ऊना जिले के बंगाणा उपमंडल की धुंधला पंचायत के अप्पर धुंधला गांव में एक हृदयविदारक घटना सामने आई है। गांव के श्मशान घाट के पास स्थित एक तालाब में एक नवजात शिशु शिशु मिला है जिससे पूरे इलाके में सनसनी फैल गई। चौंकाने वाली बात यह है कि नवजात के गले में पत्थर बांधकर उसे तालाब में फेंका गया था। शव देखते ही ग्रामीणों ने तुरंत पंचायत प्रतिनिधियों और पुलिस को सूचित किया। थाना प्रभारी रोहित कुमार के नेतृत्व में पुलिस टीम तत्काल मौके पर पहुंची और प्रारंभिक जांच शुरू कर दी। पुलिस का मानना है कि नवजात शिशु (पुरुष) का जन्म हाल ही में हुआ था और जन्म के तुरंत बाद ही उसे तालाब में फेंक दिया गया। पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर आगे की कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी है। पंचायत उप-प्रधान रमन कुमार ने घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस को सूचित करने की पुष्टि की है। इस अमानवीय कृत्य से स्थानीय लोगों में गहरा आक्रोश है और उन्होंने तुरंत आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग की है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। पूरे क्षेत्र में इस जघन्य अपराध की चर्चा है, जबकि अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि यह नवजात किसका बच्चा था। जिला पुलिस अधीक्षक राकेश सिंह ने बताया कि शिशु के शव को पोस्टमार्टम के लिए टांडा मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया है और पुलिस ने मामला दर्ज कर विस्तृत जांच शुरू कर दी है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने के बाद राजनीतिक वातावरण गरमा गया है। इसको लेकर आज कांग्रेस ने शिमला में प्रदर्शन किया जिसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह, मंत्री विक्रमादित्य सिंह सहित कांग्रेस के कई नेता मौजूद रहे। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस कार्रवाई को लेकर भाजपा पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने सोशल मीडिया पर टिप्पणी करते हुए ईडी को "इंटिमिडेशन डिपार्टमेंट" बताया और आरोप लगाया कि केंद्र सरकार विपक्ष की आवाज को दबाने का प्रयास कर रही है। सुक्खू ने कहा कि केंद्र सरकार के पास जनता के सवालों का जवाब नहीं है, इसलिए वे सवाल पूछने वालों को निशाना बना रहे हैं। सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ ईडी की कार्रवाई को उन्होंने विपक्ष की आवाज को दबाने का प्रयास बताया। उन्होंने कहा कि जिस परिवार ने देश की आजादी और लोकतंत्र की नींव को मजबूत करने के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया, उसे झूठे आरोपों से बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी हर हथकंडे के सामने डटकर खड़ी रहेगी और इस लड़ाई को जीतेगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि देश 140 करोड़ लोगों की आस्था से जुड़े संविधान से चलेगा, तानाशाही के फरमान से नहीं। बता दे कि नेशनल हेराल्ड मामले में जांच एजेंसी ED की ओर से अदालत में चार्जशीट दायर किए जाने के बाद कांग्रेस सड़क पर उतर आई है। क्योंकि ईडी की चार्जशीट में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा में नेता राहुल गांधी, इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा, सुमन दुबे सहित कई लोगों के नाम शामिल हैं। अदालत इस मामले में 25 अप्रैल को सुनवाई करेगी। 11 अप्रैल को ED ने दिल्ली, मुंबई और लखनऊ के संपत्ति रजिस्ट्रारों को नोटिस जारी किए थे, जहां एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की संपत्तियां है।
मेरठ के सौरभ हत्याकांड को लोग भूले भी नहीं थे कि अब हरियाणा से यूट्यूबर महिला के प्रेमी संग पति की हत्या करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। जिसमें पत्नी ने प्रेमी के साथ मिलकर अपने पति की हत्या कर दी। 19 दिन की जांच के बाद पुलिस ने रवीना राव और उसके प्रेमी, यूट्यूबर सुरेश को गिरफ्तार किया है। यह मामला मेरठ के सौरभ हत्याकांड की याद दिलाता है। रवीना यूट्यूब और इंस्टाग्राम पर रील बनाने का शौक रखती थी। इसी शौक ने उसे सुरेश के करीब लाया। दोनों ने साथ में वीडियो और रील्स बनाने शुरू किए और उनका रिश्ता प्रेम में बदल गया। प्रवीण को इस रिश्ते की जानकारी हो गई। 25 मार्च को, जब प्रवीण ने रवीना और सुरेश को आपत्तिजनक स्थिति में देखा, तो उनके बीच झगड़ा हुआ। रवीना और सुरेश ने मिलकर प्रवीण का गला घोंट दिया। हत्या के बाद, दोनों ने रात होने का इंतजार किया और रात ढाई बजे शव को बाइक पर रखकर छह किलोमीटर दूर एक नाले में फेंक दिया। 28 मार्च को शव मिलने पर पुलिस को शक हुआ। सीसीटीवी फुटेज में रवीना और सुरेश शव को ले जाते दिखे। 12 अप्रैल को पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया। प्रवीण और रवीना की शादी छह साल पहले हुई थी और उनका एक बेटा है। प्रवीण की हत्या के बाद, मुकुल के सिर से पिता का साया उठ गया है। रवीना भी जेल में है और मुकुल अपने दादा और चाचा के साथ रह रहा है।
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में उस समय दहशत फैल गई जब डीसी कार्यालय और कोर्ट परिसर को बम से उड़ाने की धमकी मिली। प्रशासन को एक ईमेल प्राप्त हुई जिसमें बम से उड़ाने की धमकी दी गई थी। धमकी मिलते ही सुरक्षा एजेंसियां हरकत में आ गईं और एहतियात के तौर पर डीसी कार्यालय और कोर्ट परिसर को तुरंत खाली करा लिया गया। पुलिस और बम निरोधक दस्ते ने घटनास्थल पर पहुंचकर पूरे क्षेत्र की गहन तलाशी ली। हालांकि, अभी तक किसी भी संदिग्ध वस्तु की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन जांच अभी भी जारी है। पुलिस प्रशासन ने एक मामला दर्ज कर लिया है और ईमेल भेजने वाले की पहचान और ठिकाने का पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी है। जिले में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और सभी संवेदनशील स्थानों पर निगरानी बढ़ा दी गई है।
उत्तराखंड के प्रसिद्ध हनोल मंदिर में पत्थर उठाने की एक पुरानी परंपरा के दौरान एक दिल दहला देने वाली घटना घटी है। 13 साल के बच्चे, आर्यन, की मौत हो गई जब उसने 'भीम के कंचे' उठाने का प्रयास किया, जो महासू देवता की कृपा पाने का विश्वास माना जाता है। आर्यन ने कई बार इस पत्थर को उठाने की कोशिश की, लेकिन हर बार असफल रहा। जब उसके पिता पास नहीं थे, तब उसने अपने बुआ के बेटे के साथ मिलकर इस प्रयास को जारी रखा। इस बार, जैसे ही उसने पत्थर उठाने की कोशिश की, अचानक एक कंचा उसके कान के पास गिरा और उसे गंभीर चोटें आईं। उसे तुरंत अस्पताल पहुँचाया गया, लेकिन उसकी हालत इतनी गंभीर हो चुकी थी कि उसे बचाया नहीं जा सका। आर्यन की मौत ने न केवल उसके परिवार, बल्कि पूरे क्षेत्र को गहरे शोक में डुबो दिया।
हिमाचल प्रदेश के 78वें स्थापना दिवस पर शिमला में आयोजित जिला स्तरीय कार्यक्रम में पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने विमल नेगी की मौत के मामले में राजनीति करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि जो भी नेता इस संवेदनशील मामले में तथ्यहीन बयानबाजी कर रहे हैं, सरकार उनके खिलाफ प्रिविलेज मोशन ला सकती है और षड्यंत्र रचने का केस भी दर्ज करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को विमल नेगी की मौत का बहुत दुःख है, लेकिन जो भी विधायक इस संवेदनशील मामले में घर बैठकर बिना तथ्यों के बयानबाजी कर रहे है उनके खिलाफ यह कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने पूर्व मंत्री व भाजपा विधायक बिक्रम ठाकुर के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि वह केवल आरोप लगा रहे हैं, लेकिन उसके पक्ष में कोई तथ्य दे रहे है। विधानसभा में भी भाजपा ने यह मसला उठाया, लेकिन कोई तथ्य नहीं रख पाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रोजेक्ट की डीपीआर गुजरात सरकार के पीएसयू ने बनाई है, हिमाचल सरकार ने कोई टेंडर नहीं किया। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश सरकार एसीएस स्तर के अधिकारियों से इस मामले की जांच करवा रही है। उन्होंने भाजपा की सीबीआई जांच की मांग पर तंज कसते हुए कहा कि भाजपा जब ईडी की छापेमारी प्रदेश सरकार से पूछकर कार्रवाई नहीं करतीं तो भाजपा अगर चाहे तो सीधे केंद्र से सीबीआई जांच करवा सकती है।
अब चम्बा जिले की महलाओं को भी इंदिरा गांधी सम्मान निधि योजना के तहत 1500-1500 रुपए का लाभ मिलेगा। ये घोषणा आज हिमाचल प्रदेश के स्थापना दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पांगी घाटी में आयोजित कार्यक्रम में की। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया। उन्होंने पांगी के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। सीएम ने पांगी घाटी की महिलाओं को इंदिरा गांधी सम्मान निधि योजना के तहत 1500-1500 रुपए की तीन किस्त जारी करने की घोषणा का ऐलान किया और कहा कि यह किस्तें अप्रैल, मई और जून के महीनों के लिए हैं, और जल्द ही महिलाओं के खातों में आ जाएंगी। मुख्यमंत्री ने यह भी आश्वासन दिया कि प्रदेश की बाकी पात्र महिलाओं को भी यह सम्मान निधि जल्द ही मिलेगी। इसके अलावा उन्होंने पांगी के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं, जिनमें सिविल हॉस्पिटल पांगी को आदर्श स्वास्थ्य संस्थान बनाना, पांगी घाटी में 10 लीटर का मिल्क प्लांट स्थापित करना और राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल खोलना शामिल है। उन्होंने पांगी के साच में तहसील बनाने की भी घोषणा की और क्षेत्र में 62 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का भी ऐलान किया। मुख्यमंत्री ने राज्य कर्मचारियों को भी बड़ी राहत देते हुए 1 जून से डीए की तीन प्रतिशत अतिरिक्त किस्त जारी करने की घोषणा की। इसके साथ ही, 70 से 75 वर्ष के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को बकाया एरियर का भुगतान भी किया जाएगा। पांगी घाटी के बेरोजगार युवाओं के लिए 20 बस परमिट जारी करने का भी ऐलान किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरियाणा में हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना में कांग्रेस सरकारों पर जमकर हमला बोला। उन्होंने हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पड़ोस में जनता परेशान है। विकास और जन कल्याण के सारे काम बंद पड़े हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस शासित राज्यों में जनता से किए गए वादे पूरे नहीं किए जा रहे हैं। कर्नाटक का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि वहां बिजली, दूध और बस का किराया बढ़ा दिया गया है। उन्होंने कांग्रेस सरकार पर जनता पर तरह-तरह के टैक्स लगाने का भी आरोप लगाया। तेलंगाना में भी कांग्रेस सरकार को आड़े हाथों लेते हुए पीएम मोदी ने कहा कि सरकार अपने वादे भूल गई है और जंगलों में बुलडोजर चला रही है। उन्होंने कहा कि इससे प्रकृति को नुकसान हो रहा है और जानवरों को खतरा पैदा हो गया है। पीएम मोदी ने भाजपा और कांग्रेस की कार्यशैली की तुलना करते हुए कहा कि भाजपा जो कहती है, उसे पूरा करती है, जबकि कांग्रेस केवल कुर्सी के बारे में सोचती है। उन्होंने कहा कि भाजपा का मॉडल सत्य के आधार पर और बाबा साहेब अंबेडकर के मार्ग पर चल रहा है। उन्होंने विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए भाजपा को वोट देने की अपील की।
शिमला से एक और साइबर ठगी का मामला सामने आया है जिसमें एक सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारी साइबर ठगी का शिकार हो गए। ठगों ने उन्हें एक फर्जी पॉलिसी में निवेश करने का लालच देकर 28 लाख रुपये ठग लिए। इस घटना के बाद, बुजुर्ग का परिवार भी उन्हें अकेला छोड़कर चला गया, जिससे उनकी मानसिक स्थिति और भी खराब हो गई। साइबर अपराधियों ने 2020 में बुजुर्ग से संपर्क किया और उन्हें एक आकर्षक पॉलिसी में निवेश करने का झांसा दिया। बुजुर्ग ने उनकी बातों में आकर 28 लाख रुपये का निवेश कर दिया। लेकिन, जब उन्हें अपने पैसे वापस नहीं मिले और वे ठगों से संपर्क करने में असमर्थ रहे, तो उन्हें अपनी गलती का एहसास हुआ। लाखों रुपये की ठगी होने के कारण, बुजुर्ग अपने परिवार को इस बारे में बताने से डरते रहे। जब उन्हें सच्चाई पता चली, तो उनके बच्चे और पत्नी गलतफहमी के कारण उन्हें छोड़कर चले गए।बुजुर्ग ने हताश होकर साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज कराई। साइबर क्राइम सेल ने तुरंत कार्रवाई करते हुए स्थानीय पुलिस स्टेशन को सूचित किया और जांच अधिकारी को बुजुर्ग के घर भेजा। पुलिस ने उनके बयान दर्ज किए और बैंक से विवरण निकालकर मामले की जांच शुरू कर दी है। साइबर विशेषज्ञों के अनुसार, सेवानिवृत्त अधिकारी और कर्मचारी साइबर अपराधियों के लिए आसान शिकार होते हैं। इसकी मुख्य वजह यह है कि उनके पास सेवानिवृत्ति के बाद अच्छी खासी जमापूंजी होती है। यह घटना साइबर अपराधों के बढ़ते खतरे का एक और उदाहरण है। साइबर अपराधी लोगों को उपहार, फर्जी पॉलिसी, डिजिटल गिरफ्तारी और शेयर बाजार में भारी मुनाफे का लालच देकर ठग रहे हैं। साइबर क्राइम सेल ने लोगों से अपील की है कि वे इस तरह के झांसे में न आएं और किसी भी निवेश से पहले अच्छी तरह से जांच पड़ताल कर लें। यदि आपको कोई संदेह हो, तो तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करें।
हिमाचल प्रदेश में पंचायतों की संपत्तियों को कौड़ियों के भाव लीज पर देने का मामला सामने आया है। इन संपत्तियों को न तो नीलामी के माध्यम से दिया गया और न ही विभागीय या प्रशासनिक मंजूरी ली गई। इस अनियमितता से सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। शिकायतों के बाद, प्रदेश सरकार ने सभी 3,615 पंचायतों में लीज पर दी गई संपत्तियों की जांच करने के लिए जिला उपायुक्तों को तीन महीने का समय दिया है। सरकार ने पिछले पांच वर्षों में लीज पर दी गई संपत्तियों की समीक्षा करने और नियमों के खिलाफ दी गई लीज को रद्द करने का आदेश दिया है। इसके अलावा, सरकार ने लीज अवधि को 5 वर्ष तक सीमित करने का भी निर्देश दिया है। कांगड़ा की रैत पंचायत में 8 दुकानें 50 रुपये प्रति माह के किराये पर दी गईं, जबकि रजोल में 4 दुकानें 200 रुपये प्रति माह के किराये पर दी गईं। शिमला के टुटू (हीरानगर) में चायली पंचायत में 20 दुकानें 400 से 900 रुपये प्रति माह के किराये पर दी गईं। वही पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए, सरकार ने पंचायत, ब्लॉक और जिला स्तर पर निगरानी समितियों का गठन किया है। इन समितियों में पंचायत सचिव, पंचायत प्रधान, बीडीओ, एसडीएम, जिला पंचायत अधिकारी, जिला परिषद सदस्य और अन्य अधिकारी शामिल हैं। राजेश शर्मा, सचिव, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज ने कहा कि विभागपंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 112 का उल्लंघन करते हुए, व्यावसायिक परिसरों, भवनों और अन्य संपत्तियों को लीज पर दिया गया है। सरकार ने निगरानी समितियों को पीडब्ल्यूडी द्वारा निर्धारित बाजार दरों पर ही किराया तय करने का निर्देश दिया है। इसके अलावा, लीज पर देने से पहले संपत्तियों का विज्ञापन करना अनिवार्य होगा।
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक 63 वर्षीय बुजुर्ग को 'सीआईडी अधिकारी' बनकर एक व्यक्ति ने लूट लिया और चलती कार से बाहर फेंक दिया। रोहड़ू के रहने वाले हरि लाल अपनी बीमार पत्नी का इलाज कराने 10 अप्रैल को आईजीएमसी शिमला आए थे। जब वह लक्कड़ बाजार से कंबल खरीदकर लौट रहे थे, तो एक अज्ञात व्यक्ति ने उन्हें लिफ्ट देने की पेशकश की। कार में बैठने के बाद, आरोपी ने खुद को सीआईडी अधिकारी बताया और उनसे पैसों की मांग की। बुजुर्ग के इनकार करने पर, आरोपी ने उनसे जबरन 29,000 रुपये छीन लिए और उन्हें चलती कार से धक्का देकर फरार हो गया। इस घटना ने लक्कड़ बाजार जैसे भीड़भाड़ वाले इलाके में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं, जहां एक पुलिस चौकी भी स्थित है। पुलिस ने हरि लाल की शिकायत के आधार पर धारा 307 के तहत मामला दर्ज कर लिया है और आरोपी की तलाश में जुटी है। एसपी शिमला संजीव गांधी ने कहा है कि पुलिस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है और जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश में बीते कल कई इलाकों में बारिश, बर्फबारी और ओलावृष्टि देखने को मिली। आज भी मौसम विभाग ने चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला और सिरमौर जिलों के कई क्षेत्रों में बारिश की संभावना जताई है। बीते 24 घंटों में प्रदेश के अधिकांश भागों में बारिश हुई है, जिससे लोगों को गर्मी से राहत मिली है। लाहौल स्पीति की ऊंची चोटियों पर ताजा हिमपात होने से तापमान में 11 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की गई है। हालांकि, कई इलाकों में ओलावृष्टि के कारण किसानों और बागवानों को नुकसान हुआ है। मौसम विभाग ने प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में तेज बारिश, ओलावृष्टि और अंधड़ के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। मौसम वैज्ञानिक संदीप के अनुसार, मंडी में सबसे अधिक बारिश हुई है और चंबा, कांगड़ा, कुल्लू और लाहौल-स्पीति के ऊंचे क्षेत्रों में बर्फबारी की संभावना है। मौसम विभाग का अनुमान है कि 13 अप्रैल से प्रदेश भर में मौसम साफ हो जाएगा, जिससे लोगों को बारिश और बर्फबारी से राहत मिलेगी।
भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार, राज्य सरकार ने राशन वितरण में ग्राहक पहचान सत्यापन प्रक्रिया को सुव्यवस्थित बनाने, इसमें वृद्धि करने और पारदर्शिता लाने के लिए पीडीएस लाभार्थियों की ई-केवाईसी शुरू कर दी है। इस प्रक्रिया के बाद केवल पात्र लाभार्थियों को ही सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा। इस संबंध में, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने पहले ही फील्ड अधिकारियों को लाभार्थियों की 100 प्रतिशत ई-केवाईसी की प्रक्रिया को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के एक आधिकारिक प्रवक्ता ने जानकारी दी है कि पीडीएस लाभार्थियों की सुविधा के लिए विभाग ने आधार आधारित फिंगर बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण का उपयोग करके राज्य में किसी भी उचित मूल्य की दुकान पर जाकर ई-पीओएस के माध्यम से ई-केवाईसी प्रक्रिया को पूरा करने का प्रावधान किया है। इसके अलावा, वेब एप्लीकेशन के माध्यम से राज्य या देश में कहीं भी लोकमित्र केंद्र पर जाकर आधार आधारित फिंगर प्रिंट अथवा आईआरआईएस बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण का उपयोग करके, या स्वयं एंड्रायड आधारित मोबाइल एप्लीकेशन ईकेवाईसी पीडीएस एचपी के माध्यम से आधार आधारित फेस बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण का उपयोग कर ई-केवाईसी प्रक्रिया को पूरा करने का प्रावधान किया है। विभाग ने इन निर्देशों की अनुपालना नहीं करने वाले लाभार्थियों को सूचित किया है कि वे ऊपर बताए गए तरीकों से अपना ईकेवाईसी पूरा करें। लाभार्थी अपनी ई-केवाईसी को पूरा करने में आने वाली किसी भी समस्या के निवारण के लिए टेलीफोनिक मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए टोल-फ्री नंबर 1967 या 1800-180-8026 पर भी संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा, वे निकटतम डिपो धारक या एफपीएस से संपर्क कर सकते हैं।
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में हाल ही में एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ, जिसमें एक विशेष समुदाय के व्यापारी पर चने और नमकीन पर थूक लगाकर बेचने का आरोप लगाया गया था। इस मामले में शिमला पुलिस ने अब कार्रवाई करते हुए वीडियो बनाने और सोशल मीडिया पर अपलोड करने वाले तीन लोगों को नोटिस जारी किया है। पुलिस ने कल्पना शर्मा, श्वेता और विजय को नोटिस भेजा है, जो देवभूमि संघर्ष समिति से जुड़े बताए जा रहे हैं। नोटिस में पुलिस ने उनसे पूछा है कि यदि उनके पास व्यापारी के खिलाफ कोई सबूत हैं, तो वे पुलिस को सौंपें। ऐसा न करने पर पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी। 9 अप्रैल को कालीबाड़ी मंदिर के पास इन तीनों ने व्यापारी पर थूक लगाकर सामान बेचने का आरोप लगाया था, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। वीडियो में व्यापारी आरोपों से इनकार करता दिख रहा है। विजय और श्वेता ने बाद में रिज पर मीडिया को भी इसी तरह के बयान दिए और प्रशासन से कार्रवाई की मांग की। इन लोगों ने व्यापारी पर बिना लाइसेंस के खाद्य उत्पाद बेचने का भी आरोप लगाया और नगर निगम से अनुमति न लेने की बात कही। विजय शर्मा ने 10 दिनों के भीतर दुकान न हटाने पर 500 सनातनियों द्वारा शहर के बाजारों में दुकानें लगाने की चेतावनी दी। वायरल वीडियो और आरोपों के बाद पुलिस ने मामले में संज्ञान लिया है और अब सबूत मांगे हैं।
हिमाचल प्रदेश में बीते कल से मौसम ने करवट बदली, जिससे प्रदेश में बढ़ रही गर्मी से लोगों को राहत मिली। मौसम विभाग ने आज चंबा, कांगड़ा और कुल्लू में अंधड़ चलने का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इसके साथ ही, आज चंबा, कांगड़ा, कुल्लू और लाहौल-स्पीति के ऊंचे इलाकों में कई स्थानों पर बर्फबारी और मंडी, शिमला, सिरमौर, सोलन में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना जताई गई है। 12 अप्रैल को लाहौल-स्पीति, चंबा, कुल्लू और कांगड़ा जिलों के ऊंचे इलाकों में अलग-अलग स्थानों पर हल्की बारिश-बर्फबारी हो सकती है। हालांकि, 13 अप्रैल से पूरे प्रदेश में मौसम साफ रहने के आसार हैं। आज सुबह कांगड़ा में अच्छी बारिश हुई, जबकि मंडी जिले के जोगिंद्रनगर में आसमान में काले बादल छा गए। लाहौल की ऊंची चोटियों में ताजा हिमपात हो रहा है, रोहतांग दर्रा के साथ सेवन सिस्टर पीक, बारालाचा सहित ऊंची चोटियों में रुक-रुककर फाहे गिर रहे हैं। इससे लाहौल और कुल्लू में तापमान गिर गया है, जबकि निचले इलाकों में बारिश से किसान-बागवानों को राहत मिली है। कुल्लू में सुबह से आसमान में बादल छाए हुए हैं, लेकिन जिला के बागवानों को ओलावृष्टि का डर सता रहा है। हमीरपुर के बड़सर और मंडी में तूफान चल रहा है, जबकि शिमला और मनाली में भी आज सुबह से हल्के बादल छाए हुए हैं। बीते 24 घंटों के दौरान शिमला, कुल्लू और सिरमौर जिलों के कई क्षेत्रों में ओलावृष्टि हुई है, जिससे सेब, टमाटर, मटर, प्लम, आड़ू जैसी फसलों को नुकसान पहुंचा है। ओलावृष्टि के कारण रात के तापमान में गिरावट आई है, लेकिन दिन का तापमान सामान्य से काफी अधिक बना हुआ है। बीते दिन शिमला, मंडी, कुल्लू और सिरमौर में बारिश और भारी ओलावृष्टि हुई।
हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन (HPPCL) के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की रहस्यमय मौत के मामले के खुलासा हुआ है कि उनको मानसिक रूप से प्रवाहित किया गया था। अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा की 66 पन्नों की गोपनीय जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि विमल नेगी को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया था, लेकिन उनकी दुखद मौत का पेखूवाला प्रोजेक्ट से कोई सीधा संबंध नहीं है। यह रिपोर्ट HPPCL के 25 लोगों के बयानों पर आधारित है, जिसमें पूर्व प्रबंध निदेशक हरिकेश मीणा, पूर्व निदेशक (कार्मिक एवं वित्त) शिवम प्रताप सिंह, निलंबित निदेशक देशराज और स्वयं पीड़ित विमल नेगी का परिवार भी शामिल है। जांच की सुई एक पूर्व निदेशक की संदिग्ध भूमिका की ओर भी इशारा कर रही है। रिपोर्ट के अंदरूनी सूत्रों की मानें तो विमल नेगी गंभीर मानसिक दबाव से जूझ रहे थे। उन्हें सुबह तड़के दफ्तर बुलाया जाता था और देर रात तक काम कराया जाता था। कर्मचारियों से पूछताछ में यह भी सामने आया है कि वरिष्ठ अधिकारियों के कार्यालय में उन्हें घंटों तक खड़ा रखा जाता था और उनसे 12-12 घंटे की अमानवीय ड्यूटी करवाई जाती थी। दिलचस्प बात यह है कि विमल नेगी ने शिमला कार्यालय में पेखूवाला सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट के शुरू होने के बाद ही जॉइन किया था। इससे पहले वह शौंगटोंग परियोजना में अपनी सेवाएं दे रहे थे। उनकी शिमला में नियुक्ति जून 2024 में हुई बताई जा रही है। अब, इस रिपोर्ट को मुख्यमंत्री कार्यालय भेजा गया है। मुख्यमंत्री कार्यालय में अधिकारियों के सामने जांच रिपोर्ट को खोला गया है। अब अधिकारी शिमला लौटने पर मुख्यमंत्री को रिपोर्ट के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने अनुबंध आधार पर नियुक्त जूनियर बेसिक टीचरों (JBT) को दी गई वेतन वृद्धि के लाभ को वापस लेने के राज्य सरकार के आदेश पर फिलहाल रोक लगा दी है। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने इस मामले में सरकार को तीन सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। अदालत ने 20 मार्च 2025 के उस सरकारी आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगाई है, जिसके तहत अनुबंध काल की सेवाओं को वेतन वृद्धि और पेंशन जैसे लाभों की गणना से बाहर कर दिया गया था और पहले दिए गए वित्तीय लाभों की वसूली की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी। यह घटनाक्रम तब सामने आया जब याचिकाकर्ताओं, जो 1997 में अनुबंध पर JBT के रूप में नियुक्त हुए थे और जिनकी सेवाएं 2006 में नियमित की गई थीं, ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उनकी शिकायत यह थी कि उनकी अनुबंध अवधि की सेवाओं को वेतन वृद्धि और पेंशन के लिए नहीं गिना गया था। जगदीश चंद मामले में हाईकोर्ट के पहले के फैसले के बाद विभाग ने इन शिक्षकों को वेतन वृद्धि सहित अन्य लाभ दिए थे, लेकिन अब सरकार ने उस लाभ को वापस लेने और वसूली करने का आदेश जारी कर दिया था, जिस पर हाईकोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी है।
पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन हिमाचल प्रदेश ने एक बार फिर प्रदेश के पेंशनरों के पेंडिंग विभिन्न भुगतानों का मुद्दा उठाया है और सरकार से मांग की है कि पेंशनरों के लाखों रुपए के पेडिंग भुगतान को जल्द जारी करें। पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन हिमाचल प्रदेश के राज्य अध्यक्ष आत्माराम शर्मा ने आज शिमला में पत्रकार वार्ता में कहा कि प्रदेश के 2 लाख के करीब पेंशनर है जिनकी देनदारियां सरकार के पास पेंडिंग है और इस वर्ष के बजट में भी पेंशनरों के लिए कोई उचित वित्तीय प्रावधान नहीं किए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के पेंशनरों की 5 लाख से 15 या 20 लाख तक की देनदारी सरकार के पास पेंडिंग है। बुजुर्गों के लिए समय रहते भुगतान करना जरूरी है क्योंकि इस अवस्था में उन्हें अपने पैसों की जरूरत सबसे अधिक जरूरत रहती है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 से 2022 के बीच रिटायर्ड पेंशनरों की ग्रेच्युटी , लीव इनकैशमेंट और इनकी सेलरी व पेंशन की अनियमितताये है। उन्होंने बताया कि तीन प्रतिशत का डिए जो सरकार ने घोषणा की है। उससे पहले के चार और चार प्रतिशत के दो डिए पेंडिंग है जिसके बारे में सरकार में कोई घोषणा नहीं की है जिसको लेकर पेंशनर्स में काफी रोष है। उन्होंने मांग की है कि पेंशनर्स के पेंडिंग भुगतान का कम से कम 50% सरकार जल्द पर करें। क्योंकि बुजुर्ग अवस्था में पेंशनरों को इसकी बेहद जरूरत रहती है।
हिमाचल प्रदेश स्टेट इलैक्ट्रिसिटी बोर्ड लिमिटेड (HPSEBL) ने मंडी की सांसद कंगना रनौत के मनाली स्थित आवास के बिजली बिल को लेकर मीडिया में चल रही खबरों पर स्पष्टीकरण जारी किया है। बोर्ड ने साफ किया है कि मनाली विद्युत उप-मंडल के अंतर्गत सिमसा गांव में कंगना रनौत के नाम पर रजिस्टर्ड घरेलू उपभोक्ता संख्या 100000838073 का वर्तमान बिजली बिल दो महीने की बकाया विद्युत खपत का है, जिसकी कुल राशि 90 हजार 384 रुपए है। बोर्ड ने इस दावे को पूरी तरह गलत और भ्रामक बताया कि यह बिल केवल एक महीने का है। बोर्ड के अनुसार, 22 मार्च को जारी किए गए बिजली बिल में कंगना रनौत के पिछले बिलों का बकाया 32 हजार 287 रुपए भी शामिल है। इस प्रकार, मार्च में जारी किया गया कुल बिल पिछले बकाया सहित 90 हजार 384 रुपए का बनता है। बिजली बोर्ड के प्रबंध निदेशक (एमडी) संदीप कुमार ने इस संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कंगना रनौत के आवास का कनेक्टेड लोड 94.82 किलोवाट है, जो कि एक सामान्य आवास के विद्युत लोड से लगभग 1500 प्रतिशत अधिक है। उन्होंने यह भी बताया कि कंगना रनौत द्वारा अक्तूबर से दिसंबर तक के बिजली बिलों का भुगतान समय पर नहीं किया गया था। इसी तरह, जनवरी और फरवरी महीने के बिजली बिल भी समय पर नहीं दिए गए, जिसके कारण उन पर देरी शुल्क (सरचार्ज) भी लगा। दिसंबर की 6,000 यूनिट बिजली खपत का बकाया लगभग 31,367 रुपए था, जबकि फरवरी की 9,000 यूनिट बिजली खपत का बिल 58,096 रुपए था, जो समय पर भुगतान न करने के कारण देरी सरचार्ज सहित था। संदीप कुमार ने यह भी जानकारी दी कि अक्तूबर, नवंबर और दिसंबर 2024 महीने का कुल बिजली बिल 82,061 रुपए था, जिसका भुगतान कंगना रनौत द्वारा 16 जनवरी 2025 को किया गया था। उन्होंने कहा कि कंगना रनौत द्वारा मासिक बिलों का भुगतान नियमित रूप से देरी से किया जा रहा है। जनवरी और फरवरी के बिजली बिलों का भुगतान 28 मार्च 2025 को किया गया, जिसकी कुल खपत 14,000 यूनिट थी। इन आंकड़ों से यह स्पष्ट होता है कि कंगना रनौत के आवास की मासिक बिजली खपत औसत रूप से 5,000 यूनिट से लेकर 9,000 यूनिट तक बहुत अधिक है। बोर्ड ने यह भी स्पष्ट किया कि कंगना रनौत हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा बिजली बिलों पर दी जाने वाली सब्सिडी का भी लगातार लाभ उठा रही हैं। फरवरी महीने के बिल में उन्होंने मासिक बिजली बिल पर 700 रुपए की सब्सिडी प्राप्त की है।बिजली बोर्ड के एमडी संदीप कुमार ने प्रदेश के सभी विद्युत उपभोक्ताओं से आग्रह किया है कि वे समय पर अपने बिजली बिलों का भुगतान करें, ताकि उन्हें बिजली बिलों से संबंधित किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। समय पर बिजली बिलों का भुगतान न केवल उपभोक्ताओं के लिए सुविधाजनक है, बल्कि इससे बिजली बोर्ड के कर्मचारियों के समय की भी बचत होती है।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने पावर कॉरपोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की मौत के मामले में पूर्व प्रबंध निदेशक (एमडी) और आईएएस अधिकारी हरिकेश मीणा को हाईकोर्ट ने बड़ी राहत देते हुए 2 मई तक अग्रिम जमानत प्रदान कर दी है। अदालत ने मीणा की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है, साथ ही उन्हें पुलिस जांच में सहयोग करने का निर्देश भी दिया है। यह घटनाक्रम आज सामने आया है, जब हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई की। इससे पहले सरकार ने अपनी स्टेटस रिपोर्ट अदालत में पेश की थी। यह फैसला इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि विमल नेगी के परिजनों ने मीणा सहित दो अन्य अधिकारियों पर मानसिक प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसके बाद उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। मीणा ने इसी गिरफ्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी, जिस पर आज अदालत ने यह फैसला सुनाया है।गौरतलब है कि हरिकेश मीणा ने अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। यह कदम विमल नेगी के परिवारजनों द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों के बाद उठाया गया था। परिजनों ने आईएएस अधिकारी हरिकेश मीणा, आईएएस शिवम प्रताप सिंह और निदेशक देसराज पर विमल नेगी को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। इन आरोपों के बाद न्यू शिमला थाने में निदेशक देसराज, तत्कालीन एमडी और निदेशक (कार्मिक) के खिलाफ प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज की गई थी। अब तक की पुलिस जांच और अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा की पड़ताल में परिजनों द्वारा लगाए गए आरोप सही पाए गए हैं, जिससे इन तीनों अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इसी वजह से पहले देसराज ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की गुहार लगाई थी, लेकिन वहां से उनकी याचिका खारिज होने के बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। अब इसी कड़ी में मीणा ने हाईकोर्ट से राहत पाई है।
हिमाचल प्रदेश में बंदरों की बढ़ती आबादी और उनसे हो रही परेशानियों को लेकर वन विभाग एक बार फिर सक्रिय हो गया है। विभाग जून महीने में प्रदेश भर में बंदरों की नई गिनती करवाने जा रहा है। यह फैसला पिछली जनगणना की रिपोर्ट पर सवाल उठने के बाद लिया गया है, जिसमें बंदरों की संख्या अनुमान से कहीं ज़्यादा बताई गई थी और जिसे विभाग ने स्वीकृति नहीं दी थी। वन विभाग आमतौर पर हर चार साल में बंदरों की संख्या का आकलन करता है। 2019-2020 की पिछली रिपोर्ट में प्रदेश में बंदरों की अनुमानित संख्या 1,36,443 थी। प्रदेश में बंदर लंबे समय से एक बड़ी समस्या बने हुए हैं। ये न केवल किसानों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं, बल्कि आम लोगों के लिए भी खतरा साबित हो रहे हैं। सरकार ने इस समस्या से निपटने के लिए 2006 से बंदरों की नसबंदी का कार्यक्रम भी चलाया है। अब तक प्रदेश में 1.86 लाख बंदरों की नसबंदी की जा चुकी है, लेकिन इसके बावजूद इनकी संख्या में अपेक्षित कमी नहीं आई है। वर्तमान में प्रदेश के विभिन्न जिलों में आठ नसबंदी केंद्र संचालित हैं, लेकिन यह प्रयास भी बंदरों की बढ़ती आबादी के सामने कमजोर पड़ता दिख रहा है। बढ़ते हमले, शिमला में हर महीने दर्ज हो रहे सैकड़ों मामले बंदरों की बढ़ती संख्या का ही नतीजा है कि लोगों पर उनके हमलों की संख्या भी बढ़ रही है। राजधानी शिमला में ही सरकारी अस्पतालों में हर महीने बंदरों के काटने के 60 से 70 मामले सामने आ रहे हैं। सरकार ने बंदरों को पकड़ने के लिए प्रोत्साहन राशि भी निर्धारित की है। प्रति बंदर 700 रुपये दिए जाते हैं। वहीं, किसी विशेष क्षेत्र में 80 फीसदी बंदरों को पकड़ने में सफलता हासिल करने वाले व्यक्ति को प्रति बंदर 1,000 रुपये तक की राशि दी जाती है। इसके अलावा, बंदरों को मानव बस्तियों से दूर रखने के लिए सरकार उनके प्राकृतिक आवास में फलदार पौधे लगाने की योजना पर भी काम कर रही है। डीएफओ वन्य जीव शाहनवाज भट्ट ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि नए सिरे से गिनती करने से बंदरों की वास्तविक संख्या का सही आकलन हो सकेगा। इसके आधार पर नसबंदी, पुनर्वास और लोगों को राहत पहुंचाने के लिए अधिक प्रभावी योजनाएं बनाई जा सकेंगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि पिछली रिपोर्ट को विभाग से अनुमोदन नहीं मिल पाया था और अब जून में नई गिनती करवाई जाएगी। अब देखना यह होगा कि जून में होने वाली इस बंदर जनगणना के नतीजे क्या सामने आते हैं और क्या सरकार बंदरों की इस बढ़ती समस्या पर लगाम लगाने में कामयाब हो पाती है या नहीं।
हिमाचल प्रदेश में जूनियर ऑफिस असिस्टेंट (JOA) IT पोस्ट कोड-939 के 295 पदों पर भर्ती प्रक्रिया, जो 2022 से धीमी गति से चल रही थी, अब एक महत्वपूर्ण पड़ाव पर पहुंच गई है। अप्रैल 2022 में आयोजित परीक्षा में एक लाख से अधिक उम्मीदवारों ने भाग लिया था, जिनमें से 68 हजार ने लिखित परीक्षा उत्तीर्ण की थी। हालांकि, दिसंबर 2022 में पेपर लीक होने के कारण भर्ती का परिणाम लगभग दो वर्षों तक लंबित रहा। परिणाम घोषित होने के बाद, बिजली बोर्ड ने 148 पदों पर भर्ती करने से इनकार कर दिया था, जबकि इसी पोस्ट कोड के तहत अन्य विभागों में भर्तियां पहले ही हो चुकी थीं। राज्य चयन आयोग की सिफारिशों के बावजूद बिजली बोर्ड के इनकार के बाद, यह मामला सरकार तक पहुंचा। सरकार ने इन 148 अभ्यर्थियों को अन्य सरकारी बोर्डों और निगमों में समायोजित करने का निर्णय लिया है। इन अभ्यर्थियों को हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, वन विभाग का कॉरपोरेशन निगम, एचपीएमसी और एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड में समायोजित किया जाएगा। राज्य चयन आयोग ने इन उम्मीदवारों को अप्रैल के पहले सप्ताह तक अपनी पसंद बताने का अवसर दिया था। अभ्यर्थियों द्वारा अपनी प्राथमिकताएं व्यक्त करने के बाद, आयोग ने तुरंत पात्र उम्मीदवारों को बोर्ड और निगम आवंटित कर दिए। अब, इस आवंटन की अंतिम सूची राज्य सरकार, यानी कार्मिक विभाग को भेज दी गई है। इन उम्मीदवारों को अब राज्य सरकार की औपचारिक सिफारिश का इंतजार है, जिसके बाद इन बोर्डों और निगमों में उनकी नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। दो वर्षों से नौकरी की प्रतीक्षा कर रहे इन अभ्यर्थियों के लिए यह खबर निश्चित रूप से राहत की सांस लेकर आई है।
हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन (HPPC) के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की रहस्यमय मौत का मामला लगातार गहराता जा रहा है, जिसमें अब पूर्व प्रबंध निदेशक (एमडी) और वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हरिकेश मीणा केंद्र में आ गए हैं। आज हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में मीणा की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई होने वाली है। बीते सोमवार को हाईकोर्ट ने उन्हें अंतरिम राहत देते हुए 9 अप्रैल तक उनकी बलपूर्वक गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी, लेकिन अब इस राहत की अवधि समाप्त होने वाली है और आज अदालत यह तय कर सकती है कि मीणा को गिरफ्तारी से संरक्षण मिलेगा या नहीं। हरिकेश मीणा की अग्रिम जमानत याचिका इस पूरे मामले में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। अदालत आज दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुना सकती है। संभावना है कि पुलिस इस मामले में अब तक की अपनी जांच की प्रगति रिपोर्ट (स्टेट्स रिपोर्ट) भी हाईकोर्ट में दाखिल करेगी। मीणा ने अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, क्योंकि मृतक विमल नेगी के परिवार ने उन पर, आईएएस अधिकारी शिवम प्रताप सिंह और एक अन्य निदेशक देसराज पर विमल नेगी को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के गंभीर आरोप लगाए हैं। नेगी के परिजनों द्वारा लगाए गए इन सनसनीखेज आरोपों के बाद न्यू शिमला पुलिस स्टेशन में देसराज, तत्कालीन एमडी (हरिकेश मीणा) और निदेशक (कार्मिक) के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी (FIR) दर्ज की गई थी। अब तक इस मामले में पुलिस और अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा द्वारा की गई प्रारंभिक जांच में परिजनों द्वारा लगाए गए आरोप प्रथम दृष्टया सही पाए गए हैं। इस खुलासे ने इन तीनों अधिकारियों की मुश्किलें काफी बढ़ा दी हैं। इसी कड़ी में पहले निदेशक देसराज ने भी हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए अर्जी दाखिल की थी, लेकिन उनकी याचिका खारिज हो गई थी। इसके बाद देसराज ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, जहां उनकी याचिका पर भी सुनवाई होनी है। अब हरिकेश मीणा गिरफ्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट की शरण में हैं। यह दुखद घटनाक्रम तब सामने आया जब बीते 10 मार्च को विमल नेगी अपने दफ्तर से घर न जाकर अचानक एक टैक्सी में बिलासपुर के लिए रवाना हो गए थे। आठ दिन बाद, 18 मार्च को उनका शव गोविंद सागर झील में तैरता हुआ मिला था। अगले दिन, 19 मार्च को बिलासपुर के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में उनका पोस्टमार्टम करवाया गया। इसी दिन, आक्रोशित परिजनों ने पावर कॉरपोरेशन के बीसीएस स्थित दफ्तर के बाहर शव के साथ प्रदर्शन किया था, जिसके बाद पुलिस हरकत में आई और एफआईआर दर्ज की गई। इस घटना के बाद देसराज को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था।
शिमला जिले के ठियोग के सैंज में बीती शाम एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां एक युवक ने अपने ही दोस्त की हत्या कर दी। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। मृतक की पहचान रवि कुमार (35) निवासी नलोट, सुंदरनगर (मंडी) के रूप में हुई है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार, रवि कुमार की कुछ महीने पहले ही शादी हुई थी और वह जेसीबी मशीन का मालिक था। आरोपी की पहचान अनिल (24) निवासी अर्की (सोलन) के तौर पर हुई है, जो सैंज के भोटका मोड़ पर एक वर्कशॉप चलाता है। बताया जा रहा है कि रवि और अनिल अच्छे दोस्त थे। पुलिस फिलहाल यह पता लगाने में जुटी है कि दोनों के बीच किस बात को लेकर विवाद हुआ, जिसके चलते यह खूनी वारदात हुई। बासा सैंज के रहने वाले कुलदीप सिंह (47) ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि सोमवार शाम करीब 5 बजे रवि उनकी दुकान पर आया था। इसके बाद वह अनिल की वर्कशॉप में गया। कुछ ही देर बाद वर्कशॉप से शोर सुनाई दिया और कुलदीप ने अनिल को फोन पर यह कहते सुना कि उसने एक व्यक्ति को मार डाला है। कुलदीप ने मौके पर पहुंचकर देखा तो रवि वर्कशॉप के फर्श पर खून से लथपथ पड़ा था। अनिल और अन्य लोगों ने मिलकर रवि को उसकी कार में ठियोग अस्पताल पहुंचाया, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही रवि ने दम तोड़ दिया। पुलिस के मुताबिक, आरोपी अनिल ने वर्कशॉप में रखे औजार से रवि पर हमला कर उसकी हत्या की है। ठियोग अस्पताल में आज मृतक के शव का पोस्टमॉर्टम करवाया जा रहा है, जिसके बाद शव परिजनों को सौंपा जाएगा। फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल से साक्ष्य जुटाए हैं। थाना प्रभारी ठियोग जसवंत सिंह इस मामले की गहन जांच कर रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू आज दिल्ली के लिए प्रस्थान करेंगे। जहां से वे दोपहर बाद गुजरात के अहमदाबाद के लिए रवाना होंगे। उनके साथ प्रदेश के उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता एवं पूर्व अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर भी इस दौरे में शामिल होंगे। अहमदाबाद के शाहीबाग स्थित सरदार पटेल मेमोरियल में कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की रखी गई है। कल होने वाली CWC में कांग्रेस संगठन की मजबूती को लेकर फैसले लिए जाएंगे वही परसों यानी 9 अप्रैल को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) का अधिवेशन बुलाया गया है। इस अधिवेशन में CWC द्वारा लिए गए निर्णयों को पार्टी के जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं तक पहुंचाने और उन्हें लागू करने के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह को इस दौरान पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के साथ हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस संगठन की वर्तमान स्थिति पर भी चर्चा कर सकते है। प्रदेश में कांग्रेस सरकार बने लगभग पांच महीने बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक पार्टी संगठन का पूर्ण रूप से गठन नहीं हो पाया है। संभावित कार्यक्रम के अनुसार, मुख्यमंत्री 10 अप्रैल की शाम या 11 अप्रैल की सुबह तक वापस शिमला लौट सकते हैं। हालाँकि अभी ये स्पष्ट नहीं है कि वो शिमला वापस कब लौटेंगे क्योंकि अभी आधिकारिक रूप से उनके कार्यक्रम की कोई अपडेट नहीं आई है।
हिमाचल प्रदेश में अप्रैल के पहले हफ्ते में ही अप्रत्याशित गर्मी ने लोगों को परेशान कर दिया है। कई शहरों में तापमान सामान्य से 8 डिग्री सेल्सियस तक ऊपर चला गया है, जिससे मई जैसी तपिश का अहसास हो रहा है। कुल्लू और मंडी जिलों में तो आज हीटवेव (लू) चलने की चेतावनी जारी की गई है, जबकि बीते कल भी इन क्षेत्रों में गर्म हवाओं का प्रकोप देखने को मिला। वही मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ 9 अप्रैल से सक्रिय होने जा रहा है, जिसके चलते प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों में 12 अप्रैल तक बारिश होने की संभावना है। विशेष रूप से चंबा, कांगड़ा, कुल्लू और मंडी जिलों में इस दौरान वर्षा के आसार जताए गए हैं। मौसम विभाग ने बताया कि 9 अप्रैल को केवल अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्की बारिश हो सकती है, जबकि 10 और 11 अप्रैल को प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में बारिश की गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं। वहीं, 12 अप्रैल को अधिक ऊंचाई और मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ही बारिश सीमित रहने की संभावना है। इस पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से प्रदेशवासियों को तपती गर्मी से कुछ राहत मिलने की उम्मीद है। वही गर्मी ने किन्नौर के कल्पा में तापमान ने तो सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। यहां अधिकतम तापमान सामान्य से 8 डिग्री ज्यादा 23.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है, जो अप्रैल के ऐतिहासिक रिकॉर्ड 25.2 डिग्री सेल्सियस (15 अप्रैल 2007) के बेहद करीब है। इस बार, अप्रैल के पहले सप्ताह में ही तापमान का इस स्तर पर पहुंचना चिंताजनक है। अन्य प्रमुख शहरों में भी गर्मी का कहर जारी है। ऊना में तापमान 36.4 डिग्री सेल्सियस, शिमला में 25.5 डिग्री सेल्सियस, मनाली में 25.9 डिग्री सेल्सियस, भुंतर में 32.8 डिग्री सेल्सियस और धर्मशाला में 30.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है, जो सभी सामान्य से काफी अधिक हैं।
-विमल नेगी मामले में जनता को गुमराह करने के लिए बीजेपी कर रही CBI जांच की मांग -कहा, बीजेपी का इस मामले से नहीं कोई लेना-देना जगत सिंह नेगी ने आज सोलन मेंविमल नेगी के मामले को लेकर बीजेपी द्वारा सीबीआई जांच की मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए जगत सिंह नेगी ने कहा कि विपक्ष के पास कोई ठोस मुद्दा नहीं है, इसलिए वे इस मामले को राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं। नेगी ने आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी इस मामले का उपयोग राजनीतिक रोटियां सेकने के लिए कर रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जैसे ही यह मामला सामने आया, सरकार ने तुरंत जांच शुरू की और पुलिस को पूरी सहायता दी। नेगी ने कहा कि जब विमल नेगी का शव मिला, तब तुरंत एफआईआर दर्ज की गई और जिन अधिकारियों पर इस केस को लेकर आरोप लग रहे थे उनको ट्रांसफर व सस्पेंड कर दिया गया ताकि जांच निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से हो सके। उन्होंने यह भी कहा कि यह जांच पूरी तरह से कानूनी प्रक्रिया के तहत चल रही है और इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती जा रही है। वही परिजनों द्वारा सीबीआई जांच की मांग पर बात करते हुए नेगी ने कहा कि सीबीआई जांच तब होती है जब किसी मामले में ठोस सबूत हों कि वर्तमान जांच में कोई गड़बड़ी हो रही है। वर्तमान में जांच सही दिशा में और समय सीमा के भीतर हो रही है। उन्होंने यह भी टिप्पणी की कि आज के दौर में सीबीआई की प्रतिष्ठा पर सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि यह संस्था अब एक तरह से बीजेपी के नियंत्रण में आ गई है। जगत सिंह नेगी ने बीजेपी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि इस मामले का राजनीतिकरण करना बिल्कुल भी उचित नहीं है।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने खाद्य आपूर्ति विभाग के कर्मचारियों को बड़ी राहत देते हुए सरकार के उस फैसले पर रोक लगा दी है, जिसमें अनुबंध काल की गणना के आधार पर दिए गए वरिष्ठता लाभ को वापस लेने का आदेश जारी किया गया था। न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर और रंजन शर्मा की खंडपीठ ने 3 अप्रैल को जारी इस सरकारी आदेश पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है। हालांकि, खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि याचिकाकर्ताओं को दी गई यह अंतरिम सुरक्षा उनके पक्ष में कोई स्थायी अधिकार नहीं बनाएगी। अदालत ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर इस मामले पर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई 25 अप्रैल को लेखराज और अन्य बनाम हिमाचल प्रदेश से जुड़े एक अन्य मामले के साथ होगी, जिसमें अनुबंध सेवाकाल को वरिष्ठता और पदोन्नति के लिए गिने जाने की वैधता को चुनौती दी गई है। राज्य सरकार ने इसी वर्ष 7 फरवरी को हिमाचल प्रदेश सरकारी कर्मचारी भर्ती और सेवा शर्तें अधिनियम 2024 लागू किया था, जिसके तहत 2003 के बाद नियुक्त कर्मचारियों के अनुबंध सेवाकाल को वरिष्ठता लाभ के लिए नहीं गिना जाएगा। इसी कानून के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर की गई हैं। सरकार ने 1 मार्च को खाद्य आपूर्ति विभाग में अनुबंध काल के बाद पदोन्नति संबंधी आदेश जारी किए थे, जिसे याचिका दायर होने के बाद वापस ले लिया गया था। हाईकोर्ट के इस रोक के फैसले से प्रदेश के अन्य विभागों के उन कर्मचारियों में भी उम्मीद जगी है, जिनके अनुबंध काल के सेवाकाल की गणना के आधार पर तय पदोन्नति और वरिष्ठता लाभ पहले वापस ले लिए गए थे। इसके अतिरिक्त, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने बद्दी स्थित जीएमपी टेक्निकल सॉल्यूशंस में कार्यरत कर्मचारियों के स्थानांतरण पर भी रोक लगा दी है। न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की अदालत ने सभी संबंधित पक्षों को 21 अप्रैल तक अपने जवाब दाखिल करने का समय दिया है, और इस मामले पर अगली सुनवाई 22 अप्रैल को होगी। यह याचिका जीएमपी टेक्निकल सॉल्यूशंस कर्मचारी संघ द्वारा दायर की गई है, जिसमें कर्मचारियों के सामूहिक स्थानांतरण को चुनौती दी गई है।
हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (एचपीटीडीसी) को आगामी पर्यटन सीजन से पहले बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने निगम के होटलों में कर्मचारियों की तैनाती के लिए आउटसोर्स भर्ती करने की अनुमति दे दी है। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब पहले हाईकोर्ट ने ही नई भर्तियों पर रोक लगा दी थी। न्यायमूर्ति संदीप शर्मा की अदालत ने यह आदेश एचपीटीडीसी द्वारा दायर एक आवेदन पर सुनवाई करते हुए दिया। निगम ने अदालत से मौजूदा कर्मचारियों की कमी के कारण आगामी पर्यटन सीजन में परिचालन संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए आउटसोर्स पर भर्तियां करने की अनुमति मांगी थी। इससे पहले, 15 अक्टूबर 2024 को हिमाचल हाईकोर्ट ने एचपीटीडीसी में आउटसोर्स या अनुबंध के आधार पर नई भर्तियों पर रोक लगा दी थी। इस रोक के बाद निगम ने हाईकोर्ट में आवेदन दायर कर भर्तियों की अनुमति का अनुरोध किया था। निगम ने अपने आवेदन में बताया था कि 15 अक्टूबर 2024 के आदेश से पहले कुछ कर्मचारी अनुबंध के आधार पर निगम में कार्यरत थे, लेकिन अब वे नौकरी छोड़ चुके हैं। इस स्थिति में, आगामी पर्यटन सीजन के कारण निगम को कर्मचारियों की आवश्यकता होगी। अदालत ने निगम की इस मांग को स्वीकार करते हुए इस भर्ती की अनुमति प्रदान की है।
संसद में वक्फ संशोधन बिल पर चर्चा के दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर द्वारा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे और अन्य वरिष्ठ नेताओं पर वक्फ की जमीन हड़पने के आरोप लगाने के बाद राजनीतिक माहौल गरमा गया है। इस बयान के विरोध में हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने जोरदार प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन शिमला के उपायुक्त कार्यालय के पास हुआ, जहां कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार और अनुराग ठाकुर के खिलाफ नारों के साथ अपनी नाराजगी व्यक्त की। इस दौरान कांग्रेस के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि सांसद अनुराग ठाकुर को मुद्दे पर बात करनी चाहिए। हिमाचल में ऐसी संस्कृति नहीं है। अगर हम विधानसभा में इस तरह की बात करें तो भाजपा के नेता खड़े होकर हमें संसदीय कार्यवाही से बाहर निकालने की मांग कर देते हैं। विक्रमादित्य सिंह ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि अगर सच में कोई हिमाचल के टुकड़े-टुकड़े करना चाहता है, तो वो भाजपा के नेता ही हैं। जिस तरह से भाजपा के नेता हिमाचल और केंद्र के बीच दरार पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं, यह बेहद चिंताजनक है। क्या मोदी जी अपनी जेब से दे रहे पैसा: विक्रमादित्य सिंह इस दौरान उन्होंने भाजपा के नेताओं पर पलटवार करते हुए कहा कि अगर हम दिल्ली से विकास के लिए राशि लाते हैं तो भाजपा के नेता कहते हैं कि यह तो केंद्र से आई है। क्या मोदी जी अपने जेब से यह पैसा दे रहे हैं? उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जो भी धनराशि हिमाचल को मिलती है, वह हिमाचल प्रदेश का हक है। चाहे वह जीएसटी के रूप में हो, राजस्व घाटा अनुदान हो या केंद्र की किसी भी योजना के तहत मिले। और यह प्रावधान तब से है जब से देश बना है। इसे भाजपा द्वारा इस तरह सौगात बताना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। इस तरह की राजनीति नहीं होनी चाहिए। इतनी कहाँ आग लगी थी कि रातों-रातों किया बिल पारित इस दौरान विक्रमादित्य सिंह ने भाजपा के इरादों पर सवाल उठाते हुए कहा कि भाजपा जनता का ध्यान भटकाने के लिए वक्फ संशोधन बिल लेकर आई है। आज संसद में सबसे बड़ा मुद्दा इम्पोर्ट ड्यूटी है। अमेरिका ने स्पष्ट कर दिया है कि टैरिफ टैक्स लगाया जाएगा, जिससे हिमाचल को भी नुकसान होगा। हम काफी समय से इस मुद्दे को उठा रहे हैं, लेकिन ध्यान भटकाने के लिए वक्फ बिल को रातों-रात पारित कर दिया गया। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि इतनी आग कहां लगी कि यह कानून रातों-रात पारित कर दिया गया? यह जनहित के मुद्दों से ध्यान हटाने की कोशिश है।
शिमला: संसद में पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर द्वारा कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे पर की गई विवादास्पद टिप्पणी के बाद राजनीतिक माहौल गरमा गया है। लोकसभा में वक्फ बिल पर चर्चा के दौरान सांसद अनुराग ठाकुर द्वारा कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे व कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेताओं पर वक्फ की जमीन हड़पने के आरोप लगाए थे जिसके बाद से कांग्रेस उग्र हो गई है। इस बयान के विरोध में हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने जोरदार प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन शिमला के उपायुक्त कार्यालय के पास हुआ, जहां कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार और अनुराग ठाकुर के खिलाफ कड़े नारों के साथ अपनी नाराजगी व्यक्त की। प्रदर्शन में कांग्रेस के राज्य अध्यक्ष प्रतिभा सिंह, उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री और कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह समेत कई नेताओं ने भाग लिया। उन्होंने अनुराग ठाकुर के बयान को निंदा किया और इसे सदन की गरिमा के खिलाफ बताया । इस दौरान उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा जनसभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि अनुराग ठाकुर का विवादों से पुराना नाता रहा है। उन्होंने पहले भी समय-समय पर विवादित बयान दिए हैं। ऐसे में उनसे कुछ भी अपेक्षा करना गलत है। भाजपा जानबूझकर मल्लिकार्जुन खरगे और गांधी परिवार को निशाना बनाती है। मल्लिकार्जुन खरगे वरिष्ठ सांसद हैं और अनुराग ठाकुर सदन में अभद्र टिप्पणी करके उन्हें नीचा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। वही इस प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने भी अनुराग ठाकुर को घेरते हुए कहा अनुराग ठाकुर की भासा को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि कांग्रेस पार्टी उनके बयान की निंदा करती है। आज हम राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के समर्थन में एकत्र हुए हैं और उनकी ओर से अनुराग ठाकुर से इस्तीफे की मांग का भी समर्थन करते हैं। इस दौरान प्रतिभा सिंह ने मंडी से लोकसभा सांसद काँगड़ा रनौत पर भी निशाना साधा और कहा कि हम काँगड़ा रनौत को इतना काबिल नहीं समझते है कि उसे मान-सम्मान दिया जाए । जनता ने उन्हें चुनकर संसद तक भेजा लेकिन आज तक कंगना रनौत ने हिमाचल का एक भी मुद्दा संसद में नहीं उठाया।
हिमाचल प्रदेश में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने एक नया मोड़ ले लिया है, जिससे पूरे राज्य में कानूनी और प्रशासनिक हलचल मच गई है। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में हिमाचल हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु सीमा 58 से बढ़ाकर 60 वर्ष करने का निर्णय लिया गया था। यह फैसला कर्मचारियों के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि अब उन्हें 58 वर्ष की उम्र में ही सेवा समाप्त करनी पड़ेगी। इससे न केवल उनकी पेंशन और लाभ पर असर पड़ेगा, बल्कि उन परिवारों के सपनों पर भी असर पड़ेगा जो सेवा विस्तार की उम्मीद में थे। इससे पहले, हाईकोर्ट ने 2018 की सरकार की अधिसूचना को खारिज कर दिया था, इसे भेदभावपूर्ण मानते हुए। अदालत ने कहा कि 10 मई 2001 से पहले और बाद में नियुक्त कर्मचारियों के बीच अंतर करना संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है। इस फैसले ने यह सवाल उठाया कि क्या सरकार की नीतियां वास्तव में न्याय के सिद्धांतों पर खड़ी होती हैं या नहीं। अब सुप्रीम कोर्ट की रोक ने इस विवाद को और गहरा कर दिया है। इस फैसले के बाद, उच्च शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला उपनिदेशकों को निर्देश जारी किए हैं कि जब तक सुप्रीम कोर्ट का आदेश लागू है, तब तक 58 वर्ष की आयु पूरी करने वाले कर्मचारियों को सेवा विस्तार नहीं दिया जाएगा।
अब शराब के ठेके में दुकानदार मनमाने दामों पर शराब नहीं बेच पाएंगे। हिमाचल प्रदेश सरकार ने शराब की बिक्री के लिए नए नियम लागू किए हैं, जिनके तहत अब शराब की बोतलों को मैक्सिमम रिटेल प्राइस (एमआरपी) के अनुसार ही बेचना अनिवार्य होगा। इसका मतलब यह है कि दुकानदार अब एमआरपी से अधिक दाम पर शराब नहीं बेच सकते। इस बार शराब के ठेकों की नीलामी से सरकार ने 2850 करोड़ रुपए की आय का लक्ष्य तय किया है, जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 2700 करोड़ रुपए था। नीलामी प्रक्रिया 18 मार्च से शुरू हो चुकी है और 10 अप्रैल तक कई जिलों में यह प्रक्रिया जारी रहेगी। नए वित्त वर्ष में शराब के दामों में वृद्धि देखी गई है, जिसमें हाई ब्रांड शराब 150 से 200 रुपए तक महंगी हुई है और अंग्रेजी के रेगुलर ब्रांड में 40 से 50 रुपए की बढ़ोतरी हुई है। देसी शराब के दाम भी 15 रुपए तक बढ़ गए है।पिछले वित्त वर्ष में दुकानदारों को मिनिमम सेल प्राइस के तहत 30% अधिक राशि वसूलने की छूट थी, लेकिन अब यह नियम हटा दिया गया है। यदि कोई दुकानदार एमआरपी से अधिक दाम पर शराब बेचते हुए पकड़ा जाता है, तो पहले दो बार दुकान का चालान किया जाएगा, और यदि उल्लंघन जारी रहता है तो शराब का ठेका सील कर दिया जाएगा। सरकार के इन नए आदेशों से न केवल राजस्व में वृद्धि होगी, बल्कि ग्राहकों को भी शराब के दामों में पारदर्शिता का लाभ मिलेगा।
हिमाचल प्रदेश के आसमान में आज फिर से बदलाव का मौसम है। मौसम विभाग के मुताबिक, चंबा, कांगड़ा, किन्नौर, लाहौल-स्पीति और कुल्लू के कुछ ऊँचाई वाले इलाकों में बारिश हो सकती है। शिमला में आज सुबह से ही धूप का कमाल दिख रहा है, लेकिन ऊँचाई वाले इलाकों में बारिश और बर्फबारी के बाद तापमान में हल्की गिरावट की उम्मीद है। मौसम विभाग के संभावना जताई है कि 8 अप्रैल से प्रदेश मेंवेस्टर्न डिस्टरबेंस फिर से एक्टिव होगा। इस दौरान प्रदेश के ऊँचाई वाले क्षेत्रों में बारिश और बर्फबारी का दौर शुरू हो सकता है। मौसम विभाग की माने तो प्रदेश में इस बार गर्मी सामान्य से ज्यादा पड़ेगी। प्रदेश के ज्यादातर शहरों में तापमान सामान्य से अधिक रहेगा। हीट वेव के दिन भी 10 से 20 प्रतिशत तक ज्यादा होंगे। मौसम विभाग ने इस बार प्रदेश में अप्रैल से जून तक प्रचंड गर्मी पड़ने की चेतावनी दी है। अप्रैल से जून तक सामान्य की अपेक्षा ज्यादा दिन तक गर्म हवाएं चलने का अनुमान है। ऐसे में गर्मी प्रचंड रूप दिखाएगी और पसीना छुड़ाएगी। बीते एक सप्ताह से मौसम साफ रहने और धूप खिलने के बावजूद न्यूनतम तापमान सामान्य से चार डिग्री सेल्सियस कम है। अधिकतम तापमान सामान्य से दो से चार डिग्री सेल्सियस अधिक है। पिछले सप्ताह से किसी भी स्थान पर तापमान मानइस में नहीं था, मंगलवार को लाहुल स्पीति के केलंग में न्यूनतम तापमान -0.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। कुकुमसेरी में 2.5, मनाली में 7.5 डिग्री रहा।
हिमाचल प्रदेश सरकार ने शिक्षा प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय को अपग्रेड कर स्कूल शिक्षा निदेशालय बना दिया है। अब प्री नर्सरी से बारहवीं कक्षा तक के सभी स्कूल इस नए निदेशालय के अधीन आएंगे। वहीं, कॉलेज और उच्च शिक्षा से जुड़े कार्यों के लिए एक अलग निदेशालय का गठन किया गया है, जिससे शिक्षा प्रणाली के प्रबंधन में अधिक दक्षता और व्यवस्था लाई जा सके। कैबिनेट की बैठक में लिए गए इस फैसले के तहत सरकार ने स्कूल और कॉलेज के लिए अलग-अलग निदेशालय बनाने का निर्णय लिया है। पहले प्री नर्सरी से आठवीं कक्षा को प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय और नौवीं से बारहवीं कक्षा, साथ ही कॉलेज और उच्च शिक्षा को उच्च शिक्षा निदेशालय के तहत रखा गया था। अब दोनों निदेशालयों के कार्यक्षेत्र को स्पष्ट किया गया है, और इनमें आईएएस अधिकारियों को निदेशक पद पर नियुक्त किया जा सकेगा, जिससे प्रशासनिक दक्षता में वृद्धि की उम्मीद है। वर्तमान में एचएएस अधिकारी आशीष कोहली स्कूल शिक्षा निदेशालय का कार्यभार संभाल रहे हैं, जबकि अमरजीत कुमार शर्मा उच्च शिक्षा निदेशालय के निदेशक हैं। दोनों निदेशालयों के गठन और कार्यक्षेत्र के बंटवारे के लिए शिक्षा सचिव की अध्यक्षता में आठ सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। जिसमें स्कूल निदेशालय, उच्च शिक्षा निदेशालय और समग्र शिक्षा के निदेशकों के अलावा अतिरिक्त सचिव, अवर सचिव शिक्षा और समग्र शिक्षा के संयुक्त नियंत्रण लेखा सदस्य बनाए गए हैं।
शिमला में भारतीय जनता पार्टी चीफ इंजीनियर विमल नेगी मौत मामले पर गुरुवार को सड़कों पर उतरने जा रही है। शिमला में भारतीय जनता पार्टी गुरुवार शाम कैंडल मार्च आयोजित करने जा रही है। भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस सरकार इस पूरे मामले हमें न्याय देने से पीछे हट रही है। विमल नेगी की मौत के मामले में भाजपा CBI जांच की मांग उठा रही है। भाजपा शिमला मंडल के अध्यक्ष राजीव पंडित ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी इस पूरे मामले में CBI जांच की मांग उठा रही है। विमल नेगी के परिवार को न्याय मिल सके, इसके लिए गुरुवार को कैंडल मार्च आयोजित की जा रही है।
जोगिन्दर नगर/क्रांति सूद: मंगलवार को राज्य स्तरीय ऐतिहासिक छिंज मेला की अंतिम सांस्कृतिक संध्या में मुख्यातिथि के रूप में उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने शिरकत की। हिमाचल प्रदेश योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष (कैबिनेट रैंक) भवानी सिंह पठानिया, पालमपुर के विधायक, आशीष बुटेल, हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम के उपाध्यक्ष, अजय वर्मा विशिष्ट अतिथि के रुप में शामिल हुए। आयुष युवा सेवायें एवं खेल मंत्री श्री यादविंदर गोमा भी विशेष रूप में उपस्थित रहे। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने उत्सवों और मेलों में आयोजित होने वाली सांस्कृतिक संध्याओं में एक संध्या पूर्ण रूप में हिमाचल के लोक कलाकारों और कुल ख़र्च का 33 प्रतिशत प्रदेश के कलाकारों और स्थानीय प्रतिभाओं पर खर्च किया जायेगा। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य स्तरीय ऐतिहासिक छिंज मेले सल्याणा के शानदार 200 वर्ष पूर्ण होने और आयोजकों द्वारा सफलतापूर्वक आयोजन के लिये बधाई दी। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में सैंकड़ों वर्षों से मेलों और उत्सवों का आयोजन बड़ी धूमधाम से होता है। उन्होंने कहा कि ऐसे उत्सवों के महत्व को देखते हुए सरकार भी पूर्ण सहयोग दे रही है। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि ऐतिहासिक छिंज मेले के अखाड़े के लिये 50 लाख रुपये दिये जायेंगे। उन्होंने कहा कि जयसिंहपुर विधान सभा क्षेत्र में जल शक्ति विभाग पेयजल पर 258 करोड़ रुपये व्यय कर रहा है। उन्होंने कहा कि 12 पंचायतों को पेयजल उपलब्ध करवाने के 32 करोड़ रुपये व्यय किये जा रहे हैं और एक वर्ष में यह योजना पूर्ण हो जाएगी। उन्होंने कहा कि जयसिंहपुर विधान सभा क्षेत्र में दो विश्राम गृह निर्माण निर्माण पर 5 करोड़ रुपये व्यय किये जायेंगे। उन्होंने जयसिंहपुर के चंगर क्षेत्र के लिये 23 करोड़ से ट्रीटमेंट प्लांट बनाने की बात कही। उन्होंने विभाग को लाहट कोटलु पेयजल योजना के सुधार के लिए डीपीआर तैयार करने के निर्देश दिये। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में चिट्टा का नशा चुनोती है और सरकार इसे जड़ से उखाड़ फेंकने के गम्भीर प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि इस धंधे में लिप्त लोगों के लिये फांसी और उम्रकैद तक का प्रबंधन किया गया है। उन्होंने कहा कि इसमे दो दर्जन सरकारी कर्मचारियों की संलिप्तता पाई गई है और ऐसे लोगों को नौकरी से बर्खास्त किया जायेगा। उन्होंने कहा कि चिट्टे के व्यापारियों की प्रॉपर्टी जब्त कर आशियानों पर बुलडोज़र चलाया जायेगा। उन्होंने कहा कि 3 हजार लोग जेलों में बंद हैं और 12 करोड़ की समाप्ति जब्त की गई है। इस अवसर पर जसवंत डढवाल, स्थानीय ग्राम पंचायत राजेश्वरी व्यास, प्रधान नवज्योति, सुरेश ठाकुर एडीसी विनय कुमार, मेला समिति के सरकारी तथा गैर सरकारी सदस्य से उपस्थित है।
हिमाचल प्रदेश के उन मेहनती मजदूरों के लिए बड़ी राहत की खबर है। अब 100 दिन तक काम करने वाले मजदूरों को बीपीएल (गरीबी रेखा के नीचे) श्रेणी में शामिल किया जाएगा। यह नया फैसला उनके लिए आर्थिक मदद और सरकारी योजनाओं का लाभ लेने का बेहतरीन मौका है। पंचायतीराज विभाग ने बीपीएल के लिए नए मापदंड तय कर दिए हैं, जिनके तहत मनरेगा मजदूरों को भी सशर्त लाभ दिया जाएगा। इससे प्रदेश के लाखों मजदूरों को आर्थिक सहायता और सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा, जो उनके जीवन में एक नई आशा जगाएगा। वर्तमान में हिमाचल में कुल 1,07,907 मजदूरों ने मनरेगा के तहत 100 दिन का काम पूरा किया है। इसमें बिलासपुर के 2,965, चंबा के 28,502, हमीरपुर के 2,851, कांगड़ा के 8,678, किन्नौर के 1,147, कुल्लू के 11,169, लाहौल-स्पीति के 76, मंडी के 30,284, शिमला के 9,933, सिरमौर के 6,605, सोलन के 2,350 और ऊना के 3,347 मजदूर शामिल हैं। वही प्रदेश में अब तक 15,14,909 जॉब कार्ड जारी किए जा चुके हैं, जिससे 7,14,728 परिवारों को रोजगार मिला है। खास बात यह है कि इनमें से 6,04,410 महिलाओं को ही विशेष रूप से रोजगार दिया गया है। कुल मिलाकर 3 करोड़ 91 लाख 83 हजार 154 व्यक्तिगत कार्य दिवस अर्जित किए गए हैं, जिसमें से 2 करोड़ 49 लाख 43 हजार 244 कार्य दिवस केवल महिलाओं ने किए हैं। डीआरडीए के कार्यकारी परियोजना अधिकारी, केएल वर्मा के अनुसार, मनरेगा मजदूर अब 1 अप्रैल से बीपीएल में शामिल होने के लिए आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के बाद गठित समितियों द्वारा मापदंडों के आधार पर उनकी पात्रता की जांच की जाएगी। अगर वे आवश्यक मानदंडों पर खरे उतरते हैं, तो उन्हें बीपीएल श्रेणी में शामिल किया जाएगा।
आज संसद में राजनीतिक तापमान चरम पर रहेगा क्योंकि लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक, 2025 को दोपहर 12 बजे पेश किया जाएगा। केंद्र सरकार ने वक्फ बोर्ड की शक्तियों को नियंत्रित करने और संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से इस विधेयक को लाया है। सरकार और विपक्ष दोनों ने इस मुद्दे पर अपनी-अपनी रणनीतियां बना ली हैं, जिससे संसद में गरमागरम बहस और हंगामे की संभावना जताई जा रही है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इस पर चर्चा के लिए 8 घंटे का समय निर्धारित किया है, हालांकि विपक्ष ने 12 घंटे की मांग की थी, जिसे सरकार ने ठुकरा दिया। चर्चा के बाद बिल को पारित करने की प्रक्रिया शुरू होगी और फिर इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा। चूंकि राज्यसभा में एनडीए के पास बहुमत नहीं है, सरकार को अपने सहयोगी दलों और कुछ अन्य सांसदों का समर्थन जुटाना होगा। वहीं, विपक्ष की ओर से विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) या स्थायी समिति के पास भेजने की मांग उठ सकती है, जैसा कि अगस्त 2024 में भी हुआ था। अगर दोनों सदनों से विधेयक पारित हो जाता है, तो इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। राष्ट्रपति की सहमति मिलने के बाद यह कानून बन जाएगा और वक्फ बोर्ड के प्रबंधन, संपत्तियों के नियमन और अन्य प्रस्तावित बदलाव लागू हो जाएंगे। सरकार ने अपने सभी सांसदों को तीन लाइन का व्हिप जारी किया है, जिसमें उन्हें आज सदन में मौजूद रहने का निर्देश दिया गया है। इसका उद्देश्य है कि बजट सत्र के समापन से पहले, यानी 4 अप्रैल तक, इस विधेयक को दोनों सदनों से पास कराया जाए। वहीं, विपक्षी दल जैसे कांग्रेस, समाजवादी पार्टी (सपा) और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) इस बिल का कड़ा विरोध कर रहे हैं। विपक्ष का कहना है कि यह विधेयक असंवैधानिक है और अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर सीधा हमला है। AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इसे मुस्लिम समुदाय को कमजोर करने की साजिश बताया है। बिल में कुल 44 संशोधन प्रस्तावित हैं, जिनमें वक्फ बोर्ड की असीमित शक्तियों को कम करना, गैर-मुस्लिम सदस्यों को बोर्ड में शामिल करना, और संपत्ति विवादों के निपटारे के लिए कलेक्टर को अधिकार देना शामिल है। सरकार का दावा है कि इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और मुस्लिम महिलाओं को विशेष लाभ मिलेगा। आज संसद में सुबह 11 बजे सत्र शुरू होगा और दोपहर 12 बजे बिल पेश किया जाएगा। विपक्ष के हंगामे और नारेबाजी की संभावना है, जिससे कार्यवाही में व्यवधान आ सकता है। शाम तक चर्चा पूरी होने के बाद मतदान की प्रक्रिया शुरू होगी, जो तय करेगा कि यह विधेयक आगे बढ़ेगा या नहीं।इस राजनीतिक मुकाबले में, सरकार और विपक्ष के बीच का यह टकराव न केवल संसद के भीतर, बल्कि देशभर में भी चर्चाओं का केंद्र रहेगा।
अब बाहरी राज्यों से आने वाले लोगो के लिए हिमाचल आना महंगा हो गया है। नए वित्तीय वर्ष के आगाज़ के साथ ही प्रदेश में बाहर से आने वाले वाहनों के लिए भी नए नियम लागु हो गये है जिससे प्रवेश शुल्क महंगा हो गया है। अब निजी वाहनों के लिए शुल्क 10 रुपये और अन्य प्रकार के वाहनों के लिए 20 रुपये तक बढ़ा दिया गया है। खास बात यह है कि छह से 12 सीटर यात्री वाहनों को अब 110 रुपये और 12 से अधिक सीटों वाले वाहनों को 180 रुपये का शुल्क देना होगा। भारी मालवाहक वाहनों के लिए भी नई दरें लागू हो गई हैं, जिसमें 250 क्विंटल या उससे अधिक भार वाले वाहनों के लिए प्रवेश शुल्क अब 720 रुपये तक बढ़ा दिया गया है। हाईवे पर टोल शुल्क में भी इज़ाफा हुआ है। कालका-शिमला एनएच पर सनवारा टोल पर अब एकतरफा यात्रा के लिए कार, जीप, वैन और एलएमवी को 75 रुपये और रिटर्न के लिए 110 रुपये का भुगतान करना होगा। वहीं, बस और ट्रक (टू एक्सल) के लिए एक तरफा टोल 250 रुपये और रिटर्न के लिए 370 रुपये है। बिलासपुर के बलोह में भी टोल शुल्क में 5 से 15 रुपये की वृद्धि देखी गई है। शिमला में रहने वालों के लिए भी यह वित्तीय वर्ष महंगा साबित हो सकता है। राजधानी में प्रॉपर्टी टैक्स और कूड़ा शुल्क में इजाफा किया गया है। प्रॉपर्टी टैक्स में 6-7 प्रतिशत तक वृद्धि हुई है, जबकि कूड़ा शुल्क अब 129 रुपये से बढ़कर 142 रुपये हो गया है। साथ ही, नगर निगम शिमला से जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त करने की फीस भी 5 रुपये से बढ़कर 50 रुपये हो गई है। बताया जा रहा है कि हिमाचल प्रदेश में पानी के बिल में भी जल्द ही 10 प्रतिशत तक वृद्धि देखी जा सकती है। इससे शहर के 36 हजार पेयजल उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
**इस वित्त वर्ष सबसे ज्यादा 5 करोड़ के मुनाफे की अपेक्षा **कहा, सर्वाधिक 2000 टन एप्पल कंसंट्रेट का किया उत्पादन शिमला, हिमाचल प्रदेश में मंगलवार को हिमाचल प्रदेश मार्केटिंग एंड प्रोसेसिंग कॉर्पोरेशन (HPMC) के निदेशक मंडल की 217वीं बैठक आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने की। इस बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए और निगम की अब तक की प्रमुख उपलब्धियों पर चर्चा की गई। मंत्री ने कहा कि इस वित्त वर्ष के अंत तक HPMC को अब तक का सबसे अधिक 5 करोड़ रुपये का मुनाफा होने की उम्मीद है। इसके अलावा निगम ने 2000 टन के करीब एप्पल कंसंट्रेट का उत्पादन किया है, जो अब तक का सर्वाधिक है। HPMC अब बिना आर्टिफिशियल शुगर के एप्पल जूस, वाइन, और नए वाइन एवं लिकर ब्रांड के उत्पादन में भी सक्रिय है। बैठक में यह तय किया गया कि CA स्टोर और ग्रेडिंग पैकिंग सेंटर को टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से निजी खिलाड़ियों को सौंपा जाएगा। इसके अलावा, निगम प्रदेश में जियो थर्मल ऊर्जा का उपयोग कर CA स्टोर बनाने के लिए पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत कर रहा है। निदेशक मंडल ने यह भी निर्णय लिया कि देशभर में HPMC की जमीनों को कमाई का स्रोत बनाते हुए निगम को 100 करोड़ रुपये से अधिक की अपफ्रंट मनी और मासिक 2 करोड़ रुपये से अधिक की आय की अपेक्षा है। मंत्री ने यह भी बताया कि HPMC लंबे समय से किसानों और बागवानों के हित में कार्य कर रहा है, और MIS के तहत सेब के प्रोक्योरमेंट की जिम्मेदारी भी निगम पर है, जिससे किसानों को उचित मूल्य मिल सके।
आज शिमला के छोटा सचिवालय के बाहर देवभूमि क्षत्रिय संगठन ने समाजवादी पार्टी के सांसद रामजीलाल सुमन के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन के दौरान सांसद का पुतला जलाया गया, जिससे संगठन ने अपनी नाराजगी और विरोध को स्पष्ट रूप से व्यक्त किया। प्रदर्शन के दौरान क्षत्रिय संगठन के कार्यकर्ताओं ने पुतले के ऊपर जूतों की माला भी डाली। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि वे 12 अप्रैल को शिमला से बड़ी संख्या में आगरा कूच करेंगे, ताकि इस मुद्दे पर और अधिक ध्यान आकर्षित किया जा सके। इस विरोध का कारण रामजीलाल सुमन का विवादित बयान है, जिसमें उन्होंने राजपूत योद्धा राणा सांगा की तुलना बाबर से की थी। इस बयान ने पूरे देश में विरोध की लहर फैला दी है। इसके जवाब में देवभूमि क्षत्रिय संगठन ने वीर योद्धाओं के सम्मान में सड़कों पर उतरने का फैसला किया है। देवभूमि क्षत्रिय संगठन के प्रदेश अध्यक्ष रुमित ठाकुर ने कहा कि हम वीर योद्धाओं के सम्मान में सड़कों पर उतरे हैं। जिनका कोई इतिहास नहीं है, वे योद्धाओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर रहे हैं। क्षत्रिय समाज इसे बर्दाश्त नहीं करेगा। प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने कार्यकर्ताओं को रोकने की कोशिश की, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने पुतले को जलाने की चेतावनी दी। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हल्की नोकझोंक भी हुई। रामजीलाल सुमन ने अपने बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनका किसी समुदाय या महापुरुष के प्रति अपमानजनक इरादा नहीं था और यह बयान केवल ऐतिहासिक संदर्भ में दिया गया था। उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे अपने राजनीतिक स्वार्थों के लिए इतिहास के विवादास्पद पहलुओं को पुनर्जीवित कर रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में एक बड़ा फैसला लेते हुए राज्य के स्कूलों में शिक्षकों के सामान्य तबादलों पर रोक को जारी रखने का निर्णय लिया है। यह कदम स्कूलों में पढ़ाई के माहौल को स्थिर बनाए रखने और शैक्षणिक गतिविधियों पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करने के लिए उठाया गया है। अब तबादले केवल युक्तिकरण और आवश्यक मामलों में ही किए जाएंगे, जबकि एक शिक्षक के सहारे चल रहे स्कूलों से तबादले नहीं किए जाएंगे। शहरी क्षेत्रों के स्कूलों में आपसी सहमति से ट्रांसफर पर भी ध्यान नहीं दिया जाएगा, और 30 किलोमीटर से कम दूरी पर तबादलों की अनुमति नहीं होगी। इसके अलावा, एक ही स्कूल में दो साल सेवा देना अनिवार्य रहेगा, और हार्ड क्षेत्रों से तबादले करवाने के लिए रिलीवर की शर्त का पालन सुनिश्चित किया जाएगा। मार्च के बाद भी सामान्य तबादलों पर रोक बनी रहेगी, और अतिरिक्त शिक्षक वाले स्कूलों को रिक्त पदों वाले स्कूलों में तैनात किया जाएगा, जिससे शिक्षा प्रणाली में संतुलन बना रहे। इसके साथ ही, हिमाचल प्रदेश के स्कूलों में अब मौसम के अनुसार छुट्टियों का नया शेड्यूल लागू किया गया है, जिससे छात्रों और शिक्षकों को अधिक सुविधाजनक ब्रेक मिलेगा। नालागढ़ उपमंडल, फतेहपुर, नगरोटा सूरियां, इंदौरा, पांवटा साहिब, कालाअंब और जिला ऊना के स्कूलों में 1 से 30 जून तक गर्मियों की छुट्टियां और 3 से 12 अगस्त तक बरसात की छुट्टियां होंगी, जबकि पहले ये छुट्टियां 22 जून से 29 जुलाई तक होती थीं। अन्य ग्रीष्मकालीन स्कूलों में 1 से 8 जून तक गर्मियों की छुट्टियां और 12 जुलाई से 12 अगस्त तक बरसात की छुट्टियां होंगी, जो पहले प्रावधान में नहीं थीं। इसके अलावा, सभी ग्रीष्मकालीन स्कूलों में लोहड़ी के आसपास जनवरी में मिलने वाली छह छुट्टियों के स्थान पर 1 से 8 जनवरी तक छुट्टियां दी जाएंगी, जबकि दिवाली की चार छुट्टियां पूर्व की तरह ही बरकरार रहेंगी। शीतकालीन स्कूलों में बरसात की छुट्टियां अब 7 से 12 अगस्त तक होंगी, जो पहले 22 से 27 जुलाई तक होती थीं, और सर्दियों की छुट्टियां 1 जनवरी से 11 फरवरी तक पूर्ववत रहेंगी। लाहौल-स्पीति जिले में बरसात की छुट्टियां नहीं होंगी, लेकिन दशहरे के दौरान छह छुट्टियां दी जाएंगी, जबकि कुल्लू जिले में 1 से 14 जनवरी तक सर्दियों की छुट्टियां, 20 जुलाई से 12 अगस्त तक बरसात की छुट्टियां और दशहरे के दौरान आठ छुट्टियां होंगी। कुल मिलाकर, पूरे राज्य के स्कूलों में एक साल के दौरान 52 छुट्टियां मिलेंगी, जिससे छात्रों और शिक्षकों को सालभर में पर्याप्त आराम मिलेगा।
नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है। "ब्रह्म" का अर्थ है तपस्या और "चारिणी" का अर्थ है आचरण करने वाली। इस तरह मां ब्रह्मचारिणी तप और संयम की प्रतीक हैं। पौराणिक कथा के अनुसार, मां पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तप किया था। इस तप के कारण उन्हें ब्रह्मचारिणी कहा गया। वे ज्ञान, तपस्या, वैराग्य और संयम की देवी मानी जाती हैं। महत्वमां ब्रह्मचारिणी की पूजा का विशेष महत्व है क्योंकि यह भक्तों को संयम, धैर्य, तप और आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करती है। उनकी आराधना से जीवन में आने वाली बाधाएं और कष्ट दूर होते हैं। यह पूजा विशेष रूप से विद्यार्थियों के लिए लाभकारी मानी जाती है, क्योंकि यह शिक्षा और ज्ञान प्राप्ति में सहायक होती है।मान्यता है कि मां ब्रह्मचारिणी की कृपा से भक्त अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए दृढ़ संकल्प और शक्ति प्राप्त करते हैं। इस साल चैत्र नवरात्रि के दौरान द्वितीया और तृतीया तिथि एक ही दिन है, जिस कारण नवरात्रि 9 नहीं बल्कि 8 दिनों की होगी। इस साल मुहूर्तचूंकि आज की तारीख 30 मार्च 2025 है, यह चैत्र नवरात्रि का पहला दिन है। इस आधार पर दूसरा दिन 31 मार्च 2025, सोमवार को होगा ।चन्द्र राशि - मेष सूर्योदय और सूर्यास्त का समय सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 18 मिनट पर सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 41 मिनट पर चन्द्रोदय - सुबह 07 बजकर 14 मिनट पर चन्द्रास्त - रात 09 बजकर 03 मिनट पर शुभ मुहूर्त रवि योग - दोपहर 01 बजकर 45 मिनट से 02 बजकर 08 मिनट तक ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 40 मिनट से 05 बजकर 26 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12 बजकर 00 मिनट से 12 बजकर 50 मिनट तक विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 19 मिनट तक गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 37 मिनट से 07 बजकर 00 मिनट तक निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 02 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक। पूजा विधिमां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि शास्त्रों के अनुसार इस प्रकार है:तैयारीस्नान: ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पुरुष और महिलाएं पीले या सफेद वस्त्र पहन सकते हैं, क्योंकि मां को पीला रंग प्रिय है।पूजा स्थल की शुद्धि: पूजा स्थान को गंगाजल छिड़ककर शुद्ध करें। एक चौकी पर पीला कपड़ा बिछाएं और मां ब्रह्मचारिणी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। पूजा की प्रक्रियासंकल्प: हाथ में जल, फूल और अक्षत लेकर पूजा का संकल्प करें। मन में मां से प्रार्थना करें कि आपकी पूजा सफल हो। आह्वान: मां ब्रह्मचारिणी का ध्यान करें और उन्हें पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, शक्कर का मिश्रण) से स्नान कराएं। शृंगार: मां को पीले वस्त्र, फूल (विशेष रूप से पीले फूल जैसे गेंदा), और रोली-कुमकुम अर्पित करें।दीप प्रज्वलन: घी का दीपक जलाएं और धूप दिखाएं। भोग: मां को शक्कर, मिश्री या चीनी से बना भोग लगाएं। मान्यता है कि यह भोग लगाने से लंबी आयु और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। आप पंचामृत भी अर्पित कर सकते हैं। मंत्र जाप: निम्न मंत्रों का जाप करें बीज मंत्र: "ऊँ ऐं ह्रीं क्लीं ब्रह्मचारिण्यै नमः"पूजा मंत्र: "दधाना करपद्माभ्याम्, अक्षमालाकमण्डलू। देवी प्रसीदतु मयि, ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।।"कम से कम 108 बार मंत्र जाप करें। हवन: यदि संभव हो तो हवन करें। हवन में लौंग, बताशे और "ऊँ ब्रह्मचारिण्यै नमः" मंत्र के साथ आहुति दें। आरती: मां ब्रह्मचारिणी की आरती करें। उदाहरण:"जय अंबे ब्रह्मचारिणी माता, जय चतुरानन प्रिय सुख दाता। ब्रह्मा जी के मन भाती हो, ज्ञान सभी को सिखलाती हो।"समापनभोग को प्रसाद के रूप में परिवार में बांटें।मां से अपनी मनोकामना पूर्ण करने की प्रार्थना करें और क्षमा मांगें।पूजा के बाद थोड़ा समय ध्यान में बिताएं।अतिरिक्त सुझावइस दिन पीले रंग का प्रयोग करें, क्योंकि यह मां को प्रिय है और ज्ञान, उत्साह व बुद्धि का प्रतीक है।यदि व्रत रख रहे हैं, तो फलाहार या जलीय आहार लें।विद्यार्थी मां सरस्वती की भी उपासना कर सकते हैं, क्योंकि यह दिन ज्ञानार्जन के लिए शुभ है।मां ब्रह्मचारिणी की कृपा से आपका जीवन सुख, शांति और समृद्धि से भर जाए।
हिमाचल प्रदेश में आगामी 3 अप्रैल तक मौसम साफ और सुहावना रहेगा। मौसम विभाग के अनुसार, 3 अप्रैल से एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की संभावना है, जिससे चंबा, कुल्लू, कांगड़ा, लाहुल-स्पीति और किन्नौर जिलों में कहीं-कहीं हल्की बारिश हो सकती है। इसके बावजूद, आने वाले सप्ताह के बाकी दिनों में राज्य का मौसम मुख्य रूप से शुष्क रहेगा। इस समय के दौरान गर्मी का भी असर दिखने लगा है। अगले 4-5 दिनों में न्यूनतम तापमान में 2 से 5 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होगी, जबकि अधिकतम तापमान में भी 2 से 4 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी देखी जा सकती है। बीते 24 घंटे में सबसे कम तापमान केलांग में 2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, वहीं सबसे अधिक तापमान ऊना में 33.4 डिग्री सेल्सियस रहा। प्रदेश के विभिन्न शहरों में अधिकतम तापमान सामान्य से ज्यादा रहा, जिससे लोगों को गर्मी का सामना करना पड़ा चंबा में अधिकतम तापमान 27.4°C, केलांग में 3.1°C, धर्मशाला में 26°C, रंगरा में 29.7°C, मनाली में 23.8°C, सेओबाग में 19.9°C, भुंतर में 30.6°C, ऊना में 33.0°C, मंडी में 30.3°C, बरठीं में 39.6°C, सुंदरनगर में 30.6°C, कल्पा में 7.8°C, जुब्बरहट्टी में 27.0°C, कसौली में 22.2°C, शिमला में 24.4°C, सोलन में 30.0°C और नाहन में 29.3°C दर्ज किया गया। इन तापमानों के बढ़ने के कारण लोगों को गर्मी का अनुभव हो रहा है।
हिमाचल प्रदेश में संगठित अपराध पर कड़ी कार्रवाई के लिए एक नया विधेयक पारित किया गया है, जिसके तहत चिट्टा तस्करी, नकली शराब बेचना और अन्य प्रकार के संगठित अपराधों से जुड़ी घटनाओं में मौत होने पर दोषियों को मृत्युदंड या आजीवन कारावास की सजा मिल सकती है। इसके अलावा, दोषियों पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है। साथ ही, नशे से कमाई गई संपत्ति को जब्त करने का भी प्रावधान है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू द्वारा विधानसभा में प्रस्तुत किया गया यह विधेयक अब राज्यपाल की मंजूरी के बाद कानून बन जाएगा। विधेयक के तहत, संगठित अपराध में शामिल होने या उसे बढ़ावा देने वाले व्यक्तियों को कम से कम एक साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है। इसके साथ ही पांच लाख रुपये तक जुर्माना भी हो सकता है। जो व्यक्ति संगठित अपराध गिरोह का सदस्य होगा, उसे कम से कम एक साल और अधिकतम आजीवन कारावास की सजा हो सकती है। वही अगर कोई व्यक्ति संगठित अपराध से अर्जित संपत्ति पर कब्जा करता है, तो उसे एक साल से लेकर दस साल तक की सजा हो सकती है और दो लाख रुपये तक जुर्माना भी लगाया जा सकता है। और अगर कोई व्यक्ति नशे की सामग्री के साथ पकड़ा जाता है, तो उसे दो से चौदह साल तक की कठोर सजा हो सकती है और 20 हजार रुपये से लेकर दस लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। संगठित अपराध के तहत अवैध खनन, वन्यजीव तस्करी, मानव अंग तस्करी, साइबर अपराध, फर्जी बिल बनाना, और खाद्य मिलावट जैसे अपराधों को भी शामिल किया गया है। सरकारी कर्मचारियों के लिए सजा दोगुनी: यदि कोई सरकारी कर्मचारी संगठित अपराध में शामिल पाया जाता है, तो उसकी सजा दोगुनी हो सकती है। मन जा रहा है कि इस विधेयक के पारित होने के बाद हिमाचल प्रदेश में संगठित अपराध के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा में वीरवार को प्रश्नकाल के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि कुछ वर्षों में खनन से होने वाली आय को 1000 करोड़ रुपए तक पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित करेगी । दरअसल विधायक जनक राज ने खनन से संबंधित सवाल पूछा, जिसमें उन्होंने खनन नीति और प्रदेश में खनन से होने वाली आय के बारे में जानकारी मांगी। इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार अगले कुछ वर्षों में खनन से होने वाली आय को 1000 करोड़ रुपए तक पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित करेगी। वर्तमान में राज्य सरकार को खनन से 400 करोड़ रुपए का शुल्क प्राप्त हो रहा है, जिसे आगामी समय में 600 करोड़ रुपए और बढ़ाकर 1000 करोड़ रुपए तक पहुंचाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि प्रदेश की खनन संपदा को किसी भी हालत में लूटने नहीं दिया जाएगा और खनन नीति में आवश्यक बदलाव करने के लिए संबंधित मंत्रियों से चर्चा की जाएगी। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि इस नीति में कोई खामी रही तो उसे सुधारने के लिए कदम उठाए जाएंगे।
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने एक अहम फैसला लिया है, जो अगले शैक्षणिक सत्र 2026-27 से लागू होगा। इस बदलाव के तहत, पहली से लेकर पांचवीं कक्षा तक के पाठ्यक्रम में परिवर्तन किया जाएगा। ये बदलाव नई शिक्षा नीति के अनुरूप होंगे, और शिक्षा बोर्ड अब एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम को अपनाने जा रहा है। इस साल के शैक्षणिक सत्र 2025-26 में पाठ्यक्रम में कोई बदलाव नहीं किया गया है, लेकिन जैसे ही 2026-27 का सत्र शुरू होगा, छात्रों को एक नया अनुभव मिलेगा। इस दौरान शिक्षा बोर्ड एनसीईआरटी के निर्देशानुसार पाठ्यक्रम में परिवर्तन करेगा, हालांकि अभी यह साफ नहीं है कि इन बदलावों में किस विषय को ज्यादा महत्व दिया जाएगा या कौन से विषयों में बदलाव किए जाएंगे।हालांकि, इस बीच प्रदेश सरकार हर वर्ष की तरह पहली से आठवीं कक्षा तक के बच्चों को निशुल्क किताबें मुहैया करा रही है। इसके लिए किताबों की छपाई का काम पहले ही शुरू हो चुका है। अगर पाठ्यक्रम में कोई अहम बदलाव होता है, तो इसकी सूचना शिक्षा बोर्ड द्वारा समय पर दी जाएगी।
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में वीरवार को दृष्टिबाधित संघ के सदस्यों ने सचिवालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी लंबे समय से बैकलॉग भर्तियों की मांग कर रहे थे और उनका आरोप है कि सरकार उनकी समस्याओं को अनसुना कर रही है। दृष्टिबाधित संघ के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने बताया कि वे कई दिनों से धरने पर बैठे हैं, लेकिन सरकार से कोई ठोस जवाब नहीं मिला। उनका कहना है कि 1995 के बाद से दृष्टिबाधितों के लिए कोई भर्ती नहीं हुई है। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि विभिन्न सरकारी विभागों में लंबित बैकलॉग कोटा भर्तियां नहीं भरी जा रही हैं, जिससे दृष्टिबाधित समुदाय में गहरा आक्रोश है। उनका ये भी कहना है कि सरकार के साथ कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन उन्हें केवल आश्वासन ही मिले हैं। प्रदर्शन के दौरान एक व्यक्ति गिर गया, जिसे बाद में संभाल लिया गया। वहीं, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को सड़क से हटाने की कोशिश की, जिससे दोनों पक्षों के बीच हल्की धक्का-मुक्की हुई। प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री धनीराम शांडिल और कांग्रेस हाईकमान के खिलाफ नारेबाजी की। दृष्टिबाधित संघ ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे। इस प्रदर्शन के कारण सचिवालय के बाहर लंबा जाम लग गया, जिसे खोलने के लिए पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।
शिमला: आगामी 27 मार्च भारतीय जनता पार्टी प्रदेश की सुक्खू सरकार के खिलाफ शिमला के चौदह मैदान में विशाल प्रदर्शन करेगी। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिन्दल ने जानकारी देते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने ढाई वर्षों में कानून-व्यवस्था को संभालने में पूरी तरह से नाकाम रही है। चम्बा में दलित युवक की नृशंस हत्या के बाद से प्रदेश में अपराधों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। महिलाओं के साथ बढ़ते उत्पीड़न, चिट्टा माफिया और खनन माफिया की गतिविधियाँ प्रदेश को बदनामी की ओर ले जा रही हैं, और सरकार मूक दर्शक बनी हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान कांग्रेस सरकार ने माताओं-बहनों, बेरोजगारों, किसानों और कर्मचारियों के साथ धोखा किया है। महंगाई बढ़ाई है, और सरकारी सेवाओं का बुरा हाल कर दिया है। प्रदेश की हालत ऐसी हो गई है कि स्वास्थ्य, शिक्षा और प्रशासनिक संस्थान बंद हो गए हैं, और विकास ठप है। बिन्दल ने इस प्रदर्शन को माफियाराज के खिलाफ आवाज़ बुलंद करने का अवसर बताते हुए कहा कि यह सरकार मित्रों के हितों को आगे बढ़ाने वाली सरकार बन चुकी है। 27 मार्च को प्रदेशभर से लोग एकजुट होकर माफियाराज के खिलाफ अपनी आवाज उठाएंगे।