अब जल्द ही पूरे देश से टोल प्लाजा हटाए जाएंगे। केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने यह महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए बताया कि इसके लिए एक नई टोल नीति पर काम चल रहा है, जिसकी घोषणा अगले 15 दिनों में की जाएगी। उन्होंने कहा कि नई नीति लागू होने के बाद टोल से संबंधित शिकायतों का अंत हो जाएगा। इसके अतिरिक्त, गडकरी ने मुंबई-गोवा राजमार्ग के निर्माण में हो रही प्रगति की जानकारी देते हुए बताया कि यह कार्य जून 2025 तक पूरा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे दैनिक यात्रियों और कोंकण क्षेत्र में जाने वाले लोगों को गड्ढों वाली सड़कों से मुक्ति मिलेगी। भारतीय बुनियादी ढांचे के विकास पर विश्वास व्यक्त करते हुए, गडकरी ने कहा कि अगले दो वर्षों में भारत का सड़क बुनियादी ढांचा अमेरिका से भी बेहतर हो जाएगा। मुंबई-गोवा राजमार्ग के निर्माण में आने वाली चुनौतियों को स्वीकार करते हुए, उन्होंने भूमि अधिग्रहण में देरी के लिए कानूनी विवादों और आंतरिक संघर्षों को जिम्मेदार ठहराया। हालांकि, उन्होंने आश्वासन दिया कि अब सभी मामले सुलझा लिए गए हैं और राजमार्ग का काम तेजी से चल रहा है, जिसे जून 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा।
मेरठ के सौरभ हत्याकांड को लोग भूले भी नहीं थे कि अब हरियाणा से यूट्यूबर महिला के प्रेमी संग पति की हत्या करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। जिसमें पत्नी ने प्रेमी के साथ मिलकर अपने पति की हत्या कर दी। 19 दिन की जांच के बाद पुलिस ने रवीना राव और उसके प्रेमी, यूट्यूबर सुरेश को गिरफ्तार किया है। यह मामला मेरठ के सौरभ हत्याकांड की याद दिलाता है। रवीना यूट्यूब और इंस्टाग्राम पर रील बनाने का शौक रखती थी। इसी शौक ने उसे सुरेश के करीब लाया। दोनों ने साथ में वीडियो और रील्स बनाने शुरू किए और उनका रिश्ता प्रेम में बदल गया। प्रवीण को इस रिश्ते की जानकारी हो गई। 25 मार्च को, जब प्रवीण ने रवीना और सुरेश को आपत्तिजनक स्थिति में देखा, तो उनके बीच झगड़ा हुआ। रवीना और सुरेश ने मिलकर प्रवीण का गला घोंट दिया। हत्या के बाद, दोनों ने रात होने का इंतजार किया और रात ढाई बजे शव को बाइक पर रखकर छह किलोमीटर दूर एक नाले में फेंक दिया। 28 मार्च को शव मिलने पर पुलिस को शक हुआ। सीसीटीवी फुटेज में रवीना और सुरेश शव को ले जाते दिखे। 12 अप्रैल को पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया। प्रवीण और रवीना की शादी छह साल पहले हुई थी और उनका एक बेटा है। प्रवीण की हत्या के बाद, मुकुल के सिर से पिता का साया उठ गया है। रवीना भी जेल में है और मुकुल अपने दादा और चाचा के साथ रह रहा है।
वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 को आज राज्यसभा में चर्चा के लिए पेश किया जा सकता है। लोकसभा में बुधवार को 12 घंटे से अधिक चली बहस के बाद इस विधेयक को पारित कर दिया गया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिडला ने सभी सांसदों को विधेयक पर बोलने का अवसर दिया, जिसके बाद चर्चा पूरी होने पर वोटिंग कराई गई। इस दौरान विधेयक के पक्ष में 288 और विपक्ष में 232 वोट पड़े। सत्तारूढ़ एनडीए ने विधेयक के समर्थन में इसे अल्पसंख्यकों के लिए लाभकारी बताते हुए जोरदार बचाव किया, जबकि विपक्ष ने इसे 'मुस्लिम विरोधी' करार देते हुए आलोचना की। विपक्षी सदस्यों द्वारा प्रस्तुत सभी संशोधनों को ध्वनिमत से खारिज कर दिया गया, और इसके बाद विधेयक पारित हो गया। केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने बहस के दौरान कहा कि भारत में अल्पसंख्यकों के लिए दुनिया में सबसे सुरक्षित कोई स्थान नहीं है। उन्होंने कहा, "भारत का बहुसंख्यक समाज पूरी तरह से धर्मनिरपेक्ष है, और इसलिए यहां के अल्पसंख्यक सुरक्षित हैं।" रिजिजू ने यह भी कहा कि भारत में शरण लेने वाले अल्पसंख्यक समुदायों को उत्पीड़न से बचने का ठिकाना मिलता है, जैसा कि बांग्लादेश, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, म्यांमार और श्रीलंका के अल्पसंख्यक समुदायों ने अनुभव किया। विधेयक के माध्यम से एनडीए सरकार का उद्देश्य सभी अल्पसंख्यकों को एकजुट करना है, और वक्फ न्यायाधिकरणों में लंबित विवादों के शीघ्र समाधान के लिए कदम उठाना है। रिजिजू ने यह भी कहा कि न्याय में देरी, न्याय से वंचित करने के समान है, और इस विधेयक के जरिए इस समस्या का समाधान किया जाएगा। सरकार ने यह स्पष्ट किया कि वक्फ (संशोधन) विधेयक वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन और विवादों के त्वरित निपटारे के लिए है, और इसका मुख्य उद्देश्य देश के सभी अल्पसंख्यक समुदायों की भलाई सुनिश्चित करना है।
दिल्ली में बीजेपी की शानदार जीत के बाद सीएम फेस के लिए जद्दोजहद जारी है।कई दावेदार लॉबिंग में जुटे है पर सबसे ज्यादा चर्चा है प्रवेश वर्मा के नाम की, जिन्हें GIANT किलर भी कहा जा रहा है। प्रवेश वर्मा ने नई दिल्ली सीट से अरविन्द केजरीवाल को हराया है।अगर प्रवेश वर्मा दिल्ली के सीएम बनते है तो दिलचस्प रिकॉर्ड भी बनेंगे। पहला, वो बीजेपी के ऐसे पहले नेता होंगे जिनके पिता भी सीएम रहे है । साहिब सिंह वर्मा फरवरी 1996 से लेकर अक्टूबर 1998 तक दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे है। दूसरा, लगातार सातवीं बार दिल्ली का सीएम नई दिल्ली सीट से होगा। 1998, 2003 और 2008 में शीला दीक्षित इस सीट से विधायक बनकर सीएम पद संभाल चुकी है। हालाँकि परिसीमन से पहले इस सीट को गोयल मार्किट के नाम से जाना जाता था। फिर 2013 में अरविन्द केजरीवाल ने शीला दीक्षित को हराया और दिल्ली से सीएम बने। 2015 और 2020 में भी केजरीवाल ही चुनाव जीते और सीएम बने। अब प्रवेश वर्मा ने अरविन्द केजरीवाल को हराया है और यदि वे सीएम बनाते है तो नई दिल्ली के नाम लगातार सात सीएम देने का अनूठा रिकॉर्ड भी बन जायेगा।
बीजेपी और आप के बीच दिल्ली में सिर्फ 1.99 प्रतिशत वोट शेयर का अंतर रहा लेकिन सीटों के लिहाज से देखे ये तो अंतर 26 सीटों का है। आंकड़े साफ़ बताते है की दिल्ली में बीजेपी का चुनाव मैनेजमेंट शानदार रहा है और इसका श्रेय पार्टी के संगठन को भी जाता है । दरअसल, दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी की इस शानदार जीत के पीछे संगठन मंत्री पवन राणा की भी बड़ी भूमिका रही है। अप्रैल 2023 में बीजेपी ने उन्हें दिल्ली का जिम्मा सौपा था और उसके बाद से ही दिल्ली में लगातार बीजेपी का संगठन मजबूत होता दिखा। बीजेपी संगठन में पन्ना प्रमुख मॉडल की शुरुआत करने वाले पवन राणा अपने पॉलिटिकल माइक्रो मैनेजमेंट के लिए जाने जाते है और दिल्ली में राणा का ये ही माइक्रो मैनेजमेंट बीजेपी की सबसे बड़ी ताकत बना। मसलन, बीजेपी ने दिल्ली में मंदिर प्रकोष्ठ शुरू किया और दिल्ली के करीब पंद्रह हजार मंदिरों को इस प्रकोष्ठ से जोड़ा गया। इसका बीजेपी को अच्छा लाभ हुआ है। माना जा रहा है आने वाले दिनों में अन्य राज्यों में भी इसे अपनाया जा सकता है। वहीं, झुग्गी बस्ती सम्मलेन जैसे अभियानों का जमीनी असर भी खूब दिखा। केजरीवाल के झुग्गी वोट को तोड़ने के लिए बीजेपी चुनाव से कई महीने पहले झुग्गी क्षेत्रों में प्रो. एक्टिव दिखी। न सिर्फ झुग्गी प्रधानों को पार्टी के साथ जोड़ा गया, बल्कि खुद गृह मंत्री अमित शाह के साथ उनका संवाद करवाया गया। इसके अलावा चाहे उत्तराखण्ड हो, हिमाचल या फिर पूर्वांचल के वोटर इनके प्रभाव वाली सीटों पर इस मर्तबा बीजेपी का माइक्रो मैनेजमेंट साफ़ दिखा। इन राज्यों से सम्बन्ध रखने वाले नेताओं को कोंस्टीटूएंसी टू कोंस्टीटूएंसी जिम्मा सौंपा गया और इसका भी बीजेपी को फायदा मिला।
'येन केन प्रकारेण' बीजेपी जीतना चाहेगी तीनों दिग्गजों की सीटें कांग्रेस के संदीप दीक्षित और अलका लाम्बा ने भी बना दिया है चुनाव ! ये चुनाव नहीं आसाँ बस इतना समझ लीजिए, एक आग का दरियाँ है और डूब के जाना है। कुछ ऐसी ही स्थिति इस बार दिल्ली में आम आदमी पार्टी की नज़र आ रही है। इस बार दिल्ली में आप की राह आसान नहीं है और दिलचस्प बात ये है कि पार्टी के तीनों मुख्य चहेरे, यानी सीएम आतिशी, पूर्व व प्रोजेक्टेड सीएम अरविन्द केजरीवाल और पूर्व डिप्टी व प्रोजेक्टेड डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया भी अपनी -अपनी सीटों पर फंसे देख रहे है । इन तीनों दिग्गजों की सीटों पर इस बार मुकाबला टक्कर का है। 'येन केन प्रकारेण' बीजेपी इन सीटों को जीतना चाहती है और जमीनी स्तर पर इसका असर दिख भी रहा है। सिलसिलेवार बात करें तो नई दिल्ली से, अरविन्द केजरीवाल के सामने बीजेपी और कांग्रेस, दोनों ने पूर्व मुख्यमंत्रियों के पुत्रों को मैदान में उतारा है। बीजेपी से पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश वर्मा है तो दूसरी तरफ कांग्रेस से पूर्व सीएम शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित। ये दोनों ही दो -दो मर्तबा सांसद भी रहे है और दोनों ने ही पूरी ताकत झोंकी है। ऐसे में इस सीट पर केजरीवाल की राह आसान जरा भी नहीं है। वहीं कालका जी सीट में भी आतिशी और भाजपा प्रत्याशी रमेश बिधूड़ी तो आमने-सामने थे ही, लेकिन इस सीट पर अब कांग्रेस प्रत्याशी अलका लाम्बा भी मजबूती से लड़ रही है। यहाँ भी मुकाबला त्रिकोणीय है और माहिर भविष्यवाणी करने से बचते दिख रहे है। बात मनीष सिसोदिया की करें तो इस बार आप ने उन की सीट बदल दी है और उन्हें पटपड़गंज की जगह जंगपुरा से मैदान में उतारा है। इस सीट पर बीजेपी के तरविंदर सिंह तो बेहद मजबूती के साथ चुनाव लड़ ही रहे है, कांग्रेस के फरहाद सूरी को भी हल्का नहीं लिया जा सकता। माहिर मान रहे है कि सूरी इस सीट पर सिसोदिया संकट में है। चर्चा सिसोदिया की पटपड़गंज सीट की भी करते है जहाँ से इस बार आप ने अवध ओझा को मैदान में उतारा है। यहाँ मुख्य रूप से यहाँ मुकाबला अवध ओझा और बीजेपी से रविंद्र नेगी के बीच माना जा रहा है। पिछले चुनाव में भी नेगी ने सिसोदिया को कड़ी टक्कर दी थी और इस बार भी ओझा यहाँ उलझे दिखे है। बहरहाल कल मतदान है और आठ फरवरी को नतीजा सामने होगा। अब आप के ये तीन दिग्गज इस चुनावी अग्नि परीक्षा को पास करते है या नहीं, ये जनता तय करेगी।
नई दिल्ली: वित्त मंत्री ने बजट में टैक्सपेयर्स के लिए बड़ी घोषणा की। अब सालाना 12.75 लाख रुपये तक कमाने वालों को कोई इनकम टैक्स नहीं देना होगा। वहीं टीडीएस में भी राहत दी गई है। सीनियर सिटीजन को भी इनकम टैक्स में बड़ी राहत मिली है। हालांकि यह फायदा उन्हीं टैक्सपेयर्स को मिलेगा जो नई टैक्स व्यवस्था के अनुसार आईटीआर फाइल करेंगे। वित्त मंत्री ने कहा कि सालाना 12.75 लाख रुपये तक कमाने वालों को अब कोई भी इनकम टैक्स नहीं देना होगा। इसमें 75 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन भी शामिल है। सीतारमण ने कहा कि 18 लाख रुपये तक की सालाना इनकम वाले टैक्सपेयर्स को 70,000 रुपये की बचत होगी जबकि 25 लाख तक 1.10 लाख रुपये की बचत होगी। सीतारमण ने कहा कि ITR और टीडीएस की सीमा बढ़ाई गई है। टीडीएस की सीमा बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दी गई है। टैक्स डिडक्शन में बुजुर्गों के लिए भी बड़ी घोषणा की गई है। Old Tax Regime के तहत इनकम टैक्स दरें 0-4 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं। 4-8 लाख की आय पर 5 प्रतिशत 8-12 लाख की आय पर 10 प्रतिशत 12-16 लाख की आय पर 15 प्रतिशत 16-20 लाख की आय पर 20 प्रतिशत 20-24 लाख की आय पर 25 प्रतिशत 24 लाख से ऊपर की आय पर 30 प्रतिशत इन्हें नहीं मिलेगा फायदा सालाना 12.75 लाख रुपये तक की इनकम टैक्स में छूट उन्हीं लोगों को मिलेगी, जिनकी आय सिर्फ सैलरी से होगी। अगर वे शेयर मार्केट या किसी और माध्यम से कमाई करते हैं तो उन्हें इसका लाभ नहीं मिलेगा। ऐसे में उन्हें इनकम टैक्स देना होगा।
अगले 10 सालों में देशभर में 120 नए एयरपोर्ट बनाये जाएंगे। आज केंद्रीय वित्त मंत्री ने बजट 2025 में नागरिक उड्डयन क्षेत्र के लिए ये अहम घोषणा की है, जिसमें अगले 10 सालों में देशभर में 120 नए एयरपोर्ट बनाने का प्रस्ताव किया गया है। इसका उद्देश्य हवाई यात्रा को सुलभ बनाना और एयर कनेक्टिविटी को मजबूती देना है, खासकर छोटे शहरों और दूरदराज के इलाकों में। इस योजना से न केवल स्थानीय विकास को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि पर्यटन, व्यापार और उद्योगों को भी गति मिलेगी। नए एयरपोर्ट के निर्माण से हजारों रोजगार के अवसर पैदा होंगे और आर्थिक विकास को एक नई दिशा मिलेगी। यह कदम प्रधानमंत्री की "उड़ान" योजना के तहत लिया जा रहा है, जिसका मकसद छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों को हवाई मार्ग से जोड़ना है। इससे न केवल यात्रा में सुगमता आएगी, बल्कि नागरिक उड्डयन क्षेत्र में भी निवेश को बढ़ावा मिलेगा, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 में तकनीकी क्षेत्र को लेकर एक अहम ऐलान किया। सरकार ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में नवाचार और विकास को बढ़ावा देने के लिए 500 करोड़ रुपये का विशेष फंड देने की घोषणा की है। इस फंड का उद्देश्य AI के शोध, विकास, और शिक्षा को प्रोत्साहित करना है, जिससे भारत को वैश्विक तकनीकी नेतृत्व में एक नया मुकाम हासिल हो सके। सरकार के इस ऐलान के तहत, AI आधारित परियोजनाओं, स्टार्टअप्स और संस्थानों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी, ताकि वे नए समाधान विकसित कर सकें और विभिन्न उद्योगों में AI का अधिकतम उपयोग कर सकें। इससे न केवल भारत में AI टेक्नोलॉजी की गति बढ़ेगी, बल्कि यह रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न करेगा और उद्योगों में कार्यक्षमता को सुधारने में मदद करेगा।
आज पूरा देश संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले केंद्रीय बजट 2025 पर नजरें गड़ाए बैठा है। यह बजट आज सुबह 11 बजे लोकसभा में पेश किया जाएगा। यह निर्मला सीतारमण का लगातार आठवां बजट होगा, और 2024 में बनी मोदी 3.0 सरकार का दूसरा पूर्ण बजट है। गरीब, मिडिल-क्लास और वेतनभोगी वर्ग को इस बजट से बड़ी उम्मीदें हैं। खासकर इनकम टैक्स स्लैब में राहत और आर्थिक सुधारों की मांग की जा रही है। बजट से उम्मीद की जा रही है कि यह महंगाई से राहत देने और खर्च करने की क्षमता को बढ़ाने वाले कदमों के साथ आएगा।बजट सेशन 2025 की शुरुआत शुक्रवार 31 जनवरी 2025 को हुई, जब वित्त मंत्री ने संसद में इकोनॉमिक सर्वे 2025 पेश किया। इसमें देश की वर्तमान आर्थिक स्थिति, विकास दर, महंगाई और भविष्य की संभावनाओं पर महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है। अब सभी की निगाहें आज के बजट पर टिकी हैं, जिसमें इन आंकड़ों के आधार पर नई नीतियां घोषित की जाएंगी। बजट से पहले राष्ट्रपति से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की मुलाकात केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज संसद में अपना आठवां बजट पेश करने से पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुरु से मिलने के लिए वित्त मंत्रालय नॉर्थ ब्लॉक से रवाना हो गई हैं। पेपरलेस फॉर्मेट में वे पारंपरिक ‘बही खाता’ के बजाय एक टैब के माध्यम से बजट पेश करेंगी और पढ़ेंगी।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की एक पोस्ट पर विवाद खड़ा हो गया है, जिसके बाद उनके खिलाफ दक्षिण कोलकाता के भवानीपुर थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है। यह विवाद 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर किए गए एक ट्वीट को लेकर उत्पन्न हुआ। राहुल गांधी ने इस पोस्ट में नेताजी की मौत की तारीख का जिक्र किया था, जो कई लोगों के अनुसार विवादास्पद था। राहुल गांधी के इस बयान को लेकर अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने कड़ी आपत्ति जताई और एफआईआर दर्ज कराने की मांग की। इसके बाद संगठन के कार्यकर्ताओं ने कोलकाता के एल्गिन रोड स्थित नेताजी के पैतृक घर के पास प्रदर्शन भी किया, जिसमें उन्होंने राहुल गांधी के बयान को लेकर अपना विरोध जताया। हिंदू महासभा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रचूड़ गोस्वामी ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी और उनके परिवार ने हमेशा नेताजी की विरासत को नजरअंदाज किया है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की यह पोस्ट नेताजी के बारे में गलत जानकारी देने की एक और कोशिश है, जिसे देश के लोग स्वीकार नहीं करेंगे। यह विवाद और गहरा हुआ जब राहुल गांधी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर 18 अगस्त 1945 को नेताजी की मौत की तारीख बताई। हालांकि, नेताजी की मृत्यु की सही तारीख को लेकर कई सवाल हैं, क्योंकि इस संबंध में अब तक कोई स्पष्ट प्रमाण नहीं मिल सका है। इस विवाद के बाद, ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक, तृणमूल कांग्रेस और भाजपा जैसे राजनीतिक दलों ने भी राहुल गांधी के बयान की आलोचना की है। जानिए क्या है पूरा मामला यह विवाद इस सप्ताह के शुरुआत में हुआ था, जब राहुल गांधी ने अपने एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट में नेताजी की मृत्यु की तारीख 18 अगस्त 1945 बताई। यह वही तारीख थी जब नेताजी का विमान ताइहोकू (जो अब ताइपे में है) में दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। हालांकि, नेताजी की मृत्यु की सही तारीख की कभी भी पुष्टि नहीं हो पाई और उनके गायब होने के बाद बने आयोगों ने भी इसकी पुष्टि नहीं की। ऐसे में राहुल गांधी नेताजी की मृत्यु की तारीख कैसे तय कर सकते है।
उत्तराखंड, आज एक ऐतिहासिक क्षण का गवाह बनने जा रहा है क्योंकि राज्य में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू होने जा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज मुख्य सेवक सदन में यूसीसी पोर्टल और नियमावली का औपचारिक लोकार्पण करेंगे, जिसके साथ राज्य ने इस महत्वपूर्ण कानून को लागू करने के लिए सारी तैयारियाँ पूरी कर ली हैं। इसके बाद, उत्तराखंड, देश का पहला राज्य बन जाएगा, जो समान नागरिक संहिता लागू करेगा। समान नागरिक संहिता की दिशा में यह यात्रा 27 मई 2022 को एक विशेषज्ञ समिति के गठन से शुरू हुई थी। समिति ने अपनी रिपोर्ट 2 फरवरी 2024 को सरकार को सौंपी, और उसके बाद 8 मार्च 2024 को विधानसभा में विधेयक पारित किया गया। राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद 12 मार्च 2024 को इस अधिनियम पर अंतिम मुहर लगी, और अब इसे पूरी तरह से लागू किया जा रहा है। यूसीसी को लागू करने के लिए तकनीक आधारित व्यवस्थाओं का भी निर्माण किया गया है, जिसमें नागरिकों और अधिकारियों के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया गया है। इस पोर्टल पर अब विवाह, तलाक, लिव-इन, लिव-इन से अलग होना और विरासत के मामलों का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किया जा सकेगा। 20 जनवरी को यूसीसी की नियमावली को अंतिम रूप देने के बाद, कैबिनेट ने इसे पास किया, और इस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के लिए विभिन्न स्तरों पर मॉक ड्रिल्स की गईं। शुक्रवार को हुई मॉक ड्रिल के बाद अब पोर्टल पूरी तरह से तैयार है, और आम नागरिकों और अधिकारियों के लिए उपयोग में लाया जा सकता है। मुख्यमंत्री का लोकार्पण समारोह आज दोपहर 12:30 बजे होगा, जिसके बाद यूसीसी के नए नियमों के तहत विभिन्न सेवाओं का लाभ लिया जा सकेगा।
ढाका: बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना के पद से इस्तीफे और देश छोड़ने के बाद आर्मी चीफ ने लोगों से शांति की अपील की है। बांग्लादेश के आर्मी चीफ वकार-उज-जमान ने एक वीडियो जारी करते हुए कहा कि शेख हसीना ने पीएम पद छोड़ दिया है और देश छोड़कर चली गई हैं। ऐसे में राजनीतिक उथलपुथल को देखते हुए सभी राजनीतिक दलों से बात की गई है और अब राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन से मिलकर अंतरिम सरकार बनाने के लिए कदम उठाए जाएंगे। हालांकि उन्होंने बताया कि राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ उनकी बैठक में हसीना की पार्टी अवामी लीग से कोई शामिल नहीं हुआ। बैठक में जमात और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। सभी से देश के मौजूदा हालात पर चर्चा हुई है। उन्होंने कहा कि अंतरिम सरकार सभी दलों की भागीदारी से बनेगी। बांग्लादेश सेना प्रमुख ने लोगों से शांकि अपील करते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद है कि जल्दी ही स्थिति में सुधार होगा। सेना प्रमुख वकार ने कहा कि उन्होंने सैनिकों को गोली ना चलाने का करने का निर्देश दिया है। ऐसे में लोग खुद घरों को लौटें और हिंसा बंद करें। ऐसे में स्थिति में सुधार होने पर कर्फ्यू और दूसरे प्रतिबंधों की आवश्यकता नहीं होगी। सेना प्रमुख ने विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई सभी मौतों की जांच कराए जाने का ऐलान किया है। हिंसा को रोका जाए: आर्मी चीफ जनरल वकार ने कहा कि देश में सभी तरह की हिंसा को तुरंत रोका जाए। उन्होंने छात्रों से वादा किया कि नई सरकार भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के दौरान हुई सभी मौतों के लिए न्याय सुनिश्चित करेगी। ढाका विश्वविद्यालय के कानून विभाग के प्रोफेसर आसिफ नजरूल ने एक बयान जारी कर छात्रों से विरोध प्रदर्शन बंद करने का अनुरोध करने के लिए कहा गया है।
नई दिल्ली: राष्ट्रपति भवन के ‘दरबार हॉल', ‘अशोक हॉल' का नाम आज बदल दिया गया है. अशोक हॉल का नाम बदलकर अशोक मंडप किया गया है। वहीं अब राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल को गणतंत्र मंडप के नाम से जाना जाएगा. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल और अशोक हॉल का नाम बदलने का आदेश जारी किया है। इस आदेश में लिखा गया है कि राष्ट्रपति भवन भारत के लोगों की अमूल्य विरासत है। राष्ट्रपति भवन तक लोगों को पहुंच आसान बनाने के लिए लगातार कोशिश की जा रही है। साथ ही राष्ट्रपति भवन के माहौल को भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों का प्रतीक बनाने का भी प्रयास जारी है। आपको बता दे कि ‘दरबार हॉल' में कई बड़े आयोजन होते रहे है। राष्ट्रीय पुरस्कारों की प्रस्तुति जैसे महत्वपूर्ण समारोहों का यह स्थान रहा है। राष्ट्रपित भवन के दरबार हॉल और अशोक हॉल का बदला गया नाम, प्रियंका गांधी ने कहा- ये शहंशाह की अवधारणा राष्ट्रपति भवन के दोनों हॉल के नाम बदले जाने पर कांग्रेस की वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी ने केंद्र की NDA सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि दरबार की कोई अवधारणा (कॉन्सेप्ट) नहीं है, लेकिन 'शहंशाह' की अवधारणा है।
हाथरस जिले में भोले बाबा के सत्संग के दौरान भगदड़ मच गई। दरअसल, आज उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के सिकंदराराऊ कस्बे के फुलरई गांव में साकार हरि बाबा का सत्संग चल रहा था। सत्संग समाप्त होने के बाद यहां से जैसे भी भीड़ निकलना शुरू हुई तो भगदड़ मच गई। खबर लिखे जाने तक भगदड़ में अब तक 100 लोगों की मौत की खबर सामने आयी है। जबकि बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं, जिनका उपचार मेडिकल कॉलेज में चल रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संबंधित अधिकारियों को राहत एवं बचाव कार्यों के युद्ध स्तर पर संचालन और घायलों के समुचित उपचार हेतु निर्देश दिए हैं। उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी, संदीप सिंह घटना स्थल के लिए रवाना हो चुके हैं तथा प्रदेश के मुख्य सचिव व पुलिस महानिदेशक को घटना स्थल पर पहुंचने हेतु निर्देशित किया है। हादसे के बाद घटना के कारणों की जांच के लिए एडीजी आगरा और अलीगढ़ कमिश्नर की एक टीम गठित की गई है।
सपा सांसद और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनाव का जिक्र करते हुए ईवीएम पर बड़ी बात कह दी है। उन्होंने कहा है कि उन्हें अब भी ईवीएम पर भरोसा नहीं है। उन्होंने कहा, "मुझे ईवीएम पर ना कल भरोसा था, ना आज है और अगर मैं यूपी की 80 की 80 सीटें भी जीत जाऊं तो भी हमें ईवीएम पर भरोसा नहीं होगा।" अखिलेश यादव ने कहा है कि उन्होंने अपने चुनावी भाषण के दौरान भी कहा था वे ईवीएम को हटाएंगे। उन्होंने कहा, "ईवीएम का मुद्दा मरा नहीं है और जब तक ईवीएम नहीं हटेगा हम समाजवादी लोग उस बात पर अड़े रहेंगे।अपने संबोधन के दौरान भाजपा सरकार पर तीखे हमले किए और कहा कि अब मनमर्जी नहीं, जनमर्जी चलेगी। उन्होंने उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था, केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग और नीट परीक्षा के मुद्दे पर भी सरकार को घेरा। अखिलेश यादव ने अपने संबोधन की शुरुआत लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को धन्यवाद देकर की और उन मतदाताओं का आभार व्यक्त किया जिन्होंने लोकतंत्र को बचाया। उन्होंने कहा कि यह चुनाव जनता की समझदारी की जीत है और सांप्रदायिक राजनीति की हार हुई है। उन्होंने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि वह अर्थव्यवस्था के आंकड़े छुपा रही है और अगर उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर बनाना है तो 35 प्रतिशत की ग्रोथ चाहिए, जो संभव नहीं है। उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि धन, छल, बल की नकारात्मक राजनीति की हार हुई है और जोड़ने वाली राजनीति की जीत हुई है। उन्होंने कहा कि विकास के नाम पर सिर्फ विनाश हो रहा है और जनता को कोई सुविधा नहीं मिल रही है। उन्होंने अनाथ पशुओं की समस्याओं और गन्ने के भुगतान का मुद्दा भी उठाया |नीट पेपर लीक पर बोलते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि शिक्षा परीक्षा माफिया का जन्म हुआ है और सरकार नौकरी नहीं देना चाहती है इसलिए पेपर लीक हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि अग्निवीर जैसी व्यवस्थाओं से देश की सीमाओं की सुरक्षा संभव नहीं है और सत्ता में आने पर इसे खत्म कर देंगे। अखिलेश यादव ने अपने भाषण में भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला और कहा कि अब देश किसी की निजी महत्वाकांक्षा से नहीं, बल्कि जन आकांक्षा से चलेगा। उन्होंने कहा कि अब मनमर्जी नहीं, जनमर्जी चलेगी। उनका भाषण सरकार की नीतियों पर कड़ा प्रहार था और उन्होंने जनता की समस्याओं को खुलकर सामने
2024 लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा आज होगी। दिल्ली के विज्ञान भवन में दोपहर 3 बजे मुख्य चुनाव आयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे।तारीखों की घोषणा के साथ देश में आचार संहिता भी लागू हो जाएगी, जो चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक रहती है। लोकसभा के साथ 4 राज्यों- आंध्र प्रदेश, ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम के विधानसभा चुनाव की तारीखें भी आज तय होंगी। लोकसभा की 543 सीटों पर 7 फेज में वोटिंग हो सकती है। 15 से 18 अप्रैल के बीच पहले फेज के लिए, और आखिरी फेज में 19 मई को वोटिंग हो सकती है। 23 मई को रिजल्ट संभव है।चुनाव आयोग ने लोकसभा और चार विधानसभा चुनावों के लिए 3.4 लाख केंद्रीय बलों की मांग की है। आयोग 97 करोड़ मतदाताओं के लिए देशभर में करीब 12.5 लाख मतदान केंद्र बना सकता है। 2024 में 97 करोड़ वोटर्स, 2 करोड़ नए मतदाता जुड़े 2024 लोकसभा में 97 करोड़ लोग वोटिंग कर सकेंगे। चुनाव आयोग ने 8 फरवरी को सभी 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों के वोटर्स से जुड़ी समरी रिवीजन 2024 रिपोर्ट जारी की थी। आयोग ने बताया कि वोटिंग लिस्ट में 18 से 29 साल की उम्र वाले 2 करोड़ नए वोटर्स को जोड़ा गया है। 2019 लोकसभा चुनाव के मुकाबले रजिस्टर्ड वोटर्स की संख्या में 6% की बढ़ोतरी हुई है। चुनाव आयोग ने कहा- दुनिया में सबसे ज्यादा 96.88 करोड़ वोटर्स लोकसभा चुनावों में वोटिंग के लिए रजिस्टर्ड हैं। साथ ही जेंडर रेशो भी 2023 में 940 से बढ़कर 2024 में 948 हो गया है।आयोग ने चुनावी प्रक्रिया के दौरान बच्चों से पोस्टर और पर्चे बांटने और नारेबाजी करने जैसे काम भी ना करवाने का निर्देश दिया है।
देश की पेट्रोलियम कंपनियों ने लोकसभा चुनाव से पहले लोगों को बड़ी राहत दी है। कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 2 रुपये की कटौती की है। पेट्रोलियम एंड नेचुरल गैस केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने 14 मार्च को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसकी जानकारी दी। उन्होंने लिखा, 'पेट्रोल और डीजल के दाम 2 रुपए कम करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर साबित कर दिया कि करोड़ों भारतीयों के परिवार का हित और सुविधा उनका लक्ष्य है।' राजस्थान सरकार ने वैट भी कम किया केंद्र सरकार की घोषणा से कुछ घंटे पहले ही राजस्थान सरकार ने अपने राज्य में पेट्रोल-डीजल पर 2 प्रतिशत वैट कम किया था। इससे राजस्थान को डबल फायदा होगा और राज्य के हर जिले में पेट्रोल-डीजल कम से कम साढ़े 3 रुपए सस्ते होंगे। राजस्थान में अब 31.04 प्रतिशत की जगह 29.04 प्रतिशत वैट लगेगा।
** खट्टर के इस्तीफे के बाद विधायक दल की बैठक में नेता चुने गए ** भाजपा-जेजेपी के बीच गठबंधन भी टूटा सियासी तपिश से तप रहे हिमाचल के पड़ोसी राज्य हरियाणा की राजनीति में भी बड़ा उलटफेर हो गया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे दे दिया है। उनके त्याग पत्र देने के बाद विधायक दल की बैठक में नायब सिंह सैनी को हरियाणा के नए मुख्यमंत्री के रूप में विधायक दल का नेता चुना गया है। नायब सिंह सैनी को बीते दिनों ही हरियाणा बीजेपी का प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया था, वे कुरुक्षेत्र से सांसद हैं। बता दें कि हरियाणा में भाजपा-जेजेपी के बीच गठबंधन भी टूट गया है। इससे पहले सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के बीच मुलाकात हुई थी। दरअसल यहां लोकसभा चुनाव के लिए सीट शेयरिंग पर गठबंधन में आम सहमति नहीं बन पाना इसकी वजह है। हरियाणा के उप मुख्यमंत्री एवं जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला ने सोमवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात कर हरियाणा की 10 लोकसभा सीटों में से 2 लोकसभा सीटों की मांग की थी, जबकि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को राज्य की सभी 10 लोकसभा सीटों पर अकेले जीत हासिल हुई थी।
** ओकओवर में मंख्यमंत्री से मिलीं शिमला शहर की महिलाएं ** सीएम बोले, भ्रष्टाचार पर लगाम लगाकर सरकार ने बढ़ाई आय हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने आगामी एक अप्रैल से 18 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं को मासिक 1500 पेंशन रुपये देने का एलान किया है, जिसको लेकर आज शिमला शहर की महिलाओं ने नगर निगम महापौर सुरेंद्र चौहान की अगुवाई में ओकओवर पहुंचकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का आभार जताया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने एक साल में भष्ट्राचार पर लगाम लगाई है, जिसके चलते प्रदेश की आय में कुछ इजाफा हुआ है। इस इजाफे को सरकार ने महिलाओं को देने का निर्णय लिया है, ताकि महिलाओं को इसका फायदा मिल सके।
** कोलकाता में 15,400 करोड़ की कनेक्टिविटी परियोजनाओं के उद्घाटन व शिलान्यास किए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कोलकाता में 15,400 करोड़ रुपये की कई कनेक्टिविटी परियोजनाओं के उद्घाटन और शिलान्यास किए। प्रधानमंत्री ने देश की पहली अंडरग्राउंड मेट्रो का भी उद्घाटन किया। इस मेट्रो की खासियत यह है कि यह जमीन से 33 मीटर नीचे बने ट्रैक पड़ दौड़ेगी। गौरतलब है कि वर्ष 1984 में देश की पहली मेट्रो ट्रेन कोलकाता उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर (ब्लू लाइन) में दौड़ी थी। आज 40 साल बाद एक बार फिर यहीं से देश की पहली अंडरवाटर मेट्रो रेल की शुरुआत हुई है। हावड़ा से महाकरण तक 520 मीटर लंबी टनल इसके लिए हावड़ा स्टेशन से महाकरण स्टेशन तक 520 मीटर लंबी टनल बनाई गई है, जिसमें दो ट्रैक बिछाए गए हैं। मेट्रो ट्रेन इस टनल को 80 किमी/घंटे की रफ्तार से सिर्फ 45 सेकेंड में पार कर लेगी। इससे हावड़ा और कोलकाता की कनेक्टिविटी बेहतर होगी। रोज 7 से 10 लाख लोगों का सफर आसान होगा। 4 अंडरग्राउंड स्टेशन, हावड़ा दुनिया का सबसे गहराई में बना मेट्रो स्टेशन इस मेट्रो में 4 अंडरग्राउंड स्टेशन हैं- हावड़ा मैदान, हावड़ा स्टेशन, महाकरण और एस्प्लनेड। हावड़ा स्टेशन जमीन से 30 मीटर नीचे बना है। यह दुनिया में सबसे गहराई में बना मेट्रो स्टेशन है। अभी पानी के नीचे मेट्रो रूट लंदन और पेरिस में ही बना है।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी आज हिमाचल दौरे पर आ रहे हैं। वे हिमाचल वासियों को करोड़ों रुपये की सौगातें देंगे। जानकारी के मुताबिक सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री हमीरपुर जिले के दोसड़का में कई सड़क परियोजनाओं की आधाशिला रखेेंंगे। गडकरी 110 किलोमीटर लंबी हमीरपुर-मंडी सड़क का शिलान्यास भी करेंगे। इसके बनने से हमीरपुर से मनाली की दूरी 124 किलोमीटर से कम होकर 110 किमी रह जाएगी। इस प्रोजेक्ट की डीपीआर बनाने का काम पिछले एक साल से चल रहा था। लोकसभा चुनाव को देखते हुए केंइ्र सरकार ने अस परियोजना पा काम करना शुरू कर दिया है। अब देखना होगा कि ये प्रोजेक्ट कितने समय में बनकर तैयार होता है।
हिमाचल प्रदेश में सियासत का पारा काफी चढ़ा हुआ है। अपने ही सीएम से नाराज चल रहे प्रदेश के पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह बीते तीन दिन से दिल्ली में डेरा जमाए बैठे हैं। उन्होंने रविवार देर शाम को कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी और संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल से मुलाकात की है। सूत्रों की मानें तो उन्होंने प्रियंका गांधी और वेणुगोपाल को अपनी नाराजगी की वजह बताई है साथ ही हिमाचल प्रदेश में चल रहे वर्तमान राजनीतिक घटनाक्रम से अवगत कराया है। वहीं, उनके भाजपा में जाने या नई पार्टी का गठन करने की अटकलों पर भी अब विराम लग गया है। विक्रमादित्य सिंह ने राज्यसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में हुई क्रॉस वोटिंग के बारे में भी प्रियंका गांधी को बताया साथ ही किन हालात के चलते कांग्रेस के छह विधायक नाराज हुए, इसकी जानकारी भी दी है। आज वे वापस शिमला लौट सकते हैं।
पीएम मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने साल 2021 में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की शुरुआत की थी। मोदी के नेतृत्व में ही 2021-2022 से 2025-2026 तक 5 वर्षों के लिए 1,600 करोड़ रुपये की डिजिटल स्वास्थ्य इकोसिस्टम बनाने के लिए आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन शुरू किया गया था। इसकी वजह से पीएम मोदी के गारंटी का भी असर देखने को साफ मिला और इस योजना के तहत 29 फरवरी, 2024 तक 56.67 करोड़ लोगों के आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाते बनाए जा चुके हैं। इसके अलावा आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन ने लैंगिक समानता हासिल करने की दिशा में भी प्रगति की है। 29 फरवरी, 2024 तक, 27.73 करोड़ महिलाएं और 29.11 करोड़ पुरुषों को आभा कार्ड से लाभ हुआ है। वहीं 34.89 करोड़ से अधिक स्वास्थ्य दस्तावेजों को इससे जोड़ा गया है। क्या है आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन का उद्देश्य देश में यूनिफाइड डिजिटल स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे की मदद करने के लिए जरूरी आधार तैयार करना है। इससे सीमित इंटरनेट कनेक्टिविटी वाले क्षेत्रों में आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता खोलने के लिए ऑफलाइन मोड को मदद पहुंचती है। इसके अलावा भारत सरकार ने स्वास्थ्य सुविधा के लिए आभा ऐप और आरोग्य सेतु जैसे विभिन्न एप्लिकेशन भी लॉन्च किए गए हैं, जो आम लोगों को मदद पहुंचाती है। आभा ऐप एक प्रकार का डिजिटल स्टोरेज है, जो किसी भी व्यक्ति के मेडिकल दस्तावेजों का रखने का काम आता है। इस ऐप के जरिए मरीज रजिस्टर्ड स्वास्थ्य पेशेवरों से संपर्क भी कर सकते हैं। भारत में बीजेपी की मोदी सरकार ने बीते 10 सालों के अपनी सरकार में कई सारे मील के पत्थर हासिल किया है। इन 10 सालों में पीएम मोदी के विजन ने भारत को अगले 23 साल बाद यानी साल 2047 तक विकसित भारत बनाने के ओर मजबूती से कदम भी बढ़ा लिया है। पीएम मोदी के नेतृत्व में बीजेपी सरकार ने देश के हित में जो भी फैसले लिए है, उनमें से हेल्थ सेक्टर को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का प्रयास किया गया है।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट की कि लोकतंत्र में आम जनता को अपनी पसंद की सरकार चुनने का अधिकार है। हिमाचल की जनता ने अपने इसी अधिकार का इस्तेमाल किया और स्पष्ट बहुमत से कांग्रेस की सरकार बनाई। लेकिन भाजपा धनबल, एजेंसियों की ताकत और केंद्र की सत्ता का दुरुपयोग करके हिमाचल वासियों के इस अधिकार को कुचलना चाहती है। इस मक़सद के लिए जिस तरह भाजपा सरकारी सुरक्षा और मशीनरी का इस्तेमाल कर रही है, वह देश के इतिहास में अभूतपूर्व है। उन्होंने कहा कि यदि 25 विधायकों वाली पार्टी 43 विधायकों के बहुमत को चुनौती दे रही है तो मतलब साफ है कि वह पार्टी प्रतिनिधियों के खरीद-फरोख्त पर निर्भर है। इनका यह रवैया अनैतिक और असंवैधानिक है। हिमाचल और देश की जनता सब देख रही है। भाजपा प्राकृतिक आपदा के समय प्रदेशवासियों के साथ खड़ी नहीं हुई, लेकिन अब प्रदेश को राजनीतिक आपदा में धकेलना चाहती है।
टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक आरके विश्नोई ने बताया कि कंपनी के कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के अंतर्गत सभी को गुणवत्तापूर्वक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के दिशा में आगे बढ़ते हुए विवेकानंद नेत्रालय आई हॉस्पिटल देहरादून के नए ऑपरेशन थिएटर के लिए जीस माइक्रोस्कोप मॉडल ओपीएमआई लुमेरा 700 मशीन प्रदान की है। जे. बेहेरा, निदेशक (वित्त) ने 24 फरवरी को मशीन का उद्घाटन किया, जो टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड की सामाजिक जिम्मेदारी और विजन को सार्वभौमिक स्वास्थ्य सेवा तक पहुंचाने की दृढ़ संकल्पना को दर्शाता है। विश्नोई ने जीवन में अच्छे स्वास्थ्य की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि एक सामाजिक रूप से जिम्मेदार संगठन के रूप में, टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड निरंतर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवा की चुनौतियों का सामना करने के लिए विभिन्न सीएसआर पहलुओं के माध्यम से प्रयासरत है। इसमें टिहरी जिले के दीन गांव में हंस फाउंडेशन के माध्यम से एक एलोपैथिक डिस्पेंसरी कासंचालन, सीमा डेंटल कॉलेज ऋषिकेश; एम्स, ऋषिकेश; और निर्मल आश्रम नेत्रालय, ऋषिकेश के साथ स्वास्थ्य शिविर आयोजित करना आदि शामिल है। टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड जिला स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा अनुरोध किये जाने पर समय-समय पर विभिन्न चिकित्सा वस्तुएं और उपकरण प्रदान करके राज्य सरकार के स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे का समर्थन भी करता है। उद्घाटन समारोह के दौरान जे. बेहेरा ने बताया कि टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड ने अपनी सीएसआर योजना के अंतर्गत विवेकानंद अस्पताल, देहरादून के लिए ज़ीस माइक्रोस्कोप मॉडल ओपीएमआई लुमेरा 700 की खरीदारी के लिए 1.25 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की । इसका उद्देश्य उत्तराखंड के दूरदराज क्षेत्रों में बसे समुदायों और उत्तम स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित व्यक्तियों को सर्वोत्तम श्रेणी की नेत्र देखभाल सुविधाएं प्रदान करना है 7 उत्तराखंड के साथ-साथ इसमें उत्तर प्रदेश के कई जिले जैसे बिजनौर, शामली, मुजफ्फरनगर, और सहारनपुर आदि भी शामिल हैं। यह नई मशीन नेत्र संबंधी बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए एक वरदान के रूप में कार्य करेगी, जिससे मोतियाबिंद सर्जरी, ग्लूकोमा उपचार, रेटिना सर्जरी, और कॉर्निया प्रत्यारोपण जैसे उच्च गुणवत्ता के उपचार और प्रक्रियाएंभी संभव हैं। टीएचडीसी अपने सामाजिक उत्तरदायित्व को पूर्ण करते हुए उत्तराखंड के पहाड़ी समुदायों के लिए आंखों की बीमारियों का समाधान करने, स्वास्थ्य संबंधित सुविधाएं कम लागत में उपलब्ध कराने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता आया है। उद्घाटन समारोह के दौरान अमरदीप, महाप्रबंधक तथा टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड व विवेकानंद नेत्रालय अस्पताल, देहरादून के अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।
** पुलिस ने किसानों पर ड्रोन से आंसू के गोले दागे ** दिल्ली में एक महीने के लिए धारा 144 लागू फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने एवं अन्य मांगों को लेकर दिल्ली कूच कर रहे किसानों को पुलिस द्वारा शंभू बॉर्डर पर रोकने से यहां स्थिति तनावपूर्ण हो गई है। शंभू बॉर्डर से कुछ किमी पहले पुलिस ने उन पर ड्रोन से आंसू के गोले दागे हैं। चारों ओर धुआं ही धुआं है। पुलिस किसानों को दिल्ली जाने से रोक रहे हैं तो वहीं किसान दिल्ली जाने की मांग पर अड़े हैं। किसानों को रोकने के लिए हरियाणा सरकार ने कई जगह तगड़ी नाकेबंदी की है। पुलिस व प्रशासन द्वारा जगह-जगह बैरिकेड लगाए गए हैं और कांटेदार तारों से फेंसिंग की गई है, ताकि किसान दिल्ली न पहुंच सकें। अंबाला का शंभू बॉर्डर किसानों को रोकने के लिए पहली दीवार है। अगर किसान इसे पार कर भी जाते हैं तो आगे भी कई ऐसी जगह हैं जहां उन्हें रोकने की तैयारी की गई है। वहीं, दिल्ली में उक महीने के लिए धारा 144 लागू कर दी गई है। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले किसानों का यह आंदोलन केंद्र सरकार के लिए बड़ा सिर दर्द साबित हो सकता है। शंभू बॉर्डर से दिल्ली 215 किमी दूर शंभू बॉर्डर से दिल्ली 215 किमी दूर है। किसानों को रोकने के लिए सरकार ने शंभू बॉर्डर पर सड़क पर नुकीली कीले बिछाई हैं। इसके अलावा बड़ी-बड़ी कंक्रीट और सीमेंट की दीवारें उन्हें रोकने के लिए लगाई गई हंै। इसके अलावा भारी पुलिस बल बॉर्डर पर तैनात किया गया है।
केंद्र सरकार ने वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न (मरणोपरांत) देने की घोषणा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर ट्वीट कर यह जानकारी दी है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी में लिखा, 'स्वामीनाथन के दूरदर्शी नेतृत्व ने न केवल भारतीय कृषि को बदला, बल्कि देश की खाद्य सुरक्षा और समृद्धि भी सुनिश्चित की है। हम मार्गदर्शक के रूप में उनके अमूल्य कार्य को भी पहचानते हैं जो हमेशा छात्रों को सीखने और शोध करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।' एमएस स्वामीनाथन का पिछले साल 98 वर्ष की आयु में 28 सितंबर को चेन्नई में निधन हो गया था। कृषि क्षेत्र में सराहनीय भूमिका के लिए उन्हें पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया जा चुका है। हरित क्रांति के जनक 7 अगस्त, 1925 को तमिलनाडु के कुंभकोणम में जन्मे डॉ. स्वामीनाथन को भारत में हरित क्रांति का जनक कहा जाता है। उनका पूरा नाम डॉ मनकोंबू संबासिवन स्वामीनाथन था। स्वामीनाथन को 1943 के बंगाल में आए भीषण अकाल ने झकझोर कर रख दिया था। इसके बाद ही उन्होंने जीव विज्ञान की पढ़ाई छोड़कर कृषि विज्ञान की पढ़ाई शुरू कर दी। स्वामीनाथन ने 1949 में आलू, गेहूं, चावल और जूट के जेनेटिक शोध कर अपना करियर शुरू किया था।उन्होंने धान की अधिक उपज देने वाली किस्मों को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे भारत के कम आय वाले किसानों को अधिक उपज करना आसान हो सका। भारत को कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाया स्वामीनाथन ने भारत में हरित क्रांति की सफलता के लिए 1960 और 70 के दशक के दौरान सी सुब्रमण्यम और जगजीवन राम सहित कृषि मंत्रियों के साथ काम किया। इस कारण 1967-68 और 2003-04 के मध्य गेहूं के उत्पादन में 3 गुना से अधिक की वृद्धि हुई थी। इसी तरह अनाज के कुल उत्पादन में 2 गुना वृद्धि हुई थी। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम ने कृषि क्षेत्र में उनके योगदान के कारण ही इकॉनॉमिक इकॉलोजी का जनक कहा था। मैग्सेसे सहित मिले कई बड़े पुरस्कारों दिवंगत वैज्ञानिक स्वामीनाथन को 1971 में रेमन मैग्सेसे पुरस्कार और 1986 में अल्बर्ट आइंस्टीन विश्व विज्ञान पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्हें 1987 में पहले विश्व खाद्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इसके बाद 1988 में चेन्नई में स्वामीनाथन रिसर्च फांउडेशन की स्थापना की थी।इसके अलावा उन्हें पद्म श्री, पद्म भूषण और एच के फिरोदिया पुरस्कार, लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय पुरस्कार और इंदिरा गांधी पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।
अयोध्या में भगवान रामलला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा के बाद आज विश्व हिंदू परिषद चंडीगढ़ के कार्यकर्ताओं ने किया रामलला के भव्य दर्शन किए। इनमें मुख्य रूप से विश्व हिंदू परिषद मंत्री अंकुश गुप्ता, प्रचार प्रमुख पंकज शर्मा, बजरंग दल संयोजक राकेश उप्पल, बजरंग दल प्रखंड संयोजक शिवांश, पंजाब प्रांत गौ रक्षा संवर्धन परिषद सह मंत्री अनुज सहगल, भारतीय जनता पार्टी एससी मोर्चा के सचिव सुनील बागड़ी एवं परवाणू टकसाल से नरेश शर्मा मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, पीवी नरसिम्हा राव और मशहूर वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न (मरणोपरांत) से सम्मानित किया जाएगा। 'एक्स' पर पोस्ट के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जानकारी देते हुए लिखा, 'हमारी सरकार का यह सौभाग्य है कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न से सम्मानित किया जा रहा है। यह सम्मान देश के लिए उनके अतुलनीय योगदान को समर्पित है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हों या देश के गृहमंत्री और यहां तक कि एक विधायक के रूप में भी, उन्होंने हमेशा राष्ट्र निर्माण को गति प्रदान की।' वहीं, एक अन्य पोस्ट में पूर्व पीएम स्व. नरसिम्हा राव के बारे में मोदी ने लिखा, 'एक प्रतिष्ठित विद्वान और राजनेता के रूप में नरसिम्हा राव ने विभिन्न पदों पर रहते हुए भारत की व्यापक सेवा की। उनके दूरदर्शी नेतृत्व ने भारत को आर्थिक रूप से उन्नत बनाने, देश की समृद्धि और विकास के लिए एक ठोस नींव रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। प्रधानमंत्री के रूप में नरसिम्हा राव का कार्यकाल महत्वपूर्ण कदमों से भरा था, जिसने भारत को वैश्विक बाजारों के लिए खोला और इससे आर्थिक विकास के एक नए युग की शुरूआत हुई।' प्रधानमंत्री मोदी ने एक अन्य पोस्ट में एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न से देने की घोषणा की। पीएम ने लिखा, 'डॉ. स्वामीनाथन ने चुनौतीपूर्ण समय में भारत को कृषि में आत्मनिर्भरता हासिल करने में मदद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और भारतीय कृषि के आधुनिकीकरण की दिशा में उत्कृष्ट प्रयास किए। डॉ. स्वामीनाथन के दूरदर्शी नेतृत्व ने न केवल भारतीय कृषि को बदल दिया बल्कि राष्ट्र की खाद्य सुरक्षा और समृद्धि को भी सुनिश्चित किया है। वह ऐसे व्यक्ति थे, जिन्हें मैं करीब से जानता था और मैं हमेशा उनकी अंतर्दृष्टि को महत्व देता था।'
** नई दिल्ली में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से भेंट कर उठाई मांग तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री, राजेश धर्माणी ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से भेंट की। उन्होंने हिमाचल में भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान स्थापित करने का आग्रह किया। साथ ही तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास से संबंधित अन्य नए प्रस्तावों सहित लंबित मामलों पर भी चर्चा की। राजेश धर्माणी ने कहा कि भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान स्थापित होने से न केवल प्रदेश, अपितु देश के वैज्ञानिक एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्र को विस्तार मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश उच्चतर शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी बन कर उभरा है और यहां भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मंडी, अखिल भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान ऊना, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान हमीरपुर और केंद्रीय विश्वविद्यालय सहित सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र में कई प्रतिष्ठित संस्थान स्थापित हैं। यह संस्थान उच्चतर शिक्षा को मजबूत आधार प्रदान करते हुए देशभर की बेहतरीन प्रतिभाओं को अनुसंधान के लिए एक उत्कृष्ट तंत्र भी प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इस संस्थान के लिए भूमि प्रदान करने सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए दृढ़संकल्प है। उन्होंने कहा कि हिमालयी पारिस्थितिकी को ध्यान में रखते हुए यह संस्थान जटिल पर्यावरणीय उपायों में योगदान सुनिश्चित करेगा तथा प्रदेश के सतत विकास का मार्ग भी प्रशस्त करेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इस योजना को मूर्तरूप प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार और सभी हितधारकों के साथ मिलकर कार्य करने के लिए उत्सुक है।
**100 से ज्यादा लोग घायल, गंभीर घायल भोपाल-इंदौर रेफर मध्य प्रदेश के हरदा में आज एक पटाखा फैक्ट्री में बड़ा बिस्फोट हुआ, जिसमें 7 लोगों की मौत हो गई, जबकि करीब 100 लोग घायल हो गए। इस ब्लास्ट से पूरा शहर हिल गया है। धमाके के बाद भीषण आग ने पटाखा फैक्ट्री को घेर लिया है। जानकारी के अनुसार, आसपास के करीब 50 घर आग की चपेट में आ गए हैं, वहीं जान बचाने के लिए लोग इधर-उधर भागते नजर आ रहे हैं। गंभीर रूप ये घायल लोगों को भोपाल और इंदौर रेफर किया गया है। जानकारी के अनुसार मगरधा रोड स्थित एक अवैध पटाखा फैक्ट्री में सुबह विस्फोट होने के बाद भीषण आग लग गई। फैक्ट्री से उठतीं आग की लपटें और धुएं का गुबार दूर से ही देखा जा रहा है। सूचना मिलने के बाद मौके पर प्रशासनिक अमला सहित फायर बिग्रेड की गाड़ियां पहुंच गई हैं।
** सरकार सभी क्षेत्रों एवं वर्गों के सर्वांगीण विकास के लिए दृढ़संकल्प ** पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए उठाए जा रहे प्रभावी कदम मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज नई दिल्ली में एक निजी चैनल के कार्यक्रम में भाग लेते हुए कहा कि राज्य सरकार हिमाचल में व्यवस्था परिवर्तन की भावना से कार्य करते हुए प्रदेश की आर्थिक स्थिति में सुधार तथा तीव्र विकास पर विशेष ध्यान कंेद्रित कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार का आगामी बजट भी इन्हीं बिंदुओं पर कंेद्रित होगा और इसमें राज्य सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर एवं देश का सबसे समृद्ध राज्य बनाने की दिशा में उठाए जाने वाले कदमों की भी झलक देखने को मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सभी क्षेत्रों एवं सभी वर्गों के सर्वांगीण विकास के लिए दृढ़संकल्प है। उन्होंने कहा कि अपनी चुनावी गारंटी को पूरा करते हुए सरकारी कर्मचारियों के लिए ओपीएस बहाल किया गया है। इससे लगभग 1.36 लाख कर्मचारियों का सेवानिवृत्ति के उपरान्त सम्मानजनक जीवन-यापन सुनिश्चित हुआ है। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वर्तमान सरकार हिमाचल में सभी मौसमों के अनुकूल पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए प्रभावी कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि हिमाचल में बर्फीली पहाडियां, हरे-भरे मैदान, यहां के जलाशय तथा सघन वन क्षेत्र पर्यटन क्षेत्र को विविधता प्रदान करते हैं। यह प्रत्येक आयु वर्ग के पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पर्यटन क्षेत्र में ढांचागत विकास को प्राथमिकता प्रदान की जा रही है तथा कांगड़ा हवाई अड्डे का विस्तार करने के साथ ही प्रत्येक जिला मुख्यालय को हैलीपोर्ट से जोड़ कर हवाई सेवाओं को और सुदृढ़ किया जा रहा है। इससे पर्यटकों को आवागमन की तीव्र एवं सुगम सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि गत वर्ष आपदा के दौरान चंद्रताल की बर्फीली चोटियों सहित अन्य क्षेत्रों में फंसे हजारों पर्यटकों को सुरक्षित निकाला गया, जोकि पर्यटन एवं पर्यटकों की सुरक्षा के प्रति प्रदेश सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि इस आपदा के उपरांत रिकॉर्ड समय में सामान्य व्यवस्था बहाल करते हुए प्रदेश सरकार ने सुशासन का बेहतर उदाहरण प्रस्तुत किया है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान तथा मुख्यमंत्री के ओएसडी कर्नल केएस बांश्टू भी उपस्थित थे।
** केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण ने संसद में पेश किया बजट ** विशेष रूप से चार जातियों पर रहा फोकस केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में अंतरिम बजट पेश किया। उन्होंने कहा कि आयकर सिस्टम में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। इनकम टैक्स स्लैब में किसी तरह का बदलाव नहीं होगा। इसके तहत डायरेक्ट और इनडायरेक्ट टैक्स रेट में कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है। वित्त मंत्री ने कहा कि इस साल इनकम टैक्स रिटर्न का प्रोसेसिंग टाइम 2013-14 के 93 दिन से घटकर सिर्फ 10 दिन रह गया है। 2009-10 तक 25000 रुपये तक की टैक्स डिमांड वापस लेने का प्रस्ताव किया है। बता दें कि टैक्सपैयर्स सरकार से अंतरिम बजट में इनकम टैक्स छूट सीमा में वृद्धि की उम्मीद कर रहे थे। हालांकि इनकम टैक्स के मोर्चे पर कोई राहत नहीं दी गई है। वित्त मंत्री का बजटीय भाषण विशेष रूप से चार जातियों पर फोकस रहा। इनमें युवा, गरीब, महिला और किसान शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन्हें ही सरकार के लिए चार जातियां बताते रहे हैं।
देश के 75वें गणतंत्र दिवस के महत्वपूर्ण अवसर पर टीएचडीसीआईएल प्रबंधन ने कॉरपोरेट कार्यालय, ऋषिकेश में निगम के संशोधित विजन, मिशन और मूल्यों के साथ-साथ अत्याधुनिक शिक्षण प्रबंधन प्रणाली ई-ज्ञान संचय जैसी अभूतपूर्व पहल का अनावरण करके एक नए युग की शुरुआत की। अनावरण समारोह के दौरान आरके विश्नोई, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, टीएचडीसीआईएल ने कहा कि निगम के नए विजन, मिशन और मूल्य समसामयिक आदर्शों के साथ जुड़े रहने और हमारे भावी प्रयासों के लिए एक मजबूत आधार सुनिश्चित करने की टीएचडीसीआईएल की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। अध्यक्ष विश्नोई ने कंपनी की प्रगति और समृद्धि में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। इन सिद्धांतों को मजबूत करने की दिशा में विश्नोई ने कॉर्पोरेट कार्यालय में कर्म मूल्य पार्क की नींव भी रखी। यह प्रतीकात्मक कार्य टीएचडीसीआईएल के विजन, मिशन और मूल मूल्यों के सार को उजागर करता है, जो इसके मार्गदर्शक सिद्धांतों के प्रति कंपनी की प्रतिबद्धता की एक ठोस अभिव्यक्ति के रूप में कार्य करता है। इस महत्वपूर्ण अवसर पर विश्नोई ने अत्याधुनिक शिक्षण प्रबंधन प्रणाली ई-ज्ञान संचय का भी उद्घाटन किया। इस ई-पोर्टल को लॉन्च करना विद्युत उत्पादन और उससे आगे के गतिशील क्षेत्र में नेतृत्व करने के लिए आवश्यक व्यापक ज्ञान और कौशल के साथ अपने कार्यबल को सशक्त बनाने की टीएचडीसीआईएल की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। ई-ज्ञान संचय के माध्यम से, टीएचडीसीआईएल अपने मानव संसाधन को नवीनतम अंतर्दृष्टि और शक्तियों के साथ सशक्त बनाने, निरंतर सीखने और उत्कृष्टता की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए तैयार है। यह पहल सभी संबंधित क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए कंपनी के समर्पण को रेखांकित करती है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि इसका कार्यबल ऊर्जा परिदृश्य की लगातार बदलती व्यावसायिक गतिशीलता के लिए कुशलता के साथ तैयार रहे। टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड 1587 मेगावाट की संस्थापित क्षमता के साथ देश में प्रमुख विद्युत उत्पादक है, इसमें उत्तराखंड में टिहरी बांध और एचपीपी (1000 मेगावाट), कोटेश्वर एचईपी (400 मेगावाट), गुजरात के पाटन में 50 मेगावाट और द्वारका में 63 मेगावाट की पवन ऊर्जा परियोजनाएं, उत्तर प्रदेश के झांसी में 24 मेगावाट के ढुकुवां लघु जल विद्युत परियोजना, केरल के कासरगोड में 50 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना की सफलतापूर्वक कमीशनिंग को इसका श्रेय जाता है
कुमाऊं रेजीमेंट की देवी है मां 'हाट कालिका' देवभूमि उत्तराखंड को देवी-देवताओं का वास माना जाता है। इसी उत्तराखंड में एक ऐसा मंदिर भी है, जहां कहा जाता है कि हर रात महाकाली विश्राम करने के लिए पहुंचती हैं। मंदिर से जाने के बाद हर सुबह उनके रात्रि विश्राम के प्रमाण मिलते हैं। ये स्थान है उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जनपद की गंगोलीहाट तहसील महाकाली का हाट कालिका मंदिर है। बताते हैं कि इसी मंदिर के स्थान पर माता ने काली रूप धारण कर जब शत्रुओं का नाश किया था तो यहां मां का गुस्सा शांत करने के लिए भगवान शिव उनके पांव के नीचे लेट गए थे। कहा जाता है इस स्थान पर कई वर्षों तक माता की तेज ज्वाला निकलती देखी गई है। कई वर्षों बाद आदि गुरु शंकराचार्य ने माता की ज्वाला को शांत किया और यहां माता के शांत स्वरूप की स्थापना की। हर साल देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु मां के दर्शनों के लिए पहुंचते हैं। हाट कालिका मंदिर में हर रोज शाम आरती के बाद माता को भोग लगाया जाता है, जिसके उपरांत माता की शयन आरती गाई जाती है और माता का बिस्तर लगाया जाता है। फिर माता के मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। कहा जाता है कि माता रात्रि विश्राम के लिए मंदिर में पहुंचती हैं और सुबह जब मंदिर के कपाट खोले जाते हैं तो बिस्तर में कुछ इस तरह का आभास होता है कि जैसे किसी ने इसमें रात्रि विश्राम किया हो। एक पुकार पर मां ने सेना के सैकड़ों जवानों की बचाई थी जान मां हाट कालिका देश की सबसे पुरानी सेना कुमाऊं रेजीमेंट की देवी भी हैं। कहते हंै कि देवी ने सैनिक की एक पुकार पर सेना के सैकड़ों जवानों की जान बचाई थी, जिसके बाद अब हर जंग में जाने से पहले कुमाऊं रेजिमेंट के जवान इस देवी की पूजा करते हैं। लोग बताते हैं कि एक बार सेना की कुमाऊं रेजिमेंट के जवान पानी के जहाज से कहीं कूच कर रहे थे। जहाज में अचानक तकनीकी खराबी आ गई और जहाज डूबने लगा। तब उन जवानों में से एक पिथौरागढ़ निवासी जवान ने मां कालिका की स्तुति की। कुछ ही देर बार डूबता जहाज ऊपर आने लगा और खुद धीर-धीरे किनारे लग गया। इस घटना के बाद कुमाऊं रेजीमेंट के जवानों ने मंदिर में दो बड़ी घंटियां चढ़ाईं और मंदिर का गेट बनवाया। इस चमत्कार के बाद कुमाऊं रेजिमेंट युद्ध में जाने से पहले और ट्रेनिंग में जाने से पहले काली माता का नाम लिए बिना आगे नहीं बढ़ते। कुमाऊं रेजीमेंट के जवानों की आस्था मंदिर के साथ ऐसी है कि कहा जाता है कि बस महाकाली का नाम लेते ही लड़ाई के मैदान में जवानों की शक्ति दोगुनी हो जाती है। जवानों का कहना है कि उन्हें ऐसा लगता है जैसे उनकी ओर से कोई और लड़ाई कर रहा है और दुश्मनों का खात्मा कर रहा है। हर मुराद होती है पूरी उत्तराखंड के लोगों की आस्था का केंंद्र महाकाली मंदिर अनेक रहस्यमयी कथाओं को अपने आप में समेटे हुए है। कहा जाता है कि जो भी भक्तजन श्रद्धापूर्वक महाकाली के चरणों में आराधना के श्रद्धा पुष्प अर्पित करता है उसके रोग, शोक, दरिद्रता एवं महान विपदाओं का हरण हो जाता है व अतुल ऐश्वर्य एवं संपत्ति की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि मां हाल कालिका मंदिर में आने वाले भक्त की हर मुराद पूरी होती है। कुमाऊं रेजीमेंट के जवानों ने स्थापित की थी महाकाली की मूर्ति कुमाऊं रेजीमेंट ने पाकिस्तान के साथ छिड़ी 1971 की लड़ाई के बाद गंगोलीहाट के कनारागांव निवासी सूबेदार शेर सिंह के नेतृत्व में सैन्य टुकड़ी ने इस मंदिर में महाकाली की मूर्ति की स्थापना की थी। कालिका के मंदिर में शक्ति पूजा का विधान है। सेना की ओर से स्थापित यह मूर्ति मंदिर की पहली मूर्ति थी। इसके बाद साल 1994 में कुमाऊं रेजीमेंट ने ही मंदिर में महाकाली की बड़ी मूर्ति चढ़ाई है। गण, आंण व बांण की सेना भी चलती है साथ कहा जाता है कि जो भी भक्तजन श्रद्धापूर्वक महाकाली के चरणों में आराधना के पुष्प अर्पित करता है उसके रोग, शोक, दरिद्रता एवं महान विपदाएं दूर हो जाती हैं। वर्ष भर यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। महाकाली के संदर्भ में एक प्रसिद्ध किवदंती है कि कालिका का जब रात में डोला चलता है तो इस डोले के साथ कालिका के गण, आंण व बांण की सेना भी चलती है। स्कंदपुराण के मानस खंड में यहां स्थिति देवी का विस्तार से वर्णन मिलता है। आदि गुरु शंकराचार्य हुए थे जड़वत आदि शक्ति महाकाली का यह मंदिर ऐतिहासिक, पौराणिक मान्यताओं सहित अद्भुत चमत्कारी किवदंतियों व गाथाओं को अपने आप में समेटे हुए है। कहा जाता है कि महिषासुर व चंड-मुंड सहित भयंकर शुंभ-निशुंभ आदि राक्षसों का वध करने के बाद भी महाकाली का यह रौद्र रूप शांत नहीं हुआ और इस रूप ने महा विकराल धधकती महाभयानक ज्वाला का रूप धारण कर तांडव मचा दिया था। महाकाली ने महाकाल का भयंकर रूप धारण कर देवदार के वृक्ष में चढ़कर जगन्नाथ व भुवनेश्वर नाथ को आवाज लगानी शुरू कर दी। कहते हैं यह आवाज जिस किसी के कान में पड़ती थी, वह व्यक्ति सुबह तक यमलोक पहुंच चुका होता था। छठी शताब्दी में आदि जगद्गुरु शंकराचार्य जब अपने भारत भ्रमण के दौरान जागेश्वर आये तो शिव प्रेरणा से उनके मन में यहां आने की इच्छा जागृत हुई, लेकिन जब वे यहां पहुंचे तो नरबलि की बात सुनकर उद्वेलित शंकराचार्य ने इस दैवीय स्थल की सत्ता को स्वीकार करने से इंकार कर दिया और शक्ति के दर्शन करने से भी वे विमुख हो गए। शंकराचार्य के मन में विचार आया कि देवी इस तरह का तांडव नहीं मचा सकती, यह किसी आसुरी शक्ति का काम है। लोगों को राहत दिलाने के उद्देश्य से वो गंगोलीहाट के लिए रवाना हो गए। जगद्गुरु जब मंदिर के 20 मीटर पास में पहुंचे तो वह जड़वत हो गए और लाख चाहने के बाद भी उनके कदम आगे नहीं बढ़ पाए। शंकराचार्य को देवी शक्ति का आभास हो गया और वो देवी से क्षमा याचना करते हुए पुरातन मंदिर तक पहुंचे। पूजा अर्चना के बाद मंत्र शक्ति के बल पर महाकाली के रौद्र रूप को शांत कर शक्ति के रूप में स्थापित कर दिया और गंगोली क्षेत्र में सुख शांति व्याप्त हो गई। आराध्य स्थल ही है माता का साक्षात यंत्र सरयू एवं रामगंगा के मध्य गंगावली की सुनहरी घाटी में स्थित भगवती के इस आराध्य स्थल की बनावट त्रिभुजाकार बताई जाती है और यही त्रिभुज तंत्र शास्त्र के अनुसार माता का साक्षात यंत्र है। यहां धनहीन धन की इच्छा से, पुत्रहीन पुत्र की इच्छा से, संपत्ति हीन संपत्ति की इच्छा से सांसारिक मायाजाल से विरक्त लोग मुक्ति की इच्छा से आते हैं व अपनी मनोकामना पूर्ण पाते हैं। चमत्कारिक है मंदिर निर्माण की कथा इस मंदिर के निर्माण की कथा भी बड़ी चमत्कारिक रही है। माना जाता है कि महामाया की प्रेरणा से प्रयाग में होने वाले कुंभ मेले में से नागा पंथ के महात्मा जंगम बाबा को स्वप्न में कई बार इस शक्ति पीठ के दर्शन होते थे। उन्होंने रूद्र दंत पंत के साथ यहां आकर भगवती के लिए मंदिर निर्माण का कार्य शुरू किया। परंतु उनके आगे मंदिर निर्माण के लिये पत्थरों की समस्या आन पड़ी। इसी चिंता में एक रात्रि वे अपने शिष्यों के साथ अपनी धूनी के पास बैठकर विचार कर रहे थे। कोई रास्ता नजर न आने पर थके व निढाल बाबा सोचते-सोचते शिष्यों सहित गहरी निद्रा में सो गये तथा स्वप्न में उन्हें महाकाली, महालक्ष्मी, महासरस्वती रूपी तीन कन्याओं के दर्शन हुए वे दिव्य मुस्कान के साथ बाबा को स्वप्न में ही अपने साथ उस स्थान पर ले गयीं, जहां पत्थरों का खजाना था। यह स्थान महाकाली मंदिर के निकट देवदार वृक्षों के बीच घना वन था। इस स्वप्न को देखते ही बाबा की नींद भंग हुई उन्होंने सभी शिष्यों को जगाया स्वप्न का वर्णन कर रातों-रात चीड़ की लकड़ी की मशालें तैयार कीं तथा पूरा शिष्य समुदाय उस स्थान की ओर चल पड़ा, जिसे बाबा ने स्वप्न में देखा था। वहां पहुंचकर रात्रि में ही खुदाई का कार्य आरंभ किया गया। थोड़ी ही खुदान के बाद यहां संगमरमर से भी बेहतर पत्थरों की खान निकल आयी। कहते हैं कि पूरा मंदिर, भोग भवन, शिव मंदिर, धर्मशाला वं मंदिर परिसर का व प्रवेश द्वारों का निर्माण होने के बाद पत्थर की खान स्वत: ही समाप्त हो गई। आश्चर्य की बात तो यह है इस खान में नौ फिट से भी लंबे तराशे हुए पत्थर मिले।
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में विश्व हिंदू परिषद-बजरंग दल ने चंडीगढ़ में पांच जगह लंगर लगाए। सैकड़ों की संख्या में लोगों ने लंगर का प्रसाद ग्रहण किया। इन लंगरों में मुख्य रूप से विश्व हिंदू परिषद मंत्री अंकुश गुप्ता, प्रचार प्रचार प्रमुख पंकज शर्मा, उपाध्यक्ष देवेंद्र सिद्धू, बजरंग दल संयोजक और राकेश उप्पल प्रखंड संयोजक शिवांश एवं अन्य कार्यकर्ताओं ने अपनी सेवाएं एवं सहयोग दिया।
** प्रधानमंत्री मोदी ने की प्राण प्रतिष्ठा, रामलला की आंख से पट्टी खोली राम जन्म भूमि अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर में श्रीराम के प्रथम दर्शन हो गए हैं। प्रभु रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पूरे विधि-विधान से की गई। मंदिर के गर्भगृह में पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्राण-प्रतिष्ठा पूजा के लिए संकल्प लिया, उसके बाद पूजा शुरू की और रामलला की आंख से पट्टी खोली। इस दौरान उनके साथ यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत समेत मंदिर के पुजारी मौजूद रहे । बहुप्रतिक्षित इस समारोह में देश एवं विदेश से कई अतिथि पहुंचे हैं। इससे पहले पीएम मोदी सुबह 10 बजकर 25 मिनट पर अयोध्या पहुंचे। पूजन के दौरान सेना के हेलिकॉप्टर से अयोध्या में पुष्प वर्षा की गई। प्राण प्रतिष्ठा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुबेर टीला जाकर भगवान शिव का पूजन करेंगे।
आम आदमी पार्टी के सांसद और भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी हरभजन सिंह ने कहा, 'किसी को जो करना है करे... मैं तो 22 को अयोध्या में होने वाले रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने जा रहा हूं।' पूर्व क्रिकेटर ने कहा, 'यह हम सब लोगों का सौभाग्य है कि हमारे दौर में यह मंदिर बन रहा है। हम सभी को समारोह में शामिल होकर भगवान श्री राम का आशीर्वाद लेना चाहिए। कोई पार्टी जाए या न जाए मैं तो समारोह में जरूर जाऊंगा।' उन्होंने आगे कहा, 'किसी को अगर मेरे जाने से दिक्कत है, तो उनको जो करना है करे, क्योंकि मैं एक ऐसा इंसान हूं जो भगवान को मानता है। मैं धर्म और भगवान राम का अनुयायी हूं। जब भी मौका मिलेगा, मैं मंदिर जरूर जाऊंगा।'
गत दिवस शाम 3 बजे चंडीगढ़ के सेक्टर 29बी हाउसिंग बोर्ड के बाहर से संध्या यात्रा शुरू की गई, जो कॉलोनी से होते हुए तलवार निवास के समीप शिव मंदिर में संपन्न हुई। इस दौरान अयोध्या से आए निमंत्रण पत्र और पूजित अक्षत वितरित किए गए। यात्रा में सभी राम भक्त ढोल और प्रभु राम के भजनों पर नाचते-गाते हुए शामिल हुए। वहीं, बाबा बालक नाथ मंदिर से पालकी को भव्य रूप से कैलाश द्वारा सजाया गया, जो बहुत ही सुंदर लग रही थी। इस यात्रा का राम भक्त दीपक शर्मा के घर स्वागत हुआ। उसके बाद भक्त आशीष वर्मा ने कुलचे-छोले के प्रसाद का लंगर लगाया , वहीं अंकुश गुप्ता निवास में यात्रा का स्वागत हुआ और योगेश तलवार के घर ब्रेड-पकोड़े व चाय के लंगर के पश्चात यात्रा का समापन हुआ। इस यात्रा में मुख्य रूप से ईश्वर, आरएस नेगी, सुशील पांडे, एमएस राणा, बृजेश, शिव राणा, सुनील बागड़ी, सूरज, नरेश, प्रदीप, मीना, राकेश उप्पल, दीप चंद, शिवालिक, राकेश शर्मा, मनदीप, रविंद्र, अलका, पुष्पा बजाज, अनिकेत, छाबरा, सुनीता एवं सभी राम भक्त उपस्थित रहे।
Vice President of India Jagdeep Dhankhar honored THDC India Limited with the prestigious SCOPE Meritorious Award for their outstanding Best Practices in Human_Resource Management in a distinguished ceremony at Vigyan Bhawan, New Delhi. The accolade was received by R. K. Vishnoi, Chairman and Managing Director along with Shallinder Singh, Director (Personnel) of THDCIL.Hon’ble Vice President of India, Jagdeep Dhankhar while addressing the representatives of various CPSEs and Govt. of India officials said that Public Sector is the Spine of Indian Economy. The nation is greatly benefited by the #Public Sector Enterprises. Underscoring the pivotal role of HR practices Vishnoi attributed the prestigious SCOPE Meritorious Award to THDC India Limited's unwavering dedication and unparalleled excellence in world-class HR practices.
कहा, प्रधानमंत्री आज तक मणिपुर के लोगों के आंसू पोछने नहीं आए राहुल गांधी ने मणिपुर के थौबल से भारत जोड़ो न्याय यात्रा शुरू की। यात्रा से पहले राहुल गांधी ने एक सभा को संबोधित करते हुए कहा- मणिपुर में भाई-बहन, माता-पिता आंखों के सामने मरे और आज तक प्रधानमंत्री मणिपुर में आपके आंसू पोछने, गले मिलने नहीं आए। ये शर्म की बात है।राहुल ने आगे कहा कि हम आपकी सुनने आए हैं, मन की बात सुनाने नहीं। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि पीएम मोदी समंदर में सैर करने जाते हैं, राम-राम जपते हैं, लेकिन मणिपुर नहीं आते। उनके मुंह में राम और बगल में छुरी है। राहुल की भारत जोड़ो न्याय यात्रा 15 राज्यों के 110 जिलों को कवर करेगी। इसमें राहुल 6700 किमी का सफर तय करेंगे। यात्रा 20 मार्च को मुंबई में खत्म होगी।
** टीएचडीसीआईएल के निदेशक शैलेेंद्र सिंह और एम्स ऋषिकेश की निदेशक प्रो. मीनू ने दिखाई हरी झंडी सामुदायिक स्वास्थ्य सेवा को मजबूत करने की दिशा में जारी प्रयासों के अंतर्गत टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड (टीएचडीसीआईएल) ने एम्स, ऋषिकेश को समर्पित एक एंबुलेंस वैन को कॉर्पोरेट कार्यालय, ऋषिकेश से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। टीएचडीसीआईएल के निदेशक (कार्मिक) शैलेेंद्र सिंह और एम्स, ऋषिकेश के निदेशक प्रोफेसर मीनू सिंह ने संयुक्त रूप से एंबुलेंस वैन का उद्घाटन किया। यह दूरदराज के क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा पहुंच बढ़ाने के लिए टीएचडीसीआईएल की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक आरके विश्नोई ने टीएचडीसीआईएल की सीएसआर गतिविधियों पर जोर देते हुए कहा कि एंबुलेंस वैन ग्रामीण समुदायों को सहायता उपलब्ध कराएगी। यह कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के प्रति टीएचडीसीआईएल के सतत समर्पण को रेखांकित करता है। विश्नोई ने कहा कि टीएचडीसीआईएल हाइड्रो, विंड, थर्मल, सोलर और पीएसपी जैसे विभिन्न क्षेत्रों में ऊर्जा के दोहन में हमारी मुख्य योग्यता के अतिरिक्त, सीएसआर में भी अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों और पहलों के माध्यम से लगातार नए मानक स्थापित कर रहा है। टीएचडीसीआईएल समाज की व्यापक भलाई के प्रति प्रतिबद्ध है तथा इसका उत्तराखंड राज्य पर विशेष ध्यान केंद्रित है। इसी प्रकार की पहल टिहरी जिले में भी की गई है। एंबुलेंस वैन जैसी पहल टीएचडीसी की सीएसआर गतिविधियों का एक हिस्सा है, जो कि उत्कृष्टता, सततता और सामुदायिक विकास की कंपनी के प्रमुख मूल्यों के साथ संरेखित होता है। इस अवसर पर निदेशक (कार्मिक) शैलेंद्र सिंह ने कहा कि टीएचडीसीआईएल उत्तराखंड पर विशेष ध्यान देने के साथ समाज के समग्र कल्याण के प्रति अपने समर्पण को दृढ़ता से कायम रखे हुए है। आज हरी झंडी दिखाकर रवाना की गई एंबुलेंस वैन, टीएचडीसीआईएल के समर्पण का एक प्रमाण है, जो यह सुनिश्चित करता है कि उत्तराखंड के ग्रामीण और वंचित क्षेत्रों के जरूरतमंद लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवाएं सुलभ हों। इस प्रकार की सीएसआर पहल टीएचडीसीआईएल के उत्कृष्टता, सततता और सामुदायिक विकास के मूल मूल्यों के साथ संरेखित होकर समाज के स्वास्थ्य और कल्याण में सार्थक योगदान देने के हमारे दृढ़ संकल्प का प्रतिनिधित्व करती है।
** नवी मुंबई को मुंबई से जोड़ेगा 21.8 किमी लंबा पुल ** सिर्फ 20 मिनट में पूरा होगा दो घंटे का सफर ** पीएम ने दिसंबर, 2016 में रखी थी पुल की आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज देश के सबसे लंबे सी-ब्रिज अटल सेतु का उद्घाटन करेंगे। यह ब्रिज मुंबई से नवी मुंबई को जोड़ेगा। इससे दो घंटे की दूरी सफर 20 मिनट में पूरा होगा। दिसंबर 2016 में मोदी ने इस पुल की आधारशिला रखी थी। पुल की कुल लागत 17 हजार 843 करोड़ रुपए है। 21.8 किलोमीटर लंबे सिक्स लेने वाले ब्रिज को मुंबई ट्रांस हार्बर सीलिंक भी कहा जाता है। पुल का 16.5 किलोमीटर का हिस्सा समुद्र पर है, जबकि 5.5 किलोमीटर का हिस्सा जमीन पर है। इस पुल की क्षमता रोजाना 70 हजार वाहनों की है। फिलहाल ब्रिज से रोज करीब 50 हजार वाहनों के गुजरने का अनुमान है। पुल को बनाने में 1.78 लाख मीट्रिक टन स्टील और 5.04 लाख मीट्रिक टन सीमेंट का उपयोग किया गया है। ब्रिज पर 400 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। पक्षियों और समुद्री जीवों की सुरक्षा के लिए ब्रिज पर साउंड बैरियर और एडवांस लाइटिंग की गई है। ब्रिज की लाइफ 100 साल होगी।
** हिंदुकुश में जमीन से 220 किमी नीचे था केंद्र ** फिलहाल किसी तरह के नुकसान की खबर नहीं अफगानिस्तान के हिंदुकुश में आज दोपहर बाद 2:20 बजे भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। इसकी वजह से पाकिस्तान के इस्लामाबाद, रावलपिंडी और भारत में जम्मू-कश्मीर से दिल्ली तक धरती हिल गई। नेशनल सेंटर फॉर सीसमोलॉजी के मुताबिक भूकंप की तीव्रता 6.1 मापी गई। इसका केंद्र हिंदुकुश में जमीन से करीब 220 किलोमीटर नीचे था। फिलहाल किसी तरह के नुकसान की कोई खबर नहीं है। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान में था। इसके झटके दिल्ली समेत उत्तर भारत के कई शहरों में महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान में था। इसके झटके दिल्ली समेत उत्तर भारत के कई शहरों में महसूस किए गए। दो माह पूर्व नेपाल में आया था 6.4 तीव्रता का भूकंप गत वर्ष 4 नवंबर को रात 11:32 बजे नेपाल में 6.4 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें 157 लोगों की मौत हुई थी। तब दिल्ली-एनसीआर के अलावा उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और बिहार की राजधानी पटना में भी झटके महसूस किए गए थे। हालांकि भारत में किसी तरह के जान-माल का नुकसान नहीं हुआ था।
** हाई कोर्ट ने डीजीपी पद से हटाने का निर्देश वापस लेने से कर दिया है इनकार ** उच्च न्यायालय ने खारिज कर दी है कुंडू की रिकॉल अपील हिमाचल के पूर्व डीजीपी संजय कुंडू ने हिमाचल हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ उक बार फिर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सुप्रीम कोर्ट में कुंडू के वकील गौरव गुप्ता द्वारा अपील दायर की गई है और इसे सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाना बाकी है। हाई कोर्ट ने नौ जनवरी को सुनाए अपने फैसले में कुंडू को हिमाचल प्रदेश के डीजीपी पद से हटाने का निर्देश वापस लेने से इनकार कर दिया है। हाई कोर्ट ने पद से हटाने के खिलाफ संजय कुंडू और कांगड़ा की पुलिस अधीक्षक शालिनी अग्निहोत्री की रिकॉल अपील खारिज कर दी थी। मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सरकार से उस मामले की जांच के लिए एक सप्ताह के भीतर महानिरीक्षक स्तर से नीचे के अधिकारी की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने को कहा, जिसमें पालमपुर के व्यवसायी निशांत शर्मा ने अपने व्यापारिक साझेदारों से जान को खतरा होने की आशंका जताई थी। उन्होंने कुंडू के आचरण पर भी सवाल उठाया था और आरोप लगाया था कि अधिकारी ने उन्हें फोन किया था और शिमला आने के लिए कहा था।
** राज्यों में महाराष्ट्र नंबर वन, मध्य प्रदेश सेकंड, छत्तीसगढ़ थर्ड ** गंगा किनारे बसे क्लीनेस्ट सिटी में वाराणसी प्रथम ** चंडीगढ़ को बेस्ट सफाई मित्र सुरक्षित शहर का अवॉर्ड ** नई दिल्ली में राष्ट्रपति मुर्मू ने राज्यों के प्रतिनिधियों को किया सम्मानित मध्य प्रदेश का इंदौर लगातार सातवीं बार देश का नंबर वन स्वच्छ शहर बना है। केंद्र सरकार ने आज स्वच्छ सर्वेक्षण-2023 का रिजल्ट जारी किया। एक लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में इंदौर और सूरत को संयुक्त रूप से पहला स्थान मिला। तीसरे नंबर पर महाराष्ट्र का नवी मुंबई रहा। भोपाल छठवें से पांचवें नंबर आ गया है। वहीं, एक लाख से कम आबादी वाले शहरों में महाराष्ट्र का सासवड पहले, छत्तीसगढ़ का पाटन दूसरे और महाराष्ट्र का लोनावाला तीसरे स्थान पर रहा। देश के स्वच्छ राज्यों की कैटेगरी में इस बार महाराष्ट्र को पहला, मध्य प्रदेश को दूसरा और छत्तीसगढ़ को तीसरा स्थान मिला। पिछली बार मध्य प्रदेश पहले स्थान पर था। गंगा किनारे बसे सबसे साफ शहरों में वाराणसी पहले और प्रयागराज दूसरे स्थान पर रहा। दिल्ली के भारत मंडपम कन्वेंशन सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी ने इन राज्यों के प्रतिनिधियों को सम्मानित किया। इस बार कुल 9500 अंक का सर्वेक्षण हुआ है। मध्य प्रदेश के महू को सबसे स्वच्छ कैंटोनमेंट बोर्ड का अवॉर्ड मिला है। बेस्ट सफाई मित्र सुरक्षित शहर का अवॉर्ड चंडीगढ़ को दिया गया।
-केंद्रीय उपभोक्ता मामले विभाग के अतिरिक्त सचिव की जिम्मेदारी सौंपी हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के प्रधान सचिव भरत खेड़ा को केंद्र सरकार ने दिल्ली बुला लिया है। केंद्र की मोदी सरकार ने खेड़ा को उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय में उपभोक्ता मामले विभाग के अतिरिक्त सचिव की जिम्मेदारी सौंपी है। इस संबंध में केंद्रीय कैबिनेट की नियुक्ति समिति के सचिवालय की ओर से नियुक्ति आदेश जारी किए गए हैं। भरत खेड़ा के प्रतिनियुक्ति पर जाने से मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव पद के लिए योग्य अधिकारी को तलाश करना सरकार के लिए चुनौती रहेगा। वर्तमान में प्रदेश के प्रशासनिक सचिवों के पास औसतन पांच से छह विभाग हैं। खेड़ा वर्तमान में अकेले करीब दस महकमों की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। सामान्य प्रशासन विभाग, सचिवालय प्रशासन विभाग, ऊर्जा विभाग, बिजली बोर्ड, लोक निर्माण विभाग, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, कर एवं आबकारी विभाग, संसदीय कार्य के अलावा मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव का पदभार इनके पास है। खेड़ा के दिल्ली जाने से इन महकमों का आवंटन करना सरकार के लिए आसान नहीं रहने वाला है।
टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड (टीएचडीसीआईएल) ने 5 जनवरी को नई दिल्ली स्थित अपने कार्यालय में व्यवसाय में पारदर्शिता और सहयोग के प्रति कंपनी के समर्पण को रेखाकिंत करते हुए व्यवस्थापकों की बैठक आयोजित की। इस कार्यक्रम में कंपनी के प्रतिष्ठित व्यवस्थापक और निवेशक उपस्थित हुए। बैठक में टीएचडीसीआईएल के द्वारा प्रतिबद्धता जाहिर की गई कि कंपनी 12 जनवरी को कॉरपोरेट बॉन्ड सीरीज-IX जारी करने जा रही है। निदेशक (वित्त) जे. बेहेरा की अगुवाई में उनकी टीम ने कंपनी के भावी विकास पथ पर सक्रिय रूप से चर्चा की। टीएचडीसीआईएल ने एक व्यापक प्रस्तुतिकरण दिया, जिसमें कंपनी के विकास की संभावनाओं, इसकी वित्तीय स्थिति और चल रही परियोजनाओं के बारे में जानकारी दी गई। यह बैठक सार्थक संवाद को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करेगी। यह इस बात को सुनिश्चित करने में मदद करेगी कि व्यवस्थापकों और निवेशकों को कंपनी की रणनीतिक दिशा के बारे में अच्छी प्रकार से जानकारी है। बैठक का मुख्य आकर्षण जे. बेहेरा के नेतृत्व में की गई व्यापक चर्चा थी, जिसमें उन्होंने विस्तार से रणनीतियों और क्रेडिट रेटिंग पर की गई पूछताछ का उत्तर दिया। बैठक में विचारों के आपसी आदान-प्रदान से कंपनी के व्यवसाय और वित्तीय रणनीतियों के बारे में हितधारकों को संसूचित और आश्वस्त करना था जो कि टीएचडीसीआईएल की प्रतिबद्धता दर्शाता है। परियोजनाओं की सन्निकट कमीशनिंग एक प्रमुख कारक के रूप में उभरी है, जिससे कंपनी की क्रेडिट रेटिंग में काफी वृद्धि होने की उम्मीद है। यह टीएचडीसीआईएल की वित्तीय स्थिति को मजबूत करने और निवेशकों को बेहतर मूल्य प्रदान करने के लिए टीएचडीसीआईएल के समर्पण पर जोर देती है। टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक आरके विश्नोई ने अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हितधारकों को रणनीतियों के विस्तार, क्रेडिट रेटिंग और परियोजनाओं की सन्निकट कमीशनिंग आदि के बारे में संसुचित करना, टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। विकास की संभावनाओं और वित्तीय मामलों के अतिरिक्त, उपस्थित लोगों को सूचित किया गया कि टीएचडीसीआईएल के द्वारा कॉरपोरेट बॉन्ड सीरीज-9 के लिए 12 जनवरी को बिडिंग निर्धारित की गई है। यह बैठक इस बात का प्रतीक है कि टीएचडीसीआईएल उत्पादन में आपसी विचार-विमर्श को बढ़ावा देने, वित्तीय दृष्टिकोण पर स्पष्टता प्रदान करने और हितधारकों के साथ खुला संचार एवं संपर्क बनाए रखने के प्रति समर्पित है। टीएचडीसीआईएल 1587 मेगावाट की संस्थापित क्षमता के साथ देश के प्रमुख बिजली उत्पादकों में से एक है, जिसका श्रेय इसकी प्रचालनाधीन परियोजनाओं को जाता है जिनमें उत्तराखंड में टिहरी बांध और एचपीपी (1000 मेगावाट), कोटेश्वर एचईपी (400 मेगावाट), गुजरात के पाटन और द्वारका में क्रमश: 50 मेगावाट और 63 मेगावाट की पवन ऊर्जा परियोजनाएं और उत्तर प्रदेश के झांसी में 24 मेगावाट की ढुकवां लघु जल विद्युत परियोजना तथा केरल के कासरगोड में 50 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि टीएचडीसीआईएल की अमेलिया कोयला खदान का वाणिज्यिक संचालन निर्धारित समय से छह महीने पहले शुरू हो गया है जो एक विशेष उपलब्धि है। यह उपलब्धि देश की अग्रणी बिजली कंपनियों में से एक के साथ बने विश्वास और साझेदारी को रेखांकित करती है। निकट भविष्य में 1320 मेगावाट खुर्जा सुपर थर्मल पावर प्लांट (केएसटीपीपी) की प्रथम यूनिट (660 मेगावाट) और 1000 मेगावाट टिहरी पंप स्टोरेज प्लांट (पीएसपी) की प्रथम यूनिट (250 मेगावाट) के चालू होने के साथ, टीएचडीसीआईएल उपलब्धियों को बढ़ाने, ऊर्जा क्षेत्र में अपनी स्थिति को और मजबूत करने के लिए तैयार है।
प्रधानमंत्री मंत्री नरेंद्र मोदी के लक्षद्वीप दौरे को लेकर हिंद महासागर में बसे मालदीव के नेताओं द्वारा दिए विवादित बयान अब खुद मालदीव के लिए भारी पड़ते दिख रहे हैं। सबसे बड़ी मार उसके पर्यटन कारोबार पर पड़ी है, क्योंकि मालदीव की अर्थव्यवस्था में पर्यटन का खासा महत्व है। भारतीयों ने मालदीव के नेताओं के जरिए भारत को लेकर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर मालदीव का बायकॉट करना शुरू कर दिया है। पता चला है कि हजारों की संख्या में होटल बुकिंग और फ्लाइट टिकट कैंसिल हो गई हैं। सूत्रों के अनुसार साढ़े 10 हजार से ज्यादा होटल बुकिंग्स कैंसिल हो गई हैं, जबकि 5 हजार से ज्यादा फ्लाइट टिकट को भी कैंसिल कर दिया गया है। उधर, मालदीव ने उन तीन मंत्रियों को भी सस्पेंड कर दिया है, जिनकी वजह से ये विवाद शुरू हुआ था। इंडियन एसोसिएशन ऑफ टूअर ऑपरेटर्स ने अनुमान लगाया है कि बायकॉट का असर अगले 20 से 25 दिनों में दिखने लगेगा।