** जब मुंबई के ताज पर हुआ था हमला 26 नवंबर 2008 ये वो तारीख है जिसे याद कर आज भी लोगों की आंखें भर आती है। आज भी उस दिन को याद कर रूह कांप उठती हैं। यह वो दिन था जब सपनों की नगरी मुंबई में पाकिस्तान से आए 10 आतंकियों के कदम पड़े थे। वो शाम भी हर रोज की तरह थी। हर कोई अपनी धुन में मस्त और रोज के कामों में व्यस्तस बाजारों में चहल-पहल थी। मरीन ड्राइव पर लोग समंदर से आने वाली ठंडी-ठंडी हवाओं का आनंद ले रहे थे। किसी को अंदाजा नहीं था कि, इसी समंदर के रास्ते मौत उनकी तरफ बढ़ रही है। पाकिस्तान के कराची से 10 आतंकी एक नाव के जरिए मुंबई के लिए निकले थे। समंदर के रास्ते में ही उन्होंने मुंबई में एंट्री की थी। इसके बाद जो हुआ वो मंजर लोग आज तक नहीं भूल पाए। सभी आतंकी 4-4 के समूहों में टैक्सी पकड़ी और अलग अलग जगहों पर चले गए। रात साढ़े 9 बजे छत्रपति शिवाजी टर्मिनल रेलवे स्टेशन पर आतंकियों का एक दस्ता पहुंचा। सभी के हाथों में एके-47 राइफलें थीं। उन्होंने वहां ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। इन हमलावरों में अजमल कसाब भी शामिल था। जिसे सुरक्षाबलों ने जिंदा पकड़ लिया था, जिसे फांसी दी जा चुकी है। आतंकियों ने मुंबई की शाह कहे जाने वाले ताज होटल को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया था। सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच तीन दिनों तक मुठभेड़ चलती रही थी। इसके बाद नएसजी कमांडोज को बुलाया गया। एनएसजी कमांडोज ने सभी आतंकियों को मार गिराया। उनकी बहादुरी के चलते भारत पर आया ये संकट टला। इस दर्दनाक घटना में कई लोगों ने अपनों को खोया था। लोग अपनों के जानें का दुख सहन नहीं कर पा रहे थे। इस घटना ने कई लोगों को आहत कर दिया था. जानकार बताते हैं कि लोग कई रात सो नहीं पाए थे। आज इस हादसे को 15 साल पूरे हो गए हैं। इस हमले में 18 सुरक्षाकर्मियों समेत 300 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। मुंबई के इस हमले को पूरी दुनिया के सबसे बड़े आतंकी हमले में शामिल किया जाता है।
उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने आज प्रगति मैदान नई दिल्ली में आयोजित किए जा रहे इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर का दौरा किया। इस अवसर पर उन्होंने विभिन्न स्टॉलों से फीडबैक लिया तथा हिमाचल मंडप प्रबंधन की सराहना करते हुए कहा कि इसके माध्यम से प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों के विकास, नवोन्मेषी प्रयासों, पहल तथा समृद्ध कला एवं संस्कृति को देश के सामने प्रदर्शित करने का अवसर प्राप्त हुआ है। उद्योग मंत्री ने उड़ीसा, असम, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक तथा अन्य राज्यों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनियों का अवलोकन एवं हस्तशिल्पियों से संवाद भी किया। उन्होंने विभिन्न उद्यमियों से हिमाचल में पर्यटन, उद्योग तथा अन्य क्षेत्रों में निवेश के लिए प्रोत्साहित भी किया। इस अवसर पर अवगत करवाया गया कि हिमाचल मंडप में अभी तक लगभग 80 हजार आगंतुक अपनी उपस्थिति दर्ज करवा चुके हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के ओएसडी केएस बांशटू भी उपस्थित थे। इससे पूर्व, आवासीय आयुक्त मीरा मोहन्ती, निदेशक उद्योग राकेश कुमार प्रजापति, अतिरिक्त निदेशक उद्योग सुरेन्द्र माल्टू व तिलक राज शर्मा, संयुक्त निदेशक ज्ञान सिंह चौहान और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने उद्योग मंत्री का स्वागत किया तथा ट्रेड फेयर की विस्तृत जानकारी दी।
प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि 16 से 31 दिसंबर तक दिल्ली में आयोजित होने वाले दिल्ली हाट में राज्य के विभिन्न उपक्रमों द्वारा 60 स्टॉल स्थापित किए जाएंगे, जिसमें से हिमक्रॉफ्ट निगम द्वारा 35 स्टॉल, हिमाचल प्रदेश विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण परिषद द्वारा 5 स्टॉल और राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा 20 स्टॉल स्थापित किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त आगतुंकों को हिमाचल प्रदेश के पारंपरिक व्यंजन परोसने के लिए 5 अन्य स्टॉल भी स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि दिल्ली हाट में भाग लेने के इच्छुक कारीगरों और शिल्पियों को अपने विस्तृत विवरण, कला, हस्तशिल्प और अन्य गतिविधियों की जानकारी के साथ प्रबंध निदेशक, हिम क्राफ्ट और अन्य प्रतिभागी विभागों से संपर्क करना होगा। इसके दृष्टिगत एक कमेटी का गठन किया गया है, जो अंतिम निर्णय लेगी। हस्तशिल्पियों को रोजमर्रा के खर्च के लिए प्रति स्टॉल प्रति दो व्यक्ति 3000 रुपये की राशि प्रदान की जाएगी। प्रवक्ता ने बताया कि इस आयोजन का शुभारंभ 18 दिसंबर को राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल करेंगे। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू 30 दिसंबर को आयोजन के समापन अवसर पर बतौर मुख्यातिथि शिरकत करेंगे। आयोजन के दौरान भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग द्वारा प्रदेश की समृद्ध संस्कृति पर आधारित सांस्कृति कार्यक्रमों की प्रस्तुति आकर्षण का केंद्र होगी।
** 2027 तक रोहित शर्मा 40, कोहली 39 के होंगे ** रोहित -विराट अगला वर्ल्ड कप खेलेंगे या नहीं, संशय बरकरार भारतीय फैंस के लिए क्रिकेट वर्ल्ड कप जीत पाने का सपना अब भी सपना ही रह गया। कप्तान रोहित शर्मा और अनुभवी विराट कोहली ने पूरा दम लगाया, लेकिन टीम को चैंपियन नहीं बना सके। 36 साल के रोहित और 35 साल के विराट के लिए वर्ल्ड कप जीतने का ये आखिरी मौका भी साबित हो सकता है। 2027 में अगला वर्ल्ड कप खेला जाएगा और संभव है कि तब तक रोहित और विराट क्रिकेट को अलविदा कह दें। टीम इंडिया को 12 साल बाद वर्ल्ड कप फाइनल में पहुंचाने वाले कप्तान रोहित शर्मा फिलहाल 36 और विराट कोहली 35 साल के हैं। 2027 का वर्ल्ड कप साउथ अफ्रीका, जिम्बाब्वे और नामीबिया में होगा। सब कुछ सही रहा तो टूर्नामेंट तय शेड्यूल के अनुसार फरवरी और मार्च महीने में खेला जाएगा। इस हिसाब अगले वर्ल्ड कप तक रोहित 39 और कोहली 38 साल के होंगे। टूर्नामेंट अगर सितंबर से नवंबर के बीच हुआ तो रोहित 40 और कोहली 39 साल के हो जाएंगे। बता दें की 21वीं सदी में भारत के सबसे उम्रदराज खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर रहे, जिन्होंने 40 साल 204 दिन की उम्र में अपना आखिरी इंटरनेशनल मैच खेला था। उनके अलावा बैटर्स में राहुल द्रविड़ और महेंद्र सिंह धोनी ही ऐसे 2 भारतीय हैं, जो 38 साल से ज्यादा की उम्र पार करने के बाद भी खेलते रहे। गेंदबाजों में आशीष नेहरा और अनिल कुंबले ने 38 साल की उम्र में संन्यास लिया। 21वीं सदी में भारत के लिए 180 खिलाड़ियों ने तीनों फॉर्मेट का क्रिकेट खेला, लेकिन 5 ही खिलाड़ी 38 साल से ज्यादा की उम्र तक क्रिकेट खेल सके। अब रोहित और विराट अगला वर्ल्ड कप खेलेंगे या नहीं संशय बरकरार है।
** सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों का पहला फुटेज आया सामने आज उन 41 लोगो के परिवार वालों ने राहत की सांस ली होगी जो पिछले 10 दिनों से एक सुरंग में फंसे हुए है। पिछले 10 दिनों से ये भी नहीं मालुम था कि सुरंग के अंदर फंसे हुए ये लोग सुरक्षित है भी या नहीं। उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिलक्यारा टनल में 41 मजदूरों का आज पहला वीडियो सामने आया है। यूँ तो मंगलवार सुबह 3 बजकर 52 मिनट पर टनल से मजदूरों का पहला फुटेज सामने आया गया था, लेकिन अब धीरे धीरे सोशल मीडिया पर भी ये राहत भरी वीडियो वायरल हो रही है। बीते 10 दिनों से जिन परिवार वालों कि आँखे इन्हे देखने के लिए तरस गयी थी आज उन आँखों में खुशियों के आंसू हो। सोमवार को रेस्क्यू ऑपरेशन टीम ने सुरंग के अंदर एक छह इंच का पाइप डाला था, जिसके जरिए मजदूरों तक खाना भेजा गया. वहीं मजदूर किस हालात में हैं, उनकी तबीयत कैसी है, ये जानने के लिए इसी पाइप से एक एंडोस्कोपिक फ्लेक्सी कैमरा भी भेजा गया, जिसमें सारे मजदूर दिखाई दे रहे हैं। इस टीम ने वॉकी-टॉकी के जरिए उनसे बात भी की और उनका हौसला भी बढ़ाया। उत्तराखंड के उत्तरकाशी में ब्रह्मखाल-यमुनोत्री NH पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग 12 नवंबर को सुबह लगभग 5 बजे ढह गई थी । सबसे पहले सिलक्यारा वाले मुहाने से 230 मीटर अंदर मलबा गिरा। इसके बाद 30 से 35 मीटर हिस्से में अचानक बहुत भारी मात्रा में मलबा गिरा इसके बाद से ही सुरंग के अंदर काम कर रहे 40 मजदूर अंदर फंसे हैं। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के विशाल भी फंसे हुए मजूदरों में शामिल हैं। पिछले 10 दिनों से विशाल के परिवार वालो को रो रो कर बुरा हाल है। अब ये फुटेज सामने आने के बाद विशाल के परिजनों ने भी राहत कि सांस ली होगी। उम्मीद जताई जा रही है कि अब जल्द ही इन मजदूरों को टनल से बहार निकाल लिया जायेगा।
वनडे वर्ल्ड कप 2023 का सबसे बड़ा मुकाबला यानी फाइनल आज मेजबान भारत और पांच बार की विश्व विजेता ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला जाएगा। मैच दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट मैदान अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में दोपहर 2:00 बजे से शुरू होगा। टॉस 1:30 बजे होगा। इस बड़े मुकाबले के पहले और बीच में कई सारे इवेंट्स हैं। एयर शो और दुआ लीपा की परफॉर्मेंस के साथ ही और भी बहुत कुछ है। देश-विदेश की कई बड़ी शख्सियतें भी इस दौरान स्टेडियम में मौजूद रहने वाली हैं। अहमदाबाद के जिस नरेंद्र मोदी स्टेडियम में यह मुकाबला खेला जाना है, उसकी दर्शक क्षमता भी सवा लाख से ज्यादा है। ऐसे में इस मुकाबले के माहौल को शब्दों में बयां कर पाना असंभव ही होगा। अब तक हुए क्रिकेट वर्ल्ड कप फाइनल्स में शायद यह सबसे भव्य आयोजन साबित हो।
नई दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर में हिमाचल के उत्पादों की बिक्री में वृद्धि दर्ज की जा रही है। 14 से 27 नवम्बर तक आयोजित इस ट्रेड फेयर में हिमाचल मंडप स्थापित किया गया है जिसका उद्घाटन आवासीय आयुक्त मीरा मोहंती द्वारा किया गया। मंडल में 14 स्टॉल स्थापित किए गए हैं। इनमें विशुद्ध हिमाचली उत्पाद बिक्री के लिए रखे गए हैं। विशेष तौर पर हथकरघा एवं हस्तशिल्प उत्पाद, फल उत्पाद के अलावा कांगड़ा चाय, सीबकथोर्न इत्यादि लोगों का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। आगन्तुक सिरमौर ज़िले के मैसर्ज डिलमन डेलिकेसी द्वारा तैयार चीड़ की पत्तियों पर आधारित लीवर डेटॉक्स व अन्य उत्पादों के प्रति भी खासी रूचि दिखा रहे हैं। इन उत्पादों को बढ़ते प्रदूषण से शरीर पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों को कम करने में कारगर माना जा रहा है। हिमाचली उत्पादों के लिए विदेशों से भी आपूर्ति आदेश प्राप्त हो रहे हैं। उद्योग विभाग के संयुक्त निदेशक व हिमाचल पैवेलियन के निदेशक ज्ञान सिंह चौहान ने बताया कि विभाग द्वारा अपने कैंप ऑफिस में इन उत्पादों की बिजनेस नेटवर्किंग की भी सुविधा उपलब्ध करवाई गई है।
टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक आरके विश्नोई के दूरदर्शी मार्गदर्शन के तहत टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड द्वारा कर्नाटक राज्य में नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के विकास के लिए 9 नवंबर को बैंगलोर में केपीसीएल (कर्नाटक पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड) और केआरईडीएल (कर्नाटक नवीकरणीय ऊर्जा विकास लिमिटेड) के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। इन सहयोगात्मक प्रयासों में विभिन्न प्रकार की परियोजनाओं का विकास शामिल है, जिसमें भूमि पर मांउट करके स्थापित की जाने वाली, फ्लोटिंग सौर परियोजनाएं और पंप स्टोरेज परियोजनाओं सहित हाइब्रिड परियोजनाएं शामिल हैं, जिनकी संचयी क्षमता लगभग 3270 मेगावाट हैं। कर्नाटक सरकार ऊर्जा मंत्री केजे जॉर्ज अपनी गरिमामयी उपस्थिति के साथ समारोह की शोभा बढ़ाई। टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक आरके विश्नोई ने कहा कि यह रणनीतिक गठबंधन न केवल स्वच्छ ऊर्जा के प्रति टीएचडीसीआईएल की प्रतिबद्धता दर्शाता है, बल्कि कर्नाटक की अग्रणी विद्युत संस्थाओं के सहयोग से इस क्षेत्र के विद्युत परिदृश्य के लिए एक आशाजनक प्रगतिगामी मार्ग भी प्रशस्त करता है। केपीसीएल का प्रतिनिधित्व करते हुए, अपर मुख्य सचिव, ऊर्जा एवं केपीसीएल के प्रबंध निदेशक गौरव गुप्ता एवं और केआरईडीएल की ओर से केपी रुद्रप्पैया, प्रबंध निदेशक, केआरईडीएल द्वारा समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड की ओर से भूपेंद्र गुप्ता, निदेशक (तकनीकी) द्वारा समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। इस अवसर पर विजय कुमार, विशेष अधिकारी समन्वय, संदीप सिंघल, सीजीएम (एनसीआर) और मल्लिकार्जुन, डीजीएम भी उपस्थित थे। टीएचडीसीआईएल 1587 मेगावाट की संस्थापित क्षमता के साथ देश के प्रमुख बिजली उत्पादकों में से एक है, जिसका श्रेय इसकी प्रचालनाधीन परियोजनाओं को जाता है जिनमें उत्तराखंड में टिहरी बांध और एचपीपी (1000 मेगावाट), कोटेश्वर एचईपी (400 मेगावाट), गुजरात के पाटन और द्वारका में क्रमश: 50 मेगावाट और 63 मेगावाट की पवन ऊर्जा परियोजनाएं और उत्तर प्रदेश के झांसी में 24 मेगावाट की ढुकवां लघु जल विद्युत परियोजना तथा केरल के कासरगोड में 50 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना शामिल हैं।
टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड में 30 अक्टूबर से 6 नवंबर तक निगम की सभी परियोजनाओं एवं कार्यालयों में सतर्कता जागरूकता सप्ताह मनाया जा रहा है। इस वर्ष के सतर्कता जागरूकता सप्ताह की थीम 'भ्रष्टाचार का विरोध करें; राष्ट्र के प्रति समर्पित' रहे है। टीएचडीसीआईएल में सतत आजीविका एवं सामुदायिक विकास केंद्र, ऋषिकेश के तक्षशिला हॉल में एसजेवीएन एवं टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के वरिष्ठ अधिकारियों के लिए क्षमता-निर्माण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक आरके विश्नोई ने इस कार्यक्रम के आयोजन पर अपनी हार्दिक शुभकामनाएं दंी और कहा कि यह कार्यक्रम सतर्क और जवाबदेह भविष्य के लिए टीएचडीसी और एसजेवीएन की प्रतिबद्धताओं को दर्शाता है। विश्नोई ने कहा कि टीएचडीसीआईएल ने सरकार द्वारा दिए गए लक्ष्यों को पूरा करने का भरसक प्रयास किया है और भारत में सभी को चौबीस घंटे सस्ती बिजली उपलब्ध कराने हेतु लक्ष्य में हमेशा ईमानदारी और पारदर्शिता के उच्चतम मानकों को बनाए रखा है। कार्यक्रम का उद्घाटन उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों श्री अशोक कुमार, मुख्य तकनीकी परीक्षक (इलेक्ट्रिकल विंग), सीवीसी, नई दिल्ली, श्री शैलेन्द्र सिंह, निदेशक (कार्मिक), टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड एवं श्री प्रेम प्रकाश (आईओएफएस), सीवीओ, टीएचडीआईएल एवं एसजेवीएन के द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। अपने अभिभाषण के दौरान अशोक कुमार, मुख्य तकनीकी परीक्षक (इलेक्ट्रिकल विंग) ने सार्वजनिक खरीद के महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में बताया। उन्होंने खरीदारी करने वाले अधिकारियों की अनिवार्य जिम्मेदारियों, सार्वजनिक खरीद में जोखिम प्रबंधन रणनीतियों और व्यापक निविदा प्रक्रिया पर भी प्रकाश डाला। कुमार ने सार्वजनिक खरीद की जटिलताओं, खरीद अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका और जोखिम कम करने के उपायों को उजागर किया। उन्होंने खरीद के क्षेत्र में इसके महत्व को रेखांकित करते हुए व्यापक निविदा प्रक्रिया में बहुमूल्य अंतर्दृष्टि प्रदान की। शैलंद्र सिंह, निदेशक (कार्मिक) ने अपने संबोधन में खरीद प्रक्रिया में सतर्कता के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि सतर्कता जागरूकता सप्ताह भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही लड़ाई और नैतिकता और सत्यनिष्ठा के उच्चतम मानकों को बनाए रखने की सामूहिक जिम्मेदारी है। सिंह ने कहा कि बढ़ती जटिलता और परस्पर वैश्विक निर्भरता के युग में, खरीदारी का कार्य संगठनों के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, चाहे वह सार्वजनिक या निजी क्षेत्र में हो। यह सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है कि यह प्रक्रिया नैतिकता और सत्यनिष्ठा के उच्चतम मानकों का पालन करते हुए अत्यंत परिश्रम से संचालित की जाए। टीएचडीआईएल एवं एसजेवीएन के सीवीओ प्रेम प्रकाश (आईओएफएस) ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए खरीद में सत्यनिष्ठा और जवाबदेही के उपायों को कायम रखने के सर्वोपरि महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ये मूल सिद्धांत न केवल पारदर्शिता और विश्वास सुनिश्चित करते हैं बल्कि सार्वजनिक संसाधनों के जिम्मेदारी पूर्ण आवंटन में भी योगदान देते हैं, जिससे ऐसी खरीद प्रक्रिया को बढ़ावा मिलता है जो शासन और नैतिक आचरण के उच्चतम मानकों के अनुरूप होती है।
-'मेरी माटी, मेरा देश' कार्यक्रम में हिमाचल की रही शानदार भागीदारी 'मेरी माटी, मेरा देश' कार्यक्रम के अंतर्गत वीरभूमि हिमाचल के गांवों की मिट्टी लेकर दिल्ली पहुंचे 143 युवाओं ने केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और युवा एवं खेल मामलों के मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर के साथ कर्तव्य पथ पर विशाल कलश में अर्पित की। इसी विशाल कलश की मिट्टी से कर्तव्य पथ पर अमृत उद्यान का निर्माण होगा। इस दौरान मीडिया कर्मियों से वार्तालाप करते हुए ठाकुर ने बताया कि हमारी वीरभूमि हिमाचाल वीरों की जननी है, वीरों की भूमि है। वीरभूमि हिमाचल प्रदेश बलिदानियों की भूमि है। यहां गांव के गांव हमारे वीरों के किस्सों से पटे पड़े हैं। मेरी माटी मेरा देश हमारे शहीदों, स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम नायकों को याद करने का उन्हें श्रद्धांजलि देने का प्रयास है। मेरी माटी, मेरा देश आजादी के अमृत महोत्सव का अंतिम कार्यक्रम है। पूरे देश ने पिछले दो वर्षों में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया। लाखों कार्यक्रम हुए, करोड़ों लोग इससे जुड़े। माननीय प्रधानमंत्री जी ने मेरी माटी, मेरा देश कार्यक्रम की शुरुआत करने को कहा तो पूरे देश के 6 लाख से ज्यादा गांवो और 7500 ब्लॉक्स में अमृत कलश यात्राएं निकलीं और मिट्टी इक_ा की गई और हिमाचल प्रदेश ने भी इसमें बढ़-चढ़कर भाग लिया। पूरे देश से इक_ी की गई इस मिट्टी से कर्तव्य पथ पर अमृत उद्यान बनेगा। आज विजय चौक से लेकर इंडिया गेट तक युवाओं का हुजूम देश की मिट्टी को नमन और वीरों का वंदन करने हेतु जमा है। केंद्रीय मंत्री ने आगे बताया कि कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस कार्यक्रम का विधिवत समापन कर देशवासियों को संबोधित करेंगे। आज कर्तव्य पथ पर आपकी विशाल कलश देख सकते हैं जिसमें पूरे देश के 6 लाख गांव से आई मिट्टी रखी गई है।तमिलनाडु से लेकर जम्मू कश्मीर तक और नागालैंड से लेकर गुजरात तक संपूर्ण देश के युवाओं में देशभक्ति की भावना कूट-कूट कर भरी है। आज तपती धूप में पूरे देश से युवा नई दिल्ली में एकत्रित हैं। हाथों में तिरंगा लिए युवाओं का जोश देखते ही बनता है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सोमवार शाम एम्स पहुंचे। उन्होंने यहां उपचाराधीन हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर से मुलाकात की और मुख्यमंत्री के स्वास्थ्य के बारे में जाना। गहलोत ने सुखविंदर सिंह के जल्द स्वस्थ होने की कामना की है। बता दें कि मुख्यमंत्री अभी आईसीयू में हैं, स्वास्थ्य बेहतर होने के बावजूद गेस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग के डॉक्टरों ने उन्हें निगरानी में रखा हुआ है। उनसे मिलने की किसी को इजाजत नहीं है।
विश्व हिंदू परिषद चंडीगढ़ ने आज महाजन भवन सेक्टर 37 चंडीगढ़ में सभी समाज के व्यक्तियों को एकत्रित कर समरसता युक्त हिंदू समाज अपना दृष्टिकोण संगोष्ठी कार्यक्रम आयोजित किया। इसमें कार्यक्रम अध्यक्ष बलजीत सिंह संधू आईपीएस, पूर्व डीजीपी हरियाणा, मुख्य अथिति डॉ. देव सिंह अद्दति धर्मगुरु योगी छोटू नाथ मिया मंडल वाले, प्रेम शम्मी अध्यक्ष उत्तर भारत अनुसूचित जन जाति भलाई संगठन, मुकेश जी खांडेकर उत्तर क्षेत्रीय संगठन मंत्री, पंजाब प्रांत मंत्री सुनील, पंजाब प्रांत संगरक्षक कर्नल धर्मवीर और विनायक राय देशपांडे और केंद्रीय संगठन मंत्री विश्व हिंदू परिषद का विशेष रूप से उद्धोधन प्राप्त हुआ। इस मौके पर विश्व हिंदू परिषद जिला मंत्री अंकुश गुप्ता ने बताया कि इस पहल में सभी उपस्थिति प्रमुखों ने जुड़ाव और सभी पंथों, मठों के प्रमुखों ने यह संकल्प बढ़ाया है कि हम सभी जात बिरादरी, भेदभाव को मिटा कर एकता बनाकर सनातन का प्रचार करेंगे। इस मौके पर विभाग मंत्री प्रदीप शर्मा ने कार्यक्रम अध्यक्ष एवं मुख्य वक्ता को स्मृति चिन्ह भेंट कर धन्यवाद किया। इस कार्यक्रम में विहिप से विशेष रूप से चंडीगढ़ विभाग मंत्री प्रदीप शर्मा, जिला मंत्री अंकुश गुप्ता, उपाध्यक्ष दविंदर सिद्धू, बजरंगदल संयोजक राकेश उप्पल, गो रक्षा सहमंत्री पंजाब प्रांत अनुज कुमार सहगल, कोषाध्यक्ष राकेश चौधरी, विद्यार्थी प्रमुख संयम, राजन, सुरक्षा प्रमुख गौरव, मनदीप, सुनील बागड़ी, रविंद्र, अलका, अनूप सरीन, राकेश शर्मा, दीपक शर्मा एवं विभिन्न समाज के गणमान्य लोगों की उपस्थिति रही।
टीएचडीसीआईएल और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), रूड़की ने विज्ञान, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण मील के पत्थर के रूप में सहयोगात्मक पहल स्वरूप एमओयू पर हस्ताक्षर किए। यह जानकारी अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड आर. के. विश्नोई ने दी। उन्होंने बताया कि यह समझौता ज्ञापन अनुसंधान गतिविधियों को व्या पक रूप से संचालित करने में दोनों संस्थानों की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है, जिसमें ऊर्जा संरक्षण, लायन स्टोरेज बैटरी के विकल्प, इलेक्ट्रिक वाहन बैटरी के लिए नैनो तकनीक, हरित हाइड्रोजन, भू-तापीय प्रौद्योगिकी, जलवायु परिवर्तन, अपशिष्ट प्रबंधन और पुनर्चक्रण, जल प्रबंधन और संरक्षण, भंवर प्रेरित कंपन, सुरंग बनाने की तकनीक, जैव ईंधन, ग्रिड स्थिरता में सुधार, और विभिन्न प्रकार के अन्य संबधित क्षेत्र, जो संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास के लक्ष्यों (एसडीजी) के दायरे में आते हैं शामिल किये गये हैं। विश्नोई ने कहा कि यह सहयोग 'विकसित भारत'-विकसित भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप, औद्योगिक और शैक्षणिक क्षेत्र के बीच की दूरी को कम करने के व्यापक लक्ष्य के साथ, मौलिक और ट्रांसलेशनल अनुसंधान दोनों के लिए है। इस समझौता ज्ञापन में निर्धारित किए गए सहयोग के महत्वपूर्ण क्षेत्रों के बारे में बताते हुए, आर.के. विश्नोई ने कहा, कि "टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड और आईआईटी रूड़की के बीच यह सहभागिता औद्योगिक अनुसंधान, नवाचार और तकनीकी उन्नति के क्षेत्र में महत्वपूर्ण पहल का प्रतिनिधित्व करती है, जिसमें विभिन्न औद्योगिक और कार्यक्षेत्र के लिए अभूतपूर्व समाधान प्रदान करने की क्षमता है।" आईआईटी, रूड़की के निदेशक प्रोफेसर के.के.पंत ने कहा कि यह समझौता ज्ञापन विभिन्न उद्योगों और कार्यक्षेत्र में अभूतपूर्व समाधानों को बढ़ावा देने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस सहयोग के माध्यम से, हमारा लक्ष्य शिक्षा और उद्योग के बीच की दूरी को कम करके, बुनियादी और ट्रांसलेशनल अनुसंधान दोनों को सुविधाजनक बनाना और 'विकसित भारत' - एक विकसित भारत के हमारे साझा दृष्टिकोण में योगदान देना है। आईआईटी रूड़की के डीन, प्रायोजित अनुसंधान और औद्योगिक सलाहकार प्रोफेसर अक्षय द्विवेदी ने कहा कि ''सहयोगात्मक अनुसंधान और विकास के लिए टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड का सहयोगी बनना आईआईटी रूड़की के ज्ञान और नवाचार को आगे बढ़ाने की स्थायी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। इस सहयोग के माध्यहम से हम अध्ययन के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में प्रगति लाने के लिए अपनी तकनीकी विशेषज्ञता और अनुसंधान सुविधाओं का लाभ उठा पायेंगे। हम अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में मौजूदा अग्रणी समाधानों को सुविधाजनक बनाने एवं एक-दूसरे की ताकत को पहचानने और विकसित करने के लिए उत्साहित हैं। समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर टीएचडीसीआईएल के आर.एंड डी. विभाग के विभागाध्यक्ष एस.के.चौहान एवं आईआईटी रूड़की के डीन, प्रायोजित अनुसंधान और औद्योगिक सलाहकार प्रोफेसर अक्षय द्विवेदी द्वारा हस्तारक्षर किए गए। बता दें कि टीएचडीसीआईएल 1587 मेगावाट की संस्थापित क्षमता के साथ देश के प्रमुख बिजली उत्पादकों में से एक है, जिसका श्रेय इसकी प्रचालनाधीन परियोजनाओं को जाता है जिनमें उत्तराखंड में टिहरी बांध और एचपीपी (1000 मेगावाट), कोटेश्वर एचईपी (400 मेगावाट), गुजरात के पाटन और द्वारका में क्रमश: 50 मेगावाट और 63 मेगावाट की पवन ऊर्जा परियोजनाएं और उत्तर प्रदेश के झाँसी में 24 मेगावाट की ढुकवां लघु जल विद्युत परियोजना तथा केरल के कासरगोड में 50 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना शामिल हैं।
राजस्थान में कांग्रेस ने 200 में से अब तक 76 सीटों पर अपने उम्मीदवारों का एलान कर दिया है। कांग्रेस ने अपनी पहली सूची में 33 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की थी। इसमें सीएम अशोक गहलोत, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट, प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और राजस्थान विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी का नाम शामिल था। वहीँ रविवार को 43 प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी हुई। इस सूची में 15 मंत्री भी शामिल है। पार्टी ने अब तक दो सूची में 20 मंत्रियों को टिकट दिया है, लेकिन गहलोत के खास तीन चेहरे अब तक टिकट से वंचित हैं। इनमें मंत्री शांति धारीवाल और महेश जोशी भी शामिल हैं। दरअसल, बताया जा रहा हैं कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी पिछले साल 25 सितंबर की घटना को नहीं भूले हैं। तब राजस्थान में पार्टी विधायकों के एक गुट की बगावत के कारण पार्टी के पर्यवेक्षकों को कांग्रेस विधायक दल की बैठक किए बिना राष्ट्रीय राजधानी लौटना पड़ा था। तब मोर्चा सँभालने वालो में आगे गहलोत के ये ही ख़ास मंत्री थे। तब शांति धारीवाल ने पार्टी आलाकमान के खिलाफ विद्रोह का नेतृत्व किया था। उस दौरान सोनिया गांधी, जो उस समय पार्टी की अंतरिम प्रमुख थीं, ने खरगे और अजय माकन को पर्यवेक्षकों के रूप में राजस्थान में कांग्रेस विधायकों की बैठक आयोजित करने के लिए भेजा था, इन खबरों के बीच कि गहलोत को उनके पद से हटाकर पार्टी प्रमुख बनाया जा सकता है। हालांकि, पार्टी विधायकों की बैठक नहीं हो पाने के बाद पर्यवेक्षक दिल्ली लौट गए। बैठक से पहले, गहलोत के करीबी माने जाने वाले विधायकों ने धारीवाल के नेतृत्व में मुलाकात की, जिसे गहलोत के वफादार को उनके उत्तराधिकारी के रूप में चुनने के लिए आलाकमान को एक संदेश के रूप में देखा गया। सूत्रों की माने तो बीते दिनों हुई कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में टिकट वितरण के समय जैसे ही शांति धारीवाल का नाम चर्चा में आया, वैसे ही सोनिया गांधी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। सोनिया ने कहा कि "ये वही व्यक्ति हैं न..इनका नाम सूची में कैसे है। इनपर तो भ्रष्टाचार के आरोप हैं न?" कहते हैं मैडम सोनिया के इस सवाल पर बैठक रूम में कुछ देर तक सन्नाटा पसर गया। सीएम अशोक गहलोत ने सफाई दी लेकिन तभी राहुल गांधी ने कहा भारत जोड़ो यात्रा के दौरान इनके खिलाफ कई शिकायतें मिली थीं। राहुल गांधी ने 25 सितंबर की वह बात भी याद दिला दी और सूत्रों की मानें तो उन्होंने कहा- "ये वही शांति धारीवाल हैं न जिन्होंने कहा था...कौन आलाकमान?" इसके बाद एक बार फिर उस मीटिंग रूम में सन्नाटा पसर गया। बहरहाल मंत्री शांति धारीवाल और महेश जोशी को अब तक टिकट नहीं मिला हैं, हालाँकि इनके टिकट अब ट्रक कटे भी नहीं हैं। अब गहलोत अपने इन ख़ास सिपहसलहारों को टिकट दिलवा पाते हैं या आलाकमान के मन में टीस बरक़रार रहती हैं, ये देखना रोचक होगा।
टीएचडीसीआईएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशकआरके विश्नोई ने बताया कि टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), दिल्ली ने 12 अक्टूबर को एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इसके अंतर्गत विज्ञान, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी में अनुसंधान और विकास गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए सहयोगात्मक साझेदारी स्थापित की गई है। उन्होंने आगे बताया कि एमओयू के अनुसार, टीएचडीसीआईएल आईआईटी दिल्ली के संकाय सदस्यों के नेतृत्व में अनुसंधान अध्ययन, पायलट प्रोजेक्ट और परामर्श कार्य संचालित करने के लिए कार्य करेगा। एमओयू में इस सहयोगात्मक गठबंधन के महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर विस्तार से बताते हुए विश्नोई ने कहा कि टीएचडीसीआईएल, आईआईटी दिल्ली के साथ अनेक सहयोगात्मक परियोजनाएं शुरू करेगी और संस्थान में एक रिसर्च ग्रुप को इस कार्य में लगाएगी। ये सहयोगात्मक अनुसंधान क्षेत्रों के व्यापक स्पेक्ट्रम को शामिल करेंगे, जिनमें ऊर्जा संरक्षण, लिथियम-आयन भंडारण बैटरी के विकल्प, इलेक्ट्रिक वाहन बैटरी के लिए नैनो टेक्नोलॉजी, हरित हाइड्रोजन, भू-तापीय प्रौद्योगिकी, जलवायु परिवर्तन के मुद्दे, अपशिष्ट प्रबंधन / रीसाइक्लिंग, पानी शामिल हैं। इनके साथ ही इसमें प्रबंधन/संरक्षण, भंवर-प्रेरित कंपन, सुरंग बनाने की तकनीक, जैव ईंधन, ग्रिड स्थिरता में सुधार और विभिन्न अन्य प्रासंगिक क्षेत्र भी शामिल होंगे। टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक आरके विश्नोई ने आगे कहा कि टीएचडीसीआईएल परिचालन व्यय और अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों की लागत के लिए व्यापक वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह सहयोग आईआईटी दिल्ली को पारस्परिक रूप से सहमत शर्तों पर अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं को निरंतर शुरू करने के लिए सशक्त बनाएगा, जिससे सहयोगात्मक अनुसंधान प्रयासों में उनके बढ़ते ज्ञान की महत्पूर्ण भूमिका रहेगी। एमओयू के अनुसार, आईआईटी दिल्ली आवश्यक बुनियादी ढांचागत सहायता और वैज्ञानिक, इंजीनियरिंग और तकनीकी विशेषज्ञता प्रदान करेगा। ये संसाधन संस्थान की शैक्षणिक गतिविधियों के साथ तालमेल बिठाते हुए अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों को सुविधाजनक बनाने में सहायक होंगे। प्रोफेसर नरेश भटनागर, डीन (आर एंड डी), आईआईटी दिल्ली ने इस क्षेत्र में आईआईटी दिल्ली की वैज्ञानिक और इंजीनियरिंग क्षमताओं पर भरोसा करने और बैटरी, संचार और रोबोट एप्लिकेशन आदि के क्षेत्रों में परियोजनाओं को चालू करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने हेतु टीएचडीसीआईएल प्रबंधन को हार्दिक धन्यवाद दिया। भविष्य में, टीएचडीसीआईएल द्वारा आवश्यकता पड़ने पर आईआईटी दिल्ली कई और क्षेत्रों को भी कवर करेगा। इस साझेदारी के प्रभाव को मजबूत करने के लिए, आईआईटी दिल्ली, टीएचडीसीआईएल के सहयोग से, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों के साथ जुड़ने के लिए अपनी विशेषज्ञता का लाभ उठाएगा। इस सहभागिता का उद्देश्य बुनियादी और ट्रासंलेशनल रिसर्च सोल्यूशन दोनों हैं। इसके अतिरिक्त, संस्थान प्रासंगिक विषयों से अधिक संकाय सदस्यों को कार्य में जुटाएगा और सहयोगी गतिविधियों को प्रभावी ढंग से प्रसारित करेगा। एसके चौहान, विभागाध्यक्ष (आरएंडडी), टीएचडीसीआईएल और आईआईटी दिल्ली के डीन (आरएंडडी) प्रोफेसर नरेश भटनागर ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता पांच साल के लिए किया गया है। विश्नोई ने कहा कि टीएचडीसीआईएल और आईआईटी दिल्ली के बीच यह सहयोगी उद्यम अनुसंधान, नवाचार और तकनीकी उन्नति के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसमें विभिन्न उद्योगों और डोमेन के लिए अभूतपूर्व समाधान प्रदान करने की क्षमता है। टीएचडीसीआईएल 1587 मेगावाट की संस्थापित क्षमता के साथ देश के प्रमुख बिजली उत्पादकों में से एक है, जिसका श्रेय इसकी प्रचालनाधीन परियोजनाओं को जाता है जिनमें उत्तराखंड में टिहरी बांध और एचपीपी (1000 मेगावाट), कोटेश्वर एचईपी (400 मेगावाट), गुजरात के पाटन और द्वारका में क्रमश: 50 मेगावाट और 63 मेगावाट की पवन ऊर्जा परियोजनाएं और उत्तर प्रदेश के झांसी में 24 मेगावाट की ढुकवां लघु जल विद्युत परियोजना तथा केरल के कासरगोड में 50 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना शामिल हैं।
टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक आरके विश्नोई ने बताया कि 18 अक्टूबर को टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड और गढवाल मंडल विकास निगम लि. (जीएमवीएनएल) के मध्य उत्तराखंड में जीएमवीएन के 14 अतिथि गृह एवं चार धाम यात्रा मार्ग पर विद्युत वाहन चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। विश्नोई ने अवगत कराया कि इन दोनों के सहयोगात्मक प्रयास से इस पवित्र मार्ग पर इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रयोग को बढ़ावा मिलेगा, जिससे प्रदूषण में कमी आएगी। विश्नोई ने इस बात पर जोर दिया कि दोनों संगठन अगले साल चार धाम यात्रा शुरू होने से पहले चार्जिंग स्टेशनों को तेजी से चालू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह पहल उत्तराखंड में सतत और पर्यावरण-अनुकूल परिवहन विकल्पों की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाती है। टीएचडीसीआईएल की ओर से प्रवीण सक्सेना, महाप्रबंधक (व्यवसाय विकास) तथा जीएमवीएन की ओर से राकेश सकलानी, अपर महाप्रबंधक(पर्यटन) ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर जीएमवीएन के प्रबंध निदेशक विनोद गिरी गोस्वामी, आईएएस तथा दोनों संगठनों के अनेक वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
-जातिगत सर्वेक्षण के बाद आर्थिक आधार पर भी होगा सर्वे हिमाचल प्रदेश में भी जातीय जनगणना होगी। दिल्ली में सोमवार को संपन्न कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी ) की मीटिंग में इसे लेकर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास किया गया। सीडब्ल्यूसी की चार घंटे तक चली चर्चा के बाद यह निर्णय लिया गया। इस प्रस्ताव के मुताबिक, कांग्रेस शासित हिमाचल, कर्नाटक, राजस्थान और छत्तीसगढ़ भी जातीय गणना करेंगे। देश में आज से पहले कभी भी जातीय जनगणना नहीं हुई। खास बात यह है कि आर्थिक बदहाली झेल रहे प्रदेश में सरकार दूसरे चरण में आर्थिक सर्वेक्षण भी करेगी। कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व ने पिछड़े और गरीब तबके तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने को इस सर्वेक्षण का आधार बताया है। कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) में बाकायदा इस बारे में प्रस्ताव पारित किया गया है। प्रस्ताव में कांग्रेस ने अन्य तीन राज्यों के साथ ही हिमाचल में भी जनगणना को जातिगत मोड़ देने का फैसला किया है। दरअसल, देश में कांग्रेस की सरकार चार राज्यों में है और इन सभी में भविष्य में एक साथ पहले जातिगत और उसके बाद आर्थिक आधार पर गणना होगी। हिमाचल के अलावा राजस्थान, छत्तीसगढ़ और कर्नाटक में भी कांग्रेस की सरकारें हैं और यहां भी पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने जातिगत सर्वेक्षण का फैसला किया है। कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में जातिगत सर्वे को लेकर प्रस्ताव पारित हुआ है। इसके साथ ही कांग्रेस देश की दूसरी ऐसी पार्टी भी बन गई है जो जातिगत आधार पर जनसंख्या की गणना करने जा रही है। इससे पूर्व हाल ही में बिहार सरकार ने जातिगत सर्वेक्षण किया है और बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने इस सर्वेक्षण के बाद सामने आए आंकड़ों को भी सार्वजनिक कर दिया है। खास बात यह है कि कांग्रेस ने इस सर्वे में आर्थिक आधार को भी जोड़ा है। पार्टी के इस फैसले को लोकसभा चुनाव से पहले बड़े दांव के रूप में देखा जा रहा है। कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े की अध्यक्षता में आयोजित सीडब्ल्यूसी की बैठक में फैसला आने के बाद सांसद राहुल गांधी ने मीडिया को कांग्रेस के इस कदम की जानकारी दी। जहां जीतेंगे, वहां जातिगत सर्वे करवाएंगे कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा है कि हिमाचल, कर्नाटक, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में जातीय जनगणना करवाई जाएगी। इसके बाद जिन राज्यों में भी कांग्रेस की सरकार बनेगी, उनमें भी जातिगत सर्वे करवाने का फैसला किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का लक्ष्य है कि समाज का एक्स-रे होना चाहिए, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक्स-रे करवाने से डर रहे हैं। उन्होंने कहा कि गरीबों को उनका हक दिलवाने के लिए इसके बाद आर्थिक आधार पर भी सर्वेक्षण होगा।
लोकसभा चुनाव-2024 को लेकर कांग्रेस पार्टी ने भी मंथन शुरू कर दिया है। सोमवार को नई दिल्ली में राष्ट्रीय कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक हुई। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू इस बैठक में शामिल हुए। बैठक में लोकसभा चुनाव पर भी चर्चा की गई। वहीं, कांग्रेस पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए संभावित प्रत्याशियों को फील्ड में भेजकर जनता की टोह लेने को कह दिया है। राज्य में लोकसभा की चार सीटें हैं। इनमें से मात्र मंडी संसदीय सीट ही कांग्रेस के पास है। हिमाचल प्रदेश में लोकसभा चुनाव का जिम्मा मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू पर रहेगा। ऐसे में उनके लिए यह चुनाव चुनौती से कम नहीं होगा। केंद्र में भाजपा की सरकार है। सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस पार्टी सुक्खू सरकार की ओर से लिए गए जनहित के फैसलों पर चुनाव लड़ेगी। हिमाचल प्रदेश में आपदा भी अहम मुद्दा रहेगा। केंद्र सरकार की ओर से अब तक हिमाचल प्रदेश के लिए आपदा राहत राशि जारी नहीं हुई है। सुक्खू सरकार ने 4500 करोड़ रुपये की आपदा राहत राशि की घोषणा की है।
क्रिप्टो करंसी ठगी मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी ने शनिवार को हिमाचल प्रदेश सहित पंजाब व चंडीगढ़ में 35 स्थानों पर दबिश दी। इस दौरान विशेष जांच की ओर से मामले में कांगड़ा, मंडी, ऊना, चंबा, हमीरपुर, बिलासपुर, शिमला और बद्दी में स्थित आरोपियों व संदिग्धों के आवासीय परिसरों में तलाशी ली गई। इसके अलावा पंजाब और चंडीगढ़ में भी तलाशी अभियान चलाया। तलाशी के दौरान एसआईटी के हाथ मामले से संबंधित महत्वपूर्ण साक्ष्य हाथ लगे हैं। एसआईटी ने दस्तावेज, संपत्ति रिकॉर्ड सहित मोबाइल फोन और अन्य डिजिटल उपकरणों को जब्त किया है। कुछ वाहनों को भी जब्त किया गया है। ठगी मामले में आय से संबंधित विभिन्न विवरण प्राप्त किए हैं। यह जानकारी हिमाचल प्रदेश पुलिस महानिदेशक कार्यालय की ओर से दी गई है। एसआईटी के अनुसार तलाशी के दौरान एकत्र किए गए सबूत क्रिप्टो मुद्रा घोटाले की जांच में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। हालांकि, अभी भी मामले में मुख्य सरगना फरार है। एसआईटी की ओर से अभी भी तलाशी अभियान जारी है। हिमाचल पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे सावधानी बरतें और उन योजनाओं में निवेश करने से बचें जो कम अवधि में असामान्य रूप से उच्च रिटर्न का वादा करती हैं। वित्तीय सुरक्षा और निवेश को हमेशा सावधानी और उचित परिश्रम से किया जाना चाहिए। वैध और विनियमित तरीकों से निवेश करके अपनी मेहनत की कमाई को सुरक्षित रखें।
आज से क्रिकेट वर्ल्ड कप मैचों की शुरुआत होगी। गुजरात के अहमदाबाद में दोपहर डेढ़ बजे से पहला मैच इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच खेला जाएगा। नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेले जाने वाले वर्ल्ड कप के मैचों को लेकर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। स्टेडियम के अंदर और बाहर थ्री लेयर की सुरक्षा की जिम्मेदारी क्राइम ब्रांच को सौंपी गई है। यहां होने वाले पांचों मैचों में स्टेडियम के अंदर और बाहर तीन स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था रहेगी। मैच से पहले क्राइम ब्रांच 3 ड्रोन से स्टेडियम और आसपास के इलाके में गश्त करेगी। क्राइम ब्रांच के डीसीपी चौतन्य मांडलिक ने बताया कि अहमदाबाद में होने वाले मैचों को लेकर आतंकी हमले की धमकी दी गई है। इसे गंभीरता से लेते हुए स्टेडियम के अंदर और बाहर थ्री लेयर सुरक्षा व्यवस्था की गई है। मैचों के लिए लगभग 3500 पुलिसकर्मी होंगे। धर्मशाला में 7 को अफगानिस्तान और बांग्लादेश का मैच दुनिया के सबसे सुंदर क्रिकेट स्टेडियम धर्मशाला में 7 अक्तूबर को अफगानिस्तान और बांग्लादेश का मैच होगा। दोनों टीमें धर्मशाला पहुंच चुकी हैं। यहां कुल पांच मैच खेले जाएंगे। भारत और न्यूजीलैंड के बीच मुकाबला 22 अक्तूबर को होगा।
केंद्रीय विद्युत मंत्रालय के सचिव पंकज अग्रवाल ने उत्तराखंड के टिहरी में टीएचडीसीआईएल के 2400 मेगावाट के टिहरी हाइड्रो कॉम्प्लेक्स का दौरा किया। टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक आरके विश्नोई ने अग्रवाल का गर्मजोशी से स्वागत किया और टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड में उनके पहली बार किए जा रहे दौरे पर उनका हार्दिक आभार व्यक्त किया। जे. बेहेरा, निदेशक (वित्त), शैलेेंद्र सिंह, निदेशक (कार्मिक) और भूपेेंद्र गुप्ता, निदेशक (तकनीकी) ने पंकज अग्रवाल को टिहरी परिसर में उनके आगमन पर अपनी शुभकामनाएं दीं। पंकज अग्रवाल ने टिहरी परियोजना के दौरे के दौरान टिहरी में स्वच्छता पखवाड़ा की शपथ दिलाई। उन्होंने टीएचडीसी प्रबंधन, अधिकारियों और भागीरथीपुरम, टिहरी के स्थानीय निवासियों के साथ भागीरथीपुरम, टिहरी के शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में स्वच्छता अभियान के अंतर्गत श्रमदान किया। पंकज अग्रवाल ने परियोजना के प्रमुख घटकों जैसे अपस्ट्रीम सर्ज शाफ्ट, बटरफ्लाई वाल्व चैंबर, पेनस्टॉक असेंबली चैंबर, विद्युत गृह और टीआरटी आउटफॉल में गहरी रुचि दिखाते हुए इनका गहन निरीक्षण किया। उन्होंने टिहरी में टिहरी जलविद्युत परियोजना के प्रबंधन और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विस्तृत समीक्षा बैठक की। उनके दौरे का प्रमुख उद्देश्य 1000 मेगावाट की टिहरी एचईपी के प्रचालन और रखरखाव गतिविधियों की प्रगति के साथ-साथ 1000 मेगावाट के टिहरी पंप स्टोरेज संयंत्र पर चल रहे कार्यों की प्रगति का विस्तृत अवलोकन करना था। उन्होंने टीएचडीसी के अधिकारियों द्वारा की जा रही उच्चतम मानकों की ओ एंड एम गतिविधियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि टीएचडीसी न केवल उत्तरी ग्रिड को सस्ती,स्वच्छ और हरित ऊर्जा प्रदान करते हुए बहुमूल्य योगदान दे रहा है, अपितु बाढ़ नियंत्रण के साथ-साथ सिंचाई से संबंधित लाभ पहुंचाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इससेपूरे क्षेत्र का समग्र सामाजिक-आर्थिक उत्थान हो रहा है। भूपेंद्र गुप्ता, निदेशक (तकनीकी) और एलपी जोशी, कार्यपालक निदेशक (टिहरी कॉम्प्लेक्स) ने भारत के जल विद्युत ऊर्जा उत्पादन के बुनियादी ढांचे के महत्वपूर्ण भाग के रूप में निर्मित की जा रही 4म250 मेगावाट टिहरी पीएसपी पर चल रहे कार्यों के बारे में बारीकी से बताया। आरके विश्नोई ने इस बात पर बल देते हुए कहा कि टिहरी पीएसपी देश में सीपीएसयू के द्वारा निर्मित किया जा रहा सबसे बड़ा पंप स्टोरेज प्लांट है और सचिव (विद्युत) का दौरा स्वच्छ और टिकाऊ ऊर्जा समाधानों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। विश्नोई ने आगे कहा कि टीएचडीसी की टिहरी पीएसपी की पहली यूनिट फरवरी 2024 में चालू होने वाली है, इसके बाद विभिन्न चरणों में अन्य इकाइयां शुरू की जाएंगी। उन्होंने कहा कि टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड नवाचारी और टिकाऊ बिजली समाधानों के माध्यम से भारत की ऊर्जा सुरक्षा और सामाजिक- आर्थिक विकास में योगदान देने के अपने मिशन के लिए पूरी तरह समर्पित है।
-अध्यक्ष आरके विश्नोई ने की हिंदी में काम करने की अपील टीएचडीसी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक आरके विश्नोई ने टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड में हिंदी पखवाड़ा समापन एवं पुरस्कार वितरण समारोह के अवसर पर सभी कर्मचारियों से अपना अधिकाधिक सरकारी काम-काज हिंदी में करने की अपील की। इससे पूर्व विश्नोई ने 14 सितंबर को हिंदी दिवस के अवसर पर अपील जारी कर सभी कर्मचारियों को हिंदी में कार्य करने के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित किया। टीएचडीसी में 14 से 29 सितंबर, 2023 तक हिंदी पखवाड़ा मनाया गया, जिसका समापन एवं पुरस्कार वितरण समारोह आज कॉरपोरेट कार्यालय ऋषिकेश में किया गया। इस अवसर पर निगम के निदेशक(कार्मिक), शैलेेंद्र सिंह, कार्यपालक निदेशक (वित्त), एबी गोयल, मुख्य महाप्रबंधक, वीरेेंद्र सिंह ने विजेता कर्मचारियों को पुरस्कृत किया। समापन समारोह के मुख्य अतिथि, विद्युत मंत्रालय की हिंदी सलाहकार समिति के वरिष्ठ सदस्य जीके फरलिया ने उपस्थित कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि हिंदी आधुनिक भारत की पहचान है। कार्यक्रम का संचालन कर रहे उप प्रबंधक (राजभाषा), श्री पंकज कुमार शर्मा ने पूरे कार्यक्रम के बारे में मुख्य अतिथि एवं सभी उपस्थित कर्मचारियों को अवगत कराया। हिंदी पखवाड़ा के दौरान आयोजित हुई हिंदी निबंध प्रतियोगिता में किरन सिंह, भू वैज्ञानिक, नोटिंग ड्राफ्टिंग में आनंद कुमार अग्रवाल, वरि प्रबंधक, अनुवाद में वैभव विद्यांश, कार्यपालक प्रशिक्षु, सुलेख में जितेंद्र जोशी, प्रबंधक, कविता पाठ में सुरेंद्र सिंह नेगी, सहायक प्रथम रहे। अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए अलग-अलग आयोजित की गई हिंदी ई-मेल प्रतियोगिता में श्री पंकज विश्वकर्मा, वरि प्रबंधक एवं शीला देवी, उप अधिकारी प्रथम रहे। पखवाड़ा के दौरान नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति के सदस्य संस्थानों के लिए राजभाषा हिंदी एवं सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया, जिसमें बीएचईएल हरिद्वार के आशीष कुमार, अभियंता प्रथम रहे। इनके साथ ही विभिन्न प्रोत्साहन योजनाओं के अंतर्गत भी कर्मचारियों को पुरस्कृत किया गया। हिंदी में सर्वाधिक कार्य करने विभागाध्यक्षों की श्रेणी में एके गोयल, उप मुख्य सतर्कता अधिकारी, सर्वाधिक डिक्टेशन की श्रेणी में मुकेश वर्मा, अपर महाप्रबंधक (मा.सं-भर्ती), मूल रूप से टिप्पणी लेखन में शिव प्रसाद व्यास, वरि. अधिकारी (मा.सं.) एवं हिमांशु असवाल, वरिष्ठ प्रबंधक प्रथम रहे। इस अवसर पर हिंदी नोडल अधिकारियों को भी पुरस्कृत किया गया। अनुभाग को अंतर विभागीय चल राजभाषा ट्राफी प्रदान की गई। समारोह में निदेशक (कार्मिक), शैलेंद्र सिंह ने निदेशक (कार्मिक) ने अपने संबोधन में सभी विजेता कर्मचारियों को बधाई देते हुए सभी कर्मचारियों से अपना समस्त सरकारी कामकाज हिंदी में करने के लिए राजभाषा विभाग के दिशा-निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने का आग्रह किया। समारोह में कारपोरेट कार्यालय के बड़ी संख्या में अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
13 वर्ष पुरानी शूलिनी यूनिवर्सिटी ने लगातार दूसरे वर्ष प्रतिष्ठित टाइम्स हायर एजुकेशन (टीएचई) द्वारा 2024 के लिए जारी ग्लोबल रैंकिंग में देश के सभी प्राइवेट यूनिवर्सिटीज में टॉप स्थान हासिल किया है। शूलिनी यूनिवर्सिटी ने दो पैरामीटर्स-रिसर्च क्वालिटी और इंटरनेशनल आउटलुक में भी भारत में नंबर एक स्थान हासिल किया है। इसने सब-पैरामीटर्स में से एक, यानी रिसर्च स्ट्रेंथ में भी 100 अंक हासिल किए। जबकि इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी को देश में टॉप इंस्टिट्यूट घोषित किया गया था, चार इंस्टिट्यूट्स को 501-600 ग्लोबल कैटेगरी में रखा गया था, जिसमें शूलिनी यूनिवर्सिटी, सोलन, अन्ना यूनिवर्सिटी, जामा मिल्लिया इस्लामिया और महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट दूसरे स्थान पर थे। हालांकि, शूलिनी ने 44.85 अंकों का ओवरऑल स्कोर हासिल करके कैटेगरी में अन्य तीन का प्रतिनिधि किया। महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी को 44.22, जामिया को 43.49 और अन्ना यूनिवर्सिटी को 42.36 अंक मिले। यह उन सभी आईआईटी से भी आगे है जिन्होंने इस साल रैंकिंग में हिस्सा लिया था। इस वर्ष की रैंकिंग में कटौती करने वाले भारतीय विश्वविद्यालयों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, पिछले वर्ष के 75 की तुलना में 91 विश्वविद्यालयों को स्थान मिला है। चांसलर प्रो. पीके खोसला ने उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए फैकल्टी मेंबर्स और रिसर्चर्स की सराहना करते हुए, उनसे अगली बार और भी बेहतर स्कोर के लिए कड़ी मेहनत करने के लिए कहा। प्रो. चांसलर विशाल आनंद ने कहा कि रैंकिंग निरंतर गुणवत्ता का एक स्पष्ट संकेतक है जो शूलिनी लर्निंग, रिसर्च और इन्नोवेशन के विभिन्न पैरामीटर्स पर कम्युनिटी को प्रदान करने में सक्षम है। मेरा दृढ़ विश्वास है कि आने वाले वर्षों में ग्लोबल टॉप 200 यूनिवर्सिटी बनाने का हमारा लक्ष्य हासिल हो जाएगा। वाईस चांसलर प्रो. अतुल खोसला ने फैकल्टी और रिसर्चर्स को बधाई दी और कहा कि शूलिनी यूनिवर्सिटी सभी आईआईटी से आगे गर्व से खड़ा है, जो अग्रणी अनुसंधान के प्रति हमारे अटूट समर्पण को रेखांकित करता है। उन्होंने यह भी बताया कि यूनिवर्सिटी ने रिसर्च, क्वालिटी और इंटरनेशनल आउटलुक के पैरामीटर्स में भारत में नंबर 1 स्थान हासिल किया है। हाल ही में टीएचई ने सर्वश्रेष्ठ लघु विश्वविद्यालयों की रैंकिंग, 2023 के तहत शूलिनी यूनिवर्सिटी को विश्व स्तर पर 19वां और भारत का नंबर 1 निजी विश्वविद्यालय का दर्जा दिया था। कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी को दुनिया में शीर्ष स्थान दिया गया था, जबकि आईआईएससी बैंगलोर को विश्व स्तर पर 10वां और भारत में नंबर एक स्थान दिया गया था।
हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश, बाढ़ एवं भूस्खलन से आई आपदा से निपटने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा गठित आपदा राहत कोष-2023 में असम सरकार ने 10 करोड़ रुपये की सहायता राशि का अंशदान किया है। इस राशि का एक चेक आज यहां असम के वन मंत्री चन्द्र मोहन पटोवारी ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को भेंट किया। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने असम सरकार का इस सहायता राशि के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि आपदा की इस घड़ी में प्रभावितों को मदद प्रदान करने में यह सहायता राशि कारगर साबित होगी। उन्होंने स्वयंसेवी संस्थाओं एवं आम जनता से इस कोष में अधिक से अधिक अंशदान का भी आग्रह किया है, ताकि प्रभावितों को यथासंभव सहायता प्रदान की जा सके।
कहा, बीबीएमबी निदेशक मंडल में हिमाचल को मिले पूर्णकालिक सदस्य का दर्जा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि पड़ोसी राज्यों के साथ हिमाचल के हितों से संबंधित विभिन्न मामलों को त्वरित सुलझाया जाए और आपदा से प्रभावित हिमाचल को शीघ्र विशेष राहत पैकेज उपलब्ध करवाया जाए। मुख्यमंत्री आज अमृतसर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की 31वीं बैठक को संबोधित कर रहे थे। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इस वर्ष भारी बारिश से राज्य में 12000 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ है। इस अकल्पनीय आपदा में 441 से अधिक लोग काल का ग्रास बन गए और लगभग 13000 घर पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेशवासियों के सहयोग से तत्काल राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया। प्रभावितों के लिए आपदा राहत कोष-2023 स्थापित किया गया। उन्होंने कहा कि ऐसी आपदा के समय देश के प्रत्येक राज्य को राहत राशि प्रदान करने में कोई कमी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि हिमाचल को शीघ्र विशेष राहत पैकेज प्रदान किया जाए ताकि हिमाचल के पुनर्निर्माण में उचित सहायता प्राप्त हो सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय तथा राज्य स्तर पर आपदा राहत कोष के प्रचलित मानदंड वर्तमान में हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्य की पुनर्निर्माण प्रक्रिया को प्रभावित कर रहे हैं क्योंकि प्रदेश की भौगोलिक परिस्थिति के मद्देनजर राज्य को अधिक सहायता राशि की आवश्यकता है। उन्होंने इन मानदंडों में व्यवहारिक संशोधन की मांग भी की। उन्होंने आपदा राहत कोष में सहायता के लिए हरियाणा एवं राजस्थान सरकार का आभार भी व्यक्त किया। उन्होंने हिमाचल में स्थापित 100 मेगावाट की शानन जलविद्युत परियोजना को मार्च, 2024 में लीज की अवधि समाप्त होने पर हिमाचल को सौंपने में पंजाब सरकार से सहयोग मांगा। इस विषय में केंद्र सरकार से भी आग्रह किया गया है। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राष्ट्र निर्माण में हिमाचल ने सदैव अपना पूर्ण योगदान दिया है और जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण से राज्य के लोगों को अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है। उन्होंने कहा कि भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) की परियोजनाओं में हिमाचल की 7.19 प्रतिशत हिस्सेदारी के दृष्टिगत प्रदेश को बीबीएमबी निदेशक मंडल में पूर्णकालिक सदस्य का दर्जा प्रदान किया जाना आवश्यक है। उन्होंने बीबीएमबी परियोजनाओं में हिमाचल के लिए 12 प्रतिशत नि:शुल्क ऊर्जा रॉयल्टी प्रदान करने तथा राष्ट्रीय जल विद्युत निगम, राष्ट्रीय ताप ऊर्जा निगम और सतलुज जल विद्युत निगम जैसे केंद्रीय उपक्रमों की जल विद्युत परियोजनाओं में हिमाचल की वर्तमान 12 प्रतिशत रॉयल्टी को बढ़ाकर 30 प्रतिशत करने का आग्रह किया। उन्होंने हिमाचल को सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के अनुरूप बीबीएमबी से बकाया लगभग 4000 करोड़ रुपए अविलंब दिलवाने का भी आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में स्थापित विभिन्न बांध प्रबंधनों द्वारा जल छोड़ने से पहले उचित पूर्व चेतावनी प्रणाली का उपयोग करने और जलप्लावन मान चित्रण (पदनदकंजपवद उंचचपदह) करवाने की आवश्यकता पर बल दिया। प्रदेश में हाल ही में आपदा के समय पौंग बांध, पंडोह डैम और पार्वती-3 बांध से अचानक भारी मात्रा में पानी छोड़ने से व्यापक स्तर पर तबाही हुई है। उन्होंने कहा कि इस नुकसान की भरपाई करना और पुनर्वास कार्यों में स्वेच्छा से सहभागिता सुनिश्चित बनाना इन बांध प्रबंधनों का नैतिक उत्तरदायित्व है। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बैठक में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के साथ सीमा विवादों को शीघ्र सुलझाने की केंद्रीय गृह मंत्री से मांग की। उन्होंने कहा कि मोहाल ठेका धार पधरी में प्रदेश के जिला चम्बा और जम्मू-कश्मीर तथा सरचू में हिमाचल और लद्दाख के मध्य सीमा विवाद लंबित हैं। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि परिषद की पिछली बैठक में लिए गए निर्णयों पर हिमाचल सरकार ने ठोस कार्य किया है। नशा रोकथाम अभियान, पर्यटन विकास, पर्यावरण संरक्षण और नदियों को प्रदूषण मुक्त करने जैसे क्षेत्रों में अनेक महत्वपूर्ण पहल की हैं। मुख्यमंत्री ने आशा जताई कि परिषद की यह बैठक सदस्य राज्यों के आपसी तालमेल एवं सहयोग को और मजबूत कर आर्थिक एवं सामाजिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देगी। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, केंद्रशासित चंढीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित, दिल्ली के उप राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना, केंद्रशासित जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा, केंद्रशासित लद्दाख के उप-राज्यपाल बीडी मिश्रा सहित अन्य सदस्य राज्यों के वरिष्ठ मंत्री, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा सहित अन्य राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी इस बैठक में उपस्थित थे
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज अमृतसर में निवास कर रहे हिमाचल के हमीरपुर जिला के नादौन विधानसभा क्षेत्र सहित प्रदेश के अन्य लोगों से भेंट की। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि हिमाचल की अपनी विशिष्ट संस्कृति है और सभी प्रदेशवासियों को अपनी परंपराओं एवं लोकाचार का सदैव पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिमाचल के लोग पूरे विश्व में अपने सरल व सहज व्यवहार एवं कार्यकुशलता के लिए जाने जाते हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री को हिमाचली कल्याण सभा के तत्वावधान में अमृतसर में निवास कर रहे नादौन विधानसभा क्षेत्र एवं हिमाचल के अन्य निवासियों की ओर से सभा के सदस्य गौरव शर्मा ने मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए 2 लाख 21 हजार रुपए के चेक भेंट किए। मुख्यमंत्री ने इस पुण्य कार्य के लिए हिमाचल कल्याण सभा के अमृतसर के सभी सदस्यों एवं अन्य दानी सज्जनों का आभार प्रकट करते हुए आशा व्यक्त की कि इससे अन्यों को भी आपदा की इस घड़ी में प्रदेश की सहायता करने की प्रेरणा मिलेगी। सभा के सदस्यों की ओर से इस अवसर पर मुख्यमंत्री को सम्मानित किया गया और ऐतिहासिक दुर्गियाना मंदिर की प्रतिकृति भेंट की गई।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज अमृतसर के जलियांवाला बाग में देश की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले असंख्य सेनानियों को कृतज्ञ प्रदेशवासियों की ओर से भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि 13 अप्रैल, 1919 को जलियांवाला बाग में रॉलेट अधिनियम के विरोध में तथा स्वतंत्रता सेनानियों सैफुदीन किचलू और सत्यपाल की रिहाई के लिए शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हजारों लोगों पर अंधाधुंध गोलियां बरसाने की तत्कालीन ब्रिटिश सरकार की नृशंस कार्रवाई के जख्म आज भी नहीं भरे हैं। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को ऐसे अमानवीय कृत्यों को सदैव स्मरण रखना होगा। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर जलियांवाला बाग से जुड़ी प्रत्येक निशानी का सूक्ष्म अवलोकन भी किया। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज पंजाब के सीमांत जिला अमृतसर के सुप्रसिद्ध एवं जन-जन की आस्था के प्रतीक दुर्गियाना मंदिर में प्रदेशवासियों के उज्जवल भविष्य, सुख और समृद्धि की कामना की। मां दुर्गा को समर्पित यह मंदिर देश-विदेश के भक्तों की आस्था का प्रतीक है। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भारतीय जीवन पद्धति में मां का स्थान सर्वोच्च है और मां के प्रति समर्पण, सफलता एवं आरोग्य की कुंजी है। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज अमृतसर में ऐतिहासिक एवं विश्व प्रसिद्ध स्वर्ण मंदिर में शीश नवाया और सभी के सुखमय जीवन, अच्छे स्वास्थ्य और बेहतर भविष्य की प्रार्थना की। स्वर्ण मंदिर समूचे विश्व में हरमंदिर साहिब तथा श्री दरबार साहिब के नाम से विख्यात है और यहां देश-विदेश से करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु शीश नवाने पहुंचते हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वर्ण मंदिर हमारी आस्था और समर्पण का प्रतीक है तथा यहां मनुष्य को कर्म की प्रधानता और भारतीय संस्कृति की विशालता का बोध होता है। उन्होंने कहा कि गुरुओं की शिक्षाओं की प्रासंगिकता आज पहले से कहीं अधिक है। उन्होंने कहा कि हम सभी गुरुओं के दिखाए मार्ग पर चलकर जीवन के वास्तविक लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। इस अवसर पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति की ओर से मुख्यमंत्री का हरमंदिर साहब में स्वागत किया गया और उन्हें स्वर्ण मंदिर के इतिहास की विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। समिति द्वारा मुख्यमंत्री को स्वर्ण मंदिर की प्रतिकृति और धार्मिक पुस्तकों का सेट भी भेंट किया गया। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।
मुख्य्मंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज पंजाब के अमृतसर में ऐतिहासिक वाघा बॉर्डर पर भव्य बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी का अवलोकन किया। वाघा बॉर्डर पर प्रत्येक दिन भारतीय सीमा सुरक्षा बल और पाकिस्तान के सुरक्षा बल द्वारा बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी का आयोजन किया जाता है। मुख्यमंत्री ने देश के कोन-कोने से आए लोगों के साथ इस सेरेमनी का आनंद उठाया। उन्होंने बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी में हिस्सा लेने वाले जवानों को मिठाइयां बांटी और उनके शौर्य और समर्पण की सराहना की। मुख्यमंत्री अटारी-वाघा बॉर्डर में जीरो पॉइंट पर भी गए। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना और अर्धसैनिक बलों ने आवश्यकता पड़ने पर हर बार अपने प्राणों की आहुति देकर देश की अखंडता और संप्रभुता को अक्षुण्ण रखा है। उन्होंने कहा कि अपने सैनिकों पर हम सभी को गर्व है। आईजी जालंधर रेंज बीएसएफ व हिमाचल काडर के आईपीएस अधिकारी डॉ. अतुल फुलझेले ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री का स्वागत किया और उन्हें एक पौधा भेंट किया। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर विनय कुमार सक्सेना, हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, अन्य गणमान्य व्यक्ति तथा बड़ी संख्या में देश विदेश के नागरिक उपस्थित थे।
टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के निदेशक (कार्मिक) शैलेंद्र सिंह ने वेल्हम गर्ल्स स्कूल देहरादून में उदयन शालिनी फेलोशिप के 16वें इंडक्शन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। शैलेंद्र सिंह, निदेशक (कार्मिक) ने अपने संबोधन में उदयन केयर ट्रस्ट की दूरदर्शी संस्थापक डॉ. किरण मोदी के 'मेकिंग यंग लाइवस शाइनÓ के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता के उल्लेखनीय प्रयासों की सराहना की। उदयन केयर का लक्ष्य समाज के उन वंचित वर्गों के जीवन में रोशनी लाना है, जिन्हें सहारे की आवश्यकता है। सन 1994 में सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट के रूप में पंजीकृत, उदयन केयर भारत के 15 राज्यों के 36 शहरों में कमजोर बच्चों, महिलाओं और युवाओं को सशक्त बनाने के लिए काम करता है। इंडक्शन समारोह के दौरान शैलंद्र सिंह ने उदयन शालिनी फेलोशिप कार्यक्रम के लिए चयनित 40 युवा शालिनी को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर, शिक्षा और सशक्तिकरण के सर्वोपरि महत्व पर प्रकाश डालते हुए शैलेेंद्र सिंह ने एक महत्वपूर्ण उद्धरण साझा किया कि एक महिला को शिक्षित करना, एक पीढ़ी को शिक्षित करना है। शैलेंद्र सिंह के इन प्रेरक शब्दों ने भविष्य को आकार देने में महिलाओं द्वारा निभाई जाने वाली महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। निदेशक ने भारत में चल रहे एक उल्लेखनीय परिवर्तन पर भी प्रकाश डाला, जहां युवा महिलाएं साहसपूर्वक लैंगिक पूर्वाग्रहों को खत्म कर रही हैं और विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्धि के नये नये आयाम हासिल कर रही हैं। उनका प्रेरक संदेश एकदम स्पष्ट था कि खुद पर विश्वास करो। अपने सपनों पर विश्वास करो। आपका भाग्य स्वयं आपके हाथ में है। उन्होंने कहा कि आपसी सहयोग और सशक्तिकरण की पेशकश करके, हम सामूहिक रूप से एक ऐसी दुनिया का निर्माण कर सकते हैं जहां प्रत्येक व्यक्ति को अपनी पूरी क्षमता के साथ अपना विकास करने के अवसर मिल सके।
युवा वैज्ञानिक पंकज अत्रि की एक और बड़ी उपलब्धि **अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर फिर चमकाया प्रदेश का नाम, Young Resercher Award के लिए चयनित **नैना टिककर से संबंध रखते है पंकज ** कई अंतरराष्ट्रीय शोध पत्र हो चुके है प्रकाशित ** हिमाचल के छोटे से गांव से निकलकर वैश्विक पटल पर बनाई पहचान
आज गणेश चतुर्थी के दिन नए संसद भवन में कामकाज शुरू होगा। पुरानी संसद में सोमवार 18 सितंबर को कार्यवाही का अंतिम दिन था। स्पेशल सेशन के बाद कल शाम 6:30 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट मीटिंग हुई। वहीँ बीती शाम महिला आरक्षण बिल को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल ने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट करके बिल को मंजूरी मिलने की बात कही। हालांकि, कुछ देर बाद उन्होंने ट्वीट डिलीट कर दिया। चर्चा इस बात की भी है कि केंद्र सरकार लोकसभा में 180 सीटें बढ़ा सकती है। फिलहाल लोकसभा में 543 सीटें हैं। अगर सरकार सीटें बढ़ाने का फैसला लेती है तो यह आंकड़ा बढ़कर 743 हो जाएगा। इस बीच महिला आरक्षण बिल पर अब पार्टियों के बीच क्रेडिट लेने की होड़ मच गई है। सोनिया गांधी मंगलवार को संसद भवन पहुंचीं और मीडिया से बातचीत में कहा कि महिला आरक्षण बिल कांग्रेस का दिया हुआ है। भाजपा सांसदों का कहना है कि मोदी है तो मुमकिन है। संसद में महिलाओं के आरक्षण का प्रस्ताव करीब 3 दशक से पेंडिंग है। यह मुद्दा पहली बार 1974 में महिलाओं की स्थिति का आकलन करने वाली समिति ने उठाया था। 2010 में मनमोहन सरकार ने राज्यसभा में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण बिल को बहुमत से पारित करा लिया था। किन्तु तब सपा और राजद ने बिल का विरोध करते हुए तत्कालीन सरकार से समर्थन वापस लेने की धमकी दे दी थी। इसके बाद बिल को लोकसभा में पेश नहीं किया गया। बहरहाल यह बिल पास हुआ तो अगले लोकसभा चुनाव के बाद सदन में हर तीसरी सदस्य महिला होगी।
मिनर्वा कॉलेज ऑफ एजुकेशन इंदौरा के वी.एड तृतीय सत्र के प्रशिक्षु अध्यापकों ने शिक्षण प्रक्रिया के दौरान विभिन्न गवर्नमेंट स्कूलों में 16 सितंबर अंतर्राष्ट्रीय ओजोन परत संरक्षण दिवस के अवसर पर विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं कोआयोजित किया।जिसमें पौधारोपण,भाषण,प्रतियोगिता, पोस्टर, ,मेकिंग इत्यादि प्रतियोगिताओं को कराया गया।कार्यक्रम का उद्देश्य ओजोन परत सुरक्षा के प्रति जागरूकता लाना है।इस दौरान स्कूलोे के प्रिंसिपल्स ने पर्यावरण और ओजोन संरक्षण के बारे में बताया।इस कार्यक्रम में कई छात्रों व शिक्षकों ने "ओजोन परत रिक्तीकरण एवं उसका प्रभाव" विषय पर व्याख्यान दिया।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सौरव चौहान ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने पूरे देश के समक्ष एक मिसाल पेश करते हुए भारी बारिश एवं भूस्खलन से आई आपदा से जूझ रहे हिमाचल प्रदेश के लिए अपनी समस्त जमा पूंजी की 51 लाख रुपये की धनराशि आपदा राहत कोष-2023 में दान कर दी है। सौरव चौहान ने कहा कि ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू देश और प्रदेश के ऐसे पहले मुख्यमंत्री बने गए हैं जो अपनी नहीं, बल्कि जनता को सुखी देखना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि सुखविंदर सिंह सुक्खू संभवतया देश के ऐसे पहले मुख्यमंत्री बन गए हैं, जिन्होंने पद पर रहते हुए अपनी निजी जमा पूंजी सरकार को आपदा से निपटने के लिए दान में दी है। सौरव चौहान ने कहा कि इससे पहले भी सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सामाजिक सरोकार को अधिमान देते हुए धन दान किया है। कोरोना काल में विधायक के तौर पर उन्होंने एक साल का वेतन और अपनी एफडीआर तोड़कर भी 11 लाख रुपये की धनराशि राज्य सरकार को महामारी से लड़ने के लिए दान में दी थी। उन्होंने कहा कि हिमाचल में प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान के बाद मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू अपनी टीम के साथ प्रदेश को रिस्टोर करने में जुटे हैं। सौरव चौहान ने मुख्यमंत्री की इस मिसाल से खुशी जाहिर करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से धन्यवाद किया।
-उत्तराखंड सरकार के मंत्री सुबोध उनियाल ने किया चैंपियनशिप का शुभारंभ -टिहरी में 17 सितंबर तक चलेगी बहुप्रतीक्षित चार दिवसीय प्रतियोगिता टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड, अनुसूची-ए, मिनी-रत्न, सार्वजनिक क्षेत्र अंडरटेकिंग के तत्वावधान में बहुप्रतीक्षित चार दिवसीय आयोजन टिहरी वाटर स्पोर्ट्स कप 2023 का आगाज 14 सितंबर को हुआ। प्रतियोगिता 17 सितंबर तक टेहरी में आयोजित की जा रही है। इस प्रतिष्ठित चैंपियनशिप का उद्घाटन उत्तराखंड सरकार में वन, भाषा, चुनाव और तकनीकी शिक्षा मंत्री सुबोध उनियाल ने किया। किशोर उपाध्याय, विधायक टेहरी-गढ़वाल सोना सजवान, चेयरमैन, जिला पंचायत टेहरी-गढ़वाल, मयूर दीक्षित, जिलाधिकारी टेहरी-गढ़वाल,नवनीत सिंह, एसएसपी टेहरी-गढ़वाल, भूपेंद्र गुप्ता, निदेशक (तकनीकी) टीएचडीसीआईएल, एलपी जोशी, ईडी (टेहरी कॉम्प्लेक्स), प्रशांत कुशवाहा, अध्यक्ष, भारतीय कायाकिंग एंड कैनोइंग एसोसिएशन, एसबी शर्मा, आईजी आईटीबीपी, डॉ. डीके उत्तराखंड ओलंपिक संघ के महासचिव सिंह सहित अन्य प्रतिष्ठित गणमान्यों ने इस अवसर की शोभा बढ़ाई। सुबोध उनियाल ने अपने संबोधन में टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड को इस उल्लेखनीय राष्ट्रीय स्तर के खेल आयोजन के लिए हार्दिक प्रशंसा की, उन्होंने यह भी कहा कि टीएचडीसी भारत का एक अग्रणी पावर जनरेटर है, जो देश को शक्ति प्रदान करने और खेल की उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने जोर दिया कि ये खेल के प्रयास केवल प्रतियोगिताएं नहीं, बल्कि अमूल्य मंच हैं जो खिलाड़ी कौशल को बढ़ावा देते हैं और प्रतिभागियों के बीच सहनशक्ति को बढ़ावा देते हैं। अपने संबोधन के दौरान भूपंद्र गुप्ता, निदेशक (तकनीकी) ने पूरे भारत में समग्र सामाजिक विकास और समावेशीता के लिए टीएचडीसी की अथक प्रतिबद्धता को निरस्त किया। उन्होंने प्रकाश डाला कि यह समर्पण टेहरी वाटर स्पोर्ट्स कप-2023 जैसे प्रतिष्ठित राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खेल कार्यक्रमों के आयोजन में बढ़ता है। उन्होंने और जानकारी दी कि यह प्रतियोगिता महत्वपूर्ण महत्वपूर्ण है क्योंकि यह आगामी राष्ट्रीय वरिष्ठ वर्ग पुरुष और महिला कायाकिंग और कैनोइंग चैम्पियनशिप के लिए क्वालीफाइंग टूर्नामेंट के रूप में काम करती है, जो इस वर्ष अक्टूबर के अंत में गोवा में आयोजित की जाएगी। टीएचडीसीआईएल के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक विश्नोई के गतिशील मार्गदर्शन के तहत, टीएचडीसीआईएल सामरिक रूप से विभिन्न ऊर्जा क्षेत्रों में विस्तार और विविधीकरण के लिए स्थित है, जिसमें सौर, पवन, थर्मल, पम्पड स्टोरेज पावर (पीएसपी), और हाइड्रो शामिल हैं। यह रणनीतिक दृष्टिकोण सतत सामाजिक विकास को सर्वोपरि महत्व देते हुए राष्ट्र की ऊर्जा की आवश्यकताओं को पूरा करने में टीएचडीसीआईएल की प्रमुख भूमिका को अंडरस्कोर करता है। गुप्ता ने यह भी उल्लेख किया कि राष्ट्रीय खेल 2023 के लिए उत्तीर्ण होने के उद्देश्य से 28 राज्यों और सेवाओं के लगभग 450 पुरुष और महिला एथलीट इस प्रतियोगिता में अपनी उत्कृष्ट प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे। यह कार्यक्रम आईटीबीपी के तकनीकी सहयोग से टीएचडीसीआईएल द्वारा आयोजित किया जा रहा है, खेल और पर्यटन विभाग, सरकार के सहयोग से। भारतीय कायाकिंग एंड कैनोइंग एसोसिएशन और उत्तराखंड ओलंपिक एसोसिएशन के मार्गदर्शन के साथ उत्तराखंड की स्थानीय पुलिस और प्रशासन। इस अवसर पर बोलते हुए आरके टीएचडीसीआईएल के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक विश्नोई ने बताया कि कोटी कॉलोनी, टेहरी में एक हाई-परफॉर्मेंस अकादमी की स्थापना लगभग चार करोड़ रुपये की लागत से की जा रही है। यह अकादमी उत्तराखंड में 13 से 17 वर्ष के प्रतिभाशाली एथलीटों को मुफ्त भोजन, कपड़े, प्रशिक्षण, आवास, चिकित्सा सुविधाएं और स्कूल सेवाएं प्रदान करेगी, जिससे वे खेल क्षेत्र में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्टता प्राप्त करने में सक्षम होंगे। इसके अलावा कोटेश्वर बांध परिसर में इन एथलीटों के लिए 10त्न कोटा आरक्षित किया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि अकादमी का निर्माण पूरा होने के करीब है, और उम्मीद है कि इन प्रस्तावों पर समझौतों पर जल्द ही हस्ताक्षर किए जाएंगे। उच्च प्रदर्शन अकादमी क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिभाशाली एथलीटों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कोचों और वैज्ञानिक सुविधाओं के साथ प्रशिक्षण प्रदान करेगी, जिसमें उन्होंने कहा कि एक अनुमानित वार्षिक खर्च चार करोड़ रुपये (रु.) के साथ। विश्नोई ने यह भी जानकारी दी कि एक अंतर्राष्ट्रीय खेल विनिमय कार्यक्रम लागू किया जाएगा, जिससे हमारे एथलीटों और विदेशी एथलीटों को आपसी प्रशिक्षण और तकनीकी विशेषज्ञता से लाभ मिल सके। यह पहल न केवल हमारे राज्य और राष्ट्रीय एथलीटों को अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए तैयार करेगी बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर और पर्यटन लाभ भी प्रदान करेगी। अकादमी शुरू में 15 पुरुष और 15 महिला प्रशिक्षुओं को उनके प्रदर्शन के आधार पर भर्ती करेगी, जिसमें अकादमी की खेल विशेषज्ञ समिति द्वारा प्रदान किए गए प्रशिक्षण के लिए अधिक सिफारिशों के साथ। ये प्रशिक्षण केंद्र विश्व स्तरीय खेल उपकरणों, वैज्ञानिक तकनीकों, कोच और आरामदायक जीवन व्यवस्थाओं से सुसज्जित होंगे ताकि विश्व स्तर पर भारत की प्रतिष्ठा चमकाने और बढ़ाने के लिए भारत के सर्वश्रेष्ठ एथलीटों को तैयार किया जा सके। आर के. टीएचडीसीआईएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक विश्नोई ने कहा कि ये पहल खेल प्रतिभाओं को पोषण, सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने और राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खेल मंच पर उत्तराखंड की उपस्थिति को बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण कदम है। महत्वपूर्ण तौर पर, ये प्रयास खेल और आर्थिक परिदृश्य दोनों को मजबूत करते हुए रोजगार के अवसर उत्पन्न करने और क्षेत्र में पर्यटन को उत्तेजित करने का वादा करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ये पहल न केवल राज्य के एथलीटों को बढ़ाने के लिए बल्कि स्थानीय समुदाय के लिए अवसर पैदा करने के लिए वादा करती है, जो क्षेत्र में खेल और पर्यटन दोनों को बढ़ावा देती है।
भोपाल में हुई बैठक में विदिशा के चुनाव प्रभारी ने पार्टी नेतृत्व को दिलाया भरोसा मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के भोपाल स्थित निजी आवास पर आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर रणनीतिक बैठक का आयोजन हुआ। इस बैठक में मध्य प्रदेश के प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला, केसी वेणुगोपाल, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के साथ हिमाचल प्रदेश के कांग्रेस कमेटी के कोषाध्यक्ष व विदिशा के प्रभारी डॉक्टर राजेश शर्मा भी उपस्थित रहे। इस बैठक में आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी की जीत के लिए आवश्यक पग उठाने के साथ बूथ लेवल से लेकर सोशल मीडिया तक पार्टी की मजबूती के लिए मंथन किया गया। साथ ही आम जनमानस तक कांग्रेस पार्टी के विचारों व नीतियों को पहुंचाने का खाका तैयार किया गया। अैठक में डॉक्टर राजेश शर्मा ने अपने विचार रखे व कांग्रेस पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिए प्रण लिया। डॉक्टर राजेश शर्मा ने कांग्रेस नेतृत्व को आश्वस्त किया कि आगामी चुनावों में विदिशा ही नहीं, बल्कि पूरे मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी विजय होकर सत्ता पर काबिज होगी। राजेश शर्मा ने विदिशा के प्रत्येक बूथ पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मिलने के लिए तैयार की गई रूपरेखा के बारे में भी केंद्रीय व प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व को जानकारी दी।
टीएचडीसीआईएल ने 4 सितंबर को अपने सम्मानित व्यवस्थापकों और निवेशकों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की, जिसमें कंपनी के द्वारा इमीनेंट बांड जारी करने की तैयारी में पारदर्शिता और सहयोग के प्रति प्रतिबद्धता जारी की गई। बैठक के दौरान कंपनी ने अपनी विकास संभावनाओं और वित्तीय स्थिति का व्यापक प्रस्तुतीकरण किया। इस बैठक के माध्यम से कंपनी के मूल्यवान व्यवस्थापकों और निवेशकों के साथ सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान किया गया, जिससे कंपनी की रणनीतिक दिशा की गहरी समझ को बढ़ावा मिला। इस बैठक में मुख्य सत्र जे बेहेरा, निदेशक (वित्त) के नेतत्ृव में टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड टीम का व्यापक एवं उपयोगी विचार-विमर्श रहा। बेहेरा ने अपने संबोधन से टीएचडीसीआईएल की विस्तार रणनीतियों और क्रेडिट रेटिंग से संबंधित अनेक प्रश्नों का उत्तर दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि इस प्रकार की बातचीत कंपनी के बारे में अपने हितधारकों को पूर्ण रूप से संसूचित करने एवं कंपनी की वित्तीय रणनीतियों में उनके विश्वास को प्रोत्साहित करने की हमारी प्रतिबद्धता का उदाहरण प्रस्तुत करती है। बेहेरा ने बताया कि हमारी आगामी परियोजनाओं के चालू होने से कंपनी की क्रेडिट रेटिंग में उल्लखेनीय वृद्धि होने की आशा है। यह विकास हमारी वित्तीय स्थिति को मजबूत करने और हमारे निवेशकों को बेहतर मूल्य प्रदान करने की हमारी प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। इन चर्चाओं के अलावा, बैठक में आगामी बांड बोली प्रक्रिया के लिए शीघ्र तिथि निश्चित करने पर भी ध्यान केंद्रित किया गया। यह बैठक उत्पादनपरक बातचीत को बढ़ावा देने और कंपनी के वित्तीय दृष्टिकोण स्पष्टता जाहिर करने के लिए हमारे सक्रिय दृष्टिकोण र्का प्रतीक है। वहीं, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक आरके विश्नोई ने बैठक की उपयोगिता पर बल देते हुए कहा कि अपनी कमीशन की गई परियोजनाओं के उत्कृष्ट अनुरक्षण के साथ-साथ विद्युत परियोजना का विकास हमारी मुख्य शर्त है।
महिला मोर्चा ने केंद्र की नीतियों व पार्टी विचार को लेकर दिया प्रशिक्षण भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा ने राष्ट्रीय स्तर महिला मोर्चा को सोशल मीडिया की तकनीक में माहिर बनाने के लिए राष्ट्रीय बैठक का आयोजन पार्टी के मुख्यालय दिल्ली में किया गया। इसका शुभारंभ भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष वानथी श्रीनिवासन ने किया। इस बैठक में महिला मोर्चा की देश भर से महिला प्रतिनिधियों ने भाग लिया। वहीं, हिमाचल से भाजपा महिला मोर्चा आईटी व सोशल मीडिया की संयोजक वर्षा ठाकुर, कांगड़ा चंबा क्षेत्र की संयोजक सीमा चंदेल व शिमला क्षेत्र से रचना शर्मा ने हिमाचल के प्रतिनिधित्व करते हुए भाग लिया। बैठक में महिला मोर्चा की सोशल मीडिया की गतिविधियों को लेकर जहां जानकारी दी गई, किस प्रकार से पार्टी के प्रचार व विचार को आगे रखना है, सोशल मिडिया का सकारात्मक प्रयोग करते हुए लोगों तक बात पहुंचानी है,वहीं केंद्र सरकार ने किस प्रकार से महिला सशक्तिकरण के लिए काम किया है, महिलाओं के लिए क्या-क्या नीतियां बनाई है ,किस प्रकार से उन नीतियों को घर-घर तक पहुंचना है, उसको लेकर के भी विशेष जानकारी दी गई। पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व द्वारा बेहतर रूप से इस कार्यशाला बैठक में प्रशिक्षण दिया गया, निश्चित रूप से इस प्रशिक्षण का आने वाले समय में भाजपा महिला मोर्चा को हिमाचल में अपने कार्य व नीतियों को आगे बढ़ने व प्रचार में मदद मिलेगी। बैठक में भाग लेने गई भाजपा महिला मोर्चा की प्रतिनिधि वर्षा ठाकुर,रचना शर्मा व सीमा चंदेल ने कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व का एक सराहनीय प्रयास रहा है, राष्ट्रीय स्तर की इस बैठक में अनेक महत्वपूर्ण जानकारियां दी गई हैं, जिसका लाभ हिमाचल प्रदेश को भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि हिमाचल महिला मोर्चा की अध्यक्ष वंदना योगी के नेतृत्व में संगठन को मजबूत बनाने में सोशल मीडिया की यह बैठक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी।
भारी बारिश के कारण प्रदेश में जारी आपदा की स्थिति से प्रभावशाली तरीके से निपटने में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा आगे बढ़कर सक्रिय नेतृत्व प्रदान करने की नीति आयोग ने सराहना की है। विश्व बैंक के बाद अब नीति आयोग ने आपदा की इस घड़ी में मुख्यमंत्री के कुशल प्रबन्धन की प्रशंसा की है। नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन के. बेरी ने एक पत्र के माध्यम से राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे राहत एवं बचाव कार्यों की सराहना की। पत्र में कहा गया है कि हिमाचल प्रदेश सरकार, आपदा प्रबंधन टीमों सहित अन्य सभी हितधारक, जरूरतमंदों को राहत प्रदान करने के लिए सराहनीय कार्य कर रहे हैं। नीति आयोग इस चुनौतीपूर्ण समय में राज्य को हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है। सुमन के. बेरी ने कहा है कि राज्य में भीषण त्रासदी की घटनाएं चौंकाने वाली हैं। इस कारण राज्य में कृषि, समग्र आजीविका और आधारभूत अधोसंरचना को भारी क्षति हुई है। आपदा की गंभीरता को देखते हुए नीति आयोग संकट के इस समय में हिमाचल प्रदेश के लोगों के साथ दृढ़ता के साथ खड़ा है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने नीति आयोग का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आयोग के प्रोत्साहन से राज्य सरकार को और अधिक तत्परता के साथ राहत एवं बचाव कार्य करने की प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने कहा कि राज्य को इस वर्ष बरसात के दौरान अभी तक 12000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। प्रदेश सरकार सभी प्रभावितों को हरसंभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि सामूहिक प्रयासों से प्रदेश एक बार पुन: इस चुनौतिपूर्ण स्थिति से पार पाते हुए एकजुट होकर उभरेगा।
ऐसा करने वाला भारत पहला देश, यान ने मैसेज भेजा 'मैं अपनी मंजिल पर पहुंच गया' 23 अगस्त की शाम को चांद पर जैसे ही सूरज उगा, इसरो के चंद्रयान-3 ने उसके साउथ पोल पर लैंडिंग कर इतिहास रच दिया। इसी के साथ भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर कामयाब लैंडिंग करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। चंद्रयान-3 ने बुधवार शाम 5 बजकर 44 मिनट पर लैंडिंग प्रोसेस शुरू की। इसके बाद अगले 20 मिनट में चंद्रमा की अंतिम कक्षा से 25 किमी का सफर पूरा किया। शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रयान-3 के लैंडर ने चांद पर पहला कदम रखा। ढ्ढस्क्रह्र के डायरेक्टर एस. सोमनाथ ने कहा- अगले 14 दिन हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। प्रज्ञान रोवर को बाहर आने में एक दिन का समय भी लग सकता है। चांद पर पहुंचकर चंद्रयान-3 ने मैसेज भेजा- मैं अपनी मंजिल पर पहुंच गया हूं। चांद पर लैंडिग करने वाला भारत चौथा देश इस कामयाबी के साथ भारत चांद के किसी भी हिस्से में मिशन लैंड कराने वाला चौथा देश बन गया है। इससे पहले अमेरिका, सोवियत संघ और चीन ही ऐसा कर सके हैं।पीएम बोले- यह क्षण जीत के चंद्रपथ पर चलने का मेरे प्यारे परिवारजनों! जब हम अपनी आंखों के सामने ऐसा इतिहास बनते हुए देखते हैं तो गर्व होता है। ऐसी ऐतिहासिक घटनाएं राष्ट्र जीवन की चेतना बन जाती हैं। यह पल अविस्मरणीय है। यह क्षण अभूतपूर्व है। यह क्षण विकसित भारत के शंखनाद का है। यह क्षण नए भारत के जयघोष का है। यह क्षण मुश्किलों के महासागर को पार करने का है। यह क्षण जीत के चंद्रपथ पर चलने का है। वैज्ञानिकों को बधाई मोदी ने कहा, आज हम अंतरिक्ष में नए भारत की नई उड़ान के साक्षी बने हैं। हर घर में उत्सव शुरू हो गया है। हृदय से मैं भी अपने देशवासियों के साथ अपने परिवारजनों के साथ इस उमंग और उल्लास से जुड़ा हुआ हूं। मैं टीम चंद्रयान को, इसरो को और देश के सभी वैज्ञानिकों को जी-जान से बहुत-बहुत बधाई देता हूं। हमारे वैज्ञानिकों के परिश्रम से भारत उस दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचा है, जहां आज तक दुनिया का कोई भी देश नहीं पहुंच सका है।
हिमाचल कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला ने कहा कि केंद्र सरकार हिमाचल में राष्ट्रीय आपदा घोषित करे और प्रदेश सरकार को तुरंत 10 हजार करोड़ की राहत राशि प्रदान की जाए। राजीव शुक्ला ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ से आग्रह किया कि वे संसद के दोनों सदनों में सभी सांसदों को पहाड़ी राज्य को सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास निधि से बाहर राहत प्रदान करने की अनुमति दें। राजीव शुक्ला ने कहा कि केंद्र सरकार हिमाचल में हुई तबाही की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रही है। प्रदेश ने अपने इतिहास में आज तक ऐसी आपदा कभी नहीं झेली है। राज्य में अब तक 330 लोगों की मौत हो चुकी है, 35 लापता हैं, जबकि 12 हजार घर तबाह हो गए हैं। शुक्ला ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि राज्य को 13 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। नेशनल हाईवे बह गए हैं। भारी बारिश के कारण पूरे हिमाचल के ऊपरी और निचले इलाकों को नुकसान हुआ है। पहाड़ी राज्य में 7 से 15 जुलाई के बीच, फिर 10 से 14 अगस्त के बीच और अब फिर से बारिश से तबाही हो रही है। 7 से 15 जुलाई के बीच प्रदेश सरकार ने 48 घंटों में 75 हजार पर्यटकों और 17 हजार गाड़ियों को सुरक्षित बाहर निकाला। केंद्र सरकार उत्तराखंड की तर्ज पर हिमाचल प्रदेश को विशेष पैकेज प्रदान करे। अभी तक केंद्र सरकार ने हिमाचल को सिर्फ 200 करोड़ रुपये जारी किए हैं। राजीव शुक्ला ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा सभापति से भी आग्रह करूंगा कि वे सांसदों को अपने सांसद विकास निधि से हिमाचल प्रदेश सरकार को राहत कोष में दान देने की अनुमति दें। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू दिल्ली का दौरा कर पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को प्रदेश में हुए नुकसान से अवगत भी करवा चुके हैं। इसलिए केंद्र सरकार जल्द से जल्द हिमाचल को 10 हजार करोड़ की राहत राशि जारी करे।
झीलों की नगरी तथा मेवाड़ की ऐतिहासिक वीर भूमि उदयपुर, राजस्थान में चल रहे 9वें राष्ट्र मंडल संसदीय संघ सम्मेलन भारत क्षेत्र के दूसरे दिन के सत्र संचालन का हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया को गौरव प्राप्त हुआ। पठानिया को यह अवसर उनकी उत्कृष्ठ संचालन क्षमता तथा प्रखर वक्ता होने के कारण मिला है। हालांकि इस सम्मेलन में लगभग 27 राज्यविधान सभाओं के अध्यक्ष तथा तीन विधान मंडलों के पीठासीन अधिकारी भी भाग ले रहे हैं। उनमें से पिछले कल उत्तर प्रदेश विधानसभा तथा आज हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष को सत्र संचालन का अवसर प्रदान किया गया है। बाद में समापन समारोह से पूर्व श्री पठानियां ने सत्र को संबोधित करते हुए कहा है कि यदि हमें अपने राष्ट्र को समृद्ध और शक्तिशाली देखना चाहते हैं तो हमें लोकतांत्रिक संस्थानों को जीवंत और मजबूत बनाना होगा। गौरतलब है कि पठानिया आज के लिए निर्धारित विषय लोकतांत्रिक संस्थानों के माध्यम से राष्ट्र को सुदढ़ बनाने में जन प्रतिनिधियों की भूमिका पर अपना संबोधन दे रहे थे। आज सम्मेलन का समापन कार्यक्रम था। भारत के माननीय उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ समापन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। राजस्थान के माननीय राज्यपाल कलराज मिश्र, लोक सभा के माननीय अध्यक्ष ओम बिरला, राजस्थान के माननीय अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी, लंदन स्थित सीपीए मुख्यालय के चेयरमैन ईयान लिंडल ग्रेंगर तथा राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राठौर भी मौजूद थे। पठानिया ने अपने संबोधन में कहा कि उदयपुर झीलों की नगरी है तथा यहां का इतिहास हमें गौरवान्वित करता है। पठानियां ने कहा कि मोवाड़ की माटी वीरों की भूमि रही है तथा महाराणा प्रताप इसका ज्वलंत उदाहरण है तथा सही मायने में अगर स्वतंत्रता संग्राम यदि किसी ने शुरू किया और अपनी भूमि की रक्षा के लिए यदि किसी ने अपने प्राण न्यौछावर किए वह महाराणा प्रताप थे, जिनकी कहानियों से आज भी हमें देश भक्ति की सीख मिलती है। लोकतांत्रिक संस्थानों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए पठानिया ने कहा कि लोकतांत्रिक संस्थाएं उन तंत्रों को शामिल करती हैं जिनके माध्यम से नागरिक निर्णय लेने और शासन में भाग लेते हैं तथा वे व्यक्तियों को सामूहिक रूप से अपने भविष्य को आकार देने, अपने अधिकारों को सुनिश्चित करने और अपने राष्ट्र की दिशा को प्रभावित करने के लिए सशक्त बनाते हैं। इन संस्थानों के केंद्र में जन प्रतिनिधि होते हैं, जिन्हें अपने घटकों की ओर से प्रतिनिधित्व करने, कानून बनाने और वकालत करने का अधिकार होता है। इस अवसर पर बोलते हुए पठानिया ने कहा कि लोकतंत्र का सार प्रतिनिधित्व में निहित है और जनता सत्ता के केंद्र तक अपनी आवाज उठाने के लिए जन प्रतिनिधियों को चुनती है जिनके माध्यम से वे अपनी आशाओं व आकांक्षाओं को पूरा करना चाहती है लेकिन प्रभावी प्रतिनिधित्व ही समाज तथा समुदायों की समस्याओं का निदान कर सकता है तथा इनकी जरूरतों के हिसाब से योग्य नितियों का निर्माण तथा बदलाव कर उनकी इछापूर्ति की जा सकती है। पठानिया ने कहा कि लोकतान्त्रिक संस्थानों की मजबूती में विधान और निति निर्माण, नागरिक भागीदारी को बढ़ावा देने, नियन्त्रण और संतुलन की निगरानी जैसे कारकों का विशेष महत्व है जिनकी बजह से केंद्रीय करण को रोका जा सकता है तथा संतुलित ढांचा ही इसे सुदृढ़ एवं कारगर बना सकता है। पठानिया ने बल देते हुए कहा कि लोकतांत्रिक संस्थानों के माध्यम से राष्ट्र को मजबूत करने में जन प्रतिनिधियों की भूमिका बहुआयामी और गहन है। घटकों का प्रतिनिधित्व करने, समावेशी नितियों को तैयार करने और लोकतांत्रिक मुल्यों को बनाए रखने के प्रति उनकी प्रतिबद्वता यह सुनिश्चित करती है कि हमारा राष्ट्र विकसित और विकसित होता रहे। संबोधन के अंत में पठानिया ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तथा विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को 9वें राष्ट्र मंडल संसदीय संघ सम्मेलन भारत क्षेत्र के सफल आयोजन की बधाई दी तथा सभी को उत्कृष्ठ अतिथ्य सत्कार देने के लिए भी धन्यवाद किया।
टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक आर. विश्नोई ने बताया कि संगठन को जल संरक्षण और प्रबंधन पर ध्यान देने के साथ कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व पहल में उत्कृष्ट उपलब्धि के लिए प्रतिष्ठित सीएसआर टाइम्स अवार्ड से सम्मानित किया गया है। पुरस्कार समारोह की अध्यक्षता केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रो. एसपी. सिंह बघेल ने की। डॉ. लास्ज़लो मक्क, मिशन के उप प्रमुख, दूत असाधारण और मंत्री पूर्णाधिकारी, हंगरी दूतावास ने 21 अगस्त को सीएसआर टाइम्स द्वारा विकासशील अर्थशास्त्र में सीएसआर के माध्यम से एसडीजी हासिल करना जी20 राष्ट्रों की भूमिका विषय पर आयोजित 10वें राष्ट्रीय सीएसआर शिखर सम्मेलन में यह पुरस्कार सौंपा। जल संरक्षण और पर्यावरण प्रबंधन के क्षेत्र में टीएचडीसीआईएल के उल्लेखनीय प्रयास ने न केवल सराहना हासिल की है, बल्कि टिहरी गढ़वाल के ग्रामीण गांवों में जीवन बदल दिया है। इन प्रयासों ने पानी की बेहतर उपलब्धता सुनिश्चित करके ग्रामीणों के वित्तीय और शारीरिक बोझ को काफी कम कर दिया है। विश्नोई ने आगे कहा कि जूरी सदस्यों और कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ने अपने परिचालन क्षेत्र में पानी की गंभीर कमी के मुद्दों को संबोधित करने के लिए टीएचडीसीआईएल की गंभीर प्रतिबद्धता की सराहना की। यूएनडीपी से जल संकट की गंभीरता के बारे में गंभीर चेतावनियों के जवाब में, टीएचडीसीआईएल ने अपनी सीएसआर-संचालित जल संरक्षण और प्रबंधन परियोजना शुरू की, जिसे अपनी प्रायोजित सोसायटी सेवा-टीएचडीसी के माध्यम से क्रियान्वित किया गया। इस अभूतपूर्व पहल के तहत, टीएचडीसीआईएल ने उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं, जिसमें 972 वर्षा जल संचयन टैंक, 2282 जल पुनर्भरण गड्ढे, 610 जल खाइयां, 70 चेक बांध और 63 चाल-खाल संरचनाओं का निर्माण शामिल है। उन्होंने कहा कि इन प्रयासों ने न केवल खराब मौसम के दौरान पानी की कमी को कम किया है, बल्कि टिहरी जिले के प्रतापनगर और भिलंगना ब्लॉकों में भी नई जान फूंक दी है।
टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड ने 15 अगस्त को अपने कॉर्पोरेट कार्यालय ऋषिकेश के साथ-साथ अपने विभिन्न परियोजनाओं और यूनिट कार्यालयों में 77वां स्वतंत्रता दिवस मनाया। अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक आरके विश्नोई ने संगठन के सभी कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दीं। इस महत्वपूर्ण अवसर पर भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों के उल्लेखनीय योगदान को याद करते हुए निगम के कर्मचारी वे प्रसन्नता और अटूट देशभक्ति की गहन भावना से ओत-प्रोत थे। इस प्रतिष्ठित दिन पर जे. बेहरा, निदेशक (वित्त) ने ऋषिकेश में कॉर्पोरेट कार्यालय में राष्ट्रीय ध्वज फहराया, उसके बाद सभी एकत्रित कर्मचारियों को संबोधित किया। टेहरी एचपीपी में, शल्लिंदर सिंह, निदेशक (कार्मिक) ने समान गर्व और उत्साह के साथ राष्ट्रीय ध्वज फहराया, जबकि खुर्जा एसटीपीपी में निदेशक (तकनीकी) भूपेंद्र गुप्ता ने राष्ट्रीय ध्वज फहराने का सम्मान किया। प्रबंधन द्वारा टीएचडीसीआईएल की विभिन्न परियोजनाओं/कार्यालयों में राष्ट्रीय ध्वज फहराने से न केवल स्वतंत्रता दिवस की भावना बरकरार रही, बल्कि टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड को परिभाषित करने वाली एकता और समर्पण का भी उदाहरण मिला। जे. बेहरा ने कर्मचारियों को संबोधित करते हुए स्वतंत्रता दिवस के महत्व पर जोर दिया और इस अवसर पर स्वतंत्रता सेनानियों और शहीदों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने देश के विद्युत क्षेत्र के विकास में टीएचडीसी की भूमिका को भी रेखांकित किया। बेहरा ने कहा कि जब भारत को आजादी मिली तो हमारी जीडीपी केवल 2.7 लाख करोड़ रुपये थी, जो आज बढ़कर प्रभावशाली 3.38 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है और भारत 2030 से पहले 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के अपने विकास पथ पर है। श। बेहरा ने बताया कि अद्यतन राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) के अनुरूप, भारत सरकार 2070 तक शुद्ध-शून्य कार्बन उत्सर्जन प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके अतिरिक्त, 2030 तक, हमारी संचयी विद्युत स्थापित क्षमता का लगभग 50त्न गैर-से आना चाहिए। जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा संसाधन। श। बेहरा ने कहा कि टीएचडीसी इंडिया भी इसी के अनुरूप नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में अपने निरंतर प्रयास जारी रखे हुए है। खुर्जा एसटीपीपी परियोजना के कर्मचारियों और उनके परिवारों को संबोधित करते हुए भूपेंद्र गुप्ता, निदेशक (तकनीकी) ने राष्ट्र की प्रगति में सक्रिय रूप से योगदान देने वाले समर्पित टीम के सदस्यों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया और इस बात पर जोर दिया कि अब तक हासिल की गई प्रगति न केवल कर्मचारियों सहित बल्कि प्रत्येक हितधारकों के समर्पण और विशेषज्ञता का प्रमाण है। उनके परिवार भी, जिनका समर्थन अमूल्य है। इस अवसर पर टीएचडीसीआईएल की सभी परियोजनाओं और इकाई कार्यालयों में 'पंच प्राणÓ प्रतिज्ञा भी ली गई।
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह से भी की भेंट, कर्तव्य पथ का किया भ्रमण हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के ऊना ज़िले के 13 जिला परिषद सदस्य केंद्रीय सूचना प्रसारण व युवा कार्यक्रम व खेल मंत्री के आमंत्रण पर आज नई दिल्ली पहुंचे, जहां उन्होंने राष्ट्रपति महोदया द्रौपदी मुर्मू से शिष्टाचार भेंट की। इस दौरान राष्ट्रपति से ज्ञानवर्धक परिचर्चा के साथ-साथ सभी सदस्यों को राष्ट्र्रपति भवन के अवलोकन का भी अवसर प्राप्त हुआ। इसके पश्चात केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने सभी सदस्यों को केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह जी से मिलवाया। गिरिराज सिंह ने सभी जिला परिषद सदस्यों से वार्तालाप कर अपने निजी अनुभव साझा किए और आने वाले भविष्य हेतु शुभकामनाएं प्रेषित कीं। इसके बाद जिला परिषद सदस्य कर्तव्य पथ भ्रमण पर भी गए जहां सभी सदस्य प्रसन्न दिखे व इन अवसरों हेतु अनुराग ठाकुर का धन्यवाद किया।
हिमाचल में भारी बारिश से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी मंगलवार सुबह कुल्लू पहुंचे। भुंतर हवाई अड्डे में नितिन गडकरी के स्वागत के लिए बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। इसके बाद गडकरी फोरलेन के निरीक्षण के लिए मनाली रवाना हुए। इस दौरान मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू भी उनके साथ मौजूद रहे। मनाली पहुंचकर गडकरी ने भारी बारिश व बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुए फोरलेन का निरीक्षण किया। इस दौरान वे बाढ़ प्रभावितों से भी मिले। ञ्जह्म्द्गठ्ठस्रद्बठ्ठद्द ङ्कद्बस्रद्गशह्य कुल्लू पहुंचने से पहले गडकरी ने मंडी में बाढ़ प्रभावित इलाकों और फोरलेन का हवाई निरीक्षण किया। इस दौरान उनके साथ मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के अलावा लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह व नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर भी मौजूद रहे। हेलिकाप्टर में विक्रमादित्य ने केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री व अन्य के साथ सेल्फी भी ली। बताया जा रहा है कि फोरलेन का निरीक्षण करने के बाद नितिन गडकरी नग्गर के बड़ागढ़ रिजॉर्ट में एनएचएआई के साथ बैठक करेंगे। बता दें, बीते दिनों में भारी बारिश, बाढ़ व बादल फटने से सबसे अधिक फोरलेन को नुकसान कुल्लू और मनाली में हुआ है। यहां पर कई स्थानों पर तो फोरलेन का नामोनिशान तक मिट गया है। बारिश और बाढ़ से कारण एनएचआई को भारी नुकसान हुआ है। इसी तरह कालका-शिमला फोरलेन को भी काफी नुकसान पहुंचा है।
संसद से संशोधित अनुसूचित जनजाति संशोधन विधेयक पारित होने के बाद हाटियों के हौसले सातवें आसमान पर है। जैसे ही राष्ट्रपति से संशोधित विधेयक पर स्वीकृति की मुहर लग जाती है वैसे ही यह मामला क्रियान्वित होने के लिए राज्य सरकार के पास आएगा। केंद्रीय हाटी समिति और हाटी विकास मंच पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर से शिमला में मुलाकात करेंगे। उन्होंने कहा कि जयराम ठाकुर ने हाटी समुदाय की भावी पीढ़ियों के हितों की ना केवल चिंता की बल्कि इस मसले को केंद्र से हल करवाने के लिए गंभीर प्रयास किए थे। शिमला में पत्रकारों से बातचीत के दौरान मंच के पदाधिकारियों ने कहा की नरेंद्र मोदी सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति के कारण ही हाटी मामला सिरे चढ़ा। उन्होंने संसद से विधेयक पारित करवाने के लिए देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ,गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर, हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर , पूर्व विधायक बलदेव सिंह तोमर,,पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार, पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ,पूर्व सांसद वीरेंद्र कश्यप, मौजूदा सांसद सुरेश कश्यप समेत भाजपा के प्रदेश और राष्ट्रीय नेतृत्व का आभार जताया। उन्होंने जीत का श्रेय जनता के आंदोलन और आंदोलन के तमाम पुरोधा को दिया।उन्होंने कहा कि यह हाटी की जीत है, माटी की जीत है आधी आबादी महिलाओं की जीत है। यह युवाओं के जोश की जीत है और बुजुर्गों के होश की जीत है। उन्होंने केंद्रीय हाटी समिति के 1980 से लेकर रहे तमाम पदाधिकारियों मौजूदा पदाधिकारियों का भी आभार जताया। इसके अलावा शिलाई के पूर्व विधायक बलदेव तोमर के प्रयासों की भी विशेष सराहना की। उन्होंने महाखुंबलियों के माध्यम से आंदोलन में आए सभी लोगों अलग-अलग वर्गों के प्रतिनिधियों नंबरदार और जेलदारों ,पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों, कर्मचारियों ,सेवानिवृत्त कर्मियों का विशेष आभार जताया। उन्होंने केंद्रीय हाटी समिति की चंडीगढ़, सोलन, शिलाई, राजगढ़ , रोनहाट , पाओंटा, नाहन, हरिपुरधार,संगड़ाह, पझोता, कफोटा समेत तमाम इकाइयों और उनके पदाधिकारियों का भी आभार जताया। दांव पर रखा रोजगार शिमला इकाई के हाटी योद्धाओं ने अपने रोजगार की भी परवाह नहीं की। आंदोलन की खातिर उन्होंने अपने रोजगार, अपने कैरियर को दांव पर रखा। आंदोलन की मशाल को तार्किक अंत तक पहुंचाने तक जलाए रखा। हाटी समुदाय इनके योगदान को हमेशा याद रखेगा।हाटी विकास मंच के अध्यक्ष प्रदीप सिंह सिंगटा,मुख्य प्रवक्ता डॉ रमेश सिंगटा, महासचिव अतर सिंह तोमर प्रवक्ता जी एस तोमर, ठाकुर खजान सिंह ,मदन तोमर, कपिल चौहान, दलीप सिंगटा, काकू राम ठाकुर, मुकेश ठाकुर, नीतू चौहान, शूरवीर ठाकुर,अनुज शर्मा, दिनेश कुमार, भीम सूर्यवंशी, अमित चौहान, पिंकू बिरसांटा, विक्की ठाकुर, कपिल कपूर, विपिन पुंडीर, भीम सिंह, बलबीर राणा, दिनेश ठाकुर, दीपक नेगी, प्रताप मोहन चौहान खदराई कपिल शर्मा,,लाल सिंह, श्याम सिंह , खजान सिंह ठाकुर,सुशील, आशु चौहान, सुरजीत ठाकुर, अमन ठाकुर, राकेश शर्मा, सुरेश सिंह, जय ठाकुर ,ओमप्रकाश शर्मा, ओमप्रकाश ठाकुर, चंद्रमणि शर्मा, आत्माराम शर्मा, गोपाल ठाकुर, सचिन तोमर ,खजान ठाकुर, भरत पुंडीर ,दलीप सिंह तोमर, भीम सिंह तिलकान, कपिल शर्मा, सहित पवन शर्मा, रण सिंह ठाकुर, सतीश चौहान, दिनेश चौहान,सहित मंच के हाटी नेता उपस्थित रहे।
कहा-सेब उत्पादक क्षेत्रों में सड़क बहाली को दी जाएगी प्राथमिकता मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां लोक निर्माण विभाग की बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को राज्य के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश और भू-स्खलन के कारण क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत और शीघ्र बहाली सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने दोहराया कि सेब उत्पादक क्षेत्रों की सड़कों की बहाली को प्राथमिकता दी जाएगी ताकि बागवानों की उपज को समय पर बाजार तक पहुंचाया जा सके। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आपदा प्रभावित सड़कों की शीघ्र बहाली के लिए 23 करोड़ रुपये और स्वीकृत किए हैं। उन्होंने कहा कि इस राशि में से पांच करोड़ रुपये यशवंत नगर से छैला तक की सड़क के मरम्मत कार्य पर खर्च किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, शिमला जिले के सेब उत्पादक क्षेत्रों के तहत लोक निर्माण विभाग के सात मण्डल में प्रत्येक को सड़कों की मरम्मत एवं बहाली के लिए एक-एक करोड़ रुपये प्रदान किए गए हैं। उन्होंने कहा कि उन लोक निर्माण विभाग मण्डलों को भी एक-एक करोड़ रुपये आबंटित किए गए हैं, जहां प्राकृतिक आपदा के कारण क्षति अधिक हुई है, जिनमें कुल्लू जिले के चार विकास खण्ड, सिरमौर जिले के शिलाई और राजगढ़ विकास खंड शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि शीघ्र ही वह चौपाल और जुब्बल-कोटखाई क्षेत्रों का दौरा करेंगे तथा इन क्षेत्रों में किए जा रहे मरम्मत कार्यों की समीक्षा करेंगे। उन्होंने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को वाहनों की सुचारू आवाजाही सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए कहा कि सड़कों पर गिरा मलबा हटाने के लिए मशीनरी खरीदने से लेकर उसे प्रभावित क्षेत्रों में तैनात करने का कार्य समयबद्ध सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि सड़कों की मरम्मत के लिए राज्य सरकार धन की कोई कमी नहीं आने देगी। उन्होंने अधिकारियों को अग्रिम भुगतान के साथ लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृहों की ऑनलाइन बुकिंग प्रारम्भ करने को कहा साथ ही कहा कि जल शक्ति विभाग को भी इस प्रक्रिया का अनुसरण करना चाहिए। उन्होंने निर्माण कार्यों की अनुमानित लागत में बढ़ोतरी की प्रथा को रोकने पर बल देते हुए अधिकारियों को क्लॉज 10 सीसी को हटाने के भी निर्देश दिए। बैठक में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, विधायक चंद्रशेखर और चैतन्य शर्मा, प्रधान सचिव राजस्व ओंकार शर्मा, प्रधान सचिव लोक निर्माण विभाग भरत खेड़ा, सचिव वित्त अक्षय सूद, उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी, प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग अजय गुप्ता एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
स्वास्थ्य मंत्री बोले- हर साल बनते हैं दवाइयों के लाखों बैच, कम गुणवत्ता वाली दवाओं की दर महज एक प्रतिशत हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री कर्नल (रिटा.) धनी राम शांडिल ने हिमाचल में फार्मा कंपनियों द्वारा उत्पादित की जा रही दवाइयों की गुणवत्ता को लेकर लगातार उठ रहे आशंकाओं को दूर करने की पहल की है। शांडिल ने कांगड़ा दौरे के दौरान जारी बयान में कहा कि महज कुछ लोगों की वजह से पूरे प्रदेश के फार्मा उद्योग को बदनाम नहीं किया जाना चाहिए और जो भी लोग इस पर अनापशनाप बयानबाजी करते हैं वो तकनीकी तथ्यों से अनभिज्ञ है। ऐसे लोग तथ्यों की जानकारी बिना गलत बयानबाजी न करें क्योंकि इससे देश में हिमाचल की छवि खराब होती है। कर्नल शांडिल ने कहा कि प्रदेश में बन रही दवाइयां गुणवत्ता के सभी मानकों पर खरी उतरती हैं। हर साल प्रदेश की फार्मा कंपनियों से दवाइयों के लाखों बैच बिक्री के लिए निकलते हैं। शांडिल ने कहा कि दवाइयों की गुणवत्ता में कमी आने के कई कारण होते हैं। इनमें रखरखाव में कमी, उचित तापमान का अभाव , ट्रांसपोर्टेशन के दौरान हुई लापरवाही आदि शामिल हैं। ऐसे में हर दवाइयों की शुद्धता पर सवाल उठाना सही नहीं है। दवाओं की गुणवत्ता पर हायतौबा मचाने वाले पहले तकनीकी जानकारी हासिल करें तो बेहतर होगा। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य ड्रग कंट्रोलर विभाग द्वारा प्रदेश में चल रही फार्मा कंपनियों में उत्पादन का नियमित निरीक्षण किया जाता है। कमी मिलने पर तुरन्त कार्रवाई होती है। कांग्रेस सरकार ने अपने सात माह के कार्यकाल में शिकायतें मिलने पर करीब 30 दवा निर्माताओं के लाइसेंस रद्द किए हैं। इतना ही नहीं, राज्य के दवा निरीक्षकों ने पहली बार अनियमितताएं बरतने वाले कई दवा निर्माताओं पर केस दर्ज करवाकर उन्हें गिरफ्तार भी करवाया है जिनकी संख्या 11 के आसपास है। शांडिल ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर एनएसक्यू दवाओं का प्रतिशत 3: के लगभग है जबकि उसके आगे हिमाचल का प्रतिशत कुछ भी नहीं है । फिर भी हम सख्त कदम उठा रहे हैं और आगे भी उठाएंगे । हिमाचल में अंतरराष्ट्रीय स्तर की दवा कंपनियां काम कर रही हैं और इनकी वजह से हिमाचल का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर है। कुछ काली भेड़ों की वजह से पूरे प्रदेश और यहां के उद्योगों को बदनाम करना सही नहीं है। शांडिल ने कहा कि वह आने वाले समय में सेहत महकमे को और सशक्त करेंगे। फील्ड में कार्यरत विशेषकर छापेमारी में संलग्न विभागीय अधिकारियों को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान की जाएगी। विभाग में किसी भी स्तर पर यदि कोई भी कमी पाई जाती है तो उसे शीघ्र दूर किया जाएगा।