जिला प्रशासन शिमला ने गुप्त सूचना के आधार पर त्वरित कार्रवाई करते हुए अवैध सिलेंडर से भरे 3 वाहन और लगभग 361 अवैध सिलेंडर एसजेवीएन कार्यालय शनान के पास गैस एजेंसी कार्यालय से जब्त किए। जिला दण्डाधिकारी शिमला अनुपम कश्यप ने बताया कि गुप्त सूचना प्राप्त होते ही सुबह 10 बजे अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी पंकज शर्मा को निरीक्षण के लिए भेजा गया। पंकज शर्मा ने जिला नियंत्रक खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग नरेंद्र धीमान, खाद्य आपूर्ति अधिकारी अनीता ठाकुर, हेड कांस्टेबल विक्रम और कांस्टेबल विकास के साथ मै० संजीव कुमार गैस एजेंसी, जिसे पेट्रो गैस एनर्जी इंडिया लिमिटेड द्वारा सुपर स्टॉकिस्ट हेतु एलओआई जारी किया गया है, के कार्यालय में दबिश दी और औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कार्यालय में 4 खाली सिलेंडर 12 किलोग्राम तथा 01 सिलेंडर 14.2 किलोग्राम तथा वाहन संख्या एचपी63सी-8101 में 23 खाली सिलेंडर, वाहन संख्या एचपी63-0383 में 06 खाली सिलेंडर पाए गए। इसके अतिरिक्त, मै० पेट्रो गैस एनर्जी इंडिया लिमिटेड लुधियाना से आये वाहन संख्या एचआर67इ-3833 में 240 भरे सिलेंडर (21 किलोग्राम वजन) पाए गए जोकि शनान, रोहड़ू और कोटखाई के लिए आये थे। उन्होंने बताया कि मै० संजीव कुमार गैस एजेंसी कोटखाई स्थित एसजेवीएन कार्यालय शनान के पास इन सिलेंडर को भंडारित करने तथा बेचने हेतु सुपर स्टॉकिस्ट के तौर पर प्राधिकृत होने के बावजूद भण्डारण हेतु समबन्धित विभाग से प्राधिकृत गोदाम न होने तथा उपरोक्त गैस कंपनी द्वारा अनाधिकृत डीलर को गैस की आपूर्ति करने पर एलपीजी (रेगुलेशन ऑफ़ डिस्ट्रीब्यूशन) आर्डर, 2000 तथा गैस सिलेंडर रूल्स, 2016 की उल्लंघना पाए जाने पर इन 3 वाहनों और 240 भरे हुए (21 किलोग्राम), 116 खाली (21 किलोग्राम), 4 खाली (12 किलोग्राम) तथा 01 खाली सिलेंडर (14.2 किलोग्राम) तथा 35 प्रेशर रेगुलेटर को कब्जे में लिया गया है। इसी कड़ी में रोहड़ू उपमंडल में भी निरीक्षण किया गया जहाँ एएसआई विनोद कुमार, हेड कांस्टेबल परमिंदर कुमार और निरीक्षक खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले रोहड़ू रजत देष्टा की टीम ने निरीक्षण के दौरान 11 अवैध सिलेंडर जब्त किए हैं। जिला दण्डाधिकारी ने बताया कि इस मामले में सख्त कार्रवाई की जा रही है। यह सिलेंडर होटल तथा ढाबों में सप्लाई करवाए जाते थे। साथ ही उन्होंने कहा कि लोगों की सुविधा के साथ-साथ उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जिला प्रशासन तत्पर है और इसी प्रकार आगे भी अवैध रूप से चल रहे ऐसे व्यवसायों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
खेल और संस्कृति से बनेगा सशक्त समाज : दीपक ठाकुर शनिवार को स्पोर्ट्स एंड कल्चरल एसोसिएशन की नई कार्यकारिणी वर्ष 2025 के लिए गठित कर दी गई है। इस अवसर पर संगठन ने सभी नवनियुक्त पदाधिकारियों को शुभकामनाएँ दीं और साथ ही कार्यकाल के दौरान खेल व सांस्कृतिक गतिविधियों को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का संकल्प दोहराया। नई कार्यकारिणी में पबनेश कुमार को अध्यक्ष, सुरेंद्र को उपाध्यक्ष, अरविंद शर्मा को सचिव, दीपक ठाकुर को महासचिव तथा अभिषेक शर्मा को कैशियर चुना गया है। इसके अलावा अशोक शर्मा, संजय कुमार, प्रिंस शर्मा, उत्तम सिंह, अंकित सूद और युगल किशोर सदस्य बनाए गए हैं, जबकि रवि कुमार को स्टोर कीपर की जिम्मेदारी सौंपी गई है। महासचिव दीपक ठाकुर ने युवाओं से अपील की कि वे नशे को त्यागकर खेलों को अपनाएँ। उन्होंने कहा कि खेल और सांस्कृतिक गतिविधियाँ ही एक स्वस्थ एवं सशक्त समाज की नींव रख सकती हैं। वहीं, अध्यक्ष पबनेश कुमार ने भी साथियों से आह्वान किया कि वे खेल और सकारात्मक गतिविधियों के माध्यम से समाज को नई दिशा देने में सहयोग करें।
विमल नेगी मामला: सीबीआई ने एसआईटी के डीएसपी से दिल्ली में की पूछताछ **जांच से जुड़े रिकॉर्ड खंगाले **पूर्व पुलिस महानिदेशक को बुलाया दिल्ली हिमाचल प्रदेश राज्य ऊर्जा निगम के मुख्य अभियंता रहे विमल नेगी मौत मामले को लेकर सीबीआइ ने दिल्ली में एसआइटी के डीएसपी सहित दो निरीक्षकों से लंबी पूछताछ की है। इस संबंध में जांच को लेकर और कब्जे में लिए गए रिकार्ड के आलवा अन्य तथ्यों को लेकर सवाल जवाब किए गए हैं। सीबीआइ ने इस मामले में बड़े अधिकारियों को भी दिल्ली पूछताछ के लिए बुलाया हुआ है। बताया जा रहा है कि पूछताछ का सिलसिला आगामी दो दिनों जारी रहेगा। सीबीआइ इस मामले को लेकर ऊर्जा निगम के तत्कालीन अधिकारियों के अलावा एसआइटी जांच में शामिल रहे जांच अधिकारियों के बयान दर्ज कर चुकी है। मिली जानकारी के अनुसार इस संबंध में प्रदेश पुलिस के पूर्व महानिदेशक के बयान भी दर्ज किए जाने हैं। उन्हें बयान दर्ज करने के लिए दिल्ली बुलाया गया है। सीबीआइ कब्जे में लिए गए सारे रिाकउर् को खांगालने के साथ जो साक्ष्य जुटाए गए हैं उन्हें भी खंगाल रही है।
शिमला: हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी ने B.Ed में प्रवेश के लिए जो पहले राऊंड की काऊंसलिंग प्रक्रिया है उसे पूरी हो जाने के बाद बीते कल बुधवार को खाली सीटों का ब्यौरा जारी कर दिया है। जारी किए ब्यौरे के मुताबिक HPU के शिक्षा विभाग समेत सरकारी व प्राइवेट B.Ed कालेजों में 4336 सीटें अभी खाली हैं। अब इन सभी खाली सीटों को भरने के लिए आज से दूसरे राऊंड की काऊंसलिंग ऑनलाइन शुरू की जाएगी। पहले राऊंड की काऊंसलिंग प्रक्रिया के बाद प्राइवेट B.Ed कालेजों में 4207 सीटें खाली रह गई हैं जबकि इन कालेजों में 991 सीटें ही भर पाई हैं। इसके अलावा HPU के शिक्षा विभाग में 28 सीटें खाली हैं जबकि इस विभाग में पहले राऊंड में 72 सीटेें ही भरी है। राजकीय कालेज ऑफ टीचर एजुकेशन धर्मशाला में 101 सीटें रिक्त रह गई हैं, जबकि यहां पर 149 सीटें ही भर पाई हैं। वहीं 588 उम्मीदवारों ने कालेज शिफ्ट करने के लिए आवेदन दिया है। अब इन खाली सीटों पर प्रवेश के लिए उम्मीदवारों को एक बार फिर से ऑनलाइन आवेदन करना पड़ेगा। उम्मीदवारों को अपनी लॉग इन आईडी के जरिये 5 कालेज की प्राथमिकताएं 25 अगस्त तक देनी होंगी। 27 अगस्त को स्पोर्ट्स कोटे के तहत B.Ed में प्रवेश के लिए काऊंसलिंग HPU में होगी। 28 अगस्त को कल्चरल कोटे के तहत प्रवेश के लिए काऊंसलिंग होगी। 30 अगस्त को उम्मीदवारों को आबंटित कालेज की सुचना लॉग इन आईडी पर अपलोड कर दी जाएगी। इसके बाद 21 अगस्त से 2 सितम्बर तक संबंधित आबंटित कालेज में उम्मीदवारों के दस्तावेजों का सत्यापन किया जायेगा और फीस ऑनलाइन जमा करनी होगी।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने निलंबित एएसआई पंकज शर्मा को पुलिस गेस्ट हाउस में 24 घंटे निगरानी में रखे जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को सुरक्षा के नाम पर पुलिस कर्मी की स्वतंत्रता पर लगाए गए प्रतिबंधों को तत्काल हटाने के निर्देश दिए हैं। अदालत ने राज्य सरकार को यह भी सुनिश्चित करने के आदेश दिए हैं कि व्यक्ति के मौलिक अधिकारों का हनन किए बिना यदि आवश्यक है तो उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उचित व्यवस्था की जाए। निलंबित एएसआई पंकज शर्मा पर चीफ इंजीनियर विमल नेगी के शव के पास बरामद पेन ड्राइव को गायब करने के आरोप लगे थे। न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की अदालत ने जल्द से जल्द आवश्यक करवाई करते हुए याचिकाकर्ता को उसके परिवार से मिलने की अनुमति देने के आदेश दिए। कहा कि भविष्य में याचिकाकर्ता की सुरक्षा से संबंधित कोई भी निर्णय उसे विश्वास में लेकर ही लिया जाए। सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता अनूप रतन ने अदालत को बताया कि मामले में खतरे की आशंका को देखते हुए यह सुरक्षा याचिकाकर्ता को मुहिया करवाई गई थी। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि क्योंकि अब जांच राज्य एजेंसियों के बजाय सीबीआई की ओर से की जा रही है, इसलिए राज्य सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करने के लिए तैयार है। सीबीआई की ओर से अदालत को बताया गया कि इस मामले में उनका कोई लेना-देना नहीं है, क्योंकि याचिकाकर्ता को सीबीआई के कहने पर हिरासत में नहीं लिया गया है। याचिका में आरोप लगाए गए थे कि उन्हें केवल निलंबित किया गया है और किसी भी निवारक हिरासत में नहीं है, फिर भी उन्हें जबरन पुलिस गेस्ट हाउस में रखा गया है। उनके कमरे के अंदर एक सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है और 24 घंटे पुलिस गार्ड तैनात रहते हैं, जिससे उनकी गतिविधियों पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। उन्होंने आरोप लगाए कि यह करवाई बिना किसी कानूनी अधिकार और न्यायिक स्वीकृति के की गई है, जो संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत प्राप्त उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। उन्होंने अदालत से मांग की थी कि उन्हें उनके सरकारी आवास भराड़ी में रहने की अनुमति दी जाए, जहां उनका परिवार रहता है। अदालत ने सभी पक्षों को सुनने के बाद सरकार को निर्देश जारी कर याचिका का निपटारा किया।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) द्वारा एशिया कप में पाकिस्तान के साथ भारतीय क्रिकेट टीम को खेलने की अनुमति दी गई है, जिसका विरोध शुरू हो गया है। बुधवार को विधानसभा के मानूसन सत्र के दौरान जीरो अवर में कांग्रेस विधायक मलेंद्र राजन ने सदन के अंदर प्रस्ताव लाकर भारत पाक क्रिकेट मैच को लेकर आपत्ति जताई हैं इस प्रस्ताव के माध्यम से केंद्र सरकार और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड से यह आग्रह किया है कि पाकिस्तान के साथ भारतीय क्रिकेट टीम के मैच खेलने की अनुमति को रद्द किया जाए। इंदौरा से कांग्रेस विधायक मलेंद्र राजन ने कहा कि सीमा पार से निरंतर आतंकी हमलो को देखते हुए पाकिस्तान के साथ किसी भी प्रकार का खेल संबंध न तो राष्ट्रीय भावना के अनुकूल है और न ही शहीदों के प्रति सम्मानजनक है। यदि मैच होता है तो यह शहीदों और उनके परिवार के प्रति अन्याय होगा। साथ ही उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आतंकियों के जरिए निर्दोष नागरिकों को अपना शिकार बना रहा है, घुसपैठ करवाई जा रही है। उसको देखते हुए माहौल अनुकूल नहीं है। ऐसे में किसी भी तरह का मैच पाकिस्तान के साथ न खेला जाए। इसको देखते हुए आज सदन के अंदर जीरो अवर में इस प्रस्ताव को उठाया गया साथ ही प्रदेश की विधानसभा केंद्र सरकारऔर बीबीसीआई से यह मांग करेगी कि भारतीय क्रिकेट टीम को पाकिस्तान से कोई भी मैच खेलने कि अनुमति नहीं दी जाए।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में स्पष्ट किया है कि किसी महिला की तस्वीरें लेना भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 354D के तहत पीछा करने के अपराध की श्रेणी में नहीं आता, जब तक कि महिला ने स्पष्ट रूप से आपत्ति न जताई हो और आरोपी ने फिर भी बार-बार संपर्क करने की कोशिश की हो। यह फैसला न्यायमूर्ति राकेश कैंथला ने एक अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। कोर्ट ने कहा कि पीछा करने की परिभाषा के अंतर्गत अपराध सिद्ध करने के लिए यह आवश्यक है कि आरोपी बार-बार किसी महिला से संपर्क करने की कोशिश करे, जबकि महिला ने असहमति व्यक्त की हो। कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर किसी महिला की इंटरनेट, ईमेल या इलेक्ट्रॉनिक संचार माध्यमों से निगरानी की जाती है, तो वह जरूर "पीछा करने" की परिभाषा में आ सकता है। लेकिन केवल तस्वीरें लेना, जब तक कि इसमें बार-बार संपर्क की कोशिश या निगरानी शामिल न हो, कानून की दृष्टि से पीछा करना नहीं माना जा सकता। मामले में शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि याचिकाकर्ता ने उसकी पत्नी की तस्वीरें ली थीं। कोर्ट ने पाया कि शिकायत में ऐसा कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं है कि याचिकाकर्ता ने महिला का पीछा किया या बार-बार उससे संपर्क करने की कोशिश की। कोर्ट ने स्टेटस रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि याचिकाकर्ता से हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता नहीं है। ऐसे में उसे हिरासत में रखने का कोई औचित्य नहीं बनता। इस आधार पर कोर्ट ने याचिकाकर्ता को अग्रिम जमानत प्रदान कर दी। यह फैसला पीछा करने के मामलों में कानूनी व्याख्या और अधिकारों की स्पष्टता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों में बीते रात भारी बारिश हुई है। कई जगहों पर बादल फटे तो कई जगह पर भूस्खलन हुए हैं। इसके चलते कल मंगलवार तक प्रदेश में एक NH सहित 357 सड़कें बंद रहीं। कुल्लू में फ्लैश फ्लड की वजह से काफी नुकसान हुआ है। कुल्लू के शास्त्रीनगर और गांधीनगर में सड़क पर खड़ी कई गाड़ियां मलबे में दब गईं और साथ ही कई घरों व दुकानों में मलबा भर चूका है। कांगड़ा और मंडी में भी तेज़ बारिश की वजह से नदी नाले उफान पर हैं। चंडीगढ़-मनाली फोरलेन औट, जोगनी मोड़, डयोड और दवाड़ा के समीप लैंडस्लाइड से अवरुद्ध है जिसके चलते सैकड़ों लोग कई घंटों से फोरलेन पर जगह जगह फंसे पड़े हैं। प्रदेश में अभी तक 74 जगह बाढ़ आ चुकी है और 38 जगह बादल फटने की घटना हो चुकी हैं। यलो अलर्ट जारी मौसम विभाग ने 6 जिले ऊना, कांगड़ा, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर जिला में आज भी बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में कुछ इलाकों में भारी बारिश भी हो सकती है। प्रदेश में अगले 5 दिनों तक बारिश का दौर जारी रहने की सम्भावना जताई गई है। वहीं मौसम विभाग द्वारा आगामी कल के लिए भी कांगड़ा, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर जिला में बारिश की चेतावनी दी गई है जबकि 22 व 23 अगस्त के लिए ऊना, चंबा, कांगड़ा, मंडी और सिरमौर जिला में यलो अलर्ट जारी किया गया है। अब तक का नुकसान हिमाचल में इस मानसून अब तक 276 लोगों की मौत हुई हैं। इनमें 35 लोगों की जान लैंडस्लाइड, बाढ़ और बादल फटने से गई है जबकि 37 लोग अभी भी लापता हैं। प्रदेश में अब तक प्राइवेट व सरकारी संपत्ति को 2211 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है।
कालका-शिमला धरोहर रेलमार्ग ऐतिहासिक ट्रैक अपनी सुरंगों, पुलों और प्राकृतिक खूबसूरती के लिए दुनिया भर में मशहूर है। अब इस सफर का अनुभव और भी शानदार होने जा रहा है। रेलवे यहां अत्याधुनिक पैनोरमिक कोच शुरू करने की तैयारी कर चुका है। इन लग्ज़री कोचों में यात्रियों को शीशे की बड़ी खिड़कियों से वादियों का बेमिसाल नज़ारा मिलेगा। वातानुकूलित डिब्बों में ऑटोमैटिक दरवाज़े, सीसीटीवी कैमरे, फायर अलार्म, शोर और कंपन रहित तकनीक, अल्ट्रा वायलेट कोटेड ग्लास, मॉड्यूलर सीटिंग, लग्ज़री चेयर और ऑनबोर्ड मिनी पैंट्री जैसी आधुनिक सुविधाएं होंगी। पहला ट्रायल पहले ही किया जा चुका है, हालांकि उसमें कुछ तकनीकी दिक्कतें सामने आई थीं। इन्हें दूर करने के लिए कोचों को कपूरथला रेल कोच फैक्ट्री भेजा गया, जहां अब सुधार कार्य लगभग पूरा हो चुका है। फिलहाल रेलवे मंत्रालय से अंतिम स्वीकृति का इंतजार है। जैसे ही मंज़ूरी मिलेगी, इन कोचों को यात्रियों के लिए शुरू कर दिया जाएगा। हालांकि आधुनिक सुविधाओं के चलते इनका किराया सामान्य डिब्बों से ज्यादा हो सकता है। इससे पहले विस्टाडोम कोच ने यात्रियों का दिल जीता था। अब पैनोरमिक कोच इस धरोहर रेलमार्ग की यात्रा को और भी रोमांचक, आरामदायक और यादगार बनाने वाले हैं।
हिमाचल प्रदेश के सात जिलों में आज भी बारिश का येलो अलर्ट जारी है। मौसम विभाग ने ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा, कांगड़ा, कुल्लू और मंडी में कई जगहों पर भारी बारिश की चेतावनी दी है। राज्य के अन्य हिस्सों में भी बारिश होने की संभावना है, हालांकि वहां कोई विशेष अलर्ट नहीं है। मौसम विभाग का अनुमान है कि 22 अगस्त तक हिमाचल में बारिश का दौर जारी रहेगा। सोमवार को शिमला सहित कई इलाकों में तेज बारिश हुई। इससे भूस्खलन की घटनाएं बढ़ी हैं, जिससे कई सड़कों पर यातायात बंद हो गया है। प्रदेश में करीब 760 ट्रांसफार्मर ठप होने से बिजली की सप्लाई बाधित है। कई पेयजल योजनाओं में गाद आने के कारण शिमला समेत कई क्षेत्रों में पानी की समस्या पैदा हो गई है। भूस्खलन के कारण किरतपुर-मनाली हाईवे भी कुल्लू और मंडी के बीच बंद हो गया है, जिससे सैकड़ों वाहन बजौरा में फंसे हुए हैं। इसके अलावा, बंजार में NH-305 सहित कई संपर्क सड़कें भी बंद हैं। सैंज-लारजी और भुंतर-मणिकर्ण सड़कें भी कई जगह क्षतिग्रस्त हुई हैं। किसानों और बागवानों को भी भारी नुकसान हुआ है। सेब, टमाटर और गोभी जैसी तैयार फसलें खेतों और बगीचों में फंसी हुई हैं क्योंकि भूस्खलन के कारण वे उन्हें मंडियों तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं। कांगड़ा में भी सोमवार को बारिश हुई, जिससे धर्मशाला-पठानकोट सड़क तीन घंटे तक बंद रही। बारिश से हमीरपुर में एक कच्चा घर पूरी तरह से और एक आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गया। सिरमौर के कोलर और सैनवाला में कुछ घरों में पानी घुस गया, जिससे लोगों को परेशानी हुई। प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है।
राज्य में मानसून की हो रही बारिश से दुश्वारियां थमने का नाम नहीं ले रही हैं। कुल्लू जिला में तड़के 4 बजे शालानाला में बादल फटने की घटना सामने आई है, जिससे कुल्लू और मंडी के कई इलाकों में भारी नुक्सान हुआ। टकोली-मंडी और टकोली फोरलेन पर फ्लड के बाद मलबा आ गया। वहीं मलाणा डैम भी क्षतिग्रस्त हो गया। कुल्लू व मंडी के अलग-अलग इलाकों में 10 से ज्यादा घरों को नुक्सान हुआ। कई घरों में मलबा भर गया। शालानाला खड्ड में बाढ़ आने से एक कंपनी के ऑफिस और कालोनी की दीवार टूट गई। कर्मचारियों ने भाग कर जान बचाई। टकोली, पनारसा और नगवाई में 10 से अधिक गाड़ियों को भी नुक्सान हुआ। चंडीगढ़-मनाली फोरलेन मंडी और कुल्लू में जगह-जगह बंद हो गया। मौसम विभाग के अनुसार सोमवार को चम्बा व कांगड़ा जिलों में एक-दो स्थानों पर भारी बारिश का यैलो अलर्ट रहेगा। मंगलवार व बुधवार को किसी भी प्रकार का अलर्ट जारी नहीं किया गया है, अपितु 21 अगस्त से फिर से यैलो अलर्ट जारी किया गया है। रविवार को राजधानी शिमला सहित प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश हुई, जिसमें धौलाकुंआ में सर्वाधिक 104.5, नाहन में 30, शिमला व मनाली में 10-10, सुंदरनगर में 6, भुंतर में 3, धर्मशाला में 6.4, सोलन में 5, कांगड़ा में 3, मंडी में 2, बिलासपुर में 0.5, चम्बा में 1, जुब्बड़हट्टी में 2, कुफरी में 13.5, नारकंडा में 4.5, सेओबाग में 1, नेरी में 1.5, बजौरा में 1 मिलीमीटर वर्षा हुई, जबकि कल्पा में बूंदाबांदी हुई। इससे पूर्व शनिवार रात्रि को मंडी जिला के कटौला में सर्वाधिक 12, कांगड़ा में 11, नगरोटा सूरियां में 11, नाहन में 10, जोगिंद्रनगर में 8, पांवटा में 7, भुंतर में 6, पालमपुर में 6, गुलरे में 6, कसोल में 5, सुजानपुर टिहरा में 4 सैंटीमीटर वर्षा हुई। राजधानी शिमला में दिन में बारिश के बाद शाम को धूप खिली। 20 जून से आरंभ हुए मानसून सीजन में अब तक 263 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 332 घायल व 37 लापता हो गए हैं। राज्य में अब तक भूस्खलन की 66, फ्लैश फ्लड की 74 व बादल फटने की 36 घटनाएं प्रकाश में आ चुकी हैं। बारिश से लोगों की परेशानियां खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। रविवार शाम तक राज्य में 3 एनएच व 352 संपर्क मार्ग अवरुद्ध चल रहे हैं। इनमें जिला किन्नौर में एनएच 05 टिंकू नाला, कुल्लू जिला में एनएच 305 गजाधार, फेरडानाला व जहेड़, मंडी में एनएच 21 भारी बारिश के कारण अवरुद्ध है। मंडी में सबसे अधिक 201, कुल्लू जिला में 63, सिरमौर में 28 व कांगड़ा में 27 संपर्क मार्ग अवरूद्ध हैं जबकि 1067 बिजली ट्रांसफार्मर ठप्प पड़े हैं, जिससे कई इलाकों में ब्लैकआऊट छाया हुआ है। कुल्लू जिला में सर्वाधिक 557, मंडी जिला में 385, लाहौल-स्पीति में 112 ट्रांसफार्मर ठप्प हैं। 116 पेयजल योजनाएं भी प्रभावित चल रही हैं, जिसमें मंडी में सर्वाधिक 44, कांगड़ा में 41, हमीरपुर में 14 पेयजल योजनाएं शामिल हैं। राज्य को अब तक 2173 करोड़ से अधिक का नुक्सान हो चुका है, जिसमें सर्वाधिक लोक निर्माण विभाग को 1216 करोड़, जल शक्ति विभाग को 697 करोड़, बिजली बोर्ड को 139 करोड़ की चपत लग चुकी है।
हिमाचल विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार को दोपहर दो बजे से शुरू होगा। माना जा रहा है कि यह सत्र हंगामेदार रहेगा। विपक्ष प्राकृतिक आपदा, स्कूल बंद करने समेत कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी में है। रविवार को भी सत्र की तैयारियां जारी रहीं और विधानसभा परिसर में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी गई।18 अगस्त से 2 सितंबर तक चलने वाले इस सत्र में कुल 12 बैठकें होंगी। यह हिमाचल विधानसभा के इतिहास का चौथा सबसे लंबा सत्र होगा। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि जनहित से जुड़े मुद्दों पर सार्थक चर्चा हो, इसके लिए सोमवार को सत्र शुरू होने से पहले दोपहर 12 बजे सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है। अब तक विधानसभा सचिवालय को 981 सवाल मिल चुके हैं, जिनमें 793 तारांकित और 188 अतारांकित हैं। नियम 62, 101 और 130 के तहत भी कई सूचनाएं आई हैं, जिन पर सरकार को कार्रवाई करनी है। पहले दिन सदन में पूर्व विधायक गणेश दत्त भरवाल को श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी। वहीं कृषि विश्वविद्यालय और बागवानी विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक को वापस लेने का प्रस्ताव भी रखा जाएगा। इसी दिन भाजपा आपदा पर स्थगन प्रस्ताव लाने की तैयारी में है, जबकि कांग्रेस सुबह 10 बजे बैठक कर अपनी जवाबी रणनीति बनाएगी। भाजपा विधायक दल की बैठक में तय हुआ है कि आपदा प्रभावितों को मुआवजा न मिलना, विश्वविद्यालयों में कुलपति नियुक्ति, कर्मचारियों की मांगें और संस्थान बंद करने जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरा जाएगा। भाजपा का आरोप है कि ढाई सौ से ज्यादा लोगों की मौत और ढाई हजार मकानों को नुकसान होने के बावजूद प्रभावितों को राहत नहीं दी गई। केंद्र की ओर से मदद आने के बावजूद, प्रदेश सरकार पीड़ितों तक सहायता पहुंचाने में नाकाम रही। संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में ओक ओवर शिमला में होगी। इसमें सत्र की रणनीति तय की जाएगी। विपक्ष के हर हमले का करारा जवाब दिया जाएगा। उन्होंने यह भी जोड़ा कि सरकार 12 दिन के इस सत्र में कई महत्वपूर्ण विषय लेकर आएगी और सदन का सदुपयोग जनता के हित में किया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश में मानसून से लगातार तबाही देखने को मिल रही है। बीते 24 घंटों में कई जगह बादल फटे हैं और कई जगह भूस्खलन हुए हैं जिसके चलते कल शनिवार शाम तक राज्य के 2 नेशनल हाईवे समेत 311 सड़कें बंद, 348 बिजली ट्रांसफार्मर और 119 पेयजल योजनाएं बाधित रहीं। येलो अलर्ट जारी मौसम विभाग द्वारा आज 5 जिलों चंबा, कांगड़ा, मंडी, शिमला और सिरमौर के लिए बारिश का येलो अलर्ट जारी किया हुआ है। राज्य में 22 अगस्त तक बारिश का रहने की सम्भावना जताई गई है। बादल फटने की घटना कुल्लू और मंडी के कई क्षेत्रों में आज सुबह करीब चार बजे बादल फटने की वजह से भारी क्षति हुई है। चंडीगढ़-मनाली फोरलेन मंडी और कुल्लू में जगह-जगह अवरुद्ध हैं। फ्लड के कारण टकोली फोरलेन पर मलबा आ गया। कुल्लू व मंडी के कई इलाकों में कईं घरों को और साथ ही टकोली, पनारसा और नगवाई में 10 से अधिक वाहनों को क्षति पंहुचा है। किन्नौर जिला के पूह के पास टिंकू नाला नज़दीक NH 5 का एक हिस्सा पूरी तरह से ढह गई जिसकी वजह से कल दोपहर से ही आवाजाही बाधित है। नाहन के पास भारी के चलते बाढ़ जैसे हालत बने हुए हैं जबकि शिमला जिला के रामपुर दत्तनगर में सड़क तक आ पंहुचा है सतलुज का पानी। अब तक का नुकसान हिमाचल में इस मानसून अब तक 261 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें 35 लोगों की जान बाढ़, बादल फटने और लैंडस्लाइड की वजह से गई है, जबकि 36 लोग अभी भी लापता हैं। सरकारी व प्राइवेट संपत्ति को अभी तक 2144 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
हिमाचल में बारिश और भूस्खलन का कहर जारी है। प्रदेश में खराब मौसम के कारण अभी भी 458 सड़कें बंद है। इनमें तीन नेशनल हाईवे भी शामिल हैं। हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (HPSDMA) ने पिछले 24 घंटों में भारी बारिश के कारण काफी नुकसान पहुंचा है। रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में कुल 455 सड़कें अवरुद्ध हैं। इनमें तीन राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-305, एनएच-05 और एनएच-707) भी शामिल हैं। सड़क अवरोधों के मामले में सबसे ज़्यादा प्रभावित जिला कुल्लू हैं, जहां 73 सड़कें बंद हैं, उसके बाद मंडी में 58 सड़कें हैं, और शिमला में 58 सड़कें हैं। अब तक 247 लोगों की मौत इस बीच, राज्य सरकार के राजस्व विभाग-डीएम सेल की संचयी क्षति रिपोर्ट के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में मानसून के मौसम में 247 लोगों की जान गई है और 329 लोग घायल हुए हैं। 15 अगस्त को जारी यह रिपोर्ट 20 जून, 2025 से 14 अगस्त, 2025 तक की अवधि को कवर करती है। कुल 247 मौतों में 130 बारिश से संबंधित मौतें और 117 सड़क दुर्घटनाओं में हुई मौतें शामिल हैं। बारिश से संबंधित मौतों में, कांगड़ा जिले में सबसे अधिक 28 मौतें दर्ज की गईं, उसके बाद मंडी में 26 और हमीरपुर में 13 मौतें हुईं। इन मौतों के कारण अलग-अलग हैं, जिनमें डूबने से 24, खड़ी चट्टानों या पेड़ों से गिरने से 27 और भूस्खलन से 7 मौतें हुईं। सड़क दुर्घटनाओं में भी जान-माल का काफी नुकसान हुआ है, मंडी जिले में 21, चंबा में 17 और शिमला में 15 मौतें हुई हैं।
शिमला एक्टिंग एकेडमी द्वारा कृष्ण जन्माष्टमी के पावन अवसर पर “सुंदर राधा – नटखट कान्हा” फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता का भव्य आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में स्वामी तन्महिनंद महाराज जी तथा गेस्ट ऑफ ऑनर तरुणा मिश्रा ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराई। प्रतियोगिता का मूल्यांकन पूनिमा शर्मा ने किया। प्रतियोगिता में सुंदर राधा श्रेणी की विजेता ऋषिका रहीं, जबकि नटखट कान्हा श्रेणी में कुंज शर्मा प्रथम स्थान पर रहे। प्रथम रनर-अप के रूप में सुंदर राधा आयुषी तथा नटखट कान्हा अद्विक चुने गए। इस सफल आयोजन में एकेडमी के अध्यक्ष विकास गौतम, क्रिएटिव डायरेक्टर रुपेश भीमटा, कार्यक्रम संयोजिका सेजल रावत, तथा समन्वयक नरेश के. मिन्चा का विशेष योगदान रहा। ललित ठाकुर का भी उल्लेखनीय सहयोग प्राप्त हुआ। नन्हे-मुन्ने प्रतिभागियों ने अपनी मनमोहक प्रस्तुतियों से सभी का दिल जीत लिया। पूरे आयोजन में उत्साह और आनंद का माहौल रहा, तथा दर्शकों ने कार्यक्रम का भरपूर लुत्फ उठाया। शिमला एक्टिंग एकेडमी बच्चों के लिए Acting, Personality Development, Dance, Guitar, Art & Craft जैसी हॉबी क्लासेस संचालित कर रही है। इसके साथ ही 16 वर्ष से अधिक आयु के युवाओं के लिए 3 माह का सर्टिफिकेट एक्टिंग कोर्स भी प्रारंभ किया गया है। ये कक्षाएं वीकेंड एवं रेगुलर दोनों स्वरूप में उपलब्ध हैं।
हिमाचल में भारी बारिश और भूस्खलन के चलते कई जगह भारी नुकसान देखने को मिला है। शिमला जिला में इसबार सामान्य से 77 प्रतिशत ज्यादा बारिश दर्ज़ की गई है। पिछले 24 घंटों में शिमला, मंडी, कांगड़ा, हमीरपुर, बिलासपुर और ऊना में बारिश-भूस्खलन से भारी क्षति हुआ है। मंडी के जोगनी मोड़ के नज़दीक चंडीगढ़-मनाली फोरलेन बंद है जिसकी वजह से सड़क किनारे वाहनों की लंबी कतारे लगी हुई हैं। मनाली-लेह सड़क बंद है वहीं किन्नौर जिला में पिछले रात बाढ़ और लैंडस्लाइड के चलते शिमला-किन्नौर नेशनल हाईवे-5 जगह जगह अवरुद्ध है। 4 जिलों में आज भी येलो अलर्ट जारी मौसम विभाग के अनुसार 6 दिन लगातार बारिश होने की सम्भावना जताई गई है। आज भी 4 जिलों कांगड़ा, शिमला, सोलन और सिरमौर में तेज़ बारिश का येलो अलर्ट जारी हुआ है। कल ऊना, चंबा, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर जिला में मध्यम बारिश की चेतावनी है वहीं 17 अगस्त को चंबा, कांगड़ा, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर जिला में येलो अलर्ट जारी किया गया है। सड़कें, बिजली और पेयजल योजनाएं ठप बारिश के चलते राष्ट्रीय राजमार्ग समेत राज्य भर में 470 सड़कें बंद हो गई हैं। प्रदेश में 721 ट्रांसफार्मर तथा 192 पेयजल योजनाएं ठप हैं जिसकी वजह से कई इलाकों में ना हि बिजली है और ना हि पानी। मानसून में 247 लोगों की मौत राज्य में इस मानसून अभी तक 247 लोगों की जान जा चुकी है जिसमें 33 लोगों की मौत लैंडस्लाइड,बाढ़ और बादल फटने के कारण हुई है। वहीं 36 लोग अभी भी लापता हैं। राज्य में नुकसान राज्य में इस मानसून में सरकारी और प्राइवेट संपत्ति को अभी तक 2104.85 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। अभी तक कुल 71 जगह बाढ़ आई हैं और 34 जगह बदल फटे हैं।
प्रदेश में मानसून का कहर लगातार जारी है। बीते कल 5 जगहों पर बादल फटने की घटना सामने आई हैं जिससे शिमला सहित राज्य के कई क्षेत्रों में भारी बारिश हुई। श्रीखंड के भीमडवारी तथा नंती, किन्नौर के पूह, लाहौल के मयाड़ और कुल्लू की तीर्थन घाटी में बादल फटने से कई मकानों को क्षति हुआ है। लाहौल की मयाड़ घाटी में करपट गांव को खाली करवाकर 22 परिवारों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचा दिया गया है। कांगड़ा में आज सुबह से ही लगातार बारिश, ख़राब मौसम और कम दृश्यता के चलते इंडिगो की दिल्ली से कांगड़ा हवाई अड्डा के लिए 1 उड़ान रद्द रही। चंबा, कांगड़ा और मंडी में आज भी भारी बारिश का अलर्ट जारी माैसम विभाग ने आज 3 जिलों चंबा, कांगड़ा और मंडी के कई क्षेत्रों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है जबकि दूसरे जिलों में येलो अलर्ट है। कल 15 अगस्त के लिए सिरमौर, शिमला, मंडी, कुल्लू, कांगड़ा और चंबा में हल्की बारिश की सम्भावना बताई गई है। 241 लोगों की जान गई, करोड़ो का नुकसान इस मानसून राज्य में लगभग 241 लोगों की जान जा चुकी है वहीं 326 लोग घायल और 36 लोग लापता हैं। सड़क हादसों मे लगभग 116 लोगों की मौत हुई है। बादल फटने, भूस्खलन एवं बाढ़ से अब तक 2,507 घरों और दुकानों को क्षति हुई है। अब तक लगभग 2031 करोड़ रुपये का सरकारी और प्राइवेट संपत्ति का नुकसान हुआ है। सैकड़ों सड़कें बाधित एवं बिजली आपूर्ति ठप लगातार तेज़ बारिश के चलते 2 नेशनल हाईवे समेत 323 सड़कें बंद हैं। इसके साथ ही 130 पेयजल योजनाएं और बिजली के ट्रांसफार्मर भी ठप हैं।
राज्य के अधिकतर क्षेत्रों में बुधवार रात भारी बारिश हुई और दिनभर बादल छाए रहे। वहीं शिमला में दोपहर बाद हल्की बारिश और रात में लगातार बारिश हुई जिसके चलते जगह-जगह भूस्खलन हुई और शहर में यातायात सुबह बुरी तरह प्रभावित रहा। इन जिलों में येलो-आरेंज अलर्ट चंबा, कांगड़ा व मंडी जिले में आज तेज़ बारिश का आरेंज अलर्ट जारी किया है वहीं प्रदेश के दूसरे हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। किन्नौर व लाहुल-स्पीति को छोड़कर 15 से 19 अगस्त के बीच बाकि के सभी जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। भूस्खलन से कई सड़कें बंद राजधानी शिमला में भारी बारिश की वजह से कई जगहों पर पेड़ गिरने और भूस्खलन हुआ है जिससे भारी नुकसान हुआ है। शहर में 20 से ज्यादा पेड़ गिरे हैं जिससे कई सड़कें ठप हो गईं और कई स्थानों पर गाड़ियां भी मलबे में दब गईं। शिमला शहर की पेयजल परियोजनाओं भी ठप है जिसके चलते अगले दो दिनों तक शिमला में पानी की आपूर्ति ठप रहने की संभावना जताई गई है। इन स्थानों पर बादल फटने की घटना प्रदेश के कुल्लू, शिमला और लाहौल-स्पीति में बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है। शिमला और कुल्लू में बुधवार शाम को 4 जगहों पर बदल फटे हैं जिसके चलते नदी नालों में जल स्तर बढ़ जाने से बाढ़ जैसी बन गई। शिमला में बाढ़ से पुल, मकान व दुकानें और साथ ही कुल्लू में भी पुल बह गए जिसकी वजह से तीन पंचायतों का संपर्क इनसे टूट गया। लाहौल-स्पीति में भी पुल बहने से सड़कें बाधित हुई हैं। भारी बारिश से नुकसान हिमाचल आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, बीते 24 घंटों में बारिश की वजह से 323 सड़कें बाधित हो गई हैं।
राज्य के कई क्षेत्रों में बीते रात लगातार बारिश जारी रही। मौसम विभाग ने आज 5 जिलों के लिए भारी बारिश का यलो-ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। ऊना, हमीरपुर, चंबा, कुल्लू और सोलन जिला में आज और कल यलो अलर्ट दिया गया है। वहीँ बिलासपुर, कांगड़ा, मंडी, शिमला और सिरमौर जिला के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी हुआ है और साथ ही यहाँ लैंडस्लाइड, बाढ़ तथा जल भराव की स्थिति भी बन सकती है। इन 5 जिलों में कल के लिए भी ऑरेंज अलर्ट जारी हुआ है। सामान्य से 13% ज्यादा बारिश राज्य में सामान्यतः जून से जुलाई के बीच 473 मिलीमीटर बारिश होती है जबकि इस बार 535.9 मिलीमीटर बारिश दर्ज़ की गई है। जो सामान्य से 13% ज्यादा बारिश है। शिमला जिला में नार्मल से 73 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। मंडी में 57% ज्यादा, बिलासपुर में 40%, हमीरपुर में 44%, कुल्लू में 39%, सिरमौर में 18%, सोलन में 31%, ऊना में 46%, कांगड़ा में 6% जबकि किन्नौर में नार्मल से 1% ज्यादा बारिश दर्ज़ हुई है। 15 अगस्त के बाद मानसून कमजोर राज्य में मानसून 15 अगस्त से थोड़ा कमजोर होगा। पर ऊना, चंबा, कांगड़ा, मंडी, शिमला और सिरमौर जिला में हल्की बारिश होने की सम्भावना जरूर बनी हुई है जबकि अन्य जिलों में मौसम साफ रहेगा। कई क्षेत्रों में यातायात बाधित पहाड़ी से पत्थर गिरने की वजह से कालका-शिमला NH मंगलवार को दिन भर प्रभावित रहा। पंजाब और हिमाचल को जोड़ने वाला पठानकोट-चंबा-भरमौर NH 24 घंटे बाद भी ठीक से बहाल नहीं हो पाया है जबकि दुनेरा के समीप सड़क को अभी सिर्फ छोटी गाड़ियों के लिए वन-वे खोला गया है। सड़कें और बिजली ट्रांसफार्मर ठप प्रदेश में मंगलवार शाम तक राज्य में 2 एनएच समेत 330 सड़कें, 198 बिजली ट्रांसफार्मर तथा 141 पेयजल योजनाएं बाधित भी रहीं। लगभग सवा दो सौ लोगों की गई जान इस मानसून में अभी तक करीब सवा दो सौ लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 36 लोग लापता हैं।
हिमाचल प्रदेश में मानसून का कहर अभी भी जारी है। माैसम विज्ञान के अनुसार प्रदेश में अगले कई दिनों तक बारिश का दाैर बना रहेगा। 12 से 14 अगस्त के बीच कई जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट है जबकि 15 से 18 अगस्त के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। मानसून में अब तक 229 लोगों की गई जान राज्य में इस मानसून में 229 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 323 लोग घायल और 36 लोग लापता हैं। वहीं सड़क हादसों में 116 लोगों की जान गई है। बादल फटने, भूस्खलन एवं बाढ़ से अब तक 1,611 पालतु पशुओं की माैत हुई है वहीं 2,388 घरों और दुकानों को क्षति हुई है। लगभग 2007 करोड़ रुपये का सरकारी और प्राइवेट संपत्ति का अब तक नुकसान हुआ है। सैकड़ों सड़कें बाधित एवं बिजली व पेयजल की आपूर्ति ठप लगातार तेज़ बारिश के चलते कई जगहों में भूस्खलन व पेड़ गिरने की घटनाएं देखने को मिली हैं। प्रदेश में आज सुबह 10:00 बजे तक भूस्खलन से तीन राष्ट्रीय राजमार्ग सहित 398 सड़कें बंद हैं जबकि 669 बिजली ट्रांसफार्मर व 529 जल आपूर्ति योजनाएं प्रभावित हुई हैं। वहीं मंडी जिला की सड़कें सबसे अधिक प्रभावित हुई है और अकेले यहां 213 सड़कें बंद हैं जबकि कुल्लू में 84 सड़कें व 367 बिजली ट्रांसफार्मर प्रभावित हैं। शिमला में भूस्खलन और पेड़ गिरे शिमला में बीते रात से लगातार हो रही तेज़ बारिश के कारण कई जगहों पर पेड़ गिरने और भूस्खलन से बहुत नुकसान हुआ है। शिमला के विकास नगर में पेड़ गिरने के कारण एक मकान की छत टूट गई और सड़क बंद हो गई है वहीं टुटीकंडी में आधा दर्जन से ज्यादा पेड़ गिरने के चलते कई गाड़ियां चूर-चूर हो गईं साथ ही सड़क भी बंद हो गई। चंबा-पठानकोट हाईवे पर वाहनों की आवाजाही ठप, ट्रांसफार्मर व पेयजल स्कीमें प्रभावित दुनेरा के समीप चंबा-पठानकोट हाईवे धंस जाने से गाड़ियों की आवाजाही बंद हो गई है जिसके चलते दोनों ओर गाड़ियों की लंबी लाइनें लग गईं। इस जिला की 24 सड़कें, 35 ट्रांसफार्मर और 18 पेयजल स्कीमें प्रभावित हुई हैं। 10 घंटे बाद बहाल हुआ चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे मंडी-कुल्लू मार्ग पर जोगणी मोड़ के पास कल रात पहाड़ी से पत्थर गिरने की वजह से चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग पर आवाजाही पूरी तरह बाधित रही। बहुत मशक्कत के बाद सुबह 7:00 बजे के करीब हाईवे को फिर से बहाल किया गया। लेकिन कई स्थानों पर सड़क वनवे है।
मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक राज्य में इस बार मानसून में सामान्य से अधिक बारिश हुई है। अगले तीन दिनों तक भारी बारिश की संभावना बनी हुई है जिससे जलस्तर बढ़ने के साथ भूस्खलन का खतरा भी बढ़ गया है। मौसम विज्ञान केंद्र ने 15 अगस्त तक राज्य के कई जिलों में ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किया है। ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा और कुल्लू में भारी बारिश हो सकती है वहीँ कांगड़ा, मंडी व सिरमौर में बहुत भारी बारिश की संभावना जताई गई है। शिमला जिले में सामान्य से 70% ज्यादा बारिश हुई है और जिसके चलते कई जगह लैंडस्लाइड और पेड़ गिरने की घटनाएं देखी गयीं। इन जिलों में ऑरेंज व येलो अलर्ट कांगड़ा और मंडी में आज भारी बारिश के चलते ऑरेंज अलर्ट जारी है। 13 अगस्त को भी कांगड़ा, कुल्लू और मंडी जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। वहीँ 14 अगस्त को कांगड़ा, कुल्लू, मंडी और शिमला जिला में भारी वर्षा की सम्भावना जताई गई है जबकि दूसरे जिलों में येलो अलर्ट है। 15 अगस्त को केवल शिमला और कुल्लू जिला में येलो अलर्ट जारी किया गया है जबकि दूसरी जगहों पर मानसून कमजोर होने की सम्भावना है। बादल फटने की 30 घटनाएं राज्य में इस बार के मानसून में 54 घटनाएं लैंडस्लाइड की, फ़्लैश फ्लड की 59 और बादल फटने की 30 घटनाएं हो चुकी हैं। अब तक 229 लोगों की गई जान प्रदेश में इस मानसून में अभी तक लगभग 229 लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें 323 लोग घायल हैं और 36 लोग लापता हैं। वहीँ सड़क हादसों में 116 लोगों की जान गई है। अभी तक लगभग 2007 करोड़ रुपये की प्राइवेट और सरकारी संपत्ति का नुकसान हो चुका है।
आज हिमाचल प्रदेश चिकित्सा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि की ओर कदम बढ़ा रहा है। शिमला स्थित अटल सुपर स्पेशिलिटी आयुर्विज्ञान संस्थान, चमियाणा में पहली बार रोबोटिक तकनीक से सर्जरी की जाएगी। यह केवल एक सर्जरी नहीं, बल्कि आधुनिक स्वास्थ्य सेवाओं की दिशा में उठाया गया एक क्रांतिकारी कदम है। इस अत्याधुनिक तकनीक की मदद से अब ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर के अनुभव और मशीन की सटीकता का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा, जिससे मरीजों को बेहतर इलाज, तेज़ रिकवरी और कम दर्द की सुविधा मिल सकेगी। प्रदेश को मिलेगी नई पहचान यह पहल न केवल उपचार को अधिक सुरक्षित बनाएगी, बल्कि हिमाचल को राष्ट्रीय स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाओं के मानचित्र में एक नई पहचान दिलाने में भी मदद करेगी। यह दिन सिर्फ चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए नहीं, बल्कि उन सभी मरीजों के लिए विशेष है जिन्होंने कभी दर्दरहित, सटीक और आधुनिक इलाज का सपना देखा था। महेंद्र पाल होंगे पहले मरीज इस ऐतिहासिक शुरुआत में महेंद्र पाल पहले मरीज होंगे जिनकी प्रोस्टेट की रोबोटिक सर्जरी की जाएगी। विशेषज्ञों के अनुसार, यह सर्जरी न केवल अधिक सटीक होगी, बल्कि कम समय में पूरी की जा सकेगी, जिससे मरीज को जल्दी स्वस्थ होने में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री करेंगे उद्घाटन इस अत्याधुनिक तकनीक की शुरुआत का शुभारंभ सोमवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा किया जाएगा। यह दिन चिकित्सा सेवाओं के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा। अब नहीं जाना पड़ेगा बड़े शहरों में रोबोटिक सर्जरी में हाई डेफिनिशन कैमरा और मशीन-नियंत्रित रोबोटिक आर्म्स का प्रयोग किया जाता है, जो बेहद सूक्ष्म स्तर पर भी ऑपरेशन करने में सक्षम होते हैं। इससे मरीजों को कम खून बहने, कम दर्द और तेज़ रिकवरी जैसे लाभ मिलते हैं। इस सुविधा के शुरू होने से अब मरीजों को इलाज के लिए बड़े शहरों की ओर रुख नहीं करना पड़ेगा। 42 करोड़ रुपये के उपकरणों से लैस होगा संस्थान अटल सुपर स्पेशिलिटी आयुर्विज्ञान संस्थान में करीब 42 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरण स्थापित किए जा रहे हैं। इनमें यूरोलॉजी, रीनल ट्रांसप्लांट, कार्डियक एनेस्थीसिया, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल, प्लास्टिक सर्जरी, कार्डियोथोरेसिक और वैस्कुलर सर्जरी, कार्डियोलॉजी, पीडियाट्रिक सर्जरी और न्यूरोसर्जरी जैसी महत्वपूर्ण चिकित्सा सेवाओं के लिए आधुनिक उपकरणों की व्यवस्था की जा रही है।
हिमाचल प्रदेश में मौसम का कहर जारी है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने सोमवार से चार दिनों तक प्रदेश के कई क्षेत्रों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। 11 और 12 अगस्त को चंबा, कांगड़ा एवं मंडी, 13 को कांगड़ा, मंडी और सिरमौर और 14 अगस्त को कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला और सिरमौर जिले में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। अन्य क्षेत्रों में येलो अलर्ट रहेगा। 15 से 17 अगस्त तक कई क्षेत्रों के लिए येलो अलर्ट जारी हुआ है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार राज्य भर में भूस्खलन से एक नेशनल हाईवे व 359 सड़कें बंद हैं। वहीं, 145 बिजली ट्रांसफार्मर व 520 पेयजल स्कीमें ठप हैं। मंडी जिला में सबसे ज्यादा 214 सड़कें बाधित हैं। जबकि कुल्लू में 91 व कांगड़ा में 22 सड़कें अवरूद्व हैं। कुल्लू जिला में नेशनल हाईवे 305 जहेड खनग के पास अवरुद्ध है। मंडी जिला में 85 और कुल्लू जिला में 50 बिजली ट्रांसफार्मर ठप हैं। राज्य विद्युत बोर्ड ने अधिकतर खराब पड़े ट्रांसफार्मरों को ठीक कर दिया है। इसके अलावा कुल्लू जिला में 367, मंडी में 78 व कांगड़ा जिला में 72 पेयजल स्कीमें ठप रहीं। वही राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार मानसून सीजन में अब तक राज्य भर में वर्षा जनित हादसों में 224 लोगों की मौत हुई है, 37 लापता हैं और 315 घायल हुए।
हिमाचल प्रदेश में मौसम का कहर जारी है। बारिश-भूस्खलन के चलते दो और लोगों की मौत हो गई है। बिलासुपर में कनफारा के पास पहाड़ी से पत्थर गिरने से श्री नयनादेवी जी में माथा टेककर बाइक पर वापस जा रहे बठिंडा (पंजाब) के कुलविंदर सिंह की मौत हो गई, जबकि एक अन्य घायल हो गया। खराब मौसम के बीच किन्नौर कैलाश यात्रा पर गए कोलकाता के श्रद्धालु सूरज दास की मौत हो गई है। उधर, पौंग बांध से पानी छोड़ने के कारण कांगड़ा के मंड क्षेत्र में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। पंजाब से सटे इस क्षेत्र में कई घरों में पानी घुस गया। प्रशासन ने 16 लोग रेस्क्यू किए हैं। इसी बीच, मौसम विभाग ने बाज चार दिनों तक प्रदेश के कई क्षेत्रों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। शिमला में भी माैसम खराब बना हुआ है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने सोमवार से चार दिनों तक प्रदेश के कई क्षेत्रों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। 11 और 12 अगस्त को चंबा, कांगड़ा एवं मंडी, 13 को कांगड़ा, मंडी और सिरमौर और 14 अगस्त को कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला और सिरमौर जिले में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। अन्य क्षेत्रों में येलो अलर्ट रहेगा। 15 से 17 अगस्त तक कई क्षेत्रों के लिए येलो अलर्ट जारी हुआ है। बीती रात घाघस में 61.0, बिलासपुर 50.2, सराहन 30.0, मुरारी देवी 28.6, मालरांव 19.2, स्लैपर 18.9, देहरा गोपीपुर 16.0, धर्मशाला में 14.8 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। वही बारिश-भूस्खलन के चलते मनाली-चंड़ीगढ नेशनल हाईवे समेत प्रदेश भर में 300 से अधिक सड़कें बंद हैं, जबकि 100 से अधिक ट्रांसफार्मर और 500 पेयजल योजनाएं प्रभावित हैं। नालागढ़ के कुमारहट्टी के समीप पहाड़ी से मलबा आने के कारण कृत्रिम झील बन गई है। खतरे को भांपते हुए एक मकान खाली करवा दिया है। कुल्लू के सैंज में काला छौ पहाड़ी से बड़े-बड़े पत्थर गिर रहे हैं। इससे भूपन गांव को खतरा बन गया है।
हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों में आज और कल बारिश होने की सम्भावना है। मौसम विभाग ने इन 5 जिलों ऊना, बिलासपुर, शिमला, सोलन और सिरमौर के लिए यलो अलर्ट जारी किया है। इन दो दिनों के दौरान भारी बारिश के चलते लैंडस्लाइड, जल भराव और बाढ़ जैसे हालात भी देखने को मिल सकते हैं। वहीँ 10 और 11 अगस्त को राज्य के कुछ इलाकों में तेज़ बारिश का ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया गया है। इसे देखते हुए विभाग लोगों से सतर्क रहने की अपील की है। बारिश- लैंडस्लाइड के चलते राज्य में बिजली के 861 ट्रांसफार्मर ठप हो चुके हैं। इसकी वजह से चंबा के 20 गांवों में ब्लैक आउट की स्थिति बन चुकी है। शिमला में भी कई जगहों पर पेड़ गिरने से क्षति हुई है। बारिश से रास्ते बंद होने की वजह से किन्नर कैलाश यात्रा आगे और दो दिनों के लिए स्थगित कर दी गई है। इस मानसून में अभी तक 51 लैंडस्लाइड की घटनाएं, 58 जगह बाढ़ और 30 जगह पर बादल फटने की घटनाएं हुई हैं। 202 लोगों की मौत इस मानसून में राज्य में अभी तक 202 लोगों की जान चली गई है। इनमें 32 लोगों की जान बाढ़, बादल फटने और लैंडस्लाइड से हुई, जबकि 36 लोग लापता हैं। वहीँ सड़क हादसों में 94 लोगों की मौत हुई है। बारिश से 1952 करोड़ की संपत्ति हुई नष्ट प्रदेश में भारी बारिश से सरकारी व निजी संपत्ति को मिलाकर अब तक लगभग 1952 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है। वहीँ बारिश से चलते लगभग 477 घर पूरी तरह से जमींदोज हो गए हैं।
हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी राज्यों में तेज बारिश आफत बन चुकी है। लगातार हो रही बारिश ने राज्य के हालात चुनौतीपूर्ण बना दिए हैं। जिसके चलते आम जीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। मौसम विभाग के वैज्ञानिक संदीप कुमार शर्मा ने जानकारी दी कि 7 और 8 अगस्त को राजधानी शिमला सहित सिरमौर, सोलन और कांगड़ा में भी कुछ -एक क्षेत्रों में तीव्र बारिश होने की सम्भावना जताई है। इसके बाद 9 से 12 अगस्त तक प्रदेश में बारिश से होने की संभावना है। वही मौसम विभाग द्वारा लोगों को सतर्क रहने को कहा गया है। इन जगहों में येलो अलर्ट जारी राज्य में कई हिस्सों में 10 अगस्त तक बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग के अनुसार राज्य में 7 अगस्त को सोलन और सिरमौर जिला में बारिश होने की संभावना जताई गई है। 8 अगस्त को कांगड़ा शिमला, सोलन, सिरमौर में वहीँ 9 अगस्त को ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, मंडी और 10 अगस्त को ऊना, कांगड़ा, मंडी व सिरमौर के कुछ क्षेत्रों में भी बारिश का येलो अलर्ट जारी हुआ है। बीते 24 घंटों में इन क्षेत्रों में हुई बारिश पिछले 24 घंटों में हिमाचल के शिमला, भुंतर, कल्पा, धर्मशाला, ऊना, नाहन, पालमपुर, सोलन, मनाली, कुकुम्सेरी, सराहन में हल्की से मध्यम बारिश और वहीँ कसौली, धरमपुर, गोहर, बग्गी, नैना देवी, सुंदरनगर, कांगड़ा जैसे कुछ एक क्षेत्रों में तीव्र से बहुत तीव्र बारिश दर्ज की गई है। प्रदेश में अधिकतम तापमान ऊना में 32.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया और वहीँ न्यूनतम तापमान केलोंग में 11.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। 533 सड़कें, 635 बिजली ट्रांसफार्मर ठप राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की बीते कल के नए जन उपयोगिता स्थिति रिपोर्ट के मुताबिक पुरे राज्य में 533 सड़कें बाधित हैं, जिनमें NH-3, NH-5, NH-21 तथा NH-305 सम्मिलित हैं। इसके अलावा 635 बिजली ट्रांसफार्मर काम नहीं कर रहे हैं और 266 जलापूर्ति योजनाएं अवरुद्ध हैं। 199 लोगों की गई जान हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कहा कि राज्य में इस साल 20 जून से 6 अगस्त तक मानसून में कुल 199 मौतें हुईं हैं, जिसमें 108 भूस्खलन, अचानक बाढ़, बादल फटने के साथ ही बिजली के झटके के कारण हुईं हैं। मंडी, कुल्लू और कांगड़ा जैसे जिले सबसे अधिक प्रभावित हुई हैं जिनमें केवल मंडी में बारिश से सबसे ज्यादा 23 मौतें हुई हैं। वहीँ 304 लोगों के घायल होने की और 36 लोगों के लापता होने की भी पुष्टि की है। अभी तक कुल नुकसान लगभग 1905.5 करोड़ रुपये का हुआ है जिसमें सड़कें, घर, कृषि, बागवानी, बिजली और जल क्षेत्र प्रभावित हुए हैं।
सभी ऑर्डिनरी बसों में मुफ्त यात्रा हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम की बसों में महिलाएं रक्षाबंधन और भैया दूज के दिन महिलाएं यात्रा मुफ्त में कर पाएगीं। एच. आर. टी. सी. के प्रबंध निदेशक डॉ. निपुण जिंदल ने HRTC के सभी डिप्टी डिवीजनल और रीजनल मैनेजर को पत्र लिखकर महिलाओं की मुफ्त यात्रा सुनिश्चित करने के लिए निर्देश जारी कर दिए हैं। HRTC के पास लगभग 2800 बसें हैं। इन निर्देशों के बाद रक्षाबंधन और भैया दूज वाले दिन राज्य की लगभग 30 लाख बहने सरकारी ऑर्डिनरी बसों में मुफ्त ट्रेवल कर पाएगी। फ्री ट्रैवल करने की सुविधा सुबह सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक रहेगी। आपको बता दें कि राज्य सरकार बीते कई सालों से महिलाओं को रक्षाबंधन और भैया दूज के मौके पर मुफ्त यात्रा की सुविधा देते आ रही है।
हिमाचल में बीती रात से ही मूसलाधार बारिश के चलते रोज़मर्रा की ज़िंदगी पूरी तरह से छिन्न-भिन्न हो गई हैं। वहीं तीव्र वर्षा की वजह से भूस्खलन और बाढ़ के चलते कई क्षेत्रों में भारी नुकसान हुआ है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के वैज्ञानिक संदीप कुमार शर्मा ने बताया कि 8 अगस्त से मौसम की तीव्रता फिर से बढ़ने की संभावना है। 8-9 अगस्त को ऊना, चंबा, कांगड़ा, सिरमौर और सोलन के कुछ हिस्सों में भारी बारिश हो सकती है। इसके अलावा जिला शिमला, सोलन और सिरमौर में विजिबिलिटी कम रहने का अनुमान है। खराब मौसम के दौरान लोगों से एहतियात बरतने की अपील की गई है। संदीप कुमार शर्मा ने बताया कि अगस्त महीने में अब तक प्रदेश में 34 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई है। वहीं, पूरे मानसून सीजन में अब तक सामान्य से 12 प्रतिशत अधिक बारिश रिकॉर्ड हुई है। भारी बारिश और भूस्खलन के कारण कई सड़क बंद है, जिसके चलते सिरमौर और सोलन जिला के कई उपमंडलों के शिक्षण संस्थानों व आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद रखने के लिए आदेश हुआ हैं। वही प्रशासन ने भी आमजनों से अपील की है कि वे ऐसी स्थिति में अनावश्यक यात्रा से बचें। प्रदेश में दो दिनों से हो रही लगातार भारी बारिश से जगह- जगह लैंडस्लाइड और पेड़ गिरने की घटनाएं सामने आई है जिसके प्रदेश में 4 एनएच सहित 613 सड़कें यातायात के बाधित हो गई हैं। इसके अलावा 1491 बिजली ट्रांसफार्मर और 265 पानी की स्कीमें बाधित हो गई है। 448 मकान पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं। मॉनसून सीजन में अबतक मरने वालों का आंकड़ा 194 पहुंच गया है। वही राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश में मॉनसून की भारी बारिशों के कारण प्रदेश में 1600 करोड़ से अधिक का नुकसान हो गया है जबकि कृषि और बागवानी का आंकलन अभी पूरा नहीं हुआ है ऐसे में आंकड़ा अभी बढ़ेगा। सभी बाधित सड़कों को खोलने का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है। लगातार भारी बारिश से नदी नाले उफान पर है। प्रदेश में बादल फटने की घटनाओं और भूस्खलन में इज़ाफ़ा हो रहा है ऐसे में नदी नालों के समीप निर्माण पर सोचना होगा क्योंकि ज्यादातर क्षति नदी और नालों के समीप निर्माण से हो रही है। जगत सिंह नेगी ने उत्तरकाशी की खीर गंगा में बादल फटने की घटना से हुए नुकसान पर दुख प्रकट किया।
हिमाचल प्रदेश में ऑरेंज अलर्ट के बीच मंगलवार को कई क्षेत्रों में बादल झमाझम बरसे। भारी बारिश के चलते रास्ता कई जगह अवरुद्ध होने पर किन्नौर कैलाश यात्रा अगले आदेशों तक स्थगित कर दी गई है। जबकि तांगलिंग खड्ड में आई बाढ़ के कारण पुल बहने से यात्रा पर निकले 100 श्रद्धालु बीच रास्ते में फंस गए हैं। प्रशासन ने फंसे लोगों को निकालने के लिए बचाव दल रवाना कर दिया है। रिब्बा नाले में बाढ़ की चपेट में आने 15 मीटर एनएच ध्वस्त हो गया है। सांगला घाटी के चार नालों में बाढ़ आने से दो पैदल पुल बह गए हैं। उधर, ठियोग के नेरी पुल के समीप शिव मंदिर के पास मारुति कार पर पहाड़ी से बड़ा पत्थर गिरने से एक स्थानीय युवक की मौत हो गई। हिमाचल प्रदेश में मंगलवार शाम तक रामपुर-किन्नौर, आनी-कुल्लू और मंडी-धर्मपुर एनएच समेत 446 सड़कें, 360 बिजली ट्रांसफार्मर और 257 पेयजल योजनाएं प्रभावित हैं। मंडी और बल्ह में सोमवार रात से मंगलवार शाम तक 151.2 मिलीमीटर बारिश हुई। मंडी के गुटकर में वाहनों के शोरूम के बाहर पार्क गाड़ियां पानी में डूब गईं। बाद में इन्हें क्रेन की मदद से बाहर निकाला गया। जेल रोड में नाले का पानी घरों में घुस गया। कुल्लू में भूस्खलन की वजह से बालू स्कूल तहस-नहस हो गया है। दो गोशालाएं भी भूस्खलन की चपेट में आई हैं, जिससे पांच भेड़ों और एक बछड़ी की मौत हो गई है। गोहर उपमंडल के कई गांवों में सोमवार रात हुई मूसलाधार बारिश ने भारी तबाही मचाई। नांडी पंचायत के कटवांडी गांव में शिव दास के घर में उफनते नाले का पानी घुस गया। पानी और मलबा मकान की दीवार तोड़ते हुए अंदर घुस गया। बाप-बेटे ने भागकर जान बचाई। बल्ह घाटी में सुकेती समेत अन्य खड्डें उफान पर हैं। बल्ह घाटी जलमग्न हो गई है। कई जगह पार्किंग में वाहन भी पानी में डूब गए हैं। सराज घाटी का सड़क संपर्क भी अन्य क्षेत्रों से कट गया है। जलस्तर बढ़ने से ब्यास के साथ पिन पार्वती, सरवरी खड्ड के साथ नदी-नाले उफान पर हैं। कांगड़ा में मंगलवार को दिल्ली से दो और चंडीगढ़ से एक फ्लाइट गगल हवाई अड्डा नहीं पहुंची। जिले में एक कच्चा मकान पूरी तरह से ढह गया। 12 घरों और 11 गोशालाओं को क्षति पहुंची है। पौंग बांध का जलस्तर 1361 फीट पहुंच गया है, जो खतरे के निशान से 21 फीट दूर है। प्रशासन की ओर से बांध से निचले क्षेत्र के लोगों को अपना सामान समेटने के साथ सुरक्षित स्थान चिन्हित करने को कहा गया है। हिमाचल के कई क्षेत्रों में आज भी बारिश का येलो अलर्ट प्रदेश के कई क्षेत्रों में बुधवार को बारिश का येलो अलर्ट जारी हुआ है। 11 अगस्त तक प्रदेश में बारिश का दौर जारी रहने का पूर्वानुमान है। मंगलवार को राजधानी शिमला में दिन भर हल्की बारिश होती रही। सुंदरनगर, भुंतर, धर्मशाला, नाहन, कांगड़ा, मंडी और धौलाकुआं में भी बारिश दर्ज हुई।
हिमाचल प्रदेश में पांच बीघा भूमि नियमितीकरण वाली नीति पर 23 साल बाद मंगलवार को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला आया। प्रदेश हाईकोर्ट ने पांच बीघा भूमि नियमितीकरण वाली सरकार की नीति को खारिज कर दिया है। साथ ही अदालत ने 28 फरवरी 2026 तक सरकारी भूमि से अवैध कब्जों को हटाने के आदेश पारित किए हैं। न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर और न्यायाधीश बिपिन चंद्र नेगी की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की। राज्य की नियमितीकरण नीति के तहत सरकारी भूमि पर अतिक्रमण करने वालों लोगों से तत्कालीन प्रदेश सरकार ने आवेदन मांगे थे। इसके तहत भूमि को नियमितीकरण करने के लिए एक लाख पैंसठ हजार से अधिक लोगों ने आवेदन किया था। तत्कालीन भाजपा सरकार ने भू-राजस्व अधिनियम में संशोधन कर धारा 163-ए को जोड़ा जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। इसके तहत लोगों को पांच से 20 बीघा तक जमीन देने और नियमितीकरण करने का फैसला लिया गया था, जिससे प्रदेश में जरूरतमंद लोगों को जमीन दी जा सके। न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर और न्यायाधीश बिपिन चंद्र नेगी की खंडपीठ ने 8 जनवरी को सुनवाई के बाद इस फैसले को सुरक्षित रख लिया था। याचिकाकर्ता पूनम गुप्ता की ओर से नीति की वैधता को लेकर हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। अगस्त 2002 में दो न्यायाधीशों की खंडपीठ ने प्रकिया जारी रखने के आदेश दिए थे, जबकि पट्टा देने से मना कर दिया था। वहीं, केंद्र सरकार की ओर से दलीलें दी गईं कि प्रदेश सरकार ऐसी नीति नहीं बना सकती। हाई कोर्ट ने कहा कि हिमाचल प्रदेश भूमि राजस्व अधिनियम की धारा 163-ए स्पष्ट रूप से मनमानी और असंवैधानिक है और इसके परिणामस्वरूप, हिमाचल प्रदेश भूमि राजस्व अधिनियम की धारा 163-ए और उसके अंतर्गत बनाए गए नियम रद्द किए जाते हैं। इस धारा के तहत सरकार ने अपने पास अतिक्रमणों को नियमित करने की शक्तियां प्राप्त कर ली थी जबकि मूल रूप से बनाए गए कानून के तहत ऐसा नहीं किया जा सकता था। कोर्ट ने आदेश दिए कि हिमाचल प्रदेश में सरकारी भूमि पर किए गए अतिक्रमणों की व्यापकता को ध्यान में रखते हुए, राज्य सरकार को "आपराधिक अतिक्रमण" से संबंधित कानून में संशोधन पर विचार करना चाहिए और इसे उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और ओडिशा राज्यों में किए गए राज्य संशोधनों के अनुरूप लाना चाहिए। कोर्ट ने महाधिवक्ता को निर्देश दिया कि वे इस निर्णय की प्रति हिमाचल प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव और सभी संबंधितों को तत्काल अनुपालन हेतु प्रेषित करें और उन राजस्व अधिकारियों के विरुद्ध कानून के अनुसार उचित कार्रवाई करने के निर्देश दें, जिनके अधिकार क्षेत्र में भूमि पर अतिक्रमण की अनुमति दी गई है। कोर्ट ने पाया कि उन दोषी अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है, जिन्होंने मिलीभगत से पूरे राज्य में इस तरह के अतिक्रमण होने दिए। ऐसा नहीं है कि हजारों अतिक्रमण रातोंरात हो गए। अधिकारी अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में विफल रहे हैं। आदेशों के बाद महाधिवक्ता अनूप रत्न ने कहा कि यह निर्णय अत्यंत महत्वपूर्ण है और इसकी प्रति मुख्य सचिव को भेजी जा रही है। सरकार इस पर विस्तृत अध्ययन कर उचित कार्रवाई करेगी। यह निर्णय हिमाचल प्रदेश में सरकारी भूमि की सुरक्षा और न्यायिक सक्रियता की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। आने वाले समय में इसका असर पंचायत चुनावों से लेकर राज्य की भूमि नीतियों पर भी देखा जा सकता है।
हिमाचल प्रदेश में इन दिनों भारी बारिश का दौर जारी है, जिसके चलते मौसम विभाग ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। मौसम विज्ञान केंद्र ने आज के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। यह अलर्ट आज से लेकर कल 5 अगस्त तक जारी रहेगा। मौसम विभाग के अनुसार, आज हिमाचल प्रदेश के कई जिलों में भारी से मध्यम बारिश की संभावना है। कुल्लू, मंडी, सोलन, ऊना, कांगड़ा और हमीरपुर जिलों के कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश और एक-दो जगहों पर भारी बारिश हो सकती है। इसके अलावा, राज्य के अन्य जिलों में भी हल्की बारिश होने का अनुमान है। बीते कल, राज्य के अधिकांश हिस्सों में बादल छाए रहे और कई स्थानों पर बारिश भी हुई। इस बारिश के कारण ऊँचाई वाले इलाकों में तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। सबसे कम न्यूनतम तापमान केलांग में 11.1 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि सबसे अधिक अधिकतम तापमान पोंटा साहिब में 31.0 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
करीब डेढ़ माह बाद आज से शिमला-धर्मशाला के बीच विमानन कंपनी एलायंस एयर फिर से हवाई उड़ाने फिर से शुरू हो गई है।अगस्त में सप्ताह में दो दिन सोमवार और बुधवार को यह उड़ान होगी, जबकि सितंबर में सप्ताह में चार दिन शिमला-धर्मशाला के बीच जहाज उड़ान भरेगा। जानकारी के अनुसार खराब मौसम के कारण एलायंस एयर ने जुलाई में शिमला-धर्मशाला के बीच होने वाली हवाई सेवा को बंद कर दिया था। लेकिन अब इस हवाई सेवा को चार अगस्त से फिर से शुरू किया जा रहा है। इस दौरान राजधानी शिमला से एलायंस एयर का जहाज सुबह 8:10 बजे धर्मशाला के लिए उड़ान भरेगा और 9:00 बजे गगल एयरपोर्ट पर लैंड होगा। इस दौरान यात्रियों से 1724 रुपये किराया वसूला जाएगा। वहीं धर्मशाला से शिमला के हवाई उड़ान सुबह 9:20 बजे होगी, जो 10:10 बजे शिमला पहुंचेगी। धर्मशाला-शिमला हवाई रूट पर यात्रियों से 2271 रुपये किराया वसूला जाएगा। विमानन कंपनी एलायंस एयर की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार अगस्त माह में यह उड़ान सप्ताह में केवल दो दिन ही होगी, जबकि सितंबर माह में धर्मशाला-शिमला के बीच चार दिन उड़ानें होंगी। इन उड़ानों के लिए विमानन कंपनी ने रविवार, सोमवार, बुधवार और शुक्रवार का शेड्यूल जारी किया गया है। इस सस्ती हवाई सेवा के शुरू होने से उन यात्रियों को खासा लाभ होगा, जो शिमला से धर्मशाला के बीच सफर करते हैं। वहीं कंपनी के प्रतिनिधि ने बताया कि विमान सेवा को शुरू करने को लेकर शेड्यूल जारी कर दिया गया है। मौसम साफ रहा तो चार अगस्त से उड़ान शुरू हो जाएगी।
भाजपा के वरिष्ठ नेता पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री प्रो प्रेम कुमार धूमल ने हिमाचल प्रदेश कांग्रेस सरकार की चार दिवसीय महामंथन मंत्रिमंडल बैठक का सबसे प्रमुख निर्णय, प्रदेश में लॉटरी को पुनः आरंभ करने की निंदा की है। प्रो धूमल ने कहा कि आज से 30 वर्ष पहले 17 अप्रैल 1996 को उच्च न्यायालय ने प्रदेश में चल रही सिंगल डिजिट लॉटरी की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था। इसके उपरांत जब मैं स्वयं 1998 में पहली बार प्रदेश का मुख्यमंत्री बना उसके अगले वर्ष 1999 में हमारी भाजपा सरकार ने एक मत में निर्णय लिया की हिमाचल प्रदेश में पूरा लॉटरी सिस्टम बंद कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह निर्णय केवल मात्र एक निर्णय नहीं था, अपितु पूरे प्रदेश को बर्बादी से बचाने की एक दूरगामी सोच थी। उसे समय हिमाचल प्रदेश की सभी श्रेणियों के कर्मचारियों, सेवानिवृत कर्मचारी, मजदूरों एवं युवाओं ने बड़ी संख्या में लॉटरी खरीदनी शुरू कर दी थी, जिसके कारण कर्मचारियों की सैलरी, युवाओं की बचत, सेवानिवृत की पेंशन और मजदूरों का पैसा दाव पर लग गया था और कई परिवार एवं घर तबाह हो गए थे। इस अभिशाप लॉटरी की आदत हिमाचल प्रदेश की जनता को ना लग जाए इसलिए जनहित में लॉटरी को बंद किया गया था। उस समय कई कर्मचारी एवं सेवानिवृत कर्मचारियों ने अपना वेतनमान एवं रिटायरमेंट की कमाई लॉटरी में गंवा थी। प्रो प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि 2004 में कांग्रेस की सरकार ने लॉटरी को फिर शुरू किया और उसके उपरांत तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह द्वारा इस लॉटरी सिस्टम के ऊपर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया। शायद पूर्व मुख्यमंत्री को भी समझ आ गया था की लॉटरी एक अभिशाप है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में हिमाचल प्रदेश में कुल 231180 कर्मचारी काम कर रहा है, जिसमें से 160000 पक्के कर्मचारी है। इसी तरह से हिमाचल प्रदेश में 9 से 10 लाख बेरोजगार है जिनको इस लॉटरी प्रथा से बड़ा खतरा है, जिससे इनका जीवन दाव पर लग सकता है। हिमाचल की कांग्रेस की सरकार सत्ता में प्रथम कैबिनेट में 1 लाख युवाओं को और 5 साल में 5 लाख युवाओं को पक्की नौकरी देने के वादे पर सत्ता में आई थी पर असलियत जिस प्रकार से निकल कर सामने आ रही है की हिमाचल प्रदेश शराब, चिट्टा, भांग, नशा और लॉटरी का गढ़ बनता दिखाई दे रहा है। भारतीय जनता पार्टी इस निर्णय की कड़ी निंदा करती है और सरकार से मांग करती है कि इस प्रकार के जन विरोधी निर्णय को तुरंत प्रभाव से वापस ले।
हिमाचल प्रदेश में बिकने वाली हर शराब की बोतल पर अब होलोग्राम और क्यूआर कोड लगाना अनिवार्य होगा। यह फैसला आबकारी विभाग ने नकली और अवैध शराब की बिक्री रोकने के लिए लिया है। सरकार ने 'ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम' के तहत इस व्यवस्था को लागू किया है। इस सिस्टम से शराब की हर बोतल पर सिक्योरिटी होलोग्राम, क्यूआर कोड और बॉक्स पर बार कोड लगेगा। बॉटलिंग प्लांट से निकलते वक्त बोतलों और पेटियों को स्कैन किया जाएगा। फिर गोदाम और रिटेल शॉप तक पहुंचने के हर पड़ाव पर इनकी ट्रैकिंग होगी। ग्राहक भी मोबाइल से क्यूआर कोड और होलोग्राम स्कैन कर शराब की असली और नकली पहचान कर सकेंगे। सरकार ने अगले एक साल में 10 करोड़ होलोग्राम तैयार करने की योजना बनाई है।
हिमाचल प्रदेश में जुलाई 2025 के दौरान औसत से 2 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई है। इस बार प्रदेश में 250.3 मिलीमीटर वर्षा हुई, जबकि जुलाई में सामान्य बारिश का आंकड़ा 255.9 मिमी माना जाता है। मौसम विभाग के अनुसार, यह वर्ष 1901 के बाद जुलाई में 73वीं सबसे अधिक वर्षा है। जुलाई में अब तक सबसे ज्यादा बारिश साल 1949 में 548.6 मिमी रिकॉर्ड की गई थी। जुलाई में मंडी जिला सबसे अधिक बारिश वाला क्षेत्र रहा, जहां 574.7 मिमी बारिश हुई। इसके उलट, लाहौल-स्पीति में सबसे कम 32.2 मिमी वर्षा दर्ज की गई। बिलासपुर, हमीरपुर, कुल्लू, मंडी, शिमला, सिरमौर और ऊना में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज हुई, जबकि चंबा, कांगड़ा, सोलन और लाहौल-स्पीति में सामान्य से कम वर्षा देखी गई। आज और कल के लिए येलो अलर्ट मौसम विभाग ने शनिवार और रविवार (3 और 4 अगस्त) को राज्य के कई हिस्सों में बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी किया है। वहीं, 4 और 5 अगस्त को हल्की बारिश की संभावना जताई गई है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के मुताबिक, अगस्त से सितंबर तक दक्षिण-पश्चिम मानसून के दूसरे चरण में राज्य के कई क्षेत्रों में सामान्य से अधिक वर्षा हो सकती है।
प्रदेश में इस मानसून सीजन में 20 जून से 31 जुलाई तक 173 लोगों की मौत हो गई, जबकि 281 घायल हुए हैं। 36 लोग अभी भी लापता हैं। 78 लोगों की सड़क हादसों में मौत हुई है। बादल फटने, भूस्खलन, बाढ़ से अब तक 1,766 कच्चे-पक्के घरों, दुकानों को क्षति हुई है। 1,313 गोशालाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं। 1,410 पालतु पशुओं की माैत हुई है। नुकसान का कुल आंकड़ा 1,626 करोड़ रुपये पहुंच गया है। प्रदेश में 20 जून से 31 जुलाई तक सामान्य से 10 फीसदी अधिक बारिश दर्ज हुई है। इस अवधि में 357 मिलीमीटर बारिश को सामान्य माना गया है। इस वर्ष 391 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई। किन्नौर, चंबा, लाहौल-स्पीति में सामान्य से कम और शेष जिलों में सामान्य से अधिक बारिश हुई। बिलासपुर में सामान्य से 24, हमीरपुर में 33, कांगड़ा में तीन, कुल्लू में 30, मंडी में 65, शिमला में 71, सिरमौर में 24, सोलन में आठ और ऊना में 22 फीसदी अधिक बारिश हुई। चंबा में सामान्य से 11, किन्नौर में 18 और लाहौल-स्पीति में 70 फीसदी कम बारिश दर्ज हुई।
हिमाचल प्रदेश में वीरवार को राजधानी शिमला सहित ऊना, नाहन, मंडी में बादल बरसे। रोहतांग के साथ ऊंची चोटियों पर वीरवार को बर्फबारी भी हुई। खपीन जोत में पत्थर गिरने से शाहपुर के भेड़पालक की मौत हो गई। कुल्लू के सैंज में पिन पार्वती नदी में बाढ़ आने से शाक्टी मरोड़ को जोड़ने वाले पैदल रास्तों पर बनीं छह पुलियां बह गई हैं। वीरवार शाम तक प्रदेश में 291 सड़कें, 416 बिजली के ट्रांसफार्मर और 219 जल आपूर्ति योजनाएं ठप रहीं। उधर, मनाली-लेह मार्ग पर 24 घंटे बाद भी बड़े वाहनों की आवाजाही ठप है, ऐसे में मनाली से लेह की तरफ जाने वाले करीब 300 ट्रक रास्ते में फंस गए हैं। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने शुक्रवार को पांच जिलों कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला और सिरमौर के कुछ क्षेत्रों के लिए भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। 6 अगस्त तक प्रदेश में मौसम खराब बने रहने का पूर्वानुमान है। राजधानी शिमला में वीरवार को सुबह मौसम साफ रहा। दोपहर को शहर में बादल बरसे। कांगड़ा जिले में वीरवार सुबह कई क्षेत्रों में हल्की बारिश हुई और दिनभर बादल छाए रहे। धर्मशाला में दिनभर धुंध छाई रही। मुल्थान तहसील की दोनों मुख्य सड़कें मुल्थान-बड़ाग्रां व मुल्थान-बरोट-लोहरड़ी ल्हासे गिरने के कारण बंद हो गई हैं।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में गुरुवार को हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक का चौथा और अंतिम दौर आयोजित हुआ। बैठक में कई अहम फैसले लिए गए, जिनमें सबसे बड़ा निर्णय प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र आयोजित करने को लेकर रहा। कैबिनेट की बैठक में 18 अगस्त से 2 सितंबर 2025 तक मानसून सत्र चलाने की सिफारिश की गई है। यह सत्र कुल 12 बैठकों का होगा और इसकी अंतिम मंज़ूरी के लिए प्रस्ताव राज्यपाल को भेजा जाएगा। राज्यपाल की स्वीकृति मिलने के बाद अधिसूचना जारी की जाएगी। राज्यपाल को मिलेगी नई मर्सिडीज, कीमत 92 लाख रुपए बैठक में एक और चर्चित निर्णय राज्यपाल के लिए नई गाड़ी ख़रीदने को लेकर लिया गया। कैबिनेट ने राज्यपाल के लिए 92 लाख रुपए की नई मर्सिडीज कार ख़रीदने को मंज़ूरी दी है। संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रोटोकॉल के तहत राज्यपाल की आधिकारिक गाड़ी को हर पांच साल में बदला जाता है। उसी प्रक्रिया के तहत यह स्वीकृति दी गई है। सरकारी लॉटरी को फिर से शुरू करने का फ़ैसला कैबिनेट ने हिमाचल प्रदेश में सरकारी लॉटरी को दोबारा शुरू करने का भी फैसला किया है। यह योजना वर्ष 1998 में बंद कर दी गई थी, लेकिन अब इसे फिर से शुरू करने की मंज़ूरी मिल गई है। पंजाब जैसे पड़ोसी राज्यों में इस योजना से राजस्व अर्जन हो रहा है और अब हिमाचल भी इसी दिशा में आगे बढ़ेगा। OBC आरक्षण और स्क्रैप नीति पर भी मुहर बैठक में शहरी निकाय चुनावों में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को आरक्षण देने का निर्णय भी लिया गया। इसके अलावा, बिना पंजीकरण के चल रही वाहनों को स्क्रैप करने का निर्णय भी लिया गया है, जिससे सड़कों पर चल रहे अवैध और पुराने वाहनों पर लगाम लगाई जा सकेगी।
यहाँ आपकी स्क्रिप्ट को बेहतर भाषा, प्रवाह और न्यूज़ प्रेज़ेंटेशन के लिहाज से एडिट किया गया है: हिमाचल प्रदेश सरकार ने नशे के खिलाफ अभियान को और तेज़ करते हुए एक बड़ा कदम उठाया है। अब प्रदेश में पुलिस भर्ती से पहले सभी उम्मीदवारों का डोप टेस्ट ज़रूरी होगा। साथ ही, सभी नए सरकारी कर्मचारियों को यह शपथ पत्र देना होगा कि वे किसी भी तरह के नशे, खासकर सिंथेटिक ड्रग्स यानी चिट्टे का सेवन नहीं करते। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि राज्य सरकार ड्रग्स के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। इसी के तहत हर ज़िले में नशा मुक्ति केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जिनके लिए 14.95 करोड़ रुपए स्वीकृत किए जा चुके हैं। इसके अलावा, नशे के खिलाफ जमीनी स्तर पर कार्रवाई के लिए पुलिस कांस्टेबलों के साथ आशा वर्करों और पंचायत सहायकों की टीम भी गठित की जाएगी। मुख्यमंत्री सुक्खू ने बताया कि सरकार ने PIT-NDPS एक्ट को लागू किया है, जिसके तहत सिर्फ शक के आधार पर भी संदिग्ध को हिरासत में लिया जा सकता है। इस एक्ट के तहत अब तक 44 लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है और ड्रग नेटवर्क से जुड़ी करीब 42.22 करोड़ की संपत्तियाँ ज़ब्त की गई हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में दोगुनी है। राज्य भर के सभी पुलिस थानों को अब A, B, C और D ग्रेड में वर्गीकृत किया जाएगा। यह ग्रेडिंग संबंधित क्षेत्र की जनसंख्या और अपराध दर के आधार पर की जाएगी, ताकि सुधारात्मक कार्यवाही को और व्यवस्थित रूप दिया जा सके।
हिमाचल प्रदेश में अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश होने की संभावना है, जिसके चलते मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है। यह अलर्ट आज से 5 अगस्त तक के लिए है। इस दौरान, राज्य के कई जिलों में भारी बारिश होने की उम्मीद है। मौसम विभाग के अनुसार, आज चंबा, कांगड़ा, मंडी, और कुल्लू जिलों में कुछ जगहों पर भारी बारिश हो सकती है। वहीं, राज्य के बाकी हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। बीते दिन भी हिमाचल प्रदेश के ज़्यादातर इलाकों में बादल छाए रहे और कई जगहों पर बारिश हुई। इसका असर ऊँचाई वाले क्षेत्रों में देखने को मिला, जहाँ तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। कल कुकुमसेरी में सबसे कम न्यूनतम तापमान 11.3 डिग्री सेल्सियस और भुंतर में सबसे अधिक तापमान 33.5 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। आने वाले दिनों में खराब मौसम को देखते हुए लोगों को खास सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। यह दिशानिर्देश खासकर आम जनता और पर्यटकों के लिए हैं।
हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक बुधवार को मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई। लगातार तीसरे दिन हुई मंत्रिमंडल की बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए। मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी कैबिनेट मंत्री हर्षवर्धन चाैहान व यादवेंद्र गोमा ने दी। करुणामूलक आधार पर नौकरियों के लिए आय की सीमा को 2,50,000 लाख से बढ़ाकर तीन लाख सालाना किया गया है। इससे बहुत से अभ्यर्थी नाैकरियों की पात्रता पूरी कर सकेंगे। इसमें पहली प्राथमिकता विधवाओं को दी जाएगी, फिर अनाथ को दी जाएगी। इसके बाद अन्य को माैका मिलेगा। वही करुणामूलक आधार मंत्रिमंडल ने 500 पदों को स्वीकृत किया गया है। ये पक्की नाैकरियां होंगी, जोकि तीन व चार श्रेणी पदों पर मिलेगी। फैसला एसएनजीएनसी शिमला में बीएससी नर्सिंग की सीटों को 60 से बढ़ाकर 100 किया गया। टांडा मेडिकल काॅलेज में इसे 30 से बढ़ाकर 60 किया गया है। मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी कैबिनेट मंत्री हर्षवर्धन चाैहान व यादवेंद्र गोमा ने दी। साथ ही मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश फैक्टरी नियमों में संशोधन को मंजूरी दी गई। इसके तहत अब महिलाएं भी अपनी इच्छानुसार उद्योगों में आठ की बजाय 12 घंटे की ड्यूटी कर सकेंगी। इसके लिए उन्हें ओवरटाइम मिलेगा। मंत्रिमंडल ने राज्य विद्युत बोर्ड की 200 करोड़ स्टेट गारंटी मंजूर की। विद्युत निगम की उधार सीमा को 6,200 करोड़ करने की मंजूरी दी। मंत्रिमंडल की बैठक में फैसला लिया गया कि अब बीएड की संयुक्त प्रवेश परीक्षा एचपीयू की ओर से आयोजित की जाएगी। मंत्रिमंडल ने इसकी मंजूरी दी है। वहीं महर्षि वाल्मीकि कामगार योजना में मकान निर्माण की राशि को तीन लाख रुपये किया गया है। हिमाचल विधानसभा का मानसून सत्र अगस्त में होगा। इसकी तिथि 31 जुलाई को होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में तय की जाएगी।
ऑरेंज अलर्ट के बीच हिमाचल प्रदेश के कई भागों में बारिश लगातार जारी है। इससे लोगों की दुश्वारियां बढ़ गई हैं। चंबा जिले के भटियात क्षेत्र के तहत कामला में भूस्खलन से बोलेरो गाड़ी सड़क के बीचोंबीच फंस गई। गाड़ी में सवार लोगों ने भागकर अपनी जान बचाई। वहीं चुराह उपमंडल की ग्राम पंचायत मंगली के भोड़ास गांव में पहाड़ी से हुए भूस्खलन की चपेट में कुछ मकान आए हैं। चुराह उपमंडल का तरेला-बौदेड़ी-मंगली जुनास घारे के समीप बंद हो गया। चुराह उपमंडल का शिकारी मोड़-गनेड़-बिहाली मार्ग गनेड़ नाला में बंद होने से लोगों की दिक्कतें बढ़ गई हैं। कांगड़ा जिले में भी भारी बारिश से कई सड़कें ठप हो गई हैं। शिमला में भी माैसम खराब बना हुआ है। राज्य में बुधवार सुबह 10:00 बजे तक भूस्खलन से 343 सड़कें ठप रहीं। 551 बिजली ट्रांसफार्मर व 186 जल आपूर्ति योजनाएं भी प्रभावित हैं। मंडी जिले में सबसे ज्यादा 217 सड़कें व 155 बिजली ट्रांसफार्मर बाधित हैं। चंबा जिले में 279 व कुल्लू जिले में 111 बिजली ट्रांसफार्मर बाधित हैं। माैसम विज्ञान केंद्र शिमला की ओर से आज कई भागों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। 31 जुलाई से 5 अगस्त तक के लिए कई क्षेत्रों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। बीती रात भटियात में 182.6, पालमपुर 157.0, कांगड़ा 115.8, जोत 85.0, नादौन 76.4, पंडोह 63.5, देहरा गोपीपुर 52.2, गोहर 38.0, पच्छाद 37.3, जोगिंद्रनगर 36.0, चंबा 29.0, धर्मशाला 28.4, नयना देवी 22.6, जुब्बड़हट्टी 21.4, सराहन 20.5, जटाैन बैराज 20.4, सोलन और रोहड़ू 20.0 व कोठी में 18.6 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है।
हिमाचल प्रदेश के चार जिलों मंडी, कुल्लू, चंबा और कांगड़ा के कई क्षेत्रों में बुधवार को भी भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी हुआ है। ऊना, हमीरपुर, शिमला और सिरमौर के कई क्षेत्रों में बारिश का येलो अलर्ट रहेगा। मंगलवार को राजधानी शिमला सहित प्रदेश के अधिकांश जिलों में बूंदाबांदी और हल्की बारिश का दौर जारी रहा। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने 31 जुलाई से 4 अगस्त तक प्रदेश के सभी क्षेत्रों में बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। वही मंडी जिले में फिर बादल फटने से भारी तबाही हुई है। मंडी शहर में सोमवार देर रात लगभग 3 बजे बादल फटने से करीब ढाई किलोमीटर क्षेत्र में कहर बरपा है। बादल फटने से आई बाढ़ में फंसे ऑटो को निकालने के चक्कर में मां-बेटे और देवर ने जान गंवा दी। घरों के भीतर मलबे में फंसे 32 से ज्यादा लोगों को खिड़की और दरवाजे तोड़कर सुरक्षित बाहर निकाला गया। प्रशासन ने बताया कि मंडी के जेल रोड से करीब 400 मीटर ऊपर गंधर्व जंगल में बादल फटने से तबाही मची है। जेल रोड, जोनल अस्पताल से सटी दौला कॉलोनी, सैण मोहल्ले और तुंगल कॉलोनी में 100 से ज्यादा बाइक, स्कूटी, ऑटो और कारों समेत अन्य बड़े वाहन मलबे में दब गए। 50 से ज्यादा घरों व दुकानों में मलबा, लकड़ियां और बड़े-बड़े पत्थर घुस गए। कई लोग घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों या रिश्तेदारों के पास चले गए हैं। प्रशासन ने 22 पीड़ितों को पड्डल स्थित गुरुद्वारा में ठहराया है। मंडी के जेल रोड पर बाढ़ में फंसे ऑटो को सुरक्षित जगह पर ले जाते हुए पूर्व पार्षद कृष्णा देवी के परिवार के तीन लोगों की बाढ़ के पानी में बह जाने से मौत हो गई। मृतकों में सपना कुमारी (47), उनका बेटा अमनप्रीत (25) और देवर बलवीर सिंह (45) शामिल हैं। महिला का शव घर के पास कारों के नीचे दबा हुआ था। इसे रेस्क्यू टीम ने कड़ी मशक्कत कर बरामद किया। अमनप्रीत और बलवीर का शव घटना स्थल से 50 मीटर की दूरी पर बरामद हुआ। सपना के पति दर्शन सिंह भी साथ थे, लेकिन वह बाल-बाच बच गए।
हिमाचल किसान सभा और सेब उत्पादक संघ के बैनर तले आज सैकड़ों किसान- बागवानों ने वन भूमि से बेदखली के खिलाफ छोटा शिमला सचिवालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। इससे पहले प्रदर्शनकारी टोलेंड से रैली निकालते हुए सचिवालय की ओर बढ़े, जहा उन्होंने ने पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड तोड़ने का प्रयास किया गया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हल्की धक्का-मुक्की भी हुई। गौरतलब है कि हिमाचल हाईकोर्ट द्वारा अतिक्रमित वन भूमि पर लगे सेब को हटाने के आदेश के खिलाफ शिमला के पूर्व डिप्टी मेयर टिकेंद्र सिंह पंवर और एक अन्य याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में फलों से लदे सेब के पौधों की कटान पर रोक लगा दी है। इसके बावजूद किसान-बागवान बेदखली के मसले को लेकर चिंतित हैं और सरकार से जवाब मांग रहे हैं। प्रदर्शन के दौरान किसान नेता एवं पूर्व विधायक राकेश सिंघा ने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा, यह सरकार अपंग है। सुप्रीम कोर्ट ने पहले भी दो मामलों में बेदखली को गैरकानूनी बताया, लेकिन न कोर्ट ने पूरी तरह रोक लगाई और न ही सरकार ने कोई ठोस कदम उठाया। उन्होंने कहा कि, अब जबकि सुप्रीम कोर्ट ने सेब कटान पर रोक लगा दी है, हम उसका स्वागत करते हैं। लेकिन अब हमारा सवाल है कि क्या सरकार और कोर्ट इस आदेश को मानेगा? हम अपनी अगली रणनीति इसी आधार पर तय करेंगे। सिंघा ने चेतावनी दी कि, सरकार के जेलों में जगह कम पड़ जाएगी। 1980 के बाद आई तमाम सरकारें अपने कर्तव्यों में विफल रही हैं। इन्होंने दो इंच भूमि नहीं छोड़ी, बल्कि सारी भूमि को 1952 की अधिसूचना के तहत वन घोषित कर दिया गया। लेकिन जैसे देश के किसानों ने तीन कृषि कानून वापस कराए थे, वैसे ही हम भी अपने हक की लड़ाई पूरी ताकत से लड़ेंगे।
हिमाचल प्रदेश के तीन जिलों कांगड़ा, कुल्लू और मंडी के कई क्षेत्रों में मंगलवार को भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी हुआ है, अन्य क्षेत्रों में बारिश का येलो अलर्ट रहेगा। तीन अगस्त तक पूरे प्रदेश में बारिश का दौर जारी रहने का पूर्वानुमान है। सोमवार को प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में मौसम मिलाजुला बना रहा। राजधानी शिमला में बूंदाबांदी हुई तो अन्य क्षेत्रों में बादल छाए रहे। हिमाचल में सोमवार शाम तक 200 सड़कें, 62 बिजली ट्रांसफार्मर और 110 जल आपूर्ति योजनाएं प्रभावित रहीं। मंडी जिले में सबसे अधिक 121 सड़कें और 39 जल आपूर्ति स्कीमें बाधित हैं। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार प्रदेश में 29 और 30 जुलाई के दौरान बारिश की अधिक गतिविधि होने की संभावना है। 31 जुलाई से 3 अगस्त तक अनेक स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है। आगामी 48 घंटों के दौरान अधिकतम तापमान में 2-5 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आने की संभावना है। प्रदेश में इस मानसून सीजन में 20 जून से 28 जुलाई तक 164 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। 269 लोग घायल हुए हैं। 35 लोग अभी भी लापता हैं। इस दौरान 74 लोगों की सड़क हादसों में माैत हुई है। बादल फटने, भूस्खलन, बाढ़ से अब तक 1,607 कच्चे-पक्के घरों, दुकानों को क्षति हुई है। 1,168 गोशालाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं। 1,402 पालतु पशुओं की माैत हुई है। नुकसान का कुल आंकड़ा 1523 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।
राज्य सरकार पक्के घरों के निर्माण के लिए सात लाख और कच्चे घरों के लिए एक लाख रुपये देगी। मंत्रिमंडल की बैठक में सोमवार को मानसून में बादल फटने और बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई के लिए आपदा राहत पैकेज पर फैसला लिया जाएगा। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में होने जा रही कैबिनेट बैठक में आपदा में हुए नुकसान और आपदा राहत पैकेज पर प्रस्तुति दी जाएगी। कैबिनेट की बैठक में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी आपदा राहत पैकेज घोषित करने का एजेंडा रखेंगे इसके अनुसार अगर प्राकृतिक आपदा से किसी का घर पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है तो उसे सात लाख की मदद मिलेगी। सात लाख रुपये में केंद्र से एसडीआरएफ के तहत 1.30 लाख का अंशदान दिया जाएगा। बाकी खर्च का वहन राज्य सरकार करेगी। आंशिक रूप से नष्ट हुए घर के लिए एक लाख की मदद दी जाएगी। इसमें केंद्र सरकार का अंशदान 12,500 रुपये होगा और राज्य सरकार 87,500 रुपये की मदद जारी करेगी। गोशाला नष्ट होने पर 50 हजार की मदद दी जाएगी। इसमें केंद्र का अंशदान 10 हजार का होगा और राज्य सरकार 40 हजार देगी। गाय या भैंस की मृत्यु होने पर 55 हजार की सहायता दी जाएगी। इसमें राज्य सरकार 37,500 रुपये और केंद्र 17,500 रुपये देगा। दुकान या ढाबा नष्ट होने पर एक लाख रुपये की मदद दी जाएगी। बगीचे या कृषि योग्य भूमि के नष्ट होने पर 10 हजार और भूस्खलन से नुकसान पर 5,000 रुपये की मदद दी जाएगी। नुकसान का यह आकलन संबंधित क्षेत्र के राजस्व अधिकारी करेंगे। हिमाचल प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण और सामुदायिक सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के तौर पर शुरू की गई वन संवर्धन योजना पर मंत्रिमंडल की बैठक में चर्चा होगी। राजीव गांधी वन संवर्धन योजना का उद्देश्य बंजर और क्षतिग्रस्त वन भूमि पर फलदार वृक्ष लगाकर राज्य ग्रीन कवर बढ़ाना है, साथ ही महिला मंडलों, युवक मंडलों और स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से रोजगार सृजन और जनभागीदारी को बढ़ावा देना भी है। वन विभाग में फील्ड स्टाफ की कमी और बढ़ती पर्यावरणीय चुनौतियों के मद्देनजर यह योजना शुरू की गई है। मंत्रिमंडल की बैठक में पौधा रोपण के लिए दिए जाने वाले भूखंड और मानदेय पर फैसला लिया जाएगा। साथ ही ग्रीन एडॉप्शन स्कीम के तहत निजी कंपनियों को वनीकरण के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से पौधरोपण के लिए भूमि उपलब्ध करवाने पर भी निर्णय होगा। मंत्रिमंडल की बैठक में कांगड़ा एयरपोर्ट के विस्तार को लेकर समय सीमा बढ़ाने पर भी फैसला प्रस्तावित है। एयरपोर्ट के विस्तार का काम अवाॅर्ड करने के लिए समय सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव है।
शिमला स्थित इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (IGMC) पर एक व्यक्ति ने गंभीर आरोप लगाए हैं। पीड़ित ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा करते हुए कहा कि अस्पताल में समय पर इलाज न मिलने के कारण उसकी मां की मृत्यु हो गई। वीडियो में व्यक्ति ने भावुक होकर आरोप लगाया कि IGMC की इमरजेंसी में तकरीबन एक घंटे तक वे, उनके भाई-बहन और पत्नी अपनी माता के इलाज के लिए भटकते रहे, लेकिन इमरजेंसी ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों ने लापरवाही बरती। व्यक्ति ने कहा, "मैंने एक-एक डॉक्टर से अपनी मां के इलाज की भीख मांगी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। डॉक्टर मेरे सामने से गुजरते रहे लेकिन किसी ने इलाज शुरू नहीं किया।" व्यक्ति के अनुसार, वीडियो रिकॉर्ड करने के बाद ही इलाज शुरू हुआ, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। उन्होंने बताया कि उनकी माता का अस्पताल में दाखिला तो हो गया था, लेकिन ट्रीटमेंट का समय निकल गया। उन्होंने यह भी कहा कि दाखिले के बाद एक डॉक्टर बहुत अच्छे थे, लेकिन उन्हें भी इलाज करने का मौका नहीं मिला। इस मामले पर IGMC के डिप्टी मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. अमन ने कहा कि फिलहाल उनके ध्यान में ऐसा कोई मामला नहीं आया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि यदि शिकायत मिलती है तो मामले की जांच की जाएगी। इस वीडियो के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों की तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। कई लोगों ने अस्पताल प्रबंधन से जवाबदेही तय करने की मांग की है।
मातृ शिशु अस्पताल KNH शिमला में डॉक्टरों की लापरवाही का एक बड़ा मामला सामने आया है। डिलीवरी के एक दिन बाद महिला की अस्पताल में मौत हो गई है। परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही बरतने के आरोप लगाए हैं। शिमला के गढ़ावग गांव की रहने वाली 27 साल की अर्चना शर्मा की गुरुवार सुबह 11:30 बजे सीजेरियन ऑपरेशन के जरिए डिलिवरी हुई थी और शुक्रवार सुबह 8: 30बजे उसकी मृत्यु हो गई। परिजनों ने बताया कि आज शुक्रवार सुबह अर्चना को दूसरे कमरे में जबरदस्ती पैदल चल कर शिफ्ट करने को कहा गया। जिसके बाद नर्सों ने उसे बेड से उठाने की कोशिश की इस दौरान महिला को चक्कर आया और ब्लीडिंग भी शुरू हो गई, जिसके थोड़ी ही देर में महिला की मौत हो गई। परिजनों ने आरोप लगाया कि महिला का सीजेरियन ऑपरेशन हुआ था और चलने की स्थिति में नहीं थी, लेकिन उसे जबरदस्ती दूसरे कमरे में शिफ्ट करने की कोशिश की जिससे उसकी मौत हो गई। महिला ने बीते कल ही एक बच्चे को जन्म दिया था और एक चार साल की बेटी घर पर है। परिजनों ने न्याय की मांग करते हुए लापरवाही बरतने वाले डॉक्टर और नर्स पर कारवाई की गुहार लगाई है।
राजधानी शिमला में वीरवार सुबह मौसम साफ रहा। दोपहर बाद अचानक मौसम बदला और शिमला व सोलन में बादल झमाझम बरसे। मैदानी जिलों में मौसम साफ रहने के साथ धूप खिली। वीरवार शाम तक मनाली-कोटली एनएच समेत 274 सड़कें, 56 बिजली ट्रांसफार्मर और 173 पेयजल योजनाएं ठप रहीं। चंबा के चुराह में बिजली गिरने से दो मवेशियों की मौत हो गई। शुक्रवार को भी प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में बारिश के आसार हैं। 26 से 30 जुलाई कई क्षेत्रों में बारिश का येलो अलर्ट जारी हुआ है। प्रदेश के कई क्षेत्रों में मौसम भले ही खुल गया है, लेकिन दुश्वारियां अभी बरकरार हैं। तेज बारिश और भूस्खलन की वजह से पेयजल योजनाएं ठप होने से कई जगह पीने के पानी का संकट गहरा गया है। बिजली ट्रांसफार्मर बंद होने से कई गांवों में अंधेरा छाया हुआ है। हालांकि, वीरवार को धूप खिलने के बाद विभागों ने बिजली-पानी और सड़कों को बहाल करने का काम तेज कर दिया है। जिला कुल्लू में बंजार से गुशैणी सड़क को लोक निर्माण विभाग ने तीन दिन बाद छोटे वाहनों के लिए बहाल कर दिया है। हाईवे-305 चार दिन से अवरुद्ध है। हमीरपुर जिले में सुबह से ही धूप खिली रही। धूप खिलने से फिर गर्मी बढ़ने लगी है। ऊना जिले में वीरवार सुबह से ही मौसम साफ रहा। मौसम खुलने के बाद किसान खेतों में कीटनाशक का छिड़काव करने में जुट गए हैं। कांगड़ा जिले में वीरवार को पूरा दिन मौसम साफ रहा। हालांकि, शाम को थोड़े बादल दिखे, लेकिन बारिश नहीं हुई।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य में लावारिस कुत्तों और बंदरों की बढ़ती संख्या और उनके हमलों की घटनाओं पर गंभीर चिंता जताते हुए कड़ा संज्ञान लिया है। मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायाधीश रंजन शर्मा की खंडपीठ ने इस मामले में सुनवाई करते हुए संबंधित पक्षों को कई महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए। कोर्ट ने कुत्तों और बंदरों के पुनर्वास के लिए एनजीओ की सहायता से 'कैटल पाउंड' (पशु आश्रय) जैसी व्यवस्था पर सुझाव मांगे हैं। इसके साथ ही खंडपीठ ने राज्य सरकार और संबंधित निकायों को निर्देश दिए हैं कि जानवरों की गणना व सर्वेक्षण की स्थिति पर हलफनामा दाखिल करें और स्पष्ट करें कि शहरी क्षेत्रों में इनकी आबादी की गणना की गई है या नहीं। सुनवाई के दौरान धर्मशाला नगर निगम की ओर से एक हलफनामा पेश किया गया, जिसमें बताया गया कि कुत्तों से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए एक प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। मामले की अगली सुनवाई 8 सितंबर को तय की गई है। उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट पहले ही 10 सितंबर 2024 को इस विषय पर एक विस्तृत आदेश पारित कर चुका है। उस आदेश में कोर्ट ने केंद्र सरकार से ‘पशु जन्म नियंत्रण नियम, 2023’ के उस प्रावधान पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया था, जिसके तहत नसबंदी के बाद जानवरों को उसी स्थान पर छोड़ना अनिवार्य है, जहां से उन्हें पकड़ा गया था। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि शहरी क्षेत्रों, स्कूलों और बाजारों के आसपास — जहां छोटे बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग रहते हैं — इन जानवरों के हमले का ख़तरा कहीं अधिक है। ऐसी स्थिति में नसबंदी के बाद भी जानवरों को उसी स्थान पर वापस छोड़ना जनसुरक्षा के लिहाज़ से खतरनाक हो सकता है। हाईकोर्ट ने निर्देश दिए थे कि पशुओं को छोड़ने से संबंधित दिशा-निर्देशों में संशोधन किया जाए और शहरी क्षेत्र, स्कूलों व बाजारों के आसपास के इलाकों को इस प्रावधान से बाहर रखा जाए। शिमला शहर में खासकर छोटा शिमला, हाईकोर्ट परिसर, जाखू, संजौली, समिट्री, ढली चौक, लक्कड़ बाजार, माल रोड, समरहिल, विकासनगर और आईजीएमसी जैसे क्षेत्रों में आए दिन लोग लावारिस कुत्तों और बंदरों के हमलों का शिकार हो रहे हैं। इन हमलों के डर से महिलाएं, स्कूल जाने वाले बच्चे और बुजुर्ग घर से बाहर निकलने में असहज महसूस कर रहे हैं।