मनरेगा की दिहाड़ी 20 रुपए बढ़ी मनरेगा के तहत श्रमिकों की दिहाड़ी 20 रुपए बढ़ाकर 320 रुपए कर दी गई है। इस कदम से ग्रामीण श्रमिकों को वित्तीय लाभ मिलेगा और उनकी कार्य करने की स्थिति में सुधार होगा। दिहाड़ी में वृद्धि से श्रमिकों को आर्थिक सुरक्षा मिलेगी और वे बेहतर तरीके से अपने परिवार का पालन पोषण कर सकेंगे। काज़ा, चांशल और छितकुल को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाएगा काज़ा, चांशल और छितकुल को पर्यटन के दृष्टिकोण से एक प्रमुख स्थल बनाया जाएगा। इन क्षेत्रों के प्राकृतिक सौंदर्य, सांस्कृतिक धरोहर और स्थानीय आकर्षण को ध्यान में रखते हुए पर्यटकों के लिए सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी। प्रशासनिक व्यवस्था को मजबूत करने के लिए ब्लॉक्स का गठन किया जाएगा प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार करने के लिए नए ब्लॉक्स का गठन किया जाएगा, जिससे क्षेत्रीय स्तर पर अधिक प्रभावी प्रशासनिक कार्य किया जा सके। इससे जनता तक सेवाओं की पहुंच बढ़ेगी और समस्याओं का समाधान त्वरित होगा। ग्रामीण संस्थान को सशक्त बनाने के लिए स्थापित किए जाएंगे नौ प्रशिक्षण केंद्र ग्रामीण क्षेत्रों में विकास को गति देने के लिए नौ नए प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जो स्थानीय निवासियों को कौशल विकास और तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान करेंगे। यह कदम रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देगा और ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगा। इन केंद्रों पर विशेष ध्यान उन क्षेत्रों पर होगा जहां बेरोजगारी अधिक है। इसके माध्यम से ग्रामीण महिलाएं और युवक नए रोजगार के अवसरों से जुड़ सकेंगे। स्वयं सहायता समूहों में महिलाओं को फूड वन प्रदान किया जाएगा स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं को फूड वन (Food One) प्रदान किया जाएगा, जिससे वे अपने घरेलू व्यवसाय को बढ़ा सकें और खुद को आर्थिक रूप से सशक्त बना सकें। यह कदम विशेष रूप से महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता और उनके समाजिक अधिकारों के प्रति जागरूक करने में सहायक होगा।
देव भूमि संघर्ष समिति ने एक बार फिर से समय पर संजौली मस्ज़िद से अवैध निर्माण को हटाने की मांग उठाई है। समिति ने आरोप लगाया है कि प्रशासन हिंदू समाज के साथ षड्यंत्र कर रहा है और मस्जिद के अवैध निर्माण को हटाने में नाकाम साबित हुआ है। समिति का कहना है कि अगर समय पर अवैध निर्माण नहीं हटाया गया, तो वह प्रदेशभर के हिंदू समाज से संजौली में जुटने का आह्वान करेगी और ‘संजौली चलो’ के नारे के साथ एक बड़ा आंदोलन करेगी। समिति के संयोजक भरत भूषण ने कहा कि 5 अक्टूबर को आयुक्त अदालत ने आदेश दिया था कि दिसंबर तक संजौली मस्जिद की ऊपर की तीन मंजिलों को हटाया जाए, लेकिन प्रशासन अब तक इस आदेश को लागू करने में असफल रहा है। इसके बाद 15 मार्च को सुनवाई की तारीख तय की गई, लेकिन उस दिन भी कोई सुनवाई नहीं हो पाई। उच्च न्यायालय ने आदेश दिया था कि इस मामले को 8 हफ्तों के भीतर निपटाया जाए, लेकिन आयुक्त अदालत इस आदेश की अवहेलना कर रही है। भरत भूषण ने यह आरोप भी लगाया कि सरकार के दबाव के चलते आयुक्त अदालत में हिंदू समाज के खिलाफ षडयंत्र रचा गया है। इसके अलावा, देव भूमि संघर्ष समिति ने यह भी कहा कि प्रदेश में बाहरी प्रवासियों, जैसे रोहिंग्या और बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है, जिससे चिंता और भी बढ़ी है। समिति ने इस मामले में अपनी नाराजगी और संघर्ष को और मजबूत करने के लिए नवरात्रि के मौके पर हवन का आयोजन करने का निर्णय लिया है। साथ ही, अगर समय रहते अवैध निर्माण नहीं हटाया जाता, तो समिति पूरे प्रदेश के हिंदू समाज से संजौली में एकजुट होने का आह्वान करेगी और इस आंदोलन को बड़े पैमाने पर आयोजित करेगी।
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में आज सुबह एबीवीपी और एसएफआई के बीच खूनी संघर्ष हो गया, जिससे विश्वविद्यालय परिसर में तनाव का माहौल बन गया है। यह घटना सुबह करीब 10 बजे के आसपास शिमला स्थित विश्वविद्यालय के एडम ब्लॉक के पास घटित हुई। बताया जा रहा है कि एसएफआई के छात्र कार्यकर्ता ढाबे पर नाश्ता कर रहे थे, तभी एबीवीपी के छात्र भी वहां पहुंच गए और दोनों के बीच किसी बात को लेकर कहासुनी शुरू हो गई। शुरुआत में यह बहस हुई लेकिन देखते ही देखते ये बहस हाथापाई में, और फिर खूनी संघर्ष में बदल गई। बताया जा रहा है कि इस झड़प में 5 से 7 छात्र गंभीर रूप से घायल हो गए हैं, और कुछ घटनाओं के वीडियो और फोटो भी सामने आए हैं, जिनमें दोनों छात्र गुटों के बीच की हिंसक मुठभेड़ को साफ देखा जा सकता है। घटना के बाद विश्वविद्यालय में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है और पूरा परिसर छावनी में तब्दील हो गया है। छात्रों के बीच डर और असुरक्षा का माहौल है, और विश्वविद्यालय प्रशासन स्थिति को काबू में करने के प्रयासों में जुटा हुआ है।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने छोटा शिमला से विली पार्क तक बनाई जा रही अंडरग्राउंड यूटिलिटी डक्ट के निर्माण कार्य का निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों को डक्ट के निर्माण में विश्व स्तरीय गुणवत्ता मानकों का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। प्रदेश सरकार द्वारा शिमला में अंडरग्राउंड यूटिलिटी डक्टस के निर्माण पर 146.34 करोड़ रुपये व्यय किए जा रहे हैं। इसके निर्माण से शिमला में आधारभूत संरचना सुदृढ़ होगी, साथ ही शहर के सौंदर्यीकरण में भी मदद मिलेगी। शहर में सभी उपयोगिताएं जैसे पेयजल आपूर्ति की पाइप लाइनें, विद्युत लाइनें और फाइवर केबल इत्यादि भूमिगत डक्ट में बिछाई जाएंगी। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के निर्देशानुसार इस महत्त्वाकांक्षी परियोजना के निर्माण को समयबद्ध पूर्ण करने के लिए बृहद योजना तैयार की गई है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि निर्माण कार्यों के दौरान लोगों को किसी भी असुविधा का सामना न करना पड़े।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर बेटियों ने देश को बड़ा तोहफा दिया है। शनिवार को तेहरान में छठी एशियाई महिला कबड्डी चैंपियनशिप में भारत ने फाइनल में ईरान को हरा खिताब अपने नाम कर लिया। भारत ने ईरान को 32-25 से हराया। 6 से 8 मार्च तक आयोजित चैंपियनशिप में भारतीय टीम का श्रेष्ठ प्रदर्शन रहा। वही हिमाचल प्रदेश की पांच बेटियों का योगदान देश को खिताब दिलाने में महत्वपूर्ण रहा। सिरमौर के शिलाई क्षेत्र की ऑलराउंडर पुष्पा राणा ने बतौर उपकप्तान टीम का नेतृत्व किया और अपने शानदार खेल से जीत में अहम भूमिका निभाई। बिलासपुर की निधि शर्मा, सोलन की ज्योति ठाकुर समेत साक्षी शर्मा, भावना ठाकुर ने भी टीम को न केवल फाइनल में पहुंचाने, बल्कि गोल्ड दिलाने में भी योगदान दिया। सेमीफाइनल में भारत ने नेपाल को 56-18 से हराया था। कबड्डी एसोसिएशन के महासचिव कृष्ण लाल ने कहा कि बेटियों ने फिर से पूरे देश को गौरवान्वित किया है।
प्रदेश के ऊंचे इलाकों में बर्फबारी व मध्य व मैदानी इलाकों में हुई बारिश के बाद शनिवार को राज्य में खूब धूप खिली और अधिकतम तापमान में खासा उछाल आया है, लेकिन मौसम विभाग की मानें तो प्रदेश में रविवार से मौसम बिगड़ेगा और 12 मार्च को जहां येलो अलर्ट जारी किया गया है, वहीं 14 मार्च तक मौसम के खराब रहने के आसार हैं। ऊना में अधिकतम तापमान 28.5 डिग्री रहा, जबकि शिमला में 19 डिग्री रिकार्ड किया गया है। वही पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से मौसम बिगड़ेगा, लेकिन आगामी दिनों में गर्मी बढ़ जाएगी। मौसम विभाग के अनुसार सोमवार को एक या दो बार भारी बारिश व बर्फबारी का येलो अलर्ट जारी किया गया है, जिसमें चम्बा, कांगड़ा व लाहौल-स्पीति में बर्फबारी व बारिश, जबकि कुल्लू व मंडी में आंधी तूफान व बिजली चमकने की संभावनाएं हैं। 10 व 11 मार्च को राज्य के कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम, 12 से 14 मार्च तक राज्य में कई स्थानों पर हल्की से मध्य बर्फबारी व बारिश की संभावनाएं हैं। राज्य में पिछले 24 घंटों में एक-दो स्थानों पर हल्की वर्षा हुई है, जिसमें मनाली में 1 मिलीमीटर वर्षा रिकाॅर्ड की गई है। न्यूनतम तापमान केलांग व कुकुमसेरी में माइनस 6.9 डिग्री, ताबो में माइनस 5.5, कल्पा में माइनस 0.4 डिग्री रहा, जबकि राजधानी शिमला व सोलन में 7.4, ऊना में 5.9 व पालमपुर में 6 डिग्री रिकाॅर्ड किया गया है।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के सोमवार से शुरू होने जा रहे बजट सत्र के लिए स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने रविवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। भाजपा इस बार भी बैठक से किनारा कर सकती है। यह बैठक दोपहर बाद एक बजे शुरू होगी। विपक्ष के प्रतिनिधियों इस बैठक में शामिल होंगे या नहीं इस पर संसय बना हुआ है। बता दे भाजपा विधायक दल पिछले विधानसभा सत्रों में भी सर्वदलीय बैठक का बहिष्कार कर चुका है। इस बैठक के लिए संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, सरकारी उप मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया और भाजपा विधायक व मुख्य सचेतक प्रतिपक्ष सुखराम चौधरी को बुलाया गया है पठानिया ने कहा कि वह सत्ता पक्ष तथा विपक्ष के सदस्यों से अनुरोध करेंगे कि जनहित से जुड़े मुद्दों को ही सदन में उठाएं। हिमाचल प्रदेश विधानसभा की परंपराओं और गरिमा का सम्मान करते हुए नियमों की परिधि में रहकर जनहित से संबंधित विषयों पर सदन में सार्थक चर्चा करें।साथ ही सत्र के संचालन में अपना रचनात्मक सहयोग दें। वही विधानसभा बजट सत्र के लिए भाजपा विधायक दल रविवार शाम शिमला के एक निजी होटल में रणनीति बनाएगा। यह बैठक नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में होगी। सोमवार को राज्यपाल के अभिभाषण में भाजपा स्वाभाविक रूप से शांत दिखेगी। लेकिन दूसरे दिन मंगलवार को शोकोद्गार के बाद प्रश्नकाल और शून्यकाल के दौरान सदन में हंगामा कर सकती है। विपक्ष सरकार को किन-किन मुद्दों पर घेरेगा, इसी पर भाजपा विधायक दल में मंत्रणा होगी। उधर, कांग्रेस विधायक दल की बैठक सोमवार को विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले होगी। सोमवार दोपहर दो बजे से बजट सत्र शुरू होगा। ऐसे में सुबह के समय मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में विधायक दल की बैठक में बजट सत्र को लेकर रणनीति बनाई जाएगी।
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने आज यहां बताया कि परियोजना आंतरिक स्वीकृति समिति की 141वीं बैठक में हिमाचल प्रदेश के छः जिलों में 10 ग्रामीण सड़क परियोजनाओं के लिए आरआईडीएफ के अन्तर्गत 109.3 करोड़ रुपये की धनराशि को स्वीकृति प्रदान की गई। उन्होंने कहा कि यह परियोजनाएं ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर सड़क और परिवहन सुविधाएं प्रदान करने में सहायक साबित होंगी, जिससे प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोग लाभान्वित होंगे। लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के दूरदर्शी नेतृत्व में प्रदेश सरकार राज्य का समग्र विकास सुनिश्चित करने की दिशा में कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में अधोसंरचना को मजबूत करने के लिए सरकार प्रदेश की विकासात्मक आवश्यकताओं को निरंतर सक्रिय रूप से केंद्र के समक्ष रख रही है। प्रदेश सरकार के सतत प्रयासों से राज्य को विभिन्न परियोजनाओं के लिए अनुदान प्राप्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि स्वीकृत परियोजना में जुनाला-करलोटी-छट-बरथिन सड़क, टिक्कर-मनोह वाया जखयोल-रमेहरा-सुलखान-धीरवी सड़क तथा रोहडू़-चिड़गांव-डोडरा क्वार सडक का उन्नयन शामिल हैं। इसके साथ पीरसलूही (कांगड़ा) से किटपल (हमीरपुर), पुयाद से टिक्करी वाया धारली और थाथर त्रिपाल से मेहवा पंचायत, शहीद तेजसिंह स्मारक जट्टा रा नाला से कुकरी गलू वाया हरिजन बस्ती सलूण, कटलूण और छमयार सड़क शामिल है। उन्होंने कहा कि एक प्रमुख परियोजना के तहत नेहवाट, नयासर, घैणी और देवीधार को जोड़ने वाला 35 मीटर स्पैन पुल का निर्माण भी शामिल है। इसके अलावा कांशीवाला से बिरोजा फैक्ट्ररी वाया जाबल का बाग, कनोल लग और बटूनी मैटलिंग टारिंग वाली सड़क को मंजूरी दी गई है। मंत्री ने कहा कि यह परियोजनाएं ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर सम्पर्क सुविधा सुनिश्चित करने के साथ-साथ लोगों को कृषि उत्पाद, दैनिक आवश्यक वस्तुओं और सार्वजनिक परिवहन की सुचारू आवाजाही सुनिश्चित करेगी। लोक निर्माण मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी आवश्यक औपचारिकताओं के पूरा होने के उपरान्त एक माह के भीतर निर्माण कार्य शुरू किए जाएं और इन परियोजनाओं में गुणवत्तापूर्ण कार्य सुनिश्चित कर परियोजनाओं को समयबद्ध पूरा किया जाए।
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने राज्य सरकार के सतत प्रयासों और आग्रह के फलस्वरूप केंद्र सरकार ने प्रदेश को 15वें वित्त आयोग के तहत राष्ट्रीय डेटा केंद्र के लिए नगरपालिका साझा सेवा केंद्रों (एमएसएससी) की स्थापना के दृष्टिगत 50 करोड़ रुपये की अनुदान राशि स्वीकृत की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के मार्गदर्शन में राज्य सरकार शहरी स्थानीय निकायों को सशक्त बनाकर नगर प्रशासन के आधुनिकीकरण के लिए निरंतर कार्यरत है। प्रदेश सरकार सीमित श्रमशक्ति, वित्तीय संसाधनों की कमी और तकनीकी सहायता के अभाव जैसी चुनौतियों का समाधान करने की दिशा में कार्य कर रही है। एमएसएससी की स्थापना से नगर पालिकाओं में प्रशासनिक दक्षता बढ़ेगी और लोगों को गुणवत्तापूर्ण सेवाएं उपलब्ध करवाई जाएगी। लोक निर्माण मंत्री ने बताया कि पासपोर्ट सेवा केंद्रों की तर्ज पर इन केंद्रों के माध्यम से लोगों को जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र, व्यापार लाइसेंस जारी करने तथा शिकायत निवारण जैसी आवश्यक जन सेवाएं को सुगमता से उपलब्ध होगी। इसके अतिरिक्त यह केंद्र लेखा कार्य, पेरोल मेनेजमेंट और वेंडर के भुगतानों के लिए एक केंद्रित प्रणाली के रूप में कार्य करेंगे। कर संग्रह, कचरा प्रबंधन और रखरखाव कार्य जैसी सुविधाएं घर-द्वार के निकट उपलब्ध होगी, जिससे छोटे नगर निकायों की कार्यप्रणाली में उल्लेखनीय सुधार आएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शहरी विकास नवाचारों के लिए केंद्र सरकार से वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। इस अनुदान से राज्य में शहरी स्थानीय निकायों के तीन क्लस्टर स्थापित किए जाएंगे, जिससे नगर प्रशासन तकनीकी रूप से सक्षम बनेगा और लोगों को बेहतर सेवाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी। विक्रमादित्य सिंह ने बताया कि मंत्रालय द्वारा हिमाचल के लिए शीघ्र धनराशि जारी करने का प्रस्ताव दिया जा चुका है। हिमाचल के अलावा असम, अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड को भी यह अनुदान मिलेगा। यह राशि दो चरणों में वितरित की जाएगी। इसके तहत 50 प्रतिशत राशि मंजूरी के समय और शेष राशि एमएसएससी मॉडल के संचालन के बाद जारी की जाएगी। इस परियोजना का प्रभावी क्रियान्वयन और मूल्यांकन सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार एक त्रि-पक्षीय संस्था की नियुक्ति करेगी। उन्होंने कहा कि एमएसएससी मॉडल से संसाधनों का सर्वोत्तम उपयोग और सेवा वितरण में सुधार होगा, जिससे राज्य के शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोग लाभान्वित होंगे।
विधायक संजय अवस्थी ने आज शिमला से जारी एक बयान में आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार हिमाचल प्रदेश के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। हिमाचल प्रदेश को विशेष मदद प्रदान करना तो दूर की बात, हमारे हक का पैसा भी समय पर नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन में अपनी हिस्सेदारी का पांच तिमाही से एक भी पैसा जारी नहीं किया है। केंद्र सरकार ने लगभग 65 करोड़ रुपए की धनराशि जनवरी 2024 से जारी नहीं की है। वहीं, मनरेगा का भी यही हाल है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने मनरेगा में अपने हिस्से के अक्तूबर 2024 से लंबित 252.56 करोड़ रुपए भी अभी तक हिमाचल प्रदेश को प्रदान नहीं किए गए हैं। भाजपा के नेता सुर्खियों में बने रहने के लिए बयानवीर बने हुए हैं, जबकि केंद्र सरकार हिमाचल प्रदेश के लोगों को उनके हक से भी वंचित कर रही है। संजय अवस्थी ने कहा कि हिमाचल भाजपा के नेता प्रतिदिन अखबारों में केंद्र सरकार से मिलने वाली मदद को लेकर बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं। लेकिन हकीकत इससे ठीक उलट है। उन्होंने कहा कि राज्य में कांग्रेस की सरकार होने के कारण प्रदेश के साथ अन्याय किया जा रहा है। वर्ष 2023 में आई प्राकृतिक आपदा के दौरान भी केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश के प्रभावित परिवारों के साथ धोखा किया। जहाँ उत्तराखंड को आपदा के लिए बजट में सीधे मदद प्रदान की, वहीं हिमाचल प्रदेश को मिलने वाली मदद को शब्दों के मकड़जाल में फँसा कर रख दिया है। यहाँ तक की केंद्र सरकार की टीम डेढ़ साल पहले आपदा से हिमाचल प्रदेश को हुए नुकसान का सर्वे कर गई और राज्य में लगभग 10 हजार करोड़ रुपए के नुकसान का आकलन किया। हालत यह है कि यह पैसा भी अभी तक हिमाचल प्रदेश के लोगों को नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने आपदा प्रभावितों की मदद के लिए 4500 करोड़ का विशेष राहत पैकेज प्रदान कर उन्हें फिर से बसाया ताकि वे अपना जीवन सम्माजनक जी सकें। विधायक ने कहा कि केंद्र सरकार लगातार हिमाचल प्रदेश के लोगों के साथ भेदभाव कर रही है जबकि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार जन कल्याण के लिए निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि बिना केंद्र सरकार के सहयोग ही राज्य सरकार प्रदेश के विकास के लिए प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है।
आज शिमला सचिवालय में भरमौर निर्वाचन क्षेत्र के विधायक जनक राज और आनी विधायक लोकेंद्र कुमार ने अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व, गृह और जनजातीय विकास ओंकार शर्मा से मुलाकात की। इस मुलाकात में दोनों विधायकों ने प्रदेश में राजस्व कर्मचारियों की प्रदेशव्यापी हड़ताल के बीच आम जनमानस को हो रही असुविधा को लेकर उचित कदम उठाने का आग्रह किया। साथ ही उन्होंने राजस्व कर्मचारियों की मांगों पर सरकार से विचार करने का अनुरोध किया। इसके अलावा, पांगी घाटी में बर्फबारी से हुए नुकसान और राहत कार्यों में तेजी लाने का भी आग्रह किया गया। लोकेन्द्र कुमार परमार ने अपने विधानसभा क्षेत्र में प्रभावित लोगों के घरों को हुए नुकसान के लिए राहत और भोजन सामग्री हवाई माध्यम से पहुँचाने की मांग उठाई।
मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग (एचपीआरसीए), हमीरपुर की बैठक की अध्यक्षता करते हुए पूर्व में मंत्रीमण्डल की बैठक में अनुमोदित 6 पोस्ट कोड के 660 पदों के परिणामों को शीघ्र घोषित करने के निर्देश दिए। उन्होंने विभिन्न विभागों, बोर्डों और निगमों के 2000 से अधिक पदों की भर्ती प्रक्रिया शीघ्र शुरू करने को कहा। इन पदों में वे पद भी शामिल हैं, जो पूर्व हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग द्वारा विज्ञापित किए गए थे। इसके अलावा एचपीआरसीए को हाल ही में प्राप्त नए अधिसूचित पदों को भी भरने का कहा गया है। उन्होंने एचपीआरसीए को उन उम्मीदवारों को दो वर्ष की आयु छूट प्रदान करने को कहा जो विभिन्न कारणों से आवेदन करने से वंचित रह गए थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार प्रदेश के युवाओं को सरकारी क्षेत्र में पारदर्शी तरीके और योग्यता के आधार पर रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि पिछली भाजपा सरकार युवाओं को रोजगार प्रदान करने में विफल रही थी और उनके कार्यकाल के दौरान अनेक प्रश्न-पत्र लीक हुए थे। उन्होंने आश्वासन दिया कि आयोग पारदर्शी भर्ती और कम्प्यूटर आधारित टैस्ट संचालित कर युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करेगा। उन्होंने आयोग को अभ्यर्थियों की सुविधा के लिए आवेदन प्रक्रिया के लिए 20 मार्च, 2025 तक वन टाइम रजिस्ट्रेशन मॉड्यूल विकसित करने के निर्देश दिए।
AICC प्रवक्ता कुलदीप सिंह राठौर ने केंद्र सरकार पर US एड के 21 मिलियन डॉलर के दुरुपयोग का लगाया आरोप
AICC प्रवक्ता कुलदीप सिंह राठौर ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने 21 मिलियन डॉलर की US एड का दुरुपयोग किया गया है। कुलदीप सिंह राठौर ने आशंका जताई है कि ये पैसे केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र चुनाव में वोटर टर्नआउट बढ़ाने के लिए उपयोग किए गए है। कुलदीप सिंह राठौर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के परम मित्र अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खुले रूप से कहा है कि उन्होंने वोटर टर्नआउट के लिए अपने परम मित्र पीएम मोदी को 21 मिलियन डॉलर की एड दी है। भारत को ऐसी मदद की आवश्यकता नहीं है। ऐसे में शंका ज़ाहिर होती है कि महाराष्ट्र के नतीजे वोटर टर्नआउट के नाम पर दी गई यूएस एड से प्रभावित हैं। महाराष्ट्र चुनाव में रातों-रात हजारों में वाटर बना दिए गए। इस पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत कई नेताओं ने अपनी आपत्ति दर्ज कराई। लेकिन इलेक्शन कमीशन ने इस पर कोई संज्ञान नहीं लिया। उन्होंने कहा कि विश्व के परिपक्व लोकतांत्रिक देश वैलेट पेपर पर चुनाव करवाते हैं. पीएम मोदी के मित्र ट्रंप भी EVM पर शंका जाता चुके हैं। पूर्व भाजपा सरकार पर बागवानी प्रोजेक्ट के दुरुपयोग का आरोप कुलदीप सिंह राठौर ने पूर्व भाजपा सरकार पर भी आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार के दौरान बागवानी के लिए 1,134 करोड़ रुपए का वर्ल्ड बैंक प्रोजेक्ट आया था, लेकिन सरकार बदलने के बाद इस पैसे का सही उपयोग नहीं किया गया। राठौर का कहना था कि इस पैसे का सही तरीके से उपयोग किया गया होता तो प्रदेश की बागवानी को मजबूती मिलती, लेकिन इसके दुरुपयोग से बागवानों की स्थिति गंभीर हो गई है और उत्पादन घट रहा है। उन्होंने इस मामले की जांच की मांग की और इसे विधानसभा में उठाने की बात भी कही | प्रदेश की नवनियुक्त प्रभारी रजनी पाटिल पर कुलदीप सिंह राठौर ने अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा कि रजनी पाटिल अनुभवी नेता हैं और प्रदेश कांग्रेस की परिस्थितियों से भली-भांति परिचित हैं। उन्होंने बताया कि रजनी पाटिल पहले हिमाचल प्रदेश की प्रभारी रह चुकी हैं, इसलिए उन्हें गुमराह नहीं किया जा सकता। राठौर ने उम्मीद जताई कि पार्टी आलाकमान का निर्णय पार्टी के हित में होगा।
निगम शिमला ने टैक्स न जमा करवाने वाले भवन मालिकों को नोटिस जारी कर दिए है और 31 मार्च से पहले प्रॉपर्टी टैक्स जमा करवाने को कहा है। नगर निगम की तरफ से कहा गया है कि 31 मार्च के बाद भी कोई टैक्स जमा नहीं करवाता है तो बिजली पानी के कनेक्शन काटे जाएंगे। नगर निगम की उप महापौर उमा कौशल ने बताया कि अब तक 29000 के करीब लोगों ने अपना टैक्स जमा कराया है लेकिन 3000 लोग ऐसे हैं जिन्होंने अभी तक प्रॉपर्टी टैक्स जमा नहीं करवाया है। इसमें सरकारी भवन में शामिल है। आईएसबीटी से ही नगर निगम से 6 करोड़ लेना है। इसके अलावा अन्य भवन मालिक भी जमा नही करवा रहे है। नगर निगम की ओर से नोटिस पहले ही जारी कर दिया गया है और नगर निगम द्वारा अब पांच फीस पैनल्टी भी भवन मालिकों पर लगाई गई है। यदि लोग जल्द जमा नहीं करवाते है तो 15 फीसदी पेनल्टी भी नगर निगम लगाने जा रहा है। नगर निगम की उप महापौर उमा कौशल ने कहा कि शिमला शहर में 31900 भवन है जिनसे नगर निगम टैक्स लेता है। अभी तक 29000 के करीब लोगों ने ही टैक्स जमा करवाया है जबकि 3000 लोगों ने अभी भी टैक्स जमा नहीं करवाया है। जो टैक्स जमा नहीं कर रहे हैं उनके खिलाफ नगर निगम सख्ती बरतने जा रहा है और भवन मालिकों को नोटिस जारी कर अपना टैक्स जमा करवाने के निर्देश दिए हैं। यदि 31 मार्च से पहले कोई भवन मालिक टैक्स जमा नहीं करवाता तो उसका बिजली पानी काटने के निर्देश भी जारी कर दिए जाएंगे। उपमहापौर ने कहा कि नगर निगम की आय का मुख्य स्रोत टैक्स है। ऐसे में लोग टैक्स नहीं देंगे तो नगर निगम में विकास कार्य बाधित हो सकते हैं। उन्होंने लोगों से भी समय रहते अपना टैक्स जमा करवाने की अपील की। वहीं उन्होंने नशे खिलाफ सख्त कार्यवाई की बात कही। उन्होंने कहा कि युवाओं को को बचाने के लिए नशे के खिलाफ सभी को एकजुट होना पड़ेगा और पुलिस को भी पूरा सहयोग देना पड़ेगा। इसके लिए व्हाट्सएप पर भी कमेटियां बनाई गई है और जो वार्डों में कोई भी नशा करता पाया जाता है उसे एक बार चेतावनी दे कर छोड़े। उसके बाद उस पर कार्यवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि नशा तस्करों को किसी भी सूरत में बक्शा नहीं जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज वन विभाग की विभिन्न योजनाओं व परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए राज्य में वन क्षेत्र को विस्तार देने और संरक्षित करने के लिए महिला मंडलों, युवक मंडलों, स्वयं सहायता समूहों व पंचायतों की भागीदारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्हें वन संरक्षण में सेवा प्रदान करने के लिए उचित मुआवजा दिया जाएगा और राज्य सरकार ने इस संबंध में 100 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। इसके अतिरिक्त पौधों की जीवित प्रतिशतता के आधार पर पांच साल के बाद इनसेंटिव प्रदान कर उन्हें प्रोत्साहित किया जाएगा। उन्होंने वन क्षेत्र में 60 प्रतिशत फलदार व चारे की प्रजातियां लगाने के निर्देश दिए ताकि जंगल में ही जंगली जानवरों की आवश्यकताओं की उपलब्धता हो सके। इससे किसानों की फसलों को जानवरों से होने वाले नुकसान से बचाया जा सकेगा। उन्होंने विभाग को पौधरोपण और वनीकरण की अपनी मूल जिम्मेदारियों पर ध्यान केंद्रित करने के निर्देश दिए और पर्याप्त स्टाफ व हरसंभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने विभाग को वन आच्छादित क्षेत्र बढ़ाने के लिए निजी उद्यमियों को शामिल करने के निर्देश दिए। विभाग ऐसी संस्थाओं को तकनीकी सहायता प्रदान करेगा। उन्होंने विभाग को पौधरोपण के साथ पौधों को बचाए रखने के लिए एक प्रणाली विकसित करने के लिए कहा। प्रदेश सरकार राज्य के पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है तथा वर्तमान सरकार के पिछले दो वर्षों में इस संबंध में अनेक कदम उठाए गए हैं। ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि नव नियुक्त वन मित्रों को नियुक्ति पत्र शीघ्र प्रदान किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि कुल 2033 उम्मीदवारों का चयन किया गया है जिनमें 55 प्रतिशत महिलाएं शामिल हैं। उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को नव नियुक्त वन मित्रों के लिए ओरिएंटेशन कार्यक्रम तैयार करने को कहा। इस कार्यक्रम के माध्यम से वन मित्रों को उनकी भूमिका एवं जिम्मेदारियों से अवगत करवाया जाएगा और यह कार्यक्रम इस वर्ष के मई माह के पहले सप्ताह से आरम्भ किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार वन मित्रों को वर्दी तथा अन्य संबंधित सामग्री के लिए 6000 रुपये प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में स्थानीय लोगों के लिए रोजगार एवं स्वरोजगार के अवसर सृजित करने के लिए इको-पर्यटन को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा पहले चरण में आठ इको-पर्यटन साइट को सक्रिय बनाया गया है और अगले दो सप्ताह में 78 साइटें क्रियाशील की जाएंगी। उन्होंने कांगड़ा जिला के अंतरराष्ट्रीय ज्यूलॉजिकल पार्क बनखंडी के विकास एवं निर्माण कार्य की भी समीक्षा की। उन्होंने इस परियोजना के कार्यों में तेजी लाने और पार्क के लिए पर्याप्त श्रम शक्ति एवं मानक संचालन प्रक्रियाएं तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने पार्क में आने वाले पर्यटकों के लिए प्लेनेटेरियम तथा अन्य सुविधाएं सृजित करने पर भी बल दिया।
हिमाचल में पुलिस थानों को अब जनसंख्या, भौगोलिक क्षेत्र, अपराध, वीआईपी मूवमेंट, यातायात, सीमाओं और पर्यटक आमद के आधार पर 6 श्रेणियों में वर्गीकरण किया जाएगा। जिसको लेकर शनिवार को प्रदेश सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी। प्रदेश के सभी 135 थाने वर्गीकृत किए जाएंगे। अपराध पंजीकरण के आधार पर थानों को छह श्रेणियों में बांटा जाएगा। आबादी के आधार पर 276 से 300 तक मामले दर्ज करने वाले थानों को ए प्लस श्रेणी में रखा जाएगा, इन थानों में 70 पुलिस कर्मियों और अधिकारियों की तैनाती की जाएगी और इन्हें 20 अंक मिलेंगे। भौगोलिक क्षेत्र के आधार पर 10 अंक, अपराध के आधार पर 40, वीआईपी मूवमेंट के आधार पर 10, अंतरराज्यीय सीमाओं के 10 और पर्यटकों की आमद के 10 अंक मिलेंगे। श्रेणी के आधार पर थानों को स्टाफ उपलब्ध करवाया जाएगा। ए प्लस को 70, ए को 65, बी को 48, सी को 37, डी को 25 और ई को न्यूनतम 19 कर्मी मिलेंगे। वीआईपी मूवमेंट में सालाना 20 दौरों के लिए एक अंक के साथ पहली श्रेणी, 50 दौरों के लिए 2 अंकों के साथ दूसरी, 100 दौरों के लिए 3 अंकों के साथ तीसरी, 1000 दौरों के लिए 4 अंकों के साथ चौथी और 3000 वीआईपी मूवमेंट के लिए 5 अंकों के साथ पांचवीं श्रेणी तय की गई है। यातायात व्यवस्था में रोजाना 500 वाहनों तक एक अंक के साथ पहली, 1000 वाहनों तक 2 अंकों के साथ दूसरी, 2000 वाहनों तक 3 अंकों के साथ तीसरी, 8000 वाहनों तक 4 अंकों के साथ चौथी और अधिकतम 1,18,780 वाहनों तक पांच अंकों के साथ पांचवीं श्रेणी तय की गई है। जनसंख्या के आधार पर 35 हजार तक 5 अंकों के साथ पहली श्रेणी, 50 हजार तक 10 अंकों के साथ दूसरी श्रेणी, 90 हजार तक 15 अंकों के साथ तीसरी श्रेणी और 2 लाख तक 20 अंकों के साथ चौथी श्रेणी तय की गई है। भौगोलिक क्षेत्र के आधार पर 100 वर्ग किलोमीटर तक 2 अंकों के साथ पहली श्रेणी, 200 वर्ग किलोमीटर के साथ 4 अंकों के साथ दूसरी, 400 वर्ग किलोमीटर के साथ 6 अंकों के साथ तीसरी, 1000 वर्ग किलोमीटर के साथ 8 अंकों के साथ चौथी और 10 हजार वर्ग किलोमीटर के साथ 10 अंकों के साथ पांचवीं श्रेणी तय की गई है। अपराध पंजीकरण में 50 मामलों तक 5 अंकों के साथ पहली, 100 मामलों तक 15 अंकों के साथ दूसरी, 200 मामलों तक 25 अंकों के साथ तीसरी, 275 मामलों के साथ 35 अंकों के साथ चौथी और 300 मामलों के साथ 40 अंकों के साथ पांचवीं श्रेणी तय की गई है।
हिमाचल प्रदेश में अब शराब ठेकों की नीलामी करने का कैबिनेट बैठक में फैसला होगा। सरकार की मंजूरी मिलते ही नीलामी को लेकर शेड्यूल जारी होगा। शराब ठेकों का दस फीसदी बढ़ोतरी के साथ नवीनीकरण करने का प्रस्ताव सिरे न चढ़ने से तीन मार्च को होने वाली कैबिनेट बैठक में शराब ठेकों की नीलामी करने का फैसला ले लिया जाएगा। प्रदेश में करीब 2,100 शराब ठेके हैं। विभाग का दावा है कि 31 मार्च 2025 तक 2,700 करोड़ का राजस्व जुटाया जाएगा। वर्ष 2023 में प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने शराब ठेकों की नीलामी करने का फैसला लिया था। वही पूर्व की भाजपा सरकार ने शराब ठेकों का नवीनीकरण किया था। साल 2023 में नई आबकारी नीति को मंजूरी दी गई थी। इस दौरान बताया गया था कि नीलामी प्रक्रिया के माध्यम से नवीनीकरण के मुकाबले में आय में 40 फीसदी की वृद्धि हुई। 1296 करोड़ रुपये के मुकाबले 1806 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित हुआ। वर्ष 2024-25 के लिए विभाग ने 2,700 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होने का अनुमान लगाया है। ऐसे में अब साल 2025-26 में किस नीति को आगे बढ़ाया जाना है। इसको लेकर बीते दिनों खूब मंथन हुआ है। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि चालू वित्त वर्ष में शराब ठेकों की नीलामी की राशि काफी अधिक हो गई है। नए वित्तीय वर्ष के लिए क्या राशि तय की जानी है, इसका फैसला कैबिनेट की बैठक में लिया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के कच्चीघाटी में आग की बड़ी घटना पेश आई है। यहां एक निजी होटल के कमरे में अचानक आग लगने से महाराष्ट्र के एक पर्यटक की जिंदा जलकर मौत हो गई है। मृतक की पहचान महाराष्ट्र के सांगली जिले के कोरेगांव निवासी 24 वर्षीय रितेश पुडाले के रूप में हुई है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार घटना बीती शुक्रवार रात को करीब 11 बजे पेश आई है। मृतक रितेश अपने दो दोस्तों आशीष और अवधूत पाटिल के साथ शिमला घूमने पहुंचे थे उन्होंने शिमला के कच्ची घाटी के समीप एक होटल में कमरा बुक कराया था।अवधूत व आशीष ने पुलिस को बताया कि वह पहली मंजिल पर कमरा नंबर 106 में ठहरे थे। रात को जब तीनों दोस्त सो रहे थे, तभी कमरे में अचानक आग लग गई। उन्होंने बताया कि आशीष और अवधूत तो किसी तरह कमरे से बाहर निकलने में सफल रहे, लेकिन रितेश कमरे में ही फंस गया वह भाग नहीं पाया और वह आग की चपेट में आ गया। होटल प्रबन्धन ने घटना की सूचना दमकल विभाग को दी।अग्निशमन विभाग की टीम तुंरत मोके पर पहुंची और कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। पुलिस ने कमरे से रितेश का जला हुआ शव बरामद किया और घायलों को इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज शिमला में भर्ती कराया गया है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार पर्यटक आशीष कि शिकायत पर थाना बालूगंज में मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। फिलहाल आग लगने के कारणों की जानकारी नहीं मिल पाई है
हिमाचल प्रदेश सरकार के राजस्व मंत्री, जगत सिंह नेगी ने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर पर तीखा पलटवार करते हुए उनपर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया है। मंत्री ने कहा कि जयराम ठाकुर हिमाचल प्रदेश की जनता को भ्रमित करने का काम कर रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि सुखाश्रय योजना कांग्रेस का चुनावी वादा नहीं था और यदि सरकार मंदिरों से फंड ले रही है, तो इसमें कुछ गलत नहीं है। नेगी ने कहा, अगर मंदिरों से मदद ली जा रही है, तो इसमें कोई अपराध नहीं है। जब जयराम ठाकुर मुख्यमंत्री थे, तब कोरोना काल में भी उन्होंने मंदिरों से मदद ली थी, क्या तब उन्हें इसका ध्यान नहीं आया? उन्होंने आगे कहा कि जयराम ठाकुर छोटी-छोटी बातों को मुद्दा बनाने में लगे हुए हैं। बता दे कि पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हाल ही में आरोप लगाया था कि सुक्खू सरकार एक ओर सनातन धर्म का विरोध करती है, हिंदू विरोधी बयान देती है, और दूसरी ओर मंदिरों से फंड लेकर अपनी फ्लैगशिप योजना चला रही है। ठाकुर ने सरकार पर मंदिरों से पैसा मांगने और अधिकारियों पर दबाव बनाने का आरोप लगाया, साथ ही इसे जनविरोधी कदम बताते हुए भाजपा सरकार के इस फैसले का विरोध किया। राजस्व मंत्री ने इस आरोप को खारिज करते हुए कहा कि जयराम ठाकुर केवल राजनीतिक लाभ के लिए जनता को गुमराह कर रहे हैं।
आज विज्ञान संकाय और बीसीए संकाय ने 'नेशनल साइंस डे' धूमधाम से मनाया, जिसका इस बार का विषय एम्पोवेरिंग इंडियन युथ फॉर ग्लोबल लीडरशिप इन साइंस एंड इनोवेशन फॉर विकसित भारत था। इस अवसर पर विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं, जैसे पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन, डेमोंस्ट्रेशन, नारा लेखन और पोस्टर मेकिंग। विज्ञान और बीसीए संकाय के विद्यार्थियों ने इन प्रतियोगिताओं में बढ़-चढ़कर भाग लिया और अपनी रचनात्मकता का प्रदर्शन किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महाविद्यालय के प्राचार्य पी पी चौहान थे, और विज्ञान संकाय के सभी अध्यापक कार्यक्रम में उपस्थित थे। प्रतियोगिताओं के निर्णायक मंडल में लोकराज शर्मा और राधा रमन गौतम थे। पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन में विज्ञान संकाय से रितु राजटा ने पहला, मयंक ने दूसरा और अदिति ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। नारा लेखन में बीसीए संकाय से आरती बसनेट ने पहला, विज्ञान संकाय से तृषा ने दूसरा और स्नेहा ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। पोस्टर मेकिंग में बीसीए संकाय से आरती बसनेट ने पहला, विज्ञान संकाय से तनुजा ने दूसरा और तृषा ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। डेमोंस्ट्रेशन प्रतियोगिता में विज्ञान संकाय के हर्ष बालटू और शौर्य रांटा को अवार्ड ऑफ़ एप्रिसिएशन से नवाजा गया। कार्यक्रम के अंत में मुख्य अतिथि पी पी चौहान ने सभी विजेताओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया और विज्ञान के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस की प्रभारी बनने के बाद रजनी पाटिल आज कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन पहुची। जहां पर उनका कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह अन्य नेताओं ने फूल-मालाओं के साथ स्वागत किया गया। कांग्रेस कार्यालय पहुंचते ही रजनी पाटिल ने कांग्रेस के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर रही है। वही 3:00 बजे मुख्यमंत्री उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के साथ बैठक करेंगे। इसके बाद पूर्व पदाधिकारी पूर्व अध्यक्षों के साथ बैठक करेगी। कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन पहुंचने पर रजनी पाटिल ने कहा कि उन्हें दोबारा से हिमाचल कांग्रेस का प्रभारी बनाया गया है। सरकार और संगठन में तालमेल कैसे हो इसको लेकर कार्य किया जाएगा वहीं उन्होंने मंत्री चंद्र कुमार द्वारा कांग्रेस संगठन को पैरालाइज्ड के बयान पर उन्होंने कहा कि संगठन पैरालाइज नहीं है बल्कि संगठन को मजबूत करने की जरूरत है। कांग्रेस का कार्यकर्ता मजबूत है और पूर्व में भाजपा की सरकार को सत्ता से बाहर किया था ऐसे में हिमाचल कांग्रेस संगठन को पैरालाइज्ड कहना सही नहीं है। संगठन को ताकत देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जल्दी सबके साथ चर्चा करने के बाद प्रदेश में कांग्रेस कार्यकारिणी का गठन किया जाएगा और यहां पर बैठकर करने के बाद फीडबैक कांग्रेस कमान के समक्ष रखा जाएगा।
पिछले 24 घंटों से हिमाचल प्रदेश के कई जिलों में लगातार हो रही भारी बारिश और बर्फबारी ने हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों में तबाही मचाई है। बारिश के कारण कई नदियाँ उफान पर आ गईं हैं, वहीं भूस्खलन और बर्फबारी से प्रमुख सड़कें बंद हो गई हैं। शिमला, कुल्लू, चंबा, किन्नौर और मंडी जैसे इलाकों में यातायात प्रभावित हुआ है, और प्रशासन ने इन क्षेत्रों में सतर्कता बढ़ा दी है। भारी बारिश और बर्फबारी के चलते चंबा, कुल्लू, लाहौल-स्पीति और किन्नौर जिलों में शैक्षिक संस्थानों में अवकाश घोषित किया गया है। वही मौसम विभाग ने आज भी भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है खासतौर पर, कांगड़ा, चंबा, मंडी और कुल्लू जिलों में भारी बर्फबारी का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों में यलो अलर्ट जारी किया गया है, और यहां आंधी-तूफान की भी चेतावनी दी गई है। सड़कें बंद और लैंडस्लाइड्स: नेशनल हाईवे 5, जो शिमला को किन्नौर से जोड़ता है, निगुलसरी के पास भूस्खलन के कारण बंद हो गया है। इसके अलावा, होली-चंबा सड़क भी गरोला के पास भूस्खलन के कारण बंद हो गई है। इस भूस्खलन में एक बस भी पलट गई, लेकिन गनीमत रही कि वह खाई में नहीं गिरी। चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे और मंडी-पठानकोट राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर भी जगह-जगह भूस्खलन हुआ है, जिससे यातायात बाधित हो गया है। कुल्लू में जलस्तर बढ़ा और लैंडस्लाइड: कुल्लू के गांधीनगर में नाले का जलस्तर बढ़ने से यातायात प्रभावित हुआ है। वहीं, सोलंग नाला में तीन फीट तक ताजा बर्फबारी हुई, जिससे बिजली आपूर्ति ठप हो गई है और यातायात बाधित हुआ है। कुल्लू जिले के बंजार तहसील में हॉस्पिटल के पास भी भूस्खलन हुआ, जिससे एक गाड़ी इसकी चपेट में आ गई। ऊहल नदी का उफान और शानन परियोजना: ऊहल नदी के जलस्तर के बढ़ने के कारण शानन परियोजना के बैराज गेट खोलने पड़े हैं। निचले इलाकों में रहने वालों को नदी किनारे सतर्क रहने की सलाह दी गई है। पांवटा साहिब में लैंडस्लाइड के कारण NH-707 तीन घंटे से बंद है, जिससे यात्री परेशान हैं। प्रदेश सरकार ने भारी बारिश के मद्देनजर लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है। विशेष रूप से, भूस्खलन और बाढ़ जैसी परिस्थितियों से बचने के लिए प्रशासन ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रहने और यात्रा में सतर्कता बरतने का निर्देश दिया है।
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के नए संगठन के गठन को लेकर शिमला में गहन विचार-विमर्श का सिलसिला कल, 28 फरवरी से शुरू होने जा रहा है। इस बैठक की अगुवाई करने के लिए नव-निर्वाचित प्रदेश प्रभारी रजनी पाटिल शिमला पहुँच रही हैं। वह दो दिन तक राज्य के विभिन्न कांग्रेस नेताओं के साथ बैठकें करके नए संगठन के बारे में उनके विचार जानेंगी। रजनी पाटिल का हिमाचल दौरा 28 फरवरी को सुबह 10.30 बजे शुरू होगा, जब वह पहले हिमाचल प्रदेश के अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिवों और इंचार्जों के साथ बैठक करेंगी। इसके बाद, दोपहर 12.30 बजे, वह पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, पूर्व मंत्री, और पूर्व विधानसभा अध्यक्षों के साथ मिलकर नए पदाधिकारियों के बारे में उनकी राय लेंगी। शाम को, 3 बजे, पाटिल मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, डिप्टी मुख्यमंत्री, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और राज्य कैबिनेट मंत्रियों के साथ बैठक करेंगी। यह बैठक प्रदेश कांग्रेस संगठन की रीढ़ को लेकर अहम चर्चा का हिस्सा होगी। एक मार्च को रजनी पाटिल कांग्रेस के विधायकों और 2022 विधानसभा चुनाव के पार्टी प्रत्याशियों के साथ बैठक करेंगी, जिसमें नए संगठन के गठन पर गहन मंथन होगा। बैठकों के बाद, 1 मार्च की दोपहर को रजनी पाटिल शिमला में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगी, जिसमें वह संगठन के बारे में अपने विचार साझा करेंगी। 2 मार्च को वह शिमला से दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगी।
हिमाचल प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फबारी का दौर जारी है, जिसके कारण राज्य के विभिन्न हिस्सों में भारी नुकसान हुआ है। मौसम विभाग के अनुसार, आगामी तीन दिनों तक वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव रहेगा, जिससे पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश और बर्फबारी की संभावना बनी रहेगी। खासतौर पर, कांगड़ा, चंबा, मंडी और कुल्लू जिलों में भारी बर्फबारी का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों में यलो अलर्ट जारी किया गया है, और यहां आंधी-तूफान की भी चेतावनी दी गई है। लाहौल स्पीति में पिछले दो दिनों से हो रही बर्फबारी ने इलाके की स्थिति को गंभीर बना दिया है। कई इलाकों में तीन फीट से भी अधिक बर्फबारी हो चुकी है, जिससे पूरा जिला बाकी दुनिया से कट चुका है। अटल टनल रोहतांग भी वाहनों के लिए बंद कर दी गई है। मौसम विभाग ने आज और कल के लिए भारी स्नोफॉल का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जिससे और भी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। लाहौल स्पीति प्रशासन ने हिमस्खलन का अलर्ट जारी किया है। अधिक ढलान वाले इलाकों में बर्फ के पहाड़ गिरने का खतरा बना हुआ है। प्रशासन ने स्थानीय निवासियों और पर्यटकों से अपील की है कि वे सतर्क रहें और बर्फबारी से संबंधित गतिविधियों से दूर रहें। सड़कें और बिजली आपूर्ति पर असर किन्नौर और लाहौल स्पीति में ताजा बर्फबारी के कारण 220 से अधिक सड़कों और 250 बिजली ट्रांसफार्मरों का संचालन ठप हो गया है। इससे क्षेत्र के कई हिस्सों में बिजली गुल हो गई है और यातायात प्रभावित हो रहा है। स्थानीय प्रशासन राहत कार्यों में जुटा हुआ है और लोगों को जरूरी सहायता पहुंचाने के लिए प्रयास कर रहा है। मौसम विभाग ने आम नागरिकों को घरों में सुरक्षित रहने और बर्फबारी से संबंधित गतिविधियों से दूर रहने की सलाह दी है। मौसम की स्थिति और बिगड़ सकती है, इसलिए लोगों से अपील की जाती है कि वे प्रशासन की चेतावनियों का पालन करें और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी सतर्कता बरतें।
हिमाचल प्रदेश में तीन हेलीपोर्ट के निर्माण के लिए केंद्र सरकार से प्रथम चरण की मंजूरी (स्टेज-वन क्लीयरेंस) मिल गई है। इनमें चंबा जिले के होली और पांगी में हेलीपोर्ट के साथ-साथ कुल्लू जिले के मनाली में ग्रीन टैक्स बैरियर के पास एक हेलीपोर्ट भी शामिल है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में हेलीपोर्ट के निर्माण में तेजी लाने के लिए सक्रिय रूप से कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने संबंधित अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि निर्माण कार्य में कोई देरी न हो और सभी आवश्यक औपचारिकताएं, विशेष रूप से वन मंजूरी की प्रक्रिया अतिशीघ्र पूर्ण की जाए। प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री ने राज्य में आने वाले पर्यटकों की सुविधा के उद्देश्य से हवाई संपर्क बढ़ाने के लिए हेलीपोर्ट के विकास को विशेष प्राथमिकता दी है। बेहतर पर्यटन बुनियादी ढांचे से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार और स्वरोजगार के अवसर पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने और दूरदराज के क्षेत्रों में कनेक्टिविटी में सुधार के लिए हेलीपोर्ट परियोजनाओं को प्राथमिकता दे रही है। इस पहल से न केवल परिवहन सुविधाओं का विकास होगा बल्कि पर्यटन क्षेत्र और स्थानीय अर्थव्यवस्था भी सुदृढ़ होगी उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर सभी जिला मुख्यालयों और जनजातीय क्षेत्रों में 16 हेलीपोर्ट बनाकर हवाई संपर्क को मजबूत करने के लिए गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं। सरकार पर्यटन के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने और आगंतुकों के लिए सुविधाओं में सुधार पर विशेष ध्यान केंद्रित कर रही है। इसके अतिरिक्त, कांगड़ा हवाई अड्डेे के विस्तार कार्य में तेजी लाई गई है और भुंतर हवाई अड्डे का विस्तार करने के प्रयास भी किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन प्रयासों से घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटक प्रदेश में अपने पसंदीदा गंतव्यों तक आसानी से पहुंच सकेंगे।
अब शिमला में HRTC की 'राइड विद प्राइड' इनोवा टैक्सियों में सफर करना महंगा हो गया है। HRTC की 'राइड विद प्राइड' इनोवा टैक्सियों के किराए में ₹10 की बढ़ोतरी कर सुक्खू सरकार ने शिमला की जनता को बड़ा झटका दे दिया है। अब, 0-4 किमी की यात्रा के लिए ₹20 के बजाय ₹30 का किराया लिया जाएगा। इसी तरह, 4-6 किमी के लिए ₹30 से बढ़कर ₹40, 6-8 किमी के लिए ₹40 से बढ़कर ₹50, और 8-10 किमी के लिए ₹50 से बढ़कर ₹60 का किराया तय किया गया है। 10 किमी से अधिक दूरी पर अब ₹70 से अधिक का किराया लगेगा। बता दे कि हालांकि, वरिष्ठ नागरिकों और मरीजों के किराए में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
हिमाचल प्रदेश में राजस्व विभाग के कर्मचारियों ने एक बार फिर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सुक्खू सरकार द्वारा नायब तहसीलदारों, पटवारियों और कानूनगो को स्टेट कैडर में डालने की अधिसूचना जारी करने के बाद से संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी और कानूनगो महासंघ में नाराजगी है। इस निर्णय को लेकर महासंघ ने आगामी 25 और 27 फरवरी को सामूहिक अवकाश पर जाने का फैसला किया है, जिसका असर प्रदेशभर में लोगों के प्रमाण पत्र, रजिस्ट्रियां, लोन, और ई-केवाईसी प्रक्रियाओं पर पड़ेगा। इससे आम जनता को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। महासंघ ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने दो दिन के भीतर उचित निर्णय नहीं लिया, तो 28 फरवरी से वे अनिश्चितकालीन पेन डाउन स्ट्राइक शुरू कर देंगे। सुक्खू सरकार ने राज्य कैडर की अधिसूचना जारी कर नायब तहसीलदार, पटवारी और कानूनगो के प्रमोशन चैनल को प्रभावित कर दिया है, जिससे महासंघ के सदस्य परेशान हैं। राज्य में इन पदों पर कुल 3,342 स्वीकृत पद हैं, जिनमें से 488 पद खाली हैं। 2,828 पटवारी और कानूनगो 25 और 27 फरवरी को अवकाश पर जाएंगे, जिससे प्रशासनिक कार्यों में रुकावट आ सकती है। यह पहली बार नहीं है कि इन कर्मचारियों ने विरोध किया है। पिछले साल जुलाई में भी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया था और 15 अगस्त को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ हुई बैठक के बाद ही उन्होंने काम पर लौटने का निर्णय लिया था। इसके बाद, महासंघ ने अपनी आठ मुख्य मांगों को बलवान कमेटी के सामने रखा था, जो अब सरकार के पास सिफारिश भेज चुकी है।
हिमाचल प्रदेश में आगामी 4 दिन मौसम खराब रहने का अनुमान, प्रदेश भर में अच्छी बारिश-बर्फबारी की उम्मीद
हिमाचल प्रदेश में मौसम विज्ञान केंद्र 25 फरवरी की देर शाम से पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने का अनुमान जताया है. प्रदेश भर में इसका असर 28 फरवरी तक देखने को मिलेगा. मौसम विज्ञान केंद्र का अनुमान है कि 26 और 27 फरवरी को हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों में भारी बारिश बर्फबारी होने के आसार हैं. वहीं अब तक प्रदेश में सर्दियां शुष्क रही हैं. पूरे सीजन के दौरान प्रदेश में सामान्य से लगभग 69 फ़ीसदी कब बारिश दर्ज की गई है. शिमला मौसम विज्ञान केंद्र में मौसम वैज्ञानिक संदीप कुमार शर्मा ने बताया कि. 25 फरवरी की देर शाम से हिमाचल प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा. इसका असर 28 फरवरी तक प्रदेश भर में देखने को मिलेगा. वहीं पहली और दो मार्च को भी प्रदेश भर में मौसम खराब बना रहेगा. इस दौरान 26 और 27 फरवरी को प्रदेश के विभिन्न इलाकों में अच्छी बारिश बर्फबारी होने की संभावना है. इसको लेकर मौसम विज्ञान केंद्र ने येलो अलर्ट जारी किया है. साथ ही कुछ इलाकों में भारी बारिश की भी संभावना है. इसको देखते हुए ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया गया है. वहीं, हिमाचल प्रदेश में इस बार सर्दियां शुष्क रही हैं. प्रदेश भर में पूरे सीजन के दौरान सामान्य से कम बारिश बर्फबारी दर्ज की गई. मौसम वैज्ञानिक संदीप कुमार शर्मा ने बताया कि प्रदेश भर में पूरे सीजन के दौरान सामान्य से 69 फ़ीसदी कम बारिश दर्ज की गई. जनवरी महीने में सामान्य 85 फ़ीसदी कम बारिश हुई. वहीं फरवरी महीने में अब तक सामान्य से 52 फ़ीसदी कम बारिश रिकॉर्ड की गई है. इसके चलते पूरे सीजन के दौरान दिन के तापमान औसतन चार से पांच डिग्री ऊपर देखने को मिले. फिलहाल प्रदेश में न्यूनतम तापमान सामान्य चल रहे हैं मगर दिन के तापमान में उछाल देखा जा रहा है. हालांकि प्रदेश में मौसम बिगड़ने के बाद दिन के तापमान में भी गिरावट दर्ज की जाएगी. इसके चलते मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से 26 और 27 फरवरी को प्रदेश में कोल्ड डे का अलर्ट भी जारी किया गया है
हिमाचल प्रदेश में सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को दी जा रही मुफ्त एचआरटीसी बस सेवा जल्द ही बंद हो सकती है। एचआरटीसी के निदेशक मंडल की हाल की बैठक में इस मामले पर गंभीर चर्चा हुई, जिसमें विद्यार्थियों के लिए न्यूनतम बस किराए पर आधारित पास बनाने के विकल्प पर विचार किया गया। प्रस्ताव के अनुसार, सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को अब घर से स्कूल और स्कूल से घर जाने के लिए 15 सिंगल फेयर बस पास हर महीने बनवाने होंगे। इसमें महीने में 15 दिनों का किराया लिया जाएगा, लेकिन यह किराया केवल एक दिशा का ही वसूला जाएगा, यानी विद्यार्थियों को केवल एक तरफ का किराया देना होगा। यह कदम, एचआरटीसी की वित्तीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है, ताकि निगम को घाटे से उबरने में मदद मिल सके। बैठक में शहरी निकाय क्षेत्रों में महिलाओं के लिए दी जा रही 50 प्रतिशत किराए की छूट को बंद करने का प्रस्ताव भी सामने आया। निदेशक मंडल का मानना है कि यह छूट अब केवल उन महिलाओं को दी जानी चाहिए, जिनकी आय कम है या जो बेरोजगार हैं। शहरी क्षेत्रों में नौकरीपेशा महिलाएं भी इस छूट का लाभ उठा रही हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में इसका लाभ उन महिलाओं को मिलना चाहिए, जिनकी आर्थिक स्थिति कमजोर है। इसके साथ ही यह भी सुझाव दिया गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के लिए किराए की छूट जारी रखी जाए, ताकि वे सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल आसानी से कर सकें। इसके अलावा, एचआरटीसी द्वारा बस किराए में वृद्धि करने का प्रस्ताव भी निदेशक मंडल की बैठक में चर्चा का हिस्सा रहा। प्रस्ताव के मुताबिक, न्यूनतम किराया 2 किलोमीटर तक 5 रुपये और 4 किलोमीटर तक 10 रुपये तय करने की सिफारिश की गई है। वर्तमान में 3 किलोमीटर तक का किराया 5 रुपये लिया जाता है, और अब यह बढ़ाकर 4 किलोमीटर तक किया जाएगा। इसके अलावा, 4 किलोमीटर से अधिक की यात्रा पर प्रति किलोमीटर किराए में भी बढ़ोतरी करने का सुझाव दिया गया है। एचआरटीसी के अधिकारियों का कहना है कि निगम को घाटे से उबारने और कर्मचारियों की देनदारियों का भुगतान करने के लिए इन बढ़ोतरी और बदलावों की आवश्यकता है। इस प्रकार, सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को मुफ्त एचआरटीसी बस सेवा अब पूरी तरह से बंद हो सकती है, और महिलाओं के लिए किराए की छूट में भी बदलाव संभव है। इन कदमों से निगम की वित्तीय स्थिति को बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन यह निर्णय राज्य सरकार के हाथों में है, जो इस पर अंतिम फैसला लेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में हिमाचल प्रदेश सरकार को भूंडा महायज्ञ के दौरान पशु बलि देने पर नोटिस जारी किया है। यह महायज्ञ 2 से 5 फरवरी तक शिमला जिले के रोहड़ू क्षेत्र में आयोजित हुआ था, जहां पशुओं की बलि दी गई। याचिकाकर्ता ने इस संबंध में एक कानूनी नोटिस पहले ही उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक और एसडीएम को भेजा था, जिसमें उन्होंने पशु बलि पर रोक लगाने की मांग की थी। इसके बावजूद, नियमों का पालन किए बिना महायज्ञ के दौरान पशुओं की बलि दी गई, जो सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन था। सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ, जिसमें न्यायमूर्ति जेके महेश्वरी और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार शामिल थे, ने इस मामले में हिमाचल प्रदेश सरकार और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस जारी करते हुए उनसे जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता ने कोर्ट में प्रस्तुत किए गए अपने दस्तावेजों में सोशल मीडिया पर वायरल हुई उन वीडियो का भी उल्लेख किया है, जिनमें खुलेआम पशु बलि दी जा रही थी। इस मामले में अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी, और हिमाचल सरकार को याचिका में लगाए गए आरोपों का जवाब देने के लिए हलफनामा दायर करना होगा। इस याचिका में यह भी उल्लेख किया गया है कि हिमाचल प्रदेश में पशु बलि की परंपरा सदियों से चली आ रही है, और कुल्लू दशहरा जैसे बड़े धार्मिक आयोजनों में इस प्रथा को कानूनी अनुमति दी गई है, बशर्ते कि कुछ शर्तों का पालन किया जाए। 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने कुल्लू दशहरा में पशु बलि को लेकर शर्तों के साथ अनुमति दी थी, लेकिन रोहड़ू में इस बार इन शर्तों का खुलेआम उल्लंघन किया गया। याचिकाकर्ता ने अदालत से आग्रह किया है कि वर्तमान समय में पशु बलि को आधुनिक समाज के दृष्टिकोण से गलत माना जाता है और समाज में बदलाव की आवश्यकता है।
रात्रि भत्ता सहित अन्य वित्तीय लाभों की मांग को लेकर एचआरटीसी चालक परिचालक यूनियन ने सरकार और निगम प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। शुक्रवार को दोनों यूनियनों ने निगम मुख्यालय के बाहर जोरदार धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने निगम और सरकार को 15 दिनों के भीतर सभी वित्तीय लाभ एक साथ अदा करने का अल्टीमेटम दिया। यूनियन ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनका वित्तीय लाभ समय पर नहीं दिया गया, तो 6 मार्च से चालक काम छोड़ो अभियान और चक्का जाम जैसे आंदोलन शुरू करेंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी। एचआरटीसी ड्राइवर यूनियन के अध्यक्ष मान सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री बार-बार झूठ बोलकर लाभों की तिथि को आगे बढ़ा रहे हैं। चालक परिचालकों को अभी तक रात्रि भत्ता नहीं दिया गया, साथ ही अन्य कई वित्तीय लाभ भी लंबित हैं। उन्होंने कहा कि कई बार सरकार और निगम प्रशासन से आग्रह करने के बावजूद यह लाभ नहीं दिए जा रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि 15 दिनों के भीतर वित्तीय लाभों का भुगतान नहीं किया जाता, तो चालक काम छोड़ो अभियान और चक्का जाम जैसे आंदोलन की ओर बढ़ सकते हैं, जिसके लिए निगम प्रबंधन और सरकार जिम्मेदार होगी।
हिमाचल प्रदेश में SMC अध्यापक एक बार फिर अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतर आए हैं। इन अध्यापकों का मुख्य उद्देश्य अपनी नौकरी का नियमितीकरण है, जिसके लिए वे लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं। कुछ समय पहले, SMC अध्यापक शिमला के चौड़ा मैदान में दिन-रात हड़ताल पर बैठे थे, और तब शिक्षा मंत्री ने खुद धरना स्थल पर आकर इनकी समस्याओं को सुनने और विचार करने का आश्वासन दिया था। लेकिन इतना समय बीतने के बाद भी इनकी समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं, जिससे अब यह अध्यापक एक बार फिर आर-पार की लड़ाई के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। SMC अध्यापक संघ के राज्य प्रवक्ता, निर्मल ठाकुर ने कहा कि ये अध्यापक पिछले कई सालों से प्रदेश के दूरदराज इलाकों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद सरकार की ओर से इनकी स्थिति सुधारने के लिए कोई स्थाई पॉलिसी नहीं बनाई गई है। यही नहीं, इन अध्यापकों को स्कूलों की छुट्टियों के दौरान वेतन भी नहीं मिलता, और केवल 14,000 रुपये मासिक वेतन पर इनका परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है। निर्मल ठाकुर ने सरकार से यह मांग की कि जल्द से जल्द एक स्थाई पॉलिसी बनाई जाए, और 2,555 शिक्षकों को स्थाई नियुक्ति दी जाए। उनका कहना है कि वे किसी तरह का आश्वासन नहीं, बल्कि नियमितीकरण के आदेश लेकर ही वापस लौटेंगे। अब यह समय है जब इन अध्यापकों ने आर-पार की लड़ाई का मन बना लिया है।
मोहाली में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां शिमला के एक युवक के साथ दरिंदगी की सारी हदें पार कर दी गईं। पंजाब यूनिवर्सिटी में एमए की पढ़ाई कर रहे इस छात्र ने मोहाली के एक सरपंच और उसके दोस्त करम देव किडनैपिंग, यौन शोषण, ब्लैकमेलिंग और शारीरिक प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगाए हैं। पीड़ित के अनुसार, उसे पहले किडनैप किया गया, फिर जबरन यौन संबंध बनाने के लिए मजबूर किया गया। इतना ही नहीं उसके गुप्तांग पर करंट लगाया गया और इस पूरी घटना का वीडियो बनाकर उसे ब्लैकमेल किया गया। पीड़ित का कहना है कि आरोपियों ने उसे धमकाकर उसके मोबाइल से 30,000 रुपये भी ट्रांसफर करवा लिए। इस घटना से टूट चुके युवक ने आत्महत्या करने का फैसला कर लिया। 19 जनवरी को वह पिंजौर पहुंचा और खुदकुशी से पहले रोते हुए अपना एक वीडियो रिकॉर्ड किया, जिसे उसने अपने कुछ जानने वाले लोगो को भेजदी। वीडियो देखने के बाद कुछ लोगों ने तुरंत मौके पर पहुंचकर उसे आत्महत्या करने से रोक लिया, लेकिन वह बेहोश हो गया। 21 जनवरी को जब उसे होश आया। शिमला के आईजीएमसी अस्पताल में युवक का मेडिकल हुआ है, जिसमें कुकुर्म की पुष्टि की गई है । शिमला पुलिस ने जीरो एफआईआर दर्ज कर मामला खरड़ पुलिस को ट्रांसफर किया है. खरड़ पुलिस ने राजपुरा के सरपंच सहित दो लोगों पर मामला दर्ज किया है मामले की आगामी जांच जारी है।
** चम्बा कांगड़ा कुल्लू मंडी में भारी बारिश और बर्फबारी की आशंका हिमाचल में आज देर रात से मौसम करवट बदलने वाला है। मौसम विभाग ने आज देर रात से कई हिस्सों में भारी बारिश और बर्फबारी को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।इस दौरान खास कर चम्बा कांगड़ा कुल्लू मंडी में भारी बारिश और बर्फबारी की आशंका जताई है। इसके साथ ही शिमला में बारिश जबकि कुफरी नारकंडा ओर ऊपरी क्षेत्रो में बर्फबारी हो सकती है। 20 फरवरी को किन्नौर और लाहौल-स्पीति को छोड़कर अन्य सभी जिलों में आंधी व तूफान चलने का भी अलर्ट जारी किया गया है। 21 से 23 फरवरी तक अधिक ऊंचे क्षेत्रों में ही मौसम खराब रहेगा। इससे लाहौल स्पीति, किन्नौर, कुल्लू और चंबा जिला की अधिक ऊंची चोटियों पर बर्फबारी हो सकता है। अन्य क्षेत्रों में मौसम साफ हो जाएगा। मौसम विभाग के निदेशक कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा कि प्रदेश में बीते 24 घंटे के दौरान मौसम साफ बना रहा है लेकिन आज डेरा से प्रदेश में पश्चिमी विकशॉप सक्रिय हो रहा है जिसके चलते देर रात से प्रदेश के चार जिलों में कांगड़ा मंडी कुल्लू चंबा में भारी बारिश और बर्फबारी को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा अन्य क्षेत्रों में भी मौसम खराब बना रहेगा। उन्होंने कहा कि पश्चिमी विकशॉप का असर 21 फरवरी की सुबह तक रहेगा इसके बाद मौसम साफ रहेगा। बीते दिनों मौसम साफ रहने से तापमान में उछाल आया है लेकिन बारिश और बराबरी होने से तापमान में भारी गिरावट आने की भी आशंका है। प्रदेश में इस बार सर्दियों में भी सूखे जैसे हालात बने हुए है। शिमला सहित कई हिस्सों में बर्फबारी बारिश काफी कम हुई हुई है। इस विंटर सीजन एक जनवरी से 17 फरवरी के बीच में नॉर्मल से 79 प्रतिशत कम बारिश हुई है। इस अवधि में 142.1 मिलीमीटर सामान्य बारिश होती है, लेकिन इस बार 29.6 मिलीमीटर ही बादल बरसे है।इसकी मार गेहूं की फसल के अलावा सेब के बगीचों पर पड़ रही है। हालांकि आगामी दो दिन बारिश बर्फबारी को।लेकर अलर्ट जारी किया गया है ऐसे में किसान बागवानों को राहत मिल सकती है।
हिमाचल प्रदेश के राशन कार्ड धारकों के लिए एक अच्छी खबर आई है। खाद्य आपूर्ति निगम ने लंबे समय से प्रतीक्षित रिफाइंड तेल की आपूर्ति के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है। अगले महीने से राशन डिपो में रिफाइंड तेल उपलब्ध होने लगेगा। कंपनियों को 28 फरवरी तक तेल के सैंपल जमा करने का समय दिया गया है, जिनकी गुणवत्ता की जांच के बाद 11 मार्च को तकनीकी बिड खोली जाएगी। खाद्य आपूर्ति निगम का दावा है कि 20 मार्च के बाद उपभोक्ताओं को डिपो में तेल मिलने लगेगा। इस नई व्यवस्था के तहत, राशन कार्ड धारकों को एक लीटर सरसों तेल और एक लीटर रिफाइंड तेल मिलेगा। साथ ही, डिपो होल्डरों को तीन महीने का सरसों तेल का कोटा एक साथ देने के निर्देश भी दिए गए हैं, जो पहले एक महीने का दिया जाता था। तेल की सप्लाई अब शुरू कर दी गई है, और दूरदराज क्षेत्रों में सरसों तेल की खेप भेजी जा रही है। हिमाचल प्रदेश में लगभग 19.5 लाख राशन कार्ड उपभोक्ता हैं, और सरकार द्वारा उन्हें दो लीटर तेल, तीन किलो दालें (मलका माश और दाल चना), चीनी और नमक सब्सिडी पर दिया जा रहा है। आटा और चावल केंद्र सरकार द्वारा मुहैया कराया जाता है। खाद्य आपूर्ति निगम के महाप्रबंधक, अरविंद शर्मा ने बताया कि रिफाइंड तेल की टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली गई है, और अब अगले चरण की तैयारी की जा रही है।
प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक शनिवार को राज्य सचिवालय शिमला में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आयोजित की गई। मंत्रिमंडल ने छह पोस्ट कोडों में 699 पदों के लिए लंबित परिणामों की घोषणा को मंजूरी दे दी। इनमें मार्केट सुपरवाइजर (पोस्ट कोड-977), फायरमैन (पोस्ट कोड-916), ड्राइंग मास्टर (पोस्ट कोड-980), एचपी सचिवालय क्लर्क (पोस्ट कोड-962), बिजली बोर्ड लाइनमैन (पोस्ट कोड-971) और स्टेनो टाइपिस्ट (पोस्ट कोड-928) शामिल हैं।
कांग्रेस आलकमान ने राजीव शुक्ला को हटाकर रजनी पाटिल को हिमाचल का प्रभारी नियुक्त कर दिया है। शुक्रवार देर रात इसको लेकर अधिसूचना जारी कर दी है। पाटिल इससे पहले भी ये ज़िम्मेदारी संभल चुकी है। वह मई 2018 से 11 सितंबर 2020 तक हिमाचल की प्रभारी थी, तब कुलदीप राठौर पीसीसी चीफ थे। राजीव शुक्ला को कांग्रेस पार्टी आला कमान ने वर्ष 2020 में हिमाचल कांग्रेस की बतौर प्रभारी नियुक्ति किया था। 2 साल बाद यानी वर्ष 2022 में हुए विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस ने प्रदेश की सत्ता में वापसी की थी। हालांकि, इसके बाद लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रदेश की चारों सीटों पर चुनाव हार गई थी। इसी बीच कांग्रेस पार्टी में आपसी गुटबाजी भी खुलकर सामने आती रही। मौजूदा समय में हिमाचल कांग्रेस पार्टी की सभी कमेटियां चाहे वह प्रदेश कांग्रेस कमेटी हो या जिला वह ब्लॉक कमेटी या सभी भंग है। ऐसे में रजनी पाटिल के समक्ष नए सिरे से कमेटियों का गठन करना सबसे पहली चुनौती होगी। वहीँ इस साल के अंत में पंचायती राज चुनाव होने हैं वह अगले वर्ष कुछ नगर निगम के चुनाव है। रजनी पाटिल हिमाचल कांग्रेस की पहले भी प्रभारी रह चुकी है। वह प्रदेश कांग्रेस पार्टी व यहां के पदाधिकारी से लेकर आम कार्यकर्ताओं तक को जानती है। माहिर मानते है कि पार्टी हाई कमान ने उनके इसी अनुभव को देखते हुए दोबारा से उन्हें प्रदेश प्रभारी की कमान सौंपी है।
शिमला: हिमाचल सरकार में लोक निर्माण विभाग के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने रोजगार के मुद्दे पर विपक्ष पर निशाना साधा है. विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि 2 साल के कार्यकाल में प्रदेश सरकार ने 42 हजार रोजगार के अवसर युवाओं को प्रदान किए. वहीं पूर्व भाजपा सरकार ने 5 साल के कार्यकाल में केवल 55 हजार सरकारी नौकरियां दी. इस दौरान विक्रमादित्य सिंह ने नेता प्रतिपक्ष और भाजपा पर केंद्र से हिमाचल को मिलने वाली मदद रोकने का भी आरोप लगाया है. विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के प्रदेश में विकास कार्य किए जा रहे हैं. प्रदेश सरकार युवाओं को रोजगार देने के लिए प्रतिबद्ध हैं और सरकार इसके लिए काम कर रही है. लेकिन पिछले कुछ समय से विपक्ष और मुख्य रूप से नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर लगातार तथ्यहीन हैं और बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि सरकार ने दो साल के कार्यकाल में 42 हजार युवाओं को रोजगार का अवसर दिया. वहीं पूर्व भाजपा सरकार ने पांच साल के कार्यकाल में केवल 20 हज़ार नौकरियां दी गई. विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार ने दो सालों में 12 हज़ार 500 सरकारी क्षेत्र में नौकरियां दी गई. पूर्व सरकार के घोटालों के चलते जो भर्तियां लटकी हुई थीं उन्हें भी बहाल करने का काम सरकार ने किया. वर्तमान सरकार ने 2 हज़ार 273 ऐसे पदों पर भर्ती प्रक्रिया को शुरू किया. विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि 25 हजार नए पद भरने की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी जिसमें प्रदेश के युवाओं को रोज़गार का अवसर मिलेगा.विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि भाजपा की सरकार प्रदेश पर 75 हज़ार करोड़ का कर्ज छोड़ कर गई. उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने प्रदेश आर्थिक रूप से मज़बूत करने के लिए काम किया. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह के नेतृत्व में 443 औद्योगिक प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई. साथ ही राजीव गांधी स्वरोजगार योजना के माध्यम से युवाओं को रोज़गार दिया जा रहा है. इसके अलावा बागवानों के लिए यूनिवर्सल कार्टन लाया गया और नींबू प्रजाति के फलों का समर्थन मूल्य भी बढ़ाया गया. वर्तमान सरकार ने मनरेगा का दिहाड़ी बढ़ाई गई आपदा में क्षतिग्रस हुई सड़कों को मनरेगा के माध्यम से किया गया. इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने का काम किया गया. विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि जहां पूर्व भाजपा सरकार ने 5 साल के कार्यकाल में 55 हजार सरकारी नौकरियां दी. वहीं वर्तमान कांग्रेस सरकार ने 2 साल के कार्यकाल में युवाओं को 20 हज़ार सरकारी नौकरी देने का काम किया . इस दौरान लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर को निशाने पर लिया. विक्रमादित्य सिंह ने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर पर आरोप लगाते हुए कहा कि जयराम ठाकुर लगातार केन्द्र से हिमाचल को मिलने वाली मदद को रोकने का काम कर रहे हैं. केंद्र की हर फंडिंग में हिमाचल की आवाज़ दबाने का काम किया जा रहा है. हिमाचल आर्थिक रूप से वाइबल राज्य नहीं है और केंद्र पर निर्भर है. जम्मू कश्मीर को बजट में स्पेशल पैकेज दिया गया. लेकिन हिमाचल में आपदा से भारी नुकसान हुआ. करीब 9 हजार करोड़ के नुकसान का आंकलन किया गया लेकिन एक पैसा नहीं मिला. मगर क्या विपक्ष के नेता और भाजपा के पार्टी प्रदेश अध्यक्ष ने केंद्र के सामने बात रखी यह सवाल है. विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि राजनीति केवल राजनीतिक के लिए नहीं होनी चाहिए. विपक्ष को प्रदेश के हित के लिए राजनीति करनी चाहिए.
शिमला के चक्कर बाइपास के पास स्थित पर्यटन विभाग की वर्कशॉप में गुरुवार देर शाम अचानक भीषण आग लग गई। आग की लपटें देख आसपास के लोग सकते में आ गए और अफरा-तफरी का माहौल बन गया। हालांकि, राहत की बात यह रही कि इस घटना में किसी भी व्यक्ति को कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ। वहीं, वर्कशॉप का पूरा भवन आग की चपेट में आकर नष्ट हो गया। घटना से लाखों रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है। आग लगने के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है, लेकिन यह दुर्घटना उस समय हुई जब वर्कशॉप बंद थी। अग्निशमन विभाग की टीमें मौके पर पहुंची और देर रात तक आग बुझाने की प्रक्रिया जारी रखी। फिलहाल, विभाग इस हादसे की जांच कर रहा है ताकि आग लगने के कारणों का पता चल सके।
प्रदेश में बर्फबारी और बारिश न होने की वजह से राज्य के किसान और बागवान परेशान नजर आ रहे हैं. जनवरी महीने में 84 फ़ीसदी और फरवरी महीने के 11 दिनों में 51 फ़ीसदी तक कम बारिश हुई है. बर्फबारी और बारिश न होने की वजह से नकदी फसल के साथ सेब की पैदावार पर खतरा मंडरा रहा है. किसान-बागवान अपने साल भर की मेहनत को लेकर खासे चिंतित हैं. राज्य में कई ऐसे किसान और बागवान हैं, जिनकी रोज़ी-रोटी इसी के साथ जुड़ी हुई है. ऐसे में अगर मौसम का साथ नहीं मिलेगा, तो आने वाले समय में परेशानियां बढ़ सकती हैं. यह राज्य सरकार के लिए भी चिंता का विषय है। हिमाचल प्रदेश संयुक्त किसान मंच के संयोजक हरीश चौहान का कहना है कि बर्फबारी और बारिश न होने की वजह से सेब की पैदावार पर सीधा असर पड़ रहा है. बागवान अपने साल भर की मेहनत को लेकर बेहद चिंतित हैं. सर्दियों के मौसम में अब तक नाममात्र की बर्फबारी हुई है. बर्फबारी न होने की वजह से पौधे की जरूरतें पूरी नहीं हो रही हैं. यही नहीं, बर्फबारी होने से कई ऐसे कीड़े-मकौड़े भी मर जाते हैं, जो पौधे को नुकसान पहुंचा सकते हैं.वहीं, युवा बागवान मोहित शर्मा ने भी बर्फबारी और बारिश न होने की वजह से चिंता ज़ाहिर की है. उन्होंने कहा कि इसकी वजह से सेब की पैदावार पर सीधा असर पड़ेगा. बेहतर पैदावार के लिए पौधे को नमी की जरूरत होती है. बर्फ न होने की वजह से नमी नहीं मिल पा रही है. यह सभी बागवानों के लिए चिंता का विषय है.
** सभी दल मिल कर नशे के खिलाफ लड़े लड़ाई हिमाचल प्रदेश में नशे का कारोबार बढ़ता जा रहा है ओर नशे पर राजनीति भी गरमा गई है। विपक्षी दल इसको लेकर हमलवार है। वहीं कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता और ठियोग से विधायक कुलदीप राठौर ने इसको लेकर पलटवार किया है और राजनीतिक दलों को नशे पर राजनीति करने के बजाय नशे के खिलाफ लड़ाई लड़ने की नसीहत दी है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में नशे को लेकर अलार्मिंग स्थिति पैदा हो गई है और प्रदेश के गांव स्तर तक नशा खास कर चिट्टा तस्करों ने अपना जाल बिछा दिया है जिसके चलते आए दिन युवा मौत का ग्रास बन रहे हैं। सरकार और पुलिस विभाग इसको लेकर कार्रवाई कर रहा है और आए दिन नशे के तस्करों को पकड़ा जा रहा है लेकिन निचले लेवल के तस्करों को पुलिस पकड़ रही है । जबकि जो नशे के बड़े तस्कर है जहां से सप्लाई होता है वहां पर दबिश दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि नशा तस्करी में कोई भी शामिल हो उसे नहीं बख्शा जाना चाहिए। वहीं राठौर ने नेता प्रतिपक जयराम ठाकुर के आरोपों पर भी पलटवार किया और कहा कि नेता प्रतिपक्ष नशे के कारोबार को लेकर अपनी चिंता जाता रहे हैं लेकिन यह नशा हिमाचल में एक महीने या 1 साल में नहीं फैला है बल्कि पिछले कई वर्षों से नशे का कारोबार चल रहा है यदि नेता प्रतिपक्ष अपने कार्यकाल के दौरान ही इस पर शक्ति से पेश आते तो आज के समय में नशा ग्रामीण स्तरों तक नहीं पहुंच पाता उन्होंने कहा कि नशे पर राजनीतिक दलों को राजनीति नहीं करनी चाहिए बल्कि अपना सहयोग देना चाहिए और अपने स्तर पर नशे के खिलाफ सभी को अभियान चलाना चाहिए सरकार भी महिला मंडल व अन्य स्थानों पर इसको लेकर जागरूकता अभियान शुरू करें ताकि आने वाली पीढ़ी को इस नशे के जाल से बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि कोई भी कितना ही प्रभावशाली व्यक्ति क्यों ना हो यदि वे नशे के कारोबार में संकलित है उन्हें नहीं बक्शा जाना चाहिए वही दिल्ली में कांग्रेस को मिली हार को लेकर कुलदीप राठौर ने कहा कि दिल्ली के नतीजे कांग्रेस के पक्ष में नहीं आए हैं आल्हा का मन इसको लेकर गंभीर है और हार को लेकरचिंतन हो रहा है । उन्होंने कहा कि संगठन को मजबूत करने की जरूरत है यदि संगठन मजबूत नहीं है तो चुनाव नहीं जीते जा सकते हैं। दिल्ली में लोगों में आम आदमी पार्टी के प्रति रोज था और दिल्ली में भाजपा नहीं जीती है बल्कि लोगों ने आम आदमी पार्टी को सत्ता से बाहर किया है।
उत्तर प्रदेश के गोसाईगंज थाना क्षेत्र के बासूपुर गांव के पास मंगलवार सुबह एक बड़ा हादसा हुआ। हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के श्रद्धालु, जो अयोध्या में रामलला के दर्शन करने के बाद बनारस के काशी विश्वनाथ दर्शन के लिए जा रहे थे, उनका टूरिस्ट वाहन बरौंसा-पापर मार्ग पर पुलिया से टकराकर गड्ढे में पलट गया। इस दुर्घटना में कुल 15 श्रद्धालु घायल हो गए। हादसे के तुरंत बाद घटनास्थल पर ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई। ग्रामीणों ने तत्काल मौके पर पहुंचकर बस में फंसे श्रद्धालुओं को बाहर निकाला और उनकी मदद की। घायलों को इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) जयसिंहपुर भेजा गया। सीएचसी प्रभारी डॉ. सुरेंद्र पटेल और उनकी टीम ने घायलों का इलाज किया, जबकि एक महिला श्रद्धालु सुषमा भारद्वाज को गंभीर हालत में मेडिकल कॉलेज सुलतानपुर रेफर किया गया। दुर्घटना के समय बस में कुल 22 लोग सवार थे, जिसमें से 15 लोग घायल हो गए। घायल श्रद्धालुओं में हिमाचल प्रदेश के शिमला शहर की अंजना शर्मा, चंद्रकांता, लक्ष्मी, गीता देवी, मत्ती देवी, केसरी देवी, प्रमिला देवी, शिल्पा, मायती देवी, वीरा देवी, उमा देवी, जेआर मुखिया, विनोद कुमार, देवेंद्र डोगरा और सुषमा भारद्वाज शामिल हैं। सभी घायलों को प्राथमिक उपचार देने के बाद उन्हें चाय भी पिलाई गई, और डॉक्टरों ने बताया कि सभी श्रद्धालु अब खतरे से बाहर हैं। घटना की सूचना पर पुलिस और प्रशासन के अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे। एसडीएम जयसिंहपुर, शिवप्रसाद और तहसीलदार जयसिंहपुर, मयंक मिश्रा ने तत्काल राहत कार्य शुरू किया। उन्होंने श्रद्धालुओं के सामान को सुरक्षित किया और अस्पताल में घायलों का हालचाल लिया। सीओ कादीपुर विनय गौतम ने भी सीएचसी जयसिंहपुर में घायलों को बेहतर सुविधाएं देने के निर्देश दिए। एसडीएम जयसिंहपुर ने बताया कि प्रशासन श्रद्धालुओं की पूरी मदद कर रहा है और सभी घायलों को सही उपचार दिया जा रहा है।
हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड में विभिन्न श्रेणियों के 706 पदों को समाप्त किया गया है. इसे लेकर बोर्ड प्रबंधन की ओर से आदेश जारी किए गए हैं. इन आदेशों के विरोध में बिजली बोर्ड के कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। आज सोमवार से प्रदेश भर में विद्युत काले बिल्ले लगाकर कार्य करेंगे ।वहीं दूसरी ओर अब आंदोलन के तहत कर्मियों ने वर्क टू रूल के तहत कार्य कार्य का आगाज कर दिया है।अब कर्मी नियमों के तहत केवल आठ घण्टे की ड्यूटी करेंगे। शिमला स्थित बिजली बोर्ड के मुख्य कार्यालय सहित विद्युत मंडलों व उप मंडलों में कार्यरत इंजीनियर, तकनीकी कर्मचारियों सहित अन्य सभी कर्मचारी काले बिल्ले लगाकर काम कर रहे है।वहीं कल आंदोलन के तहत हमीरपुर में महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है। हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड कर्मचारी संघ के महासचिव व ज्वाइंट फ्रंट के सह संयोजक हीरा लाल वर्मा ने बताया कि सोमवार से कर्मचारियों ने आंदोलन के तहत वर्क टू रूल कार्य करने का फैसला लिया है। इसके तहत बिजली बोर्ड के इंजीनियर और कर्मचारी अब 8 घंटे ही अपनी सेवाएं देंगे. इस अवधि के दौरान जो भी कर्मचारी व अधिकारी का संबधित कार्य होगा, केवल वही किया जाएगा. उन्होंने कहा कि आठ घंटे का समय पूरा होने के बाद बिजली बोर्ड के कर्मचारी अपनी सेवाएं नहीं देंगे. हीरा लाल वर्मा ने बताया कि कर्मचारी सरकार के कर्मचारी फैसले का विरोध कर रहे हैं. ये विरोध उस समय तक जारी रहेगा जब तक सरकार अपना फैसला वापिस नही करती और वार्ता के लिए नही बुलाती . सरकार कर्मचारी विरोधी फैसले ले रही है. आज तक किसी भी सरकार ने इस तरह के फैसले नहीं लिए थे. ऐसे में इंजीनियर और कर्मचारी आज से काले बिल्ले लगाकर सरकार के फैसले का विरोध करेंगे.उन्होंने कहा कि वह सरकार का विरोध नही कर रहे अपितु अगर कोई पद समाप्त किये जाने हैं तो उस विषय पर कर्मचारियों से चर्चा की जाए साथ ही महत्वपूर्ण जो पद हैं उन्हें समाप्त न किया जाए ।विभाग में अनेक पद रिक्त पड़े हैं उनके ऊपर चर्चा कर उन्हें शीघ्र भरा जाए साथ ही OPS भी कर्मियों को दी जाए।उन्होंने कहा कि कल से हमीरपुर में महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है।इसमे उपभोक्ता भी भाग लेंगे।उन्होंने कहा सभी जगह इस प्रकार की पंचायतों का आयोजन किया जाएगा और अगर सरकार वार्ता के लिए नही बुलाती तो कर्मियों को बड़ा कदम उठाने के लिए विवश होना पड़ेगा।
हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर दो दिनों तक मौसम खराब रहने वाला है. हिमाचल प्रदेश की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में 2 दिनों तक पश्चिमी विक्षोभ का असर देखने को मिलेगा. इस दौरान जिला चंबा, कुल्लू, लाहौल स्पीति और किन्नौर में हल्की बारिश देखने को मिल सकती है. साथ ही जिला शिमला के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भी हल्की बारिश देखने को मिल सकती है. हालांकि अन्य स्थानों पर केवल बादल छाए रहेंगे और बारिश या बर्फबारी जैसे कोई भी असर देखने को नहीं मिलेंगे.मौसम वैज्ञानिक शोभित कटियार ने बताया कि एक पश्चिमी विक्षोभ अफगानिस्तान और पाकिस्तान के ऊपर बना हुआ है, जिसका असर हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले जिले चंबा, कुल्लू लाहौल स्पीति और किन्नौर में देखने को मिलेगा. इससे शिमला जिला के ऊंचाई वाले इलाकों में भी हल्की बर्फबारी देखने को मिल सकती है. हालांकि शहर पर बादल छाए रहेंगे. लेकिन, बारिश और बराबरी की कोई भी संभावना नहीं है. शोभित कटियार ने बताया कि इसके बाद अगले तीन दिनों तक मौसम पूरी तरह शुष्क बना रहेगा. इसके बाद 14 और 15 फरवरी को लाहौल स्पीति, कांगड़ा और चंबा के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में दूसरा पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा. साथ ही 17, 18 और 19 फरवरी को हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों पर तीसरा पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा. इसका प्रदेश के अधिकतर हिस्सों में बारिश देखने को मिलेगी. कटियार ने बताया कि अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक चल रहे है, जो आने वाले दिनों में सामान्य हो जाएंगे.
**हिमाचल बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष के लिए काउंटडाउन शुरू दिल्ली चुनाव खत्म होने के साथ ही हिमाचल बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के लिए काउंटडाउन शुरू हो गया है।माना जा रहा है कभी भी नए अध्यक्ष की ताजपोशी हो सकती है। करीब एक दर्जन नेताओं के नामों को लेकर अटकलें है लेकिन माहिर मान रहे है कि इस बार अध्यक्ष पद के लिए कांगड़ा का 35 साल का इंतज़ार खत्म हो सकता है।कांगड़ा से आखिरी बार 1986 से 1990 तक शांता कुमार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रहे। इसके बाद पार्टी ने किसी अन्य नेता को मौका नहीं दिया। ऐसे में इस बार सबसे ज्यादा 15 सीटों वाले जिले को कमान मिल सकती है। कांगड़ा से लोकसभा सांसद राजीव भारद्वाज, राज्यसभा सांसद इंदु गोस्वामी, विधायक विपिन परमार और विधायक बिक्रम ठाकुर के नाम मुख्य तौर पर चर्चा में बने हुए है, हालांकि मौजूदा दौर में बीजेपी को लेकर अधिकांश पूर्वानुमान गलत साबित होते है और पार्टी अक्सर अप्रत्याशित फैंसलों से चौंकाती है । ऐसे में ये देखना भी रोचक होगा कि क्या फिर बीजेपी कोई सरप्राइज लेकर सामने आएगी। बहरहाल बात कांगड़ा से ताजपोशी की संभावनाओं की करें तो सीटों के लिहाज से तो ये जिला सबसे वजनदार है। इतिहास गवाह है हिमाचल की सत्ता पर वो ही काबिज होता है जो कांगड़ा में इक्कीस रहता है। मौजूदा वक्त में इसी कांगड़ा से बगावत की सुगबुगाहट भी है। ऐसे में इसी जिला से अध्यक्ष देकर बीजेपी चाहेगी कि संभावित बगावत को फ्यूज कर दिया। माहिर मान रहे है कि बेशक चेहरा को भी हो, पर इस बार कांगड़ा का दावा सबसे मजबूत है।
बीजेपी और आप के बीच दिल्ली में सिर्फ 1.99 प्रतिशत वोट शेयर का अंतर रहा लेकिन सीटों के लिहाज से देखे ये तो अंतर 26 सीटों का है। आंकड़े साफ़ बताते है की दिल्ली में बीजेपी का चुनाव मैनेजमेंट शानदार रहा है और इसका श्रेय पार्टी के संगठन को भी जाता है । दरअसल, दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी की इस शानदार जीत के पीछे संगठन मंत्री पवन राणा की भी बड़ी भूमिका रही है। अप्रैल 2023 में बीजेपी ने उन्हें दिल्ली का जिम्मा सौपा था और उसके बाद से ही दिल्ली में लगातार बीजेपी का संगठन मजबूत होता दिखा। बीजेपी संगठन में पन्ना प्रमुख मॉडल की शुरुआत करने वाले पवन राणा अपने पॉलिटिकल माइक्रो मैनेजमेंट के लिए जाने जाते है और दिल्ली में राणा का ये ही माइक्रो मैनेजमेंट बीजेपी की सबसे बड़ी ताकत बना। मसलन, बीजेपी ने दिल्ली में मंदिर प्रकोष्ठ शुरू किया और दिल्ली के करीब पंद्रह हजार मंदिरों को इस प्रकोष्ठ से जोड़ा गया। इसका बीजेपी को अच्छा लाभ हुआ है। माना जा रहा है आने वाले दिनों में अन्य राज्यों में भी इसे अपनाया जा सकता है। वहीं, झुग्गी बस्ती सम्मलेन जैसे अभियानों का जमीनी असर भी खूब दिखा। केजरीवाल के झुग्गी वोट को तोड़ने के लिए बीजेपी चुनाव से कई महीने पहले झुग्गी क्षेत्रों में प्रो. एक्टिव दिखी। न सिर्फ झुग्गी प्रधानों को पार्टी के साथ जोड़ा गया, बल्कि खुद गृह मंत्री अमित शाह के साथ उनका संवाद करवाया गया। इसके अलावा चाहे उत्तराखण्ड हो, हिमाचल या फिर पूर्वांचल के वोटर इनके प्रभाव वाली सीटों पर इस मर्तबा बीजेपी का माइक्रो मैनेजमेंट साफ़ दिखा। इन राज्यों से सम्बन्ध रखने वाले नेताओं को कोंस्टीटूएंसी टू कोंस्टीटूएंसी जिम्मा सौंपा गया और इसका भी बीजेपी को फायदा मिला।
हिमाचल: बिजली बोर्ड में 706 पद खत्म करने पर इंजीनियर-कर्मचारी नाराज, आज काले बिल्ले लगाकर देंगे सेवा
हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड में 706 पदों को समाप्त करने का आदेश जारी किया है, जिससे कर्मचारियों में गहरी नाराजगी फैल गई है। इस निर्णय के विरोध में बिजली बोर्ड के कर्मचारी आज से काले बिल्ले पहनकर काम करने का निर्णय लिया है। शिमला स्थित मुख्य कार्यालय सहित राज्य के अन्य विद्युत मंडल और उप मंडल में कार्यरत इंजीनियर, तकनीकी कर्मचारी और अन्य कर्मचारी भी इस विरोध में शामिल होंगे।यह निर्णय कर्मचारियों के लिए एक बड़ा झटका साबित हो रहा है, क्योंकि बोर्ड पहले ही कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा था। अब, 706 पदों की समाप्ति के कारण कार्यभार बढ़ने से कर्मचारियों पर दबाव और अधिक बढ़ गया है। इसी कारण, कर्मचारियों ने वर्क-टू-रूल आंदोलन शुरू करने का ऐलान किया है, जिसमें वे केवल निर्धारित समय तक ही काम करेंगे।अगर सरकार ने अपने फैसले को वापस नहीं लिया, तो कर्मचारियों ने राज्यभर में बड़े पैमाने पर विरोध और हड़ताल की चेतावनी दी है। इस मुद्दे पर 11 फरवरी को हमीरपुर में पंचायत आयोजित की जाएगी, और इसके बाद अन्य जिलों में भी विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे।
हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में अब शिक्षकों के लिए ड्रेस कोड लागू करने की योजना तैयार हो रही है। नए शैक्षणिक सत्र से इसे लागू किया जा सकता है, और इससे पहले कुछ स्कूलों ने अपने स्तर पर शिक्षकों के लिए यह कोड शुरू भी किया है। शिक्षा सचिव राकेश कंवर का कहना है कि शिक्षक विद्यार्थियों के रोल मॉडल होते हैं, और उनके पहनावे तथा व्यवहार का बच्चों पर सीधा असर पड़ता है। यही वजह है कि कई स्कूलों में इस दिशा में बदलाव देखा गया है। बीते साल प्रदेश में स्वैच्छिक ड्रेस कोड लागू किया गया था, जिसे शिक्षकों के आग्रह पर शुरू किया गया था। अब इसे सभी स्कूलों में अनिवार्य करने की योजना बन रही है। इस ड्रेस कोड में शिक्षकों के लिए फॉर्मल ड्रेस और शिक्षिकाओं के लिए साड़ी या साधारण सूट-सलवार का चयन हो सकता है। इसके तहत, शिक्षकों को स्कूल में फैशनेबल कपड़े पहनकर आने से भी रोका गया है, जो पहले से ही लागू है। राज्य सरकार ने इस पहल को लेकर अन्य राज्यों के ड्रेस कोड का अध्ययन करना शुरू कर दिया है और विशेषज्ञों से राय ली जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश में आउटसोर्स के माध्यम से होने वाली भर्तियों पर एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है, जिससे राज्य सरकार को फिलहाल राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेशों पर अंतरिम रोक लगा दी है और सरकार को इस मामले में जवाब देने के लिए चार सप्ताह का समय दिया है। इस आदेश का सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश संजय करोल और न्यायाधीश केवी विश्वनाथन की खंडपीठ ने की। हिमाचल सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने इस मामले में अदालत में अपनी बात रखी। उन्होंने बताया कि हिमाचल हाईकोर्ट ने 7 नवंबर 2024 को प्रदेश में आउटसोर्स पॉलिसी के तहत होने वाली भर्तियों पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने सरकार से यह भी कहा था कि भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए उचित नियम बनाए जाएं। इसके बाद, राज्य सरकार ने इस रोक को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की और अदालत के आदेशों के पालन के लिए एक हलफनामा प्रस्तुत किया। हालांकि, 8 जनवरी 2025 को उच्च न्यायालय ने सरकार की अर्जी को खारिज कर दिया, जिसमें रोक हटाने की मांग की गई थी। कोर्ट ने बताया कि वेकेशन के कारण केवल अति महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई हो रही है। इसके बाद, सरकार ने इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। यह मामला वर्ष 2022 में दायर एक याचिका से जुड़ा हुआ है, जिसमें आउटसोर्स भर्तियों की प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी पर सवाल उठाए गए थे। याचिका में यह आरोप लगाया गया था कि राज्य के विभिन्न विभागों में आउटसोर्स के तहत भर्तियां बिना पारदर्शिता के की जा रही हैं और कारपोरेशन के तहत रजिस्टर्ड कंपनियां भी कटघरे में हैं। उच्च न्यायालय ने यह भी आदेश दिया कि स्वास्थ्य विभाग में आउटसोर्स के तहत नियुक्तियां स्वीकार नहीं की जाएं और विभाग को स्थायी नियुक्तियों के लिए प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए।
** संघर्ष तेज़ करने की दी चेतावनी **वायदे पूरे करने की उठाई मांग हिमाचल प्रदेश में करुणामूलक संघ ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए वादाखिलाफी के आरोप लगाए हैं। संघ की उपाध्यक्ष बॉबी शुर्टा ने कहा कि चुनाव के समय कांग्रेस ने हर मंच से करुणामूलक समुदाय के लिए वादे किए थे, लेकिन अब सरकार के दो साल के कार्यकाल के बाद भी कोई वादा पूरा नहीं किया गया है। बॉबी शुर्टा ने आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार और उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने चुनाव के समय करुणामूलक की मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया था। हालांकि, सत्ता में आने के दो साल से ज्यादा समय हो चुका है, लेकिन अब तक करुणामूलक को भारतीय मान्यता प्राप्त नहीं हो पाई है। उन्होंने यह भी बताया कि पूर्व भाजपा सरकार ने भी करुणामूलक समुदाय की अनदेखी की थी। इस मुद्दे को लेकर करुणामूलक संघ ने 432 दिनों तक अनशन किया, जोकि किसान आंदोलन से भी लंबा था। बॉबी शुर्टा ने उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री पर भी वादाखिलाफी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मुकेश अग्निहोत्री ने हर मंच से करुणामूलक समुदाय के लिए स्थाई नीति बनाने और उनकी मांगों को पूरा करने का वादा किया था, लेकिन अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया है। शुर्टा ने यह भी बताया कि प्रदेश में 3,234 करुणामूलक परिवारों के मामलों पर फैसला नहीं हुआ है। इन परिवारों के सदस्य सरकार को अपनी सेवाएं दे चुके हैं, और अब यह उनकी अधिकारों और स्वाभिमान की लड़ाई बन चुकी है।उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती है, तो संघ अपने संघर्ष को और तेज़ करेगा।