हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने ओबीसी प्रमाणपत्रों की वैधता को लेकर चली आ रही अस्पष्टता को समाप्त कर दिया है। न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की एकल पीठ ने रेशम बनाम हिमाचल प्रदेश मामले में ओबीसी प्रमाणपत्रों को वैध मानते हुए याचिकाकर्ता को प्रयोगशाला तकनीशियन के पद पर नियुक्त करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए 21 दिसंबर 2024 के उस कार्यालय आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें उम्मीदवारी को खारिज कर दिया गया था। न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि प्रमाणपत्र के शीर्ष पर उल्लेखित 1 वर्ष की वैधता (जनवरी से दिसंबर) के बजाय प्रमाणपत्र में वित्तीय वर्ष के लिए उल्लेख की गई वैधता ही मान्य होगी। कोर्ट ने प्रतिवादियों को निर्देश दिया है कि वह याचिकाकर्ता के 29 मार्च 2023 के ओबीसी प्रमाण पत्र को 1 अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2023 तक की अवधि के लिए वैध मानें और चार हफ्ते में उनके परिणामों के आधार पर कार्रवाई करें। अदालत ने सरकारी विभागों को त्रुटि रहित प्रमाणपत्र जारी करने के निर्देश दिए हैं। न्यायालय ने पाया कि प्रतिवादियों ने विज्ञापन की शर्तों और 9 जनवरी 2012 की अधिसूचना की गलत व्याख्या की है। अधिसूचना स्पष्ट रूप से कहती है कि ओबीसी सहित सभी अन्य प्रमाणपत्र संबंधित वित्तीय वर्ष की प्रासंगिक अवधि तक वैध रहेंगे। याचिकाकर्ता ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में अनुबंध के आधार पर प्रयोगशाला तकनीशियन के पदों की भर्ती के लिए 19 सितंबर 2022 को जारी विज्ञापन के तहत आवेदन किया था। विज्ञापन में शर्त थी कि ओबीसी उम्मीदवारों को 9 जनवरी 2012 के राजपत्र में प्रकाशित हिमाचल सरकार राजस्व विभाग के अधिसूचना के अनुसार वैध ओबीसी प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। रेशम ने ओबीसी उम्मीदवार के रूप में आवेदन किया और 22 जुलाई 2021 को जारी अपना ओबीसी प्रमाणपत्र अपलोड किया जो वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए था। दस्तावेज सत्यापन के समय उन्होंने 29 मार्च 2023 को एक और ओबीसी प्रमाणपत्र प्रस्तुत किया। जो वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए वैध था। प्रतिवादियों ने रेशम की उम्मीदवारी को यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि 2 अक्टूबर 2022 तक कोई वैध प्रमाणपत्र नहीं था।
हिमाचल प्रदेश में ऑरेंज अलर्ट के बीच सोमवार देर रात से मंगलवार दोपहर तक कई क्षेत्रों में बारिश का दौर जारी रहा। लाहौल-स्पीति के स्पीति के खुरिक में मंगलवार को बादल फटने से रंगरिक और खुरिक गांव समेत तीन स्थानों में बाढ़ आ गई। इससे दोनों गांवों में कुछ घरों को नुकसान पहुंचा है। खेतों में फैले मलबे के कारण नगदी फसलों को भारी क्षति हुई है। बाढ़ की चपेट में आकर एनएच-05 बाधित हो गया है। तीन एनएच सहित 375 सड़कें अभी भी बंद... वहीं प्रदेश में तीन एनएच मनाली-कोटली, पांवटा-शिलाई और खाब-ग्रांफू सहित 375 सड़कें, 326 बिजली ट्रांसफार्मर और 314 पेयजल योजनाएं अभी भी ठप हैं। शिमला-कुल्लू में तीन दिन से हवाई उड़ानें भी बंद हैं। हालांकि, कांगड़ा में दिल्ली से दो फ्लाइट पहुंची हैं और दो बंद रहीं। कांगड़ा के मियालू में एक मकान जमींदोज हो गया है। हमीरपुर जिले में बारिश के कारण निर्माणाधीन एनएच हमीरपुर-मंडी बाईपास बाधित रहा। चंबा में भूस्खलन से चुराह उपमंडल की चांजू पंचायत में निर्माणाधीन 48 मेगावाट चांजू-3 जलविद्युत परियोजना की मशीनरी, कार्यालय को लाखों का नुकसान हुआ है। सतलुज में गाद बढ़ने से नाथपा झाकड़ी और रामपुर प्रोजेक्ट में दूसरे दिन भी बिजली उत्पादन बंद रहा। किरतपुर-मनाली फोरलेन पर भी जगह-जगह भूस्खलन हुआ है। पांवटा साहिब-शिलाई-गुम्मा एनएच बंद है। राजधानी शिमला में शाम तक बूंदाबांदी का दौर जारी रहा। आज भी बारिश के आसार... प्रदेश के कई स्थानों में बुधवार को भी बारिश के आसार हैं हालांकि कोई चेतावनी जारी नहीं हुई है। वीरवार और शुक्रवार को अधिकांश क्षेत्रों में हल्की बारिश की संभावना है। इस दौरान लोगों को बारिश से कुछ राहत मिल सकती है। 26 से 28 जुलाई तक दोबारा कई क्षेत्रों में बारिश का पूर्वानुमान है।
हिमाचल प्रदेश में ऑरेंज अलर्ट के बीच सोमवार देर रात से मंगलवार दोपहर तक कई क्षेत्रों में बारिश का दौर जारी रहा। लाहौल-स्पीति के स्पीति के खुरिक में मंगलवार को बादल फटने से रंगरिक और खुरिक गांव समेत तीन स्थानों में बाढ़ आ गई। इससे दोनों गांवों में कुछ घरों को नुकसान पहुंचा है। खेतों में फैले मलबे के कारण नगदी फसलों को भारी क्षति हुई है। बाढ़ की चपेट में आकर एनएच-05 बाधित हो गया है। हिमाचल प्रदेश के कई स्थानों में बुधवार को भी बारिश के आसार हैं हालांकि कोई चेतावनी जारी नहीं हुई है। वीरवार और शुक्रवार को अधिकांश क्षेत्रों में हल्की बारिश की संभावना है। इस दौरान लोगों को बारिश से कुछ राहत मिल सकती है। 26 से 28 जुलाई तक दोबारा कई क्षेत्रों में बारिश का पूर्वानुमान है।
मौसम विभाग के रेड अलर्ट के बीच हिमाचल में सोमवार को मूसलाधार बारिश के चलते कई इलाकों में फिर भारी नुकसान हुआ है। मौसम विभाग ने हिमाचल के कई क्षेत्रों में मंगलवार को भी भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। कई जिलों के लिए ऑरेंस अलर्ट जारी किया गया है। वहीं कांगड़ा जिले की चक्की खड्ड में आई बाढ़ से इंदौरा के ढांगू में रेलवे ब्रिज के नीचे की सुरक्षा वॉल धंस गई। उस समय यात्रियों से भरी मालवा एक्सप्रेस ट्रेन पुल से गुजर रही थी। घटना सोमवार दोपहर 12:00 के करीब हुई। ट्रेन जम्मू से दिल्ली जा रही थी। वही सतलुज नदी में गाद बढ़ने से 1500 मेगावाट के नाथपा झाकड़ी और 412 मेगावाट के रामपुर प्रोजेक्ट में बिजली उत्पादन ठप हो गया है। गाद बढ़ने के कारण नाथपा बांध के गेट खोलने पड़ गए। नाथपा बांध से सोमवार को 1400 क्यूमेक्स अतिरिक्त पानी छोड़ा गया। बता दें कि नाथपा से हिमाचल, पंजाब, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली और चंडीगढ़ को बिजली आपूर्ति होती है। मौसम खराब होने के कारण श्रीखंड और किन्नर कैलाश यात्राएं रोकीं मौसम विभाग के अलर्ट और भारी बारिश के चलते प्रशासन की ओर से सोमवार को श्रीखंड महादेव और किन्नर कैलाश यात्राएं भी एक दिन के लिए रोक दी गईं।
मौसम विभाग के रेड अलर्ट के बीच हिमाचल में सोमवार को मूसलाधार बारिश के चलते कई इलाकों में फिर भारी नुकसान हुआ है। मौसम विभाग ने आज भी कई क्षेत्रों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। कई जिलों के लिए ऑरेंस अलर्ट जारी किया गया है। ऊना, चंबा, कांगड़ा, मंडी और सिरमौर जिला के कुछ क्षेत्रों में भारी बारिश का पूर्वानुमान है। 23 से 27 जुलाई तक येलो अलर्ट जारी किया गया है। प्रशासन ने लोगों से नदी और नालों से दूर रहने की अपील की है। सोमवार को बारिश के चलते तापमान में 10 डिग्री की गिरावट दर्ज हुई। प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में रविवार देर रात से शुरू हुआ बारिश का दौर सोमवार शाम तक जारी रहा।भारी बारिश एवं भूस्खलन के चलते प्रदेश में तीन नेशनल हाईवे मंडी-कुल्लू, मंडी-पठानकोट, शिलाई-पांवटा साहिब समेत 398 सड़कें बंद हो गई हैं। प्रदेश में 682 बिजली ट्रांसफार्मर और 151 पेयजल योजनाएं ठप हो गईं, जबकि जगह-जगह 250 बसें फंस गई हैं। खराब मौसम के चलते सोमवार को तीन जिलों के कुछ उपमंडलों में स्कूल भी बंद करने पड़े।
हिमाचल प्रदेश में मानसून फिर से कहर बनकर बरस रही है। राजधानी शिमला के भी भारी बारिश से जगह-जगह लैंडस्लाइड हुए हैं। चौड़ा मैदान के पास राजीव गांधी डिग्री कॉलेज कोटशेरा के पास सड़क किनारे खड़ी कार (HP65-5644) मलबे में दब गई। संजौली कॉलेज के पास भी दो बड़े पेड़ गिरने से सड़क कुछ देर के लिए बंद हो गई और दो गाड़ियों को नुकसान पहुंचा। शिमला-चौपाल मुख्य मार्ग पर भी कई जगह पेड़ गिरने से सेब से लदे ट्रक और अन्य वाहन फंस गए हैं। टूटू कर पास लैंडस्लाइड से नालागढ़ सड़क यातायात के लिए बंद है। 2 राष्ट्रीय राजमार्ग समेत 468 सड़कें अभी भी बंद...... बीती रात से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से प्रदेश में जगह-जगह भूस्खलन हुए हैं, जिससे 2 राष्ट्रीय राजमार्ग समेत 468 सड़कें बंद हो गई हैं और 1200 बिजली ट्रांसफार्मर ठप पड़ने से कई क्षेत्रों में अंधेरा छा गया है। 600 पानी की स्कीमें बाधित है। ताज़ा बारिश से सबसे ज्यादा नुकसान शिमला जिले में हुआ है, जहां कई जगह सड़कें बंद हुईं, गाड़ियां मलबे में दबीं और पेड़ धराशायी हुए। कुछ जिलों के उपमंडलों में आज स्कूलों को बंद कर दिया गया है। इतने लोगों ने गंवाई जान......... मानसून सीजन में अब तक 125 लोगों की मौत हो चुकी है, 215 लोग घायल हुए और 34 लोग लापता हैं। प्रदेश में अब तक 382 मकान, 264 दुकानें और 945 गौशालाएं पूरी तरह तबाह हो चुकी हैं, जबकि 739 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि अनावश्यक यात्रा से बचें और नदी-नालों के पास न जाएं। मौसम विभाग ने आज और कल भारी वर्षा का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जबकि 23 से 27 जुलाई तक प्रदेश में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। इस दौरान कुछ इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश की भी संभावना है। -संदीप कुमार शर्मा, वैज्ञानिक,मौसम विज्ञान केंद्र शिमला
हिमाचल प्रदेश बेरोजगार कला अध्यापक संघ ने प्रदेश सरकार द्वारा लागू की गई नई ट्रेनी पॉलिसी का विरोध करते हुए इसे अन्यायपूर्ण और तर्कहीन बताया है। संघ का कहना है कि यह नीति युवाओं को भ्रमित करने और उन्हें मानसिक तनाव में डालने का कार्य कर रही है। संघ के अनुसार, यह कैसी नीति है जिसमें पहले अभ्यर्थी को कमीशन द्वारा परीक्षा पास करनी होगी और फिर नियुक्ति के बाद पुनः एक और परीक्षा देकर नियमित नियुक्ति प्राप्त करनी होगी। इस प्रकार की व्यवस्था से न केवल युवा तनाव में रहेंगे, बल्कि वह आर्थिक रूप से भी असुरक्षित हो जाएंगे और अपने परिवार का भरण-पोषण करना कठिन होगा। संघ ने यह भी आरोप लगाया है कि प्रदेश सरकार समय-समय पर नई-नई घोषणाएं कर बेरोजगार युवाओं को केवल भ्रमित कर रही है, जबकि हकीकत यह है कि वर्षों से नई भर्तियाँ नहीं निकाली जा रही हैं। तीन वर्षों में सरकार का बेरोजगारी के प्रति रवैया पूरी तरह से निराशाजनक रहा है। संघ ने कहा कि इससे पूर्व जो भी मुख्यमंत्री हुए हैं, उन्होंने बेरोजगारों की मांगों पर ध्यान दिया है। लेकिन वर्तमान मुख्यमंत्री के कार्यकाल में बेरोजगारों की अनदेखी की गई है और उनकी समस्याओं का उपहास उड़ाया गया है। चुनावों के समय युवाओं को रोजगार देने के वादे किए गए थे, लेकिन अब सरकार उन्हीं वादों के विपरीत कार्य कर रही है। संघ ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने जल्द ठोस कदम नहीं उठाए, तो आने वाले चुनावों में कांग्रेस पार्टी को इसका गंभीर नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसके अतिरिक्त संघ ने कहा है कि प्रियंका गांधी और राहुल गांधी को पत्र लिखकर इस अन्यायपूर्ण नीति की जानकारी दी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि जिन स्कूलों को हिमाचल प्रदेश में बंद किया गया है, उसकी पूरी सूची भी उन्हें भेजी जाएगी ताकि उन्हें वास्तविक स्थिति का ज्ञान हो सके। अंत में संघ ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि नई ट्रेनी नीति को अविलंब रद्द किया जाए और बेरोजगार युवाओं को स्थायी एवं न्यायसंगत रोजगार की व्यवस्था उपलब्ध कराई जाए।
हिमाचल प्रदेश में बीती रात से लगातार जारी भारी बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। जगह-जगह भूस्खलन की घटनाएं सामने आई हैं। माैसम विज्ञान केंद्र शिमला की ओर से आज पांच जिलों के लिए भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है। चंबा जिले में भारी बारिश ने लोगों की दुश्वारियां बढ़ा दी हैं। जगह-जगह सड़कें बंद हो गई हैं, मक्की की फसल पानी के तेज बहाव में बह गई। चंबा- तीसा मुख्यमार्ग नकरोड व पंगोला में भूस्खलन हुआ है। नकरोड़-थली सड़क पर भी काफी क्षति होने की सूचना है। माैसम विज्ञान केंद्र शिमला की ओर से अगले तीन घंटों तक शिमला, सिरमाैर, चंबा, कांगड़ा व मंडी जिले के लिए भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है। ऐसे में लोगों को सावधानी बरतने के लिए कहा गया है।
हिमाचल प्रदेश में अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश का अनुमान है, जिसके चलते लोगों को खास सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। मौसम विभाग ने आज कई जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है, वहीं 22 जुलाई तक ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया गया है। इसका मतलब है कि 21 और 22 जुलाई को बारिश काफी तेज हो सकती है, इसलिए लोगों को अत्यधिक सतर्क रहने की जरूरत है। आज मौसम विभाग के अनुसार ऊना, हमीरपुर और मंडी जिलों में कुछ स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है। इन जगहों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। बाकी हिमाचल प्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश होने का अनुमान है। कल, यानी 19 जुलाई को, हिमाचल प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में बादल छाए रहे और कई जगहों पर बारिश हुई। बारिश के कारण ऊंचाई वाले इलाकों में तापमान में गिरावट भी दर्ज की गई। कल राज्य में सबसे कम न्यूनतम तापमान कल्पा में 12.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जबकि सबसे अधिक अधिकतम तापमान पोंटा साहिब में 39.0 डिग्री सेल्सियस रहा।
**मुख्यमंत्री ने विशेषज्ञ रोबोटिक सर्जनों की भर्ती शुरू करने के निर्देश दिए हिमाचल प्रदेश में रोबोटिक सर्जरी सेवाएं शुरू करने के लिए प्रदेश सरकार शीघ्र ही विशेषज्ञ रोबोटिक सर्जनों की भर्ती प्रक्रिया शुरू करेगी। इससे मरीजों को सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में बेहतर और उच्च गुणवत्तायुक्त चिकित्सा उपचार सुविधाएं उपलब्ध होंगी। शुक्रवार देर सायं स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने यह जानकारी दी। इन विशेषज्ञ सर्जनों के लिए भर्ती नियमों का एक प्रस्ताव शीघ्र ही प्रदेश मंत्रिमंडल के समक्ष अनुमोदन के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। विशेषज्ञ चिकित्सक सर्जरी करने के अलावा अन्य चिकित्सकों को रोबोटिक सर्जरी तकनीकों का प्रशिक्षण भी देंगे। इससे राज्य में विशेषज्ञ चिकित्सकों की एक टीम तैयार होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों के माध्यम से लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य के सभी सरकारी चिकित्सा महाविद्यालयों और अन्य स्वास्थ्य संस्थानों में आधुनिक तकनीक और चिकित्सा उपकरण स्थापित किए जा रहे हैं। चमियाना स्थित अटल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सुपर-स्पेशलिटी में मरीजों को दिल्ली के एम्स के समान स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी और संस्थान में शीघ्र ही रोबोटिक सर्जरी सेवाएं शुरू होंगी, साथ ही डॉ. राजेंद्र प्रसाद राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय, टांडा में भी जल्द ही रोबोटिक सर्जिकल सिस्टम स्थापित किया जाएगा। उन्होंने विभाग को चिकित्सा महाविद्यालय हमीरपुर और इंदिरा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय शिमला में रोबोटिक सर्जिकल मशीनें स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को और मज़बूत करने के लिए रिक्त पद अविलंब भरने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि चिकित्सा शिक्षा निदेशालय में 100 नए चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती की जाएगी और चमियाना में जल्द ही 50 अतिरिक्त नर्सों की नियुक्ति भी की जाएगी। राज्य की स्वास्थ्य सेवा अधोसंरचना के सुदृढ़ीकरण के लिए पैरामेडिकल स्टाफ, तकनीकी स्टाफ और अन्य सहायक कर्मियों की भर्ती प्रक्रिया भी प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने ऑपरेशन थियेटर सहायकों का मासिक मानदेय 17,820 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये और रेडियोग्राफरों व एक्स-रे तकनीकी स्टाफ का मानदेय 13,100 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये किया गया है। CM सुक्खू ने कहा कि सरकारी क्षेत्र में पैरामेडिकल स्टाफ की कमी दूर करने के लिए 23 वर्षों के बाद प्रमुख पाठ्यक्रमों में प्रवेश क्षमता बढ़ाने का सरकार ने निर्णय लिया है इससे स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूती मिलेगी। आईजीएमसी शिमला में बीएससी मेडिकल लैबोरेटरी टेक्नोलॉजी, बीएससी रेडियोलॉजी एंड इमेजिंग, और बीएससी एनेस्थीसिया एंड ओटी टेक्नोलॉजी पाठ्यक्रमों में सीटों की संख्या 10 से बढ़ाकर 50 की गई है। टांडा चिकित्सा महाविद्यालय में बीएससी मेडिकल लैबोरेटरी टेक्नोलॉजी, बीएससी रेडियोलॉजी एंड इमेजिंग, और बीएससी एनेस्थीसिया एंड ओटी टेक्नोलॉजी में प्रत्येक पाठ्यक्रम में सीटों की संख्या 18 से बढ़ाकर 50 की है। उन्होंने कहा कि इससे स्थानीय युवाओं को राज्य में ही व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त करने में सहायता मिलेगी। बैठक में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल, स्वास्थ्य सचिव एम. सुधा देवी, विशेष सचिव डॉ. अश्विनी कुमार शर्मा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
कभी देश के टॉप 30 स्वच्छ शहरों में गिना जाने वाला शिमला… आज 300 में भी नहीं है। करोड़ों की हाईटेक मशीनें, सफाई के तमाम दावे और योजनाएं…सब धरा का धरा रह गया और इस बार शिमला 347वें स्थान पर आ गया है। 2024 के स्वच्छता सर्वेक्षण में शिमला को 347वां स्थान मिला है, जो अब तक की सबसे निचली रैंकिंग है। इससे पहले 2023 में शहर 188वें और 2022 में 56वें पायदान पर था। 2016 में जब सर्वे में कम शहर शामिल थे, तब शिमला देश में 27वें स्थान पर था। करोड़ों रुपये की मशीनें और संसाधन झोंकने के बावजूद सफाई के मोर्चे पर यह गिरावट नगर निगम और जनप्रतिनिधियों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करती है। कभी मिसाल था शिमला, अब चिंता का विषय 2016 में शिमला ने स्वच्छता रैंकिंग में 27वां स्थान हासिल कर देशभर का ध्यान अपनी ओर खींचा था। इसे सफाई व्यवस्था, कचरा प्रबंधन और नागरिक सहभागिता के लिए एक आदर्श मॉडल माना गया। मगर बीते कुछ वर्षों में नगर निगम की सुस्त कार्यप्रणाली, राजनीतिक अस्थिरता और अभियानात्मक ढिलाई ने शिमला को इस गर्त में धकेल दिया है। वर्ष शिमला की रैंक 2016 27 2017 47 2018 144 2019 127 2020 65 2023 56 2024 188 2025 347 रिपोर्ट में किन बिंदुओं पर फेल हुआ शिमला? स्वच्छ सर्वेक्षण 2025 की रिपोर्ट के अनुसार, शिमला डोर-टू-डोर कूड़ा संग्रहण, कचरा निपटान और स्रोत स्तर पर कचरे की छंटाई जैसे मूलभूत मानकों पर बेहद कमजोर प्रदर्शन कर रहा है। डोर-टू-डोर कूड़ा संग्रहण: सिर्फ 42% कचरे का निपटान: 44% स्रोत स्तर पर कचरे की छंटाई: मात्र 2% डंपिंग साइट की स्थिति: 0% (पूर्ण असंतोषजनक) सार्वजनिक शौचालयों की सफाई: 67% जबकि आवासीय और बाजार क्षेत्रों की सफाई रिपोर्ट में 100% अंक दिए गए हैं, लेकिन असल तस्वीर इससे अलग प्रतीत होती है। नगर निगम ने बताया सर्वे को 'त्रुटिपूर्ण' हाई कोर्ट के निर्देशों और राज्य सरकार की निगरानी के बावजूद जब यह रिपोर्ट सामने आई, तो नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. चेतन चौहान ने सवाल उठाए। उन्होंने कहा, "इस सर्वे में कई तथ्यों को गलत दर्शाया गया है। शिमला में डोर-टू-डोर कूड़ा नियमित रूप से उठ रहा है, लेकिन आंकड़ों में सिर्फ 42% दिखाया गया है। हम इस रिपोर्ट को चुनौती देंगे।"
हिमाचल प्रदेश के सात जिलों में आज से बारिश का यलो अलर्ट किया गया है। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, चंबा, कांगड़ा, कुल्लू और मंडी जिला में तेज वर्षा होगी। साथ ही आने वाले दो दिनों (18 व 19 जुलाई) में चंबा, कांगड़ा, कुल्लू और मंडी जिलों में यलो अलर्ट की स्थिति बनी रहेगी। प्रदेश में इस मानसून सीजन (20 जून से 16 जुलाई) की भारी बारिश व बादल फटने से 820 करोड़ रुपए की सरकारी व निजी संपत्ति तबाह हो चुकी है। इसी तरह 106 लोगों की जान जा चुकी है। इनमें से लैंडस्लाइड, बाढ़ व बादल फटने से 24 लोगों की जान गई है, जबकि 34 लोग लापता है। 44 लोगों की जान सड़क दुर्घटनाओं में गई है।
हिमाचल प्रदेश के सात जिलों में आज से बारिश का यलो अलर्ट किया गया है। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, चंबा, कांगड़ा, कुल्लू और मंडी जिला में तेज वर्षा होगी। साथ ही आने वाले दो दिनों (18 व 19 जुलाई) में चंबा, कांगड़ा, कुल्लू और मंडी जिलों में यलो अलर्ट की स्थिति बनी रहेगी। 20 जुलाई को सिरमौर जिला में बारिश का पूर्वानुमान है। अन्य जिलों में मौसम साफ रहने या हल्के बादल छाए रहने की संभावना है। मगर 21 व 22 जुलाई को फिर से भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट दिया गया है। वहीं बीते 24 घंटे के दौरान सिरमौर जिला के कई भागों में तेज बारिश हुई है। नाहन में सबसे ज्यादा 22.9 मिलीमीटर, धौलाकुंआ में 17 मिलीमीटर बादल बरसे है। धर्मशाला में भी 17.1 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। प्रदेश में बीते एक सप्ताह के दौरान सामान्य से 26 प्रतिशत कम बारिश हुई है। 9 से 16 जुलाई के बीच 59.7 मिलीमीटर नॉर्मल बारिश होती है, लेकिन 44.3 मिलीमीटर बादल बरसे हैं। इस अवधि में कुल्लू में सामान्य से 125 प्रतिशत ज्यादा बारिश, शिमला में 59 प्रतिशत और मंडी में 38 प्रतिशत ज्यादा बादल बरसे हैं। वहीं चंबा में सामान्य की तुलना में 68 प्रतिशत कम बारिश हुई है। चंबा में इस अवधि में 70.8 मिलीमीटर बारिश होती है। मगर इस बार 22.4 मिलीमीटर बादल बरसे हैं। कांगड़ा जिला में भी सामान्य से 134.3 मिलीमीटर नॉर्मल बारिश की तुलना में इस बार 52.6 मिलीमीटर वर्षा हुई है, जो कि सामान्य से 61 प्रतिशत कम है। वहीं ऊना में सामान्य से 84 प्रतिशत कम, चंबा 72, हमीरपुर 18, सिरमौर 23, सोलन 40, हमीरपुर 18 और कांगड़ा जिला में नॉर्मल से 69 प्रतिशत कम बारिश हुई है।
विश्व धरोहर माने जाने वाले कालका-शिमला रेलवे ट्रैक पर अब यात्रा और भी खास हो जाएगी। रेलवे बोर्ड ने इस ऐतिहासिक मार्ग पर नया आकर्षण जोड़ते हुए आधुनिक सुविधाओं से युक्त लोंगेज रेल कार आरए-100 को लॉन्च करने की तैयारी कर ली है। यह रेल मोटर कार यात्रियों के लिए न केवल एक आरामदायक अनुभव लेकर आएगी, बल्कि इसकी स्टाइलिश बनावट भी रोमांच बढ़ाएगी। इस नई रेल कार को खास लुक दिया गया है लाल रंग का बाहरी ढांचा और काले रंग की बड़ी शीशेदार खिड़कियां यात्रियों को सुंदर दृश्यों का बेहतर अनुभव देने के लिए तैयार की गई हैं। इसके अलावा, कार में एयर पावर ब्रेक सिस्टम, आरामदायक सीटें, और एसी की सुविधा भी दी गई है। सीटों के बीच पर्याप्त स्थान रखा गया है, जिससे सफर और भी सुकून भरा होगा। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, लोंगेज आरए-100 की सेवाएं बुकिंग के आधार पर ही उपलब्ध होंगी। एक बार में 14 यात्री इसमें सफर कर सकते हैं। खासतौर पर यह कार परिवारों और पर्यटक समूहों के लिए उपयोगी साबित होगी, जो शिमला की सैर को यादगार बनाना चाहते हैं। रेल मंडल अंबाला के वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक नवीन कुमार ने बताया कि, "कालका-शिमला ट्रैक पर जल्द ही लोंगेज आरए-100 का संचालन शुरू किया जाएगा। ट्रायल की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। हमारा प्रयास है कि यात्रियों को बेहतरीन सुविधाएं मिलें और उनका अनुभव और भी खास बने।" इससे पहले रेलवे ने पैनोरमिक रेल कार की भी शुरुआत की थी, जिसे पर्यटकों से काफी सराहना मिली थी। अब नई रेल कार के जरिए रेलवे फिर से एक अनोखा अनुभव देने की तैयारी में है।
हिमाचल प्रदेश वन विभाग ने इस बार 1820 हेक्टेयर भूमि पर हरियाली लाने का संकल्प लिया है। वन विभाग खुद एक हजार हेक्टेयर भूमि पर पौधे रोपेगा, जबकि राजीव गांधी वन संवर्द्धन योजना के तहत 600 हेक्टेयर भूमि पर पौधरोपण करने का लक्ष्य रखा है। ऐसे में जल्द ही राज्य स्तरीय वन महोत्सव से पौधरोपण अभियान शुरू होगा। प्रदेश की बंजर जमीन पर हरियाली लाने के लिए वन विभाग ने यह लक्ष्य रखा है। इसके साथ-साथ जाइका वानिकी परियोजना ने 220 हेक्टेयर भूमि पर पौधे रोपने का लक्ष्य रखा है, जो विभागीय और जन सहभागिता के माध्यम से पूरा होगा। बता दें कि पिछली बार जाइका वानिकी परियोजना ने 1296 हेक्टेयर भूमि पर पौधरोपण किया। इसके अलावा मुख्यमंत्री वन विस्तार योजना के तहत प्रदेश में 100 हेक्टेयर भूमि पर पौधरोपण किया गया। प्रदेश सरकार ने पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री ने बीते दो जून को हमीरपुर में राजीव गांधी वन संवर्द्धन योजना की शुरुआत की। इस योजना के तहत प्रदेश की 600 हेक्टेयर जमीन पर पौधे रोपे जाएंगे। यह योजना न सिर्फ वन क्षेत्र बढ़ाने पर केंद्रित है, बल्कि स्थानीय समुदायों को आजीविका और रोजगार के नए अवसर भी देती है। बताया गया कि इस योजना के तहत बंजर भूमि पर फलदार वृक्ष लगाए जाएंगे, जिससे पर्यावरण को लाभ मिलेगा और लोगों को फल उत्पादन के माध्यम से आर्थिक मदद भी मिलेगी। यह एक दोहरा लाभ देने वाली योजना है। इस योजना के तहत स्थानीय लोगों खासकर महिला मंडलों, स्वयं सहायता समूहों और युवक मंडलों को वनों की देखरेख में भागीदार बनाना भी है। महिला मंडल, युवक मंडल और स्वयं सहायता समूह इस पहल की रीढ़ हैं। वे केवल पौधरोपण के साथ-साथ पांच वर्षों तक पौधों की देखभाल भी करेंगे। इससे पौधों की दीर्घकालिक जीवंतता सुनिश्चित होगी और सामुदायिक सहभागिता भी मजबूत होगी। वन विभाग ने इस बार एक हजार हेक्टेयर भूमि पर पौधे रोपने का लक्ष्य रखा है, इसके साथ-साथ राजीव गांधी वन संवर्द्धन योजना के तहत 600 हेक्टेयर और जाइका वानिकी परियोजना ने 220 हेक्टेयर भूमि पर पौधे रोपने का लक्ष्य रखा है। कुल मिलाकर 1820 हेक्टेयर भूमि पर पौधे रोपे जाएंगे।
बरसात के मौसम में एसीसी गोल्ड सीमेंट के दामों में इजाफा देखने को मिला है। पहले जहां एक बैग की कीमत 490 रुपये थी, अब वह बढ़कर 500 रुपये हो गई है। हालांकि, सामान्य सीमेंट की कीमत 440 रुपये प्रति बैग पर स्थिर बनी हुई है। सूत्रों के अनुसार बरसात में छत डालने और प्लास्टर जैसे कार्यों में एसीसी गोल्ड सीमेंट की मांग बढ़ जाती है, जिसके चलते दामों में यह बढ़ोतरी की गई है। वहीं सरिए की कीमतें भी ऊपर गई हैं। जिले में 8 एमएम सरिया 6,200 रुपये प्रति क्विंटल, 12 एमएम 5,850 रुपये, 10 एमएम 6,090 रुपये और 16 एमएम सरिया 5,970 रुपये प्रति क्विंटल की दर से उपलब्ध है। बढ़ती कीमतों ने निर्माण कार्यों पर सीधा असर डालना शुरू कर दिया है, जिससे आम लोगों और ठेकेदारों की जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ने लगा है।
हिमाचल प्रदेश के कई क्षेत्रों में बुधवार और वीरवार को बारिश का येलो अलर्ट जारी हुआ है। 20 जुलाई तक मौसम खराब बना रहने की संभावना है। इस मानसून सीजन में 20 जून से 14 जुलाई तक राज्य में बादल फटने, बाढ़, भूस्खलन सहित अन्य कारणों से 105 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। 184 लोग घायल हुए हैं। अभी भी 35 लोग लापता हैं। 44 लोगों की सड़क हादसे में माैत हुई है। मानसून सीजन में अब तक करीब 1235 कच्चे-पक्के मकानों, दुकानों को क्षति पहुंची है। 798 गोशालाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं। 953 पालतु पशुओं की माैत हुई है। नुकसान का कुल आंकड़ा 786 करोड़ रुपये पहुंच चुका है।
हिमाचल प्रदेश के कई क्षेत्रों में बुधवार और वीरवार को बारिश का येलो अलर्ट जारी हुआ है। 20 जुलाई तक मौसम खराब बना रहने की संभावना है। मंगलवार शाम तक प्रदेश में 199 सड़कें, 68 बिजली ट्रांसफार्मर और 171 जल आपूर्ति योजनाएं ठप रहीं। आपदा की मार झेल रहा जिला मंडी सबसे अधिक प्रभावित है। चंबा के 50 गांवों में बिजली सप्लाई बंद हो गई है। कुल्लू में भूस्खलन से 35 सड़कें बंद होने से आवाजाही ठप है। मंगलवार को राजधानी शिमला में दोपहर बाद हल्की बारिश हुई। कांगड़ा में बादल छाए रहे। मैदानी जिलों में उमस भरी गर्मी से लोगों के खूब पसीने छूट रहे हैं। प्रदेश में सोमवार रात को हुई बारिश के बाद मंगलवार को मौसम भले ही खुल गया, लेकिन लोगों की दुश्वारियां कम नहीं हुई हैं। चंबा जिले में 10 ट्रांसफार्मर बंद होने से 50 गांवों में अंधेरा पसरा है। डलहौजी परिक्षेत्र की दो सड़कें भूस्खलन के कारण यातायात के लिए बंद हैं। मंगलवार को भुंतर से हवाई सेवा बहाल रही। ऊना जिले में मंगलवार सुबह से ही बादल छाए रहे। दोपहर के समय बूंदाबांदी हुई। हमीरपुर जिले में मंगलवार को दिनभर मौसम साफ रहा।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने मंगलवार को नई दिल्ली में केंद्रीय सड़क एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से भेंट कर हिमाचल प्रदेश में बाढ़ और भू-स्खलन से हुए भारी नुकसान से अवगत करवाया। उन्होंने क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत और पुनर्निर्माण कार्यों में सहयोग तथा प्रदेश की कुछ सड़कों को प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना में शामिल करने का आग्रह किया। सुक्खू ने राष्ट्रीय राजमार्ग परियोनाओं में विभिन्न कारणों से हो रहे विलंब के बारे में भी केंद्रीय मंत्री को जानकारी दी और इन परियोजनाओं की सभी औपचारिकताएं पूरी करवाने का आग्रह किया ताकि निर्माण कार्य शीघ्र शुरू किया जा सके। मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं में सुरंग निर्माण को प्राथमिकता देने पर भी बल दिया। इसके अलावा उन्होंने सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण सड़कों के संबंध में भी चर्चा की जिनका मामला रक्षा मंत्रालय से उठाया गया है। उन्होंने इन सड़कों पर भी शीर्घ कार्यवाही करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में अधिक संख्या में रोप-वे परियोजनाओं को स्वीकृति देने का अनुरोध किया ताकि यातायात की समस्या का समाधान कर लोगों को लाभान्वित किया जा सके। केंद्रीय मंत्री ने राज्य को हर सम्भव सहायता का आश्वासन दिया और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। विधायक सुंदर सिंह ठाकुर, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, सचिव लोक निर्माण अभिषेक जैन, प्रधान आवासीय आयुक्त सुशील कुमार सिंगला और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण व मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे।
हिमाचल प्रदेश में आने वाले दिनों में भारी बारिश होने की संभावना है, जिसे देखते हुए मौसम विभाग ने प्रदेश में ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किया है। आज 14 जुलाई को कई जिलों में भारी बारिश होने की सम्भावना है , जिसके लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इसके बाद, 15 जुलाई को भी राज्य में भारी बारिश के लिए येलो अलर्ट जारी हुआ है। इन चेतावनियों को देखते हुए, खासकर कुछ जिलों के लोगों को बेहद सतर्क रहने की आवश्यकता है। आज हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, सोलन, शिमला और सिरमौर जिलों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। इन जिलों के लिए ही ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इसका मतलब है कि यहां कुछ स्थानों पर भारी बारिश के साथ-साथ हल्की गरज और बिजली गिरने की भी आशंका है। राज्य के बाकी जिलों में भी कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।
हिमाचल प्रदेश में बारिश के बीच लाहौल की ऊंची चोटियों में करीब डेढ़ माह बाद शनिवार को बर्फबारी हुई है। रोहतांग दर्रा के साथ कुंजुम और बारालाचा सहित ऊंची चोटियां बर्फ से सफेद हो गई हैं। 15 जुलाई तक हिमाचल के कुछेक और 16 जुलाई से अधिकांश क्षेत्रों में बारिश होने का पूर्वानुमान है। उधर, सरकारी आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में इस मानसून सीजन में 20 जून से अब तक बादल फटने, भूस्खलन व बाढ़ में 95 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। 175 लोग घायल हुए हैं और 33 अभी लापता हैं। 1,193 से अधिक कच्चे-पक्के घर, दुकानें क्षतिग्रस्त हुई हैं। 785 गोशालाओं को भी नुकसान हुआ है। जबकि नुकसान का आंकड़ा 75,195.89 लाख रुपये पहुंच गया है। इनमें से अधिकतर नुकसान आपदा प्रभावित मंडी जिले में ही हुआ है। शुक्रवार रात को मुरारी देवी में 126.0, पंडोह में 79.0, सलापड़ में 67.7, कोठी में 60.4, मंडी में 53.2, जोगिंद्रनगर में 53.0, भुंतर में 47.6, भराड़ी में 40.0 और सराहन में 35.0 एमएम बारिश दर्ज की गई। वही प्रदेश में दो एनएच सहित 252 सड़कें, 327 बिजली ट्रांसफार्मर और 787 जल आपूर्ति योजनाएं अभी भी बंद पड़ी है।
हिमाचल प्रदेश में बारिश के बीच लाहौल की ऊंची चोटियों में करीब डेढ़ माह बाद शनिवार को बर्फबारी हुई है। रोहतांग दर्रा के साथ कुंजुम और बारालाचा सहित ऊंची चोटियां बर्फ से सफेद हो गई हैं। शिमला में शनिवार दोपहर को झमाझम बारिश हुई। शहर में 13 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई। 15 जुलाई तक हिमाचल के कुछेक और 16 जुलाई से अधिकांश क्षेत्रों में बारिश होने का पूर्वानुमान है। कुल्लू से लेकर लाहौल तक शुक्रवार रात को जमकर बारिश हुई। चंबा में शनिवार को तेज धूप खिली। ऊना में शनिवार को सुबह के समय कुछ स्थानों पर बारिश हुई। बारिश के बीच ब्यास के साथ कुल्लू जिला के नदी-नालों का जलस्तर बढ़ा हुआ है।
हिमाचल प्रदेश में मानसून का असर लगातार बना हुआ है और फिलहाल लोगों को बारिश से राहत मिलने के आसार नहीं हैं। मौसम विभाग (IMD) ने प्रदेश के कई जिलों में 16 जुलाई तक भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के वैज्ञानिक संदीप कुमार शर्मा के अनुसार, आज प्रदेश के ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी, शिमला और सिरमौर जिलों के कुछ क्षेत्रों में भारी से भारी बारिश हो सकती है। खासकर कांगड़ा और सिरमौर में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा, बाकी हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई गई है। IMD के पूर्वानुमान के अनुसार, 11 और 12 जुलाई को मंडी, शिमला और सिरमौर जिलों में भारी बारिश का दौर जारी रहेगा। लगातार बारिश के कारण लैंडस्लाइड, जलभराव और दृश्यता कम होने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। 13 से 16 जुलाई: 9 जिलों में भारी बारिश की संभावना 13 जुलाई से 16 जुलाई तक, हिमाचल प्रदेश के ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, कुल्लू, कांगड़ा, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों में मौसम फिर बिगड़ सकता है। इस अवधि के दौरान वर्षा का स्तर अधिक रहेगा और कुछ क्षेत्रों में विजिबिलिटी (दृश्यता) भी प्रभावित हो सकती है, विशेषकर सोलन, शिमला और सिरमौर में।मौसम वैज्ञानिक संदीप शर्मा ने बताया कि मानसून अब दक्षिण भारत की ओर थोड़ा शिफ्ट हो गया है, जिससे प्रदेश में कुछ हिस्सों में बारिश की तीव्रता में कमी देखी गई है। हालांकि, हिमाचल के अधिकांश हिस्सों में अगले कुछ दिनों तक बारिश का सिलसिला बना रहेगा।
मानसून सीजन के दौरान प्रदेश में अभी भी 235 सड़कें, 163 बिजली ट्रांसफार्मर और 174 पेयजल योजनाएं ठप हैं। मानसून सीजन के दौरान प्रदेश को 692 करोड़ का नुकसान हो चुका है। जिला मंडी सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। मानसून सीजन में सामान्य से 37 फीसदी अधिक बारिश दर्ज हुई है। 20 जून से सात जुलाई तक प्रदेश में 197.9 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई। इस अवधि में 144 मिलीमीटर बारिश को सामान्य माना गया है। चंबा, किन्नौर, लाहौल-स्पीति में सामान्य से कम और शेष जिलों में अधिक बारिश दर्ज हुई। बिलासपुर में सामान्य से 59, हमीरपुर में 87, कांगड़ा में 45, कुल्लू में 36, मंडी में 111, शिमला में 96, सिरमौर में 62, सोलन में 50 और ऊना में 105 फीसदी अधिक बारिश दर्ज हुई। उधर, 30 जून से सात जुलाई तक एक सप्ताह के दौरान प्रदेश में सामान्य से 43 फीसदी अधिक बारिश हुई। मंडी में सामान्य से 198, ऊना में 192, शिमला में 176 फीसदी अधिक बारिश रिकॉर्ड हुई।
हिमाचल में बीते सप्ताह भारी नुकसान पहुंचाने के बाद मानसून की रफ्तार कुछ कमजोर हो गई है। प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में हल्की बारिश के पूर्वानुमान के साथ 13 जुलाई तक मौसम साफ रहने की संभावना है। सोमवार को लगातार दूसरे दिन भी प्रदेश के अधिकांश जिलों में धूप खिली। सिर्फ कांगड़ा में बूंदाबांदी हुई। राजधानी शिमला सहित प्रदेश में कई जगह सोमवार को दिन भर मौसम साफ रहा। धूप खिलने से अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी दर्ज हुई है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार 8, 9 और 10 जुलाई को राज्य के कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश और 11, 12 और 13 जुलाई को कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने का पूर्वानुमान है। ऊना, बिलासपुर, सोलन और सिरमौर के कुछ क्षेत्रों में बारिश का येलो अलर्ट भी जारी हुआ है। मंगलवार को बिलासपुर, चंबा, हमीरपुर, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सिरमौर, सोलन और ऊना जिलों के कुछ जलग्रहण क्षेत्रों और आसपास के क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बाढ़ की संभावना है। इस बीच, रविवार रात को बीबीएमबी में 58, नंगल डैम में 56, बरठीं में 44.6, ऊना में 43.0, श्री नयना देवी में 36.4 और गोहर में 29 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है।
प्रदेश में लगातार बारिश का दौर जारी है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में इस मानसून सीजन में 20 जून से 4 जुलाई तक 72 लोगों की जान गई है। 113 लोग घायल हुए हैं। 251 मवेशियों की माैत हुई है। 122 से अधिक घरों, दुकानों को क्षति हुई है। 208 गोशालाएं भी तबाह हो गईं। नुकसान का आंकड़ा 54,109.17 लाख रुपये तक पहुंच गया है। सड़क हादसों में 27 लोगों की माैत हुई है। वही बीते 24 घंटों के दाैरान जोगिंद्रनगर में 52.0, नाहन 28.8, पालमपुर 28.8, पांवटा साहिब 21.0, ऊना 18.0, बरठीं 17.4, कांगड़ा 15.6 और श्री नयना देवी में 12.6 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। प्रदेश में शनिवार सुबह 10:00 बजे तक 261 सड़कें ठप रहीं। राज्य में 300 बिजली ट्रांसफार्मर और 281 जल आपूर्ति स्कीमें भी प्रभावित चल रही हैं। सबसे अधिक 176 सड़कें मंडी जिले में बाधित हैं। कुल्लू में 39 व सिरमाैर जिले में 19 सड़कें बाधित हैं।
हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश का दाैर लगातार जारी है। बीते 24 घंटों के दाैरान जोगिंद्रनगर में 52.0, नाहन 28.8, पालमपुर 28.8, पांवटा साहिब 21.0, ऊना 18.0, बरठीं 17.4, कांगड़ा 15.6 और श्री नयना देवी में 12.6 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। प्रदेश में शनिवार सुबह 10:00 बजे तक 261 सड़कें ठप रहीं। राज्य में 300 बिजली ट्रांसफार्मर और 281 जल आपूर्ति स्कीमें भी प्रभावित चल रही हैं। सबसे अधिक 176 सड़कें मंडी जिले में बाधित हैं। कुल्लू में 39 व सिरमाैर जिले में 19 सड़कें बाधित हैं। माैसम विज्ञान केंद्र शिमला की ओर से प्रदेश के कई भागों में 7 व 8 जुलाई के लिए भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। 6 जुलाई के लिए कांगड़ा, मंडी व सिरमाैर जिले के कुछ स्थानों पर भारी से अत्याधिक भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी हुआ है। विभाग के अनुसार 5 से 9 जुलाई तक अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। 10 और 11 जुलाई कई स्थानों पर बारिश हो सकती है। वही 5 व 9 जुलाई तक 10 जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। 6 जुलाई को ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा, कुल्लू, शिमला व सोलन जिले के कुछ भागों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट। 7 जुलाई को ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सोलन व सिरमाैर के लिए ऑरेंज अलर्ट। 8 जुलाई को ऊना, हमीरपुर, चंबा व कांगड़ा जिले के लिए ऑरेंज अलर्ट, अन्य जिलों के लिए येला।
हिमाचल प्रदेश सरकार ने राशन वितरण में पारदर्शिता और समयबद्धता सुनिश्चित करने के लिए आधार आधारित फेस ऑथेंटिकेशन प्रणाली लागू कर दी है। डिजिटल तकनीक एवं शासन विभाग (डीडीटीजी) की इस पहल के तहत अब सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में लाभार्थियों का सत्यापन स्मार्टफोन कैमरे के जरिए चेहरे की स्कैनिंग से किया जाएगा। मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (नवाचार, डिजिटल तकनीक एवं शासन) गोकुल बुटेल ने बताया कि यह व्यवस्था देश में पहली बार हिमाचल प्रदेश में लागू की गई है। इससे पहले सत्यापन के लिए ओटीपी और बायोमेट्रिक तकनीक का इस्तेमाल होता था, लेकिन इसमें एसएमएस डिलीवरी और बायोमेट्रिक मिलान में कई बार दिक्कतें आती थीं, जिससे राशन वितरण में देरी होती थी। नई फेस ऑथेंटिकेशन प्रणाली एक सुरक्षित मोबाइल ऐप के जरिए संचालित होती है और यह नेटवर्क या बायोमेट्रिक हार्डवेयर पर निर्भर नहीं करती। इससे सत्यापन की सफलता दर में सुधार हुआ है और प्रक्रिया तेज हो गई है। इस बदलाव के बाद लाभार्थियों को उनका राशन समय पर मिलना शुरू हो गया है, जिससे पीडीएस प्रणाली में विश्वसनीयता बढ़ी है। गोकुल बुटेल ने बताया कि यह तकनीक मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के आदेशानुसार शुरू की गई है।
हिमाचल प्रदेश राजभवन परिसर में भगवान श्रीराम की दिव्य प्रतिमा स्थापना की पहली वर्षगांठ शुक्रवार को श्रद्धा, आस्था और भक्ति भाव से मनाई गई। इस अवसर पर राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख, समृद्धि और कल्याण की कामना की। कार्यक्रम में लेडी गवर्नर श्रीमती जानकी शुक्ला भी उपस्थित रहीं। राज्यपाल ने भगवान श्रीराम की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए और विशेष रूप से आयोजित पूजन समारोह में भाग लिया। राज्यपाल ने कहा कि यह दिव्य प्रतिमा मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के आदर्शों और मूल्यों की प्रतीक है। श्रीराम के जीवन से हमें सत्य, धर्म, विनम्रता और न्याय के पथ पर चलने की प्रेरणा मिलती है। उन्होंने कहा कि रामराज्य की भावना को जन-जन के हृदय और घर तक पहुंचाने का संकल्प लिया गया है। राज्यपाल ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि सुशासन, करुणा और निःस्वार्थ सेवा जैसे मूल्य आज के सामाजिक और प्रशासनिक ढांचे में भी अत्यंत प्रासंगिक हैं, और इन आदर्शों को समाज में व्यापक रूप से प्रसारित करने की आवश्यकता है। इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव सी.पी. वर्मा, राजभवन के अधिकारी एवं कर्मचारी भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
हिमाचल प्रदेश के सरकारी, अर्द्धसरकारी और स्वायत्त संस्थानों की गाड़ियों के टायर 18 हजार किलोमीटर चलने के बाद नहीं, बल्कि 32 हजार किलोमीटर के बाद बदले जाएंगे। वित्त विभाग ने 25 साल में पहली बार गाड़ियों के टायरों की माइलेज के मानदंड बदल दिए हैं। ई-गाड़ियों के टायर 20,500 किमी चलने के बाद बदलेंगे। राज्य सरकार के वित्त विभाग का मानना है कि अब सड़कों की स्थिति ठीक होने के बाद टायरों का लाइफस्पैन बढ़ गया है, इसलिए पुराने मानदंडों को बदला जा रहा है। ज्यादातर सड़कें पहले से अधिक चौड़ी और ब्लैक टॉप से युक्त हो गई हैं। प्रधान सचिव वित्त देवेश कुमार ने सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, राज्यपाल के सचिव, विधानसभा के सचिव और हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को पत्र भेजकर उन्हें नए मानदंडों से अवगत करवा दिया है। पत्र की प्रति सभी निगमों-बोर्डों, स्वायत्त निकायों के प्रबंध निदेशकों और मुख्य कार्यकारी अधिकारियों, राज्य लोक सेवा आयोग, लोकायुक्त, हिमाचल प्रदेश विद्युत नियामक आयोग, सभी उपायुक्तों, सभी विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों और सभी जिला कोषाधिकारियों को भेजी गई है।
प्रदेश में विद्यार्थियों की कम संख्या वाले 618 स्कूल बंद, मर्ज और डाउन ग्रेड होंगे। शिक्षा विभाग के इस प्रस्ताव को मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने मंजूरी दे दी है। प्रदेश में विद्यार्थियों की शून्य संख्या वाले 103 स्कूल बंद होंगे। दस बच्चों की संख्या वाले 443 स्कूल मर्ज किए जाएंगे और 75 स्कूलों का दर्जा घटाया जाएगा। मर्ज होने वाले स्कूलों के विद्यार्थियों का चार से पांच किलोमीटर के दायरे में आने वाले अधिक दाखिलों वाले स्कूलों में समायोजन किया जाएगा। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने बताया कि मुख्यमंत्री से मंजूरी मिल गई है और विभाग जल्द इस की अधिसूचना जारी करेगा। वही 618 स्कूल मर्ज, डाउन ग्रेड और बंद करने से 1,120 शिक्षक सरप्लस होंगे। इन शिक्षकों को अन्य आवश्यकता वाले स्कूलों में स्थानांतरित किया जाएगा। विद्यार्थियों की शून्य संख्या वाले 72 प्राइमरी, 28 मिडल और 3 उच्च स्कूल डिनोटिफाई (बंद) करने का फैसला लिया गया। 203 प्राइमरी स्कूल ऐसे हैं, जहां विद्यार्थियों की संख्या पांच से उससे कम है। इन स्कूलों को दो किलोमीटर के दायरे में आने वाले अन्य स्कूलों में मर्ज किया जाएगा। पांच से कम विद्यार्थियों की संख्या वाले 142 प्राइमरी स्कूल ऐसे हैं, जिनके दाे किलोमीटर के दायरे में अन्य स्कूल नहीं हैं। इन्हें तीन किलाेमीटर की दूरी पर मर्ज किया जाएगा। 92 मिडल स्कूलों में दस या उससे कम विद्यार्थी हैं, इन्हें तीन किमी, बीस विद्यार्थियों की संख्या वाले सात हाई स्कूलों को चार किलोमीटर के दायरे में मर्ज किया जाएगा। विद्यार्थियों की कम संख्या वाले 75 उच्च और वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों का दर्जा कम किया जाएगा। रोहित ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में 100 विद्यार्थियों की संख्या वाले कॉलेजों को भी मर्ज किया जाएगा। जनजातीय और दुर्गम क्षेत्रों में स्थित कॉलेजों के लिए विद्यार्थियों की संख्या 75 रखी गई है। कई कॉलेजों में बीते कुछ वर्षों से नामांकन बहुत कम हो रहे हैं। ऐसे कॉलेजों को आगे चलाना अब आसान नहीं है। ऐसे में शिक्षा निदेशालय से कॉलेज मर्ज करने के लिए प्रस्ताव मांगा गया है।
हिमाचल प्रदेश में बादल फटने से हुई तबाही में मरने वालों की संख्या 19 हो गई है। मंडी जिले में लापता लोग 34 से बढ़कर 56 हो गए हैं। इनमें सर्वाधिक 46 लोग सराज क्षेत्र के हैं। थुनाग में आठ, गोहर में छह लोगों की मौत, करसोग में एक की मौत, कांगड़ा में दो, नादौन और जोगिंद्रनगर में एक-एक जान गई है। 370 लोगों को रेस्क्यू किया गया है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने मंडी के प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने के बाद रेस्क्यू और आपदा राहत के लिए वायुसेना की मदद मांगी है। सराज के थुनाग में 16, पखरैर में 18, जरोल में 7, चिऊणी में 4 और पांडवशीला में एक व्यक्ति लापता है। गोहर उपमंडल के स्यांज और बाड़ा परवाड़ा में छह लोगों की मौत हुई हैं जबकि आठ लापता हैं। करसोग उपमंडल में एक की मौत हुई है। जबकि दो लोग लापता हैं। बादल फटने और भूस्खलन के चलते थुनाग और जंजैहली उपमंडल में सड़कें ध्वस्त हो गई हैं। कई क्षेत्रों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और प्रशासन की टीमें राहत एवं बचाव कार्यों में लगी हैं। सोमवार रात को बादल फटने और भारी बारिश-भूस्खलन से प्रदेश में 100 से अधिक सड़कें अभी भी अवरुद्ध हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार मंडी में 148 घर, 104 गोशालाएं, 14 पुल ध्वस्त हो गए हैं। 31 गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गई हैं। प्रदेश में 918 बिजली ट्रांसफार्मर व 683 पेयजल योजनाएं ठप हैं। कुल्लू की बंजार घाटी में फंसे करीब 250 सैलानी सुरिक्षत निकाल लिए गए हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस मानसून सीजन के दाैरान 20 जून से 2 जुलाई तक प्रदेश में आपदा से 63 लोगों की माैत हो चुकी है। 109 लोग घायल हुए हैं और 40 लापता हैं। 13 पक्के व 44 कच्चे मकान भी ध्वस्त हो गए। 179 गोशालाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं। कुल 40,702.43 लाख रुपये का नुकसान हो चुका है। वहीं सड़क हादसों में 26 लोगों की माैत हुई है
हिमाचल प्रदेश में बुधवार को बारिश से कुछ राहत मिली। सिर्फ शिमला और सोलन में ही बूंदाबांदी हुई। वही मौसम विभाग द्वारा आज और कल के लिए बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। पांच से सात जुलाई तक अधिकांश जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट रहेगा। राजधानी शिमला में कई दिनों बाद बुधवार सुबह धूप खिली। दोपहर तक शहर में मौसम साफ रहा। शाम के समय कुछ देर बूंदाबांदी हुई। मंगलवार रात को शिमला में 25, सुंदरनगर में 22, धर्मशाला में 15, सोलन में 27, मंडी 36, बिलासपुर में 10, कसौली में 55 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई। वही हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण अब तक जल शक्ति विभाग की 3,698 परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं। इनमें 2,786 जलापूर्ति, 733 सिंचाई और 41 सीवरेज परियोजनाएं शामिल हैं। विभाग की ओर से अब तक लगभग 240 करोड़ रुपये की क्षति का आकलन किया गया है। उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा है कि हालात की गंभीरता को देखते हुए जल शक्ति विभाग को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। विभाग ने युद्धस्तर पर बहाली का कार्य आरंभ कर दिया है। विभाग को प्राथमिकता के आधार पर पेयजल और सीवरेज सेवाओं को बहाल करने के निर्देश दिए हैं। अब तक 1,591 जलापूर्ति परियोजनाओं को अस्थायी रूप से बहाल कर दिया गया है।
हिमाचल प्रदेश में मानसून सीजन के दौरान खराब मौसम के चलते बच्चे स्कूल नहीं जाएंगे। शिक्षकों को स्कूलों में आकर ऑनलाइन पढ़ाई करवानी होगी। शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने जारी पत्र में कहा कि जिला उपायुक्तों को भारी बारिश के दौरान स्कूल बंद करने का फैसला लेने के निर्देश दिए। शिक्षा सचिव ने स्पष्ट किया है कि प्रतिकूल मौसम की स्थिति के कारण आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत उपायुक्तों को स्कूल बंद करने का अधिकार है, लेकिन शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को अभी भी स्कूल जाना होगा और अपनी ड्यूटी जारी रखनी होगी। शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने कहा कि खराब मौसम के दौरान विद्यार्थियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता बनी हुई है। शिक्षकों को इस दौरान लंबित मिड-डे मील रिकॉर्ड, पाठ योजनाएं, रचनात्मक और सारांश मूल्यांकन, किसी भी लंबित स्कूल प्रबंधन समिति (एसएमसी) के काम और समग्र शिक्षा और डाइट से संबंधित असाइनमेंट पूरे करने होंगे। स्कूल परिसर से ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करनी होंगी। पीएमआईएस और यू डाइस पोर्टल पर डेटा भी अपडेट करना होगा। मंडी जिले में 29 जून से एक जुलाई तक हुई बारिश ने 84 से अधिक स्कूल भवनों को नुकसान पहुंचाया है। अधिकतर शिक्षा खंडों से नुकसान की रिपोर्ट अभी विभाग के पास नहीं पहुंची है। इसलिए क्षतिग्रस्त स्कूल भवनों का यह आंकड़ा बढ़ने का अनुमान है। जिले के 81 प्राथमिक स्कूलों को 2.26 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचा है।
हिमाचल प्रदेश में सोमवार रात को 17 जगह बादल फटे है। इस तबाही के बाद 33 लोग लापता हैं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की ओर से लापता लोगों की तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। मंडी जिले में 15, जबकि कुल्लू और किन्नौर जिले में एक-एक जगह बादल फटा है। बादल फटने, बारिश और भूस्खलन से सबसे ज्यादा नुकसान जिला मंडी में पंहुचा। अभी तक मंडी में 16 लोगों समेत पूरे प्रदेश में 18 की जान जा चुकी है। वही दर्जनों लोग घायल हो गए हैं। प्रदेश में इस आपदा को देखते हुए मुख्यमंत्री ने हमीपुर से धर्मपुर रवाना होने से पहले नादौन में जनसमस्याएं सुनने के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि बीते 24 घंटे में प्रदेश को भारी नुकसान पहुंचा है। इस आपदा में कई लोग लापता हुए है जिसके लिए वायुसेना से मदद मांगी गई हैं। उन्होंने कहा कि आज मौसम साफ है और रेस्क्यू कार्य को गति देने के निर्देश दे दिए गए हैं। बिजली बोर्ड और जलशक्ति विभाग के कर्मियों के अवकाश रद्द किए गए हैं। बिजली बहाली का कार्य युद्वस्तर पर किया जा रहा है। अभी तक इतने लोगों को किया गया रेस्क्यू, इतना हुआ नुकसान 332 से अधिक लोगों को जगह-जगह से रेस्क्यू कर उनकी जान बचाई गई है। अकेले मंडी जिले में 24 घर और 12 गोशालाएं जमींदोज हो गई हैं। 30 पशुओं की मौत हो गई है। कुकलाह के समीप पटीकरी प्रोजेक्ट बह गया है। कई पुल ध्वस्त हो गए हैं। बादल फटने के बाद क्षेत्र में संचार सेवाएं भी बुरी तरह प्रभावित हैं, जिससे संपर्क करना मुश्किल हो रहा है। इस बार मानसून सीजन बादल फटने, बाढ़ व भूस्खलन से 20 जून से 1 जुलाई तक 51 लोगों की माैत हो चुकी हैं। 103 घायल हुए हैं और 22 लापता हैं। अब 28,339.81 लाख रुपये का नुकसान हो चुका है।
हिमाचल में छह दिनों तक लगातार बारिश जारी रहने का पूर्वानुमान है। इनमें चार दिन भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, जबकि दो दिन येलो अलर्ट है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने बुधवार को सोलन, सिरमौर और कांगड़ा में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जबकि अन्य जिलों में येलो अलर्ट रहेगा। तीन और चार जुलाई को पूरे प्रदेश में येलो अलर्ट जारी किया गया है। पांच से सात जुलाई तक अधिकांश स्थानों पर भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। मंडी, कुल्लू, हमीरपुर, शिमला, सिरमौर और सोलन जिलों के कुछ क्षेत्रों में अगले 24 घंटों के दौरान बाढ़ की आशंका है। वहीं, राज्य के कुछ हिस्सों में सामान्य और कुछ में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है। हिमाचल में प्राकृतिक आपदा के चलते 406 सड़कें बंद हो गई हैं। पानी की 171 स्कीमें पूरी तरह से ठप हो गई हैं। जिला मंडी में सबसे ज्यादा 248 सड़कें, कांगड़ा में 55, कुल्लू में 37, शिमला में 32, सिरमौर में 21, चंबा में 6, हमीरपुर, ऊना में 4 सोलन में 2, हमीरपुर और किन्नौर में एक-एक सड़क बंद है। हिमाचल में 1515 बिजली ट्रांसफार्मर ठप होने से कई क्षेत्रों में ब्लैकआउट है।
शिमला मौसम विज्ञान केंद्र ने हिमाचल प्रदेश के लिए अगले सात दिनों तक लगातार बारिश की भविष्यवाणी की है। इनमें से पांच दिन भारी बारिश के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, जबकि दो दिन येलो अलर्ट रहेगा। मौसम विभाग के अनुसार, 1, 2, 3, 6 और 7 जुलाई को राज्य के अधिकांश हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। वहीं, 4 और 5 जुलाई को हिमाचल प्रदेश के कई स्थानों पर बारिश का अनुमान है। हमीरपुर, ऊना, कांगड़ा, मंडी, सोलन और सिरमौर जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, जिसका मतलब है कि इन जिलों में भारी बारिश हो सकती है और लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के दौरान राज्य के अधिकतम तापमान में किसी बड़े बदलाव की संभावना नहीं जताई है। हालांकि, इसके बाद अगले 3-4 दिनों में राज्य के कई हिस्सों में अधिकतम तापमान में 2-4 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हो सकती है। न्यूनतम तापमान में अगले 4-5 दिनों तक कोई खास बदलाव होने की उम्मीद नहीं है। इसका मतलब है कि दिन के समय थोड़ी गर्मी बढ़ सकती है, लेकिन रातें सामान्य रहेंगी।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चुनाव प्रक्रिया के अंतर्गत पार्टी प्रदेश मुख्यालय दीप कमल चक्कर में पार्टी की नामांकन प्रक्रिया 12:00 बजे प्रारंभ हुई और 2:00 बजे संपन्न हुई। यह जानकारी भाजपा के चुनाव अधिकारी डॉ राजीव भारद्वाज द्वारा दी गई। डॉ राजीव भारद्वाज ने बताया कि इस नामांकन प्रक्रिया के दौरान पर्यवेक्षक के रूप में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सौदान सिंह उपस्थित रहे। उनके साथ भाजपा प्रदेश प्रभारी श्रीकांत शर्मा एवं सह प्रभारी संजय टंडन विशेष रूप में उपस्थित रहे। राजीव भारद्वाज ने कहा कि हमारे पास भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के नामांकन हेतु डॉ राजीव बिंदल के एक ही नाम के तीन सेट प्राप्त हुए। जिसका अनुमोदन क्रमशः जयराम ठाकुर नेता प्रतिपक्ष और समस्त विधायक दल, पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर समस्त लोकसभा और राज्यसभा के सांसद एवं पूर्व प्रदेश अध्यक्षों, पूर्व मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता गोविंद ठाकुर एवं भाजपा प्रदेश पदाधिकारी ने किया। वही डॉ राजीव भारद्वाज ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, सभी सांसद जिसमें केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, सुरेश कश्यप, कंगना रनौत, राजीव भारद्वाज, इंदु गोस्वामी, डॉ सिकंदर कुमार और हर्ष महाजन राष्ट्रीय परिषद के पदेन सदस्य निर्वाचित किए गए हैं। भाजपा के चुनाव अधिकारी डॉ राजीव भारद्वाज ने बताया कि इस नामांकन प्रक्रिया के दौरान हमें राष्ट्रीय परिषद के सदस्य हेतु आठ नामांकन प्राप्त हुए जिसमें भाजपा के वरिष्ठ नेता गोविंद ठाकुर, महामंत्री बिहारी लाल शर्मा, महामंत्री त्रिलोक कपूर, पवन काजल, रश्मिधर सूद, पायल वैद्य, डॉ राजीव सहजल एवं संजीव कटवाल रहे।
हिमाचल में सोमवार को चार जिलों कांगड़ा, सोलन, सिरमौर और मंडी में रेड और अन्य क्षेत्रों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। रामपुर उपमंडल के अंतर्गत सरपारा पंचायत में रात करीब दो बजे अचानक बादल फटने से सिकासेरी गटूला जगह पर काफी नुकसान हुआ है। बादल फटने से राजेंद्र कुमार पुत्र पलस राम का दो कुटार, एक कमरा, एक किचन सहित अन्य सारा सामान मलबा आने से क्षतिग्रस्त हो गया है। वहीं, विनोद कुमार का एक खूड एक गाय और गोपाल सिंह का एक खूड और गाय बह गई है। रेड अलर्ट के बीच शनिवार रात से रविवार तक बारिश से तीन नेशनल हाईवे और 129 से अधिक सड़कें बाधित रहीं। रविवार को कांगड़ा, शिमला और कुल्लू एयरपोर्ट से सभी उड़ानें रद्द रहीं। प्रदेश में 612 से अधिक ट्रांसफार्मर बंद हो गए और 6 पेयजल योजनाएं हांफ गईं। उधर, पहाड़ी से मलबा और पत्थर गिरने से कालका-शिमला हेरिटेज रेलवे ट्रैक बाधित रहा। इससे अप व डाउन की चार ट्रेनों को रद्द करना पड़ा और छह की आवाजाही हुई। सिरमौर के चिलोन के पास पांच घंटे पांवटा-शिलाई एनएच बंद रहा। नाहन-कुमारहट्टी के अलावा कालका-शिमला नेशनल हाईवे चक्कीमोड़ में पहाड़ियों से पत्थर गिरने से प्रभावित रहा।
हिमाचल प्रदेश के चार जिलों कांगड़ा, मंडी, सोलन, सिरमौर में मौसम विभाग ने भारी बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी किया है। ऐसे में लगातार हो रही बारिश से मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने डीसी को निर्देश जारी करते हुए कहा कि रेड अलर्ट वाले जिलों में स्कूल बंद रखें। यह निर्णय विद्यार्थियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए लिया गया है। मौसम विभाग ने जिला सोलन, सिरमौर, कांगड़ा एवं मंडी के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। विभाग ने लोगों से नदी नालों से दूर रहने की अपील की है। वही लगातार बारिश से शिमला में चमियाना अस्पताल जाने वाली सड़क मलबा गिरने से बंद हो गई है। वहीं, भट्टाकुफर में भी गाड़ियों पर पत्थर गिरे हैं। इसके साथ ही संजौली वार्ड के बॉथवेल इलाके में भारी बारिश के बाद हुए भूस्खलन से एक मकान पर मलबा गिर गया है। इसके चलते इस घर में रह रहे मां बेटी अंदर फंस गए हैं। मेयर पार्षद समेत प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच गई है।
हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में लगातार हो रही भारी बारिश ने जनजीवन प्रभावित कर दिया है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने रविवार और सोमवार के लिए सात जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। रविवार को ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, सोलन और सिरमौर जिलों में ऑरेंज अलर्ट घोषित किया गया है, जबकि सोमवार को सिरमौर, सोलन, शिमला और बिलासपुर जिलों के लिए यह चेतावनी जारी रहेगी। लगातार बारिश के कारण कई स्थानों पर भूस्खलन और मलबा गिरने की घटनाएं सामने आई हैं। शिमला में चमियाना अस्पताल जाने वाला मार्ग मलबा गिरने से बंद हो गया है, वहीं भट्टाकुफर क्षेत्र में चलती गाड़ियों पर चट्टानें गिरने की घटनाएं भी हुई हैं। मौसम विभाग ने 1 जुलाई से 4 जुलाई तक प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में बारिश का येलो अलर्ट भी जारी किया है। सोलन, कांगड़ा, मंडी और सिरमौर के कुछ क्षेत्रों में बाढ़ की आशंका जताई गई है। लोगों से अपील की गई है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें और प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन करें।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने स्वास्थ्य विभाग की बैठक की अध्यक्षता करते हुए पैलिएटिव देखभाल की आवश्यकता वाले गंभीर बीमारियों से पीड़ित पात्र लाभार्थियों विशेषकर वृद्धजनों की पहचान करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में शीघ्र पैलिएटिव देखभाल अभियान शुरू करेगी। इस अभियान का उद्देश्य वृद्धजनों एवं गंभीर बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों को घर-द्वार पर ही चिकित्सा सेवाएं सुनिश्चित करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आशा कार्यकर्ता एवं सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) पात्र लाभार्थियों की पहचान करेंगे और इसके उपरांत आदर्श स्वास्थ्य संस्थान के चिकित्सा अधिकारी, फिजियोथेरेपिस्ट और सीएचओ की टीम घर जाकर चयनित लाभार्थियों की उपचार योजना तैयार करेंगे। यह पहचान एवं योजना प्रक्रिया अभियान के आरम्भ से तीन माह के भीतर पूरी कर ली जाएगी। उन्होंने कहा कि आदर्श स्वास्थ्य संस्थानों में पैलिएटिव देखभाल के लिए विशेष केन्द्र स्थापित किए जाएंगे, जहां दो चिकित्सक, दो नर्सें, एक फिजियोथेरेपिस्ट तथा एक परामर्शदाता स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करेंगे। यह टीम हर तीमाही में लाभार्थियों के घरों का दौरा कर उनकी निगरानी एवं आवश्यक सहायता प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री ने बैठक में हिमकेयर तथा आयुष्मान भारत योजना की समीक्षा करते हुए लाभार्थियों को हिम परिवार नंबर से जोड़ने की प्रक्रिया सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नए हिमकेयर आवेदक तिमाही आधार पर योजना के तहत नामांकन के लिए आवेदन कर सकेंगे जिसके पश्चात उन्हें हिमकेयर कार्ड जारी किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, मेडिकल कॉलेजों के प्रिंसिपल और मेडिकल सुपरिंटेंडेंट को अपने-अपने अस्पतालों में 100 गंभीर रोगियों के लिए हिमकेयर कार्ड जारी करने की सिफारिश करने का अधिकार भी दिया जाएगा। ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार आदर्श स्वास्थ्य संस्थानों में 41.62 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 49 नए डायलिसिस केंद्र स्थापित करेगी। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल, सचिव स्वास्थ्य एम. सुधा देवी, निदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डॉ. अश्वनी कुमार शर्मा, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. राकेश शर्मा, विशेष सचिव नीरज कुमार और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।
हिमाचल प्रदेश राज्य रेडक्रॉस सोसाइटी के अस्पताल कल्याण अनुभाग के सदस्यों ने आज राजभवन में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल से भेंट की और आईएएस वाइव्स एसोसिएशन द्वारा एकत्रित 1.11 लाख रुपये का चेक रेडक्रॉस को सहयोग के रूप में भेंट किया। राज्यपाल, जो राज्य रेडक्रॉस सोसाइटी के अध्यक्ष भी हैं, ने एसोसिएशन के इस उदार सहयोग के लिए उनका आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस राशि का उपयोग चिकित्सा और मानवीय सहायता की आवश्यकता वाले वंचित और जरूरतमंदों की सहायता के लिए किया जाएगा। राज्यपाल ने इस उदार सहयोग के लिए एसोसिएशन की सराहना करते हुए कहा कि रेडक्रॉस सदैव समाज के पीड़ित एवं वंचित वर्गों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध रहा है। उन्होंने अधिक से अधिक व्यक्तियों और संगठनों को रेडक्रॉस से जुड़ने का आह्वान किया। राज्यपाल के सचिव सी.पी. वर्मा और आईएएस वाइव्स एसोसिएशन की सदस्य रितिका जिंदल, मीता पंत, जुम्पा जम्वाल और पूनम शर्मा इस अवसर पर उपस्थित थीं।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने प्रदेश में मानसून के दौरान मौसम की विपरीत परिस्थितियों के दृष्टिगत सभी उपायुक्तों को सतर्क रहने और आमजन के लिए 24ग7 उपलब्ध रहने के निर्देश दिए हैं ताकि किसी भी स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके। उन्होंने वीरवार को शिमला से वर्चुअल माध्यम से प्रदेश में मौसम की स्थिति की समीक्षा करते हुए सभी उपायुक्तों से आपदा प्रभावित लोगों के लिए राहत एवं पुनर्वास कार्य युद्धस्तर पर संचालित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को नदी-नालों के निकट रह रहे लोगों विशेषकर प्रवासी मज़दूरों की पहचान करने और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाकर पुनर्वास करने को कहा। उन्होंने उपायुक्तों को पर्यटकों और स्थानीय लोगों को बारिश के मौसम में नदी-नालों के समीप नहीं जाने को लेकर एडवायज़री जारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को प्रदेश में किसी भी प्रकार की क्षति की सूचना सरकार को शीघ्र उपलब्ध करवाने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर वर्ष मॉनसून के कराण जल विद्युत परियोजनाओं को बार-बार नुकसान उठाना पड़ता है। इनकी सुरक्षा के लिए एक समग्र रणनीति बनाई जाए, जिससे इन परियोजनाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने कहा कि पिछले 24 घंटों में हिमाचल प्रदेश में तीन स्थानों पर बादल फटने, बाढ़ की नौ और भू-स्खलन की तीन घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें पांच लोगों की मृत्यु होने और एक व्यक्ति के घायल होने की पुष्टि की गई है। ज़िला कुल्लू में तीन और ज़िला कांगड़ा में पांच से छह लोग अभी भी लापता हैं जबकि फसे हुए 21 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। राष्ट्रीय राजमार्ग-505 और एनए-3 पर भूस्खलन पर अभी भी कई स्थानों पर मार्ग अवरूद्ध है। कुल्लू ज़िले में सैंज घाटी के मझान नाला में बादल फटने की घटना के बाद सैंज, पार्वती और लारजी जल विद्युत परियोजनाओं को हुए नुकसान के दृष्टिगत इन परियोजनाओं को बंद कर दिया गया है और गेट खोल दिए गए हैं। प्रभावित क्षेत्रों में एसडीआरएफ, होमगार्ड और एनडीआरएफ की टीमें निरंतर राहत एवं बचाव कार्यों में जुटीं हैं। विधायक मोहन लाल ब्राक्टा और आशीष बुटेल, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, विशेष सचिव राजस्व डीसी राणा और मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा भी इस बैठक में उपस्थित थे।
हिमाचल प्रदेश में मानसून की दस्तक के साथ ही झमाझम बारिश का दाैर जारी है। माैसम विज्ञान केंद्र शिमला की ओर से राज्य में लगातार सात दिन भारी बारिश का ऑरेंज व येलो अलर्ट जारी किया गया है। माैसम विभाग के अनुसार 24 और 27 जून को राज्य के कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। इस दाैरान कई स्थानों पर भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। 22, 23, 25 और 26 जून अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होगी। इस दाैरान कई भागों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। चंबा,बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सोलन व सिरमाैर जिले के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी हुआ है। बीती रात को कांगड़ा में 87.8, नगरोटा सूरियां 56.4, जोगिंदरनगर 54.0, गुलेर 40.8, नादौन 30.0, सुजानपुर टीहरा 28.5, बैजनाथ 28.0, पालमपुर 23.0, नाहन 18.2, भराड़ी 13.6 व घमरूर में 13.2 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। शिमला में भी सुबह से रुक-रुककर बारिश जारी है। तापमान में आएगा ये बदलाव वहीं अगले 4-5 दिनों के दौरान राज्य के कई हिस्सों में न्यूनतम तापमान में कोई बड़ा बदलाव नहीं होने की संभावना है। अगले 48 घंटों के दौरान अधिकतम तापमान में 2-3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आ सकती है। इसके बाद, अगले 2 दिनों के दौरान अधिकतम तापमान में धीरे-धीरे 3-4 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होगी। 25 और 26 जून को अधिकतम तापमान में धीरे-धीरे 3-4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आने की संभावना है।
शनिवार को राजधानी शिमला सहित प्रदेशभर में धूप खिली, जिससे तापमान में फिर से उछाल आया है। ऊना में अधिकतम तापमान में उछाल आया है और यहां पर अधिकतम तापमान 42.2 डिग्री रिकार्ड किया गया, जबकि राजधानी शिमला में 28.4 डिग्री रहा। पर्यटन स्थल मनाली में 29.6, कुफरी में 23.3, नारकंडा में 24.3, कसौली में 30.5, धर्मशाला में 31 डिग्री तापमान दर्ज किया गया है। मौसम विभाग के अनुसार राज्य में रविवार से मौसम करवट बदल सकता है, इसके लिए अलग-अलग स्थानों पर बिजली चमकने के साथ तूफान और 30 से 40 किलोमीटर, जो बढ़कर 50 से 60 किलोमीटर प्रतिघंटा तक हो सकती है, तेज हवाएं भी चलने के साथ बारिश का यैलो अलर्ट जारी किया गया है, जबकि 19 व 20 जून को कुछ स्थानों पर भारी वर्षा होने की संभावनाएं जताई गई हैं। इस दौरान लोगों सहित पर्यटकों के लिए एडवाइजरी भी जारी की गई है। हालांकि प्रदेश में किन्नौर व लाहौल-स्पीति जिलों के लिए आगामी तीन दिनों के लिए कोई अलर्ट जारी नहीं किया गया है। हालांकि पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य के कई स्थानों में हल्की से मध्यम वर्षा दर्ज की गई है, जिसमें चुवाड़ी में 31.4, पालमपुर में 29.8, रायपुर मैदान में 25.2, बरठीं में 24.6, कंडाघाट में 22, कांगड़ा में 21.8, मनाली में 18, जोत में 16, बैजनाथ में 15, नादौन में 11.6, मंडी में 7.2, घाघस में 7, निचार में 7, भरमौर में 6, भरवाई में 6, मैहरे में 6 व कोठी में 6 मिलीमीटर वर्षा हुई, वहीं ऊना में भी बारिश हुई है। हालांकि भुंतर में लू चली, जबकि बिलासपुर में 65, सेओबाग व बजौरा में 57, कुकुमसेरी में 48, नेरी में 46 व कुफरी में 37 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से तेज हवाएं भी चलीं।
शिमला: पहाड़ों की रानी शिमला में इन दिनों ग्रीष्मकालीन पर्यटक सीजन अपने चरम पर है, जहां चिलचिलाती धूप से राहत पाने के लिए देशभर से बड़ी संख्या में सैलानी पहुंच रहे हैं। हालांकि, पर्यटकों की बढ़ती आमद ने शहर की सड़कों पर भीषण ट्रैफिक जाम की समस्या को बढ़ा दिया है, जिससे स्थानीय लोगों और पर्यटकों दोनों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। आंकड़ों के मुताबिक, बीते सात दिनों में शोघी बैरियर से ही दो लाख 25 हजार से ज्यादा गाड़ियों की आवाजाही हुई है, जिसके परिणामस्वरूप चंद मिनटों का सफर भी घंटों में तय हो रहा है। इस ट्रैफिक जाम से शिमला पहुंचे सैलानियों को काफी परेशानी हो रही है। सुबह और शाम के समय यह समस्या और भी विकराल रूप ले लेती है। पर्यटकों ने बताया कि उन्हें यहां का खूबसूरत मौसम और प्राकृतिक सौंदर्य तो बहुत पसंद है, लेकिन ट्रैफिक जाम ने उनकी यात्रा को थोड़ा मुश्किल बना दिया है। शिमला पुलिस प्रशासन इस समस्या को कम करने के लिए सक्रिय है। डीएसपी ट्रैफिक संदीप शर्मा ने बताया कि पुलिस प्रशासन ने ट्रैफिक को नियंत्रित करने के लिए दो अतिरिक्त ट्रैफिक टुकड़ियों को सड़कों पर तैनात किया है। उन्होंने लोगों से पुलिस प्रशासन का सहयोग करने की अपील की है। साथ ही, स्थानीय लोगों से भी अपने कार्यस्थल पर समय पर पहुंचने के लिए थोड़ा जल्दी निकलने का अनुरोध किया गया है, ताकि यातायात व्यवस्था को सुचारु बनाए रखने में मदद मिल सके।
शिमला: ढली में एक होटल के कमरे में हुए चचेरे भाई की हत्या के मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी अर्जुन शर्मा को हरियाणा के पंचकूला से गिरफ्तार कर लिया है। मृतक आकाश शर्मा, जो पंचकूला के सेक्टर-10, मकान नंबर 35, मेन मार्केट का रहने वाला था, उसकी हत्या 13 जून को हुई थी। शिमला पुलिस ने अर्जुन शर्मा का पता लगाने के लिए तकनीकी निगरानी, मानवीय खुफिया जानकारी और कई पुलिस टीमों के संयुक्त प्रयासों का इस्तेमाल किया। इन प्रयासों के दम पर 14 जून की सुबह अर्जुन शर्मा को पंचकूला (हरियाणा) के बाहरी इलाके से सफलतापूर्वक गिरफ्तार कर लिया गया। एसपी शिमला गौरव सिंह ने इस गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बताया कि मामले में आगे की कानूनी कार्रवाई जारी है। मिली जानकारी के अनुसार, मृतक आकाश शर्मा और आरोपी अर्जुन शर्मा 11 जून को रात करीब 8:22 बजे ढली टनल के पास स्थित होटल पहुंचे थे। आरोपी अर्जुन अपने पिता के साथ पंचकूला में सब्जी का कारोबार करता है। पुलिस की शुरुआती जांच से पता चला है कि 13 जून को दोनों चचेरे भाइयों के बीच किसी बात को लेकर बहस हो गई थी। बहस इतनी बढ़ गई कि गुस्से में आकर अर्जुन ने कथित तौर पर पहले आकाश शर्मा के सिर पर बीयर की बोतल मारी। इसके बाद उसने कांच से आकाश का गला रेत दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। एसपी शिमला गौरव सिंह ने बताया कि प्रारंभिक जांच के आधार पर पुलिस ने आरोपी अर्जुन शर्मा के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया है और अब आगे की जांच जारी है।
वर्तमान में चल रहे ग्रीष्मकालीन पर्यटक सीजन 2025 के दौरान शिमला शहर में वाहनों की संख्या में हो रही तेज बढ़ोतरी के मद्देनजर, शिमला पुलिस ने यातायात के सुचारू संचालन और जन सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रबंध किए हैं। फील्ड एन्फोर्समेंट को मजबूत करने के उद्देश्य से, 46 अतिरिक्त पुलिस अधिकारियों को ट्रैफिक विंग, शिमला में तैनात किया गया है। इन अधिकारियों को शहर के 23 प्रमुख ट्रैफिक ड्यूटी पॉइंट्स पर रणनीतिक रूप से नियुक्त किया गया है, ताकि भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में यातायात प्रबंधन में और सुधार लाया जा सके। इसके अतिरिक्त, चार नए बाइक राइडर्स को भी ड्यूटी पर लगाया गया है, जिससे अब शिमला शहर में कुल 21 ट्रैफिक बाइक राइडर्स कार्यरत हैं। इनकी तैनाती का मुख्य उद्देश्य तेजी से आवाजाही सुनिश्चित करना, भारी वाहनों के आवागमन को नियंत्रित करना और यातायात संबंधी किसी भी समस्या पर त्वरित प्रतिक्रिया देना है। पिछले एक सप्ताह में ही शिमला शहर में 2,25,000 से अधिक वाहनों का भारी आवागमन दर्ज किया गया है। इस चुनौती को देखते हुए, सभी गज़ेटेड अधिकारी (GOs) अपने-अपने थाना क्षेत्रों में यातायात की निगरानी और पर्यवेक्षण में सक्रिय रूप से जुटे हुए हैं। यातायात व्यवस्था को और अधिक सुचारु बनाने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं, जिनमें यातायात नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करना, शहर और आसपास के क्षेत्रों से लावारिस और लंबे समय से खड़े वाहनों को हटाने के लिए विशेष अभियान चलाना शामिल है। शिमला पुलिस ने जनसाधारण से अपील की है कि वे निजी वाहनों की बजाय सार्वजनिक परिवहन का अधिक उपयोग करें, विशेषकर मुख्य शहर क्षेत्र में, ताकि जाम की समस्या को कम किया जा सके। शिमला पुलिस सभी यात्रियों के सहयोग और समझदारी के लिए हार्दिक धन्यवाद प्रकट करती है।
आबकारी विभाग के अधिकारियों ने इस वित्त वर्ष में अवैध शराब से संबंधित कुल 103 मामले दर्ज किए है । जिसमें 5438.771 बल्क लीटर अवैध शराब राज्य के विभिन्न जिलों से बरामद की गई तथा 18743 लीटर लाहन भी नष्ट की गई है। आबकारी विभाग द्वारा अवैध शराब पर अंकुश लगाने के लिए मुख्यालय स्तर पर विशेष टीमों का गठन किया गया है। इस दल के अधिकारियों द्वारा सोलन में एक संयत्र (बॉटलिंग प्लांट) में छापा मारा गया तथा निरीक्षण के दौरान ईएनए के स्टॉक में भारी कमी पाई गई। इसके अतिरिक्त संयत्र से अवैध होलोग्राम तथा लेबल भी बरामद हुए। विभाग द्वारा इस मामले में एफआईआर दर्ज करवा दी गई है। संयत्र में पाई गई अनियमितताओं के लिए विभाग द्वारा हिमाचल प्रदेश आबकारी अधिनियम के तहत नियमानुसार आगामी कार्रवाई अमल में लाई जा रही है। इसके अतिरिक्त विभाग ने एक अन्य मामले में भी ऐसी ही कार्यवाही अमल में लाई थी जिसके अन्तर्गत जिला सिरमौर में स्थित एक संयत्र का निरीक्षण किया गया। विभागीय टीम द्वारा पाया गया कि लाइसंेस धारक रात के समय अवैध रूप से शराब का निर्माण कर रहा था। इसके अतिरिक्त उक्त संयत्र से अवैध होलोग्राम और लैबल भी बरामद हुए। संयत्र में मौजूद स्प्रिट व शराब के स्टॉक में भी भारी भिन्नता पाई गई। विभाग द्वारा लाईसैंसी के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करवाई गई तथा विभाग द्वारा हिमाचल प्रदेश आबकारी अधिनियम के तहत नियमानुसार कार्यवाही अमल में लाई जा रही है। पिछले कुछ समय से अवैध शराब के विरुद्ध पूरे राज्य में विभागीय टीमों द्वारा सघन अभियान चलाया जा रहा है। जिला चम्बा में चण्डीगढ़ से लाई गई अंग्रजी शराब विभाग के अधिकारियों द्वारा जब्त की गई तथा जिला ऊना और बिलासपुर में अवैध बीयर पकड़ी गई। इसी तरह मण्डी शिमला व कुल्लू में विभिन्न स्थानो का निरीक्षण कर अवैध शराब पर अंकुश लगाने के लिए बड़ी कार्रवाई की गई है। आबकारी आयुक्त यूनुस ने बताया कि भविष्य में भी इस प्रकार की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखते हुए नियमानुसार सख्त से सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। शराब के अवैध कारोबार से राजस्व को हानि पहुंचाने वालों पर कड़ी निगरानी रखते हुए सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसी संदर्भ में आबकारी आयुक्त ने सभी नागरिकों से आह्वान किया है कि अवैध शराब व कारोबार से जुड़ी कोई भी सूचना विभाग द्वारा संचालित किए जा रहे दूरभाष नम्बर 0177-2620426 तथा व्हाट्सएप नम्बर 94183-31426 व controlroomhq@gmail-com जोनल सर्महाता 0177-2620426 (दक्षिण क्षेत्र), 01894-230186 (उतरी क्षेत्र) व 01905-223499 (मध्य क्षेत्र) पर साझा करें, ताकि किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधि पर रोक लगाई जा सके।