस समय बहुत बड़े नेता हैं, हम उनसे मदद की अपील करते हैं, दुनिया में तनाव को भारत ही कम कर सकता है।
Dharamshala: On the First Day of Tibetan Losar (Tibetan New Year), Central Tibetan Administration’s Sikyong Penpa Tsering, Kalons, Speaker Khenpo Sonam Tenphel, Deputy Speaker Dolma Tsering, Parliamentarians and staff along with the monks of Namgyal Monastery gathered at Tsuglagkhang to celebrate the Tsetor, a ceremony that was practised since second Dalai Lama. The ritual observance began with a prayer service followed by an offering of the mandala to His Holiness the Dalai Lama’s throne from the heads of CTA’s three pillars. His Holiness the Dalai Lama also greeted Tibetans on 2149th Tibetan New Year (Losar) from his residence in Dharamshala.
फर्स्ट वर्डिक्ट। डेस्क यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को लेकर बुखारेस्ट से स्पेशल फ्लाइट दिल्ली पहुंची। इस फ्लाइट से आने वाले भारतीय नागरिकों का केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने स्वागत किया। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि यूक्रेन में युद्ध की विभीषिका का दंश झेल रहे लोगों को सकुशल भारत की भूमि पर लाने के लिए प्रधानमंत्री के नेतृत्व में आपरेशन गंगा चलाया जा रहा है। इस फ्लाइट से 251 छात्र भारत पहुंचे हैं। रूस और यूक्रेन के बीच जंग का आज सातवां दिन है। दोनों देशों के बीच हालात लगातार बिगड़ते ही जा रहे हैं। रूस के हमलों के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अमेरिकी संसद में स्टेट आफ द यूनियन को संबोधित किया। स्टेट आफ द यूनियन में संबोधन के दौरान जो बाइडेन ने कहा कि अमेरिका यूक्रेन के साथ खड़ा है। अमेरिका और हमारे सहयोगी सामूहिक शक्ति के साथ नाटो क्षेत्र के हर इंच की रक्षा करेंगे। उन्होंने कहा कि यूक्रेनियन साहस के साथ लड़ रहे हैं। पुतिन को युद्ध के मैदान में लाभ हो सकता है, लेकिन उन्हें लंबे समय तक इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। दरअसल, रूस ने जंग के छठे दिन यूक्रेन की राजधानी कीव में जोरदार हमले किए। खारकीव में रूसी हमले की चपेट में आने वाले भारतीय छात्र नवीन शेखरप्पा की मौत हो गई है। यूक्रेन में फंसे भारतीयों को लगातार सुरक्षित निकाला जा रहा है। इसी बीच बुडापेस्ट से दिल्ली के लिए रवाना हुई फ्लाइट के पायलट का वीडियो सामने आया है। एएनआइ ने विमान के अंदर का वीडियो साझा किया है। इसमें विमान के पायलट कहते हुए सुनाई दे रहे हैं कि यह हमारी मातृभूमि, हमारे घर वापस जाने का समय है। यूक्रेन में फंसे छात्रों को लेकर एक स्पेशल फ्लाइट पोलैंड से दिल्ली पहुंची। इस दौरान केंद्रीय राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने छात्रों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि मैं मातृभूमि में आप सभी का स्वागत करता हूं, प्रधानमंत्री हमारे नागरिकों को सुरक्षित वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यूक्रेन से भारतीयों की सुरक्षित घर वापसी पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि पिछले 24 घंटों में छह उड़ानें भारत के लिए रवाना हुई हैं, जिनमें पोलैंड से पहली उड़ान भी शामिल है। उन्होंने बताया कि यूक्रेन से 1,377 और भारतीय नागरिकों को वापस लाया गया है।
फर्स्ट वर्डिक्ट। डेस्क केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने बुडापेस्ट से दिल्ली पहुंचे छात्र-छात्राओं से एयरपोर्ट पर मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत सरकार कटिबद्ध है कि हम लोग हर भारतीय को वहां से निकालेंगे। 4 मत्रियों को बच्चों को निकालने के लिए काम सौंपा गया है। छात्र-छात्राओं की मदद के लिए हेल्प डेस्क बनाई गई है, बच्चे उस पर सहायता ले सकते हैं। यूक्रेन के खिलाफ रूस की सैन्य कार्रवाई मंगलवार को छठे दिन भी जारी है। रूस और यूक्रेन के बीच हालात को हल करने के लिए डिप्लोमैटिक कोशिशें भी की जा रही हैं। यूक्रेन संकट पर यूनाइटेड नेशन ह्यूमन राइट्स काउंसिल ने अपात बैठक बुलाने का प्रस्ताव दिया था। इस प्रस्ताव के पक्ष में 29 और विपक्ष में 5 वोट पड़े। भारत सहित 13 देशों ने मतदान में भाग नहीं लिया। UNHRC में कुल 47 सदस्य हैं। यूक्रेन के हालात को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से मुलाकात की। सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रपति को यूक्रेन सहित विभिन्न मुद्दों के बारे में जानकारी दी है। यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को लेकर एक फ्लाइट बुखारेस्ट से दिल्ली पहुंची।
रूस ने गुरुवार सुबह ही यूक्रेन पर अटैक कर दिया। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आज ही मिलिट्री ऑपरेशन का ऑर्डर दिया था। इसके बाद रूसी सेना और उसके हेलीकॉप्टर एयर स्ट्राइक कर रहे हैं। कई गांवों में धमाके की खबर है। अब तक इन हमलों में 9 लोगों की मौत भी हो चुकी है। इस बीच यूक्रेन के राजदूत इगोर पोलखा ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद की अपील की है। इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के मुताबिक, इगोर पोलखा ने कहा कि भारत और रूस के संबंध अच्छे हैं। नई दिल्ली (भारत) यूक्रेन-रूस विवाद को कंट्रोल करने में अहम योगदान दे सकता है। ऐसे में हम पीएम नरेंद्र मोदी से गुजारिश करते हैं कि वह तत्काल रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और हमारे राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की से संपर्क करें। इस बीच यूक्रेन में रहने वाले छात्रों के लिए केंद्र सरकार ने हेल्पलाइन नंबर जारी कर दिए हैं. इसके साथ-साथ वहां फंसे लोग दी गई वेबसाइट पर भी मदद मांग सकते हैं. विदेश मंत्रालय का दिल्ली में मौजूद कंट्रोल रूम अब 24×7 काम करेगा. यहां से यूक्रेन में फंसे भारतीय स्टूडेंट्स, नागरिकों की मदद की जाएगी.
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के खिलाफ युद्ध की घोषणा कर, अपने पड़ोसी देश पर हमला करना शुरू कर दिया है। हाल ही में अद्यतन रूस यूक्रेन संघर्ष पर, आईएफएक्स रिपोर्ट के अनुसार, रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यूक्रेन के हवाई अड्डे और सैन्य बुनियादी ढांचे को निष्प्रभावी कर दिया गया है। इस बीच, यूक्रेन की सेना ने कहा कि लुहान्स्क क्षेत्र में पांच रूसी विमानों और एक रूसी हेलीकॉप्टर को मार गिराया है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार तड़के यूक्रेन में सैन्य अभियान की घोषणा की। पुतिन ने कहा कि कीव, खार्किव और यूक्रेन के अन्य क्षेत्रों में बड़े विस्फोटों की आवाज सुनी दी गई थी जिसके बाद, कीव में हवाई सायरन बज गए, जो दर्शाता है कि शहर पर हमला हो रहा है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने देश में मार्शल लॉ की घोषणा की और कहा कि रूस ने यूक्रेन के बुनियादी ढांचे और देश के सीमा रक्षकों पर मिसाइल हमले कर दिए हैं। पिछले कुछ दिनों से रूस-यूक्रेन सीमाओं पर रूसी सैन्य स्तंभों की बड़ी तैनाती देखी गई है। पुतिन द्वारा यूक्रेन में दो अलगाववादी क्षेत्रों को स्वतंत्र के रूप में मान्यता देने के बाद तनाव बढ़ गया था और उन्होंने शांति सैनिकों को तैनात करने का आदेश दिया था।
अमेरिका ने बुधवार को कहा कि भारत नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के लिए प्रतिबद्ध है। अमेरिका ने उम्मीद जताई कि अगर रूस यूक्रेन पर आक्रमण करता है, तो भारत अमेरिका का साथ देगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने बताया कि चार देशों (क्वाड) के विदेश मंत्रियों के बीच हाल में ऑस्ट्रेलिया की राजधानी मेलबर्न में हुई बैठक में रूस और यूक्रेन के मुद्दे पर चर्चा हुई। भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका के विदेश मंत्री इस बैठक में शामिल हुए थे। प्राइस ने कहा, ‘‘बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि इस मामले के राजनयिक-शांतिपूर्ण समाधान की जरूरत है। क्वाड नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बनाए रखने का पक्षधर है।
साल्ट लेक सिटी डोनाल्ड ट्रंप ने 2016 में रिपब्लिक पार्टी की नेशनल कमेटी (आरएनसी) में राष्ट्रपति पद की दौड़ में सभी दावेदारों को पीछे छोड़ते हुए अपनी पार्टी के नेताओं को हैरान कर दिया। वहीं, 2020 में, पार्टी को रिपब्लिकन अध्यक्ष के रूप में उनका समर्थन करने के लिए बाध्य किया गया था। हालांकि, 2024 में रिपब्लिकन पार्टी के पास एक विकल्प है। आरएनसी पर अब फिर से पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप का समर्थन करने का कोई दायित्व नहीं है। पार्टी के नियमों के हिसाब से तटस्थता की आवश्यकता होती है, अगर एक से अधिक उम्मीदवार पार्टी के राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन चाहते हैं। वर्ष 2018 से नेवादा का प्रतिनिधित्व करने वालीं आरएनसी की सदस्य मिशेल फियोर ने कहा, ‘‘अगर ट्रंप तय करते हैं कि वह मुकाबले में उतरेंगे तो आरएनसी को उन्हें शत-प्रतिशत समर्थन देना चाहिए। हम पार्टी के उपनियमों को बदल सकते हैं। ट्रंप के प्रति वफादारी फिर से याद दिलाती है कि अमेरिका का प्रमुख राजनीतिक दल देश के लोकतांत्रिक सिद्धांतों को कमजोर करने वाले व्यक्ति के साथ अपने रिश्ते को गहरा कर रहा है। हाल में ट्रंप ने कहा था कि तत्कालीन उपराष्ट्रपति माइक पेंस चुनाव परिणाम को पलट सकते थे। वर्ष 2024 में होने वाले चुनाव से पहले आरएनसी में ट्रंप के प्रति बढ़ती वफादारी पिछले चुनावों में पार्टी के रुख से निश्चित तौर पर अलग है।
भारत और रूस की दशकों पुरानी दोस्ती को और मजबूत करने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आज दिल्ली आ रहे हैं। कोरोना संकट की वजह से पुतिन का ये भारत दौरा बेहद छोटा यानी महज कुछ घंटों का रखा गया है, लेकिन इसका असर ना सिर्फ दोनों देशों के सबंधों पर होगा बल्कि इससे चीन और पाकिस्तान जैसे भारत के पड़ोसी देशों को भी बड़ा संदेश जाएगा। रूसी राष्ट्रपति पुतिन दोपहर बाद दिल्ली पहुंचेंगे और महज़ 6-7 घण्टे के लिए भारत में होंगे। इस दौरान दोनों मुल्कों के बीच कई स्तर पर बातचीत होगी। पहले दोनों देशों के विदेश और रक्षा मंत्रियों के बीच टू प्लस टू वार्ता होगी और इसके बाद शाम 5.30 बजे दिल्ली के हैदराबाद हाउस में राष्ट्रपति पुतिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ 21वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। सुरक्षा कारणों की वजह से राष्ट्रपति पुतिन के भारत पहुंचने के समय का खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन अनुमान के मुताबिक रूसी राष्ट्रपति दोपहर दो बजे भारत पहुंचेंगे और रात 9.30 बजे अपने वतन वापस लौट जाएंगे। Russian President Putin will come to India today, will meet PM Narendra Modi
अमेरिकी ने अपने वर्चुअल डेमोक्रेसी समिट में 110 देशों को आमंत्रित किया है। यह एक ऐसा कदम है जिसका उद्देश्य प्रमुख क्षेत्रीय भागीदार के साथ एकजुटता दिखाना है। इन देशों में इराक, भारत और पाकिस्तान समेत ताइवान को शामिल किया गया है। इस मीटिंग में अमेरिका ने अपने प्रमुख प्रतिद्वंद्वी यानी चीन को आमंत्रित नहीं किया है, जबकि बैठक में ताइवान शामिल होगा। अमेरिकी प्रशासन के इस कदम से बीजिंग के नाराज होने का जोखिम है। वहीं चीन के अलावा तुर्की, जो अमेरिका की तरह नाटो का सदस्य है, भी प्रतिभागियों की सूची से गायब है। विदेशी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार बैठक में बुलाए गए लोगों की लिस्ट के मुताबिक कुल 110 देशों के नेताओं को इस सम्मेलन के लिए निमंत्रण दिया गया है, इन देशों में दक्षिण और मध्य एशियाई क्षेत्र के 4 देश भारत, मालदीव, नेपाल और पाकिस्तान शामिल हैं। मिली जानकारी के अनुसार इस बैठक में मामलों की चर्चा के मुख्य बिंदु के रूप में व्हाइट हाउस ने तीन प्रमुख विषयों का जिक्र किया जा सकता है। जिसमें ‘अधिनायकवाद के खिलाफ बचाव’, ‘भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग’, ‘मानवाधिकारों के लिए सम्मान बढ़ाना’ शामिल है। बता दें कि ये ऑनलाइन सम्मेलन 9-10 दिसंबर को होने वाला है। इसमें मिडिल इस्ट के देशों से केवल इज़राइल और इराक होंगे। वहीं अमेरिका के पारंपरिक अरब सहयोगियों - मिस्र, सऊदी अरब, जॉर्डन, कतर और संयुक्त अरब अमीरात को आमंत्रित नहीं किया गया है। इस बीच दिलचस्प बात ये है कि बाइडेन प्रशासन ने इस बैठक के लिए ब्राजील को आमंत्रित किया है।
अमेरिका के विस्कॉन्सिन में क्रिसमस परेड के दौरान एक बड़ा हादसा हुआ, जिसमें की 20 लोगो के घायल होने का अनुमान लगाया जा रहा है। घायलों में कई बच्चे भी शामिल हैं तथा सभी घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। बता दें कि परेड के दौरान एक तेज रफ्तार कार भीड़ को कुचलते हुए आगे बढ़ी। जिसके बाद लोगो में अफरातफरी मच गयी। मौके पर मौजूद पुलिस के जवानों ने कार चालक को हिरासत में ले लिया है। घटना की जांच जारी है। कुछ घायलों को पुलिस ने और कुछ को उनके परिवार वालों ने अस्पताल में भर्ती कराया है। बता दें कि घटना रविवार शाम को घटी है। अमेरिकी समय के मुताबिक घटना शाम 4:30 बजे उस वक्त हुई जब वोकेशा के मिल्वौकी में बड़ी संख्या में लोग सालाना क्रिसमस परेड देखने के लिए आए थे।
यूरोप में कोरोनावायरस महामारी का कहर बढ़ता जा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि यूरोप अब एक बार फिर महामारी का केंद्र बन गया है। कोरोना से फिलहाल सबसे ज्यादा प्रभावित पश्चिमी यूरोप है, जहां संक्रमितों की बढ़ती संख्या के चलते लॉकडाउन जैसे कदम उठाने पड़ रहे हैं। इस बीच ऑस्ट्रिया ने टीका न लगवाने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का फैसला किया है और उन्हें लॉकडाउन में घरों में रखने से जुड़ा ऐलान कर दिया है। वंही कोरोनावायरस महामारी के तकरीबन दो साल बाद भी यूरोप के पश्चिमी क्षेत्र में संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। यह काफी चौंकाने वाली बात है, क्योंकि इस क्षेत्र में टीकाकरण की दरें अधिक हैं और स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियां अच्छी हैं। इसके बावजूद अब कोरोना के लौटने की वजह से लॉकडाउन लगाने की नौबत आन पड़ी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया कि यूरोप में पिछले हफ्ते कोरोना वायरस से जान गंवाने वाले लोगों की संख्या 10 फीसदी तक बढ़ गई। एजेंसी ने पिछले हफ्ते आधिकारिक घोषणा में कहा कि यूरोप फिर से महामारी का केंद्र बनने जा रहा है।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की अहम बैठक के लिए रूस, ईरान, उज़्बेकिस्तान, कजाखिस्तान, किर्गिस्तान ताजिकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान के सलाहकार दिल्ली पहुंच रहे हैं। भारत 8 देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की अहम बैठक की मेज़बानी करेगा। बैठक में अफगानिस्तान के हालात के साथ-साथ आतंकवाद को सींचने में पाकिस्तान की भूमिका पर भी मंथन होगा। सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में मुख्यतः साझा खतरों और चिंताओं को लेकर बात होगी। दिल्ली क्षेत्रीय सुरक्षा डायलॉग के एजेंडा में अफगानिस्तान के भीतर और उसके आसपास आतंकवाद के खतरे पर बात होगी। साथ ही कट्टरपंथ की चुनौती, नशीले पदार्थों के अवैध कारोबार और अफगानिस्तान में हथियारों की भारी भरकम नामौजूदगी से जुड़ी चिंताओ पर भी बात होगी। बैठक में अफगानिस्तान और उसके आसपास फैले आतंकवाद के नेटवर्क पर गहनता से बात होगी। ऐसा में स्वाभाविक तौर पर आईएसआई और आईएसआईएस-केपी गुट के बीच संबंधों पर भी बात होगी। क्योंकि अफगानिस्तान में भले ही तालिबान और आईसाईएस-केपी के बीच आपसी रंजिश की तस्वीर बनाई जा रही हो या फिर आईएसआईएस को हालिया बम धमाकों के लिए ज़िम्मेदार ठहराया जा रहा हो। लेकिन पाक खुफिया एजेंसी के साथ दोनों के तार जुड़े हैं। जाहिर है भारत की अगुवाई में हो रही बैठक पाकिस्तान के लिए भी बड़ा सन्देश है। यह बैठक बताती है कि अफगानिस्तान की पश्चिमी सीमा के करीबी सभी पड़ोसी इस मुद्दे पर भारत के साथ अपनी चिंताएं भी साझा करना चाहते हैं। वहीं सभी 8 NSA प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी भेंट करेंगे। इस बीच बैठक के लिए भारत ने चीन को भी आमंत्रित किया था। लेकिन नई दिल्ली में होने वाली इस अहम बैठक में उसका कोई नुमाइन्दा नहीं होग। अफगानिस्तान संकट को लेकर भारत की अध्यक्षता में हो रही इस बैठक को क्षेत्रीय समीकरणों के लिहाज से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
स्वदेशी 'कोवैक्सीन' की डोज लेने वाले अब बिना किसी रोकटोक और परेशानी के ब्रिटेन की यात्रा कर पाएंगे। क्योकि अब ब्रिटेन 22 नवंबर से कोवैक्सीन को अप्रूव लिस्ट में शामिल करने जा रहा है। इससे पहले ब्रिटेन ने कोवैक्सीन को मंजूरी नहीं दी थी। भारत में बनी कोवैक्सीन को अब विश्व स्वास्थ्य संगठन की मंजूरी के बाद ब्रिटेन ने भी इसके इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है। ध्यान रहे कि पहले कोवैक्सीन को ब्रिटेन ने मान्यता नहीं दी थी। डब्ल्यूएचओ ने हाल में कोवैक्सीन को मंजूरी दी थी। डब्ल्यूएचओ से मंजूरी के बाद ही ब्रिटेन की सरकार ने यह फैसला लिया है। भारत में तैनात ब्रिटेन का उच्चायुक्त एलेक्स एलिस ने सोमवार को ट्वीट करते हुए कहा- “यूके की यात्रा करने वाले भारतीयों के लिए अच्छी खबर है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से मंजूरी के बाद अब 22 नवंबर से कोवैक्सीन की दोनों डोज ले चुके भारतीयों को ब्रिटेन यात्रा के दौरान सेल्फ आइसोलेट नहीं होना पड़ेगा।
मशहूर गायिका मारिलिया मेंडोंका का विमान हादसे में निधन हो गया। मारिलिया मेंडोंका ब्राजील के देसी संगीत के सबसे लोकप्रिय युवा सितारों में से एक थी। अग्निशमन कर्मचारियों ने कहा कि 26 साल की "सर्टेनजो" की गायिका की उस वक्त मौत हो गई, जब वह एक छोटे विमान में यात्रा कर रही थी और विमान मिनस गेरैस राज्य में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। दुर्घटना के कारणों के बारे में फिलहाल पता नहीं चल सका है। दुर्घटना में ग्रैमी अवॉर्ड जीतने वाले उनके निर्माता के साथ ही मेंडोका के एक अंकल की भी मौत हो गई है। साथ ही इस दुर्घटना में विमान के दो पायलटों को भी अपनी जान गंवानी पड़ी है। स्थानीय टीवी की ओर से विमान से शवों को बाहर निकालने के लिए काम कर रहे अग्निशमनकर्मियों के फुटेज दिखाए गए हैं। मेंडोका का विमान पहाड़ी इलाके में एक झरने के नजदीक दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। मेंडोंका ने साल 2019 में सर्वश्रेष्ठ एल्बम सर्टेनजो के रूप में ग्रैमी अवॉर्ड जीता था। मेंडोका न सिर्फ ब्राजील बल्कि उसके बाहर भी बेहद लोकप्रिय थीं। उनके यूट्यूब पर करीब 2.2 करोड़ फॉलोअर्स थे. इसके साथ ही स्पॉटीफाई पर 80 लाख से अधिक लोग उन्हें हर महीने सुनते थे।
जी20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्कॉटलैंड के ग्लासगो पहुंच गए है। वहाँ पर भारतीय समुदाय के लोगों ने 'मोदी है भारत का गहना' गाना गा कर पीएम मोदी का जोरदार स्वागत किया। अपने यूरोप दौरे के दूसरे पड़ाव में पीएम मोदी जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र के रूपरेखा समझौते के लिए पक्षकारों के 26वें शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे। इस सम्मेलन में वह ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के साथ द्विपक्षीय संवाद भी करेंगे। यह प्रधानमंत्री के तौर पर मोदी की पहली स्कॉटलैंड यात्रा है। ग्लासगो में वैश्विक शिखर सम्मेलन के लिए स्कॉटिश इवेंट कैंपस में होने जा रहे जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र के रूपरेखा समझौते के लिए पक्षकारों के 26वें शिखर सम्मेलन में वैश्विक नेताओं के सम्मेलन में पीएम मोदी समेत 120 विभिन्न सरकारों के प्रमुख और राष्ट्र प्रमुख शामिल होंगे। मंगलवार तक की अपनी तीन दिवसीय ब्रिटेन यात्रा के दौरान मोदी सीओपी-26 सम्मेलन को संबोधित करेंगे और सोमवार को दोपहर बाद के एक सत्र में भारत की जलवायु कार्रवाई योजना के बारे में राष्ट्रीय बयान जारी किया जाएगा। कोविड महामारी के खिलाफ लड़ाई के हथियारों में टीको को एक अहम हथियार रेखांकित करते हुए पीएम मोदी सहित जी-20 देशों के नेताओं ने रविवार को विकासशील देशों को टीके की आपूर्ति बढ़ाने और बाधाओं को दूर करने का संकल्प लिया था। इटली की राजधानी रोम में आयोजित जी-20 समूह के सम्मेलन में सदस्य देशों के नेताओं ने घोषणापत्र जारी करके कोविड से निपटने के प्रयासों के लिए स्वास्थ्य सेवा एवं अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं, अंतरराष्ट्रीय संगठनों एवं वैज्ञानिकों को धन्यवाद दिया तथा जी-20 ने कहा, 'उन्हें साल 2022 में इंडोनेशिया, साल 2023 में भारत में और 2024 में ब्राजील में दोबारा बैठक को इंतजार है।
शनिवार को अमेरिका के खाद्य और औषधि प्रशासन ने बच्चों के टीके को मंजूरी दे दी। अब 5 से 11 साल तक के बच्चों को भी कोरोना वैक्सीन लगाई जाएगी। जिसके बाद फाइजर-बायोटेक पहली ऐसी कंपनी बन गई है जिससे अमेरिका के एफडीए ने 5 से 11 साल के बच्चों के टीके को मंजूरी दी है। मंजूरी के बाद यह वैक्सीन की दो डोज बच्चों को 21 दिन के अंतराल पर दी जाएगी। फाइजर के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर अल्बर्ट बोला ने कहा, 'अमेरिका में 60 लाख से ज्यादा बच्चे कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। इसके अलावा बहुत से कम उम्र के लोग और युवा भी इस महामारी की चपेट में आ चुके हैं। वैक्सीन के आ जाने से बच्चों को बेहतर सुरक्षा मिलेगी और कोरोना से इस जंग में यह अपनी बड़ी भूमिका निभाएगा। बच्चों कि वैक्सीनेशन शुरू होने से पहले अमेरिका की FDA इस वैक्सीन के बारे में मंगलवार को और विस्तृत जानकारी लेगी। इसके बाद ही बच्चों का वैक्सीनेशन प्रोग्राम को शुरू किया जाएगा। आपको बता दें कि 5 से 11 साल के करीब 70 फीसदी संक्रमित हुए बच्चों को कोरोना महामारी में गंभीर लक्षणों का सामना करना पड़ा है। इसके साथ ही यह अस्थमा और मोटापे जैसे बीमारियों का भी बड़ा कारण बना है।
G-20 देशों के 16वें शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इटली की राजधानी रोम में दोपहर डेढ़ शामिल होंगे। इस दौरोन कोविड-19 जैसे मामलों के संबंध में वैश्विक परिदृश्य पर चर्चा होगी। वह पोप से पहले व्यक्तिगत रूप से मुलाकात करेंगे और उसके कुछ देर बाद प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता होगी। इससे पहले कल पीएम मोदी ने इटली की राजधानी रोम में विभिन्न समुदायों के लोगों से संवाद किया जिनमें भारतीय समुदाय के लोग, यहां इतालवी राजधानी में विभिन्न संगठनों के भारत के मित्र शामिल थे। मोदी ने इस दौरान भारत और इटली के संबंधों को मजबूत करने में उनकी भूमिका की प्रशंसा की। प्रधानमंत्री मोदी, इतालवी प्रधानमंत्री मारियो ड्रैगी के निमंत्रण पर यहां आए हैं। ड्रैगी ने पहली आमने-सामने की बैठक से पहले प्लाजो चिगी में उनकी आगवानी की, यहां उन्हें सलामी गारद भी पेश किया गया।
सोशल मीडिया दिग्गज कंपनी फेसबुक ने अपना नाम बदल कर 'मेटा' कर लिया है। गुरुवार को फाउंडर मार्क जुकरबर्ग ने एक मीटिंग के दौरान यह एलान किया। लंबे समय से फेसबुक के नाम को बदलने की चर्चा चल रही थी। अब उसी प्रक्रिया को पूरा कर लिया गया है और फेसबुक का नया नाम 'मेटा' कर दिया गया है। जुकरबर्ग ने एक वार्षिक डेवलपर्स सम्मेलन के दौरान कहा, 'हमने सामाजिक मुद्दों से संघर्ष करके और बंद प्लेटफार्मों के नीचे रहकर बहुत कुछ सीखा है, और हमने जो कुछ भी सीखा है उसे लागू करने और उसकी मदद से अगले अध्याय को बनाने का समय आ गया है।' उन्होंने आगे कहा कि "हमारे एप्स और उनके ब्रांड, वे नहीं बदल रहे हैं।"यानी यह परिवर्तन फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप जैसे व्यक्तिगत प्लेटफॉर्म पर लागू नहीं होता है, केवल मूल कंपनी का नाम बदलकर 'मेटा' किया गया है, जिसके अंतर्गत ये सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स आते हैं। मार्क जुकरबर्ग लंबे समय से अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की दोबारा ब्रान्डिंग करना चाह रहे थे। वे इसे एकदम अलग पहचान देना चाहते हैं, एक ऐसी पहचान जहां फेसबुक को सिर्फ एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के तौर पर ना देखा जाए। अब उसी दिशा में आगे बढ़ते हुए फेसबुक का नाम बदलकर 'मेटा' किया गया है। कंपनी का फोकस अब एक मेटावर्स बनाने पर है जिसके जरिए एक ऐसी वर्चुअल दुनिया का आगाज होगा जहां पर ट्रांसफर और कम्यूनिकेशन के लिए अलग-अलग टूल का इस्तेमाल किया जा सकेगा।
इटली के प्रधानमंत्री मारियो ड्रैगी के निमंत्रण पर पीएम मोदी 30-31 अक्तूबर तक रोम में होने वाले 16वें जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। प्रधानमंत्री इटली के प्रधानमंत्री मारियो ड्रैगी के साथ बैठक भी करेंगे। इस दौरान पीएम मोदी वेटिकन सिटी में पोप फ्रांसिस से भी मिलेंगे। पीएम मोदी अपने पांच दिवसीय विदेश यात्रा पर गुरुवार देर रात दिल्ली से रवाना हुए। इस दौरान वे इटली में आयोजित जी-20 शिखर बैठक में भाग लेंगे, जहां वह अन्य जी-20 नेताओं के साथ महामारी, सतत विकास और जलवायु परिवर्तन से वैश्विक आर्थिक और स्वास्थ्य सुधार पर चर्चा में शामिल होंगे। दौरे पर रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि रोम में आयोजित 16वें जी-20 सम्मेलन में भाग लेने जा रहा हूं। इस दौरान जी-20 नेताओं के साथ महामारी, सतत विकास और जलवायु परिवर्तन से वैश्विक आर्थिक और स्वास्थ्य सुधार पर चर्चा होगी। वहीं, विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने गुरुवार को बताया कि यह आठवीं जी-20 बैठक है, जिसमें पीएम शामिल होंगे। पिछले साल संगठन की शिखर बैठक कोरोना महामारी के कारण वर्चुअल हुई थी। इटली बैठक का फोकस कोरोना महामारी से अर्थव्यवस्थाओं को उबारना, वैश्विक स्वास्थ्य सुशासन, जलवायु परिवर्तन, टिकाउ विकास और खाद्य सुरक्षा। श्रृंगला ने कहा कि भारत इटली द्वारा चुने गए प्राथमिकता क्षेत्रों का पूरी तरह समर्थन करता है। हम इनमें से प्रत्येक विषय पर इटली के साथ हैं और इसी के आधार पर बैठक में विचार विमर्श होगा।
अमेरिकी राज्य इदाहो स्थित बोइस शहर में सोमवार को एक शॉपिंग मॉल के अंदर एक हमलावर ने गोलीबारी की, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई। वहीं एक पुलिसकर्मी समेत चार लोग घायल हुए है। पुलिस ने हमलावर को हिरासत में ले लिया है। हमलावर से पूछताछ की जा रही है और इस मामले में छानबीन जारी है। सोमवार को करीब डेढ़ बजे हमले की सूचना मिली थी। जिसके बाद पुलिस जब वहां पहुंची तो एक व्यक्ति को गोली लगी थी और वह जमीन पर पड़ा था। इस दौरान पुलिस अधिकारियों ने हमलावर की पहचान की और उसके साथ क्रॉस फायरिंग की गई, जिसमें एक अधिकारी घायल हो गया। हालांकि, संदिग्ध को हिरासत में ले लिया गया है। अभी तक सामने आया है कि हमले में एक ही व्यक्ति शामिल था।
भारत में गलत तरीके अपनाकर व्यापार करने, दूसरी कंपनियों की नकल कर अपने प्राइवेट ब्रांड बनाने और उन्हें बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने की आरोपी कंपनी अमेजन पर अमेरिकी सांसदों ने सवाल उठाए हैं। सांसदों के द्विदलीय समिति का कहना है कि अमेजन के पूर्व सीईओ जेफ बेजोस व अन्य शीर्ष अधिकारियों ने कांग्रेस समिति के सामने झूठ बोला और उन्हें गुमराह किया है। हाल ही में रायटर्स ने अमेजन के आतंरिक दस्तावेजों की जांच कर एक रिपोर्ट पेश की थी, जिसमें पुष्टि की गई है कि कंपनी भारत में व्यापार के गलत तरीके अपना रही है। समिति के सदस्यों ने हाल ही में सामने इस मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए कहा कि अमेजन के वरिष्ठ अधिकारियों की गवाही पर उन्हें संदेह है कि कंपनी अपने व्यापार को बढ़ाने के लिए किसी अन्य कंपनी के उत्पादों की नकल नहीं करती है। सांसदों की समिति ने इसको लेकर कंपनी के सीईओ एंडी जेसी को एक पत्र भी लिखा है। इसमें उन्होंने कहा है कि अमेजन के प्रतिनिधि मंडल ने सांसदों की समिति को गुमराह किया है। प्रतिनिधि मंडल ने कानून का उल्लंघन किया है। अमेरिकी सांसदों की समिति ने अपने पत्र में कहा है कि अमेजन को अपनी पिछली गवाही, बयानों की पुष्टि करने व साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए अंतिम मौका दिया जा रहा है। कंपनी ने पिछली गवाही में कहा था कि अमेजन किसी तीसरी कंपनी के डेटा का प्रयोग अपने ब्रांड के लिए नहीं करती है।