हिमाचल: विश्व सहयोग आर्थिक मंच और ग्रामीण भारत के गैर सरकारी संगठनों के परिसंघ ने पूर्व शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा को वैश्विक पुरस्कार नेताजी सुभाष चंद्र वैश्विक नेतृत्व पुरस्कार से सम्मानित किया है। 13-14 सितंबर को तिब्बती इंस्टीट्यूट ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स मैक्लोडगंज में देश के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के सहयोग से WCo-OPEF की ओर से आयोजित 'सहकारी आर्थिक ढांचे के माध्यम से असमानता को कम करने के लिए वैश्विक सहमति बनाने पर एशिया-प्रशांत सम्मेलन' में केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने उन्हें यह सम्मान दिया है। सार्वजनिक नीति में विधायक सुधीर शर्मा के नेतृत्व और सामाजिक कार्य, खेल और हिमालयी बागवानी में विशेष रुचि से ग्रामीण भारत के विकास के लिए उनकी उत्कृष्ट और अदम्य सेवा के लिए उन्हें यह सम्मान दिया गया। मूल रूप से एक कृषक होने के नाते वे पहाड़ी कृषि के प्रति किसानों की क्षमता निर्माण में सक्रिय रूप से शामिल रहे हैं। उन्होंने शहरी विकास के लिए अपनी गहरी सोच के लिए महत्वपूर्ण और व्यापक रूप से मान्यता प्राप्त योगदान दिया है। मौजूदा वक्त में सुधीर शर्मा भारतीय जनता पार्टी के विधायक हैं। साल 2003 में वे पहली बार विधायक का चुनाव जीते थे। सुधीर शर्मा हिमाचल प्रदेश विधानसभा में पांचवीं बार के विधायक हैं। राज्य में तत्कालीन वीरभद्र सरकार के दौरान साल 2012 से साल 2017 तक सुधीर शर्मा शहरी विकास मंत्री भी रह चुके हैं। उनके पिता पंडित संत राम राज्य के कद्दावर नेता रहे हैं। विधायक सुधीर शर्मा ने इस सम्मान के लिए सभी का आभार व्यक्त करते हुए इसे धर्मशाला की जनता को समर्पित किया है।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को आवारा कुत्तों की नसबंदी और अन्य बिंदुओं से जुड़े मामले में पुनर्विचार के आदेश दिए हैं। केंद्र सरकार ने आवारा कुत्तों की नसबंदी और उन्हें रोगाणु रहित (जर्म फ्री) करने के बाद उसी स्थान पर वापिस छोड़े जाने के नियम बनाए हैं। एनिमल बर्थ कंट्रोल एक्ट-2023 के तहत बनाए गए नियम में आवारा कुत्तों को नसबंदी और उन्हें रोगाणु रहित करने के बाद वापिस उसी स्थान पर छोड़ा जाता है, जहां से उन्हें नसबंदी के लिए पकड़ा जाता है। हाईकोर्ट ने कहा कि इस नियम पर पुनर्विचार की जरूरत है। अभी जो किया जा रहा है, वैसा करने से छोटे बच्चों व बुजुर्ग लोगों को कुत्तों के आक्रमण का खतरा अधिक है। हाईकोर्ट ने इस बात को संबंधित अथॉरिटी के ध्यान में लाने के आदेश देते हुए कहा कि उपरोक्त प्रावधान में उपरोक्त संशोधन कर शहरी और स्कूलों के आसपास के क्षेत्रों को इस नीति से मुक्त रखा जाए। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव व न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने राज्य सरकार के वन विभाग और नगर निगम शिमला को आदेश दिए कि वह बंदरों और कुत्तों के आतंक को नियंत्रित करने के लिए अपने प्रयास जारी रखे। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने इस संदर्भ में तेलंगाना हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए इसी तर्ज पर राज्य के वन विभाग को स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल करने के आदेश जारी किए। इन आदेशों में राज्य सरकार को मानव-वन्यजीव संकट का व्यापक अध्ययन करने के लिए विशेषज्ञ निकायों को शामिल करने और सभी हितधारकों के साथ-साथ स्थानीय आबादी को इस बारे में जागरूक करने को कहा गया है। राज्य सरकार को बंदरों की व्यापक जनगणना और इनसे समस्या वाले क्षेत्रों/स्थानों की पहचान करने के आदेश भी जारी किए हैं। साथ ही फसल वाले खेतों की सुरक्षा के लिए अवरोध लगाने और सौर बाड़ लगाने पर भी विचार करने को कहा गय। ये ख्याल रखने के लिए भी आदेश दिए कि यह बाड़ जानवरों अथवा इंसानों के लिए घातक न हो। सरकार को पशु परिवहन नियम-1978 का पालन करते हुए पास के वन क्षेत्रों में बंदरों के पुनर्वास के लिए वन क्षेत्रों में फलदार पेड़ उगाने पर विचार करने को कहा गया है। बीमार और घायल बंदरों के बारे में जानकारी के लिए एक हेल्पलाइन नंबर स्थापित करने और इसका व्यापक प्रचार करने के आदेश भी जारी किए गए हैं।
हिमाचल प्रदेश में आईएएस समेत सभी प्रथम और द्वितीय श्रेणी के अफसरों के कामकाज को अब गुड-वेरी गुड के मानक पर नहीं आंका जाएगा। हिमाचल प्रदेश सरकार ने इस व्यवस्था को समाप्त कर दिया है। अब अधिकारियों के कामकाज को 1 से 10 तक के नंबरों से आंका जाएगा। वार्षिक प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट में 1-2 या 9-10 नंबर देने का तर्क भी देना अनिवार्य कर दिया है। वीरवार को कार्मिक विभाग ने राजपत्र में रिपोर्ट बनाने के नए नियम अधिसूचित कर दिए हैं। अब काम नहीं करने वाले अफसरों की रिपोर्ट में नेगेटिव मार्किंग भी होगी। मूल्यांकन रिपोर्ट के आधार पर ही प्रशासनिक सचिवों, उपायुक्तों और अधिकारियों को कार्यभार मिलेगा। जवाबदेही और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए अधिकारियों के कार्य परिणामों में बदलाव लाने को सरकार ने नियमों को संशोधित किया है। कार्मिक विभाग की अधिसूचना के अनुसार नई प्रणाली के तहत प्रदर्शन मूल्यांकन सीधे सभी अधिकारियों के कार्य परिणामों से जुड़ा होगा। उत्कृष्ट, बहुत अच्छा, अच्छा और औसत जैसी पारंपरिक वर्णनात्मक श्रेणियों को एक संख्यात्मक ग्रेडिंग स्केल से बदल दिया है। वार्षिक कार्य योजना की उपलब्धियां, अन्य कार्य-संबंधी विशेषताएं और व्यक्तिगत और कार्यात्मक विशेषताएं सुधारों में नकारात्मक अंकन भी शामिल किया गया है। अधिकारियों का मूल्यांकन तीन प्रमुख संकेतकों के आधार पर किया जाएगा। इसके तहत सरकारी आदेशों या परामर्श का पालन न करने पर अधिकारियों के 1-10 के मापदंड पर अपने समग्र ग्रेड से दो अंक कम होने की भी संभावना हो सकती है। वार्षिक प्रदर्शन मूल्यांकन प्रणाली प्रक्रिया अब पूरी तरह से ऑनलाइन होगी। इससे संचालन सुव्यवस्थित होगा और रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए 31 दिसंबर की समय सीमा लागू होगी।
मंडी: हिमाचल प्रदेश की चर्चित एचएएस अधिकारी ओशीन शर्मा को नोटिस मिला है। लाइमलाइट में बनी रहने वाली HAS अधिकारी ओशिन शर्मा की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे है। सोशल मीडिया पर हीरो की भूमिका निभाने वाली ओशीन शर्मा अपनी ड्यूटी के मामले में जीरो साबित हुई हैं और यही कारण है कि उन्हें एसडीएम धर्मपुर ने नोटिस जारी कर ये पूछा है कि प्रशासनिक और जनहित से जुड़े कार्यों में देरी क्यों की जा रही है। बता दे कि ओशिन शर्मा मंडी जिले के धर्मपुर के संधोल में तहसीलदार के पद पर कार्यरत है। जब उन्होंने तहसीलदार संधोल के पद पर अपनी सेवाएं शुरू की थी तो उन्होंने दिन रात काम किया, जिससे उनकी खूब वाहवाही हुई लेकिन धीरे-धीरे ओशीन शर्मा इन कार्यों से दूर और सोशल मीडिया के करीब आती हुई नजर आई वो सोशल मीडिया पर काफी ज्यादा एक्टिव रहती हैं। वह लोगों को सोशल मीडिया पर परीक्षाओं की तैयारियों से संबंधित जानकारी भी देती हैं ओशीन महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने का प्रयास भी करती हैं और सामाजिक कुरितियों के प्रति लोगों को सचेत करने में भी अपना योगदान देती हैं, लेकिन ओशिन शर्मा शायद सोशल मीडिया पर इतनी ज्यादा एक्टिव हो गई कि वे अपने प्रशासनिक और जनहित से जुड़े कार्यों को भूल गई। यही कारण रहा कि जब डीसी मंडी ने उनके कार्यों की समीक्षा की तो वह संतोषजनक नहीं पाए गए और उन्हें नोटिस जारी किया गया है।
**राज्य में भूस्खलन से 37 सड़कें बाधित हिमाचल प्रदेश के कई भागों में दो दिन भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। माैसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार राज्य में 17 सितंबर तक बारिश का दाैर जारी रहने का पूर्वानुमान है। 12 व 13 सितंबर के लिए कई क्षेत्रों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। उधर, राज्य में बुधवार सुबह 10:00 बजे तक जगह-जगह भूस्खलन से 37 सड़कों पर आवाजाही ठप रही। वहीं दो पुल भी क्षतिग्रस्त चल रहे हैं। इसके अतिरिक्त 106 बिजली ट्रांसफार्मर भी प्रभावित हैं। माैसम विभाग के अनुसार 12 सितंबर की देर रात से 14 सितंबर तक वर्षा की गतिविधि की तीव्रता और वितरण में वृद्धि होने की संभावना है। इस अवधि के दौरान हल्की से मध्यम तीव्रता की व्यापक वर्षा होगी। बारिश की अधिकतम तीव्रता 13 सितंबर को सिरमौर, सोलन, शिमला, बिलासपुर, किन्नौर और आसपास के क्षेत्रों में होगी। इन जिलों में अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा की संभावना है। मंडी, कांगड़ा, ऊना और हमीरपुर जिलों में हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है। इस अवधि के दौरान औसत न्यूनतम और अधिकतम तापमान सामान्य रहने की संभावना है। 14 सितंबर से वर्षा की तीव्रता में कमी आने की संभावना है। स्थानीय लोगों व पर्यटकों को नदी-नालों से दूर रहने की सलाह दी गई है। इस संबंध में प्रशासन की ओर से जारी एडवाइजरी का पालन करने को कहा गया है। साथ ही अपनी यात्रा को माैसम की स्थिति के अनुसार प्लान करने की सलाह दी गई है।
शिमला के संजौली में बनी मस्जिदो को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। आज प्रदर्शन के दौरान भीड़ बेकाबू हो गई थी। इस दौरान प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया है। इस मुद्दे पर बीजेपी सरकार पर लगातार हमलावर बनी हुई है। वहीं, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी सुक्खू सरकार पर निशाना साधा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं हमीरपुर से सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा कि संजौली मुद्दे की गहराई तक जाने की जरूरत है, ताकि भविष्य में इस तरह के प्रयास आगे न किए जा सकें। किन कारणों से ये परिस्थितियां बनी हैं, इसके कारण क्या रहे हैं। स्थानीय लोगों में रोष के कई कारण हैं। ऐसी अनेकों घटनाएं पिछले कुछ वर्षों में देखने को मिली हैं। सुक्खू सरकार ने हिमाचल प्रदेश का बंटाधार किया है। कांग्रेस को पता ही नहीं है कि सरकार चलानी कैसे है। कांग्रेस किए गए झूठे वायदे पूरे होते नजर नहीं आ रहे हैं। सरकार की माली हालत इतनी खराब हो गई है कि कर्मचारियों और पेंशनर्स को एक-एक हफ्ता अपने वेतन और पेंशन के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनते ही पेट्रोल और डीजल पर दो बार टैक्स बढ़ा दिया। अब दूध और पर्यावरण के नाम पर सेस लगाने वाले हैं, किसी न किसी तरह जनता की जेब से पैसा निकालने का काम कांग्रेस सरकार कर रही है और जनता पर बोझ डाल रही है। हिमाचल में कांग्रेस पार्टी सरकार नहीं चला पा रही है तो इन्हें छोड़ देना चाहिए। वायदे पूरे करने के लिए जनता पर टैक्स का बोझ लादा जा रहा है, जिससे स्पष्ट है कि कर्नाटक की तरह हिमाचल में भी कांग्रेस सरकार पूरी तरह से फेल हो गई है। पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं हमीरपुर से सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा कि धारा 370 हटने से जम्मू कश्मीर में खुशहाली आई है। अब वहां पर्यटकों की भरमार है, भारी निवेश आने से नए रिकार्ड बने हैं और आतंकवादी घटनाओं में 70 फीसदी की कमी आई है, जिन तीन परिवारों ने जम्मू-कश्मीर को लूटा और अपने लिए सुख सुविधाएं जुटाई, वर्तमान में उनके उम्मीदवार हारते हुए दिख रहे हैं। उमर अब्दुला पहले कहते थे मैं विधानसभा नहीं लडूंगा, अब दो सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं और दोनों जगह हालत खस्ता लग रही है। नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस किस दिशा में जा रही हैं? जहां पर पत्थरबाजी, नशा बेचने, अलगाववादी औक आतंकवादी सोच वाले लोगों को जेलों से छोड़ने की बात कही जा रही है। इससे साफ है कि यह लोग जम्मू-कश्मीर में नई आफत खड़ी करना चाहते हैं। आफत खड़ी होने से जम्मू-कश्मीर की शांति भंग होगी। नेशनल कांफ्रेंस औक कांग्रेस धारा 370 को पुन: लागू करने की बात भी जम्मू-कश्मीर में कह रही हैं। ये दर्शाता है कि यह लोग बाबा साहब अंबेडकर और जम्मू-कश्मीर के खिलाफ हैं। अनुराग ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी जहां रिजर्वेशन खत्म करना चाहते हैं, वहीं इनकी पार्टी और परिवार ने लोकतंत्र की हत्या इमरजेंसी लगाकर की थी और संविधान में कई संशोधन पंडित जवाहर लाल नेहरू से लेकर इंदिरा गांधी और राजीव गांधी तक किए, जिससे साफ है कि यह लोग बाबा साहब अंबेडकर के खिलाफ हैं और अब जम्मू-कश्मीर के लोगों से उनके हक भी छीनना चाहते हैं।
** ढली से संजौली की तरफ बढ़ रहे प्रदर्शनकारी शिमला के संजौली विवाद को लेकर आज काफी तादाद में हिंदू संगठन के लोग शिमला के संजौली पहुंच रहे हैं। हालांकि पुलिस द्वारा सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं और संजौली चौक से आगे किसी को नहीं जाने दिया जा रहा है वहीं दिल्ली टनल को भी पूरी तरह से सील कर दिया गया है। प्रदर्शनकारी सड़क पर बैठकर ही प्रदर्शन कर रहे हैं। वही हिंदू जागरण मंच के अध्यक्ष कमल गौतम भी संजौली की तरफ जा रहे थे जिन्हें चौक पर ही रोक दिया गया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। कमल गौतम का आरोप है कि कीव शांतिपूर्ण तरीके से आगे जा रहे हैं और उन्हें यहां पर रोक दिया गया है जबकि वह किसी तरह का यहां पर प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं बावजूद इसके उन्हें रोका जा रहा है। एसपी शिमला संजीव गांधी ने कहा कि प्रदर्शन को देखते हुए संजौली में धारा 163 लगा दी गई है ऐसे में यहां पर कोई भी व्यक्ति प्रदर्शन नहीं कर सकता है । आम लोगों को किसी तरह की परेशानी ना हो इसका ध्यान रखा जा रहा है।
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड का कार्य जल्द ही क्लाउड पर शिफ्ट होगा। कार्य को क्लाउड पर शिफ्ट करने का 50 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। क्लाउड सिस्टम पर जाने से जहां बोर्ड से संबद्धता प्राप्त स्कूलों को राहत मिलेगी, वहीं परीक्षा परिणाम देखने और आवेदन करने वालों को भी साइट के हैंग से पेश आने वाली समस्याओं से भी सदा के लिए निजात मिलेगी। स्कूल शिक्षा बोर्ड से सरकारी सहित कई निजी स्कूल संबद्धता प्राप्त किए हुए हैं, जिसके चलते बोर्ड प्रबंधन के पास हर वर्ष हजारों विद्यार्थियों का डाटा पहुंचता है। यह अधिकतर ऑनलाइन ही रहता है। साइट पर डाटा अपलोड करने में दिक्कत पेश आती है। दूसरी ओर शिक्षा बोर्ड जब भी रिजल्ट निकालता है, तो अभ्यर्थियों को अपना रिजल्ट देखने में सर्वर स्लो होने के कारण दिक्कतें होती हैं। इसके अलावा शिक्षा बोर्ड की ओर से जब अभ्यर्थियों से आवेदन मांगे जाते हैं तो सर्वर के स्लो होने के कारण मुश्किल होती है। शिक्षा बोर्ड को बार-बार अंतिम तिथि में बदलाव करना पड़ता है। अब स्कूल प्रबंधन और अभ्यर्थियों को राहत पहुंचाने सहित बोर्ड के अन्य कार्यों को आधुनिक तकनीक से जोड़ने के लिए क्लाउड पर शिफ्ट किया जा रहा है। स्कूल शिक्षा बोर्ड के सचिव डॉ. मेजर विशाल शर्मा ने बताया कि शिक्षा बोर्ड में पिछले कुछ दिनों से छात्र हित में काफी बदलाव किए गए हैं। इसी कड़ी में बोर्ड की कार्यप्रणाली को भी क्लाउड बेस्ड बनाया जा रहा है, ताकि रिजल्ट और आवेदन करने के दौरान अभ्यर्थियों को खासी राहत मिलेगी।
**फैसला सरकार पर छोड़ा हिमाचल के काॅलेजों के प्राचार्य प्रत्यक्ष छात्रसंघ चुनाव करवाने के पक्ष में नहीं हैं। प्राचार्य इस बार भी मेरिट आधार पर एससीए का गठन चाहते हैं। मंगलवार को शिमला में हिमाचल प्रदेश विवि (एचपीयू) और सरदार पटेल विवि (एसपीयू) की खेल एवं पाठ्येत्तर गतिविधि परिषद की बैठक में विभिन्न काॅलेजों से पहुंचे प्राचार्यों ने प्रत्यक्ष चुनाव को लेकर अपनी राय रखी। एचपीयू के कुलपति प्रो. एसपी बंसल ने प्राचार्यों से चुनाव करवाने के बारे में राय ली। देर तक चली बैठक में प्राचार्यों ने प्रत्यक्ष चुनाव न करवाने की सलाह दी। प्राचार्यों ने कहा कि प्रत्यक्ष चुनाव करवाने से काॅलेजों समेत विवि में अकादमिक सेशन गड़बड़ा जाएगा और कक्षाएं प्रभावित होंगी। अगर चुनाव प्रत्यक्ष करवाए जाते हैं तो चुनावी प्रक्रिया में कम से कम एक माह से अधिक का समय लगेगा, ऐसे में पढ़ाई प्रभावित होगी। लिहाजा, कॉलेजों में अप्रत्यक्ष रूप से मेरिट आधार पर एससीए का गठन होना चाहिए। कुलपति एक दो दिन में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेंगे। चुनाव प्रत्यक्ष होंगे या मेरिट पर, अब इसका फैसला सरकार ही लेगी। बता दें कि विवि और कॉलेजों में हिंसा बढ़ने के कारण प्रत्यक्ष चुनाव वर्ष 2013 में बंद हैं। बैठक में कुलपति ने सभी कॉलेज प्राचार्यों को यूजीसी नेक टीम का दौरा करवाकर ग्रेडिंग करवाने के निर्देश दिए। कहा कि कॉलेज चाहे छोटा हो या बड़ा, ग्रेडिंग करवाना जरूरी होगा। उन्होंने कहा कि अब कॉलेजों के पात्र शिक्षक सभी विषयों में भी पीएचडी करवा सकेंगे, इसके लिए वे गाइड बन सकेंगे। यह फैसला हो चुका है, विवि जल्द अधिसूचना जारी करेगा। परीक्षा परिणाम जल्द से जल्द निकाले जा सकें उसके लिए क्लस्टर प्रणाली अपनाई जाएगी। इसके लिए काॅलेजों को जोन में बांटा जाएगा और एक नोडल महाविद्यालय बनाकर वहां पर ही पेपरों का मूल्यांकन किया जाएगा। इससे करीब डेढ़ महीने का समय बचेगा और परिणाम एक माह के भीतर निकाले जा सकेंगे। प्राचार्यों ने इस प्रयास की सराहना की और सहयोग करने की बात कही। प्राचार्यों ने कॉलेजों की व्यवस्थाओं में और सुधार लाने के सुझाव दिए।
** हर जगह पुलिस का पहरा राजधानी शिमला में मस्जिद विवाद के चलते क्षेत्र में माहौल तनावपूर्ण है। संजौली में आज धारा 163 लागू की गई है। संजौली के चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात है। संजौली को पूरी तरह से छावनी में तब्दील कर दिया गया है। एक जगह पर पांच या पांच से ज्यादा लोगों को इकट्ठे होने की मनाही है। संजौली में स्थिति आज सुबह से बहुत तनावपूर्ण बनी हुई है, मस्जिद के आसपास पुलिस बटालियन कड़ा पहरा दे रही है। संजौली में सड़कों पर लोगों को खड़े होने नहीं दिया जा रहा है। जो लोग अपने गंतव्य की ओर जा रहे हैं, उन्हें सीधा जाने को कहा जा रहा है। मस्जिद जाने वाले रास्तों पर चार-चार पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। वहीं, मस्जिद परिसर में भी पुलिस बल तैनात किया गया है। अगर कोई भी हंगामा होता है या फिर हिंदू संगठनों द्वारा प्रदर्शन किया जाता है, तो उसके लिए पुलिस प्रशासन पूरी तरह से तैयार है, ताकि किसी भी तरह की कोई भी अप्रिय घटना न हो। शिमला कमिश्नर कोर्ट ने बीते शनिवार को मामले की सुनवाई की और अगली सुनवाई की तारीख 5 अक्टूबर रखी है। हिंदू संगठनों का कहना है कि तारीख पे तारीख देने का काम नहीं चलेगा। अब उन्हें निर्णायक लड़ाई लड़नी पड़ेगी, जिसको लेकर पुलिस भी तैयार है और चौकसी बढ़ा दी गई है। प्रशासन द्वारा क्षेत्र में मुस्लिम समुदाय के लोगों की दुकानें भी बंद करवा दी गई है। गौरतलब है कि रविवार 1 सितंबर को संजौली में मस्जिद के बाहर जोरदार प्रदर्शन हुआ था, जिसमें प्रदर्शनकारी अवैध बनी मस्जिद को तोड़ने की मांग पर अड़े थे। उसके बाद प्रशासन ने मौके पर लोगों को आश्वासन दिया था। विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने भी सदन में ये मुद्दा उठाया था और अवैध भवन को हटाने की बात कही थी।शिमला के संजौली में मस्जिद निर्माण को लेकर काफी बवाल मचा हुआ है। कुछ दिनों पहले शिमला के मल्याणा में दो गुटों के बीच आपसी झगड़ा हुआ था, जिसमें कुछ समुदाय विशेष के लोगों ने तेजधार हथियारों से एक युवक को लहूलुहान कर दिया था, जबकि कुछ अन्य लोगों से भी मारपीट की थी, जिसके बाद मामले ने तूल पकड़ा और लोगों का गुस्सा बीते दिनों शिमला के संजौली में बनी मस्जिद के बाहर फूटा। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने मल्याणा में मारपीट करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और मस्जिद के अवैध निर्माण को गिराने की मांग की थी।
शिमला: हिमाचल प्रदेश में संजौली अवैध मस्जिद मामले में विवाद ने अब तूल पकड़ लिया है। अवैध निर्माण के खिलाफ आज बुधवार को हिंदू संगठनों द्वारा शिमला में प्रदर्शन किया जाएगा, जिसके चलते राजधानी में बीते रोज से ही माहौल तनावपूर्ण है। शहर के चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा किया गया है, ताकि कोई भी अप्रिय घटना न घटे। आज 11 सितंबर को संजौली में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 रहेगी लागू रहेगी। डीसी शिमला अनुपम कश्यप ने बताया कि 11 सितंबर यानी आज सुबह 7 बजे से लेकर रात 11:59 बजे तक ये आदेश जारी रहेंगे। ये आदेश नव बहार चौक से ढली टनल के ईस्टर्न पोर्टल, आईजीएमसी से संजौली चौक, संजौली चौक से चलौंठी, ढली (वाया संजौली चलौंठी जंक्शन) क्षेत्र में जारी रहेंगे। पांच या पांच से ज्यादा लोगों के एक जगह इकट्ठा होने पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा। डीसी शिमला ने बताया कि संजौली में बिना परमिशन के किसी को भी धरना प्रदर्शन, नारेबाजी, भूख हड़ताल करने की अनुमति प्रदान नहीं दी जाएगी। किसी भी व्यक्ति को अपने साथ फायर आर्म्स, लाठी, बरछा, कुल्हाड़ी, साइकिल चेन, गंडासा, भाला, तलवार जैसे हथियार या भी कोई भी ज्वलनशील पदार्थ को लेकर चलने पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा। इस दौरान अस्पताल, कोर्ट, शिक्षण संस्थान और और पब्लिक प्लेस पर लाउडस्पीकर का इस्तेमाल करने पर भी पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा. इसके अलावा सांप्रदायिक, राष्ट्र, राज्य विरोधी भाषण नारे, दीवार लेखन, पोस्टर आदि पर भी बैन लगाया गया है। शिमला में तनावपूर्ण माहौल के बीच सुरक्षा व्यवस्था को भी कड़ा कर दिया है। शिमला संजौली के चप्पे-चप्पे पर पुलिस जवानों की तैनाती की गई है। मंगलवार देर शाम को डीसी शिमला अनुपम कश्यप और एसपी शिमला संजीव गांधी ने संजौली में सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। इस दौरान डीसी शिमला ने कहा कि कानून व्यवस्था का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। साथ ही उपद्रवियों को किसी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। हालांकि सामान्य जनजीवन पूरी तरह से सुचारू रहेगा। स्कूल, कॉलेज, सरकारी व प्राइवेट ऑफिस और बाजार रोज की तरह ही खुले रहेंगें। डीसी शिमला ने लोगों से संजौली में कानून और शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है। क्षेत्र में किसी भी तरह से हालात न बिगड़े और शांति व्यवस्था भंग न हो, इसके लिए प्रशासन द्वारा पूरे प्रबंध किए गए हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री व हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद अनुराग सिंह ठाकुर ने केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण अन्तर्गत हिमाचल प्रदेश में 92364 घरों की मंज़ूरी देने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी व केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी का आभार प्रकट किया है। अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा “ हिमाचल व हिमाचल वासियों का कल्याण सदा ही मोदी की प्राथमिकताओं में रहा है। चाहे प्रदेश में भाजपा की सरकार हो या कांग्रेस की मोदी सरकार ने हिमाचल के हितों से कभी कोई समझौता नहीं किया साथ ही विकास कार्यों में कभी किसी तरह की कोई कमी नहीं आने दी। यह हर्ष का विषय है कि केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण अन्तर्गत हिमाचल प्रदेश में 92364 घरों की मंज़ूरी दी है। इस मंज़ूरी से प्रदेश के लाखों लोगों के सर पर पक्की छत का सपना पूरा होगा व मौसम की मार से बचने में मदद मिलेगी। केंद्र सरकार ने हर परिवार को पक्का मकान देने की नीति के अंतर्गत देश के अन्य छोटे राज्यों में हिमाचल को प्राथमिकता देते हुए देवभूमि के लिए सबसे ज़्यादा घर मंज़ूर किए हैं। देवभूमि हिमाचल के हितों का विशेष ध्यान रखने के लिए मैं आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी व केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान का हार्दिक आभार प्रकट करता हूँ” आगे बोलते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा “ प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत देश के विभिन्न राज्यों के पात्रों को तीन किश्त में 1 लाख 50 हज़ार रुपये केंद्र सरकार द्वारा दिए जाते हैं। यह ग़रीबों के प्रति मोदी की चिंता व उनके उन्नति के लिए प्रधानमंत्री की कर्तव्यपरायणता का प्रमाण है। इस वर्ष के केंद्रीय बजट में प्रधान मंत्री आवास योजना के अंतर्गत, देश में ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों में तीन करोड़ अतिरिक्त मकानों की घोषणा की गई है, जिसके लिए आवश्यक आवंटन किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत देश के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में जो 4 करोड़ से ज़्यादा घर दिये गए हैं उसमे 70% घर की मालकिन या संयुक्त मालकिन महिलाएं हैं। आवास योजना के अंतर्गत लगभग 54 से 55% लाभ हमारे एससी और एसटी भाइयों बहनों को मिला है” श्री अनुराग ठाकुर ने आगे कहा, "पिछले वर्ष प्राकृतिक आपदा में जब राज्य की कांग्रेस सरकार हाथ पर हाथ धर कर बैठी थी, तब मोदी जी ने हिमाचलवासियों के बचाव और राहत से लेकर पुनर्वास तक के लिए सभी उपाय किए लेकिन कांग्रेस की सरकार केंद्र से मिले पैसों को भी सही से उपयोग नहीं कर सकी और अपने लोगों को फायदा पहुंचाने में लगी रही। कांग्रेसी नेता अपनी उपलब्धि क्यों नहीं बताते? आज कांग्रेस के नेता सिर्फ़ बयानवीर बने हैं लेकिन आपदा के दौरान इन्होंने प्रदेश के लिए क्या किया यह बताएँ। कांग्रेसी नेता यदि भूल गए हों तो उन्हें फिर से याद दिलाना चाहूँगा कि कि हिमाचल में आपदा के दौरान मैं 3 बार तत्कालीन केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री गिरिराज सिंह जी ने मिलकर प्रदेश के लिए 16,206 हज़ार घर आवास योजना के अन्तर्गत व 2373 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली 2700 किमी. की सड़कें प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अन्तर्गत मंज़ूर करवाईं। जहां तक पैसों की बात है तो आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के निर्देश पर केंद्र सरकार ने पहले दो किस्तों में ₹180 - 180 करोड़ दिए, फिर केवल सड़कों की मरम्मती के लिए लगभग ₹400 करोड़ दिए। इसके बाद फिर अलग से ₹189 करोड़ भेजे। 20 अगस्त को फिर ₹200 करोड़ और 12 दिसंबर को लगभग ₹633 करोड़ भेजे, यानी कुल मिलाकर ₹1782 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद केंद्र सरकार की ओर से हिमाचल के लिये भेजी गई। केंद्र की ओर से महात्मा गांधी नरेगा योजना अंतर्गत हिमाचल प्रदेश राज्य सरकार को जुलाई से अब तक लगभग 434 करोड़ रुपये दिये गये हैं”
हिमाचल प्रदेश में सीमेंट कंपनियों ने 20 दिन में दूसरी बार सीमेंट के दामों में बढ़ोतरी की है। रविवार रात को सीमेंट कंपनियों ने प्रति बैग पर 15 रुपये बढ़ाए हैं। इससे पहले 24 अगस्त को 10 रुपये की वृद्धि की गई थी। अब एसीसी सीमेंट का प्रति बैग 450 रुपये में मिलेगा। एसीसी गोल्ड का रेट भी 490 रुपये हो गया है। यही भाव अंबुजा और अल्ट्राटेक सीमेंट के भी हो गए हैं। सीमेंट कंपनियों ने 20 दिनों में प्रति बैग पर 25 रुपये की बढ़ोतरी कर लोगों को महंगाई का झटका दिया है। सोलन के सीमेंट विक्रेता हनी साहनी ने बताया कि सीमेंट के दामों 15 रुपये प्रति बैग की बढ़ोतरी हुई है। अब लोगों को सीमेंट का प्रति बैग 450 रुपये में मिलेगा। यह रेट सोमवार सुबह से ही लागू हो गए हैं।
मंडी: हिमाचल में भांग की खेती को लीगल करने के लिए बनाई जा रही पॉलिसी पर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रदेश में चल रहे आर्थिक संकट दौर के बीच आय के नए-नए विकल्पों को तलाशा जा रहा है. प्रदेश की मौजूदा सरकार भी हिमाचल की इनकम बढ़ाने के लिए आय के स्त्रोंतों को खोज रही है. भांग की खेती भी उसी का ही एक हिस्सा है और इसे लीगल करने के लिए पहले से ही कवायत शुरू हो गई थी. इस खेती को वैध बनाने के लिए गठित कमेटी ने सदन में अपनी रिपोर्ट पेश की है, जिसे विपक्ष ने भी स्वीकारा है. वहीं, जयराम ठाकुर ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि प्रदेश में बढ़ते नेश के प्रचलन के बीच भांग की खेती को व्यवहारिक तौर पर लागू कर पाना चुनौतीपूर्ण कार्य है. उन्होंने प्रदेश सरकार को सलाह दी है कि सरकार पहले भांग की खेती के नफे-नुकसान सही ढंग से जान ले और फिर उसके बाद ही इसे लागू करने की दिशा में प्रयास करें. जयराम ने साफ किया कि विपक्ष इस पॉलिसी के विरोध में नहीं है, लेकिन आने वाले समय में सरकार का इस पर क्या रुख रहता है, उस हिसाब से इसपर विचार किया जाएगा.इसके अलावा जयराम ठाकुर ने प्रदेश में सरकार द्वारा बंद किए जा रहे और बदले जा रहे संस्थानों को लेकर भी कड़ी नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि मंडी जिले के साथ प्रदेश सरकार शुरू से ही भेदभाव कर रही है. पहले यहां पूर्व की सरकार द्वारा खोले गए सैंकड़ों संस्थान बंद कर दिए गए और अब संस्थानों को बदला जा रहा है. इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. सदन में भी इस बात को प्रमुखता से रखा गया है. संस्थान जनहित के लिए खोले जाते हैं और सरकार को इस बात को सोचना चाहिए. अगर किसी दूसरे स्थान पर संस्थान की जरूरत है तो वहां नया संस्थान खोला जाए.
शिमला: हिमाचल में सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार आर्थिक संकट में फंसी हुई है. आलम ये है कि नई भर्ती से सरकार परहेज कर रही है और रिटायर अफसरों व कर्मियों को री-अंगेज कर रही है. इसके लिए सरकार ने पॉलिसी भी तैयार की है कि रिटायरीज को फिर से सेवा में रखने के लिए क्या नियम शर्तें होंगी. इस बीच, सुखविंदर सिंह सरकार के लिए एक सुख की खबर आई है. राजस्व विभाग में रिटायर्ड तहसीलदार एचएल घेज्टा को सरकार ने री-इंगेजमेंट दी है. री-इंगेजमेंट के नियमों के अनुसार एचएल घेज्टा को जो मानदेय मिलना है. उसे लेने से इनकार करते हुए रिटायर तहसीलदार ने मात्र एक रुपये मानदेय में अपनी सेवा देने का ऐलान किया है. घेज्टा ने इस बारे में राजस्व विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा व शिमला जिला के डीसी अनुपम कश्यप को पत्र लिखा है. घेज्टा ने कहा कि वे तय एमोल्यूमेंट्स लेकर सरकार पर बोझ नहीं बनना चाहते, बल्कि सेवा करना चाहते हैं. री-इंगेजमेंट पर नियुक्त अधिकारी व कर्मचारी को उनके अंतिम वेतन के हिसाब से कौन सी श्रेणी के अधिकारी अथवा कर्मचारी हैं उसके अनुसार इमोल्यूमेंट यानी मासिक मानदेय मिलता है. राजस्व विभाग में पहले ही अधिकारियों व कर्मचारियों की कमी चल रही है. एचएल घेज्टा शिमला जिलाधीश कार्यालय में तहसीलदार ऑफिस से बतौर तहसीलदार रिटायर हुए हैं. सरकार ने उन्हें री-इंगेजमेंट दी है. घेज्टा के पास राजस्व विभाग में 35 साल से अधिक की सेवा का अनुभव है. वे शिमला के राजस्व विभाग के कई मामलों के गहरे जानकार हैं. जनता के बीच उनकी छवि एक सहज, सरल व सहयोगी तहसीलदार की है. यही कारण है कि सरकार ने उन्हें री-अंगेज किया है. सरकार ने उन्हें अभी छह माह के लिए री-अंगेज किया है. वे अगस्त माह में सेवानिवृत हुए हैं. घेज्टा मूल रूप से ऊपरी शिमला के जुब्बल इलाके से संबंध रखते हैं. वे राजस्व अधिकारी व कर्मचारी महासंघ के मुखिया भी हैं. उल्लेखनीय है कि इससे पहले सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के आईटी सलाहकार गोकुल बुटेल ने भी अपना वेतन सरेंडर कर दिया है. सीएम व मंत्रियों ने भी दो महीने के लिए अपना वेतन विलंबित किया हुआ है.
कल से प्रदेश में स्कूलों की तस्वीर बदली हुई दिखाई देगी। यहां बहुत सारे स्कूलों में पहले से ज्यादा बच्चों की चहल-पहल दिखाई देगी जबकि कई स्कूलों पर ताला लटका हुआ दिखाई देगा। दरअसल प्रदेश सरकार ने कुछ समय पहले शिक्षा निदेशालय को आदेश दिए थे कि प्रदेश में जिन स्कूलों में बच्चों की संख्या बहुत कम है उन्हें मर्ज कर दिया जाए।हिमाचल प्रदेश में मर्ज किए गए 419 स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की सोमवार से कक्षाएं नजदीकी स्कूलों में लगेंगी। शिक्षा विभाग ने मर्ज स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को आसपास के स्कूलों में पंजीकृत करवा दिया है। प्राइमरी स्कूलों के विद्यार्थियों को दो किलोमीटर और मिडल स्कूल के विद्यार्थियों को तीन किलोमीटर के दायरे में आने वाले अन्य स्कूलों में दाखिले दिए हैं। 9 सितंबर से इन विद्यार्थियों की कक्षाएं नए स्कूलों में ही लगेंगी। सरकार ने पांच विद्यार्थियों की संख्या वाले 419 प्राइमरी और मिडल स्कूलों को मर्ज किया है। मर्ज किए गए 65 मिडल स्कूलों में कार्यरत 80 टीजीटी के अन्य स्कूलों में तबादले कर दिए गए हैं। अब जेबीटी और सीएंडवी वर्ग के करीब 500 शिक्षक अगले सप्ताह नए स्कूलों में शिफ्ट किए जाएंगे। इनके तबादले करने की प्रक्रिया इन दिनों प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय में जारी है। विद्यार्थियों की स्कूलों में कम संख्या होने के चलते पड़ रहे वित्तीय बोझ को कम करने और बच्चों को गुणात्मक शिक्षा देने के उद्देश्य से सरकार ने स्कूलों को मर्ज करने का फैसला लिया है। प्रारंभिक शिक्षा निदेशक आशीष कोहली ने बताया कि टीजीटी वर्ग के तबादले कर दिए गए हैं। जेबीटी और सीएंडवी को बदलने की प्रक्रिया जारी है। सभी जिला उपनिदेशकों को निर्देश दिए गए हैं कि मर्ज किए स्कूलों में पढ़ने वाले सभी बच्चों को नजदीकी स्कूलों में दाखिले दिलाए जाएं। कोई भी विद्यार्थी दाखिले लेने से छूटना नहीं चाहिए। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में स्कूलों में गुणात्मक शिक्षा देने और संस्थानों की मजबूती के लिए कई कड़े फैसले लेने की जरूरत है। शिक्षक-विद्यार्थी अनुपात के आंकड़ों ने हैरान किया है। प्रति विद्यार्थी सरकार 37 हजार रुपये प्रतिमाह खर्च कर रही है। कई स्कूल ऐसे हैं, जहां शिक्षक आवश्यकता से अधिक नियुक्त हैं। कई जगह शिक्षकों की संख्या बहुत कम है। इस सब कमियों को भी जल्द सुधारा जाएगा।
केंद्र और पंजाब सरकार के समक्ष भी मजबूती से अपना पक्ष रखेगी सरकार मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज यहां ऊर्जा विभाग के अधिकारियों के साथ हुई बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रदेश के लोगों को अधिकतम लाभ पहुंचाने के लिए हिमाचल प्रदेश के उचित दावों को न्यायालय में पेश करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि जोगिंद्रनगर में 110 मेगावाट की शानन जल विद्युत परियोजना को हिमाचल प्रदेश को सौंपा जाना चाहिए, क्योंकि पंजाब के पक्ष में इस परियोजना की पट्टा अवधि (लीज) समाप्त हो चुकी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस संबंध में सर्वोच्च उच्चतम न्यायालय का रुख करेगी। सर्वोच्च न्यायालय को पंजाब सरकार को यह परियोजना हिमाचल को सौंपे जाने के लिए दिशा-निर्देश देने का आग्रह किया जाएगा। उन्होंने कहा कि परियोजना को तुरंत सौंपे जाने के लिए केंद्र और पंजाब सरकार के समक्ष भी इस मसले को रखा जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड में प्रदेश के न्यायसंगत अधिकारों को सुरक्षित करने के मामले में भी तेजी लाएगी। इस संबंध में उच्चतम न्यायालय द्वारा पहले ही निर्णय दिया जा चुका है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस लक्ष्य को प्राप्त करने में पुरजोर प्रयास करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि 1,045 मेगावाट कड़छम-वांगतू हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के संबंध में कार्यान्वयन समझौते के गैर-अनुपालन का जेएसडब्ल्यू कंपनी को नोटिस दिया जाएगा। ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि हाइड्रो क्षेत्र में प्रदेश के हितों की रक्षा के लिए विद्युत परियोजनाओं से 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 30 प्रतिशत रॉयल्टी लेने का निर्णय लिया गया है। वहीं 40 वर्ष बाद परियोजना राज्य सरकार को सौंपे जाने का प्रावधान भी किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार के इस कदम के दूरगामी एवं सकारात्मक परिणाम आएंगे और प्रदेश की आर्थिकी भी सुदृढ़ होगी। उन्होंने कहा कि हाइड्रो पावर और पर्यटन प्रदेश की आर्थिकी के प्रमुख क्षेत्र हैं तथा वर्तमान सरकार इन दोनों क्षेत्रों को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार वर्ष 2027 तक प्रदेश को आत्मनिर्भर और 2032 तक देश का सबसे समृद्ध और खुशहाल राज्य बनाने की दिशा में दृढ़ संकल्पित है। मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार राम सुभग सिंह, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, प्रधान सचिव वित्त देवेश कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, विधि सचिव शरद कुमार लग्वाल, राज्य विद्युत बोर्ड के प्रबंध निदेशक संदीप कुमार, ऊर्जा निदेशक हरिकेश मीणा, विशेष सचिव विद्युत अरिंदम चौधरी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।
प्रदेश में मौसम संबंधी आंकड़ों की सटीकता और जलवायु संबंधी चुनौतियों से त्वरित निपटने के लिए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू की उपस्थिति में यहां शुक्रवार सायं प्रदेश सरकार ने भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के साथ एक समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया। इस समझौता ज्ञापन के अंतर्गत प्रारंभिक चरण में प्रदेश में 48 स्वचलित मौसम केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जिनके माध्यम से मौसम संबंधी पूर्वानुमान और तैयारियों के लिए वास्तविक समय के आंकड़े उपलब्ध होंगे। इससे विशेषतौर पर कृषि और बागवानी क्षेत्रों को सहायता मिलेगी। इसके उपरांत चरणबद्ध तरीके से खंड स्तर पर इस तंत्र को स्थापित किया जाएगा। वर्तमान में प्रदेश में आईएमडी द्वारा स्थापित 22 स्वचलित मौसम केंद्र क्रियाशील हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मौसम केंद्रों का यह तंत्र स्थापित होने से प्रदेश में पूर्व चेतावनी प्रणाली और आपातकालीन स्थितियों जैसे अत्याधिक वर्षा, बाढ़ और बादल फटने जैसी घटनाओं का बेहतर तरीके से प्रबंधन सुनिश्चित होगा। इसके अतिरिक्त, प्रदेश सरकार की विस्तृत आपदा और जलवायु जोखिम न्यूनीकरण परियोजना के लिए फ्रांस की एजेंसी एएफडी के साथ सहमति बनी है, जिसके अंतर्गत एएफडी परियोजना के लिए 890 करोड़ रुपये उपलब्ध करवाएगी। ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि यह परियोजना राज्य को बेहतर आपदा प्रबंधन तंत्र स्थापित करने में सहायक सिद्ध होगी। परियोजना के तहत प्रदेश में बुनियादी अधोसंरचना, प्रशासन और संस्थागत क्षमता के सुदृढ़ीकरण पर विशेष बल दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस धनराशि का उपयोग हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण (एचपीएसडीएमए), जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण (डीडीएमए), राज्य व जिला आपातकालीन संचालित केंद्रों को मजबूत करने में किया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों में प्राकृतिक आपदाओं के पूर्व चेतावनी तंत्र के अंतर्गत जलवायु परिवर्तन की संवेदनशीलता के आकलन के लिए प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली को विकसित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पहल के अंतर्गत नये अग्निशमन केंद्र स्थापित किए जाएंगे और आग संबंधी आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए मौजूदा केंद्रों का उन्नयन किया जाएगा। प्रदेश में भू-स्खलन की घटनाओं को कम करने के लिए बायो- इंजीनियरिंग नर्सरीज तैयार करने के साथ-साथ भूकम्परोधी अधोसंरचना निर्मित की जाएगी और उन्नत उपग्रह प्रणाली के माध्यम से संचार सुविधा में सुधार किया जाएगा। उन्नत एवं समर्पित सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म के माध्यम से निरंतर निगरानी को भी सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि द्विपक्षीय समझौते के अंतर्गत फ्रांस से तकनीकी सहायता अनुदान से सहायता प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा के कुशल प्रबंधन के लिए हेलीपैड निर्मित करने के साथ-साथ आपदा प्रबंधन के लिए एक राज्य संस्थान की स्थापना की जाएगी और एक नई राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल कंपनी का गठन भी किया जाएगा। बैठक में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी, कांग्रेस नेता सतपाल रायजादा, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार चंद शर्मा, महाधिवक्ता अनूप रतन, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, योजना सलाहकार बसू सूद, विशेष सचिव डीसी राणा, एएफडी से अब्रासार्ट थेरेसा, कैमिले सेवरेक, पौलिन जौर्जस और ज्योति विजयन नैयर उपस्थित थे।
हिमाचल प्रदेश में मौसम विभाग ने आज बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। वहीं, मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार में 12 सितंबर तक मौसम खराब रहने का पूर्वानुमान लगाया है। वहीं फ़्लैश फ्लड की भी आशंका जताई है। इस दौरान मौसम विभाग ने लोगों व पर्यटकों से अपील की है कि वे नदी-नालों के पास न जाए। वहीं राज्य में शुक्रवार सुबह दस बजे तक राज्य में 40 सडक़ों व तीन पुलों पर आवाजाही बाधित रही। 32 बिजली ट्रांसफार्मर भी प्रभावित चल रहे हैं।प्रदेश के प्रमुख शहरों में न्यूनतम तामपान की बात करें तो शिमला 15.4, सुंदरनगर 21.7, भुंतर 21.1, कल्पा 14.0, धर्मशाला 18.5, ऊना 21.0, नाहन 22.2, केलांग 11.6, पालमपुर 17.5, सोलन 20.4, मनाली 16.8, कांगड़ा 21.0, मंडी 21.1, बिलासपुर 23.4, चंबा 22.1, डलहौजी 14.2, कुकुमसेरी 9.5, कसौली 17.4, पांवटा साहिब 24.0, मशोबरा 15.3 व सैंज में 19.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
**7सितंबर के बाद वर्षा से राहत के आसार हिमाचल प्रदेश में मॉनसून के दस्तक के साथ ही इसकी रफ्तार धीमी पड़ गयी थी। इस सीजन के दौरान पूरे प्रदेश में 22% कम बारिश हुई है। राजधानी सहित पूरे प्रदेश में सितंबर माह में सामान्य बारिश दर्ज की गई है। प्रदेश में इस मानसून सीजन के दौरान कुछ क्षेत्रों में जमकर बारिश हुई और प्रदेश में एक हजार करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है। आने वाले दिनों में तीन जिलों को छोड़कर अन्य जिलों में मानसून की रफ्तार में कमी आएगी। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा इस वर्ष मॉनसून सीजन के दौरान 1 से 4सितंबर तक प्रदेश में 22% कम बारिश दर्ज की गई है।जबकि सितंबर माह में सामान्य वर्षा दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि आने वाले चार दिनों में तीन जिलों को छोड़कर वर्षा की रफ्तार में कमी आने की संभावना है।आज के लिए मौसम विभाग द्वारा येलो अलर्ट जारी किया गया है।कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा कि उत्तराखंड के साथ सटे सोलन सिरमौर व शिमला के कुछ एक क्षेत्रों में अगले तीन दिनों में भारी बारिश भी हो सकती है।वहीं 7 सितंबर के बाद पूरे प्रदेश में मानसून की रफ्तार में कमी आएगी ।
पिछले सप्ताह जेबीटी बैच वाइज का रिजल्ट काफी लंबे समय के बाद आया और स्टेशन भी मिले जिससे जेबीटी बैचवाइज कैंडिडेट ने राहत की सांस ली। इस पर जेबीटी बेरोजगार संघ ने हिमाचल प्रदेश सरकार का धन्यवाद किया और साथ ही सरकार से आग्रह किया कि वार्ड ऑफ एक्स सर्विस मैन में भी जल्द से स्टेशन दिए जाएं । जेबीटी यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष जगदीश परयाल ने कहा कि जेबीटी वार्ड ऑफ एक्स सर्विस मैन की बैच वाइज कॉउंसलिंग नवबंर 2023 में हुई थी ,जिसका रिजल्ट 10 जुलाई 2024 को आ गया परंतु अभी तक स्टेशन अलॉट नहीं हुए हैं । जिस से वार्ड ऑफ एक्स सर्विस मैन के काफी लोग मानसिक तनाव का शिकार हो रहे हैं, क्योंकि उन्होंने बैच वाइज भर्ती के लिए 9-10 सालों से इंतजार किया लंबे इंतजार के बाद उनका रिजल्ट आया था परंतु स्टेशन अलॉट नहीं हुए हैं जबकि जेबीटी बैच वाइज की भर्ती का रिजल्ट और स्टेशन एक साथ लग गए हैं । जबकि वार्ड ऑफ एक्स सर्विस मैन वाले अभी तक अपने अप्पोइंटमेट का इंतज़ार कर रहे हैं । जगदीश परयाल ने सरकार से मांग रखी किया कि जेबीटी वार्ड वालो को भी जल्दी से नियुक्ति दी जाए ताकि जल्द से स्कूलों को नए अध्यापक मिले और इन लोगो की भी समस्या का समाधान हो जेबीटी यूनियन ने कहा कि उन्हें प्रदेश सरकार पर पूर्ण भरोसा है कि वह जल्द इन्हें नियुक्ति देकर आगे जेबीटी में भर्ती प्रक्रिया शुरू करेंगे अभी प्रदेश में लगभग 4500 जेबीटी के पद खाली चल रहे हैं जेबीटी प्रशिक्षु 4-5 सालों से जेबीटी कमीशन का इंतजार कर रहे हैं । उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार का विलम्ब अब जेबीटी भर्ती में ना किया जाए क्योंकि जेबीटी वालो का बहुत शोषण पिछले काफी सालों से हो रहा है ।
विपक्ष द्वारा प्रदेश में आर्थिक संकट को लेकर लगातार सरकार पर निशाना साथ रही है और विपक्ष में सोमवार को नियम 67 के तहत सदन में चर्चा की मांग भी उठाई और प्रदेश के कर्मचारियों को वेतन न देने के आरोप लगाए वहीं इसको लेकर लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने पलटवार किया और विपक्ष को दिशाहीन कर दिया। साथ ही इस तरह के मामले में राजनीति न करने की नसीहत दी। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि विपक्ष पूरी तरह से दिशाहीन नजर आ रहा है इस बार विधानसभा का मानसून सत्र सबसे लंबा सत्र है और 10 दिन का विधानसभा सत्र है। इसमें अधिकतर मुद्दे विपक्ष के विधायकों के हैं चाहे बरसात में नुकसान का हो या प्रदेश में कानून व्यवस्था का हो इस तरह के प्रस्ताव चर्चा के लिए विपक्ष के विधायकों द्वारा लगाए गए थे और विधानसभा अध्यक्ष द्वारा इसको लेकर अनुमति भी दी गई थी। उसके बाद भी विधानसभा में किसी न किसी मुद्दे को लेकर विपक्ष चर्चा करने के बजाय वाकआउट कर बाहर जा रहे हैं । विपक्ष द्वारा सदन में प्रदेश की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है इसको लेकर स्थगन प्रस्ताव लाया लेकिन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह मामले पर भी चर्चा करना चाहते हैं ।उन्होंने कहा कि पूर्व की भाजपा सरकार द्वारा 85 हजार करोड़ का कर्ज़ छोड़ गया है और केंद्र से भी कोई सहयोग हिमाचल को नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बरसात से काफी ज्यादा नुकसान हुआ है और लोक निर्माण विभाग ने रिकॉर्ड समय में प्रदेश में सड़कों को खोलने के साथ ब्रिज बनाने का काम किया है।लेकिन लोक निर्माण विभाग को जो सहयोग केंद्र से मिलना चाहिए था ।वह नहीं मिल रहा है केंद्र सरकार द्वारा प्रदेश को 69 नेशनल हाईवे देने की घोषणा की थी जो अभी तक नहीं मिले ।लेकिन प्रदेश सरकार द्वारा केंद्र को 6 नेशनल हाईवे का प्रस्ताव भेजा है उसे भी नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कठिन समय चल रहा है लेकिन हर चीज पर राजनीति नहीं होनी चाहिए ।कुछ ऐसे मुद्दे हैं कि विपक्ष और सत्ता पक्ष को मिलाकर चलना चाहिए आर्थिक संकट पर सरकार का विपक्ष को भी समर्थन करना चाहिए और केंद्र से भी मदद दिलाने के लिए विपक्ष को भी सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के हितेषी होने का सर्टिफिकेट लेने की उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री से जरूरत नहीं है यह वही मुख्यमंत्री है जिन्होंने कर्मचारियों को चुनाव लड़ने की नसीहत दी थी। कांग्रेस सरकार कर्मचारी हितेषी और कर्मचारियों को जो हक बनता है वह उन्हें दिया जाएगा।
** पीएमजीएसवाई-3 की सड़कों का निर्माण कार्य जून 2025 तक पूरा करेंः विक्रमादित्य सिंह लोक निर्माण एवं शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह की अध्यक्षता में आज केंद्रीय प्रायोजित एवं केंद्रीय सड़क अवसंरचना निधि योजनाओं की समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की समीक्षा करते हुए लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तीसरे चरण में 23 सड़कें एवं 22 पुल स्वीकृत हुए हैं। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं में से चार सड़कों के टेंडर अवार्ड किए जा चुके हैं तथा अन्य 19 सड़कों के भी जल्द से जल्द टेंडर अवार्ड किए जाएंगे। उन्होंने अधिकारियों को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तीसरे चरण की सड़कों का निर्माण कार्य जून, 2025 तक पूर्ण करने के निर्देश दिए। लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि इसके अतिरिक्त 22 पुलों के टेंडर भी जल्द से जल्द अवार्ड किए जाएं। उन्होंने यह निर्माण कार्य दिसंबर 2025 तक पूर्ण करने के निर्देश दिए ताकि प्रदेश के लोगों को योजना का लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि इसके अतरिक्त प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के प्रथम तथा द्वितीय चरण को लगभग पूरा किया जा चुका है। बैठक में राष्ट्रीय राजमार्ग की निर्माणाधीन विभिन्न परियोजनाओं पर भी विस्तृत चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि हाल ही में केंद्रीय मंत्री के साथ आयोजित हुई बैठक में विभिन्न परियोजनाओं पर चर्चा की गई थी। उन्होंने अधिकारियों को इन परियोजनाओं के क्रियान्वयन से संबंधित आवश्यक दिशा-निर्देश दिए ताकि प्रदेश की इन महत्वपूर्ण परियोजनाओं की मंजूरी प्राप्त हो सके। उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग की विभिन्न परियोजनाओं से संबंधित समीक्षा बैठक आयोजित करने के निर्देश दिए ताकि इन परियोजनाओं में तेजी लाई जा सके। लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि केंद्रीय सड़क अवसंरचना निधि योजना के अंतर्गत 2,097 करोड़ रुपये की 191 परियोजनाओं को स्वीकृति प्राप्त हुई थी, जिसमें से 143 परियोजनाओं का निर्माण कार्य पूर्ण किया जा चुका है जिस पर अब तक 861 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जा चुकी है। उन्होंने अधिकारियों को सड़कों से संबंधित निर्माण कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए ताकि प्रदेश के लोगों को इन योजनाओं का लाभ प्राप्त हो सके। मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी ने भी अपने बहुमूल्य सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश की सड़कें हमारी भाग्य रेखाएं हैं। इस दृष्टि से सभी अधिकारियों को कार्य करने की आवश्यकता है।
** परिसर में सरकारी कार्यालय, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, होटल तथा पार्किंग की मिलेगी सुविधा ** डीपीआर तैयार करने के निर्देश, 18 माह के भीतर निर्माण कार्य पूरा होने की उम्मीद मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज यहां हिमाचल प्रदेश आवास एवं शहरी विकास प्राधिकरण (हिमुडा) के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि हिमुडा शिमला के विकासनगर में अत्याधुनिक बहुउद्देशीय भवन का निर्माण करेगा और यह प्रस्तावित परिसर शिमला में सबसे आधुनिक भवनों में से एक होगा। उन्होंने कहा कि 10 बीघा भूमि पर लगभग 150 करोड़ रुपये की लागत से इस भवन का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस परिसर में सरकारी कार्यालय, एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, एक होटल तथा दो मंजिलें पार्किंग के लिए होंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि परियोजना के निर्माण कार्य का शुभारंभ 1 जनवरी 2025 को किया जाएगा और 18 माह के भीतर इसका कार्य पूरा होने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भवन की वास्तुकला प्रदेश की समृद्ध विरासत तथा संस्कृति को प्रतिबिंबित करेगी। उन्होंने कहा कि इस भवन कोे सौर ऊर्जा सुविधाओं के साथ एक हरित तथा पर्यावरण अनुकूल भवन के रूप में डिजाइन किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इस परियोजना के लिए प्रारंभिक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) शीघ्र तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने हिमुडा को इस निर्माण कार्य से संबंधित प्रक्रिया में तेजी लाने तथा परियोजना को समयबद्ध पूरा करने के निर्देश भी दिए। बैठक में नगर एवं ग्राम नियोजन मंत्री राजेश धर्माणी, मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, विधायक हरीश जनारथा, हिमुडा के उपाध्यक्ष यशवंत छाजटा, मुख्य कार्यकारी अधिकारी हिमुडा संदीप कुमार, निदेशक नगर एवं ग्राम नियोजन कमल कांत सरोच तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
शिमला: वेतन की राह देख रहे लोग, कैसे चलेगा लोगों का खर्चा : जयराम ठाकुर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि दो दिन से लोग वेतन की राह देख रहे हैं। फ़ोन के हर मेसेज यही सोचकर चेक करते है कि कहीं वेतन तो नहीं आया। अपने सहकर्मियों और अन्य विभागों के लोगों से फ़ोन करके पूछ रहे हैं कि सैलरी आई क्या? आज तक प्रदेश में ऐसी स्थिति नहीं आई थी कि कर्मचारियों को वेतन के लिए तरसना पड़े। प्रदेश के मुखिया कहते हैं कि कोई आर्थिक संकट नहीं हैं। जब आर्थिक संकट नहीं है तो वेतन क्यों नहीं आ रहा है? सरकार को इस मामले में स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए कि कर्मचारियों का वेतन और पेंशनरों की पेंशन कब आएगी। कर्मचारियों के पास आय के कोई और साधन नहीं होते हैं, उन्हें वेतन से ही परिवार पालना होता है। ऐसे में बिना वेतन के परिवार कैसे पलेगा? जयराम ठाकुर ने कहा कि कर्मचारी अपने वेतन से ही सारे खर्च वहन करता है। बच्चों की फ़ीस, घर का किराया, होम लोन की किस्तें, पर्सनल लोन की किश्तों के साथ क्रेडिट कार्ड आदि की ईएमआई भी महीने के पहले सप्ताह में देनी होती हैं। घर का किराया से लेकर राशन, बिजली-पानी आदि का खर्च भी महीनें के पहले हफ़्ते में ही देना पड़ता है। लोन की किस्तें न जमा कर पाना अपने आप में बड़ी आफ़त हैं। जिसके कारण जुर्माना से लेकर वित्तीय शुल्क अलग से भरने पड़ते हैं। यह स्थिति किसी भी सूरते हाल में सही नहीं है कि कर्मचारी राज्य सरकार के कर्मों की सज़ा भुगते। मुख्यमंत्री प्रदेश के कर्मचारियों को बताएं कि कब तक कर्मचारियों का वेतन उनके खाते में आएगा।
हमीरपुर भाजपा विधायक आशीष शर्मा ने प्रदेश सरकार और सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू पर तीखा हमला बोला है। हमीरपुर पहुंचे विधायक आशीष शर्मा ने कहा कि विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान प्रदेश सरकार जनहित के मुद्दों पर चर्चा नहीं करना चाहती है। आशीष शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के पास प्रदेश में सरकार की नाकामियों को छुपाने के अलावा और कोई काम नहीं है। सीएम सुक्खू और उनके कैबिनेट मंत्रियों ने दो महीने का वेतन विलंबित करने की बात कह कर जनता के साथ भद्दा मजाक किया है। विधायक आशीष शर्मा ने कहा कि सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू लोगों को भ्रमित करने का काम कर रहे हैं। बार-बार झूठ बोलने से झूठ सच नहीं हो जाएगा। प्रदेश में लूटपाट और भ्रष्टाचार चरम पर है। युवाओं के साथ रोजगार के नाम पर धोखा किया जा रहा है। विधायक ने कहा कि विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने महिलाओं को 1500 रुपए प्रतिमाह देने की गारंटी दी गई, लेकिन अभी तक महिलाओं को इनसे पैसे नहीं दिए जा रहे हैं। लोग अब सरकार की कार्यप्रणाली को भली-भांति समझ रही है और अब जनता सरकार को जवाब देगी। हमीरपुर विधायक ने कहा कि सीएम सुक्खू के आर्थिक कुप्रबंधन का खामियाजा हिमाचल प्रदेश की जनता भुगत रही है। प्रदेश का कर्मचारी वर्ग भुगत रहा है। प्रदेश सरकार अपने वादे भी पूरे नहीं कर पा रही है। अभी तक उन्होंने अपनी चुनावी गारंटियां पूरी नहीं की हैं। मुख्यमंत्री ने अपने मित्रों पर दोनों हाथों से खजाने का पैसा लूटा कर प्रदेश को कर्ज के दलदल में इस कदर धकेल दिया है कि आने वाले कई सालों तक प्रदेश आर्थिक रूप से खड़ा नहीं हो पाएगा।
हिमाचल प्रदेश में आर्थिक संकट को लेकर विपक्ष लगातार हमलावर है और सरकार पर फिजूल खर्ची के आरोप लगा रहा है। वहीं, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश में किसी भी तरह के आर्थिक संकट होने की बात को सिरे से नकार दिया। उन्होंने कहा कि जब से सरकार सत्ता में आई है, पहले दिन से हिमाचल को साल 2027 तक आत्मनिर्भर बनाने और 2032 तक देश का सबसे समृद्ध राज्य बनाने की बात कही है। अर्थव्यवस्था में सुधार करने की प्रक्रिया में प्रदेश सरकार काम कर रही है। ये जो कहा जा रहा है कि प्रदेश में फाइनेंशियल मेस हो गया है ये गलत है। अगर हमने दो वेतन भत्तों को विलंबित किया है तो अर्थव्यवस्था सुधार की प्रक्रिया का हिस्सा हैं। सीएम सुक्खू ने कहा कि भाजपा जो 85 हजार करोड़ की देनदारियां की बात कर रही है वो भाजपा सरकार छोड़ कर गई है। कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आते ही कर्मचारियों को 7% DA दिया। प्रदेश में 14 प्रकार की सब्सिडी दी जा रही है, जिनको आवश्यकता नहीं उन्हें भी मिल रही है। हजारों लोग सबसिडी छोड़ने की बात कह रहे हैं, हजारों लोगों ने बिजली पानी की सब्सिडी छोड़ने की बात कही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस को सरकार बनाए हुए सिर्फ 19 महीने हुए हैं। पूर्व सरकार के समय प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई थी। वर्तमान सरकार इसमें सुधार कर रही है। इसमें पैसों की जरूरत है। सरकारी कर्मचारियों की सैलरी जो है, वो समय पर मिलेगी और पेंशन भी दी जाएगी। 28 कर्मचारियों को एरियर दे दिया है। केंद्र सरकार से 9200 करोड़ रुपए एनपीएस और 9300 करोड़ रुपए पीडीएन का मिलना है। बीबीएमबी में 4300 करोड़ रुपये का शेयर है, इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट से निर्देश भी दिए हैं। वहीं, प्रदेश में आर्थिक संकट को लेकर मुख्यमंत्री ने भाजपा पर राजनीति करने के आरोप लगाए और कहा कि भाजपा नेता बिना तैयारी के बयानबाजी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेता कभी ड्रोन से जासूसी की बता कर रहे हैं कभी फाइनेंशियल मेस की बात कर रहे हैं। विपक्ष के नेताओं को होमवर्क करके आने की जरूरत है।
हिमाचल प्रदेश में कई दिनों बाद शनिवार को कहीं भी बादल नहीं बरसे। राजधानी शिमला समेत सभी जिलों में धूप खिली रही। बिलासपुर और ऊना में अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ। रविवार को भी हिमाचल में मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान है। दो और तीन सितंबर को कई जगह बारिश का येलो अलर्ट है। चार सितंबर से फिर मौसम साफ रहने की संभावना है। शनिवार शाम तक प्रदेश में 70 सड़कें और 22 बिजली ट्रांसफार्मर बंद रहे। शिमला जिला में 35, मंडी में 12, कांगड़ा में 11, कुल्लू में 9, लाहौल-स्पीति-ऊना और सिरमौर में एक-एक सड़क आवाजाही के लिए बंद है। राजधानी शिमला में शनिवार को दिन भर धूप खिली। बीते एक सप्ताह से शहर में सुबह या शाम बारिश हो रही थी।शनिवार को बारिश से राहत मिली। हालांकि शाम के समय शहर में बादल छा जाने से मौसम में कुछ ठंडक हुई। मैदानी जिलों के मौसम में धूप खिलने से उमस बढ़ गई है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने दो और तीन सितंबर को कुछ क्षेत्रों में भारी व अन्य स्थानों पर सामान्य बारिश होने का येलो अलर्ट जारी किया है। प्रदेश में मानसून सीजन के दौरान सामान्य से 23 फीसदी कम बारिश हुई है। 26 जून से 31 अगस्त तक प्रदेश में 471.1 मिलीमीटर बारिश हुई। इस अवधि में 613.8 मिलीमीटर बारिश को सामान्य माना गया है। शेष सात जिलों सोलन, चंबा, लाहौल-स्पीति, किन्नौर, कुल्लू, हमीरपुर और ऊना में सामान्य से कम बारिश रिकॉर्ड हुई।
हिमाचल में महंगाई की मार से पहले ही परेशान लोगों को अब डिपुओं में सामान खरीदते वक्त झटका लगने वाला है। वित्तीय संकट से जूझ रही सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत डिपुओं के माध्यम वितरित किए जाने वाला राशन महंगा कर दिया है। वहीं, हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के होल सेल गोदामों से डिपुओं के लिए राशन का कोटा भेजा जा रहा है। ऐसे में जब सितंबर की पहली तारीख को उपभोक्ता डिपुओं में राशन का कोटा खरीदने जाएंगे तो उन्हे इस महीने की तुलना में आटा और चावल के अधिक दाम चुकाना होगा। प्रदेश भर में उपभोक्ताओं को अगले महीने से सस्ता राशन खरीदने के लिए अधिक दाम चुकाने होंगे। सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से दिए जाने वाले आटे और चावल के रेट बढ़ा दिए हैं। नए रेट कल यानी एक सितंबर से लागू हो रहे हैं, जिसकी अधिसूचना पहले ही जारी की जा चुकी है। इन आदेशों के मुताबिक सुक्खू सरकार ने एपीएल और बीपीएल को दिए जाने वाले आटे और चावल के दाम बढ़ाए हैं। इसके अतिरिक्त एनएफएसए को मिलने वाले राशन के भाव में कोई बदलाव नहीं किया गया है। हिमाचल प्रदेश में डिपुओं के माध्यम से उपभोक्ताओं को मिलने वाला आटा और चावल महंगा हुआ है। कल से एपीएल परिवारों को चावल 13 रुपये किलो मिलेगा। अभी डिपुओं में चावल की कीमत 10 रुपए किलो है। इस तरह से चावल अब 3 रुपए प्रति किलो महंगा हुआ है। वहीं, आटे के भी अब प्रति किलो 12 रुपए चुकाने होंगे। अभी एपीएल परिवारों को 9.30 रुपये किलो के हिसाब से आटा दिया जा रहा है. इसी तरह से डिपुओं में आटा भी 2.70 रुपए महंगा हुआ है। सरकार ने बीपीएल परिवारों को मिलने वाला राशन भी महंगा कर दिया है। इस श्रेणी के उपभोक्ताओं को सितंबर महीने से चावल 10 रुपए प्रति किलो और आटा 9.30 रुपए प्रति किलो से हिसाब से मिलेगा। अभी बीपीएल को चावल 6.85 रुपए प्रति किलो और आटा 7 रुपए किलो के हिसाब से दिया जा रहा है। ऐसे में बीपीएल परिवारों को चावल के 3.15 रुपए और आटे के 2.30 रुपए अधिक चुकाने होंगे। वहीं, दाम बढ़ाने के पीछे तर्क दिया जा रहा है कि राशन को डिपुओं और गोदामों तक पहुंचाने का भाड़ा पहले की तुलना में कई गुणा महंगा हो गया है और राशन की कीमतें भी लगातार बढ़ रही है। केंद्र से हिमाचल को गेहूं का आवंटन होता है, लेकिन प्रदेश सरकार अपने स्तर पर गेहूं की पिसाई कर उपभोक्ताओं को आटा उपलब्ध करा रही है। ऐसे में चक्की में पिसाई भी अब महंगी हुई है, जिस कारण सरकार को 13 साल बाद आटा और चावल के भाव बढ़ाने पड़ रहे हैं।
शिमला: स्वास्थ्य के मोर्चे पर चमकदार उपलब्धियों वाले राज्य हिमाचल के अस्पतालों में लाइफ सेविंग के लिए महत्वपूर्ण माने जाने वाले 498 वेंटीलेटर्स बिना उपयोग के धूल फांक रहे हैं। इन्हीं में से 128 वेंटीलेटर्स रखे-रखे खराब हो गए। कुल उपलब्ध 914 वेंटीलेटर्स में से केवल 416 वेंटीलेटर्स का ही प्रदेश के मेडिकल कॉलेज अस्पतालों व अन्य स्वास्थ्य संस्थानों में उपयोग हो रहा है। ये जानकारी हिमाचल विधानसभा के मानसून सेशन में भाजपा विधायक सतपाल सिंह सत्ती की तरफ से पूछे गए एक सवाल के लिखित जवाब में सामने आई है। ऊना सदर से भाजपा विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने चार हिस्सों में बंटे सवाल में वेंटीलेटर्स की संख्या, उनका उपयोग और ऑक्सीजन प्लांट्स के बारे में जानकारी मांगी थी। स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल की तरफ से दिए गए लिखित जवाब में बताया गया कि कुल 914 वेंटीलेटर्स हैं और उनमें से 416 का प्रयोग हो रहा है, बाकी 498 बेकार पड़े हैं और इन्हीं में से 128 खराब हैं। सतपाल सिंह सत्ती ने ये भी जानना चाहा था कि कौन-कौन से ऑक्सीजन प्लांट खराब हैं। हिमाचल के अस्पतालों में कुल 56 पीएसए (प्रेशर स्विंग एडसरप्शन) ऑक्सीजन प्लांट्स हैं। इसके अलावा एक मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट भी है। पीएसए प्लांट में ऑक्सीजन का उत्पादन एडमिट पेशेंट की ऑक्सीजन की जरूरत के आधार पर होता है। इन प्लांट्स में ऑक्सीजन उत्पादित होने के बाद स्टोर नहीं होती। इनमें से 24 पीएसए ऑक्सीजन प्लांट बंद हैं. एक मेडिकल ऑक्सीजन गैस प्लांट भी बंद पड़ा है। इसके अलावा इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज अस्पताल शिमला में एकमात्र ऑक्सीजन प्लांट कार्यशील है। यहां 150 सीयूएम/पर आवर ऑक्सीजन का उत्पादन हो रहा है। रीजनल अस्पताल बिलासपुर के सभी 24 वेंटीलेटर्स कार्यशील हैं। वहीं, बिलासपुर जिला के सिविल अस्पताल मारकंड, सीएचसी पंजगाह, सीएचसी स्वारघाट, सिविल अस्पताल बरठीं में कोई भी वेंटिलेटर कार्यशील नहीं है। मेडिकल कॉलेज अस्पताल हमीरपुर में 69 में से केवल 18 ही वेंटीलेटर्स काम कर रहे हैं। कुल 51 वेंटीलेटर्स बिना उपयोग के पड़े हैं। तकनीकी स्टाफ की कमी इनके उपयोग में न लाए जाने का कारण बताया गया है। सिविल अस्पताल बड़सर में दो वेंटीलेटर्स हैं और दोनों ही काम कर रहे हैं। किन्नौर के रीजनल अस्पताल रिकांगपिओ में 27 में से 22 वेंटीलेटर्स बिना उपयोग के हैं। कुल्लू के रीजनल अस्पताल के हालात ये हैं कि यहां पर सभी के सभी 21 वेंटीलेटर्स तकनीकी स्टाफ न होने से उपयोग में नहीं लाए जा रहे। नेरचौक मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 101 वेंटीलेटर्स में से 60 बिना उपयोग के हैं। जोनल अस्पताल मंडी में 26 में से 20 उपयोग में हैं। प्रदेश के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान आईजीएमसी अस्पताल में 119 में से 60 वेंटीलेटर्स प्रयोग में लाए जा रहे हैं। डीडीयू अस्पताल शिमला में 25 में से केवल 4 वेंटीलेटर्स ही काम कर रहे हैं। नाहन के मेडिकल कॉलेज अस्पताल का हाल सबसे बुरा है। यहां पर 35 में से केवल एक ही वेंटिलेटर प्रयोग में लाया जा रहा है।
हिमाचल प्रदेश में शुक्रवार को सदन से लेकर सड़क तक जयराम ठाकुर के निवास स्थान के आसपास उड़ने वाले ड्रोन का मामला छाया रहा। विधानसभा के मानसून सेशन में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि सरकार के इशारे पर पुलिस वाले उनके सरकारी आवास के आसपास ड्रोन उड़ा रहे हैं। ये जासूसी करने जैसा है और उनकी निजता का हनन है। नेता प्रतिपक्ष ने इस मामले की जांच की बात कही तो सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकार किसी की जासूसी नहीं कर रही है। यदि नेता प्रतिपक्ष को ऐसा लगता है तो मामले की जांच की जाएगी। बाद में खुलासा हुआ कि जिसे जयराम ठाकुर जासूसी वाला ड्रोन समझ रहे थे, वो दरअसल शिमला जल प्रबंधन निगम लिमिटेड का ड्रोन था। ये शिमला शहर को राउंड दि क्लॉक पानी उपलब्ध करवाने के लिए सर्वे को लेकर उड़ाया जा रहा था। इस सर्वे को लेकर जल प्रबंधन निगम लिमिटेड ने बाकायदा वीडियो जारी कर स्थिति भी स्पष्ट की है। शिमला शहर के सभी वार्डों के नागरिकों को 24 घंटे पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए जियो मैपिंग की जा रही है। इसी कड़ी में ये ड्रोन उड़ रहे हैं। इस बारे में संबंधित प्रशासन से अनुमति ली गई है। शिमला जल प्रबंधन निगम लिमिटेड ने स्वेज इंडिया कंपनी को जियो मैपिंग का काम सौंपा है।
** भर्ती प्रक्रिया को पूरा करने की तैयारी प्रदेश सरकार की ओर से हाल ही 21 भर्ती परीक्षाओं का नतीजा घोषित करने के लिए हरी झंडी दी है। भंग कर्मचारी चयन आयोग में शुरू हुई लॉ अफसर और और लीगल इंस्पेक्टर के भर्ती परीक्षाओं का नतीजा जल्द घोषित होगा। प्रदेश सरकार की ओर से हाल ही 21 भर्ती परीक्षाओं का नतीजा घोषित करने के लिए हरी झंडी दी है। कैबिनेट बैठक में इस परीक्षाओं का नतीजा घोषित करने का निर्णय लिया गया है। ऐसे में अब हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग हमीरपुर ने भर्ती परीक्षाओं का नतीजा घोषित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। प्रथम चरण में उन पोस्ट कोड की भर्ती परीक्षाओं का नतीजा घोषित किया जाएगा जो अंतिम चरण में हैं और उनमें भरे जाने वाले पदों की संख्या कम है। इस कड़ी में पोस्ट कोड 994 लॉ अफसर के एक पद, इंस्पेक्टर लीगल के तीन पदों का नतीजा सबसे पहले घोषित किया जाएगा। इन दोनों परीक्षाओं में प्रक्रिया लगभग अंतिम चरण में है। हर परीक्षा का नतीजा घोषित करने से पूर्व आयोग में नियमों में कमेटियों का गठन होता है। कमेटियों का गठन कर प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा रहा हैं। ऐसे में उम्मीद है कि करीब दो साल से अटकी इन भर्तियों के नतीजे जल्द घोषित होंगे। पेपर लीक मामला सामने आने के बाद से जांच के चलते इन भर्ती परीक्षाओं की प्रक्रिया थम गई थी। नतीजे घोषित न होने से अभ्यर्थियों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा था। हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग हमीरपुर के प्रशासनिक अधिकारी जितेंद्र सांजटा ने कहा कि 21 पोस्ट कोड का नतीजा घोषित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जिन पोस्ट कोड की प्रक्रिया अंतिम चरण में है उनके नतीजे जल्द घोषित होंगे।
**HPBOCWB चेयरमैन की सैलरी 1 लाख बढ़ाई हिमाचल में गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रही सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार ने हिमाचल बिल्डिंग एंड अदर कंस्ट्रक्शन वर्कर वेलफेयर बोर्ड (HPBOCWB) के चेयरमैन नरदेव कंवर की 1 लाख की सैलरी बढ़ा दी है। अभी तक HPBOCWB चेयरमैन को 30 हजार रुपए प्रति माह दिए जा रहे हैं, लेकिन सैलरी बढ़ाने के बाद अब नरदेव को हर महीने 1 लाख 30 हजार रुपए मिलेंगे। इसके अलावा भत्ते और दूसरी सुविधाएं अलग से मिलेगी। वहीं, सरकार के पास कर्मचारियों के डीए और संशोधित वेतनमान के एरियर देने के लिए पैसे नहीं है। सरकारी कर्मचारी डीए और एरियर के भुगतान के लिए सरकार के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं। ऐसे में वित्तीय स्थिति खराब होने का हवाला देने वाली सुक्खू सरकार अब विपक्ष के निशाने पर आ गई है। हिमाचल में सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार 125 यूनिट फ्री बिजली और पानी के फ्री बिलों की सुविधा को समाप्त कर सरकारी खजाने को भरने का दावा कर रही है, ताकि प्रदेश की आर्थिक स्थिति को पटरी पर लाया जा सके। इसी बीच सरकार ने हिमाचल बिल्डिंग एंड अदर कंस्ट्रक्शन वर्कर वेलफेयर बोर्ड के चेयरमैन नरदेव कंवर की सैलरी सीधी 1 लाख रुपए बढ़ दी है. सैलरी में एक लाख इजाफा होने से सरकार के खजाने पर साल का 12 लाख का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। बता दें कि सैलरी बढ़ाने के आदेश 30 जुलाई को किए गए थे, लेकिन सचिवालय में कर्मचारियों के साथ टकराव के बाद कर्मचारियों ने इसके आदेशों की कॉपी सोशल मीडिया में वायरल की है, जिस पर अब लोग सोशल मीडिया में भी HPBOCWB चेयरमैन की सैलरी एक लाख रुपए बढ़ाने को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। हिमाचल सरकार वर्तमान में 90 हजार करोड़ के कर्ज में डूबी है, जिसके लिए सरकार विभिन्न मंचों से पूर्व की भाजपा सरकार को दोषी ठहरा रही है। वहीं, विपक्ष 6 मुख्य संसदीय सचिवों के सहित सलाहकार, OSD, बोर्ड-निगमों में चेयरमैन की लंबी फौज खड़ी करने पर सरकार को घेर रही है। भाजपा का आरोप है कि सरकार की फिजूलखर्ची से ही सरकार के खजाने को चूना लग रहा है। इसके अलावा सचिवालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने सवाल उठाया है कि अगर सरकार की वित्तीय स्थिति खराब है तो सैलरी बढ़ाने के लिए कहां से पैसा आ रहा है? जबकि सरकारी कर्मचारियों के डीए और एरियर के भुगतान के लिए सरकार का खजाना खाली है।
** भूस्खलन से 72 सड़कें ठप हिमाचल प्रदेश के कई भागों में मानसून कमजोर पड़ गया है। राजधानी शिमला सहित आसपास भागों में आज सुबह से ही धूप खिली हुई है। माैसम विज्ञान केंद्र शिमला की ओर से प्रदेश के कुछ भागों में 6 सितंबर तक हल्की बारिश जारी रहने का पूर्वानुमान है। 2 सितंबर के लिए कुछ स्थानों पर भारी बारिश का येलो अलर्ट है। 3 सितंबर के लिए बिजली चमकने व अंधड़ का अलर्ट है। शुक्रवार रात को सुंदरनगर में 44.8, शिलारू 43.1, जुब्बड़हट्टी 20.4, मनाली 17.0, शिमला 15.1, सलापड़ 11.3 और डलहौजी में 11.0 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। उधर, राज्य में शनिवार सुबह 10:00 बजे तक जगह-जगह भूस्खलन से 72 सड़कों पर आवाजाही बंद रही। इसके अतिरिक्त 32 जल आपूर्ति स्कीमें भी प्रभावित हैं। प्रदेश के पांच जिलों बिलासपुर, कांगड़ा, मंडी, शिमला और सिरमौर में अगस्त के दौरान सामान्य से अधिक बादल बरसे। शेष सात जिलों में सामान्य कम बारिश दर्ज हुई। 1 से 31 अगस्त तक प्रदेश में सामान्य से पांच फीसदी कम बारिश हुई। मानसून सीजन में भी सामान्य से 23 फीसदी कम बारिश हुई है। 1 से 31 अगस्त तक 256.8 मिलीमीटर बारिश को सामान्य माना गया है, इस बार अगस्त में 244.7मिलीमीटर बारिश हुई। मानसून सीजन के दौरान सिर्फ शिमला जिला में सामान्य से 55 फीसदी अधिक बारिश हुई है। शेष 11 जिलों में कम बादल ही बरसे। इस मानसून सीजन में 27 जून से अब तक राज्य में बादल फटने की 51 व भूस्खलन की 37 घटनाएं सामने आई हैं। इन घटनाओं में 34 लोगों की माैत हुई। पांच घायल हुए और 33 अभी भी लापता है। मानसून में 122 घर, 17 दुकानें व 24 गोशालाओं को क्षति पहुंची। 149 पालतु पशुओं को भी जान गंवानी पड़ी।
पंजाब के पठानकोट से बीते दो दिन पहले छोटे बच्चे की किडनैपिंग का मामला सामने आया था, जिसमे सीसीटीवी फुटेज भी सामने आई थी। फुटेज में साफ तौर पर देखा जा रहा था कि किडनैपिंग करने आए लोगो ने बच्चे को स्कूल से घर लौटते समय सविफ्ट गाड़ी में किडनैप कर लिया था, जिसके बाद बच्चे के परिवारजनों ने पुलिस को सूचित किया था और पंजाब पुलिस तथा हिमाचल प्रदेश जिला नूरपुर के अधीक्षक अशोक रत्न व डीएसपी विशाल वर्मा ने अपनी टीम सहित मुस्तैदी दिखाते हुए बच्चे को करीब 24 घंटो में ढूंढ निकाला। इसमें पंजाब पुलिस व हिमाचल पुलिस का बहुत बड़ा योगदान रहा, जिसके चलते पंजाब पुलिस तथा हिमाचल पुलिस की लोग खूब सहारना कर रहे है, जिन्होंने एक परिवार का छोटा बच्चा सुरक्षित परिवारजनों को लौटाया है, वहीं लोगों ने पुलिस जिला नूरपुर के अधीक्षक अशोक रत्न व डीएसपी विशाल वर्मा की खूब सराहना की। इस दौरान अधीक्षक अशोक रत्न ने सभी अभिवावकों से आग्रह किया कि अपने बच्चो का स्कूल जाते व आते समय पूरा ध्यान रखें और छोटे बच्चों को अकेले बाहर न भेजें। इस तरह की अप्रिय घटना होने पर घबराएं न और पुलिस पर भरोसा बनाए रखें और स्थानीय थाने में सूचित जरूर करें ताकि पुलिस सफलतापूर्वक अपनी जांच कर सके।
हिमाचल प्रदेश के राज्य सहकारी बैंक की नौहराधार शाखा में इसी माह सामने आए बहुचर्चित करोड़ों रुपये के बैंक घोटाले के मामले की जांच के लिए अब पुलिस विभाग की साइबर टीम ने भी डेरा डाल लिया है। साइबर टीम भी नौहराधार पहुंच गई है और तकनीकी आधार पर इस सारे गड़बड़झाले को खंगालने में जुट गई है। फिलहाल इस पूरे मामले की जांच संगड़ाह पुलिस थाना के एसएचओ बृज लाल मेहता के नेतृत्व में गठित एसआईटी कर रही है। इसके साथ-साथ एसआईटी को ऑडिट रिपोर्ट का भी इंतजार है। फिलहाल बैंक प्रबंधन द्वारा इस पूरे मामले को लेकर ऑडिट करवाया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार इसी बीच साइबर टीम भी कम्प्यूटर इत्यादि से तकनीकी आधार पर इस पूरे घोटाले में अनियमितताओं को लेकर जांच में जुट चुकी है। उधर 5 दिन के पुलिस रिमांड के बाद मामले के आरोपी निलंबित सहायक प्रबंधक ज्योति प्रकाश को पुलिस ने अदालत में पेश किया, जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में रखने के आदेश देकर सेंट्रल जेल नाहन भेज दिया है। बता दें कि बैंक प्रबंधन की तरफ प्रारंभिक जांच के मुताबिक 4 करोड़ 2 लाख रुपये के घोटाले को लेकर संगड़ाह पुलिस थाना में आरोपी सहायक प्रबंधक के खिलाफ केस दर्ज करवाया गया। इसके बाद प्रबंधन ने आरोपी को निलंबित कर दिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी सिरमौर रमन कुमार मीणा द्वारा जांच के लिए एसआईटी गठित की गई। इसके बाद गत 25 अगस्त को पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया था। पुलिस सूत्रों की मानें तो ऑडिट रिपोर्ट मिलने के बाद ही यह सामने आ सकेगा कि इस पूरे घोटाले में कौन-कौन शामिल हैं। ऐसे में मामले में अन्य गिरफ्तारियां भी हो सकती है। बैंक प्रबंधन द्वारा मामले में अब तक कुल 7 कर्मचारियों को सस्पेंड किया जा चुका है, जबकि 10 को नोटिस भी जारी किए जा चुके हैं। साथ ही पूरा स्टाफ शाखा से ट्रांसफर किया गया है। प्रबंधन की तरफ से उपभोक्ताओं को भी आश्वस्त किया गया है कि नियमों के मुताबिक टाइम बाउंड में उनकी राशि को लौटाया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश में सरकार के प्रयासों के बाद किसान अब रासायनिक खेती को छोड़कर प्राकृतिक खेती को अपना रहे हैं। ऐसे में किसानों को मंडियों में उत्पादों के उचित दाम मिल सके, इसके लिए सरकार ने प्राकृतिक तकनीक के पैदा की जाने वाली गेहूं की खरीद का न्यूनतम समर्थन मूल्य 40 रुपये और मक्का का न्यूनतम समर्थन मूल्य 30 रुपये प्रति किलो कर दिया है। ऐसा करने वाला हिमाचल देश का पहला राज्य बन गया है। हिमाचल प्रदेश में हजारों किसान प्राकृतिक खेती की तकनीक से पैदावार ले रहे हैं। इस पहल के लिए देश और दुनिया में हिमाचल के प्रयासों की सराहना हो रही है। ऐसे में हिमाचल से प्राकृतिक खेती की तकनीक के टिप्स लेने के लिए फ्रांस के राष्ट्रीय कृषि, खाद्य एवं पर्यावरण अनुसंधान संस्थान (आईएनआरएई) के चार वैज्ञानिकों के प्रतिनिधिमंडल ने शिमला में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से भेंट की। एलआईएसआईएस के उप निदेशक प्रो. एलिसन मैरी लोकोंटो के नेतृत्व में टीम में शोधकर्ता प्रो. मिरेइल मैट, डॉ. एवलिन लोस्टे और डॉ. रेनी वैन डिस शामिल हैं। वो प्राकृतिक खेती के क्षेत्र में हुई प्रगति के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए हिमाचल प्रदेश के दौरे पर हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्राकृतिक खेती के क्षेत्र में अग्रणी राज्य है। प्राकृतिक खेती के जरिए उगाए गए उत्पादों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान करने वाला देश का पहला राज्य है। इसके अतिरिक्त किसानों की आर्थिक को मजबूत करने के लिए गाय का दूध 45 रुपये प्रति लीटर और भैंस का दूध 55 रुपये प्रति लीटर की दर से खरीदा जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सीटारा प्रमाणन प्रणाली शुरू की गई है, जिसे किसानों को उचित मूल्य दिलाने के लिए लागू किया जा रहा है। वहीं हिम-उन्नति योजना को राज्य में क्लस्टर आधारित दृष्टिकोण के साथ लागू किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य रसायन मुक्त उत्पादन और प्रमाणन करना है। इसके तहत करीब 50 हजार किसानों को शामिल करने और 2600 कृषि समूह स्थापित करने की योजना है। इसके अलावा राज्य सरकार डेयरी क्षेत्र को बढ़ावा देने और दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। आईएनआरएई के वैज्ञानिक तीन सप्ताह तक डॉ. वाईएस परमार बागवानी एवं औद्यानिकी विश्वविद्यालय, नौणी और राज्य के अन्य स्थानों का दौरा करेंगे। उनका दौरा यूरोपीय आयोग की ओर से वित्त पोषित एक्रोपिक्स परियोजना (अंतर्राष्ट्रीय सह-नवप्रवर्तन गतिशीलता और स्थिरता के साक्ष्य की ओर कृषि-पारिस्थितिकी फसल संरक्षण) का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य कृषि-पारिस्थितिकी फसल संरक्षण में सह-नवप्रवर्तन को आगे बढ़ाना है। फ्रांस से आते प्रतिनिधिमंडल ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने में राज्य सरकार के प्रयासों और सीटारा प्रमाणन प्रणाली की सराहना की। उन्होंने कहा कि आईएनआरएई इस प्रमाणन प्रणाली को अन्य देशों में अपनाने की संभावना तलाशेगा।
सीमाएं न लांघे अधिकारी, एसपी शिमला घुमा रहे मेरे आवास के ऊपर ड्रोन, निजता का हो रहा हनन- जयराम ठाकुर मानसून सत्र के चौथे दिन प्रश्नकाल से पहले ही विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने सदन में प्वाइंट ऑफ ऑर्डर के तहत उनके निवास स्थान के आस पास ड्रोन चलाने का मामला उठाया। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मुझ पर नजर रखी जा रही है।शिमला के एसपी मेरी निजता का हनन कर रहे है। विपक्ष के नेता के घर में कौन आ रहा कौन जा रहा है इस पर नजर रखी जा रही है। विपक्ष के विधायकों के फोन पहले ही टैप किए जा रहे हैं जो सही परंपरा नहीं है। जयराम ठाकुर ने अधिकारियों को चेताते हुए कहा कि अधिकारी अपनी सीमाओं को न लांघे हैं जो सही नहीं है। वक्त बदलता रहता है सरकारें आती हैं और जाती हैं लेकिन अधिकारियों को सीमाओं को रहकर काम करना होता है । लेकिन मुख्यमंत्री द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि उनके निवास के बाहर ड्रोन से नजर रखी जा रही है और आज भी जब घर से निकले तो आंगन के पास ड्रोन घूम रहा था जो की दुर्भाग्यपूर्ण है ।सरकार द्वारा विपक्ष के नेता के घर में कौन आ रहा है और कौन जा रहा है इस पर ड्रोन से नजर रखी जा रही है । प्रदेश में कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ाई जा रही है । प्रदेश में लोगों को पीट-पीट कर मारा जा रहा है लेकिन सरकार कानून विपक्ष के लोग हैं उनके फोन टैपिंग करवाए जा रहे हैं और ड्रोन से उनके घरों पर नजर रखी जा रही है जोकि दुर्भाग्यपूर्ण है। मुख्यमंत्री को जवाब देना चाहिए था मुख्यमंत्री चुप बैठे रहे। शिमला एसपी द्वारा सरकार पर सरकार के इशारे पर काम कर रहे है। विधायकों को 8 घंटे तक थाने में पूछताछ के लिए बैठाया जा रहा है और जब वह घर जा रहे हैं तो फिर वापस बुलाया जा रहा है। फिर बिठाया जाता है यह तमाशा बना कर रखा है । जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
शिमला: हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र के चौथे दिन हॉर्टीकल्चर कॉलेज के मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ। इस दौरान विपक्ष ने सत्तापक्ष की ओर से सही जवाब न मिलने पर सदन से वाॅकआऊट कर दिया। वाॅकआऊट के बाद विधानसभा परिसर में विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हमारी सरकार ने सराज विधानसभा क्षेत्र के थुनाग में हॉर्टीकल्चर कॉलेज शुरू किया था और उसकी फोरैस्ट क्लीयरैंस करने के बाद 205 बीघा भूमि कॉलेज के नाम कर दी थी। भूमिपूजन के पश्चात 10 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान भी किया, लेकिन कांग्रेस सरकार के पौने 2 वर्ष के कार्यकाल में इसका टैंडर नहीं हुआ। जब हमने पीडब्ल्यूडी को कहा कि इसका टैंडर करो तो हॉर्टीकल्चर मिनिस्टर ने कहा कि इस टैंडर को रोक दो। जब हमने इसके बारे में पूछा तो सही कारण नहीं बताया गया, जिस पर विपक्ष ने सदन से वॉकआऊट कर दिया। जयराम ने कहा कि सरकार की मंशा या तो इस कॉलेज को बंद करना है या तो इसे शिफ्ट करना है। जयराम ने कहा कि जब हमने कॉलेज को शुरू करने के बारे में पूछा तो सत्तापक्ष की ओर से कहा कि गया कि कॉलेज बनाने के लिए 300 करोड़ रुपए लगेंगे। आप पैसे दीजिए और उसके बाद हम इस कॉलेज का काम शुरू करेंगे। जयराम ने इस जवाब को गैर-जिम्मेदाराना बताया। उन्होंने कहा कि पैसों का इंतजाम करना वर्तमान सरकार की जिम्मेदारी है। हम विपक्ष में हैं और इस मामले में सरकार का सहयोग कर सकते हैं। जयराम ठाकुर ने कहा कि सुक्खू सरकार का ये काम करने का तरीका बन गया है कि जो भी हो सकता है उसे बंद कर दो। मंडी में शिवधाम व मेडिकल यूनिवर्सिटी का काम बंद कर दिया, वहीं पालमुपर कृषि विश्वविद्यालय की जमीन निजी हाथों में सौंपी जा रही है। इससे बड़ा दुर्भाग्य और कोई नहीं हो सकता। वही नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार ड्रोन से मुझ पर नजर रखी रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने उनकी व्यक्तिगत सीमाओं का उल्लंघन किया है और यह सही परंपरा नहीं है। विपक्ष के नेता के घर में कौन आ रहा है और कौन जा रहा है, इस पर नजर रखी जा रही है। वहीं फोन पहले ही टैप किए जा रहे हैं जोकि एक गंभीर चिंता का विषय है। उन्होंने कहा इस बाबत मुख्यमंत्री ने इसका कोई जवाब नहीं दिया और चुप्पी साधे बैठे रहे।
** सरकार ने पेश किए आंकड़े शिमला: इन दिनों सोशल मीडिया पर शराब के अधिक दाम वसूल करने के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे। वीडियो में शराब के अधिक दाम ग्राहकों से वसूलने के आरोप लगे थे। ये सवाल विधानसभा के मानसून सत्र में भी गूजा। विपक्ष ने इसे लेकर सरकार से सवाल किया था। सदन में अनुपूरक सवाल के जवाब में सरकार ने कहा कि शराब पर ओवरचार्जिंग के लिए सख्त प्रावधान किया गया है। इससे निपटने के लिए 25 हजार से लेकर 1 लाख रुपये तक जुर्माना है। पहले यह 5 हजार से लेकर 25 हजार तक था। सरकार ने ओवर चार्जिंग करने पर 2022-2023 में शराब विक्रेताओं पर ₹ 15,12,000 का जुर्माना लगाया है। 2023-2024 में ₹ 17, 5000, 2024 में अगस्त महीने तक ₹ 15,21,000 जुर्माना लगाया जा चुका है। शराब की विक्री के दौरान ओवरचार्जिंग को लेकर प्रदेशभर से शिकायतें आ रहीं थी। इसको लेकर समय-समय पर सरकार की ओर से कार्रवाई भी की गई है। बता दें कि आबकारी नीति के तहत बॉटल्ड इन ओरिजिन (सिंगल माल्ट, व्हिस्की, रम, जिन, वोदका, बायो बीयर/बायो वाइन, साइडर) पर 10 प्रतिशत लाभांश और भारत में निर्मित सभी बीयर ब्रांड पर 30 प्रतिशत लाभांश तय किया गया है। देसी शराब पर 30 प्रतिशत लाभांश, देश में बनी लो ब्रांड अंग्रेजी शराब पर 15 फीसदी और हाई ब्रांड शराब पर 30 फीसदी लाभांश तय किया गया है। न्यूनतम विक्रय मूल्य से 10 से 30 फीसदी लाभांश से अधिक शराब के विक्रय से संबंधित शिकायत के लिए विभाग ने दूरभाष नम्बर भी जारी किए हैं। इस संबंध में शिकायतकर्ता कांगड़ा जोन में दूरभाष नम्बरः 01894230186, मण्डी जोन में 01905223499, शिमला जोन में 01772620775 सम्पर्क कर सकते हैं। विभाग का नियंत्रण कक्ष सप्ताहभर 24 घंटे कार्यशील रहता है और सभी नागरिक इस प्रकार के मामले संज्ञान में आते ही टोल फ्री नम्बर 18001808063, दूरभाष नम्बर 0177-2620426 और व्हाट्स-एप नम्बर 94183-31426 पर जानकारी साझा कर सकते हैं, ताकि किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधियों पर रोक लगाई जा सके।
हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री, मंत्रियों और मुख्य संसदीय सचिवों के वेतन-भत्ते दो महीने के लिए विलंबित होंगे। यानी बाद में मिलेंगे। विधायकों ने भी ऐसा करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज हिमाचल विधानसभा सदन को इस संबंध में अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि प्रदेश की विषम वित्तीय परिस्थिति के दृष्टिगत अपने मंत्रिमंडल के सदस्यों व मुख्य संसदीय सचिवों सहित अपने वेतन व भत्ते दो माह तक विलंबित करता हूं। इसके अतिरिक्त आप सभी सदस्यों से भी अपने वेतन एवं भत्ते स्वेच्छा से विलंबित करने का आग्रह करता हूं। सीएम ने कहा कि प्रदेश की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है। इसके कई कारण हैं। राजस्व घाटा अनुदान जो वर्ष 2023-24 में 8058 करोड़ रुपये थी, इस वर्ष 1800 करोड़ कम होकर 6258 करोड़ रुपये हो गई है। अगले वर्ष (2025-26) में यह 3000 करोड़ रुपये और कम होकर 3257 करोड़ रुपये रह जाएगी। पीडीएनए की लगभग 9042 करोड़ रुपये की राशि में से केंद्र सरकार से अभी तक कोई भी राशि प्राप्त नहीं हुई है। एनपीएस एनपीएस अंशदान के लगभग 9200 करोड़ रुपये पीएफआरडीए से प्राप्त नहीं हुए हैं, जिसका हम केंद्र सरकार से कई बार अनुरोध कर चुके हैं। जीएसटी मुआवजा जून 2022 के बाद मिलना बंद हो गया है, जिससे प्रतिवर्ष लगभग 2500-3000 करोड़ की आय कम हो गई है। ओपीएस बहाल करने के कारण हमारी उधार भी लगभग 2000 करोड़ से कम कर दी गई है। इन परिस्थितियों से पार पाना आसान नहीं है। सीएम ने आगे कहा कि हमने प्रदेश सरकार की आय बढ़ाने और अनुत्पादक व्यय कम करने का प्रयास किया है। इन प्रयासों के परिणाम आने में समय लगेगा।
** इसी माह मिलेगा पचास फीसदी हिस्सा शिमला: कर्मचारियों की डीए व एरियर की डिमांड को लेकर चल रहे विवाद के बीच सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार ने 75 और इससे ऊपर की आयु वाले पेंशनर्स को एरियर की घोषणा कर दी है। बुधवार को वित्त विभाग के प्रधान सचिव की तरफ से जारी ऑफिस मेमोरेंडम में कहा गया कि पहली जनवरी 2016 से पेंशन/फैमिली पेंशन का संशोधित एरियर तय घोषणा के अनुसार दिया जाएगा। इस संदर्भ में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 15 अगस्त को देहरा में आयोजित राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह में घोषणा की थी। ऑफिस मेमोरेंडम में कहा गया है कि उपरोक्त आयु वर्ग के पेंशनर्स को बकाया एरियर का पचास फीसदी दिया जाएगा। यानी बाकी बचे 45 फीसदी एरियर का आधा यानी 22.5 फीसदी इसी माह में दे दिया जाएगा। अगस्त 2024 में जिन पेंशनर्स की आयु 75 या इससे अधिक हो गई है, वे इस एरियर के पात्र होंगे। 55 फीसदी एरियर का हो चुका है भुगतान: उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार पेंशनरों को 55 फीसदी एरियर का भुगतान कर चुकी है। बकाया एरियर 45 फीसदी है। इस 45 फीसदी में से आधा हिस्सा यानी 22.5 फीसदी इसी माह जारी किया जाएगा। पेंशनर्स के अलावा फैमिली पेंशनर्स को भी इसका लाभ मिलेगा। इस बारे में प्रधान सचिव वित्त देवेश कुमार ने सभी पीडीए यानी पेंशन डिस्बर्सिंग अथॉरिटीज को निर्देश जारी किए हैं कि पात्र पेंशनर्स को एरियर का भुगतान तय समय में किया जाए। अब इस आयु वर्ग के पेंशनर्स को कुल मिलाकर 77.50 फीसदी भुगतान हो जाएगा। बाकी 22.5 फीसदी आने वाले समय में दिया जाएगा।
** लंबी लाइनों में खड़े होने से मिलेगा छुटकारा मंडी: अस्पतालों में इलाज करवाने आए मरीजों के लिए सबसे बड़ी परेशानी होती है कि उन्हें लंबी-लंबी कतारों में खड़े रहकर पर्ची कटवानी पड़ती है, जिससे की मरीजों को और ज्यादा दिक्कत का सामना करना पड़ता है। मरीजों को इसी दिक्कत से निजात दिलाने के लिए हिमाचल के जोनल अस्पताल मंडी ने एक नई पहल शुरू की है, जिससे मरीजों या उनके तीमारदारों को लंबी-लंबी लाइनों में लगकर घंटों इंतजार नहीं करना होगा। अब पर्ची काउंटर पर पहुंचे ही पर्ची झट से बन जाएगी, जिसके लिए बस एक क्यूआर कोड को स्कैन करने की जरूरत है। मंडी के जोनल अस्पताल में आपको पर्ची के लिए इंतजार न करना पड़े और आपके काउंटर पर पहुंचते ही पर्ची मिल जाए, इसके लिए मोबाइल फोन पर 'आभा' ऐप डाउनलोड करके पेशेंट का अकाउंट खोलना होगा। इसके बाद काउंटर पर लगाए गए क्यूआर कोड को स्कैन करना होगा, जिसके बाद एक घंटे के लिए एक टोकन नंबर जनरेट होगा। इसके बाद पर्ची काउंटर पर सिर्फ टोकन नंबर, पिता का नाम और जिस विभाग में मरीज को दिखाना है, ये सब बताने के साथ ही आपकी पर्ची बन जाएगी। क्यूआर कोड को भविष्य में पर्ची बनाने के लिए मोबाइल की गैलरी में भी रखा जा सकेगा। जब भी पर्ची बनानी हो तो आभा ऐप में क्यूआर कोड को स्कैन किया, टोकन नंबर लिया औप पर्ची काउंटर पर थोड़ी सी जानकारी देने के बाद पर्ची बना ली। जोनल अस्पताल मंडी के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डीएस वर्मा ने बताया, " डीसी मंडी ने पर्ची बनाने में घंटों लगने वाली लाइन की समस्या को दूर करने के निर्देश दिए हैं, जिसके तहत फिलहाल ट्रायल बेसिस पर ये व्यवस्था की गई है। अगर ये व्यवस्था पूरी तरह से सफल रही तो पर्ची काउंटर पर पर्चियां बहुत जल्दी बनना शुरू हो जाएंगी। अभी तक पर्ची बनाने के लिए मरीज का नाम, उम्र, लिंग, मोबाइल नंबर, पता, जिस विभाग में दिखाना है उसकी सारी जानकारी देनी होती हैं। इसे भरने में काफी समय लग जाता था। नई व्यवस्था में अगर कोई क्यूआर कोड को स्कैन करके पर्ची बनाने आता है तो सिर्फ टोकन नंबर, पिता का नाम और जिस विभाग में दिखाना है बताने पर पर्ची तुरंत बन जाएगी। वहीं, डीसी मंडी अपूर्व देवगन ने बताया कि जोनल अस्पताल के पर्ची काउंटर पर लगने वाली लंबी लाइनों का मामला उनके ध्यान में था। उन्होंने प्रशासन को इसमें सुधार करने के निर्देश दिए थे, ताकि अस्पताल में आने वाले मरीजों और उनके तीमारदारों को राहत मिल सके। उन्होंने उम्मीद जताई कि क्यूआर कोड को स्कैन करने से पर्ची बनाने से व्यवस्था में सुधार आएगा। आगे भी ऐसी व्यवस्था किए जाने पर विचार किया जा रहा है कि अस्पताल आने वाले मरीज की घर पर ही पर्ची बन जाए। डीसी मंडी ने बताया कि छुट्टी से अगले दिन अस्पताल आने वाले मरीजों की ज्यादा संख्या को देखते हुए अस्पताल के पिछली ओर कोविड के दौरान बनाए गए काउंटर में भी 9:30 बजे से लेकर 1:30 बजे तक पर्चियां बनाई जा रही हैं।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा मानसून सेशन का आज गुरुवार को तीसरा दिन है। 27 अगस्त से 9 सितंबर तक चलने वाले मानसून सत्र में आज सदन की कार्यवाही पूर्वाह्न 11 बजे से शुरू होगी। ऐसे में प्रश्नकाल के दौरान सबसे पहले आरक्षण और भर्तियां, अटल आदर्श विद्यालय, शराब के ठेके और नीति, जल आपूर्ति, रिक्त पद, फसलों को हुए नुकसान, अवैध शराब आदि जैसे विषयों पर सवाल आएंगे। इसके अलावा कुछ विधेयक भी सदन के पटल पर रखे जाएंगे। प्रश्नकाल में तारांकित व अतारांकित दोनों को मिलाकर कुल 81 सवाल लिस्टेड हैं। इनमें 52 सवाल तारांकित हैं। मानसून सत्र के तीसरे दिन राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी दस्तावेजों की एक-एक प्रति सभा पटल पर रखेंगे, जिसमें कंपनी अधिनियम, 1956 की धारा 619 (4) के तहत हिमाचल प्रदेश कृषि उद्योग निगम सीमित का 52वां वार्षिक प्रतिवेदन, वर्ष 2021-22 (विलंब के कारणों सहित); और हिमाचल प्रदेश कृषि, बागवानी और वानिकी विश्वविद्यालय अधिनियम, 1986 (1987 का अधिनियम संख्या 4) की धारा 45 (4) के तहत डॉ. वाईएस परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी, सोलन का वार्षिक लेखा परीक्षा प्रतिवेदन, वर्ष 2012-13, 2013-14, 2014- 15 एवं 2015-16 (विलंब के कारणों सहित) रखी जाएगी। डॉ. जनक राज और सुख राम चौधरी जलवायु परिवर्तन के मध्यनजर वन महोत्सव के माध्यम से पौधरोपण और कार्बन क्रेडिट पर सदन सरकार से नीति बनाने की सिफारिश करेंगे। इसके अलावा जीत राम कटवाल प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में राजस्व व वन भूमि पर बने घरों और गौशालाओं के नियमितीकरण करने के सदन में सरकार से नीति बनाने पर विचार करने की सिफारिश करेंगे। राकेश जम्वाल बीबीएमबी की ओर से निर्मित व संचालित जल विद्युत परियोजनाओं के कारण उत्पन्न विभिन्न समस्याओं के निवारण के लिए सदन में सरकार से नीति बनाने पर विचार करने की सिफारिश करेंगे। वहीं, जीत राम कटवाल भारतीय प्रजातंत्र व कल्याणकारी राज्य में चिन्हित संवैधानिक प्रावधानों के तहत सामाजिक व आर्थिक सुरक्षा को सुदृढ़ करने तथा विषमताओं के निवारण बारे में सदन में सरकार से नीति बनाने पर विचार करने की सिफारिश करेंगे।
हिमाचल प्रदेश में बारिश के चलते भूस्खलन से निगुलसरी में रामपुर-किन्नौर एनएच-पांच ठप हो गया है। सोलन-मीनस मार्ग भी 13 घंटे बंद रहा। राजधानी शिमला में मंगलवार रात को भारी बारिश से तीन पेड़ गिरे, कुछ क्षेत्रों में डंगे ढहे और भवनों को भी नुकसान हुआ है। बुधवार को शिमला में 2, डलहौजी में 4, मंडी में 1, कल्पा में 2 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई। प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में मौसम साफ रहा। हिमाचल में वीरवार को भी बारिश का येलो अलर्ट जारी हुआ है। शुक्रवार से बारिश का दौर थमने का पूर्वानुमान है। जिला किन्नौर के निगुलसरी में एनएच-पांच भूस्खलन के कारण बाधित हो गया है। इससे जिले के हजारों लोगों को परेशानियां का सामना करना पड़ रहा है। ऊपरी पहाड़ी से लगातार हो रहे भूस्खलन से एनएच को बहाल करना चुनौती बना हुआ है। बुधवार सुबह भी करीब साढ़े छह बजे बाधित एनएच को बहाल करने में जुटी मशीन पर बोल्डर गिर गए और मशीन क्षतिग्रस्त हो गई। ऑपरेटर भी बाल-बाल बचा। बीते कई दिनों से निगुलसरी में एनएच-पांच ऊपरी पहाड़ी के दरकने से अवरुद्ध हो रहा है। यातायात ठप होने से जिले के हजारों लोगों को आवाजाही करने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मंगलवार देर शाम सात बजे भी निगुलसरी में एनएच-पांच पर ऊपरी पहाड़ी से भूस्खलन होने का सिलसिला जारी हुआ। बुधवार को भी दिनभर भूस्खलन का सिलसिला जारी रहा और वाहनों के पहिये पूरी तरह से जाम हो गए हैं। राजधानी शिमला में बारिश से भारी नुकसान हुआ है। शहर में तीन जगह पेड़ गिरे हैं। छोटा शिमला में सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय के भवन पर मंगलवार देर रात देवदार का बड़ा पेड़ गिर गया। इससे भवन को नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा रुल्दूभट्ठा वार्ड के कुफ्टाधार में बारिश से रास्ता बह गया। कुल्लू जिले में भी मंगलवार रात को भारी बारिश हुई है। 16 सड़कों पर वाहनों की आवाजाही बंद हो गई है। पतलीकूहल के हलाण-दो में एक नाले में बाढ़ आने से सेब के बगीचों को नुकसान पहुंचा है। वहीं मलाणा, गुशैणी और न्यूली में आठ बिजली के ट्रांसफार्मर बाधित हो गए हैं। जिला सिरमौर के हरिपुरधार में बियोंग गांव में भूस्खलन होने से सोलन-मीनस मार्ग 13 घंटे बंद रहा। मंगलवार रात दस बजे बंद हुआ मार्ग बुधवार सुबह 11 बजे खुला। मंगलवार रात को शिमला में 36, मनाली में 42, जुब्बड़हट्टी में 39, कुफरी में 40, नारकंडा में 41, भरमौर में 18, धौलाकुआं में 12 और कसौली में 22 मिलीमीटर बारिश हुई। मंगलवार रात को शिमला में न्यूनतम तापमान 15.6, धर्मशाला में 19.4, ऊना में 22.3, नाहन में 23.9, सोलन में 19.0, मनाली में 15.7, कांगड़ा में 21.5, मंडी में 20.5, बिलासपुर में 23.8, हमीरपुर में 23.4 और चंबा में 22.3 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ।
आज हिमाचल विधानसभा मानसून सत्र का दूसरा दिन है। सत्र के पहले दिन लड़कियों की शादी की उम्र 21 साल करने वाला विधेयक पेश किया गया, जो कि बिना चर्चा के ही पारित हो गया। वहीं, इसके अलावा नियम 67 के तहत कानून व्यवस्था पर चर्चा न देने से नाराज भाजपा ने सदन से वॉकआउट किया था, जिसके चलते सत्र का पहला दिन हंगामे भरा रहा। सदन के दूसरे दिन की कार्यवाही में शाहपुर विधायक केवल सिंह पठानिया ने बल्क ड्रग पार्क से जुड़ा सवाल किया, जिसके जवाब में उद्योग मंत्री हर्ष वर्धन चौहान ने बताया कि बल्क ड्रग पार्क का निर्माण किया जा रहा है। पार्क बनने पर 50 हजार करोड़ का टर्न ओवर होगा। इससे 20 हजार रोजगार मिलेगा। इस पार्क के लिए मुंबई में 2165 करोड़ के MOU हुए और दुबई में 2645 करोड़ रुपये के MOU किए गए। ये पार्क 31 मार्च 2026 तक पूरा होगा।
*जयराम ठाकुर बोले, पूर्व सरकार ने 4500 करुणामूलकों को दी नौकरी आज हिमाचल विधानसभा मानसून सत्र का दूसरा दिन है। सत्र के दूसरे दिन करुणामूलकों को नौकरी के मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार के समय इस मामले में सबसे ज्यादा काम हुआ है। आपकी सरकार को 20 महीने का समय हो गया है और आपकी सरकार ने सिर्फ काम रोकने का काम किया है। जयराम ठाकुर ने सदन में सवाल पूछते हुए कहा कि सरकार बताए की पूर्व सरकार के समय 5 साल में कितने करुणामूलकों को रोजगार दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को जब भी कोई काम अटकाना हो तो कमेटी बना दी जाती है। जयराम ठाकुर ने अनुपूरक सवाल में पूछा कि क्या समयबद्ध तरीके से रोजगार मिलेगा? जिसके जवाब में सीएम सुक्खू ने कहा कि हमारी सरकार ने एक साल में 180 करुणामूलक आधार पर रोजगार दिए हैं। सरकारी कर्मी की विधवा पत्नी को 9 महीने में करुणा मूलक आधार पर नौकरी दी जाएगी। जिसपर विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि करुणामूलकों के लिए जो कमेटी रोहित ठाकुर की अगुवाई में बनी है, क्या वो एमएलए से सुझाव लेगी? जिसके जवाब में सीएम ने कहा कि कमेटी में विपक्ष के सदस्यों की राय लेने में कोई आपत्ति नहीं है। नेता प्रतिपक्ष ने सत्ता पक्ष को घेरते हुए सदन में कहा कि पूर्व सरकार ने 4500 पात्र लोगों को करुणामूलक आधार पर नौकरी दी थी, जबकि इस सरकार ने सिर्फ 180 लोगों को रोजगार दिया है।
हिमाचल विधानसभा मानसून सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही शुरू हो गई है। सदन के सभी सदस्य विधानसभा में पहुंच गए हैं और प्रश्नकाल शुरू हो चुका है। भरमौर के विधायक डॉ. जनकराज ने करुणामूलक आधार पर रोजगार से जुड़ा सवाल किया, जिसके जवाब में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि रोजगार के 1415 मामले करुणामूलक आधार पर लंबित हैं। इस मामले में रोहित ठाकुर की अगुवाई में कैबिनेट सब कमेटी बनाई गई है। इस कमेटी की पहली बैठक में निर्णय लिया गया है कि मेरिट व एजुकेशन के आधार पर करुणामूलकों को नौकरी दी जाएगी। ये मामला लंबे समय से चला आ रहा है।
हिमाचल प्रदेश में आज यानी बुधवार को मौसम विभाग ने भारी बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया है। इसके साथ ही प्रदेश के कई हिस्सों में आंधी और बिजली गिरने की चेतावनी भी दी है। खराब मौसम को लेकर आज विभाग ने प्रदेश में येलो अलर्ट जारी किया है। प्रदेश में बीते कल यानी मंगलवार को भी भारी बारिश हुई, जिससे कई सड़क मार्ग भी प्रभावित हुए हैं। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के मुताबिक प्रदेश में मंगलवार को हुई भारी बारिश के कारण कई जगहों पर लैंडस्लाइड हुआ है और पेड़ गिरने के मामले भी सामने आए हैं, जिसके कारण से प्रदेशभर में अभी 126 सड़कें यातायात के लिए बंद हो गई हैं। शिमला जिले में 41 सड़कें गाड़ियों की आवाजाही के लिए बंद हैं, जिससे लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। भारी बारिश के बाद मंडी जिले में सबसे ज्यादा 59 सड़कें बंद हैं। इसके बाद सोलन में 12 सड़कें, कांगड़ा में 10 सड़कें, कुल्लू में 6 सड़कें, सिरमौर में 4 और ऊना, किन्नौर, लाहौल-स्पीति में 1-1 सड़क बंद है। इसके अलावा बद्दी में भी बुनियादी ढांचे, खासकर सड़कों को भारी बारिश से खासा नुकसान पहुंचा है। वहीं, प्रदेश में 1191 बिजली और 27 जलापूर्ति योजनाएं भी बाधित हैं। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार मंगलवार को शिमला जिले के जुब्बड़हट्टी में शाम तक सबसे ज्यादा 101 मिमी बारिश दर्ज की गई। 27 जून को मानसून की शुरुआत के बाद से हिमाचल प्रदेश में अब तक बारिश में 23 प्रतिशत की कमी आई है। प्रदेश में औसत 591.8 मिमी बारिश के मुकाबले 453.4 मिमी बारिश हुई है। मंगलवार को शिमला जिले का नारकंडा 11.4 डिग्री तापमान के साथ हिमाचल का सबसे ठंडा स्थान रहा, जबकि ऊना 34 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान के साथ सबसे गर्म स्थान रहा।
हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में इन दिनों हजारों श्रद्धालु मणिमहेश यात्रा के लिए पहुंच रहे हैं। देश के अलग-अलग हिस्सों से श्रद्धालु इस धार्मिक यात्रा के लिए चंबा पहुंच रहे हैं। इस बीच बुधवार सुबह एक दर्दनाक हादसे में मणिमहेश की यात्रा पर निकले 3 श्रद्धालुओं की मौत हो गई। चंबा पुलिस जांच कर रही है कि ये हादसा कैसे हुआ, बताया जा रहा है कि ये सभी लोग मणिमहेश यात्रा के लिए निकले थे। जहां इनकी कार हादसे का शिकार हुई और कार के खाई में गिरने के कारण 3 लोगों की मौत हो गई, जबकि 8 घायलों की स्थिति भी गंभीर बताई जा रही है। जिन्हें नागरिक अस्पताल में प्राथमिक चिकित्सा के बाद पंडित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज चंबा रेफर कर दिया गया है। गौरतलब है कि चंबा में 26 अगस्त से चंबा जिले में स्थित प्रसिद्ध मणिमहेश यात्रा शुरू हो चुकी है। इस धार्मिक यात्रा के लिए रोजाना सैंकड़ों लोग चंबा पहुंच रहे है। आलम ये है कि भरमौर नेशनल हाइवे पर इन दिनों गाड़ियों का रेला निकल रहा है, जिसके कारण लंबा जाम लग रहा है और गाड़ियां घंटो इस जाम में फंस रही है। हर साल देशभर से हजारों श्रद्धालु इस यात्रा में शिरकत करने के लिए पहुंचते हैं। इस साल ये यात्रा 26 अगस्त से लेकर 11 सितंबर तक चलेगी। इससे पहले 24 अगस्त को भी पठानकोट-चंबा नेशनल हाइवे पर बनीखेत के पास एक कार खाई में गिर गई थी। इस हादसे में कार सवार एक व्यक्ति की मौत हो गई थी, जबकि 3 घायलों को डलहौजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था और प्राथमिक उपचार के बाद इन्हें भी चंबा मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया था।