मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज ऐतिहासिक रिज पर भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जयंती पर उन्हें पुष्पाजंलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने राष्ट्र के विकास में इंदिरा गांधी के योगदान को याद करते हुए कहा कि उनके दूरदर्शी निर्णयों ने भारत को मजबूत आधार प्रदान कर सशक्त बनाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीबी उन्मूलन, आर्थिक सुधार, बैंकों के राष्ट्रीयकरण, कृषि उत्पादकता बढ़ाने, रोजगार सृजन और सामाजिक सशक्तिकरण में उनकी भूमिका अतुलनीय रही है। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी ने देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया। इस अवसर पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल, पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह, उप-मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया, विधायक संजय रतन, हरीश जनारथा, मलेंद्र राजन, रणजीत सिंह राणा, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान, हिमुडा के उपाध्यक्ष यशवंत छाजटा, नगर निगम शिमला के महापौर सुरेंद्र चौहान, उप-महापौर उमा कौशल, पार्षदगण, उपायुक्त अनुपम कश्यप, पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी और अन्य उपस्थित थे।
हिमाचल की राजधानी शिमला के संजौली में विवादित मस्जिद मामला फिर तूल पकड़ गया है। देवभूमि संघर्ष समिति ने संजौली पुलिस स्टेशन के बाहर तीन प्रमुख मांगों को लेकर आमरण अनशन शुरू किया है। इनकी प्रमुख मांग बीते शुक्रवार को पुलिस द्वारा देवभूमि संघर्ष समिति के पदाधिकारियों पर दर्ज FIR वापस लेने, कोर्ट द्वारा अवैध करार मस्जिद का बिजली-पानी काटने और कोर्ट के आदेशानुसार मस्जिद के ढांचे को गिराने की है। दरअसल, बीते शुक्रवार को देवभूमि संघर्ष समिति ने कोर्ट द्वारा अवैध करार संजौली मस्जिद में बाहरी राज्यों से आए मुस्लिमों को नमाज पढ़ने से रोका। इस दौरान, दो समुदाय के लोगों के बीच बहस भी हुई। कुछ लोग बिना नमाज पढ़े ही लौट गए। इसके बाद, संजौली पुलिस ने तीन महिलाओं समेत छह लोगों पर FIR की है। इन पर समुदाय विशेष की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप है। देवभूमि संघर्ष समिति इस पर भड़क उठी है। संजौली थाना के बाहर देवभूमि संघर्ष समिति की अगुवाई में आज विभिन्न हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता और स्थानीय लोगों ने आमरण अनशन किया। साथ ही शुक्रवार को एक बड़े आंदोलन की चेतावनी दी गई है। हिन्दू नेता विजय शर्मा और मदन ठाकुर का कहना है कि अगर उनके ख़िलाफ़ दर्ज किए झूठे मुक़दमे वापस नहीं हुए, तो प्रदेश स्तर पर बड़ा आंदोलन किया जाएगा। यह आंदोलन 11 सितंबर 2024 की तरह बड़ा और व्यापक स्तर पर होगा। इसके साथ हिंदू संगठनों ने मस्जिद में अवैध निर्माण के बाद नियमों के मुताबिक बिजली-पानी काटने और विवादित स्थल पर गतिविधियों को रोकने की मांग उठाई है। हिंदू संगठन कार्यकर्ताओं ने इसके लिए सरकार और प्रशासन को 24 घंटे का वक़्त दिया है। अगर इनकी तीन मांगें नहीं मानी गई, तो शुक्रवार को संजौली में एक बार फिर बड़ा आंदोलन होगा।
हिमाचल प्रदेश के छह बार मुख्यमंत्री रहे स्व. वीरभद्र सिंह भले ही मूल रूप से रामपुर के निवासी थे, लेकिन उन्होंने अपनी राजनीतिक पारी रोहड़ू से ही शुरू की थी और लंबे समय तक रोहडू विधानसभा क्षेत्र के विधायक रहे। सोमवार को रोहड़ू में स्व. वीरभद्र सिंह की प्रतिमा का अनावरण किया जा रहा है। स्व. वीरभद्र सिंह की शिमला में यह तीसरी प्रतिमा होगी। इससे पूर्व एक प्रतिमा ठियोग विधानसभा क्षेत्र के सैंज में लगाई गई है। वहीं दूसरी प्रतिमा रिज मैदान पर लगाई गई है और अब सोमवार को रोहड़ू में उनकी तीसरी प्रतिमा का अनावरण होने जा रहा है। इस विशेष मौके पर कांग्रेस पार्टी की प्रदेशाध्यक्ष रानी प्रतिभा सिंह और राज्य के लोक निर्माण विभाग के मंत्री विक्रमादित्य सिंह सहित अन्य कांग्रेस नेता भी मौजूद रहेंगे। 2012 तक शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में आने से पहले उन्होंने सभी चुनाव रोहड़ू से ही लड़े है और हर वक्त इस विधानसभा क्षेत्र से भारी मतों से विजयी रहे है। इसमें 1985 से लेकर 2012 तक के सभी चुनाव रोहड़ू विधानसभा क्षेत्र से लड़कर जीतकर विधानसभा में बतौर विधायक पहुंचे हैं। रोहडू में सोमवार को आयोजित हो रहे स्व. वीरभद्र सिंह की प्रतिमा अनावरण समारोह के लिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं की ओर से भव्य तैयारियां की गई हैं। कार्यक्रम के दौरान शामिल होने वाले लोगों के लिए धाम यानी दोपहर के भोजन की व्यवस्था भी शामिल है। इस प्रतिमा को स्थापित करने एवं सभी तरह की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी ब्लॉक कांग्रेस रोहड़ू के कार्यकर्ताओं को दी गई है।
संजौली थाना क्षेत्र के अंतर्गत चलौंठी के पास एक निजी रेस्टोरेंट के समीप मंगलवार को दिल दहला देने वाला सड़क हादसा पेश आया। सड़क किनारे खड़ी एक मारुति कार को तेज रफ़्तार से आ रही क्रेटा कार ने जोरदार टक्कर मारी, जिसकी चपेट में पास खड़ा 4–5 वर्ष का एक मासूम बच्चा भी आ गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार क्रेटा कार ढली की ओर से शिमला की तरफ आ रही थी और चालक अचानक वाहन पर नियंत्रण खो बैठा। तेज रफ़्तार में हुई इस टक्कर से बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस के अनुसार मृतक बच्चे की पहचान की प्रक्रिया जारी है। शव को पोस्टमार्टम के लिए आईजीएमसी शिमला भेजा गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड कर्मचारी यूनियन ने बिजली बोर्ड में भारी स्टाफ कमी को देखते हुए प्रदेश सरकार द्वारा नई भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के निर्णय का स्वागत किया है। यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष नितिश भारद्वाज, महासचिव प्रशांत शर्मा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष नन्द लाल, झाबे राम शर्मा, ललित कुमार, सुनील चौधरी, मुख्य संगठन सचिव अनिल वर्मा और मुख्य सलाहकार यशवंत चौहान ने प्रेस को जारी संयुक्त बयान में कहा कि यह कदम प्रदेश में विद्युत व्यवस्था को मजबूत करने में सहायक सिद्ध होगा। यूनियन पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मांग की है कि भर्ती प्रक्रिया निजी एजेंसी के माध्यम से आउटसोर्स के आधार पर न की जाए। इसके बजाय इसे विद्युत बोर्ड लिमिटिड के माध्यम से मेरिट के आधार पर किसी निर्धारित नीति के तहत संचालित किया जाए, ताकि चयनित कर्मचारी एक निश्चित समयावधि में बोर्ड के नियमित कर्मचारी बन सकें। यूनियन का कहना है कि आउटसोर्स प्रणाली शोषण पर आधारित है और इसी व्यवस्था के कारण कई आउटसोर्स कर्मचारी पिछले वर्षों में दुर्घटनाओं का शिकार होकर मौत या स्थायी विकलांगता का सामना कर चुके हैं, जिससे उनके परिवार कठिन परिस्थितियों में जीवन व्यतीत कर रहे हैं। पदाधिकारियों ने कहा कि वर्तमान में स्टाफ की कमी इस हद तक बढ़ गई है कि कई स्थानों पर सीढ़ी पकड़ने तक के लिए दूसरा कर्मचारी उपलब्ध नहीं है और कर्मचारी अकेले ही जोखिमपूर्ण कार्य करने को मजबूर हैं। विद्युत उपकेंद्रों में भी स्टाफ की भारी कमी है, जिसके चलते कर्मचारियों को अकेले ही शिफ्ट ड्यूटी निभानी पड़ रही है। यूनियन ने सरकार से कैबिनेट द्वारा मंजूर 1000 टी-मेट और 70 हेल्पर (पावर हाउस) पदों की भर्ती प्रक्रिया को जल्द शुरू करने की मांग की है, ताकि बिजली आपूर्ति व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने में सहायता मिल सके। साथ ही, पहले से कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए स्थायी नीति बनाने और यूनियन के 18वें महाअधिवेशन में मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं को शीघ्र लागू करने की भी मांग की गई है। यूनियन पदाधिकारियों ने उम्मीद जताई है कि मुख्यमंत्री शीघ्र ही बोर्ड प्रबंधन को आवश्यक दिशा–निर्देश जारी करेंगे।
हिमाचल प्रदेश के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी डॉ. जेपी सिंह को बिहार विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त मिली है। छपरा विधानसभा क्षेत्र से जन सुराज पार्टी के टिकट पर मैदान में उतरे सिंह न केवल चुनाव हार गए, बल्कि उनकी जमानत भी जब्त हो गई। डॉ. जेपी सिंह हाल ही में एडीजीपी (CID) के पद पर कार्यरत थे। इससे पहले वे आईजी दक्षिण रेंज, आईजी नॉर्थ रेंज और विजिलेंस विभाग में भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियाँ निभा चुके हैं। पुलिस सेवा में उनकी पहचान एक सख्त और अनुभवी अधिकारी के रूप में रही है। वे मूल रूप से 2000 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। उनकी सामान्य सेवानिवृत्ति 31 जुलाई 2027 को होनी थी, लेकिन राजनीति में प्रवेश करने के लिए उन्होंने इससे पहले ही स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) ले ली थी।
प्रदेश सरकार अपने कार्यकाल के तीन वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में 11 दिसंबर को मंडी जिले में राज्यस्तरीय कार्यक्रम आयोजित करेगी। कार्यक्रम स्थल के चयन के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया गया है, जिसमें राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी, तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी और धर्मपुर विधायक चंद्रशेखर शामिल हैं। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा के लिए बुधवार को आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह जानकारी साझा की। उन्होंने सभी विभागों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि सभी व्यवस्थाएं निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरी की जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कार्यक्रम में पिछले तीन वर्षों के दौरान वर्तमान राज्य सरकार द्वारा ‘व्यवस्था परिवर्तन’ पहल के माध्यम से हासिल सकारात्मक परिवर्तन को प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाएगा। सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में महत्त्वपूर्ण सुधार किए हैं, जिससे राज्य भर के लोग लाभान्वित हो रहे हैं। राज्य की अर्थव्यवस्था में सुधार के साथ राजस्व सृजन में लगातार वृद्धि हो रही है। उन्होंने बताया कि विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभार्थी भी इस कार्यक्रम में भाग लेंगे। विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान करने वाले व्यक्तियों और सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों को इस कार्यक्रम के दौरान सम्मानित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को विकासात्मक गतिविधियों में तेजी लाने और जमीनी स्तर पर सरकार की प्राथमिकताओं का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए दो वर्षीय रोडमैप तैयार करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने लोगों के घर-द्वार तक और अधिक सेवाएं पहुंचाने, डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने और सभी विभागों में सुशासन को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. धनी राम शांडिल, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, मुख्य सचिव संजय गुप्ता, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार राम सुभग सिंह, प्रशासनिक सचिव, विभागाध्यक्ष और वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे। राज्य के सभी उपायुक्त भी वर्चुअल माध्यम से बैठक में शामिल हुए।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बुधवार सुबह राजभवन में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल से शिष्टाचार भेंट की। इस दाैरान दोनों के बीच प्रदेश के विभिन्न विषयों पर चर्चा हुई। इसके बाद मुख्यमंत्री ने शिमला लिफ्ट पार्किंग के समीप हिम-ईरा की पहल हिमाचल हाट का शिलान्यास किया। सीएम सुक्खू ने इस अवसर पर कहा कि हिम ईरा में पहली बार महिलाओं को फूड वैन उपलब्ध करवाई गई है। इसी वर्ष 60 और वैन महिलाओं को उपलब्ध करवाएंगे। उन्होंने कहा कि दिल्ली घटना के बाद प्रदेश में अधिकारियों को सुरक्षा की दृष्टि से एहतियात बरतने के निर्देश दिए गए हैं। सुक्खू ने कहा कि 11 दिसंबर को प्रदेश सरकार के तीन साल पूरे होने पर समारोह का आयोजन किया जाएगा। CM सुक्खू ने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर पर तीखे प्रहार करते हुए कहा कि वह तनाव में हैं, हर दिन बयान देते हैं। क्योंकि भाजपा पांच गुटों में बंटी हुई है। भाजपा के पांचों गुटों में बहुत तनाव चल रहा है। इसमें अनुराग गुट, नड्डा गुट, जयराम गुट, बिका हुआ गुट व ध्वाला गुट शामिल हैं। वहीं सीएम सुक्खू ने महान स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षाविद् एवं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष, मदन मोहन मालवीय की पुण्यतिथि पर उन्हें नमन किया। सीएम ने कहा कि मालवीय ने अपना संपूर्ण जीवन देश के युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए समर्पित किया। हिमाचल सरकार उनके आदर्शों को अपनाकर एक शिक्षित, जागरूक और उत्तरदायी समाज बनाने के लिए सतत प्रयासरत है।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने सोलन जिला में सनवारा टोल बैरियर को आज से फिर शुरू करने की अनुमति दे दी है। सड़क की खराब हालत के कारण अदालत ने पिछली सुनवाई के दौरान शर्त लगाई थी कि यदि NHAI व राज्य सरकार सोलन से शिमला तक की सड़क के खराब हिस्सों को समय पर दुरुस्त कर दें तो टोल बैरियर को खोलने की अनुमति दे दी जाएगी। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि वह हाईवे से बालूगंज यू-टर्न पर सुधार का काम पूरा करे और शिमला नगर निगम को उचित कदम उठाने का निर्देश दें। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायाधीश जिया लाल भारद्वाज की खंडपीठ ने राज्य सरकार और एनएचएआई दोनों को यह काम पूरा करने के लिए 10 दिन का समय दिया था। उल्लेखनीय है कि पूर्व में अदालत ने सनवारा टोल बैरियर को पहले 20 सितंबर से 30 अक्टूबर तक बंद करने के आदेश दिए थे। हाईकोर्ट ने इस मामले में सामान्य सुविधाओं की कमी पर स्वतः संज्ञान लिया था। तब मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायमूर्ति रंजन शर्मा की खंडपीठ ने जिलाधीश सोलन को आदेश जारी किए थे कि वह सड़क की दशा सुधारने के लिए नेशनल हाईवे अथॉरिटी को जरूरी सहायता मुहैया करवाए। इसके अलावा कोर्ट ने लोक निर्माण विभाग को आदेश जारी किए थे कि वह कैथली घाट से शिमला तक सड़क मार्ग की दशा को सुधारने के लिए कार्य करें। विशेषतया शोघी औद्योगिक क्षेत्र में सड़क की खस्ता हालत को भी सुधारने के लोक निर्माण विभाग को आदेश जारी किए गए थे। मामले पर आगामी सुनवाई 30 अक्टूबर को हुई थी। उसके बाद अदालत ने संबंधित पक्षों को दस दिन का समय दिया था। अदालत के सख्त रुख को देखते हुए नेशनल हाईवे अथॉरिटी व लोक निर्माण विभाग सहित नगर निगम ने तय समय में काम पूरा कर दिया है।
हिमाचल प्रदेश के शिमला जिला में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज अंतरराष्ट्रीय रामपुर लवी मेले का शुभारंभ किया। अपने संबोधन में राज्यपाल ने सबसे पहले दिल्ली में हुए धमाके पर दुख व्यक्त किया और जान गंवाने वाले लोगों के प्रति संवेदना प्रकट की। उन्होंने लोगों और व्यापारियों को मेले की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने मेले के इतिहास पर प्रकाश डाला और मेले में लोक कलाकारों की ओर से दी गई प्रस्तुति की सरहना की। राज्यपाल ने चिट्टे नशा के प्रचलन पर चिंता जताते हुए कहा कि देश विरोधी ताकतें इस नशे को युवाओं तक पहुंचा रही हैं। इसका सभी पुरजोर विरोध करना चाहिए। पुलिस प्रशासन नशे के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रहा और जनप्रतिनिधि भी इसके विरोध में उतर रहे हैं। आम लोग भी इस अभियान में आगे आकर प्रशासन का सहयोग करें। तभी इस नशे को समाप्त किया जा सकता है। राज्यपाल ने कहा कि हम सब आज पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इसकी वजह से प्राकृतिक आपदाएं आ रही हैं। हम सभी को पर्यावरण को बचाने के लिए प्रयास करने होंगे। मेले के शुभारंभ के बाद राज्यपाल ने किन्नौर मार्केट और सरकारी विभागों की ओर से लगाई प्रदर्शनियों का अवलोकन किया।
हिमाचल की राजधानी शिमला में इस साल भी दिसंबर के आखिरी सप्ताह में विंटर कार्निवल का रंगारंग आयोजन किया जाएगा। नगर निगम शिमला ने इस आयोजन की तैयारियां अभी से शुरू कर दी हैं। इस बार कार्निवल का आयोजन सात दिन तक चलेगा। यह कार्यक्रम 25 दिसंबर यानी क्रिसमस डे से शुरू होकर 31 दिसंबर तक चलेगा। नए साल की पूर्व संध्या तक रिज मैदान और मालरोड़ पूरी तरह उत्सव के रंग में रंगे नजर आएंगे। नगर निगम शिमला के महापौर सुरेंद्र चौहान की अध्यक्षता में विंटर कार्निवल की तैयारियों को लेकर एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया। महापौर ने बताया कि यह शिमला का तीसरा विंटर कार्निवल होगा, जो क्रिसमस से लेकर नए साल तक पर्यटकों और स्थानीय लोगों के लिए मनोरंजन का बड़ा आकर्षण रहेगा। उन्होंने कहा कि इस बार भी कार्निवल में हिमाचली संस्कृति और लोक जीवन की झलक देखने को मिलेगी। कार्यक्रम में हिमाचली लोक संगीत, लोक नृत्य और पारंपरिक परिधानों पर आधारित फैशन शो मुख्य आकर्षण रहेंगे। इसके अलावा हर शाम स्टार नाइट का आयोजन किया जाएगा, जिसमें स्थानीय और बाहरी कलाकारों के प्रदर्शन होंगे। प्रत्येक दिन अलग-अलग थीम पर सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे, जिससे सैलानियों को हर दिन कुछ नया देखने को मिलेगा। विंटर कार्निवल के दौरान पर्यटन कारोबार भी बढ़ेगा। सात दिवसीय उत्सव में देश-विदेश से भारी संख्या में पर्यटकों के पहुंचने की संभावना है। होटल, रेस्तरां, टैक्सी यूनियन और स्थानीय हस्तशिल्प व्यवसायियों को इससे बड़ी राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
महिला विश्व कप जीतने के बाद भारतीय टीम की तेज गेंदबाज रेणुका ठाकुर रविवार को रोहड़ू के पारसा गांव स्थित अपने घर पहुंचेंगी। बेटी के घर में स्वागत करने की परिजनों समेत ग्रामीणों और प्रशासन ने विशेष तैयारियां की हैं। रेणुका का ढोल-नगाड़ों के साथ स्वागत किया जाएगा। रेणुका सुबह 10 बजे सबसे पहले दुर्गा माता मंदिर हाटकोटी में पूर्जा-अर्चना करेंगी। उसके बाद प्रशासन की ओर से एसडीएम कार्यालय सभागार में रेणुका के सम्मान में स्वागत कार्यक्रम रखा गया है। रोहडू में सवर्ण समाज संगठन ने भी रेणुका के स्वागत कर तैयारी की है। दोपहर बाद रेणुका अपने गांव पारसा पहुंचेंगी। घर पहुंचने पर मां, भाई सहित अन्य परिजन रेणुका का स्वागत करेंगे। ग्रामीण भी रेणुका के घर पहुंचेंगे। एसडीएम रोहड़ू धर्मश रमोत्रा ने बताया कि रेणुका ठाकुर का प्रशासन की ओर से जोरदार स्वागत किया जाएगा। इस क्षेत्र के लिए यह एक गर्व का क्षण है।
हिमाचल प्रदेश में आपातकाल के दौरान जेल जाने वाले नेताओं को सम्मान स्वरूप दी जा रही पेंशन अब समाप्त हो गई है। राज्य सरकार द्वारा पेश किए गए बिल को मंजूरी मिल गई है, जिसके बाद इस योजना के तहत मिल रही पेंशन बंद कर दी जाएगी। कुल मिलाकर हिमाचल में करीब 105 लोगों को यह पेंशन शुरू हो गई थी। पूर्व भाजपा सरकार ने यह योजना शुरू की थी, जिसके अनुसार आपातकाल के दौरान 15 दिन तक जेल में रहे नेताओं को ₹12,000 एवं 15 दिन से अधिक जेल में रहने वाले नेताओं को ₹20,000 प्रतिमाह पेंशन दी जाती थी। वर्तमान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, जो विपक्ष में रहते हुए इस योजना का विरोध कर चुके थे, ने इसे बंद करने का प्रस्ताव पेश किया था। उनका कहना था कि “आपातकाल के दौरान जेल जाने वालों ने कोई बड़ा संघर्ष नहीं किया, इसलिए इस तरह की पेंशन उचित नहीं है।” बिल पास होने के बाद अब इस योजना के लाभार्थियों को मिलने वाली पेंशन बंद हो जाएगी। इस योजना के लाभार्थियों में पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार, श्याम सिंह, महेंद्र नाथ सोफत, डॉ. राजीव बिंदल सहित कई नेता शामिल थे। सरकार के इस निर्णय पर अब विपक्ष, विशेषकर भाजपा नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया देना शुरू कर दी है। आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर राजनीतिक बयानबाज़ी और तेज़ होने की संभावना है।
शिमला जिले के ढली पुलिस थाने में बाल विवाह और दुष्कर्म के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस ने चाइल्ड मैरिज एक्ट और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। यह मामला महिला एवं बाल विकास विभाग ठियोग की सुपरवाइजर इंदिरा शर्मा की शिकायत पर दर्ज किया गया है। इंदिरा शर्मा ने पुलिस को बताया कि 24 सितंबर 2025 को सीडीपीओ कार्यालय ठियोग से एक पत्र मिला था, जिसमें एक नाबालिग लड़की के बाल विवाह की जांच का अनुरोध किया गया था। इंदिरा शर्मा ने पुलिस को बताया कि 24 सितंबर 2025 को सीडीपीओ कार्यालय ठियोग से एक पत्र मिला था, जिसमें एक नाबालिग लड़की के बाल विवाह की जांच का अनुरोध किया गया था। जांच के दौरान पता चला कि शिमला जिले के जुंगा तहसील की रहने वाली लगभग 17 वर्षीय नाबालिग लड़की का विवाह 11 फरवरी 2023 को ठियोग तहसील के निवासी करुण कुमार से हुआ था। लड़की की जन्मतिथि 12 सितंबर 2008 है, जबकि करुण की जन्मतिथि 15 मार्च 2003 है। वर्तमान में करुण की उम्र लगभग 22 वर्ष 7 माह है और लड़की अभी भी नाबालिग (लगभग 17 वर्ष 2 माह) की है। दोनों की एक बेटी भी है, जिसका जन्म 6 जनवरी 2024 को हुआ था। शिकायत के अनुसार, करुण कुमार ने नाबालिग लड़की को बहला-फुसलाकर उससे शादी की थी। इस संबंध में ढली पुलिस थाने में एफआईआर संख्या 139/25 को भारतीय दंड संहिता की धारा 363, 366, 376 और पॉक्सो अधिनियम की धारा 6 के तहत मामला दर्ज किया गया है। मामले की जांच जुंगा पुलिस चौकी के प्रभारी एएसआई अमरनाथ कर रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण इलाकों के लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के चौथे चरण के तहत बड़ी सौगात दी है। प्रदेश को इस योजना में 294 नई सड़कों की स्वीकृति मिली है। इनके निर्माण पर कुल 2271 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इन सड़कों की कुल लंबाई लगभग 1538 किलोमीटर होगी। इस परियोजना से न केवल दुर्गम और जनजातीय क्षेत्रों की कनेक्टिविटी बढ़ेगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी नया बल मिलेगा। लोक निर्माण विभाग मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने गुरूवार को शिमला में आयोजित पत्रकार वार्ता में बताया कि हिमाचल की भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए विशेष प्रावधान किए गए हैं। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-1 के तहत बनी पुरानी सड़कों की मरम्मत और सुधार कार्य भी PMGSY-4 के साथ जोड़े गए है। इससे पुराने मार्गों की गुणवत्ता में सुधार होगा। उन्होंने लोगों से अपील की है कि जहां निजी भूमि पर सड़क निर्माण प्रस्तावित है, वहां भूमि मालिक विभाग के नाम “गिफ्ट डीड” करें, ताकि निर्माण कार्य समय पर पूरा हो सके, विशेषकर पहाड़ी और आदिवासी इलाकों में। विक्रमादित्य सिंह ने बताया कि राज्य में टायरिंग का काम तेजी से चल रहा है, लेकिन कुछ स्थानों पर गुणवत्ता को लेकर शिकायतें सामने आई हैं। इस पर सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय जांच समिति गठित की है, जो एक सप्ताह में रिपोर्ट देगी। दोषी पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों और ठेकेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस वर्ष आई आपदा से प्रदेश में करीब चार हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। केंद्र सरकार से अब तक 1500 करोड़ रुपये की सहायता नहीं मिली है, फिर भी राज्य सरकार अपने संसाधनों से बहाली कार्य में जुटी है। वर्तमान में लगभग 50 सड़कें अभी भी बंद हैं, जिन्हें शीघ्र खोले जाने के प्रयास जारी हैं।
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने स्नातकोत्तर (पीजी) कक्षाओं की परीक्षाएं 25 नवंबर से शुरू करने की घोषणा की है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों को निर्देश दिया है कि वे अपने ऑनलाइन परीक्षा फार्म 10 नवंबर तक भर दें। इस तिथि के बाद विलंब शुल्क के साथ परीक्षा फार्म जमा करना होगा। इस बार पीजी परीक्षाओं के लिए विश्वविद्यालय ने राज्य भर में 49 परीक्षा केंद्र स्थापित किए हैं। विश्वविद्यालय की ओर से जारी सूचना के अनुसार सभी छात्र परीक्षा फार्म ऑनलाइन भर सकते हैं। एचपीयू ने संबंधित पीजी विभागाध्यक्षों, कॉलेज प्राचार्यों और सेंटर फॉर डिस्टेंस एंड ऑनलाइन एजुकेशन के निदेशक को निर्देश दिए हैं कि वे यह सुनिश्चित करें कि उनके सभी विद्यार्थी समय पर परीक्षा फार्म भरें। विश्वविद्यालय ने स्पष्ट किया है कि सभी विद्यार्थियों के गृह परीक्षण, असाइनमेंट, प्रेजेंटेशन और अन्य आंतरिक मूल्यांकन गतिविधियां परीक्षा शुरू होने से पांच दिन पहले पूरी कर ली जाएं। एचपीयू के परीक्षा नियंत्रक प्रो. श्याम लाल कौशल ने बताया कि फार्म भरने की अंतिम तिथि के आसपास डेटशीट जारी कर दी जाएगी। इसके अलावा पात्र छात्रों के एडमिट कार्ड परीक्षा शुरू होने से 4 से 5 दिन पहले जारी किए जाएंगे। परीक्षा में बैठने के लिए यह एडमिट कार्ड अनिवार्य होगा।
जिला पुलिस ने नशे के खिलाफ चलाए अभियान के तहत एक ही दिन में चार अलग-अलग मामलों में चरस बरामद की है। सभी मामले एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज किए गए हैं और पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। पहला मामला जिला शिमला के थाना सुन्नी क्षेत्र से सामने आया है। पुलिस के अनुसार सुब-इंस्पेक्टर अनिल कुमार की टीम ने बुधवार शाम सुन्नी क्षेत्र में गश्त के दौरान एक सफेद रंग की अल्टो कार (नंबर HP92-0241) को जांच के लिए रोका। कार में चालक प्रकाश चंद (44 वर्ष), निवासी गांव कथण्डा, डाकघर जड़ोली, तहसील निरमंड, जिला कुल्लू और उसके साथ सवार सतीश कुमार (35 वर्ष), निवासी गांव व डाकघर घाटू, तहसील निरमंड, जिला कुल्लू (हि.प्र.) बैठे थे। तलाशी के दौरान पुलिस ने दोनों के कब्जे से कुल 39.9 ग्राम चरस (कैनाबिस) बरामद की। दूसरा मामला थाना रामपुर में दर्ज हुआ है। हेडकांस्टेबल नरेंद्र राज की टीम ने गश्त के दौरान चुहाबाग क्षेत्र में कार्रवाई करते हुए अमित कोछर निवासी मेंन बाजार रामपुर, जिला शिमला के कब्जे से 57.780 ग्राम चरस बरामद की। रामपुर थाने के तहत ही तीसरी कार्रवाई में हेडकांस्टेबल सुरेंद्र कुमार ने सेरी पुल के समीप गश्त के दौरान सुनील कुमार, निवासी काशापाठ, तहसील रामपुर से 52.88 ग्राम चरस बरामद की। चौथा मामला बुधवार देर शाम थाना चिड़गांव के अंतर्गत सामने आया, जहां पुलिस ने मांदली के पास कार्रवाई की। यहां पुलिस ने नर बहादुर, निवासी नेपाल, जो वर्तमान में उर्मिला नागू निवासी कथली, तहसील चिड़गांव के पास रहता है, के कब्जे से 81 ग्राम चरस बरामद की। पुलिस के एक अधिकारी ने गुरूवार को बताया कि सभी मामलों में सम्बंधित थानों में एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और आगे की जांच जारी है। पुलिस ने कहा है कि नशे के खिलाफ यह अभियान लगातार जारी रहेगा और ऐसे तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली में ड्यूटी पर तैनात एक ट्रैफिक पुलिसकर्मी पर हमला करने का मामला सामने आया है। घटना मंगलवार देर शाम की है, जब संजौली पुलिस स्टेशन में तैनात कांस्टेबल सुनील अपनी नियमित ट्रैफिक ड्यूटी पर संजौली स्थित एचआरटीसी कार्यालय के समीप तैनात थे। ड्यूटी के दौरान कांस्टेबल सुनील ने एक व्यक्ति को सार्वजनिक स्थान पर सिगरेट पीते हुए देखा। उन्होंने उस व्यक्ति को धूम्रपान न करने को कहा, क्योंकि सार्वजनिक स्थल पर सिगरेट पीना कानूनन अपराध है। इसपर उस व्यक्ति ने पहले तो सिगरेट फेंक दी और वहां से संजौली चौक की ओर चला गया, लेकिन कुछ देर बाद वह अचानक वापस लौटा और कांस्टेबल सुनील पर हमला कर दिया। हमलावर ने कांस्टेबल सुनील को घूंसे मारे और घसीटते हुए दावत होटल की दिशा में ले गया। इस दौरान पुलिस कर्मी ने खुद को बचाने का प्रयास किया, लेकिन उसे चोटें आईं। आसपास मौजूद लोगों के एकत्र होने पर आरोपी मौके से भाग निकला। घायल पुलिसकर्मी ने तुरंत इस घटना की जानकारी थाना संजौली को दी। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को पकड़ लिया। उसकी पहचान संदीप निवासी कोटखाई के रूप में हुई है। जांच में यह तथ्य सामने आया है कि घटना के समय आरोपी शराब के नशे में था। इस संबंध में पुलिस थाना संजौली में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 132, 121(1) और 221 के तहत मामला दर्ज किया गया है। थाना प्रभारी संजौली का कहना है कि ड्यूटी पर तैनात कर्मियों पर हमला गंभीर अपराध है और आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
हिमाचल प्रदेश के शिमला को दिल्ली से जोड़ने वाली एकमात्र हवाई सेवा 1 नवंबर से बंद हो गई है। अलायंस एयर की ओर से इस हवाई सेवा का संचालन किया जा रहा था। 25 सितंबर को तीन साल की अवधि पूरी होने पर दिल्ली-शिमला हवाई सेवा बंद हो चुकी है। इसके साथ ही प्रदेश में शिमला से धर्मशाला के लिए होने वाली हवाई उड़ान भी स्वत: बंद हो गई है। उड़ान योजना के तहत संचालित हो रही हवाई योजना को निकट भविष्य में शुरू करने के लिए अभी तक प्रदेश सरकार की ओर से अलायंस एयर के साथ कोई बातचीत नहीं की गई है। इस हवाई सेवा में प्रति सीट और दैनिक उड़ान के आधार पर सबसिडी का निर्धारण होता था। दिल्ली से शिमला के लिए हवाई जहाज में 23 सीटें सब्सिडी वाली होती थी और शिमला से दिल्ली लौटते हुए सब्सिडी वाली सीटों की संख्या 13 थी। दिल्ली से शिमला और वापसी उड़ान के लिए प्रदेश सरकार को मासिक 50-60 लाख रुपये सब्सिडी का भुगतान करना पड़ता था। सामान्य तौर पर 48 सीटर एटीआर-42-600 में दिल्ली से शिमला आने वाले यात्रियों की संख्या 26 रहती थी और वापसी में सवारियों की संख्या 21 या 23 रखी जाती थी। ऐसा इसलिए था कि हवा के अधिक दबाव के कारण ऐसी व्यवस्था की गई थी। इस हवाई सेवा में कभी भी 10 या इससे अधिक लोगों ने एक साथ सफर नहीं किया। 2023 से पहले हवाई जहाज की उड़ान सप्ताह में चार दिन कुल्लू के लिए होती थी और शेष तीन दिनों के लिए धर्मशाला। लेकिन सरकार ने मंत्रिमंडल बैठक में कुल्लू की हवाई उड़ानों को बंद कर सप्ताह के सभी दिन धर्मशाला के लिए उड़ान शुरू की। पहले दोनों स्थानों के लिए होने वाली हवाई उड़ान पर होने वाला कुल खर्च 10-11 करोड़ था। उसके बाद धर्मशाला के लिए होने वाली हवाई उड़ान पर ही इतना खर्च राज्य सरकार को हर साल उठाना पड़ रहा था।
हिमाचल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कहा न्यायपालिका के लिए आवंटित बजट न मिलने से अदालतों का सामान्य कामकाज बाधित हो रहा है। कोर्ट ने सख्त निर्देश दिया कि वित्त सचिव 10 करोड़ रुपए का ड्राफ्ट लेकर 13 नवम्बर को अदालत में पेश हों। अन्यथा सरकार के खिलाफ कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट की कार्यवाही शुरू की जाएगी। यदि राशि जमा कर दी जाती है तो वित्त सचिव की उपस्थिति आवश्यक नहीं। कोर्ट ने कहा- रिटायर जस्टिस और अदालतों के प्रशासनिक खर्चों के भुगतान में निरंतर देरी की जा रही है। ₹6.88 करोड़ का बकाया केवल प्रशासनिक खर्चों पर है, जबकि ₹4.07 करोड़ की राशि नए वाहनों की खरीद के लिए लंबित है। कुल मिलाकर ₹10 करोड़ से अधिक का भुगतान राज्य सरकार से बकाया है। कोर्ट ने पाया कि राज्य सरकार ने 7 नए जिला न्यायाधीशों और 39 सिविल जजों की अदालतों की स्थापना के प्रस्ताव पर भी कार्रवाई नहीं की है। वित्त विभाग हर बार वित्तीय संसाधन नहीं हैं कहकर इनकार कर देता है। हिमाचल के चीफ जस्टिस गुरमीत सिंह संधावालिया और जस्टिस रंजन शर्मा की बैंच ने यह मामला सुना। राज्य सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल अनूप रत्न पेश हुए। उन्होंने अदालत को बताया- मामला संवेदनशील होने के कारण अब सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू को निर्णय को बोल दिया गया है। इस मामले में हाईकोर्ट ने सीनियर एडवोकेट नीरज गुप्ता को न्यायिक सहायक नियुक्त किया हैं, उन्होंने राज्य के तर्कों का विरोध करते हुए कहा कि सरकार लगातार सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेशों की अवहेलना कर रही है। उन्होंने बताया कि अदालत ने कहा कि सरकार ने खुद तो मंत्री-विधायकों की सैलरी बढ़ा दी है और दूसरे विभागों के अधिकारियों-कर्मचारियों के वित्तीय लाभ देय है। कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि न्यायपालिका के खर्चों को रोकना न्यायिक कार्य में हस्तक्षेप है, जो कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट एक्ट, 1971 की धारा 2(c), 2(i) और 3 (i) के तहत दंडनीय अपराध है। राज्य सरकार को न्यायपालिका के लिए बजट आवंटन पर पारदर्शी नीति बनानी होगी, ताकि लंबित वेतन, चिकित्सा और भत्तों के भुगतान समय पर सुनिश्चित बनाया जा सके। ऐसा नहीं किया गया तो सरकार और न्यायपालिका के बीच तनाव और गहराएगा।
हिमाचल प्रदेश में पंचायत चुनाव में देरी का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है। मुख्य सचिव ने बीते 8 अक्टूबर को डिजास्टर एक्ट का हवाला देते हुए आपदा से हालात सामान्य होने के बाद पंचायत चुनाव कराने की बात कही है। कैबिनेट ने भी चुनाव की घोषणा से कुछ दिन पहले पंचायतों के पुनर्गठन का फैसला लिया है। इस प्रक्रिया में दो से ढाई महीने लग सकते हैं। इसे देखते हुए, उच्च न्यायालय के 2 एडवोकेट ने मंगलवार को एक जनहित याचिका (PIL) दायर कर दी है। अनिश्चितकाल तक डिजास्टर ग्राउंड पर चुनाव टालने की सरकार की मंशा को चुनौती दी गई है। याचिका में कहा गया कि राज्य सरकार और स्टेट इलेक्शन कमीशन ने संविधान के तहत तय समय सीमा में पंचायत चुनाव करवाने की कोई तैयारी नहीं की। हिमाचल में पिछली पंचायत चुनाव प्रक्रिया दिसंबर 2020 से जनवरी 2021 के बीच तीन चरणों में हुई थी। संविधान के अनुच्छेद 243-ई के मुताबिक हर पंचायत का कार्यकाल 5 साल से ज्यादा नहीं हो सकता और मौजूदा जन प्रतिनिधियों का कार्यकाल खत्म होने से पहले ही चुनाव करवाना जरूरी है। मगर अब तक इलेक्शन कमीशन ने चुनाव का कार्यक्रम जारी नहीं किया और न ही तैयारी की है। उन्होंने कोर्ट से हस्तक्षेप करके पूरे प्रदेश में तय समय पर पंचायती राज चुनाव कराने के निर्देश देने का आग्रह किया है। एडवोकेट का कहना है कि यह याचिका किसी राजनीतिक या निजी स्वार्थ के लिए नहीं, बल्कि जनहित में दायर की गई है। अगर समय पर चुनाव नहीं हुए, तो राज्य में पंचायत राज संस्थाएं अपनी वैधानिक स्थिति खो देंगी और लोकतांत्रिक शासन की जड़ें कमजोर होंगी। पंचायतों में यह चुनाव पांच सीटों प्रधान, उप प्रधान, वार्ड मेंबर, पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद सदस्य के लिए होने है, जबकि शहरी निकाय में वार्ड पार्षद के लिए वोटिंग होनी है। इसी तरह 71 नगर निकायों में पार्षद चुने जाएंगे। स्टेट इलेक्शन कमीशन दिसंबर में चुनाव कराना चाह रहा है, क्योंकि जनवरी में शिमला, मंडी, लाहौल स्पीति, किन्नौर, कांगड़ा, कुल्लू और सिरमौर जिला के कई भागों में कई बार भारी बर्फबारी हो जाती है।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने शिमला नगर निगम मेयर के कार्यकाल बढ़ाने से जुड़े मामले को लेकर नोटिस जारी किया है। अदालत ने राज्य सरकार, निर्वाचन आयोग व मेयर से जवाब तलब किया है। मामले में अगली सुनवाई 11 नवंबर को होगी। राज्य सरकार के मेयर के कार्यकाल को ढाई से पांच साल बढ़ाने वाले फैसले पर एडवोकेट अंजलि सोनी वर्मा ने चुनौती देते हुए जनहित याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार ने अध्यादेश लाकर शिमला नगर निगम मेयर के कार्यकाल को बढ़ाया है और ये हिमाचल प्रदेश नगर निगम अधिनियम के सेक्शन 36 के खिलाफ है। याचिका में दिए गए तर्क के अनुसार, राज्य सरकार का यह निर्णय रोस्टर के खिलाफ हैं। रोस्टर कहता है कि ढाई साल के बाद मेयर का पद महिला पार्षद के लिए आरक्षित होगा। ऐसे में राज्य सरकार का फैसला निगम में चुनकर आई 21 महिला पार्षदों के अधिकारों का हनन करता हैं। भाजपा के साथ ही कुछ कांग्रेस पार्टी पार्षदों ने इस निर्णय का विरोध किया था। पार्षदों का कहना था कि रोस्टर के अनुसार, अब महिला पार्षद को मेयर बनना चाहिए था, लेकिन सरकार ने इस नियम की अनदेखी की हैं। सीएम सुक्खू ने भी पार्षदों को सरकार के फैसले को जानकारी देते हुए सहमति बनाने की सलाह दी थी, लेकिन विवाद थम नहीं रहा हैं।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने मंगलवार को शिमला के चौड़ा मैदान में पुलिस विभाग के पेट्रोलिंग व अन्य वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। ये वाहन प्रदेश के दस जिलों में सेवाएं देंगे। इससे यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ करने में मदद मिलेगी। इस दाैरान लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, नगर एवं ग्राम नियोजन मंत्री राजेश धर्माणी, विधायक भवानी सिंह पठानिया सहित अन्य माैजूद रहे। इस दाैरान सीएम सुक्खू ने कहा कि जब से कांग्रेस सरकार सत्ता में आई है, यह प्रयास किया है कि सभी विभागों में आधुनिक तरीके से काम किया जाए। साथ ही उन्होंने कहा कि हिमाचल एक पर्यटन राज्य है और देश-विदेश से बड़ी संख्या में यहां सैलानी पहुंचते हैं। ट्रैफिक की समस्या पूरे प्रदेश में बनी रहती है। इसे ध्यान में रखते हुए ट्रैफिक के सुचारू संचालन के लिए 66 के करीब गाड़ियां रवाना की गई हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस में आधुनिक सुविधाएं देकर बेहतर किया जा सकता है। दुर्घटना की स्थिति में ये वाहन तुरंत घटनास्थल पर पहुंचेंगे। उन्होंने कहा कि हाल ही में 1200 पुलिस कांस्टेबलों की भर्ती की गई है। पुलिस को आधुनिक हथियारों से भी लैस किया जा रहा है। चिट्टा से भी सख्ती से निपटा जा रहा है।
शिमला जिला के रामपुर में आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय लवी मेला 2025 की तैयारियां जोरों पर हैं। प्रशासन ने मेले के दौरान दुकानों और स्टॉलों की सुचारू व्यवस्था के लिए दो अलग-अलग कमेटियां गठित की हैं। स्टॉलों का आबंटन 5 नवंबर से शुरू होकर 10 नवंबर तक पूरा कर लिया जाएगा, ताकि व्यापारी 11 नवंबर से पहले अपने स्टॉल सजा सकें। मेले की तैयारियों को लेकर नगर परिषद ने मीटिंग भी की है। एसडीएम रामपुर हर्ष अमरेंद्र सिंह ने बताया कि लवी मेला मैदान में स्टॉल आबंटन का समन्वय तहसीलदार रामपुर करेंगे। इस कमेटी में नगर परिषद रामपुर के कनिष्ठ अभियंता, लोक निर्माण विभाग के कनिष्ठ अभियंता, फील्ड कानूनगो रामपुर और नगर परिषद के एकाउंटेंट शामिल हैं। वहीं, राष्ट्रीय राजमार्ग-5 (NH-5) पर प्लॉट आबंटन का कार्य तहसीलदार ननखड़ी की अध्यक्षता में होगा। इस कमेटी में राष्ट्रीय राजमार्ग-5 रामपुर के कनिष्ठ अभियंता, विद्युत बोर्ड रामपुर के कनिष्ठ अभियंता, फील्ड कानूनगो कुमसू और लोक निर्माण विभाग के एकाउंटेंट को शामिल किया गया है। एसडीएम ने कहा कि दोनों कमेटियां निर्धारित समय पर आबंटन कार्य शुरू करेंगी, जिससे किसी भी व्यापारी को असुविधा न हो और मेला सुचारू रूप से संपन्न हो सके। रामपुर नगर परिषद ने लवी मेले की तैयारियों को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। बैठक की अध्यक्षता नगर परिषद अध्यक्ष मुस्कान चारस ने की। इसमें शहर की सफाई, नालियों की मरम्मत और सीसीटीवी कैमरों को दुरुस्त करने जैसे आवश्यक कार्यों पर चर्चा हुई। कार्यकारी अधिकारी बी.आर. नेगी ने बताया कि मेले से पहले सभी खराब पड़े सीसीटीवी कैमरे ठीक किए जाएंगे और नालियों की सफाई पूरी कर ली जाएगी। सफाई, गर्म पानी, रात्रिभोज और नालियों की मरम्मत के टेंडर जारी हो चुके हैं, जबकि झूले, सफाई और डोम लगाने की टेंडर प्रक्रिया जारी है। नेगी ने कहा कि नगर परिषद मेला कमेटी के साथ मिलकर सभी तैयारियां समय पर पूरी करेगा। उन्होंने सभी वार्डों में चल रहे और रुके हुए कार्यों की समीक्षा करते हुए ठेकेदारों को तीन दिन के भीतर काम शुरू करने के निर्देश दिए। यदि निर्धारित समय-सीमा में ठेकेदार कार्य शुरू नहीं करते हैं, तो उनके टेंडर रद्द कर अन्य ठेकेदारों को कार्य सौंपा जाएगा। नगर परिषद का लक्ष्य है कि इस वर्ष का लवी मेला स्वच्छ और सुव्यवस्थित माहौल में संपन्न हो। बुशहर ऑटो ऑपरेटर यूनियन ने मेले के दौरान ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर नया प्लान तैयार किया है। यूनियन की कार्यकारिणी बैठक की अध्यक्षता चेयरमैन ओम प्रकाश ने की, जिसमें 12 सदस्य उपस्थित थे। नए ट्रैफिक प्लान के अनुसार, रामपुर से मेला ग्राउंड की ओर जाने वाले ऑटो पेट्रोल पंप के सामने सवारियां उतारेंगे। वापसी के लिए ये ऑटो एचआरटीसी वर्कशॉप चौक या पाटबंग्ला चौक से सवारियां भर सकेंगे। खनेरी से आने वाले ऑटो रिक्शों के लिए पार्किंग एचआरटीसी वर्कशॉप के पीछे निर्धारित की गई है। यूनियन ने ऑटो चालकों से अपील की है कि वे सवारियां बैठाते समय ही किराया वसूलें, ताकि समय और यातायात दोनों की बचत हो सके।
हिमाचल की राजधानी शिमला में प्राइवेट बस ऑपरेटर आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। इस वजह से स्कूल जाने वाले बच्चों से लेकर सरकारी और निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को गंतव्य तक पहुंचने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। प्राइवेट ऑपरेटरों ने अपनी बसें आरटीओ ऑफिस के बाहर खड़ी कर दी है। जिस कारण शहर में निजी बसें नहीं चल रहीं है। हालांकि, एचआरटीसी ने अतिरिक्त बसें भी चलाई हैं लेकिन इसका खास असर नजर नहीं आया। सुबह कार्यालय, स्कूल-काॅलेज जाने वाले विद्यार्थियों सहित अन्य लोग बसों के लिए इंतजार करते देखे गए। एचआरटीसी बसें पैक रहीं। इसलिए बड़ी संख्या में लोग पैदल ही अपने गंतव्यों की ओर रवाना हुए। वहीं, प्राइवेट बस ऑपरेटर मांगे पूरी नहीं होने तक बसें चलाने को तैयार नहीं है। ऐसे में यदि सरकार ने जल्द इनकी मांगे नहीं मानी तो जनता को आने वाले दिनों में भी परेशानी झेलनी पड़ेगी। दरअसल, प्राइवेट बस ऑपरेटर 40 किलोमीटर से लंबी दूरी की बसों की शहर में एंट्री पर रोक की मांग कर रहे हैं। इनकी मांग है कि लंबी दूरी की बसें सीधे आईएसबीटी से चलाई जाए। पुराने बस अड्डा में इनको एंट्री न दी जाए। इसी तरह, प्राइवेट बस ऑपरेटर HRTC की स्कूल बसों में सवारियां बिठाए जाने से नाराज है। इन मांगों को लेकर बीते 12 अक्टूबर को आरटीओ शिमला के साथ इनकी मीटिंग हुई। इसमें, प्राइवेट बस ऑपरेटरों की जो मांगे मानी गई थी, उनके पूरा नहीं होने पर आज से इन्होंने हड़ताल पर जाने का फैसला लिया है। शिमला शहर की सड़कों पर रोजाना 160 से ज्यादा प्राइवेट बसें दौड़ती है। लोकल रूट पर एक-एक बस शहर में कई कई चक्कर काटती है। मगर आज प्राइवेट बसों के पहिए थम गए हैं। इससे लोग परेशान है और पैदल चल कर एक स्थान से दूसरी जगह जा रहे हैं। इनके हड़ताल पर जाने से शहर की यातायात व्यवस्था पूरी तरह सरकारी बसों पर निर्भर हो गई है। मगर शहर में सरकारी बसों की संख्या प्राइवेट के मुकाबले आधी है। इससे संजौली, ढली, विकासनगर, समरहिल, कसुम्पटी, पंथाघाटी, मैहली, हिमलैंड, खलीणी इत्यादि उप नगरों में काफी संख्या में लोग घंटों बसों के इंतजार में खड़े हैं।
हिमाचल प्रदेश के पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह को 12 दिसंबर को वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्ड यू के लंदन द्वारा ब्रिटिश पार्लियामेंट में आयोजित, 9वें अंतर्राष्ट्रीय पुरूस्कार समारोह के दौरान युथ एंड ऑयकॉन के प्रतिष्ठित पुरुस्कार से सम्मानित किया जायेगा। राज्य प्रमुख सुमित सिंगला ने विक्रमादित्य सिंह को उक्त समारोह में शामिल होने हेतु निमंत्रण पत्र सौंपा। आगामी 12 दिसंबर को ब्रिटिश पार्लियामेंट के हाउस ऑफ़ कॉमन के पैलेस ऑफ़ वेस्ट मिनिस्टर के चर्चिल हाल में होने जा रहे इस समारोह में हिस्सा लेने विश्व स्तरीय विभूतियाँ जिनमें राजनीतिज्ञ, डिप्लोमेट सहित अंतर्राष्ट्रीय मीडिया व लंदन प्रेस के सदस्य भी उपस्थित होंगे। सुमित सिंगला ने बताया कि विक्रमादित्य सिंह को हिमाचल प्रदेश में स्व. वीरभद्र सिंह के गत 40 वर्षों के समय काल में किये गए विकास कार्यों को जारी रखते हुए, मौजूदा समय में भी राज्य के विकास कार्य को देखते हुए यह पुरुस्कार प्रदान किया जा रहा है। हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह ने प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर प्रदेश का विकास किया। वहीं सच्चाई, कर्मठता, सादगी और आम जनता के बीच विचरण करने वाले राजनीतिज्ञ के तौर पर प्रसिद्ध हुए। उनके ही अक्स को मौजूदा समय में विक्रमादित्य सिंह में देखा जाता है जो अपनी राजनीतिज्ञ सुजभूज के चलते आगामी समय में राजनीति और समाज सेवा के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं।
मशोबरा स्थित राष्ट्रपति निवास में शनिवार को शरद उत्सव आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। इस उत्सव में लोगों को हिमाचली संस्कृति और खान-पान से रूबरू होने का भी मौका मिला। इस उत्सव में बड़ी संख्या में जिले के स्कूल और कॉलेज के बच्चों ने अपने प्रदर्शन से उपस्थित लोगों का मनोरंजन किया। राष्ट्रपति निवास के मैनेजर संजू डोगरा एवं अन्य अतिथियों ने सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र और उपहार देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण कुलदीप शर्मा का प्रदर्शन रहा। उन्होंने अपने बेहतरीन गायन से उपस्थित लोगों को नाचने पर मजबूर कर दिया। कार्यक्रम में जम्मू और कश्मीर राइफल्स के रघु प्रताप पाइप बैंड ने अपनी सुमधुर धुनों से हल्की ठंडक के बीच स्वर लहरियां घोल दीं। इसके अलावा, लोरेटो कॉन्वेंट,शिमला के विद्यार्थियों ने देशभक्ति गीत प्रस्तुत किया जबकि जेएनवी, ठियोग की छात्रा अयाना ने कत्थक तथा सेंट बेड्स कॉलेज, शिमला के विद्यार्थियों ने पंजाबी लोक नृत्य पेश किया। वहीं, मारिया मॉन्टेसरी हाई स्कूल कुफरी, गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल मशोबरा और आईटीआई मशोबरा की छात्रा जागृति ने अपनी नाटी से उपस्थित लोगों का मन मोह लिया। गौरतलब है कि शिमला स्थित राष्ट्रपति निवास अपनी विशिष्ट निर्माण शैली और खूबसूरत मशोबरा घाटी के कारण देश विदेश के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। वर्ष 1850 में बना यह ऐतिहासिक भवन अपने 175 वर्ष पूरे कर रहा है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के निर्देश पर अब राष्ट्रपति निवास को आम जनता के लिये भी खोल दिया गया है।
हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी दुग्घ उत्पादक प्रसंघ सीमित की समीक्षा बैठक शनिवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में संपन्न हुई। मुख्यमंत्री ने प्रसंघ को अपने उत्पादों का बेहतर विपणन और उनकी उच्च स्तरीय गुणवत्ता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि किन्नौर जिला के कड़छम या टापरी में दुग्ध प्रसंस्करण केन्द्र स्थापित किया जाएगा, ताकि इसके उत्पादों को सेना और स्थानीय लोगों को उपलब्ध करवाया जा सके। उन्होंने कहा कि शिमला जिले के दत्तनगर स्थित दोनों दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्रों को आऊटसोर्स आधार पर संचालित करने की संभावनाओं पर विचार किया जाए, ताकि उत्पादन में और बढ़ोतरी सुनिश्चित की जा सके। सुक्खू ने जिला मंडी स्थित दुग्ध संयंत्र में नया मिल्क पाऊडर प्लांट लगाने का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि इस वित्त वर्ष के दौरान प्रसंघ द्वारा दूध की खरीद में अधिकतम बढ़ौतरी दर्ज की गई है। 29 नए बल्क मिल्क कूलर स्थापित किए गए हैं। 2 वर्षों में 222 ऑटोमैटिक मिल्क कलैक्शन यूनिट स्थापित किए गए हैं। दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों की संख्या को बढ़ाने के लिए बहुआयामी प्रयास किए गए, जिसके फलस्वरूप इनकी संख्या बढ़कर 716 हो गई है। मिल्कफैड को दूध विक्रय करने वाले किसानों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है। इनकी संख्या अब लगभग 40 हजार से अधिक हो गई है।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने शनिवार को उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार 15 नवम्बर से चिट्टे के खिलाफ निर्णायक लड़ाई आरम्भ करेगी और इसे समूल नष्ट किया जाएगा। चिट्टे के खिलाफ आगामी तीन माह तक व्यापक और बहुस्तरीय अभियान आयोजित किया जाएगा। अभियान का शुभारम्भ 15 नवम्बर, 2025 को शिमला के रिज मैदान से चौड़ा मैदान तक ‘एंटी चिट्टा रैली’ से किया जाएगा। मुख्यमंत्री इस रैली का शुभारम्भ करेंगे। तीन माह के अभियान के दौरान चिट्टे के खिलाफ बहुस्तरीय कार्रवाई की जाएगी। राज्य स्तर से लेकर पंचायत स्तर तक की जाने वाली यह कार्रवाई अब तक चिट्टा के खिलाफ सबसे बड़ा प्रहार होगा। इस अभियान में सरकार के प्रतिनिधि, पुलिस, विभिन्न विभाग, स्वयंसेवक, विद्यार्थी और अन्य लोग विभिन्न स्तरों पर कार्य करेंगे। इस दौरान नशा निवारण जागरूकता पर भी विशेष ध्यान केन्द्रित किया जाएगा। अभियान के दौरान जिला, उपमंडल और अन्य स्तरों पर भी एंटी चिट्टा रैलियां आयोजित की जाएंगी। प्रदेश से चिट्टा के समूल नाश के लिए पुलिस विभाग में एक विशेष सेल गठित किया जाएगा। राज्य स्तर पर मुख्यमंत्री स्वयं इस अभियान की निगरानी करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस विभाग द्वारा प्रदेश में चिट्टा से सबसे अधिक प्रभावित पंचायतें चिन्हित कर ली गई हैं। इन पंचायतों पर विशेष ध्यान केन्द्रित किया जएगा। महाविद्यालयों में एंटी चिट्टा वालंटियर तैयार किये जाएंगे। पुलिस विभाग द्वारा अभियान को सफल बनाने के लिए वृहद रूपरेखा तैयार की जाएगी।
सिटी बस चालक परिचालक यूनियन ने जिला प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है, जिला प्रशासन द्वारा मांगों को न मानने पर निजी बस चालक परिचालक 3 नवंबर यानी सोमवार से शिमला शहर में बसें नहीं चलाएंगे। शिमला सिटी बस चालक परिचालक यूनियन के अध्यक्ष रूपलाल ठाकुर एवं सचिव अखिल गुप्ता ने बताया कि शुक्रवार को यूनियन की बैठक सपंन्न हुई। बैठक कर यह फैसला लिया गया है कि सोमवार से बसें नहीं चलेंगी। इस बारे में निजी बस ऑपरेटरों को पहले ही नोटिस दिया गया था। विभाग एवं प्रशासन को उसकी प्रतियां दे दी गई थीं, लेकिन इसके बावजूद भी उनकी मांगों पर प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है। ऐसे में अब निजी बस चालक परिचालक संघ ने हड़ताल करने का फैसला लिया है। शिमला सिटी बस चालक परिचालक यूनियन के पदाधिकारियों का कहना है कि शहर में ट्रैफिक जाम के कारण उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ता है। इसके लिए शहर के 40 किलोमीटर के बाहर के दायरे से आने वाली बसों को पुराना बस स्टैंड की बजाए सीधे आईएसबीटी भेजने की मांग चालक परिचालक संघ ने उठाई थी, लेकिन उनकी ये मांग पूरी नहीं हुई है। इसके अलावा एचआरटीसी की स्कूल ड्यूटी वाली बसें सवारियां उठाती हैं, इसके कारण आए दिन एचआरटीसी एवं निजी बस चालक परिचालकों की लड़ाई होती है। पुराना बस स्टैंड में निजी बस चालक परिचालकों के लिए रेस्टरूम की मांग की गई थी, ये मांग भी अभी तक पूरी नहीं हुई हैं। यूनियन का कहना है कि 15 दिन पहले उनकी प्रशासन के साथ बैठक हुई थी, जिसमें उन्हें आश्वासन दिया गया था कि उनकी मांगों को मान लिया जाएगा, लेकिन अब तक ऐसा नहीं हुआ है। ऐसे में यूनियन ने फैसला लिया है कि सोमवार 3 नवंबर से निजी बस ऑपरेटर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने चीफ इंजीनियर विमल नेगी मौत मामले में पेन ड्राइव को गायब करने के आरोपी एएसआई पंकज शर्मा को जमानत दे दी है। पंकज शर्मा ने हाईकोर्ट में जमानत प्रदान करने हेतु याचिका दायर की थी। पंकज ने कहा कि वह बेगुनाह है और उसे इस मामले में फंसाया गया है। वह पुलिस में असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर के तौर पर काम कर रहा है और कथित घटना के समय वह पुलिस स्टेशन, सदर शिमला में तैनात था। कोर्ट ने जमानत याचिका को मंज़ूर करते हुए कहा कि जिन अपराधों के लिए उसे गिरफ्तार किया गया है, उनके लिए अधिकतम सज़ा को देखते हुए याचिकाकर्ता को अनिश्चित काल तक न्यायिक हिरासत में रखने से कोई फायदा नहीं होगा। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को 50,000/- रुपये के पर्सनल बॉन्ड और इतनी ही रकम के एक जमानती को पेश करने पर पंकज शर्मा रिहा करने के आदेश जारी किए। न्यायाधीश विरेंदर सिंह ने याचिका को स्वीकारते हुए कहा कि प्रार्थी बिना कोर्ट की इजाजत के देश से बाहर नहीं जा सकता है। कोर्ट ने पंकज शर्मा को अभियोजन पक्ष के गवाहों पर कोई दबाव न बनाने व मामले के तथ्यों से परिचित किसी भी व्यक्ति को ऐसा कोई प्रलोभन या धमकी न देने के आदेश दिए हैं।
प्रदेश की राजधानी शिमला में शुक्रवार सुबह भूकंप दर्ज किया गया। भूकंप के झटके सुबह 7 बजकर 2 मिनट 50 सेकंड पर महसूस किए गए। इसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.2 आंकी गई। भूकंप का केंद्र जमीन के भीतर 10 किलोमीटर की गहराई पर रहा। हालांकि, तीव्रता कम थी जिससे किसी तरह के नुकसान की सूचना नहीं है। नेशनल सेंटर ऑफ सिस्मॉलॉजी ने भूकंप की पुष्टि की है। हालांकि, भूकंप के झटके हल्के थे और इससे किसी तरह के जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं मिली है। शिमला जिले का अधिकांश क्षेत्र भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील जोन 5 में आता है। हिमालयी क्षेत्र होने के कारण शिमला के अलावा चंबा, किन्नौर, मंडी, कांगड़ा के भी कुछ क्षेत्र भूकंप जोन के अति संवेदनशील क्षेत्र में आते हैं। बता दें कि भारत ने पिछले साल कई भूकंप देखे हैं, जिससे बेहतर आपदा तैयारी की ज़रूरत उजागर हुई है। भूकंप तब आते हैं जब पृथ्वी की पपड़ी में दबाव बढ़ता है। ये पपड़ी बड़ी प्लेटों से बनी होती है जो धीरे-धीरे हिलती हैं और इन्हीं हलचलों के कारण भूकंप आते हैं, जब भूकंप किसी आबादी वाले इलाके में आता है, तो इससे काफ़ी नुकसान हो सकता है। भारत का लगभग 59% हिस्सा भूकंप के प्रति संवेदनशील है, और भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने भूकंप के जोखिम के आधार पर देश को चार भूकंपीय क्षेत्रों में वर्गीकृत किया है। ज़ोन V सबसे सक्रिय है, जिसमें हिमालय जैसे क्षेत्र शामिल हैं, जबकि ज़ोन II सबसे कम प्रभावित है।
हिमाचल: संजौली मस्जिद का पूरा ढांचा गिरेगा, जिला अदालत ने सुनाया फैसला, हाईकोर्ट में जानें की तैयारी
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के बहुचर्चित संजौली मस्जिद मामले में जिला अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने वक्फ बोर्ड और संजौली मस्जिद कमेटी की ओर से दायर याचिका को खारिज करते हुए नगर निगम आयुक्त के आदेश को बरकरार रखा है। अदालत के आदेश के बाद अब संजौली मस्जिद की सभी पाँच मंजिलों को तोड़ा जाएगा। इससे पहले, 3 मई 2025 को नगर निगम आयुक्त की अदालत ने मस्जिद की निचली दो मंजिलों को गिराने के आदेश दिए थे। इस आदेश को वक्फ बोर्ड और मस्जिद कमेटी ने अदालत में चुनौती दी थी। जिला अदालत ने अपने फैसले में माना कि यह निर्माण नगर निर्माण नियमों का उल्लंघन करते हुए किया गया था, इसलिए ध्वस्तीकरण के आदेश वैध हैं। अब नगर निगम प्रशासन को मस्जिद की सभी मंजिलें गिराने की प्रक्रिया आगे बढ़ाने का अधिकार मिल गया है। इस फैसले के बाद क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई बिना किसी भेदभाव के जारी रहेगी। बता दें, 6 अक्तूबर को अतिरिक्त जिला न्यायाधीश यजुवेंद्र सिंह ने वक्फ बोर्ड और नगर निगम के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद मामले को अंतिम आदेश के लिए 30 अक्तूबर के लिए सूचीबद्ध किया था। आज इसे लेकर फैसला आ गया है। वक्फ बोर्ड ने 17 मई को शिमला एमसी आयुक्त कोर्ट के 3 मई के आदेशों को चुनौती दी थी। आयुक्त कोर्ट ने संजौली मस्जिद को गैरकानूनी बताते हुए निचली दो मंजिलें तोड़ने का आदेश दिया था। 19 मई को सुनवाई में अदालत ने मस्जिद कमेटी के प्रधान और एमसी शिमला को समन जारी कर रिकॉर्ड तलब किया। 23 मई को एमसी को दोबारा नोटिस जारी कर रिकाॅर्ड पेश करने के लिए कहा गया। 26 मई की सुनवाई में कोर्ट ने मस्जिद तोड़ने पर अंतरिम रोक लगाई। एमसी ने जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा। 29 मई को अदालत ने स्टे को 5 जुलाई तक बरकरार रखा। 11 जुलाई को केस को बहस योग्य माना गया जिसके बाद 8 और 21 अगस्त को वक्फ बोर्ड ने बहस के लिए समय मांगा। 6 सितंबर को करीब सवा दो घंटे तक बहस हुई। बता दें कि अब यह मामला हाईकोर्ट जाने की तैयारी पर है।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से भेंट कर हिमाचल प्रदेश की वित्तीय स्थिति के दृष्टिगत वित्तीय सहायता, ऋण एवं अनुदान के लिए उदार दृष्टिकोण अपनाने तथा प्रदेश को वित्त वर्ष 2025-26 की शेष अवधि के लिए ऋण सीमा में दो प्रतिशत की वृद्धि का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार के सतत् प्रयासों से हालांकि राज्य के राजस्व में वृद्धि हो रही है लेकिन राजस्व घाटा अनुदान में नियमित कमी तथा पिछले तीन वर्षों से प्राकृतिक आपदाओं के कारण हुए नुकसान के दृष्टिगत हिमाचल की वित्तीय स्थिति पर अत्यंत नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। सुक्खू ने कहा कि 15वें वित्त आयोग की अवधि में प्रदेश के राजस्व घाटा अनुदान में कमी आई है। वर्ष 2020-21 के 10249 करोड़ रुपए की तुलना में वर्ष 2025-26 में यह घटकर मात्र 3257 करोड़ रुपए रह गया है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों में प्रदेश में प्राकृतिक आपदा के कारण लगभग 18000 करोड़ रुपए का नुकसान आंका गया है। इस अवधि में प्रदेश में 1321 लोगों की मृत्यु भी हुई। इस कारण प्रदेश के संसाधन एवं श्रम शक्ति में भी कमी आई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर दर के हाल ही में किए गए युक्तिकरण से कर आधार कम होने से प्रदेश की वित्तीय स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्री से आग्रह किया कि हिमाचल की कठिन परिस्थितियों के दृष्टिगत हिमाचल को उदार वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाई जाए। उन्होंने राज्य की वित्तीय स्थिति में सुधार के लिए प्रदेश सरकार द्वारा अपनाए जा रहे उपायों की जानकारी भी प्रदान की। वहीं केन्द्रीय वित्त मंत्री ने आश्वस्त किया कि प्रदेश की विभिन्न मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हिमाचल को विशेष केन्द्रीय सहायता के अंतर्गत अतिरिक्त सहायता प्रदान करने और बाह्य वित्त पोषित परियोजनाओं के तहत विशेष रूप से स्वास्थ्य क्षेत्र की योजनाओं के लिए अतिरिक्त स्वीकृति पर भी विचार किया जाएगा। राज्य सभा सांसद एवं हिमाचल कांग्रेस की प्रभारी रजनी पाटिल, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार राम सुभग सिंह, प्रधान सचिव वित्त देवेश कुमार, प्रधान आवासीय आयुक्त अजय कुमार यादव और केन्द्रीय वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे।
शिमला के सुन्नी, घरयाणा में आयोजित एक विवाह इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। निरंकारी रीति-रिवाजों से संपन्न हुआ यह विवाह आम शादियों से बिल्कुल अलग था। इस समारोह की सबसे बड़ी खासियत यह थी कि दूल्हा बाउंसरों के दल के साथ बारात लेकर पहुंचा और पूरे समारोह स्थल को अभूतपूर्व सुरक्षा घेरे में रखा गया था। पंचकूला से आई बारात में दूल्हा वंश और दुल्हन सकीना की यह शादी थी। सूत्रों के अनुसार, समारोह में सुरक्षा इतनी कड़ी थी कि दूल्हा-दुल्हन के पास जाने की इजाजत किसी को नहीं थी। इसकी एक वजह यह भी बताई गई कि दूल्हे का सेहरा सोने और हीरे से जड़ा था, हालांकि, इस बात की आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है। फिर भी, मौके पर मौजूद लोगों ने बाउंसरों की तैनाती को सुरक्षा के लिए अनिवार्य बताया, जिन्होंने पूरे कार्यक्रम के दौरान कड़ी चौकसी रखी। इस हाई-प्रोफाइल शादी का एक वीडियो भी सामने आया है, जो इसकी अनोखी कहानी बयां करता है। वीडियो में दुल्हन सकीना अपनी एंट्री को यादगार बनाती हुई दिखती हैं। हैरान करने वाली बात यह है कि इस दौरान भी उनके चारों ओर बाउंसरों का कड़ा सुरक्षा घेरा बना हुआ था। दुल्हन जैसे-जैसे दूल्हे की ओर बढ़ती हैं, बाउंसर भी साथ-साथ चलते हैं। अपनी दुल्हन को इस अंदाज में आता देख, दूल्हा वंश भी बेहद खुश नज़र आए और स्टेज पर पहुंचते ही उन्होंने दुल्हन के माथे को चूमकर उनका स्वागत किया। सुरक्षा के इस अनूठे प्रदर्शन और कथित 'हीरे जड़े सेहरे' के कारण, यह शादी अब सोशल मीडिया पर वायरल सेंसेशन बन गई है, जहां लोग इस अनोखी व्यवस्था पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग ने रोहड़ू में एक शराबी जेबीटी को सस्पेंड कर दिया है। प्राइमरी स्कूल खोड़सू के जेबीटी हित्तू मच्छान पिछले कुछ दिनों से रोजाना शराब पीकर स्कूल रहा था। स्कूल प्रबंधन समिति की शिकायत पर एसडीएम रोहडू विजय वर्धन ने शुक्रवार 24 अक्टूबर को स्कूल का निरीक्षण किया तो उस दौरान भी टीचर शराब के नशे में धुत पाया गया था। स्कूल में नशे में धुत पाए जाने पर हित्तू मच्छान को मेडिकल के लिए सिविल अस्पताल लाया गया। मेडिकल जांच में शराब पीने की पुष्टि के बाद एसडीएम रोहडू ने शिक्षा विभाग से हित्तू मच्छान को सस्पेंड करने की सिफारिश की थी। इसके बाद डिप्टी डायरेक्टर शिमला ने सेंटर सिविल सर्विस क्लासिफिकेशन, कंट्रोल एंड अपील रूल्स 1965 के तहत जेबीटी को सस्पेंड कर दिया है। सस्पेंशन के बाद उसे मुख्यालय ब्लॉक एलिमेंट्री ऑफिस कुपवी शिमला में फिक्स किया गया है। जेबीटी हित्तू मच्छान अब ब्लॉक एलीमेंट्री एजुकेशन ऑफिसर की अनुमति के बगैर स्टेशन नहीं छोड़ पाएगा। अभिभावकों का आरोप है कि, हित्तू मच्छान एक महीने से शराब पीकर स्कूल आ रहा था। नशे में धुत होने के कारण शिक्षक बच्चों को नहीं पढ़ा रहा था। टीचर की इस हरकत से तंग आकर एसएमसी प्रधान विनोद कुमार, सभी सदस्य, गांव की महिला मंडल, वार्ड मेंबर खेड़सू ने एक शिकायत पत्र शिक्षा विभाग और एसडीएम को देकर शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। इस शिकायत के बाद एसडीएम रोहड़ू ने शिक्षा विभाग को एक पत्र लिखकर डिसीप्लिनरी एक्शन लेने की सिफारिश की थी। शिकायत में बताया गया था कि हित्तू मच्छान शराब का आदी हो गया है। इस वजह से स्कूल के कई बच्चे दूसरे स्कूल में शिफ्ट हो चुके हैं। अब शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई के बाद छात्रों ने राहत की सांस ली है।
हिमाचल प्रदेश पर बढ़ते कर्ज के पहाड़ के बीच प्रदेश की सुक्खू सरकार एक बार फिर 200 करोड़ रुपये का ऋण लेने जा रही है। ये ऋण 6 साल की अवधि के लिए लिया जा रहा है। इसकी अधिसूचना जारी हो चुकी है और राज्य सरकार के खाते में आगमी 29 अक्टूबर को ये राशि आ जाएगी। राज्य पर कुल कर्ज एक लाख करोड़ के पार हो चूका है। वेतन-पेंशन और खर्चों के लिए लगतार प्रदेश सरकार को ऋण लेना पड़ा रहा है। वहीँ चालु वित्त वर्ष में ही सरकार 5700 करोड़ का ऋण ले चुकी है, जब ऋण लेने की तय सीमा ही करीब सात हज़ार करोड़ है। ऐसे में आने वाले कुछ महीनो में सरकार की वित्तीय परेशानी बढ़ सकती है। आपको बता दें, कि सुक्खू सरकार ने इस साल 4 अप्रैल को 900 करोड़, 26 अप्रैल को 1300 करोड़, मई में 800 करोड़, जुलाई में 1000 करोड़, ऑगस्त में 1500 करोड़ का ऋण लिया है और सरकार अब अक्टूबर में 200 करोड़ का ऋण लेने जा रही है। राज्य सरकार केंद्र से ऋण लेने की सीमा बढ़ाने की मांग कर रही है।
पहाड़ों की रानी शिमला पर्यटकों से गुलजार हो गई है। सैलानी परिवार के साथ यहां पर घूमने आए हैं। शहर में दिल्ली, पंजाब और चंडीगढ़ के अलावा आसपास के राज्यों से पर्यटक शिमला पहुंचे हैं। एचपीटीडीसी के अनुसार वीकेंड पर 50 फीसदी ऑक्यूपेंसी (होटलों में बुकिंग) दर्ज की गई। मैदानी क्षेत्रों के स्कूलों में छुट्टियां होने के बाद भारी संख्या में सैलानियों ने शिमला का रुख किया है। पर्यटन विभाग के अनुसार आने वाले दिनों में यह संख्या बढ़ सकती है। इसके अलावा गुरुवार को कालका से शिमला और शिमला से कालका तक आने वाली सभी ट्रेनें पैक रहीं। दोनों ओर करीब 2200 यात्रियों ने सफर किया। पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी होने के बाद शिमला के होटल, रेस्तरां और दुकानदारों को भी काफी लाभ मिल रहा है। वहीं ताजा बर्फबारी के बाद प्रदेश के पर्यटन स्थल इस वीकेंड पर सैलानियों से गुलजार रहेंगे। रोहतांग, सिस्सू, अटल टनल, जलोड़ी दर्रा सहित कुल्लू और किन्नौर के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी के बाद वीकेंड से पहले ही पर्यटन स्थलों पर सैलानियों की भीड़ बढ़ गई है। शिमला, मनाली, धर्मशाला, कसौली, चायल, कुफरी और नारकंडा में सैलानियों की खूब चहल-पहल बढ़ गई है। धर्मशाला-मैक्लोडगंज में सड़कों की खस्ताहाल से पर्यटकों को परेशानी भी झेलनी पड़ रही है। फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्टोरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष गजेंद्र चंद ठाकुर ने बताया कि बर्फबारी से टूरिस्ट डेस्टिनेशन पर भीड़ बढ़नी शुरू हो गई है।
देश भर में 40 जगहों पर शुक्रवार को डाक विभाग की ओर से 17वें रोजगार मेले के अंतर्गत 51,000 नवनियुक्त युवाओं को नियुक्ति पत्र बांटे गए। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विभिन्न प्रतिष्ठानों में नवनियुक्ति युवाओं को संबोधित किया। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में भी केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान के सभागार में रोजगार मेले का आयोजन किया गया। इसमें उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय एवं सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता केंद्रीय राज्य मंत्री बीएल वर्मा ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत कर चयनित युवाओं को नियुक्ति पत्र वितरित किए। शिमला में कुल 93 नवनियुक्त युवाओं को नियुक्ति पत्र बांटे गए। नवनियुक्त कर्मचारी डाक, गृह मंत्रालय, रेलवे, वित्तीय सेवाएं, केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर, उच्च शिक्षा विभाग, पर्यावरण वन और जलवायु मंत्रालय में अपनी सेवाएं देंगे। इस दाैरान सांसद सुरेश कश्यप भी माैजूद रहे। इससे पहले देश में इस प्रकार के 16 रोजगार मेलों का आयोजन किया जा चुका है। रोजगार सृजन को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता को पूरा करने की दिशा में एक पहल है। मंत्रालय के अनुसार रोजगार मेला युवाओं को सशक्त बनाने और राष्ट्र निर्माण में उनकी भागीदारी के लिए सार्थक अवसर प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। देशभर में रोजगार मेलों के माध्यम से अब तक 10 लाख से अधिक नियुक्ति पत्र जारी किए जा चुके हैं। 16वां रोजगार मेला देशभर के 47 स्थलों पर आयोजित किया गया था। ये नियुक्तियां केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में हो रही हैं।
हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक 25 अक्तूबर यानि कल दोपहर 12:00 बजे राज्य सचिवालय में होगी। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में होने जा रही इस बैठक में कई अहम फैसले लिए जाएंगे। बैठक में आपदा राहत पैकेज, विभिन्न विभागों में चल रहे खाली पदों पर फैसला और मुख्यमंत्री की बजट घोषणाओं पर भी मंजूरी दी जा सकती है। इसके अलावा नगर निगम के रोस्टर में बदलाव को लेकर भी फैसला लिया जा सकता हैं। आपको बता दें, नगर निगम शिमला के मेयर और डिप्टी मेयर का ढाई साल का कार्यकाल 15 नवंबर को पूरा होने जा रहा है। पार्षदों का एक गुट मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और स्थानीय विधायक हरीश जनारथा से मिला और नए पार्षदों को मेयर और डिप्टी मेयर बनने का मौका देने की मांग की है। पार्षदों के गुट ने रोस्टर में कोई बदलाव न करने का आग्रह किया है जबकि पार्षदों के दूसरा गुट मौजूदा मेयर और डिप्टी मेयर का कार्यकाल बढ़ाने की मांग कर रहा है। वहीं, वर्तमान नगर निगम के मेयर सुरेंद्र चौहान मुख्यमंत्री के करीबी हैं। ऐसे में पार्षदों के एक गुट द्वारा रोस्टर बदलने को लेकर दबाव बनाया जा रहा है। सूत्रों आगामी कल होने बाली कैबिनेट बैठक में ये प्रस्ताव लाया जा सकता है, जिसमें रोस्टर को बदलने पर चर्चा की जा सकती है और 5 साल तक वर्तमान मेयर और डिप्टी मेयर को ही कंटिन्यू किया जा सकता है। हिमाचल प्रदेश में 5 नगर निगम है। सभी नगर निगम में ढाई-ढाई साल का कार्यकाल निर्धारित किया गया है। ऐसे में अगर सरकार शिमला नगर निगम के रोस्टर में संशोधन करती है तो सभी नगर निगम में बदलाव होगा। जिसके तहत सभी मेयर और डिप्टी मेयर का कार्यकाल 5 साल का किया जाएगा। अगला मेयर और डिप्टी मेयर कौन बनेगा, इस पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं। वर्तमान मेयर सुरेंद्र चौहान और डिप्टी मेयर उमा कौशल का दावा अभी भी मजबूत है। रोस्टर में संशोधन की स्थिति में ही दोनों अपने पदों पर बने रह सकते हैं। जबकि कांग्रेस के कई और पार्षद मेयर और डिप्टी मेयर पद के लिए दावेदारी करने की तैयारी कर रहे हैं।
हिमाचल हाईकोर्ट ने जिला शिमला की पंचायत गौंखार, धार चांदना और बावट के बीच स्थित महासू देवता मंदिर में बूढ़ी दिवाली मनाने पर पांच साल पहले लगी रोक को हटा दिया है। समारोह को लेकर चल रहे विवाद को निपटाते हुए शुक्रवार को अदालत ने 20 अक्तूबर से शुरू होने वाले तीन दिवसीय बूढ़ी दिवाली उत्सव में शांति और सौहार्द सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। न्यायाधीश संदीप शर्मा की अदालत ने एसडीएम चौपाल की ओर से 5 नवंबर 2020 को लगाए गए प्रतिबंध के आदेश को हटाने का फैसला सुनाया है। तीन पंचायतों के बीच समारोह को लेकर चल रहे विवाद का कोर्ट ने निपटारा कर दिया है। हाईकोर्ट के आदेशों के बाद अब उपमंडलीय प्रशासन धार चांदना और बावट ग्राम पंचायतों के निवासियों को गांखार स्थित महासू देवता मंदिर के प्रांगण में दिवाली मनाने से नहीं रोकेगा। इसके साथ ही कोर्ट ने उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक शिमला को निर्देश दिए हैं कि वह 20 अक्तूबर से शुरू होने वाले तीन दिवसीय दिवाली उत्सव के दौरान गांखार गांव के महासू मंदिर में पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती सुनिश्चित करें ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके। कोर्ट ने बड़े जुलूस पर प्रतिबंध लगाया है। लोग किसी प्रकार के हथियार अपने साथ नहीं ले जा सकेंगे। किसी भी अपमानजनक या अपशब्द का प्रयोग नहीं करेंगे। प्रत्येक परिवार की ओर से केवल एक मशाल (टॉर्च) लाई जाएगी, जिसे मंदिर परिसर प्रांगण के बाहर रखा जाएगा। नियमों का उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
भाजपा जुब्बल नावर कोटखाई किसान मोर्चा के अध्यक्ष, ग्राम पंचायत झगटान से पूर्व प्रधान व भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ता दिलीप काल्टा सहित सूरत सिंह ठाकुर, कंवर सिंह ठाकुर व कल्पना ठाकुर ने भाजपा छोड़ पुन: कांग्रेस परिवार में वापसी कर ली है । शनिवार को जुब्बल तहसील के शराचली क्षेत्र की ग्राम पंचायत झगटान से भाजपा जुब्बल नावर कोटखाई के किसान मोर्चा के अध्यक्ष रहे और ग्राम पंचायत झगटान से पूर्व प्रधान व भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता दिलीप काल्टा सहित ग्राम पंचायत रावीं के भकान गांव से सूरत सिंह ठाकुर, पुलिस विभाग से सेवानिर्वित कंवर सिंह ठाकुर व कल्पना ठाकुर ने शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर की कार्यशैली से प्रभावित होकर भाजपा छोड़ पुन: कांग्रेस पार्टी में घर वापसी की है। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने सभी को पार्टी का पटका पहनाकर घर वापसी पर कांग्रेस पार्टी में स्वागत किया। ब्लॉक कांग्रेस कमेटी जुब्बल नावर कोटखाई के अध्यक्ष मोतीलाल डेरटा ने विश्वास दिलाते हुए कहा कि आपको पार्टी में पूरा मान-सम्मान दिया जाएगा। इस दौरान कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ता राय सिंह चौहान व ग्राम पंचायत रावीं के पूर्व उप प्रधान देस राज ठाकुर भी उपस्थित रहे।
कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी शिमला पहुंच गए हैं। राहुल गांधी का काफिला शिमला के संजौली से एक बजकर 50 मिनट पर छराबड़ा के लिए रवाना हुआ। चंडीगढ़ से शिमला के अन्नाडेल तक राहुल गांधी हेलिकॉप्टर में आए। यहां से छराबड़ा के लिए सड़क मार्ग से गए। अन्नाडेल में स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल और लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने राहुल गांधी का स्वागत किया। जानकारी के अनुसार, प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा भी शिमला आ सकते हैं। बता दें कि सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा तीन दिन से छराबड़ा में हैं। आज राहुल गांधी भी मां और बहन के पास छराबड़ा पहुंच गए हैं। खबर है कि राहुल गांधी एक दो दिन छराबड़ा रुक सकते हैं। मंगलवार सुबह वह हरियाणा में थे, जिसके बाद वह शिमला पहुंचे। हालांकि, उनका कोई आधिकारिक कार्यक्रम फिलहाल तय नहीं है।
स्व. वीरभद्र सिंह की प्रतिमा के अनावरण कार्यक्रम में शामिल होने कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी और मौजूदा राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी रविवार को शिमला पहुंचीं। सोमवार को 11.30 के करीब सोनिया गांधी ने स्व. वीरभद्र सिंह की प्रतिमा का आनावरण किया। इस दौरान कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू, रजनी पाटिल, सचिन पायलट, दीपेंद्र सिंह हुड्डा और अन्य कांग्रेस नेता हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की प्रतिमा के अनावरण समारोह में शामिल हुए। प्रदेशभर से लोग इस कार्यक्रम में भाग लेने आए। पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ लोग पहुंचे व नाटी डालते हुए कार्यक्रम में पहुंचे। इस दौरान सचिन पायलट ने कहा कि वीरभद्र सिंह हमारे देश के सबसे कद्दावर नेताओं में से एक थे, वे कई बार मुख्यमंत्री रहे, हमने हिमाचल प्रदेश में उनकी विरासत और उनके काम का सम्मान किया है, आज उनकी प्रतिमा स्थापित की गई है, यह बहुत अच्छा दिन है, हम सभी इसका स्वागत करते हैं। हम उस प्रेरणा को आगे बढ़ाना चाहते हैं जो वीरभद्र सिंह ने न केवल हमारी पार्टी को, बल्कि पूरे देश को दी है। हिमाचल कांग्रेस के पूर्व प्रभारी राजीव शुक्ल भी रविवार देर शाम शिमला पहुंच गए थे। सोमवार सुबह सोनिया और प्रियंका गांधी रिज मैदान पर पहुंची। कार्यक्रम की शुरुआत वीरभद्र सिंह की प्रतिमा के अनावरण और श्रद्धांजलि के साथ हुई। इसके बाद उनके जीवन परिचय को दर्शाती प्रदर्शनी का अवलोकन हुआ। कार्यक्रम में हजारों की संख्या में लोग उपस्थित हुए। वीरभद्र सिंह के चाहने वाले ढोल-नगाड़ों के साथ रिज मैदान पर पहुंचे। कार्यक्रम में पहुंचने वाले लोगों के लिए धाम की भी व्यवस्था की जा रही है। इस साल जून माह में वीरभद्र सिंह की प्रतिमा रिज मैदान के दौलत सिंह पार्क में स्थापित कर दी गई थी। अनावरण के लिए सबसे पहले वीरभद्र सिंह के जन्मदिन 23 जून का दिन तय किया गया, लेकिन कार्यक्रम स्थगित हो गया। इसके बाद 15 जुलाई को कार्यक्रम तय हुआ, लेकिन आपदा के चलते कार्यक्रम फिर स्थगित हो गया था।
हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के रामपुर में हिमाचल दुग्ध उत्पादक संघ ने प्रेस वार्ता की। इसमें प्रदेश के दुग्ध उत्पादकों की गंभीर आर्थिक स्थिति को लेकर सरकार पर तीखा प्रहार किया गया। संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि पिछले दो महीनों से दूध उत्पादकों को उनके दूध का भुगतान नहीं मिला है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है और किसान संकट में हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में हजारों किसान दूध उत्पादन पर निर्भर हैं। भुगतान न मिलने के कारण उन्हें घर का खर्च चलाना मुश्किल हो गया है। नवरात्र, दशहरा और करवा चौथ जैसे त्योहार बीत जाने के बावजूद किसानों के खातों में दूध का पैसा नहीं पहुंचा है। दूध उत्पादकों ने बताया कि पशुपालन में चारा, दवाइयों और देखभाल की लागत लगातार बढ़ रही है। इस स्थिति के कारण कई पशुपालक अब दूध की आपूर्ति बंद करने या अपने पशु बेचने पर विचार कर रहे हैं। यह स्थिति न केवल किसानों बल्कि पूरे दुग्ध उत्पादन तंत्र के लिए चिंताजनक है। संघ के पदाधिकारियों प्रेम चौहान, सुभाष ठाकुर, तुला राम शर्मा और दीप कनेन ने सरकार से तत्काल हस्तक्षेप कर किसानों का बकाया भुगतान जारी करने की मांग की। उन्होंने मुख्यमंत्री और मिल्क फेड चेयरमैन से भुगतान में देरी का स्पष्टीकरण मांगा। संघ ने चेतावनी दी है कि यदि समस्या का शीघ्र समाधान नहीं किया गया, तो 14 अक्टूबर को सभी ब्लॉकों में एसडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा जाएगा। इसके बाद, 30 अक्टूबर को ब्लॉक स्तर पर जोरदार प्रदर्शन किया जाएगा। दूध उत्पादकों ने जोर दिया कि किसानों की मेहनत का सम्मान तभी होगा जब उन्हें उनका हक समय पर मिलेगा। उन्होंने कहा कि दूध उत्पादन ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, और इसे नजरअंदाज करना प्रदेश के विकास के लिए गंभीर खतरा साबित हो सकता है।
शिमला शहर में 40 किलोमीटर से अधिक दूरी की एचआरटीसी बसों के शहर में प्रवेश के विरोध में 13 अक्तूबर को निजी बसों के चालकों और परिचालकों ने हड़ताल का निर्णय लिया है। इस कारण सोमवार को शहर में निजी बस सेवाएं बाधित रहेंगी। निजी बस यूनियन का कहना है कि एचआरटीसी की मनमानी के कारण शहर में ट्रैफिक जाम की समस्या बढ़ गई है। इससे निजी बस चालक तथा परिचालक परेशानी झेल रहे हैं। संघ के प्रधान रूपलाल ठाकुर ने बताया कि वर्ष 2011 में आईएसबीटी बनने के बाद 40 किलोमीटर से अधिक दूरी की बसों को केवल टुटीकंडी से ही संचालित करने का निर्णय लिया था। इसके बावजूद एचआरटीसी की बड़ी बसें शहर में प्रवेश कर रही हैं। इससे निजी ऑपरेटरों को नुकसान हो रहा है और ट्रैफिक जाम की समस्या भी बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि स्कूल ड्यूटी पर लगी एचआरटीसी बसों में भी यात्रियों को ढोया जा रहा है। इससे निजी बसों को और नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्होंने पुराना बस स्टैंड में रेस्ट रूम की सुविधा उपलब्ध करवाने की मांग भी उठाई। उधर एचआरटीसी चालक संघ के प्रधान मान सिंह और परिचालक संघ के प्रांतीय प्रधान प्रीत महिंद्र ने कहा कि निजी बसों के कारण शहर में जाम लगता है। उन्होंने आश्वासन दिया कि सोमवार को एचआरटीसी के चालक और परिचालक अतिरिक्त सेवाएं देंगे और बसों के अधिक ट्रिप चलाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि एचआरटीसी के चालक और परिचालक लोगों को किसी तरह की परेशानी नहीं होने देंगे।
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में करोड़ों रुपए की धाेखाधड़ी करने के मामले में एक बैंक मैनेजर काे पुलिस ने गिरफ्तार किया है। मामला बैंक ऑफ बड़ौदा की कसुम्पटी शाखा का है, जहां के सीनियर मैनेजर अंकित राठौर ने कृषि उपज विपणन समिति (एपीएमसी) शिमला एंड किन्नौर के खाते से 3.70 करोड़ रुपए धोखाधड़ी करके निकाल लिए थे। आरोपी के जुर्म कबूल करने और कोर्ट द्वारा अग्रिम जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया है। पुलिस को दी गई शिकायत के अनुसार आरोपी मैनेजर अंकित राठौर ने इस पूरी साजिश को बेहद चालाकी से अंजाम दिया। उसने एपीएमसी द्वारा बैंक में करवाई गई फिक्स्ड डिपॉजिट को अपना निशाना बनाया। उसने 22 और 27 अगस्त को दो किस्तों में 3.70 करोड़ रुपए की भारी-भरकम रकम एक महिला के खाते में अवैध रूप से ट्रांसफर कर दी। मामले पर पर्दा डालने और जांच को भटकाने के लिए पैसा उस खाते में पहुंचते ही तुरंत कई अलग-अलग खातों में बांट दिया गया। इतना ही नहीं, बड़ी रकम कैश में भी निकाल ली गई, ताकि पैसों की ट्रेल को पकड़ना लगभग नामुमकिन हो जाए। बैंक के आंतरिक ऑडिट के दौरान जब प्रबंधन की नजर इस असामान्य और बड़े लेनदेन पर पड़ी तो हड़कंप मच गया। आनन-फानन में आंतरिक जांच शुरू की गई, जिसमें शक की सुई सीधे सीनियर मैनेजर अंकित राठौर पर जा टिकी। मामले की गंभीरता को देखते हुए बैंक के उप क्षेत्रीय प्रबंधक राजेश कुमार गाबा ने बिना कोई देरी किए छोटा शिमला थाने में आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। पुलिस और विभागीय जांच का शिकंजा कसता देख आरोपी अंकित राठौर ने लिखित में अपना जुर्म कबूल कर लिया, जिसके बाद पुलिस ने उस खाते को फ्रीज कर दिया, जिसमें लगभग 90.95 लाख रुपए की रकम बची हुई थी। गिरफ्तारी से बचने के लिए आरोपी ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश की अदालत में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की, लेकिन कोर्ट ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए उसकी याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि इतने बड़े आर्थिक घोटाले में अग्रिम जमानत जैसी राहत नहीं दी जा सकती। याचिका खारिज होते ही पुलिस ने आरोपी मैनेजर को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस अब इस मामले में शामिल अन्य लोगों की भूमिका की भी जांच कर रही है।
रोहड़ू उपमंडल में बुधवार सुबह एक दर्दनाक सड़क हादसा पेश आया। यहां खाबल-रोहड़ू रोड़ पर एक बोलेरो गाड़ी अनियंत्रित होकर लगभग 300 फुट गहरी खाई में जा गिरी। इस भीषण हादसे में गाड़ी में सवार 2 युवकों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार यह दुर्घटना खाबल के समीप हुई। गाड़ी के खाई में गिरने की आवाज सुनकर स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और उन्होंने तत्काल पुलिस को सूचित किया। सूचना मिलते ही पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और स्थानीय लोगों की मदद से राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया। बचाव दल ने कड़ी मशक्कत के बाद घायल युवक को खाई से निकालकर अस्पताल पहुंचाया। इस हादसे में खाबल गांव निवासी विशाल और देनवाड़ी गांव निवासी राजवंश की घटनास्थल पर ही मृत्यु हो गई। वहीं, घायल युवक की पहचान सोंदाड़ी गांव के कामराज पुत्र सुरेंद्र सिंह के तौर पर की गई है। घायल कामराज को उपचार के लिए रोहड़ू के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने दोनों मृतकों के शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए रोहड़ू अस्पताल भेज दिया है। पोस्टमॉर्टम की प्रक्रिया पूरी होने के बाद शव परिजनों को सौंप दिए जाएंगे। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और हादसे के असल कारणों की जांच की जा रही है। प्रारंभिक जांच में अभी तक दुर्घटना के स्पष्ट कारणों का पता नहीं चल पाया है।
बिजली बोर्ड ने सर्दियों से पहले शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में मुरम्मत कार्य शुरू कर दिया है। विद्युत उपमंडल जोग के तहत 6 अक्तूबर को विभिन्न क्षेत्रों में सुबह 10 से शाम 5 बजे तक बिजली आपूर्ति बाधित रहेगी। इस दौरान 11 के.वी. कच्चीघाटी, 11 के.वी. चिलिंग प्लांट फीडर, 11 के.वी. बाईचड़ी फीडर, 11 के.वी. हाऊसिंग बोर्ड फीडर के तहत विभिन्न क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति बाधित रहेगी। इस दौरान महावीर घाटी, कच्चीघाटी, चक्करधार, एशिया डॉन, जियोन होटल और आसपास के क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति बाधित रहेगी। इसके अतिरिक्त बोर्ड कॉलोनी, पावर हाऊस न्यू टुटू, मिल्क प्लांट, रेलवे स्टेशन, बैंकट हॉल, लक्ष्मी नारायण मंदिर, टुटू स्कूल, हीरानगर, फटैची, कनेट, कुटासनी, कंडा, चायली, सैंटर जेल, डाईट शामलाघाट, लडवी, पनेश फगेड़ा, चियोग, धायला और धरेच के आसपास के क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति बाधित रहेगी।
हिमाचल के छह बार मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह छह फुट ऊंची कांस्य प्रतिमा में लोगों को दर्शन देंगे। 13 अक्तूबर को शिमला के रिज पर वीरभद्र सिंह की कांस्य प्रतिमा का अनावरण होगा। इस अनावरण के दौरान दिल्ली से कांग्रेस का कुनबा भी रिज पर जुटेगा। इस प्रोग्राम में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह सहित कई अन्य मंत्री भी शामिल होंगे। इसके अलावा कांग्रेस दिग्गज प्रियंका गांधी, हिमाचल कांग्रेस प्रभारी रजनी पाटिल भी उपस्थित होंगे। रिज पर वीरभद्र प्रतिमा की स्थापना के लिए एनओसी से लेकर लोकेशन तय होने तक कई घमासान हुए हैं। प्रतिमा स्थापना को लेकर सबसे बड़ा विवाद 2023 में शुरू हुआ, जब भाजपा सरकार ने रिज पर ‘नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट’ देने से इनकार कर दिया। कांग्रेस पार्टी में जारी आंतरिक कलह के बीच फरवरी 2024 में वीरभद्र के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। वीरभद्र सिंह का निधन 2021 में हुआ है। राजा की छह फुट ऊंची कांस्य प्रतिमा दिल्ली से शिमला लाई गई है और रिज के दौलत सिंह पार्क में स्थापित की गई है। उधर, डिप्टी सीएम मुकेश अग्रिहोत्री ने बताया कि 13 अक्तूबर को वीरभद्र सिंह की प्रतिमा का अनावरण किया जाएगा। प्रतिमा का अनावरण इससे पहले चार बार स्थगित हो चुका है। प्रतिमा का अनावरण सबसे पहले 23 जून 2023 को वीरभद्र सिंह की जयंती पर निर्धारित था, लेकिन एनओसी विवाद के चलते रुक गया। 23 जुलाई 2023 को दूसरी कोशिश की गई लेकिन यह भी विफल रही। 2025 में नई उम्मीद तब जगी जब 23 जून को तीसरी बार प्लान किया गया, लेकिन कांग्रेस हाईकमान के निर्देश पर इसे 15 जुलाई तक टाल दिया गया। चौथी और अंतिम बाधा भारी बारिश बनी। 15 जुलाई का कार्यक्रम भी स्थगित हो गया था।


















































