हिमाचल प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल व पांवटा साहिब से एमएलए व पूर्व मंत्री सुखराम चौधरी को हाईकोर्ट से राहत मिली है। इन दोनों नेताओं की अग्रिम जमानत अवधि 8 जुलाई तक बढ़ा दी गई है। बता दें है कि सिरमौर जिला के माजरा थाने के तहत धारा-163 के उल्लंघन को लेकर दोनों नेताओं सहित 50 अन्य लोगों पर मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने भाजपा अध्यक्ष के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला भी दर्ज किया है। दरअसल माजरा थाने के तहत एक लड़की के कथित तौर पर अपहरण को लेकर स्थानीय जनता आक्रोश में थी ,जिसके बाद स्थानीय प्रशासन ने वहां माहौल बिगड़ने की आशंका को लेकर धारा-163 लागू की थी। पर भाजपा नेताओं के नेतृत्व में इसका उल्लंघन कर जोरदार प्रदर्शन किया था। इसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया और दोनों नेताओं ने अग्रिम जमानत के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हाईकोर्ट ने अब इस मामले में आगामी सुनवाई 27 जून को तय की है। इससे पहले हाईकोर्ट में 17 जून को मामले की सुनवाई के दौरान भी दोनों नेताओं को अदालत ने राहत देते हुए अगली सुनवाई 24 जून को तय की थी।
कालाअंब, सिरमौर: हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां कालाअंब पुलिस थाने में चोरी के आरोप में बंद हरियाणा के एक युवक की रविवार को हिरासत के दौरान कथित तौर पर मौत हो गई। पुलिस का दावा है कि युवक ने कंबल के बॉर्डर से फंदा लगाकर आत्महत्या की है। इस मामले में ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है, और एक गृह रक्षक को वापस भेज दिया गया है। मृतक की पहचान हरियाणा के नारायणगढ़ निवासी 36 वर्षीय अजय के रूप में हुई है। उसे शनिवार को पुलिस ने अप्रैल-मई में हुए ट्रांसफार्मर आदि के तार चोरी के एक पुराने मामले में गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने अजय को पुलिस रिमांड पर रखने के आदेश दिए थे। सिरमौर के पुलिस अधीक्षक निश्चित सिंह नेगी ने बताया कि पुलिस को सुबह करीब 3:30 बजे जानकारी मिली कि युवक ने लॉकअप में आत्महत्या कर ली है। पुलिस के अनुसार, अजय ने कंबल के बॉर्डर का इस्तेमाल कर खुदकुशी की। मृतक के परिजनों को सूचित कर दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक, अजय के माता-पिता नहीं हैं और उसका एक भाई बताया जा रहा है। यह भी बताया जा रहा है कि अजय नशे का आदी था और संभवतः नशे की लत पूरी करने के लिए चोरी की वारदातों को अंजाम देता था। पुलिस अधीक्षक ने मामले की गंभीरता को देखते हुए छोटे मुंशी और जांच अधिकारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इसके अतिरिक्त, थाने में तैनात एक गृह रक्षक को भी वापस भेज दिया गया है। एसपी ने जानकारी दी कि मामले में न्यायिक जांच बिठा दी गई है। इस जांच के बाद ही युवक की मौत के सही कारणों का पता चल पाएगा।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने अग्निशमन विभाग में कार्यरत कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया है कि अग्निशमन विभाग में तैनात कर्मचारियों को संशोधित वेतनमान का लाभ दिया जाए, जैसा कि सरकार की 2012 की अधिसूचना में प्रावधान है। न्यायाधीश संदीप शर्मा की पीठ ने गृह प्रधान सचिव को आदेश दिया है कि वे अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक-सह-निदेशक अग्निशमन सेवा की 5 सितंबर 2022 की सिफारिश पर तीन सप्ताह के भीतर उचित कार्रवाई करें। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि फायरमैन श्रेणी पात्र पाई जाती है, तो उन्हें 27 सितंबर 2012 की अधिसूचना के अनुसार देय तिथि से वेतन संशोधन के लिए विचार किया जाए। हाईकोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि जब कांस्टेबल श्रेणी को वेतन संशोधन का लाभ दिया गया है, तो फायरमैन को इससे बाहर रखने का कोई औचित्य नहीं है, खासकर जब उनके कर्तव्य और जिम्मेदारियां कांस्टेबलों के समान हैं। कोर्ट ने राज्य सरकार के इस तर्क को सिरे से खारिज कर दिया कि वेतनमान तय करना नियोक्ता का विशेषाधिकार है। न्यायालय ने कहा कि यदि मूल्य सूचकांक में वृद्धि जैसे कारकों के आधार पर वेतन संशोधन किया जाता है, तो वही विचार फायरमैन पर भी लागू होने चाहिए। यह फैसला एक याचिका के संदर्भ में आया है जिसमें तर्क दिया गया था कि सरकार ने वर्ष 2012 में विभिन्न तृतीय श्रेणी पदों के वेतनमान में संशोधन किया था, जिसमें कांस्टेबल भी शामिल थे, लेकिन फायरमैन को इसका लाभ नहीं दिया गया। याचिकाकर्ता को सितंबर 2012 में अनुबंध के आधार पर फायरमैन के रूप में नियुक्त किया गया था और उनकी सेवाएं 2020 में नियमित की गईं। याचिकाकर्ता वर्तमान में 5910-20200 रुपए के वेतनमान में 1900 के ग्रेड पे के साथ कार्यरत हैं। याचिका में दावा किया गया था कि वे वास्तव में 10300-34800 के वेतनमान और 3200 रुपए के ग्रेड पे के हकदार हैं।
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल की अध्यक्षता में मंगलवार को राजभवन में टीबी मुक्त भारत अभियान की प्रगति को लेकर एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित हुई। बैठक में 100 दिवसीय राष्ट्रीय टीबी मुक्त अभियान के तहत हिमाचल प्रदेश में किए गए कार्यों की समीक्षा की गई और राज्य की अब तक की उपलब्धियों पर चर्चा हुई। राज्यपाल ने बैठक के दौरान राज्य और जिला स्तर पर टीबी की नियमित निगरानी, व्यापक जन भागीदारी और जन जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि हिमाचल को टीबी मुक्त बनाने के लिए किए जा रहे प्रयास सराहनीय हैं, लेकिन इस दिशा में और ठोस रणनीति अपनाकर अभियान को अधिक प्रभावशाली और परिणामोन्मुखी बनाया जा सकता है। श्री शुक्ल ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे जिलावार विस्तृत प्रगति रिपोर्ट तैयार करें, जिसे केंद्र सरकार को भेजा जा सके, ताकि आवश्यकतानुसार अतिरिक्त सहायता प्राप्त की जा सके। स्वास्थ्य सेवाएं सचिव एम. सुधा देवी ने प्रदेश में टीबी उन्मूलन को लेकर चल रही गतिविधियों की जानकारी दी, जबकि उप मिशन निदेशक एनएचएम डॉ. गोपाल बेरी ने अब तक की प्रगति और उपलब्धियों पर प्रस्तुति दी। इस मौके पर राज्यपाल के सचिव सी.पी. वर्मा, एनएचएम के मिशन निदेशक प्रदीप कुमार और राज्य आईईसी अधिकारी सहित अन्य अधिकारी भी बैठक में उपस्थित रहे।
एचआरटीसी सब-डिपो और वर्कशॉप खोलने की घोषणा, पराला में बनेगी 26 करोड़ की वाइनरी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार को ठियोग को करोड़ों की परियोजनाओं की सौगात दी। उन्होंने 14.84 करोड़ रुपये की लागत से बने नए बस अड्डे और 23 करोड़ रुपये से तैयार एपीएमसी फल एवं सब्जी विपणन परिसर शिलारू का लोकार्पण किया। इस मौके पर आयोजित जनसभा में मुख्यमंत्री ने क्षेत्र में एचआरटीसी का सब-डिपो और वर्कशॉप खोलने की घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि शिलारू मंडी से किसानों को उनके उत्पादों के उचित दाम मिलेंगे और समय व धन दोनों की बचत होगी। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि ठियोग मिनी सचिवालय का निर्माण कार्य जल्द पूरा करने के लिए भी धनराशि जारी की जाएगी। साथ ही पुराने बस अड्डे की जगह शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बनाने के लिए भी धन उपलब्ध करवाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि पराला में 26 करोड़ रुपये की लागत से आधुनिक वाइनरी स्थापित की जाएगी, जिससे सेब उत्पादकों को अतिरिक्त आय का जरिया मिलेगा। इसके अलावा, ठियोग अस्पताल में सभी बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को आधुनिक बनाने के लिए 1350 करोड़ रुपये खर्च कर रही है और नई भर्तियों की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। सीएम ने कहा कि उनके प्रयासों से शिपकी-ला बॉर्डर को पर्यटकों के लिए खोला गया है और मानसरोवर यात्रा को फिर शुरू करने की दिशा में भी प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, “ठियोग से मेरा पुराना नाता है। 12 साल से लटका बस अड्डा अब बनकर तैयार है। हम अधूरे कामों को प्राथमिकता से पूरा कर रहे हैं।” मुख्यमंत्री ने बताया कि 2023 की आपदा के समय सड़कों की बहाली पर सरकार ने तत्काल कदम उठाए, जिससे बागवानों को नुकसान न हो। बागवानी हितों की पैरवी मुख्यमंत्री ने कहा कि बागवानों के हितों की रक्षा के लिए टर्की से सेब आयात पर प्रतिबंध की मांग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की गई है। अब चुनौती अमेरिका से आने वाले सेब की है, जिस पर भी कार्रवाई की ज़रूरत है। ठियोग के लिए विशेष लगाव: डिप्टी सीएम और कृषि मंत्री का बयान इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि ठियोग ने हमेशा मज़बूत नेतृत्व चुना है। मुख्यमंत्री और स्थानीय विधायक कुलदीप राठौर दोनों प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं और ठियोग के विकास को लेकर गंभीर हैं। उन्होंने बताया कि कुरपन पेयजल योजना पर 255 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं और शेष 45 करोड़ रुपये से योजना जल्द पूरी की जाएगी। ठियोग के बचे वार्डों में सीवरेज कार्य भी जल्द पूरा किया जाएगा। कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री, दोनों विकास के "डबल इंजन" हैं और ठियोग की तरक्की सुनिश्चित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र में कांग्रेस की सरकार नहीं होने से राज्य के साथ भेदभाव हो रहा है, जबकि वर्तमान कांग्रेस सरकार कर्मचारियों और पेंशनरों को समय पर भुगतान कर रही है और विकास कार्यों को भी गति दे रही है। विधायक कुलदीप राठौर का आभार स्थानीय विधायक कुलदीप राठौर ने मुख्यमंत्री का आभार जताते हुए कहा कि ठियोग में रुकी हुई परियोजनाएं अब तेज़ी से पूरी हो रही हैं। उन्होंने यूनिवर्सल कार्टन लागू करने और आपदा राहत में तत्परता दिखाने के लिए मुख्यमंत्री की सराहना की। उन्होंने अमेरिका से सेब आयात के मुद्दे को भी केंद्र सरकार के समक्ष प्रभावी ढंग से उठाने की मांग की।
"हम झूठों के बीच सच बोल बैठे वो नमक का शहर था और हम ज़ख्म खोल बैठे।" मुंह से भले ही ओंकार शर्मा ने एक लफ्ज़ नहीं कहा हो, लेकिन सोशल मीडिया पर उनकी इस पोस्ट को सरकार के 'एक्शन' के 'रिएक्शन' के तौर पर देखा जा रहा है। कह लीजिए कि उनका दर्द इशारों में छलक गया है। इस पोस्ट से उनका वास्तविक अभिप्राय क्या है, यह तो खुद ओंकार शर्मा ही जानते हैं, और हम उसे डिकोड करने की कोई कोशिश भी नहीं कर रहे। लेकिन सोशल मीडिया पर यूज़र्स इसे विनय नेगी मामले से जोड़कर जरूर देख रहे हैं। दरअसल यह सर्वविदित है कि विनय नेगी मामले में हिमाचल प्रदेश के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी ओंकार शर्मा की रिपोर्ट सरकार को रास नहीं आई। नतीजन, कई अहम महकमे देखने वाले ओंकार अब सिर्फ जनजातीय कार्य विभाग तक सीमित कर दिए गए हैं। वही ओंकार शर्मा, जो हिमाचल प्रदेश के प्रशासनिक ढांचे में चौथे सबसे वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हैं और जिन्हें मौजूदा मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना का संभावित उत्तराधिकारी भी माना जा रहा था, अब एक तरह से साइडलाइन कर दिए गए हैं। आपको बता दें कि विनय नेगी मामले में अपनी फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट में ओंकार शर्मा ने पेखुवाला पावर प्रोजेक्ट में गंभीर अनियमितताओं की ओर इशारा किया था। इसी रिपोर्ट और पूर्व डीजीपी अतुल वर्मा की सिफारिशों के आधार पर हिमाचल हाईकोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी। शिमला पुलिस की कार्यप्रणाली भी सवालों के घेरे में आई। इसके बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ओंकार शर्मा, पूर्व डीजीपी अतुल वर्मा और शिमला के एसपी को लंबी छुट्टी पर भेज दिया। डीजीपी तो छुट्टी के दौरान ही रिटायर हो गए। छुट्टी से लौटने के बाद सरकार ने ओंकार शर्मा से अहम विभाग लेकर उन्हें सिर्फ जनजातीय कार्य विभाग की जिम्मेदारी सौंपी। इसके बाद उनकी पत्नी की सोशल मीडिया पोस्ट सुर्खियों में रही थी और अब ओंकार शर्मा की पोस्ट ने हलचल मचा दी है। सोशल मीडिया पर कई यूज़र्स उनके समर्थन में लिख रहे हैं।
एचआरटीसी के देहरा डिपो की बदहाली से आम जन परेशान है। आलम ये है कि डिपो की 95 बसों में से 19 बसें इंजन, टायर और फ्रंट शीशों की खराबी के कारण वर्कशॉप में खड़ी हैं। पिछले 15 दिनों से देहरा-ज्वालाजी, जसवां-परागपुर सहित कई रूटों पर बस सेवाएं बंद होने से सैंकड़ों लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। देहरा-ज्वालाजी-चंडीगढ़ वाया बंगाणा रूट की एकमात्र बस, जो 25 पंचायतों के लिए जीवनरेखा है, भी 15 दिनों से बंद पड़ी है। स्थानीय लोगों ने विभागीय अधिकारियों से बार-बार शिकायत की, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकला। कई इलाकों में अब केवल एक बस चल रही है, जिससे यात्रियों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। कुहना के प्रधान राम पाल, दोदूं के प्रधान मुकेश कुमार, पीरसालूही के प्रधान संजीव कुमार, शांतला के प्रधान राहुल कुमार, बीडीसी कुहना पिंकी, बीडीसी पीरसालूही परवीन धीमान और जिला परिषद सदस्य अश्वनी ठाकुर ने सरकार से मांग की है कि इस बस को स्थायी रूप से चलाया जाए या फिर पूरी तरह बंद कर दिया जाए, ताकि लोग वैकल्पिक व्यवस्था कर सकें। उनका कहना है कि सरकार किराया तो 10 रुपये या 15 प्रतिशत तक बढ़ा देती है, लेकिन एचआरटीसी की सेवाओं में सुधार नहीं कर रही। देहरा डिपो की स्थिति इसका स्पष्ट उदाहरण है। निगम की लापरवाही से लोगों में गुस्सा बढ़ रहा है। वहीं इस संदर्भ में अतिरिक्त प्रभार आर.एम साहिल कपूर ने कहा कि खराब बसों की मेंटनेस की जा रही है।
हिमाचल प्रदेश में हल्की बारिश के बाद लोगों को गर्मी से कुछ राहत मिली है। मौसम विज्ञान केंद्र का अनुमान है कि आगामी 5 दिनों में प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में माध्यम से हल्की बारिश दर्ज की जाएगी। साथ ही 20 जून के बाद तापमान में और गिरावट होने का पूर्वानुमान है। वहीं प्रदेश में मानसून समय से दस्तक दे सकता है मानसून के लिए प्रदेश में स्थितियां अनुकूल बनी हुई है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला में मौसम वैज्ञानिक शोभित कटियार ने बताया कि प्रदेश के निचले इलाकों में तापमान 33 से 39 डिग्री सेल्सियस के बीच है, जबकि मध्यवर्ती क्षेत्रों में यह 25 से 32 डिग्री और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में 21 से 27 डिग्री के आसपास दर्ज किया गया है। आगामी पांच दिनों तक प्रदेश में फिर से बारिश और खराब मौसम रहने की संभावना है। 20 जून से तापमान में और गिरावट आने की उम्मीद है। वहीं, बीते 24 घंटों में विभिन्न जिलों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई है, जिसमें कांगड़ा में सबसे अधिक 34 मिमी बारिश हुई है। शोभित कटियार ने बताया कि आने वाले 5 दिनों में प्रदेश के शिमला, सोलन, सिरमौर, कुल्लू, कांगड़ा और मंडी में हल्की से मध्यम बारिश के साथ 40 से 60 किमी/घंटा की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना ह। 20 से 22 जून के बीच कुछ इलाकों में भारी बारिश होने का पूर्वानुमान है, जिसके लिए येलो अलर्ट जारी किया गया ह। हिमाचल प्रदेश में मानसून समय से पहले दस्तक दे सकता है, जिसकी सामान्य तारीख 25 जून है। प्रदेश में स्थितियां अनुकूल होने पर मानसून जून के आखिरी सप्ताह तक पहुंचने की संभावना है।
केंद्र सरकार ने जनगणना को लेकर सोमवार को गैजेट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इस जनगणना का आधार एक मार्च 2027 माना जाएगा। इस अधिसूचना के साथ ही जनगणना को लेकर कवायद हो गई है। जनगणना दो चरणों में की जाएगी। जनगणना में पहली बार जाति गणना भी शामिल होगी। गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि 34 लाख कर्मचारी और पर्यवेक्षक तथा लगभग 1.3 लाख जनगणना अधिकारी इस कार्य को अंजाम देंगे। इसके लिए अत्याधुनिक मोबाइल डिजिटल गैजेट का इस्तेमाल किया जाएगा। अमित शाह रविवार को नई दिल्ली में केंद्रीय गृह सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आगामी जनगणना की तैयारियों की समीक्षा की थी। इसके बाद सरकार ने सोमवार को वर्ष 2027 में जाति गणना के साथ भारत की 16वीं जनगणना कराने के लिए अधिसूचना जारी की। अधिसूचना में कहा गया है कि एक मार्च 2027 ही जनगणना के लिए आधार होगा। हालांकि बर्फबारी वाले क्षेत्रों जैसे केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख, जम्मू- कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के लिए ये एक अक्टूबर 2026 माना जाएगा। पहले चरण में प्रत्येक घर की आवासीय स्थिति, संपत्ति और सुविधाओं का विवरण एकत्र किया जाएगा। वहीं दूसरे चरण में जनसंख्या गणना, जनसांख्यिकीय और सामाजिक-आर्थिक स्थिति के बारे में जानकारी जुटाई जाएगी। इसके लिए प्रत्येक घर में हर एक व्यक्ति का विवरण लिया जायेगा।
नशे के सौदागरों की 2.37 करोड़ से ज्यादा की सम्पति जब्त दो मामलों में फाइनेंसियल इन्वेस्टीगेशन अमल में लाई गई सोलन पुलिस द्वारा एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज किये गए 02 मामलों में फाइनेंसियल इन्वेस्टीगेशन अमल में लाई गई है। इन मामलों में संलिप्त 10 आरोपियों/सहयोगियों की कुल 2.37 करोड़ से ज्यादा की सम्पति जब्त की गई है जिसमे आलीशान मकान,लक्ज़री गाड़ियाँ/कैश डिपॉजिट्स ,फिक्स्ड डिपॉजिट्स आदि शामिल है । पहला मामला बीते 27 अप्रैल को जिला पुलिस की SIU की टीम द्वारा पुलिस थाना कण्डाघाट के गौड़ा क्षेत्र में 03 आरोपियों से 1.310 किलोग्राम चरस बरामद हुई थी। उक्त तीनों आरोपी प्रकाश ठाकुर पुत्र लायक राम निवासी गांव कोट, डा0 चम्बी, तहसील चौपाल, जिला शिमला हि0प्र0 उम्र 55 साल, राजेश पांडे पुत्र सेवा राम निवासी गाँव सेवग, डा0 बलग, तहसील ठियोग, जिला शिमला हि0प्र0 उम्र 41 साल तथा रविन्द्र पुत्र जयराम निवासी गाँव धमान्दर डा0 भड़ोली तहसील राजगढ़, जिला सिरमौर, हि0प्र0 उम्र 56 साल को गिरफ्तार किया गया था I जिस पर पुलिस थाना कंडाघाट में अभियोग दर्ज किया गया था I इस अभियोग के अन्वेषण के दौरान उक्त मामले में गिरफ्तार आरोपी प्रकाश ठाकुर के रिहायशी मकान में भी पुलिस टीम द्वारा रेड की गई थी जो रेड के दौरान उक्त आरोपी के रिहायशी मकान से भी 520 ग्राम चरस बरामद की गई थी जो इस मामले में कुल चरस 1.830 किलोग्राम चरस बरामद है। जांच के दौरान पाया गया कि आरोपी प्रकाश ठाकुर इस मामले का मुख्य किंगपिन है, जो न केवल अपने घर पर चरस का उत्पादन / निर्माण करता है बल्कि शिमला जिला के साथ-साथ पड़ोसी जिलों यानी सोलन, सिरमौर आदि के पेडलर्स को भी लंबे समय से इसकी आपूर्ति कर रहा है। जांच पर पाया गया कि इस बरामद चरस को आरोपी प्रकाश ठाकुर ने अपने घर पर ही तैयार किया था। जब आरोपियों की फाइनेंसियल इन्वेस्टीगेशन अमल में लाई गई तो उपरोक्त तीनो आरोपियों व इनके सहयोगियों के नाम पर करोड़ों रुपये की सम्पति होनी पाई गई जिनमे आलीशान मकान, लग्जरी वाहन, जे०सी०बी० मशीन, आदि शामिल है, जो गिरफ्तार आरोपियों ने नशे के कारोबार से अर्जित की थी I चरस व्यापार / तस्करी के अवैध कारोबार से अभियुक्त प्रकाश ठाकुर ने विगत 06 वर्षों की अवधि के भीतर अपनी पत्नी व पुत्र व अपने रिश्तेदारों के नाम पर जमीन, मकान तथा लग्जरी वाहन/अन्य वाहन खरीद / निर्माण / हासिल किये हैं । आरोपी प्रकाश ठाकुर ने उपरोक्त सम्पति तस्करी की नाजायज कमाई से हासिल किये और उसी उद्देश्य के लिए उनका इस्तेमाल भी कर रहा था I उक्त अभियोग में आरोपीगण प्रकाश ठाकुर, राजेश पांडे और रविन्द्र तथा उनके सहयोगियों द्वारा अर्जित एवम् संचालित की गई उपरोक्त सम्पति / मकान / वाहनों / बैंक जमा राशि आदि जिनका कुल मुल्य मुबलिग 2.09 करोड़ रुपये को जब्त किया गया है I दूसरा मामला बीते 17 मार्च को थाना धर्मपुर की पुलिस टीम दो आरोपियों गौरव व चेतन को करीब 11 ग्राम चिटटा/हेरोइन सहित गिरफतार किया गया था । उक्त मामले की आगामी जाँच के दौरान गिरफ्तार आरोपियों की वितीय अन्वेषण अमल में लाया गया जो वितीय अन्वेषण के दौरान पाया गया की आरोपी चेतन व गौरव आपसी मिलीभगत से लम्बे समय से स्थानीय उपयोगकर्ताओं/ तस्करों को चिट्टा की आपूर्ति करते थे I जाँच के दौरान यह पता चला है कि इनका चिट्टा/हेरोइन की तस्करी के ईलावा कमाई का कोई भी अन्य स्रोत ना पाया गया तथा जाँच के दौरान इनके पास से 28 लाख रूपए की अवैध सम्पति को जब्त किया गया है। अब तक 08 मामलों में करीब आठ करोड़ रूपए की संपत्ति जब्त जिला सोलन पुलिस द्वारा नशा तस्करों की सम्पत्ति की जब्ती (Seizing and Freezing) की प्रक्रिया वर्ष 2024 से ही जारी है। जिला पुलिस द्वारा 2024 व 2025 में अभी तक 08 मामलों में 28 आरोपियों/सहयोगियों की करीब आठ करोड़ रूपए की संपत्ति जब्त की जा चुकी ह। इनमें से एक अभियोग जिसमें क़रीब 37 किलो हाई क्वालिटी चरस थी, जबकि 06 मामले चिट्टा तस्क़री के थे जिनमे बाहरी राज्यों पंजाब व हरियाणा में सक्रीय सप्लायरों द्वारा सोलन जिला में चिट्टा की आपूर्ति की जा रही थी i इनमें इनके आलीशान होटल, प्लॉट्स, लक्ज़री गाड़ियाँ ,कैश डिपॉजिट्स ,फिक्स्ड डिपॉजिट्स आदि शामिल हैं। दो साल में 9 अफ्रीकी मूल के नाइजीरियन नागरिक भी गिरफ्तार गत 02 वर्षों में जिला सोलन पुलिस द्वारा नशा तस्करों के विरुध मादक पदार्थ अधनियम के तहत 184 मामले पंजीकृत किये गए है जिनमें 393 आरोपियों को गिरफ्तार करके सलाखों के पीछे भेजा गया है। इन मामलों में Backward/Forward Linkages के संदर्भ में भी अन्वेषण करते हुये नशा की सप्लाई करने वाले बाहरी राज्यों के 136 से ज़्यादा आरोपियों को पिछले 02 वर्षो में गिरफ्तार किया गया । इन 136 आरोपियों में से चिट्टे/नशे के 130 बड़े सप्लायर हैं, जिनको दिल्ली, पंजाब, हरियाणा,चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, असम, महाराष्ट्र आदि राज्यों से गिरफ्तार किया गया है। इनमें 9 अफ्रीकी मूल के नाइजीरियन नागरिक भी शामिल हैं जिनको दिल्ली से गिरफ़्तार किया गया था I
मंडी-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) एक बार फिर महेड़ के पास रविवार रात भर जाम के कारण ठप रहा। फोरलेन निर्माण के चलते ताजा कटिंग से बनी दलदल में कई वाहन बुरी तरह फंस गए। इससे दोनों ओर सैकड़ों वाहनों की कतारें लग गईं और यात्री पूरी रात भूखे-प्यासे परेशान होते रहे। जाम रविवार शाम 6 बजे शुरू हुआ और सोमवार सुबह 6 बजे जाकर खुल पाया। मौके पर तड़के पुलिस बल पहुंचा, जिसके बाद गावर कंस्ट्रक्शन कंपनी की मशीनरी से वाहनों को धक्का लगाकर बाहर निकाला गया। जाम में फंसे यात्रियों ने बताया कि रविवार रात को तीन-चार बार पुलिस को फोन किए गए, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। न ही कोई प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचा। मदद की आस में लोग पूरी रात सड़कों पर बैठे रहे। सबसे दर्दनाक स्थिति तब सामने आई जब महिलाओं ने बच्चों को बोरी-बिस्तर बिछाकर सड़क पर सुलाया। आसपास कोई दुकान या सुविधा न होने से दूध तक उपलब्ध नहीं हो पाया और छोटे बच्चे भूख से बिलखते रहे। यात्रियों संजय कुमार, दीवान चंद, सुरेश, कुलदीप, मनोज कुमार, रमेश ठाकुर सहित अन्य ने बताया कि निर्माण के चलते जाम लगना समझा जा सकता है, लेकिन ऐसी स्थिति में राहत और नियंत्रण की जिम्मेदारी निभाना कंस्ट्रक्शन कंपनी व प्रशासन दोनों की होती है। यात्रियों ने आरोप लगाया कि कंपनी के कर्मचारी न केवल मदद करने से कतराते हैं, बल्कि रौब झाड़ते हैं और धमकाने की कोशिश करते हैं। लोगों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि भविष्य में ऐसी स्थिति से निपटने के लिए ठोस योजना बनाई जाए और लापरवाह कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
मैदानी राज्यों में पड़ रही गर्मी से हिमाचल प्रदेश के पर्यटन में जबरदस्त उछाल आया है। शिमला, मनाली, धर्मशाला, मैक्लोडगंज, कुफरी, नारकंडा, कसौली और चायल सहित प्रदेश के सभी प्रमुख पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों की खासी भीड़ उमड़ रही है। वीकेंड पर भी काफी संख्या में सैलानी पहुंच रहे हैं। वहीँ आगामी सप्ताह वीकेंड के लिए भी होटलों में 70 फीसदी तक एडवांस बुकिंग हो गई है। मुख्य पर्यटन स्थलों के होटलों में 80 से 90 फीसदी तक ऑक्यूपेंसी है। जम्मू कश्मीर में बीते दिनों हुए आतंकी हमले के बाद भी मैदानी इलाकों से पर्यटक हिमाचल प्रदेश का रुख कर रहे है। वहीँ मानसून से पहले किन्नौर और लाहौल स्पीति में भी बड़ी संख्या में टूरिस्ट पहुंच रहे है। मई में होटलों की ऑक्यूपेंसी 40 फीसदी थी जो जून महा में बढ़कर 90 फीसदी तक पहुंच गई है। इससे पर्यटन कारोबारी सहित गाइड और टैक्सी चालक भी उत्साहित हैं। वहीँ पर्यटन से जुड़े अन्य कारोबार में भी तेजी है, चाहे ढाबे वाले हो या एडवेंचर स्पोर्ट्स।
हाल ही में अहमदाबाद में हुए भीषण विमान हादसे के ठीक बाद, एअर इंडिया को एक और चुनौती का सामना करना पड़ा जब फुकेट से दिल्ली आ रही उसकी एक फ्लाइट (AI-379) में बम होने की सूचना के बाद फुकेट इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर आपात लैंडिंग कराई गई। विमान में सवार सभी 156 यात्री और चालक दल के सदस्य सुरक्षित बताए जा रहे हैं। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने फ्लाइट ट्रैकर 'फ्लाइट्रेडर24' के हवाले से बताया कि एअर इंडिया की इस फ्लाइट ने फुकेट एयरपोर्ट से भारतीय समयानुसार सुबह 9.30 बजे (स्थानीय समयानुसार दोपहर 2.30 बजे) उड़ान भरी थी। हालांकि, बम की धमकी मिलने के बाद विमान ने अंडमान सागर के ऊपर एक बड़ा चक्कर लगाया और लगभग 20 मिनट बाद सुरक्षित रूप से फुकेट में ही आपात लैंडिंग कर ली। सभी यात्रियों और क्रू सदस्यों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। 'नेशन थाईलैंड' की रिपोर्ट के अनुसार, बम की धमकी मिलते ही फुकेट एयरपोर्ट ने तुरंत अपना एयरपोर्ट कंटिन्जेंसी प्लान (ACP) सक्रिय कर दिया। एयरपोर्ट अधिकारियों ने कहा कि धमकी को लेकर सभी आवश्यक कदम उठाए गए हैं और विस्तृत जानकारी मिलने पर अपडेट दिया जाएगा। यह घटना ऐसे समय में हुई है जब एअर इंडिया पहले से ही अहमदाबाद में हुए दुखद विमान हादसे के बाद सुर्खियों में है। कल अहमदाबाद विमान हुआ था हादसा यह उल्लेखनीय है कि एयर इंडिया का विमान AI-171, जो 12 जून को अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भर रहा था, टेक-ऑफ के दो मिनट बाद ही क्रैश हो गया था। यह विमान अहमदाबाद के बी.जे. मेडिकल कॉलेज हॉस्टल पर गिरा था, जहां उस समय 50 से अधिक लोग मौजूद थे। इस भीषण हादसे में अब तक 265 लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं। इनमें से 241 मृतक विमान में सवार यात्री और क्रू मेंबर्स थे, जबकि 5 शव उस मेडिकल हॉस्टल से मिले हैं जिस पर विमान गिरा था। हॉस्टल में मारे गए लोगों में 4 एमबीबीएस छात्र और एक डॉक्टर की पत्नी शामिल हैं। दुर्घटनाग्रस्त हुए बोइंग 787 ड्रीमलाइनर फ्लाइट AI-171 में 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और एक कनाडाई नागरिक सहित कुल 230 यात्री सवार थे। इनमें 103 पुरुष, 114 महिलाएं, 11 बच्चे और 2 नवजात शामिल थे, जबकि 12 क्रू मेंबर्स थे। दुखद रूप से, इस हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी शामिल थे, जबकि चमत्कारिक रूप से केवल एक यात्री की जान बच पाई थी।
अहमदाबाद: अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 बुधवार, 12 जून को उड़ान भरने के चंद मिनटों बाद ही मेघाणी नगर इलाके में क्रैश हो गई। इस भीषण हादसे में विमान में सवार 242 यात्रियों और क्रू सदस्यों में से केवल एक ब्रिटिश नागरिक रमेश विश्वास कुमार ही जीवित बच पाए हैं, जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। इस त्रासदी के बाद देश में शोक की लहर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को अहमदाबाद पहुंचकर दुर्घटनास्थल का दौरा किया। उन्होंने तबाही के मंजर को 'दुखद' बताया और अधिकारियों व बचाव कार्यों में जुटी टीमों से मुलाकात कर स्थिति का जायजा लिया। इसके बाद पीएम मोदी सिविल अस्पताल भी गए, जहां उन्होंने हादसे में जीवित बचे रमेश विश्वास कुमार से मुलाकात कर उनका हाल जाना। रमेश ने पीएम को बताया कि उड़ान भरने के कुछ सेकंड बाद ही एक जोरदार आवाज आई और उसके बाद प्लेन क्रैश हो गया। प्रधानमंत्री ने हादसे में घायल हुए अन्य लोगों से भी मुलाकात कर उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। प्रधानमंत्री ने जताया गहरा दुख: इस अकल्पनीय त्रासदी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर सिलसिलेवार ट्वीट करते हुए कहा, "अहमदाबाद में हुए हवाई हादसे से हम सभी स्तब्ध हैं। इतने सारे लोगों की अचानक और दिल दहला देने वाली मौत को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। सभी शोक संतप्त परिवारों के प्रति हमारी संवेदना। हम उनके दर्द को समझते हैं और यह भी जानते हैं कि उनके पीछे जो खालीपन रह गया है, उसे आने वाले कई सालों तक महसूस किया जाएगा। ओम शांति।" उन्होंने तबाही के मंजर को दुखद बताते हुए कहा कि उनकी संवेदनाएं उन लोगों के साथ हैं जिन्होंने इस अकल्पनीय त्रासदी में अपने प्रियजनों को खो दिया है। एयर इंडिया की AI-171 फ्लाइट ने बुधवार दोपहर 1.38 बजे सरदार वल्लभ भाई पटेल एयरपोर्ट से लंदन के लिए उड़ान भरी थी। टेक-ऑफ के बाद विमान केवल 625 फीट की ऊंचाई तक ही पहुंच पाया था कि अचानक उसका संतुलन बिगड़ने लगा। एक जोरदार आवाज के साथ विमान तेजी से नीचे आया और दोपहर 1.40 बजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल से टकराकर क्रैश हो गया, जिससे एक भीषण धमाका हुआ। इस हादसे में अब तक 265 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। मृतकों में भारतीय, ब्रिटिश, कनाडाई और पुर्तगाली नागरिक शामिल थे, जिसने इस त्रासदी के वैश्विक प्रभाव को उजागर किया है।
हिमाचल प्रदेश के कई क्षेत्रों में आज दोपहर बाद भीषण गर्मी से कुछ राहत मिलने की उम्मीद है। मौसम विभाग ने जानकारी के अनुसार सिरमौर, मंडी, कुल्लू और कांगड़ा जिलों में शाम के वक्त आंधी-तूफान चलने की चेतावनी जारी की है। वहीं, शिमला और कुल्लू जिले में कुछेक स्थानों पर ओलावृष्टि भी हो सकती है। इस बीच, कांगड़ा के धर्मशाला और कुछ अन्य क्षेत्रों में आज सुबह हल्के तूफान के साथ बारिश दर्ज की गई। इसके बाद स्थानीय लोगों ने गर्मी से राहत की सांस ली है। बीते कल धर्मशाला का तापमान 35 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था, लेकिन बारिश के बाद आज के तापमान में कमी आने की संभावना है। हालांकि, कुछेक क्षेत्रों में आंधी-तूफान और बारिश का पूर्वानुमान है, लेकिन कई मैदानी इलाकों में आज भी हीट-वेव (लू) चलने का अनुमान है, जिससे लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। मौसम विभाग के अनुसार, कुल्लू, कांगड़ा, मंडी, हमीरपुर और ऊना जिलों के निचले इलाकों में लू चलने की संभावना है। मौसम विज्ञानी संदीप शर्मा ने बताया कि आंधी-तूफान और हल्की बारिश के बाद गर्मी से थोड़ी राहत मिलेगी, जिससे तापमान में हल्की कमी आएगी। उन्होंने यह भी बताया कि अगले दिन भी कुछेक क्षेत्रों में आंधी-तूफान और हल्की बूंदाबांदी हो सकती है।
शिमला: हिमाचल प्रदेश सरकार ने गुरुवार को राज्य प्रशासनिक सेवा में बड़ा फेरबदल किया है। एक आईएएस अधिकारी सहित पांच एचएएस अधिकारियों का तत्काल प्रभाव से तबादला कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त, नियुक्ति का इंतजार कर रहे छह नवनियुक्त एचएएस अधिकारियों को विभिन्न ब्लॉकों में खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) के महत्वपूर्ण पदों पर तैनाती दी गई है। इस संबंध में कार्मिक विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है। आईएएस अधिकारी गुरसिमर सिंह को अब एडीसी मंडी के रूप में नियुक्त किया गया है। इससे पहले उन्हें एसडीएम ज्वाली स्थानांतरित किया गया था। एसी टू डीसी हमीरपुर रहीं एचएएस अधिकारी अपराजिता चंदेल को अब एसडीएम सलूणी, जिला चंबा का कार्यभार सौंपा गया है। एडीसी मंडी रहे रोहित राठौर को नगर निगम मंडी का आयुक्त बनाया गया है। उनसे अन्य सभी अतिरिक्त कार्यभार वापस ले लिए गए हैं। एसडीएम गोहर लक्ष्मण सिंह को अब एसडीएम आनी के रूप में नई जिम्मेदारी मिली है। आरटीओ उड़नदस्ता जिला कांगड़ा में कार्यरत नरेंद्र सिंह को एसडीएम ज्वाली नियुक्त किया गया है। नवनियुक्त एचएएस अधिकारियों को बीडीओ पद पर तैनाती: नियुक्ति का इंतजार कर रही हिमानी को बीडीओ छौहारा, जिला शिमला। अनुभव तंवर को बीडीओ चंबा। कार्तिकेय डोगरा को बीडीओ ननखड़ी। करणवीर सिंह को बीडीओ कुपवी। नेहा नेगी को बीडीओ संगड़ाह। योगेश कुमार को बीडीओ पांगी। इनके अलावा, राज्य चयन आयोग हमीरपुर के उप सचिव राजीव ठाकुर को एसी टू डीसी हमीरपुर का पदभार सौंपा गया है और उन्हें तहसीलदार गोहर तथा एसडीएम गोहर का अतिरिक्त कार्यभार भी दिया गया है।
शिमला: हिमाचल प्रदेश में सड़क हादसों में घायल होने वाले लोगों के लिए एक बड़ी राहत भरी खबर है। अब उन्हें अस्पतालों में डेढ़ लाख रुपये तक का निशुल्क (कैशलेस) उपचार मिल सकेगा। यह सुविधा प्रदेश भर के सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ आयुष्मान भारत योजना के तहत अधिकृत निजी स्वास्थ्य संस्थानों में भी उपलब्ध होगी। इस पहल का उद्देश्य सड़क हादसों में घायल मरीजों को बेहतर और तत्काल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना है। योजना के तहत, घायलों का उपचार अस्पताल में दाखिल होने के बाद 7 दिनों तक चलेगा। इसके लिए हिमाचल में एक राज्यस्तरीय कोष का गठन किया जाएगा और घायलों के इलाज का खर्च केंद्र सरकार वहन करेगी। केंद्र के निर्देशों के बाद हिमाचल में इस योजना को लागू कर दिया गया है। परिवहन निदेशक डीसी नेगी ने इस संबंध में हिमाचल के सभी विभागों और अस्पतालों को पत्र लिखा है। इस योजना को राज्य भर में लागू करने के लिए मुख्य सचिव नोडल अधिकारी होंगे। जिलों में उपायुक्त, संबंधित अस्पतालों के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक और मुख्य चिकित्सा अधिकारी ऐसे मामलों की निगरानी करेंगे। यह व्यवस्था रोड सेफ्टी के तहत की गई है। अभी तक हिमाचल प्रदेश में सड़क दुर्घटना होने पर लोगों को इलाज का खर्च स्वयं उठाना पड़ता था, केवल आयुष्मान व हिमकेयर कार्ड धारकों को ही निशुल्क सुविधा मिलती थी। अब यह लाभ सभी घायलों को मिलेगा। गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में औसतन प्रतिदिन 7-8 लोग सड़क हादसों में घायल हो रहे हैं। परिवहन विभाग के निदेशक डीसी नेगी ने बताया कि इस बारे में विभागों और अस्पताल प्रबंधन को आदेश जारी कर दिए गए हैं। परिवहन विभाग के प्रधान सचिव की केंद्रीय परिवहन मंत्रालय के सचिव के साथ इस बारे में वर्चुअल बैठक भी हो चुकी है, जिसमें योजना को पायलट आधार पर लागू करने की तैयारियों पर चर्चा हुई थी। कैशलेस ट्रीटमेंट स्कीम भारत सरकार द्वारा सड़क दुर्घटना पीड़ितों के लिए शुरू की गई है। इसका उद्देश्य सड़क हादसों में घायल लोगों को तत्काल चिकित्सा सुविधा प्रदान करना है। यह योजना मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 162 के तहत अधिसूचित है और आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत पंजीकृत अस्पतालों में लागू होती है।
केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश को वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 101.18 करोड़ की पहली किस्त जारी कर दी है। यह राशि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के तहत विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों और शहरी स्वास्थ्य मिशन के लिए लचीले फंड के तौर पर दी गई है। इसका मुख्य उद्देश्य राज्य में प्रजनन एवं बाल स्वास्थ्य और स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करना है। यह केंद्रीय सहायता विशेष रूप से स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार लाने पर केंद्रित होगी। इस फंड का उपयोग मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने और राज्य की समग्र स्वास्थ्य प्रणाली को अधिक सुदृढ़ और प्रभावी बनाने के लिए किया जाएगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अवर सचिव, मलाय कुमार हलधर ने इस संबंध में वित्त और स्वास्थ्य सचिव को पत्र भेजा है। 22 मई को वित्त विभाग द्वारा जारी स्वीकृति आदेश में कुछ महत्वपूर्ण शर्तें भी रखी गई हैं जिसमें फंड का उपयोग केवल निर्धारित उद्देश्यों के लिए ही किया जाएगा। NHM के वित्तीय प्रबंधन प्रणालियों का कड़ाई से पालन करना होगा। हिमाचल प्रदेश को यह सुनिश्चित करना होगा कि भारत सरकार द्वारा जारी धनराशि के आधार पर उसकी 40% (या 10% केंद्र शासित प्रदेशों के लिए) हिस्सेदारी संबंधित खातों में जमा की जाए। राज्य या केंद्र शासित प्रदेश स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की स्पष्ट मंजूरी के बिना विभिन्न घटकों या गतिविधियों के बीच आवंटन या पुनर्विनियोजन में कोई बदलाव नहीं कर सकते।
हिमाचल प्रदेश में पिछले चार दिनों से जारी भीषण गर्मी का दौर अगले 48 घंटों तक भी थमने वाला नहीं है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि इस दौरान तापमान में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हो सकती है, जिससे मैदानी इलाकों में गर्मी और बढ़ेगी और लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। मौसम विभाग ने आज और कल के लिए लू (हीटवेव) का येलो अलर्ट जारी किया है। आज कुल्लू, मंडी और ऊना जिलों में लू चलने की आशंका है तो वही कल कुल्लू, मंडी, ऊना के साथ-साथ सोलन और कांगड़ा जिलों में भी लू चल सकती है। बीते कल भी कुल्लू, मंडी और ऊना के कई इलाकों में लू का अनुभव किया गया। इसे देखते हुए, खासकर मैदानी क्षेत्रों के निवासियों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। मौसम विभाग के अनुसार, आज और कल अधिकांश शहरों में तापमान में और उछाल आने की संभावना है। यह स्थिति मैदानी इलाकों में गर्मी को और बढ़ाएगी, जिससे लोगों को अत्यधिक गर्मी से जूझना पड़ सकता है।
हिमाचल प्रदेश के उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात कर प्रदेश के विभिन्न विकासात्मक कार्यों पर चर्चा की और विशेष अनुदान की मांग उठाई। इस मुलाकात के दौरान कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर सहमति बनी, जिससे हिमाचल के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में मदद मिलेगी। उपमुख्यमंत्री अग्निहोत्री ने ऑल इंडिया टैक्सी परमिट की वैधता 12 वर्ष से बढ़ाकर 15 वर्ष करने की मांग रखी। उन्होंने तर्क दिया कि जब 15 वर्ष बाद वाहनों को स्क्रैप किया जाता है, तो टैक्सी परमिट की अवधि भी उसी के अनुरूप होनी चाहिए. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस मांग को तर्कसंगत मानते हुए अधिकारियों को तुरंत इस पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं, जिससे लाखों टैक्सी ऑपरेटरों को सीधा लाभ मिलेगा। अग्निहोत्री ने स्क्रैप योजना के तहत केंद्रीय सहायता की 7.63 करोड़ रुपये की लंबित राशि तुरंत जारी करने का आग्रह किया, जिस पर केंद्रीय मंत्री ने तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त, उन्होंने केंद्रीय गति शक्ति योजना के तहत बल्क ड्रग पार्क के लिए नंगल अजोली मोड से जेजों तक की सड़क को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने और इसके लिए 429 करोड़ रुपये मंजूर करने का आग्रह किया। उन्होंने इस सड़क को राष्ट्रीय महत्व का बताते हुए इसके महत्व पर जोर दिया। उपमुख्यमंत्री ने अमृतसर से होशियारपुर फोरलेन राष्ट्रीय राजमार्ग को बनखंडी से झलेड़ा तक 15 किलोमीटर तक फोरलेन करने का आग्रह किया, जिससे आनंदपुर साहिब और मां चिंतपूर्णी जैसे धार्मिक स्थलों पर जाने वाले श्रद्धालुओं को सुविधा होगी। उन्होंने जेजों मोड से टाहलीवाल चौक वाया भाई जी का मोड तक तीन पुलों (बढेडा खड्ड, कांगड़ खड्ड, पालकवाह खड्ड) सहित सड़क के उन्नयन के लिए 48.69 करोड़ रुपये स्वीकृत करने की भी मांग की। मुकेश अग्निहोत्री ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का हिमाचल प्रदेश को सड़क परिवहन के क्षेत्र में दिए जा रहे सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि हिमाचल एक पहाड़ी राज्य है और इसका विकास सड़कों और पुलों के बुनियादी ढांचे पर निर्भर करता है. उन्होंने गडकरी की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे विकास की योजनाओं को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर आगे बढ़ाते हैं। अग्निहोत्री ने जोर देकर कहा कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार विकास को आगे बढ़ाने और सभी वर्गों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार केंद्र सरकार के साथ मिलकर हिमाचल को एक आदर्श राज्य बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
हिमाचल प्रदेश परिवहन विभाग ने निजी बस ऑपरेटरों पर शिकंजा कस दिया है। अब राज्य में केवल उन्हीं निजी बसों को 'पासिंग' (फिटनेस जांच और परमिट नवीनीकरण) की अनुमति मिलेगी जिन्होंने अपना विशेष पथकर (SRT - Special Road Tax) जमा करा दिया है। परिवहन विभाग ने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि SRT जमा होने की रसीद दिखाने के बाद ही बसों की पासिंग की जाएगी। परिवहन विभाग का निजी ऑपरेटरों पर लाखों रुपये का SRT बकाया है, और इसे वसूलने के लिए विभाग ने सख्त रुख अपनाया है। राज्य भर में कई निजी ऑपरेटरों को इस संबंध में नोटिस भी जारी किए गए हैं। जिन वाहन मालिकों ने वर्ष 2021 से पहले का SRT जमा नहीं कराया है, उन्हें यह टैक्स अब आबकारी विभाग में जमा कराना होगा। आबकारी विभाग द्वारा ऑपरेटरों को NOC (अनापत्ति प्रमाण पत्र) जारी होने के बाद ही वे परिवहन विभाग में SRT जमा करा सकेंगे। हिमाचल में करीब 3 हजार निजी बसें चलती हैं। कई ऑपरेटर ऐसे हैं जो निर्धारित समय पर अपना टैक्स जमा नहीं करते। इस बार विभाग ने समय पर SRT जमा न कराने पर पेनल्टी लगाने की चेतावनी भी दी है। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने भी ऑपरेटरों से समय पर SRT जमा कराने की अपील की है। हाल ही में अतिरिक्त दंडाधिकारी की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में निजी बस ऑपरेटरों और एचआरटीसी अधिकारियों ने भाग लिया था। इस बैठक में निजी बस संचालकों ने सुझाव दिया कि एचआरटीसी को शहर के अंदर छोटी बसें चलाने के आदेश जारी किए जाएं और शिमला आने वाली 40 किलोमीटर से अधिक दूरी वाली बसों को आईएसबीटी (अंतरराज्यीय बस अड्डा) भेजा जाए। उन्होंने यह भी सलाह दी कि ऊपरी शिमला से आने वाली बसों को टॉलैंड से मोड़कर आईएसबीटी भेजा जाए। हालाँकि, इस संबंध में अभी विभाग की ओर से कोई ठोस निर्णय नहीं हुआ है।
हिमाचल प्रदेश में इन दिनों भीषण गर्मी पड़ रही है और अभी इससे राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं है। पिछले चार दिनों से सूरज खूब तप रहा है, जिससे मैदानी इलाकों में दिन के समय घर से बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले 96 घंटे, यानी 12 जून तक, गर्मी से कोई खास राहत नहीं मिलेगी। मौसम पूरी तरह साफ बना रहेगा। मैदानी इलाकों में तापमान में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस की और बढ़ोतरी हो सकती है। इतना ही नहीं, मध्यम और ऊँची ऊँचाई वाले क्षेत्रों में भी तापमान 4 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ेगा, जिससे वहाँ भी गर्मी का प्रकोप और बढ़ जाएगा। गर्मी से हल्की राहत की उम्मीद 13 जून से की जा रही है। इस दिन एक पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) सक्रिय हो रहा है। इसके असर से अगले दो दिनों तक पूरे प्रदेश में हल्की बारिश का अनुमान है, जो लोगों को इस झुलसा देने वाली गर्मी से थोड़ी राहत दे सकती है।
शिमला: हिमाचल प्रदेश में प्राथमिक शिक्षकों का 43 दिनों से चला आ रहा क्रमिक अनशन आज शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर के साथ हुई सफल वार्ता के बाद समाप्त हो गया। सचिवालय में हुई बैठक में प्राथमिक शिक्षकों और सरकार के बीच 20 से 21 मुद्दों पर सहमति बनी, जिसके बाद शिक्षकों ने अपना आंदोलन वापस लेने का निर्णय लिया। बैठक के बाद शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने मीडिया को बताया कि सरकार ने प्राथमिक शिक्षकों की सभी जायज मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया है। उन्होंने बताया कि प्राथमिक और उच्च शिक्षा निदेशालय को एक ही रखने पर भी सहमति बन गई है। इसके अतिरिक्त, निलंबित किए गए शिक्षकों के मामलों पर सरकार पुनर्विचार करेगी और किसी भी शिक्षक की पदोन्नति बाधित नहीं होगी। हिमाचल प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष जगदीश शर्मा ने इस बैठक को "सौहार्दपूर्ण माहौल" में संपन्न हुई बताया। उन्होंने पुष्टि की कि लगभग सभी मांगों को पूरा करने का आश्वासन मिलने के बाद क्रमिक अनशन को खत्म करने का फैसला लिया गया है। शर्मा ने यह भी बताया कि प्राथमिक और उच्च शिक्षा का एक निदेशालय बनाने के संबंध में एक समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें प्राथमिक शिक्षक भी सदस्य होंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि निदेशालय का निदेशक एक ही होगा, लेकिन कमेटी की सिफारिशों के बिना अन्य संरचनात्मक बदलाव फिलहाल नहीं होंगे।
हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर मौसम करवट लेने वाला है। 11 जून को पश्चिमी विक्षोभ (वेस्टर्न डिस्टरबेंस) के फिर से सक्रिय होने की उम्मीद है, हालांकि इसका असर अगले 48 घंटों तक केवल अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ही देखने को मिलेगा। मौसम विभाग के अनुसार, आज से 10 जून तक प्रदेश में मौसम बारिश और बर्फबारी की कोई संभावना नहीं है, जिससे तापमान में 4 से 5 डिग्री सेल्सियस तक की बढ़ोतरी दर्ज की जा सकती है, खासकर मैदानी इलाकों में गर्मी का एहसास बढ़ेगा। वर्तमान में, प्रदेश के अधिकांश शहरों में तापमान सामान्य या सामान्य से कम चल रहा है, लेकिन पिछले दो दिनों में इसमें हल्का उछाल आया है। बीते 24 घंटों के दौरान प्रदेश के औसत अधिकतम तापमान में 2.5 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हुई है, फिर भी यह सामान्य से 1.4 डिग्री सेल्सियस कम है। इसका मुख्य कारण बीते डेढ़ सप्ताह के दौरान पहाड़ों पर हुई अच्छी बारिश है। मई के आखिरी सप्ताह और जून के पहले तीन दिनों में पहाड़ों पर अच्छी वर्षा हुई थी, जिसने तापमान को नियंत्रित रखा था।
शिमला पहाड़ों की रानी शिमला में एक दिल छू लेने वाली घटना सामने आई है, जहां हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की संवेदनशीलता के चलते अपने माता-पिता से बिछड़ा चार साल का एक बच्चा सुरक्षित रूप से परिवार से मिल पाया। यह घटना शुक्रवार देर रात मालरोड पर हुई। शुक्रवार रात करीब 9 बजे, राजस्थान से शिमला घूमने आया एक दंपती मालरोड पर अपने छोटे बेटे के साथ टहल रहा था। भीड़भाड़ में अचानक उनका चार साल का बेटा उनकी नज़रों से ओझल हो गया। माता-पिता बच्चे को ढूंढने के लिए मालरोड और रिज पर परेशान होकर भटकते रहे। इसी दौरान, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, महापौर सुरेंद्र चौहान और अन्य लोग ओक ओवर की ओर पैदल जा रहे थे। मुख्यमंत्री की नज़र मेट्रोपोल के पास सड़क पर अकेले रोते हुए एक बच्चे पर पड़ी। वह तुरंत रुक गए। उन्होंने बच्चे से रोने का कारण पूछा, लेकिन बच्चा कुछ भी नहीं बता पाया। आसपास के लोगों और अन्य पर्यटकों को भी उस बच्चे के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। बच्चे की हालत देखकर मुख्यमंत्री ने उसका हाथ पकड़ा और उसे अपने साथ लेकर चलने लगे। उन्होंने बच्चे को चॉकलेट दी और कहानी सुनाकर शांत करने की कोशिश की। बच्चा इतना डरा हुआ था कि उसकी तबीयत बिगड़ने लगी। मुख्यमंत्री ने तुरंत पुलिस को बच्चे के माता-पिता का पता लगाने के निर्देश दिए। उस समय तक पुलिस के पास भी बच्चे की गुमशुदगी की कोई शिकायत दर्ज नहीं हुई थी, जिससे बच्चे के अभिभावकों का पता लगाना मुश्किल हो रहा था। कुछ देर बाद, पुलिस को बच्चे के पिता नाज चौक के पास मिले, जो अपने बेटे को ढूंढते हुए बेहद परेशान थे। पुलिस ने उन्हें बताया कि उनका बच्चा सुरक्षित है। पिता ने बताया कि वे और उनकी पत्नी अपने बेटे के साथ मालरोड पर घूम रहे थे, तभी उनका बेटा अचानक गायब हो गया था। वे पिछले एक घंटे से बेटे की तलाश में भाग-दौड़ कर रहे थे। मुख्यमंत्री के पास अपने बेटे को सुरक्षित देखकर दंपति ने राहत की सांस ली। उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का हार्दिक आभार व्यक्त किया। महापौर सुरेंद्र चौहान ने पुष्टि की कि बच्चे को उसके माता-पिता को सुरक्षित सौंप दिया गया है। बताया जा रहा है कि यह सैलानी राजस्थान के रहने वाले हैं और वीकेंड पर छुट्टियां मनाने शिमला आए थे।
भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ आज दो दिवसीय दौरे पर शिमला पहुंच गए हैं। उनका स्वागत अनाडेल हेलीपैड पर किया गया, जहां से वे राजभवन के लिए रवाना हुए। पहले उनका गुरुवार को शिमला पहुंचने का कार्यक्रम था, लेकिन कुछ कारणों से इसमें बदलाव किया गया। उपराष्ट्रपति के आगमन के मद्देनजर, शिमला शहर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं और यातायात को नियंत्रित किया गया है। आज सुबह 11:00 बजे से दोपहर लगभग 12:00 बजे तक अनाडेल-विधानसभा (विस) और शिल्ली चौक-ओक ओवर मार्ग पर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से बंद कर दी गई थी। शहर की पुलिस ने आम लोगों से असुविधा से बचने के लिए वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करने की अपील की है। पुलिस ने यह भी चेतावनी दी है कि गलत तरीके से पार्क किए गए वाहनों को क्रेन के माध्यम से हटा दिया जाएगा। उपराष्ट्रपति के दौरे का मुख्य कार्यक्रम 7 जून को डॉ. वाईएस परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी में आयोजित होगा। यहां श्री धनखड़ एक संवाद कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहेंगे। उपराष्ट्रपति के दौरे को लेकर पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी है। डीएसपी ट्रैफिक संदीप शर्मा ने बताया कि सुरक्षा और यातायात प्रबंधन के लिए 300 से अधिक पुलिस जवानों को तैनात किया गया है, जिसके लिए अतिरिक्त पुलिस स्टाफ भी मंगवाया गया है। उन्होंने शहरवासियों से विशेष अपील की है कि वे उपरोक्त प्रतिबंधित मार्गों का बहुत जरूरी होने पर ही इस्तेमाल करें और यथासंभव वैकल्पिक मार्गों से आवाजाही करें। कुमार हाउस आने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों से भी अनुरोध किया गया है कि वे केवल अपनी गाड़ियां लेकर आएं जिनके पास कार्यालय में पार्किंग की सुविधा उपलब्ध है।
हिमाचल प्रदेश के 19.50 लाख राशनकार्ड धारक परिवारों को अब डिपुओं से रिफाइंड तेल लेने के लिए अपनी जेब ढीली करनी पड़ेगी। छह से आठ महीने के लंबे इंतजार के बाद मिलने जा रहा यह रिफाइंड तेल अब बीपीएल, एपीएल और एनएफएसए श्रेणी के उपभोक्ताओं को 134 प्रति लीटर और आयकरदाताओं को 144 प्रति लीटर के हिसाब से मिलेगा। पहले यह तेल क्रमशः 97 और 102 प्रति लीटर में उपलब्ध था। इसके अलावा इस बार डिपुओं में उपभोक्ताओं को चने की दाल भी नहीं मिलेगी, जबकि पहले दो किलो चने की दाल लेने का विकल्प दिया जाता था। यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब आम जनता पहले से ही बढ़ती महंगाई से जूझ रही है।खाद्य आपूर्ति निगम के प्रबंध निदेशक राजेश्वर गोयल ने बताया कि रिफाइंड तेल की कीमतों में यह बढ़ोतरी साढ़े 27 फीसदी कस्टम ड्यूटी लगने के कारण हुई है। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बाजार के मुकाबले डिपो में लोगों को रिफाइंड तेल अभी भी 10 से 12 प्रति लीटर कम दर पर मिलेगा।
शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने विमल नेगी मौत मामले में हिमाचल प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPPCL) के तत्कालीन प्रबंध निदेशक हरिकेश मीणा की जमानत याचिका और पुलिस अधीक्षक (SP) संजीव कुमार गांधी की लेटर्स पेटेंट अपील (LPA) पर सुनवाई की। हाईकोर्ट ने एसपी संजीव कुमार गांधी को आंशिक राहत प्रदान की है और उनकी LPA स्वीकार कर ली है। न्यायमूर्ति गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायमूर्ति रंजन शर्मा की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान यह स्पष्ट किया कि एसपी संजीव गांधी और एसआईटी के अन्य सदस्यों की व्यक्तिगत और पेशेवर प्रतिष्ठा को कोई नुकसान न पहुंचे, इसलिए इस पहलू पर उनकी अपील को स्वीकार किया गया है। मामले की अगली सुनवाई अब 14 जुलाई को होगी। हालांकि, पीठ ने यह भी कहा कि न्यायालय मामले की जांच सीबीआई को सौंपने के अपने मूल निर्णय में कोई दखल नहीं देगा, क्योंकि इससे निष्पक्ष और प्रभावी जांच सुनिश्चित होगी। इसका अर्थ है कि इस मामले में आगे की जांच सीबीआई ही जारी रखेगी। कोर्ट ने एसपी संजीव कुमार गांधी की LPA पर सचिव गृह और तत्कालीन डीजीपी को नोटिस जारी कर जवाब दायर करने के निर्देश दिए हैं।संजीव भूषण, एसपी के वकील ने इस संबंध में जानकारी दी। वहीं, विमल नेगी मौत मामले में HPPCL के तत्कालीन एमडी हरिकेश मीणा को भी 16 जून तक गिरफ्तारी से संरक्षण (अरेस्ट प्रोटेक्शन) मिल गई है। मामले को लेकर आज हुई सुनवाई में सीबीआई ने मीणा को जमानत न देने की अपील की थी। कोर्ट ने सीबीआई को इस मामले में पार्टी बनने के लिए याचिका दायर करने के निर्देश दिए हैं। मामले की अगली सुनवाई 16 जून को होगी, जिसमें सीबीआई अपनी दलील पेश करेगी।
कपिल गुप्ता/सुबाथू: आज 14 गोरखा प्रशिक्षण केंद्र (GTC) के ऐतिहासिक सलारिया स्टेडियम में एक भव्य पासिंग आउट परेड का आयोजन किया गया। जिसमें 158 अग्निवीरों के एक ऊर्जावान दल ने प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा कर भारतीय सेना में अपना स्थान बनाया। इन जांबाज अग्निवीरों ने भारतीय गणराज्य के प्रति अपनी निष्ठा की शपथ ली, जो उनके देश सेवा के संकल्प को दर्शाता है। इन अग्निवीरों ने 31 सप्ताह से अधिक का कठोर प्रशिक्षण प्राप्त किया है, जिसमें शारीरिक फिटनेस, बैटल क्राफ्ट, फील्ड क्राफ्ट, हथियारों के उपयोग और रणनीति के विभिन्न पहलुओं को गहराई से सीखा गया। यह कठोर प्रशिक्षण उन्हें भारतीय सेना की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करता है। अब ये अग्निवीर पहली और चौथी गोरखा राइफल्स की प्रसिद्ध गोरखा बटालियनों का हिस्सा बनेंगे। इन बटालियनों का 200 से अधिक वर्षों का वीरता और बलिदान का एक समृद्ध और गौरवशाली इतिहास है, जिसे ये युवा सैनिक आगे बढ़ाएंगे। परेड का निरीक्षण ब्रिगेडियर पुनीत शर्मा, कमांडेंट 14 गोरखा प्रशिक्षण केंद्र ने किया। अपने संबोधन में उन्होंने सभी रंगरूटों को राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा और भारतीय सेना के ध्वज को सदैव ऊंचा रखने के लिए प्रेरित किया। परेड के बाद उत्कृष्ट समन्वय के साथ मधुर पाइप बैंड का शानदार प्रदर्शन किया गया। समारोह का समापन एक उत्कृष्ट पीटी प्रदर्शन से हुआ, जिसने दर्शकों को इस आयोजन को और अधिक समय तक देखने के लिए उत्सुक कर दिया। लगभग 300 दर्शकों (सेवारत व्यक्तियों, पूर्व सैनिकों, भर्ती हुए सैनिकों के माता-पिता और रिश्तेदारों सहित) ने इस कार्यक्रम में भाग लिया।
हिमाचल प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में ओपीडी पर्ची के लिए 10 रुपये शुल्क लेने के फरमान पर सरकार ने यू-टर्न ले लिया है। पहले यह आदेश जारी किया गया था कि सभी सरकारी अस्पतालों में मरीजों से पर्ची बनाने के लिए 10 रुपये लिए जाएंगे। लेकिन, अब सरकार ने इस फैसले से पल्ला झाड़ते हुए कहा है कि यह सुझाव रोगी कल्याण समिति (RKS) की ओर से आया था और कैबिनेट सब कमेटी ने इस पर सहमति जताई थी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के ताजा बयान में ये कहा है कि सरकार ने इस संबंध में कोई निर्देश अस्पतालों पर थोपे नहीं हैं। यह निर्णय पूरी तरह से रोगी कल्याण समितियों पर छोड़ दिया गया है। समिति अपने स्तर पर यह तय करेगी कि पर्ची बनाने के लिए 10 रुपये लेने हैं या नहीं। अगर अस्पताल की सफाई और रखरखाव के लिए रोगी कल्याण समिति चाहे, तो शुल्क ले सकती है और अगर नहीं चाहती तो शुल्क न ले। सीएम सुक्खू के इस बयान के बाद जनता में असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है कि आखिर प्रदेश के किन-किन अस्पतालों में अब पर्ची बनाने के पैसे लगेंगे और किनमें नहीं। अब देखना ये होगा कि प्रदेश के किन अस्पतालों में रोगी कल्याण समिति शुल्क लेने का फैसला करती है और किन अस्पतालों में ये सुविधा अब भी मुफ्त मिलती है।
पांगी घाटी में ज़हरीला जंगली साग खाने से सात लोगों की तबीयत बिगड़ गई है। इस घटना में चार लोगों को किलाड़ अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहाँ उनकी हालत अब स्थिर है। वहीं, तीन लोग जंगली साग के असर में आकर जंगल में लापता हो गए हैं, जिनकी तलाश के लिए बड़े पैमाने पर सर्च अभियान चलाया जा रहा है। तीन दिन पहले धनाला के पास जंगल में वन निगम के ठेकेदार के मज़दूरों ने अनजाने में जंगली साग खा लिया था। साग खाने के बाद वे अजीबोगरीब हरकतें करने लगे और इधर-उधर भागने लगे। अन्य मज़दूरों ने किसी तरह चार लोगों को पकड़कर किलाड़ अस्पताल पहुंचाया। हालांकि, तीन लोग भागते हुए जंगल में गुम हो गए। ठेकेदार ने लापता लोगों की गुमशुदगी की रिपोर्ट पुर्थी पुलिस चौकी में दर्ज कराई है। लापता लोगों के परिजन चंबा से पांगी पहुंच गए हैं और उनकी तलाश कर रहे हैं, लेकिन अभी तक उनका कोई सुराग नहीं मिल पाया है। बताया जा रहा है कि यह घटना रविवार रात को हुई थी। अस्पताल में भर्ती लोगों की पहचान राजकुमार (गगल, भांदल), देसराज (सुधेल, चड़ी), जगदीश (घुटेल, भांदल) और प्रीतम सिंह (सुधेल, चड़ी) के रूप में वही लापता लोगों की पहचान नरेश राम (सुधेल, चड़ी), जर्म सिंह (बाड़का, रजेरा) और ज्ञान चंद (जांघी) के रूप में हुई है। कार्यकारी खंड चिकित्सा अधिकारी किलाड़, डॉ. विशाल शर्मा ने बताया कि बीमार लोगों के शरीर से ज़हर निकाल दिया गया है और उनकी हालत खतरे से बाहर है। किलाड़ थाना प्रभारी जोगिंदर सिंह जरयाल ने बताया कि पुलिस स्थानीय लोगों के साथ मिलकर लापता लोगों की तलाश में जुटी है।
अब हिमाचल के सरकारी अस्पताल में इलाज की पहली सीढ़ी भी 'मुफ़्त' नहीं रही । स्वास्थ्य सचिव की ओर से जारी एक नई अधिसूचना के अनुसार, अब ओपीडी पर्ची बनवाने के लिए हर मरीज़ को 10 रुपये का शुल्क देना होगा। ये निर्णय 5 जून से लागू हो जाएगा। यह राशि रोगी कल्याण समिति (RKS) द्वारा वसूली जाएगी। स्वास्थ्य विभाग ने यह फैसला कैबिनेट सब-कमेटी की सिफारिशों के आधार पर लिया है। अभी तक प्रदेश भर के सभी सरकारी अस्पतालों में यह सुविधा फ्री में मिलती थी, लेकिन अब इसका सीधा असर आम जनता की जेब पर पड़ेगा। इसी तरह जिन 14 कैटेगिरी के मरीजों के मुफ्त में एक्स-रे ओर टेस्ट होते थे उन्हें भी अब शुक्ल चुकाना होगा। वैसे प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं की हालत पहले से ही सवालों के घेरे में रही है। अब जब सरकार अस्पतालों में आने वाले मरीजों से शुल्क लेगी तो यह उम्मीद है कि बदले में उन्हें बेहतर सुविधाएं और सेवाएं भी मिलेंगी। हालांकि, इस फैसले को लेकर आम जनता में नाराजगी और चिंता का माहौल देखा जा रहा है। सरकार का कहना है कि यह फैसला रोगी कल्याण समिति (RKS) द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं को मजबूत और बेहतर बनाने के लिए लिया गया है। इन सेवाओं में अस्पतालों की स्वच्छता, स्वास्थ्य सुविधाएँ, बुनियादी ढाँचा और उपकरणों का रखरखाव शामिल है। अधिसूचना में यह भी बताया गया है कि अब RKS को आवश्यकता के आधार पर उपयोगकर्ता शुल्क लगाने का अधिकार दिया गया है।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने एक बहुत ही अहम फैसला सुनाया है, जिससे नौकरीपेशा महिलाओं को बड़ी राहत मिलेगी। कोर्ट ने साफ कहा है कि मातृत्व अवकाश (बच्चे के जन्म के लिए ली गई छुट्टी) के कारण किसी भी महिला कर्मचारी को ज्यादा वेतन या दूसरे फायदों से वंचित करना गलत और गैर-संवैधानिक है। एक महिला क्लर्क दो साल की अपनी नौकरी पूरी करने से पहले ही मातृत्व अवकाश पर चली गई थीं। नियमों के हिसाब से, दो साल पूरे होने पर उन्हें ज्यादा वेतन मिलना था। लेकिन, सरकार ने उन्हें इस छुट्टी पर होने की वजह से वो बढ़ा हुआ वेतन देने से मना कर दिया। महिला कर्मचारी ने सरकार के इसी फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर और न्यायाधीश रंजन शर्मा की बेंच ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि मातृत्व अवकाश कोई बीमारी या मनोरंजन की छुट्टी नहीं है। यह एक महिला के लिए अपनी प्राकृतिक जिम्मेदारी निभाने के लिए ली गई एक बहुत ज़रूरी छुट्टी है। कोर्ट ने यह भी साफ किया कि मातृत्व अवकाश की अवधि को कर्मचारी की नौकरी से बाहर नहीं माना जा सकता। इस दौरान भी महिला कर्मचारी को ड्यूटी पर ही माना जाएगा और उसे नौकरी से जुड़े सभी फायदे मिलेंगे। कोर्ट ने यह भी कहा कि कोई भी नियम ऐसा नहीं है जो ये कहता हो कि मातृत्व अवकाश पर रहने वाली महिला कर्मचारी को वेतन वृद्धि नहीं मिलेगी। हाईकोर्ट ने सरकार के 1 जुलाई 2019 के उस फैसले को रद्द कर दिया, जिसमें महिला को ज्यादा वेतनमान का फायदा नहीं दिया गया था। कोर्ट ने निर्देश दिया है कि महिला कर्मचारी को 12 मई 2019 से लेकर 15 जुलाई 2025 तक, बढ़ी हुई सैलरी और नौकरी के सभी फायदे, 6% प्रति वर्ष की ब्याज दर के साथ, दिए जाएं।
अब कॉलेजों में प्रवेश पाने वाले हर छात्र को नशा न करने का शपथ पत्र भरना अनिवार्य होगा। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (HPU) ने इस संबंध में 15 महत्वपूर्ण बिंदुओं वाला एक शपथ पत्र जारी किया है, जिस पर छात्र के साथ-साथ उनके अभिभावकों के हस्ताक्षर भी अनिवार्य होंगे। इस शपथ पत्र में छात्रों को यह कसम लेनी होगी कि वे किसी भी प्रकार के नशे का सेवन नहीं करेंगे, न ही नशे से संबंधित वस्तुओं को बेचेंगे या रखेंगे। इसके अतिरिक्त, छात्रों को कॉलेज में अनुशासन बनाए रखने, किसी भी प्रकार की हिंसा या अनुशासनहीनता में शामिल न होने, परिसर में सिगरेट, पान मसाला, गुटखा या अन्य नशीले पदार्थों का सेवन न करने, जुआ जैसी गतिविधियों से दूर रहने, परिसर में हथियार न लाने और कॉलेज की संपत्ति को नुकसान न पहुंचाने की भी शपथ लेनी होगी। यह शपथ पत्र रैगिंग जैसी गतिविधियों में शामिल न होने की भी घोषणा करता है, हालांकि, रैगिंग के लिए यूजीसी के दिशानिर्देशों के तहत एक अलग ऑनलाइन शपथ पत्र भी भरना होगा। शहर के संजौली और राजीव गांधी महाविद्यालयों सहित अन्य कॉलेजों ने अपने प्रोस्पेक्ट्स में इस शपथ पत्र को शामिल किया है, और यह हर नए व पुराने छात्र के लिए अनिवार्य होगा। संजौली कॉलेज की प्राचार्य डॉ. भारती भागड़ा और राजीव गांधी महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. गोपाल चौहान ने स्पष्ट किया है कि यह नियम राज्यपाल और विश्वविद्यालय के आदेशों के अनुसार लागू किया गया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि कोई छात्र इस शपथ पत्र में दी गई शर्तों का उल्लंघन करता पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कॉलेज नियमों के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह पहल छात्रों को एक स्वस्थ और अनुशासित शैक्षणिक वातावरण प्रदान करने में मदद करने के उद्देश्य से की गई है।
हिमाचल प्रदेश में कोरोना वायरस एक बार फिर दस्तक दे चुका है, जिसके बाद राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग हाई अलर्ट पर हैं। सिरमौर जिले के नाहन में 82 वर्षीय महिला में कोरोना संक्रमण की पुष्टि होने के बाद, स्वास्थ्य विभाग ने तत्काल प्रभाव से नई एडवाइजरी जारी कर दी है। इस एडवाइजरी में संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए कई महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। नई एडवाइजरी के तहत, अब सभी अस्पताल परिसरों में मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। सिर्फ मरीज ही नहीं, बल्कि उनके साथ आने वाले तीमारदारों को भी मास्क पहनना होगा। खास तौर पर बुजुर्गों, बच्चों और गंभीर बीमारियों से पीड़ित रोगियों को अनिवार्य रूप से मास्क पहनने की सलाह दी गई है। यह कदम अस्पतालों में संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए उठाया गया है, क्योंकि ये स्थान संवेदनशील होते हैं और यहां वायरस के फैलने की आशंका अधिक होती है। सार्वजनिक स्थानों पर एक बार फिर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने पर जोर दिया गया है। इसके अतिरिक्त, स्वास्थ्य विभाग ने बार-बार साबुन से हाथ धोने और सार्वजनिक स्थलों पर डोर-हैंडल, रेलिंग आदि को नियमित रूप से सैनिटाइज करने की सलाह दी है। ये उपाय कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। एडवाइजरी में यह भी कहा गया है कि खांसी, बुखार और जुकाम जैसे लक्षण दिखने पर तत्काल नजदीकी अस्पताल में जाकर जांच कराएं। शीघ्र जांच और उपचार से संक्रमण को शुरुआती चरण में ही नियंत्रित किया जा सकता है। नाहन में मामला सामने आने के बाद, स्वास्थ्य विभाग ने सभी अस्पतालों को अपनी तैयारियों को पुख्ता रखने के निर्देश दिए हैं। पिछले सप्ताह ही विभाग ने ऑक्सीजन प्लांट, टेस्टिंग किट और आईसीयू सुविधाओं को दुरुस्त रखने के लिए अलर्ट जारी किया था। यह दर्शाता है कि सरकार संभावित चुनौती से निपटने के लिए सक्रिय रूप से तैयार है। नाहन में कोरोना पॉजिटिव पाई गई 82 वर्षीय महिला ने अस्पताल में भर्ती होने से इनकार कर दिया। डॉक्टरों ने उन्हें जरूरी उपचार और दवाइयां देने के बाद घर भेज दिया है। महिला में कौन सा कोरोना वेरिएंट है, इसका पता लगाने के लिए जीनोम सीक्वेंसिंग सैंपल नेरचौक मंडी भेजा गया है, जिसकी रिपोर्ट का इंतजार है।
हिमाचल प्रदेश में अगले दो दिनों तक मौसम का मिजाज खराब ही रहने वाला है। मौसम विभाग ने प्रदेश के छह जिलों, चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, लाहौल-स्पीति और किन्नौर, के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से तेज हवाएं चलने का पूर्वानुमान है। मौसम विभाग के अनुसार, 5 जून तक प्रदेश के लगभग सभी जिलों में मौसम खराब ही रहेगा। बिगड़े मौसम के पूर्वानुमान को देखते हुए, स्थानीय लोगों के साथ-साथ पर्यटकों को भी भूस्खलन संभावित क्षेत्रों और नदी-नालों के आसपास न जाने की सलाह दी गई है। मौसम में आए बदलाव के कारण तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है। चंबा के अधिकतम तापमान में सबसे ज्यादा 15.9 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई है, जिससे वहां का अधिकतम तापमान 23.1 डिग्री सेल्सियस पर आ गया है। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि इस बार मानसून सीजन में भी हिमाचल में सामान्य से ज़्यादा बादल बरसेंगे। प्रदेश में जून से सितंबर के बीच आमतौर पर 734.4 मिलीमीटर बारिश होती है, लेकिन इस बार 109 प्रतिशत बारिश होने की संभावना है। मानसून से पहले भी पहाड़ों पर अच्छी बारिश हो रही है। माना जा रहा है कि इस बार मानसून 15 से 20 जून के बीच हिमाचल में दस्तक दे सकता है, जो बीते वर्ष के मुकाबले लगभग दस दिन पहले होगा।
सिक्किम में भूस्खलन की चपेट में आकर शहीद हुए हिमाचल प्रदेश के सपूत, लांसनायक मनीष ठाकुर (27) का आज उनके पैतृक गांव नाहन के बड़ाबन में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। मनीष की शहादत की खबर से पूरे सिरमौर जिले और प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई है शहीद मनीष ठाकुर का पार्थिव शरीर दोपहर 12 बजे तक हेलिकॉप्टर से चंडीगढ़ लाया जाएगा। इसके बाद, सड़क मार्ग से पार्थिव देह को नाहन लाया जाएगा, जहाँ कुछ देर के लिए इसे उनके पैतृक निवास पर अंतिम दर्शनों के लिए रखा जाएगा। मनीष ठाकुर 15 जनवरी 1998 को जन्मे थे और 15 सितंबर 2016 को सेना में सिपाही के तौर पर भर्ती हुए थे। मनीष की शादी मात्र तीन महीने पहले, 6 मार्च 2025 को ही हुई थी। शादी के बाद 10 अप्रैल को ही वह ड्यूटी पर लौटे थे। दुखद सूचना अभी तक उनकी पत्नी और मां को नहीं दी गई है। उन्हें यही बताया गया है कि मनीष भूस्खलन में घायल हुए हैं, जबकि पिता जोगिंदर सिंह को बेटे की शहादत के बारे में जानकारी दे दी गई है। मनीष अपने पीछे पत्नी, पिता जोगिंदर सिंह, मां किरण बाला और एक छोटा भाई छोड़ गए हैं। उनके पिता मजदूरी करते हैं। नाहन की सत्तीवाला पंचायत के प्रधान कमल शर्मा ने मनीष ठाकुर को एक बेहद मिलनसार व्यक्ति बताया। उन्होंने कहा कि जब भी मनीष घर आते थे, वे गांव के सभी लोगों से मिलते थे। कमल शर्मा ने यह भी बताया कि मनीष में शुरू से ही सेना में जाने का जुनून था और बारहवीं की पढ़ाई पूरी करते ही वह सेना में भर्ती हो गए थे। सैनिक कल्याण बोर्ड के डिप्टी डायरेक्टर रिटायर्ड मेजर दीपक धवन ने पुष्टि की कि मनीष ठाकुर सिक्किम के छत्ते गांव में थ्री-डोगरा यूनिट में सेवारत थे। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने लांसनायक मनीष ठाकुर की शहादत पर गहरा शोक व्यक्त किया है. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि मनीष ठाकुर के शहीद होने का समाचार बेहद दुखद है। ईश्वर से प्रार्थना है कि शहीद को अपने श्रीचरणों में स्थान दे और परिवार को यह दुख सहने की क्षमता प्रदान करें। गौरतलब है कि सिक्किम में रविवार शाम को भारी बारिश के बाद मिलिट्री कैंप पर भूस्खलन हो गया था। इस हादसे में तीन जवान शहीद हो गए, जिनमें हवलदार लखबिंदर सिंह, लांसनायक मनीष ठाकुर और पोर्टर अभिषेक लखाड़ा शामिल हैं। चार जवानों को मलबे से जिंदा निकाला गया है, जबकि छह जवान अभी भी लापता बताए जा रहे हैं, और उन्हें ढूंढने के लिए सर्च ऑपरेशन जारी है।
हिमाचल प्रदेश में उन स्कूलों को बंद करने और मर्ज करने की तैयारी है, जहाँ छात्रों की संख्या बेहद कम है। स्कूल शिक्षा निदेशालय ने दाखिले के आंकड़ों के आधार पर यह प्रस्ताव तैयार किया है, जिसे सरकार को मंजूरी के लिए भेजा गया है। प्रस्ताव के मुताबिक 103 स्कूलों में शून्य दाखिला पाया गया है। इनमें 72 प्राइमरी, 28 मिडल और 3 हाई स्कूल शामिल हैं। इन स्कूलों को स्थायी रूप से बंद किया जाएगा। 443 स्कूलों में छात्रों की संख्या 10 से कम है। इन्हें आसपास के बड़े स्कूलों में मर्ज किया जाएगा। इसके अलावा 203 प्राथमिक स्कूल ऐसे हैं जहां विद्यार्थियों की संख्या पांच या उससे कम है। इन स्कूलों को दो किमी के दायरे में आने वाले अन्य स्कूलों में मर्ज करना चाहिए। पांच से कम विद्यार्थियों की संख्या वाले 142 प्राइमरी स्कूल ऐसे हैं, जिनके दाे किलोमीटर के दायरे में अन्य स्कूल नहीं हैं। इन स्कूलों को तीन किमी की दूरी के स्कूलों में मर्ज करना होगा। 92 मिडल स्कूलों में दस या उससे कम विद्यार्थी हैं, इन्हें तीन किमी से अधिक दूरी वाले स्कूलों में मर्ज करने की सिफारिश की गई है। 20 बच्चों वाले सात उच्च स्कूलों को चार किमी के दायरे में मर्ज करने और पांच से दस बच्चों की संख्या वाले 39 उच्च स्कूलों का दर्जा कम कर मिडल बनाने का प्रस्ताव है। प्रस्ताव में विद्यार्थियों की कम संख्या वाले 73 उच्च और वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों का दर्जा कम करने की सिफारिश भी की गई है। एक वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल में विद्यार्थियों की संख्या 25 से कम है। इसे मर्ज करने का प्रस्ताव है। 10 बच्चों वाले 16 वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों का दर्जा कम कर उच्च स्कूल बनाने को कहा गया है। यहां पढ़ने वाले बच्चों को पांच किलोमीटर के दायरे में आने वाले स्कूलों में दाखिले दिलाए जाएंगे। 18 वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में पांच से कम विद्यार्थी मिले हैं। इन स्कूलों का दर्जा भी कम होगा। लड़के और लड़कियाें की कम संख्या वाले 78 स्कूलों को मर्ज कर सह शिक्षा स्कूल बनाया जाएगा। जिला और ब्लॉक स्तर पर 39 स्थानों में लड़के और लड़कियों के अलग-अलग स्कूल चल रहे हैं।
शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार ने शराब के 211 ठेकों को दोबारा नीलाम करने का फैसला लिया है। राज्य मंत्रिमंडल की हालिया बैठक में लिए गए निर्णय के बाद कर एवं आबकारी विभाग ने नीलामी प्रक्रिया की तैयारियाँ शुरू कर दी हैं। नीलामी की यह दूसरी कोशिश जून के पहले सप्ताह में शुरू की जाएगी। पिछली नीलामी के दौरान ठेके आवंटित न हो पाने का मुख्य कारण उनका उच्च बेस प्राइस बताया जा रहा है। करीब दो महीने बीत जाने के बाद भी प्रदेश के 2400 में से 211 शराब ठेके अभी भी खाली हैं। निगमों को जिम्मेदारी देने से पहले कारोबारियों को मिलेगा एक और मौका प्रदेश सरकार ने पहले निर्णय लिया था कि न बिक पाने वाली दुकानों का संचालन सरकारी निगमों और बोर्डों के माध्यम से करवाया जाएगा। हालांकि, नगर निगम शिमला समेत कई बोर्डों ने संचालन में असमर्थता जाहिर कर दी थी। ऐसे में सरकार ने तय किया है कि पहले इन दुकानों की दोबारा बोली लगाई जाएगी और इसके बाद भी यदि ठेके नहीं बिकते हैं तो केवल उन्हीं निगमों को संचालन सौंपा जाएगा जो इसके लिए तैयार हों। किन जिलों में होगी नीलामी नई नीलामी प्रक्रिया शिमला, कांगड़ा, बिलासपुर, कुल्लू और मंडी जिलों में की जाएगी। सरकार ने साफ कर दिया है कि शराब ठेकों के बेस प्राइस में कोई कटौती नहीं की जाएगी। यह स्पष्ट संकेत है कि सरकार राजस्व में कोई समझौता नहीं करना चाहती। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में अलग मॉडल वर्तमान में शहरी क्षेत्रों में नगर निकायों के माध्यम से शराब की बिक्री की जा रही है, जबकि ग्रामीण इलाकों में हिमफेड, एचपीएसआईडीसी, एचपी जीआईसी, सिविल सप्लाई और वन निगम जैसे संस्थानों को जिम्मेदारी दी गई है।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने हमीरपुर में वन मित्रों के साथ आयोजित ‘संवाद’ कार्यक्रम में बातचीत की और उनके प्रशिक्षण अनुभव बारे जानकारी हासिल की। धर्मशाला में नियुक्त वंशिका ने अपने प्रशिक्षण अनुभव के बारे में मुख्यमंत्री को बताया कि उन्हें पौधरोपण से लेकर वन्य प्राणियों के बारे में जानकारी प्रदान की गई। मुख्यमंत्री ने पूछा कि आपने ट्रेनिंग कहां ली? तो वंशिका ने कहा कि नगरोटा सूरियां में। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार देहरा में अंतर्राष्ट्रीय स्तर का चिड़ियाघर बना रही है, जहां वन्य प्राणियों को देखने के लिए देश-विदेश से पर्यटक आएंगे। शिमला की मुस्कान चौहान ने मुख्यमंत्री को बताया कि किताबों से कहीं ज्यादा वह फील्ड में सीख रही हैं। मुख्यमंत्री ने पूछा कि अब तक आपने क्या-क्या सीखा? मुस्कान ने कहा कि हमें पौधरोपण, नर्सरी प्रबंधन तथा वन संरक्षण बारे जानकारी मिली है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपकी बीट में जंगलों में आग लगती है, ख्याल रखना। परवाणु में तैनात वन मित्र दिव्यांशु सिंह ने कहा कि पहले वनों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी, लेकिन विभाग में आने के बाद वनों के महत्त्व बारे विस्तृत जानकारी प्राप्त हो रही है कि जंगल हमारे लिए क्यों जरूरी हैं? उन्होंने कहा कि सभी वन मित्र पूरे जोश से कार्य करेंगे और पौधरोपण करनेे के साथ-साथ जंगल बचाने का भी कार्य करेंगे। कुल्लू की आकांक्षा ठाकुर ने वन मित्रों की नियुक्ति के लिए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह पहला अवसर है जब वन विभाग में एक साथ 2061 नौकरियां प्रदान की। उन्होंने कहा कि वह डेढ़ महीने पहले ही विभाग में आए हैं और विभाग के काम को समझा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जो भी निर्देश देगी, उन्हें फील्ड में लागू करने के लिए समर्पण और निष्ठा से कार्य करेंगे।
वीरभूमि हिमाचल का एक और लाल बलिदान नाहन के मनीष ठाकुर ने देश सेवा में सर्वोच्च बलिदान दिया, सिक्किम में मिली शाहदत वीर भूमि हिमाचल प्रदेश का एक और वीर सपूत देश की रक्षा में बलिदान हो गया सिरमौर जिले के नाहन उपमंडल के बड़ाबन गांव का बेटा मनीष ठाकुर ने देश सेवा में सर्वोच्च बलिदान दिया। वर्तमान में मनीष ठाकुर सिक्किम में बतौर लांस नायक थ्री-डोगरा युनिट में अपनी सेवाएं दे रहे थे। 27 वर्षीय मनीष ने ड्यूटी निभाते हुए वीरगति हासिल की है। माना जा रहा है कि मनीष की जान भीषण बाढ़ या भूस्खलन जैसे कठिन परिस्थितियों के कारण हुई है। बताया जा रहा है मनीष सिक्किम के छत्ते गांव में ड्यूटी पर तैनात थे और रविवार शाम करीब 7.30 बजे एवलांच की चपेट में आ गए। उधर, मनीष की शहादत की खबर मिलते ही परिजनों में चीख-पुकार मच गई। मनीष की नविवाहिता बेसुध हो गई। जिन हाथों से अभी मेहंदी का रंग भी नहीं छूटा था, उसी सुहागन का सुहाग उजड़ गया। तीन महीने पहले ही शहीद मनीष की शादी हुई थी और अब शहादत की खबर आ गई। मनीष अपने पीछे पत्नी तनु, माता और पिता को छोड़ गए हैं। परिवार का रो-रो कर बुरा हाल है। फिलहाल शहीद मनीष की पार्थिव देह उनके घर नहीं पहुंची है। म मनीष की पार्थिव देह आज हेलिकॉप्टर से चंडीगढ़ तक लाई जा रही है। अगर मौसम बाधा नहीं बना तो शाम तक शहीद की पार्थिव देह उनके घर पहुंचने की उम्मीद है।
फोरलेन बलोह टोल प्लाज़ा पर स्पेशल टीम की बड़ी कार्रवाई नशे और हथियारों की तस्करी के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत जिला बिलासपुर की स्पेशल डिटेक्शन टीम को एक बड़ी सफलता हाथ लगी। टीम ने फोरलेन बलोह टोल प्लाज़ा पर नाका लगाकर एक कार से 1 किलो 63.7 ग्राम चरस और एक लोडेड पिस्टल बरामद की है। साथ ही चार युवकों को मौके से गिरफ्तार किया गया है। कार्रवाई के दौरान मंडी से आ रही हुंडई ऑरा टैक्सी (HR 63C 3033) को रोका गया। गाड़ी में सवार चार युवकों की तलाशी ली गई, तो टीम के होश उड़ गए। वाहन से भारी मात्रा में चरस और एक देशी लोडेड पिस्टल, जिसमें तीन जिंदा कारतूस भी थे, बरामद हुई। आरोपियों में दो चंडीगढ़ और दो पंचकूला के निवासी है। 1. विशाल पुत्र ओमप्रकाश, निवासी मकान नंबर 1421, रामदरबार फेज-2, चंडीगढ़ (उम्र 25 वर्ष) 2. अभय पुत्र अजय कुमार, पोस्ट ऑफिस राजीपुर, पंचकूला, हरियाणा (उम्र 18 वर्ष) 3. अभिषेक पुत्र अजय कुमार, राजीपुर, कालका, पंचकूला, हरियाणा (उम्र 20 वर्ष) 4. अमन पुत्र राकेश कुमार, मकान नंबर 1384, रामदरबार फेज-2, चंडीगढ़ (उम्र 22 वर्ष) हुई है। चारों आरोपियों के खिलाफ घुमारवीं थाना में एनडीपीएस और आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। इस बारे में जानकारी देते हुए डीएसपी बिलासपुर मदन धीमान ने बताया कि प्रारंभिक जांच में मामला संगठित नशा तस्करी और अवैध हथियार रखने का प्रतीत हो रहा है। सभी आरोपियों से पूछताछ की जा रही है और इस मामले में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
हिमाचल प्रदेश में आज और कल को मौसम खराब खराब बन रहेगा इस दौरान कई जिलों में भारी बारिश भी हो सकती है। मौसम विभाग केंद्र शिमला ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश, तेज़ हवाओं और गरज-चमक के साथ तूफान आने की संभावना जताई है। आज, सिरमौर, बिलासपुर और हमीरपुर को छोड़कर बाकी सभी जिलों में हल्की बारिश और तूफान का असर देखने को मिलेगा। इसके अलावा, मौसम विभाग ने चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, लाहौल स्पीति और किन्नौर जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में भारी बारिश के साथ 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से तेज़ हवाएँ चलने का अनुमान है। खराब मौसम के चलते तापमान में और गिरावट आएगी। राज्य के अधिकांश शहरों में पहले से ही तापमान सामान्य से कम चल रहा है, और अब इसमें 4-5 डिग्री सेल्सियस की और कमी आने की उम्मीद है।
नया गौ सदन खोलने पर दस लाख तक की सब्सिडी हिमाचल सरकार ने बेसहारा गौवंश की देखभाल और उनके कल्याण के लिए गौ सदनों में रखे गए पशुओं के मासिक चारा अनुदान को बढ़ाने का फैसला लिया है। गौसदन में पशु रखने पर अनुदान राशि को 700 रुपये से बढ़ाकर 1200 रुपये किया गया है। यानी सरकार ने एक महीने में प्रति पशु 500 रुपए की वृद्धि की है। चारा राशि बढ़ाने के इस फैसले से खेतों में बेसहारा घूमने वाले पशुओं को सहारा मिलेगा और फसलों को होने वाले नुकसान से भी बचाया जा सकेगा। गौ सदन खोलने के लिए सरकार दे रही इतना अनुदान हिमाचल प्रदेश सरकार गौ सदनों की स्थापना और विस्तार के लिए स्थानीय लोगों और संस्थाओं को आर्थिक सहायता भी प्रदान कर रही है। नए गौ सदनों की स्थापना के लिए सरकार लोगों को 10 लाख रुपये अथवा परियोजना लागत की 50 फीसदी राशि अनुदान के रूप में प्रदान कर रही है। इसी प्रकार गौ सदन के विस्तार के लिए 5 लाख अथवा परियोजना लागत का 50 फीसदी अनुदान भी दिया जाता है। सरकार पशुधन की सुरक्षा और किसानों के हितों को सर्वोपरि मानते हुए सक्रिय रूप से कार्य कर रही है। पशु खेतों में घुसकर खड़ी फसलों को भारी नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान होता है, जिससे किसान निराश हो कर खेती से विमुख होते जा रहे है। चारे के लिए बढ़ाया गया अनुदान गौसदनों की स्थिति में सुधार लाने और प्रदेश में बेसहारा पशुओं की समस्या को कम करने में मददगार साबित होगा। प्रदेश सरकार ने इन प्रयासों को मजबूती देने के लिए शराब पर उपकर बढ़ाकर 2.50 रुपये प्रति बोतल किया है, जिससे प्राप्त अतिरिक्त राजस्व को गौ सेवा के लिए उपयोग में लाया जा रहा है। - सुखविंद्र सिंह सुक्खू , मुख्यमंत्री, हिमाचल प्रदेश
शिमला: हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की लेखन और पठन क्षमता का आकलन करने और उसमें सुधार लाने के उद्देश्य से समग्र शिक्षा द्वारा लर्निंग एनहांसमेंट प्रोग्राम (एलईपी) टेस्ट का आयोजन किया जा रहा है। इस पहल के तहत छठी से 12वीं कक्षा तक के बच्चों का आईक्यू स्तर परखने के लिए प्रदेश भर में ओसीआर शीट पर टेस्ट लिए जा रहे हैं। इन टेस्ट के परिणामों के आधार पर बच्चों में पाई जाने वाली कमियों को दूर करने का प्रयास किया जाएगा। इसी कड़ी में, शिमला के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, लक्कड़ बाजार में भी छठी से लेकर 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों ने एलईपी टेस्ट में भाग लिया। स्कूल की प्रधानाचार्य डॉ. सुमन मच्छान ने बताया कि सरकारी स्कूलों में खराब परीक्षा परिणामों को बेहतर बनाने के लिए लर्निंग एनहांसमेंट प्रोग्राम शुरू किया गया है। उन्होंने जानकारी दी कि छठी से बारहवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों के गणित, अंग्रेजी और विज्ञान विषयों के टेस्ट करवाए जा रहे हैं।डॉ. मच्छान ने आगे बताया कि एलईपी के माध्यम से बच्चों की लिखने-पढ़ने की क्षमता को परखा जाएगा और जहाँ भी सुधार की आवश्यकता होगी, वहाँ आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक शनिवार को मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में शिमला में आयोजित की गई। बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए हैं। मंत्रिमंडल की बैठक में गृहरक्षकों के 700 नए पद सृजित कर भरने की मंजूरीदी गई है। इनकी तैनाती अस्पतालों और मेडिकल काॅलेजों में होगी। इसके अतिरिक्त कैबिनेट ने जिला परिषद काडर के करीब 200 अनुबंध पंचायत सचिवों की सेवाओं को नियमित करने का भी फैसला लिया है। अब इन्हें 12,000 की जगह 32,000 रुपये मासिक वेतन मिलेगा। कैबिनेट ने रेरा का कार्यालय शिमला से धर्मशाला शिफ्ट करने तथा बद्दी में नया शिक्षा खंड कार्यालय खोलने का भी निर्णय लिया है। साथ ही मंत्रिमंडल ने फैसला लिया है कि पंचायत चुनाव में इस बार आरक्षण रोस्टर नए सीरे से लागू होगा।
हिमाचल प्रदेश में दो दिनों तक मौसम खराब बना रहेगा। मौसम विभाग ने आज और कल भारी बारिश की आशंका जारी की है, जिसके चलते मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इस दौरान कांगड़ा, चंबा, मंडी, कुल्लू, सोलन, सिरमौर और शिमला जिलों में भारी बारिश होने की संभावना है। कुछ स्थानों पर 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं और ओलावृष्टि भी हो सकती है। मौजूदा समय में हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़, दिल्ली और उत्तर प्रदेश से बड़ी संख्या में पर्यटक गर्मी से बचने के लिए हिमाचल प्रदेश आ रहे हैं। ऐसे में पर्यटकों और स्थानीय निवासियों की सुरक्षा को देखते हुए विशेष एडवाइजरी जारी की गई है। मौसम विभाग ने लोगों को सलाह दी है कि वे नदी-नालों के आसपास, जलभराव वाले स्थानों और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में जाने से बचें और अपनी यात्रा की योजना बनाते समय मौसम का पूर्वानुमान अवश्य देखे।
हाईकोर्ट ने केवल सिंह पठानिया को भेजा नोटिस कुछ समय पहले हिमाचल हाईकोर्ट ने सुक्खू सरकार के CPS की नियुक्तियों को असंवैधानिक ठहराया था। इससे बाद सीपीएस की कुर्सियां चली गई औरप्रदेश कांग्रेस में एक सियासी असंतुलन उभर आया। अब उसी तरह डिप्टी चीफ व्हिप केवल सिंह पठानिया की कुर्सी भी संकट में आ गई है। दरअसल केवल सिंह पठानिया की नियुक्ति को भी कोर्ट में चैलेंज किया गया है और न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान और सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने दायर याचिका पर केवल सिंह पठानिया को नोटिस भी जारी कर दिया है। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ वकील रजनीश मनीकटाला ने दलील दी कि 2018 में कांग्रेस-भाजपा दोनों की सहमति से विधानसभा में जो कानून बना, जिसमें चीफ व्हिप और डिप्टी चीफ व्हिप को कैबिनेट दर्जा देने का प्रावधान था, वो न केवल गैरजरूरी था, बल्कि सीधे-सीधे संवैधानिक मूल्यों की अवहेलना थी। कहा गया कि जब प्रदेश पहले से 41 हजार करोड़ के कर्ज में डूबा था, तब ऐसे लाभकारी पदों का सृजन महज़ 'अपनों को समायोजित करने' का राजनीतिक स्टंट था। अब तो वो कर्ज 90 हज़ार करोड़ के पार पहुंच चुका है, लेकिन पद और फायदे कम होने की बजाय और भी बढ़ते जा रहे हैं। बता दें की अपने वफादारों को पद बांटने की प्रवृत्ति पुरानी है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही कोई न कोई रास्ता निकालकर ये करते आये है। प्रदेश की सुक्खू सरकार पर तो शुरू से ही अपनों को सेटल करने के चक्कर में पैसा लुटाने के आरोप लगते रहे है। खैर, अब देखना ये है कि क्या केवल सिंह पठानिया इस कानूनी चक्रव्यूह से बच निकलेंगे, या फिर हाईकोर्ट एक और 'राजनीतिक नियुक्ति' को असंवैधानिक करार देगा।
जांच रिकॉर्ड कब्जे में लेने की कवायद शुरू हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की मौत मामले की जांच के लिए सीबीआई की टीम शिमला पहुंच गई है। जांच अधिकारी ब्रजेंद्र प्रसाद सिंह की अगुवाई में सीबीआई से एक इंस्पेक्टर, एक स्टेनो व एक कांस्टेबल भी शिमला पहुंचे हैं। सीबीआई टीम केस से जुड़ा रिकॉर्ड कब्जे में लेने की कवायद में जुट गई है। इस मामले में 26 मई को सीबीआई ने नई दिल्ली स्थित विशेष अपराध शाखा में भारतीय न्याय संहिता का धाराओं 108 और 3(5) के तहत केस दर्ज किया था। इस एफआईआर में पावर कॉरपोरेशन के तत्कालीन निदेशक रहे देसराज और तत्कालीन एमडी हरीकेश मीणा को भी नामजद किया है। सीबीआई जांच पर सबकी निगाहें टिकी है। सीबीआई विमल नेगी के परिजनों सहित अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) ओंकार शर्मा, पुलिस महानिदेशक अतुल वर्मा, पुलिस अधीक्षक संजय गांधी और एसआईटी के सदस्यों से भी पूछताछ करेगी। इसके अलावा ओंकार शर्मा की ओर से हाईकोर्ट में दी गई रिपोर्ट में जिन अधिकारियों और कर्मचारियों के बयान है, उनके भी बयान दर्ज होंगे। पेन ड्राइव प्रकरण पर से भी पर्दा उठने का इन्तजार है। एएसआई पंकज ने पेन ड्राइव किसके कहने पर गायब किया, पेन ड्राइव क्यों फॉर्मेट किया गया, और इसके पीछे कौन है; ये सवाल बने हुए है। सीबीआई जल्द एएसआई पंकज से भी पूछताछ कर सकती है। विमल नेगी मामले की जांच करने वाली एसआईटी की रिपोर्ट पर कई सवाल उठे थे। खासतौर से पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार विमल नेगी की मृत्यु और उनके गायब होने के बीच दो से तीन दिन का फासला है। इस दरमियान विमल नेगी कहाँ थे, इस दिशा में एसआईटी ने काम नहीं किया। डीजीपी अतुल वर्मा की रिपोर्ट में विमल नेगी की डायरी का भी जिक्र है। उक्त डायरी में क्या जानकारी है, इस पर से भी पर्दा उठने का इन्तजार है। इस मामले में देशराज की भूमिका पर सवाल है। उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के बावजूद उसे गिरफ्तार नहीं किया गया। विमल नेगी के परिजनों ने भी इस पर खुलकर सवाल उठाये और पुलिस पर उसे संरक्षण देने का आरोप जड़ा। मंशा पर सवाल इसलिए भी उठे क्यों की हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत रद होने के बाद देशराज ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली, लेकिन सरकारी वकील ने उसका विरोध नहीं किया। क्या देशराज को बचाने की कोशिश की गई , इस पहलु से भी जांच होगी। ओंकार शर्मा की फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट में हिमाचल प्रदेश पावर कारपोरेशन के कई कर्मचारियों के ब्यान है जिन्होंने देशराज पर गंभीर आरोप लगाए है। इसमें उसके बर्ताव के अलावा एक निजी को सोलर पावर प्रोजेक्ट में गलत तरीके से लाभ देने का भी जिक्र है। सीबीआई उक्त सभी कर्मचारियों के ब्यान दर्ज कर, इस दिशा में भी जांच करेगी। पेखुबेला प्रोजेक्ट में वित्तीय लेने देने से संबंधित आशंका के चलते जांच में ED की एंट्री भी हो सकती है।
पेखूबेला सोलर प्रोजेक्ट में निजी कंपनी को अनुचित लाभ देने का जिक्र आखिर क्यों सरकार एसीएस से रिपोर्ट से नाखुश ? विमल नेगी मामले में कोर्ट में हुई किरकिरी के बाद प्रदेश सरकार ने तीनों सम्बन्धित अधिकारीयों को लम्बी छुट्टी पर भेज दिया। तीनों ने कोर्ट में अलग -अलग रिपोर्ट दी थी, जिसके बाद कोर्ट ने CBI जांच के आदेश दे दिए। इस पुरे प्रकरण में पुलिस की अंतर्कलह खुलकर सामने आई। SP शिमला बनाम DGP की जंग सबने देखी। प्रेस कांफ्रेंस करके एसपी ने अनुशासन की धज्जियां भी उड़ाई। ऐसे में दोनों पुलिस अधिकारीयों पर एक्शन तय माना जा रहा था। पर ओंकार शर्मा पर कार्रवाई क्यों हुई, इसे लेकर सवाल उठने लगे। आपको बताते है ऐसा क्या था ओंकार शर्मा की जांच में, जो संभवतः सरकार को रास न आया। 19 मार्च चीफ इंजीनियर विमल नेगी का शव शिमला लाया गया और परिजनों ने विरोध प्रदर्शन किया। तब सुक्खू सरकार ने स्वतंत्र प्रशासनिक जांच के लिए ओंकार शर्मा को नियुक्त किया। उन्हें 15 दिन में रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया था। आदेश अनुसार ओंकार शर्मा ने जांच की और रिपोर्ट सरकार को सौंपी। इस बीच विमल नेगी के परिवार ने जांच और पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाये और सीबीआई जांच को उनकी पत्नी किरण नेगी हाईकोर्ट में चली गई। मामले की जांच शुरू हुई तो हाईकोर्ट ने पुलिस की एसआईटी जांच पर तो रिपोर्ट मांगी ही, ओंकार शर्मा और डीजीपी को भी विस्तृत शपथ पत्र दाखिल करने को कहा। सुनवाई के दौरान सामने आया कि जहाँ डीजीपी ने एसआईटी जांच पर सवाल उठाये, वहीँ ओंकार शर्मा की रिपोर्ट भी सीबीआई जांच का बड़ा कारण बनी। इस रिपोर्ट में बिजली बोर्ड के एमडी हरिकेश मीणा, शिवम प्रताप सिंह और देशराज की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा गया कि इन्हीं के दबाव में विमल नेगी तनाव में थे। खासतौर से देशराज के बर्ताव को लेकर काफी कुछ लिखा गया है। साथ ही उन्होंने 220 करोड़ रुपये की पेखुबेला सोलर परियोजना की जांच की सिफारिश की, जिसमें विमल नेगी की भूमिका थी। कोर्ट के फैसले में इसका विस्तृत जिक्र है। विमल का चैम्बर दफ्तर की दूसरी मंजिल पर था और देशराज का पांचवी मंजिल पर। देशराज उन्हें बार-बार बुलाता था और घंटो खड़ा रखता था। विमल नेगी एक सीनियर अधिकारी थे लेकिन उन्हें बैठने तक को नहीं कहा जाता था। इसमें ये भी जिक्र है कि NIT हमीरपुर में कॉलेज के दिनों में विमल नेगी, देश राज के सीनियर थे। देश राज की भाषा और बुरे बर्ताव से पुरे दफ्तर का माहौल ख़राब था। ओंकार शर्मा की रिपोर्ट के अनुसार एक महिला अधिकारी ने भी देशराज पर प्रताड़ित करने के आरोप लगाए है। उस अधिकारी ने कहा है वो दफ्तर में सुबह नौ बजे से रात के दस बजे तक रहती थी। एक बार तो उसे रात ग्यारह बजे तक रुकने को कहा गया। अधिकारीयों के दबाव के चलते उसे एंग्जायटी की दवा तक लेनी पड़ी। आपातकाल स्थीति में एक दो दिन की कसुअल लीव लेने पर भी विमल नेगी को कारण बताओ नोटिस देने का भी जांच रिपोर्ट में जिक्र है। देशराज के खिलाफ कई कर्मचारियों ने आरोप लगाए है। यहाँ तक की विमल नेगी के ड्राइवर ने भी देशराज पर उन्हें टार्चर करने के आरोप लगाए है। प्रोजेएल इंफ़्रा इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड को पेखूबेला सोलर प्रोजेक्ट में कई अनुचित लाभ देने का इस रिपोर्ट में जिक्र है। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि प्रोजेक्ट की रेवेनुए प्रोजेक्शन रिपोर्ट में इजाफा करने का दबाव विमल नेगी पर डाला गया। मुख्यमंत्री ने ओंकार शर्मा की जांच की सराहना तो की लेकिन सवाल उठाया कि जिन अफसरों पर आरोप लगाए गए है उनका पक्ष इसमें नहीं है। निष्कर्ष पर निकलने के लिए उनका पक्ष भी जरूरी है। मुख्यमंत्री ने अपनी प्रेस कांफेरेंस में भी कहा कि उक्त अधिकारीयों को अपनी बात रखने का मौका मिलना चाहिए। दूसरी, आपत्ति ये मानी जा रही है कि एसीएस ने सीधे अपनी रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी। वहीँ सबसे बड़ी बात ये है कि इस रिपोर्ट में पेखूबेला सोलर प्रोजेक्ट पर सवाल है। विपक्ष को मुद्दा मिल गया। ऐसे में लाजमी है सरकार को ये रास नहीं आया। ओंकार शर्मा के समर्थन में खुलकर आ गई भाजपा आईएएस अधिकारी ओंकार शर्मा के समर्थन में भाजपा खुलकर आ गई है। कई बड़े नेता उन्हें छुट्टी पर भेजने के सुक्खू सरकार के फैसले पर सवाल उठा चुके है। भाजपा विधायक सुधीर शर्मा, विधायक बिक्रम ठाकुर और राज्यसभा सांसद हर्ष महाजन ने इस कार्रवाई की कड़ी आलोचना की है। इन नेताओं का कहना है कि एक ईमानदार और निष्पक्ष अफसर के साथ अन्याय हुआ है। सुधीर शर्मा ने कहा, "ओंकार शर्मा एक वरिष्ठ और अनुभवी अधिकारी हैं। उन्हें जो जांच सौंपी गई थी, उसे उन्होंने पूरी निष्ठा और ईमानदारी से अंजाम दिया। उनके खिलाफ की गई कार्रवाई न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है, बल्कि यह संदेश देती है कि अगर कोई अधिकारी निष्पक्षता से सच्चाई सामने लाएगा, तो उसे सज़ा भुगतनी पड़ेगी।" हर्ष महाजन ने इसे ‘ईमानदार हिमाचली अफसर की बर्खास्तगी’ बताया, जबकि बिक्रम ठाकुर ने भी इसी तरह की प्रतिक्रिया देते हुए सरकार के फैसले पर सवाल खड़े किए। इन नेताओं के बयानों से साफ़ है कि सत्तारूढ़ सुक्खू सरकार अब विपक्ष के सीधे निशाने पर है। सिर्फ राजनीतिक हलकों में ही नहीं, सोशल मीडिया पर भी ओंकार शर्मा को छुट्टी पर भेजे जाने पर प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है। बड़ी संख्या में लोग उन्हें ईमानदार और निर्भीक अफसर मानते हुए सवाल उठा रहे हैं।