हिमाचल प्रदेश के परिवहन, वन एवं युवा सेवाएं व खेल मंत्री गोविन्द ठाकुर की पत्नी का कैश व गहनों से भरा बैग चोरी हो गया है। चोरों ने झांसा देकर उनकी गाड़ी से कैश और गहनों से भरा बैग उड़ा लिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार परिवहन मंत्री की पत्नी रजनी ठाकुर चंडीगढ़ के सेक्टर-8 में शॉपिंग के लिए गई थी। जब वो शॉपिंग के उतरी तो ड्राइवर गाड़ी में ही था। इसी बीच एक व्यक्ति आया और उसने ड्राइवर को पैसे गिरने का झांसा दिया। उसने कहा आपके पैसे गिर गए है। जैसे जी ड्राइवर गाड़ी से उतरा पीछे से उक्त व्यक्ति बैग लेकर फरार हो गया। रजनी ठाकुर ने शिकायत में बताया कि वह दिवाली के लिए शॉपिंग करने चंडीगढ़ आई थी। पुलिस फ़िलहाल ड्राइवर से पूछताछ कर रही है।
शिमला : प्रदेश की राजधानी शिमला सहित सोमवार को प्रदेश के कई हिस्सों में सुबह से ही बादल छाये है। इससे प्रदेश में हल्का ठंड का प्रकोप भी देखने को मिल रहा है। मौसम विभाग शिमला के निदेशक ने बताया कि कुल्लू व चंबा सहित कई हिस्सों में बारिश व रोहतांग में बर्फबारी हुई है। आगामी 24 घंटों के दौरान प्रदेश के ऊपरी इलाकों में बर्फबारी व निचले हिस्सों में बारिश की संभावना है। इसके बाद लगभग 1 सप्ताह में मॉनसून अलविदा कह देगा।
प्रदेश सरकार के नियंत्रण वाली शक्तिपीठों और मंदिरों में मिलने वाले प्रसाद की गुणवत्ता की जांच की जाएगी। वितरित होने वाला प्रसाद अगर गुणवत्तापूर्ण न हुआ तो उसे वितरित नहीं होने दिया जाएगा। मंदिरों के प्रसाद के अलावा आसपास की दुकानों में बिकने वाले प्रसाद पर भी सरकारी महकमे नजर रखेंगे। केंद्र सरकार के प्रोजेक्ट भोग के तहत हिमाचल के स्वास्थ्य सुरक्षा निदेशालय ने सभी ज़िलों के उपायुक्तों को इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए है। इस दौरान अगर गुणवत्ता खराब मिली तो पहले तो उत्पाद सीज़ किया जाएगा। साथ ही खाद्य अधिकारी दुकान भी सीज़ कर सकते है। इसकी शुरुआत जाखू मंदिर, तारा देवी मंदिर और संकटमोचन मंदिर से की जाएगी। इसके बाद अन्य ज़िलों के मंदिर के लिए भी यह प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश एल नारायण स्वामी ने पद एवं गोपनीयता की शपथ ग्रहण की। राजभवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय द्वारा एल नारायण स्वामी को हिमाचल हाईकोर्ट के 25वें मुख्य न्यायाधीश के तौर पर शपथ दिलाई गई। शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर सहित कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।
शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान में नवरात्र के उपलक्ष्य पर ज़िला प्रशासन द्वारा 108 कन्याओं का पूजन किया गया। 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' संदेश के साथ डीसी शिमला के मौजूदगी में मंत्रों के उच्चारण सहित कन्या पूजन किया गया। इस मौके पर कन्याओं ने पेंटिंग के माध्यम से भी बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर बल दिया। 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' का भी संदेश दिया गया ताकि बेटियों के लिंगानुपात को बढ़ाया जा सके।
4 अक्टूबर 2019 को हिमाचल एसटीपी कॉन्ट्रैक्ट वर्करज यूनियन (सीटू संबंधित) ने प्रमुख अभियंता सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग जल शक्ति भवन मुख्य कार्यालय के बाहर सीटू राज्य अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा के नेतृत्व में धरना प्रदर्शन किया। इसमें यूनियन ने कहा कि पावंटा साहिब के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से 8 मजदूरों को बिना नोटिस के 3 अगस्त को निकाल दिया और हिमाचल के सभी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांटो में ठेकेदारों द्वारा मजदूरों को श्रम कानून के दायरे में आने वाली कोई भी सुविधा नही दी जा रही है। इसके अलावा ठेकेदार मजदूरों के ईएसआई, ईपीएफ और छुटियों का पैसा भी ठेकेदार ही खा रहे है, प्लांटों में पूरी भर्तियां भी नही कर रहे है। धरने के बीच मे सीटू के पदाधिकारी और एसटीपी यूनियन के पदाधिकारी प्रमुख अभियंता से मिले जिस पर प्रमुख अभियंता ने कहा कि सभी मांगो पर विभाग के उच्च अधिकारियों के साथ यूनियन की मीटिंग 22 अक्तूबर 2019 को की जाएगी। इस धरने सीटू ज़िला उपाध्यक्ष विनोद वीरसांटा, उपाध्यक्षा हिमी देवी, सचिव बालक राम, राम प्रकाश,एसटीपी यूनियन अध्यक्ष दलीप सिंह, महासचिव मदन लाल, पंकज, भारतभूषण, रविश ठाकुर, इंद्र, क्षीतीज, केवल, टेकचंद आदि भी मौजूद रहे।
मध्यप्रदेश के शिवपुरी ज़िले में खुले में शौच कर रहे दो दलित बच्चों की पीट-पीटकर बुधवार की सुबह हत्या कर दी गई। वाल्मीकि समाज के दो बच्चे, रोशनी जिसकी उम्र 12 साल और अविनाश जिसकी उम्र 10 साल बताई जा रही है, पंचायत भवन के सामने सड़क पर शौच कर रहे थे। उन्हें पीट-पीटकर कर मौत के घाट पर उतार दिया। इसके विरोध में वीरवार शिमला में बाल्मीकि सभा ने धरना प्रदर्शन किया और ADC के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा। बाल्मीकि सभा का कहना है कि यह बहुत ही अमानवीय कृत्य है, यदि इन बच्चों की जगह कोई पशु भी होता तो उसे भी भगा दिया जाता परन्तु इन नाबालिग बच्चो को मौत के घाट उतार दिया गया। उन्होंने कहा कि इस घटना की जांच की जानी चाहिए और दोषियों को सजा दी जानी चाहिए। बता दे कि घटना के बाद पुलिस ने अभियुक्तों को गिरफ़्तार कर लिया है।
शिमला: हिमाचल प्रदेश में पुलिस अर्लट पर है। सुरक्षा एजेंसियों के आतंकी घुसपैठ के अलर्ट के बाद सभी ज़िलों में गश्त बढ़ाई गई है। आलम यह है कि राजधानी शिमला में स्पेशल फोर्स के जवान गश्त पर लगाए गए है। AK-47 और राइफल के साथ स्पेशल फोर्स के जवान शहर भर में तैनात किए गए है। सदिंग्धों पर कड़ी निगरानी के लिए चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात की गई है। गौरतलब है कि हाल ही में आतंकियों की घुसपैठ को लेकर सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत के बयान के बाद हिमाचल में भी अलर्ट जारी किया गया है। जम्मू-कश्मीर और पंजाब से लगती सीमाओं के अलावा कई स्थानों पर चौकसी बढ़ा दी गई है। साथ ही भीड़-भाड़ वाले इलाकों समेत प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों और धार्मिक स्थलों पर कड़ी निगरानी की जा रही है।
पंचकूला: सेक्टर-6 के सामान्य अस्पताल के स्टाफ की एक बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। यहां चल रहे एमआरआई एंड सिटी स्कैन सेंटर में 61 साल के बुजुर्ग राममेहर को एमआरआई मशीन में डालकर वहां के टेक्नीशियन भूल गए। इस बीच मरीज की सांसें टूटने पर उन्होंने काफी हाथ-पांव मारे, लेकिन बेल्ट बंधी होने के कारण वह हिल भी नहीं सके। लेकिन, बुजुर्ग ने हिम्मत नहीं हारी और लगातार जोर लगाते रहे। इस बीच बेल्ट टूट गई और वह मशीन से बाहर निकलने में कामयाब रहे। पीड़ित ने एमआरआई और सिटी स्कैन सेंटर के कर्मचारियों पर गंभीर आरोप लगाए है और उनकी शिकायत हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से की है। पीड़ित ने अपनी शिकायत में लिखा है कि अगर वह 30 सेकंड और बाहर नहीं आते तो उनकी मौत हो जाती।
इंदौर के एक शख्स ने अपनी बाइक में आग लगा दी और वहां से भाग गया। दरअसल, यह चालान का मामला है, ट्रैफिक पुलिस ने शख्स को रोककर 500 रुपये मांगे थे। घंटे भर उसने ट्रैफिक पुलिस से माफी मांगी लेकिन ट्रैफिक पुलिस ने कठोरता दिखाई। इससे परेशान होकर युवक ने अपनी बाइक में आग लगा ली और वहां से भाग गया। प्रत्यक्षदर्शी ने यह भी बताया कि ट्रैफिक पुलिस अपनी पहचान छिपाकर गाड़ियों को रोकते हैं और उनसे पैसे लेते हैं। एक अन्य स्थानीय ने बताया, ‘वे हमें रोकते है और कहते है कि हम पर 1000 रुपये का जुर्माना हो गया है और घूस के तौर पर 500 रुपये लेते है, और फिर हमें जाने की अनुमति मिलती है। जबकि मध्यप्रदेश में नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू भी नहीं हुआ है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ह्यूस्टन के एनआरजी स्टेडियम में रविवार 22 सितंबर को 50 हज़ार लोगों की विशाल भीड़ को संबोधित करेंगे। पहली बार किसी देश के नेता अमेरिका में इतना बड़ा शो करने जा रहे है। इस कार्यक्रम को 'हाउडी मोदी' नाम दिया गया है। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी के साथ अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी मौजूद रहेंगे। ह्यूस्टन के एनआरजी स्टेडियम के गेट भारतीय समय के मुताबिक शाम 4.30 बजे खोल दिए जाएंगे और स्टेडियम में 9 बजे रात तक सांस्कृतिक कार्यक्रम होगा। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी और डोनाल्ड ट्रंप का भाषण होगा। इस कार्यक्रम का समापन भारतीय समय के मुताबिक रात 12.30 बजे होगा।
नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने शनिवार को महाराष्ट्र और हरियाणा में चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। महाराष्ट्र और हरियाणा का मतदान 21 अक्टूबर को होगा, जबकि मतगणना 24 अक्टूबर तय की गई है। इसे लेकर सभी तरह की तैयारियां पूरी कर ली गई है। इसके साथ ही देश के अलग-अलग राज्यों में 64 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव का भी ऐलान किया गया है। आयोग ने फिलहाल झारखंड में चुनाव की तारीखों की घोषणा नहीं की। बता दें कि महाराष्ट्र में विधानसभी की कुल 288 सीटें है, जबकि हरियाणा में सीटों की संख्या 90 है। पीएम मोदी ने हरियाणा और महाराष्ट्र में बीजेपी के लिए प्रचार अभियान की शुरुआत भी कर दी है।
किसानों-मजदूरों की समस्याओं को लेकर भारतीय किसान संगठन के नेतृत्व में हज़ारो किसान शनिवार को नोएडा से दिल्ली की कूच कर रहे है। हज़ारो की संख्या में किसान अपनी 15 सूत्रीय मांगों को लेकर मोदी सरकार के सामने रखने के लिए सहारनपुर से पैदल यात्रा करते हुए दिल्ली आ रहे है। नोएडा से दिल्ली की ओर कूच कर रहे किसान अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करने की तैयारी में है। हालांकि उसके पहले ही दिल्ली पुलिस ने पूरी तैयारी शुरू कर रखी है कि वह किसानों को दिल्ली जाने से रोक सके।
उत्तर प्रदेश के नोएडा थाना सेक्टर 20 इलाके में एक मीडिया कर्मी और उसके दोस्त को एक पुलिस कर्मी को नसीहत देना भारी पड़ गया। जब कथित रूप से एक पुलिस कर्मी शराब के नशे में बिना हेलमेट के मोटर साइकिल पर गलत साइड से आ रहा था और मीडिया कर्मी से टकराते हुए बाल-बाल बचा। इसके बाद मीडियाकर्मी ने पुलिसकर्मी को बोला कि आप बिना हेलमेट और गाड़ी भी गलत साइड चला रहे हो तो आपकी शिकायत पुलिस से की जाएगी। इस पर पुलिसकर्मी को गुस्सा आया और उसने अपने अन्य साथियों को बुलाकर मीडियाकर्मी और उसके दोस्त को जमकर पीटा।
उतर प्रदेश के मेरठ में पुलिस को बिजली विभाग के जूनियर इंजीनियर का चालान काटना भारी पड़ गया। गुस्साए जेई ने चालान काटने पर थाने और चौकी की बिजली काट दी। इससे थाने का काम तो बाधित हुआ ही साथ में थाने वालों को भारी परेशानी का सामना भी करना पड़ा। बताया जा रहा है कि जेई के पास पॉल्यूशन सर्टिफिकेट न होने के कारण उसका चालान काटा गया।
राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला धुन्दन एनएसएस व इको क्लब स्वच्छता पखवाड़ा मना रहा है। स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत इसमें निबंध लेखन, प्रश्नोत्तरी व चित्रकला के अलावा नारा लेखन प्रतियोगिता करवाई गई। एनएसएस स्वयंसेवी अंजली ने हिमाचल प्रदेश को पॉलिथीन मुक्त कराने की शपथ समस्त विद्यालय परिवार को दिलवाई। गीतांजलि ने व्यक्तिगत स्वच्छता पर अपने विचार रखते हुए हस्त प्रक्षालन विधि को विस्तारपूर्वक बताया। इको क्लब सदस्य मृदुल ने प्लास्टिक की पुनर्चक्रण विधि पर प्रकाश डालते हुए बताया कि एक बार प्रयोग होने वाले प्लास्टिक को दोबारा प्रयोग नहीं करना चाहिए। डॉ. उदित शुक्ला ने व्यक्तिगत स्वच्छता को सम्बोधित करते हुए बताया कि हमे अपने बाल, नाखून व हाथ की सफाई समय-समय पर करते रहना चाहिए। प्रधानाचार्य सरताज सिंह राठौर ने बताया कि यह अभियान प्रशासनीय आदेशों के आधार पर नहीं चलाना चाहिए, बल्कि समय-समय पर स्वच्छता अभियान की आवश्यकता देखते हुए हम सब को सहयोग करना चाहिए एवं सिंगल यूज़ प्लास्टिक के प्रयोग को निषेध करना चाहिए।
प्रियंका गांधी वाड्रा ने शुक्रवार को एक बार फिर नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार भारतीय जीवन बीमा निगम का पैसा घाटे वाली कंपनियों में लगाकर देश के आम लोगों के भरोसे को चकनाचूर कर रही है। दरअसल, एलआईसी ने जिन कंपनियों में निवेश किया था, उन कंपनियों की बाजार पूंजी में काफी गिरावट दर्ज की गई है।
शुक्रवार को रोटरी क्लब सोलन सिटी ने हिमगिरी कल्याण आश्रम में दंत चिकित्सक कैंप का आयोजन किया। इसमें 42 बच्चों का चैकअप किया गया और ज्यादा खराब दांतों वाले बच्चों को डाक्टर प्रीतीश भल्ला ने अपने क्लिनिक पर आगे के उपचार के लिए बुलाया। इसमें बच्चों को सर्दी के लिए स्वेटर, कॉपियां, टूथ ब्रश - पेस्ट, बैग आदि जरूरत का सामान रोटेरियन बंधुओं द्वारा वितरित किया गया। इस प्रोजेक्ट में रोहित बट्टू प्रधान और कमल यादव, वीरेन्द्र अग्रवाल, महेश शर्मा, ओमेश मित्तल, राजीव शर्मा, देश मित्र, रोहित वर्मा, रूपेश शर्मा, रवी गुप्ता, डॉ. प्रतीश भल्ला आदि ने साथ दिया।
विभिन्न उद्योगों की ओर से जीएसटी दरों में कटौती की मांग के बीच शुक्रवार को उच्च अधिकार प्राप्त GST काउंसिल की बैठक होने जा रही है। बैठक से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक प्रेस कांफ्रेंस भी करने वाली है। इस बैठक पर सबकी निगाहें लगी हुई है, क्योंकि इसमें विभिन्न उत्पादों पर टैक्स को लेकर फैसला किया जा सकता है। हालांकि, यह माना जा रहा है कि जीएसटी परिषद रेवेन्यू की स्थिति और इकोनामी को बूस्ट करने के लिए जरूरी कदम को ध्यान में रखकर ही किसी तरह का फैसला लेगी। निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की यह 37वीं बैठक गोवा में होगी। इसमें विभिन्न राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री हिस्सा लेंगे। यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब आर्थिक वृद्धि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में छह साल के न्यूनतम स्तर पांच फीसद पर आ गई है।
चंद्रयान - 2 मिशन के लैंडर विक्रम से दोबारा संपर्क स्थापित करने का ISRO के पास आज अंतिम मौका है। चांद के दक्षिणी ध्रुव की सतह पर जहां लैंडर मौजूद है, वहां अंधेरा होना शुरू हो चुका है। आज देर रात तक इस अभियान का सबसे महत्वपूर्ण पल एक लूनर डे समाप्त हो जाएगा। इसके साथ ही लैंडर से दोबारा संपर्क होने की संभावनाएं भी लगभग खत्म हो जाएगी। हालांकि, इससे पहले नासा की तरफ से एक खुशखबरी आई है। चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर के बाद, नासा के यान ने भी तीन दिन पहले लैंडर विक्रम की लैंडिंग साइट की तस्वीरें ली है। नासा का यान 17 सितंबर को चांद के दक्षिणी ध्रुव के ऊपर, उस जगह से गुजरा था, जहां विक्रम को लैंड करना था। यहां से गुजरते हुए नासा के यान ने कई तस्वीरें ली है। नासा वैज्ञानिक इन तस्वीरों का अध्यय कर रहे है। उम्मीद की जा रही है कि इन तस्वीरों के अध्ययन से कई अहम जानकारियां प्राप्त हो सकती है।
देशभर में गुरुवार को लगातार तीसरे दिन पेट्रोल और डीज़ल के दामों में बढ़ोतरी की गई है। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के मुताबिक, दिल्ली और मुंबई में पेट्रोल की कीमतों में 29 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि की गई, जबकि डीज़ल के दाम में दिल्ली में 19 पैसे और मुंबई में 20 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई। देश में फिलहाल पेट्रोल और डीज़ल के दाम सरकारी तेल विपणन कंपनियों द्वारा तय किए जाते है। इसमें इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम तथा हिन्दुस्तान पेट्रोलियम शामिल है। पेट्रोल और डीज़ल की कीमतों में बदलाव दैनिक स्तर पर किया जाता है, और हर रोज़ किए जाने वाले बदलाव देशभर के पेट्रोल पंपों पर सुबह 6 बजे से लागू किए जाते है। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन की सूचना के अनुसार, दिल्ली में गुरुवार को पेट्रोल और डीज़ल की कीमतें क्रमशः 72.71 रुपये प्रति लीटर तथा 66.01 रुपये प्रति लीटर हो गई। मुंबई में गुरुवार को पेट्रोल और डीज़ल की कीमतें बढ़कर क्रमशः 78.39 रुपये प्रति लीटर तथा 69.24 रुपये प्रति लीटर हो गई।
मुस्लिम पक्षकारों ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि ‘जन्मस्थान’ न्यायिक व्यक्ति नहीं हो सकता। अयोध्या विवाद की सुनवाई के 24वें दिन सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील राजीव धवन ने कहा, यह याचिका जानबूझ कर लगाई गई जिसस इस पर न तो लॉ ऑफ लिमिटेशन लागू हो और न जबरन कब्जे का सिद्धांत लागू हो। ऐसे में जमीन से हक नहीं छीना जा सकता। धवन ने चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष कहा, जन्मस्थान द्वारा दाखिल याचिका का मतलब है, कि बाकी पक्षकार मामले से बाहर हो जाएं और रामलला विराजमान को अधिकार मिल जाए। अगर राम जन्मभूमि क्षेत्र को देवता बना दिया जाएगा तो पूरा इलाका अपने आप अधिकार संपन्न हो जाएगा। ऐसे में कोई मालिकाना हक का दावा नहीं कर सकता। सुनवाई मंगलवार को भी जारी रहेगी।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने अर्थव्यवस्था में सुस्ती और वाहनों की बिक्री में आई गिरावट को लेकर मंगलवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया है, कि वह मंदी की मार को लेकर अपनी ज़िम्मेदारी से बचना चाहती है। प्रियंका ने ट्विटर पर लिखा कि भाजपा सरकार से बस इतना ही कहना है कि आप जो इधर-उधर की बात करके कारवां लुट जाने की ज़िम्मेदारी से बचना चाहते हो, यह मुश्किल होगा। लोग देख रहे है। उन्होंने कहा कि एक और कंपनी पर पड़ी मंदी की मार और लोग होंगे बेरोजगार।
भारत और पाकिस्तान के रिश्तों पर पड़ी बर्फ को पिघलाने के लिए द्विपक्षीय बातचीत का रास्ता अब बेहद कठिन हो गया है। अनुच्छेद 370 पर भारत के दांव के बाद घरेलू मोर्चे पर बुरी तरह घिरे कभी बिना शर्त बातचीत के लिए दबाव डालने वाले पाकिस्तान के पीएम इमरान खान बातचीत के लिए शर्त रख रहे है। जबकि भारत आतंकवाद के जारी रहते किसी सूरत में बातचीत नहीं करने के अपने पुराने स्टैंड पर मजबूती से कायम है। जाहिर है कि नई परिस्थितियों में दोनों देशों के बीच बातचीत शुरू होने की संभावनाओं पर लंबे समय के लिए ग्रहण लग गया है। पाकिस्तान में सत्ता परिवर्तन और भारत में लोकसभा चुनाव के बाद उम्मीद जताई जा रही थी कि दोनों देश देर-सवेर बातचीत की मेज पर बैठेंगे। इस दौरान पाकिस्तान के पीएम भारत के समक्ष लगातार बिना शर्त बातचीत की पेशकश ही नहीं कर रहे थे, बल्कि दुनिया से भारत की ओर से दिलचस्पी न दिखाने की शिकायत भी कर रहे थे। इसी बीच भारत के जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म करने के साथ ही राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बदलने के निर्णय के बाद स्थिति में अचानक बड़ा बदलाव आ गया। बिना शर्त बातचीत की पेशकश करने वाले पाकिस्तान ने अब बातचीत के लिए कश्मीर में पुरानी स्थिति बहाल करने की शर्त रख दी। कूटनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि निकट भविष्य में अब दोनों देशों के बीच संवाद बहाली की संभावना खत्म हो गई है। दरअसल पाकिस्तान की सरकारों और सियासी दलों ने दशकों से कश्मीर को अपने देश में बड़ा मुद्दा बना रखा है। यही कारण है कि पाकिस्तान के पीएम इमरान खान घरेलू राजनीति में ही बुरी तरह उलझ गए हैं। कश्मीर के मोर्चे पर अंतर्राष्टरीय स्तर पर मिल रही लगातार नाकामी से वह अपने देश में विपक्ष के निशाने पर हैं। ऐसे में विपक्ष से दो दो हाथ करने के लिए उनके समक्ष भारत के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाने के अलावा कोई दूसरा चारा भी नहीं है।
इमरान खान ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के बाद भारत के साथ बातचीत का सवाल नहीं है। उन्होंने भारत के साथ युद्ध की चेतावनी देते हुए कहा कि यह भारतीय उपमहाद्वीप से परे जा सकता है। खान ने कहा, इसलिए हमने संयुक्त राष्ट्र का रुख किया है, हम प्रत्येक अंतरराष्ट्रीय मंच पर जा रहे है, और उन्हें इस पर तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा, निश्चित तौर पर मेरा मानना है कि भारत के साथ युद्ध एक संभावना हो सकती है। यह संभावित विध्वंस भारतीय उपमहाद्वीप से परे भी जा सकता है। इसके साथ ही खान ने ये भी कहा कि पाकिस्तान कभी युद्ध की शुरुआत नहीं करेगा। अल जजीरा से प्रधानमंत्री ने कहा, 'मैं अमनपसंद हूं, मैं युद्ध विरोधी हूं। मेरा मानना है कि युद्ध से समस्याओं का समाधान नहीं होता।
देश में 1 सितंबर से लागू हुए संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट के बाद से ही एक नई बहस शुरू हो गई है। रोजाना लोगों के चालान कट रहे है, और जुर्माना राशि हजारों में है। कोई 20 हज़ार का चालान दे रहा है तो कोई 2 लाख का। लेकिन चालान कटने के डर से कई लोग पुलिसवालों से भी भिड़ जा रहे हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया है राजधानी दिल्ली से, जहां एक स्कूटी सवार लड़की पुलिसवालों से भिड़ गई और सुसाइड करने की धमकी देने लगी। शनिवार सुबह दिल्ली के कश्मीरी गेट के पास जब दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने एक स्कूटी सवार युवती को रोका तो उसने हंगामा करना शुरू कर दिया।.पुलिस के मुताबिक, लड़की की स्कूटी की नंबर प्लेट टूटी हुई थी। इसके अलावा स्कूटी चलाते वक्त फोन का इस्तेमाल कर रही थी। जब ट्रैफिक पुलिस ने रोका और चालान की बात आई तो युवती ने सुसाइड की धमकी दे दी। बताया जा रहा है कि पहले उसने ट्रैफिक पुलिस के साथ बदतमीजी की, फिर अगर उसे जाने नहीं दिया गया तो सुसाइड की धमकी देने लगी। इतना ही नहीं कुछ ही देर बाद लड़की ने रोना शुरू कर दिया और हेलमेट भी फेंक दिया। युवती अपने घर से ऑफिस जा रही थी, हालांकि, करीब 20 मिनट के ड्रामे के बाद पुलिस ने उस युवती को जाने दिया।
पंजाब सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त पंजाब की पहली अफोर्डेबल रेजिडेंशियल हाउसिंग स्कीम को लेकर लोगों में काफी उत्साह देखा गया और 10 हजार से ज्यादा लोगों ने इसके लिए आवेदन किया है । रॉयल एस्टेट अफोर्डेबल रेजिडेंशियल हाउसिंग स्कीम प्रधानमंत्री आवास योजना से प्रेरित है और मध्यवर्गीय परिवार के अपने खुद के घर का सपना करने के उदेश्य से लांच की गयी। पंजाब सरकार के साथ-साथ ये योजना स्टेट बैंक ऑफ इंडिया द्वारा भी मान्यता प्राप्त है। रॉयल एस्टेट ग्रुप सन् 1995 से रियल एस्टेट सेक्टर में सक्रिय रूप से काम कर रहा है और अब तक इन्होंने ढेरों सफल प्रोजेक्ट दिए है। रॉयल ग्रुप लगभग 4000 प्रॉपर्टी की डिलीवरी दे चुके हैं। रॉयल एस्टेट अफोर्डेबल रेजिडेंशियल हाउसिंग स्कीम इंटरनेशनल एयरपोर्ट, ऐरोसिटी के पास ग्रेटर मोहाली के 187 रिहाइशी प्लाट्स के लिए लांच की गई । इस पूरे क्षेत्र का विकास प्लांड शहर की तर्ज पर किया जा रहा है। पूरा क्षेत्र गमाडा के अंडर तैयार किया जा रहा है, इसलिए ये क्षेत्र एक प्लांड सिटी के रूप में विकसित हो रहा है, जहां पर ओपन एरिया, ग्रिनरी, सिवरेज सिस्टम, पार्किंग, चौड़ी सड़को, वाटरसप्लाई और कनेक्टिविटी है। इस टाउनशिप में दो टियर सुरक्षा, थीम पार्क, प्यूरीफाई पानी सप्लाई, स्विमिंग पूल, बिल्ट अप क्लब हाउस आदि की सुविधा दी जा रही है। रॉयल एस्टेट अफोर्डेबल रेजिडेंशियल हाउसिंग स्कीम में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया द्वारा ऋण सुविधा भी उपलब्ध है और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत होम लोन पर सब्सिडी का भी लाभ भी मिलेगा। इस तरह पहली बार हुआ है कि समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए रॉयल एस्टेट ग्रुप द्वारा external development charges और रजिस्ट्री खर्चा माफ़ किया गया है। इस बारे में नीरज कांसल, डायरेक्टर रॉयल एस्टेट अफोर्डेबल हाउसिंग ने जानकारी देते हुए बताया की, हमें काफी खुशी है कि इस हाउसिंग स्कीम में लोगों ने इतने बड़े पैमाने पर आवेदन किया। 22 सितंबर को ड्रा निकाले जायेंगे। हम सीमित आय वर्ग की जरुरतों को ध्यान में रखते हुए ये स्कीम लेकर आए। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सबको घर मिल सकें, हम इस सपने को पूरा करने की कोशिश कर रहें हैं और आगे भी हम इस दिशा में काम करते रहेगें।
नई दिल्ली : कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शनिवार को उत्तर प्रदेश के जालौन में महात्मा गांधी की मूर्ति तोड़ने वालों को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्य में संलिप्त लोग इन महापुरुषों की महानता का एक अंश भी हिला-डुला नहीं सकते। दरअसल, जालौन के गांधी इंटर कॉलेज में शुक्रवार सुबह महात्मा गांधी की एक मूर्ति को अज्ञात लोगों ने तोड़ दिया था। प्रियंका ने ट्विटर पर घटना के संबंध में रोष जताते हुए कहा, "कुछ दिन पहले उत्तर प्रदेश में बी.आर. अंबेडकर की मूर्ति को कुछ अज्ञात तत्वों ने तोड़ दिया था। अब जालौन में गांधीजी की मूर्ति को तोड़ दिया गया है."
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका जाने वाले है और कयास लगाए जा रहे है कि उस दौरान डोनाल्ड ट्रंप भी उनके किसी कार्यक्रम में शामिल हो सकते है। इस मसले को लेकर भारत और अमेरिका के बीच बातचीत चल रही है। माना जा रहा है कि इस दौरान दोनों देश कई व्यापारिक घोषणाएं करेंगे। सूत्रों का कहना है कि ट्रंप ह्यूसटन में पीएम मोदी के कार्यक्रम में शामिल हो सकते है। अमेरिका में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम 'Howdy Modi' में डोनाल्ड ट्रंप भी शामिल हो सकते है। 22 सितंबर को ह्यूस्टन में पीएम मोदी भारतीय समुदाय को संबोधित करेंगे। इस कार्यक्रम में 50 हजार से ज्यादा लोगों के मौजूदगी की संभावना है। बता दें कि पीएम मोदी संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र में शामिल होने के लिए अमेरिका जा रहे है। 'Howdy' ‘हाऊ डू यू डू' (आप कैसे हैं) का संक्षिप्त रूप है। अमेरिका के चौथे सबसे अधिक आबादी वाले शहर के ‘एनआरजी फुटबॉल स्टेडियम' में आयोजित हो रहे इस कार्यक्रम में करीब 50 हजार लोगों के आने की संभावना है. ह्यूस्टन में पांच लाख से अधिक भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लोग रहते है। 'हाउडी मोदी' कार्यक्रम के लिए कम से कम 50,000 भारतीय-अमेरिकियों ने कार्यक्रम में भाग लेने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है। इसमें कई अन्य अमेरिकी राजनेताओं के भी भाग लेने की संभावना है। मोदी की रैली में ट्रंप का शामिल होना पाकिस्तान के लिए ऐसे समय में एक झटका होगा, जब वो लगातार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत के खिलाफ आवाज उठा रहा है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में भाग लेने से पहले ह्यूस्टन का दौरा करेंगे। यहां पर वह प्रमुख व्यवसायी, राजनीतिक और सामुदायिक नेताओं से मिलेंगे। इससे पहले पीएम मोदी ने 2014 में न्यूयॉर्क के मैडिसन स्क्वायर गार्डन और 2016 में सिलिकॉन वैली में भारतीय डायस्पोरा को संबोधित किया था।
आगे -आगे, पीछे-पीछे, ऊपर-ऊपर, नीचे-नीचे, पास-पास, दूर-दूर...। ये गाना गुनगुनाते कई विदेशी चेहरे आपको उत्तराखंड में मसूरी के पास बसे लैंडोर के भाषा स्कूल में दिख जाएंगे। गाना गाकर हिंदी सिखाने वाला यह देश का सबसे पुराना (लगभग 108 साल) और अनोखा भाषा स्कूल है। यहां हर साल 200 विदेशी हिंदी सीखने आते हैं। वैसे तो इस स्कूल में हिंदी के अलावा पंजाबी, उर्दू, संस्कृत और गढ़वाली भाषा भी सिखाई जाती है लेकिन 80-90% हिंदी सीखने वाले ही होते हैं। फिलहाल यहां 17 शिक्षक हैं। लंबे समय से स्कूल में पढ़ा रहे हबीब अहमद उत्तरप्रदेश से हैं। वे कहते हैं ये स्कूल एक अलग ही संसार है, जहां विदेशी हिंदी, उर्दू, संस्कृत सीखने आते हैं और तीन हफ्ते से तीन महीने तक यहां गुजारते हैं।
बाइक सवार दंपती अगर गोद मे बच्चें को लेकर चल रहे हैं, तो वे सावधान रहें। ट्रैफिक पुलिस बच्चें को भी तीसरी सवारी मानकर ट्रिपल राइडिंग का चालान कर सकती है। पुराने मोटर वाहन कानून में भी बच्चें को तीसरी सवारी माना जाता था। लेकिन अब जुर्माने और सख्ती से लोगों में एक तरह का खौफ पैदा हो गया है। 1 सितंबर से लागू हुए संशाेधित माेटर वाहन कानून में बाइक पर दाे से ज्यादा सवारी ओवरलाेड मानी जाती हैं। इसमें बच्चाें के लिए छूट का कहीं काेई उल्लेख नहीं है। मंत्रालय ने इस समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया है लेकिन समय सीमा तय नहीं की है। मोटर वाहन एक्ट में बाइक टू सीटर है। भले ही निर्माता कंपनी ने बाइक काे 200 से 300 किग्रा वजन के अनुसार डिजाइन किया हो और इस पर दो से अधिक सवारी बैठ सकती हाें, लेकिन इसे ओवरलाेड ही माना जाएगा। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के संयुक्त आयुक्त कन्नन जगदीशन ने बताया कि नए कानून में दाेपहिया पर शिशु या बच्चों के लिए कोई गाइडलाइन नहीं है। ऐसेे में उसे तीसरी सवारी ही माना जाएगा।
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार प्रदेश में फिलहाल नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू नहीं करेगी। राज्य के परिवहन मंत्री अशोक कटारिया ने स्पष्ट किया कि प्रदेश में यातायात नियमों के उल्लंघन पर अभी जुर्माने की पुरानी दरें ही लागू है। नई दरों पर सरकार विचार कर रही है। कटारिया ने कहा कि केंद्र सरकार ने जो अधिनियम बनाया है, वह एक सितंबर से पूरे देश में लागू है। लेकिन सरकार जनहित को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश में इसे लागू करने पर विचार कर रही है।
देश की राजधानी दिल्ली में एक बार फिर Odd-Even की घोषणा हो गई है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके 4 से 15 नवंबर के बीच दिल्ली में यह फॉर्मूला लगाने की बात कही है। हर बार सर्दियों में दिल्ली प्रदूषण के चलते किसी गैस चैंबर जैसी हो जाती है। ऐसे में पहले भी दो बार लागू हो चुके Odd-Even फॉर्मूले को एक बार फिर आजमाया जा रहा है। वहीं, सीएम केजरीवाल के इस ऐलान पर समाचार एजेंसी एएनआइ से बातचीत में प्रतिक्रिया में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा- 'मेरा मानना है कि इसकी जरूरत ही नहीं है। रिंग रोड़ के निर्माण से प्रदूषण कम हुआ है। इसके साथ जो योजनाएं केंद्र सरकार की ओर से चलाई गई हैं, उससे अगले दो वर्षों के दौरान दिल्ली प्रदूषण मुक्त हो जाएगा।'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के मौके पर भारतीय जनता पार्टी सेवा सप्ताह का आयोजन कर रही है। इसकी शुरुआत करते हुए बीजेपी अध्यक्ष और गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को AIIMS पहुंचकर मरीजों से मुलाकात की और फल बांटे तथा परिसर में झाडू भी लगाया। इस दौरान अमित शाह के साथ पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद रहे।
मोटर व्हीकल संशोधन अधिनियम पास होने के बाद यातायात नियमों का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही शुरू हो गई है। ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों पर नए अधिनियम के मुताबिक जुर्माना लगाया जा रहा है। दिल्ली में वीरवार रात अब तक का सबसे बड़ा चालान काटा गया है। बताया जा रहा है की एक ट्रक मालिक को ओवरलोडिंग के लिए 2 लाख 500 रुपये चालान की कीमत चुकानी पड़ी। यह गाड़ी हरियाणा की बताई जा रही है।
बीते दिनों वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पीएनबी समेत देश के कई बड़े बैंकों के विलय का ऐलान किया था। बता दें कि सरकार के विलय के फैसले के लागू होने के बाद 4 नए बैंक अस्तित्व में आ जाएंगे। मतलब यह कि 6 बैंकों का दूसरे बैंकों में विलय जाएगा। पहला विलय पंजाब नेशनल बैंक में यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और ओरिएंटल बैंक का होगा। बीते 5 सितंबर को पीएनबी के निदेशक मंडल ने विलय को सैद्धांतिक तौर पर मंजूरी दे दी है। सरकार के इस फैसले के विरोध में बैंकिंग सेक्टर के अलग-अलग ट्रेड यूनियन हड़ताल पर जाने वाले हैं। बैंक कर्मचारियों की हड़ताल के कारण इस महीने लगातार चार दिन तक बैंक बंद रहेंगे। दरअसल, बैंकिंग सेक्टर के चार ट्रेड यूनियन संगठनों ने 25 सितंबर की आधी रात से 27 सितंबर की मध्यरात्रि तक हड़ताल बुलाई है। यानी 26 और 27 सितंबर को आम लोगों के बैंकिंग से जुड़े कामकाज प्रभावित होंगे।
देश में ट्रैफिक के नियम बदल चुके हैं, अब नियमों का उल्लंघन करने पर नए नियम के तहत तगड़ा जुर्माना वसूला जा रहा है। गुजरात के सूरत शहर से ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं, जिन्हें ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरुकता कहा जाए या फिर नए ट्रैफिक नियमों का डर। दरअसल, भगवान गणेश के पंडाल में लोग हेलमेट पहनकर आरती करते नजर आए। सूरत में भगवान गणेश की विदाई के लिए आरती का आयोजन किया गया था लेकिन आरती में शामिल होने वाले ज़्यादातर भक्त हेलमेट पहनकर पहुंचे।
हिमाचल सरकार के आबकारी एवं कराधान विभाग में व्यापक फेरबदल करते हुए 54 अधिकारियों के तबादले किये हैं। इनमे कई जॉइंट कमिश्नर व डिप्टी कमिश्नर भी शामिल है। ये डिप्टी कमिश्नर बदले: स्टेट टैक्स एंड एक्साइज डिप्टी कमिश्नर जीडी ठाकुर को सिरमौर से शिमला, नरेंद्र सैन को कुल्लू से चंबा, कुलभूषण को हमीरपुर से नाहन, नाविंदर सिंह को चंबा से हमीरपुर, अनुपम कुमार को शिमला मंडी, प्रीतपाल सिंह को मंडी से शिमला, हरीश छाते को शिमला से कुल्लू भेजा गया है। इन सहायक आयुक्तों का हुआ तबादला: सहायक आयुक्तों में गोपाल चंद को रामपुर से सोलन, संतोष कुमार को लोअर बाजार सर्कल से मुख्यालय, किरण गुप्ता को ढली सर्कल से शिमला, सुरेन्द्र कुमार को कार्ट रोड से मुख्यालय, देव कांत प्रकाश खाची को परवाणू से शिमला, चंद्र शील भूतानी को अंबोटा से नूरपुर, भूप राम शर्मा को बद्दी से सिरमौर, जीवन लाल को बद्दी से नालागढ़, अविनाश को बरोटीवाला से कालाअंब, प्रेम सिंह को कालाअंब से घुमारवीं, किशोर कुमार को नाहन से नार्थ जोन के लिए बदला गया है। वीरेंद्र दत्त को हमीरपुर से शिमला, संजय शर्मा को नूरपुर से ऊना, रमेश कुमार को हमीरपुर से सोलन, अनीता कुमारी को बिलासपुर से चंबा के लिए बदला गया है। इसके अतिरक्त अश्वनी कुमार को कालाअंब से बंजार कर्म सिंह को रोहडू से रामपुर, विपिन पोसवाल को शिमला से ढली, सरिता गौढ़ को सोलन से शिमला, बाबू राम नेगी सोलन से नूरपुर, मनोज कुमार को सोलन से मंडी, प्रताप सिंह सिरमौर से बिलासपुर, लाल चंद को पांवटा साहब से भोरंज, संदीप अत्री को नाहन से स्तोन, ललित पोसवाल को घुमारवीं से सुंदरनगर, सतेंद्र कुमार बिलासपुर से कालाअंब, निष्ठा बाली बिलासपुर से हमीरपुर, नवजोत शर्मा बिलासपुर से धर्मशाला, शिल्पा कपिल सुंदरनगर से नेरचौक, मोहन लाल करसोग से मंडी, कर्मचंद कुल्लू से रोहडू, गग्नीश कुमार हमीरपुर से बद्दी, रविन्द्र कुमार को नादौन से नाहन, विशाल गोरला भोरंज से किन्नौर, मुकेश कुमार टोकी (नूरपुर) से नूरपुर सर्कल, पंकज सूद मेहतपुर से परवाणू, अनिल कुमार अम्ब से गगरेट, सचिन कुमार ऊना से परवाणू, अजय कुमार को चंबा से ऊना, देवी राम किन्नौर से शिमला, कंवर शाह देव कटोच पालमपुर से हमीरपुर, सुरिंद्र कुमार को बद्दी से बिलासपुर तथा प्रवीण ठाकुर को सद्भावना स्कीम से बद्दी के लिए तब्दील किया है। ये ज्वाइंट कमिश्न भी बदले: हितेश शर्मा को पालमपुर से मुख्यालय शिमला में तैनाती दी गई है जोकि नॉर्थ जोन कार्यालय पालमपुर में ही बैठेंगे। विवेक महाजन को मुख्यालय से नार्थ जोन फ्लाइंग स्क्वाड पालमपुर, रमेश कुमार को मंडी से शिमला, राजीव डोगरा का सेंट्रल जोन मंडी के लिए तबादला किया गया है।
83 की उम्र में कांग्रेस को बनाना पड़ा सीएम फेस साल था 2017 का। हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चूका था। भाजपा में सीएम फेस को लेकर दुविधा थी और अंतिम क्षण तक पार्टी सीएम फेस घोषित करने से बचती रही। उधर, कांग्रेस के सामने कोई दुविधा नहीं थी। 83 वर्ष के वीरभद्र सिंह पार्टी के सीएम कैंडिडेट थे और अकेले भाजपा से लोहा ले रहे थे। संभवतः इससे पहले और इसके बाद भी इतने उम्रदराज नेता को हिंदुस्तान में कभी भी, किसी भी चुनाव में सीएम फेस नहीं घोषित किया गया। दिलचस्प बात ये है कि इस निर्णय को लेकर शायद ही कांग्रेस आलाकमान के मन में कोई दुविधा रही हो, क्यों कि हिमाचल में कांग्रेस की जड़ें उतनी गहरी नहीं है, जितनी वीरभद्र सिंह की है। खेर, कांग्रेस चुनाव हार गई पर हिमाचल में वीरभद्र का जलवा अब भी बरकरार है। अब उम्र 85 की हो चुकी है, सेहत भी नासाज रहती है पर वीरभद्र का जुनून कायम है। 1962 में हुई चुनावी राजनीति में एंट्री : प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की प्रेरणा से वीरभद्र सिंह ने राजनीति में आने का निर्णय लिया। नेहरू की बेटी और तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष इंदिरा गाँधी भी तब वीरभद्र से खासी प्रभावित थी। इंदिरा के कहने पर 1959 में वीरभद्र सिंह दिल्ली से हिमाचल लौटे और लोगों के बीच जाकर उनके लिए काम करना शुरू किया। वीरभद्र का ताल्लुख तो रामपुर- बुशहर रियासत से है लेकिन जल्द ही वे शिमला क्षेत्र में कांग्रेस का सबसे बड़ा चेहरा बन गए। नतीजन 1962 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने उन्हें महासू ( वर्तमान शिमला ) सीट से उम्मीदवार बनाया। 28 वर्ष के वीरभद्र आसानी से चुनाव जीत गए और पहली मर्तबा लोकसभा पहुंचे। इसके बाद 1967 और 1972 में वीरभद्र मंडी से चुनाव लड़ लोकसभा पहुंचे। हालांकि इमरजेंसी के बाद 1977 के लोकसभा चुनाव में वीरभद्र को हार का मुँह देखना पड़ा। पर उन्होंने अपनी निष्ठा नहीं बदली और इंदिरा गाँधी के वफादार बने रहे। 1980 में फिर चुनाव हुए और वीरभद्र सिंह एक बार फिर जीत कर लोकसभा पहुँच गए। 1982 में इंदिरा सरकार में उन्हें उद्योग राज्य मंत्री भी बना दिया गया। 1983 में हुई हिमाचल की सियासत में एंट्री : वीरभद्र वर्ष 1962 से चुनावी राजनीति में है पर हिमाचल प्रदेश की सियासत में उनका आगमन हुआ वर्ष 1983 में। तब टिम्बर घोटाले के आरोप के चलते ठाकुर रामलाल को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा और बतौर मुख्यमंत्री एंट्री हुई वीरभद्र सिंह की। वहीँ वीरभद्र सिंह जो 6 बार सीएम बने और जिनके बगैर हिमाचल की हर राजनैतिक चर्चा अधूरी है। वहीँ वीरभद्र सिंह, हिमाचल में जिनका मतलब कांग्रेस है और कांग्रेस का पर्याय वीरभद्र।1983 से अब तक यानी 2019 तक तक 36 वर्षों में वीरभद्र सिंह करीब 22 वर्ष सीएम रहे है। वीरभद्र के बाद कोई नहीं कर पाया रिपीट: हिमाचल में हर पांच वर्ष में सत्ता परिवर्तन का रिवाज सा है। पर 1983 में सत्ता में आये वीरभद्र सिंह 1985 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद एक बार फिर सत्ता में लौटे और दूसरी बार सीएम बने। इसके बाद से हिमाचल में कभी सरकार रिपीट नहीं हुई। 1993 में फिर की वापसी : 1990 के विधानसभा चुनाव में वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा। खुद वीरभद्र सिंह भी जुब्बल कोटखाई से चुनाव हार गए थे। ऐसा लगने लगा था कि शायद ही वीरभद्र इसके बाद कभी सीएम बने। ऐसा इसलिए भी था क्योकि तब पंडित सुखराम और विद्या स्ट्रोक्स का भी हिमाचल और कांग्रेस में ख़ासा दबदबा था। पर जो आसानी से हार मान ले, वो वीरभद्र सिंह नहीं बनते। हार के बाद वीरभद्र ने संगठन में अपनी जड़े और मजबूत की और विपक्ष का सबसे बड़ा चेहरा बने रहे। शांता सरकार की गिरती लोकप्रियता को भी उन्होंने जमकर भुनाया। 1993 में शांता सरकार गिरने के बाद जब चुनाव हुए तो वीरभद्र सिंह तीसरी बार प्रदेश के सीएम बने। 1998 में भी कांग्रेस प्रदेश में सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आई लेकिन पंडित सुखराम के सहयोग से सरकार भाजपा की बनी। 2003 में फिर वीरभद्र सिंह की वापसी हुई और वे दिसंबर 2007 तक हिमाचल के मुख्यमंत्री रहे। 2007 में सत्ता से बहार होने के बाद वीरभद्र सिंह ने केंद्र का रुख किया और 2009 से 2012 तक केंद्र में मंत्री रहे। 2012 में कई नेताओं के मंसूबों पर फेरा पानी: 2012 विधानसभा चुनाव के वक्त वीरभद्र सिंह की आयु 78 के पार थी। केंद्र में मंत्री होने के चलते शायद ही किसी को वीरभद्र के लौटने की उम्मीद रही हो। कांग्रेस में भी कई चाहवान सीएम की कुर्सी पर आँखें गड़ाए बैठे थे। पर वीरभद्र को तो अभी दिल्ली से शिमला वापस लौटना था। चुनाव से पहले वीरभद्र ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और हिमाचल लौट आये। कहते है कि वीरभद्र ने दिल्ली दरबार को स्पष्ट कर दिया था कि सीएम तो वे ही होंगे, चाहे पार्टी कोई भी हो। तब भी हिमाचल में माइनस वीरभद्र कांग्रेस की ख़ास हैसियत नहीं थी। सो आलाकमान झुका और वीरभद्र सिंह की लीडरशिप में चुनाव लड़ा गया। सत्ता परिवर्तन का सिलसिला भी बरकरार रहा और वीरभद्र सिंह रिकॉर्ड छठी बार सीएम बन गए। इतिहास पढ़ाना चाहते थे, इतिहास बना दिया: शिमला का बिशप कॉटन स्कूल हिमाचल का ही नहीं अपितु देश के प्रतिष्ठित स्कूलों में शुमार है। स्कूल के दाखिला रजिस्टर में नंबर 5359 के आगे नाम लिखा है वीरभद्र सिंह। उस दौर में जब रामपुर- बुशहर रियासत के राजकुमार वीरभद्र ने बिशप कॉटन स्कूल में दाखिला लिया था तो किसी ने नहीं सोचा होगा कि स्कूल का नाम उस शख्सियत से जुड़ने जा रहा है जो आगे चलकर 6 बार हिमाचल का सीएम बनेगा। स्कूल पास आउट करने के बाद वीरभद्र ने दिल्ली के सैंट स्टीफेंस कॉलेज में हिस्ट्री होनोर्स में बीए और एमए की। हसरत थी हिस्ट्री का प्रोफेसर बन छात्रों को पढ़ाने की। पर देश के प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने उनके लिए कुछ और ही सोच रखा था। जो वीरभद्र छात्रों को इतिहास पढ़ाना चाहते थे, उन्होंने खुद इतिहास बना दिया। सबसे अधिक समय तक हिमाचल का सीएम रहना का रिकॉर्ड वीरभद्र सिंह के ही नाम है। वे करीब 22 वर्ष और कुल 6 बार हिमाचल के सीएम रहे है। श्री कृष्ण परिवार की 122 वीं पीढ़ी होने का दावा वीरभद्र सिंह का परिवार बागवान श्री कृष्ण के वंशज होने का दावा करता है। दरअसल,रामपुर बुशहर रियासत में एक स्थान आता है सराहन। राज परिवार का दावा है कि ये सराहन पहले सोनीपुर के नाम से जाना जाता था और भगवान् श्री कृष्ण के पुत्र प्रद्युमन की रियासत का हिस्सा था। वीरभद्र सिंह का विवाह दो बार हुआ। 20 साल की उम्र में जुब्बल की राजकुमारी रतन कुमारी से उनकी पहली शादी हुई। किन्तु कुछ वर्षों बाद ही रतन कुमारी का देहांत हो गया। इसके बाद 1985 में उन्होंने प्रतिभा सिंह से शादी की। प्रतिभा सिंह भी मंडी से सांसद रह चुकी है। वीरभद्र और प्रतिभा के पुत्र विक्रमादित्य सिंह भी वर्तमान में शिमला ग्रामीण से विधायक है।
ओणम केरल का एक प्रमुख त्यौहार है। ओणम का उत्सव सितम्बर में राजा महाबली के स्वागत में प्रति वर्ष आयोजित किया जाता है जो दस दिनों तक चलता है। ओणम में केरल के प्रत्येक घर के आँगन में फूलों की पंखुड़ियों से सुन्दर-सुन्दर रंगोलिया (पूकलम) डाली जाती हैं। युवतियां उन रंगोलियों के चारों तरफ वृत्त बनाकर उल्लास पूर्वक नृत्य (तिरुवाथिरा कलि) करती हैं। इस पूकलम का प्रारंभिक स्वरुप पहले (अथम के दिन) तो छोटा होता है परन्तु हर रोज इसमें एक और वृत्त फूलों का बढ़ा दिया जाता है। इस तरह बढ़ते-बढ़ते दसवें दिन (तिरुवोनम) यह पूकलम वृहत आकार धारण कर लेता है। इस पूकलम के बीच त्रिक्काकरप्पन (वामन अवतार में विष्णु), राजा महाबली तथा उसके अंग रक्षकों की प्रतिष्ठा होती है जो कच्ची मिट्टी से बनायीं जाती है। ओणम एक सम्पूर्णता से भरा हुआ त्योहार है जो सभी के घरों को ख़ुशहाली से भर देता है। ओणम पर पौराणिक कथा महाबली प्रहलाद के पोते थे। प्रहलाद जो हिरण्यकश्यप असुर के बेटे थे लेकिन फिर भी प्रहलाद विष्णु के भक्त थे। महाबली भी प्रहलाद की तरह भगवान विष्णु के भक्त थे। समय आगे बढ़ता गया और वे बड़े होते गये। उनका साम्राज्य स्वर्ग तक फैला हुआ था ,इस बात से उनकी प्रजा बहुत खुश थी। एक बार विष्णु भगवान वामन के वेश में उनके सामने गये। विष्णु जी ने तीन पग मीन का दान माँगा था। राजा महाबली इस बात को बहुत ही साधारण समझ रहे थे लेकिन यह साधारण बात नहीं थी। जब राजा महाबली ने तीन पग जमीन देने के लिए हामी भर दी तो भगवान विष्णु ने अपना विराट रूप ले लिया। उन्होंने अपने एक पग से पूरी धरती को नापा और दूसरे पग से आकाश को लेकिन तीसरे पग के लिए कुछ नहीं बचा तो राजा बलि ने अपना शरीर अर्पित कर दिया क्योंकि राजा बली ने अपना सब कुछ दान कर दिया था तो वे धरती पर नहीं रह सकते थे। विष्णु भगवान ने उन्हें पाताल लोक जाने के लिए कहा लेकिन जाने से पहले भगवान विष्णु ने उनसे एक वरदान मांगने के लिए कहा। राजा बली गरीबों को बहुत दान देते थे। राजा बली अपनी प्रजा से बहुत प्यार करते थे तो उन्होंने साल में एक दिन धरती पर आकर अपनी प्रजा को देखने का वरदान माँगा। भगवान विष्णु ने उनके इस वरदान को स्वीकार कर लिया। ऐसा माना जाता है कि श्रावण मास के श्रवण नक्षत्र में राजा बली अपनी प्रजा को देखने के लिए खुद धरती पर आते हैं। मलयालम में श्रवण नक्षत्र को ओणम कहते हैं इसीलिए इस पर्व का नाम भी ओणम पड़ गया। तभी से इस त्यौहार को ओणम के नाम से मनाया जाने लगा। ओणम त्यौहार के पीछे चाहे कोई भी कहानी हो लेकिन यह बात तो स्पष्ट हैं कि यह हमारी संस्कृति का एक आईना है। यह हमारी भव्य विरासिता का प्रतीक होता है। ओणम का पर्व इसलिए भी होता है खास -ओणम का पर्व फसल उत्सव भी होता है। यह त्यौहार आमतौर पर अगस्त या फिर सितंबर के महीने में आता है। ओणम त्यौहार के दिन कई तरह के नृत्य प्रस्तुत करने की परम्परा है। इस दिन केरल का सबसे लोकप्रिय कथकली नृत्य किया जाता है। -इस दिन औरतें सफेद साड़ी पहनती हैं और बालों पर फूलों की वेणियों को सजाकर नृत्य करती हैं। ये सभी कार्यक्रम इस दिन व्यापक रूप से किए जाते हैं। इन कार्यक्रमों में सभी लोग बहुत ही बढ़-चढकर हिस्सा लेते हैं। ओणम का त्यौहार अपने साथ सुख-समृद्धि, प्रेम-सौहार्द और परस्पर प्यार और सहयोग का संदेश लेकर आता है।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री बंडारू दत्तात्रेय हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल पद की शपथ 11 सितंबर को लेंगे। यह जानकारी राज्यपाल के सचिव राकेश कंवर ने दी। दत्तात्रेय कलराज मिश्र का स्थान लेंगे। बता दें कलराज मिश्र को राजस्थान का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। राज्यपाल के सचिव राकेश कंवर ने बताया कि दत्तात्रेय को पांच सितंबर को शपथ लेनी थी लेकिन कार्यक्रम में इस लिए बदलाव किया गया क्योंकि वह भाजपा की तमिलनाडु इकाई की अध्यक्ष तमिलिसाई सुंदरराजन के नौ सितंबर को तेलंगाना के राज्यपाल के रूप में शपथ ग्रहण करने के कार्यक्रम में शामिल होना चाहते थे। कंवर ने बताया बुधवार को राजभवन में आयोजित एक सादे कार्यक्रम में बंडारू दत्तात्रेय हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल पद की शपथ लेंगे। बंडारू दत्तात्रेय बंडारू दत्तात्रेय का जन्म 12 जून 1947 को हुआ था। हैदराबाद में जन्मे दत्तात्रेय ने विज्ञान की डिग्री के साथ स्नातक किया। वह 1965 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में शामिल हुए और आपातकाल के दौरान उन्हें जेल में डाल दिया गया। 1991 में, वह पहली बार सिकंदराबाद निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा के लिए चुने गए थे। 1997 में, उन्हें राज्य इकाई के लिए पार्टी अध्यक्ष नियुक्त किया गया। 1998 में, उन्हें फिर से चुना गया और दूसरे वाजपेयी मंत्रालय में केंद्रीय शहरी विकास राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया गया। वह 1999 में लगातार तीसरी बार चुने गए और फिर से तीसरे वाजपेयी मंत्रालय में राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया। वह 2004 और 2009 में लोकसभा चुनाव हार गए। पार्टी ने उन्हें 2013 में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया। मई 2014 में, उन्हें अपने पूर्व निर्वाचन क्षेत्र से फिर से लोकसभा के लिए चुना गया। नवंबर में उन्हें मोदी मंत्रालय में श्रम और रोजगार राज्य मंत्री बनाया गया और तेलंगाना से वे अकेले मंत्री बने। 21 मार्च 2019 को भाजपा ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए सिकंदराबाद से पूर्व विधायक जी किशन रेड्डी की जगह दत्तात्रेय को अपना उम्मीदवार बनाया।
भारत में अनेकों ऐसे मंदिर है जो अपनी अनोखी परंपराओं के कारण प्रसिद्ध है। भारत में जहां किसी दम्पति के एक साथ मंदिर में जाकर पूजा करने को बड़ा ही मंगलकारी माना जाता है, वहीं ज़िला शिमला के रामपुर नामक स्थान पर मां दुर्गा का मंदिर स्तिथ है। मां दुर्गा के इस मंदिर में पति और पत्नी के एक साथ पूजन या दुर्गा की प्रतिमा के दर्शन करने पर पूरी तरह से रोक है। इसके बाद भी अगर कोई दम्पति मंदिर में जाकर प्रतिमा के दर्शन एक साथ करता है तो उन्हें इसकी सजा भुगतनी पड़ती है। कहा जाता है की वे एक दूसरे से अलग हो जाते है। यह मंदिर श्राईकोटि माता के नाम से पूरे हिमाचल में प्रसिद्ध है। इस मंदिर में दम्पति जाते तो हैं पर एक बार में एक ही दर्शन करता है। यहां पहुंचने वाले दम्पति अलग -अलग समय में प्रतिमा के दर्शन करते हैं। यह मंदिर समुद्र तल से 11000 फ़ीट की ऊँचाई पर स्तिथ है। पौराणिक कथा लोगों की मान्यता के अनुसार भगवान शिव ने अपने दोनों पुत्रों गणेश और कार्तिकेय को ब्रह्मांड का चक्कर लगाने कहा था। कार्तिकेय तो अपने वाहन पर बैठकर भ्रमण पर चले गए किन्तु गणेशजी ने अपने माता-पिता के चक्कर लगा कर ही यह कह दिया था, कि माता-पिता के चरणों में ही ब्रह्मांड है। इसके बाद जब कार्तिकेयजी ब्रह्मांड का चक्कर लगाकर वापिस आए, तब तक गणेश जी का विवाह हो चुका था। इसके बाद वह गुस्सा हो गए और उन्होंने कभी विवाह न करने का संकल्प लिया। श्राईकोटी मंदिर के दरवाजे पर आज भी गणेश जी सपत्नी स्थापित है। कार्तिकेयजी के विवाह न करने के प्रण से माता पार्वती बहुत रुष्ट हुई और कहा कि जो भी पति-पत्नी यहां एक साथ माता के दर्शन करेंगे, वह एक दूसरे से अलग हो जाएंगे। इस कारण आज भी यहां पति-पत्नी एक साथ पूजा नहीं करते। विशेषताएं यह मंदिर सदियों से लोगों की आस्था का केंद्र बना हुआ है तथा मंदिर की देख- रेख माता भीमाकाली ट्रस्ट के पास है। जंगल के बीच इस मंदिर का रास्ता देवदार के घने वृक्षों से और अधिक रमणीय लगता है। इस मंदिर में विभिन्न परंपराओं और मान्यताओं का पालन किया जाता है। यहा हजारों भक्त दर्शन के लिए आते हैं, लेकिन जो दम्पति आते हैं वे एक साथ दर्शन नहीं करते है। यह मंदिर देखने में बहुत ही आकर्षित लगता है।
हिमाचल प्रदेश में पहली बार एक ऐसे अहम् प्रोजेक्ट पर काम होने जा रहा है जिससे आपका टूटा हुआ दांत आपके मुंह में दोबारा जुड़कर आपके मुंह की शोभा बढ़ा सकता है। इसे री-इंप्लाटेंशन ऑफ टीथ प्रोजेक्ट का नाम दिया जा रहा है। इंडियन सोसायटी ऑफ ट्रामाटोलॉजी के तहत इस अहम प्रोजेक्ट को बारीकी से हिमाचल में लाया जाएगा। इसके सदस्य राज्य दंत कॉलेज में विशेषज्ञ डा। सीमा हैं। प्रदेश में शुरू की जाने वाली इस योजना के तहत आधार स्तर पर कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की जाएगी। इस प्रोजेक्ट की खास बात यह होगी कि इसमें उन दांतों को वापस मसूड़ों में डाला जाएगा, जो किसी भी ट्रामा के कारण निकल गए हों। गौर हो कि हिमाचल में सबसे ज्यादा ऐसे ट्रामा होते हैं जहां पर दांत मसूड़ों से हिल जाते हैं या निकल जाते हैं, जिसमें सड़क दुर्घटनाएं सबसे ज्यादा शामिल हैं। दंत विशेषज्ञ डा.सीमा ठाकुर कर रही इस प्रोजेक्ट पर काम अभी आईजीएमसी की दंत विशेषज्ञ डा.सीमा ठाकुर इस प्रोजेक्ट पर काम कर रही हैं। अपने स्तर पर उन्होंने एक वर्ष में करीब दस से पंद्रह घायलों के री-इंप्लांटेशन ऑफ टीथ को सफल करने की कोशिश की है। इसके बाद अब प्रदेश के सभी क्षेत्रों में दंत कालेज के माध्यम से इस योजना को अमलीजामा पहनाने की पहल की जाने वाली है। कुछ चुनिंदा राज्यों में यह इंप्लाटेशन काफी बेहतर तरीके से चल रहा है। अब हिमाचल भी इस इंप्लाटेशन के साथ जुड़ गया है। प्रदेश के दंत चिकित्सक यदि इस योजना को सफल बनाने के लिए प्रयासरत होंगे, तो टूटा दांत आपके मुंह में दोबारा लगाया जा सकता है। क्या कहते हैं विशेषज्ञ हालांकि री-इंप्लांटेशन के लिए टूटे हुए दांत की कुछ शर्तें शामिल रहेंगी। डेंटल कालेज में विशेषज्ञ डा.सीमा की मानें, तो अगर टूट कर दांत गंदा हो गया हो, तो उसे दस सेकेंड के भीतर पानी में धोकर दूध में डालकर नजदीक चिकित्सक के पास ले जाना चाहिए। उक्त चिकित्सक उस दांत को एक तकनीक से मसूडे़ के अंदर डाल देगा। यदि दांत सूखा हुआ, तो इंप्लाटेंशन में दिक्कत हो सकती है। डाक्टर के मुताबिक कम से कम आधे घंटे के भीतर दांत को चिकित्सक तक पहुंचाया जाना चाहिए, तभी उसे घायल के मसूड़े में लगाया जा सकता है। टूटे दांत को नारियल पानी में डालकर भी चिकित्सक के पास तक पहुंचाया जा सकता है। बहुत जल्द प्रदेश में इस अभियान को बारीकी से चलाया जाएगा।
वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी का 95 साल की उम्र में रविवार सवेरे निधन हो गया। जेठमलानी का जन्म 14 सितंबर 1923 में पाकिस्तान के शिकारपुर में हुआ था। उन्होंने 13 साल की उम्र में मैट्रिक की परीक्षा पास की और मजह 17 साल की उम्र में ही एलएलबी की डिग्री हासिल कर ली थी। उनसे बड़ा ओर नामी वकील हिंदुस्तान में शायद ही और कोई रहा हो। जेठमलानी एक समय पर भारत में सबसे ज्यादा टैक्स देने वाले लोगों की सूची में शामिल थे। ख़ास बात ये है कि उन्होंने कई केस मुफ्त में भी लड़े हैं। करीब दो वर्ष पहले उन्होंने वकालत से संन्यास लिया था। नए वकीलों के लिए उनकी जिरह सुनना किसी ऑक्सफ़ोर्ड क्लास से कम नहीं था। चर्चित केस: राजीव गांधी, इंदिरा गांधी के हत्यारों का केस लड़ा संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु का केस भी लड़ा जेठमलानी ने चारा घोटाला मामले में आरोपी लालू प्रसाद यादव की पैरवी की सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले में अमित शाह का केस भी लड़ा जेठमलानी ने जोधपुर जेल में बंद बलात्कार के आरोपी आसाराम केस लड़ा अरविंद केजरीवाल के लिए जेटली मानहानि केस भी उन्होंने लड़ा जयललिता के लिए बेहिसाब प्रॉपर्टी केस हर्षद मेहता और केतन पारेख का स्टॉक मार्केट घोटाला मुंबई माफिया हाजी मस्तान का हवाला घोटाला केस जेसिका लाल हत्याकांड में मनु शर्मा का केस उन्होंने लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव, अमित शाह, कनिमोझी, वाईएस जगमोहन रेड्डी, येदियुरप्पा, रामदेव और शिवसेना के लिए भी केस लड़े। राजनीति में भी आजमाया हाथ, मंत्री भी बने जेठमलानी 1971 और 1977 में भाजपा-शिवसेना के समर्थन से मुंबई से लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद चुने गए। बाद में 1996 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंदीय कानून मंत्री और 1998 में शहरी विकास मंत्री रहे।दिलचस्प बात ये है की इसके बाद जेठमलानी ने वाजपेयी के खिलाफ लखनऊ सीट से 2004 में निर्दलीय कैंडिडेट के तौर पर चुनाव लड़ा। तदोपरांत उनकी एक बार फिर भाजपा में वापसी हुई और पार्टी ने उन्हें 2010 में राजस्थान से राज्यसभा भेजा। पर पार्टी के खिलाफ लगातार बयान देने पर उन्हें नवंबर 2012 में 6 साल के लिए पार्टी से निकाल दिया गया। 2016 में लालू यादव की पार्टी राजद ने उन्हें फिर से राज्यसभा का मेंबर बनाया।
हिमाचल प्रदेश करोड़ों देवी- देवताओं के वास के लिए प्रसिद्ध है और शायद यही वजह है कि स्थानीय लोगों सहित बाहरी राज्यों के लोगों में भी इन देवी- देवताओं के प्रति अपार श्रद्धा है। इन देवी- देवताओं से जुड़े हर मंदिरों में लोगों की गहरी आस्था है और आज ऐसे ही एक मंदिर के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं। यह मंदिर है, तरंण्डा देवी मंदिर। हिमाचल प्रदेश जिला किन्नौर के एनएच-5 के किनारे स्थित इस मंदिर की मान्यता है कि यहां से गुज़रने वाले हर भक्त को मंदिर में माथा टेकना चाहिए,ऐसा न करने पर उसके साथ कुछ अनहोनी हो सकती है। यह मंदिर जिला शिमला रामपुर से करीब 40 किमी दूरी पर स्थित है। पौराणिक कथा कहा जाता है कि 1962 में जब भारत,चीन के बीच युद्ध हुआ तो सेना ने यहां के रास्ते से रोड़ बनाने की सोची ताकि बॉर्डर तक सेना को गोला बारूद और अन्य सामान पहुंचाया जा सके क्यूंकि पहले रोड़ सिर्फ रामपुर तक ही था। 1963 में सेना के GREF विंग ने यहां सड़क बनाने का काम शुरू किया लेकिन तरंण्डा के आगे रोड़ बनाना मुश्किल हो गया। उन दिनों यहां चट्टानें गिरने से आए दिन किसी न किसी मज़दूर की मौत हो जाती थी। ऐसे में परेशान सेना के लोग, गांव के लोगों के साथ गांव में बने मंदिर मां चंद्रलेखा के पास पहुंचे। सेना ने माता के समक्ष सारी व्यथा सुनाई। देवी ने बताया कि यहां पर किसी शक्ति का प्रकोप है। उससे बचने के लिए मुझे इस जगह स्थापित करो। मैं इस जगह स्थापित होना चाहती हूं। यहां मेरे नाम से मंदिर एक बनाओ सब कुछ ठीक हो जाएगा। बस फिर क्या था सेना के लोगों ने 1965 में मां का मंदिर यहां स्थापित करवाया और फिर सब कुछ ठीक हो गया। विशेषताएं यह मंदिर ज़िला शिमला के रामपुर से करीब 40 किलोमीटर दूर किन्नौर ज़िले के एनएच-5 के किनारे स्थित है। मंदिर की देखरेख सेना करती है। सेना के जवान यहां पूजा-पाठ का काम संभालते हैं। यहां से गुजरने वाली हर गाड़ी मंदिर में रुकती है। सब लोग तरंण्डा मां के इस मंदिर में माथा टेकते हैं फिर आगे बढ़ते हैं ताकि कोई अनहोनी न हो। मंदिर बनने के बाद आज तक वह कोई अनहोनी नहीं हुई। यह मंदिर दिखने में बहुत ही आकर्षित लगता है। हर नवरात्रो में सेना द्वारा यहाँ भण्डारा दिया जाता है।
आज हम आपको उत्तरी भारत के इकलौते सूर्य मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं। यह मंदिर देवभूमि कहे जाने वाले हिमाचल प्रदेश के जिला शिमला रामपुर से 18 किलोमीटर दूर नीरथ गांव का एक प्रसिद्ध सूर्य मंदिर है। यह स्थान शिमला से रामपुर की ओर आते रास्ते में ही पड़ता है जो कि उत्तर भारत व हिमाचल प्रदेश का एकमात्र मंदिर है। पौराणिक कथा जानकारों की मानें तो जब भगवान परशुराम ने अपने पिता के आदेश पर माता रेणुका की हत्या कर दी थी। इसके बाद मातृ दोष से मुक्त होने के लिए उन्हें हिमालय के तराई वाले क्षेत्रों में पांच मंदिरों की स्थापना करने को कहा गया था। इसके बाद उन्होंने नीरथ में सूर्य नारायण मंदिर, करसोग में कामाक्षा देवी मंदिर और मवेल महादेव, दत्तनगर में दत्तात्रे स्वामी और निरमंड में अंबिका माता मंदिर की स्थापना की थी। तब से लेकर आज तक यह उत्तरी भारत का एक मात्र सूर्य नारायण मंदिर अपने गौरवमयी इतिहास के लिए प्रसिद्ध है। विशेषताएं यह मंदिर शिमला ज़िले के निरथ में स्तिथ है। यह मन्दिर उत्तर भारत का एकलौता सूर्य मन्दिर भी है। मंदिर की स्थापना सम्भवत: परशुराम ने की थी। इस मंदिर का उलेल्ख 1908 में मार्शल ने किया था। मंदिर के गर्भगृह में पाषाण सूर्य प्रतिमा 3 फुट ऊँची और 4 फुट चौड़ी है। मन्दिर में कई शिवलिंग भी है। मन्दिर का क्षेत्रफ़ल 300 वर्ग गज है। इस मंदिर में पत्थरों पर नक्काशी की गई है, जो शायद ही देश के दूसरे मंदिरों में होगी। मन्दिर के निर्माण में पत्थर व लकड़ी का मिलाजुला रुप दिखायी देता है। मंदिर में नृत्य मग्न गणेश,शिव-पार्वती और अन्य हिन्दू देवी-देवताओं की मूर्तियां है। मंदिर के बाहरी दीवार पर बारह अवतार,लक्ष्मी नारायण,आठ भुजाओं वाले गणेश और ब्रम्हा की मूर्तियां स्थापित हैं। मध्य भाग में चारों तरफ सूर्य की प्रतिमाएं और सिंह की प्रतिमाएं निर्मित है। प्रत्येक वर्ष शरद ऋतु के आरम्भ में यहाँ एक मेले का आयोजन किया जाता है। राहुल सांस्कृत्यान ने अपनी पुस्तक में इस मंदिर का उलेल्ख किया है।
Lavya Bags First Position in Bilingual Debate Expressing her views with panache, Lavya Bhasin from Pinegrove School Solan took the best speaker award in the 4th edition of the Mohinder Memorial Bilingual Turncoat Debate which was held at Pinegrove School, Dharampur. Sixteen teams from across India participated in the event to test and hone their intellectual, debating and oratory skills. The event was judged by a team of learned academicians. The judges for Hindi language were Dr. Mukesh Sharma and Mr. Hemank Kapil, and for English language were Dr. Harsh Vardhan Singh Khimta and Group Captain Sudhir Diwan. The topic for the finals was ‘Abrogation of Section 370 was right’. The representatives of various schools spoke vehemently on the issue and came up with their perspective regarding the same. They cited reasons and supported them with suitable examples from real life, to justify their stand. The speakers formally presented their arguments in a disciplined manner through logical consistency, factual accuracy and some degree of emotional appeal. The overall winner of the competition was Army Public School, Dagshai whereas the runners-up team was from The Scindia School, Gwalior. The second position was bagged by Shaurya Veer Singh of SelaQui International School, Dehradun while the third best speaker was taken by Shreya Singla of Yadavindra Public School, Mohali. Padma Shree, Prof. Dr. Pushpesh Pant, Former Professor of International Relations at JNU, Delhi was chief guest on the final day and gave away the prizes.xpressing her views with panache, Lavya Bhasin from Pinegrove School Solan took the best speaker award in the 4th edition of the Mohinder Memorial Bilingual Turncoat Debate which was held at Pinegrove School, Dharampur. Sixteen teams from across India participated in the event to test and hone their intellectual, debating and oratory skills. The event was judged by a team of learned academicians. The judges for Hindi language were Dr. Mukesh Sharma and Mr. Hemank Kapil, and for English language were Dr. Harsh Vardhan Singh Khimta and Group Captain Sudhir Diwan. The topic for the finals was ‘Abrogation of Section 370 was right’. The representatives of various schools spoke vehemently on the issue and came up with their perspective regarding the same. They cited reasons and supported them with suitable examples from real life, to justify their stand. The speakers formally presented their arguments in a disciplined manner through logical consistency, factual accuracy and some degree of emotional appeal. The overall winner of the competition was Army Public School, Dagshai whereas the runners-up team was from The Scindia School, Gwalior. The second position was bagged by Shaurya Veer Singh of SelaQui International School, Dehradun while the third best speaker was taken by Shreya Singla of Yadavindra Public School, Mohali. Padma Shree, Prof. Dr. Pushpesh Pant, Former Professor of International Relations at JNU, Delhi was chief guest on the final day and gave away the prizes.
इस वर्ष गणेश चतुर्थी का पर्व 2 सितम्बर सोमवार को मनाया जा रहा है। यह पर्व हिन्दुओं का एक प्रमुख त्यौहार है। यह त्यौहार भारत के विभिन्न भागों में मनाया जाता है किन्तु महाराष्ट्र में बडी़ धूमधाम से मनाया जाता है। पुराणों के अनुसार इसी दिन गणेश का जन्म हुआ था। गणेश चतुर्थी पर हिन्दू भगवान गणेशजी की पूजा की जाती है। कई प्रमुख जगहों पर भगवान गणेश की बड़ी प्रतिमा स्थापित की जाती है। इस प्रतिमा का नौ दिन तक पूजन किया जाता है। नौ दिन बाद गाजे बाजे से श्री गणेश प्रतिमा को किसी तालाब इत्यादि जल में विसर्जित किया जाता है। कब शुरू हो रही है गणेश चतुर्थी तिथि इस साल गणेश चतुर्थी 02 सितंबर दिन सोमवार को सुबह 9 बजकर 1 मिनट से शुरू होने जा रही है, जो 3 सितंबर सुबह: 6 बजकर 50 मिनट तक है। इस दिन लोग अपने घरों में भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना करते हैं और 9 दिनों तक इसकी पूजा अर्चना करते हैं। और 10वें दिन धूमधाम के साथ भगवान गणेश की मूर्ति का विसर्जन करते हैं। आपको बता दें कि इस बार गणेश विसर्जन की शुभ तारीख 12 सितंबर है। बता दें कि भगवान गणेश का जन्म भाद्रपद माह के शुक्लपक्ष की चतुर्थी और स्वाति नक्षत्र और सिंह लग्न में हुआ था। इसलिए गणेश चतुर्थी की पूजा हमेशा दोपहर के वक्त की जाती है। गणेश चतुर्थी का महत्व हिन्दू धर्म में भगवान गणेश का विशेष स्थान है। कोई भी पूजा, हवन या मांगलिक कार्य उनकी स्तुति के बिना अधूरा है। हिन्दुओं में गणेश वंदना के साथ ही किसी नए काम की शुरुआत होती है। यही वजह है कि गणेश चतुर्थी यानी कि भगवान गणेश के जन्मदिवस को देश भर में पूरे विधि-विधान और उत्साह के साथ मनाया जाता है। सिर्फ चतुर्थी के दिन ही नहीं बल्कि भगवान गणेश का जन्म उत्सव पूरे 10 दिन यानी कि अनंत चतुर्दशी तक मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी का सिर्फ धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व ही नहीं है बल्कि यह राष्ट्रीय एकता का भी प्रतीक है। पौराणिक जन्म कथा शिवपुराण के अन्तर्गत माता पार्वती ने स्नान करने से पूर्व अपनी मैल से एक बालक को उत्पन्न करके उसे अपना द्वारपालबना दिया। शिवजी ने जब प्रवेश करना चाहा तब बालक ने उन्हें रोक दिया। इस पर शिवगणों ने बालक से भयंकर युद्ध किया परंतु संग्राम में उसे कोई पराजित नहीं कर सका। अन्ततोगत्वा भगवान शंकर ने क्रोधित होकर अपने त्रिशूल से उस बालक का सर काट दिया। इससे भगवती शिवा क्रुद्ध हो उठीं और उन्होंने प्रलय करने की ठान ली। भयभीत देवताओं ने देवर्षिनारद की सलाह पर जगदम्बा की स्तुति करके उन्हें शांत किया। शिवजी के निर्देश पर विष्णुजी उत्तर दिशा में सबसे पहले मिले जीव (हाथी) का सिर काटकर ले आए। मृत्युंजय रुद्र ने गज के उस मस्तक को बालक के धड पर रखकर उसे पुनर्जीवित कर दिया। माता पार्वती ने हर्षातिरेक से उस गजमुखबालक को अपने हृदय से लगा लिया और देवताओं में अग्रणी होने का आशीर्वाद दिया। ब्रह्मा, विष्णु, महेश ने उस बालक को सर्वाध्यक्ष घोषित करके अग्रपूज्यहोने का वरदान दिया। भगवान शंकर ने बालक से कहा-गिरिजानन्दन! विघ्न नाश करने में तेरा नाम सर्वोपरि होगा। गणेश्वर!तू भाद्रपद मास के कृष्णपक्ष की चतुर्थी को चंद्रमा के उदित होने पर उत्पन्न हुआ है। इस तिथि में व्रत करने वाले के सभी विघ्नों का नाश हो जाएगा और उसे सब सिद्धियां प्राप्त होंगी। मान्यता है चन्द्र-दर्शन निषिद्ध प्रत्येक शुक्ल पक्ष चतुर्थी को चन्द्रदर्शन के पश्चात् व्रती को आहार लेने का निर्देश है, इसके पूर्व नहीं। किंतु भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को रात्रि में चन्द्र-दर्शन (चन्द्रमा देखने को) निषिद्ध किया गया है। जो व्यक्ति इस रात्रि को चन्द्रमा को देखते हैं उन्हें झूठा-कलंक प्राप्त होता है। ऐसा शास्त्रों का निर्देश है।
In the beautiful woods of a small town in Himachal Pradesh resides the heavenly deity, Maa Tara. Himachal Pradesh is well known for its mesmerizing beauty, lush green forests and of course it is land of splendid mountains, a pristine place which feeds and provides solace to the mind and soul, a pious land which is associated with the supernatural . The enigma of a place which attracts people from every nook and corner of the world . Along being praised for its natural beauty Himachal is also referred as the "Dev-Bhoomi" which means the "abode of God." One can say that Himachal is the smaller and diversified version of India because various deities residing in this heavenly place . One of the most praised deity of Himachal is Maa Tara Devi. Tara devi temple is located in the mid of the thick forest of oak and rhododendron on Tarab hills in Shimla Himachal Pradesh. This temple is famous for its divine beauty and spiritual peace. Tara Devi Temple is situated at a height of 1851 meters above sea level. It is about 11 kilometers away from Shimla. Tara Devi Temple is accessible by rail, bus and car, but the best way to enjoy the magnificent beauty of the place is to follow the path of the Tarab trek . HISTORY The history of tara devi temple dates back about 250 years ago. It is believed that Maa Tara Devi was brought to Himachal from West Bengal. A King from the sen dynasty of Bengal once visited Himachal. He was in the habit of carrying the idol of his family in the upper torso of his arm. One day while hunting in the dark and dense forests of Juggar, Raja Bhupendra Sen fell asleep and had a dream; in the dream he saw his family deity Ma Tara and her consorts Dwarpal Bhairav and Lord Hanuman requesting him to unveil them before the common economically dis- empowered populace. Inspired by his dream, Raja Bhupendra Sen donated 50 bighas of land and sponsored the construction of a temple in the land. The first Idol was made of wood which was installed in accordance with Vaishnav traditions. Later generations of the Sen Dynasty gradually improved the structure. Raja Balbir Sen commissioned the 'Ashtadhatu' deity which is still seen today. THE TUNNEL WAY The trek start from taradevi railway station and runs up to the temple. You may continue the trek from the jungle above the railway station or from the railway track which will include tunnel 91 of the Kalka Shimla railway line. This is the second longest tunnel of the track 992 meters. There is a long story behind this tunnel too It is believed that as this tunnel was being built under the residence of a powerful goddes , the workers were scared of working there as they didn’t want to face the goddess’ wrath. Work had to be stopped for a little while when a breathing pipe was mistaken for a large snake sent by the goddess herself. The tunnel is very long and a bit narrow so its tough to cross it. You must ask station master before crossing it to assure that there is no train coming and you have plenty of time to cross it . According to locals many people committed suicide in that tunnel and some got accidently killed by the train while they passing through the tunnel . That tunnel is a bit haunted but would give you plenty of thrill for sure . After passing the tunnel the path continues along the railway trek and then you have to climb the hill covered by dense forest of oak and rhododendron to reach your destination . THE JUNGLE WAY This way totally involve a narrow path through a dense forest . One has to hike for about two hours to reach the temple . Through the dense forest of the pinewood, oak, Rhododendron , rich in flora and fauna, passing through the green meadows on the way, it is one of the most beautiful walks around Shimla. The meandering foot path, climbs gently to the top of the hill and it turns to be a tireless climb. On the way to the top there are various places which offer wide panoramic views of Shimla town with the Himalayas at back. Atmosphere of the hike rejuvenates the nature lovers and common tourists visiting this sacred temple, which provides excellent views. Pine – scented mild breeze on the way refreshes people beyond expectations. The trek starts from tara devi bus stand that is base of the mountain when you reach their you will realize that the world might have taken a leap of ten years, but the trees and the jungle still stand just the same. They stand tall, proud, looking down on all of us . The jungle beckons you . The total distance of the trek is 4 kms and most of it is uphill, and through a jungle trail. This trek can be undertaken around the year. Just be careful of the running streams in monsoon and the snowy trails in winter. On the whole trail will just see a handful of people otherwise it will just be the jungle and you . Not a soul around and almost pin drop silence. The first stretch of half an hour or so is a gradual slope that circles the mountain. Before you reach the half way mark the trail becomes more steeper, and a little tiresome . After you will complete half way , you will see the remains of a rain shelter with a broken hand pump . After walking a bit you will soon reach a place where you will see four mobile towers on the top of mountain . The view from that point will take you to another world , from there you can get the glimpse of whole Shimla . The jungle in this last stretch is mesmerizing, there are pockets which get very little sun and have huge ferns, in deep greens growing here . After this a walk of few more minutes through the woods and you will reach your destination . The jungle is fierce and interesting so definitely a place to visit . SHIV KUTIYA After visiting tara devi temple and tasting the divinity in the air you may now move further to Shiv Kutiya . A small temple of lord shiva located under the tara devi temple in the dense forest gives you the feel of Lord Shiva actually residing in Kailash. The temperature of the temple is naturally lower than other parts of the jungle. It is believed that many years ago a saint who used to meditate here He stayed here even at the worst of temperature , be it deepest of winters he could be found only in a langot with ash smeared all over him. He was believed to be from South India, and a qualified engineer from Merchant Navy. The only thing you will sense there is the extreme peace and divinity in the air .Temple has the Samadhi of one more saint who meditated here. There is a small room along the temple where you will see a log burning continuously most probably called baba g ka dhoona . It is believed that the babaji is in mediation here, and the ash from the log is supposed to be prasad for his followers. This temple is a feast for all the Lord Shiva bhakt .
कलराज मिश्र के स्थान पर बंडारू दत्तात्रेय को हिमाचल प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। राष्ट्रपति की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक रविवार को पांच राज्यपालों की नियुक्ति और तबादले किए गए हैं। राष्ट्रपति भवन कार्यालय द्वारा रविवार को जारी एक विज्ञप्ति में बताया गया है कि हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल कलराज मिश्र का तबादला कर उन्हें राजस्थान की कमान सौंपी गयी है। इसी के साथ भगत सिंह कोश्यारी महाराष्ट्र के राज्यपाल, आरिफ मोहम्मद खान केरल के राज्यपाल, और डा . तमिलिसाई सुंदरराजन तेलंगाना के राज्यपाल के पद की जिम्मेदारी संभालेंगे । बता दें कि अभी कुछ ही समय पहले कलराज मिश्र को हिमाचल का राज्यपाल बनाया गया था और अब फिर उन्हें बदल दिया गया है।