शिमला: दो लोगों पर गोली चलाने वाले को 10 साल की सजा **मामले में आईपीएस गौरव सिंह ने गहनता से जांच कर जुटाए थे साक्ष्य रामपुर बुशहर की अदालत ने एक अहम फैसला सुनाते हुए आरोपी सुनील कुमार को धारा 307 भारतीय दंड संहिता के तहत 10 साल के कठोर कारावास और 25,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना नहीं देने पर आरोपी को एक साल की साधारण कैद की सजा होगी। बता दें कि14 अप्रैल 2015 को खोलीघाट बाजार में आरोपी सुनील कुमार और अनिल मेहता के बीच झगड़ा हुआ था। आरोपी ने अनिल मेहता पर डंडे से हमला किया और बाद में अपनी लाइसेंसी पिस्तौल से गोली चलाई, जो अनिल मेहता के बाएं जांघ और पैर में लगी। जब अनिल मेहता का भाई प्रदीप मेहता उसे बचाने आया, तो आरोपी ने उस पर भी गोली चलाई, जो उसकी गर्दन में लगी। मुकदमे की तफ्तीश के दौरान 21 गवाहों के बयान दर्ज किए गए। अदालत में ट्रायल के दौरान जिला न्यायवादी लुद्र मणी शर्मा ने पैरवी की। आईपीएस गौरव सिंह ने मामले की जांच की। जिला न्यायवादी लुद्र मणी शर्मा ने बताया कि अदालत ने आरोपी सुनील कुमार को दोषी पाया और उसे सजा सुनाई। वहीं आईपीएस गौरव सिंह ने इस मामले की जांच में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने मामले की जांच को गहराई से किया और सबूत इकट्ठा किए, जिससे अदालत में आरोपी सुनील कुमार को दोषी साबित करने में मदद मिली। गौरव सिंह ने मामले की जांच में पेशेवर और निष्पक्ष तरीके से काम किया, जिससे न्यायालय में मजबूत सबूत प्रस्तुत किए जा सके। इसके अलावा, धारा 30 शस्त्र अधिनियम के तहत भी आरोपी को 6 महीने के कठोर कारावास और 2,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई है।
सोमवार रात शिमला में मूसलाधार बारिश के कारण कई भूस्खलन हुए और पेड़ गिर गए हैं। शिमला के हिमलेंड, बीसीएस, महेली और अन्य इलाकों में बड़े पैमाने पर भूस्खलन हुए हैं। कई जगहों पर पेड़ गिरने से कई गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गईं, जिन्हें हटाने का काम चल रहा है। भूस्खलन के कारण राष्ट्रीय राजमार्गों सहित कई रास्ते बंद हो गए हैं, जिससे यातायात ठप हो गया है। मंगलवार सुबह स्कूल जाने वाले छात्रों और यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। बंद सड़कों को खोलने का काम तेजी से चल रहा है। राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन ने भूस्खलन से प्रभावित इलाकों में बचाव और राहत अभियान शुरू कर दिए हैं। मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश में मानसून की सक्रियता जारी रहने का अनुमान लगाया है। मंगलवार को भी 6 जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है, लोगों को सतर्क रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी गई है।
शिमला जिले के कोटखाई में सड़क हादसा हुआ है। कोटखाई के रामनगर के पास पिकअप गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिसमें चार लोगों की मौ*त हो गई है। मरने वालों में तीन नेपाली मूल के नागरिक और एक स्थानीय व्यक्ति शामिल है। इस हादसे में तीन लोग गंभीर रूप से घायल भी हुए हैं। जानकारी के अनुसार, यह हादसा कोटखाई रामनगर के खोला कैंची के पास हुआ। गाड़ी में कुल सात लोग सवार थे, जिनमें से चार की मौके पर ही मौत हो गई। मृतकों में जोगिंदर सिंह (पुत्र बालक राम, निवासी खोला गांव) और तीन नेपाली मूल के नागरिक शामिल हैं। फिलहाल, इन नेपाली नागरिकों की पहचान नहीं हो पाई है। हादसे के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है। घायल हुए लोगों को तुरंत नजदीकी अस्पताल पहुंचाया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।
विद्युत उपमंडल हलोग धामी के अंतर्गत आने वाले कई गांवों में ग्रामीणों को अगले कुछ दिनों तक बिजली कटौती का सामना करना पड़ेगा। विभाग द्वारा 11 केवी एचटी लाइन पर ट्रांसफार्मर के विस्तार का कार्य किया जाना है, जिसके चलते 15 से 25 सितम्बर तक अलग-अलग तारीखों पर विद्युत आपूर्ति बाधित रहेगी। यह जानकारी विद्युत उपमंडल हलोग धामी के सहायक अभियंता उमंग गुप्ता ने दी। उन्होंने बताया कि कार्य के दौरान निर्धारित क्षेत्रों में सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक बिजली बंद रहेगी। जारी शैड्यूल के अनुसार 15 सितम्बर काे अर्लोट गांव, 16 सितम्बर काे नावटा गांव, 17 सितम्बर काे करयाली गांव, 18 सितम्बर काे छटेरा गांव, 19 सितम्बर काे नलोई गांव, 22 सितम्बर काे झाखरी गांव तथा 25 सितम्बर काे गवाही गांव के क्षत्रों में बिजली के कट लगाए जाएंगे। साथ ही सहायक अभियंता ने कहा कि यह पूरा कार्य मौसम की अनुकूलता पर निर्भर करेगा। यदि मौसम खराब रहता है तो निर्धारित तिथि पर कार्य को स्थगित किया जा सकता है और उसे अगली किसी तिथि पर पूरा किया जाएगा। उन्हाेंने इस दाैरान उपभाेक्ताओं से सहयाेग की अपील की है।
शिमला जिला के उपमंडल रामपुर बुशहर की डंसा पंचायत में रविवार काे कराली और थाना गांव के बीच एक भालू ने अचानक 2 लाेगाें पर हमला कर दिया। इस घटना में एक पुरुष और एक महिला गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलाें काे ग्रामीणों की मदद से खनेरी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है, जहां उनका उपचार चल रहा है। जानकारी के अनुसार सरंजन नेगी नामक व्यक्ति अपनी भेड़-बकरियों को चरा रहा था, जबकि पास ही एक महिला घास काट रही थी। तभी झाड़ियों में छिपा भालू उन पर झपटा और दोनों को गंभीर रूप से घायल कर दिया। हमले के दौरान पीड़ितों ने शोर मचाकर खुद को बचाने की कोशिश की। उनकी आवाज सुनकर ग्रामीण मौके पर पहुंचे। इसके बाद ग्रामीणों ने दाेनाें घायलाें काे तुरंत अस्पताल पहुंचाया। बता दें कि भालू के हमले में सरंजन नेगी और महिला काे काफी घाव आए हैं। वहीं ग्रामीणों ने घटना की सूचना पुलिस और वन विभाग काे दी, जिस पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है, वहीं वन विभाग ने इलाके में निगरानी बढ़ा दी है। गांव के लोगों में इस घटना के बाद से दहशत का माहौल है। ग्रामीणों ने वन विभाग से मांग की है कि जल्द से जल्द पिंजरे लगाकर भालू को पकड़ा जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
प्रदेश के दस जिलों में शनिवार और रविवार को बारिश का येलो अलर्ट जारी हुआ है। शुक्रवार को राजधानी शिमला, धर्मशाला और कांगड़ा में बूंदाबांदी हुई। मौसम विज्ञान केंद्र शिमलाके अनुसार राज्य के कई भागों में 18 सितंबर तक बारिश का दाैर जारी रहने का पूर्वानुमान है। कुछ स्थानों में 13 व 14 सितंबर को भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी हुआ है। वीरवार रात को मुरारी देवी में 75.0, मंडी में 61.8, सुंदरनगर में 52.4, सलापड़ में 46.6, कांगड़ा में 43.7, घाघस में 40.0, जोगिंद्रनगर में 27.0, बग्गी में 17.9, कसौली में 17.2 व धर्मपुर में 14.6 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। शुक्रवार शाम तक प्रदेश में 503 सड़कें, 953 बिजली ट्रांसफार्मर और 336 पेयजल योजनाएं ठप रहीं। इस मानसून सीजन के दौरान अभी तक 4,465 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हो चुका है। 20 जून से 12 सितंबर तक 386 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। 451 लोग घायल हुए हैं। 41 लोग अभी भी लापता हैं। इस दौरान 168 लोगों की सड़क हादसों में मौत हुई है। राज्य में 538 पक्के, 834 कच्चे मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं। 1878 पक्के और 4005 कच्चे मकानों को आंशिक तौर पर नुकसान हुआ है।
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में बैंक ऑफ बड़ौदा की कसुम्पटी शाखा में 3.70 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। मामले में वरिष्ठ बैंक प्रबंधक के खिलाफ छोटा शिमला थाना में एफआईआर दर्ज की गई है। शिकायतकर्ता बैंक ऑफ बड़ौदा के उप क्षेत्रीय प्रबंधक राजेश कुमार गाबा ने बताया कि बैंक की कसुम्पटी शाखा के सीनियर मैनेजर अंकित राठौर ने 3.70 करोड़ का फर्जीवाड़ा किया। आरोप है कि 22 व 27 अगस्त, को दो किस्तों में एक खाते से 3.70 करोड़ रुपए चुपके से एक महिला के खाते में ट्रांसफर कर दिए। इसे बाद में कई खातों व नकद निकासी के जरिये निकाल लिया गया। पुलिस और विभागीय जांच का शिकंजा कसता देख आरोपी मैनेजर ने लिखित में अपना जुर्म कबूल कर लिया है। उसने बताया कि यह धोखाधड़ी उसने निजी फायदे के लिए की थी और इस साजिश में कुछ अज्ञात व्यक्ति भी उसके साथ शामिल थे। वर्तमान में 90.95 लाख खाते में शेष हैं, जिसे फ्रीज कर दिया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। आरोपी मैनेजर के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 316(5) के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है तथा मामले में शामिल अन्य व्यक्तियाें के बारे में भी पता लगाया जा रहा है।
उपमंडल जुब्बल के छोटे से गांव नकराड़ी से संबंध रखने वाले रमन नेपटा ने बड़ी उपलब्धि हासिल कर क्षेत्र व प्रदेश का नाम रोशन किया है। गृह रक्षा विभाग में बतौर कांस्टेबल 2015 में भर्ती हुए रमन अब पदोन्नत होकर प्रदेश के सबसे कम उम्र के कंपनी कमांडर बने हैं। शिमला स्थित द्वितीय बटालियन के कमांडेंट आर. पी. नेपटा ने उन्हें कंपनी कमांडर का रैंक चिन्ह लगाकर सम्मानित किया। रमन ने अपनी लगन और कर्तव्यनिष्ठा से 2022 में डी. जी. होमगार्ड सम्मान भी प्राप्त किया था। इसके अलावा 2023 में नागपुर से उन्होंने सिविल डिफेंस इंस्ट्रक्टर का विशेष कोर्स भी सफलतापूर्वक पूरा किया। रमन नेपटा ने कहा कि वह विभाग की जिम्मेदारियों को पूरी ईमानदारी से निभाते हुए समाज की सेवा के लिए सदैव तत्पर रहेंगे।
रामपुर बुशहर की ननखड़ी तहसील की अड्डू पंचायत में बागवानों की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है। हालात ऐसे हैं कि सेब सीजन के चरम पर होने के बावजूद बागवान अपनी मेहनत से उगाए सेब खुले में फेंकने को मजबूर है। सड़क मार्ग बाधित होने और एचपीएमसी का खरीद केंद्र न खुलने के कारण बागवानों को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा हैं। ग्राम पंचायत प्रधान पिंकु खुंद ने बताया, "क्षेत्र में कई दिनों से सड़कें बंद होने के चलते सेब को मंडियों तक पहुंचाना संभव नहीं हो पा रहा हैं। एचपीएमसी का खरीद केंद्र भी समय पर न खुलने से बागवानों को कोई सहारा नहीं मिल पा रहा है। प्राकृतिक आपदा के कारण हालात और भी खराब हो गए है। बागवानों की फसल खेतों में ही बर्बाद हो रही हैं।" बागवानों ने बताया कि मौसम की मार और प्रशासनिक लापरवाही ने उन्हें मुश्किल में डाल दिया हैं। कुछ बागवान तो इतने मजबूर हो गए हैं कि अपनी मेहनत की पूरी उपज खुले में फेंक रहे है। स्थानीय बागवान देवराज शिला, गुड्डू राम शिला, रमेश चंद जतराल, अमित जतराल और रमेश ठाकुर भी सड़क और एपीएमसी खरीद केंद्र बंद होने से परेशान है। इन बागवानों ने कहा, "इस बार बागवानों को भारी आर्थिक क्षति उठानी पड़ी हैं। क्षेत्र की अधिकांश जनता की आजीविका सेब पर ही निर्भर है, लेकिन इस बार प्राकृतिक आपदा ने सब कुछ तहस-नहस कर दिया हैं।" बागवानों ने सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने कहा कि बागवानी ऋण, खासकर केसीसी (कृषि ऋण) की माफी की जाए। ताकि वे आने वाले सीजन के लिए तैयार हो सके। बागवान सरकार से राहत की आस लगाए बैठे है।
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला देश के सबसे स्वच्छ शहरों में से एक था, लेकिन लगातार पिछड़ती रैंकिंग ने शहर के स्वच्छता अभियान पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हाल ही में जारी हुई स्वच्छ सर्वेक्षण रिपोर्ट में शिमला को 347वां स्थान मिला है, जो इसकी अब तक की सबसे खराब रैंकिंग है। यह वही शहर है जो साल 2016 में देश के शीर्ष 30 स्वच्छ शहरों की सूची में 27वें नंबर पर था। शिमला की यह गिरावट एक दिन में नहीं हुई है, बल्कि पिछले कुछ सालों से यह सिलसिला जारी है। साल 2017 में 47वां, 2018 में 144वां, 2019 में 127वां और 2020 में 65वां स्थान मिला था। 2023 में शिमला को 56वां रैंक मिला था लेकिन 2024 में यह एकदम से नीचे गिरकर 188वें रैंक पर आ गया। और अब यह 347वें स्थान पर हैं। इस साल शिमला को कुल 4798 अंक मिले। इस गिरावट का एक बड़ा कारण यह है कि रैंकिंग के लिए इस्तेमाल होने वाली हाई-टेक मशीनरी का सही उपयोग नहीं हो रहा है। शहर में करोड़ों रुपये की मशीनरी होने के बावजूद, सफाई व्यवस्था में सुधार नहीं दिख रहा है। रैंकिंग में गिरावट का एक और बड़ा कारण जनप्रतिनिधियों की उदासीनता को माना जा रहा है। शहर में नियमित सफाई अभियान नहीं चलाए जा रहे हैं। जनता की भागीदारी भी कम हो गई है। हालांकि, शहर के नागरिकों ने सर्वेक्षण में शहर की सफाई व्यवस्था को अच्छा बताया, जिससे शिमला को कुछ अंक मिले। शिमला स्वच्छ वातावरण के लिए जाना जाने वाला शहर था, इसी स्वछता के लिए लोग शिमला आना पसंद करते थे। लेकिन इस खराब प्रदर्शन के कारण यह खूबसूरत शहर अपनी पहचान खोता जा रहा हैं।
भारी बारिश से बाढ़ और भूस्खलन की वजह से हिमाचल की स्थिति अभी भी ख़राब बनी हुई है। प्रदेशभर में कल शनिवार को अधिकतर जगहों पर मौसम साफ था। कुछ जगहों पर हल्की वर्षा हुई। कई जगहों पर सड़कें बाधित होने की वजह से आम लोगों को तो आवाजाही में दिक़्कत हो रही है, साथ ही किसानों को भी मंडियों तक फसल पहुंचाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अभी हिमाचल में सेब का सीजन जोरों पर है और सड़क ठप होने के चलते रास्ते में ही सेब लदे वाहन खड़े हैं और वाहनों में ही सेब ख़राब हो रहे हैं। प्रदेश में कई ट्रांसफार्मर और पेयजल योजनाएं भी ठप हैं, जिसकी वजह से आम लोगों को बिजली-पानी की समस्या से भी जूझना पड़ रहा है। इसी बीच मौसम विभाग ने राहत भरी खबर सुनाई है। विभाग ने 12 सितम्बर तक मौसम साफ़ रहने की सम्भावना जताई है। हालांकि प्रदेश के कई हिस्सों में हल्की बारिश जरूर हो सकती है। सड़कें, पेयजल योजनाएं ठप और लोगों की गई जान प्रदेश में कुल 897 सड़कें बंद है। 1497 ट्रांसफार्मर और 388 पेयजल योजनाएं भी बाधित हैं। किन्नौर में NH-5 आठवें दिन भी बाधित रहा। वहीं कांगड़ा में पौंग बांध का जो जलस्तर है वो भी खतरे के निशान से ऊपर आ चुका है। इस मानसून में राज्य में अभी तक बारिश, बाढ़, लैंडस्लाइड की वजह से करीब 366 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। वहीं सरकार को अभी तक करीब 4 लाख करोड़ की प्रॉपर्टी की क्षति हुई है।
शिमला, कुनिहार के एक छोटे से गांव कंडा से निकले डॉ. राजीव चौहान अब पीजीआई में एडवांस्ड न्यूरोसाइंस सेंटर के अतिरिक्त चिकित्सा अधीक्षक के रूप में अपनी सेवाएं देंगे। बता दे की उन्होंने वर्ष 2002 में आईजीएमसी शिमला से एमबीबीएस और वर्ष 2011 में पीजीआई चंडीगढ़ से एनेस्थीसिया में एमडी की उपाधि प्राप्त की थी। साथ ही वर्ष 2017 में उन्होंने पीजीआई चंडीगढ़ से डीएम न्यूरो एनेस्थीसिया की डिग्री प्राप्त की। तब से वे पीजीआई चंडीगढ़ के एनेस्थीसिया विभाग में अतिरिक्त प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं और ऊना में पीजीआई के आगामी सैटेलाइट सेंटर के नोडल अधिकारी हैं। अब उन्हें पीजीआई के योग्य निदेशक डॉ. लाल द्वारा नई जिम्मेदारी सौंपी गई है और आगामी एडवांस्ड न्यूरोसाइंस सेंटर के अतिरिक्त चिकित्सा अधीक्षक के रूप में नियुक्त किया गया है।
राज्यसभा सांसद हर्ष महाजन ने कहा कि उन्होंने दिनांक 31 दिसम्बर 2024 को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को पत्र लिखकर पवित्र मणिमहेश यात्रा के इंतज़ामों के बारे में पहले ही चेताया था। इसके बावजूद समय रहते आवश्यक इंतजाम नहीं किए गए। उन्होंने आरोप लगाया कि यदि सरकार ने समय रहते आवश्यक तैयारियाँ की होतीं तो आज श्रद्धालुओं को इस आपदा और कठिनाइयों का सामना न करना पड़ता। उन्होंने कहा कि मणिमहेश एक पवित्र तीर्थ स्थल है और पूरे भारत वर्ष से लाखों श्रद्धालु दर्शन एंव स्नान के लिए यहां आते हैं। लेकिन बग्गा से भरमौर के बीच संकरी सड़क होने के कारण दर्शनार्थियों को 14 से 15 घंटे जाम का सामना करना पड़ता है। यही हाल बग्गा से हड़सर के आगे पैदल मार्ग का भी है। श्रद्धालु हड़सर तक ही मोटर वाहन से आ सकते है। लेकिन, इसके आगे श्रद्धालु यात्रियों को पैदल मार्ग का ही रूख करना पड़ता है। रास्ता खराब होने के कारण भारी भीड़ होने से चम्बा प्रशासन की प्रबंधकीय व्यवस्था भी चरमरा गई है। इन समस्याओं को ध्यान में रखते हुए भरमौर से हड़सर के बीच गाड़ी पार्किंग करने के लिए स्थान चिन्हित कर बहुमंजिला पार्किंग के साथ-साथ सराय भवन, रैन बसेरा इत्यादि निर्माण की भी आवश्यकता है। इससे दर्शनार्थियों के लिए यात्रा भी सुगम होगी, और चम्बा जिला अति पिछड़ा होने के कारण यहाँ के स्थानीय बेरोजगार लोगों को रोजगार के अवसर भी प्रदान होगें। साथ ही सांसद हर्ष महाजन ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही की जाए, ताकि आगामी वर्ष 2025 में होने वाली पवित्र मणिमहेश यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को सुविधा मिल सके। लेकिन दुर्भाग्यवश मुख्यमंत्री को पत्र लिखने के बावजूद इस पर कोई कार्यवाही नहीं की गई। जिसका असर स्थानीय लोगों के साथ-साथ बाहर से पवित्र मणिमहेश के दर्शन करने पहुंचे यात्रियों पर भी पड़ा अब सांसद हर्ष महाजन ने एक बार फिर प्रदेश सरकार से आग्रह किया कि भविष्य में ऐसी परिस्थितियों से बचने के लिए समय रहते ठोस कदम उठाए जाएँ, ताकि श्रद्धालुओं की आस्था और सुरक्षा सुनिश्चित हो सके | महाजन ने पत्र में उल्लेख किया है कि मणिमहेश यात्रा देश के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है, जहाँ प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु दर्शन एवं स्नान के लिए पहुँचते हैं। यात्रा के दौरान संकरी सड़कों के कारण श्रद्धालुओं को 14–15 घंटे तक जाम का सामना करना पड़ता है। हेलिकॉप्टर सेवा के अलावा श्रद्धालुओं को हडसर तक मोटर मार्ग और उसके आगे पैदल मार्ग से यात्रा करनी पड़ती है, लेकिन खराब रास्तों और प्रशासनिक अव्यवस्था के कारण यात्रियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
राज्यसभा सांसद हर्ष महाजन ने आज केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखकर हिमाचल प्रदेश में हाल ही में हुई भूस्खलन एवं भीषण वर्षा से उत्पन्न आपदा के चलते राष्ट्रीय एवं राज्यीय राजमार्गों की गंभीर स्थिति की ओर ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने अपने पत्र में उल्लेख किया कि प्राकृतिक आपदा ने जनजीवन को गहरे संकट में डालने के साथ-साथ सड़कों की स्थिति भी अत्यंत खराब और खतरनाक बना दी है। अनेक मार्ग टूट-फूट, धंसने और अवरुद्ध हिस्सों के कारण परिवहन योग्य नहीं रहे हैं, जिससे स्थानीय निवासियों के साथ-साथ पर्यटन, व्यापार एवं आपूर्ति श्रृंखला भी प्रभावित हुई है। इन सड़कों की त्वरित मरम्मत एवं पुनर्निर्माण राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के माध्यम से सुनिश्चित किया जाना आवश्यक है। उन्होंने यह भी आग्रह किया कि NHAI अधिकारियों की नियमित उपस्थिति एवं जवाबदेही सुनिश्चित की जाए। स्थानीय स्टाफ की संख्या बढ़ाई जाए। एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया जाए, जो समय-समय पर स्थलीय निरीक्षण कर मरम्मत एवं पुनर्निर्माण कार्य की निगरानी करे। साथ ही उन्होंने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से स्वयं हिमाचल प्रदेश का दौरा करने का आग्रह किया और आपदा से प्रभावित सड़कों का प्रत्यक्ष अवलोकन कर स्थानीय आवश्यकताओं का मूल्यांकन करने को कहा। सांसद महाजन ने विश्वास व्यक्त किया कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के हस्तक्षेप एवं मार्गदर्शन से हिमाचल प्रदेश की सड़क व्यवस्था शीघ्र सामान्य स्थिति में लौटेगी तथा प्रदेश की आर्थिक एवं सामाजिक गतिविधियाँ पुनः गति प्राप्त करेंगी
भारत मंडपम, प्रगति मैदान में आयोजित एक दिवसीय राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस एवं संवाद कार्यक्रम में हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण विकास मंत्री Anirudh Singh तथा ग्रामीण विकास विभाग के निदेशक राघव शर्मा ने भाग लिया। यह कार्यक्रम स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण (SBM-G) फेज-III के आगामी दिशा-निर्देशों को लेकर केंद्र और राज्यों के बीच विचार-विमर्श हेतु आयोजित किया गया था। सम्मेलन में मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने हिमाचल प्रदेश की ओर से कई महत्वपूर्ण सुझाव प्रस्तुत किए, जिनमें ग्रामीण क्षेत्रों में जनभागीदारी को बढ़ावा देने, निगरानी तंत्र को मजबूत करने तथा दीर्घकालिक स्वच्छता ढांचे को सुनिश्चित करने पर विशेष बल दिया गया। वहीं, निदेशक राघव शर्मा ने जिला कांगड़ा के धर्मशाला ब्लॉक में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (SWM) के क्षेत्र में अपनाई गई श्रेष्ठ कार्यप्रणालियों को साझा किया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार स्थानीय समुदाय की भागीदारी, विकेन्द्रीकृत कचरा संग्रहण प्रणाली और पुनः उपयोग की पहल ने क्षेत्र में स्वच्छता और जनस्वास्थ्य के स्तर को बेहतर बनाया है। हिमाचल प्रदेश की प्रस्तुतियां सम्मेलन में सराही गईं और उम्मीद जताई गई कि ये सुझाव SBM-G फेज-III के संशोधित दिशा-निर्देशों में शामिल किए जाएंगे।
हिमाचल में भारी बारिश के चलते शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे। लगातार बारिश से पहाड़ दरक रहे हैं, मकान जमीदोज हो रहे हैं और यातायात में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। माैसम के कहर से राज्य में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है।सैकड़ों सड़कें बंद हैं, ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली-पानी की आपूर्ति ठप हो गई है। राज्य में सात नेशनल हाईवे सहित 1162 सड़कें बंद हैं। 2477 बिजली ट्रांसफार्मर व 720 जल आपूर्ति योजनाएं ठप हैं। कुल्लू जिले में 204, मंडी 282, शिमला 234, सिरमाैर 137, सोलन 92, कांगड़ा 60, लाहाैल-स्पीति 48 व चंबा जिले में 100 से अधिक सड़कें बाधित हैं। इस बीच प्रदेश के चार जिलों, कांगड़ा, मंडी, सिरमौर और किन्नौर के कुछ स्थानों पर बुधवार को भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, ऊना और बिलासपुर के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। अन्य जिलों में भी बारिश होने की सम्भावना हैं। आठ सितंबर तक मौसम खराब बना रहने का पूर्वानुमान है। मौसम विभाग की चेतावनी को मद्देनजर रखते शिमला, सोलन, सिरमौर, कांगड़ा, बिलासपुर और कुल्लू में बुधवार को भी शिक्षण संस्थान बंद रहे। मंडी जिले में भी धर्मपुर, कोटली, पधर, सरकाघाट, बल्ह, करसोग, बालीचौकी, सुंदरनगर, थुनाग, गोहर उपमंडल में शिक्षण संस्थान बंद रहे।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा मानसून सत्र का आज 11वाँ दिन है। सत्र की कार्यवाही दोपहर 2 बजे शुरू होगी और इसमें बीते दिनों हुई प्राकृतिक आपदाओं, विशेषकर बादल फटने, भूस्खलन और भारी तबाही का मुद्दा जोर-शोर से गूंजने की संभावना है। प्रश्नकाल के दौरान भी इस विषय पर सवाल-जवाब होंगे और अनुपूरक प्रश्न पूछे जाएंगे। इसके अलावा शून्यकाल और अन्य नियमों के तहत भी विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच तीखी बहस देखने को मिल सकती है। यह 12 दिवसीय मानसून सत्र कल मंगलवार को समाप्त होगा। गौरतलब है कि यह चौदहवीं विधानसभा का 12वां सत्र है और इसे प्रदेश के इतिहास का चौथा सबसे लंबा सत्र माना जा रहा है। सोमवार को सदन में चार अहम विधेयक पेश किए जाएंगे। इनमें हिमाचल प्रदेश लोक परीक्षा अनुचित साधन निवारण विधेयक 2025, हिमाचल प्रदेश सड़क द्वारा कतिपय माल के वहन पर कराधान संशोधन विधेयक 2025, रजिस्ट्रीकरण हिमाचल प्रदेश संशोधन विधेयक 2025 और हिमाचल प्रदेश पंचायती राज संशोधन विधेयक 2025 शामिल हैं। इन विधेयकों को पारित करने का प्रस्ताव मंगलवार को सत्र के अंतिम दिन रखा जाएगा। इसी के साथ आज सदन में हिमाचल प्रदेश लोक उपयोगिताओं के परिवर्तन का प्रतिषेध विधेयक 2025 को भी पारित करने का प्रस्ताव रखा जाएगा। वहीं नियम 130 के तहत शाहपुर से कांग्रेस विधायक केवल सिंह पठानिया संसाधन जुटाने के लिए नीति बनाने का प्रस्ताव रखेंगे। उधर भाजपा विधायक बिक्रम सिंह अवैध खनन और प्राकृतिक संसाधनों के अंधाधुंध दोहन से उत्पन्न भूस्खलन और बाढ़ जैसी समस्याओं को रोकने के लिए नई नीति पर चर्चा की मांग करेंगे। यह सत्र न केवल विधायी गतिविधियों के लिहाज से बल्कि आपदा और राहत कार्यों पर होने वाली चर्चाओं के चलते भी ऐतिहासिक माना जाएगा।
शिमला-सोलन-परवाणू राष्ट्रीय राजमार्ग पर जनता की परेशानियों को देखते हुए हिमाचल हाईकोर्ट ने एनएचएआई की कार्यप्रणाली पर कड़ी फटकार लगाई है। अदालत ने कहा कि प्रीमियम हाईवे की हालत बद से बदतर है, और इसकी अनदेखी से आम जनता और राज्य की अर्थव्यवस्था दोनों को गहरा नुकसान हो रहा है। मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायाधीश रंजन शर्मा की खंडपीठ ने मामले में क्षेत्रीय अधिकारी को अगली सुनवाई पर व्यक्तिगत तौर पर पेश होने और ठोस कार्ययोजना प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं। अदालत ने साफ कहा कि सिर्फ कागजी दावे नहीं, बल्कि जमीनी हकीकत सामने रखनी होगी। कोर्ट ने एनएचएआई के हलफनामे को भ्रामक करार दिया। एनएचएआई ने दावा किया था कि हाईवे पर स्टोन क्रशर महज़ 20 मीटर क्षेत्र में है, लेकिन मौके पर यह दायरा 200 मीटर से भी कम नहीं पाया गया। इससे न केवल सड़क की चौड़ाई घटी बल्कि यातायात भी लगातार प्रभावित हुआ। अदालत ने चेतावनी दी है कि अगर हालात नहीं सुधरे तो सुप्रीम कोर्ट और केरल हाईकोर्ट के फैसलों की तरह सनवारा टोल प्लाजा बंद करने का आदेश दिया जा सकता है। साथ ही, अदालत ने वर्ष 2017 से अब तक वसूले गए टोल टैक्स का पूरा ब्योरा मांगा है। वही सेब सीजन का जिक्र करते हुए कोर्ट ने कहा कि बागवानों को लगातार ट्रैफिक जाम से भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। जुलाई-अगस्त में चक्की मोड़ पर सड़क तीन से अधिक बार बंद रही, जिससे पांच किलोमीटर तक लंबा जाम लगा। हाईकोर्ट ने परवाणू से सोलन-कैथलीघाट तक काम करने वाले सभी ठेकेदारों का पूरा विवरण मांगा है, ताकि यह पता चल सके कि कहीं ठेके देने में गड़बड़ी या सांठगांठ तो नहीं हुई। अदालत ने सलोगड़ा में अपोलो टायर्स के पास बन रहे पुल की गुणवत्ता पर भी गंभीर सवाल उठाए। पाया गया कि एक पिलर की ऊंचाई मानकों पर खरी नहीं उतर रही है। जिसके बाद कोर्ट ने इस पुल पर अब तक खर्च की गई राशि का पूरा हिसाब और ठेकेदारों के खिलाफ हुई कार्रवाई का ब्यौरा भी मांगा है। अब इस पूरे मामले की अगली सुनवाई 18 सितंबर को होगी। अदालत ने साफ संकेत दे दिए हैं कि अगर एनएचएआई ने जिम्मेदारी नहीं निभाई, तो टोल बंद करने जैसे कड़े कदम उठाए जाएंगे।
मंडी में हाल ही में आई भीषण बाढ़, कुल्लू जिले में बादल फटने और अचानक आई बाढ़ से कीरतपुर-पंडोह-कुल्लू-मनाली कॉरिडोर को हुए नुकसान को देखते हुए, NHAI के अध्यक्ष संतोष कुमार यादव ने NHAI मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों और शिमला स्थित क्षेत्रीय कार्यालय के क्षेत्रीय अधिकारियों के साथ एक बैठक की। बैठक में स्थिति की समीक्षा की गई और हिमाचल प्रदेश में NH-21 के कीरतपुर-पंडोह-कुल्लू-मनाली खंड पर तत्काल जीर्णोद्धार/सुधार कार्य शुरू कर दिया गया है। जीर्णोद्धार कार्य में कुल्लू-मनाली खंड पर दस स्थान शामिल होंगे जो पूरी तरह से बह गए हैं और पाँच स्थान जो मूसलाधार बारिश/बाढ़ से आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जिसके परिणामस्वरूप NH-21 के माध्यम से पर्यटन नगरी मनाली का राज्य के बाकी हिस्सों से संपर्क टूट गया है। हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की वैकल्पिक सड़क भी क्षतिग्रस्त हो गई है, इसलिए केवल हल्के वाहनों को हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग (एचपीपीडब्ल्यूडी) मार्ग से होकर भेजा गया है। एनएचएआई ने राष्ट्रीय राजमार्ग यातायात द्वारा उपयोग की जा रही पीडब्ल्यूडी सड़क की तत्काल बहाली और रखरखाव के लिए हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग (एचपीपीडब्ल्यूडी) को वित्तीय सहायता प्रदान करने का भी निर्णय लिया है। इसके अतिरिक्त, कीरतपुर-पंडोह-मनाली खंड पर बारिश/बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुए अन्य स्थानों की स्थायी बहाली की जाएगी। स्थायी बहाली के लिए एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट पर काम चल रहा है। स्थायी बहाली के विभिन्न विकल्पों पर विचार किया जा रहा है, जिनमें सुरंगों का निर्माण, ऊँची संरचनाएँ और ढलान स्थिरीकरण शामिल हैं। अल्पकालिक सुधार के लिए एनएचएआई द्वारा लगभग 100 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। इन खंडों के दीर्घकालिक समाधान के लिए भी उपाय किए जा रहे हैं। भारी बारिश, बाढ़ और बादल फटने से पहाड़ी क्षेत्रों में राष्ट्रीय राजमार्गों को नुकसान पहुँचा है, जिससे परिवहन बाधित हुआ है और स्थानीय समुदाय प्रभावित हुए हैं। एनएचएआई इन संवेदनशील क्षेत्रों में शीघ्र बहाली सुनिश्चित करने और यात्रा एवं वाणिज्य पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करने के लिए बहाली और सुरक्षा उपायों पर सक्रिय रूप से काम कर रहा है।
राज्य में मानसून का सितम जारी है। कुल्लू जिला के आनी में भारी बारिश के बाद पटारना गांव में हुए भूस्खलन से 2 मकान जमींदोज हुए, जिसमें 2 महिलाएं दब गईं, जिसमें से एक की मौत हो गई है, जबकि एक की तलाश जारी है। कुल्लू के ही खादवी गांव में 3 मकान भूस्खलन की जद में आ गए हैं। जनजातीय जिला किन्नौर के उपमंडल पूह के लिप्पा गांव में शुक्रवार तड़के बादल फटने के कारण भोगती नाले में अचानक आए सैलाब ने भारी नुक्सान पहुंचाया। इस बाढ़ में 2 मजदूर फंस गए, जो जम्मू-कश्मीर के रहने वाले हैं। गनीमत यह रही कि स्थानीय लोगों ने तुरंत दोनों मजदूरों को बचाया और प्राथमिक उपचार के बाद किन्नौर के रिकांगपिओ क्षेत्रीय अस्पताल में भर्ती कराया। इस घटना में गांव की उपजाऊ भूमि भी बर्बाद हो गई। कुल्लू और चम्बा जिले में हुई भारी बारिश से हालात अभी भी सामान्य नहीं हुए हैं। वही मौसम विभाग ने आगामी आज और कल अगस्त को कांगड़ा, चम्बा, कुल्लू में भारी से बहुत भारी वर्षा का ऑरैंज अलर्ट जारी किया है, जबकि पहली और 2 सितम्बर को भारी वर्षा का यैलो अलर्ट जारी रहेगा। 3 और 4 सितम्बर को भी मौसम खराब रहेगा, लेकिन किसी प्रकार की चेतावनी जारी नहीं की गई है। राज्य में 2 नैशनल हाईवे व 914 संपर्क मार्ग बंद, 925 ट्रांसफार्मर भी ठप्प लगातार हो रही बारिश से शुक्रवार सुबह तक 2 एन.एच. व 633 सड़कें बंद थीं, लेकिन शाम को इनका आंकड़ा बढ़ गया है। अब राज्य में 2 नैशनल हाईवे एनएच 03 व एनएच 305 बंद हैं, जबकि 914 सड़कें अवरुद्ध हैं। 925 बिजली ट्रांसफार्मर व 266 पेयजल योजनाएं भी प्रभावित चल रही हैं। मानसून सीजन में अब तक 317 मौतें इस मानसून में अब तक प्रदेश में 317 लोगों की मौत हो चुकी है, 40 लोग लापता और 374 घायल हुए हैं। इस मानसून में प्रदेश में फ्लैश फ्लड की 90, भूस्खलन की 87 और बादल फटने की 42 घटनाएं हुई हैं।
जिला प्रशासन शिमला ने गुप्त सूचना के आधार पर त्वरित कार्रवाई करते हुए अवैध सिलेंडर से भरे 3 वाहन और लगभग 361 अवैध सिलेंडर एसजेवीएन कार्यालय शनान के पास गैस एजेंसी कार्यालय से जब्त किए। जिला दण्डाधिकारी शिमला अनुपम कश्यप ने बताया कि गुप्त सूचना प्राप्त होते ही सुबह 10 बजे अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी पंकज शर्मा को निरीक्षण के लिए भेजा गया। पंकज शर्मा ने जिला नियंत्रक खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग नरेंद्र धीमान, खाद्य आपूर्ति अधिकारी अनीता ठाकुर, हेड कांस्टेबल विक्रम और कांस्टेबल विकास के साथ मै० संजीव कुमार गैस एजेंसी, जिसे पेट्रो गैस एनर्जी इंडिया लिमिटेड द्वारा सुपर स्टॉकिस्ट हेतु एलओआई जारी किया गया है, के कार्यालय में दबिश दी और औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कार्यालय में 4 खाली सिलेंडर 12 किलोग्राम तथा 01 सिलेंडर 14.2 किलोग्राम तथा वाहन संख्या एचपी63सी-8101 में 23 खाली सिलेंडर, वाहन संख्या एचपी63-0383 में 06 खाली सिलेंडर पाए गए। इसके अतिरिक्त, मै० पेट्रो गैस एनर्जी इंडिया लिमिटेड लुधियाना से आये वाहन संख्या एचआर67इ-3833 में 240 भरे सिलेंडर (21 किलोग्राम वजन) पाए गए जोकि शनान, रोहड़ू और कोटखाई के लिए आये थे। उन्होंने बताया कि मै० संजीव कुमार गैस एजेंसी कोटखाई स्थित एसजेवीएन कार्यालय शनान के पास इन सिलेंडर को भंडारित करने तथा बेचने हेतु सुपर स्टॉकिस्ट के तौर पर प्राधिकृत होने के बावजूद भण्डारण हेतु समबन्धित विभाग से प्राधिकृत गोदाम न होने तथा उपरोक्त गैस कंपनी द्वारा अनाधिकृत डीलर को गैस की आपूर्ति करने पर एलपीजी (रेगुलेशन ऑफ़ डिस्ट्रीब्यूशन) आर्डर, 2000 तथा गैस सिलेंडर रूल्स, 2016 की उल्लंघना पाए जाने पर इन 3 वाहनों और 240 भरे हुए (21 किलोग्राम), 116 खाली (21 किलोग्राम), 4 खाली (12 किलोग्राम) तथा 01 खाली सिलेंडर (14.2 किलोग्राम) तथा 35 प्रेशर रेगुलेटर को कब्जे में लिया गया है। इसी कड़ी में रोहड़ू उपमंडल में भी निरीक्षण किया गया जहाँ एएसआई विनोद कुमार, हेड कांस्टेबल परमिंदर कुमार और निरीक्षक खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले रोहड़ू रजत देष्टा की टीम ने निरीक्षण के दौरान 11 अवैध सिलेंडर जब्त किए हैं। जिला दण्डाधिकारी ने बताया कि इस मामले में सख्त कार्रवाई की जा रही है। यह सिलेंडर होटल तथा ढाबों में सप्लाई करवाए जाते थे। साथ ही उन्होंने कहा कि लोगों की सुविधा के साथ-साथ उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जिला प्रशासन तत्पर है और इसी प्रकार आगे भी अवैध रूप से चल रहे ऐसे व्यवसायों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
खेल और संस्कृति से बनेगा सशक्त समाज : दीपक ठाकुर शनिवार को स्पोर्ट्स एंड कल्चरल एसोसिएशन की नई कार्यकारिणी वर्ष 2025 के लिए गठित कर दी गई है। इस अवसर पर संगठन ने सभी नवनियुक्त पदाधिकारियों को शुभकामनाएँ दीं और साथ ही कार्यकाल के दौरान खेल व सांस्कृतिक गतिविधियों को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का संकल्प दोहराया। नई कार्यकारिणी में पबनेश कुमार को अध्यक्ष, सुरेंद्र को उपाध्यक्ष, अरविंद शर्मा को सचिव, दीपक ठाकुर को महासचिव तथा अभिषेक शर्मा को कैशियर चुना गया है। इसके अलावा अशोक शर्मा, संजय कुमार, प्रिंस शर्मा, उत्तम सिंह, अंकित सूद और युगल किशोर सदस्य बनाए गए हैं, जबकि रवि कुमार को स्टोर कीपर की जिम्मेदारी सौंपी गई है। महासचिव दीपक ठाकुर ने युवाओं से अपील की कि वे नशे को त्यागकर खेलों को अपनाएँ। उन्होंने कहा कि खेल और सांस्कृतिक गतिविधियाँ ही एक स्वस्थ एवं सशक्त समाज की नींव रख सकती हैं। वहीं, अध्यक्ष पबनेश कुमार ने भी साथियों से आह्वान किया कि वे खेल और सकारात्मक गतिविधियों के माध्यम से समाज को नई दिशा देने में सहयोग करें।
विमल नेगी मामला: सीबीआई ने एसआईटी के डीएसपी से दिल्ली में की पूछताछ **जांच से जुड़े रिकॉर्ड खंगाले **पूर्व पुलिस महानिदेशक को बुलाया दिल्ली हिमाचल प्रदेश राज्य ऊर्जा निगम के मुख्य अभियंता रहे विमल नेगी मौत मामले को लेकर सीबीआइ ने दिल्ली में एसआइटी के डीएसपी सहित दो निरीक्षकों से लंबी पूछताछ की है। इस संबंध में जांच को लेकर और कब्जे में लिए गए रिकार्ड के आलवा अन्य तथ्यों को लेकर सवाल जवाब किए गए हैं। सीबीआइ ने इस मामले में बड़े अधिकारियों को भी दिल्ली पूछताछ के लिए बुलाया हुआ है। बताया जा रहा है कि पूछताछ का सिलसिला आगामी दो दिनों जारी रहेगा। सीबीआइ इस मामले को लेकर ऊर्जा निगम के तत्कालीन अधिकारियों के अलावा एसआइटी जांच में शामिल रहे जांच अधिकारियों के बयान दर्ज कर चुकी है। मिली जानकारी के अनुसार इस संबंध में प्रदेश पुलिस के पूर्व महानिदेशक के बयान भी दर्ज किए जाने हैं। उन्हें बयान दर्ज करने के लिए दिल्ली बुलाया गया है। सीबीआइ कब्जे में लिए गए सारे रिाकउर् को खांगालने के साथ जो साक्ष्य जुटाए गए हैं उन्हें भी खंगाल रही है।
शिमला: हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी ने B.Ed में प्रवेश के लिए जो पहले राऊंड की काऊंसलिंग प्रक्रिया है उसे पूरी हो जाने के बाद बीते कल बुधवार को खाली सीटों का ब्यौरा जारी कर दिया है। जारी किए ब्यौरे के मुताबिक HPU के शिक्षा विभाग समेत सरकारी व प्राइवेट B.Ed कालेजों में 4336 सीटें अभी खाली हैं। अब इन सभी खाली सीटों को भरने के लिए आज से दूसरे राऊंड की काऊंसलिंग ऑनलाइन शुरू की जाएगी। पहले राऊंड की काऊंसलिंग प्रक्रिया के बाद प्राइवेट B.Ed कालेजों में 4207 सीटें खाली रह गई हैं जबकि इन कालेजों में 991 सीटें ही भर पाई हैं। इसके अलावा HPU के शिक्षा विभाग में 28 सीटें खाली हैं जबकि इस विभाग में पहले राऊंड में 72 सीटेें ही भरी है। राजकीय कालेज ऑफ टीचर एजुकेशन धर्मशाला में 101 सीटें रिक्त रह गई हैं, जबकि यहां पर 149 सीटें ही भर पाई हैं। वहीं 588 उम्मीदवारों ने कालेज शिफ्ट करने के लिए आवेदन दिया है। अब इन खाली सीटों पर प्रवेश के लिए उम्मीदवारों को एक बार फिर से ऑनलाइन आवेदन करना पड़ेगा। उम्मीदवारों को अपनी लॉग इन आईडी के जरिये 5 कालेज की प्राथमिकताएं 25 अगस्त तक देनी होंगी। 27 अगस्त को स्पोर्ट्स कोटे के तहत B.Ed में प्रवेश के लिए काऊंसलिंग HPU में होगी। 28 अगस्त को कल्चरल कोटे के तहत प्रवेश के लिए काऊंसलिंग होगी। 30 अगस्त को उम्मीदवारों को आबंटित कालेज की सुचना लॉग इन आईडी पर अपलोड कर दी जाएगी। इसके बाद 21 अगस्त से 2 सितम्बर तक संबंधित आबंटित कालेज में उम्मीदवारों के दस्तावेजों का सत्यापन किया जायेगा और फीस ऑनलाइन जमा करनी होगी।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने निलंबित एएसआई पंकज शर्मा को पुलिस गेस्ट हाउस में 24 घंटे निगरानी में रखे जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को सुरक्षा के नाम पर पुलिस कर्मी की स्वतंत्रता पर लगाए गए प्रतिबंधों को तत्काल हटाने के निर्देश दिए हैं। अदालत ने राज्य सरकार को यह भी सुनिश्चित करने के आदेश दिए हैं कि व्यक्ति के मौलिक अधिकारों का हनन किए बिना यदि आवश्यक है तो उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उचित व्यवस्था की जाए। निलंबित एएसआई पंकज शर्मा पर चीफ इंजीनियर विमल नेगी के शव के पास बरामद पेन ड्राइव को गायब करने के आरोप लगे थे। न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की अदालत ने जल्द से जल्द आवश्यक करवाई करते हुए याचिकाकर्ता को उसके परिवार से मिलने की अनुमति देने के आदेश दिए। कहा कि भविष्य में याचिकाकर्ता की सुरक्षा से संबंधित कोई भी निर्णय उसे विश्वास में लेकर ही लिया जाए। सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता अनूप रतन ने अदालत को बताया कि मामले में खतरे की आशंका को देखते हुए यह सुरक्षा याचिकाकर्ता को मुहिया करवाई गई थी। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि क्योंकि अब जांच राज्य एजेंसियों के बजाय सीबीआई की ओर से की जा रही है, इसलिए राज्य सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करने के लिए तैयार है। सीबीआई की ओर से अदालत को बताया गया कि इस मामले में उनका कोई लेना-देना नहीं है, क्योंकि याचिकाकर्ता को सीबीआई के कहने पर हिरासत में नहीं लिया गया है। याचिका में आरोप लगाए गए थे कि उन्हें केवल निलंबित किया गया है और किसी भी निवारक हिरासत में नहीं है, फिर भी उन्हें जबरन पुलिस गेस्ट हाउस में रखा गया है। उनके कमरे के अंदर एक सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है और 24 घंटे पुलिस गार्ड तैनात रहते हैं, जिससे उनकी गतिविधियों पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। उन्होंने आरोप लगाए कि यह करवाई बिना किसी कानूनी अधिकार और न्यायिक स्वीकृति के की गई है, जो संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत प्राप्त उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। उन्होंने अदालत से मांग की थी कि उन्हें उनके सरकारी आवास भराड़ी में रहने की अनुमति दी जाए, जहां उनका परिवार रहता है। अदालत ने सभी पक्षों को सुनने के बाद सरकार को निर्देश जारी कर याचिका का निपटारा किया।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) द्वारा एशिया कप में पाकिस्तान के साथ भारतीय क्रिकेट टीम को खेलने की अनुमति दी गई है, जिसका विरोध शुरू हो गया है। बुधवार को विधानसभा के मानूसन सत्र के दौरान जीरो अवर में कांग्रेस विधायक मलेंद्र राजन ने सदन के अंदर प्रस्ताव लाकर भारत पाक क्रिकेट मैच को लेकर आपत्ति जताई हैं इस प्रस्ताव के माध्यम से केंद्र सरकार और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड से यह आग्रह किया है कि पाकिस्तान के साथ भारतीय क्रिकेट टीम के मैच खेलने की अनुमति को रद्द किया जाए। इंदौरा से कांग्रेस विधायक मलेंद्र राजन ने कहा कि सीमा पार से निरंतर आतंकी हमलो को देखते हुए पाकिस्तान के साथ किसी भी प्रकार का खेल संबंध न तो राष्ट्रीय भावना के अनुकूल है और न ही शहीदों के प्रति सम्मानजनक है। यदि मैच होता है तो यह शहीदों और उनके परिवार के प्रति अन्याय होगा। साथ ही उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आतंकियों के जरिए निर्दोष नागरिकों को अपना शिकार बना रहा है, घुसपैठ करवाई जा रही है। उसको देखते हुए माहौल अनुकूल नहीं है। ऐसे में किसी भी तरह का मैच पाकिस्तान के साथ न खेला जाए। इसको देखते हुए आज सदन के अंदर जीरो अवर में इस प्रस्ताव को उठाया गया साथ ही प्रदेश की विधानसभा केंद्र सरकारऔर बीबीसीआई से यह मांग करेगी कि भारतीय क्रिकेट टीम को पाकिस्तान से कोई भी मैच खेलने कि अनुमति नहीं दी जाए।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में स्पष्ट किया है कि किसी महिला की तस्वीरें लेना भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 354D के तहत पीछा करने के अपराध की श्रेणी में नहीं आता, जब तक कि महिला ने स्पष्ट रूप से आपत्ति न जताई हो और आरोपी ने फिर भी बार-बार संपर्क करने की कोशिश की हो। यह फैसला न्यायमूर्ति राकेश कैंथला ने एक अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। कोर्ट ने कहा कि पीछा करने की परिभाषा के अंतर्गत अपराध सिद्ध करने के लिए यह आवश्यक है कि आरोपी बार-बार किसी महिला से संपर्क करने की कोशिश करे, जबकि महिला ने असहमति व्यक्त की हो। कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर किसी महिला की इंटरनेट, ईमेल या इलेक्ट्रॉनिक संचार माध्यमों से निगरानी की जाती है, तो वह जरूर "पीछा करने" की परिभाषा में आ सकता है। लेकिन केवल तस्वीरें लेना, जब तक कि इसमें बार-बार संपर्क की कोशिश या निगरानी शामिल न हो, कानून की दृष्टि से पीछा करना नहीं माना जा सकता। मामले में शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि याचिकाकर्ता ने उसकी पत्नी की तस्वीरें ली थीं। कोर्ट ने पाया कि शिकायत में ऐसा कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं है कि याचिकाकर्ता ने महिला का पीछा किया या बार-बार उससे संपर्क करने की कोशिश की। कोर्ट ने स्टेटस रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि याचिकाकर्ता से हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता नहीं है। ऐसे में उसे हिरासत में रखने का कोई औचित्य नहीं बनता। इस आधार पर कोर्ट ने याचिकाकर्ता को अग्रिम जमानत प्रदान कर दी। यह फैसला पीछा करने के मामलों में कानूनी व्याख्या और अधिकारों की स्पष्टता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों में बीते रात भारी बारिश हुई है। कई जगहों पर बादल फटे तो कई जगह पर भूस्खलन हुए हैं। इसके चलते कल मंगलवार तक प्रदेश में एक NH सहित 357 सड़कें बंद रहीं। कुल्लू में फ्लैश फ्लड की वजह से काफी नुकसान हुआ है। कुल्लू के शास्त्रीनगर और गांधीनगर में सड़क पर खड़ी कई गाड़ियां मलबे में दब गईं और साथ ही कई घरों व दुकानों में मलबा भर चूका है। कांगड़ा और मंडी में भी तेज़ बारिश की वजह से नदी नाले उफान पर हैं। चंडीगढ़-मनाली फोरलेन औट, जोगनी मोड़, डयोड और दवाड़ा के समीप लैंडस्लाइड से अवरुद्ध है जिसके चलते सैकड़ों लोग कई घंटों से फोरलेन पर जगह जगह फंसे पड़े हैं। प्रदेश में अभी तक 74 जगह बाढ़ आ चुकी है और 38 जगह बादल फटने की घटना हो चुकी हैं। यलो अलर्ट जारी मौसम विभाग ने 6 जिले ऊना, कांगड़ा, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर जिला में आज भी बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में कुछ इलाकों में भारी बारिश भी हो सकती है। प्रदेश में अगले 5 दिनों तक बारिश का दौर जारी रहने की सम्भावना जताई गई है। वहीं मौसम विभाग द्वारा आगामी कल के लिए भी कांगड़ा, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर जिला में बारिश की चेतावनी दी गई है जबकि 22 व 23 अगस्त के लिए ऊना, चंबा, कांगड़ा, मंडी और सिरमौर जिला में यलो अलर्ट जारी किया गया है। अब तक का नुकसान हिमाचल में इस मानसून अब तक 276 लोगों की मौत हुई हैं। इनमें 35 लोगों की जान लैंडस्लाइड, बाढ़ और बादल फटने से गई है जबकि 37 लोग अभी भी लापता हैं। प्रदेश में अब तक प्राइवेट व सरकारी संपत्ति को 2211 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है।
कालका-शिमला धरोहर रेलमार्ग ऐतिहासिक ट्रैक अपनी सुरंगों, पुलों और प्राकृतिक खूबसूरती के लिए दुनिया भर में मशहूर है। अब इस सफर का अनुभव और भी शानदार होने जा रहा है। रेलवे यहां अत्याधुनिक पैनोरमिक कोच शुरू करने की तैयारी कर चुका है। इन लग्ज़री कोचों में यात्रियों को शीशे की बड़ी खिड़कियों से वादियों का बेमिसाल नज़ारा मिलेगा। वातानुकूलित डिब्बों में ऑटोमैटिक दरवाज़े, सीसीटीवी कैमरे, फायर अलार्म, शोर और कंपन रहित तकनीक, अल्ट्रा वायलेट कोटेड ग्लास, मॉड्यूलर सीटिंग, लग्ज़री चेयर और ऑनबोर्ड मिनी पैंट्री जैसी आधुनिक सुविधाएं होंगी। पहला ट्रायल पहले ही किया जा चुका है, हालांकि उसमें कुछ तकनीकी दिक्कतें सामने आई थीं। इन्हें दूर करने के लिए कोचों को कपूरथला रेल कोच फैक्ट्री भेजा गया, जहां अब सुधार कार्य लगभग पूरा हो चुका है। फिलहाल रेलवे मंत्रालय से अंतिम स्वीकृति का इंतजार है। जैसे ही मंज़ूरी मिलेगी, इन कोचों को यात्रियों के लिए शुरू कर दिया जाएगा। हालांकि आधुनिक सुविधाओं के चलते इनका किराया सामान्य डिब्बों से ज्यादा हो सकता है। इससे पहले विस्टाडोम कोच ने यात्रियों का दिल जीता था। अब पैनोरमिक कोच इस धरोहर रेलमार्ग की यात्रा को और भी रोमांचक, आरामदायक और यादगार बनाने वाले हैं।
हिमाचल प्रदेश के सात जिलों में आज भी बारिश का येलो अलर्ट जारी है। मौसम विभाग ने ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा, कांगड़ा, कुल्लू और मंडी में कई जगहों पर भारी बारिश की चेतावनी दी है। राज्य के अन्य हिस्सों में भी बारिश होने की संभावना है, हालांकि वहां कोई विशेष अलर्ट नहीं है। मौसम विभाग का अनुमान है कि 22 अगस्त तक हिमाचल में बारिश का दौर जारी रहेगा। सोमवार को शिमला सहित कई इलाकों में तेज बारिश हुई। इससे भूस्खलन की घटनाएं बढ़ी हैं, जिससे कई सड़कों पर यातायात बंद हो गया है। प्रदेश में करीब 760 ट्रांसफार्मर ठप होने से बिजली की सप्लाई बाधित है। कई पेयजल योजनाओं में गाद आने के कारण शिमला समेत कई क्षेत्रों में पानी की समस्या पैदा हो गई है। भूस्खलन के कारण किरतपुर-मनाली हाईवे भी कुल्लू और मंडी के बीच बंद हो गया है, जिससे सैकड़ों वाहन बजौरा में फंसे हुए हैं। इसके अलावा, बंजार में NH-305 सहित कई संपर्क सड़कें भी बंद हैं। सैंज-लारजी और भुंतर-मणिकर्ण सड़कें भी कई जगह क्षतिग्रस्त हुई हैं। किसानों और बागवानों को भी भारी नुकसान हुआ है। सेब, टमाटर और गोभी जैसी तैयार फसलें खेतों और बगीचों में फंसी हुई हैं क्योंकि भूस्खलन के कारण वे उन्हें मंडियों तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं। कांगड़ा में भी सोमवार को बारिश हुई, जिससे धर्मशाला-पठानकोट सड़क तीन घंटे तक बंद रही। बारिश से हमीरपुर में एक कच्चा घर पूरी तरह से और एक आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गया। सिरमौर के कोलर और सैनवाला में कुछ घरों में पानी घुस गया, जिससे लोगों को परेशानी हुई। प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है।
राज्य में मानसून की हो रही बारिश से दुश्वारियां थमने का नाम नहीं ले रही हैं। कुल्लू जिला में तड़के 4 बजे शालानाला में बादल फटने की घटना सामने आई है, जिससे कुल्लू और मंडी के कई इलाकों में भारी नुक्सान हुआ। टकोली-मंडी और टकोली फोरलेन पर फ्लड के बाद मलबा आ गया। वहीं मलाणा डैम भी क्षतिग्रस्त हो गया। कुल्लू व मंडी के अलग-अलग इलाकों में 10 से ज्यादा घरों को नुक्सान हुआ। कई घरों में मलबा भर गया। शालानाला खड्ड में बाढ़ आने से एक कंपनी के ऑफिस और कालोनी की दीवार टूट गई। कर्मचारियों ने भाग कर जान बचाई। टकोली, पनारसा और नगवाई में 10 से अधिक गाड़ियों को भी नुक्सान हुआ। चंडीगढ़-मनाली फोरलेन मंडी और कुल्लू में जगह-जगह बंद हो गया। मौसम विभाग के अनुसार सोमवार को चम्बा व कांगड़ा जिलों में एक-दो स्थानों पर भारी बारिश का यैलो अलर्ट रहेगा। मंगलवार व बुधवार को किसी भी प्रकार का अलर्ट जारी नहीं किया गया है, अपितु 21 अगस्त से फिर से यैलो अलर्ट जारी किया गया है। रविवार को राजधानी शिमला सहित प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश हुई, जिसमें धौलाकुंआ में सर्वाधिक 104.5, नाहन में 30, शिमला व मनाली में 10-10, सुंदरनगर में 6, भुंतर में 3, धर्मशाला में 6.4, सोलन में 5, कांगड़ा में 3, मंडी में 2, बिलासपुर में 0.5, चम्बा में 1, जुब्बड़हट्टी में 2, कुफरी में 13.5, नारकंडा में 4.5, सेओबाग में 1, नेरी में 1.5, बजौरा में 1 मिलीमीटर वर्षा हुई, जबकि कल्पा में बूंदाबांदी हुई। इससे पूर्व शनिवार रात्रि को मंडी जिला के कटौला में सर्वाधिक 12, कांगड़ा में 11, नगरोटा सूरियां में 11, नाहन में 10, जोगिंद्रनगर में 8, पांवटा में 7, भुंतर में 6, पालमपुर में 6, गुलरे में 6, कसोल में 5, सुजानपुर टिहरा में 4 सैंटीमीटर वर्षा हुई। राजधानी शिमला में दिन में बारिश के बाद शाम को धूप खिली। 20 जून से आरंभ हुए मानसून सीजन में अब तक 263 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 332 घायल व 37 लापता हो गए हैं। राज्य में अब तक भूस्खलन की 66, फ्लैश फ्लड की 74 व बादल फटने की 36 घटनाएं प्रकाश में आ चुकी हैं। बारिश से लोगों की परेशानियां खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। रविवार शाम तक राज्य में 3 एनएच व 352 संपर्क मार्ग अवरुद्ध चल रहे हैं। इनमें जिला किन्नौर में एनएच 05 टिंकू नाला, कुल्लू जिला में एनएच 305 गजाधार, फेरडानाला व जहेड़, मंडी में एनएच 21 भारी बारिश के कारण अवरुद्ध है। मंडी में सबसे अधिक 201, कुल्लू जिला में 63, सिरमौर में 28 व कांगड़ा में 27 संपर्क मार्ग अवरूद्ध हैं जबकि 1067 बिजली ट्रांसफार्मर ठप्प पड़े हैं, जिससे कई इलाकों में ब्लैकआऊट छाया हुआ है। कुल्लू जिला में सर्वाधिक 557, मंडी जिला में 385, लाहौल-स्पीति में 112 ट्रांसफार्मर ठप्प हैं। 116 पेयजल योजनाएं भी प्रभावित चल रही हैं, जिसमें मंडी में सर्वाधिक 44, कांगड़ा में 41, हमीरपुर में 14 पेयजल योजनाएं शामिल हैं। राज्य को अब तक 2173 करोड़ से अधिक का नुक्सान हो चुका है, जिसमें सर्वाधिक लोक निर्माण विभाग को 1216 करोड़, जल शक्ति विभाग को 697 करोड़, बिजली बोर्ड को 139 करोड़ की चपत लग चुकी है।
हिमाचल विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार को दोपहर दो बजे से शुरू होगा। माना जा रहा है कि यह सत्र हंगामेदार रहेगा। विपक्ष प्राकृतिक आपदा, स्कूल बंद करने समेत कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी में है। रविवार को भी सत्र की तैयारियां जारी रहीं और विधानसभा परिसर में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी गई।18 अगस्त से 2 सितंबर तक चलने वाले इस सत्र में कुल 12 बैठकें होंगी। यह हिमाचल विधानसभा के इतिहास का चौथा सबसे लंबा सत्र होगा। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि जनहित से जुड़े मुद्दों पर सार्थक चर्चा हो, इसके लिए सोमवार को सत्र शुरू होने से पहले दोपहर 12 बजे सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है। अब तक विधानसभा सचिवालय को 981 सवाल मिल चुके हैं, जिनमें 793 तारांकित और 188 अतारांकित हैं। नियम 62, 101 और 130 के तहत भी कई सूचनाएं आई हैं, जिन पर सरकार को कार्रवाई करनी है। पहले दिन सदन में पूर्व विधायक गणेश दत्त भरवाल को श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी। वहीं कृषि विश्वविद्यालय और बागवानी विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक को वापस लेने का प्रस्ताव भी रखा जाएगा। इसी दिन भाजपा आपदा पर स्थगन प्रस्ताव लाने की तैयारी में है, जबकि कांग्रेस सुबह 10 बजे बैठक कर अपनी जवाबी रणनीति बनाएगी। भाजपा विधायक दल की बैठक में तय हुआ है कि आपदा प्रभावितों को मुआवजा न मिलना, विश्वविद्यालयों में कुलपति नियुक्ति, कर्मचारियों की मांगें और संस्थान बंद करने जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरा जाएगा। भाजपा का आरोप है कि ढाई सौ से ज्यादा लोगों की मौत और ढाई हजार मकानों को नुकसान होने के बावजूद प्रभावितों को राहत नहीं दी गई। केंद्र की ओर से मदद आने के बावजूद, प्रदेश सरकार पीड़ितों तक सहायता पहुंचाने में नाकाम रही। संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में ओक ओवर शिमला में होगी। इसमें सत्र की रणनीति तय की जाएगी। विपक्ष के हर हमले का करारा जवाब दिया जाएगा। उन्होंने यह भी जोड़ा कि सरकार 12 दिन के इस सत्र में कई महत्वपूर्ण विषय लेकर आएगी और सदन का सदुपयोग जनता के हित में किया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश में मानसून से लगातार तबाही देखने को मिल रही है। बीते 24 घंटों में कई जगह बादल फटे हैं और कई जगह भूस्खलन हुए हैं जिसके चलते कल शनिवार शाम तक राज्य के 2 नेशनल हाईवे समेत 311 सड़कें बंद, 348 बिजली ट्रांसफार्मर और 119 पेयजल योजनाएं बाधित रहीं। येलो अलर्ट जारी मौसम विभाग द्वारा आज 5 जिलों चंबा, कांगड़ा, मंडी, शिमला और सिरमौर के लिए बारिश का येलो अलर्ट जारी किया हुआ है। राज्य में 22 अगस्त तक बारिश का रहने की सम्भावना जताई गई है। बादल फटने की घटना कुल्लू और मंडी के कई क्षेत्रों में आज सुबह करीब चार बजे बादल फटने की वजह से भारी क्षति हुई है। चंडीगढ़-मनाली फोरलेन मंडी और कुल्लू में जगह-जगह अवरुद्ध हैं। फ्लड के कारण टकोली फोरलेन पर मलबा आ गया। कुल्लू व मंडी के कई इलाकों में कईं घरों को और साथ ही टकोली, पनारसा और नगवाई में 10 से अधिक वाहनों को क्षति पंहुचा है। किन्नौर जिला के पूह के पास टिंकू नाला नज़दीक NH 5 का एक हिस्सा पूरी तरह से ढह गई जिसकी वजह से कल दोपहर से ही आवाजाही बाधित है। नाहन के पास भारी के चलते बाढ़ जैसे हालत बने हुए हैं जबकि शिमला जिला के रामपुर दत्तनगर में सड़क तक आ पंहुचा है सतलुज का पानी। अब तक का नुकसान हिमाचल में इस मानसून अब तक 261 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें 35 लोगों की जान बाढ़, बादल फटने और लैंडस्लाइड की वजह से गई है, जबकि 36 लोग अभी भी लापता हैं। सरकारी व प्राइवेट संपत्ति को अभी तक 2144 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
हिमाचल में बारिश और भूस्खलन का कहर जारी है। प्रदेश में खराब मौसम के कारण अभी भी 458 सड़कें बंद है। इनमें तीन नेशनल हाईवे भी शामिल हैं। हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (HPSDMA) ने पिछले 24 घंटों में भारी बारिश के कारण काफी नुकसान पहुंचा है। रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में कुल 455 सड़कें अवरुद्ध हैं। इनमें तीन राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-305, एनएच-05 और एनएच-707) भी शामिल हैं। सड़क अवरोधों के मामले में सबसे ज़्यादा प्रभावित जिला कुल्लू हैं, जहां 73 सड़कें बंद हैं, उसके बाद मंडी में 58 सड़कें हैं, और शिमला में 58 सड़कें हैं। अब तक 247 लोगों की मौत इस बीच, राज्य सरकार के राजस्व विभाग-डीएम सेल की संचयी क्षति रिपोर्ट के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में मानसून के मौसम में 247 लोगों की जान गई है और 329 लोग घायल हुए हैं। 15 अगस्त को जारी यह रिपोर्ट 20 जून, 2025 से 14 अगस्त, 2025 तक की अवधि को कवर करती है। कुल 247 मौतों में 130 बारिश से संबंधित मौतें और 117 सड़क दुर्घटनाओं में हुई मौतें शामिल हैं। बारिश से संबंधित मौतों में, कांगड़ा जिले में सबसे अधिक 28 मौतें दर्ज की गईं, उसके बाद मंडी में 26 और हमीरपुर में 13 मौतें हुईं। इन मौतों के कारण अलग-अलग हैं, जिनमें डूबने से 24, खड़ी चट्टानों या पेड़ों से गिरने से 27 और भूस्खलन से 7 मौतें हुईं। सड़क दुर्घटनाओं में भी जान-माल का काफी नुकसान हुआ है, मंडी जिले में 21, चंबा में 17 और शिमला में 15 मौतें हुई हैं।
शिमला एक्टिंग एकेडमी द्वारा कृष्ण जन्माष्टमी के पावन अवसर पर “सुंदर राधा – नटखट कान्हा” फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता का भव्य आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में स्वामी तन्महिनंद महाराज जी तथा गेस्ट ऑफ ऑनर तरुणा मिश्रा ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराई। प्रतियोगिता का मूल्यांकन पूनिमा शर्मा ने किया। प्रतियोगिता में सुंदर राधा श्रेणी की विजेता ऋषिका रहीं, जबकि नटखट कान्हा श्रेणी में कुंज शर्मा प्रथम स्थान पर रहे। प्रथम रनर-अप के रूप में सुंदर राधा आयुषी तथा नटखट कान्हा अद्विक चुने गए। इस सफल आयोजन में एकेडमी के अध्यक्ष विकास गौतम, क्रिएटिव डायरेक्टर रुपेश भीमटा, कार्यक्रम संयोजिका सेजल रावत, तथा समन्वयक नरेश के. मिन्चा का विशेष योगदान रहा। ललित ठाकुर का भी उल्लेखनीय सहयोग प्राप्त हुआ। नन्हे-मुन्ने प्रतिभागियों ने अपनी मनमोहक प्रस्तुतियों से सभी का दिल जीत लिया। पूरे आयोजन में उत्साह और आनंद का माहौल रहा, तथा दर्शकों ने कार्यक्रम का भरपूर लुत्फ उठाया। शिमला एक्टिंग एकेडमी बच्चों के लिए Acting, Personality Development, Dance, Guitar, Art & Craft जैसी हॉबी क्लासेस संचालित कर रही है। इसके साथ ही 16 वर्ष से अधिक आयु के युवाओं के लिए 3 माह का सर्टिफिकेट एक्टिंग कोर्स भी प्रारंभ किया गया है। ये कक्षाएं वीकेंड एवं रेगुलर दोनों स्वरूप में उपलब्ध हैं।
हिमाचल में भारी बारिश और भूस्खलन के चलते कई जगह भारी नुकसान देखने को मिला है। शिमला जिला में इसबार सामान्य से 77 प्रतिशत ज्यादा बारिश दर्ज़ की गई है। पिछले 24 घंटों में शिमला, मंडी, कांगड़ा, हमीरपुर, बिलासपुर और ऊना में बारिश-भूस्खलन से भारी क्षति हुआ है। मंडी के जोगनी मोड़ के नज़दीक चंडीगढ़-मनाली फोरलेन बंद है जिसकी वजह से सड़क किनारे वाहनों की लंबी कतारे लगी हुई हैं। मनाली-लेह सड़क बंद है वहीं किन्नौर जिला में पिछले रात बाढ़ और लैंडस्लाइड के चलते शिमला-किन्नौर नेशनल हाईवे-5 जगह जगह अवरुद्ध है। 4 जिलों में आज भी येलो अलर्ट जारी मौसम विभाग के अनुसार 6 दिन लगातार बारिश होने की सम्भावना जताई गई है। आज भी 4 जिलों कांगड़ा, शिमला, सोलन और सिरमौर में तेज़ बारिश का येलो अलर्ट जारी हुआ है। कल ऊना, चंबा, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर जिला में मध्यम बारिश की चेतावनी है वहीं 17 अगस्त को चंबा, कांगड़ा, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर जिला में येलो अलर्ट जारी किया गया है। सड़कें, बिजली और पेयजल योजनाएं ठप बारिश के चलते राष्ट्रीय राजमार्ग समेत राज्य भर में 470 सड़कें बंद हो गई हैं। प्रदेश में 721 ट्रांसफार्मर तथा 192 पेयजल योजनाएं ठप हैं जिसकी वजह से कई इलाकों में ना हि बिजली है और ना हि पानी। मानसून में 247 लोगों की मौत राज्य में इस मानसून अभी तक 247 लोगों की जान जा चुकी है जिसमें 33 लोगों की मौत लैंडस्लाइड,बाढ़ और बादल फटने के कारण हुई है। वहीं 36 लोग अभी भी लापता हैं। राज्य में नुकसान राज्य में इस मानसून में सरकारी और प्राइवेट संपत्ति को अभी तक 2104.85 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। अभी तक कुल 71 जगह बाढ़ आई हैं और 34 जगह बदल फटे हैं।
प्रदेश में मानसून का कहर लगातार जारी है। बीते कल 5 जगहों पर बादल फटने की घटना सामने आई हैं जिससे शिमला सहित राज्य के कई क्षेत्रों में भारी बारिश हुई। श्रीखंड के भीमडवारी तथा नंती, किन्नौर के पूह, लाहौल के मयाड़ और कुल्लू की तीर्थन घाटी में बादल फटने से कई मकानों को क्षति हुआ है। लाहौल की मयाड़ घाटी में करपट गांव को खाली करवाकर 22 परिवारों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचा दिया गया है। कांगड़ा में आज सुबह से ही लगातार बारिश, ख़राब मौसम और कम दृश्यता के चलते इंडिगो की दिल्ली से कांगड़ा हवाई अड्डा के लिए 1 उड़ान रद्द रही। चंबा, कांगड़ा और मंडी में आज भी भारी बारिश का अलर्ट जारी माैसम विभाग ने आज 3 जिलों चंबा, कांगड़ा और मंडी के कई क्षेत्रों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है जबकि दूसरे जिलों में येलो अलर्ट है। कल 15 अगस्त के लिए सिरमौर, शिमला, मंडी, कुल्लू, कांगड़ा और चंबा में हल्की बारिश की सम्भावना बताई गई है। 241 लोगों की जान गई, करोड़ो का नुकसान इस मानसून राज्य में लगभग 241 लोगों की जान जा चुकी है वहीं 326 लोग घायल और 36 लोग लापता हैं। सड़क हादसों मे लगभग 116 लोगों की मौत हुई है। बादल फटने, भूस्खलन एवं बाढ़ से अब तक 2,507 घरों और दुकानों को क्षति हुई है। अब तक लगभग 2031 करोड़ रुपये का सरकारी और प्राइवेट संपत्ति का नुकसान हुआ है। सैकड़ों सड़कें बाधित एवं बिजली आपूर्ति ठप लगातार तेज़ बारिश के चलते 2 नेशनल हाईवे समेत 323 सड़कें बंद हैं। इसके साथ ही 130 पेयजल योजनाएं और बिजली के ट्रांसफार्मर भी ठप हैं।
राज्य के अधिकतर क्षेत्रों में बुधवार रात भारी बारिश हुई और दिनभर बादल छाए रहे। वहीं शिमला में दोपहर बाद हल्की बारिश और रात में लगातार बारिश हुई जिसके चलते जगह-जगह भूस्खलन हुई और शहर में यातायात सुबह बुरी तरह प्रभावित रहा। इन जिलों में येलो-आरेंज अलर्ट चंबा, कांगड़ा व मंडी जिले में आज तेज़ बारिश का आरेंज अलर्ट जारी किया है वहीं प्रदेश के दूसरे हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। किन्नौर व लाहुल-स्पीति को छोड़कर 15 से 19 अगस्त के बीच बाकि के सभी जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। भूस्खलन से कई सड़कें बंद राजधानी शिमला में भारी बारिश की वजह से कई जगहों पर पेड़ गिरने और भूस्खलन हुआ है जिससे भारी नुकसान हुआ है। शहर में 20 से ज्यादा पेड़ गिरे हैं जिससे कई सड़कें ठप हो गईं और कई स्थानों पर गाड़ियां भी मलबे में दब गईं। शिमला शहर की पेयजल परियोजनाओं भी ठप है जिसके चलते अगले दो दिनों तक शिमला में पानी की आपूर्ति ठप रहने की संभावना जताई गई है। इन स्थानों पर बादल फटने की घटना प्रदेश के कुल्लू, शिमला और लाहौल-स्पीति में बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है। शिमला और कुल्लू में बुधवार शाम को 4 जगहों पर बदल फटे हैं जिसके चलते नदी नालों में जल स्तर बढ़ जाने से बाढ़ जैसी बन गई। शिमला में बाढ़ से पुल, मकान व दुकानें और साथ ही कुल्लू में भी पुल बह गए जिसकी वजह से तीन पंचायतों का संपर्क इनसे टूट गया। लाहौल-स्पीति में भी पुल बहने से सड़कें बाधित हुई हैं। भारी बारिश से नुकसान हिमाचल आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, बीते 24 घंटों में बारिश की वजह से 323 सड़कें बाधित हो गई हैं।
राज्य के कई क्षेत्रों में बीते रात लगातार बारिश जारी रही। मौसम विभाग ने आज 5 जिलों के लिए भारी बारिश का यलो-ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। ऊना, हमीरपुर, चंबा, कुल्लू और सोलन जिला में आज और कल यलो अलर्ट दिया गया है। वहीँ बिलासपुर, कांगड़ा, मंडी, शिमला और सिरमौर जिला के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी हुआ है और साथ ही यहाँ लैंडस्लाइड, बाढ़ तथा जल भराव की स्थिति भी बन सकती है। इन 5 जिलों में कल के लिए भी ऑरेंज अलर्ट जारी हुआ है। सामान्य से 13% ज्यादा बारिश राज्य में सामान्यतः जून से जुलाई के बीच 473 मिलीमीटर बारिश होती है जबकि इस बार 535.9 मिलीमीटर बारिश दर्ज़ की गई है। जो सामान्य से 13% ज्यादा बारिश है। शिमला जिला में नार्मल से 73 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। मंडी में 57% ज्यादा, बिलासपुर में 40%, हमीरपुर में 44%, कुल्लू में 39%, सिरमौर में 18%, सोलन में 31%, ऊना में 46%, कांगड़ा में 6% जबकि किन्नौर में नार्मल से 1% ज्यादा बारिश दर्ज़ हुई है। 15 अगस्त के बाद मानसून कमजोर राज्य में मानसून 15 अगस्त से थोड़ा कमजोर होगा। पर ऊना, चंबा, कांगड़ा, मंडी, शिमला और सिरमौर जिला में हल्की बारिश होने की सम्भावना जरूर बनी हुई है जबकि अन्य जिलों में मौसम साफ रहेगा। कई क्षेत्रों में यातायात बाधित पहाड़ी से पत्थर गिरने की वजह से कालका-शिमला NH मंगलवार को दिन भर प्रभावित रहा। पंजाब और हिमाचल को जोड़ने वाला पठानकोट-चंबा-भरमौर NH 24 घंटे बाद भी ठीक से बहाल नहीं हो पाया है जबकि दुनेरा के समीप सड़क को अभी सिर्फ छोटी गाड़ियों के लिए वन-वे खोला गया है। सड़कें और बिजली ट्रांसफार्मर ठप प्रदेश में मंगलवार शाम तक राज्य में 2 एनएच समेत 330 सड़कें, 198 बिजली ट्रांसफार्मर तथा 141 पेयजल योजनाएं बाधित भी रहीं। लगभग सवा दो सौ लोगों की गई जान इस मानसून में अभी तक करीब सवा दो सौ लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 36 लोग लापता हैं।
हिमाचल प्रदेश में मानसून का कहर अभी भी जारी है। माैसम विज्ञान के अनुसार प्रदेश में अगले कई दिनों तक बारिश का दाैर बना रहेगा। 12 से 14 अगस्त के बीच कई जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट है जबकि 15 से 18 अगस्त के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। मानसून में अब तक 229 लोगों की गई जान राज्य में इस मानसून में 229 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 323 लोग घायल और 36 लोग लापता हैं। वहीं सड़क हादसों में 116 लोगों की जान गई है। बादल फटने, भूस्खलन एवं बाढ़ से अब तक 1,611 पालतु पशुओं की माैत हुई है वहीं 2,388 घरों और दुकानों को क्षति हुई है। लगभग 2007 करोड़ रुपये का सरकारी और प्राइवेट संपत्ति का अब तक नुकसान हुआ है। सैकड़ों सड़कें बाधित एवं बिजली व पेयजल की आपूर्ति ठप लगातार तेज़ बारिश के चलते कई जगहों में भूस्खलन व पेड़ गिरने की घटनाएं देखने को मिली हैं। प्रदेश में आज सुबह 10:00 बजे तक भूस्खलन से तीन राष्ट्रीय राजमार्ग सहित 398 सड़कें बंद हैं जबकि 669 बिजली ट्रांसफार्मर व 529 जल आपूर्ति योजनाएं प्रभावित हुई हैं। वहीं मंडी जिला की सड़कें सबसे अधिक प्रभावित हुई है और अकेले यहां 213 सड़कें बंद हैं जबकि कुल्लू में 84 सड़कें व 367 बिजली ट्रांसफार्मर प्रभावित हैं। शिमला में भूस्खलन और पेड़ गिरे शिमला में बीते रात से लगातार हो रही तेज़ बारिश के कारण कई जगहों पर पेड़ गिरने और भूस्खलन से बहुत नुकसान हुआ है। शिमला के विकास नगर में पेड़ गिरने के कारण एक मकान की छत टूट गई और सड़क बंद हो गई है वहीं टुटीकंडी में आधा दर्जन से ज्यादा पेड़ गिरने के चलते कई गाड़ियां चूर-चूर हो गईं साथ ही सड़क भी बंद हो गई। चंबा-पठानकोट हाईवे पर वाहनों की आवाजाही ठप, ट्रांसफार्मर व पेयजल स्कीमें प्रभावित दुनेरा के समीप चंबा-पठानकोट हाईवे धंस जाने से गाड़ियों की आवाजाही बंद हो गई है जिसके चलते दोनों ओर गाड़ियों की लंबी लाइनें लग गईं। इस जिला की 24 सड़कें, 35 ट्रांसफार्मर और 18 पेयजल स्कीमें प्रभावित हुई हैं। 10 घंटे बाद बहाल हुआ चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे मंडी-कुल्लू मार्ग पर जोगणी मोड़ के पास कल रात पहाड़ी से पत्थर गिरने की वजह से चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग पर आवाजाही पूरी तरह बाधित रही। बहुत मशक्कत के बाद सुबह 7:00 बजे के करीब हाईवे को फिर से बहाल किया गया। लेकिन कई स्थानों पर सड़क वनवे है।
मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक राज्य में इस बार मानसून में सामान्य से अधिक बारिश हुई है। अगले तीन दिनों तक भारी बारिश की संभावना बनी हुई है जिससे जलस्तर बढ़ने के साथ भूस्खलन का खतरा भी बढ़ गया है। मौसम विज्ञान केंद्र ने 15 अगस्त तक राज्य के कई जिलों में ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किया है। ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा और कुल्लू में भारी बारिश हो सकती है वहीँ कांगड़ा, मंडी व सिरमौर में बहुत भारी बारिश की संभावना जताई गई है। शिमला जिले में सामान्य से 70% ज्यादा बारिश हुई है और जिसके चलते कई जगह लैंडस्लाइड और पेड़ गिरने की घटनाएं देखी गयीं। इन जिलों में ऑरेंज व येलो अलर्ट कांगड़ा और मंडी में आज भारी बारिश के चलते ऑरेंज अलर्ट जारी है। 13 अगस्त को भी कांगड़ा, कुल्लू और मंडी जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। वहीँ 14 अगस्त को कांगड़ा, कुल्लू, मंडी और शिमला जिला में भारी वर्षा की सम्भावना जताई गई है जबकि दूसरे जिलों में येलो अलर्ट है। 15 अगस्त को केवल शिमला और कुल्लू जिला में येलो अलर्ट जारी किया गया है जबकि दूसरी जगहों पर मानसून कमजोर होने की सम्भावना है। बादल फटने की 30 घटनाएं राज्य में इस बार के मानसून में 54 घटनाएं लैंडस्लाइड की, फ़्लैश फ्लड की 59 और बादल फटने की 30 घटनाएं हो चुकी हैं। अब तक 229 लोगों की गई जान प्रदेश में इस मानसून में अभी तक लगभग 229 लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें 323 लोग घायल हैं और 36 लोग लापता हैं। वहीँ सड़क हादसों में 116 लोगों की जान गई है। अभी तक लगभग 2007 करोड़ रुपये की प्राइवेट और सरकारी संपत्ति का नुकसान हो चुका है।
आज हिमाचल प्रदेश चिकित्सा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि की ओर कदम बढ़ा रहा है। शिमला स्थित अटल सुपर स्पेशिलिटी आयुर्विज्ञान संस्थान, चमियाणा में पहली बार रोबोटिक तकनीक से सर्जरी की जाएगी। यह केवल एक सर्जरी नहीं, बल्कि आधुनिक स्वास्थ्य सेवाओं की दिशा में उठाया गया एक क्रांतिकारी कदम है। इस अत्याधुनिक तकनीक की मदद से अब ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर के अनुभव और मशीन की सटीकता का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा, जिससे मरीजों को बेहतर इलाज, तेज़ रिकवरी और कम दर्द की सुविधा मिल सकेगी। प्रदेश को मिलेगी नई पहचान यह पहल न केवल उपचार को अधिक सुरक्षित बनाएगी, बल्कि हिमाचल को राष्ट्रीय स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाओं के मानचित्र में एक नई पहचान दिलाने में भी मदद करेगी। यह दिन सिर्फ चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए नहीं, बल्कि उन सभी मरीजों के लिए विशेष है जिन्होंने कभी दर्दरहित, सटीक और आधुनिक इलाज का सपना देखा था। महेंद्र पाल होंगे पहले मरीज इस ऐतिहासिक शुरुआत में महेंद्र पाल पहले मरीज होंगे जिनकी प्रोस्टेट की रोबोटिक सर्जरी की जाएगी। विशेषज्ञों के अनुसार, यह सर्जरी न केवल अधिक सटीक होगी, बल्कि कम समय में पूरी की जा सकेगी, जिससे मरीज को जल्दी स्वस्थ होने में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री करेंगे उद्घाटन इस अत्याधुनिक तकनीक की शुरुआत का शुभारंभ सोमवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा किया जाएगा। यह दिन चिकित्सा सेवाओं के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा। अब नहीं जाना पड़ेगा बड़े शहरों में रोबोटिक सर्जरी में हाई डेफिनिशन कैमरा और मशीन-नियंत्रित रोबोटिक आर्म्स का प्रयोग किया जाता है, जो बेहद सूक्ष्म स्तर पर भी ऑपरेशन करने में सक्षम होते हैं। इससे मरीजों को कम खून बहने, कम दर्द और तेज़ रिकवरी जैसे लाभ मिलते हैं। इस सुविधा के शुरू होने से अब मरीजों को इलाज के लिए बड़े शहरों की ओर रुख नहीं करना पड़ेगा। 42 करोड़ रुपये के उपकरणों से लैस होगा संस्थान अटल सुपर स्पेशिलिटी आयुर्विज्ञान संस्थान में करीब 42 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरण स्थापित किए जा रहे हैं। इनमें यूरोलॉजी, रीनल ट्रांसप्लांट, कार्डियक एनेस्थीसिया, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल, प्लास्टिक सर्जरी, कार्डियोथोरेसिक और वैस्कुलर सर्जरी, कार्डियोलॉजी, पीडियाट्रिक सर्जरी और न्यूरोसर्जरी जैसी महत्वपूर्ण चिकित्सा सेवाओं के लिए आधुनिक उपकरणों की व्यवस्था की जा रही है।
हिमाचल प्रदेश में मौसम का कहर जारी है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने सोमवार से चार दिनों तक प्रदेश के कई क्षेत्रों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। 11 और 12 अगस्त को चंबा, कांगड़ा एवं मंडी, 13 को कांगड़ा, मंडी और सिरमौर और 14 अगस्त को कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला और सिरमौर जिले में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। अन्य क्षेत्रों में येलो अलर्ट रहेगा। 15 से 17 अगस्त तक कई क्षेत्रों के लिए येलो अलर्ट जारी हुआ है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार राज्य भर में भूस्खलन से एक नेशनल हाईवे व 359 सड़कें बंद हैं। वहीं, 145 बिजली ट्रांसफार्मर व 520 पेयजल स्कीमें ठप हैं। मंडी जिला में सबसे ज्यादा 214 सड़कें बाधित हैं। जबकि कुल्लू में 91 व कांगड़ा में 22 सड़कें अवरूद्व हैं। कुल्लू जिला में नेशनल हाईवे 305 जहेड खनग के पास अवरुद्ध है। मंडी जिला में 85 और कुल्लू जिला में 50 बिजली ट्रांसफार्मर ठप हैं। राज्य विद्युत बोर्ड ने अधिकतर खराब पड़े ट्रांसफार्मरों को ठीक कर दिया है। इसके अलावा कुल्लू जिला में 367, मंडी में 78 व कांगड़ा जिला में 72 पेयजल स्कीमें ठप रहीं। वही राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार मानसून सीजन में अब तक राज्य भर में वर्षा जनित हादसों में 224 लोगों की मौत हुई है, 37 लापता हैं और 315 घायल हुए।
हिमाचल प्रदेश में मौसम का कहर जारी है। बारिश-भूस्खलन के चलते दो और लोगों की मौत हो गई है। बिलासुपर में कनफारा के पास पहाड़ी से पत्थर गिरने से श्री नयनादेवी जी में माथा टेककर बाइक पर वापस जा रहे बठिंडा (पंजाब) के कुलविंदर सिंह की मौत हो गई, जबकि एक अन्य घायल हो गया। खराब मौसम के बीच किन्नौर कैलाश यात्रा पर गए कोलकाता के श्रद्धालु सूरज दास की मौत हो गई है। उधर, पौंग बांध से पानी छोड़ने के कारण कांगड़ा के मंड क्षेत्र में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। पंजाब से सटे इस क्षेत्र में कई घरों में पानी घुस गया। प्रशासन ने 16 लोग रेस्क्यू किए हैं। इसी बीच, मौसम विभाग ने बाज चार दिनों तक प्रदेश के कई क्षेत्रों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। शिमला में भी माैसम खराब बना हुआ है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने सोमवार से चार दिनों तक प्रदेश के कई क्षेत्रों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। 11 और 12 अगस्त को चंबा, कांगड़ा एवं मंडी, 13 को कांगड़ा, मंडी और सिरमौर और 14 अगस्त को कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला और सिरमौर जिले में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। अन्य क्षेत्रों में येलो अलर्ट रहेगा। 15 से 17 अगस्त तक कई क्षेत्रों के लिए येलो अलर्ट जारी हुआ है। बीती रात घाघस में 61.0, बिलासपुर 50.2, सराहन 30.0, मुरारी देवी 28.6, मालरांव 19.2, स्लैपर 18.9, देहरा गोपीपुर 16.0, धर्मशाला में 14.8 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। वही बारिश-भूस्खलन के चलते मनाली-चंड़ीगढ नेशनल हाईवे समेत प्रदेश भर में 300 से अधिक सड़कें बंद हैं, जबकि 100 से अधिक ट्रांसफार्मर और 500 पेयजल योजनाएं प्रभावित हैं। नालागढ़ के कुमारहट्टी के समीप पहाड़ी से मलबा आने के कारण कृत्रिम झील बन गई है। खतरे को भांपते हुए एक मकान खाली करवा दिया है। कुल्लू के सैंज में काला छौ पहाड़ी से बड़े-बड़े पत्थर गिर रहे हैं। इससे भूपन गांव को खतरा बन गया है।
हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों में आज और कल बारिश होने की सम्भावना है। मौसम विभाग ने इन 5 जिलों ऊना, बिलासपुर, शिमला, सोलन और सिरमौर के लिए यलो अलर्ट जारी किया है। इन दो दिनों के दौरान भारी बारिश के चलते लैंडस्लाइड, जल भराव और बाढ़ जैसे हालात भी देखने को मिल सकते हैं। वहीँ 10 और 11 अगस्त को राज्य के कुछ इलाकों में तेज़ बारिश का ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया गया है। इसे देखते हुए विभाग लोगों से सतर्क रहने की अपील की है। बारिश- लैंडस्लाइड के चलते राज्य में बिजली के 861 ट्रांसफार्मर ठप हो चुके हैं। इसकी वजह से चंबा के 20 गांवों में ब्लैक आउट की स्थिति बन चुकी है। शिमला में भी कई जगहों पर पेड़ गिरने से क्षति हुई है। बारिश से रास्ते बंद होने की वजह से किन्नर कैलाश यात्रा आगे और दो दिनों के लिए स्थगित कर दी गई है। इस मानसून में अभी तक 51 लैंडस्लाइड की घटनाएं, 58 जगह बाढ़ और 30 जगह पर बादल फटने की घटनाएं हुई हैं। 202 लोगों की मौत इस मानसून में राज्य में अभी तक 202 लोगों की जान चली गई है। इनमें 32 लोगों की जान बाढ़, बादल फटने और लैंडस्लाइड से हुई, जबकि 36 लोग लापता हैं। वहीँ सड़क हादसों में 94 लोगों की मौत हुई है। बारिश से 1952 करोड़ की संपत्ति हुई नष्ट प्रदेश में भारी बारिश से सरकारी व निजी संपत्ति को मिलाकर अब तक लगभग 1952 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है। वहीँ बारिश से चलते लगभग 477 घर पूरी तरह से जमींदोज हो गए हैं।
हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी राज्यों में तेज बारिश आफत बन चुकी है। लगातार हो रही बारिश ने राज्य के हालात चुनौतीपूर्ण बना दिए हैं। जिसके चलते आम जीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। मौसम विभाग के वैज्ञानिक संदीप कुमार शर्मा ने जानकारी दी कि 7 और 8 अगस्त को राजधानी शिमला सहित सिरमौर, सोलन और कांगड़ा में भी कुछ -एक क्षेत्रों में तीव्र बारिश होने की सम्भावना जताई है। इसके बाद 9 से 12 अगस्त तक प्रदेश में बारिश से होने की संभावना है। वही मौसम विभाग द्वारा लोगों को सतर्क रहने को कहा गया है। इन जगहों में येलो अलर्ट जारी राज्य में कई हिस्सों में 10 अगस्त तक बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग के अनुसार राज्य में 7 अगस्त को सोलन और सिरमौर जिला में बारिश होने की संभावना जताई गई है। 8 अगस्त को कांगड़ा शिमला, सोलन, सिरमौर में वहीँ 9 अगस्त को ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, मंडी और 10 अगस्त को ऊना, कांगड़ा, मंडी व सिरमौर के कुछ क्षेत्रों में भी बारिश का येलो अलर्ट जारी हुआ है। बीते 24 घंटों में इन क्षेत्रों में हुई बारिश पिछले 24 घंटों में हिमाचल के शिमला, भुंतर, कल्पा, धर्मशाला, ऊना, नाहन, पालमपुर, सोलन, मनाली, कुकुम्सेरी, सराहन में हल्की से मध्यम बारिश और वहीँ कसौली, धरमपुर, गोहर, बग्गी, नैना देवी, सुंदरनगर, कांगड़ा जैसे कुछ एक क्षेत्रों में तीव्र से बहुत तीव्र बारिश दर्ज की गई है। प्रदेश में अधिकतम तापमान ऊना में 32.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया और वहीँ न्यूनतम तापमान केलोंग में 11.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। 533 सड़कें, 635 बिजली ट्रांसफार्मर ठप राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की बीते कल के नए जन उपयोगिता स्थिति रिपोर्ट के मुताबिक पुरे राज्य में 533 सड़कें बाधित हैं, जिनमें NH-3, NH-5, NH-21 तथा NH-305 सम्मिलित हैं। इसके अलावा 635 बिजली ट्रांसफार्मर काम नहीं कर रहे हैं और 266 जलापूर्ति योजनाएं अवरुद्ध हैं। 199 लोगों की गई जान हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कहा कि राज्य में इस साल 20 जून से 6 अगस्त तक मानसून में कुल 199 मौतें हुईं हैं, जिसमें 108 भूस्खलन, अचानक बाढ़, बादल फटने के साथ ही बिजली के झटके के कारण हुईं हैं। मंडी, कुल्लू और कांगड़ा जैसे जिले सबसे अधिक प्रभावित हुई हैं जिनमें केवल मंडी में बारिश से सबसे ज्यादा 23 मौतें हुई हैं। वहीँ 304 लोगों के घायल होने की और 36 लोगों के लापता होने की भी पुष्टि की है। अभी तक कुल नुकसान लगभग 1905.5 करोड़ रुपये का हुआ है जिसमें सड़कें, घर, कृषि, बागवानी, बिजली और जल क्षेत्र प्रभावित हुए हैं।
सभी ऑर्डिनरी बसों में मुफ्त यात्रा हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम की बसों में महिलाएं रक्षाबंधन और भैया दूज के दिन महिलाएं यात्रा मुफ्त में कर पाएगीं। एच. आर. टी. सी. के प्रबंध निदेशक डॉ. निपुण जिंदल ने HRTC के सभी डिप्टी डिवीजनल और रीजनल मैनेजर को पत्र लिखकर महिलाओं की मुफ्त यात्रा सुनिश्चित करने के लिए निर्देश जारी कर दिए हैं। HRTC के पास लगभग 2800 बसें हैं। इन निर्देशों के बाद रक्षाबंधन और भैया दूज वाले दिन राज्य की लगभग 30 लाख बहने सरकारी ऑर्डिनरी बसों में मुफ्त ट्रेवल कर पाएगी। फ्री ट्रैवल करने की सुविधा सुबह सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक रहेगी। आपको बता दें कि राज्य सरकार बीते कई सालों से महिलाओं को रक्षाबंधन और भैया दूज के मौके पर मुफ्त यात्रा की सुविधा देते आ रही है।
हिमाचल में बीती रात से ही मूसलाधार बारिश के चलते रोज़मर्रा की ज़िंदगी पूरी तरह से छिन्न-भिन्न हो गई हैं। वहीं तीव्र वर्षा की वजह से भूस्खलन और बाढ़ के चलते कई क्षेत्रों में भारी नुकसान हुआ है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के वैज्ञानिक संदीप कुमार शर्मा ने बताया कि 8 अगस्त से मौसम की तीव्रता फिर से बढ़ने की संभावना है। 8-9 अगस्त को ऊना, चंबा, कांगड़ा, सिरमौर और सोलन के कुछ हिस्सों में भारी बारिश हो सकती है। इसके अलावा जिला शिमला, सोलन और सिरमौर में विजिबिलिटी कम रहने का अनुमान है। खराब मौसम के दौरान लोगों से एहतियात बरतने की अपील की गई है। संदीप कुमार शर्मा ने बताया कि अगस्त महीने में अब तक प्रदेश में 34 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई है। वहीं, पूरे मानसून सीजन में अब तक सामान्य से 12 प्रतिशत अधिक बारिश रिकॉर्ड हुई है। भारी बारिश और भूस्खलन के कारण कई सड़क बंद है, जिसके चलते सिरमौर और सोलन जिला के कई उपमंडलों के शिक्षण संस्थानों व आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद रखने के लिए आदेश हुआ हैं। वही प्रशासन ने भी आमजनों से अपील की है कि वे ऐसी स्थिति में अनावश्यक यात्रा से बचें। प्रदेश में दो दिनों से हो रही लगातार भारी बारिश से जगह- जगह लैंडस्लाइड और पेड़ गिरने की घटनाएं सामने आई है जिसके प्रदेश में 4 एनएच सहित 613 सड़कें यातायात के बाधित हो गई हैं। इसके अलावा 1491 बिजली ट्रांसफार्मर और 265 पानी की स्कीमें बाधित हो गई है। 448 मकान पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं। मॉनसून सीजन में अबतक मरने वालों का आंकड़ा 194 पहुंच गया है। वही राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश में मॉनसून की भारी बारिशों के कारण प्रदेश में 1600 करोड़ से अधिक का नुकसान हो गया है जबकि कृषि और बागवानी का आंकलन अभी पूरा नहीं हुआ है ऐसे में आंकड़ा अभी बढ़ेगा। सभी बाधित सड़कों को खोलने का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है। लगातार भारी बारिश से नदी नाले उफान पर है। प्रदेश में बादल फटने की घटनाओं और भूस्खलन में इज़ाफ़ा हो रहा है ऐसे में नदी नालों के समीप निर्माण पर सोचना होगा क्योंकि ज्यादातर क्षति नदी और नालों के समीप निर्माण से हो रही है। जगत सिंह नेगी ने उत्तरकाशी की खीर गंगा में बादल फटने की घटना से हुए नुकसान पर दुख प्रकट किया।
हिमाचल प्रदेश में ऑरेंज अलर्ट के बीच मंगलवार को कई क्षेत्रों में बादल झमाझम बरसे। भारी बारिश के चलते रास्ता कई जगह अवरुद्ध होने पर किन्नौर कैलाश यात्रा अगले आदेशों तक स्थगित कर दी गई है। जबकि तांगलिंग खड्ड में आई बाढ़ के कारण पुल बहने से यात्रा पर निकले 100 श्रद्धालु बीच रास्ते में फंस गए हैं। प्रशासन ने फंसे लोगों को निकालने के लिए बचाव दल रवाना कर दिया है। रिब्बा नाले में बाढ़ की चपेट में आने 15 मीटर एनएच ध्वस्त हो गया है। सांगला घाटी के चार नालों में बाढ़ आने से दो पैदल पुल बह गए हैं। उधर, ठियोग के नेरी पुल के समीप शिव मंदिर के पास मारुति कार पर पहाड़ी से बड़ा पत्थर गिरने से एक स्थानीय युवक की मौत हो गई। हिमाचल प्रदेश में मंगलवार शाम तक रामपुर-किन्नौर, आनी-कुल्लू और मंडी-धर्मपुर एनएच समेत 446 सड़कें, 360 बिजली ट्रांसफार्मर और 257 पेयजल योजनाएं प्रभावित हैं। मंडी और बल्ह में सोमवार रात से मंगलवार शाम तक 151.2 मिलीमीटर बारिश हुई। मंडी के गुटकर में वाहनों के शोरूम के बाहर पार्क गाड़ियां पानी में डूब गईं। बाद में इन्हें क्रेन की मदद से बाहर निकाला गया। जेल रोड में नाले का पानी घरों में घुस गया। कुल्लू में भूस्खलन की वजह से बालू स्कूल तहस-नहस हो गया है। दो गोशालाएं भी भूस्खलन की चपेट में आई हैं, जिससे पांच भेड़ों और एक बछड़ी की मौत हो गई है। गोहर उपमंडल के कई गांवों में सोमवार रात हुई मूसलाधार बारिश ने भारी तबाही मचाई। नांडी पंचायत के कटवांडी गांव में शिव दास के घर में उफनते नाले का पानी घुस गया। पानी और मलबा मकान की दीवार तोड़ते हुए अंदर घुस गया। बाप-बेटे ने भागकर जान बचाई। बल्ह घाटी में सुकेती समेत अन्य खड्डें उफान पर हैं। बल्ह घाटी जलमग्न हो गई है। कई जगह पार्किंग में वाहन भी पानी में डूब गए हैं। सराज घाटी का सड़क संपर्क भी अन्य क्षेत्रों से कट गया है। जलस्तर बढ़ने से ब्यास के साथ पिन पार्वती, सरवरी खड्ड के साथ नदी-नाले उफान पर हैं। कांगड़ा में मंगलवार को दिल्ली से दो और चंडीगढ़ से एक फ्लाइट गगल हवाई अड्डा नहीं पहुंची। जिले में एक कच्चा मकान पूरी तरह से ढह गया। 12 घरों और 11 गोशालाओं को क्षति पहुंची है। पौंग बांध का जलस्तर 1361 फीट पहुंच गया है, जो खतरे के निशान से 21 फीट दूर है। प्रशासन की ओर से बांध से निचले क्षेत्र के लोगों को अपना सामान समेटने के साथ सुरक्षित स्थान चिन्हित करने को कहा गया है। हिमाचल के कई क्षेत्रों में आज भी बारिश का येलो अलर्ट प्रदेश के कई क्षेत्रों में बुधवार को बारिश का येलो अलर्ट जारी हुआ है। 11 अगस्त तक प्रदेश में बारिश का दौर जारी रहने का पूर्वानुमान है। मंगलवार को राजधानी शिमला में दिन भर हल्की बारिश होती रही। सुंदरनगर, भुंतर, धर्मशाला, नाहन, कांगड़ा, मंडी और धौलाकुआं में भी बारिश दर्ज हुई।
हिमाचल प्रदेश में पांच बीघा भूमि नियमितीकरण वाली नीति पर 23 साल बाद मंगलवार को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला आया। प्रदेश हाईकोर्ट ने पांच बीघा भूमि नियमितीकरण वाली सरकार की नीति को खारिज कर दिया है। साथ ही अदालत ने 28 फरवरी 2026 तक सरकारी भूमि से अवैध कब्जों को हटाने के आदेश पारित किए हैं। न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर और न्यायाधीश बिपिन चंद्र नेगी की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की। राज्य की नियमितीकरण नीति के तहत सरकारी भूमि पर अतिक्रमण करने वालों लोगों से तत्कालीन प्रदेश सरकार ने आवेदन मांगे थे। इसके तहत भूमि को नियमितीकरण करने के लिए एक लाख पैंसठ हजार से अधिक लोगों ने आवेदन किया था। तत्कालीन भाजपा सरकार ने भू-राजस्व अधिनियम में संशोधन कर धारा 163-ए को जोड़ा जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। इसके तहत लोगों को पांच से 20 बीघा तक जमीन देने और नियमितीकरण करने का फैसला लिया गया था, जिससे प्रदेश में जरूरतमंद लोगों को जमीन दी जा सके। न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर और न्यायाधीश बिपिन चंद्र नेगी की खंडपीठ ने 8 जनवरी को सुनवाई के बाद इस फैसले को सुरक्षित रख लिया था। याचिकाकर्ता पूनम गुप्ता की ओर से नीति की वैधता को लेकर हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। अगस्त 2002 में दो न्यायाधीशों की खंडपीठ ने प्रकिया जारी रखने के आदेश दिए थे, जबकि पट्टा देने से मना कर दिया था। वहीं, केंद्र सरकार की ओर से दलीलें दी गईं कि प्रदेश सरकार ऐसी नीति नहीं बना सकती। हाई कोर्ट ने कहा कि हिमाचल प्रदेश भूमि राजस्व अधिनियम की धारा 163-ए स्पष्ट रूप से मनमानी और असंवैधानिक है और इसके परिणामस्वरूप, हिमाचल प्रदेश भूमि राजस्व अधिनियम की धारा 163-ए और उसके अंतर्गत बनाए गए नियम रद्द किए जाते हैं। इस धारा के तहत सरकार ने अपने पास अतिक्रमणों को नियमित करने की शक्तियां प्राप्त कर ली थी जबकि मूल रूप से बनाए गए कानून के तहत ऐसा नहीं किया जा सकता था। कोर्ट ने आदेश दिए कि हिमाचल प्रदेश में सरकारी भूमि पर किए गए अतिक्रमणों की व्यापकता को ध्यान में रखते हुए, राज्य सरकार को "आपराधिक अतिक्रमण" से संबंधित कानून में संशोधन पर विचार करना चाहिए और इसे उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और ओडिशा राज्यों में किए गए राज्य संशोधनों के अनुरूप लाना चाहिए। कोर्ट ने महाधिवक्ता को निर्देश दिया कि वे इस निर्णय की प्रति हिमाचल प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव और सभी संबंधितों को तत्काल अनुपालन हेतु प्रेषित करें और उन राजस्व अधिकारियों के विरुद्ध कानून के अनुसार उचित कार्रवाई करने के निर्देश दें, जिनके अधिकार क्षेत्र में भूमि पर अतिक्रमण की अनुमति दी गई है। कोर्ट ने पाया कि उन दोषी अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है, जिन्होंने मिलीभगत से पूरे राज्य में इस तरह के अतिक्रमण होने दिए। ऐसा नहीं है कि हजारों अतिक्रमण रातोंरात हो गए। अधिकारी अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में विफल रहे हैं। आदेशों के बाद महाधिवक्ता अनूप रत्न ने कहा कि यह निर्णय अत्यंत महत्वपूर्ण है और इसकी प्रति मुख्य सचिव को भेजी जा रही है। सरकार इस पर विस्तृत अध्ययन कर उचित कार्रवाई करेगी। यह निर्णय हिमाचल प्रदेश में सरकारी भूमि की सुरक्षा और न्यायिक सक्रियता की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। आने वाले समय में इसका असर पंचायत चुनावों से लेकर राज्य की भूमि नीतियों पर भी देखा जा सकता है।