हरियाणा के यमुनानगर जिले में मंगलवार देर रात एक दर्दनाक सड़क हादसे ने तीन परिवारों को उजाड़ दिया। सढौरा-काला मार्ग पर गांव असगरपुर के समीप शिलाई (हिमाचल प्रदेश) नंबर की ऑल्टो कार को एक अज्ञात तेज रफ्तार वाहन ने जबरदस्त टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि कार के एक तरफ के परखच्चे उड़ गए और उसमें सवार तीन युवकों की मौके पर ही मौत हो गई। टक्कर के बाद कार में बैठे चारों युवक सड़क पर इधर-उधर गिर पड़े। हादसे की सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने घायलों को अस्पताल पहुंचाया और मृतकों के शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेजे। कार हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के शिलाई क्षेत्र की थी। सभी युवक वहीं के रहने वाले बताए जा रहे हैं। घायल युवक को नजदीकी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है, जहां उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है। फिलहाल पुलिस ने अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं ताकि आरोपी का पता लगाया जा सके।
मंगलवार को ओक ओवर, शिमला में मुख्यमंत्री ने नवनियुक्त ‘वन मित्रों’ के लिए प्रशिक्षण मैनुअल जारी किया। इस मैनुअल का उपयोग वन मित्रों को वन अग्नि प्रबंधन, विभागीय कार्यप्रणाली, नर्सरी प्रबंधन, विभिन्न वृक्षारोपण कार्यक्रमों और समग्र वन प्रबंधन के बारे में प्रशिक्षित करने के लिए किया जाएगा। वन मित्र इस वर्ष 1 मई से 5 मई तक अपने-अपने रेंज में प्रशिक्षण लेंगे। सभी वन मण्डल अधिकारियों (डीएफओ) को प्रशिक्षण के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है, जो इसकी निगरानी करेंगे। मुख्यमंत्री ने मैनुअल को प्रशिक्षण केंद्रों और प्रशिक्षकों को शीघ्र वितरित करने के निर्देश देते हुए दक्ष प्रशिक्षण प्रदान करने की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि वन मित्र विभाग की कार्यप्रणाली से अच्छी तरह जानकर अपने कर्तव्यों का प्रभावी ढंग से निर्वहन कर सकें। उन्होंने प्रशिक्षण मैनुअल को विभागीय वेबसाइट पर अपलोड करने के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे 15 मई के बाद नवनियुक्त वन मित्रों से संवाद करेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार वन विभाग को सशक्त करने के लिए कर्मचारियों की भर्ती और आधुनिक तकनीक उपलब्ध करवाने पर विशेष बल दे रही है। उन्होंने कहा कि आगामी गर्मी के मौसम को देखते हुए वन विभाग को आग की घटनाओं के बारे में सतर्क रहना चाहिए और वनों के संरक्षण के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए। वन मित्र भर्ती कार्यक्रम के तहत अब तक पूरे प्रदेश में 1,896 वन मित्र अपने-अपने स्थानों पर कार्यभार ग्रहण कर चुके हैं। इस अवसर पर विधायक संजय अवस्थी, प्रधान मुख्य अरण्यपाल (वन बल प्रमुख) समीर रस्तोगी सहित विभाग के अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।
हिमाचल प्रदेश के तीन जिलों में आज और कल लू चलने की चेतावनी जारी की गई है। मौसम विभाग ने मंगलवार और बुधवार के लिए मंडी, कुल्लू और ऊना जिला में येलो अलर्ट जारी किया है, जिससे लोगों को गर्मी से सतर्क रहने की सलाह दी गई है। प्रदेश में 1 मई से 4 मई तक मौसम में बदलाव की संभावना जताई गई है। इस दौरान, 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आंधी चल सकती है। इसके साथ ही ऊंचे क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर हिमपात और वर्षा का अनुमान है। पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से वर्षा और हिमपात की स्थिति बन रही है। हालांकि, पहले दो दिनों के दौरान प्रदेश में तेज गर्मी और लू के तेवर भी देखने को मिल सकते हैं। मौसम में बदलाव के बाद अधिकतम तापमान में 1 से 2 डिग्री की गिरावट आई है। धौलाकुआं में अधिकतम तापमान में 2.7 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई, जबकि शिमला, मनाली और अन्य स्थानों पर 2 डिग्री तक तापमान में कमी आई। दूसरी ओर, कल्पा में तापमान में 2.3 डिग्री की वृद्धि हुई है। न्यूनतम तापमान में भी 1 से 2 डिग्री की गिरावट देखी गई है। वही मौसम विभाग ने लोगों को सलाह दी है कि वे लू से बचने के लिए उचित एहतियात बरतें और गर्मी के दौरान बाहर जाने से बचें। साथ ही, हिमपात और बारिश के लिए ऊंचे इलाकों में यात्रा करते समय सावधानी बरतें।
हिमाचल प्रदेश में अब सभी टैक्सी चालकों, एचआरटीसी और निजी सार्वजनिक परिवहन वाहनों में 'कार बिन' यानी कूड़ेदान लगाना अनिवार्य हो गया है, और यदि किसी भी वाहन में कूड़ेदान नहीं मिलता है तो 10 हजार तक का जुर्माना लग सकता है। हिमाचल प्रदेश सरकार ने 29 अप्रैल से सभी टैक्सी चालकों, एचआरटीसी और निजी सार्वजनिक परिवहन वाहनों में 'कार बिन' यानी कूड़ेदान लगाना अनिवार्य कर दिया है। इससे वाहन में उत्पन्न कचरे को एकत्रित कर निर्धारित स्थानों पर फेंका जा सके। आरटीओ और एमवीआई अब केवल उन्हीं वाहनों को पास करेंगे या पंजीकरण देंगे, जिनमें कार बिन लगाए गए हों। वाहन में कार बिन न लगाने पर 10 हजार और जैव कचरा इधर-उधर फेंकने पर 1500 रुपये जुर्माना लगेगा और यह प्रावधान पूरे राज्य में लागू होंगे।
शिमला के चौड़ा मैदान में 26 अप्रैल को मनाही के बावजूद सरकार के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल होने वाले शिक्षकों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। स्कूल शिक्षा निदेशालय ने सभी जिलों से प्राथमिक शिक्षकों की 26 अप्रैल की हाजिरी का रिकॉर्ड तलाश है। स्कूल शिक्षा निदेशालय ने सोमवार को सभी जिला उपनिदेशकों को पत्र जारी कर दो दिन के भीतर ऐसे प्राथमिक शिक्षकों के नामों की सूची देने को कहा है, जो 26 अप्रैल को अवकाश लिए बिना स्कूलों से गैरहाजिर रहे। ऐसे शिक्षकों का रिकॉर्ड एकत्र होने के बाद इन्हें पहले कारण बताओ नोटिस दिए जाएंगे। जवाब संतोषजनक नहीं मिलने पर इन शिक्षकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इनका एक दिन का वेतन भी काटा जाएगा। निदेशालय के अधिकारियों ने बताया कि सरकार इस मामले को लेकर गंभीर है। सरकार के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां करने वाले शिक्षकों की पहचान के लिए सोशल मीडिया के वीडियो खंगाले जा रहे हैं। इस आरोप में चार शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया है और अन्य की पहचान की जा रही है। वही शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि शिक्षा निदेशालय के पुनर्गठन का फैसला वापस नहीं लिया जाएगा। देश के अधिकांश राज्यों में शिक्षा निदेशालयों का ढांचा जिस प्रकार का है, वैसा ही स्वरूप हिमाचल में भी तैयार किया गया है। वर्ष 1984 से पहले शिक्षा निदेशालय इस प्रकार से ही कार्य करते थे। प्राथमिक शिक्षक संघ को सरकार के किसी फैसले से आपत्ति है तो उसे वार्ता के माध्यम से सुलझाया जाना चाहिए था। सार्वजनिक तौर पर सरकार की नीतियों पर अपमानजनक टिप्पणियां करना शोभा नहीं देता। प्राथमिक शिक्षकों के मुद्दे को सुलझाने के लिए सरकार के दरवाजे हमेशा खुले हैं।
राज्य सरकार ने प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने और विशेषज्ञ चिकित्सकों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से ऐतिहासिक कदम उठाए हैं। स्वास्थ्य संस्थानों में आधुनिक तकनीकों के उपयोग और चिकित्सा बुनियादी ढांचे को उन्नत करने के साथ-साथ, सरकार ने वरिष्ठ रेजिडेंट, विशेषज्ञ और सुपर स्पेशलिस्ट के स्टाइपंड में बढ़ोतरी की घोषणा की है। राज्य सरकार ने ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए, चिकित्सा विशेषज्ञों के मासिक स्टाइपंड में 50 से 170 प्रतिशत की वृद्धि की है। वरिष्ठ रेजिडेंट और ट्यूटर स्पेशलिस्ट के लिए स्टाइपंड 60,000-65,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया गया है, जबकि सुपर स्पेशलिस्ट और वरिष्ठ रेजिडेंट (सुपर स्पेशलिस्ट) के लिए स्टाइपंड 60,000-65,000 से बढ़ाकर 1.30 लाख रुपये तक कर दिया गया है। हिमाचल प्रदेश में छह मेडिकल कॉलेज और एक सुपर-स्पेशियलिटी अस्पताल हैं। आईजीएमसी शिमला और डॉ. राजेंद्र प्रसाद राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय टांडा जैसे संस्थान पोस्टग्रेजुएट सुपर स्पेशलिस्ट और सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों के सहयोग से महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। हालांकि, राज्य के मेडिकल कॉलेजों में स्वीकृत 751 पदों में से, वर्तमान में केवल 375 ही भरे हुए हैं, 376 विशेषज्ञ डॉक्टरों के पद रिक्त हैं, जिससे स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुई हैं। इस चुनौती की गंभीरता को समझते हुए, वर्तमान राज्य सरकार ने निर्णायक कदम उठाए हैं, जो पूर्व सरकार नहीं उठा सकी। बढ़ाए गए स्टाइपंड से कुशल चिकित्सा पेशेवरों के लिए सरकारी सेवा को और अधिक आकर्षक बनाने की उम्मीद है, जिससे इस महत्वपूर्ण अंतर को मिटाने और सभी स्तरों पर स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने में मदद मिलेगी। राज्य में चिकित्सा विशेषज्ञों को आकर्षित करने के एक अन्य कदम में, अध्ययन अवकाश पर गए चिकित्सकों को पूरा वेतन मिलेगा, जिससे उनके पेशेवर विकास को और बढ़ावा मिलेगा। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार डॉक्टर-नर्स-रोगी अनुपात के लिए अंतर्राष्ट्रीय मानकों को लागू करने के लिए कार्य कर रही है और इन मानदंडों को पूरा करने के लिए भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाई जा रही है, जिससे राज्य के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा सकंे। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, हर वर्ष लगभग 9.5 लाख मरीज इलाज के लिए हिमाचल प्रदेश से बाहर जाते हैं, जिससे राज्य के सकल घरेलू उत्पाद को 1350 करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान होता है। अगर राज्य के भीतर गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाई जाएं तो राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का वार्षिक 550 करोड़ रुपये बचाया जा सकता है, साथ ही मरीजों का बहुमूल्य समय भी बचेगा।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद, केंद्र सरकार ने सुरक्षा को लेकर कड़े निर्देश जारी किए हैं। इन आदेशों के तहत, पाकिस्तान से हिमाचल घूमने आए या अपने रिश्तेदारों के पास आए नागरिकों को राज्य छोड़ने का निर्देश दिया गया है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, 13 पाकिस्तानी नागरिक वीजा लेकर हिमाचल आए थे। इन सभी को 29 मई तक प्रदेश छोड़ने के लिए कहा गया है। राज्य गृह विभाग ने पुलिस अधिकारियों को इस संबंध में आदेश जारी किए हैं और उन्हें तीन दिनों के भीतर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश भी दिया गया है। अधिकारियों द्वारा यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई भी पाकिस्तानी नागरिक निर्धारित तिथि के बाद राज्य में न रहे। अगर ऐसा पाया गया तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें जेल की सजा भी हो सकती है। इसके अलावा, जिन लोगों के पास ये पाकिस्तानी नागरिक ठहरे थे, उन पर भी कार्रवाई की जाएगी। हिमाचल प्रदेश सरकार ने इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेशों का पालन करने की पूरी तैयारी की है। पुलिस मुख्यालय में शुक्रवार और शनिवार को इस मुद्दे पर बैठकें आयोजित की गईं। राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह, ओंकार शर्मा ने कहा कि मंत्रालय द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन किया जा रहा है। उधर, जम्मू-कश्मीर के कृषि मंत्री जावेद अहमद ने शनिवार को शिमला में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह से मुलाकात की। इस मुलाकात का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर के लोगों की सुरक्षा को सुनिश्चित करना था। मंत्री जावेद अहमद ने मुख्यमंत्री को बताया कि जम्मू-कश्मीर सरकार ने अपने मंत्रियों को विभिन्न राज्यों में भेजा है ताकि वहां के जम्मू-कश्मीरियों की सुरक्षा की स्थिति की समीक्षा की जा सके।
रोहड़ू उपमंडल के चिड़गांव थाना के तहत अपने ही साथी का मर्डर करके नेपाली मौके से फरार हो गया। पुलिस में दर्ज रिपोर्ट में तेश चौहान पुत्र केशव राम निवासी गांव बराल डाकघर जड़ग रोहड़ू ने बताया कि 16 अप्रैल को हरिद्वार से दो नेपाली कृष्ण और हरी मजदूरी व चौकीदारी के लिए अपने बगीचे में रखे थे। 26 अप्रैल को जब बगीचे में गया तो देखा कि ढारा बाहर से बंद था। जब दरवाजा खोला तो अन्दर कृष्ण नेपाली की लाश पड़ी थी और हरी फरार था, जिससे अंदाज़ा लगाया जा रहा है की हरी ने ही कृष्ण का कत्ल किया है। पुलिस ने बीएनएस की धारा 103,(1) के तहत मामला दर्ज कर शव को कब्जे में लेकर फरार नेपाली हरी की तलाश शुरू कर दी है।
प्रदेश में मौसम साफ होते ही गर्मी का प्रकोप बढ़ने लगा है। ऊना में इस सीजन में पहली बार पारा 40 डिग्री रिकॉर्ड हुआ। मैदानी क्षेत्रों के साथ अब पहाड़ों में भी गर्मी सताने लगी है। राज्य के 15 स्थानों में अधिकतम तापमान 30 डिग्री पार हो गया है। प्रदेश के कई क्षेत्रों में शनिवार को इस सीजन का सबसे अधिक तापमान दर्ज हुआ। उधर, प्रदेश के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में रविवार को भी बारिश और बर्फबारी के आसार हैं। एक और दो मई को पूरे प्रदेश में मौसम खराब रहने की संभावना है। राजधानी शिमला सहित प्रदेश के मध्य पर्वतीय और मैदानी जिलों में 30 अप्रैल तक मौसम साफ रहेगा। ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी और सिरमौर में दोपहर के समय गर्मी ज्यादा होने से लोग घरों से बाहर निकलने से परहेज कर रहे हैं। वही तीन दिन पहले मर्थालु नाला में 15 मीटर ऊंचे ग्लेशियर को काटकर सड़क बना दी गई थी लेकिन मौसम खराब होने पर दोबारा वहां ग्लेशियर आ गया और सड़क बंद हो गई। ऊना में 40, धौलाकुआं 37.9, कांगड़ा 36.9, हमीरपुर 36.8, मंडी 36.2, बरठीं 35.9, नाहन 35.1, बजौरा 32.7, चंबा 32.4, धर्मशाला 31.1, शिमला 26.6 और मनाली 25.7 डिग्री और बिलासपुर में 37.3 सेल्सियस अधिकतम तापमान दर्ज किया गया।
शिमला जिला के प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक ने राजकीय प्राथमिक विद्यालय (जीपीएस) शिलाल, शिक्षा खंड कुपवी के दो जेबीटी शिक्षकों रणवीर चौहान और दलवीर सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। बीईईओ कुपवी द्वारा 25 अप्रैल 2025 को दोपहर 1:40 बजे स्कूल निरीक्षण के दौरान पाया गया कि दोनों शिक्षक, अन्य स्टाफ तथा छात्र बिना किसी पूर्व सूचना के स्कूल में अनुपस्थित थे। निरीक्षण के समय स्कूल के सभी कमरे भी बंद पाए गए। इस अनुशासनहीनता के चलते विभाग ने नियम के तहत कार्रवाई करते हुए दोनों शिक्षकों को निलंबित किया है। निलंबन अवधि के दौरान अब दोनों शिक्षकों का मुख्यालय खंड प्रारंभिक शिक्षा कार्यालय, डोडरा-क्वार, जिला शिमला रहेगा। वे बिना उप तहसीलदार डोडरा-क्वार की अनुमति के मुख्यालय नहीं छोड़ सकेंगे। इसके साथ ही डिप्टी डायरैक्टर प्रारंभिक शिक्षा, जिला शिमला द्वारा आदेश दिया है कि छात्रों की पढ़ाई बाधित न हो, इसके लिए 28 अप्रैल से जीपीएस शिलाल में एक नए शिक्षक की नियुक्ति की जाए। यह आदेश डिप्टी डायरैक्टर प्रारंभिक शिक्षा, जिला शिमला द्वारा जारी किया गया है।
हिमाचल प्रदेश के राजभवन में शिमला समझौते की ऐतिहासिक मेज पर रखा गया पाकिस्तान का स्मृति झंडा, जो पिछले 53 वर्षों से वहाँ मौजूद था, अब हटा दिया गया है। यह घटनाक्रम जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सामने आया, जिसके बाद इस झंडे की तस्वीरें सार्वजनिक हुईं। पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान ने भी शिमला समझौते को रद्द करने की घोषणा की है। हालांकि, हिमाचल प्रदेश के राजभवन के सेक्रेटरी सीपी वर्मा ने झंडा हटाने के पीछे कोई विशेष कारण नहीं बताया है। बता दे कि यह झंडा 2 जुलाई 1972 को हुए शिमला समझौते के बाद से ही उस मेज पर रखा गया था। उस समय, भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पाकिस्तान के राष्ट्रपति जुल्फिकार अली भुट्टो ने इसी स्थान पर, जो तब बार्नेस कोर्ट कहलाता था और अब राजभवन है, इस समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। झंडे को वहाँ एक यादगार के रूप में स्थापित किया गया था ताकि आगंतुकों को इस ऐतिहासिक घटना की जानकारी मिल सके। वर्तमान में, शिमला समझौते की उस मेज पर अब केवल भारत का राष्ट्रीय ध्वज ही विराजमान है। शिमला समझौता, जो 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों को सामान्य बनाने और युद्ध बंदियों की रिहाई सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किया गया था।
हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड ने डीएलएड के लिए अंतिम तिथि बढ़ाई, अब 500 रुपये लेट फीस के साथ आवेदन करें
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने 2025-27 के लिए आयोजित होने वाले दो वर्षीय डिप्लोमा कोर्स इन एलिमेंटरी एजुकेशन (डीएलएड) के लिए आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ा दी है। जिन अभ्यर्थियों ने शनिवार तक आवेदन नहीं किया, उन्हें 27 अप्रैल से 29 अप्रैल तक 500 रुपये अतिरिक्त फीस के साथ आवेदन करने का मौका मिलेगा। शिक्षा बोर्ड ने पहले 26 अप्रैल तक बिना बिलंब शुल्क के आवेदन आमंत्रित किए थे, लेकिन अब अभ्यर्थियों को 29 अप्रैल तक 500 रुपये लेट फीस के साथ आवेदन करने की अनुमति दी जाएगी। 30 अप्रैल से 2 मई तक जमा किए गए आवेदनों की शुद्धीकरण प्रक्रिया की जाएगी। बोर्ड ने यह स्पष्ट किया है कि आवेदन शुल्क में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा और श्रेणी तथा उप-श्रेणी में ऑनलाइन सुधार की अनुमति नहीं होगी। यदि किसी अभ्यर्थी को श्रेणी और उप-श्रेणी में सुधार करना हो, तो उन्हें निर्धारित तिथियों पर बोर्ड कार्यालय में जाकर ऑफलाइन आवेदन करना होगा। निर्धारित तिथि के बाद किसी भी पत्र या ईमेल पर सुधार के संबंध में विचार नहीं किया जाएगा। शिक्षा बोर्ड के सचिव डॉ. मेजर विशाल शर्मा ने बताया कि प्रवेश परीक्षा 29 मई को आयोजित की जाएगी।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज वित्त विभाग की बैठक की अध्यक्षता करते हुए लोक निर्माण विभाग और जल शक्ति विभाग के ठेकेदारों की लंबित देनदारियों को 30 अप्रैल, 2025 से पहले जारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि लंबित देनदारियों की पहली किस्त 28 अप्रैल तक और शेष राशि 30 अप्रैल तक जारी कर दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने दोनों विभागों के अधिकारियों को बिल तैयार करने और उन्हें समय पर कोषागार में प्रस्तुत करने के लिए शीघ्रता से कार्य करने के निर्देश दिए। इसके अलावा, उन्होंने लोक निर्माण विभाग और जल शक्ति विभाग के अधिकारियों को हर महीने की 10 तारीख के बाद विभागीय बिल प्रस्तुत करने के निर्देश दिए, क्योंकि राज्य को केंद्रीय कर 10 तारीख को प्राप्त होते हैं। बैठक में विधायक सुंदर सिंह ठाकुर, मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान, अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार चंद शर्मा, प्रधान सचिव वित्त देवेश कुमार, सचिव वित्त डॉ. अभिषेक जैन, प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग एन.पी. सिंह, प्रमुख अभियंता जल शक्ति विभाग अंजू शर्मा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
शिमला: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के विरोध में शिमला में भारी आक्रोश देखने को मिला। स्थानीय व्यापारियों और नागरिकों ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए शिमला के प्रमुख बाजारों को बंद रखने का निर्णय लिया। मॉल रोड सहित शिमला के अन्य प्रमुख बाजार दोपहर 1:00 बजे तक बंद रहेंगे। इस दौरान दुकानदारों ने आतंकवाद के खिलाफ अपना विरोध व्यक्त किया और शहीदों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। शिमला के व्यापारिक संगठनों और नागरिकों ने एकजुट होकर इस हमले के खिलाफ गुस्सा जाहिर किया और सरकार से आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
हिमाचल में शिमला के चौपाल में बीती शाम को कार गहरी खाई में गिर गई। इस दर्दनाक हादसे में पुलवाहल के शिहली गांव के रहने वाले 55 वर्षीय राम लाल शर्मा और उनके 28 वर्षीय बेटे दीपक ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। कार में सवार राम लाल की पत्नी सुमन समेत तीन अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें प्राथमिक उपचार के बाद आईजीएमसी शिमला रेफर कर दिया गया है। जानकारी के अनुसार, यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना शिमला-चौपाल हाईवे पर रिवनी के पास नर्सरी नामक स्थान पर हुई। बताया जा रहा है कि कार, जिसका नंबर HP-08 5934 था, सड़क से लगभग 100 मीटर नीचे गहरी खाई में लुढ़क गई। कार में सवार सभी लोग एक शादी समारोह से लौट रहे थे और अपने गंतव्य की ओर बढ़ने से पहले ही चौपाल के समीप इस हादसे का शिकार हो गए। शाम के अंधेरे में गाड़ी गिरने की तेज आवाज सुनकर स्थानीय लोग तुरंत घटनास्थल की ओर गए। उन्होंने पुलिस और दमकल कर्मियों को सूचित किया और उनकी सहायता से घायलों को खाई से निकालकर सड़क तक पहुंचाया। इसके बाद सभी घायलों को चौपाल के सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें प्राथमिक चिकित्सा दी गई। गंभीर चोटों को देखते हुए, चिकित्सकों ने उन्हें तुरंत आईजीएमसी शिमला रेफर कर दिया। इस बाद पिता-पुत्र के शवों का आज चौपाल में पोस्टमॉर्टम किया जाएगा। इस दुखद घटना से पूरे चौपाल क्षेत्र में शोक की गहरी लहर व्याप्त हो गई है। तहसीलदार चौपाल रेखा शर्मा ने तत्काल सहायता प्रदान करते हुए मृतक के परिजनों को 25 हजार रुपये और घायल सुमन सहित अन्य घायलों को 7-7 हजार रुपये की फौरी राहत राशि प्रदान की है। फिलहाल, इस भीषण हादसे के कारणों का अभी तक पता नहीं चल सका है और पुलिस इस दिशा में अपनी जांच कर रही है।
शनिवार की रात, लगभग 2 से 3 बजे के बीच, हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के विकास नगर में स्थित सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल में एक दुखद घटना घटी। अज्ञात कारणों से स्कूल के ऊपरी मंजिल में आग लग गई, जिसने देखते ही देखते विकराल रूप धारण कर लिया। आग की लपटें इतनी भयावह थीं कि आसपास के क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई और बड़ी संख्या में लोग घटनास्थल पर जमा हो गए। इस अग्निकांड में स्कूल के कई कमरे बुरी तरह जल गए, जिससे अनुमानित तौर पर लाखों रुपए का नुकसान हुआ है। घटना की सूचना मिलते ही दमकल विभाग की गाड़ियां तुरंत मौके पर पहुंचीं और स्थानीय लोगों के सहयोग से आग बुझाने का प्रयास शुरू किया गया। कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका, लेकिन तब तक स्कूल का काफी हिस्सा जल चुका था। फिलहाल, आग लगने के सही कारणों का पता नहीं चल पाया है और स्थानीय प्रशासन इस मामले की गहन जांच कर रहा है। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की जानकारी मिलते ही राज्यसभा सांसद सिकंदर कुमार ने तुरंत घटनास्थल का दौरा किया। उन्होंने जले हुए स्कूल का निरीक्षण किया और नुकसान का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने दावा किया कि आग से पांच करोड़ रुपए से भी अधिक का नुकसान हुआ है। उन्होंने सभी लोगों से स्कूल की मदद के लिए आगे आने की अपील की। सांसद सिकंदर कुमार ने इस शैक्षणिक संस्थान को हुए नुकसान पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए अपनी सांसद निधि से 5 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि भविष्य में भी वे हर संभव मदद करेंगे और सरकार व प्रशासन से भी इस संकट की घड़ी में स्कूल की सहायता करने का आग्रह किया।
शिमला: राजधानी शिमला के संजौली मस्जिद में अवैध निर्माण के मामले में नगर निगम आयुक्त कोर्ट ने मस्जिद कमेटी को कड़ी फटकार लगाई है। तीन बार अतिरिक्त समय दिए जाने के बावजूद अवैध निर्माण को पूरी तरह से ध्वस्त करने में विफल रहने पर कोर्ट ने अब कमेटी को अंतिम मौका दिया है। आयुक्त भूपेंद्र अत्री की अदालत ने शनिवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए स्पष्ट निर्देश दिए कि मस्जिद कमेटी को हर हाल में 3 मई तक सारा अवैध निर्माण तोड़ना होगा। ऐसा न करने पर कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद लतीफ को प्रतिदिन आयुक्त कार्यालय में पेश होना पड़ेगा। इस मामले की अगली सुनवाई 3 मई को निर्धारित की गई है। सुनवाई के दौरान आयुक्त ने मस्जिद कमेटी से अवैध निर्माण गिराने के काम की प्रगति रिपोर्ट तलब की। कमेटी के अध्यक्ष ने बताया कि अधिकांश कार्य पूरा हो चुका है, लेकिन अभी भी एक मंजिल को गिराना बाकी है। उन्होंने रिहायशी भवनों से घिरी मस्जिद में निर्माण तोड़ने में लगने वाले समय का हवाला दिया और आसपास के लोगों को नुकसान न पहुंचे, इसके लिए सावधानी बरतने की बात कही। कमेटी ने कोर्ट से इस कार्य को पूरा करने के लिए एक बार फिर अतिरिक्त समय मांगा। हालांकि, आयुक्त ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह अंतिम मोहलत है और इसके बाद कोई और समय नहीं दिया जाएगा। उन्होंने प्रदेश हाईकोर्ट के छह सप्ताह के भीतर मामले की सुनवाई पूरी करने के आदेश का भी उल्लेख किया। इन आदेशों के अनुसार, 3 मई को सुनवाई होगी और उसके बाद प्रतिदिन आयुक्त कार्यालय में पेशी लगेगी। मामले की अंतिम सुनवाई 8 मई को होगी। मस्जिद कमेटी ने दावा किया कि 3 मई तक हर हाल में अवैध निर्माण गिरा दिया जाएगा। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने मस्जिद कमेटी से राजस्व रिकॉर्ड और निचली दो मंजिलों का नक्शा भी मांगा था। सुनवाई से ठीक एक दिन पहले, शुक्रवार को कमेटी ने नगर निगम को नक्शा सौंप दिया है, जिसका वास्तुकार शाखा अध्ययन कर रही है। वहीं, वक्फ बोर्ड ने मस्जिद का राजस्व रिकॉर्ड पेश करने के लिए समय मांगा है, यह कहते हुए कि रिकॉर्ड अभी अपडेट होना बाकी है। कोर्ट ने बोर्ड को 3 मई तक रिकॉर्ड पेश करने का आदेश दिया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह जमीन अभी भी वक्फ बोर्ड के नाम पर दर्ज नहीं है और पूरी मस्जिद ही अवैध है। गौरतलब है कि आयुक्त कोर्ट ने पिछले साल 5 अक्टूबर को पांच मंजिला संजौली मस्जिद की ऊपरी तीन मंजिलों को अवैध घोषित करते हुए उन्हें गिराने का आदेश दिया था। इस अवैध निर्माण को दो महीने के भीतर गिराया जाना था, लेकिन मस्जिद कमेटी इसमें विफल रही। इसके खिलाफ शहर में प्रदर्शन भी हुए थे। इसके बाद कमेटी ने दो बार और अतिरिक्त समय मांगा। मार्च में पिछली सुनवाई में कोर्ट ने 26 अप्रैल तक इसे गिराने का अंतिम आदेश दिया था, लेकिन मौके पर काम अभी भी अधूरा है, और एक मंजिल अभी भी पूरी तरह से गिराई जानी बाकी है।
शिमला नगर निगम (MC) आयुक्त की अदालत में आज संजौली मस्जिद मामले की सुनवाई हुई, जहाँ सभी की निगाहें टिकी थीं। आयुक्त ने पहले ही वक्फ बोर्ड और संजौली मस्जिद कमेटी को मस्जिद के मालिकाना हक से जुड़े दस्तावेज़ पेश करने का सख्त आदेश दिया था। हालाँकि, आज की सुनवाई में वक्फ बोर्ड ज़मीन के कागजात तो दूर, मस्जिद का नक्शा तक पेश करने में नाकाम रहा। अदालत ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए स्पष्ट कर दिया है कि हर हाल में 8 मई तक इस केस का निपटारा करना होगा। इसी सिलसिले में, अब 3 मई को इस मामले की अगली सुनवाई होगी। इसके बाद, 5 मई से इस केस की प्रतिदिन सुनवाई की जाएगी, ताकि हिमाचल हाईकोर्ट के आदेशानुसार 8 मई की समय सीमा के भीतर फैसला सुनाया जा सके। अदालत ने यह भी साफ कर दिया है कि अगर इस डेडलाइन का पालन नहीं किया गया, तो हाईकोर्ट नगर निगम के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू कर सकता है। शिमला के चक्कर स्थित जिला अदालत में हुई इस सुनवाई के बाद, मस्जिद कमेटी के वकील मोहम्मद लतीफ नेगी ने बताया कि वक्फ बोर्ड ने अपना जवाब दाखिल कर दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि निगम आयुक्त ने मस्जिद के ऊपरी तीन मंजिलों को जल्द गिराने का निर्देश दिया है, जिसके लिए वक्फ बोर्ड ने और समय माँगा है। वहीं, स्थानीय निवासियों की ओर से पैरवी कर रहे वकील जगतपाल ने जानकारी दी कि निगम आयुक्त ने वक्फ बोर्ड को 3 मई तक रिकॉर्ड पेश करने का अंतिम मौका दिया है। अगर तब भी रिकॉर्ड पेश नहीं किया जाता है, तो 5 मई से इस केस की नियमित सुनवाई शुरू हो जाएगी। पहले भी दिए जा चुके हैं तीन मंजिलें तोड़ने के आदेश गौरतलब है कि निगम आयुक्त ने पिछले साल 5 अक्टूबर को ही संजौली मस्जिद की ऊपरी तीन मंजिलों को तोड़ने का आदेश जारी कर दिया था। निचली दो मंजिलों से संबंधित मामला अभी भी निगम आयुक्त की अदालत में विचाराधीन है। यह मामला पिछले 16 सालों से लंबित है। इस मामले के जल्द निपटारे की माँग को लेकर संजौली मस्जिद के आसपास रहने वाले स्थानीय लोगों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। स्थानीय निवासियों की इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने निगम आयुक्त को इस केस का जल्द से जल्द निपटारा करने का आदेश दिया था। पिछले साल भी 21 अक्टूबर को हाईकोर्ट ने निगम आयुक्त को 8 सप्ताह के भीतर केस निपटाने का निर्देश दिया था, लेकिन तब ऐसा नहीं हो सका। इसके बाद स्थानीय निवासियों ने हाईकोर्ट में एक निष्पादन याचिका (execution petition) दायर की, जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने दूसरी बार 8 मई तक की अंतिम समय सीमा तय की है।
शिमला: परवाणू-शिमला फोरलेन पर संजौली के चलौंठी में निर्माणाधीन फ्लाईओवर पर बुधवार रात एक दर्दनाक हादसा पेश आया। रात लगभग 11 बजे, फ्लाईओवर के पिलर पर काम कर रहे चार मजदूर अचानक नीचे गिर गए, जिससे उन्हें गंभीर चोटें आईं। तेज तूफान और बिजली गुल होने के कारण यह दुर्घटना हुई बताई जा रही है। घायल मजदूरों की पहचान दिलखुश खान, मोहम्मद कलीम खान, मोहम्मद रिजवान और मोहम्मद छोटे के रूप में हुई है, जो सभी बिहार के बेगूसराय जिले के रहने वाले हैं। उन्हें तुरंत उपचार के लिए आईजीएमसी ले जाया गया है। इस घटना के बाद, पुलिस ने फ्लाईओवर निर्माण में लगी कंपनी, राज कांट्रेक्टर गवार कंस्ट्रक्शन लिमिटेड के खिलाफ लापरवाही का मामला दर्ज कर लिया है। मजदूरों ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि टावर क्रेन में इमरजेंसी लैंडिंग की सुविधा मौजूद थी, लेकिन क्रेन चालक ने उसका इस्तेमाल नहीं किया। उन्होंने कंपनी प्रबंधन और ठेकेदार पर भी सुरक्षा में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। पुलिस ने मजदूरों के बयान दर्ज कर लिए हैं और मामले की गहन जांच शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि क्रेन का ऊपरी हिस्सा खुला होने के कारण मजदूर नीचे गिरे, हालांकि सभी की जान बच गई, जिसे एक बड़ी राहत के तौर पर देखा जा रहा है।
प्रदेश सरकार लोगों को सर्व सुलभ और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए स्वास्थ्य अधोसंरचना को सुदृढ़ कर रही है। इस दिशा में सरकार ने राज्य में दो क्रिटिकल केयर ब्लॉक (सीसीबी) और पांच जिला एकीकृत सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाओं (डीआईपीएचएल) की स्थापना के लिए 193.75 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। हाल ही में प्रदेश मंत्रिमंडल ने क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर के अन्तर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) स्वाहण में 50 बिस्तरों की क्षमता वाले क्रिटिकल केयर ब्लॉक (सीसीबी) और शिमला जिला के नागरिक अस्पताल रोहड़ू में 50 बिस्तरों की क्षमता वाले सीसीबी की स्थापना को मंजूरी प्रदान की है। यहां आपातकालीन सेवाओं, इटेंसिव केयर यूनिट्स (आईसीयू), हाई डिपेंडैंसी यूनिट्स (एचडीयू), आइसोलेशन बेड, डायलिसिस इकाइयों, लेबर रूम, ऑपरेशन थिएटर और प्वाइंट-ऑफ-केयर प्रयोगशालाओं सहित उन्नत चिकित्सा अधोसंरचना की सुविधा मिलेगी। प्रत्येक सीसीबी को मौजूदा जिला अस्पताल के साथ सम्बद्ध किया जाएगा और यह सामान्य परिस्थितियों में एक नियमित सुविधा के रूप में कार्य करेगा। स्वास्थ्य आपातकाल या कोविड-19 जैसी स्थिति के दौरान, संक्रमण को नियंत्रित करने के दृष्टिगत इसका उपयोग अलग इकाई के रूप में किया जा सकेगा। प्रत्येक ब्लॉक का निर्माण 16.63 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा तथा 27.12 करोड़ रुपये की लागत से उपकरण उपलब्ध करवाए जाएंगे। इसके साथ मंत्रिमंडल ने पंडित जवाहर लाल नेहरू राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय, चंबा, डॉ. राधा कृष्णन राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय, हमीरपुर से संबद्ध जिला अस्पताल हमीरपुर में जिला एकीकृत जन स्वास्थ्य प्रयोगशालाएं स्थापित करने को भी मंजूरी दी है। इन डीआईपीएचएल का उद्देश्य नैदानिक क्षमताओं में सुधार करना, जांच सुविधाओं में तेजी लाना और आपातकालीन स्थिति का प्रभावी प्रबंधन सुनिश्चित करना है। प्रत्येक प्रयोगशाला में क्लीनिकल पैथोलॉजी, हेमेटोलॉजी, साइटोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री और माइक्रोबायोलॉजी की सुविधाएं उपलब्ध होंगी। प्रत्येक डीआईपीएचएल में एक पैथोलॉजिस्ट, एक माइक्रोबायोलॉजिस्ट, एक बायोकेमिस्ट, ग्यारह लैब तकनीशियन, एक डाटा एंट्री ऑपरेटर और दो सफाई कर्मचारी सेवाएं देंगे। 21.25 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले प्रत्येक डीआइपीएचएल की वार्षिक आवर्ती लागत 49.05 लाख रुपये प्रति इकाई होगी। इसके अलावा, मंत्रिमंडल ने कमला नेहरू अस्पताल शिमला, क्षेत्रीय अस्पताल ऊना और नागरिक अस्पताल सुंदरनगर जिला मंडी में निर्माणाधीन मातृ एवं शिशु अस्पताल विंग के लिए उपकरणों की खरीद को भी मंजूरी प्रदान की है।
शिमला के लक्कड़ बाजार बस स्टैंड के पास एक नया शराब का ठेका खुलने से स्थानीय लोग भड़क उठे हैं और उन्होंने नगर निगम व सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। आज, लक्कड़ बाजार बस स्टैंड पर इकट्ठा होकर लोगों ने ठेका खोलने का विरोध जताया और नगर निगम को दो दिन के अंदर ठेके का काम बंद करने की चेतावनी दी। स्थानीय लोगों का कहना है कि बस स्टैंड से 100 मीटर के दायरे में पहले से ही एक शराब का ठेका मौजूद है, इसलिए एक और ठेका खोलने की कोई आवश्यकता नहीं है। उनका यह भी कहना है कि सरकार एक तरफ नशे को खत्म करने के लिए अभियान चला रही है, वहीं दूसरी तरफ रातों-रात शराब के ठेके खोल रही है। लोगों ने इस बात पर भी नाराजगी जताई कि जिस जगह पहले दुकानें बनी थीं और जिन्हें तोड़ा गया, अब वहां शराब का ठेका खोला जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि यदि नगर निगम ने दो दिन के भीतर ठेके का काम बंद नहीं किया, तो वे इसके खिलाफ उग्र विरोध प्रदर्शन करेंगे। वहीं, स्थानीय पार्षद सरोज ठाकुर ने कहा कि नगर निगम आयुक्त उनकी जानकारी के बिना यहां ठेका खोल रहे हैं, जिससे क्षेत्र के लोगों में गुस्सा है। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों के लिए नगर निगम अक्सर आर्थिक तंगी का हवाला देता है, लेकिन शराब के ठेके रातों-रात खोलने के लिए उनके पास पर्याप्त बजट है। पार्षद ठाकुर ने यह भी कहा कि ठेका खुलने से क्षेत्र का माहौल खराब होगा और इसलिए इसका विरोध किया जा रहा है।
हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना इन दिनों अपनी एक होली पार्टी को लेकर चर्चा का केंद्र बने हुए हैं। उन्होंने होली के दिन (14 मार्च) शिमला के आलीशान होटल हॉलिडे होम में प्रदेश के आईएएस अफसरों के लिए एक भव्य लंच का आयोजन किया। इस रंगीन महफिल में लगभग 75 अधिकारी, उनकी पत्नियां और बच्चे शामिल हुए। अब इस शानदार आयोजन का आर्थिक पहलू सामने आया है। होटल प्रबंधन ने इस पार्टी का ₹1,22,020 का बिल भुगतान के लिए प्रदेश सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) को भेज दिया है। बताया जा रहा है कि इस बिल में 75 लोगों के लंच और स्नैक्स का प्रति प्लेट ₹1000 का खर्च शामिल है। इसके अतिरिक्त, 22 ड्राइवरों के भोजन और टैक्सी के खर्चे को भी इस बिल में जोड़ा गया है। फिलहाल, सरकार के स्तर पर इस बिल के भुगतान की प्रक्रिया चल रही है। इस मामले पर मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि राज्यपाल और मुख्य सचिव जैसे पदों पर आसीन व्यक्ति ऐसी पार्टियों का आयोजन कर सकते हैं और यह परंपरा पहले से भी चली आ रही है। उन्होंने यह भी बताया कि इन आयोजनों में बाहर के लोग भी शामिल होते हैं। वासी तो प्रदेश सरकार खुद ये कहती है कि प्रदेश की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है तो क्या आर्थिक चुनौतियों से जूझ रही प्रदेश सरकार के लिए मुख्य सचिव की होली पार्टी का ₹1.22 लाख का बिल एक बड़ा सवाल खड़ा करता है। क्या वर्तमान परिस्थितियों में इस प्रकार के निजी आयोजनों का सरकारी खजाने से भुगतान करना उचित है? ये बड़ा सवाल है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने के बाद राजनीतिक वातावरण गरमा गया है। इसको लेकर आज कांग्रेस ने शिमला में प्रदर्शन किया जिसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह, मंत्री विक्रमादित्य सिंह सहित कांग्रेस के कई नेता मौजूद रहे। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस कार्रवाई को लेकर भाजपा पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने सोशल मीडिया पर टिप्पणी करते हुए ईडी को "इंटिमिडेशन डिपार्टमेंट" बताया और आरोप लगाया कि केंद्र सरकार विपक्ष की आवाज को दबाने का प्रयास कर रही है। सुक्खू ने कहा कि केंद्र सरकार के पास जनता के सवालों का जवाब नहीं है, इसलिए वे सवाल पूछने वालों को निशाना बना रहे हैं। सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ ईडी की कार्रवाई को उन्होंने विपक्ष की आवाज को दबाने का प्रयास बताया। उन्होंने कहा कि जिस परिवार ने देश की आजादी और लोकतंत्र की नींव को मजबूत करने के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया, उसे झूठे आरोपों से बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी हर हथकंडे के सामने डटकर खड़ी रहेगी और इस लड़ाई को जीतेगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि देश 140 करोड़ लोगों की आस्था से जुड़े संविधान से चलेगा, तानाशाही के फरमान से नहीं। बता दे कि नेशनल हेराल्ड मामले में जांच एजेंसी ED की ओर से अदालत में चार्जशीट दायर किए जाने के बाद कांग्रेस सड़क पर उतर आई है। क्योंकि ईडी की चार्जशीट में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा में नेता राहुल गांधी, इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा, सुमन दुबे सहित कई लोगों के नाम शामिल हैं। अदालत इस मामले में 25 अप्रैल को सुनवाई करेगी। 11 अप्रैल को ED ने दिल्ली, मुंबई और लखनऊ के संपत्ति रजिस्ट्रारों को नोटिस जारी किए थे, जहां एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की संपत्तियां है।
हिमाचल प्रदेश के मौसम विभाग ने 17 अप्रैल से पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की संभावना जताई है। इसके परिणामस्वरूप प्रदेश के कई हिस्सों में मौसम के मिजाज में बदलाव देखने को मिल सकता है। विभाग ने चंबा, कांगड़ा और कुल्लू के लिए आंधी, बिजली गिरने और वर्षा के लिए यलो अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग के अनुसार, इस दौरान ऊंचे क्षेत्रों में हिमपात और वर्षा की संभावना बनी रहेगी। 17 अप्रैल को भी इन तीन जिलों में आंधी और बिजली गिरने के साथ वर्षा का यलो अलर्ट रहेगा। इसके बाद, 18 और 19 अप्रैल को चंबा, कांगड़ा, मंडी, कुल्लू और शिमला जिलों में आंधी के साथ भारी ओलावृष्टि और वर्षा का आरेंज अलर्ट जारी किया गया है। विभाग ने चेतावनी दी है कि इन जिलों में खराब मौसम के कारण जान-माल का नुकसान हो सकता है, साथ ही खेतों में फसलों को भी नुकसान पहुंचने की संभावना है।विभाग ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ का असर 20 अप्रैल तक बना रहेगा, और इस दौरान प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में मौसम का मिजाज अस्थिर रहेगा। लोगों को सुरक्षित रहने और मौसम संबंधी सलाहों का पालन करने की अपील की गई है। सम्भावित बर्फबारी और बारिश के कारण पर्यटकों और स्थानीय निवासियों को यात्रा करने में सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।
शिमला से एक और साइबर ठगी का मामला सामने आया है जिसमें एक सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारी साइबर ठगी का शिकार हो गए। ठगों ने उन्हें एक फर्जी पॉलिसी में निवेश करने का लालच देकर 28 लाख रुपये ठग लिए। इस घटना के बाद, बुजुर्ग का परिवार भी उन्हें अकेला छोड़कर चला गया, जिससे उनकी मानसिक स्थिति और भी खराब हो गई। साइबर अपराधियों ने 2020 में बुजुर्ग से संपर्क किया और उन्हें एक आकर्षक पॉलिसी में निवेश करने का झांसा दिया। बुजुर्ग ने उनकी बातों में आकर 28 लाख रुपये का निवेश कर दिया। लेकिन, जब उन्हें अपने पैसे वापस नहीं मिले और वे ठगों से संपर्क करने में असमर्थ रहे, तो उन्हें अपनी गलती का एहसास हुआ। लाखों रुपये की ठगी होने के कारण, बुजुर्ग अपने परिवार को इस बारे में बताने से डरते रहे। जब उन्हें सच्चाई पता चली, तो उनके बच्चे और पत्नी गलतफहमी के कारण उन्हें छोड़कर चले गए।बुजुर्ग ने हताश होकर साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज कराई। साइबर क्राइम सेल ने तुरंत कार्रवाई करते हुए स्थानीय पुलिस स्टेशन को सूचित किया और जांच अधिकारी को बुजुर्ग के घर भेजा। पुलिस ने उनके बयान दर्ज किए और बैंक से विवरण निकालकर मामले की जांच शुरू कर दी है। साइबर विशेषज्ञों के अनुसार, सेवानिवृत्त अधिकारी और कर्मचारी साइबर अपराधियों के लिए आसान शिकार होते हैं। इसकी मुख्य वजह यह है कि उनके पास सेवानिवृत्ति के बाद अच्छी खासी जमापूंजी होती है। यह घटना साइबर अपराधों के बढ़ते खतरे का एक और उदाहरण है। साइबर अपराधी लोगों को उपहार, फर्जी पॉलिसी, डिजिटल गिरफ्तारी और शेयर बाजार में भारी मुनाफे का लालच देकर ठग रहे हैं। साइबर क्राइम सेल ने लोगों से अपील की है कि वे इस तरह के झांसे में न आएं और किसी भी निवेश से पहले अच्छी तरह से जांच पड़ताल कर लें। यदि आपको कोई संदेह हो, तो तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करें।
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक 63 वर्षीय बुजुर्ग को 'सीआईडी अधिकारी' बनकर एक व्यक्ति ने लूट लिया और चलती कार से बाहर फेंक दिया। रोहड़ू के रहने वाले हरि लाल अपनी बीमार पत्नी का इलाज कराने 10 अप्रैल को आईजीएमसी शिमला आए थे। जब वह लक्कड़ बाजार से कंबल खरीदकर लौट रहे थे, तो एक अज्ञात व्यक्ति ने उन्हें लिफ्ट देने की पेशकश की। कार में बैठने के बाद, आरोपी ने खुद को सीआईडी अधिकारी बताया और उनसे पैसों की मांग की। बुजुर्ग के इनकार करने पर, आरोपी ने उनसे जबरन 29,000 रुपये छीन लिए और उन्हें चलती कार से धक्का देकर फरार हो गया। इस घटना ने लक्कड़ बाजार जैसे भीड़भाड़ वाले इलाके में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं, जहां एक पुलिस चौकी भी स्थित है। पुलिस ने हरि लाल की शिकायत के आधार पर धारा 307 के तहत मामला दर्ज कर लिया है और आरोपी की तलाश में जुटी है। एसपी शिमला संजीव गांधी ने कहा है कि पुलिस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है और जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में हाल ही में एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ, जिसमें एक विशेष समुदाय के व्यापारी पर चने और नमकीन पर थूक लगाकर बेचने का आरोप लगाया गया था। इस मामले में शिमला पुलिस ने अब कार्रवाई करते हुए वीडियो बनाने और सोशल मीडिया पर अपलोड करने वाले तीन लोगों को नोटिस जारी किया है। पुलिस ने कल्पना शर्मा, श्वेता और विजय को नोटिस भेजा है, जो देवभूमि संघर्ष समिति से जुड़े बताए जा रहे हैं। नोटिस में पुलिस ने उनसे पूछा है कि यदि उनके पास व्यापारी के खिलाफ कोई सबूत हैं, तो वे पुलिस को सौंपें। ऐसा न करने पर पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी। 9 अप्रैल को कालीबाड़ी मंदिर के पास इन तीनों ने व्यापारी पर थूक लगाकर सामान बेचने का आरोप लगाया था, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। वीडियो में व्यापारी आरोपों से इनकार करता दिख रहा है। विजय और श्वेता ने बाद में रिज पर मीडिया को भी इसी तरह के बयान दिए और प्रशासन से कार्रवाई की मांग की। इन लोगों ने व्यापारी पर बिना लाइसेंस के खाद्य उत्पाद बेचने का भी आरोप लगाया और नगर निगम से अनुमति न लेने की बात कही। विजय शर्मा ने 10 दिनों के भीतर दुकान न हटाने पर 500 सनातनियों द्वारा शहर के बाजारों में दुकानें लगाने की चेतावनी दी। वायरल वीडियो और आरोपों के बाद पुलिस ने मामले में संज्ञान लिया है और अब सबूत मांगे हैं।
शिमला: राजधानी शिमला के उपनगर विकासनगर में आज सुबह एक 25 वर्षीय नेपाली मूल के युवक का शव संदिग्ध अवस्था में बरामद होने से सनसनी फैल गई। मृतक की पहचान अनिल के रूप में हुई है, जो विकासनगर में ही रहता था। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (IGMC) भेज दिया है, जहां मौत के कारणों का पता लगाने के लिए पोस्टमार्टम किया जाएगा। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, मंगलवार सुबह करीब 9 बजे विकासनगर पुलिस चौकी को सूचना मिली कि लोअर विकासनगर क्षेत्र में एक व्यक्ति बेसुध पड़ा हुआ है। सूचना मिलते ही पुलिस टीम तुरंत मौके पर पहुंची और शव को अपने कब्जे में ले लिया। पुलिस के अनुसार, प्रारंभिक जांच में मृतक के शरीर पर किसी भी तरह के बाहरी चोट के निशान नहीं पाए गए हैं। मृतक अनिल, जिसकी उम्र 25 वर्ष बताई जा रही है, मूल रूप से नेपाल का रहने वाला था, लेकिन वह पिछले कई सालों से शिमला के विकासनगर में ही रह रहा था। पुलिस ने इस संबंध में मामला दर्ज कर लिया है और आगे की जांच शुरू कर दी है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि युवक की मौत किन परिस्थितियों में हुई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के सही कारणों का खुलासा हो पाएगा।
शिमला जिले के ठियोग के सैंज में बीती शाम एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां एक युवक ने अपने ही दोस्त की हत्या कर दी। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। मृतक की पहचान रवि कुमार (35) निवासी नलोट, सुंदरनगर (मंडी) के रूप में हुई है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार, रवि कुमार की कुछ महीने पहले ही शादी हुई थी और वह जेसीबी मशीन का मालिक था। आरोपी की पहचान अनिल (24) निवासी अर्की (सोलन) के तौर पर हुई है, जो सैंज के भोटका मोड़ पर एक वर्कशॉप चलाता है। बताया जा रहा है कि रवि और अनिल अच्छे दोस्त थे। पुलिस फिलहाल यह पता लगाने में जुटी है कि दोनों के बीच किस बात को लेकर विवाद हुआ, जिसके चलते यह खूनी वारदात हुई। बासा सैंज के रहने वाले कुलदीप सिंह (47) ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि सोमवार शाम करीब 5 बजे रवि उनकी दुकान पर आया था। इसके बाद वह अनिल की वर्कशॉप में गया। कुछ ही देर बाद वर्कशॉप से शोर सुनाई दिया और कुलदीप ने अनिल को फोन पर यह कहते सुना कि उसने एक व्यक्ति को मार डाला है। कुलदीप ने मौके पर पहुंचकर देखा तो रवि वर्कशॉप के फर्श पर खून से लथपथ पड़ा था। अनिल और अन्य लोगों ने मिलकर रवि को उसकी कार में ठियोग अस्पताल पहुंचाया, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही रवि ने दम तोड़ दिया। पुलिस के मुताबिक, आरोपी अनिल ने वर्कशॉप में रखे औजार से रवि पर हमला कर उसकी हत्या की है। ठियोग अस्पताल में आज मृतक के शव का पोस्टमॉर्टम करवाया जा रहा है, जिसके बाद शव परिजनों को सौंपा जाएगा। फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल से साक्ष्य जुटाए हैं। थाना प्रभारी ठियोग जसवंत सिंह इस मामले की गहन जांच कर रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश में इस साल स्वास्थ्य सेवाओं में कई अहम बदलाव देखने को मिलेंगे। सुपर स्पेशलिटी अस्पताल चमियाना और टांडा मेडिकल कॉलेज में रोबोटिक सर्जरी की शुरुआत होगी, और जून माह में आईजीएमसी में पैट स्कैन सुविधा शुरू हो जाएगी। इससे कैंसर पीड़ित मरीजों को बाहर जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। इसके अलावा, आईजीएमसी, चमियाना, हमीरपुर और नेरचौक मेडिकल कॉलेज में अत्याधुनिक एमआरआई मशीनें स्थापित की जाएंगी, जिसके लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। बुजुर्गों के टेस्ट और उपचार अब उनके घर तक पहुंचाया जाएगा। हर विधानसभा क्षेत्र में एक आदर्श स्वास्थ्य संस्थान स्थापित किया जाएगा, और वर्तमान में 49 विधानसभा क्षेत्रों में ऐसे संस्थान पहले ही खुल चुके हैं। इसके अलावा, 11 स्वास्थ्य संस्थानों में ब्लड स्टोरेज यूनिट्स बनाई जाएंगी, जिनमें घवांडल, चुवाड़ी, भोरंज, नादौन, तियारा, जयसिंहपुर, पद्धर, धर्मपुर, जुन्गा, हरोली और अंब शामिल हैं। बीमार नवजात शिशुओं की देखभाल के लिए हमीरपुर, बिलासपुर, चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सिरमौर और ऊना जिले में 17 न्यू बॉर्न स्टेबलाइजेशन यूनिट स्थापित होंगे। हमीरपुर और मंडी मेडिकल कॉलेज में कैथ लैब की सुविधा भी शुरू की जाएगी। इसके साथ ही हिमाचल प्रदेश में 10 नए हेल्थ वेलनेस सेंटर खोले जाएंगे। राज्य सरकार डायबिटीज से पीड़ित गर्भवती महिलाओं और बच्चों को मुफ्त इंसुलिन पंप भी प्रदान करेगी।
सेब उत्पादन के लिए प्रसिद्ध कोटखाई क्षेत्र अब औषधीय पौधों की खेती के नए अवसर देख रहा है। जाइका वानिकी परियोजना ने इस दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए वन मंडल ठियोग के अंतर्गत वन परिक्षेत्र कोटखाई की ग्राम वन विकास समिति जाशला में औषधीय पौधों की खेती की अपार संभावनाओं पर जोर दिया है। हाल ही में जाशला में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में, जड़ी बूटी प्रकोष्ठ के मैनेजर मार्केटिंग राजेश चौहान ने ग्रामीणों को कडु और चिरायता जैसे मूल्यवान औषधीय पौधों की खेती शुरू करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने उपस्थित लोगों को बताया कि इस क्षेत्र की जलवायु इन पौधों की खेती के लिए अत्यंत अनुकूल है। परियोजना की ओर से ग्रामीणों को न केवल निशुल्क पौधे उपलब्ध कराए जाएंगे, बल्कि उन्हें खेती से संबंधित सभी आवश्यक तकनीकी प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा। राजेश चौहान ने वर्तमान बाजार परिदृश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि औषधीय पौधों को बाजार में आकर्षक मूल्य मिल रहा है, जिससे स्थानीय लोग अपनी आय को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ा सकते हैं। इस अवसर पर वन मंडल ठियोग के विषय वस्तु विशेषज्ञ अभय महाजन और क्षेत्रीय तकनीकी इकाई समन्वयक लोकेंद्र झांगटा भी उपस्थित थे। ग्राम वन विकास समिति जाशला के प्रधान प्रदीप लेटका, जयदेवी नंदन स्वयं सहायता समूह की प्रधान प्रेम लता और जय मां चालकाली स्वयं सहायता समूह की प्रधान उषा ने जाइका वानिकी परियोजना की इस महत्वपूर्ण पहल की सराहना की और क्षेत्र में औषधीय पौधों की खेती की भरपूर संभावनाओं को देखते हुए जन सहभागिता के माध्यम से इसे सफल बनाने का संकल्प लिया। यह उल्लेखनीय है कि परियोजना ने पिछले वर्ष किन्नौर, आनी और कुल्लू में भी जन सहभागिता के माध्यम से कडु के पांच लाख पौधे रोपित किए थे। परियोजना ने यह भी स्पष्ट किया कि इन औषधीय पौधों की खेती पूरी तरह से रसायन मुक्त होगी, जिससे जल स्रोतों पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा। वर्तमान बाजार में कडु की कीमत दो से पांच हजार रुपये प्रति किलोग्राम और चिरायता की कीमत तीन से पांच सौ रुपये प्रति किलोग्राम तक है, जो किसानों के लिए एक आकर्षक आय का स्रोत बन सकता है।
शनिवार को उपनिदेशक प्रारंभिक शिक्षा अजय सिंह ने जानकारी दी कि 8 व 9 फरवरी को उनके कार्यालय द्वारा पूर्व सैनिकों के आश्रितों के लिए आयोजित जेबीटी काउंसलिंग के आधार पर जिला कांगड़ा में 16 अभ्यर्थियों का अनुबंध आधार पर भर्ती हेतु चयन हुआ है। उन्होंने बताया कि चयन प्रक्रिया के बाद जिला कांगड़ा के गांव घट्टा डाकघर धमेड़ तहसील कांगड़ा की बीनू देवी, स्वाती निवासी बंदाहु तहसील पालमपुर, सपना वालिया निवासी मलां तहसील नगरोटा बगवां, लखविंदर सिंह निवासी बड़ूं नेहरण पुक्खर देहरा, सपना देवी निवासी कोहाला तहसील कांगड़ा, राज कुमार निवासी गांव धाट्टी तहसील पालमपुर, मनोज कुमार कश्यप निवासी गांव बढाला तहसील जयसिंहपुर, सुषमा देवी निवासी गांव बढाला तहसील जयसिंहपुर, कुलदीप सिंह निवासी दाड़ी धर्मशाला तथा संदीप कुमार निवासी गांव राजपुर तहसील पालमपुर को नियुक्ति पत्र जारी कर दिए गए हैं। वहीं इनके अलावा सुरेश कुमार निवासी रोपाड़ी तहसील झंडुता जिला बिलासपुर, संजीव कुमार निवासी गांव रोपाड़ी कलेहरू तहसील जोगिंद्रनगर जिला मंडी, रंजना ठाकुर निवासी गांव रोपा तहसील सदर जिला बिलासपुर, नीना कुमारी निवासी गांव रामपुर तहसील व जिला उना, नीलम ठाकुर निवासी गांव धाला तहसील कुमारसेन जिला शिमला तथा निशा देवी निवासी गांव सकौन तहसील बंगाणा जिला उना का चयन भी प्रक्रिया के दौरान हुआ है। उन्होंने चयनित अभ्यर्थियों से नियुक्ति पत्र जारी होने के सात दिनों के भीतर सभी वांछित दस्तावेजों सहित संबंधित प्रारंभिक खंड शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में संपर्क करने को कहा है। अपने नियुक्ति पत्र और जिला कांगड़ा में पोस्टिंग के स्थान की जानकारी के लिए विभाग की आधिकारिक वेबसाइट देख सकते हैं।
हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (एचपीटीडीसी) को आगामी पर्यटन सीजन से पहले बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने निगम के होटलों में कर्मचारियों की तैनाती के लिए आउटसोर्स भर्ती करने की अनुमति दे दी है। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब पहले हाईकोर्ट ने ही नई भर्तियों पर रोक लगा दी थी। न्यायमूर्ति संदीप शर्मा की अदालत ने यह आदेश एचपीटीडीसी द्वारा दायर एक आवेदन पर सुनवाई करते हुए दिया। निगम ने अदालत से मौजूदा कर्मचारियों की कमी के कारण आगामी पर्यटन सीजन में परिचालन संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए आउटसोर्स पर भर्तियां करने की अनुमति मांगी थी। इससे पहले, 15 अक्टूबर 2024 को हिमाचल हाईकोर्ट ने एचपीटीडीसी में आउटसोर्स या अनुबंध के आधार पर नई भर्तियों पर रोक लगा दी थी। इस रोक के बाद निगम ने हाईकोर्ट में आवेदन दायर कर भर्तियों की अनुमति का अनुरोध किया था। निगम ने अपने आवेदन में बताया था कि 15 अक्टूबर 2024 के आदेश से पहले कुछ कर्मचारी अनुबंध के आधार पर निगम में कार्यरत थे, लेकिन अब वे नौकरी छोड़ चुके हैं। इस स्थिति में, आगामी पर्यटन सीजन के कारण निगम को कर्मचारियों की आवश्यकता होगी। अदालत ने निगम की इस मांग को स्वीकार करते हुए इस भर्ती की अनुमति प्रदान की है।
शिमला: संसद में पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर द्वारा कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे पर की गई विवादास्पद टिप्पणी के बाद राजनीतिक माहौल गरमा गया है। लोकसभा में वक्फ बिल पर चर्चा के दौरान सांसद अनुराग ठाकुर द्वारा कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे व कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेताओं पर वक्फ की जमीन हड़पने के आरोप लगाए थे जिसके बाद से कांग्रेस उग्र हो गई है। इस बयान के विरोध में हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने जोरदार प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन शिमला के उपायुक्त कार्यालय के पास हुआ, जहां कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार और अनुराग ठाकुर के खिलाफ कड़े नारों के साथ अपनी नाराजगी व्यक्त की। प्रदर्शन में कांग्रेस के राज्य अध्यक्ष प्रतिभा सिंह, उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री और कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह समेत कई नेताओं ने भाग लिया। उन्होंने अनुराग ठाकुर के बयान को निंदा किया और इसे सदन की गरिमा के खिलाफ बताया । इस दौरान उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा जनसभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि अनुराग ठाकुर का विवादों से पुराना नाता रहा है। उन्होंने पहले भी समय-समय पर विवादित बयान दिए हैं। ऐसे में उनसे कुछ भी अपेक्षा करना गलत है। भाजपा जानबूझकर मल्लिकार्जुन खरगे और गांधी परिवार को निशाना बनाती है। मल्लिकार्जुन खरगे वरिष्ठ सांसद हैं और अनुराग ठाकुर सदन में अभद्र टिप्पणी करके उन्हें नीचा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। वही इस प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने भी अनुराग ठाकुर को घेरते हुए कहा अनुराग ठाकुर की भासा को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि कांग्रेस पार्टी उनके बयान की निंदा करती है। आज हम राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के समर्थन में एकत्र हुए हैं और उनकी ओर से अनुराग ठाकुर से इस्तीफे की मांग का भी समर्थन करते हैं। इस दौरान प्रतिभा सिंह ने मंडी से लोकसभा सांसद काँगड़ा रनौत पर भी निशाना साधा और कहा कि हम काँगड़ा रनौत को इतना काबिल नहीं समझते है कि उसे मान-सम्मान दिया जाए । जनता ने उन्हें चुनकर संसद तक भेजा लेकिन आज तक कंगना रनौत ने हिमाचल का एक भी मुद्दा संसद में नहीं उठाया।
वीरवार को लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा प्रदेश के राष्ट्रीय मार्गों सहित विभिन्न परियोजनाओं के लिए 267 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में पूंजी परिव्यय के तहत केंद्र सरकार से विभिन्न परियोजनाओं के लिए 1400 करोड़ रुपये की मांग की गई थी, जिसमें से प्रथम चरण में भारत सरकार द्वारा 267 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि वह स्वयं कई बार परियोजनाओं को स्वीकृत करने में तेजी लाने और धनराशि स्वीकृत करने से सम्बंधित मुद्दों को केंद्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के समक्ष उठा चुके हैं। प्रथम चरण में 267 करोड़ रुपये जारी करने के लिए उन्होंने केंद्रीय मंत्री का आभार प्रकट किया है। लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि स्वीकृत सड़क परियोजनाओं में जिला चम्बा व ऊना में तीन-तीन पुलों का निर्माण शामिल है। इसके अलावा 54.37 करोड़ रुपये निगूलसरी-नाथपा सड़क पर लैंडस्लाईड मिटीगेशन के लिए और 40.85 करोड़ रुपये कटोरी बांगड़ा-बनीखेत-चम्बा-भरमौर सड़क के केरू पुल के समीप लैंडस्लाईड मिटीगेशन के लिए स्वीकृत किए गए हैं। कटोरी बांगड़ा-बनीखेत-चम्बा-भरमौर भट्टी नाला पुल के समीप सड़क को टू-लेन बनाने सहित भूमि अधिग्रहण के लिए 48 करोड़ रुपये, जिला ऊना में बरना और बोरे वाली खड्ड पर 2 पुलों के निर्माण सहित अन्य कार्यों की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के लिए 24.27 करोड़ रुपये और स्वां नदी पर पुल निर्माण के लिए 36.93 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। इसके अतिरिक्त, ठियोग बाईपास से होकर गुजरने वाली कालका-शिमला-वांगतू सड़क के रखरखाव, सैंज-लूहरी-औट सड़क सहित संवेदनशील स्थानों पर मरम्मत कार्यों, ढली-ठियोग-नारकंडा-रामपुर सड़क के सुदृढ़ीकरण, विभिन्न सड़कों की मैटलिंग एवं टारिंग और कलवर्ट बनाने आदि कार्यों के लिए भी केंद्र द्वारा धनराशि स्वीकृत की गई है। उन्होंने कहा कि जलोड़ी-जोत टनल का एलाइनमेंट कार्य पूरा किया जा चुका है और अब इसकी 1452 करोड़ रुपये की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट बनाई जा रही है। यह टनल 4.156 किलोमीटर लम्बी होगी और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट को इस वित्तीय वर्ष में पूरा कर दिया जाएगा।
शिमला में भारतीय जनता पार्टी चीफ इंजीनियर विमल नेगी मौत मामले पर गुरुवार को सड़कों पर उतरने जा रही है। शिमला में भारतीय जनता पार्टी गुरुवार शाम कैंडल मार्च आयोजित करने जा रही है। भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस सरकार इस पूरे मामले हमें न्याय देने से पीछे हट रही है। विमल नेगी की मौत के मामले में भाजपा CBI जांच की मांग उठा रही है। भाजपा शिमला मंडल के अध्यक्ष राजीव पंडित ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी इस पूरे मामले में CBI जांच की मांग उठा रही है। विमल नेगी के परिवार को न्याय मिल सके, इसके लिए गुरुवार को कैंडल मार्च आयोजित की जा रही है।
हिमाचल प्रदेश भाषा एवं संस्कृति विभाग शिमला में एक विशेष त्रैमासिक प्रशिक्षण शिविर का आयोजन कर रहा है, जिसमें आपको प्राचीन संस्कृत संस्कृत और टांकरी लिपि के रहस्यमय पहलुओं को जानने और सीखने का अनोखा अवसर मिलेगा। यह शिविर 1 अप्रैल से 30 जून तक हर दिन शाम 5:30 बजे से 1 घंटे के लिए गेयटी थिएटर, शिमला में आयोजित किया जाएगा। इस कार्यशाला के माध्यम से प्रतिभागियों को संस्कृत के मूलभूत ज्ञान, उच्चारण, पाठन और टांकरी लिपि के विशेष कौशल में गहराई से प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस शिविर में भाग लेने के इच्छुक व्यक्ति 5 अप्रैल तक आवेदन कर सकते हैं। भाषा एवं संस्कृति विभाग के निदेशक पंकज ललित ने कहा कि विभाग की ओर से शिमला में संस्कृत और टांकरी लिपि पर कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। इसमें ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यम से लोग जुड़ पाएंगे। इस कार्यशाला के माध्यम से लोगों को संस्कृत और टांकरी लिपि का मूलभूत प्रशिक्षण दिया जाएगा। 5 अप्रैल तक लोग इस त्रैमासिक प्रशिक्षण शिविर के लिए आवेदन कर पाएंगे। मस्तराम शर्मा संस्कृति और किशोरी लाल चंदेल टांकरी लिपि का प्रशिक्षण देंगे। इस दौरान संस्कृत के शिक्षक डॉ मस्तराम शर्मा ने बताया कि इस प्रशिक्षण शिविर के माध्यम प्राचीन भाषा संस्कृत का ज्ञान लोगों को मिल पाएगा। शिविर में विद्यार्थियों को संस्कृत पाठन और उच्चारण का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
रोहड़ू के अंतर्गत आते स्नैल में पुलिस के डिटैक्शन सैल शिमला और रोहड़ू पुलिस की संयुक्त टीम ने एक तस्कर को 3.06 किलोग्राम चरस के साथ गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान प्रभाकर चौहान पुत्र प्रमोद चौहान निवासी जटारी, डाकघर चिनवा, तहसील मोरी व जिला उत्तरकाशी (उत्तराखंड) के रूप में हुई है। जानकारी अनुसार पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि स्नैल क्षेत्र में नशे की खेप लाई जा रही है। इस पर पुलिस ने कुड्डू के समीप नाकाबंदी कर दी। डीएसपी रोहड़ू प्रणब चौहान ने बताया कि आरोपी को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया तथा एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर आगामी जांच शुरू कर दी गई है। आरोपी इस नशे की खेप को कहां से लेकर आ रहा था और कहां सप्लाई करने वाला था, इसका भी जल्द खुलासा किया जाएगा। डीएसपी ने कहा कि हिमाचल के पहाड़ी इलाकों में नशे का कारोबार बढ़ता जा रहा है, जिससे युवाओं का भविष्य अंधकारमय हो रहा है। पुलिस लगातार इस पर नजर रखे हुए है और ड्रग्स माफिया के खिलाफ अभियान तेज कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि नशे के अवैध कारोबार को जड़ से खत्म करने के लिए पुलिस की सख्ती जारी रहेगी और दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।
सोनू गैंग के सफेद जहर का काला कारोबार रामपुर से मंडी तक फैला हुआ है। इस बार रामपुर पुलिस ने मंडी के करसोग में चिट्टा तस्करों पर बड़ी कारवाई की है। शनिवार को डीएसपी नरेश शर्मा के दिशा निर्देशों में करसोग के अलग अलग क्षेत्रों से 7 और रामपुर के 2 गुर्गों को गिरफ्तार किया है। अब तक रामपुर पुलिस ने अन्तर्राज्यीय सोनू गैंग के 30 गुर्गों को सलाखों के पीछे धकेल दिया है। बताते चले की 3 मार्च को सोनू गैंग के मुख्य सरगना सोहन लाल उर्फ सोनू पुत्र दिवान चंद निवासी गांव सलोहा डाकघर तेबन तहसील करसोग जिला मण्डी 25 वर्ष व उसकी पत्नी गीता श्रेष्ट पुत्री रमेश श्रेष्ट निवासी गांव टकोली डाकघर पनारसा तहसील ओट जिला मण्ड़ी उम्र 25 वर्ष के कब्जा से 26.68 ग्राम चिट्टा/हेरोइन बरामद की थी।इन दोनो आरोपीगणों की कुल सम्पति 9,22,537 को जब्त किया गया था। इन दोनों आरोपियों के साथ चिट्ठा की खरीद फरोख्त में संलिप्त 21 व्यक्तियों को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। शनिवार देर शाम को 9 अन्य आरोपी 1. हुकम चन्द पुत्र उर्फ रिंकू वर्मा पुत्र दौलत राम निवासी गांव मनशाणा, डाकघर बंगलो, तहसील करसोग, जिला मण्ड़ी हिमाचल प्रदेश उम्र 28 वर्ष 2. महेन्द्र कुमार पुत्र रूप लाल निवासी गांव चौकी, डाकघर तेबन, तहसील करसोग, जिला मण्ड़ी हिमाचल प्रदेश आयु 26 वर्ष 3. विमल ठाकुर पुत्र चिमत राम निवासी गांव चेखवा, डाकघर सराहन, तहसील करसोग, जिला मण्ड़ी, हिमाचल प्रदेश आयु 25 वर्ष 4. टंकेश्वर दत्त उर्फ नेगू वर्मा पुत्र भवानी दत्त निवासी गांव सेरी बंगलो, तहसील करसोग, जिला मण्ड़ी, हिमाचल प्रदेश आयु 39 वर्ष 5.आशीष कुमार पुत्र स्व0 कर्म सिंह निवासी गांव व डाकघर तकलेच, तहसील रामपुर, जिला शिमला ,हिमाचल प्रदेश उम्र 25 वर्ष 6. हनिश कुमार पुत्र स्व0 मुनी लाल निवासी गांव व डाकघर नांज, तहसील करसोग, जिला मण्ड़ी हिमाचल प्रदेश आयु 25 वर्ष 7. सौरव पुत्र उत्तम सिंह निवासी गांव व डाकघर नांज, तहसील करसोग, जिला मण्ड़ी हिमाचल प्रदेश आयु 24 वर्ष 8. विजय कुमार उर्फ विशी शर्मा पुत्र सुरेन्द्र सिंह निवासी गांव खनोरा, डाकघर बन्थल, तहसील करसोग, जिला मण्ड़ी हिमाचल प्रदेश आयु 35 वर्ष , 9. ललित कायथ पुत्र जिया लाल निवासी गांव छलावट, डाकघर भड़ावली, तहसील रामपुर, जिला शिमला हिमाचल प्रदेश उम्र 35 वर्ष को गिरफ्तार किया गया है। इस अभियोग में अभी तक 30 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त उप मण्डल पुलिस अधिकारी रामपुर श्री नरेश शर्मा ने मामले की पुष्टि करते हुए बतलाया कि मामले से जुड़े अन्य आरोपीयों बारे भी जांच जारी है तथा नशे के खिलाफ रामपुर पुलिस द्वारा कार्यवाही लगातार जारी है। जो भी व्यक्ति नशे की खरीद फरोख्त में संलिप्त पाया जायेगा उसके खिलाफ कार्यवाही अमल में लाई जायेगी।
हिमाचल प्रदेश में हाल ही में सुक्खू सरकार ने आर्थिक संकट का हवाला देते हुए मंत्रियों, विधायकों, विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के वेतन में वृद्धि की है। बजट सत्र के अंतिम दिन, शुक्रवार को, विधायकों के वेतन में 24 से 26 प्रतिशत की वृद्धि करने वाला संशोधन विधेयक विधानसभा में पेश किया गया। इससे पहले, सरकार पर लगातार आर्थिक संकट का आरोप लगाने वाले विपक्षी दल भी इस विधेयक के समर्थन में खड़े नजर आए। हिमाचल प्रदेश में पिछले नौ वर्षों बाद इनके वेतन में यह वृद्धि की गई है। अब प्रत्येक विधायक को 55 हजार रुपये का बेसिक वेतन और विभिन्न भत्तों के रूप में कुल 2 लाख 10 हजार रुपये मासिक दिए जाएंगे। इस राशि में पांच प्रकार के भत्ते शामिल हैं, जिनमें से 20 हजार रुपये का टेलीफोन भत्ता समाप्त कर दिया गया है। साथ ही, विधायकों को बिजली और पानी की सब्सिडी भी नहीं मिलेगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के मासिक वेतन में वृद्धि के साथ अब उन्हें 95 हजार रुपये का बेसिक वेतन और कुल 2 लाख 50 हजार रुपये तक के भत्ते मिलेंगे। वहीं, कैबिनेट मंत्रियों का वेतन 80 हजार रुपये है और कुल भत्तों के साथ उनका वेतन 2 लाख 40 हजार के करीब होगा। विधायकों की कुल वेतन राशि में लगभग 50 हजार रुपये या उससे अधिक का इजाफा होने का अनुमान है। हालाँकि प्रदेश सरकार ने 20 हजार रुपये टेलीफोन भत्ता के अलावा बिजली व पानी बिल भत्ता खत्म कर दिया है। टेलिफोन, बिजली व पानी भत्ते खत्म होने पर वृद्धि से अधिक अदायगी वेतन से करनी पड़ेगी। मुख्यमंत्री सदन में वेतन वृद्धि के साथ विधायकों के तीन भत्ते खत्म करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य में विधायकों का वेतन प्राइस इंडेक्स के अनुसार 1 अप्रैल 2030 से प्रारंभ हुए प्रत्येक पांच वर्षों के बाद बढ़ाया जाएगा। विधायकों को अब केवल विधानसभा क्षेत्र व कार्यालय भत्ते ही मिलेंगे। पूर्व विधायकों का टेलिफोन भत्ता भी खत्म किया गया। गौरतलब है कि राज्य का कर्ज़ लगातार बढ़ता जा रहा है और यह एक लाख करोड़ रुपये को पार कर चुका है। सरकार ने कर्मचारियों और पेंशनरों के संशोधित वेतनमान 2016 की देनदारियों के लिए 10 हज़ार करोड़ रुपये के भुगतान का हवाला दिया, जिसे चुकता करने में सरकार आर्थिक तंगी का बहाना बना रही है। लेकिन, अपनी ही सरकार के अधिकारियों के वेतन में वृद्धि करने के मामले में आर्थिक संकट आड़े नहीं आया। विपक्ष इस मुद्दे पर खामोश रहा और विधेयक के पारित होने में सहमति व्यक्त की।
हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग (एचपीआरसीए) ने पोस्ट कोड 928 के तहत स्टेनो टाइपिस्ट के 66 पदों की भर्ती के लिए अन्तिम परीक्षा परिणाम आज घोषित कर दिया है। प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों, बोर्डां और निगमों ने इन पदों को भरने के लिए सिफारिश की थी जिसके लिए 1 दिसंबर, 2021 को विज्ञापन जारी किया गया था। इनमें सामान्य श्रेणी (अनारक्षित) के 16 पद, सामान्य श्रेणी (आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग) के सात पद, सामान्य श्रेणी (स्वतंत्रता सेनानियों के आश्रित) का एक पद, सामान्य श्रेणी (पूर्व सैनिकों के आश्रित) के आठ पद, अन्य पिछड़ा वर्ग (अनारक्षित) के 11 पद, अन्य पिछड़ा वर्ग (बीपीएल) के पद, अन्य पिछड़ा वर्ग (पूर्व सैनिकों के आश्रित) के दो पद, अनुसूचित जाति (अनारक्षित) के 11 पद, अनुसूचित जाति (पूर्व सैनिकों के आश्रित) के तीन पद, अनुसूचित जनजाति (बीपीएल) का एक पद और अनुसूचित जनजाति (पूर्व सैनिकों के आश्रित) का एक पद शामिल हैं। पोस्ट कोड 928 के तहत स्टेनो टाइपिस्ट के 66 पदों में से 15 पद सक्षम उम्मीदवार न मिलने के कारण रिक्त रखे गए हैं। लिए विज्ञप्ति परीक्षा परिणाम हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग की अधिकारिक वेबसाइट www.hprca.hp.gov.in पर भी उपलब्ध है।
चौड़ा मैदान में भाजपा ने किया आज सुक्खू सरकार के खिलाफ विशाल धरना प्रदर्शन किया है। प्रदेश भर से भाजपा कार्यकर्ता हजारों की तादात में चौड़ा मैदान में जुटे। इस दौरान भाजपा हिमाचल प्रभारी श्रीकांत शर्मा सह प्रभारी संजय टंडन, नेता विपक्ष जयराम ठाकुर, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल ने कांग्रेस सरकार ने सुक्खू सरकार के दो साल के कार्यकाल को कुशासन, भ्रष्टाचार और माफिया राज करार दिया हैं। बीजेपी के समक्ष शीर्ष नेताओ ने राज्य मे माफिया राज, बिगड़ती क़ानून व्यवस्था, भ्रस्टाचार, माफिया राज और गारंटियों को लेकर हमला बोला। जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार ने आज कार्यकर्ताओं के रास्ते रोके हैं। हमने कहा कि कांग्रेस सरकार सदन और सदन से बाहर विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश कर रही है हरियाणा से वाटर केनन लाए गए हैं। -हिमाचल में कानून व्यवस्था नाम की चीज़ नहीं रहीं है। दिन दहाड़े गोलियां चल रहीं हैं। पूर्व विधायक पर होली के दिन गोलियां चलाई जा रही। उन्होंने कहा कि ईमानदार अधिकारी विमल नेगी मामले में असंवेदनशील हैं मुख्यमंत्री भाजपा पर राजनीति करने का आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार के अढाई साल पूरे हो गए हैं बाकी अब सरकार की उतराइ का समय है। भाजपा सरकार के खोले गए संस्थानों और योजनाओं को बंद कर दिया गया है। झूठ बोलकर कॉंग्रेस सत्ता में आई और झूठ बोलकर सरकार चलाई जा रही हैं। सरकार खजाना खाली होने का शोर मचा रहीं। भाजपा सरकार ने जितना लोन 5 साल मे लिया, उससे ज्यादा कॉंग्रेस अभी तक ले। लिया है। उन्होंने कहा कि केंद्र के सहयोग से ही हिमाचल में सभी काम हो रहे हैं। वही बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बिंदल ने कांग्रेस सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि हिमाचल चिट्टा माफिया, शराब माफिया, कबाड़ माफिया, खनन माफिया और वन माफिया के चंगुल में फंस चुका है। कांग्रेस सरकार इन माफियाओं को खुला संरक्षण दे रही है, जिससे प्रदेश की कानून-व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। नृशंस हत्याओं का सिलसिला चंबा से किन्नौर और ऊना से सिरमौर तक जारी है। युवा पीढ़ी बर्बादी के कगार पर: चिट्टा माफिया ने हिमाचल की युवा पीढ़ी को नशे की लत में झोंक दिया है, लेकिन कांग्रेस सरकार मूकदर्शक बनी बैठी है। बिलासपुर में माफियाओं की खुलेआम गोलीबारी हो रही है, मंडी में खनन माफिया SDM को दौड़ा-दौड़ाकर पीट रहा है, चंबा में वन माफिया ने फॉरेस्ट गार्ड को तीन किलोमीटर तक घसीटा। यह घटनाएं साबित करती हैं कि कांग्रेस सरकार ने प्रदेश को अपराधियों के हवाले कर दिया है।
आज शिमला के चौड़ा मैदान में भाजपा ने राज्य सरकार के खिलाफ एक बड़ा प्रदर्शन का रही है। इस प्रदर्शन में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर सहित भाजपा के कई विधायक और कार्यकर्त्ता भी शामिल हो रहे है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल ने इस प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस सरकार पर गंभीर आरोप लगाए और कहा कि राज्य में माफियाराज स्थापित हो चुका है, जिसमें चिट्टा माफिया, खनन माफिया, ट्रांसफर माफिया, और कबाड़ माफिया का बोलबाला है। बिंदल ने कहा कि कांग्रेस सरकार के ढाई साल के शासन में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। चंबा में एक दलित युवक की हत्या से लेकर महिलाओं के उत्पीड़न और शोषण की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। भाजपा अध्यक्ष ने बताया कि प्रदेश में अपराधों का ग्राफ तेजी से बढ़ा है और सरकार इन घटनाओं पर पूरी तरह से मूक दर्शक बनी हुई है। उन्होंने राज्य में बढ़ते माफिया तंत्र के बारे में भी खुलकर बोला। बिंदल ने कहा कि पूर्व में बिहार और उत्तर प्रदेश की बदनामी होती थी, लेकिन अब हिमाचल प्रदेश उस दिशा में बढ़ रहा है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने सरकार पर आर्थिक मोर्चे पर भी हमला किया। उनका कहना था कि कांग्रेस ने जनता के लिए महंगाई बढ़ाई है। पेट्रोल-डीजल, राशन, बिजली, पानी, और सीमेंट जैसे जरूरी सामानों की कीमतों में वृद्धि हुई है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने बेरोजगारों, कर्मचारियों और किसानों के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए और लोगों को धोखा दिया। इसके अलावा, उन्होंने सरकारी दफ्तरों और संस्थाओं को बंद करने के फैसले को भी कड़ी आलोचना की।
मंगलवार को शिमला में शोघी-आंनदपुर-मैहली बाईपास पर रात सड़क हादसे में मां-बेटी समेत चार लोगों की मौत हो गई है। हादसा उस समय हुआ जब कार सवार शोघी की तरफ से मैहली आ रहा था। इसी दौरान शील गांव के पास पुल के समीप गाड़ी अनियंत्रित होकर सड़क से लगभग 100 फीट की गहरी खाई में जा गिरी। हादसे में कार सवार चार लोगों की मौके पर मौत हो गई। मरने वालों में दो बच्चे भी शामिल हैं। मृतकों की पहचान रूपा सूर्यवंशी (45) पत्नी भगवान दास, प्रगति (15) पुत्री भगवान दास, मुकुल (10) पुत्र हेतराम निवासी जानकी निवास नवबहार और जय सिंह नेगी (40) पुत्र पद्मदेव नेगी निवासी अंबिका कॉटेज ओमकार लॉज संजौली के रूप में हुई है। पुलिस अधीक्षक शिमला संजीव कुमार गांधी ने बताया कि हादसा रात करीब 8 बजे हुआ। हादसे की सूचना मिलते ही आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और पुलिस को भी सूचना दी। पुलिस की टीम मौके पर पहुंची लेकिन अंधेरा होने के कारण ढांक से खाई में उतरने में भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। इसे देखते हुए एसडीआरएफ और अग्निशमन के कर्मचारियों को रेस्क्यू के लिए बुलाया गया। जब तक बचाव दल गहरे खाई में पहुंचा, तब तक चारों दम तोड़ चुके थे।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने विमल नेगी मौत मामले में निलंबित निदेशक देशराज की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। बुधवार को हाईकोर्ट ने यह फैसला सुनाया है। मामले में न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह की अदालत ने 24 मार्च को दोनों पक्षों को सुनने के बाद इस मामले में फैसला सुरक्षित रखा था। याचिकाकर्ता देशराज की ओर से अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दायर की गई। उन्होंने अदालत से गुहार लगाई थी कि जो एफआईआर दर्ज की गई है, वह गलत है। उन्होंने अदालत से अग्रिम जमानत मांगी थी। इसी पर हाईकोर्ट ने बुधवार को अपना फैसला सुनाया, जिसमें देशराज की अंतरिम जमानत याचिका खारिज हुई है। विमल नेगी की मौत में परिजनों ने देशराज और हरीकेश मीणा सहित अन्य उच्च अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। परिजनों का आरोप है कि इन अधिकारियों ने विमल नेगी को गलत काम करने के लिए उकसाया और उन पर दवाब बनाया।
शिमला में एक निजी स्कूल द्वारा बच्चों को ईद के अवसर पर कुर्ता-पायजामा और टोपी पहनकर स्कूल आने का आदेश जारी किया गया है, जिसके कारण शहर में विवाद पैदा हो गया है। इसके साथ ही, बच्चों से यह भी कहा गया है कि वे टिफिन में सवइयां लेकर आएं। ईद 31 मार्च को मनाई जानी है, लेकिन स्कूल ने यह फरमान जारी किया। इस आदेश के बाद सोशल मीडिया पर हिंदू नेताओं ने स्कूल के खिलाफ अभियान चलाया है। देवभूमि संघर्ष समिति ने इस कदम का विरोध करते हुए इसे संविधान के धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत के खिलाफ बताया है। समिति के संयोजक भारत भूषण ने चेतावनी दी है कि अगर स्कूल ने यह आदेश वापस नहीं लिया तो स्कूल का घेराव किया जाएगा और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। भारत भूषण ने इसे स्कूल की सोची-समझी साजिश करार दिया और कहा कि इस कदम से हिमाचल प्रदेश में इस्लाम को बढ़ावा देने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए चेतावनी दी कि यदि स्कूल अपनी बात से पीछे नहीं हटता तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा। इस मामले पर फिलहाल स्कूल की कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के प्रधान सलाहकार गोकुल बुटेल ने वीरवार को पंजाब विश्वविद्यालय, चण्डीगढ़ में हिमाचल स्टुडेंट यूनियन द्वारा आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम ‘झनकार हिमोत्सव-हिमाचल एक झलक’ को सम्बोधित करते हुए कहा कि हिमाचल के युवाओं को अपने परिश्रम, कार्यकुशलता और समर्पण के लिए जाना जाता है। उन्होंने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि जीवन में परिश्रम से कभी घबराएं नहीं और हिमाचलियत को सदैव जीवंत बनाए रखें। उन्होंने आशा जताई कि हिमाचल के छात्र शिक्षा के साथ-साथ सांस्कृतिक एवं खेल गतिविधियों में सदैव अग्रणी रहेंगे। इस अवसर पर हिमाचल पुलिस बैंड हारमनी ऑफ द पाइन्स द्वारा प्रस्तुत कार्यक्रम को विशेष रूप से सराहा गया। हिमाचल प्रदेश के कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक विवेक शर्मा सहित बड़ी संख्या में हिमाचल प्रदेश के चण्डीगढ़ में शिक्षा प्राप्त कर रहे विद्यार्थी इस अवसर पर उपस्थित थे।
उप निदेशक प्रारंभिक शिक्षा कार्यालय की ओर से निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2011 हिमाचल प्रदेश में निहित प्रावधानों के अनुसार जिले के सभी निजी पाठशालाओं के प्रबंधक व विद्यालय मुखिया से शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए मान्यता के नवीनीकरण व 2025-2030 सत्र के लिए मान्यता हेतु आनलाइन आवेदन मांगे गए हैं। यह जानकारी देते हुए उप निदेशक प्रारंभिक शिक्षा अजय सिंह ने बताया कि मान्यता के नवीनीकरण हेतू सम्बन्धित विद्यालय को वेवसाईट www.emerginhimachal.in पर लॉगइन करना होगा। उन्होंने बताया कि प्री प्राइमरी से पांचवी तक कक्षा वाले विद्यालय संबंधित प्रारंभिक खंड शिक्षा अधिकारी को अपने आवेदन निर्धारित शुल्क के साथ ऑनलाइन प्रेषित करें। वहीं प्राइमरी से आठवीं व छठी से आठवीं तक की कक्षाओं वाले विद्यालय उपनिदेशक प्रारंभिक शिक्षा कार्यालय को आवेदन निर्धारित शुल्क सहित ऑनलाइन प्रेषित करेंगे। उन्होंने बताया कि आवेदन करने की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 31 मार्च 2025 किया गया है।ऑनलाइन किए गए आवेदनों की जांच की जाएगी तथा त्रुटियां पाए जाने पर ऑनलाइन ही आवेदन वापिस विद्यालय को भेज दिए जाएंगे। सम्बन्धित पाठशालाओं को त्रुटियों के निवारण उपरान्त अपना आवेदन पुनः प्रेषित करना होगा। उन्होंने बताया कि सही आवेदनों को ऑनलाइन ही मान्यता पत्र व मान्यता नवीनीकरण पत्र जारी किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि सत्र 2025-26 में केवल वही विद्यालय विद्यार्थियों को दाखिला दे पाएंगे जिनके पास विभाग द्वारा मान्यता सम्बन्धी प्रमाण पत्र होंगे। मान्यता पत्र व मान्यता नवीनीकरण पत्र के बिना संचालित होने वाले विद्यालयों पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। मान्यता प्रक्रिया संबंधित विस्तृत जानकारी कार्यालय की वेबसाइट www.ddee.org.in पर उपलब्ध है।
विधानसभा में बजट पर चर्चा के बाद पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत करते हुए नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार हर मोर्चे पर नाकाम है। इस बार का बजट भी पिछले दो बजट की तरह निराशा से भरा हुआ है। इस बजट में सरकार द्वारा कैपिटल एक्सपेंडिचर में भारी कटौती की गई है जिससे स्पष्ट है कि इस बार भी प्रदेश में राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित विकास के कार्य लगभग ना के बराबर होंगे। सबसे हैरानी की बात यह है कि सरकार की पिछले 2 बजट की सारी घोषणाएं अभी भी शून्य पर अटकी हुई है। सरकार ने विधानसभा के भीतर उन योजनाओं की घोषणा की और खुद भूल गई। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यह प्रदेश के इतिहास का पहला बजट है जब सामान परिस्थितियों में न प्रदेश का बजट साइज बढ़ा है और न ही कैपिटल एक्सपेंडिचर। ऐसे में यह बजट प्रदेश की आशाओं और अपेक्षाओं पर कैसे खरा उतरेगा यह स्पष्ट नहीं है। इस बजट में अत्यंत महत्वपूर्ण सेवाओं के भी बजट में पिछले साल के मुकाबले काफी कटौती की गई है। सड़क, परिवहन, पर्यटन और नागरिक उड्डयन का बजट 2700 करोड रुपए से घटकर 1522 करोड रुपए कर दिया गया यह 43% से ज्यादा कटौती है। इसी तरह सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण के बजट मैं एक तिहाई कटौती कीगई है। पेयजल आपूर्ति के बजट में 44% की कटौती की गई है। कृषि और अन्य गतिविधियों में 40%, सामान्य आर्थिक सेवाओं में 38 परसेंट, महिला एवं बाल विकास व पोषण में 33% वह अन्य मदों में 51% की कटौती की गई है। इतनी महत्वपूर्ण सेवाओं के बजट में आधा और एक तिहाई कटौती करके किस प्रकार से जनहितकारी योजनाओं का संचालन हो सकता है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कमियां जब एक दो होती हैं तो गिनाई जा सकती हैं लेकिन यहां एक भी अच्छाई नहीं दिखाई देती हैं। जब पिछले बजट की तरफ देखते हैं तो मुख्यमंत्री की एक से बढ़कर एक झूठी घोषणाएं नजर आती हैं। जो पहले बजट में घोषणाएं की गई थी आज भी वैसे की वैसे पड़ी हुई है। घोषणा की और इसके बाद खुद ही भूल गई है। सुक्खू सरकार के तीनों बजट किसी झूठ के बुलंदी से ज्यादा कुछ नहीं लगता। पहले बजट में मुख्यमंत्री एवं एकल नारी आवास योजना की घोषणा की गई थी, योजना की प्रगति आज भी शून्य है। इसी तरह विदाउट छात्रों के लिए इलेक्ट्रिक स्कूटी सब्सिडी की घोषणा गई थी आज तक कोई प्रगति नहीं हुई। इसी तरह मुख्यमंत्री सुरक्षित बचपन अभियान, बागवानी उत्कृष्ट केंद्र कुफरी के पास हसन घाटी में स्काईवॉक ब्रिज हिमाचल प्रदेश परिवर्तन प्रकोष्ठ और सतत विकास लक्ष्य समन्वय केंद्र जैसे लोकलुभावन बातें पहले बजट से ही की जा रही हैं। दुर्भाग्य यह है कि सुक्खू सरकार द्वारा बजट में लिए गए सभी वादे जमीन पर उतरने के बजाय बजट की किताब के बाहर निकल कर किसी सरकारी कागज में भी नहीं उतर पाए। जयराम ठाकुर ने कहा कि इसी तरह के वादे मुख्यमंत्री द्वारा स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार को लेकर भी किए गए थे। प्रदेश में अत्यधिक एमआरआई मशीन, पेट स्कैन, विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सुविधाओं की बात की गई थी। लेकिन सरकार ने इस बार के बजट भाषण में हिमाचल प्रदेश के लोगों में संजीवनी की तरह जानी जाने वाली हिम केयर योजना का जिक्र तक नहीं किया। जिन झूठी गारंटियों के दम पर कांग्रेस सत्ता में आई थी सरकार ने उन गारंटियों को दफन कर दिया। अब उनके बारे में सरकार कोई बात ही नहीं करती है। मुख्यमंत्री ने कुल चार योजनाएं अपने और गांधी परिवार के नाम से शुरू की है इंदिरा गांधी सुख शिक्षा योजना, जिसके तहत सरकार ने मात्र डेढ़ करोड़ रुपए खर्च किए हैं। इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना के तहत सरकार द्वारा मात्र 21 करोड़ 93 लख रुपए खर्च किए गए हैं। सुखाश्रय योजना के तहत सरकार द्वारा 11 करोड़ 35 लख रुपए खर्च किए गए हैं। राजीव गांधी स्टार्टअप योजना के तहत 2 करोड़ 91 लख रुपए खर्च हुए। सभी योजनाओं पर कुल मिलाकर 37 करोड़ 70 लाख रुपए ही खर्च हुए हैं। सबसे हास्यास्पद बात यह है कि इन योजनाओं के प्रचार प्रसार पर ही सरकार ने इससे ज्यादा पैसे खर्च कर चुकी है। उन्होंने कहा कि सुक्खू सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट हर लिहाज से प्रदेश और प्रदेशवासियों की हितों की रक्षा करने में सफल नहीं है। इसलिए वह इस बजट का समर्थन नहीं करते हैं।
क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी प्रदीप कुमार ने आज जानकारी दी कि प्रकाशित 55-बस रूटों के आबंटन हेतु 27 मार्च को दोपहर 12ः30 बजे क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण कांगड़ा स्थित धर्मशाला की विशेष बैठक निदेशक परिवहन कार्यालय शिमला में प्रस्तावित है। उन्होंने बताया कि जिन प्रार्थियों व वाहन मालिकों ने 10 मार्च, 2025 तक धर्मशाला क्षेत्र के अधीन प्रकाशित रूटों के लिए ऑनलाइन आवेदन किया है, वे स्वयं इस बैठक में उपस्थित होना सुनिश्चित करें, ताकि उपरोक्त ई-बस रूटों के आबंटन बारे क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण द्वारा निर्णय लिया जा सके।