शिमला: हिमाचल प्रदेश में प्राथमिक शिक्षकों का 43 दिनों से चला आ रहा क्रमिक अनशन आज शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर के साथ हुई सफल वार्ता के बाद समाप्त हो गया। सचिवालय में हुई बैठक में प्राथमिक शिक्षकों और सरकार के बीच 20 से 21 मुद्दों पर सहमति बनी, जिसके बाद शिक्षकों ने अपना आंदोलन वापस लेने का निर्णय लिया। बैठक के बाद शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने मीडिया को बताया कि सरकार ने प्राथमिक शिक्षकों की सभी जायज मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया है। उन्होंने बताया कि प्राथमिक और उच्च शिक्षा निदेशालय को एक ही रखने पर भी सहमति बन गई है। इसके अतिरिक्त, निलंबित किए गए शिक्षकों के मामलों पर सरकार पुनर्विचार करेगी और किसी भी शिक्षक की पदोन्नति बाधित नहीं होगी। हिमाचल प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष जगदीश शर्मा ने इस बैठक को "सौहार्दपूर्ण माहौल" में संपन्न हुई बताया। उन्होंने पुष्टि की कि लगभग सभी मांगों को पूरा करने का आश्वासन मिलने के बाद क्रमिक अनशन को खत्म करने का फैसला लिया गया है। शर्मा ने यह भी बताया कि प्राथमिक और उच्च शिक्षा का एक निदेशालय बनाने के संबंध में एक समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें प्राथमिक शिक्षक भी सदस्य होंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि निदेशालय का निदेशक एक ही होगा, लेकिन कमेटी की सिफारिशों के बिना अन्य संरचनात्मक बदलाव फिलहाल नहीं होंगे।
हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर मौसम करवट लेने वाला है। 11 जून को पश्चिमी विक्षोभ (वेस्टर्न डिस्टरबेंस) के फिर से सक्रिय होने की उम्मीद है, हालांकि इसका असर अगले 48 घंटों तक केवल अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ही देखने को मिलेगा। मौसम विभाग के अनुसार, आज से 10 जून तक प्रदेश में मौसम बारिश और बर्फबारी की कोई संभावना नहीं है, जिससे तापमान में 4 से 5 डिग्री सेल्सियस तक की बढ़ोतरी दर्ज की जा सकती है, खासकर मैदानी इलाकों में गर्मी का एहसास बढ़ेगा। वर्तमान में, प्रदेश के अधिकांश शहरों में तापमान सामान्य या सामान्य से कम चल रहा है, लेकिन पिछले दो दिनों में इसमें हल्का उछाल आया है। बीते 24 घंटों के दौरान प्रदेश के औसत अधिकतम तापमान में 2.5 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हुई है, फिर भी यह सामान्य से 1.4 डिग्री सेल्सियस कम है। इसका मुख्य कारण बीते डेढ़ सप्ताह के दौरान पहाड़ों पर हुई अच्छी बारिश है। मई के आखिरी सप्ताह और जून के पहले तीन दिनों में पहाड़ों पर अच्छी वर्षा हुई थी, जिसने तापमान को नियंत्रित रखा था।
शिमला पहाड़ों की रानी शिमला में एक दिल छू लेने वाली घटना सामने आई है, जहां हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की संवेदनशीलता के चलते अपने माता-पिता से बिछड़ा चार साल का एक बच्चा सुरक्षित रूप से परिवार से मिल पाया। यह घटना शुक्रवार देर रात मालरोड पर हुई। शुक्रवार रात करीब 9 बजे, राजस्थान से शिमला घूमने आया एक दंपती मालरोड पर अपने छोटे बेटे के साथ टहल रहा था। भीड़भाड़ में अचानक उनका चार साल का बेटा उनकी नज़रों से ओझल हो गया। माता-पिता बच्चे को ढूंढने के लिए मालरोड और रिज पर परेशान होकर भटकते रहे। इसी दौरान, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, महापौर सुरेंद्र चौहान और अन्य लोग ओक ओवर की ओर पैदल जा रहे थे। मुख्यमंत्री की नज़र मेट्रोपोल के पास सड़क पर अकेले रोते हुए एक बच्चे पर पड़ी। वह तुरंत रुक गए। उन्होंने बच्चे से रोने का कारण पूछा, लेकिन बच्चा कुछ भी नहीं बता पाया। आसपास के लोगों और अन्य पर्यटकों को भी उस बच्चे के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। बच्चे की हालत देखकर मुख्यमंत्री ने उसका हाथ पकड़ा और उसे अपने साथ लेकर चलने लगे। उन्होंने बच्चे को चॉकलेट दी और कहानी सुनाकर शांत करने की कोशिश की। बच्चा इतना डरा हुआ था कि उसकी तबीयत बिगड़ने लगी। मुख्यमंत्री ने तुरंत पुलिस को बच्चे के माता-पिता का पता लगाने के निर्देश दिए। उस समय तक पुलिस के पास भी बच्चे की गुमशुदगी की कोई शिकायत दर्ज नहीं हुई थी, जिससे बच्चे के अभिभावकों का पता लगाना मुश्किल हो रहा था। कुछ देर बाद, पुलिस को बच्चे के पिता नाज चौक के पास मिले, जो अपने बेटे को ढूंढते हुए बेहद परेशान थे। पुलिस ने उन्हें बताया कि उनका बच्चा सुरक्षित है। पिता ने बताया कि वे और उनकी पत्नी अपने बेटे के साथ मालरोड पर घूम रहे थे, तभी उनका बेटा अचानक गायब हो गया था। वे पिछले एक घंटे से बेटे की तलाश में भाग-दौड़ कर रहे थे। मुख्यमंत्री के पास अपने बेटे को सुरक्षित देखकर दंपति ने राहत की सांस ली। उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का हार्दिक आभार व्यक्त किया। महापौर सुरेंद्र चौहान ने पुष्टि की कि बच्चे को उसके माता-पिता को सुरक्षित सौंप दिया गया है। बताया जा रहा है कि यह सैलानी राजस्थान के रहने वाले हैं और वीकेंड पर छुट्टियां मनाने शिमला आए थे।
भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ आज दो दिवसीय दौरे पर शिमला पहुंच गए हैं। उनका स्वागत अनाडेल हेलीपैड पर किया गया, जहां से वे राजभवन के लिए रवाना हुए। पहले उनका गुरुवार को शिमला पहुंचने का कार्यक्रम था, लेकिन कुछ कारणों से इसमें बदलाव किया गया। उपराष्ट्रपति के आगमन के मद्देनजर, शिमला शहर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं और यातायात को नियंत्रित किया गया है। आज सुबह 11:00 बजे से दोपहर लगभग 12:00 बजे तक अनाडेल-विधानसभा (विस) और शिल्ली चौक-ओक ओवर मार्ग पर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से बंद कर दी गई थी। शहर की पुलिस ने आम लोगों से असुविधा से बचने के लिए वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करने की अपील की है। पुलिस ने यह भी चेतावनी दी है कि गलत तरीके से पार्क किए गए वाहनों को क्रेन के माध्यम से हटा दिया जाएगा। उपराष्ट्रपति के दौरे का मुख्य कार्यक्रम 7 जून को डॉ. वाईएस परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी में आयोजित होगा। यहां श्री धनखड़ एक संवाद कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहेंगे। उपराष्ट्रपति के दौरे को लेकर पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी है। डीएसपी ट्रैफिक संदीप शर्मा ने बताया कि सुरक्षा और यातायात प्रबंधन के लिए 300 से अधिक पुलिस जवानों को तैनात किया गया है, जिसके लिए अतिरिक्त पुलिस स्टाफ भी मंगवाया गया है। उन्होंने शहरवासियों से विशेष अपील की है कि वे उपरोक्त प्रतिबंधित मार्गों का बहुत जरूरी होने पर ही इस्तेमाल करें और यथासंभव वैकल्पिक मार्गों से आवाजाही करें। कुमार हाउस आने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों से भी अनुरोध किया गया है कि वे केवल अपनी गाड़ियां लेकर आएं जिनके पास कार्यालय में पार्किंग की सुविधा उपलब्ध है।
हिमाचल प्रदेश के 19.50 लाख राशनकार्ड धारक परिवारों को अब डिपुओं से रिफाइंड तेल लेने के लिए अपनी जेब ढीली करनी पड़ेगी। छह से आठ महीने के लंबे इंतजार के बाद मिलने जा रहा यह रिफाइंड तेल अब बीपीएल, एपीएल और एनएफएसए श्रेणी के उपभोक्ताओं को 134 प्रति लीटर और आयकरदाताओं को 144 प्रति लीटर के हिसाब से मिलेगा। पहले यह तेल क्रमशः 97 और 102 प्रति लीटर में उपलब्ध था। इसके अलावा इस बार डिपुओं में उपभोक्ताओं को चने की दाल भी नहीं मिलेगी, जबकि पहले दो किलो चने की दाल लेने का विकल्प दिया जाता था। यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब आम जनता पहले से ही बढ़ती महंगाई से जूझ रही है।खाद्य आपूर्ति निगम के प्रबंध निदेशक राजेश्वर गोयल ने बताया कि रिफाइंड तेल की कीमतों में यह बढ़ोतरी साढ़े 27 फीसदी कस्टम ड्यूटी लगने के कारण हुई है। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बाजार के मुकाबले डिपो में लोगों को रिफाइंड तेल अभी भी 10 से 12 प्रति लीटर कम दर पर मिलेगा।
शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने विमल नेगी मौत मामले में हिमाचल प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPPCL) के तत्कालीन प्रबंध निदेशक हरिकेश मीणा की जमानत याचिका और पुलिस अधीक्षक (SP) संजीव कुमार गांधी की लेटर्स पेटेंट अपील (LPA) पर सुनवाई की। हाईकोर्ट ने एसपी संजीव कुमार गांधी को आंशिक राहत प्रदान की है और उनकी LPA स्वीकार कर ली है। न्यायमूर्ति गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायमूर्ति रंजन शर्मा की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान यह स्पष्ट किया कि एसपी संजीव गांधी और एसआईटी के अन्य सदस्यों की व्यक्तिगत और पेशेवर प्रतिष्ठा को कोई नुकसान न पहुंचे, इसलिए इस पहलू पर उनकी अपील को स्वीकार किया गया है। मामले की अगली सुनवाई अब 14 जुलाई को होगी। हालांकि, पीठ ने यह भी कहा कि न्यायालय मामले की जांच सीबीआई को सौंपने के अपने मूल निर्णय में कोई दखल नहीं देगा, क्योंकि इससे निष्पक्ष और प्रभावी जांच सुनिश्चित होगी। इसका अर्थ है कि इस मामले में आगे की जांच सीबीआई ही जारी रखेगी। कोर्ट ने एसपी संजीव कुमार गांधी की LPA पर सचिव गृह और तत्कालीन डीजीपी को नोटिस जारी कर जवाब दायर करने के निर्देश दिए हैं।संजीव भूषण, एसपी के वकील ने इस संबंध में जानकारी दी। वहीं, विमल नेगी मौत मामले में HPPCL के तत्कालीन एमडी हरिकेश मीणा को भी 16 जून तक गिरफ्तारी से संरक्षण (अरेस्ट प्रोटेक्शन) मिल गई है। मामले को लेकर आज हुई सुनवाई में सीबीआई ने मीणा को जमानत न देने की अपील की थी। कोर्ट ने सीबीआई को इस मामले में पार्टी बनने के लिए याचिका दायर करने के निर्देश दिए हैं। मामले की अगली सुनवाई 16 जून को होगी, जिसमें सीबीआई अपनी दलील पेश करेगी।
कपिल गुप्ता/सुबाथू: आज 14 गोरखा प्रशिक्षण केंद्र (GTC) के ऐतिहासिक सलारिया स्टेडियम में एक भव्य पासिंग आउट परेड का आयोजन किया गया। जिसमें 158 अग्निवीरों के एक ऊर्जावान दल ने प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा कर भारतीय सेना में अपना स्थान बनाया। इन जांबाज अग्निवीरों ने भारतीय गणराज्य के प्रति अपनी निष्ठा की शपथ ली, जो उनके देश सेवा के संकल्प को दर्शाता है। इन अग्निवीरों ने 31 सप्ताह से अधिक का कठोर प्रशिक्षण प्राप्त किया है, जिसमें शारीरिक फिटनेस, बैटल क्राफ्ट, फील्ड क्राफ्ट, हथियारों के उपयोग और रणनीति के विभिन्न पहलुओं को गहराई से सीखा गया। यह कठोर प्रशिक्षण उन्हें भारतीय सेना की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करता है। अब ये अग्निवीर पहली और चौथी गोरखा राइफल्स की प्रसिद्ध गोरखा बटालियनों का हिस्सा बनेंगे। इन बटालियनों का 200 से अधिक वर्षों का वीरता और बलिदान का एक समृद्ध और गौरवशाली इतिहास है, जिसे ये युवा सैनिक आगे बढ़ाएंगे। परेड का निरीक्षण ब्रिगेडियर पुनीत शर्मा, कमांडेंट 14 गोरखा प्रशिक्षण केंद्र ने किया। अपने संबोधन में उन्होंने सभी रंगरूटों को राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा और भारतीय सेना के ध्वज को सदैव ऊंचा रखने के लिए प्रेरित किया। परेड के बाद उत्कृष्ट समन्वय के साथ मधुर पाइप बैंड का शानदार प्रदर्शन किया गया। समारोह का समापन एक उत्कृष्ट पीटी प्रदर्शन से हुआ, जिसने दर्शकों को इस आयोजन को और अधिक समय तक देखने के लिए उत्सुक कर दिया। लगभग 300 दर्शकों (सेवारत व्यक्तियों, पूर्व सैनिकों, भर्ती हुए सैनिकों के माता-पिता और रिश्तेदारों सहित) ने इस कार्यक्रम में भाग लिया।
हिमाचल प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में ओपीडी पर्ची के लिए 10 रुपये शुल्क लेने के फरमान पर सरकार ने यू-टर्न ले लिया है। पहले यह आदेश जारी किया गया था कि सभी सरकारी अस्पतालों में मरीजों से पर्ची बनाने के लिए 10 रुपये लिए जाएंगे। लेकिन, अब सरकार ने इस फैसले से पल्ला झाड़ते हुए कहा है कि यह सुझाव रोगी कल्याण समिति (RKS) की ओर से आया था और कैबिनेट सब कमेटी ने इस पर सहमति जताई थी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के ताजा बयान में ये कहा है कि सरकार ने इस संबंध में कोई निर्देश अस्पतालों पर थोपे नहीं हैं। यह निर्णय पूरी तरह से रोगी कल्याण समितियों पर छोड़ दिया गया है। समिति अपने स्तर पर यह तय करेगी कि पर्ची बनाने के लिए 10 रुपये लेने हैं या नहीं। अगर अस्पताल की सफाई और रखरखाव के लिए रोगी कल्याण समिति चाहे, तो शुल्क ले सकती है और अगर नहीं चाहती तो शुल्क न ले। सीएम सुक्खू के इस बयान के बाद जनता में असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है कि आखिर प्रदेश के किन-किन अस्पतालों में अब पर्ची बनाने के पैसे लगेंगे और किनमें नहीं। अब देखना ये होगा कि प्रदेश के किन अस्पतालों में रोगी कल्याण समिति शुल्क लेने का फैसला करती है और किन अस्पतालों में ये सुविधा अब भी मुफ्त मिलती है।
पांगी घाटी में ज़हरीला जंगली साग खाने से सात लोगों की तबीयत बिगड़ गई है। इस घटना में चार लोगों को किलाड़ अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहाँ उनकी हालत अब स्थिर है। वहीं, तीन लोग जंगली साग के असर में आकर जंगल में लापता हो गए हैं, जिनकी तलाश के लिए बड़े पैमाने पर सर्च अभियान चलाया जा रहा है। तीन दिन पहले धनाला के पास जंगल में वन निगम के ठेकेदार के मज़दूरों ने अनजाने में जंगली साग खा लिया था। साग खाने के बाद वे अजीबोगरीब हरकतें करने लगे और इधर-उधर भागने लगे। अन्य मज़दूरों ने किसी तरह चार लोगों को पकड़कर किलाड़ अस्पताल पहुंचाया। हालांकि, तीन लोग भागते हुए जंगल में गुम हो गए। ठेकेदार ने लापता लोगों की गुमशुदगी की रिपोर्ट पुर्थी पुलिस चौकी में दर्ज कराई है। लापता लोगों के परिजन चंबा से पांगी पहुंच गए हैं और उनकी तलाश कर रहे हैं, लेकिन अभी तक उनका कोई सुराग नहीं मिल पाया है। बताया जा रहा है कि यह घटना रविवार रात को हुई थी। अस्पताल में भर्ती लोगों की पहचान राजकुमार (गगल, भांदल), देसराज (सुधेल, चड़ी), जगदीश (घुटेल, भांदल) और प्रीतम सिंह (सुधेल, चड़ी) के रूप में वही लापता लोगों की पहचान नरेश राम (सुधेल, चड़ी), जर्म सिंह (बाड़का, रजेरा) और ज्ञान चंद (जांघी) के रूप में हुई है। कार्यकारी खंड चिकित्सा अधिकारी किलाड़, डॉ. विशाल शर्मा ने बताया कि बीमार लोगों के शरीर से ज़हर निकाल दिया गया है और उनकी हालत खतरे से बाहर है। किलाड़ थाना प्रभारी जोगिंदर सिंह जरयाल ने बताया कि पुलिस स्थानीय लोगों के साथ मिलकर लापता लोगों की तलाश में जुटी है।
अब हिमाचल के सरकारी अस्पताल में इलाज की पहली सीढ़ी भी 'मुफ़्त' नहीं रही । स्वास्थ्य सचिव की ओर से जारी एक नई अधिसूचना के अनुसार, अब ओपीडी पर्ची बनवाने के लिए हर मरीज़ को 10 रुपये का शुल्क देना होगा। ये निर्णय 5 जून से लागू हो जाएगा। यह राशि रोगी कल्याण समिति (RKS) द्वारा वसूली जाएगी। स्वास्थ्य विभाग ने यह फैसला कैबिनेट सब-कमेटी की सिफारिशों के आधार पर लिया है। अभी तक प्रदेश भर के सभी सरकारी अस्पतालों में यह सुविधा फ्री में मिलती थी, लेकिन अब इसका सीधा असर आम जनता की जेब पर पड़ेगा। इसी तरह जिन 14 कैटेगिरी के मरीजों के मुफ्त में एक्स-रे ओर टेस्ट होते थे उन्हें भी अब शुक्ल चुकाना होगा। वैसे प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं की हालत पहले से ही सवालों के घेरे में रही है। अब जब सरकार अस्पतालों में आने वाले मरीजों से शुल्क लेगी तो यह उम्मीद है कि बदले में उन्हें बेहतर सुविधाएं और सेवाएं भी मिलेंगी। हालांकि, इस फैसले को लेकर आम जनता में नाराजगी और चिंता का माहौल देखा जा रहा है। सरकार का कहना है कि यह फैसला रोगी कल्याण समिति (RKS) द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं को मजबूत और बेहतर बनाने के लिए लिया गया है। इन सेवाओं में अस्पतालों की स्वच्छता, स्वास्थ्य सुविधाएँ, बुनियादी ढाँचा और उपकरणों का रखरखाव शामिल है। अधिसूचना में यह भी बताया गया है कि अब RKS को आवश्यकता के आधार पर उपयोगकर्ता शुल्क लगाने का अधिकार दिया गया है।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने एक बहुत ही अहम फैसला सुनाया है, जिससे नौकरीपेशा महिलाओं को बड़ी राहत मिलेगी। कोर्ट ने साफ कहा है कि मातृत्व अवकाश (बच्चे के जन्म के लिए ली गई छुट्टी) के कारण किसी भी महिला कर्मचारी को ज्यादा वेतन या दूसरे फायदों से वंचित करना गलत और गैर-संवैधानिक है। एक महिला क्लर्क दो साल की अपनी नौकरी पूरी करने से पहले ही मातृत्व अवकाश पर चली गई थीं। नियमों के हिसाब से, दो साल पूरे होने पर उन्हें ज्यादा वेतन मिलना था। लेकिन, सरकार ने उन्हें इस छुट्टी पर होने की वजह से वो बढ़ा हुआ वेतन देने से मना कर दिया। महिला कर्मचारी ने सरकार के इसी फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर और न्यायाधीश रंजन शर्मा की बेंच ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि मातृत्व अवकाश कोई बीमारी या मनोरंजन की छुट्टी नहीं है। यह एक महिला के लिए अपनी प्राकृतिक जिम्मेदारी निभाने के लिए ली गई एक बहुत ज़रूरी छुट्टी है। कोर्ट ने यह भी साफ किया कि मातृत्व अवकाश की अवधि को कर्मचारी की नौकरी से बाहर नहीं माना जा सकता। इस दौरान भी महिला कर्मचारी को ड्यूटी पर ही माना जाएगा और उसे नौकरी से जुड़े सभी फायदे मिलेंगे। कोर्ट ने यह भी कहा कि कोई भी नियम ऐसा नहीं है जो ये कहता हो कि मातृत्व अवकाश पर रहने वाली महिला कर्मचारी को वेतन वृद्धि नहीं मिलेगी। हाईकोर्ट ने सरकार के 1 जुलाई 2019 के उस फैसले को रद्द कर दिया, जिसमें महिला को ज्यादा वेतनमान का फायदा नहीं दिया गया था। कोर्ट ने निर्देश दिया है कि महिला कर्मचारी को 12 मई 2019 से लेकर 15 जुलाई 2025 तक, बढ़ी हुई सैलरी और नौकरी के सभी फायदे, 6% प्रति वर्ष की ब्याज दर के साथ, दिए जाएं।
अब कॉलेजों में प्रवेश पाने वाले हर छात्र को नशा न करने का शपथ पत्र भरना अनिवार्य होगा। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (HPU) ने इस संबंध में 15 महत्वपूर्ण बिंदुओं वाला एक शपथ पत्र जारी किया है, जिस पर छात्र के साथ-साथ उनके अभिभावकों के हस्ताक्षर भी अनिवार्य होंगे। इस शपथ पत्र में छात्रों को यह कसम लेनी होगी कि वे किसी भी प्रकार के नशे का सेवन नहीं करेंगे, न ही नशे से संबंधित वस्तुओं को बेचेंगे या रखेंगे। इसके अतिरिक्त, छात्रों को कॉलेज में अनुशासन बनाए रखने, किसी भी प्रकार की हिंसा या अनुशासनहीनता में शामिल न होने, परिसर में सिगरेट, पान मसाला, गुटखा या अन्य नशीले पदार्थों का सेवन न करने, जुआ जैसी गतिविधियों से दूर रहने, परिसर में हथियार न लाने और कॉलेज की संपत्ति को नुकसान न पहुंचाने की भी शपथ लेनी होगी। यह शपथ पत्र रैगिंग जैसी गतिविधियों में शामिल न होने की भी घोषणा करता है, हालांकि, रैगिंग के लिए यूजीसी के दिशानिर्देशों के तहत एक अलग ऑनलाइन शपथ पत्र भी भरना होगा। शहर के संजौली और राजीव गांधी महाविद्यालयों सहित अन्य कॉलेजों ने अपने प्रोस्पेक्ट्स में इस शपथ पत्र को शामिल किया है, और यह हर नए व पुराने छात्र के लिए अनिवार्य होगा। संजौली कॉलेज की प्राचार्य डॉ. भारती भागड़ा और राजीव गांधी महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. गोपाल चौहान ने स्पष्ट किया है कि यह नियम राज्यपाल और विश्वविद्यालय के आदेशों के अनुसार लागू किया गया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि कोई छात्र इस शपथ पत्र में दी गई शर्तों का उल्लंघन करता पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कॉलेज नियमों के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह पहल छात्रों को एक स्वस्थ और अनुशासित शैक्षणिक वातावरण प्रदान करने में मदद करने के उद्देश्य से की गई है।
हिमाचल प्रदेश में कोरोना वायरस एक बार फिर दस्तक दे चुका है, जिसके बाद राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग हाई अलर्ट पर हैं। सिरमौर जिले के नाहन में 82 वर्षीय महिला में कोरोना संक्रमण की पुष्टि होने के बाद, स्वास्थ्य विभाग ने तत्काल प्रभाव से नई एडवाइजरी जारी कर दी है। इस एडवाइजरी में संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए कई महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। नई एडवाइजरी के तहत, अब सभी अस्पताल परिसरों में मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। सिर्फ मरीज ही नहीं, बल्कि उनके साथ आने वाले तीमारदारों को भी मास्क पहनना होगा। खास तौर पर बुजुर्गों, बच्चों और गंभीर बीमारियों से पीड़ित रोगियों को अनिवार्य रूप से मास्क पहनने की सलाह दी गई है। यह कदम अस्पतालों में संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए उठाया गया है, क्योंकि ये स्थान संवेदनशील होते हैं और यहां वायरस के फैलने की आशंका अधिक होती है। सार्वजनिक स्थानों पर एक बार फिर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने पर जोर दिया गया है। इसके अतिरिक्त, स्वास्थ्य विभाग ने बार-बार साबुन से हाथ धोने और सार्वजनिक स्थलों पर डोर-हैंडल, रेलिंग आदि को नियमित रूप से सैनिटाइज करने की सलाह दी है। ये उपाय कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। एडवाइजरी में यह भी कहा गया है कि खांसी, बुखार और जुकाम जैसे लक्षण दिखने पर तत्काल नजदीकी अस्पताल में जाकर जांच कराएं। शीघ्र जांच और उपचार से संक्रमण को शुरुआती चरण में ही नियंत्रित किया जा सकता है। नाहन में मामला सामने आने के बाद, स्वास्थ्य विभाग ने सभी अस्पतालों को अपनी तैयारियों को पुख्ता रखने के निर्देश दिए हैं। पिछले सप्ताह ही विभाग ने ऑक्सीजन प्लांट, टेस्टिंग किट और आईसीयू सुविधाओं को दुरुस्त रखने के लिए अलर्ट जारी किया था। यह दर्शाता है कि सरकार संभावित चुनौती से निपटने के लिए सक्रिय रूप से तैयार है। नाहन में कोरोना पॉजिटिव पाई गई 82 वर्षीय महिला ने अस्पताल में भर्ती होने से इनकार कर दिया। डॉक्टरों ने उन्हें जरूरी उपचार और दवाइयां देने के बाद घर भेज दिया है। महिला में कौन सा कोरोना वेरिएंट है, इसका पता लगाने के लिए जीनोम सीक्वेंसिंग सैंपल नेरचौक मंडी भेजा गया है, जिसकी रिपोर्ट का इंतजार है।
हिमाचल प्रदेश में अगले दो दिनों तक मौसम का मिजाज खराब ही रहने वाला है। मौसम विभाग ने प्रदेश के छह जिलों, चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, लाहौल-स्पीति और किन्नौर, के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से तेज हवाएं चलने का पूर्वानुमान है। मौसम विभाग के अनुसार, 5 जून तक प्रदेश के लगभग सभी जिलों में मौसम खराब ही रहेगा। बिगड़े मौसम के पूर्वानुमान को देखते हुए, स्थानीय लोगों के साथ-साथ पर्यटकों को भी भूस्खलन संभावित क्षेत्रों और नदी-नालों के आसपास न जाने की सलाह दी गई है। मौसम में आए बदलाव के कारण तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है। चंबा के अधिकतम तापमान में सबसे ज्यादा 15.9 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई है, जिससे वहां का अधिकतम तापमान 23.1 डिग्री सेल्सियस पर आ गया है। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि इस बार मानसून सीजन में भी हिमाचल में सामान्य से ज़्यादा बादल बरसेंगे। प्रदेश में जून से सितंबर के बीच आमतौर पर 734.4 मिलीमीटर बारिश होती है, लेकिन इस बार 109 प्रतिशत बारिश होने की संभावना है। मानसून से पहले भी पहाड़ों पर अच्छी बारिश हो रही है। माना जा रहा है कि इस बार मानसून 15 से 20 जून के बीच हिमाचल में दस्तक दे सकता है, जो बीते वर्ष के मुकाबले लगभग दस दिन पहले होगा।
सिक्किम में भूस्खलन की चपेट में आकर शहीद हुए हिमाचल प्रदेश के सपूत, लांसनायक मनीष ठाकुर (27) का आज उनके पैतृक गांव नाहन के बड़ाबन में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। मनीष की शहादत की खबर से पूरे सिरमौर जिले और प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई है शहीद मनीष ठाकुर का पार्थिव शरीर दोपहर 12 बजे तक हेलिकॉप्टर से चंडीगढ़ लाया जाएगा। इसके बाद, सड़क मार्ग से पार्थिव देह को नाहन लाया जाएगा, जहाँ कुछ देर के लिए इसे उनके पैतृक निवास पर अंतिम दर्शनों के लिए रखा जाएगा। मनीष ठाकुर 15 जनवरी 1998 को जन्मे थे और 15 सितंबर 2016 को सेना में सिपाही के तौर पर भर्ती हुए थे। मनीष की शादी मात्र तीन महीने पहले, 6 मार्च 2025 को ही हुई थी। शादी के बाद 10 अप्रैल को ही वह ड्यूटी पर लौटे थे। दुखद सूचना अभी तक उनकी पत्नी और मां को नहीं दी गई है। उन्हें यही बताया गया है कि मनीष भूस्खलन में घायल हुए हैं, जबकि पिता जोगिंदर सिंह को बेटे की शहादत के बारे में जानकारी दे दी गई है। मनीष अपने पीछे पत्नी, पिता जोगिंदर सिंह, मां किरण बाला और एक छोटा भाई छोड़ गए हैं। उनके पिता मजदूरी करते हैं। नाहन की सत्तीवाला पंचायत के प्रधान कमल शर्मा ने मनीष ठाकुर को एक बेहद मिलनसार व्यक्ति बताया। उन्होंने कहा कि जब भी मनीष घर आते थे, वे गांव के सभी लोगों से मिलते थे। कमल शर्मा ने यह भी बताया कि मनीष में शुरू से ही सेना में जाने का जुनून था और बारहवीं की पढ़ाई पूरी करते ही वह सेना में भर्ती हो गए थे। सैनिक कल्याण बोर्ड के डिप्टी डायरेक्टर रिटायर्ड मेजर दीपक धवन ने पुष्टि की कि मनीष ठाकुर सिक्किम के छत्ते गांव में थ्री-डोगरा यूनिट में सेवारत थे। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने लांसनायक मनीष ठाकुर की शहादत पर गहरा शोक व्यक्त किया है. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि मनीष ठाकुर के शहीद होने का समाचार बेहद दुखद है। ईश्वर से प्रार्थना है कि शहीद को अपने श्रीचरणों में स्थान दे और परिवार को यह दुख सहने की क्षमता प्रदान करें। गौरतलब है कि सिक्किम में रविवार शाम को भारी बारिश के बाद मिलिट्री कैंप पर भूस्खलन हो गया था। इस हादसे में तीन जवान शहीद हो गए, जिनमें हवलदार लखबिंदर सिंह, लांसनायक मनीष ठाकुर और पोर्टर अभिषेक लखाड़ा शामिल हैं। चार जवानों को मलबे से जिंदा निकाला गया है, जबकि छह जवान अभी भी लापता बताए जा रहे हैं, और उन्हें ढूंढने के लिए सर्च ऑपरेशन जारी है।
हिमाचल प्रदेश में उन स्कूलों को बंद करने और मर्ज करने की तैयारी है, जहाँ छात्रों की संख्या बेहद कम है। स्कूल शिक्षा निदेशालय ने दाखिले के आंकड़ों के आधार पर यह प्रस्ताव तैयार किया है, जिसे सरकार को मंजूरी के लिए भेजा गया है। प्रस्ताव के मुताबिक 103 स्कूलों में शून्य दाखिला पाया गया है। इनमें 72 प्राइमरी, 28 मिडल और 3 हाई स्कूल शामिल हैं। इन स्कूलों को स्थायी रूप से बंद किया जाएगा। 443 स्कूलों में छात्रों की संख्या 10 से कम है। इन्हें आसपास के बड़े स्कूलों में मर्ज किया जाएगा। इसके अलावा 203 प्राथमिक स्कूल ऐसे हैं जहां विद्यार्थियों की संख्या पांच या उससे कम है। इन स्कूलों को दो किमी के दायरे में आने वाले अन्य स्कूलों में मर्ज करना चाहिए। पांच से कम विद्यार्थियों की संख्या वाले 142 प्राइमरी स्कूल ऐसे हैं, जिनके दाे किलोमीटर के दायरे में अन्य स्कूल नहीं हैं। इन स्कूलों को तीन किमी की दूरी के स्कूलों में मर्ज करना होगा। 92 मिडल स्कूलों में दस या उससे कम विद्यार्थी हैं, इन्हें तीन किमी से अधिक दूरी वाले स्कूलों में मर्ज करने की सिफारिश की गई है। 20 बच्चों वाले सात उच्च स्कूलों को चार किमी के दायरे में मर्ज करने और पांच से दस बच्चों की संख्या वाले 39 उच्च स्कूलों का दर्जा कम कर मिडल बनाने का प्रस्ताव है। प्रस्ताव में विद्यार्थियों की कम संख्या वाले 73 उच्च और वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों का दर्जा कम करने की सिफारिश भी की गई है। एक वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल में विद्यार्थियों की संख्या 25 से कम है। इसे मर्ज करने का प्रस्ताव है। 10 बच्चों वाले 16 वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों का दर्जा कम कर उच्च स्कूल बनाने को कहा गया है। यहां पढ़ने वाले बच्चों को पांच किलोमीटर के दायरे में आने वाले स्कूलों में दाखिले दिलाए जाएंगे। 18 वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में पांच से कम विद्यार्थी मिले हैं। इन स्कूलों का दर्जा भी कम होगा। लड़के और लड़कियाें की कम संख्या वाले 78 स्कूलों को मर्ज कर सह शिक्षा स्कूल बनाया जाएगा। जिला और ब्लॉक स्तर पर 39 स्थानों में लड़के और लड़कियों के अलग-अलग स्कूल चल रहे हैं।
शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार ने शराब के 211 ठेकों को दोबारा नीलाम करने का फैसला लिया है। राज्य मंत्रिमंडल की हालिया बैठक में लिए गए निर्णय के बाद कर एवं आबकारी विभाग ने नीलामी प्रक्रिया की तैयारियाँ शुरू कर दी हैं। नीलामी की यह दूसरी कोशिश जून के पहले सप्ताह में शुरू की जाएगी। पिछली नीलामी के दौरान ठेके आवंटित न हो पाने का मुख्य कारण उनका उच्च बेस प्राइस बताया जा रहा है। करीब दो महीने बीत जाने के बाद भी प्रदेश के 2400 में से 211 शराब ठेके अभी भी खाली हैं। निगमों को जिम्मेदारी देने से पहले कारोबारियों को मिलेगा एक और मौका प्रदेश सरकार ने पहले निर्णय लिया था कि न बिक पाने वाली दुकानों का संचालन सरकारी निगमों और बोर्डों के माध्यम से करवाया जाएगा। हालांकि, नगर निगम शिमला समेत कई बोर्डों ने संचालन में असमर्थता जाहिर कर दी थी। ऐसे में सरकार ने तय किया है कि पहले इन दुकानों की दोबारा बोली लगाई जाएगी और इसके बाद भी यदि ठेके नहीं बिकते हैं तो केवल उन्हीं निगमों को संचालन सौंपा जाएगा जो इसके लिए तैयार हों। किन जिलों में होगी नीलामी नई नीलामी प्रक्रिया शिमला, कांगड़ा, बिलासपुर, कुल्लू और मंडी जिलों में की जाएगी। सरकार ने साफ कर दिया है कि शराब ठेकों के बेस प्राइस में कोई कटौती नहीं की जाएगी। यह स्पष्ट संकेत है कि सरकार राजस्व में कोई समझौता नहीं करना चाहती। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में अलग मॉडल वर्तमान में शहरी क्षेत्रों में नगर निकायों के माध्यम से शराब की बिक्री की जा रही है, जबकि ग्रामीण इलाकों में हिमफेड, एचपीएसआईडीसी, एचपी जीआईसी, सिविल सप्लाई और वन निगम जैसे संस्थानों को जिम्मेदारी दी गई है।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने हमीरपुर में वन मित्रों के साथ आयोजित ‘संवाद’ कार्यक्रम में बातचीत की और उनके प्रशिक्षण अनुभव बारे जानकारी हासिल की। धर्मशाला में नियुक्त वंशिका ने अपने प्रशिक्षण अनुभव के बारे में मुख्यमंत्री को बताया कि उन्हें पौधरोपण से लेकर वन्य प्राणियों के बारे में जानकारी प्रदान की गई। मुख्यमंत्री ने पूछा कि आपने ट्रेनिंग कहां ली? तो वंशिका ने कहा कि नगरोटा सूरियां में। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार देहरा में अंतर्राष्ट्रीय स्तर का चिड़ियाघर बना रही है, जहां वन्य प्राणियों को देखने के लिए देश-विदेश से पर्यटक आएंगे। शिमला की मुस्कान चौहान ने मुख्यमंत्री को बताया कि किताबों से कहीं ज्यादा वह फील्ड में सीख रही हैं। मुख्यमंत्री ने पूछा कि अब तक आपने क्या-क्या सीखा? मुस्कान ने कहा कि हमें पौधरोपण, नर्सरी प्रबंधन तथा वन संरक्षण बारे जानकारी मिली है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपकी बीट में जंगलों में आग लगती है, ख्याल रखना। परवाणु में तैनात वन मित्र दिव्यांशु सिंह ने कहा कि पहले वनों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी, लेकिन विभाग में आने के बाद वनों के महत्त्व बारे विस्तृत जानकारी प्राप्त हो रही है कि जंगल हमारे लिए क्यों जरूरी हैं? उन्होंने कहा कि सभी वन मित्र पूरे जोश से कार्य करेंगे और पौधरोपण करनेे के साथ-साथ जंगल बचाने का भी कार्य करेंगे। कुल्लू की आकांक्षा ठाकुर ने वन मित्रों की नियुक्ति के लिए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह पहला अवसर है जब वन विभाग में एक साथ 2061 नौकरियां प्रदान की। उन्होंने कहा कि वह डेढ़ महीने पहले ही विभाग में आए हैं और विभाग के काम को समझा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जो भी निर्देश देगी, उन्हें फील्ड में लागू करने के लिए समर्पण और निष्ठा से कार्य करेंगे।
वीरभूमि हिमाचल का एक और लाल बलिदान नाहन के मनीष ठाकुर ने देश सेवा में सर्वोच्च बलिदान दिया, सिक्किम में मिली शाहदत वीर भूमि हिमाचल प्रदेश का एक और वीर सपूत देश की रक्षा में बलिदान हो गया सिरमौर जिले के नाहन उपमंडल के बड़ाबन गांव का बेटा मनीष ठाकुर ने देश सेवा में सर्वोच्च बलिदान दिया। वर्तमान में मनीष ठाकुर सिक्किम में बतौर लांस नायक थ्री-डोगरा युनिट में अपनी सेवाएं दे रहे थे। 27 वर्षीय मनीष ने ड्यूटी निभाते हुए वीरगति हासिल की है। माना जा रहा है कि मनीष की जान भीषण बाढ़ या भूस्खलन जैसे कठिन परिस्थितियों के कारण हुई है। बताया जा रहा है मनीष सिक्किम के छत्ते गांव में ड्यूटी पर तैनात थे और रविवार शाम करीब 7.30 बजे एवलांच की चपेट में आ गए। उधर, मनीष की शहादत की खबर मिलते ही परिजनों में चीख-पुकार मच गई। मनीष की नविवाहिता बेसुध हो गई। जिन हाथों से अभी मेहंदी का रंग भी नहीं छूटा था, उसी सुहागन का सुहाग उजड़ गया। तीन महीने पहले ही शहीद मनीष की शादी हुई थी और अब शहादत की खबर आ गई। मनीष अपने पीछे पत्नी तनु, माता और पिता को छोड़ गए हैं। परिवार का रो-रो कर बुरा हाल है। फिलहाल शहीद मनीष की पार्थिव देह उनके घर नहीं पहुंची है। म मनीष की पार्थिव देह आज हेलिकॉप्टर से चंडीगढ़ तक लाई जा रही है। अगर मौसम बाधा नहीं बना तो शाम तक शहीद की पार्थिव देह उनके घर पहुंचने की उम्मीद है।
फोरलेन बलोह टोल प्लाज़ा पर स्पेशल टीम की बड़ी कार्रवाई नशे और हथियारों की तस्करी के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत जिला बिलासपुर की स्पेशल डिटेक्शन टीम को एक बड़ी सफलता हाथ लगी। टीम ने फोरलेन बलोह टोल प्लाज़ा पर नाका लगाकर एक कार से 1 किलो 63.7 ग्राम चरस और एक लोडेड पिस्टल बरामद की है। साथ ही चार युवकों को मौके से गिरफ्तार किया गया है। कार्रवाई के दौरान मंडी से आ रही हुंडई ऑरा टैक्सी (HR 63C 3033) को रोका गया। गाड़ी में सवार चार युवकों की तलाशी ली गई, तो टीम के होश उड़ गए। वाहन से भारी मात्रा में चरस और एक देशी लोडेड पिस्टल, जिसमें तीन जिंदा कारतूस भी थे, बरामद हुई। आरोपियों में दो चंडीगढ़ और दो पंचकूला के निवासी है। 1. विशाल पुत्र ओमप्रकाश, निवासी मकान नंबर 1421, रामदरबार फेज-2, चंडीगढ़ (उम्र 25 वर्ष) 2. अभय पुत्र अजय कुमार, पोस्ट ऑफिस राजीपुर, पंचकूला, हरियाणा (उम्र 18 वर्ष) 3. अभिषेक पुत्र अजय कुमार, राजीपुर, कालका, पंचकूला, हरियाणा (उम्र 20 वर्ष) 4. अमन पुत्र राकेश कुमार, मकान नंबर 1384, रामदरबार फेज-2, चंडीगढ़ (उम्र 22 वर्ष) हुई है। चारों आरोपियों के खिलाफ घुमारवीं थाना में एनडीपीएस और आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। इस बारे में जानकारी देते हुए डीएसपी बिलासपुर मदन धीमान ने बताया कि प्रारंभिक जांच में मामला संगठित नशा तस्करी और अवैध हथियार रखने का प्रतीत हो रहा है। सभी आरोपियों से पूछताछ की जा रही है और इस मामले में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
हिमाचल प्रदेश में आज और कल को मौसम खराब खराब बन रहेगा इस दौरान कई जिलों में भारी बारिश भी हो सकती है। मौसम विभाग केंद्र शिमला ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश, तेज़ हवाओं और गरज-चमक के साथ तूफान आने की संभावना जताई है। आज, सिरमौर, बिलासपुर और हमीरपुर को छोड़कर बाकी सभी जिलों में हल्की बारिश और तूफान का असर देखने को मिलेगा। इसके अलावा, मौसम विभाग ने चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, लाहौल स्पीति और किन्नौर जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में भारी बारिश के साथ 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से तेज़ हवाएँ चलने का अनुमान है। खराब मौसम के चलते तापमान में और गिरावट आएगी। राज्य के अधिकांश शहरों में पहले से ही तापमान सामान्य से कम चल रहा है, और अब इसमें 4-5 डिग्री सेल्सियस की और कमी आने की उम्मीद है।
नया गौ सदन खोलने पर दस लाख तक की सब्सिडी हिमाचल सरकार ने बेसहारा गौवंश की देखभाल और उनके कल्याण के लिए गौ सदनों में रखे गए पशुओं के मासिक चारा अनुदान को बढ़ाने का फैसला लिया है। गौसदन में पशु रखने पर अनुदान राशि को 700 रुपये से बढ़ाकर 1200 रुपये किया गया है। यानी सरकार ने एक महीने में प्रति पशु 500 रुपए की वृद्धि की है। चारा राशि बढ़ाने के इस फैसले से खेतों में बेसहारा घूमने वाले पशुओं को सहारा मिलेगा और फसलों को होने वाले नुकसान से भी बचाया जा सकेगा। गौ सदन खोलने के लिए सरकार दे रही इतना अनुदान हिमाचल प्रदेश सरकार गौ सदनों की स्थापना और विस्तार के लिए स्थानीय लोगों और संस्थाओं को आर्थिक सहायता भी प्रदान कर रही है। नए गौ सदनों की स्थापना के लिए सरकार लोगों को 10 लाख रुपये अथवा परियोजना लागत की 50 फीसदी राशि अनुदान के रूप में प्रदान कर रही है। इसी प्रकार गौ सदन के विस्तार के लिए 5 लाख अथवा परियोजना लागत का 50 फीसदी अनुदान भी दिया जाता है। सरकार पशुधन की सुरक्षा और किसानों के हितों को सर्वोपरि मानते हुए सक्रिय रूप से कार्य कर रही है। पशु खेतों में घुसकर खड़ी फसलों को भारी नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान होता है, जिससे किसान निराश हो कर खेती से विमुख होते जा रहे है। चारे के लिए बढ़ाया गया अनुदान गौसदनों की स्थिति में सुधार लाने और प्रदेश में बेसहारा पशुओं की समस्या को कम करने में मददगार साबित होगा। प्रदेश सरकार ने इन प्रयासों को मजबूती देने के लिए शराब पर उपकर बढ़ाकर 2.50 रुपये प्रति बोतल किया है, जिससे प्राप्त अतिरिक्त राजस्व को गौ सेवा के लिए उपयोग में लाया जा रहा है। - सुखविंद्र सिंह सुक्खू , मुख्यमंत्री, हिमाचल प्रदेश
शिमला: हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की लेखन और पठन क्षमता का आकलन करने और उसमें सुधार लाने के उद्देश्य से समग्र शिक्षा द्वारा लर्निंग एनहांसमेंट प्रोग्राम (एलईपी) टेस्ट का आयोजन किया जा रहा है। इस पहल के तहत छठी से 12वीं कक्षा तक के बच्चों का आईक्यू स्तर परखने के लिए प्रदेश भर में ओसीआर शीट पर टेस्ट लिए जा रहे हैं। इन टेस्ट के परिणामों के आधार पर बच्चों में पाई जाने वाली कमियों को दूर करने का प्रयास किया जाएगा। इसी कड़ी में, शिमला के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, लक्कड़ बाजार में भी छठी से लेकर 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों ने एलईपी टेस्ट में भाग लिया। स्कूल की प्रधानाचार्य डॉ. सुमन मच्छान ने बताया कि सरकारी स्कूलों में खराब परीक्षा परिणामों को बेहतर बनाने के लिए लर्निंग एनहांसमेंट प्रोग्राम शुरू किया गया है। उन्होंने जानकारी दी कि छठी से बारहवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों के गणित, अंग्रेजी और विज्ञान विषयों के टेस्ट करवाए जा रहे हैं।डॉ. मच्छान ने आगे बताया कि एलईपी के माध्यम से बच्चों की लिखने-पढ़ने की क्षमता को परखा जाएगा और जहाँ भी सुधार की आवश्यकता होगी, वहाँ आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक शनिवार को मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में शिमला में आयोजित की गई। बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए हैं। मंत्रिमंडल की बैठक में गृहरक्षकों के 700 नए पद सृजित कर भरने की मंजूरीदी गई है। इनकी तैनाती अस्पतालों और मेडिकल काॅलेजों में होगी। इसके अतिरिक्त कैबिनेट ने जिला परिषद काडर के करीब 200 अनुबंध पंचायत सचिवों की सेवाओं को नियमित करने का भी फैसला लिया है। अब इन्हें 12,000 की जगह 32,000 रुपये मासिक वेतन मिलेगा। कैबिनेट ने रेरा का कार्यालय शिमला से धर्मशाला शिफ्ट करने तथा बद्दी में नया शिक्षा खंड कार्यालय खोलने का भी निर्णय लिया है। साथ ही मंत्रिमंडल ने फैसला लिया है कि पंचायत चुनाव में इस बार आरक्षण रोस्टर नए सीरे से लागू होगा।
हिमाचल प्रदेश में दो दिनों तक मौसम खराब बना रहेगा। मौसम विभाग ने आज और कल भारी बारिश की आशंका जारी की है, जिसके चलते मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इस दौरान कांगड़ा, चंबा, मंडी, कुल्लू, सोलन, सिरमौर और शिमला जिलों में भारी बारिश होने की संभावना है। कुछ स्थानों पर 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं और ओलावृष्टि भी हो सकती है। मौजूदा समय में हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़, दिल्ली और उत्तर प्रदेश से बड़ी संख्या में पर्यटक गर्मी से बचने के लिए हिमाचल प्रदेश आ रहे हैं। ऐसे में पर्यटकों और स्थानीय निवासियों की सुरक्षा को देखते हुए विशेष एडवाइजरी जारी की गई है। मौसम विभाग ने लोगों को सलाह दी है कि वे नदी-नालों के आसपास, जलभराव वाले स्थानों और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में जाने से बचें और अपनी यात्रा की योजना बनाते समय मौसम का पूर्वानुमान अवश्य देखे।
हाईकोर्ट ने केवल सिंह पठानिया को भेजा नोटिस कुछ समय पहले हिमाचल हाईकोर्ट ने सुक्खू सरकार के CPS की नियुक्तियों को असंवैधानिक ठहराया था। इससे बाद सीपीएस की कुर्सियां चली गई औरप्रदेश कांग्रेस में एक सियासी असंतुलन उभर आया। अब उसी तरह डिप्टी चीफ व्हिप केवल सिंह पठानिया की कुर्सी भी संकट में आ गई है। दरअसल केवल सिंह पठानिया की नियुक्ति को भी कोर्ट में चैलेंज किया गया है और न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान और सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने दायर याचिका पर केवल सिंह पठानिया को नोटिस भी जारी कर दिया है। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ वकील रजनीश मनीकटाला ने दलील दी कि 2018 में कांग्रेस-भाजपा दोनों की सहमति से विधानसभा में जो कानून बना, जिसमें चीफ व्हिप और डिप्टी चीफ व्हिप को कैबिनेट दर्जा देने का प्रावधान था, वो न केवल गैरजरूरी था, बल्कि सीधे-सीधे संवैधानिक मूल्यों की अवहेलना थी। कहा गया कि जब प्रदेश पहले से 41 हजार करोड़ के कर्ज में डूबा था, तब ऐसे लाभकारी पदों का सृजन महज़ 'अपनों को समायोजित करने' का राजनीतिक स्टंट था। अब तो वो कर्ज 90 हज़ार करोड़ के पार पहुंच चुका है, लेकिन पद और फायदे कम होने की बजाय और भी बढ़ते जा रहे हैं। बता दें की अपने वफादारों को पद बांटने की प्रवृत्ति पुरानी है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही कोई न कोई रास्ता निकालकर ये करते आये है। प्रदेश की सुक्खू सरकार पर तो शुरू से ही अपनों को सेटल करने के चक्कर में पैसा लुटाने के आरोप लगते रहे है। खैर, अब देखना ये है कि क्या केवल सिंह पठानिया इस कानूनी चक्रव्यूह से बच निकलेंगे, या फिर हाईकोर्ट एक और 'राजनीतिक नियुक्ति' को असंवैधानिक करार देगा।
जांच रिकॉर्ड कब्जे में लेने की कवायद शुरू हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की मौत मामले की जांच के लिए सीबीआई की टीम शिमला पहुंच गई है। जांच अधिकारी ब्रजेंद्र प्रसाद सिंह की अगुवाई में सीबीआई से एक इंस्पेक्टर, एक स्टेनो व एक कांस्टेबल भी शिमला पहुंचे हैं। सीबीआई टीम केस से जुड़ा रिकॉर्ड कब्जे में लेने की कवायद में जुट गई है। इस मामले में 26 मई को सीबीआई ने नई दिल्ली स्थित विशेष अपराध शाखा में भारतीय न्याय संहिता का धाराओं 108 और 3(5) के तहत केस दर्ज किया था। इस एफआईआर में पावर कॉरपोरेशन के तत्कालीन निदेशक रहे देसराज और तत्कालीन एमडी हरीकेश मीणा को भी नामजद किया है। सीबीआई जांच पर सबकी निगाहें टिकी है। सीबीआई विमल नेगी के परिजनों सहित अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) ओंकार शर्मा, पुलिस महानिदेशक अतुल वर्मा, पुलिस अधीक्षक संजय गांधी और एसआईटी के सदस्यों से भी पूछताछ करेगी। इसके अलावा ओंकार शर्मा की ओर से हाईकोर्ट में दी गई रिपोर्ट में जिन अधिकारियों और कर्मचारियों के बयान है, उनके भी बयान दर्ज होंगे। पेन ड्राइव प्रकरण पर से भी पर्दा उठने का इन्तजार है। एएसआई पंकज ने पेन ड्राइव किसके कहने पर गायब किया, पेन ड्राइव क्यों फॉर्मेट किया गया, और इसके पीछे कौन है; ये सवाल बने हुए है। सीबीआई जल्द एएसआई पंकज से भी पूछताछ कर सकती है। विमल नेगी मामले की जांच करने वाली एसआईटी की रिपोर्ट पर कई सवाल उठे थे। खासतौर से पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार विमल नेगी की मृत्यु और उनके गायब होने के बीच दो से तीन दिन का फासला है। इस दरमियान विमल नेगी कहाँ थे, इस दिशा में एसआईटी ने काम नहीं किया। डीजीपी अतुल वर्मा की रिपोर्ट में विमल नेगी की डायरी का भी जिक्र है। उक्त डायरी में क्या जानकारी है, इस पर से भी पर्दा उठने का इन्तजार है। इस मामले में देशराज की भूमिका पर सवाल है। उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के बावजूद उसे गिरफ्तार नहीं किया गया। विमल नेगी के परिजनों ने भी इस पर खुलकर सवाल उठाये और पुलिस पर उसे संरक्षण देने का आरोप जड़ा। मंशा पर सवाल इसलिए भी उठे क्यों की हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत रद होने के बाद देशराज ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली, लेकिन सरकारी वकील ने उसका विरोध नहीं किया। क्या देशराज को बचाने की कोशिश की गई , इस पहलु से भी जांच होगी। ओंकार शर्मा की फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट में हिमाचल प्रदेश पावर कारपोरेशन के कई कर्मचारियों के ब्यान है जिन्होंने देशराज पर गंभीर आरोप लगाए है। इसमें उसके बर्ताव के अलावा एक निजी को सोलर पावर प्रोजेक्ट में गलत तरीके से लाभ देने का भी जिक्र है। सीबीआई उक्त सभी कर्मचारियों के ब्यान दर्ज कर, इस दिशा में भी जांच करेगी। पेखुबेला प्रोजेक्ट में वित्तीय लेने देने से संबंधित आशंका के चलते जांच में ED की एंट्री भी हो सकती है।
पेखूबेला सोलर प्रोजेक्ट में निजी कंपनी को अनुचित लाभ देने का जिक्र आखिर क्यों सरकार एसीएस से रिपोर्ट से नाखुश ? विमल नेगी मामले में कोर्ट में हुई किरकिरी के बाद प्रदेश सरकार ने तीनों सम्बन्धित अधिकारीयों को लम्बी छुट्टी पर भेज दिया। तीनों ने कोर्ट में अलग -अलग रिपोर्ट दी थी, जिसके बाद कोर्ट ने CBI जांच के आदेश दे दिए। इस पुरे प्रकरण में पुलिस की अंतर्कलह खुलकर सामने आई। SP शिमला बनाम DGP की जंग सबने देखी। प्रेस कांफ्रेंस करके एसपी ने अनुशासन की धज्जियां भी उड़ाई। ऐसे में दोनों पुलिस अधिकारीयों पर एक्शन तय माना जा रहा था। पर ओंकार शर्मा पर कार्रवाई क्यों हुई, इसे लेकर सवाल उठने लगे। आपको बताते है ऐसा क्या था ओंकार शर्मा की जांच में, जो संभवतः सरकार को रास न आया। 19 मार्च चीफ इंजीनियर विमल नेगी का शव शिमला लाया गया और परिजनों ने विरोध प्रदर्शन किया। तब सुक्खू सरकार ने स्वतंत्र प्रशासनिक जांच के लिए ओंकार शर्मा को नियुक्त किया। उन्हें 15 दिन में रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया था। आदेश अनुसार ओंकार शर्मा ने जांच की और रिपोर्ट सरकार को सौंपी। इस बीच विमल नेगी के परिवार ने जांच और पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाये और सीबीआई जांच को उनकी पत्नी किरण नेगी हाईकोर्ट में चली गई। मामले की जांच शुरू हुई तो हाईकोर्ट ने पुलिस की एसआईटी जांच पर तो रिपोर्ट मांगी ही, ओंकार शर्मा और डीजीपी को भी विस्तृत शपथ पत्र दाखिल करने को कहा। सुनवाई के दौरान सामने आया कि जहाँ डीजीपी ने एसआईटी जांच पर सवाल उठाये, वहीँ ओंकार शर्मा की रिपोर्ट भी सीबीआई जांच का बड़ा कारण बनी। इस रिपोर्ट में बिजली बोर्ड के एमडी हरिकेश मीणा, शिवम प्रताप सिंह और देशराज की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा गया कि इन्हीं के दबाव में विमल नेगी तनाव में थे। खासतौर से देशराज के बर्ताव को लेकर काफी कुछ लिखा गया है। साथ ही उन्होंने 220 करोड़ रुपये की पेखुबेला सोलर परियोजना की जांच की सिफारिश की, जिसमें विमल नेगी की भूमिका थी। कोर्ट के फैसले में इसका विस्तृत जिक्र है। विमल का चैम्बर दफ्तर की दूसरी मंजिल पर था और देशराज का पांचवी मंजिल पर। देशराज उन्हें बार-बार बुलाता था और घंटो खड़ा रखता था। विमल नेगी एक सीनियर अधिकारी थे लेकिन उन्हें बैठने तक को नहीं कहा जाता था। इसमें ये भी जिक्र है कि NIT हमीरपुर में कॉलेज के दिनों में विमल नेगी, देश राज के सीनियर थे। देश राज की भाषा और बुरे बर्ताव से पुरे दफ्तर का माहौल ख़राब था। ओंकार शर्मा की रिपोर्ट के अनुसार एक महिला अधिकारी ने भी देशराज पर प्रताड़ित करने के आरोप लगाए है। उस अधिकारी ने कहा है वो दफ्तर में सुबह नौ बजे से रात के दस बजे तक रहती थी। एक बार तो उसे रात ग्यारह बजे तक रुकने को कहा गया। अधिकारीयों के दबाव के चलते उसे एंग्जायटी की दवा तक लेनी पड़ी। आपातकाल स्थीति में एक दो दिन की कसुअल लीव लेने पर भी विमल नेगी को कारण बताओ नोटिस देने का भी जांच रिपोर्ट में जिक्र है। देशराज के खिलाफ कई कर्मचारियों ने आरोप लगाए है। यहाँ तक की विमल नेगी के ड्राइवर ने भी देशराज पर उन्हें टार्चर करने के आरोप लगाए है। प्रोजेएल इंफ़्रा इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड को पेखूबेला सोलर प्रोजेक्ट में कई अनुचित लाभ देने का इस रिपोर्ट में जिक्र है। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि प्रोजेक्ट की रेवेनुए प्रोजेक्शन रिपोर्ट में इजाफा करने का दबाव विमल नेगी पर डाला गया। मुख्यमंत्री ने ओंकार शर्मा की जांच की सराहना तो की लेकिन सवाल उठाया कि जिन अफसरों पर आरोप लगाए गए है उनका पक्ष इसमें नहीं है। निष्कर्ष पर निकलने के लिए उनका पक्ष भी जरूरी है। मुख्यमंत्री ने अपनी प्रेस कांफेरेंस में भी कहा कि उक्त अधिकारीयों को अपनी बात रखने का मौका मिलना चाहिए। दूसरी, आपत्ति ये मानी जा रही है कि एसीएस ने सीधे अपनी रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी। वहीँ सबसे बड़ी बात ये है कि इस रिपोर्ट में पेखूबेला सोलर प्रोजेक्ट पर सवाल है। विपक्ष को मुद्दा मिल गया। ऐसे में लाजमी है सरकार को ये रास नहीं आया। ओंकार शर्मा के समर्थन में खुलकर आ गई भाजपा आईएएस अधिकारी ओंकार शर्मा के समर्थन में भाजपा खुलकर आ गई है। कई बड़े नेता उन्हें छुट्टी पर भेजने के सुक्खू सरकार के फैसले पर सवाल उठा चुके है। भाजपा विधायक सुधीर शर्मा, विधायक बिक्रम ठाकुर और राज्यसभा सांसद हर्ष महाजन ने इस कार्रवाई की कड़ी आलोचना की है। इन नेताओं का कहना है कि एक ईमानदार और निष्पक्ष अफसर के साथ अन्याय हुआ है। सुधीर शर्मा ने कहा, "ओंकार शर्मा एक वरिष्ठ और अनुभवी अधिकारी हैं। उन्हें जो जांच सौंपी गई थी, उसे उन्होंने पूरी निष्ठा और ईमानदारी से अंजाम दिया। उनके खिलाफ की गई कार्रवाई न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है, बल्कि यह संदेश देती है कि अगर कोई अधिकारी निष्पक्षता से सच्चाई सामने लाएगा, तो उसे सज़ा भुगतनी पड़ेगी।" हर्ष महाजन ने इसे ‘ईमानदार हिमाचली अफसर की बर्खास्तगी’ बताया, जबकि बिक्रम ठाकुर ने भी इसी तरह की प्रतिक्रिया देते हुए सरकार के फैसले पर सवाल खड़े किए। इन नेताओं के बयानों से साफ़ है कि सत्तारूढ़ सुक्खू सरकार अब विपक्ष के सीधे निशाने पर है। सिर्फ राजनीतिक हलकों में ही नहीं, सोशल मीडिया पर भी ओंकार शर्मा को छुट्टी पर भेजे जाने पर प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है। बड़ी संख्या में लोग उन्हें ईमानदार और निर्भीक अफसर मानते हुए सवाल उठा रहे हैं।
देश में कोरोना वायरस के मामले फिर से तेजी से बढ़ने लगे हैं। वर्तमान में भारत में सक्रिय कोविड मरीजों की संख्या 1252 तक पहुंच गई है, जबकि अब तक कोविड-19 से कुल 13 मौतें दर्ज हो चुकी हैं। केरल में देश में सबसे अधिक 430 एक्टिव केस के साथ सबसे आगे है। महाराष्ट्र में 325 सक्रिय मामले, जिनमें से 316 मरीज मुंबई से हैं, महाराष्ट्र दूसरे स्थान पर है। उत्तर प्रदेश में यूपी का एक व्यक्ति चंडीगढ़ में कोविड से उपचार के दौरान मृत्यु हो गई। वह पंजाब के लुधियाना में कार्यरत था और सांस की समस्या के बाद चंडीगढ़ रेफर किया गया था। देश के विभिन्न राज्यों जैसे महाराष्ट्र, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और मध्यप्रदेश में कुल 11 मौतें हुई हैं। जयपुर में 26 मई को दो कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हुई। इनमें से एक मृतक रेलवे स्टेशन पर मिला था, जबकि दूसरा 26 वर्षीय युवक था, जिसे पहले से टीबी की बीमारी थी। ठाणे (महाराष्ट्र) में 21 मई को 21 वर्षीय युवक और हाल ही में एक महिला की कोरोना संक्रमण के कारण मौत हुई। बेंगलुरु में 17 मई को 84 वर्षीय बुजुर्ग की मल्टी-ऑर्गन फेल्योर से मृत्यु हुई, जिनकी कोविड रिपोर्ट बाद में पॉजिटिव आई। केरल में यहां भी दो कोविड संक्रमित मरीजों की मौत हुई है। ICMR के डायरेक्टर डॉ. राजीव बहल ने बताया कि दक्षिण और पश्चिम भारत से चार नए कोविड वैरिएंट्स LF.7, XFG, JN.1 और NB.1.8.1 मिले हैं। देश के अन्य हिस्सों से भी वैरिएंट्स की जांच जारी है ताकि नए प्रकार का पता चल सके। डॉक्टरों का कहना है कि फिलहाल इन वैरिएंट्स से गंभीरता की संभावना कम है, लेकिन सतर्क रहना आवश्यक है। उन्होंने जनता से सावधानी बरतने की अपील की है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) ने इन नए वैरिएंट्स को चिंता का विषय नहीं माना है, लेकिन इन्हें निगरानी में रखा गया है। चीन और अन्य एशियाई देशों में बढ़ते कोविड मामलों में भी यही वैरिएंट देखे गए हैं। भारत में JN.1 वैरिएंट सबसे अधिक पाया जा रहा है, जो आधे से ज्यादा टेस्ट सैंपल्स में मिला है। इसके बाद BA.2 और ओमिक्रॉन के सबलाइनेज के भी कई मामले सामने आए हैं।
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में देहरा पुलिस ने 20 वर्षीय युवक अभिषेक को भारत की अखंडता को खतरे में डालने के आरोप में शक के आधार पर गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उस पर भारतीय दंड संहिता की धारा 152 के तहत मामला दर्ज किया है। अभिषेक देहरा का रहने वाला है । पुलिस को एक गुप्त सूचना मिली थी, जिसके आधार पर अभिषेक को हिरासत में लिया गया। पूछताछ के दौरान उसके मोबाइल से संवेदनशील और आपत्तिजनक सामग्री मिली है। पुलिस ने मोबाइल से डिलीट हुई सामग्री को फोरेंसिक लैब में जांच के लिए भेजा है। एसपी मयंक चौधरी ने बताया कि कुछ दिनों से युवक पर नजर रखी जा रही थी, फिर बुधवार सुबह उसे गिरफ्तार किया गया। पुलिस का कहना है कि अभिषेक ने संवेदनशील सैन्य जानकारी और रणनीतिक स्थानों का विवरण खुफिया एजेंसी को दिया हो सकता है। यह जानकारी ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जुटाई गई थी। पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है कि क्या उसका किसी संदिग्ध संगठन से संबंध है। डीएसपी संजीव कुमार यादव ने कहा कि जांच पूरी होने तक कोई पुष्टि नहीं की जा सकती। उन्होंने लोगों से अफवाह फैलाने से बचने और प्रशासन का सहयोग करने की अपील की है।
पंजाब के दिवगंत पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला के पिता बलकौर सिंह ने 2027 में होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव में चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। मंगलवार को जिला कांग्रेस की ‘संविधान बचाओ रैली’ के बाद मीडिया से बातचीत में बलकौर सिंह ने कहा कि उनके बेटे को इंसाफ नहीं मिला है, इसलिए वे विधानसभा चुनाव में हिस्सा लेकर न्याय दिलाने की कोशिश करेंगे। बलकौर सिंह ने आम आदमी पार्टी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पंजाब में दिनदहाड़े सरेआम हत्याएं हो रही हैं, जिसमें उनके बेटे की हत्या भी शामिल है। उन्होंने कहा कि कई आरोपित आज भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। बलकौर सिंह ने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था बिगड़ती जा रही है और संविधान की सुरक्षा के लिए कदम उठाने की जरूरत है। बलकौर सिंह मानसा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे। साल 2022 में सिद्धू मूसेवाला ने भी इसी सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन आम आदमी पार्टी के विजय सिंगला से हार गए थे। सिद्धू मूसेवाला ने 2022 में पंजाब कांग्रेस जॉइन की थी, उस वक्त नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष थे।
पंचकूला: कर्ज के बोझ तले दबे एक ही परिवार के सात सदस्यों ने सोमवार रात शहर के सेक्टर-27 में जहर खाकर आत्महत्या कर ली। मृतकों में दो दंपती, तीन मासूम बच्चे (जिनकी उम्र 12 से 15 साल के बीच बताई जा रही है) और एक बुजुर्ग सदस्य शामिल हैं। यह दिल दहला देने वाली घटना देर रात सामने आई, जब पुलिस को एक कार में कुछ लोगों के आत्महत्या करने की सूचना मिली। पुलिस के अनुसार, रात करीब 11 बजे सूचना मिलने पर पुलिस मकान नंबर 1204 के बाहर खड़ी कार में पहुंची। कार में सवार छह लोगों को सेक्टर-26 के निजी अस्पताल और एक को सेक्टर-6 स्थित नागरिक अस्पताल ले जाया गया, लेकिन सभी को मृत घोषित कर दिया गया। मृतकों में से दो की पहचान प्रवीन मित्तल और उनके पिता देशराज मित्तल के रूप में हुई है। परिवार के अन्य सदस्यों की पहचान अभी नहीं हो पाई है। सूचना मिलने के बाद डीसीपी हिमाद्री कौशिक समेत अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। कार से एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें कारोबारी प्रवीन मित्तल ने कर्ज से परेशान होकर यह कदम उठाने की बात लिखी है। प्रवीन मित्तल ने कुछ समय पहले देहरादून में टूर एंड ट्रैवल का कारोबार शुरू किया था, जिसमें उन्हें भारी घाटा हुआ। इसी कारण परिवार कर्ज में डूब गया था और गुजारा करना भी मुश्किल हो गया था। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। देर रात तक पुलिस इस बात की जांच में जुटी रही कि परिवार कहां का रहने वाला है। हालांकि, गाड़ी देहरादून आरटीओ में रजिस्टर्ड है और आरसी के अनुसार उसके मालिक का नाम गंभीर सिंह नेगी है। पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह दबाव में की गई आत्महत्या का मामला प्रतीत हो रहा है। इस घटना से पूरे इलाके में मातम पसरा है और हर कोई सदमे में है। मृतकों के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए पंचकूला नागरिक अस्पताल के शव गृह में रखवा दिया गया है।
हिमाचल प्रदेश में मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने रविवार को आठ जिलों शिमला, सोलन, सिरमौर, मंडी, कुल्लू, चंबा, किन्नौर और लाहौल स्पीति में बारिश और अंधड़ के आसार जताए हैं। 28 मई तक इन क्षेत्रों में मौसम खराब रहने की संभावना है। मैदानी जिलों ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर और कांगड़ा में मौसम साफ रहेगा। वहीं रामपुर से सटे कुल्लू जिले के निरमंड ब्लॉक के जगातखाना में शनिवार शाम बादल फटने से नाले में बाढ़ आ गई। बाढ़ के साथ आए मलबे में सड़क किनारे खड़े करीब 15 वाहन बहकर सतलुज नदी में पहुंच गए। रामपुर उपमंडल में कई जगह ओलावृष्टि भी हुई। इससे सेब की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी ज्योति राणा ने बताया कि बादल फटने की घटना कुल्लू जिले के तहत हुई है। रामपुर में भारी बारिश के कारण तीन सड़कें अवरुद्ध हुई थीं। देर रात तक तीनों सड़कों को बहाल कर दिया था। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार, प्रदेश में 20 जून तक मानसून दस्तक दे सकता है। केरल में आठ दिन पहले मानसून पहुंचने से प्रदेश में भी इस वर्ष मानसून के सामान्य से पहले प्रवेश करने की संभावना है। हालांकि, आने वाले दिनों में मानसून की रफ्तार पर स्थिति निर्भर करेगी।
धर्मशाला में आज उत्तरी क्षेत्र के कृषि अधिकारियों की एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता कृषि एवं पशुपालन मंत्री प्रो. चंद्र कुमार चौधरी ने की। इस बैठक में कांगड़ा, मंडी, हमीरपुर, चंबा तथा ऊना जिलों के कृषि अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक को संबोधित करते हुए कृषि मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ किसानों के खेतों तक समयबद्ध रूप से पहुंचाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि हर किसान की जेब में एटीएम की तरह किसान क्रेडिट कार्ड होना चाहिए ताकि वे कम ब्याज दर पर ऋण सुविधा का लाभ उठा सकें। उन्होंने सभी पात्र अधिकारियों को भी अपने-अपने किसान केडिट कार्ड बनवाने को कहा । मंत्री ने कहा कि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों का पंजीकरण किया जाए, जिससे मुख्यमंत्री द्वारा निर्धारित लक्ष्य प्राप्त हो सके। उन्होंने भूमि की मैपिंग, कृषि योग्य भूमि की स्थिति का आकलन तथा विभिन्न फसलों के अनुरूप क्लस्टर आधारित खेती को बढ़ावा देने पर भी बल दिया। सिंचाई की सुविधा को दुरुस्त करने हेतु मंत्री ने अधिकारियों से कहा कि वे पुरानी कुहलों और सिंचाई स्रोतों का अध्ययन करें और भू-संरक्षण अधिकारी अगली बैठक में जल क्षमता वृद्धि और कार्य योजना प्रस्तुत करें। उन्होंने वर्षा जल संग्रहण प्रणाली तथा नलकूपों की स्थापना पर भी ज़ोर दिया। मंत्री ने निष्क्रिय पड़े कृषि फार्मों को सक्रिय कर उनमें एग्रो टूरिज्म और नवाचार आधारित गतिविधियां आरंभ करने की बात कही। उन्होंने यह भी कहा कि सभी फार्मों में सिंचाई की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए। साथ ही मिट्टी परीक्षण की महत्ता को रेखांकित करते हुए कृषि मंत्री ने अधिक से अधिक किसानों की भूमि का परीक्षण सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने सौर ऊर्जा आधारित सिंचाई योजनाओं को बढ़ावा देने की भी बात कही। बैठक में देहरादून में हाल ही में संपन्न रिमोट सेंसिंग प्रशिक्षण का भी उल्लेख हुआ, जिसके लिए अधिकारियों ने मंत्री का आभार व्यक्त किया। अतिरिक्त कृषि निदेशक डॉ. राहुल कटोच ने विभागीय योजनाओं की जानकारी दी और मंत्री को आश्वस्त किया कि उनके निर्देशों की अक्षरशः अनुपालना की जाएगी। कृषि उपनिदेशक डॉ. कुलदीप धीमान ने कृषि मंत्री व सभी अधिकारियों का धन्यवाद किया। बैठक में जाइका प्रोजेक्ट निदेशक, उपनिदेशक कृषि, विषय विशेषज्ञ, सॉयल टेस्टिंग अधिकारी तथा अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
शिमला: हिमाचल प्रदेश सरकार ने निजी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को बड़ी राहत दी है। अब प्राइवेट स्कूलों के बस पास के मासिक शुल्क में कटौती की गई है। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने आज इसकी घोषणा करते हुए बताया कि छात्रों को अब पहले से कम किराया देना होगा, जिससे अभिभावकों पर वित्तीय बोझ कम होगा। उपमुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि पहले बस पास किराए के दो स्लैब थे—0 से 5 किलोमीटर तक ₹1800 और 5 किलोमीटर से अधिक दूरी के लिए ₹2500। अब छात्रों को राहत देने के लिए तीन स्लैब बनाए गए हैं। पहले स्लैब के तहत दूरी को बढ़ाकर 0 से 6 किलोमीटर किया गया है और किराए को ₹600 घटाकर ₹1200 किया गया है। दूसरे स्लैब में 6 से 12 किलोमीटर की दूरी के लिए किराया ₹700 कम करके ₹1800 कर दिया गया है। तीसरे स्लैब में अब 12 किलोमीटर से अधिक दूरी के लिए बस पास किराया ₹2000 होगा। उपमुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि बहुत जल्द छात्रों के लिए बस पास की सुविधा ऑनलाइन उपलब्ध करवाई जाएगी, ताकि अभिभावकों को कार्यालयों के चक्कर न लगाने पड़ें। उन्होंने कहा कि हिमाचल रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (HRTC) जनकल्याण की भावना से सेवाएं दे रही है और यह निर्णय उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस मौके पर अभिभावकों ने उपमुख्यमंत्री का आभार जताया और इस फैसले की सराहना की। इस मौके पर HRTC के प्रबंध निदेशक डॉ. निपुण जिंदल, निगम के वरिष्ठ अधिकारी और बड़ी संख्या में प्राइवेट स्कूलों के छात्रों के अभिभावक उपस्थित रहे।
हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले की छोंज़िन एंगमो ने इतिहास रच दिया है। वह माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली भारत की पहली और दुनिया की पांचवीं नेत्रहीन महिला बन गई हैं। उन्होंने सबसे ऊंचे पर्वत पर तिरंगा फहराया। एंग्मो, हेलेन केलर को अपना आदर्श मानती हैं। उनकी यह असाधारण उपलब्धि अदम्य साहस और दृढ़ संकल्प की एक जीवंत मिसाल है। छोंजिन अंगमो के लिए एवरेस्ट पर चढ़ना बचपन का सपना था। उन्होंने बताया कि इस सपने को साकार करने के लिए उन्होंने कई दरवाज़े खटखटाए, लेकिन हर जगह निराशा ही मिली। हालांकि, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया उनके लिए उम्मीद की किरण बना और उनके इस सपने को पूरा करने में आर्थिक मदद की। वर्तमान में, अंगमो दिल्ली में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में ग्राहक सेवा सहयोगी के पद पर कार्यरत हैं। 2016 में, उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण संस्थान से प्रशिक्षण लिया और अपनी कड़ी मेहनत के लिए 'सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षु' का पुरस्कार भी जीता। यह उनकी पर्वतारोहण यात्रा का पहला महत्वपूर्ण कदम था। जिसने उनके भीतर छुपी अदम्य शक्ति को पहचान दिलाई। छोंजिन अंगमो का जीवन चुनौतियों से भरा रहा है। जब वह तीसरी कक्षा में थीं, तब आठ साल की उम्र में एक दवा से एलर्जी के कारण उनकी आंखों की रोशनी चली गई। लेकिन इस शारीरिक बाधा ने उनके जज्बे को कभी कम नहीं किया। उनके माता-पिता, अमर चंद और सोनम छोमो, ने 2006 में उन्हें लेह के महाबोधि स्कूल और दृष्टिबाधित बच्चों के छात्रावास में दाखिला दिलाया, जहां से उनकी शिक्षा और जीवन को एक नई दिशा मिली। चंडीगढ़ से 11वीं और 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह दिल्ली के प्रतिष्ठित मिरांडा हाउस कॉलेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। शिक्षा के साथ-साथ अपने पर्वतारोहण के जुनून को भी जारी रखा। उन्होंने लद्दाख की कई चोटियों पर चढ़ाई की और 2021 में, सशस्त्र बलों के दिग्गजों के समूह, टीम क्लॉ के नेतृत्व में सियाचिन ग्लेशियर में एक विशेष रूप से सक्षम व्यक्तियों के अभियान 'ऑपरेशन ब्लू फ्रीडम' का भी हिस्सा बनीं। 28 वर्षीय अंगमो पहले भी कई चुनौतीपूर्ण चोटियों को फतह कर चुकी हैं, जिनमें सियाचिन कुमार पोस्ट (15632 फीट) और लद्दाख की एक अज्ञात चोटी (19717 फीट) शामिल हैं। उनकी असाधारण उपलब्धियों को देखते हुए, 2024 में भारत के राष्ट्रपति ने उन्हें 'सर्वश्रेष्ठ दिव्यांगजन' के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया।
हिमाचल प्रदेश पुलिस में एक अभूतपूर्व आंतरिक कलह सामने आई है, जहां शिमला के पुलिस अधीक्षक (SP) संजीव गांधी ने सीधे पुलिस महानिदेशक (DGP) डॉ. अतुल वर्मा पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। इस टकराव ने राज्य के पुलिस विभाग के भीतर हड़कंप मचा दिया है और विभाग की छवि पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। यह विवाद मुख्य रूप से पावर कॉरपोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की मौत के मामले से जुड़ा है। हिमाचल हाईकोर्ट ने हाल ही में इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया है, जिसका एक आधार डीजीपी अतुल वर्मा द्वारा अदालत में दाखिल किया गया हलफनामा है। एसपी शिमला संजीव गांधी ने डीजीपी के इस हलफनामे को गैर जिम्मेदाराना बताते हुए इसकी कड़ी आलोचना की है। गांधी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि डीजीपी के हलफनामे में शिमला पुलिस की एसआईटी और उनकी (एसपी शिमला की) कार्यशैली पर भी सवाल उठाए गए हैं, जो कि निराधार हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि शिमला पुलिस ने विमल नेगी मौत मामले में पूरी ईमानदारी से जांच की है और उनका एकमात्र उद्देश्य विमल नेगी को न्याय दिलाना था। उन्होंने यह भी बताया कि अदालत का फैसला आने के बाद जांच का काम रोक दिया गया है। एसपी संजीव गांधी ने डीजीपी पर लगे आरोपों को और भी गंभीर बनाते हुए कहा कि शिमला पुलिस को कई शिकायतें मिली हैं, जिनमें डीजीपी के आचरण पर गंभीर प्रश्न उठाए गए हैं। गांधी ने चौंकाने वाला खुलासा करते हुए कहा कि डीजीपी के निजी स्टाफ का एक जवान नशा तस्करी में संलिप्त है और शिमला पुलिस इसकी जांच कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस जांच को प्रभावित करने के अनेक प्रयास किए गए हैं। संजीव गांधी के इस विस्फोटक बयान के बाद डीजीपी कार्यालय और एसपी कार्यालय अब खुले तौर पर आमने-सामने आ गए हैं। इस टकराव से पुलिस विभाग के भीतर गंभीर आंतरिक चुनौतियों का संकेत मिलता है, जिसका असर राज्य में कानून-व्यवस्था पर भी पड़ सकता है।एसपी संजीव गांधी ने यह भी घोषणा की कि शिमला पुलिस की पूरी एसआईटी हाईकोर्ट जाएगी और अदालत में पुनर्विचार याचिका दायर करेगी। इस याचिका में अदालत को उनकी अपनी जांच के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाएगी और बताया जाएगा कि उन्होंने किस प्रकार सभी पहलुओं पर जांच की है।
शिमला से दिल्ली पहुंचे मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित नीति आयोग की 10वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक में हिस्सा लेंगे। इस उच्चस्तरीय बैठक में देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री, उपराज्यपाल, केंद्रीय मंत्री, नीति आयोग के उपाध्यक्ष, सदस्यगण और सीईओ मौजूद रहेंगे।बैठक का मुख्य उद्देश्य यह सहमति बनाना है कि किस प्रकार राज्य 'विकसित भारत' के लक्ष्य को प्राप्त करने में आधारशिला बन सकते हैं। इस दौरान उद्यमिता को बढ़ावा देने, कौशल विकास और टिकाऊ रोजगार सृजन जैसे विषयों पर भी व्यापक चर्चा होगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू इस बैठक में हिमाचल प्रदेश से जुड़े कई महत्वपूर्ण और लंबित मुद्दों को उठा सकते हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) से हिमाचल प्रदेश के 4000 करोड़ रुपये के बकाया एरियर के भुगतान का मुद्दा उठाएंगे। यह राशि राज्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण है और इसके भुगतान से प्रदेश की वित्तीय स्थिति को मजबूती मिलेगी। केंद्र सरकार से रेवेन्यू डेफिसिट ग्रांट (राजस्व घाटा अनुदान) में वृद्धि की मांग कर सकते हैं। वही तुर्की से सेब आयात पर प्रतिबंध मुद्दा भी उठाएंगे। उन्होंने दिल्ली जाने से पहले ही इस संबंध में प्रधानमंत्री को पत्र लिख दिया था। मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत में बताया कि तुर्की से हर साल एक लाख मीट्रिक टन से अधिक सेब का आयात हो रहा है, जिससे हिमाचल का 5500 करोड़ रुपये का सेब उद्योग संकट में आ गया है। यह आयात हिमाचल के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड के सेब बागवानों के लिए भी बड़ी समस्या बन गया है, जिससे उनकी आजीविका प्रभावित हो रही है। मुख्यमंत्री सुक्खू पिछले तीन दिनों से दिल्ली में हैं और इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार से हिमाचल के लिए आर्थिक मदद लाने का प्रयास किया है। उन्होंने बीते कल और परसों पांच केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात कर हिमाचल के लिए लंबित कई महत्वपूर्ण मामलों को उठाया है। उसके बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के रविवार या सोमवार को शिमला लौटने की संभावना है।
कुर्सी है तुम्हारा ये जनाज़ा तो नहीं है कुछ कर नहीं सकते तो उतर क्यों नहीं जाते हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली से अशांत हुए शांता कुमार ने आज इन्हीं शब्दों में तल्ख टिप्पणी की है। इरतिज़ा निशात के इस तल्ख शेर का इस्तेमाल करते हुए शांता कुमार ने मौजूदा स्वास्थ्य व्यवस्था पर जोरदार प्रहार किया है। शांता ने अपनी सोशल मीडिया पर पोस्ट पर लिखा, 'सीमा की भी एक सीमा होती है।' उन्होंने विशेष तौर से टांडा अस्पताल का जिक्र किया है। पर स्वास्थ्य सेवाओं की बात करें तो अमूमन पुरे प्रदेश में हालत बदतर है। खुद स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल के गृह क्षेत्र में अव्यवस्था हावी है। शांता कुमार कई मसलों पर बीजेपी से इतर सुक्खू सरकार की तारीफ़ करते रहे है। कई मुद्दों पर उन्होंने खुलकर सीएम सुक्खू की सराहना की है। अब अगर वो ही शांता कुमार स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर इतनी तल्ख़ टिपण्णी कर रहे है , तो इसे गंभीरता से लेना चाहिए, सरकार को भी और स्वास्थ्य मंत्री को भी। एक किस्म से शांता कुमार ने इस पोस्ट के माध्यम से न सिर्फ व्यवस्था को आईना दिखाया है, बल्कि कुर्सी छोड़ने की नसीहत तक दे डाली है। इसमें कोई संशय नहीं है कि संसाधनों की कमी बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था के परिवर्तन में बाधा है। इसमें भी कोई संशय नहीं है कि पूर्व की सरकारों में भी कोई आला दर्जे की व्यवस्था नहीं रही है। किन्तु खामियाजा जनता क्यों भुगते और कब तक भुगते ? व्यवस्था को तो बदलना होगा, कुर्सी पर रहकर या कुर्सी से उतर कर। बिजली का बिल जमा न करवाने पर कटा सोलन के क्षेत्रीय अस्पताल की क्रस्ना लैब का कनेक्शन ! स्वास्थ्य मंत्री के गृह क्षेत्र के अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं का ये है हाल न बिजली है, न टेस्ट हो रहे है और न ही रिपोर्ट्स आ रही है.....स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का ये हाल है स्वास्थ्य मंत्री के अपने गृह क्षेत्र के सबसे बड़े अस्पताल यानी क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में। एक या दो दिन से नहीं बल्कि पूरे पांच दिनों से यहाँ पर आने वाले मरीजों को टेस्ट करवाने के लिए प्राइवेट लैब में जाना पड़ रहा है। कारण ये है कि क्रस्ना लैब ने फरवरी महीने का बिजली का बिल जमा नहीं करवाया, जिसके बाद बिजली बोर्ड ने इनका बिजली कनेक्शन काट दिया है। क्रस्ना लैब को लगभग एक लाख रुपए बिजली का बिल हो गया है। अब सवाल यह है कि जब क्रस्ना लैब ने बिल नहीं दिया, तो अस्पताल में आने वाले मरीज इसका खामियाजा क्यों भुगतें ? सवाल तो यह भी है कि इतने दिनों से स्वास्थ्य मंत्री के गृह जिले के अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाएं बेहाल पड़ी हैं, तो क्या उन्हें इसकी कोई खबर नहीं ? क्षेत्रीय अस्पताल सोलन के MS राकेश पवार ने कहा है कि हमने इसकी जानकारी मंत्री जी तक पंहुचा दी है। क्रस्ना लैब से बातचीत तो हो रही है लेकिन बीते दिनों से सिर्फ बिल जमा करने के वादे किये जा रहे है। यानी सीधा कहे तो उन्होंने भी इस लाचारी ही बताया है।
शिमला के संजौली में मस्जिद विवाद को लेकर एक बार फिर तनाव गहरा गया है। शुक्रवार को जुमे की नमाज के मद्देनजर संजौली शहर को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया। नवबहार, लड़कबाजार और ढली से आने वाले सभी रास्तों पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है, जिसमें 100 से अधिक जवान और क्विक रिएक्शन फोर्स की तीन गाड़ियां शामिल हैं। मस्जिद की ओर जाने वाले सभी रास्ते बंद कर दिए गए हैं, लेकिन पुलिस ने कुछ मुस्लिमों को जुमे की नमाज पढ़ने की इजाजत दी, जिस पर देव भूमि संघर्ष समिति ने कड़ा एतराज जताया है। देव भूमि संघर्ष समिति ने ऐलान किया था कि शिमला की संजौली मस्जिद में जुमे की नमाज नहीं पढ़ी जानी चाहिए, क्योंकि इसे अवैध घोषित किया गया है। बुधवार को समिति के सदस्यों ने सड़क पर हनुमान चालीसा पढ़ी थी और मस्जिद के पास अपने "गण के स्थान" पर पूजा-अर्चना करने की बात कही थी। समिति का आरोप है कि विवादित मस्जिद का बिजली और पानी अभी तक क्यों नहीं काटा गया है, और उन्होंने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए हैं। स्थिति उस समय और तनावपूर्ण हो गई जब मुस्लिम समुदाय के लोग नमाज अदा करने मस्जिद की ओर जा रहे थे, जिन्हें पुलिस ने पहले रोका और पूछताछ के बाद जाने की अनुमति दी। इसी दौरान देवभूमि संघर्ष समिति के सदस्यों ने मौके पर पहुंचकर विरोध स्वरूप हनुमान चालीसा का पाठ शुरू कर दिया। समिति के सह-संयोजक मनोज ठाकुर और विजय शर्मा ने पुलिस प्रशासन पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें हनुमान चालीसा पढ़ने से रोका गया, जबकि मुस्लिमों को "विवादित मस्जिद" में नमाज अदा करने की अनुमति दी गई। समिति ने चेतावनी दी है कि यदि ऐसा दोबारा हुआ तो वे लाठी-डंडों के साथ विरोध करेंगे, और आगे की रणनीति तय करने के लिए आज शाम करीब 4:00 बजे एक बैठक आयोजित की जाएगी। समिति ने स्पष्ट किया है कि यदि मुस्लिम समुदाय मस्जिद में नमाज अदा करता है, तो वे इसके विरोध में एक बड़ा आंदोलन छेड़ेंगे।
भाजपा की 'तिरंगा यात्रा' के बाद अब कांग्रेस देश भर में 'जय हिंद सभा' आयोजित कर रही है। इस अभियान की महत्वपूर्ण कड़ी 30 मई को शिमला के होटल पीटरहॉफ में सभा होने वाली है। इसमें मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह और अन्य कैबिनेट मंत्री व विधायक शिरकत करेंगे। यह अभियान 24 से 31 मई तक देश के 16 प्रमुख शहरों में चलेगा जिसका लक्ष्य भारतीय सेना के शौर्य, बलिदान और सम्मान को जन-जन तक पहुंचाना है। सीएम सुक्खू के मीडिया सलाहकार नरेश चहुआन ने बताया कि इस जय हिंद सभा का मकसद सेना के प्रति सम्मान व्यक्त करना है इसी के साथ केंद्र सरकार से सुरक्षा चूक और हालिया आतंकवादी घटनाओं पर जवाबदेही मांगना भी है। इस आयोजन में केवल राजनीतिक व्यक्ति ही नहीं, बल्कि सेना के पूर्व अधिकारी, राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता, सामाजिक कार्यकर्ता और युवा नेता भी शामिल होंगे।
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहाँ एक महिला ने करीब 15 साल तक फर्जी दस्तावेजों के आधार पर शिक्षक की नौकरी कर ली। इस बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश होने के बाद शिक्षा विभाग ने आखिरकार उस शिक्षिका को बर्खास्त कर दिया है। यह पूरा मामला तब सामने आया जब राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो और शिक्षा विभाग को महिला के खिलाफ शिकायत मिली। प्रारंभिक शिक्षा विभाग में वर्ष 2006 में एक योजना के तहत शिक्षकों की भर्ती हुई थी। वर्ष 2020 में, जब इस योजना के तहत कार्यरत शिक्षकों को नियमित किया जा रहा था, तब महिला के दस्तावेजों पर संदेह गहराया। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि इस धोखाधड़ी का खुलासा खुद महिला के ही परिवार के एक सदस्य ने शिकायत दर्ज कराकर किया। शिकायत के बाद विभाग ने जांच शुरू की, जिससे महिला पर दबाव बढ़ने लगा। दबाव में आकर महिला ने वर्ष 2021 में अपनी नौकरी से त्यागपत्र दे दिया, लेकिन विभागीय जांच जारी रही। बीते 20 मई को जांच पूरी हुई और सभी आरोप सही साबित हुए। महिला ने अपना गुनाह भी कबूल कर लिया, जिसके बाद प्रारंभिक शिक्षा विभाग ने उसे तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया। प्रारंभिक शिक्षा विभाग के उपनिदेशक ने इस बात की पुष्टि की है कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी हासिल करने वाले शिक्षक को बर्खास्त कर दिया गया है।
चंबा जिले के चुराह क्षेत्र से रिश्तों को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है, जहाँ एक नाबालिग लड़की ने अपने रिश्ते के दादा पर दुष्कर्म का गंभीर आरोप लगाया है। इस घटना का खुलासा तब हुआ जब पेट दर्द की शिकायत के साथ तीसा अस्पताल पहुंची पीड़िता की जाँच में वह गर्भवती पाई गई। चिकित्सकों द्वारा सूचना मिलने के बाद, तीसा पुलिस तत्काल अस्पताल पहुँची और पीड़िता से पूछताछ की। पुलिस के सामने ही नाबालिग ने बताया कि उसके रिश्ते के दादा ने उसके साथ यह जघन्य कृत्य किया है। बताया जा रहा है कि आरोपी के घर में कोई अन्य सदस्य नहीं होने के कारण पीड़िता उसकी मदद के लिए खाना बनाने गई थी, तभी घर में अकेले पाकर उसने इस वारदात को अंजाम दिया। लोक-लाज के डर से पीड़िता ने किसी को कुछ नहीं बताया था। पुलिस ने पीड़िता का मेडिकल परीक्षण करवाया और तुरंत आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी को कोर्ट में पेश किया गया, जहाँ से उसे 14 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। इस दौरान पुलिस आरोपी से गहन पूछताछ कर रही है। अधीक्षक पुलिस चंबा, अभिषेक यादव ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि तीसा थाना में यह मामला दर्ज कर लिया गया है और छानबीन जारी है। आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
हिमाचल प्रदेश में अगले छह दिनों तक मौसम मौसम ख़राब रहने वाला है। मौसम विभाग ने 24 से 27 मई तक भारी बारिश, आंधी-तूफान और ओलावृष्टि की आशंका है। मौसम विज्ञान केंद्र ने इस बदलाव को देखते हुए 8 जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जबकि अन्य चार जिलों के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है। ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी और शिमला जिलों में विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है। इन क्षेत्रों में 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से तेज हवाएं चलने का अनुमान है, जिससे पेड़ों और कमजोर ढांचों को नुकसान पहुंच सकता है। इसके साथ ही, कई भागों में ओलावृष्टि से फसलों को भारी नुकसान होने की आशंका है, जिससे किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं। आज का मौसम और आगे की संभावना हालांकि, आज प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में मौसम साफ रहने की उम्मीद है, जिससे लोगों को थोड़ी राहत मिल सकती है। शिमला के रिज पर पर्यटक सुहावने मौसम का आनंद लेते देखे गए। वहीं, कांगड़ा, चंबा, शिमला, किन्नौर, कुल्लू और मंडी के कुछ इलाकों में हल्की बारिश हो सकती है। कल से पश्चिमी विक्षोभ (वेस्टर्न डिस्टरबेंस) ज्यादा सक्रिय होगा, जिससे ज्यादातर हिस्सों में हल्की बारिश होने के आसार हैं। परसों से पूरे प्रदेश में अच्छी बारिश होने का पूर्वानुमान है, जो तापमान में गिरावट लाएगा, लेकिन कुछ क्षेत्रों में जनजीवन को भी प्रभावित कर सकता है।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से तुर्की से सेब के आयात को हतोत्साहित करने और हिमाचल के सेब उत्पादकों के हितों की रक्षा करने के लिए सेब पर आयात शुल्क 50 प्रतिशत से बढ़ाकर कम से कम 100 प्रतिशत करने का आग्रह किया है। उन्होंने यह भी अनुरोध किया है कि आयातित सेब पर मात्रात्मक प्रतिबंध भी लगाया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को देश के सेब राज्य के रूप में जाना जाता है और यहां उत्पादित सेब अपनी मिठास के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध हैं। सेब राज्य की प्रमुख नकदी फसल है और इससे लगभग 4500 करोड़ रुपये की वार्षिक आय अर्जित होती है। सेब की फसल से लगभग 10 लाख मानव दिवस सृजित होते हैं, जिससे 2.50 लाख से अधिक परिवारों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारत में लगभग 31 देशों से सेब का आयात किया जाता है। वर्ष 2024 के दौरान लगभग 5.19 लाख मीट्रिक टन सेब आयात किए गए, जबकि वर्ष 1998 के दौरान 1100 मीट्रिक टन सेब का आयात किया गया था जो तुलनात्मक रूप से 500 गुना अधिक है। वर्ष 2020 के दौरान तुर्की से आयातित सेब की हिस्सेदारी में वृद्धि दर्ज की गई और वर्ष 2023 के दौरान 1.29 लाख मीट्रिक टन के साथ सर्वाधिक वृद्धि दर्ज की गई। उन्होंने कहा कि वर्ष 2024 के दौरान तुर्की से 1.17 लाख मीट्रिक टन सेब का आयात किया गया था, जो कुल सेब आयात का 23 प्रतिशत रहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल के वर्षों में भारतीय बाजारों में तुर्की के सेबों की भरमार देखने में आई है। यह देश के सेब उत्पादकों के लिए चिंता का विषय है। तुर्की के सेबों की अधिकता से न केवल स्थानीय सेब उत्पादक प्रतिस्पर्धात्मक रूप सेे कमज़ोर होते हैं, बल्कि हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर के छोटे और सीमांत सेब उत्पादकों की आजीविका पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।उन्होंने कहा कि आगामी दिल्ली दौरे के दौरान वह व्यक्तिगत रूप से प्रधानमंत्री से तुर्की से खरीदे जा रहे सेब पर आयात शुल्क बढ़ाने का मुद्दा उठाएंगे।
हिमाचल प्रदेश के फार्मा उद्योग पर एक बार फिर सवालिया निशान लग गया है। देशभर में जांचे गए 196 दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं, और इनमें से 57 दवाएं हिमाचल प्रदेश में बनी हैं, जो गुणवत्ता मानकों पर खरी नहीं उतरीं। यह स्थिति तब है जब हिमाचल को देश का 'फार्मा हब' कहा जाता है, खासकर बद्दी जैसे औद्योगिक क्षेत्रों में कई बड़ी दवा कंपनियां हैं।सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि कई नामी दवा कंपनियों के सैंपल भी जांच में ठीक नहीं पाए गए हैं। फेल हुई दवाओं में निमोनिया से बचाव के लिए उपयोग होने वाला अल्मोक्स-500 कैप्सूल, शरीर में सोडियम और पानी की कमी को पूरा करने वाला सोडियम क्लोराइड इंजेक्शन, और अल्सर के इलाज में काम आने वाला रबेप्राजोल इंजेक्शन शामिल हैं। बच्चों को बुखार में दी जाने वाली लिक्विड पेरासिटामोल का सैंपल भी ठीक नहीं पाया गया है, जो बच्चों के स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर खतरा हो सकता है। जांच एजेंसियों के आंकड़े राज्य प्रयोगशाला द्वारा लिए गए 37 सैंपल और सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO) द्वारा लिए गए 20 सैंपल मानकों पर खरे नहीं उतरे हैं। बद्दी की मर्टिन एवं ब्राउन कंपनी के चार और केपटेप कंपनी के आठ सैंपल फेल हुए हैं। राज्य प्रयोगशाला की रिपोर्ट के अनुसार, देश की 60 दवाएं फेल हुईं जिनमें से 20 हिमाचल में बनी थीं। वहीं, CDSCO की जांच में देशभर में बनी 136 दवाएं फेल हुईं, और इनमें से 37 हिमाचल प्रदेश की थीं। राज्य ड्रग कंट्रोलर मनीष कपूर ने बताया कि जिन कंपनियों की दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं, उन्हें नोटिस जारी कर उनके लाइसेंस रद्द किए जाएंगे। साथ ही, इन दवाओं के बाजार से स्टॉक को तुरंत वापस मंगाया जाएगा। विभाग स्वयं भी इन सैंपलों की दोबारा जांच करेगा।
: हिमाचल प्रदेश पुलिस कांस्टेबल भर्ती की लिखित परीक्षा का इंतजार कर रहे उम्मीदवारों के लिए अच्छी खबर है। हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग ने लिखित परीक्षा का संभावित शेड्यूल जारी कर दिया है, जिसके अनुसार परीक्षा 15 जून, 2025 को आयोजित की जाएगी। पुलिस कांस्टेबल भर्ती के लिए कुल 1.29 लाख आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनमें लगभग 90,000 पुरुष और 39,000 महिला उम्मीदवार शामिल थे। ग्राउंड परीक्षा पास करने वाले लगभग 16,000 युवा अब लिखित परीक्षा में शामिल होंगे। लिखित परीक्षा ऑब्जेक्टिव टाइप मल्टीपल च्वाइस प्रश्नों पर आधारित होगी। कुल 90 प्रश्न पूछे जाएंगे। परीक्षा की अवधि दो घंटे होगी। प्रत्येक प्रश्न के लिए पांच विकल्प (A, B, C, D, E) दिए जाएंगे। यदि उम्मीदवार किसी प्रश्न का उत्तर नहीं जानते हैं और नकारात्मक अंकन से बचना चाहते हैं, तो उन्हें 'E' विकल्प का चुनाव करना होगा।
पाकिस्तान के बलूचिस्तान में बुधवार को बड़ा हादसा सामने आया है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, बलूचिस्तान प्रांत में सुबह एक स्कूल बस ब्लास्ट की चपेट में आ गई, इस हादसे में 4 बच्चों की मौत हो गई और 38 बच्चे घायल हो गए। एसोसिएटेड प्रेस ने अधिकारियों के हवाले से बताया कि यह आत्मघाती हमला दक्षिण-पश्चिमी पाकिस्तान के खुजदार जिले में उस समय हुआ जब बस बच्चों को स्कूल ले जा रही थी। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्थानीय डिप्टी कमिश्नर यासिर इकबाल ने पुष्टि की है कि खुजदार में जीरो पॉइंट के पास एक स्कूल बस को निशाना बनाकर एक शक्तिशाली धमाका किया गया। अधिकारियों ने बताया कि इस धमाके में चार बच्चों की मौत हो गई और दर्जनों अन्य घायल हो गए। बचाव और जांच कार्य जारी हमले के तुरंत बाद, घायलों को इलाज के लिए सीएमएच खुजदार ले जाया गया है। डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि घटनास्थल से सबूत जुटाने के लिए पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी गई है। पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री मोहसिन नकवी ने इस नृशंस हमले की कड़ी निंदा की है और निर्दोष लोगों की मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया है।
नवोदय विद्यालय समिति (NVS) की गैर-शिक्षण पदों की भर्ती परीक्षा में बड़े पैमाने पर नकल का खुलासा हुआ है, जिसकी जांच कर रही विशेष जांच दल (SIT) को कई चौंकाने वाले सबूत मिले हैं। पता चला है कि कई अभ्यर्थियों ने चेकिंग से बचने के लिए इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को अपने अंडरगारमेंट्स में छिपा रखा था। इतना ही नहीं, कुछ केंद्रों पर तो अभ्यर्थियों से बाजू के नीचे से भी ये डिवाइस बरामद किए गए हैं।मंगलवार को पुलिस ने NVS गैर-शिक्षण जूनियर सचिवालय सेवा परीक्षा के दौरान गिरफ्तार किए गए आठ आरोपियों (सात पुरुष और एक महिला) को अदालत में पेश किया। मामले की गंभीरता को देखते हुए न्यायालय ने उनकी पुलिस रिमांड तीन दिनों के लिए और बढ़ा दी है। शुरुआती जांच से साफ है कि यह मामला सरकारी भर्ती परीक्षा में संगठित और जानबूझकर की गई अनुचित गतिविधियों से जुड़ा है। पुलिस ने इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों से जुड़े सभी रिकॉर्ड कब्जे में ले लिए हैं। इनमें अभ्यर्थियों के आधार कार्ड, पैन कार्ड, एडमिट कार्ड और नकल के लिए इस्तेमाल किए गए इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस भी शामिल हैं। इसके अलावा, पुलिस के पास अभ्यर्थियों के बयानों की प्रतियां भी हैं, जिनमें उन्होंने नकल करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस साथ ले जाने और गिरोह के संपर्क में आने व लेनदेन की बात कबूल की है। यह मामला भर्ती परीक्षाओं की शुचिता पर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है और जांच एजेंसियां इस पूरे नेटवर्क को बेनकाब करने में लग हुई हैं।
शिमला, हिमाचल प्रदेश: हिमाचल प्रदेश का मौसम आने वाले दिनों में करवट बदलने वाला है। आज और कल (21-22 मई) राज्य के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश और कहीं-कहीं मौसम साफ रहने का अनुमान है। हालांकि, 23 मई से पश्चिमी विक्षोभ के अधिक सक्रिय होने के साथ ही आंधी-तूफान, बारिश और ओलावृष्टि की संभावना बढ़ जाएगी, जिसके लिए मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग के अनुसार, आज और कल चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, किन्नौर, लाहौल-स्पीति, मंडी और शिमला जिलों के कुछ इलाकों में हल्की बारिश हो सकती है। इस दौरान हल्की हवाएं भी चल सकती हैं। 23-24 मई को रहें सावधान 23 मई से मौसम का तेवर तीखा होगा। इस दिन खासकर चंबा, कांगड़ा और मंडी जिलों में बारिश के साथ-साथ आंधी-तूफान और ओलावृष्टि की आशंका है। इसके अगले दिन यानी 24 मई को चंबा, कांगड़ा, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों को भी इसी तरह के मौसम के लिए चेतावनी दी गई है। ऊंचे पहाड़ों पर हल्की बर्फबारी भी संभव 25 और 26 मई को भी मध्यम ऊंचाई वाले भागों में बारिश जारी रहने का अनुमान है। वहीं, चंबा और लाहौल-स्पीति के अधिक ऊंचे पहाड़ी इलाकों में इन दिनों हल्की बर्फबारी भी हो सकती है। कुल मिलाकर, अगले कुछ दिन हिमाचल के लोगों को मौसम के बदलते मिजाज के लिए तैयार रहना होगा।