ऊना नगर के संस्थापक गुरु नानक देव जी के वंशज बाबा साहिब सिंह जी बेदी का पावन जन्म दिवस 26, 27 और 28 मार्च को उनके वंशजों और देश-विदेश से आए संगत के साथ हर्षोउल्लास से मनाया जा रहा है। सिख जगत के 12 मिशनों को एकत्र कर खालसा राज की स्थापना करने वाले बाबा साहिब सिंह जी का जन्म दशम गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के पावन वरदान से हुआ था। गुरु नानक देव जी के 9वें वंशज, बाबा कलाधारी जी, जो गुरु गोबिंद सिंह जी के समकाली थे, अक्सर संतोषगढ़ के पास गुरपलाह नामक स्थान पर गुरु साहिब से मुलाकात करते थे। यहीं गुरु साहिब ने बाबा कलाधारी जी को बाबा साहिब सिंह जी के जन्म का वरदान दिया था। बाबा साहिब सिंह जी का जन्म 1756 में डेरा बाबा नानक, जिला गुरदासपुर में हुआ था। उनके पिता बाबा अजीत सिंह जी और माता सरुपा देवी के घर में उनका जन्म हुआ। बाबा साहिब सिंह ने प्रारंभिक शिक्षा और धार्मिक संस्कार अपने पिता से प्राप्त किए, जबकि विद्वान पंडित सोमनाथ जी से भारतीय दर्शन और इतिहास की विद्या प्राप्त की। वे शास्त्र और शस्त्र विद्या में भी माहिर थे। बाबा साहिब सिंह जी बेदी जी ने युवा अवस्था में ही सिख धर्म और गुरबाणी के प्रचार-प्रसार में अहम भूमिका निभाई। 1775 में, बाबा साहिब सिंह जी ने अपनी धर्मपत्नी माता गुलाब देवी के साथ तख्त श्री आनंदपुर साहिब में अमृतपान किया और मीरी-पीरी के सिद्धांत पर राज योग कमाया। बाबा साहिब सिंह जी के तीन सुपुत्र बाबा बिशन सिंह, बाबा तेग सिंह और बाबा बिकरमा सिंह थे, जिन्होंने धर्म प्रचार में अहम योगदान दिया। उनका प्रभाव इतना था कि उन्होंने कई राजाओं के आपसी विवादों का समाधान किया और उनकी बातों को सभी ने माना। सिख सरदारों और राजाओं द्वारा बाबा साहिब सिंह जी को जागीरें भेंट की गईं। बाबा साहिब सिंह जी 117 गांवों की रियासत के मालिक थे और उनके पास 14,000 की सेना हर समय तैयार रहती थी। जब भी बाबा साहिब सिंह जी युद्ध के लिए जाते, तो अपनी सेना के साथ नगर की परिक्रमा करते थे, जो एक रक्षा कवच का प्रतीक थी। इस परिक्रमा में नगरवासी, बिना किसी जातिभेद के, शामिल होते थे और संत-फकीर भी इसका हिस्सा बनते थे। बाबा साहिब सिंह जी के जन्म दिवस के अवसर पर 27 मार्च को नगर कीर्तन और नगर की परिक्रमा की जाती है, जिससे उस याद को ताजा किया जाता है। बाबा साहिब सिंह जी ने 1801 में वैसाखी के पावन पर्व पर विभिन्न सिख धड़ों को एक निशान के तले इकठ्ठा किया और सरदार रणजीत सिंह शुकरचरिया को राज तिलक देकर "शेरे पंजाब महाराजा रणजीत सिंह" का खिताब दिया। ऊना में एतिहासिक किले की स्थापना 1784 में हुई थी, जो 117 गांवों की रियासत से संबंधित था। हालांकि, अंग्रेजों ने बाबा साहिब सिंह जी के छोटे सुपुत्र, बाबा बिकरमा सिंह जी की बगावत के कारण इन किलों को तोपों से उड़ा दिया। अब यहां पुलिस थाना है, जबकि किले के भीतर बाबा तेग सिंह जी का स्थान और लंगर स्थल मौजूद है, जहां एक दिन में 35 मण कच्चा नमक लंगर में प्रयोग किया जाता था। बाबा साहिब सिंह जी के तपस्थल और गुरुद्वारा तपोवन ऊना से लगभग चार किलोमीटर दूर स्थित है। वर्तमान गद्दीनशीन, बाबा सरबजोत सिंह बेदी, जो 1989 में इस दायित्व को संभाल चुके हैं, ने क्षेत्र और समुदाय के सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक जीवन में अहम योगदान दिया है। वे नगर परिषद के अध्यक्ष रहे और उनके बेटे अमरजोत सिंह बेदी भी इस पद पर रह चुके हैं। बाबा सरबजोत सिंह बेदी को उत्तरी भारत में एक सम्मानित धार्मिक शख्सियत माना जाता है। उनके नेतृत्व में ऊना में अत्यधिक विकास हुआ है और उन्होंने मंदबुद्धि बच्चों के लिए प्रेमाश्रम की स्थापना भी की। हर साल 26, 27 और 28 मार्च को बाबा सरबजोत सिंह जी बेदी के नेतृत्व में बाबा साहिब सिंह जी बेदी का जन्म उत्सव हर्षोउल्लास से मनाया जाता है।
ऊना पुलिस द्वारा नशे के खिलाफ विशेष अभियान चलाया हुआ है इसी कड़ी में आज ऊना पुलिस द्वारा नशे के खिलाफ पांच अलग-अलग जगह पर सरप्राइज रेड आज सुबह की गई यह रेड पुलिस थाना हरोली और टाहलीवाल के अधीन की गई है पुलिस को इस सरप्राइस रेड में एक बड़ी सफलता भी हाथ लगी है पुलिस ने रेड के दौरान एक दुकान से तलाशी के दौरान एक देसी कटा वैपन भी मिला है पुलिस ने व्यक्ति के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज कर आगामी जांच शुरू कर दी है पुलिस के मुताबिक यह पता लगाया जाएगा कि यह देशी कटा व्यक्ति कहां से लाया था और इसका आगे कहां इस्तेमाल करना था पुलिस द्वारा इस मामले की तह तक जाया जाएगा बही पुलिस को आज एक अलग जगह पर एक बाइक भी बरामद हुई है बाइक का चेसी नंबर मिटाया गया था और उस पर टेंपरिंग की गई थी पुलिस ने इस रेड के दौरान कुछ मात्रा में भुक्की मिलने की भी जानकारी दी है पुलिस के मुताबिक वह नशे के खिलाफ, इल लीगल वैपन के खिलाफ बिना नंबर प्लेट्स वाहन और गैंगस्टर गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कारवाई करने के लिए विशेष अभियान चलाए हुए है जिसको इसी प्रकार जारी रखा जा रहा है उन्होंने कहा आजकल क्राइम की वारदात को अंजाम देने के लिए दो पहिया वाहनों का इस्तेमाल ज्यादा हो रहा है जिसके चलते वीना नंबर प्लेट्स वाले वाहनों पर शिकंजा कसा जाएगा और एक स्पेशल ड्राइव भी को जाएगी वहीं उन्होंने होशियारपुर और रोपड़ एसपी के साथ नशे और क्राइम की को लेकर बातचीत किए जाने की जानकारी दी है
ऊना/ममता भनोट और लक्की: जिले में भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए विजिलेंस एवं एंटी करप्शन विभाग ने जिला श्रम अधिकारी को 10,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। यह कार्रवाई टाहलीवाल औद्योगिक क्षेत्र के एक लेबर ठेकेदार की शिकायत पर की गई। जानकारी के अनुसार, लेबर ठेकेदार अपने लाइसेंस का नवीनीकरण करवाना चाहता था, लेकिन श्रम अधिकारी ने इसके एवज में घूस की मांग की। ठेकेदार ने मामले की शिकायत विजिलेंस विभाग को दी, जिसके बाद टीम ने पूरी योजना बनाकर अधिकारी को रंगे हाथों पकड़ने के लिए ट्रैप लगाया। आज जब श्रम अधिकारी ने ठेकेदार से रिश्वत की रकम स्वीकार की, तभी पहले से तैयार विजिलेंस टीम ने तुरंत उसे गिरफ्तार कर लिया। अधिकारी को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी गई है। इसके अलावा, आरोपी के ठिकानों और बैंक खातों की भी जांच की जाएगी, ताकि पता लगाया जा सके कि कहीं पहले भी इस तरह के भ्रष्टाचार में उसकी संलिप्तता तो नहीं रही। एक वरिष्ठ श्रम अधिकारी के रिश्वतखोरी में पकड़े जाने से पूरे विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं। यह मामला सिर्फ एक अधिकारी तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक व्यापक जांच की जरूरत को भी दर्शाता है कि कहीं अन्य अधिकारी भी इसी तरह भ्रष्टाचार में लिप्त तो नहीं हैं।
बुधवार को पशु चिकित्सालय कालू दी बड में पशुपालन विभाग द्वारा एनिमल बर्थ कंट्रोल , एंटी रेबीज और फार्मर अवेयरनेस कैंप लगाया गया। जिसमें मुख्य अतिथि असिस्टेंट डायरेक्टर डॉ दिनेश सिंह परमार मौजूद रहे। इस कैंप में पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ दिनेश कुमार पशु चिकित्सालय कालू दी बढ़ और सीनियर वेटरनरी ऑफिसर डॉ राकेश कुमार, डॉ निशांत रनोद, डॉ शिल्पा, डॉ अमित शर्मा, डॉ दीपशिखा , संजीव कुमार और सोमराज विशेष रूप से उपस्थित रहे। इस कैंप में 62 पशुपालकों ने भाग लिया। इस कैंप में 62 कुत्तो को एंटी रेबीज व 20 का नसबंदी ऑपरेशन किया गया। अवेयरनेस कैंप में डॉ दिनेश परमार असिस्टेंट डायरेक्टर द्वारा विभागीय योजनाओं के बारे में संक्षिप्त रूप से पशुपालकों को अवगत करवाया गया। जिसमें केसीसी, हिमकुप्पी , सेक्स सोर्टर सीमन और डेयरी फार्म से जुड़ी हुई स्कीमों के बारे में जानकारी दी गई।
पिछले 24 घंटों से हिमाचल प्रदेश के कई जिलों में लगातार हो रही भारी बारिश और बर्फबारी ने हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों में तबाही मचाई है। बारिश के कारण कई नदियाँ उफान पर आ गईं हैं, वहीं भूस्खलन और बर्फबारी से प्रमुख सड़कें बंद हो गई हैं। शिमला, कुल्लू, चंबा, किन्नौर और मंडी जैसे इलाकों में यातायात प्रभावित हुआ है, और प्रशासन ने इन क्षेत्रों में सतर्कता बढ़ा दी है। भारी बारिश और बर्फबारी के चलते चंबा, कुल्लू, लाहौल-स्पीति और किन्नौर जिलों में शैक्षिक संस्थानों में अवकाश घोषित किया गया है। वही मौसम विभाग ने आज भी भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है खासतौर पर, कांगड़ा, चंबा, मंडी और कुल्लू जिलों में भारी बर्फबारी का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों में यलो अलर्ट जारी किया गया है, और यहां आंधी-तूफान की भी चेतावनी दी गई है। सड़कें बंद और लैंडस्लाइड्स: नेशनल हाईवे 5, जो शिमला को किन्नौर से जोड़ता है, निगुलसरी के पास भूस्खलन के कारण बंद हो गया है। इसके अलावा, होली-चंबा सड़क भी गरोला के पास भूस्खलन के कारण बंद हो गई है। इस भूस्खलन में एक बस भी पलट गई, लेकिन गनीमत रही कि वह खाई में नहीं गिरी। चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे और मंडी-पठानकोट राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर भी जगह-जगह भूस्खलन हुआ है, जिससे यातायात बाधित हो गया है। कुल्लू में जलस्तर बढ़ा और लैंडस्लाइड: कुल्लू के गांधीनगर में नाले का जलस्तर बढ़ने से यातायात प्रभावित हुआ है। वहीं, सोलंग नाला में तीन फीट तक ताजा बर्फबारी हुई, जिससे बिजली आपूर्ति ठप हो गई है और यातायात बाधित हुआ है। कुल्लू जिले के बंजार तहसील में हॉस्पिटल के पास भी भूस्खलन हुआ, जिससे एक गाड़ी इसकी चपेट में आ गई। ऊहल नदी का उफान और शानन परियोजना: ऊहल नदी के जलस्तर के बढ़ने के कारण शानन परियोजना के बैराज गेट खोलने पड़े हैं। निचले इलाकों में रहने वालों को नदी किनारे सतर्क रहने की सलाह दी गई है। पांवटा साहिब में लैंडस्लाइड के कारण NH-707 तीन घंटे से बंद है, जिससे यात्री परेशान हैं। प्रदेश सरकार ने भारी बारिश के मद्देनजर लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है। विशेष रूप से, भूस्खलन और बाढ़ जैसी परिस्थितियों से बचने के लिए प्रशासन ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रहने और यात्रा में सतर्कता बरतने का निर्देश दिया है।
हिमाचल प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फबारी का दौर जारी है, जिसके कारण राज्य के विभिन्न हिस्सों में भारी नुकसान हुआ है। मौसम विभाग के अनुसार, आगामी तीन दिनों तक वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव रहेगा, जिससे पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश और बर्फबारी की संभावना बनी रहेगी। खासतौर पर, कांगड़ा, चंबा, मंडी और कुल्लू जिलों में भारी बर्फबारी का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों में यलो अलर्ट जारी किया गया है, और यहां आंधी-तूफान की भी चेतावनी दी गई है। लाहौल स्पीति में पिछले दो दिनों से हो रही बर्फबारी ने इलाके की स्थिति को गंभीर बना दिया है। कई इलाकों में तीन फीट से भी अधिक बर्फबारी हो चुकी है, जिससे पूरा जिला बाकी दुनिया से कट चुका है। अटल टनल रोहतांग भी वाहनों के लिए बंद कर दी गई है। मौसम विभाग ने आज और कल के लिए भारी स्नोफॉल का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जिससे और भी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। लाहौल स्पीति प्रशासन ने हिमस्खलन का अलर्ट जारी किया है। अधिक ढलान वाले इलाकों में बर्फ के पहाड़ गिरने का खतरा बना हुआ है। प्रशासन ने स्थानीय निवासियों और पर्यटकों से अपील की है कि वे सतर्क रहें और बर्फबारी से संबंधित गतिविधियों से दूर रहें। सड़कें और बिजली आपूर्ति पर असर किन्नौर और लाहौल स्पीति में ताजा बर्फबारी के कारण 220 से अधिक सड़कों और 250 बिजली ट्रांसफार्मरों का संचालन ठप हो गया है। इससे क्षेत्र के कई हिस्सों में बिजली गुल हो गई है और यातायात प्रभावित हो रहा है। स्थानीय प्रशासन राहत कार्यों में जुटा हुआ है और लोगों को जरूरी सहायता पहुंचाने के लिए प्रयास कर रहा है। मौसम विभाग ने आम नागरिकों को घरों में सुरक्षित रहने और बर्फबारी से संबंधित गतिविधियों से दूर रहने की सलाह दी है। मौसम की स्थिति और बिगड़ सकती है, इसलिए लोगों से अपील की जाती है कि वे प्रशासन की चेतावनियों का पालन करें और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी सतर्कता बरतें।
हिमाचल प्रदेश में राजस्व विभाग के कर्मचारियों ने एक बार फिर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सुक्खू सरकार द्वारा नायब तहसीलदारों, पटवारियों और कानूनगो को स्टेट कैडर में डालने की अधिसूचना जारी करने के बाद से संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी और कानूनगो महासंघ में नाराजगी है। इस निर्णय को लेकर महासंघ ने आगामी 25 और 27 फरवरी को सामूहिक अवकाश पर जाने का फैसला किया है, जिसका असर प्रदेशभर में लोगों के प्रमाण पत्र, रजिस्ट्रियां, लोन, और ई-केवाईसी प्रक्रियाओं पर पड़ेगा। इससे आम जनता को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। महासंघ ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने दो दिन के भीतर उचित निर्णय नहीं लिया, तो 28 फरवरी से वे अनिश्चितकालीन पेन डाउन स्ट्राइक शुरू कर देंगे। सुक्खू सरकार ने राज्य कैडर की अधिसूचना जारी कर नायब तहसीलदार, पटवारी और कानूनगो के प्रमोशन चैनल को प्रभावित कर दिया है, जिससे महासंघ के सदस्य परेशान हैं। राज्य में इन पदों पर कुल 3,342 स्वीकृत पद हैं, जिनमें से 488 पद खाली हैं। 2,828 पटवारी और कानूनगो 25 और 27 फरवरी को अवकाश पर जाएंगे, जिससे प्रशासनिक कार्यों में रुकावट आ सकती है। यह पहली बार नहीं है कि इन कर्मचारियों ने विरोध किया है। पिछले साल जुलाई में भी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया था और 15 अगस्त को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ हुई बैठक के बाद ही उन्होंने काम पर लौटने का निर्णय लिया था। इसके बाद, महासंघ ने अपनी आठ मुख्य मांगों को बलवान कमेटी के सामने रखा था, जो अब सरकार के पास सिफारिश भेज चुकी है।
हिमाचल प्रदेश में आगामी 4 दिन मौसम खराब रहने का अनुमान, प्रदेश भर में अच्छी बारिश-बर्फबारी की उम्मीद
हिमाचल प्रदेश में मौसम विज्ञान केंद्र 25 फरवरी की देर शाम से पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने का अनुमान जताया है. प्रदेश भर में इसका असर 28 फरवरी तक देखने को मिलेगा. मौसम विज्ञान केंद्र का अनुमान है कि 26 और 27 फरवरी को हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों में भारी बारिश बर्फबारी होने के आसार हैं. वहीं अब तक प्रदेश में सर्दियां शुष्क रही हैं. पूरे सीजन के दौरान प्रदेश में सामान्य से लगभग 69 फ़ीसदी कब बारिश दर्ज की गई है. शिमला मौसम विज्ञान केंद्र में मौसम वैज्ञानिक संदीप कुमार शर्मा ने बताया कि. 25 फरवरी की देर शाम से हिमाचल प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा. इसका असर 28 फरवरी तक प्रदेश भर में देखने को मिलेगा. वहीं पहली और दो मार्च को भी प्रदेश भर में मौसम खराब बना रहेगा. इस दौरान 26 और 27 फरवरी को प्रदेश के विभिन्न इलाकों में अच्छी बारिश बर्फबारी होने की संभावना है. इसको लेकर मौसम विज्ञान केंद्र ने येलो अलर्ट जारी किया है. साथ ही कुछ इलाकों में भारी बारिश की भी संभावना है. इसको देखते हुए ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया गया है. वहीं, हिमाचल प्रदेश में इस बार सर्दियां शुष्क रही हैं. प्रदेश भर में पूरे सीजन के दौरान सामान्य से कम बारिश बर्फबारी दर्ज की गई. मौसम वैज्ञानिक संदीप कुमार शर्मा ने बताया कि प्रदेश भर में पूरे सीजन के दौरान सामान्य से 69 फ़ीसदी कम बारिश दर्ज की गई. जनवरी महीने में सामान्य 85 फ़ीसदी कम बारिश हुई. वहीं फरवरी महीने में अब तक सामान्य से 52 फ़ीसदी कम बारिश रिकॉर्ड की गई है. इसके चलते पूरे सीजन के दौरान दिन के तापमान औसतन चार से पांच डिग्री ऊपर देखने को मिले. फिलहाल प्रदेश में न्यूनतम तापमान सामान्य चल रहे हैं मगर दिन के तापमान में उछाल देखा जा रहा है. हालांकि प्रदेश में मौसम बिगड़ने के बाद दिन के तापमान में भी गिरावट दर्ज की जाएगी. इसके चलते मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से 26 और 27 फरवरी को प्रदेश में कोल्ड डे का अलर्ट भी जारी किया गया है
** चम्बा कांगड़ा कुल्लू मंडी में भारी बारिश और बर्फबारी की आशंका हिमाचल में आज देर रात से मौसम करवट बदलने वाला है। मौसम विभाग ने आज देर रात से कई हिस्सों में भारी बारिश और बर्फबारी को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।इस दौरान खास कर चम्बा कांगड़ा कुल्लू मंडी में भारी बारिश और बर्फबारी की आशंका जताई है। इसके साथ ही शिमला में बारिश जबकि कुफरी नारकंडा ओर ऊपरी क्षेत्रो में बर्फबारी हो सकती है। 20 फरवरी को किन्नौर और लाहौल-स्पीति को छोड़कर अन्य सभी जिलों में आंधी व तूफान चलने का भी अलर्ट जारी किया गया है। 21 से 23 फरवरी तक अधिक ऊंचे क्षेत्रों में ही मौसम खराब रहेगा। इससे लाहौल स्पीति, किन्नौर, कुल्लू और चंबा जिला की अधिक ऊंची चोटियों पर बर्फबारी हो सकता है। अन्य क्षेत्रों में मौसम साफ हो जाएगा। मौसम विभाग के निदेशक कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा कि प्रदेश में बीते 24 घंटे के दौरान मौसम साफ बना रहा है लेकिन आज डेरा से प्रदेश में पश्चिमी विकशॉप सक्रिय हो रहा है जिसके चलते देर रात से प्रदेश के चार जिलों में कांगड़ा मंडी कुल्लू चंबा में भारी बारिश और बर्फबारी को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा अन्य क्षेत्रों में भी मौसम खराब बना रहेगा। उन्होंने कहा कि पश्चिमी विकशॉप का असर 21 फरवरी की सुबह तक रहेगा इसके बाद मौसम साफ रहेगा। बीते दिनों मौसम साफ रहने से तापमान में उछाल आया है लेकिन बारिश और बराबरी होने से तापमान में भारी गिरावट आने की भी आशंका है। प्रदेश में इस बार सर्दियों में भी सूखे जैसे हालात बने हुए है। शिमला सहित कई हिस्सों में बर्फबारी बारिश काफी कम हुई हुई है। इस विंटर सीजन एक जनवरी से 17 फरवरी के बीच में नॉर्मल से 79 प्रतिशत कम बारिश हुई है। इस अवधि में 142.1 मिलीमीटर सामान्य बारिश होती है, लेकिन इस बार 29.6 मिलीमीटर ही बादल बरसे है।इसकी मार गेहूं की फसल के अलावा सेब के बगीचों पर पड़ रही है। हालांकि आगामी दो दिन बारिश बर्फबारी को।लेकर अलर्ट जारी किया गया है ऐसे में किसान बागवानों को राहत मिल सकती है।
हिमाचल प्रदेश के राशन कार्ड धारकों के लिए एक अच्छी खबर आई है। खाद्य आपूर्ति निगम ने लंबे समय से प्रतीक्षित रिफाइंड तेल की आपूर्ति के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है। अगले महीने से राशन डिपो में रिफाइंड तेल उपलब्ध होने लगेगा। कंपनियों को 28 फरवरी तक तेल के सैंपल जमा करने का समय दिया गया है, जिनकी गुणवत्ता की जांच के बाद 11 मार्च को तकनीकी बिड खोली जाएगी। खाद्य आपूर्ति निगम का दावा है कि 20 मार्च के बाद उपभोक्ताओं को डिपो में तेल मिलने लगेगा। इस नई व्यवस्था के तहत, राशन कार्ड धारकों को एक लीटर सरसों तेल और एक लीटर रिफाइंड तेल मिलेगा। साथ ही, डिपो होल्डरों को तीन महीने का सरसों तेल का कोटा एक साथ देने के निर्देश भी दिए गए हैं, जो पहले एक महीने का दिया जाता था। तेल की सप्लाई अब शुरू कर दी गई है, और दूरदराज क्षेत्रों में सरसों तेल की खेप भेजी जा रही है। हिमाचल प्रदेश में लगभग 19.5 लाख राशन कार्ड उपभोक्ता हैं, और सरकार द्वारा उन्हें दो लीटर तेल, तीन किलो दालें (मलका माश और दाल चना), चीनी और नमक सब्सिडी पर दिया जा रहा है। आटा और चावल केंद्र सरकार द्वारा मुहैया कराया जाता है। खाद्य आपूर्ति निगम के महाप्रबंधक, अरविंद शर्मा ने बताया कि रिफाइंड तेल की टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली गई है, और अब अगले चरण की तैयारी की जा रही है।
ऊना जिले में एक महिला द्वारा सरकारी अधिकारी बनकर लोगों से लाखों रुपये ठगने का मामला सामने आया है। आरोपी महिला ने खुद को औद्योगिक क्षेत्र ऊना में असिस्टेंट ऑफिसर और सेरीकल्चर विभाग का अतिरिक्त कार्यभार संभालने वाली अधिकारी बताया था। इस धोखाधड़ी का तरीका बेहद चालाक था। महिला ने सरकारी योजनाओं का फायदा देने का लालच देकर लोगों से बड़ी रकम वसूल की थी। महिला ने डायरेक्टोरेट ऑफ इंडस्ट्री शिमला का पहचान पत्र दिखाकर लोगों को यह विश्वास दिलाया कि वे सरकारी योजनाओं के तहत रेशम कीट पालन से जुड़े फायदे दिलवाएंगी। इसके बाद उसने योजनाओं में सब्सिडी देने का वादा किया और लोगों को अपने शपथ पत्र तैयार करवाने के लिए मजबूर किया। इस धोखाधड़ी के दौरान लोगों को मोबाइल पर संदेश भी भेजे गए, जिसमें कहा गया था कि उनका आवेदन पंजीकृत हो चुका है। आरोपी महिला ने पांवटा साहिब और आसपास के कई गांवों में जाकर लोगों से लाखों रुपये जमा कराए। इसके बाद जब लोग योजनाओं का लाभ लेने के लिए संपर्क करने लगे, तो उन्हें फर्जी वादों का सामना करना पड़ा। एसपी ऊना, राकेश सिंह ने बताया कि इस मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने कार्रवाई शुरू की और महिला को पांवटा साहिब से गिरफ्तार किया। महिला को अब ऊना की अदालत में पेश किया गया है, जहां से उसे तीन दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। पुलिस ने इस मामले की गहन जांच शुरू कर दी है, ताकि अन्य पीड़ितों का पता चल सके और आरोपी महिला के नेटवर्क का खुलासा हो सके।
फर्जी अधिकारी बनकर कई लोगों से लाखों रुपये की ठगी करने वाली महिला आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ गई। थाना सदर ऊना की टीम ने सिरमौर के पांवटा साहिब से उक्त महिला को गिरफ्तार किया है। ठगी के बाद से ही वो लगातार ठिकाने बदल रही थी। सोमवार को पुलिस ने पुख्ता सूचना मिलने पर पांवटा साहिब में दबिश देकर आरोपी महिला को गिरफ्तार किया।आरोपी महिला को अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे तीन दिन की रिमांड पर भेज दिया गया है। ये है मामला मोनिका देवी पत्नी शशिकांत निवासी कुरियाला तहसील व जिला ऊना ने अप्रैल 2024 में पुलिस को शिकायत दी थी। शिकायत में मोनिका देवी ने बताया था कि 18 मार्च 2024 को वह अपने बेटे के साथ दोस्त संजीव के घर चंद्रलोक कॉलोनी मोहल्ला ऊना गई थी। वहां उसे वंदना धीमान मिली। महिला ने खुद को औद्योगिक क्षेत्र ऊना में असिस्टेंट ऑफिसर और सेरीकल्चर विभाग में अतिरिक्त कार्यभार संभालने वाली बताया था। आरोपी ने उसे आईडी कार्ड दिखाया और दावा किया कि उसने कई लोगों की जमीन लीज पर लेकर शहतूत के पौधे लगवाए हैं। इसके बदले लोगों को तीन साल तक 35000 रुपये प्रति माह की आय हो रही है। साथ ही उसे सरकारी नौकरी का लालच भी दिया। आरोपी महिला ने शिकायतकर्ता से शहतूत परियोजना के लिए जमीन का एग्रीमेंट किया और नौकरी दिलवाने के नाम पर 75,000 रुपये लिए। इसके अलावा लोन दिलवाने का झांसा देकर और रुपये लिए। कुल मिलाकर आरोपी महिला ने 99,000 की ठगी की। आरोपी ने शिकायतकर्ता को न तो शहतूत के पौधे दिए और न ही नौकरी से संबंधित कोई आधिकारिक पत्र भेजा। जब शिकायतकर्ता ने अपने स्तर पर जांच की, तो पता चला कि महिला ने कई अन्य लोगों से भी लाखों रुपये की ठगी की थी। इसमें उसका पति भी शामिल बताया जा रहा है।
प्रदेश में बर्फबारी और बारिश न होने की वजह से राज्य के किसान और बागवान परेशान नजर आ रहे हैं. जनवरी महीने में 84 फ़ीसदी और फरवरी महीने के 11 दिनों में 51 फ़ीसदी तक कम बारिश हुई है. बर्फबारी और बारिश न होने की वजह से नकदी फसल के साथ सेब की पैदावार पर खतरा मंडरा रहा है. किसान-बागवान अपने साल भर की मेहनत को लेकर खासे चिंतित हैं. राज्य में कई ऐसे किसान और बागवान हैं, जिनकी रोज़ी-रोटी इसी के साथ जुड़ी हुई है. ऐसे में अगर मौसम का साथ नहीं मिलेगा, तो आने वाले समय में परेशानियां बढ़ सकती हैं. यह राज्य सरकार के लिए भी चिंता का विषय है। हिमाचल प्रदेश संयुक्त किसान मंच के संयोजक हरीश चौहान का कहना है कि बर्फबारी और बारिश न होने की वजह से सेब की पैदावार पर सीधा असर पड़ रहा है. बागवान अपने साल भर की मेहनत को लेकर बेहद चिंतित हैं. सर्दियों के मौसम में अब तक नाममात्र की बर्फबारी हुई है. बर्फबारी न होने की वजह से पौधे की जरूरतें पूरी नहीं हो रही हैं. यही नहीं, बर्फबारी होने से कई ऐसे कीड़े-मकौड़े भी मर जाते हैं, जो पौधे को नुकसान पहुंचा सकते हैं.वहीं, युवा बागवान मोहित शर्मा ने भी बर्फबारी और बारिश न होने की वजह से चिंता ज़ाहिर की है. उन्होंने कहा कि इसकी वजह से सेब की पैदावार पर सीधा असर पड़ेगा. बेहतर पैदावार के लिए पौधे को नमी की जरूरत होती है. बर्फ न होने की वजह से नमी नहीं मिल पा रही है. यह सभी बागवानों के लिए चिंता का विषय है.
हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर दो दिनों तक मौसम खराब रहने वाला है. हिमाचल प्रदेश की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में 2 दिनों तक पश्चिमी विक्षोभ का असर देखने को मिलेगा. इस दौरान जिला चंबा, कुल्लू, लाहौल स्पीति और किन्नौर में हल्की बारिश देखने को मिल सकती है. साथ ही जिला शिमला के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भी हल्की बारिश देखने को मिल सकती है. हालांकि अन्य स्थानों पर केवल बादल छाए रहेंगे और बारिश या बर्फबारी जैसे कोई भी असर देखने को नहीं मिलेंगे.मौसम वैज्ञानिक शोभित कटियार ने बताया कि एक पश्चिमी विक्षोभ अफगानिस्तान और पाकिस्तान के ऊपर बना हुआ है, जिसका असर हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले जिले चंबा, कुल्लू लाहौल स्पीति और किन्नौर में देखने को मिलेगा. इससे शिमला जिला के ऊंचाई वाले इलाकों में भी हल्की बर्फबारी देखने को मिल सकती है. हालांकि शहर पर बादल छाए रहेंगे. लेकिन, बारिश और बराबरी की कोई भी संभावना नहीं है. शोभित कटियार ने बताया कि इसके बाद अगले तीन दिनों तक मौसम पूरी तरह शुष्क बना रहेगा. इसके बाद 14 और 15 फरवरी को लाहौल स्पीति, कांगड़ा और चंबा के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में दूसरा पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा. साथ ही 17, 18 और 19 फरवरी को हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों पर तीसरा पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा. इसका प्रदेश के अधिकतर हिस्सों में बारिश देखने को मिलेगी. कटियार ने बताया कि अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक चल रहे है, जो आने वाले दिनों में सामान्य हो जाएंगे.
हिमाचल: बिजली बोर्ड में 706 पद खत्म करने पर इंजीनियर-कर्मचारी नाराज, आज काले बिल्ले लगाकर देंगे सेवा
हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड में 706 पदों को समाप्त करने का आदेश जारी किया है, जिससे कर्मचारियों में गहरी नाराजगी फैल गई है। इस निर्णय के विरोध में बिजली बोर्ड के कर्मचारी आज से काले बिल्ले पहनकर काम करने का निर्णय लिया है। शिमला स्थित मुख्य कार्यालय सहित राज्य के अन्य विद्युत मंडल और उप मंडल में कार्यरत इंजीनियर, तकनीकी कर्मचारी और अन्य कर्मचारी भी इस विरोध में शामिल होंगे।यह निर्णय कर्मचारियों के लिए एक बड़ा झटका साबित हो रहा है, क्योंकि बोर्ड पहले ही कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा था। अब, 706 पदों की समाप्ति के कारण कार्यभार बढ़ने से कर्मचारियों पर दबाव और अधिक बढ़ गया है। इसी कारण, कर्मचारियों ने वर्क-टू-रूल आंदोलन शुरू करने का ऐलान किया है, जिसमें वे केवल निर्धारित समय तक ही काम करेंगे।अगर सरकार ने अपने फैसले को वापस नहीं लिया, तो कर्मचारियों ने राज्यभर में बड़े पैमाने पर विरोध और हड़ताल की चेतावनी दी है। इस मुद्दे पर 11 फरवरी को हमीरपुर में पंचायत आयोजित की जाएगी, और इसके बाद अन्य जिलों में भी विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश में आउटसोर्स के माध्यम से होने वाली भर्तियों पर एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है, जिससे राज्य सरकार को फिलहाल राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेशों पर अंतरिम रोक लगा दी है और सरकार को इस मामले में जवाब देने के लिए चार सप्ताह का समय दिया है। इस आदेश का सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश संजय करोल और न्यायाधीश केवी विश्वनाथन की खंडपीठ ने की। हिमाचल सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने इस मामले में अदालत में अपनी बात रखी। उन्होंने बताया कि हिमाचल हाईकोर्ट ने 7 नवंबर 2024 को प्रदेश में आउटसोर्स पॉलिसी के तहत होने वाली भर्तियों पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने सरकार से यह भी कहा था कि भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए उचित नियम बनाए जाएं। इसके बाद, राज्य सरकार ने इस रोक को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की और अदालत के आदेशों के पालन के लिए एक हलफनामा प्रस्तुत किया। हालांकि, 8 जनवरी 2025 को उच्च न्यायालय ने सरकार की अर्जी को खारिज कर दिया, जिसमें रोक हटाने की मांग की गई थी। कोर्ट ने बताया कि वेकेशन के कारण केवल अति महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई हो रही है। इसके बाद, सरकार ने इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। यह मामला वर्ष 2022 में दायर एक याचिका से जुड़ा हुआ है, जिसमें आउटसोर्स भर्तियों की प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी पर सवाल उठाए गए थे। याचिका में यह आरोप लगाया गया था कि राज्य के विभिन्न विभागों में आउटसोर्स के तहत भर्तियां बिना पारदर्शिता के की जा रही हैं और कारपोरेशन के तहत रजिस्टर्ड कंपनियां भी कटघरे में हैं। उच्च न्यायालय ने यह भी आदेश दिया कि स्वास्थ्य विभाग में आउटसोर्स के तहत नियुक्तियां स्वीकार नहीं की जाएं और विभाग को स्थायी नियुक्तियों के लिए प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए।
हिमाचल प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ (WD) के सक्रिय होने से होने वाला है । मौसम विभाग ने आगामी पांच दिनों तक अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्की बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई है। लाहौल स्पीति, किन्नौर, कुल्लू, कांगड़ा और मंडी के ऊंचे इलाकों में 8 और 10 फरवरी को बारिश-बर्फबारी का अधिक प्रभाव रहेगा। मौसम विभाग का कहना है कि इस दौरान इन क्षेत्रों की ऊंची चोटियों पर बर्फबारी हो सकती है, जिससे तापमान में और गिरावट आएगी। हालांकि, प्रदेश के मैदानी इलाकों में मौसम सामान्य रहेगा। हिमाचल के कई इलाकों में ठंड बढ़ी प्रदेश के मैदानी इलाकों में भी सर्दी बढ़ी है। शिमला में न्यूनतम तापमान 7.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है, जबकि प्रदेश का सबसे गर्म शहर ऊना का तापमान गिरकर 2.1 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। अन्य क्षेत्रों में भी तापमान में गिरावट आई है, जैसे कि भुंतर (2.0 डिग्री), धर्मशाला (4.8 डिग्री), पालमपुर (3.5 डिग्री), सोलन (2.6 डिग्री) और बिलासपुर (3.9 डिग्री)। इस सर्द मौसम के बीच, हिमाचल प्रदेश के उच्च क्षेत्रों में बर्फबारी के कारण ठंड और बढ़ सकती है। विंटर सीजन में कम बारिश-बर्फबारी विंटर सीजन के दौरान हिमाचल प्रदेश में सामान्य से 72 प्रतिशत कम बारिश-बर्फबारी हुई है। 1 जनवरी से 7 फरवरी तक 29.5 मिलीमीटर बारिश हुई है, जबकि सामान्य रूप से 104.7 मिलीमीटर बारिश होती है। इस वर्ष बर्फबारी और बारिश का स्तर काफी कम रहने से प्रदेश में सूखा और ठंड बढ़ने का असर देखा गया है।
**राज्यपाल ने कर्मचारी भर्ती विधेयक 2024 को दी मंजूरी हिमाचल प्रदेश सरकार ने 2003 के बाद अनुबंध पर नियुक्त कर्मचारियों को बैकडेट से सिनियरिटी और वित्तीय लाभ देने पर रोक लगा दी है। राज्यपाल शिव प्रताप की मंजूरी के बाद, राज्य सरकार ने हिमाचल सरकारी कर्मचारी भर्ती और सेवा शर्तें विधेयक 2024 को ई-गजट में प्रकाशित कर दिया है। यह विधेयक विधानसभा में विपक्ष के विरोध के बावजूद सुक्खू सरकार द्वारा पारित किया गया था। अब राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद, इस संशोधित विधेयक के तहत कर्मचारियों को उनके नियमित नियुक्ति की तिथि से ही सिनियरिटी और वित्तीय लाभ मिलेंगे। इससे पहले, उच्च न्यायालय के आदेशों के कारण अनुबंध कर्मचारियों को बैकडेट से सिनियरिटी और वित्तीय लाभ दिए जा रहे थे, जिससे राज्य सरकार पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा था। क्यों किया गया यह बदलाव? सालों तक अनुबंध कर्मचारियों को बैकडेट से वित्तीय लाभ और सिनियरिटी देने के आदेशों के चलते राज्य सरकार को भारी वित्तीय दबाव का सामना करना पड़ रहा था। उच्च न्यायालय ने कुछ कर्मचारियों को बैकडेट से वित्तीय लाभ देने का आदेश दिया था, और इसके कारण सरकार पर करोड़ों रुपये का वित्तीय बोझ पड़ रहा था। इसके साथ ही, कर्मचारियों की सिनियरिटी लिस्ट में पिछले 21 वर्षों के आंकड़ों को भी संशोधित करना पड़ रहा था। यह स्थिति विशेष रूप से कांग्रेस सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण हो गई थी, क्योंकि राज्य की आर्थिक स्थिति पहले ही गंभीर संकट का सामना कर रही थी। इन कारणों से, राज्य सरकार ने इस बदलाव की जरूरत महसूस की और हिमाचल सरकारी कर्मचारी भर्ती और सेवा शर्तें विधेयक 2024 में संशोधन किया। अब इस विधेयक के तहत कर्मचारियों को केवल उनकी नियमित सेवा की तिथि से ही सिनियरिटी और वित्तीय लाभ मिलेंगे, अनुबंध सेवाकाल को इसमें शामिल नहीं किया जाएगा। विधेयक में संशोधन के बाद क्या बदलेगा? इस संशोधन से, कर्मचारियों को बैकडेट से लाभ और सिनियरिटी नहीं मिलेगी, जो पहले उच्च न्यायालय के आदेशों के कारण मिल रही थी। सरकार के लिए यह बदलाव एक बड़ी राहत मानी जा रही है, क्योंकि इससे सरकार को आने वाले वर्षों में वित्तीय बोझ से बचने में मदद मिलेगी। अब कर्मचारियों को नियमित होने की तिथि से लाभ मिलेगा, और इस नए बदलाव के बाद यह भी सुनिश्चित किया गया है कि अनुबंध सेवाकाल को सिनियरिटी और वित्तीय लाभ के लिए नहीं जोड़ा जाएगा। राज्यपाल से मिली मंजूरी बीते गुरुवार को शाम मुख्यमंत्री सुक्खू अचानक राजभवन पहुंचे और विधेयक को मंजूरी दिलाने का आग्रह किया। गुरुवार को, मुख्यमंत्री सुक्खू अचानक राजभवन पहुंचे और राज्यपाल से इस विधेयक की मंजूरी के लिए आग्रह किया, जिसके बाद राज्यपाल ने 24 घंटे के भीतर विधेयक को मंजूरी दे दी। इसके बाद राज्य सरकार ने देर शाम इसे राजपत्र में प्रकाशित किया।
**5 फरवरी दोपहर तक दिखेगा पश्चिमी विक्षोभ का असर **लहौल-स्पिति, किन्नौर चंबा और कांगड़ा के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्की बर्फबारी की संभावना **फरवरी माह में सामान्य से अधिक तापमान रहने की संभावना हिमाचल प्रदेश में आज से पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो गया है। आज ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्की बर्फबारी व मध्यवर्ती तथा मैदानी क्षेत्रों में बारिश के आसार हैं। मौसम विभाग की माने तो प्रदेशभर में आज दोपहर बाद पश्चिमी विक्षोभ का असर देखने को मिल सकता है। इस दौरान लहौल-स्पिति, किन्नौर, चंबा और कांगड़ा के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्की बर्फबारी की संभावना है। वहीं मध्यवर्ती व मैदानी क्षेत्रों में हल्की बारिश हो सकती है जबकि कई क्षेत्रों में अंधड़-आंधी भी चल सकती है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा कि 4 फरवरी से पूरे उत्तर भारत मे पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो गया है। हिमाचल प्रदेश में आज सुबह से ही बादल छाए हैं। लाहौल स्पीति व किन्नौर में सुबह से ही हल्की बारिश व बर्फबारी का दौर शुरू हो चुका है। पूरे प्रदेश भर में पश्चिमी विक्षोभ का असर देखने को मिलेगा। मैदानी क्षेत्र में बारिश व ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी के आसार हैं। पश्चिमी विक्षोभ का मुख्यतः असर 4 फरवरी की मध्य रात्रि को देखने को मिलेगा और यह 5 फरवरी की दोपहर तक रहेगा। उनोने कहा कि जनवरी माह में मात्र 13.5 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है जो सामान्य से काफी कम है। अमूमन जनवरी माह में 83.5 मिलीमीटर बारिश होती है। इस वर्ष जनवरी माह में 84%कम बारिश हुई है जो1901 से नौवीं बार कम बारिश हुई है। यह पश्चिमी विक्षोभ का कमजोर होने का असर है। आने वाले दो दिनों में तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी उसके बाद फिर तापमानों में उछाल आएगा। वहीं पूरे फरवरी माह में सामान्य से अधिक तापमान बने रहने की संभावना है। मंगलवार को राजधानी सहित पूरे प्रदेश भर में सुबह से ही बादल छाए रहे।पश्चिमी विक्षोभ का असर 4फरवरी की मध्यरात्रि को ज्यादा देखने को मिल सकता है 5 फरवरी की दोपहर से मौसम साफ हो जाएगा।वहीं पूरे फरवरी माह में सामान्य से अधिक तापमान बने रहने की संभावना है।
**कहा, सुक्खू सरकार ने दो साल में नहीं किया कोई काम नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने 3 और 4 फरवरी को होने वाली विधायक प्राथमिकता बैठक का बहिष्कार करने का ऐलान किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले दो वर्षों में भाजपा के विधायकों द्वारा सुझाए गए किसी भी काम को सुक्खू सरकार ने प्राथमिकता नहीं दी है और इसके बजाय, भाजपा विधायकों को प्रताड़ित किया जा रहा ह। जयराम ठाकुर ने कहा कि विधायक प्राथमिकता बैठक में भाजपा के विधायक अपने क्षेत्रों की जरूरतों और विकास कार्यों को सरकार के सामने रखते हैं, लेकिन सरकार उनकी प्राथमिकताओं को अनसुना कर देती है। इसके बजाय, कांग्रेस के हार चुके और नकारे हुए नेताओं को तवज्जो दी जा रही है। अगर सरकार भाजपा विधायकों की बात नहीं सुन रही, तो विधायक प्राथमिकता बैठक का कोई अर्थ नहीं है, इसलिए भाजपा विधायक दल इस बैठक का बहिष्कार करेगा। पूर्व सरकार द्वारा शुरू किए गए कामों के उद्घाटन कार्यक्रमों में भाजपा के चुने हुए जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा का आरोप भी जयराम ठाकुर ने लगाया। उन्होंने कहा कि उद्घाटन कार्यक्रमों में भाजपा नेताओं को आमंत्रित नहीं किया जा रहा, और उद्घाटन पट्टिका पर उनका नाम तक नहीं लिखा जा रहा। इसके बजाय, कांग्रेस के नकारे हुए नेताओं को तवज्जो दी जा रही है। सुक्खू सरकार पर निशाना साधते हुए जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस की हार के बाद से पुलिस का दुरुपयोग बढ़ गया है। भाजपा के विधायक और नेता सत्ता के दुरुपयोग के कारण लगातार प्रताड़ना का सामना कर रहे हैं। पुलिस द्वारा जांच के नाम पर भाजपा नेताओं को घंटों थाने में बैठाया जा रहा है और उन्हें फर्जी मामलों में फंसाया जा रहा है।
शनिवार को हिमाचल प्रदेश की ऊंची चोटियों, जैसे रोहतांग, पांगी और भरमौर में हिमपात हुआ, जबकि राजधानी शिमला और मनाली समेत मैदानी क्षेत्रों में बूंदाबांदी हुई। मौसम के इस बदलाव से सुबह और शाम के समय ठंड बढ़ गई, और प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में बादल छाए रहे। रविवार और सोमवार को मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान है, लेकिन 4 और 5 फरवरी को पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से फिर बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई जा रही है। शनिवार को भरमौर और पांगी की ऊपरी चोटियों पर हल्का हिमपात हुआ, जबकि निचले क्षेत्रों में हल्की बारिश हुई। इस बारिश से किसानों और बागवानों को राहत मिली है क्योंकि खेतों की नमी बढ़ी है, जिससे फसलों को फायदा होगा। कुल्लू और लाहौल की ऊंची चोटियों में भी सुबह से लेकर दोपहर तक रुक-रुक कर हल्की बर्फबारी जारी रही। रोहतांग दर्रा, कुंजम दर्रा, राजा घेपन पीक और सीवी रेंज की पहाड़ियों पर भी बर्फबारी हुई।
नई दिल्ली: वित्त मंत्री ने बजट में टैक्सपेयर्स के लिए बड़ी घोषणा की। अब सालाना 12.75 लाख रुपये तक कमाने वालों को कोई इनकम टैक्स नहीं देना होगा। वहीं टीडीएस में भी राहत दी गई है। सीनियर सिटीजन को भी इनकम टैक्स में बड़ी राहत मिली है। हालांकि यह फायदा उन्हीं टैक्सपेयर्स को मिलेगा जो नई टैक्स व्यवस्था के अनुसार आईटीआर फाइल करेंगे। वित्त मंत्री ने कहा कि सालाना 12.75 लाख रुपये तक कमाने वालों को अब कोई भी इनकम टैक्स नहीं देना होगा। इसमें 75 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन भी शामिल है। सीतारमण ने कहा कि 18 लाख रुपये तक की सालाना इनकम वाले टैक्सपेयर्स को 70,000 रुपये की बचत होगी जबकि 25 लाख तक 1.10 लाख रुपये की बचत होगी। सीतारमण ने कहा कि ITR और टीडीएस की सीमा बढ़ाई गई है। टीडीएस की सीमा बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दी गई है। टैक्स डिडक्शन में बुजुर्गों के लिए भी बड़ी घोषणा की गई है। Old Tax Regime के तहत इनकम टैक्स दरें 0-4 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं। 4-8 लाख की आय पर 5 प्रतिशत 8-12 लाख की आय पर 10 प्रतिशत 12-16 लाख की आय पर 15 प्रतिशत 16-20 लाख की आय पर 20 प्रतिशत 20-24 लाख की आय पर 25 प्रतिशत 24 लाख से ऊपर की आय पर 30 प्रतिशत इन्हें नहीं मिलेगा फायदा सालाना 12.75 लाख रुपये तक की इनकम टैक्स में छूट उन्हीं लोगों को मिलेगी, जिनकी आय सिर्फ सैलरी से होगी। अगर वे शेयर मार्केट या किसी और माध्यम से कमाई करते हैं तो उन्हें इसका लाभ नहीं मिलेगा। ऐसे में उन्हें इनकम टैक्स देना होगा।
अगले 10 सालों में देशभर में 120 नए एयरपोर्ट बनाये जाएंगे। आज केंद्रीय वित्त मंत्री ने बजट 2025 में नागरिक उड्डयन क्षेत्र के लिए ये अहम घोषणा की है, जिसमें अगले 10 सालों में देशभर में 120 नए एयरपोर्ट बनाने का प्रस्ताव किया गया है। इसका उद्देश्य हवाई यात्रा को सुलभ बनाना और एयर कनेक्टिविटी को मजबूती देना है, खासकर छोटे शहरों और दूरदराज के इलाकों में। इस योजना से न केवल स्थानीय विकास को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि पर्यटन, व्यापार और उद्योगों को भी गति मिलेगी। नए एयरपोर्ट के निर्माण से हजारों रोजगार के अवसर पैदा होंगे और आर्थिक विकास को एक नई दिशा मिलेगी। यह कदम प्रधानमंत्री की "उड़ान" योजना के तहत लिया जा रहा है, जिसका मकसद छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों को हवाई मार्ग से जोड़ना है। इससे न केवल यात्रा में सुगमता आएगी, बल्कि नागरिक उड्डयन क्षेत्र में भी निवेश को बढ़ावा मिलेगा, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 में तकनीकी क्षेत्र को लेकर एक अहम ऐलान किया। सरकार ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में नवाचार और विकास को बढ़ावा देने के लिए 500 करोड़ रुपये का विशेष फंड देने की घोषणा की है। इस फंड का उद्देश्य AI के शोध, विकास, और शिक्षा को प्रोत्साहित करना है, जिससे भारत को वैश्विक तकनीकी नेतृत्व में एक नया मुकाम हासिल हो सके। सरकार के इस ऐलान के तहत, AI आधारित परियोजनाओं, स्टार्टअप्स और संस्थानों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी, ताकि वे नए समाधान विकसित कर सकें और विभिन्न उद्योगों में AI का अधिकतम उपयोग कर सकें। इससे न केवल भारत में AI टेक्नोलॉजी की गति बढ़ेगी, बल्कि यह रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न करेगा और उद्योगों में कार्यक्षमता को सुधारने में मदद करेगा।
आज केंद्रीय वित्त मंत्री ने बजट 2025 में किसानों को लेकर महत्वपूर्ण ऐलान किया है। सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) पर कर्ज की सीमा को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने का प्रस्ताव किया है। इस कदम से किसानों को कृषि कार्यों के लिए अधिक वित्तीय सहायता मिल सकेगी और वे अपनी खेती के लिए आवश्यक संसाधनों को आसानी से जुटा सकेंगे। किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) का उद्देश्य किसानों को आसान और सस्ती क्रेडिट सुविधा प्रदान करना है, ताकि वे बिना किसी परेशानी के अपनी कृषि संबंधी जरूरतों को पूरा कर सकें। अब तक यह सुविधा अधिकतर छोटे और सीमांत किसानों तक सीमित थी, लेकिन इस सीमा में बढ़ोतरी से अब अधिक किसानों को लाभ मिलेगा और वे अपनी उत्पादन क्षमता को बढ़ा सकेंगे। कृषि क्षेत्र को समर्पित इस बजट प्रस्ताव से सरकार का मकसद है कि किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ाया जाए। साथ ही, यह कदम कृषि क्षेत्र को और अधिक मजबूती प्रदान करेगा, जिससे देश की खाद्य सुरक्षा और किसान की आय दोनों में वृद्धि हो सकेगी।
आज पूरा देश संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले केंद्रीय बजट 2025 पर नजरें गड़ाए बैठा है। यह बजट आज सुबह 11 बजे लोकसभा में पेश किया जाएगा। यह निर्मला सीतारमण का लगातार आठवां बजट होगा, और 2024 में बनी मोदी 3.0 सरकार का दूसरा पूर्ण बजट है। गरीब, मिडिल-क्लास और वेतनभोगी वर्ग को इस बजट से बड़ी उम्मीदें हैं। खासकर इनकम टैक्स स्लैब में राहत और आर्थिक सुधारों की मांग की जा रही है। बजट से उम्मीद की जा रही है कि यह महंगाई से राहत देने और खर्च करने की क्षमता को बढ़ाने वाले कदमों के साथ आएगा।बजट सेशन 2025 की शुरुआत शुक्रवार 31 जनवरी 2025 को हुई, जब वित्त मंत्री ने संसद में इकोनॉमिक सर्वे 2025 पेश किया। इसमें देश की वर्तमान आर्थिक स्थिति, विकास दर, महंगाई और भविष्य की संभावनाओं पर महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है। अब सभी की निगाहें आज के बजट पर टिकी हैं, जिसमें इन आंकड़ों के आधार पर नई नीतियां घोषित की जाएंगी। बजट से पहले राष्ट्रपति से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की मुलाकात केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज संसद में अपना आठवां बजट पेश करने से पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुरु से मिलने के लिए वित्त मंत्रालय नॉर्थ ब्लॉक से रवाना हो गई हैं। पेपरलेस फॉर्मेट में वे पारंपरिक ‘बही खाता’ के बजाय एक टैब के माध्यम से बजट पेश करेंगी और पढ़ेंगी।
हिमाचल प्रदेश में आज रात से मौसम करवट बदलेगा। आज रात से ही प्रदेश में वेस्टर्न डिस्टरबेंस (WD) ज्यादा एक्टिव हो जाएगा और अगले छह दिनों तक इसका असर देखने को मिलेगा। खास तौर पर 4 फरवरी को बर्फबारी का अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने 31 जनवरी और 1 फरवरी को प्रदेश के ज्यादातर भागों में हल्की बारिश और बर्फबारी होने की संभावना जाहिर की है। इस दौरान =मध्य व उच्च पर्वतीय कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश-बर्फबारी का पूर्वानुमान है। जबकि निचले पहाड़ी-मैदानी क्षेत्रों में बारिश की संभावना है। वहीं प्रदेश के ज्यादातर भागों में 2 फरवरी को मौसम साफ हो जाएगा। जबकि 3 फरवरी से अगले दो दिन तक फिर से बारिश-बर्फबारी के आसार हैं। बारिश और बर्फबारी से पहले तापमान में ही हल्का उछाल आया है। प्रदेश का औसत न्यूनतम तापमान सामान्य से 2.1 डिग्री अधिक हो गया है। मनाली के तापमान में नॉर्मल की तुलना में सबसे ज्यादा 5.9 डिग्री का उछाल दर्ज किया गया है। इसी तरह कल्पा का न्यूनतम तापमान भी सामान्य से 4.7 डिग्री अधिक हो गया है।
1980 में भाजपा के गठन के बाद से हिमाचल में अब तक 13 नेता प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी तक पहुंचे है।सतपाल सिंह सत्ती सबसे अधिक दस साल तक भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे, तो खीमीराम शर्मा को सबसे कम कार्यकाल मिला। हालांकि सबसे छोटा कार्यकाल डॉ राजीव बिंदल के नाम है जो वर्तमान में दुरसी बार अध्यक्ष है। साल 2020 में उनका पहला कार्यकाल महज 186 दिन का रहा था। तब कोरोना काल में हुए घोटाले में उनका नाम उछाला और नैतिकता के आधार पर उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था। सिलसिलेवार बात करें तो हिमाचल भाजपा के पहले प्रदेश अध्यक्ष बने ठाकुर गंगाराम जो मंडी से ताल्लुक रखते थे। वे 1984 तक अध्यक्ष रहे। इसके बाद शिमला संसदीय हलके के अर्की से सम्बन्ध रखने वाले नगीनचंद पाल भाजपा के अध्यक्ष बने, और 1986 तक पद पर रहे। 1986 में शांता कुमार हिमाचल भाजपा के अध्यक्ष बने और 1990 का विधानसभा चुनाव भी उन्हीं के नेतृत्व में लड़ा गया। शांता कुमार के मुख्यमंत्री बनने के बाद कुल्लू के महेश्वर सिंह प्रदेश अध्यक्ष बने और 1993 तक इस पद पर रहे। पर 1993 में भाजपा की शर्मनाक हार के बाद महेश्वर की विदाई हो गई और एंट्री हुई प्रो प्रेम कुमार धूमल की। उनके नेतृत्व में ही भाजपा ने 1998 के विधानसभा चुनाव के बाद सरकार बनाई और धूमल सीएम बने। फिर सुरेश चंदेल दो साल तक प्रदेश अध्यक्ष रहे और साल 2000 से लेकर 2003 तक जयकिशन शर्मा ने प्रदेश अध्यक्ष का पद संभाला। धूमल, सुरेश चंदेल और जयकिशन शर्मा, तीनों ही हमीरपुर संसदीय हलके से थे। साल 2003 में सुरेश भारद्वाज भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बने और 2007 तक इस पद पर रहे। भारद्वाज के बाद दो साल एक लिए जयराम ठाकुर और फिर 2009 से 2010 खीमीराम शर्मा ने पार्टी की कमान संभाली। 2010 में भाजपा अध्यक्ष पद पर सतपाल सिंह सत्ती की ताजपोशी हुई और वे दस साल लगातार अध्यक्ष रहे। सबसे अधिक वक्त तक अध्यक्ष रहने का रिकॉर्ड अब भी सत्ती के नाम है। सत्ती की विदाई के बाद डॉ राजीव बिंदल की ताजपोशी हुई लेकिन कोरोना काल में घोटाले के आरोप के बाद बिंदल को महज 186 दिन बाद ही नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना पड़ा। ये हिमाचल में किसी भी भाजपा अध्यक्ष का सबसे छोटा कार्यकाल है। बिंदल के बाद सुरेश कश्यप को कमान सौपी गई और अप्रैल 2023 तक कश्यप पार्टी अध्यक्ष रहे। इसके बाद बिंदल की दोबारा बतौर अध्यक्ष एंट्री हुई। अब बिंदल को पार्टी फिर मौका देती है या नहीं, ये सवाल बना हुआ है।
**पिछले कल आरोपी को हरियाणा से प्रोडक्शन वारंट पर लेकर किया गिरफ्तार **"अवैध शराब निर्माण में शामिल मुख्य आरोपी मुकेश सांगवान को तीन दिन के रिमांड पर लिया गया, पूछताछ जारी हरोली क्षेत्र के अमराली में स्थित एक शराब की फैक्ट्री में पिछले बर्ष 2024 में अवैध शराब बनाने का मामला पाया गया था। आबकारी विभाग द्वारा शिकायत देने पर पुलिस थाना हरोली में मामला दर्ज हुआ था पुलिस ने पहले शराब फैक्ट्री के एक मुख्य कारोबारी अनिल कुमार को गिरफ्तार किया था। अनिल की गिरफ्तारी के बाद इसके सारे साथी फरार हो चुके थे जिनकी काफी समय से पुलिस तलाश कर रही थी इसके बाद हरोली पुलिस की एक टीम उप निरीक्षक चेतन सिंह की अगुवाई में राजस्थान गई थी जहां से घटना के एक अन्य आरोपी कृष्ण कुमार को गिरफ्तार करके हरोली पहुंचाया गया। अब घटना के मुख्य आरोपी मुकेश सांगवान को हरियाणा से प्रोडक्शन वारंट पे लाकर गिरफ्तार किया गया है जिसे पिछले कल माननीय अदालत में पेश करके तीन दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है। उक्त फैक्ट्री में किस तरह नकली शराब बनाई जाती थी और घटना में कौन-कौन शामिल है,इसके बारे में आरोपी से पूछताछ की जा रही है। घटना में एक्साइज विभाग के अधिकारियों पर भी पुलिस का चाबुक चल सकता है जिन्हें संदेह के दायरे में रखा गया है। डीएसपी मोहन रावत ने मुख्य आरोपी के गिरफ्तार होने वाला पुष्टि की है और बतलाया है कि जल्द ही घटना के सारे आरोपियों के बारे में सही जानकारी उठाई जाएगी और झूठ का पर्दाफाश करके सच को सबके सामने लाया जाएगा। थाना प्रभारी सुनील ने बताया कि मामले की जांच का जिम्मा उप निरीक्षक चेतन सिंह को सौंपा गया है
जिला पुलिस कप्तान राकेश सिंह के निर्देश पर पुलिस थाना सदर ऊना ने गैंगस्टर गतिविधियों पर रोकथाम के लिए एक सख्त अभियान चलाया है। इसके तहत एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया था, जिसने महत्वपूर्ण जानकारी हासिल की और उसी के आधार पर कार्रवाई की। पिछले कल फिरौती के मामलों में शामिल अपराधी राकेश कौशल को पंजाब के रोपड़ से प्रोडक्शन वारंट पर लाकर गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी के दौरान की गई पूछताछ में आरोपी ने कुछ संदिग्धों के बारे में अहम जानकारी दी, जिससे SIT को और दिशा मिली। इसके बाद जिला पुलिस ने तड़के ही थाना हरौली, थाना सदर, थाना टाहलीवाल और थाना गगरेट में चार अलग-अलग स्थानों पर रेड की। थाना हरौली की पुलिस टीम ने थाना प्रभारी सुनील के नेतृत्व में स्लोह गांव में स्थित हरप्रीत सिंह ढिल्लू के घर पर छापेमारी की। तलाशी के दौरान पुलिस ने वहां से 367 ग्राम अफीम और दो लाख रुपये की ड्रग मनी बरामद की। पुलिस ने इन सबको जब्त कर लिया और आरोपी के खिलाफ मादक पदार्थों की तस्करी और गैंगस्टर गतिविधियों के तहत केस दर्ज किया। हरप्रीत सिंह उर्फ ढिल्लू पहले से ही अवैध माइनिंग के मामलों में संलिप्त रहा है और उसका नाम इन गतिविधियों में चर्चा में रहा है। पुलिस टीम कई महीनों से उसकी अवैध गतिविधियों पर नजर बनाए हुए थी। पुख्ता जानकारी मिलने पर यह बड़ी कार्रवाई की गई है।आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद उसे अदालत में पेश किया जाएगा, जहां से पुलिस रिमांड लिया जाएगा और आगे की जांच की जाएगी। इस कार्रवाई ने यह साबित कर दिया है कि पुलिस गैंगस्टर और मादक पदार्थों की तस्करी से जुड़े अपराधों पर कड़ी नजर बनाए हुए है और किसी भी कीमत पर इन अपराधों को जड़ से समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस सफल ऑपरेशन ने न केवल गैंगस्टर गतिविधियों और ड्रग्स के कारोबार में शामिल अपराधियों में दहशत फैलाई है, बल्कि यह भी दर्शाया है कि पुलिस इन अपराधों पर नियंत्रण पाने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
कल्पना कीजिए, आपकी बारात गाड़ियों के काफिले के साथ शादी के घर पहुंचती है, और वहां के लोग आपको यह कहकर रोक दें कि यहां न तो कोई शादी है और न ही दुल्हन! जिला ऊना के हरोली क्षेत्र के सिंगा गांव में मंगलवार को कुछ ऐसा ही हुआ, जब नारी गांव से आई एक बारात अजीबोगरीब हालात में फंस गई। बारात गाड़ियों में सवार होकर खुशी-खुशी पहुंची थी, लेकिन गांव के लोगों ने साफ कह दिया, "यहां तो कोई शादी नहीं हो रही, और यह लड़की हमारे गांव की नहीं है। बारातियों ने जब दुल्हन का फोटो दिखाया तो ग्रामीणों ने पहचानने से साफ इनकार कर दिया। इस बात ने बारातियों को हैरानी और उलझन में डाल दिया। तभी शादी की बिचौलिया महिला, तेवर दिखाते हुए बोली, "शादी इसी गांव में है, मैं पता करके आती हूं।" महिला अपने पति के साथ गाड़ी में बैठकर यह कहकर वहां से चली गई कि वह दुल्हन के घर का पता लगाकर आएगी। कुछ देर बाद जब वह वापस नहीं लौटी, तो बारातियों और ग्रामीणों को शक हुआ। जब महिला से संपर्क किया गया, तो उसने बताया कि दुल्हन ने जहरीला पदार्थ खा लिया है और वह उसे पंजाब के नवांशहर अस्पताल लेकर जा रही है। महिला की बातों से संदेह बढ़ा और बारातियों ने उसे दूसरी गाड़ी में खोजकर गांव वापस लाया। इसके बाद बिचौलिया महिला और बारातियों के बीच विवाद गहराने लगा। मामला इतना बिगड़ा कि पंचायत के प्रतिनिधि और पुलिस को बुलाना पड़ा। बारात को पंचायत घर ले जाया गया और पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। डीएसपी हरोली मोहन रावत ने कहा कि पूरी स्थिति की जानकारी जुटाई जा रही है, जिसके बाद ही सच सामने आएगा।
आज एनएमओपीएस (NMOPS) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी द्वारा लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय के अनुसार, नई पेंशन स्कीम (UPS) के खिलाफ कर्मचारी महासंघ हिमाचल प्रदेश ने 01 अप्रैल 2025 से इसे लागू करने के फैसले का विरोध किया। इस विरोध प्रदर्शन में पूरे भारत में सभी स्कूलों, कॉलेजों और कार्यालयों में UPS की गजट अधिसूचना के खिलाफ विरोध किया गया। इस विरोध का मुख्य उद्देश्य ओपीएस (Old Pension Scheme) के तत्काल कार्यान्वयन की मांग करना था। प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर और महासचिव भरत शर्मा ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में वर्तमान सरकार ने पहले ही पुरानी पेंशन बहाल कर दी है, इसलिए एनएमओपीएस का साथ देते हुए कर्मचारियों और शिक्षकों से अनुरोध किया गया था कि वे केंद्रीय कर्मचारियों के इस आंदोलन में समर्थन करें और UPS के नुकसानों के बारे में सभी कर्मचारियों को जागरूक करें ताकि इसके दुष्परिणाम सामने आ सकें। इस विरोध प्रदर्शन के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर पर ओपीएस के कार्यान्वयन के लिए एकजुट होने का आह्वान किया गया है। प्रदीप ठाकुर और महासचिव भरत शर्मा ने इस आयोजन की सफलता के लिए सभी का धन्यवाद किया। पुरानी पेंशन (Old Pension Scheme) की मांग को लेकर 20 वर्षों से चल रहे विरोध और आंदोलन को समाप्त करने के उद्देश्य से सरकार की ओर से उतारी गई यूनिफाइड पेंशन स्कीम (Unified Pension Scheme) यानी UPS का काफी विरोध हो रहा है। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि इसमें कई खामियां हैं। इसकी सबसे बड़ी खामी तो वित्त सचिव टीवी सोमनाथन के एक जवाब से सामने आई है, जो इसकी प्रचारित अच्छाइयों पर भारी पड़ गई है। उन्होंने कहा कि UPS की सबसे बड़ी खामी वीआरएस (Voluntary Retirement Scheme) के मामले में सामने आती है। अगर कोई कर्मचारी 60 साल की उम्र से पहले स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का विकल्प चुनता है तो उसे पेंशन कब से मिलेगी? यह सवाल जब वित्त सचिव से पूछा गया, तो उनका जवाब था कि आप रिटायर चाहे जब हों, UPS के तहत पेंशन सेवानिवृत्ति की आयु पूरी होने के बाद ही मिलेगी। रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली इस पेंशन स्कीम में इस खामी के चलते कर्मचारियों को बड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है। उनका ये भी कहना है कि देश में विभिन्न विभागों में रिटायरमेंट की आयु अलग-अलग है। उदाहरण के तौर पर, विश्वविद्यालयों में रिटायरमेंट की आयु 65 साल है, जबकि कुछ विभागों में यह 60 वर्ष या 58 वर्ष है। ऐसे में अगर कोई कर्मचारी 58 वर्ष में रिटायर हो जाए तो उसे पेंशन के लिए दो साल का इंतजार करना होगा। वहीं अगर कोई कर्मचारी 50 वर्ष की उम्र पर वीआरएस लेता है, तो उसे पेंशन पाने के लिए 10 साल तक इंतजार करना होगा। कर्मचारी संगठन का कहना है कि 25 साल में नौकरी करने वाला युवा अगर 50 की आयु में नौकरी के 25 साल पूरे करके वीआरएस लेना चाहे, तो उसे यूपीएस के तहत पेंशन पाने का कोई विकल्प 10 सालों तक नहीं होगा। इस पर सवाल उठता है कि अगले 10 सालों तक वह जीवित रहेगा या नहीं, इसलिए कर्मचारी पुरानी पेंशन की बहाली की मांग कर रहे हैं। वहीं अगर कोई कर्मचारी देर से सरकारी सेवा में आता है, तो इस स्कीम के तहत 10 साल की नौकरी करने पर 10,000 रुपये न्यूनतम पेंशन तय की गई है। हालांकि यह फायदा भी तभी मिलेगा जब कर्मचारी ने 10 साल की सेवा पूरी की हो। अगर किसी कर्मचारी ने 10 साल से पहले सेवा छोड़ दी, तो उसे पेंशन नहीं मिलेगी। UPS में कर्मचारियों का योगदान उनकी बेसिक सैलरी का 10% होगा, जबकि सरकार 18.5% योगदान करेगी। पुरानी पेंशन में कर्मचारी को कोई योगदान नहीं करना पड़ता और सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन सरकार द्वारा दी जाती है, जो लगभग अंतिम वेतन का 50% होती है। जारी अधिसूचना में यह स्पष्ट किया गया है कि जो कर्मचारी UPS का विकल्प चुनते हैं, वे किसी अन्य नीतिगत रियायत, बदलाव या वित्तीय लाभ का दावा नहीं कर सकेंगे। UPS के तहत कर्मचारियों के रिटायरमेंट फंड में दो हिस्से होंगे - एक व्यक्तिगत फंड, जिसमें कर्मचारी और सरकार का योगदान होगा, और दूसरा पूल फंड, जिसमें सरकार का अतिरिक्त योगदान होगा। प्रदीप ठाकुर का कहना है कि जब 1 अप्रैल 2004 को NPS लागू किया गया था, तब भी ऐसा ही प्रचार किया गया था, लेकिन जब कर्मचारी सेवानिवृत्त होने लगे, तो किसी को 500 तो किसी को 1500 रुपये पेंशन मिली। अब भविष्य में भी क्या मिलेगा, यह तो भविष्य के गर्भ में है, लेकिन यह तय है कि UPS में पुरानी पेंशन (OPS) जैसा लाभ नहीं मिलेगा। इसलिए कर्मचारी पुरानी पेंशन की बहाली की मांग करेंगे और NPS तथा UPS का विरोध जारी रखेंगे।
शिमला: प्रदेश के कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए महंगाई भत्ते (DA) और एरियर का इंतजार खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। पूर्ण राज्यत्व दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से बड़ी घोषणा की उम्मीद लगाए बैठे लाखों कर्मचारी और पेंशनर एक बार फिर मायूस हो गए।सरकार की ओर से इस मौके पर कई विकास कार्यों की घोषणाएं की गईं, लेकिन DA-एरियर पर कोई स्पष्ट ऐलान नहीं हुआ। इससे कर्मचारियों और पेंशनरों में निराशा बढ़ गई है। दरअसल, कर्मचारी और पेंशनर लंबे समय से बकाया DA और एरियर की मांग कर रहे हैं। महंगाई के इस दौर में DA का भुगतान उनकी सबसे बड़ी जरूरत बन गया है। सरकार ने इस मुद्दे पर अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है, जिससे लोगों में नाराजगी बढ़ रही है। मुख्यमंत्री सुक्खू ने वित्तीय स्थिति का हवाला देते हुए कहा था कि सरकार पहले से ही आर्थिक दबाव का सामना कर रही है। हालांकि, उन्होंने कर्मचारियों की मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया था। उधर, कर्मचारियों और पेंशनरों ने सरकार की खामोशी पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि हर साल घोषणाओं का दौर चलता है, लेकिन उनकी जायज मांगों को नजरअंदाज किया जा रहा है। अब ऐसे में DA-एरियर पर सरकार का कोई ठोस फैसला कब आएगा, यह तो वक्त ही बताएगा। अब कर्मचारी और पेंशनर्स गणतंत्र दिवस के दिन का इंतजार कर रहे है और उम्मीद लगाए बैठे है कि शायद कल सुक्खू सरकार कोई बड़ी घोषणा कर देंगे।
** प्रदेश के दो विश्वविद्यालय करेंगे भांग की खेती पर रिसर्च हिमाचल प्रदेश में भविष्य में भांग की खेती को कैबिनेट ने सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। अब इस पर पूरी तरह से अध्ययन किया जाएगा कि कैसे यह खेती की जाएगी। प्रदेश के दो विश्वविद्यालयों के विशेषज्ञ इस पर रिपोर्ट तैयार करेंगे, और उसी के आधार पर सरकार आगे कदम बढ़ाएगी। पहले इसे राज्य कर एवं आबकारी विभाग द्वारा अध्ययन किया जा रहा था, लेकिन अब कृषि विभाग को इसे लागू करने के लिए नोडल डिपार्टमेंट बना दिया गया है।इससे पहले, विधानसभा के मानसून सत्र में भांग की खेती से संबंधित सिफारिशें विधानसभा कमेटी ने दी थीं। अब, डा.वाईएस परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी और चौधरी सरवन कुमार कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के विशेषज्ञों को भांग की खेती पर पायलट अध्ययन करने का जिम्मा सौंपा गया है। इस अध्ययन की सिफारिशों पर कृषि विभाग भांग की खेती को आगे बढ़ाएगा। राज्य सरकार ने राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में एक समिति बनाई थी, जिसने इसके प्रारूप को तैयार किया और दूसरे राज्यों में अध्ययन किया। समिति की सिफारिशों के आधार पर, एनडीपीएस अधिनियम 1985 में संशोधन किया जाएगा ताकि औषधीय और औद्योगिक उद्देश्यों के लिए भांग की खेती को नियंत्रित वातावरण में वैध किया जा सके।सरकार का दावा है कि भांग की खेती से प्रदेश की आय में वृद्धि हो सकती है। इसके अलावा, मंत्रिमंडल ने राज्य कर एवं आबकारी विभाग के क्षेत्रीय कार्यालयों को 100 मोटरसाइकिलें प्रदान करने की मंजूरी दी है ताकि प्रवर्तन और औचक निरीक्षण सुनिश्चित किया जा सके।साथ ही, कुल्लू बस स्टैंड और पीज पैराग्लाइडिंग प्वाइंट के बीच रोप-वे स्थापित करने की मंजूरी भी दी गई है, जिससे क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
** ये स्कूल दो से सात किलोमीटर की दूरी वाले नजदीकी स्कूलों में मर्ज किए जाएंगे **प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने प्रस्ताव तैयार कर सरकार को भेज दिया हिमाचल प्रदेश में 10 से कम विद्यार्थियों वाले 316 मिडल स्कूलों को मर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इन स्कूलों में कुल 2,116 विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए 813 शिक्षक तैनात हैं। ये स्कूल नजदीकी, 2 से 7 किलोमीटर दूर स्थित अन्य स्कूलों में मर्ज किए जाएंगे। कई मिडल स्कूलों में तीन से पांच शिक्षक और तीन-तीन गैर-शिक्षक सेवाएं दे रहे हैं। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने इस प्रस्ताव को तैयार कर सरकार को भेज दिया है। पिछले वर्ष सरकार ने पांच विद्यार्थियों वाले मिडल स्कूलों को 2-3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित स्कूलों में मर्ज किया था। विभागीय अधिकारियों के अनुसार, नए शैक्षणिक सत्र से पहले इस बारे में निर्णय लिया जाएगा। निदेशालय द्वारा भेजे गए प्रस्ताव में मर्ज किए जाने वाले स्कूलों की नजदीकी दूरी और इससे जुड़ी समस्याओं का विस्तृत विवरण दिया गया है। शिमला जिले में कम विद्यार्थियों वाले सबसे अधिक मिडल स्कूल हैं, जहां 97 स्कूल हैं। इसके बाद कांगड़ा में 51 स्कूल हैं। प्रारंभिक शिक्षा निदेशक आशीष कोहली ने बताया कि सरकार के आदेश के अनुसार अंतिम निर्णय लिया जाएगा। लाहौल-स्पीति के केलांग क्षेत्र में एक स्कूल में तीन शिक्षक केवल एक बच्चे को पढ़ा रहे हैं। इसी तरह, उदयपुर, काजा, चंबा, बिलासपुर और कांगड़ा के कुछ स्कूलों में भी कम संख्या में विद्यार्थियों के लिए अधिक संख्या में शिक्षक नियुक्त हैं।
हिमाचल प्रदेश के पूर्ण राज्यत्व दिवस का राज्य स्तरीय समारोह शुक्रवार को बैजनाथ में आयोजित हुआ। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया और मार्च पास्ट की सलामी ली। इस परेड में राज्य पुलिस, जिला पुलिस, आईआरबी सकोह, ट्रैफिक पुलिस, एसएसबी सपड़ी, एनसीसी और भारत स्काउट्स एंड गाइड्स की टुकड़ियां शामिल हुईं। इसके बाद सीएम ने जनता को संबोधित करते हुए कई अहम घोषणाएं कीं। मुख्यमंत्री ने बैजनाथ में ऐलान किया कि सरकारी क्षेत्र में आने वाले समय में 25 हजार पद भरे जाएंगे। युवाओं को रोजगार से जोडऩा सरकार की प्राथमिकता है और इसी को ध्येय मान सरकार आगे बढ़ रही है। सीएम ने बताया कि अप्रैल से बीपीएल पात्रों के चयन के लिए सर्वे होगा और सत्यापन एसडीएम की जिम्मेदारी होगी। इसके साथ ही, आईजीएमसी शिमला में दो महीने में पेट स्कैन मशीन लगाई जाएगी। धर्मशाला में एक बड़ा कन्वेंशन सेंटर बनेगा और कांगड़ा एयरपोर्ट के विस्तार पर 3500 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। शिमला में 1600 करोड़ की लागत से दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा रोपवे बनेगा।सीएम ने बैजनाथ में विकास कार्यों के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं, जैसे चढ़ियार को तहसील बनाना, पपरोला-बैजनाथ के लिए पुल निर्माण, लोक निर्माण का नया मंडल खोलना, डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना और महल पट्टी में राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल बनाना। वहीं, सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए महंगाई भत्ते की घोषणा न होने पर उन्हें निराशा हुई। इस अवसर पर मंत्री विक्रमादित्य सिंह, आयुष मंत्री यादवेंद्र गोमा, पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर और अन्य मंत्री भी कार्यक्रम में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने बैजनाथ में 70.26 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का शिलान्यास और उद्घाटन किया, जिनमें एशिया का पहला पैराग्लाइडिंग स्कूल, पार्किंग सुविधाएं, विद्युत सब स्टेशन और नई सड़कें शामिल हैं।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू, उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह 27 जनवरी को मध्य प्रदेश के महू जाएंगे। महू से कांग्रेस संविधान बचाओ अभियान की शुरुआत करेगी। इस कार्यक्रम में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, नेता विपक्ष राहुल गांधी और पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी भी शामिल होंगे। इससे पहले मुख्यमंत्री सुक्खू 26 जनवरी को राजधानी शिमला में आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लेने के बाद मध्य प्रदेश के लिए रवाना होंगे। कांग्रेस 27 जनवरी को डॉ. भीमराव आंबेडकर की जन्मस्थली महू में एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित कर रही है, जिसमें पार्टी संविधान को बचाने और जागरूकता फैलाने का आह्वान करेगी। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के डॉ. आंबेडकर पर दिए गए बयान के विरोध में कांग्रेस देशभर में संविधान बचाओ यात्रा शुरू कर रही है। महू में आयोजित इस कार्यक्रम में कांग्रेस कार्यसमिति के सभी सदस्य, कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष, वरिष्ठ नेता और सांसद शामिल होंगे। इस यात्रा के दौरान कांग्रेस नेता जनता के बीच जाकर संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों के महत्व पर चर्चा करेंगे। इसके अलावा, मुख्यमंत्री सुक्खू 1 से 3 फरवरी तक दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार में भी भाग लेंगे। कांग्रेस इस यात्रा और अभियान के माध्यम से अपने विचारधारा और संविधान की रक्षा के लिए जनता को जागरूक करने का प्रयास कर रही है
हिमाचल प्रदेश में निर्मित 38 दवाएं मानकों पर खरी नहीं उतरी हैं। इनमें मधुमेह, माइग्रेन, उच्च रक्तचाप, पेट की गैस, संक्रमण और विटामिन डी-3 जैसी बीमारियों के इलाज में उपयोग होने वाली दवाएं शामिल हैं। खासतौर पर माइग्रेन की एक दवा, जो केवल सरकारी अस्पतालों में वितरित की जाती है, के दो बैच फेल पाए गए हैं। यह जानकारी केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) और राज्य औषधि नियंत्रक द्वारा दिसंबर 2024 में किए गए परीक्षण के बाद सामने आई है। जांच में सामने आए चिंताजनक आंकड़े देशभर में 135 दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं, जिनमें हिमाचल में बनीं 38 दवाएं शामिल हैं। यह खुलासा स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर बड़ा सवाल खड़ा करता है। दवाओं की सप्लाई पर रोक और कार्रवाई शुरू* राज्य दवा नियंत्रक मनीष कपूर ने बताया कि जिन दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं, उन कंपनियों को नोटिस जारी कर स्टॉक वापस मंगवाया जा रहा है। साथ ही, दोषी कंपनियों के लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। प्रमुख दवाएं जो मानकों पर खरी नहीं उतरीं: 1. डाइवैलप्रोएक्स (बायोडिल फार्मास्युटिकल, नालागढ़) 2. बीटाहिस्टाइन (सीएमजी बायोटेक, कांगड़ा) 3. ओकामैट (सिपला कंपनी, नालागढ़) 4. पेंटाप्राजोल (एडमैड फार्मा, बद्दी) 5. जिंक सल्फेट (ऑर्चिड मेडलाइफ, बद्दी) 6. अमोक्सीसिलिन (वेडएसपी फार्मास्युटिकल, झाड़माजरी) 7. सेफडॉक्साइन (नॉक्स फार्मास्युटिकल, बद्दी) 8. कैल्शियम कार्बोनेट (मेडोफार्मा कंपनी, बद्दी
हिमाचल में डाक विभाग अब दुर्गम और बर्फीले इलाकों में ड्रोन से चिट्ठी पहुंचाएगा। केंद्र सरकार के निर्देश पर विभाग ने अपर शिमला में ड्रोन से डाक पहुंचाने का ट्रायल शुरू किया है। उप डाकघर से शाखा डाकघरों तक पांच से दस मिनट में चिट्ठियां पहुंचाई जा रही हैं। जबकि पहले चिट्ठियां यहां तक पहुंचाने में पूरा दिन लग जाता था। ट्रायल सफल रहने के बाद विभाग केंद्र सरकार के निर्देश पर अन्य दुर्गम इलाकों में डाक पहुंचाने के लिए हाइटेक तकनीक का इस्तेमाल कर सकता है। डाक विभाग उप डाकघर हाटकोटी से सुबह 9 से 12 बजे के बीच शाखा डाकघर नंदपुर, कठासू, अंटी और झड़ग के लिए ड्रोन से डाक भिजवा रहा है। एक समय में सात किलो तक भार उठाने की क्षमता वाला ड्रोन पांच से दस मिनट में सात-आठ किलोमीटर दूर गांवों में डाक छोड़कर लौट रहा है। जिस शाखा में ड्रोन से डाक भेजी जाती है, वहां पर पहले से डाक कर्मी तैनात रहता है। दूर दराज के ग्रामीण क्षेत्रों में ड्रोन से डाक पहुंचाने का पूरा डाटा ऑनलाइन रखा जा है। ट्रायल के तौर ड्रोन से डाक पहुंचाने की अवधि 24 जनवरी को पूरी हो रही है। विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि ड्रोन ट्रायल के लिए एक निजी कपंनी के साथ समझौता किया गया है। सफल संचालन पर विभाग अन्य दुर्गम और पहाड़ी इलाकों में ड्रोन का उपयोग करेगा। इसका उद्देश्य प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट के माध्यम से ड्रोन के जरिये चिट्ठी पहुंचाना है। केंद्र इससे पहले गुजराज और अरुणाचल में भी ट्रायल कर चुका है। ट्रायल पूरा होने के बाद केंद्र सरकार अगला कदम उठाएगी।ड्रोन से डाक ट्रायल के तौर पर कुछ शाखा डाकघरों के लिए भेजी जा रही है। ड्रोन सेवा 12 नवंबर से 24 जनवरी तक चल रही है। निजी कंपनी की सहायता से यह काम किया जा रहा है। अंकुश, प्रभारी उप डाकघर हाटकोटी दुर्गम क्षेत्रों में ड्रोन से डाक भेजने का ट्रायल चल रहा है। यदि ट्रायल सफल रहा तो इस तकनीक को नियमित लागू किया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने दुर्घटना मामले में एक महत्त्वपूर्ण फैसला दिया है। मामले में छह महीने की देरी के बाद दायर की गई याचिका अब मान्य नहीं होगी। उच्च न्यायालय के न्यायाधीश बिपिन चंद्र नेगी की अदालत ने मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण चंबा की ओर से पारित 23 जुलाई 2024 के फैसले को निरस्त कर दिया। प्रतिवादियों की ओर से आवेदन देरी से करने को निचली अदालत ने माफ कर दिया था। कंपनी की ओर से निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी गई थी। बीमा कंपनी ने अदालत को बताया कि मुआवजे के दावे के लिए कोई आवेदन छह महीने के बाद स्वीकार नहीं किया जाएगा। अगर दावा दुर्घटना घटित होने के छह महीने के भीतर नहीं किया जाएगा तो वह धारा 166 (3) के नियमों के खिलाफ है। अदालत को बताया गया कि मोटर वाहन अधिनियम एक पूर्ण एवं आत्मनिर्भर अधिनियम है तथा इसकी धारा 166 (3) के अनुसार याचिका दायर करने में देरी को माफ करने का कोई प्रावधान नहीं है। मोटर वाहन अधिनियम 1988 में पहले प्रावधान था कि अगर आवेदन में देरी हो जाती थी, तब भी याचिका दायर की जाती थी, लेकिन 2019 में इसमें संशोधन किया गया। वर्ष 2022 से इसे लागू किया गया, जिसके बाद धारा 166 (3) के तहत दावेदार को केवल छह महीने के भीतर आवेदन दायर करना होगा। अगर उसके बाद दायर किया जाएगा तो मान्य नहीं होगा। निचली अदालत ने लिमिटेशन एक्ट की धारा 5 के तहत उत्तरदाताओं की याचिका को स्वीकार कर दिया था। अदालत ने एक जैसी प्रकृति के सभी मामलों का एक साथ निपटारा करते हुए यह आदेश दिए। ये मामले चंबा, सिरमौर, शिमला आदि के थे, जिसमें मृतकों के परिवार वालों ने देरी से याचिका दायर की गई। सभी मामलों में किसी की दुर्घटना अप्रैल, जून और सितंबर 2023 में हुई थी और सभी ने जून 2024 के बाद दावा किया। इनमें से एक मामला चंबा का है, जिसमें मृत व्यक्ति मोटरसाइकिल के पीछे वाली सीट पर बैठा था। हादसा तेज रफ्तार और लापरवाही की वजह से हुआ। बाइक सवार दोनों सतलुज नदी में गिर गए। घटना के छह महीने के बाद दावा किया गया। राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय घंडल (शिमला) की ओर से 8 जनवरी को दैनिक वेतन भोगी की नए सिरे से जारी किए गए भर्ती के विज्ञापन पर हिमाचल हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। न्यायाधीश बिपिन चंद्र नेगी की अदालत ने इसके आदेश जारी किए हैं। मामले की सुनवाई अब छह सप्ताह बाद होगी। दरअसल विश्वविद्यालय की ओर से 31 दिसंबर को विभिन्न श्रेणियों के तहत काम कर रहे 43 दैनिक वेतनभोगियों की मौखिक रूप से सेवाएं समाप्त का दी गईं थीं। बिना नोटिस दिए इन्हें निकाला गया। अब 8 जनवरी को विज्ञापन निकालकर यह भर्तियां माली, प्लंबर, स्वीपर, इलेक्ट्रीशियन और ड्राइवर के पदों के लिए निकाली गईं। इसी विज्ञापन पर हाईकोर्ट ने रोक लगाई है। इसके खिलाफ कुछ प्रभावितों ने हाईकोर्ट का रुख किया। उन्होंने अदालत को बताया कि उनकी 2022 से विश्वविद्यालय में सेवाएं ली जा रही हैं। इनकी सेवाएं वर्ष 2022 के बाद तीन-तीन महीने का सेवा विस्तार देते हुए विधि विश्वविद्यालय ने नियमित के बजाय पूर्ववत दैनिक भोगियों के पदों को भरने का विज्ञापन जारी किया है। अदालत में राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के अधिवक्ता ने कहा कि नई अधिसूचना के तहत भर्ती में पहले नियुक्त दैनिक वेतनभोगी भाग ले सकते हैं। वहीं, याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कहा कि एक दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी के स्थान पर दूसरे दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी को नियुक्त करना वैध है। जो विज्ञापन निकला, वह भी दैनिक वेतनभोगी के रूप में है।
हिमाचल में लोगों के सफर को आसान और आरामदायक बनाने के लिए अब सड़कों पर दौड़ रही खस्ताहाल बसों को हटाया जाएगा। इसके लिए HRTC अब 15 साल से पुरानी खटारा बसों को भी स्क्रैप कर रहा है, जिसको लेकर फील्ड से ऐसी बसों की रिपोर्ट मांगी गई है। नियमों के मुताबिक अभी 15 साल पुरानी बसों को ही स्क्रैप किया जा रहा है, लेकिन HRTC ने सड़कों पर हांफ रही 15 साल से पुरानी खस्ताहाल बसों को हटाने का फैसला लिया है, ताकि इन बसों को स्क्रैप करके इनकी जगह पर नई बसें चलाई जा सके। हिमाचल पथ परिवहन निगम के विभिन्न डिपो में बार बार रिपेयर करने के बाद कई बसें वर्कशॉप में खड़ी हैं। ऐसे में सड़कों पर हांफ चुकी इन बसों पर बार-बार रिपेयर करने में काफी खर्च होने के साथ समय भी बर्बाद हो रहा है। इसको देखते हुए ऐसी बसों को अब स्क्रैप किया जाएगा। वहीं, एचआरटीसी ने अभी तक 15 साल पुरानी बसों को स्क्रैप कर 5.91 करोड़ कमाए हैं। भारत सरकार के सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने जीएसआर 29 (ई) के तहत 16 जनवरी 2023 को पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा (आरवीएसएफ) के नियमों को लेकर संशोधन को लेकर अधिसूचना जारी थी। इस अधिसूचना के मुताबिक 31 मार्च 2023 तक 15 साल पूरे होने पर सरकारी वाहनों का पंजीकरण प्रमाणपत्र रद्द किया गया है। इसी तरह से सरकारी वाहनों के पंजीकरण के 15 साल पूरे होते ही अब खुद ही पंजीकरण प्रमाणपत्र रद्द समझा जाएगा। ये नियम 1 अप्रैल 2023 से लागू हो चुके हैं। पहले चरण में एचआरटीसी ने अक्टूबर 2023 में 15 साल आयु पूरी कर चुके 163 वाहनों को नीलाम किया था। इसमें 124 बसें और 26 लाइट व्हीकल शामिल थे। वहीं, एक क्रेन, 5 ट्रक, 6 टेंकर व एक प्रदर्शनी वैन को भी स्क्रैप के लिए नीलाम किया था। इसी तरह से नवंबर 2023 में 46 वाहन, फरवरी 2024 में 16 वाहनों की नीलामी की गई थी, जिससे HRTC को 2.84 करोड़ रुपए की आय हुई है। इसके बाद इसी महीने एचआरटीसी ने आरवीएसएफ के जरिए एमएसटीसी के स्क्रैपिंग पोर्टल पर 15 साल पूरे कर चुके 114 वाहनों को नीलाम किया है, जिसमें 101 बसें, 08 हल्के वाहन, 01 ट्रक, 01 प्रदर्शनी वैन और 03 ऑटो रिक्शा शामिल हैं। इनकी ई.नीलामी आयोजित की गई, जिनमें से 90 वाहनों की बिक्री हो गई है, जिससे एचआरटीसी को 1.55 करोड़ मिलेंगे। अब एचआरटीसी 15 साल से कम उम्र की खस्ताहाल बसों को स्क्रैप में देकर पैसा कमाएगा और इन बसों की रिप्लेसमेंट भी कर दी जाएगी। हिमाचल परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर का कहना है, 15 साल से पहले को खराब हो चुकी बसों को भी स्क्रैप में दिया जाएगा, जिसकी जगह नई बसों को सड़कों पर उतारा जाएगा।
पुलिस भर्ती: ग्राउंड टेस्ट के लिए मंडी, बिलासपुर, कुल्लू, हमीरपुर व लाहौल के युवा जान लें ये शेड्यूल
शिमला: आखिरकार हिमाचल में पुलिस भर्ती के ग्राउंड टेस्ट से जुड़ी अहम सूचना आ ही गई। पांच जिलों के युवाओं के लिए शेड्यूल तैयार हो गया ह। युवाओं के लिए ग्राउंड टेस्ट की तारीख व स्थान जारी कर दिया गया है। सेंट्रल रेंज मंडी की डीआईजी सौम्या सांबशिवन की तरफ से जारी किए गए शेड्यूल के अनुसार फरवरी महीने की छह तारीख से ग्राउंड टेस्ट आरंभ होंगें। उल्लेखनीय है कि इस बार हिमाचल प्रदेश में पुलिस कांस्टेबल की भर्ती नशे के खिलाफ कमांडो फोर्स के तौर पर हो रही है। कुल 1088 पद भरे जाने हैं. इसमें से पुरुष वर्ग में 708 पद व महिला वर्ग में 380 पदों की भर्ती होगी. लोक सेवा आयोग ने आवेदकों की फाइनल लिस्ट राज्य पुलिस को भेज दी थी। उसके बाद अब पांच जिलों के युवाओं के लिए ग्राउंड टेस्ट का शेड्यूल जारी किया गया है। सेंट्रल रेंज मंडी की डीआईजी ने ये शेड्यूल जारी किया है। डीआईजी सेंट्रल रेंज मंडी की तरफ से जारी किए गए शेड्यूल के अनुसार मंडी, बिलासपुर, हमीरपुर, कुल्लू व लाहौल स्पीति जिले का ग्राउंड टेस्ट निम्न तारीखों को होगा। 6 फरवरी से 12 मार्च के बीच ग्राउंड टेस्ट होगा। शेड्यूल के अनुसार हर रोज करीब 2 हजार युवक व युवतियों का ग्राउंड टेस्ट होगा। मंडी जिले के लिए पुलिस कांस्टेबल भर्ती का ग्राउंड टेस्ट पंडोह में थर्ड आईआरबी में होगा। ये टेस्ट मंडी जिले के लिए 6 फरवरी से 16 फरवरी तक चलेगा। अगले दिन यानी 17 फरवरी को परिणाम आएगा। बिलासपुर के लुहणू मैदान में बिलासपुर जिले के लिए ग्राउंड टेस्ट 20 से 24 फरवरी के दरम्यान होगा। यहां का परिणाम भी अगले दिन यानी 25 फरवरी को घोषित किया जाएगा। हमीरपुर जिले के लिए ग्राउंड टेस्ट अणु में होगा। ये ग्राउंड टेस्ट 28 फरवरी से 5 मार्च तक चलेगा। कुल्लू जिले का टेस्ट पुलिस लाइन कुल्लू में आयोजित किया जाएगा। ये टेस्ट 7 मार्च से 11 मार्च तक होगा। लाहौल-स्पीति जिले के आवेदकों का ग्राउंड टेस्ट भी कुल्लू में ही होगा। ये टेस्ट भी पुलिस लाइन कुल्लू में आयोजित किया जाएगा। इसकी तारीख 12 मार्च रहेगी। उल्लेखनीय है कि इस बार ग्राउंड टेस्ट में 100 मीटर की दौड़ भी शामिल की गई है। साथ ही युवाओं का डोप टेस्ट भी होगी। चूंकि ये भर्ती नशे के खिलाफ कमांडो फोर्स के रूप में हो रही है, लिहाजा ये सुनिश्चित किया जाएगा कि भर्ती होने वाले युवाओं को किसी तरह के नशे की लत न हो। ग्राउंड टेस्ट के बाद रिटन एग्जाम होगा। लोक सेवा आयोग के चेयरमैन कैप्टन रामेश्वर सिंह ठाकुर का कहना है। आवेदकों की लिस्ट समय पर पुलिस विभाग को दे दी गई थी। अब ग्राउंड टेस्ट पुलिस अपने स्तर पर करवाएगी।
हिमाचल के डिपुओं में पिछले कई महीनों सरसों का तेल गायब है। इसका सीधा असर प्रदेश के लाखों गरीब परिवारों की रसोई पर पड़ रहा है। छोटे पहाड़ी राज्य में सरसों का तेल काफी पसंद किया जाता है। इसलिए हर रसोई में तड़के के लिए अधिकतर सरसों का तेल प्रयोग होता है। ऐसे में रसोई पर महंगाई की मार न पड़े, इसके लिए प्रदेश सरकार राशन कार्ड धारकों को बाजार से सस्ते रेट पर सरसों का तेल उपलब्ध करा रही है, लेकिन तीन महीनों से उपभोक्ताओं को डिपुओं में अपना पसंदीदा तेल नहीं मिल रहा है। जिसका सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ रहा है। नए साल का जनवरी महीना बीतने को आ रहा है, लेकिन डिपुओं में अभी तक सरसों के तेल की खेप नहीं पहुंची है। इस महीने डिपुओं में सस्ते राशन के नाम पर उपभोक्ताओं को आटा, चावल, तीन दालें, चीनी और नमक मिल रहा है। वहीं, तीसरे महीने भी डिपुओं में सरसों तेल उपलब्ध न होने से लाखों परिवार अब बाजार से महंगे रेट पर खाद्य तेल खरीदने को मजबूर हैं। हिमाचल प्रदेश में उपभोक्ताओं को डिपुओं में पिछले साल नवंबर महीने से सरसों के तेल का कोटा नहीं मिल रहा है। ऐसे उपभोक्ताओं को जनवरी महीने में तीन महीने के तेल का कोटा एक साथ मिलने की उम्मीद थी, जिसके लिए 4 जनवरी को तेल का टेंडर भी खुल गया था, जिसके बाद तेल का रेट अप्रूव करने का मामला सरकार को भेजा गया है, लेकिन अभी तक सरकार ने रेट अप्रूवल को लेकर अपनी मंजूरी नहीं दी है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू इन दिनों लोअर हिमाचल के प्रवास पर हैं। उनका 26 जनवरी तक शिमला लौटने का कार्यक्रम है। ऐसे में अब मुख्यमंत्री के लौटने के बाद ही तेल के रेट के अप्रूवल को लेकर फैसला लिया जा सकता है। वहीं, अगर सरकार रेट को अप्रूव भी करती है तो हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के होल सेल गोदामों में तेल की सप्लाई पहुंचने में 8 से 10 दिनों का समय लग सकता है। ऐसे में अब उपभोक्ताओं को फरवरी में ही सरसों के तेल का कोटा मिलने की संभावना है।
हिमाचल में पंचायत चुनाव की आहट के साथ ही पंचायतों का पुनर्सीमांकन शुरू हो गया है। राज्य सरकार ने कई पंचायतों के क्षेत्रों को नगर निकायों और परिषदों में मिलाने का काम शुरू कर दिया है। क्षेत्रों को निकायों में शामिल किए जाने से जहां पंचायतों का दायरा घटेगा, वहीं नई घोषित निकायों का दायरा बढ़ेगा। सरकार का मानना है कि हिमाचल में नई पंचायतों का भी गठन भी किया जाना है। इसको लेकर प्रस्ताव मांगे गए हैं। अब तक सरकार के पास 600 आवेदन आ चुके हैं। राज्य सरकार ने नगर निकायों में पंचायत के क्षेत्रों को शामिल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। कुछेक क्षेत्रों के लिए जनता से आपत्ति और सुझाव भी मांगे गए हैं। कइयों की अधिसूचना भी जारी की जा चुकी है। हालांकि पंचायतों के क्षेत्रों को निकायों में शामिल किए जाने का विरोध भी हो रहा है। इसमें तर्क दिया जा रहा है कि अगर परिषद और निकायों में पंचायतों के क्षेत्रों को शामिल किया जाता है तो लोगों को हाउस समेत अन्य तरह के टैक्स देने पड़ेंगे। ऐसे में लोग पंचायतों में ही रहने की मांग कर रहे हैं। नगर परिषद पांवटा साहिब में ग्राम पंचायत बदरीपुर, नगर पंचायत कुनिहार में कुनिहार, हाटकोट और कोठी, नगर पंचायत शिलाई में ग्राम पंचायत शिलाई व बेला, नगर परिषद हमीरपुर में भरनांग, सराहकड़, अणु, बजूरी, बल्ह, बरोहा, बस्सी - झनियारा, बहोनी, दडूही, धलोट, डुग्गा, ख्याह लोहाखरियां, मतिटिहिरा और सासन पंचायत के क्षेत्र शामिल हैं। नगर पंचायत सुन्नी में घरियाणा, जूणी और शकरोड़ी को शामिल किया गया है। वर्तमान हिमाचल में 3615 पंचायतें हैं। इससे पहले दिसंबर में पंचायतों के नुमाइंदों का कार्यकाल पूरा होने जा रहा है। इसी साल कभी भी पंचायतों को चुनाव हो सकते हैं।
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय अपने संबद्ध निजी और सरकारी बीएड संस्थानों से बीएड का प्रशिक्षण ले रहे प्रशिक्षुओं को अपने ही परिसर में परीक्षा देने की सुविधा देगा। फरवरी से शुरू हो रही बीएड की परीक्षाओं में यह नई व्यवस्था शुरू की जा जाएगी। निजी बीएड कॉलेजों को अपने परिसर में परीक्षा केंद्र बनाने के लिए 50 हजार की फीस के साथ 27 जनवरी तक आवेदन करना होगा। विवि की इस नई व्यवस्था से इन 57 कॉलेजों से प्रशिक्षण ले रहे नए पुराने करीब 16 हजार प्रशिक्षुओं को राहत मिलेगी। लंबे समय से निजी कॉलेज और उनमें पढ़ने वाले प्रशिक्षु अपने परिसर में ही परीक्षा केंद्र बनाए जाने की मांग कर रहे थे। प्रशिक्षुओं का कहना था कि वे इतनी भारी भरकम फीस चुकाते हैं, बावजूद उन्हें अपनी परीक्षा देने के लिए अन्य कॉलेजों में जाना पड़ता है। इससे उन्हें परेशानी होती है। कॉलेजों और उनसे बीएड प्रशिक्षण ले रहे प्रशिक्षुओं की इस समस्या का विवि ने स्थायी समाधान कर दिया है। इस फैसले से विवि की भी परेशानी दूर हो गई है। विवि को राजधानी शिमला, कांगड़ा सहित अन्य जिलों के डिग्री कॉलेजों में परीक्षा केंद्र स्थापित करने में परेशानी पेश आती थी, कॉलेज इसकी अनुमति नहीं देते थे। अब निजी कॉलेजों में केंद्र बनाने में विवि कोई परेशानी नहीं आएगी। कॉलेजों को केंद्र बनाने के लिए अलग से दोगुनी फीस भी चुकानी होगी। अब तक विवि निजी कॉलेजों से 25 हजार फीस लेता था, जिसे विवि ने दोगुना कर दिया है। परिसर में परीक्षा केंद्र बनाए जाने की एवज में प्रशिक्षुओं से विवि कोई अलग से फीस नहीं लेगा, फीस को कॉलेजों को ही चुकाना होगा। विवि के परीक्षा नियंत्रक प्रो. श्याम लाल कौशल ने कहा कि प्रदेश भर में विवि से संबद्ध 57 बीएड कॉलेजों और उनमें पढ़ने वाले 16 हजार से अधिक परीक्षा देने वाले प्रशिक्षुओं को सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि फरवरी से शुरू होने बीएड की परीक्षाओं के लिए अब तक 50 फीसदी कॉलेजों ने परीक्षा केंद्र बनाने के लिए मांगी गई फीस भी चुका दी है, 27 तक अन्य कॉलेजों को समय दिया गया है। उन्होंने कहा कि निजी कॉलेजों में परीक्षा केंद्र स्थापित किए जाने पर परीक्षाएं विवि की सीधे निगरानी में की जाएंगी। इसके लिए अलग से स्टाफ मॉनिटर करने को लगाया जाएगा और उड़नदस्ते भी हर केंद्र पर नजर रखेंगे।
शिमला, सोलन और कांगड़ा में ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर स्थापित होंगे। केंद्र सरकार के सहयोग से प्रदेश में पीपीपी मोड पर यह केंद्र स्थापित किए जाएंगे। प्रत्येक केंद्र में सालाना दो हजार लोगों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ) के अवर सचिव मृत्युंजय कुमार की ओर से इसे लेकर प्रदेश सरकार को पत्र भेजा गया है। देश में लगातार बढ़ रहे सड़क हादसों पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर खोलने का निर्णय लिया है।15 वें वित्त आयोग के अधीन ड्राइविंग प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान (आईडीटीआरएस) क्षेत्रीय ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्र (आरडीटीसी) और ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्र (डीटीसी) की स्थापना के दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। यहां प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले अभ्यार्थियों को प्रमाणपत्र जारी करेंगे। जिनके पास ड्राइविंग सेंटरों से पास होने का प्रमाणपत्र होगा, उन्हें क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए ड्राइविंग टेस्ट देने की जरूरत नहीं होगी। ड्राइविंग लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटरों पर रिफ्रेशर कोर्स भी करवाए जाएंगे। केंद्र व राज्यों में सरकारी वाहनों के ड्राइवरों के लिए इन केंद्रों से प्रशिक्षण और प्रमाणपत्र लेना भी अनिवार्य करने का भी प्रस्ताव है। प्रदेश में ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर खोलने की प्रक्रिया चल रही है। इन केंद्रों पर प्रशिक्षण लेने वालों को प्रमाण पत्र मिलेंगे और उन्हें ड्राइविंग लाइसेंस बनाते समय ड्राइविंग टेस्ट नहीं देना पड़ेगा। तीनों जिलों में ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर के लिए जल्द ही स्थान चयनित कर लिए जाएंगे।
कर्मचारियों से जुड़े संशोधन विधेयक पर अब राजभवन फैसला लेगा। सोमवार को हिमाचल प्रदेश सरकारी कर्मचारी भर्ती एवं सेवा की शर्तें विधेयक राजभवन पहुंचा। सरकारी कर्मचारियों से जुड़े संशोधन विधेयक पर अब राजभवन फैसला लेगा। सोमवार को हिमाचल प्रदेश सरकारी कर्मचारी भर्ती एवं सेवा की शर्तें विधेयक राजभवन पहुंचा। सरकार ने इसे विधानसभा के शीत सत्र में पारित करवाया था। इस विधेयक के लागू होने के बाद प्रदेश में कर्मचारियों को अनुबंध सेवाकाल का वरिष्ठता और वित्तीय लाभ नहीं मिलेगा। जब यह कानून के रूप में लागू होगा तो साल 2003 से यह व्यवस्था लागू होगी। इस विधेयक को लाने के पीछे एक प्रमुख चिंता राज्य पर पड़ने वाला संभावित वित्तीय बोझ है। अनुबंध सेवाकाल का लाभ देने से कर्मचारियों को न केवल अतिरिक्त संसाधनों का भारी आवंटन करना पड़ेगा, बल्कि पिछले 21 वर्षों से अधिक समय से वरिष्ठता सूची में भी संशोधन करना होगा। नए प्रावधान से कानून बनने के बाद कर्मचारियों को ज्वाइनिंग की तारीख से वरिष्ठता और वित्तीय लाभ नहीं मिलेंगे। कर्मचारियों की वरिष्ठता उनके नियमित होने के बाद तय की जाएगी। अनुबंध सेवाकाल को इसमें नहीं जोड़ा जाएगा।
शिमला: बीते 24 घंटों के दौरान राज्य में अलग-अलग स्थानों पर हल्की बारिश और बर्फबारी देखी गई। बीते 24 घंटों के दौरान राज्य के कई क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान में कोई बड़ा परिवर्तन नहीं हुआ। 21 जनवरी को राज्य के ऊंचे पहाड़ी क्षेत्रों में और आसपास के माध्यम पहाड़ी क्षेत्रों में कुछ स्थानों में हल्की बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई है। मौसम विभाग ने 23 जनवरी तक प्रदेश में मौसम खराब रहने की संभावना जताई है। मौसम विभाग ने 23 जनवरी को प्रदेश के कुछ स्थानों पर शीत दिवस को लेकर अलर्ट जारी किया है। इस दौरान लोगों से सावधानी बरतने की अपील की गई है। मौसम विभाग ने शीत दिवस को लेकर येलो अलर्ट जारी किया है। 22 और 23 जनवरी को पूरे प्रदेश में मौसम खराब रहने की संभावना जताई गई है। इस दौरान प्रदेश के निचले पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश और मध्यम व ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग ने 24 जनवरी से मौसम साफ रहने की संभावना जताई है। इस दौरान पूरे प्रदेश में मौसम साफ रहेगा। 24 से 26 जनवरी तक प्रदेश में मौसम शुष्क रहेगा।
हिमाचल प्रदेश में मक्की के बाद अब प्रदेश सरकार प्राकृतिक खेती से तैयार गेहूं का आटा डिपुओं में बेचकर मुनाफा कमाएगी। इसके लिए प्राकृतिक खेती विंग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। पहले चरण में प्रदेशभर में किसानों से 805 मीट्रिक टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा गया है। यह खरीद केवल पंजीकृत किसानों से ही की जाएगी। इसके लिए प्राकृतिक खेती करने वाले प्रमाणित किसान चयनित किए जाएंगे। बाजार में आम तौर पर गेहूं के 25 से 30 रुपये प्रतिकिलो तक दाम मिलते हैं, लेकिन सरकार किसानों से 40 रुपये प्रतिकिलो के हिसाब से गेहूं खरीदेगी। इसमें भी मक्की के समान प्रति किसान से अधिकतम 20 क्विंटल तक गेहूं खरीदी जाएगी। इस विधि में किसान बिना रासायनिक कीटनाशकों और खादों का उपयोग किए जीवामृत, घनजीवामृत, नीमास्त्र और ब्रह्मास्त्र सहित अन्य जैविक घटकों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके तहत बिलासपुर जिले से 50 मीट्रिक टन, चंबा से 60, हमीरपुर से 40, कांगड़ा से 190, मंडी से 195, सिरमौर से 105, सोलन से 95 और ऊना से 70 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की जाएगी। शिमला और कुल्लू जिले से गेहूं की खरीद नहीं की जाएगी, यहां गेहूं की बिजाई कम होती है। किसानों से गेहूं खरीदने के बाद सरकार इससे तैयार आटे की भी ब्रांडिंग कर लोगों को दो और पांच किलो की पैकिंग में बेचेगी। सरकार किसानों से प्राकृतिक खेती से तैयार गेहूं 40 रुपये प्रतिकिलो के रेट से खरीदेगी। इसके लिए पंजीकृत किसानों का चयन किया जाएगा। प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के तहत प्राकृतिक खेती में रोजगार को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने यह पहल शुरू की है। खरीफ सीजन से पहले किसानों बागवानों को झटका लग गया है। हिमफेड की ओर से किसानों बागवानों को दी जाने वाल एनपीके 16-16-16 उर्वरक इस बार मंहगे दामों पर उपलब्ध होगी। पहले एनपीके 16-16-16 की 50 किलो की बोरी 1375 रुपये में मिलती थी। अब किसानों बागवनों को इसके 1450 रुपये चुकाने होंगे। इसकी अधिकतर मांग सेब बहुल क्षेत्रों में होती है। इसमें नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम के समान अनुपात होते हैं। हालांकि इस वर्ष से कैल्शियम नाइट्रेट प्लेन और बोरोनेटिड उर्वरक के दामों में गिरावट भी आई है। हिमफेड की ओर से प्रदेश भर में 84 स्टोर स्थापित किए गए हैं। इसमें सबसे ज्यादा 23 जिला शिमला में हैं।
दिल्ली-पंजाब-हरियाणा-यूपी को जाने वाली बसें होंगी कम हिमाचल प्रदेश से चंडीगढ़, दिल्ली व हरिद्वार को जाने वाली बसों का पहले चरण में युक्तिकरण होगा। इसकी फाइल तैयार कर ली गई है और एचआरटीसी ने इसका प्लान बना लिया है। आठ से दस रूटों को अभी फिलहाल चिन्हित किया गया है, जहां पर प्रदेश के अलग-अलग शहरों से एक जैसे समय पर बसों को भेजा जाता है। आगे जाकर यह बसें मिल जाती हैं और फिर इनकी सवारियां बंट जाती है। इसका नुकसान पथ परिवहन निगम को हो रहा है, जिसे अब एचआरटीसी प्रबंधन दुरुस्त करने की तैयारी में है। एचआरटीसी प्रबंधन ने इसका प्रारूप तैयार कर लिया है। इसकी शुरुआत बाहरी राज्यों यानी अंतर राज्यीय रूटों से की जाएगी। यदि यह प्रयोग सफल रहा, तो प्रदेश में प्रदेश के भीतर भी इसे लागू किया जाएगा। मुख्यमंत्री से इस मामले में एचआरटीसी की बातचीत हुई है और सीएम ने कहा है कि निगम को घाटे से उभारने के लिए ऐसे अलग और कड़े कदम उठाए जाने चाहिए। एचआरटीसी प्रबंधन ने इसका पूरा प्लान तैयार कर लिया है, जिसे अब निदेशक मंडल की बैठक में रखा जाएगा। बीओडी की मंजूरी मिलने के बाद इसे लागू कर दिया जाएगा। निगम प्रबंधन के मुताबिक प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों से दिल्ली, चंडीगढ़ व पंजाब इत्यादी के लिए जाने वाली बसों के रूटों की पूरी सूची तैयार की गई है। इसमें देखा जा रहा है कि ऐसे कितने जिले हैं जहां से एक ही समय में बसें चलती है। इन बसों को क्लब कर दिया जाएगा। धर्मशाला, पालमपुर, कांगड़ा से एक ही समय में दिल्ली के लिए कई बसें चलती हैं। इन बसों में सवारियों की संख्या कुल सीटों के मुकाबले आधी भी नहीं होती। अब इन बसों को क्लब कर एक ही बस चलाई जाएगी। वहीं दिल्ली, चंडीगढ़, हरिद्वार,अमृतसर, लुधियाना, पठानकोट व अंबाला सहित कई अन्य स्थानों को निगम की बसें निरंतर अंतराल में चल रही हैं। इसमें रूटों का परिवर्तन भी हो सकता है। पथ परिवहन निगम का कुल घाटा 1650 करोड़ है। इसको कैसे कम किया जा सकता है इस पर विस्तृत चर्चा की गई है। इससे पहले एचआरटीसी के 275 के करीब घाटे के रूट निजी आपरेटरों को देने का निर्णय लिया था। हालांकि अभी इनमें आधे से ज्यादा रूटों पर फैसला नहीं हो पाया है। वर्तमान में प्रदेश सरकार एचआरटीसी को 700 करोड़ रुपए का सालाना अनुदान दे रही है। एचआरटीसी में 27 श्रेणियों के लोगों को नि:शुल्क यात्रा दी जा रही है। एचआरटीसी के 31 डिपो और चार मंडल हैं। 3180 बसें हैं जो प्रतिदिन 5.60 लाख किलोमीटर की दूरी तय करती हैं। 2684 रूट पर निगम की बसें सेवाएं देती हैं। निगम की दैनिक आय 2.25 करोड़ रुपए है। एचआरटीसी के प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर ने बताया कि पहले चरण में प्रदेश से बाहर जाने वाली बसों का युक्तिकरण करने की तैयारी है। इसकी योजना बन चुकी है और अभी कुछ ऐसे रूट चिन्हित किए हैं, जहां के लिए अलग-अलग स्थानों से एक जैसे समय पर बसें जाती हैं। इनको क्लब किया जाएगा क्योंकि अभी लांग रूट की बसों में कमाई नहीं हो पा रही है। अपेक्षाकृत इनकम को सुनिश्चित करने के लिए इस तरह की नीतियों को अपनाया जा रहा है, लेकिन इससे आम जनता को परेशानी नहीं होगी।