सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को अंग्रेजी सीखाने के लिए हिमाचल सरकार नई पहल करने जा रही है। इस योजना के तहत पहली से तीसरी कक्षा वाले सूबे के साढ़े 10 हजार स्कूलों में एक विशेष किट बांटी जाएंगी। संपर्क फाउंडेशन संस्था ये विशेष इंग्लिश किट बांटेगी। शिक्षक इस किट के अनुसार छात्रों को इंग्लिश प्रशिक्षण के गुर सिखाएंगे। 30 जुलाई को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर शिमला से इस योजना का शुभारंभ करेंगे। इस इंग्लिश किट को विशेषकर छोटे बच्चों के लिए तैयार किया गया है। इसमें एक साउंड बॉक्स होगा, इससे शब्दों का उच्चारण होगा। इस बॉक्स को संपर्क दीदी नाम दिया गया है। एसएमएस से अभिभावकों तक पहुंचेगी बच्चों की रिपोर्ट 30 जुलाई को सीएम जयराम ठाकुर ई-संवाद ऐप का भी शुभारम्भ करेंगे। बच्चों की हर गतिविधि उनके अभिभावकों तक एसएमएस से पहुंचाने के लिए ई-संवाद मोबाइल ऐप तैयार किया गया है। फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के तहत मंडी जिले में इसे शुरू किया जाएगा। फर्जी निरीक्षण रिपोर्ट भेजने वालों अधिकारीयों पर कसेगा शिकंजा मौके पर गए बिना फर्जी निरीक्षण रिपोर्ट भेजने वालों अधिकारीयों पर शिक्षा विभाग एप से शिकंजा कसेगा। सरकारी स्कूलों का निरीक्षण करने के लिए शिक्षा विभाग ने शिक्षा साथी ऐप तैयार किया है, जिसका इस्तेमाल बीआरसीसी, डीपीओ और बीओ करेंगे। इसकी मदद से स्कूलों के निरीक्षण के दौरान संबंधित अधिकारियों को मौके से ही निरीक्षण की रिपोर्ट ऐप पर अपलोड कर सकेंगे।
मृतकों में दो श्रद्धालु दिल्ली के व एक शिमला का श्रीखंड महादेव यात्रा कर रहे तीन श्रद्धालुओं की मौत हो गई है। फिलहाल आधिकारिक तौर पर मृत्यु के कारणों का पता नहीं चला है , पर बताया जा रहा है कि इन तीन श्रद्धालुओं को सांस लेने में दिक्कत हुई जिसके चलते उनकी मृत्यु हो गई। यात्रा के दौरान भीमवही, नैनसरोवर और कुशां में इनकी मृत्यु हुई है।प्रारंभिक तौर पर हाइपोथर्मिया (शरीर के तापमान में कमी होना) इनकी मौत की वजह माना जा रहा है , किन्तु इसकी पुष्टि पोस्टमॉर्टेम के बाद ही हो पायेगी। मृतकों में से दो श्रद्धालु दिल्ली के और एक शिमला का रहने वाला है।एसडीएम आनी चेत राम ने बताया कि श्रीखंड महादेव की यात्रा के अंतिम पड़ाव में शनिवार देर रात डेढ़ बजे के करीब तीन लोगों की मौत हुई है। इनकी हुई मौत- 40 वर्षीय उपेंद्र सैनी पुत्र जीवन सैनी निवासी खलीणी, शिमला केवल नंद भगत पुत्र गोपाल भगत निवासी ए 577 चोखरी, वेस्ट दिल्ली आत्मा राम पुत्र खाशा राम, निवासी गली चेतराम मोजपुर, दिल्ली जब यात्रा बंद थी तो कैसे पहुंचे श्रद्धालु श्रीखंड महादेव की ऐतिहासिक यात्रा 15 जुलाई से शुरू हुई थी। 25 जुलाई को यात्रियों के अंतिम जत्थे का पंजीकरण किया गया था। उसके बाद यात्रा बंद कर दी गई थी। बावजूद इसके लोग यात्रा करने कैसे पहुंचे ये बड़ा सवाल है।बता दें कि निरमंड के बेस कैंप सिंहगाड़ से यह यात्रा शुरू होती है। 18,570 फीट की ऊंचाई पर श्रीखंड चोटी पर बाबा भोले नाथ के दर्शन के लिए 35 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी पड़ती है। यात्रा में आठ ग्लेशियर भी पार करने होते हैं। यात्रा करने वालों का सिंहगाड़ में पंजीकरण और मेडिकल चेकअप किया जाता है जिसके बाद ही श्रद्धालुओं को अनुमति मिलती हैं। तीनों मृतक किस तरह यात्रा करने पहुंचे, ये तफ्तीश का विषय है।
कारगिल युद्ध में हिमाचल के 52 जवानों ने अपने जीवन का बलिदान दिया राइफलमैन संजय कुमार और कैप्टेन विक्रम बत्रा को परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया कारगिल युद्ध में हिमाचल के 52 जवानों ने अपने जीवन का बलिदान दिया था। इसमें कांगड़ा जिले के सबसे अधिक 15 जवान शहीद हुए थे। मंडी जिले से 11, हमीरपुर के सात, बिलासपुर के सात, शिमला से चार, ऊना से दो, सोलन और सिरमौर से दो-दो जबकि चंबा और कुल्लू जिले से एक-एक जवान शहीद हुआ था। कारगिल युद्ध में पहले शहीद कैप्टेन सौरभ कालिया भी हिमाचल के पालमपुर से ही ताल्लुख रखते थे। हिमाचल प्रदेश के राइफलमैन संजय कुमार और कैप्टेन विक्रम बत्रा को परमवीर चक्र से भी सम्मानित किया गया। दुश्मन की मशीनगन से ही दुश्मन को भून डाला संजय कुमार ने हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले के रहने वाले संजय कुमार को इसी अदम्य साहस के लिए परमवीर चक्र का सम्मान मिला।प्वाइंट 4875 पर राइफलमैन संजय कुमार की बहादुरी ने भारतीय सेना को आगे बढ़ने का आधार दिया था। एक दिन पूर्व ही इस प्वाइंट पर संजय कुमार की चीते सी फुर्ती से दुश्मन पर कहर बनकर टूटी थी। संजय कुमार प्वाइंट 4875 पर पहुंचे ही थे कि उनका सामना दुश्मन के आटोमैटिक फायर से हो गया। संजय कुमार तीन दुश्मनों के साथ गुत्थमगुत्था हो गए। हैंड टू हैंड फाइट में संजय कुमार ने तीनों को मौत के घाट उतार दिया। दुश्मन टुकड़ी के शेष जवान घबराहट में अपनी यूनिवर्सल मशीन गन छोड़कर भागने लगे। बुरी तरह से घायल संजय कुमार ने उसी यूएमजी से भागते दुश्मनों को भी ढेर कर दिया। कैप्टेन विक्रम बत्रा की शाहदत की कसमें खाते है सैनिक पहली जून 1999 को कैप्टेन विक्रम बत्रा की टुकड़ी को कारगिल युद्ध में भेजा गया। हम्प और राकी नाब स्थानों को जीतने के बाद उसी समय विक्रम को कैप्टन बना दिया गया। इसके बाद श्रीनगर-लेह मार्ग के ठीक ऊपर सबसे 5140 चोटी को पाक सेना से मुक्त करवाने का जिम्मा भी कैप्टन विक्रम बत्रा को दिया गया।विक्रम बत्रा ने अपने साथियों के साथ 20 जून 1999 को सुबह तीन बजकर 30 मिनट पर इस चोटी को अपने कब्जे में ले लिया।विक्रम बत्रा ने जब इस चोटी से रेडियो के जरिए अपना विजय ‘यह दिल मांगे मोर’ कहा तो पुरे हिन्दुस्तान में उनका नाम छा गया। इसके बाद सेना ने चोटी 4875 को भी कब्जे में लेने का अभियान शुरू कर दिया, जिसकी बागडोर भी विक्रम को सौंपी गई। उन्होंने जान की परवाह न करते हुए लेफ्टिनेंट अनुज नैयर के साथ कई पाकिस्तानी सैनिकों को मौत के घाट उतारा। कारगिल के युद्ध के दौरान उनका कोड नाम 'शेर शाह' था। पॉइट 5140 चोटी पर हिम्मत की वजह से ये नाम मिला।कारगिल युद्ध में कैप्टन विक्रम बत्रा 7 जुलाई को शहीद हो गए।शहीद होने के बाद उन्हें परमवीर चक्र से नवाजा गया।
हिमाचल प्रदेश की हरियाली बढ़ाने के लिए यूं तो वन विभाग हर साल हर संभव प्रयास करता है। पर अब नई योजना से यह जन अभियान बन सकेगा। अब नवजात कन्या के नाम पर बूटा लगाकर हिमाचल प्रदेश में हरियाली बढ़ाई जाएगी । हिमाचल इस तरह की अनूठी पहल करने जा रहा है। प्रदेश में जहां भी बेटी पैदा होगी, उस परिवार को वन विभाग पौधा भेंट करेगा। इसे संबंधित क्षेत्र में रोपा जाएगा। कन्या कहां पैदा हुई, इसका पता लगाने की जिम्मेदारी वन रक्षक की रहेगी। वह पंचायतों से लेकर तमाम विभागों से संपर्क में रहेगा। किस प्रकार की भूमि में कौन से पौधे रोपे जाएंगे, यह जल्द ही तय होगा। इस सिलसिले में सरकार ने प्रारंभिक खाका खींच लिया है। इस योजना का नाम ‘एक बूटा बेटी के नाम’ होगा। इसे मंजूरी के लिए सरकार के पास भेजा जाएगा। रोपे पौधे की देखभाल बेटी के मां-बाप करेंगे। बजट सत्र में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने नई योजना शुरू करने का ऐलान किया था। इसका प्रस्ताव तैयार किया गया है। जैसे ही सरकार स्वीकृति देगी, यह धरातल पर उतरेगी।
यह किस्सा उसके बाद का है जब अवैध धंधों और अवैध संबंधों के अनगिनत तमगों के विजेता इंस्पेक्टर मातादीन चांद प्रशासन के आग्रह पर उनके पुलिस विभाग में क्रांतिकारी सुधार लाने के इरादे से पुलिस सेवा आदान प्रदान कार्यक्रम के तहत अपनी सरकार द्वारा डेपुटेशन पर चांद भेजे गए थे और चंद दिनों में ही उन्होंने वहां के पुलिस विभाग में ऐसे ऐसे क्रांतिकारी सुधार कर डाले थे कि वहां की सरकार को पूरे चंद्रलोक के हाथ जोड़ उन्हें वहां से समय से पहले ही उनका डेपुटेशन खत्म कर सादर वापस भेजना पड़ा था। चांद पर भी तब पुश्तों तक न मिटने वाली अपनी अमिट कार्यकुशलता की छाप छोड़ वे वहां की कानून व्यवस्था में क्रांतिकारी सुधार कर अपने देस लौट तो आए थे, पर उसके बाद की कहानी का कम ही पाठकों को पता होगा कि उन्होंने चांद पर सुधारों के साथ और क्या गुल खिलाए थे? जब वे चांद पर उस दिन वहां की पुलिस की क्लास लगाने के बाद थके मांदे घूमने निकले थे तो अचानक उनकी नजर चांद की एक सुंदरी पर पड़ी गई थी। उस सुंदरी पर नजर पड़ते ही वे ये भूल गए थे कि वे अपने देस में नहीं, चांद पर हैं। एकाएक तब उन्हें फील हुआ था कि ज्यों वे चांद पर नहीं , अपने देस में ही हों। ये फील होते ही उन्होंने सुंदरी को बिना किसीकी परवाह किए तोला तो उन्हें लगा, काम बन सकता है। और वे कानून के तमगे कंधों से निकाल अपनी जेब में डाल उसके पीछे हो लिए, मूंछों को ताव देते , उसे सुरक्षा देने के बहाने। उसका पीछा करते करते वे ये भी भूल गए कि वे उनके पद का रौब दिखाकर हर दुकान से साधिकार सामान उठाने वाली बीवी के साथ ही साथ चार बच्चों के बाप भी हैं। असल में पर उन पर काम का लोड इतना है कि वे जब भी काम से चूर होकर वे किसी सुंदरी को देखते हैं तो और कुछ भूलें या न, पर यह जरूर भूल जाते हैं कि वे अपने से भी चार कदम आगे की खाऊ बीवी सहित चार नालायक बच्चों के बाप हैं। तो अपने एमडी साब! चांद पर होने के बाद भी पहली ही नजर में उसे देखते फिर भूल गए कि वे अपने देस में अपनी बीवी बच्चों को छोडकऱ आए यहां के राज अतिथि हैं। वे ये भी भूल गये कि अपने देस में कुछ भी उट पटांग करो तो अपनी ही बदनामी होती है, परंतु यहां कुछ ऐसा वैसा करेंगे तो उनकी नहीं, पूरे देस की बदनामी होगी। फिर वे सोचे? राज अतिथि के दिल नहीं होता क्या? शादीशुदा होने के बाद भी क्या उसका मौलिक हक नहीं कि वह अवसर सुअवसर मिलते आंखें चार करे? एमडी साब को यह भी पता था कि चांद पर उनके परिवार के बारे में जानने वाला कोई नहीं। और जो कोई उनसे उनके परिवार के बारे में पूछे भी तो वे बताने वाले बिल्कुल नहीं। हर कोई अपने पांव पर कुल्हाड़ी मार सकता है, पर कम से कम एक पुलिसवाला तो बिल्कुल नहीं मार सकता। एमडी साब का मानना है कि हर सुंदरता वाली चीज पर पहला हक कानून वालों का ही होता है। कानून उसके साथ सुरक्षा के बहाने वह सब कुछ मजे से कर सकता है जो.... तो पाठको! बहुत कम पाठकों को इस बात का इल्म होगा कि वहां पर उनके एक विवाहित सुंदरी से संबंध हो गए थे। दोनों शादीशुदा थे, सो दोनों ने एक दूसरे से एक दूसरे के पति, पत्नी के बारे में कतई नहीं पूछा। और जिस तरह वे अपने को रिष्वत लेने से लाख हाथ पीछे खींचने के बावजूद भी रोक नहीं पाते थे, उसी तरह उस चंद्र सुंदरी को प्रेम सुरक्षा प्रदान करते करते वे अपने को उसके आंचल में जाने से बचा नहीं पाए। और नतीजा! वहां की पुलिस व्यवस्था में क्रांतिकारी सुधार लाते लाते वे अपने देस का एक जीव उस सुंदरी की कोख में रोपित कर आए। इधर वे वापस अपने देस तो आ गए पर चंद्रलोक की उस सुंदरी से उनकी एक और संतान ने जन्म ले लिया। मातादीन उर्फ एमडी साब वहां से आते आते सुंदरी को वचन दे आए थे कि ज्यों ही धरती से अपने देश का कोई चंद्रयान अपनी सरकार द्वारा यहां भेजा जाएगा, तो उसमें वे दोनों की सीट एडवांस में बुक करवा देंगे। पर हुआ यों कि इस बीच अपने देश को कोई चंद्रयान चांद पर न भेजा जा सका। उधर भारत से चांद पर भेजे जाने वाले चंद्रयान की बाट जोहती जोहती वह सुंदरी सुंदर होने के बाद भी उम्र दराज होने लगी तो एमडी साब का चांद पर जन्मा बेटा पल छिन बड़ा। जब मातादीन का चांद पर जन्मा बेटा सोचने समझने लायक हुआ तो एक दिन वह अपनी मां से पूछा बैठा,‘ मां! मेरे डैड कहां रहते हैं? मुझे मेरे डैड दिखाओ न!’ तो उस सुंदरी ने धरती की ओर उंगली लगाकर उससे कहा,‘ बेटा !तेरे डैड वहां रहते हैं।’ ‘ इत्ती दूर? इत्ती दूर वे क्या करते हैं? एमडी साब के पता नहीं कितनवे बेटे ने अपनी मां से पूछा तो वह उदास हो बोली,‘ वहां वे पुलिस विभाग में नौकरी करते हैं।’ ‘ तो वे यहां क्यों नहीं नौकरी करते?’ ‘ यहां ऊपर की कमाई के सकोप नहीं है न बेटे!’ तब बेटे ने ज्यों ही अगला प्रश्न अपनी मां से पूछा तो मां ने उसे चुप करा दिया। ऐसे ही एमडी साब के बेटे को जब भी मौका मिलता, वह अपने डैड के बारे कुछ न कुछ जरूर पूछता। अपने डैड की शक्ल के बारे में पूछता। पर सुंदरी हर बार उसे उसके डैड का नाम एमडी साब बता कर जैसे कैसे उसे चुप करा देती। एक दिन फिर एमडी साब के बेटे ने अपनी मां से कहा कि वह जो उसे उसके डैड नहीं दिखा सकती तो न सही। कम से कम उसकी फोटो ही बता दे, तो यह सुन वह विवाहिता सुंदरी एक बार पुनः चुप हो गई। असल में पहले पति के डर से उसने एमडी साब की फोटो केवल अपने दिल में ही रखी थी। यों ही दिन...महीने... साल बीतते गए। और बेचारी सुंदरी! अपने देस से आने वाले चंद्रयान का इंतजार करती बूढ़ी होने लगी। चंद्रलोक में जब भी कोई यान उतरता तो वह सारे काम छोड़ दौड़ कर उस यान के पास आ जाती। उसे लगता कि यह यान भारत से आया होगा। पर जब वह उस पर अमेरिका , चीन, रूस या किसी अन्य देश का लगा झंडा देखती तो उदास हो जाती। ...और एक दिन! अपने देस का चंद्रयान चंद्रमा की ओर कूच कर गया। एमडी साब ने ज्यों ही जिमखाना जाते जाते इस बात की खबर चंद्रलोक की अपनी आठवीं इलीगल बीवी को दी तो वह पागल हो गई। उसका मन किया कि वह चांद पर से उसी वक्त पृथ्वी पर छालांग लगा दे। एमडी साब ने फोन पर दिल फेंकते उसे बताया कि उसने उन दोनों के लिए अपने चंद्रयान में वापसी का टिकट बुक करवा दिया है तो फोन पर ही चंद्रसुंदरी ने एमडी साब से पूछा,‘ हे मेरे दूसरे प्राणनाथ! पर हम धरती पर आकर रहेंगे कहां? आपके पुराने घर में हमारे आने पर दंगा फसाद हो गया तो? एक ही घर में बीवी और सौत अपने अपने बच्चों के साथ रह पाएंगी क्या?’ तो उन्होंने काली की मूंछों पर ताव देते, पैंट से फुट भर बाहर निकल आए पेट बैल्ट कस उसे भीतर करते कहा,‘ डरो मत डार्लिंग! तुम्हारा एमडी साब इंस्पेक्टर से एसपी हो गया है। अब बड़े बड़े शरीफों से उसके पारिवारिक संबंध हो गए हैं। दिल्ली में ही उसके पॉश एरिया में दस बेनामी फ्लैट हैं। मन करे तो रोज फ्लैट बदलते रहना। क्या मजाल जो दूसरी बीवियों को इसकी भनक भी लग जाए कि तुम चांद पर से आ गई हो। और हां! आते आते आईजी साहब की बेगम को चांद पर से एड़ी चमकाने वाला बिल्कुल वैसा ही पत्थर जरूर लाना। कह रहे थे कि यार! उस पत्थर से बेगम ने जब एड़िया रगड़ीं तो वह ऊपर तक चमक गई थी। उनका वह एड़ियां चमकाने वाला पत्थर अब घिसने को आ गया है। ’ मित्रो! जबसे अपने देस का चंद्रयान चांद पर रवाना हुआ है, अपना देस ही नहीं, चंद्रलोक की एमडी साब की सुंदरी भी हमारे मिशन चांद की सफलता की दिन रात कामना कर रही है। वह दिनरात जागे जागे सारे काम छोड़ दूरबीन से चंद्रयान को एकटक निहारती बस इस इंतजार में है कि कब जैसे उसका चंद्रयान रूपी एमडी साब पृथ्वी की परिक्रमा पूरी कर चांद पर प्रवेश करे और वह उसके गले में सारी लोकलाज त्याग वरमाला डाल उनके स्वागत के मंगलगीत गाने के बाद, अपने बेटे के साथ एड़ियां चमकाने वाला पत्थर ले निर्दयी एमडी साब से आ मिले, अपने बेटे को यह कहने कि-देख बेटा! ये रहे तेरे एमडी डैड!
हिमाचल प्रदेश के पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह की है कुलदेवी भीमाकली मंदिर लाखों भक्तों की आस्था का केंद्र हैं। देवी भीमाकली को समर्पित ये मंदिर हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला से 180 किलोमीटर दूर सराहन में व्यास नदी के तट पर स्थित है। भीमाकाली मन्दिर, 51 शक्तिपीठों में से एक है। यह देवी तत्कालीन बुशहर राजवंश की कुलदेवी है जिसका पुराणों में उल्लेख मिलता है। माना जाता है कि यह मंदिर लगभग 800 साल पहले बनाया गया है। यह अपनी अनूठी वास्तुकला, जो हिंदू और बौद्ध स्थापत्य शैली का एक मिश्रण है, के लिए जाना जाता है। मंदिर परिसर के भीतर एक नया मंदिर 1943 में बनाया गया था। मंदिर में देवी भीमाकली की एक मूर्ति को एक कुंवारी और एक औरत के रूप में चित्रित किया गया है। मंदिर परिसर में रघुनाथ और भैरों के नरसिंह तीर्थ को समर्पित दो मंदिर और हैं। हर साल यहां बड़े स्तर पर काली की पूजा की जाती है जिसमें लाखों लोग भाग लेते है। पौराणिक कथा महल में स्थापित भीमाकाली मन्दिर के साथ अनेक पौराणिक कथाएं जुडी हैं जिनके अनुसार आदिकाल मन्दिर के स्वरूप का वर्णन करना कठिन है। भीमाकाली शिवजी की अनेक मानस पुत्रियों में से एक है। मत्स्य पुराण में भीमा नाम की एक मूर्ति का उल्लेख आता है। एक अन्य प्रसंग है कि मां पार्वती जब अपने पिता दक्ष के यज्ञ में सती हो गई थीं तो भगवान शिव ने उन्हें अपने कंधे पर उठा लिया था। हिमालय में जाते हुए कई स्थानों पर देवी के अलग-अलग अंग गिरे। एक अंग कान शोणितपुर में गिरा और भीमाकाली प्रकट हुई। मन्दिर के ब्राह्मणों के अनुसार पुराणों में वर्णन है कि कालांतर में देवी ने भीम रूप धारण करके राक्षसों का संहार किया और भीमाकाली कहलाई। भीमाकली मंदिर भारत में सबसे महत्वपूर्ण पवित्र स्थलों में से एक माना जाता है। यह मंदिर बेहद सुंदर है जहां कई भगवानों की मूर्ति को प्रर्दशित किया गया है। यह पवित्र मन्दिर लगभग सभी ओर से सेबों के बागों से घिरा हुआ है भीमाकाली मन्दिर हिंदु और बौद्ध शैली में बना है जिसे लड़की और पत्थर की सहायता से तैयार किया गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हिंदू देवता शिव की पत्नी सती, वैवाहिक जीवन के परम सुख और दीर्घायु की देवी, का बायाँ कान इस जगह गिर गया था। यहाँ हर साल लोकप्रिय हिंदू त्योहार दशहरा के समारोह को धूमधाम से मनाया जाता है। मकर संक्रांति, रामनवमी, जन्माष्टमी, शिवरात्रि आदि त्यौहार भी बडे हर्षोल्लास व श्रद्धा से मनाये जाते हैं। मंदिर तक पहुंचने के लिए स्थानीय बस सेवा और टैक्सियां उपलब्ध है मन्दिर परिसर में बने साफ-सुथरे कमरों में ठहरने की व्यवस्था है। इस भीमाकाली मंदिर के कपाट केवल सुबह और शाम ही दर्शनों के लिए खुलते हैं। मंदिर कई मंजिला है और सबसे उपर माता का विग्रह स्थापित है । मंदिर में प्रवेश से पहले सिर पर टोपी अवश्य पहननी होती है। मंदिर में अपने साथ कुछ भी सामान नहीं ले जा सकते हैं ।
स्पीड पोस्ट से फिरौती का धमकी भरा पत्र मिला हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के एक कारोबारी से दस करोड़ फिरौती की मांग की गई है।कारोबारी की लोअर बाजार में एक दूकान है। जानकारी के अनुसार कारोबारी को बुधवार को स्पीड पोस्ट से फिरौती का धमकी भरा पत्र मिला है। इसमें कारोबारी को धमकाते हए लिखा गया है कि अगर उसने 10 करोड़ रुपये की फिरौती नहीं दी तो उसके परिवार के सदस्यों और बच्चों को जान से मार दिया जायेगा। इसके बाद कारोबारी ने इसकी सुचना पुलिस को दी। पुलिस मामला दर्ज कर तहकीकात में जुटी है। अभी तक हुई जांच में पता चला है कि पत्र शिमला के मालरोड स्थित मुख्य डाकघर से जारी हुआ है। यह लैटर 22 तारीख को दोपहर 2 बजकर 12 मिनट पर पोस्ट किया गया है। पुलिस ने मालरोड के सभी सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है।
49 celebrities have written letter to PM 49 celebrities have written a letter to Prime Minister Narendra Modi claiming intolerance in the nation is increasing. In the letter dated to 23rd July 2019, the group of celebrities from various professions stated that they are 'deeply concerned' about a number of tragic events that have been happening in the country in recent times. Anurag Kashyap, Shyam Benegal, Ramchandra Guha, Maniratnam, Ketan Mehta are concerned about intolerance The letter claims that 'Jai Sri Ram' has become a provocative 'war-cry', leading to law and order problems. Letter states that the name of Ram is sacred to many majority communities in India.
Women are involved at every stage of Solan - Kaithlighat four lane construction Women Empowerment is always top priority for Arief Engineers : Mallick Women Engineers are contributing a significant role in four-lane construction work of the 22.91 kilometre stretch of the National Highway from Solan to Kaithlighat. This work was awarded to Arief Engineers in 598 crores, and it was initiated on November 9, 2018 by the company. In last nine months company has delivered quite satisfactory inspite so many hurdles. The General Manager of Arief Engineers, Amit Mallick is taking care of this project, but the contribution of women is no less. "Our women engineers are involved at every level of construction work in this jumbo project," says Mallick. He further added, “ not only civil engineers but in other departments also, women are playing a vast role.” Five women are deployed in key positions at Kandaghat Site The project office of Arief Engineers is located at Kandaghat. Presently, Arief Engineers has deployed five women in key positions at site office, including three core civil engineers. All these women are from different parts of the country, and they are exception to the myth that women are rare in civil engineering field. It is not at all easy for any civil engineer to work in mountains, but these women are delivering surfeit expectations. Rajendra, Kalpana Gupta and Jyoti Bhatia are the civil engineers who are breaking the barriers and making their contribution at every step of construction, right from planning to the on site execution. Whereas, Disha Sharma is taking care of human resource management and Ekta Sharma is responsible for accounts. Women has significant role to play at every site of Arief Engineers Despite the increased interest in civil engineering among women, there are still a number of challenges that are contributing to the continued gender inequality. One barrier that is often pointed to is the lack of female role models in the field. Because the number of women in the field is low, there are also few female leaders in civil engineering, which can make it difficult for new generations of female engineers to find mentors whom they feel they can relate to. But Arief Engineers is providing the right atmoshphere to young women engineers, so they may learn, grow and contribute the optimum in nation building. General Manager Amit Mallick said “ Kandaghat site is not the exception, at every site of Arief Engineers the role of women is no less."
शिमला से लगभग 110 कि.मी. दूर, शिमला-रोहड़ू मार्ग पर पब्बर नदी के दाहिने किनारे धान के खेतों के बीच स्थित माता हाटकोटी का मंदिर लाखों भक्तों केलिए आस्था का केंद्र हैं। मां हाटकोटी के मंदिर में एक गर्भगृह है जिसमें मां की विशाल मूर्ति विद्यमान है यह मूर्ति महिषासुर मर्दिनी की है। इतनी विशाल प्रतिमा हिमाचल में ही नहीं बल्कि भारत के प्रसिद्ध देवी मंदिरों में भी देखने को नहीं मिलती। मात की ये प्रतिमा किस धातु की है इसका अनुमान लगाना मुश्किल है। लोकगाथा के अनुसार एक लोकगाथा के अनुसार इस देवी के संबंध में मान्यता है कि बहुत वर्षो पहले एक ब्राह्माण परिवार में दो सगी बहनें थीं। उन्होंने अल्प आयु में ही सन्यास ले लिया और घर से भ्रमण के लिए निकल पड़ी। उन्होंने संकल्प लिया कि वे गांव-गांव जाकर लोगों के दुख दर्द सुनेंगी और उसके निवारण के लिए उपाय बताएंगी। एक बहन हाटकोटी गांव पहुंची जहां मंदिर स्थित है,उसने यहां एक खेत में आसन लगाकर ईश्वरीय ध्यान किया और ध्यान करते हुए वह लुप्त हो गई। जिस स्थान पर वह बैठी थी वहां एक पत्थर की प्रतिमा निकल पड़ी। इस आलौकिक चमत्कार से लोगों की उस कन्या के प्रति श्रद्धा बढ़ी और उन्होंने इस घटना की पूरी जानकारी तत्कालीन जुब्बबल रियासत के राजा को दी। जब राजा ने इस घटना को सुना तो वह तत्काल पैदल चलकर यहां पहुंचा। राजा ने यहां पर मंदिर बनाने का निश्चय ले लिया। लोगों ने उस कन्या को देवी रूप माना और गांव के नाम से इसे 'हाटेश्वरी देवी' कहा जाने लगा। इसलिए विशेष हैं मंदिर यह मंदिर समुद्रतल से 1370 मीटर की ऊंचाई पर पब्बर नदी के किनारे समतल स्थान पर स्थित है। कहा जाता है मंदिर के साथ लगते सुनपुर के टीले पर कभी विराट नगरी थी, जहां पर पांडवों ने अपने गुप्त वास के कई वर्ष व्यतीत किए। यह स्थान हाटकोटी के नाम से भी प्रसिद्ध है। माता हाटेश्वरी का मूल स्थान ऊपर पहाड़ों में घने जंगल के मध्य खरशाली नामक जगह पर है। मन्दिर के बिल्कुल बांयी ओर बड़े-छोटे पत्थरों को तराश कर, छोटे-छोटे पांच कलात्मक मन्दिर बनाए गये है। इन मंदिरों का निर्माण पाण्डवों ने अपने अज्ञातवास के दौरान किया है । यहां के स्थायी पुजारी ही गर्भगृह में जाकर मां की पूजा कर सकते हैं। मंदिर के बाहर प्रवेश द्वार के बाई ओर एक ताम्र कलश लोहे की जंजीर से बंधा है जिसे स्थानीय भाषा में चरू कहा जाता है। इनमें यज्ञ के दौरान ब्रह्मा भोज के लिए बनाया गया हलवा रखा जाता है। यह मंदिर शिखराकार नागर शैली में बना हुआ था बाद में एक श्रद्धालु ने इसकी मरम्मत कर इसे पहाड़ी शैली के रूप में परिवर्तित कर दिया। मंदिर में महिषासुर र्मदिनी की दो मीटर ऊंची कांस्य की प्रतिमा है। इसके साथ ही शिव मंदिर है। मंदिर द्वार को कलात्मक पत्थरों से सुसज्जित किया गया है। छत लकड़ी से र्निमित है, जिस पर देवी देवताओं की अनुकृतियों बनाई गई हैं। मंदिर लकड़ी और पत्थर से निर्मित कलात्मक शिल्पकारी का अद्भुत नमूना है l मंदिर के गर्भगृह में लक्ष्मी, विष्णु, दुर्गा, गणेश आदि की प्रतिमाएं हैं। इसके अतिरिक्त यहां मंदिर के प्रांगण में देवताओं की छोटी-छोटी मूर्तियां हैं।बताया जाता है कि इनका निर्माण पांडवों ने करवाया था। मंदिर की ओर जाती सड़क के दोनों ओर सेब के बगीचे है, और खूब घने देवदार के जंगल हैंl मंदिर को नवरात्रों के दौरान खूब सजाया जाता है।नवरात्रों में यहाँ विशेष पूजा का आयोजन होता हैं ।
आरोपी ने शादी का झांसा देकर बनाए शारीरिक सम्बन्ध राजधानी शिमला की एक 20 वर्षीय युवती के साथ ऑस्ट्रेलिया में दुष्कर्म का मामला सामने आया है। शादी का झांसा देकर आरोपी ने युवती के साथ शारीरिक संबंध बनाए और बाद में शादी करने से मुकर गया। ऑस्ट्रेलिया से शिमला लौटने पर युवती ने शिमला के सदर थाने में दुष्कर्म का मामला दर्ज करवाया है। क्या है पूरा मामला पुलिस को दी शिकायत में पीड़िता ने बताया कि कुछ दिन पहले वह ऑस्ट्रेलिया गई थी और वहां विक्रम सिंह नामक शख्स से उसकी मुलाकात हुई। वहीं दोनों में दोस्ती हो गई। पीड़िता के मुताबिक विक्रम सिंह ने दोस्ती का फायदा उठाकर उससे शादी का प्रस्ताव रखा। विक्रम सिंह ने शादी का झांसा देकर युवती के साथ शारीरिक संबंध बनाए। जब दोनों शिमला वापस आए तो यहां भी उसके साथ वह दुष्कर्म करता रहा लेकिन अब शादी से इंकार कर रहा है। पीड़िता का यह भी कहना है कि विक्रम सिंह ने उसे जान से मारने की धमकी भी दी है। डीएसपी प्रमोद शुक्ला ने बताया कि पीड़िता की शिकायत पर आरोपी के विरुद्ध केस दर्ज कर आगामी कार्यवाही अमल में लाई जा रही है।
बिजली खपत पर रहेगी निगरानी अब आप जल्द ही मोबाइल फ़ोन के ज़रिये अपने घर और कार्यालय में हो रही बिजली की खपत में नज़र रख सकेंगे। इसके लिए हिमाचल सरकार सभी पुराने मीटरों को बदल कर स्मार्टबिजली मीटर लगाने जा रही है। राज्य बिजली बोर्ड के प्रबंध निदेशक जे पी कालटा ने बताया कि स्मार्ट मीटर लगाने का काम जल्द शुरू होगा। एक मोबाइल एप्लीकशन करनी होगी डाउनलोड स्मार्ट बिजली मीटर लगने के बाद उपभोक्ताओं को एक मोबाइल ऐप्प अपने फ़ोन पर डाउनलोड करनी होगी। इसकी मदद से उपभोक्ता किसी भी समय यह जान सकेंगे कि उन्होंने कितनी बिजली इस्तेमाल की। इस मीटर को उपभोक्ता प्री-पेड मीटर के तौर पर भी इस्तेमाल कर सकेंगे। प्री-पेड मीटर मोबाइल फ़ोन की तरह ही इस्तेमाल होंगे। इसके अलावाउपभोक्ताओं को बिल जमा करवाने का विकल्प भी मिलेगा। अब रीडिंग लेने के लिए उपभोक्ताओं के घर नहीं जायेंगे बिजली बोर्ड कर्मचारी स्मार्ट बिजली मीटर लगने के बाद बिजली बोर्ड कर्मचारियों को उपभोक्ता के घर जाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। इस मीटर से ऑनलाइन रीडिंग ले ली जाएगी। लो वोल्टेज, बिजली बंद होने और बिजली चोरी होने की भी कण्ट्रोल रूम में जानकारी पहुंचेगी। बिल जमा न करने पर कंट्रोल रूम से ही कनेक्शन काट लिया जाएगा। मीटर लगाने के लिए उपभोक्ताओं को भी चुकाना होगा शुल्क एक स्मार्ट बिजली मीटर 2800 से 3000 रूपए में पडेगा। इसके लिए केंद्र करीब 1200 रूपए प्रति मीटर सब्सिडी देगा। शेष खर्च राज्य बिजली बोर्ड और उपभोक्ताओं को उठाना पडेगा। पुराने बिजली मीटरों की राशि उपभोक्ताओं के शेयर में एडजेस्ट करने की भी योजना है। 2022 तक लगेंगें प्रदेश में 24 लाख स्मार्ट बिजली मीटर पहले चरण में शिमला और धर्मशाला दोनों शहरों में इस साल 1.35 लाख मीटर बदले जायेंगें। इसके बाद पुरे प्रदेश में साल 2021-22 तक 24 लाख स्मार्ट बिजली मीटर लगाने का लक्ष्य है।
An Indian-origin stand-up comedian died on stage due to high level of anxiety while performing his act in front of a packed audience in Dubai. According to information Manjunath Naidu, 36, suffered a cardiac arrest while performing his routine on stage on Friday. Audience thought it was part of the act. They took it as a joke as he was talking about anxiety and then collapsed and passed away.
• Over 1000 farmers from HP, Uttarakhand and J&K A one-day state-level training programme on ‘Prakritik Kheti Khushal Kisan’ was held at Village Baagi Gwas in Rohru on Saturday. Dr Parvinder Kaushal, Vice-Chancellor of Dr YS Parmar University of Horticulture and Forestry (UHF), Nauni was the Chief Guest on the occasion. The training was organized by the Department of Horticulture in association with Singh Apple Orchards, Baagi. The natural farming team of UHF Nauni provided technical support to the training. Over 1000 farmers from Himachal, Uttarakhand and Jammu and Kashmir, scientists from the main campus of the University and Krishi Vigyan Kendra (KVK) Rohru and officers from the horticulture department took part in the event. Pitching for more and more farmers to take up natural farming, Dr Kaushal said that the farming model suits the environment of the state and the farmers can benefit from increased income due to low input cost while the consumers will easily get healthy foodstuff. Calling for people’s participation in making Himachal a role model in natural farming, Dr Kaushal said, “We have to make natural farming a mass movement because the excessive use of chemicals has reduced the fertility of the soil. The way we produce our food need to be changed. Besides productivity, we also need to look at the quality of the food that we produce.” said Dr Kaushal. He added that the university would establish a dedicated task force and protocol for the propagation and promotion of Subhash Palekar Natural Farming at the main campus, research stations and the KVKs of the university. Dr Kaushal said that over 600 natural farming demonstration models will be established in all the districts of the state through the KVKs and research stations of the university. Moreover, experts from the university’s main campus at Nauni will carry out regular training of farmers and master trainers. Fifty farmers, five from each block, will be chosen to visit natural farming models in other states. Progressive farmers in natural farming will also be honoured by the university and made ambassadors of natural farming in the state. Earlier, Dr JN Sharma, UHF Director Research said that it was very encouraging to see youngsters taking a keen interest in agricultural activities and leading a change in this direction. Dr Rajeshwar Chandel, Executive Director of the natural farming programme of the Himachal Government said that around 24 per cent people in the hill states were not practising agriculture and moving towards the plains as they were not getting the right value for their produce. He added that natural farming was an excellent solution, which can help to realize the goal of doubling farmers’ income. Jagat Singh ‘Jangli’, green ambassador of Uttarakhand government urged everyone to preserve the nature and the biodiversity of the region and called for greater attention towards the forest wealth. Jitender Singh and his brother Joginder Singh, apple growers from Baagi shared their experiences of working on natural farming for the past two years. They also talked about the marketing of natural produce. Progressive farmers from the area were also honoured on the occasion.
Central Government has appointed six new Governors in the states of Madhya Pradesh, Uttar Pradesh, West Bengal, Bihar, Nagaland and Tripura.The announcement was made in a statement released by the Rashtrapati Bhavan. -Former Janata Dal MP Jagdeep Dhankhar appointed as new governor of West Bengal. -Madhya Pradesh Governor and Ex Chief Minister of Gujrat, Anandiben Patel has been shifted to Uttar Pradesh in place of Ram Naik. -Bihar Governor Lal ji Tandon i the new governor of Madhya Pradesh. -Phagu Chauhan will fill replace Tandon as Bihar governor. -Ramesh Bais has been appointed as the governor of Tripura. -Former interlocutor on Naga talks RN Ravi has been appointed as Nagaland governor.
गोपाल दास नीरज को फर्स्ट वर्डिक्ट का नमन मदन हिमाचली के शब्दों में ... "सांसों की डोर के आखिरी पड़ाव तक बेहतहरीन नगमे लिखने के ख्वाहिशमंद मशहूर गीतकार पद्मभूषण कवि गोपालदास सक्सेना 'नीरज' की वीरवार को पहली पुण्यतिथि हैं। उनकी प्रथम पुण्यतिथि मैँ उनके चरणों मे विनम्र श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूँ। मैं खुद को बेहद खुशनसीब समझता हूँ कि मुझे उनके साथ मंच पर बैठने का सौभाग्य प्राप्त हैं। दरअसल, वर्ष 1992 में अखिल भारतीय हिन्दी साहित्य सम्मेलन प्रयाग ( इलाहाबाद) में आयोजित हुआ था। मैं भी इसमें शरीक होने इलाहाबाद गया था।उस साहित्य सम्मेलन की अध्यक्षता स्वयं गोपाल दास नीरज जी कर रहे थे। उनके साथ मंच साँझा करने का सुअवसर मिलना, मेरे लिए स्वर्ग मिलने से काम नहीं था। आज भी वो कवि सम्मलेन एक स्मरणीय समारोह के रुप में मेरे मानस पटल पर अँकित है। नीरज दबँग साहित्यकार तो थे ही, उनकी साहित्कारों के स्वाभिमान के संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका रही हैं। उस समारोह का हर पल, नीरज द्वारा कहा गया हर शब्द अब भी मेरे मन-मष्तिष्क में जीवंत हैं, मानो कल की ही बात हो। मुझे याद हैं तब अपने सम्बोधन मे इन्होंने कहा था कि साहित्यकार निर्भीक होकर रचना धर्मिता निभाएं। केवल मात्र साहित्यकार ही ऐसा व्यक्तित्व का धनी है जो समाज का सही चित्रण कर सकता है तथा परिवेश में फैली विषमताओं को तह से उकेर कर समाज के सामने प्रस्तुत कर सकता हैं। इसलिए साहित्यकार अपने स्वाभिमान को किसी के आगे गिरवी न रखें और कालजयी रचनाओं का सृजन करें।"
The Supreme Court fixed the next hearing of Ayodhya Ram Janmabhoomi-Babri Masjid land title case on August 2. The court will pass further orders on August 2, the next date of hearing. Meanwhile, the mediation process will continue till July 31. The Supreme court will hear the case in an open court on August 2. Earlier on July 11, the Supreme Court had asked the three-member mediation panel to submit its status report by July 18. The mediation panel comprise former Supreme Court judge FMI Kalifulla, spiritual guru and founder of Art of Living foundation Sri Sri Ravishankar and senior advocate Sriram Panchu, a renowned mediator. They were tasked to find an amicable solution to the Ayodhya Ram Janmabhoomi-Babri Masjid land title dispute.
दाड़लाघाट पंचायत के अंतर्गत भारतीय जनता पार्टी का सदस्यता अभियान जोरों पर है।बूथ नंबर 28,29,30,31 व 32 में 375 नए रिकार्ड सदस्य बनाए गए। यह जानकारी 31/50 के प्रभारी जगदीश शुक्ला ने देते हुए बताया कि यह सदस्यता अभियान 10 अगस्त 2019 तक चलेगा।बूथ नंबर 29/50 बूथ पालक बंटु शुक्ला,वसंत सिंह ठाकुर ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी की योजनाओं से प्रभावित होकर भारी संख्या में लोग इस अभियान में शामिल हो रहे हैं। उन्होंने अपने बूथ पर घर - घर जाकर नए सदस्यों को भारतीय जनता पार्टी के सदस्यता अभियान से जोड़ा। जिला अन्य पिछड़ा वर्ग के अध्यक्ष नरेंद्र चौधरी व भाजयुमो के प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य राकेश गौतम ने इन बूथों पर सक्रिय रूप से सदस्यता अभियान चलाने वाले प्रभारियों को गांव - गांव जाकर अधिक से अधिक लोगों को इस अभियान में जोड़ने का आह्वान किया।बालकराम शर्मा,नरेश गौतम,पवन गौतम,जगदीश शर्मा, ओम प्रकाश शर्मा,मुनीष शुक्ला,श्याम चौधरी इत्यादि इस अभियान में शामिल रहे।
पहाड़ों की रानी शिमला में स्थित कालबाड़ी मंदिर लाखों भक्तों की आस्था का केंद्र हैं। ये मंदिर माँ ‘देवी श्यामला’ को समर्पित है। श्यामला देवी को देवी काली का ही अवतार माना जाता है। कहा जाता हैं शिमला का नाम पहले श्यामला ही था जो माँ श्यामला के नाम से ही व्युत्पन्न है।पर धीरे- धीरे बोल चाल की भाषा में श्यामला का नाम शिमला हो गया। शिमला के माल रोड से कुछ ही दूरी पर स्थित कालीबाड़ी मंदिरका निर्माण सन् 1823 में हुआ था। मंदिर में देवी की लकड़ी की एक मूर्ति प्रतिस्थापित है। दीवाली, नवरात्री और दुर्गापूजा जैसे हिंदू त्योहारों के अवसर पर बहुत से भक्त यहाँ दर्शन के लिए आते हैं। मां की मूर्ति के ऊपर चांदी का छतर व समीप ही फन फैलाए नाग देवता की कलात्मक मूर्ति देखकर भक्तजन आत्म विभोर हो जाते हैं। मंदिर के आसपास बैठे पंडित निरंतर माता का मंत्रोच्चारण करते रहते हैं जिससे यहाँ का माहौल हरदम भक्तिमय रहता हैं। कहा जाता हैं कि ब्रिटिश काल में बने इस मंदिर के स्थान पर पहले एक गुफा हुआ करती थी। शिमला कालीबाड़ी मंदिर का निर्माण राम चरण ब्राह्मण ने करवाया, जो एक बंगाली परिवार से सम्बन्ध रखते थे। कालीबाड़ी मंदिर में काली माता की मूर्ति के साथ एक तरफ श्यामला माता की शिला है और दूसरी तरफ चंडी माता की शिला है। इस मंदिर में माता की पत्थर की मूर्ति लगी है। इस मूर्ति में लगे पत्थरों को जयपुर से मंगवाया गया है। मंदिर निर्माण के बाद वर्ष 1885 में शिमला कालीबाड़ी प्रबंधन कमेटी का गठन हुआ। उसके बाद 1903 में कालीबाड़ी मंदिर ट्रस्ट बना, जो इस मंदिर को चला रहा है। जाने काली बाड़ी मंदिर के बारे में:- कालीबाड़ी मंदिर माल रोड से कुछ ही दूरी पर स्थित हैं। मंदिर परिसर में भक्तों की सुविधा के लिए कैंटीन व आवास गृह उपलब्ध हैं। मंदिर में भगवान् शिव का मंदिर भी स्थित हैं, जहाँ शिवरात्रि के दौरान बहुत भीड़ होती हैं। मंदिर परिसर में जानवरों, चमड़ों से बनी वस्तुओं का प्रवेश वर्जित हैं। मौसम के अनुसार मंदिर के खुलने व बंद होने का समय बदल जाता है जो सुचना बोर्ड पर लिख दिया जाता है। मंदिर में नवरात्रों के दौरान अष्टमी व नवमी को भंडारे का आयोजन होता हैं। दुर्गा पूजा के दौरान मंदिर में विशेष पूजा का आयोजन होता हैं।
चौपाल की सड़कें जानलेवा साबित हो रही हैं यहां आए दिन सड़कों पर मौत नाच रही है। शायद ही कोई ऐसा दिन जाता है जब ऊपरी शिमला में सड़क हादसे नहीं होते हैं।शिमला में बीती रात को उपमंडल चौपाल के अंतर्गत ग्राम पंचायत ननहार में एक आल्टो कार (HP-08-2060) दुर्घटनाग्रस्त हो गई। जानकारी के अनुसार कार में सवार दो व्यक्तियों में से एक की मौके पर ही मौत हो गई जबकि दूसरा गंभीर रूप से घायल है। मृतक की पहचान सूरज 15 साल निवासी चौपाल के रूप में हुई है। सूरज दसवीं कक्षा में पड़ता था। इस दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल योगेश चंद पुत्र रती राम ग्राम ठलोग को गहरी चोटें आई हैं उसे आईजीएमसी भर्ती करवाया गया है।चौपाल के लोगों का कहना है कि पानी पुल से सैंज तक कि सड़क हज़ारों लोगों की जान ले चुकी है। इस सड़क के तीखे मोड़ कभी भी वाहन चालकों को मौत की नींद सुला देते है। सड़क के किनारे कोई पेराफीट नहीं है जिसकी वजह से भी चौपाल की सड़कें जानलेवा साबित हो रही हैं।
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता कलराज मिश्र को हिमाचल प्रदेश का गवर्नर नियुक्त किया है। 78 वर्षीय कलराज मिश्र बीजेपी के उन चंद नेताओं में शुमार हैं, जो जनसंघ के दौर से पार्टी की विचारधारा से जुड़े रहे है।आइये जानते है कलराज मिश्र के राजनैतिक सफर के बारे में :- मात्र 14 वर्ष की उम्र में कलराज मिश्र संघ के विचारों से प्रभावित होकर आरएसएस से जुड़ गए । मिश्र वर्ष 1963 में आरएसएस के पूर्णकालिक प्रचारक बने। वर्ष 1968 में वे जनसंघ में संगठन मंत्री नियुक्त हुए। मिश्र जेपी आंदेलन से जुड़े और आंदोलन के संयोजक भी रहे। आपातकाल में वे 19 माह जेल में रहे। वे उन कुछ चेहरों में शामिल थे जो सीधे तौर पर इंदिरा सरकार के निशाने पर थे। 1977 में मिश्र जनता पार्टी से जुड़े। वर्ष 1978 में पहली बार राज्यसभा सांसद बने। इसके बाद वर्ष 2001 में भी वे राज्यसभा सांसद बने। 1980 में वे भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त हुए। 1980 में भाजपा के उत्तर प्रदेश महामंत्री व 1991 में उत्तर प्रदेश अध्यक्ष बने। कलराज मिश्र राम मंदिर आंदोलन से भी जुड़े रहे हैं। 1997 में वे उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री बने। 1999 में एक बार फिर उन्हें उत्तर प्रदेश का अध्यक्ष बनाया गया। एक वक्त ऐसा भी आया जब समर्थकों द्वारा उन्हें उत्तर प्रदेश में भाजपा के सीएम फेस के तौर पर देखा जाने लगा। 2010 में बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष घोषित किए गए। 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने देवरिया से चुनाव लड़ा और जीतकर मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री बने। उन्हें सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार सौंपा गया था। 2017 में 75 वर्ष की आयु पूरी होने पर कलराज मिश्र से मंत्री पद ले लिया गया था। 2019 का लोकसभा चुनाव उन्होंने नहीं लड़ा।
हनुमान जी के पद चिह्न देखने यहां पर लोग दूर- दूर से आते हैं। प्रकृति की गोद में बसे इस स्थान पर लोगों को बेहद सुकून मिलता हैं। मान्यता हैं कि जो भी भक्त यहाँ सच्चे मन से आते हैं, उन्हें हनुमान जी खाली हाथ नहीं भेजते। शिमला मुख्य शहर से 7 कि.मी और रिज से दो कि.मी की दूरी पर स्थित जाखू हिल्स शिमला की सबसे ऊंची चोटी है और यहीं विराजमान हैं भगवान हनुमान। जाखू मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति देश की सबसे ऊंची मूर्तियों में से एक है जो 33 मीटर (108 फीट) ऊंची है। इस मूर्ति के सामने आस-पास लगे बड़े-बड़े पेड़ भी बौने लगते हैं। ये स्थान बजरंबली के भक्तों में लिए बेहद ख़ास हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार जब श्री राम और रावण के बीच हुए युद्ध में लक्ष्मण शक्ति लगने से घायल हो गए थे, तो उन्हें पुनर्जीवित करने के लिए हनुमान जी संजीवनी बूटी लेने के लिए हिमालय पर्वत पर गए थे। ऐसा कहा जाता है कि हनुमान जी जब संजीवनी लेने जा रहे थे तो वो कुछ देर के लिए इस स्थान पर रुक गए थे, जहां पर अब जाखू मंदिर है। ऐसा भी माना जाता है कि औषधीय पौधे (संजीवनी) को लेने जब हनुमान जी जा रहे थे तो इस स्थान पर उन्हें ऋषि ‘याकू’ मिले थे। हनुमान संजीवनी पौधे के बारे में जानकारी लेने के लिए यहां उतरे थे। हनुमान द्रोणागिरी पर्वत पर आगे बढ़े और उन्होंने वापसी के समय ऋषि याकू से मिलने का वादा दिया था लेकिन समय की कमी के कारण और दानव कालनेमि के साथ उनके टकराव के कारण हनुमान उस पहाड़ी पर नहीं जा पाए। इसके बाद ऋषि याकू ने हनुमान जी के सम्मान में जाखू मंदिर का निर्माण किया था। पौराणिक कथा के अनुसार इस मंदिर को हनुमान जी के पैरों के निशान के पास बनाया गया है। इस मंदिर के आस-पास घूमने वाले बंदरों को हनुमान जी का वंशज कहा जाता है। माना जाता हैं कि जाखू मंदिर का निर्माण रामायण काल में हुआ था। इसलिए ख़ास हैं जाखू मंदिर :- भगवान हनुमान को समर्पित जाखू मंदिर 'रिज' के निकट स्थित है। घने देवदार के पेड़ों के बीच हनुमान की मूर्ति लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है। जाखू मंदिर में हनुमान जी की एक विशाल प्रतिमा हैं जिसकी ऊँचाई 108 फीट हैं। ये मूर्ति दूर से दिखाई देती हैं। जाखू मंदिर में दर्शन सुबह 5 से दिन के 12 बजे तक और फिर शाम को 4 से रात के 9 बजे तक होते है। जाखू मंदिर के दर्शन करने के लिए आप को लगभग एक से दो घंटा लग सकता है। मंदिर तक गाड़ी या पदयात्रा कर के भी पहुंचा जा सकता है। रोपवे यात्रा के दौरान आस-पास के दृश्य अपनी सुंदरता से आपको हैरान कर देंगे। जाखू मंदिर में दशहरे (विजयदशमी) का त्योहार बहुत ही धूम-धाम से मनाया जाता है। यात्रा के दौरान बंदरों से सावधान रहे और उनके सामने खाने की कोई भी चीज अपने हाथ में न लें। बंदरों को दूर रखने के लिए अपने हाथ में छड़ी लेकर चलें। मंदिर परिसर से बाहर निकलने से पहले घंटी बजाना अच्छा माना जाता है। पहाड़ी पर राज्य सरकार द्वारा विभिन्न ट्रैकिंग और पर्वतारोहण गतिविधियाँ भी आयोजित की जाती है। जाखू मंदिर में स्थित भगवान हनुमान की मूर्ति से बच्चन परिवार का भी खास कनेक्शन हैं। अमिताभ बच्चन की पुत्री श्वेता नंदा के ससुर ने इस मूर्ति का निर्माण करवाया था। सोलन में हैं सबसे ऊँची हनुमान जी की मूर्ति वर्तमान में जाखू स्थित भगवान हनुमान की मूर्ति हिमाचल प्रदेश में हनुमान जी की सबसे ऊँची मूर्ति हैं। पर अब सोलन के सुल्तानपुर स्थित मानव भारती विवि में दुनिया की सबसे ऊँची बजरंबली की मूर्ति बनकर तैयार हैं। ये मूर्ति 156 फ़ीट ऊँची हैं और जल्द इसका अनावरण होने जा रहा हैं।
Himachal Pradesh Governor Acharya Devvrat is now Gujarat's new Governor. Veteran BJP leader Kalraj Mishra will take over charge as HP's new Governor. President Ram Nath Kovind made the changes and announced that both appointments will take effect from the dates they assume charge of their respective offices. Acharya Devvrat is serving as Governor of HP since August of 2015.
भक्त की जान संकट में थी और उसने महादेव का आह्वान किया। तभी एक चमत्कार हुआ और भक्त की जान बच गई। आज भी भक्तों को अपने भोलेनाथ पर पूरा भरोसा हैं और भोलेनाथ भी यहां श्रद्धा से आने वाले भक्तों की समस्त मुरादें पूरी करते हैं। हम बात कर रहे हैं चूड़धार की। चूड़धार, हिमचाल प्रदेश के जिला सिरमौर की सबसे ऊँची चोटी हैं और इस चोटी पर विराजमान हैं देवों के देव महादेव। चारों ओर अद्वितीय प्राकृतिक सौंदर्य और एक तरह से जड़ी-बूटियों का बिछा गलीचा, जो शांति चूड़धार में हैं वो शायद कहीं ओर नहीं। यहाँ आकर एहसास होता हैं कि सत्य ही शिव हैं और शिव ही सूंदर हैं। चूड़धार से जुड़ी एक कथा प्रचलित हैं कि एक बार चुरु नामक एक शिवभक्त यहां अपने पुत्र के साथ आया था। तभी अचानक बड़े बड़े पत्थरों के बीच से एक विशालकाय सांप बाहर आ गया और उसने चुरु और उसके पुत्र पर हमला कर दिया। दोनों ने बचने की कोशिश की किन्तु सांप से पीछा नहीं छोड़ा। प्राण संकट में देख चूरू ने अपने आराध्य भगवान भोलेनाथ का आह्वान किया, और तभी एक चमत्कार हुआ। भोलेनाथ की कृपा से एक विशालकाय पत्थर का एक हिस्सा सांप पर जा गिरा जिससे वह वहीं मर गया और चूरू और उसके पुत्र की जान बच गई।कहते हैं उसके बाद से ही इस स्थान का नाम चूड़धार पड़ा। दिन- ब- दिन लोगों की श्रद्घा इस मंदिर के लिए बढ़ती गई और यहां के लिए धार्मिक यात्राएं शुरू हो गई। चूड़धार को श्री शिरगुल महाराज का स्थान माना जाता है। यहां शिरगुल महाराज का मंदिर भी स्थित है। शिरगुल महाराज सिरमौर व चौपाल के देवता है। शिरगुल देवता भगवान शिव के अंशावतार हैं। चूड़धार शिखर शिरगुल देवता की तपोस्थली रही है। यहां पर पवित्र जल के दो कुंड भी हैं। कहते हैं कि इस पवित्र जल के दो लोटे सिर पर डाल लिए जाए तो सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। एक कथा और प्रचलित हैं जिसके अनुसार कहते हैं कि प्राचीन काल में यहां पर चूड़िया नामक राक्षस रहता था, जिसने शिवजी की तपस्या करके अजेय शक्ति प्राप्त कर ली थी। इसलिए इस चोटी का नाम चूड़ी चांदनी और बाद में धीरे-धीरे चूड़धार हो गया। ऐसी मान्यता है कि शिरगुल देवता ने चूड़ शिखर को दानवों से मुक्त कराया था। जाने चूड़धार के बारे में :- चूड़धार पर्वत तक पहुंचने के दो रास्ते हैं।मुख्य रास्ता नौराधार से होकर जाता है तथा यहां से चूड़धार 14 किलोमीटर है। दूसरा रास्ता सराहन चौपाल से होकर गुजरता है। यहां से चूड़धार 6 किलोमीटर है। भोलेनाथ के दर्शन के लिए हर साल हजारों सैलानी यहां पहुंचते हैं। हर साल गर्मियों के दिनों में चूड़धार की यात्रा शुरू होती है। बरसात और सर्दियों में यहां जमकर बर्फबारी होती है जिससे यह चोटी बर्फ से ढक जाती है। खूबसूरत वादियों से होकर गुजरने वाली यह यात्रा सदियों से चली आ रही है। यह भी माना जाता है कि इसी चोटी के साथ लगते क्षेत्र में हनुमान जी को संजीवनी बूटी मिली थी। चूड़धार पर्वत हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में स्थित है। चूड़धार पर्वत समुद्र तल से 11965 फीट(3647 मीटर) की ऊंचाई पर स्थित है । यह पर्वत सिरमौर जिले और बाहय हिमालय की सबसे ऊंची चोटी है। यह चोटी ट्रेकिंग के नजरिए से बेहद उपयुक्त है। सिरमौर ,चौपाल ,शिमला, सोलन उत्तराखंड के कुछ सीमावर्ती इलाकों के लोग इस पर्वत में धार्मिक आस्था रखते हैं। एक बहुत बड़ी चट्टान को चूरु का पत्थर भी कहा जाता है जिससे धार्मिक आस्था जुड़ी है। ब्रिटिश काल में भारत के सर्वेक्षक जनरल रहे जॉन केय की पुस्तक, द ग्रेट आर्क में भी चूड़धार पर्वत का उल्लेख किया गया है। इसमें इसे ‘द चूर‘ कहा गया है। आदि शंकरायचार्य ने की थी शिव आराधना चूड़धार में विशालकाय शिव प्रतिमा हैं, माना जाता यहाँ पर कभी प्राकृतिक शिव लिंग होता था। ऐसा भी कहा जाता है कि आदि शंकराचार्य ने शिव की आराधना के लिए इसकी स्थापना की थी। बाद में यहां लोग जब सिक्का डालते थे, तो लंबे समय तक उसकी आवाज सुनाई देती थी।
जो भी सच्चे मन से संकट मोचन मंदिर में आता है, बजरंबली उसके कष्ट हर लेते है संकट कटे मिटे सब पीरा, जो सुमिरै हनुमत बलबीरा। खूबसूरत वादियों के लिए मशहूर हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में संकट मोचन हनुमान जी भी विराजमान है।अगर आप निरंतर किसी परेशानी से गुजर रहे हैं, तो संकट मोचन की शरण में चले आईये। मान्यता है कि जो भी सच्चे मन से संकट मोचन के मंदिर में आता है, बजरंबली उसके कष्ट हर लेते है। संकट मोचन के मंदिर में भक्तों को बेहद सुकून और शांति मिलती है, यही कारण है कि दूर- दूर से लोग नियमित तौर पर यहाँ आते है। नीम करौली बाबा की इच्छानुसार हुई स्थापना बीती सदी में पचास के दशक की बात है, जब संत नीब करौरी बाबा (जिन्हें नीम करौली बाबा के नाम से भी जाना जाता है) तारादेवी नाम की इस पहाड़ी पर आकर एक कुटिया में दस-बारह दिन तक रहे थे। कहा जाता है कि इस जगह पर योग-ध्यान करते हुए वे लीन हो गए और उन्हें लगा कि इस स्थान पर भगवान हनुमान जी के एक मंदिर का निर्माण होना चाहिए। बाबा ने अपनी इच्छा अपने अनुयायियों को बताई और आखिरकार सन 1962 में हिमाचल के तत्कालीन लेफ्टिनेंट गवर्नर राजा बजरंग बहादुर सिंह (भद्री रियासत के राजा) और अन्य भक्तों ने इस मंदिर का निर्माण कार्य शुरू करवाया। 21 जून, 1966 मंगलवार को इस मंदिर में विधिवत प्राण प्रतिष्ठा हुई और धीरे-धीरे इसकी लोकप्रियता व मान्यता फैलती चली गई। जाने संकट मोचन मंदिर के बारे में :- हनुमान मंदिर के साथ यहां राम-सीता-लक्ष्मण, गणपति और शंकर जी का भी मंदिर है। मंदिर परिसर में नवग्रह का भी है मंदिर। रोजाना बड़ी तादाद में स्थानीय लोगों के साथ लगभग सभी पर्यटक यहाँ दर्शन करने आते हैं। हनुमान जी का मंदिर होने के कारण हर मंगलवार और शनिवार को यहां ज्यादा भीड़ होती है। मंदिर में हर रविवार को भंडारे का आयोजन किया जाता हैं। मंदिर परिसर में बाबा नीब करौरी जी का भी है एक छोटा-सा मंदिर हैं। मान्यता हैं कि यहां आकर सच्चे मन से प्रार्थना करने पर बड़े-बड़े संकट भी टल जाते हैं। शिमला से यहां टैक्सी के अलावा स्थानीय बस से भी आया-जाया जा सकता है। मंदिर परिसर में नई गाड़ियों की पूजा भी होती हैं। मंदिर में शादियों के लिए भी विशेष प्रावधान हैं। इसलिए लगाते हैं हनुमान जी को सिंदूर तुलसीदास रामायण के अनुसार एक दिन भगवान हनुमान जी ने माता सीता को मांग में सिंदूर लगाते हुए देखा। हनुमानजी ने आश्चर्यपूर्वक पूछा- माता! आपने यह सिंदूर मस्तक पर क्यों लगाया है? इस पर सीता जी ने ब्रह्मचारी हनुमान को उत्तर दिया, पुत्र! इसके लगाने से मेरे स्वामी की दीर्घायु होती है और वह मुझ पर प्रसन्न रहते हैं। ये सुनकर बजरंबली प्रसन्न हुए और उन्होंने सोचा कि जब उंगली भर सिंदूर लगाने से श्री राम की आयु में वृद्धि होती है तो फिर क्यों न सारे शरीर पर इसे पोतकर अपने स्वामी को अजर-अमर कर दूं। इसी तात्पर्य से हनुमान जी सारे शरीर में सिंदूर पोतकर राजसभा में पहुंचे तो भगवान उन्हें देखकर हंसे और बहुत प्रसन्न भी हुए। इस अध्याय के बाद हनुमान जी की इस उदात्त स्वामी-भक्ति के स्मरण में उनके शरीर पर सिंदूर चढ़ाया जाने लगा।
यूनिस्को विश्व धरोहर कालका-शिमला हेरिटेज ट्रैक पर धर्मपुर स्टेशन पर एक ट्रेन का इंजन फेल हो गया। जानकारी के अनुसार शनिवार दोपहर करीब 1:55 बजे शिमला जा रही हिमालयन क्वीन (ट्रैन नंबर 52455 ) के इंजन का पावर फेल हो गया, जिसके बाद कालका से दूसरा इंजन मंगवाना पड़ा। इस प्रक्रिया में करीब चार घंटे का समय लग गया, जिसके बाद शाम 5:55 पर ट्रेन शिमला के लिए रवाना हो सकी है।हालांकि गाड़ी स्टेशन पर होने के चलते दूसरी गाडि़यों की आवाजाही प्रभावित नहीं हुई। ट्रेन में सफर कर रहे करीब 200 लोगों को इससे परेशानी झेलनी पड़ी। मुसाफिरों में ज्यादातर पर्यटक थे, जो वीकेंड मानाने शिमला जा रहे थे।परेशान पर्यटकों ने कुछ देर के लिए स्टेशन पर हंगामा भी किया है लेकिन रेलवे पुलिस के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हो गया। कालका-शिमला रेलवे लाइन के ट्रैफिक इंस्पेक्टर केवल प्रकाश ने जानकारी दी कि इंजन में कुछ खराबी के कारण हिमालयन क्वीन ट्रैन नंबर 52455 कुछ समय के लिए खड़ी रही है। कालका से दूसरा इंजन मंगवाने के बाद ट्रेन को शिमला के लिए रवाना किया गया।
Project comprises of 170 steel bridges including Himachal’s First Steel Arch Bridge Till now, Arief Engineers has managed to avoid long traffic jams The four-lane work of the 22.91 kilometre stretch of the National Highway from Solan to Kaithlighat seems on track. This work was awarded to Arief Engineers for 598 crores, who has the reputation of delivering quality work. The work was started on November 9, 2018, and the target is to complete this work within 910 days. In these nine months, the company has delivered quite satisfactorily and unlike Parwanoo-Solan patch, the company managed to avoid long traffic jams and hurdles, in spite of the cutting work going on. Arief Engineers believes that steel is the future and the same is reflected on Solan to Kaithlighat four-lane project. Out of total 22.91 km stretch, 1.610 km area has to be covered by the construction of steel bridges, including Himachal’s first Steel Arch Bridge. While moving from Chambaghat to Kaithlighat, the first steel bridge is proposed at initiation point, i.e., at Chambaghat only. Here one-kilometre long ROB (Railway Over Bridge) is proposed. Approx. ten thousand tons of steel has to be used in constructing this bridge. Next steel bridge is proposed near Mohan Meakin which is 152 meters long. After moving a few kilometres from here, another bridge of 170 metres is proposed near Shivalaya. Here the First Steel Arch bridge of Himachal Pradesh is going to be built. According to Amit Mallick, General Manager at Airef Engineers “This bridge would be a state of the art bridge, not only in Himachal Pradesh but in whole India.” Next steel bridge in proposed to be built near Kandaghat Petrol Pump. It would be a 390-metre long bridge to be built parallel to the existing road. From 240 metres away from the end point of this bridge towards Shimla, 500 meters long tunnel will start. As claimed by the Arief Engineers, 50 meter trench of this tunnel has been already completed. Next major proposed bridges are 40-meter long steel bridge at Kuarag, 20-metre long bridge near Waknaghat and Railway Over Bridge at Kaithlighat. “Overall 170 small steel bridges are going to be constructed between Solan to Kaithlighat,” Amit Mallick shared. The Experience of Mallick is working out… The General Manager of Arief Engineers, Amit Mallick is a highly experienced civil engineer. He contributed in building India’s two prominent steel bridges, 4.93 kilometre long steel bridge on River Brahmaputra in Assam and 4.50 kilometre steel bridge on River Ganga in Patna. The ongoing smooth construction shows that his experience is benefitting the four-lane work of Chambaghat to Kaithlighat patch of Kalka-Shimla NH. In conversation with First Verdict, Mallick shared that till now about 100 crores have been spent on the construction. He said, “The steel is the future of construction, not concrete.” According to him “The cost of constructing steel bridges is about 30 percent more than concrete but the life is also much more than concrete construction.”
राजधानी शिमला में पिता और बेटी के रिश्ते को शर्मसार कर देने वाला एक मामला सामने आया है, जहां कलयुगी पिता ने अपनी नाबालिग बेटी को ही हवस का शिकार बना डाला। मूल रूप से जिला सिरमौर के शिलाई से ताल्लुक रखने वाली पीड़िता शिमला में अपने परिवार संग किराए के मकान में रहती थी।16 साल की पीड़िता शिमला के एक स्कूल में दसवीं कक्षा में पढ़ रही थी। जानकारी के अनुसार घटना शिमला के सदर थाना इलाके की है। शुक्रवार को कमरे में अपनी बेटी को अकेला पाकर आरोपी ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म किया। पीड़िता ने मां को अपनी आपबीती बताई। इसके बाद शुक्रवार देर रात सदर थाने में पीड़िता की शिकायत पर शिमला पुलिस ने दुराचार के आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। शिकायत पर आईपीसी की धारा-376 के तहत केस दर्ज किया है। साथ ही पोक्सो एक्ट भी लगाया गया है। अहम बात यह है कि शिमला पुलिस के अधिकारी इस पूरे मामले में कुछ भी बोलने से बच रहे हैं।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शुक्रवार को गुजरात के अहमदाबाद में रोड शो किया। ये रोड शो राज्य में निवेश आमंत्रित करने हेतु था। प्रदेश सरकार ने गुजरात के कई बड़े औद्योगिक घरानों के साथ 880 करोड़ रुपये के एमओयू हस्ताक्षरित किए हैं। ये कंपनियां करेगी हिमाचल में निवेश:- सेंटौर एनर्जी 360 करोड़ रुपये अल्ट्राकैब इंडिया 110 करोड़ गुजरात अंबुजा एक्सपोर्ट लिमिटेड 100 करोड़, ईएसएसएसीटी प्रोजेक्ट (क्रिएटिव च्वाइस ग्रुप) 100 करोड़, इसेक्ट प्रोजेक्ट मैनेजमेंट 100 करोड़ जेजे पीवी सोलर प्राइवेट लिमिटेड 40 करोड़ मैसर्ज चंद्रेश केबल्स 40 करोड़ ईशान नेटसोल प्राइवेट लिमिटेड 20 करोड़ रुपये ब्लू रे एविएशन 10 करोड़ कचरे से ऊर्जा परिवर्तित करेगी एबिलॉन क्लीन गुजरात स्थित एबिलॉन क्लीन एनर्जी के प्रबंध निदेशक आदित्य हांडा ने हिमाचल प्रदेश में पीपीपी मोड पर कचरे को ऊर्जा में परिवर्तित करने के लिए इकाई स्थापित करने की इच्छा जताई। अंबुजा एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक मनीष गुप्ता ने खाद्य प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने, ईएसएसएसीटी के सह-संस्थापक व मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुमंत काचरू ने थैरेपी तैयार कर वैलनेस केंद्र खोलने में रुचि दिखाई। चंद्रेश केबल्स लिमिटेड के प्रतिनिधि अभिवंदन सी लोधा और आरके जैन ने केबल निर्माण इकाई स्थापित करने की इच्छा व्यक्त की।
State Bank of India, the country’s largest bank has waived charges on immediate payment services and real -time gross settlement (RTGS) transactions through internet and mobile banking. It is applicable with effect from July 1, 2019. This is not all, the bank has also decided not to charge any fee on fund transfer through mobile phones using immediate payment service (IMPS) w.e.f August 1, 2019. With a market share of around 25 percent, SBI is the India’s largest bank. At the end of FY 2018-19, the SBI has customers using internet banking were more than six crore customers and those who were availing mobile banking facility were around 1.41 crores. The bank’s decision to abolish charges on using internet and mobile banking will benefit million of customers. The bank has taken this decision after receiving guidelines from RBI to promote digital transactions.
जो भी भक्त यहाँ सच्चे मन से आता है, वो खाली हाथ वापस नहीं जाता। हर साल यहां लाखों लोग मां का आर्शीवाद लेने पहुंचते हैं और माँ सबकी मनोकामनाएं पूरी करती है। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला से लगभग 11 किलोमीटर दूर खूबसूरत पहाड़ की चोटी पर स्थित माँ तारा देवी मंदिर माता रानी के अद्भुत चमत्कारों के लिए मशूहर है। प्रकृति की गोद में स्थित लगभग 250 वर्ष पुराना त्रिगुणात्मक शक्तिपीठ धाम तारादेवी मंदिर पुरे भारत वर्ष के प्रसिद्ध शक्तिपीठों में से एक है। मंदिर के साथ करीब दो किलोमीटर नीचे जंगल में शिवबावड़ी भी है। मान्यता है कि इस बावड़ी में पैसे अर्पण करने से सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। तारादेवी मंदिर के निर्माण की कहानी बड़ी भी बेहद रोचक है। इस मंदिर का निर्माण जुन्गा क्योंथल नरेश राजा भूपेंद्र सेन ने करवाया था। भूपेंद्र सेन सेन वंश के सबसे ताकतवार राजाओं में से एक थे। कहा जाता है कि एक बार राजा भूपेंद्र सेन शिकार के लिए तारादेवी के घने जंगलों में चले गए। इसी दौरान उन्हें मां तारा और भगवान हनुमान के दर्शन हुए। मां तारा ने इच्छा जताई कि वह इस स्थल में बसना चाहती हैं, ताकि भक्त यहां आकर आसानी से उनके दर्शन कर सके। राजा ने भी हामी भर दी। इसके बाद राजा ने अपनी आधी से ज्यादा जमीन मंदिर निर्माण के लिए सौंप दी और यहां मंदिर निर्माण का काम शुरू हो गया। कुछ समय बाद जब मां का मंदिर तैयार हुआ तो राजा ने लकड़ी की मूर्ति के स्वरूप में यहां माता को स्थापित कर दिया। कहते हैं भूपेंद्र सेन के बाद मां ने उनके वशंज बलबीर सेन को भी दर्शन दिए। सेन ने यहां अष्टधातु की मूर्ति स्थापित की और मंदिर का निर्माण आगे बढ़ाया। इसलिए विशेष है माँ तारा देवी का मंदिर:- माँ तारा देवी जुन्गा क्योंथल नरेश की कुलदेवी है। मंदिर में माँ तारा देवी की अष्टधातु की मूर्ति विराजमान है। कहा जाता है कि 250 साल पहले मां तारा की प्रतिमा को पश्चिम बंगाल से लाया गया था। राजा भूपेंद्र सेन ने अपनी जमीन का एक बड़ा हिस्सा मंदिर बनवाने के लिए दान किया था। कुछ समय बाद मंदिर का काम पूरा हो गया और लकड़ी की बनी मां की मूर्त यहां स्थापित कर दी गई। राजा भूपेंद्र सेन के बाद राज बलबीर सेन को भी मां ने दर्शन दिए जिसके बाद सेन ने अष्टधातु की मूर्त यहां स्थापित की और मंदिर का निर्माण किया। जुन्गा का राज परिवार हर साल नवरात्र उत्सव के अष्टमी के दिन यहां पूजा करने आते हैं उस समय मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। यहां गांव में जब भी कोई फसल या अन्य चीजें तैयार होती है तो सबसे पहले मां के चरणों में समर्पित की जाती है। चोटी पर बने इस मंदिर के एक ओर घने जंगल है जबकि दूसरी ओर सड़कें। यह मंदिर अब बस सेवा से भी जुड़ गया है। इस मंदिर में लोग श्रद्धा भाव से मंदिर में भंडारे करवाते हैं। अगर किसी श्रद्धालु को मंदिर में भंडारा करवाना है तो लंबा इंतजार करना पड़ता है।भंडारे के दिन की डेट अलॉट होने के एक दिन पहले लोगों को यहां राशन छा़ेड़ना होता है। मंदिर प्रबंधक का कहना है कि जो भी भक्त यहां भंडारा देना चाहते हैं वह मंदिर कार्यालय समय में सुबह दस बजे से पांच बजे आकर बुकिंग कर सकता है। देवी दुर्गा के 108 नाम 1. सती : अग्नि में जल कर भी जीवित होने वाली 2. साध्वी : आशावादी 3. भवप्रीता : भगवान् शिव पर प्रीति रखने वाली 4. भवानी : ब्रह्मांड की निवास 5. भवमोचनी : संसार बंधनों से मुक्त करने वाली 6. आर्या : देवी 7. दुर्गा : अपराजेय 8. जया : विजयी 9. आद्य : शुरूआत की वास्तविकता 10. त्रिनेत्र : तीन आँखों वाली 11. शूलधारिणी : शूल धारण करने वाली 12. पिनाकधारिणी : शिव का त्रिशूल धारण करने वाली 13. चित्रा : सुरम्य, सुंदर 14. चण्डघण्टा : प्रचण्ड स्वर से घण्टा नाद करने वाली, घंटे की आवाज निकालने वाली 15. महातपा : भारी तपस्या करने वाली 16. मन : मनन- शक्ति 17. बुद्धि : सर्वज्ञाता 18. अहंकारा : अभिमान करने वाली 19. चित्तरूपा : वह जो सोच की अवस्था में है 20. चिता : मृत्युशय्या 21. चिति : चेतना 22. सर्वमन्त्रमयी : सभी मंत्रों का ज्ञान रखने वाली 23. सत्ता : सत्-स्वरूपा, जो सब से ऊपर है 24. सत्यानन्दस्वरूपिणी : अनन्त आनंद का रूप 25. अनन्ता : जिनके स्वरूप का कहीं अन्त नहीं 26. भाविनी : सबको उत्पन्न करने वाली, खूबसूरत औरत 27. भाव्या : भावना एवं ध्यान करने योग्य 28. भव्या : कल्याणरूपा, भव्यता के साथ 29. अभव्या : जिससे बढ़कर भव्य कुछ नहीं 30. सदागति : हमेशा गति में, मोक्ष दान 31. शाम्भवी : शिवप्रिया, शंभू की पत्नी 32. देवमाता : देवगण की माता 33. चिन्ता : चिन्ता 34. रत्नप्रिया : गहने से प्यार 35. सर्वविद्या : ज्ञान का निवास 36. दक्षकन्या : दक्ष की बेटी 37. दक्षयज्ञविनाशिनी : दक्ष के यज्ञ को रोकने वाली 38. अपर्णा : तपस्या के समय पत्ते को भी न खाने वाली 39. अनेकवर्णा : अनेक रंगों वाली 40. पाटला : लाल रंग वाली 41. पाटलावती : गुलाब के फूल या लाल परिधान या फूल धारण करने वाली 42. पट्टाम्बरपरीधाना : रेशमी वस्त्र पहनने वाली 43. कलामंजीरारंजिनी : पायल को धारण करके प्रसन्न रहने वाली 44. अमेय : जिसकी कोई सीमा नहीं 45. विक्रमा : असीम पराक्रमी 46. क्रूरा : दैत्यों के प्रति कठोर 47. सुन्दरी : सुंदर रूप वाली 48. सुरसुन्दरी : अत्यंत सुंदर 49. वनदुर्गा : जंगलों की देवी 50. मातंगी : मतंगा की देवी 51. मातंगमुनिपूजिता : बाबा मतंगा द्वारा पूजनीय 52. ब्राह्मी : भगवान ब्रह्मा की शक्ति 53. माहेश्वरी : प्रभु शिव की शक्ति 54. इंद्री : इन्द्र की शक्ति 55. कौमारी : किशोरी 56. वैष्णवी : अजेय 57. चामुण्डा : चंड और मुंड का नाश करने वाली 58. वाराही : वराह पर सवार होने वाली 59. लक्ष्मी : सौभाग्य की देवी 60. पुरुषाकृति : वह जो पुरुष धारण कर ले 61. विमिलौत्त्कार्शिनी : आनन्द प्रदान करने वाली 62. ज्ञाना : ज्ञान से भरी हुई 63. क्रिया : हर कार्य में होने वाली 64. नित्या : अनन्त 65. बुद्धिदा : ज्ञान देने वाली 66. बहुला : विभिन्न रूपों वाली 67. बहुलप्रेमा : सर्व प्रिय 68. सर्ववाहनवाहना : सभी वाहन पर विराजमान होने वाली 69. निशुम्भशुम्भहननी : शुम्भ, निशुम्भ का वध करने वाली 70. महिषासुरमर्दिनि : महिषासुर का वध करने वाली 71. मधुकैटभहंत्री : मधु व कैटभ का नाश करने वाली 72. चण्डमुण्ड विनाशिनि : चंड और मुंड का नाश करने वाली 73. सर्वासुरविनाशा : सभी राक्षसों का नाश करने वाली 74. सर्वदानवघातिनी : संहार के लिए शक्ति रखने वाली 75. सर्वशास्त्रमयी : सभी सिद्धांतों में निपुण 76. सत्या : सच्चाई 77. सर्वास्त्रधारिणी : सभी हथियारों धारण करने वाली 78. अनेकशस्त्रहस्ता : हाथों में कई हथियार धारण करने वाली 79. अनेकास्त्रधारिणी : अनेक हथियारों को धारण करने वाली 80. कुमारी : सुंदर किशोरी 81. एककन्या : कन्या 82. कैशोरी : जवान लड़की 83. युवती : नारी 84. यति : तपस्वी 85. अप्रौढा : जो कभी पुराना ना हो 86. प्रौढा : जो पुराना है 87. वृद्धमाता : शिथिल 88. बलप्रदा : शक्ति देने वाली 89. महोदरी : ब्रह्मांड को संभालने वाली 90. मुक्तकेशी : खुले बाल वाली 91. घोररूपा : एक भयंकर दृष्टिकोण वाली 92. महाबला : अपार शक्ति वाली 93. अग्निज्वाला : मार्मिक आग की तरह 94. रौद्रमुखी : विध्वंसक रुद्र की तरह भयंकर चेहरा 95. कालरात्रि : काले रंग वाली 96. तपस्विनी : तपस्या में लगे हुए 97. नारायणी : भगवान नारायण की विनाशकारी रूप 98. भद्रकाली : काली का भयंकर रूप 99. विष्णुमाया : भगवान विष्णु का जादू 100. जलोदरी : ब्रह्मांड में निवास करने वाली 101. शिवदूती : भगवान शिव की राजदूत 102. करली : हिंसक 103. अनन्ता : विनाश रहित 104. परमेश्वरी : प्रथम देवी 105. कात्यायनी : ऋषि कात्यायन द्वारा पूजनीय 106. सावित्री : सूर्य की बेटी 107. प्रत्यक्षा : वास्तविक 108. ब्रह्मवादिनी : वर्तमान में हर जगह वास करने वाली
उसकी अदाकारी का असर कुछ ऐसा था कि आज भी लोग अपने बच्चों का नाम प्राण नहीं रखते। हम बात कर रहे है बॉलीवुड के सबसे बड़े खलनायक प्राण सिकंद की। आज प्राण साहब की पुण्यतिथि है। 1940 से 1980 के दशक तक प्राण की बॉलीवुड में तूती बोलती थी। जब प्राण पर्दे पर आते थे तो लोग उन्हें गालियां देने लगते। यूँ तो बॉलीवुड में एक से बढ़कर एक खलनायक हुए, लेकिन प्राण जैसा न कभी कोई था और न शायद कभी हो । पुरानी दिल्ली, ब्रिटिश भारत में 12 फरवरी 1920 को प्राण एक मिडिल क्लास परिवार में जन्म हुआ । जब 19 के हुए तो हीरो बनने लाहौर चले गये। 1940 में उन्हें फिल्म 'यमला जट' में काम करने का अवसर मिला और प्राण हीरो बन गए । लाहौर में करीब 22 पंजाबी फिल्मों में काम करने के बाद जब 1947 में भारत और पाकिस्तान का विभाजन हुआ और प्राण वापस हिंदुस्तान लौट आये। फिर संघर्ष का दौर शुरू हुआ, लेकिन प्राण हालत से हारने वाले नहीं थे। एक साल स्ट्रगल करने के बाद उन्हें फिल्म 'बांबे टॉकीज' मिली और प्राण का भारतीय सिनेमा में रोमांचक सफर शुरू हुआ। खलनायक बने और ऐसे बने कि लोग उनसे नफरत करने लगे, दरअसल यही प्राण की असली कामयाबी थी। एक दौर ऐसा भी आया कि बगैर प्राण के कोई बड़ी बॉलीवुड फिल्म बनती ही नहीं थी। कहा तो ये भी जाता है कि उस दौर के कई अभिनेता इसलिए फिल्म छोड़ देते थे क्यूंकि उसमे प्राण होते थे । प्राण ने सिर्फ खलनायक के किरदार कर ही अपनी प्रतिभा नहीं मनवाई, बल्कि कई ऐसे पॉजिटिव किरदार भी निभाए जो कालजयी बन गए । चाहे फिल्म 'जंजीर' में पठान शेर खान का किरदार हो, या 'अमर अखबर एंथनी','उपकार', 'विक्टोरिया 203', 'सनम बेवफा', 'डॉन', 'दोस्ताना' जैसी फिल्मों में उनके द्वारा निभाए गए किरदार, प्राण ने हमेशा अमिट छाप छोड़ी । वर्ष 2013 तक अपने फिल्मी करियर में और भी कई अवार्ड बटोर चुके प्राण ने 93 की उम्र में आखिरी सांस ली । पर प्राण आज भी अपने चाह्वानो के दिलों में राज करते है ।
Her name is the synonym for courage, her name is the synonym for determination, her name is the synonym for fearlessness and her name is the synonym for nerve. She actually need no introduction, she is Malala. The youngest ever Nobel Peace Prize receiver and Girl’s Education Activist. In words of Malala “I tell my story not because it is unique, but because it is the story of many girls.” Today is her birthday and today is the day of hope for ton many girls like Malala, today is Malala Day. First Verdict salutes Malala for her contribution in attracting the attention of world on situation of girl’s education, particularly in Pakistan and Taliban dominant areas. The Journey of Malala 1997 - Malala Yousafzai was born in Mingora, Pakistan on July 12, 1997. 2008 - Taliban took over Swat Valley and Malala had to left her school after Taliban threat. 2008 -Malala Yousafzai was only 11 years old when she blogged for the BBC about living in Pakistan and girl eduction n Pakistan. 2012 - Malala publicly spoke out about girl’s right to Education. As a result she was shot in head by Taliban Gunman, but fortunately survived. 2013- Malala was nominated for the Nobel Prize in 2013 but did not win; she was renominated in March 2014. 2013 - On 12 July 2013, Yousafzai's 16th birthday, she spoke at the UN to call for worldwide access to education. The UN dubbed the event "Malala Day." 2013 -On October 10, 2013, in acknowledgement of her work, the European Parliament awarded Yousafzai the Sakharov Prize for Freedom of Thought 2014 -In October 2014,Malala Yousafzai became the youngest recipient of the Nobel Peace Prize. She was awarded the Nobel along with Indian children's rights activist Kailash Satyarthi. 2017- In April 2017, United Nations Secretary-General Antonio Guterres appointed Yousafzai as a U.N. Messenger of Peace to promote girls education. 2017- Yousafzai was also given honorary Canadian citizenship in April 2017. She is the sixth person and the youngest in the country’s history to receive the honor.
यहाँ भगवान भोलेनाथ सिर्फ सिगरेट का कश ही नहीं लगाते बल्कि सिगरेट के धुएं को हवा में भी उड़ाते हैं। ये सुनने में भले ही अजीब लगे मगर महादेव के भक्त तो यही मानते है। हम बात कर रहे हैं हिमाचल प्रदेश के जिला सोलन की अर्की तहसील में स्थित लुटरू महादेव मंदिर की। पहाड़ियों पर प्राकृतिक सुंदरता के बीच स्थित इस मंदिर की खासियत यह है कि यहां दर्शन के लिए आनेवाले सभी भक्त भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए शिवलिंग को सिगरेट अर्पित करते हैं। शिवलिंग पर सिगरेट अर्पित करने के बाद उसे कोई सुलगाता नहीं है बल्कि वो खुद-ब-खुद सुलगती है।बाकायदा सिगरेट से धुआं भी निकालता हैं, मानो स्वयं भोले बाबा सिगरेट के कश लगा रहे हो। हालांकि कुछ लोग इसमें विज्ञान तलाश इसे अंधविश्वास भी करार देते हैं, किन्तु भोले के भक्तों के लिए तो ये शिव की महिमा हैं। आखिर भक्त और भगवान को विश्वास ही तो जोड़ता हैं। लुटरू महादेव मंदिर का निर्माण सन 1621 में करवाया गया था। कहा जाता हैं कि बाघल रियासत के तत्कालीन राजा को भोलेनाथ ने सपने में दर्शन देकर मंदिर निर्माण का आदेश दिया था। एक मान्यता ये भी हैं कि स्वयं भगवान शिव कभी इस गुफा में रहे थे। आग्रेय चट्टानों से निर्मित इस गुफा की लम्बाई पूर्व से पश्चिम की तरफ लगभग 25 फ़ीट तथा उत्तर से दक्षिण की ओर 42 फ़ीट है। गुफा की ऊंचाई तल से 6 फ़ीट से 30 फ़ीट तक है।गुफा के अंदर मध्य भाग में 8 इंच लम्बी प्राचीन प्राकृतिक शिव की पिंडी विधमान है। इसलिए विशेष हैं लुटरू महादेव मंदिर:- लुटरू महादेव मंदिर में सदियों से शिवलिंग को सिगरेट पिलाई जा रही है। भक्त इसे चमत्कार मानते हैं, तो कुछ लोग इसे विज्ञान करार देते हैं, पर यहाँ सच में ऐसा होता आ रहा हैं। लुटरू महादेव मंदिर में स्थापित शिवलिंग भी अपने आप में बेहद अनोखा है। शिवलिंग पर जगह- जगह गड्ढे बने हैं और इन्हीं गड्ढों में लोग सिगरेट को फंसा देते हैं। लुटरू महादेव गुफा की छत में परतदार चट्टानों के रूप में भिन्न भिन्न लंबाइयों के छोटे छोटे गाय के थनो के अकार के शिवलिंग हैं। मान्यता के अनुसार इनसे कभी दूध की धारा बहती थी। शिवलिंग के ठीक ऊपर एक गुफा पर छोटा सा गाय के थन के जैसा एक शिवलिंग बना है ,जहाँ से पानी की एक-एक बूँद ठीक शिवलिंग के ऊपर गिरती रहती है। लुटरू गुफा को भगवान परशुराम की कर्मस्थली भी कहा जाता हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार सहस्त्र बाहु का वध करने के बाद भगवान परशुराम ने यहाँ भगवान शिव की आराधना की थी। पंजाब के चमकौर साहिब के शिवमंदिर के महात्मा शीलनाथ भी करीब चार दशक पूर्व लुटरू महदेव में आराधना करते थे। शिवलिंग पर जलते हुए सिगरेट के अद्भुत नज़ारे को देखने के बाद लोग इसे कैमरे में कैद करने से खुद को नहीं रोक पाते है और ऐसा करने पर कोई पाबंदी भी नहीं हैं। वर्ष 1982 में केरल राज्य में जन्मे महात्मा सन्मोगानन्द सरस्वती जी महाराज लुटरू महादेव मंदिर में पधारे। उनकी समाधि भी यही बनी हुई है। गुफा के नीचे दूर- दराज से आने वाले भक्तों के लिए धर्मशाला भी बनाई गई हैं । शिव की लीला शिव ही जानें भोलेनाथ शिवशंकर की लीला तो वे स्वयं ही जानते हैं किन्तु लुटरू महादेव मंदिर में शिवलिंग का सिगरेट पीना किसी अचम्भे से कम नहीं हैं। यदि वैज्ञानिक कारण भी हैं तो ऐसा सिर्फ शिवलिंग पर सिगरेट चढाने से ही क्यों होता हैं। न भक्तों की आस्था पर कोई प्रश्न हैं और न ही शिव की महिमा पर। अब ऐसा क्यों होता हैं और कैसे होता हैं, ये तो स्वयं शिव ही जाने।
राजधानी शिमला के लोअर बाजार में उस वक्त हड़कंप मच गया जब एक भवन की खुदाई के दौरान एक कंकाल निकला।हालांकि अधिक खुदाई करने पर ज्ञात हुआ कि उक्त कंकाल किसी जानवर का है।उक्त भवन करीब 150 से 200 साल पुराण है और अंदाजा लगाया जा रहा है कि यह कंकाल भेड़िया प्रजाति व जंगली कुत्ते का हो सकता है। हालांकि कंकाल की जांच के बाद ही आधिकारिक तौर पर कुछ कहा जा सकता है ।
डॉ यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी में छह दिवसीय बागवानी प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। यह शिविर विश्वविद्यालय के विस्तार शिक्षा निदेशालय में 5-10 जुलाई 2019 के बीच आयोजित किया गया। इस शिविर को सतलुज जल विद्युत निगम द्वारा प्रायोजित किया गया। जिला शिमला के रामपुर क्षेत्र से 50 बागवानों ने इस शिविर में हिस्सा लिया। इस शिविर में बागवानी, मशरूम उत्पादन, सब्जी उत्पादन, रोग एवं कीट निवारण, बागीचों में काट-छांट, सेब में सघन खेती एवं मिट्टी परीक्षण जैसे विषयों पर वैज्ञनिकों ने जानकारी दी।शिविर के समापन समारोह में निदेशक अनुसन्धन एवं विस्तार शिक्षा डॉ जे. एन. शर्मा ने बागवानों से इन नवीनतम जानकारियों को अपनी बागवानी में अपनाने का आहवान् किया। इस अवसर पर सयुंक्त निदेशक प्रशिक्षण डॉ माई चंद और प्रशिक्षण संयोजक डॉ अनिल सूद एवं डॉ मणिका तोमर के अलावा निदेशलाया के अन्य वैज्ञानिक भी मौजूद रहे। उन्होनें डॉ जेएन शर्मा और सभी प्रशिक्षणार्थियों का धन्यवाद किया।
मौसम विभाग के अनुसार16 जुलाई तक पूरे प्रदेश में मौसम खराब बना रहने का पूर्वानुमान है। मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश के चंबा, कांगड़ा, बिलासपुर, हमीरपुर, मंडी, ऊना, सोलन और सिरमौर जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने पूरे प्रदेश में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। बता दें पिछले कई दिनों से लगातार भारी बारिश होने से प्रदेश के कई क्षेत्रों में नदी-नाले उफान पर आ गए हैं।
कांग्रेस का बुरा समय ज़ारी हैं। कर-नाटक के बाद अब गोवा में भी पार्टी को झटका लगा हैं। यहाँ कांग्रेस के 15 में से 10 विधायक बुधवार देर शाम भाजपा में शामिल हो गए हैं, जिनमें विपक्ष के नेता बाबू कावलेकर भी शामिल हैं। बताया जा रहा हैं कि ये सभी विधायक बिना किसी शर्त के भाजपा में शामिल हुए हैं। इसके बाद प्रदेश में भाजपा की ताकत अब बढ़कर 27 हो गई है। कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होने वाले नेताओं में बाबू कावलेकर, बाबुश मोनसेराट, उनकी पत्नी जेनिफर मोनसेरेट, टोनी फर्नांडिस, फ्रांसिस सिल्वेरा, फिलीप नेरी रोड्रिग्स, क्लैफासियो, विलफ्रेड सा, नीलकांत हलंकर और इसिडोर फर्नांडीस शामिल हैं। गौरतलब है कि गोवा में अभी भाजपा की सरकार है। 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। पर कांग्रेस के 10 विधायकों के भाजपा में शामिल हो जाने के बाद कांग्रेस के पास केवल 5 विधायक रह जाएंगे। इसके बाद गोवा में भाजपा को अब सरकार चलने के लिए छोटे दलों की जरुरत नहीं रहेगी।
The Union Cabinet approved amendments in POCSO ( Protection of Children from Sexual Offences) Act on Wednesday, which deals with crime against children. According to the information, now POSCO act included death penalty for sexual assault on minors. Post amendments, Act also provide for fines and imprisonment to curb child pornography. The government aims at discouraging the trend of child sexual abuse by implementing strong penal provisions incorporated in the Act. Earlier, the Centre had brought these amendments but it did not get approval from the Parliament. It is seen as another attempt by the Modi government after the cabinet approved the changes. What is POSCO Act ? The Protection of Children from Sexual Offences (POCSO) Act 2012 is established to protect children below the age of 18 years from sexual abuse, sexual harassment and pornography in India.
Abhinam Eye Care Centre, Solan has become the most trusted hospital for treatment of eyes. Each day, large number of patients arrive from across the Himachal and sometimes from other states also. The Hospital is equipped with latest equipments required for diagnosis & treatment. Moreover, Abhinam Eye Care Centre, Solan is affiliated by the Himachal Pradesh government and here patients may also avail the benefit of Ayushman Bharat Yojna. It is the first eye hospital of the region which is affiliated for Ayushman Bharat Scheme.In special conversation with First Verdict, Dr Namita Thakur and Dr. Abiraj K. Sinha from Abhinam Eye Care Center shared very useful information related to care of eyes. If you are 40 plus, you need regular eye check–up According to Dr Namita, change in near vision in 40 plus age is a normal thing, perhaps a person need glasses to see up close or may find it uneasy to adjust to glare or distinguishing some colours. She said, with age there is more risk of developing age-related eye diseases and conditions, which includes age-related macular degeneration, cataract, diabetic eye disease, glaucoma, low vision and dry eye. Dr Namita recommended everyone with 40 plus age should regularly visit an eye care professional for a comprehensive eye check up. There are so many eye diseases which have no early warning signs or symptoms, but a dilated exam can detect eye diseases in their early stages before vision loss occurs. Early detection and treatment can help a person saving his sight. If you are a diabetic, your eyes need extra care As told by Dr. Abiraj, Retina consultant at Abhinam Eye Care Centre "If you are a diabetic, than you must take extra care of your eyes, as diabetic eye disease is a complication of diabetes and a leading cause of blindness.” He shared that the most common form of diabetic eye disease is diabetic retinopathy which occurs when diabetes damages the tiny blood vessels inside the retina. He prescribed regular eye check-up for diabetic people. According to him, with a healthy life style one may minimise the chances of diabetic retinopathy, it is must to control blood sugar and cholesterol, to do regular work out, consume adequate fruits and vegetables & to avoid smoking and liquor consumption Consult the doctor if you have dry eye syndrome symptoms "If someone feels Burning sensation in eyes, Itchy eyes, Aching sensations, Heavy eyes, Fatigued eyes, Sore eyes, Dryness sensation, Red Eyes, Photophobia or Blurred vision, then probably Dry eye syndrome is the reason,” Dr Namita says. “But it is curable,” she added. Dr Namita shared that with the routine use of artificial tears and minor behavioural modifications one can significantly reduce dry eye symptoms.
जिला सोलन से सम्बन्ध रखने वाले “मेरा भोला है भंडारी” फेम हंसराज रघुवंशी आज कल काफी आहत में हैं। दरअसल “मेरा भोला है भंडारी” गीत से रातों-रात सुपरस्टार बने हंसराज रघुवंशी को लेकर सोशल मीडिया में सवाल उठाए जा रहे हैं कि वह नशे की प्रवृत्ति को प्रोत्साहित कर रहे हैं।इस मामले ने उस समय नया मोड़ ले लिया, जब रघुवंशी ने एक वीडियो सोशल मीडिआ में जारी कर इस पर स्पष्टीकरण दे दिया। हालांकि सोशल मीडिया में रघुवंशी के गीतों पर उठाए गए सवालों की बजाय उनका खुद का वीडियो अधिक वायरल हो रहा है। इसमें रघुवंशी का कहना है कि उन्होंने एक वर्ष पहले उन्होंने “गांजा” गीत शूट किया था। इस गीत में युवाओं की टोली को नशा करते हुए दिखाया गया था। दिलचस्प बात यह है कि रघुवंशी ने इस गीत को लेकर अपनी गलती को स्वीकार किया है। वहीं उनका कहना है कि उन्होंने तो साधुओं से जुड़े अधिक गीत बनाए हैं तो युवक साधु क्यों नहीं बन रहे हैं। रघुवंशी ने वीडियो में अपनी बात को दमदार तरीके से पेश किया है। कुल मिलाकर रघुवंशी ने सीधे शब्दों में अपनी बात कह दी है। अब फैसला जनता जनार्दन को ही लेना है कि रघुवंशी को एक आर्टिस्ट के रूप में प्रोत्साहित किया जाना चाहिए या फिर नहीं।
The Canadian Nobel Prize Laureate Alice Munroe turns 88 today with a massive achievement of turning the sublimity of women in the society in a different direction through her writings. The revolutionizing short story writer has won Man Booker International Prize in 2009 and Nobel Prize in Literature in 2013. Her first collection of short stories, ‘Dance of The Happy Shades’ (1968), is scented with the memories of the writer by the shore of Lake Huron, Ontario. The memoirs of her farmland history are sprinkled all over her stories. This collection was followed by ‘Lives of Girls and Women’ (1971), ‘What Do You Think You Are?’ (1978), ‘Runaway’ (2004) and many more. Alice Laidlaw Munro was born in Wingham, Ontario, Canada on July 10, 1931, in a fox farmer family. She has involved her life’s history and immigration experiences of her family in her earlier collections. They were simpler as compared to the later collections. ‘Dear Life’ is her latest collection. The Canadian Post released her honorary postage stamp in 2015.
डॉ वाईएस परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी के कुलपति पद को लेकर ज़ारी संशय समाप्त हो गया है। मंगलवार को डॉ परविंदर कौशल की नियुक्ति की अधिसूचना हिमाचल प्रदेश राज्यपाल सचिवालय द्वारा जारी की गई, जिसके बाद उन्होंने पदभार ग्रहण किया। डॉ॰ परविंदर कौशल, इससे पहले बिरसा कृषि विश्वविद्यालय,रांची,झारखंड के बतौर कुलपति कार्यरत थे। खासबात ये है कि डॉ॰ परविंदर कौशल जिला सोलन के ग्राम कहन्नी में जन्में डॉ कौशल नौणी विवि के पूर्व छात्र भी रह चुके हैं। उन्होंने अपनी एमएससी वानिकी की पढ़ाई विश्वविद्यालय से हासिल की है जिसके बाद फ्रांस के यूनिवर्सिटी ऑफ नैंसी से फॉरेस्ट्री में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। डॉ कौशल पिछले 35 वर्षों से शिक्षण, अनुसंधान और विकास, विस्तार और प्रशासन में सक्रिय रूप से शामिल हैं, जिसके बुते वे उसी विवि के उप कुलपति बने है , जहाँ कभी वे छात्र थे। डॉ परविंदर कौशल ने विभिन्न क्षमताओं में अलग अलग संस्थानों और विश्वविद्यालयों में अपनी सेवाएँ दी। इनमें से प्रमुख हैं, इंडियन काउंसिल फॉर फॉरेस्ट्री रिसर्च एंड एजुकेशन देहरादून (1979-1981), पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, लुधियाना में असिस्टेंट और एसोसिएट प्रोफेसर (1981-1992) और बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, रांची में वानिकी संकाय में डीन (2005-2009)। नौणी विश्वविद्यालय में पर्यावरण, जल और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के राष्ट्रीय वनीकरण और पर्यावरण विकास बोर्ड के क्षेत्रीय निदेशक और समन्वयक के रूप डॉ कौशल ने कई वर्षो तक कार्य किया। 100 से अधिक शोध पत्र हो चुके है प्रकाशित डॉ कौशल ने 100 से अधिक शोध पत्र और तकनीकी रिपोर्ट प्रकाशित करने के अलावा 13 से अधिक पुस्तकों के अध्याय और मैनुअल लिखे हैं। उन्होंने 26 विश्व कांग्रेस और अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में भाग लिया है और 63 परियोजनाओं को संभाला है। कई पुरस्कारों से सम्मानित डॉ कौशल को 1989 में राष्ट्रीय युवा वैज्ञानिक पुरस्कार और 2014 में हिमाचल श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्हें फ्रेंच सरकार द्वारा भी वर्ष 1984 में डॉक्टरल अनुसंधान के लिए फेलोशिप प्रदान की गई थी। इसके अलावा, उन्होंने फ्रांस, इटली, यूनाइटेड किंगडम, मैक्सिको, ऑस्ट्रिया, जर्मनी, स्विट्जरलैंड, यूगोस्लाविया, बेल्जियम, हॉलैंड, स्पेन, एस्टोनिया, कनाडा, फिनलैंड, तुर्की, मलेशिया और श्रीलंका सहित कई देशों का दौरा किया है।
जिला शिमला के ठियोग-हाटकोटी सड़क मार्ग पर एक गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई है, जबकि दो लोग घायल हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार मंगलवार सुबह गाड़ी नंबर HP-16-A-0513 कोटखाई के पास छोल नामक स्थान पर दुर्घटनाग्रस्त हो गई। गाड़ी में कुल पांच लोग सवार थे। सभी सवार सिरमौर के रहने वाले हैं। इनमें से तीन लोगों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। मरने वालों में दो पुरूष व एक महिला शामिल है।घायल आइजीएमसी शिमला में उपचाराधीन है। घायलों में से एक की हालत गंभीर बताई जा रही है।
संविधान निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर के नाम पर पंच तीर्थ बनाने वाली सरकार उनके नाम पर बने भवनों की भी देखरेख नहीं कर पा रही है। ऐसा ही एक मामला विकास खंड धर्मपुर की गोयला पंचायत का है। यहाँ बाबा साहेब के नाम पर बना भवन खंडर में तब्दील हो नशेड़ियों का अड्डा बना चूका है। लाखों की लागत वाले इस इस भवन का लोकार्पण 1 मई 2012 को हुआ था। दिलचस्प बात ये है कि इसका लोकार्पण सीएम जयराम ठाकुर ने किया था, जो तब प्रो प्रेम कुमार धूमल की सरकार में पंचायती राज मंत्री थे।इसके बाद वर्ष 2018 में डॉ आंबेडकर की 127 वीं जयंती के अवसर पर जयराम ठाकुर बतौर सीएम जिला सोलन में आये, पर उन्होंने इस विषय में संज्ञान नहीं लिया या शायद उन तक इस भवन की खस्ताहालत की जानकारी नहीं पहुंची। शराब की खाली बोतलें बयां कर रही हाल सीएम जयराम ठाकुर ने वर्ष 2012 में बतौर पंचायती राज मंत्री लाखों की लागत से बने जिस भवन का शुभारम्भ किया था वो अब खंडर बन चूका है। दरवाजे व खिड़कियां टूटी हुई है, आंगन में झाड़िया उगी हुई है। भवन में बिखरी शराब की खाली बोतलें बयां कर रही है कि ये भवन अब नशेड़ियों का अड्डा बन चूका है। पांच साल कांग्रेस ने नहीं ली सुध वर्ष 2012 के बाद पांच वर्ष प्रदेश में कांग्रेस का शासन रहा। वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में पांच साल चली कांग्रेस सरकार ने भी कभी इस भवन की सुध नहीं ली। दरअसल इन्हीं पांच सैलून में इस भवन की दुर्गति हुई है। वीरभद्र सरकार तो इस बदहाली के लिए जिम्मेवार है ही किन्तु बाबा साहिब के नाम पर पांच तीर्थ बनानी वाली भाजपा विपक्ष में रहकर भी कम से कम इस विषय पर तत्कालीन सरकार का ध्यान तो खींच ही सकती थी। उम्मीद है, सीएम को गोयला का आंबेडकर भवन याद रहे वर्तमान में प्रदेश में भाजपा की सत्ता है। बीते कुछ वर्षों में भाजपा ने डॉ भीमराव अंबेडकर के सम्मान में पंच तीर्थ बनाये है, उनके नाम से भीम एप शुरू की है और कई अन्य योजनाओं पर कार्य शुरू किया है। ऐसे में प्रदेश सरकार से अपेक्षित है वह ग्राम पंचायत गोयला के डॉ भीम राव अंबेडकर भवन की सुध भी लेगी और इसकी मरम्मत हेतु आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए जायेगे। सीएम साहब, उम्मीद है आपको अपने ही द्वारा बनवाया गया गोयला पंचायत का भीमराव अंबेडकर भवन याद होगा ! पक्ष ..... मामला ध्यान में नहीं था। मैंने हाल ही में ज्वाइन किया है। जांच कर उचित कदम उठाएंगे ।
हिमाचल प्रदेश में 9 जुलाई को आसमान से आफत बरस सकती है। मौसम विभाग ने अगले 3 दिन के लिए प्रदेश में अलर्ट जारी किया है। 9 जुलाई को प्रदेश में येलो अलर्ट जारी किया गया है।प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में भारी बारिश होने की चेतावनी जारी की गई है। लगातार हो रही बारिश से हिमाचल के नदी-नाले उफान पर हैं। ब्यास और सतलुज नदी का जलस्तर बढ़ रहा है। 8 जुलाई को प्रदेश में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इसका मतलब है प्रदेश के मध्यपर्वतीय और मैदानी इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश होगी। ऐसे में लोगों के लिए प्रशासन की ओर से एडवाज़री भी जारी की गई है। इसके अनुसार बारिश के समय घर से बाहर निकलने वाले लोगों को सावधानी बर्तने की जरूरत है।शिमला और प्रदेश के अन्य जिलों में बीते तीन दिन से रूकरूक कर बारिश का सिलसिला जारी है। लगातार प्रदेश में हो रही बारिश से बढ़े हुए तापमान से लोगों को राहत मिली है। रविवार को सोलन के कसौली में 33 एमएम, रेणुका जी में 54 एमएम, नाहन में 49 एमएम, बैजनाथ में 36 एमएम, पालमपुर में 31 एमएम और शिमला में 15 एमएम बारिश दर्ज की गई।वहीँ प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में 64.5 से 115.5 mm तक बारिश हो सकती है।। इसका असर प्रदेश के 9 जिलों में ज्यादा देखने को मिलेगा। प्रदेश में 13 जुलाई तक बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। इस कारण प्रदेश के तापमान में भी कमी आएगी।
Budget has the Vision to achieve $ 5 Trillion Economy goal - Uday "Corporate tax with a turnover of up to Rs 400 crore slashed to 25 per cent from a current rate of 30 per cent. It is truly a quality move by the government,” says Uday Kapoor, MD, Udayraj Advertisers. He further added "Budget has the vision to achieve a goal of $ five trillion economy. It is a balanced budget and has something for everyone.” Kapoor believes that the Budget has given a huge thrust to startups and Make in India. He also welcomed the initiative to give pension to the shopkeepers and traders. According to Uday Kapoor, the Government has a target of Rs 12,000 crore from the hike in the surcharge for the high-income group. This amount can be used in so many development works and it is fine to pull some extra tax from HNI’s. Budget Misses Corrective Measures for the Auto Industry- Anand "Budget has got a lot to promote electric vehicles like reducing the GST to 5 per cent, an exemption in customs duty on parts and most importantly the Income Tax rebate on the interest component paid for loans taken for purchasing electric vehicles. However, Budget has missed some form of a stimulus package which is much required for the auto industry at this point of time," says Vishal Anand, MD of Anand Toyota. He said, rather than promoting electric vehicles the Government must promote existing automobile industry at this point of time. Increase in fuel prices will also affect the industry adversely and corrective measures are much required to give a boost to the auto industry. Anand further added, Budget is aimed at overall economic development, but it was a disappointment for the automobile industry as a whole, which is presently reeling under a downshift. It is the Budget with a Vision - Vipul Goyal According to Vipul Goyal, it is the Budget with a vision; it is a Budget for 130 crore Indians. The budget reflects the roadmap to achieve a target of $5 trillion economy. Goyal says, "Budget replicates the intention to improve the living standard of common people. Provisions like electricity, cooking gas for every rural household by 2022, provision for labour law reforms, construction of nearly 1,25,000 km rural roads, construction of 1.95 crore houses in rural areas by 2021, and 10,000 new farmer producer organisations will directly benefit people, especially the rural population. It is a below Expectation Budget- Dinesh Verma Dinesh Verma, Managing Director of Verma Sons Jewellers says, "Budget is not up to the expectations. Government is setting high economic growth goals, that is fine, but there is no clear blueprint to achieve it. The macro picture seems good but how to implement the planning on the micro level is more important." "As expected the government increased the fuel prices which will add to inflation. As far as Jewellery sector is concerned an increase in import duty will adversely hit the industry. It may lead to a decrease in demand", he added.
Visionary Budget for Tourism Industry- Bharadwaj Included amongst the apex travel companies of the country, Colors of India called the Union Budget a visionary one for the tourism Industry. According to the Managing Director of the company, Narendra Bharadwaj "Decision to develop world-class 17 iconic tourism sites will pull domestic as well as inbound tourist. It is a great move by the government." He also appreciates the decision to create a digital tribal repository, in which photos, videos, details of origin, education, lifestyle, skill sets, traditional arts, and other anthropological information pertaining to tribal culture will be stored. Bhardwaj added " These initiatives will also boost the MICE industry ” added Mudras. No reduction in GST for coaching institutes- Bachchan Mr. Anurag Bachchan, Managing Director of Dronacharya IAS Academy, Chandigarh said that Union Budget 2019-20 has the provision of Rs 400 crore for world-class higher education institutions. The finance minister also announced that the government will launch a 'Study in India' scheme to encourage International Student exchange programs. The idea is simply to attract foreign students to India. However, no reduction in GST has been announced by the Finance Minister for the coaching institutions. Presently coaching institutions fall under the category of 18 percent GST, which is unfair. As far as the overall Budget is concerned it has more focused on boosting the rural economy, which is appreciable. Budget will benefit the entire economy in the long run- Arora Pharma Industrialist KD Arora, Managing Director of Instant Remedies says that it is a great decision to made PAN card and Aadhaar card interchangeable for filing tax returns. Arora said, now business establishments with annual turnover more than rupee 50 crores will need to offer low-cost digital modes of payments, it is a remarkable move by the government. He also welcomed the decision to levy corporate tax at a lower rate of 25 percent from companies with turnover up to Rs 400 crore. KD Arora believes that budget has the vision and will benefit not just the pharma industry but the entire economy in the long run. Truly a Jet Budget for Real Estate Sector- Mittal 'It is an amazing budget for real estate sector. Additional tax deduction of Rs 1.50 lakh on interest paid on home loans taken up to March 2020 will benefit the real estate sector in a great way," says Ashish Mittal, Managing Director of Royal Garden Premium, Chandigarh. The government has increased the tax deduction benefit against interest on home loans for affordable housing, with a value of up to Rs 45 lakhs by 75 percent, earlier it was two lakhs and now it is 3.5 lakhs, it is truly a jet move for real estate, he added. He believes that after this announcement, it is highly expected to attract fence-sitters back into the market, within the financial year 2019-20.
मोदी सरकार भाग दो का पहला बजट शुक्रवार को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश कर दिया है। बजट में पेट्रोल-डीजल पर एक रूपया सेस बढ़ाने की घोषणा की गई है जिससे आने वाले दिनों में महंगाई बढ़ सकती है। पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने से माल ढुलाई पर आने वाला खर्च बढ़ जाएगा, जिसका प्रभाव लगभग हर सामान की कीमत पर होना तय माना जा रहा है।बजट में सोना पर शुल्क 10 फीसद से बढ़ाकर 12.5 फीसदी कर दिया गया है। साथ ही ये भी घोषणा की गई है कि आने वाले दिनों में तंबाकू पर भी अतिरिक्त शुल्क लगाया जाएगा। सरकार ने इलेक्ट्रिक गाड़ियों के इस्तेमाल को भी प्रोत्साहित करने का निर्णय लिया हैं। बजट में इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर जीएसटी रेट 12 पर्सेंट से घटाकर 5 पर्सेंट कर दिया गया। इसके अलावा, इलेक्ट्रिक गाड़ियां खरीदने हेतु लिए गए लोन पर चुकाए जाने वाले ब्याज पर 1.5 लाख रुपये की अतिरिक्त इनकम टैक्स छूट भी देने का एलान किया है। मुख्य बिंदु... ''हर घर जल, हर घर नल'' के तहत 2024 तक हर घर में नल से होगी जल की आपूर्ति। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तीसरे चरण में 1,25,000 किलोमीटर लंबी सड़क को अगले पांच सालों में अपग्रेड किया जाएगा। मार्च 2020 तक 45 लाख रुपये तक की घर खरीद पर ब्याज के पुनर्भुगतान पर 1.5 लाख की अतिरिक्त छूट मिलेगी। 114 दिनों में जरूरतमंदों को घर बनाकर देने का लक्ष्य। 1.95 करोड़ घर बनाने का लक्ष्य। सालाना एक करोड़ रुपये से अधिक की नकदी निकासी पर अब दो फीसदी टीडीएस। सोने के आयात शुल्क पर 2.5 फीसदी की बढ़ोतरी की है। सालाना 2-5 करोड़ रुपये की कमाई वाले व्यक्तियों के सरचार्ज में 3 फीसदी व 5 करोड़ रुपये से अधिक की आय पर सरचार्ज में सात फीसदी का इजाफा। 400 करोड़ रुपये तक के रेवेन्यू वाले कंपनियों को अब 30 फीसदी के मुकाबले 25 फीसदी कॉरपोरेट टैक्स देना होगा। ये हुआ सस्ता - साबुन, शैंपू, हेयर ऑयल, टूथपेस्ट, डिटरजेंट वाशिंग पाउडर, बिजली का घरेलू सामानों पंखे, लैम्प, ब्रीफकेस, यात्री बैग, सेनिटरी वेयर, बोतल, कंटेनर, रसोई में इस्तेमाल होने वाले बर्तनों के अलावा गद्दा, बिस्तर, चश्मों के फ्रेम, बांस का फर्नीचर, पास्ता, मियोनीज, धूपबत्ती, नमकीन, सूखा नारियल, सैनिटरी नैपकिन, ऊन खरीदना सस्ता हुआ।
Shimla is known as the Queen of hills. The mesmerizing and picturesque views of the hills captivate every person who visits the place. Shimla is a place with pristine natural surroundings and quaint colonial architecture. Shimla is the capital of Himachal and also a retreat destination for most foreign tourists around the world. The snow-capped Himalayan peaks and green natural trails offer a breathtaking view of the city. Shimla is the most famous hill station of north India and a major Indian tourist hub. People often refer to Shimla as Shimla hills. What exactly is Shimla hill? Why the place is always synonymous with hills? Well, there is a reason behind this reference, read on to know more. Shimla is ideally located at the southwestern ranges of the Himalayan region. It is located 7238 feet above the sea level, which stands along a ridge with seven spurs. Shimla was built on top of seven different hills namely Inverarm Hill, Prospect Hill, Observatory Hill, Summer Hill, Elysium Hill, Bantony Hill, and Jakhoo Hill. In fact, the highest point is the Jakhoo hill that is located at the height of 8051 feet. The seven hills of Shimla 1.Inverarm Hill It’s a very famous hill in Shimla and it houses the Himachal state museum. The place is quiet and there is no buzz around it. Only a handful of tourists visit the hill when they come to visit the famous museum in Shimla. 2. Prospect Hill Prospect Hill is on the western side of Shimla city. It houses the very famous Kamna Devi Temple. Many devotees visit the place to seek divine intervention at this place. The hill is located at the height of 2200 meters above sea level. The view from this hill is spectacular. 3. Observatory Hill It’s located at the bottom towards the summer hill. The hill is located at the western part of Shimla. It has a height of 7050 ft above sea level. It houses the Indian Institute of advanced study, which is a major tourist attraction. 4. Summer Hill Summer hill is also located in the western part of Shimla. It's located at the height of 6500 feet above sea level. It is just 5 km away from the heart of the city. Its the center point of Kalka Shimla toy train. It also houses the famous Himachal Pradesh University campus. 5. Elysium Hill Its located in the northwestern part of Shimla. The place houses the famous state museum and bird park. The state museum gives a rich insight into the history and culture of Himachal city. Most people prefer trekking to get a panoramic view of this hill that is surrounded by flowers, trees, and forests. It also houses the Auckland house and Longwood. Elysium Hill is known as the 7th hill of Shimla. 6. Bantony Hill Bantony hill is located at the central part of the city just before the scandal point. It houses the famous Bantony Castle. The hill was named after Lord Bantony. He had built the castle on the hill as his summer residence. But, after independence, the place was used as a railway office. Today, no one uses the place and it's been declared as an impermissible place. 7. Jakhoo hill Its the most popular and famous hill of Shimla. In fact, its the highest point of Shimla that is located in the western part. It's located at a height of 8051 ft above sea level. It's just 2 km away from the city center. It houses the very famous ancient temple of Lord Hanuman. The place is popular for a 108-meter tall statue of Lord Hanuman There is a 2.5 steep climb from the ridge, which you need to take to reach the place. The place offers a mesmerizing view of sunset and sunrise that can leave you spellbound. Pine trees and deodar trees surround the hill. Shimla is surrounded by seven hills and hence its given the name of hill city. It's the most popular hill station in India. References to Shimla or Shimla hills Near Kufri region Just 20 km away from Shimla, there is another hill station, which is known as Kufri. The hill station was named by Britishers and is surrounded by mountains and great climate throughout the year. Different mountain ranges Shimla is surrounded by various mountain ranges. Trees such as deodar and oak are located in various parts of Shimla. It’s a home to the natural nature trail and magnificent valleys. The history behind it Shimla got its name from Goddess Shayamla Devi. Blessed with natural beauty and snow-capped peaks, it’s surrounded by hills and historical structures. Shimla straddles in a long eight-mile ridge that clings to the green hill slides. Shimla is a place that is bounded by the state of Uttarakhand that is in the mountain region. It's near the Mandi and Kullu region in the north and Kinnaur region in the south. The green belt in Shimla is spread around 414 hectares of land and there are so many places of attraction that fascinate the tourists. Ridge is the pedestrian esplanade that is situated along the Mall road in Shimla. Major places of Shimla like snow down and Jakhoo hill are connected through the ridge. The base ridge of Shimla had the thickest forestland in the area. Today, the same area is covered by Himalayan oak, pines, furs and rhododendron trees. Shimla hill station is the regal summer capital, which Britishers used to recoil when the temperature of Indio-Gangetic plains was agonizing. Be it the ancient stonework of the place or the spectacular viceregal lodge, the architectural excellence is still alive at the place. Shimla is surrounded by snow slopes of snowcapped mountain peaks so its the favorite spot for trekkers too. The mountain peaks also fascinate skiers from all over India. Shimla is the most beautiful hill station of India, truly the Queen of hills.