भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद व उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने आज केंद्र, और केंद्र शासित प्रदेशों के राज्यपालों, लेफ्टिनेंट गवर्नरों और राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासकों के साथ वीडियो-काॅन्फ्रेंस के माध्यम से कोविड-19 से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए केंद्र व राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों का जायजा लिया। इस अवसर पर राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि रेडक्राॅस सोसायटी राज्य में लोगों की मदद करने के लिए 24 घंटे कार्य कर रही है। गरीब और जरूरतमंद लोगों को उनकी जरूरत के अनुसार पैक्ड फूड, राशन और दवाएं वितरित करने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे है। उन्होंने कहा कि राज्य रेडक्राॅस सोसायटी और जिला शाखाओं द्वारा रक्तदान शिविरों का आयोजन भी किया जा रहा हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान में रेडक्राॅस के 624 वाॅलंटियर्स अपनी गतिविधियों के माध्यम से कोविड-19 के खिलाफ, स्वेच्छापूर्वक कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 13,249 प्रवासी मजदूरों, और झुग्गियों में रहने वाले 10,000 परिवारों को राशन उपलब्ध करवाया जा रहा है। 811 लोगों को आपातकालीन आवास उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने कहा कि 1,63,880 मास्क, 870 सैनिटाइजर और 40 व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण रेडक्राॅस द्वारा उपलब्ध करवाए गए हैं। श्त्तात्रेय ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा ‘लाॅकडाउन’ को सफल बनाने के लिए कई प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार की ओर सतर्कता आदेश उपरांत सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को 23 और 25 जनवरी, 2020 को कोरोना वायरस की जांच व इससे निपटने के उपाय करने के निर्देश जारी कर दिए गए थे। उन्होंने कहा कि 24 मार्च 2020 से राज्य में पूर्ण कर्फ्यू लगा दिया गया है और 14 अप्रैल, 2020 तक सभी कार्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों को बंद कर दिया गया है। राज्य सरकार इस दिशा में बेहतर कार्य कर रही है और सभी आपातकालीन सेवाओं को प्रभावी ढंग से लागू किया जा रहा है। मुख्यमंत्री स्वयं इस संबंध में उठाए जा रहे कदमों की निगरानी कर रहे हैं। वीडियो काॅन्फ्रेंस के बाद राज्यपाल ने अपने संदेश में राज्य के लोगों से आग्रह किया है कि 5 अप्रैल को सायं 9 बजे, 9 मिनट के लिए अपने घरों में सभी बत्तियां बंद कर दें और अपने दरवाजों पर या बालकनी में खड़े होकर, प्रधानमंत्री के आह्वान पर, सामाजिक दूरी को बरकरार रखते हुए दिया, मशाल, मोबाइल टाॅर्च जलाएं। उन्होंने कहा कि जिस तरह राज्य के लोगों ने जनता कर्फ्यू को सफल बनाया और कोरोना महामारी के खिलाफ एकजुटता दिखाई है, उसी तरह 5 अप्रैल को भी राज्य के लोग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अपील का पालन करें।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने हमेशा कर्मचारियों एवं पेंशनरों के हितों को सर्वोपरि रखा है। कठिन वित्तीय स्थिति होने के बावजूद भी राज्य सरकार ने कर्मचारियों को समय पर वेतन एवं पेंशन जारी की है, बल्कि इस माह बढ़ा हुआ वेतन एवं पेंशन का भुगतान भी मंहगाई भत्ता वृद्धि के साथ किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 के कारण देश के अनेक राज्यों में कर्मचारियों के वेतन व पेंशन के बड़े भाग को लंबित किया है, परन्तु प्रदेश सरकार ने कठिन स्थिति के बावजूद भी ऐसा कोई भी कदम नहीं उठाया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा अपने कर्मचारियों तथा पेंशनरों को मंहगाई भत्ते की बकाया राशि मार्च, 2020 में सामान्य भविष्य निधि खातों में जमा करवाने के निर्देश जारी किए गए हैं, जबकि जिन कर्मचारियों के भविष्य निधि खाते नहीं हैं, ऐसे कर्मचारियों को मंहगाई भत्ते की बकाया राशि नकद भुगतान करने के आदेश जारी किए गए हैं। जय राम ठाकुर ने प्रदेश के सभी कर्मचारियों एवं पेंशनरों से अपील की कि वे प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री ‘कोविड-19 निधि’ में स्वेच्छा से दान करें। उन्होंने कहा कि इस निधि में एकत्रित राशि देश व प्रदेश में कोरोना महामारी से निपटने में सहायक सिद्ध होगी।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर को परिवहन मंत्री गोविन्द ठाकुर ने हिमाचल पथ परिवहन निगम के अधिकारियों तथा कर्मचारियों की ओर से हिमाचल प्रदेश कोविड-19 साॅलिडेरिटी रिस्पोंस फंड के लिए एक करोड़ रुपये का चैक भेंट किया। इसके अतिरिक्त हिमाचल प्रदेश के गायत्री परिवार की ओर से वीके भटनागर, गिरजानन्द शर्मा और डीएन वर्मा ने भी एक लाख रुपये का चैक मुख्यमंत्री को भेंट किया। मुख्यमंत्री ने लोगों से इस फंड में उदारता से दान करने की अपील की, ताकि इसके माध्यम से जरूरतमंद लोगों को लाभ मिल सके।
दिनांक 2 अप्रैल 2020 को भाजपा के प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से हुई जिसकी अध्यक्षता डा। राजीव बिन्दल प्रदेश अध्यक्ष भाजपा द्वारा की गई। जिसमें पवन राणा संगठन महामंत्री, चार संसदीय क्षेत्रों के पालक विक्रम ठाकुर, राजीव सैजल, राम स्वरूप शर्मा, चार प्रभारी राकेश जमवाल, त्रिलोक कपूर, त्रिलोक जमवाल, पुरूषोत्तम गुलेरिया, चार संयोजक श्री रतन पाल, संजीव कटवाल, राम सिंह, कृपाल परमार, चार विस्तारक 17 पदाधिकारियों ने भाग लिया। इस बैठक में रिखी राम कौंडल व श्रीमती लीला जी के निधन पर शोक व्यक्त किया गया। सभी लोगों ने चंबा से लेकर सिरमौर तक प्रदेश के वर्तमान हालात पर विस्तृत चर्चा कीः-कोरोना वायरस से उत्पन्न महामारी से बचाव के लिए किए जा रहे प्रयासों की विस्तृत समीक्षा करने के बाद पार्टी ने एक स्वर में जयराम सरकार के कार्यों की प्रशंसा की और आने वाले दिनों में इन प्रयासों को जारी रखने का आग्रह किया। प्रदेश महामंत्री त्रिलोक जमवाल ने बताया कि बैठक में कोरोना वायरस पर जागरूकता फैलाना, कफर्यू व लॉकडाउन की अनुपालना करना, व अनुशासन का पालन न करने वाले लोगों को सजग करना व प्रशासन को सूचित करना जैसे विषयों पर विस्तार से चर्चा के बाद निर्णय लिया कि 7723 बूथों पर बैठी भाजपा की टीम लगातार इन कार्यों को 14 अप्रैल तक अंजाम देगी। उन्होंने बताया बैठक में लाई गई सूचनाओं के अनुसार एक अप्रैल 2020 तक , केवल पिछले 4 दिनों में भाजपा के प्रयासों से 40234 लोगों को भोजन कराया गया, 19986 राशन की किटें बांटी गई, इससे 117192 लोग लाभान्वित हुए व इस कार्य में 4797 कार्यकर्ता लगे। यह राशन का कार्य 14 अप्रैल तक यथावत जारी रहेगा। जम्वाल ने बताया बैठक में निर्णय लिया गया कि पीएम केयर फंड में व एचपी-कोविड-19 सोलीडेटरी रिस्पांड फंड में सभी लोगों को दान देने के लिए प्रेरित किया जाएगा। इस कार्य का संचालन भाजपा युवा मोर्चा करेगा व बड़े सहयोग के लिए भाजपा विधायक व 2017 के उम्मीदवारों को लगाया जाएगा। भाजपा ने इस बैठक में यह निर्णय लिया कि गांव-गांव तक घर-घर में मास्क बनाएं जाएं, इसके लिए महिला मोर्चा को कार्य दिया जाएगा और घर के सिले हुए ट्रिप्पल लेयर मास्क लगातार सभी लोग उपयोग करें, इसकी प्रेरण दी जाएगी। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि डिजिटल मीडिया, इलैक्टानिक मीडिया, सोशल मीडिया के माध्यम से हम सब जन मनानस को जागरूक करने का कार्य करेंगे।
प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो काॅन्फ्रेंस के माध्यम से कोरोना वायरस की स्थित को लेकर समीक्षा बैठक की। इसके उपरांत आज राज्य के उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों के साथ वीडियो काॅन्फ्रेंस के माध्यम से संवाद करते हुए मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने अधिकारियों को कहा कि वे लोगों को व्यक्तिगत स्वच्छता तथा समाज से कोरोना वायरस को जड़ से खत्म करने के लिए सहयोग देने के लिए जागरूक करें। उन्होंने कहा कि गैर सरकारी संगठनों को भी इस लड़ाई में शामिल करना चाहिए। उन्होंने लोगों से केंद्र तथा राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर जारी की जा रही सलाह का पालन करने का आग्रह किया। जय राम ठाकुर ने उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को सामाजिक तथा धार्मिक सभाओं पर पूरी तरह पाबन्दी लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने धार्मिक नेताओं को ऐसे आयोजनों को न करने के लिए प्रेरित करने के लिए भी कहा और उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा। उन्होंने धार्मिक नेताओं के साथ बैठक आयोजित कर उनके संदेशों को रिकाॅर्ड कर, संचार के विभिन्न माध्यमों से लोगों तक पहुंचाने को कहा, ताकि संबंधित समुदाय के लोगों को धार्मिक सभाओं तथा आयोजनों से दूर रखने के लिए प्रेरित किया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि फसलों की कटाई का समय शुरू हो रहा है और इसके लिए ऐसी प्रणाली विकसित की जाए, जो किसानों के लिए मददगार साबित हो सके। उन्होंने कहा कि किसानों को सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए जागरूक किया जाना चाहिए, क्योंकि प्रधानमन्त्री ने भी फसलों की कटाई के दौरान किसानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर अपनी चिन्ता व्यक्त की है। जय राम ठाकुर ने कहा कि वृद्धाश्रमों का भी ध्यान रखा जाए और वृद्धों को घर पर रहने के लिए प्रेरित किया जाए। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस और सामाजिक दूरी के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए एनसीसी, एनएसएस और युवक मंडलों को भी शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि आपातकालीन स्थिति में यह सहायक सिद्ध होंगेे। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को अपने-अपने जिलों में आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आवश्यक वस्तुओं की जमाखोरी और मुनाफाखोरी की जांच के लिए भी आवश्यक कदम उठाए जाए और उल्लघंन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएं। उन्होंने कहा कि होम डिलीवरी सिस्टम को और मजबूत किया जाए ताकि कम से कम लोग आवश्यक वस्तुओं को लेने के लिए घरों से बाहर निकलें। उन्होंने कहा कि आवश्यक वस्तुओं की ढुलाई वाले ट्रकों का आवागमन सुचारू रूप से सुनिश्चित किया जाए, ताकि रोजमर्रा की इन वस्तुओं की आपूर्ति को निरंतर बनाया रखा जा सके। जय राम ठाकुर ने मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने जिलों के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में एन-95 मास्क सहित व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि उन लोगों पर भी कड़ी नजर रखी जाए जिन्होंने हाल ही में निजामुद्दीन नई दिल्ली का दौरा किया है, ताकि उन्हें कड़ी निगरानी और चिकित्सा परामर्श की देख-रेख में रखा जा सके। मुख्य सचिव अनिल कुमार खाची ने कहा कि लोगों को संवेदनशील बनाना और प्रेरित करना भी समय की जरूरत है ताकि उन्हें कोरोना वायरस से दूर रखा जा सके। उन्होंने उपायुक्तों से कहा कि यह भी यह सुनिश्चित किया जाए कि किसान, ट्रक चालक और अन्य फ्रंट लाइन कर्मचारी भी कोरोना वायरस के खिलाफ सुरक्षा नियमों का पालन करें। पुलिस महानिदेशक एस.आर. मरडी, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह मनोज कुमार, अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य आर.डी. धीमान, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुंडू और अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।
उप आवासीय आयुक्त हिमाचल भवन नई दिल्ली विवेक महाजन ने बताया कि दिल्ली में फंसे हिमाचल के लोगों के लिए शैल्टर होम शुरू कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि हेल्पलाईन पर मिली सूचना के उपरांत दिल्ली में फंसे छह प्रवासी मजदूरों को आश्रय प्रदान किया गया है। ये प्रवासी मजदूर कुल्लू और लाहौल-स्पीति से संबंध रखते हैं, जो लाॅकडाउन के कारण दिल्ली में फंस गए थे। उन्होंने कहा कि मोती नगर मैट्रो स्टेशन के नजदीक कर्मपुर सरांय में इन लोगों को निःशुल्क ठहरने और खाने-पीने की सुविधाएं प्रदान की गई हैं, जिसे हिमाचल सोशल बाॅडीज़ फेडरेशन के अंतर्गत केआर वर्मा, आरके शर्मा और उनकी टीम की अगुवाई में चलाया जा रहा है। महाजन ने कहा कि विभिन्न जरूरतमंद लोगों द्वारा आवासीय आयुक्त कार्यालय में किए जा रहे फोन काॅल्स पर उचित कार्यवाही की जा रही है। विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा निःशुल्क राशन, आवश्यक वस्तुएं, दवाइयां इत्यादि वितरित की जा रही है। मानवता के इस कार्य में जिन लोगों ने योगदान दिया है उनकी जानकारी देते हुए महाजन ने कहा कि आर.एन. शर्मा, कुलभूषण शर्मा, संजय राणा, अनीता जरयाल, वीना भदुरिया, मुकेश, रिया, मुदित, अनुज डोगरा, सतीश, सोमवीर ठाकुर, नरेंद्र चैहान ने सभी 38 जरूरतमंद हिमाचली परिवारों को निःशुल्क राशन वितरित किया। इसके अलावा रोहिणी, बदरपुर, महरौली, छतरपुर, पांडवनगर, तुगलकाबाद, रिठाला, खुरहा काॅलोनी की बस्तियों, पेपर मार्केट, मयूर विहार फेज 3 और महिपालपुर के क्षेत्रों में जरूरतमंद लोगों को विभिन्न आवश्यक वस्तुएं प्रदान की जा रही है। उन्होंने धर्म सिंह सकलानी और अमीन चंद जसवाल का भी धन्यवाद किया, जिन्होंने गुड़गांव और नोएडा में अपने प्रतिनिधियों के माध्यम से इन हिमाचली परिवारों को इस आपदा की घड़ी में सभी प्रकार की सहायता प्रदान करने में अपना योगदान दिया है। हिमाचलियों द्वारा शुरू की गई अन्य सेवाओं के संबंध में महाजन ने बताया कि हिमाचली कांगड़ा निकेतन सोसायटी विकासपुरी के निवासी पिछले तीन दिनों से हिमाचली जरूरतमंद श्रमिकों को निःशुल्क भोजन उपलब्ध करवा रहे हैं। द्वारका निवासी पवन शर्मा, राजेश चैधरी और संजीव डोगरा ने भी स्थानीय प्रशासन के सहयोग से 500 लोगों के लिए निःशुल्क भोजन वितरित किया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर की अपील पर सामाजिक संगठन जरूरमंद हिमाचलियों की मदद के लिए आगे आ रहे हैं। उन्होंने अधिवक्ता सिद्धार्थ सेठी का मुख्यमंत्री राहत कोष में एक लाख रुपये देने के लिए धन्यवाद किया।
विश्वव्यापी कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए जहां सरकार द्वारा सभी स्तरों पर प्रयास किए जा रहे हैं वहीं विभिन्न धार्मिक, सामाजिक एवं स्वयंसेवी संस्थाएं भी अपना सहयोग प्रदान कर इस संकटकाल में सहायता व सेवा कर रही है। राम कमल चैरिटेबल एंड रिलीजियस ट्रस्ट घोड़ा चोकी शिमला की उपाध्यक्ष सुषमा कुठियाला द्वारा भी कोरोना संक्रमण से बचाव के प्रति लोगों को जागृति प्रदान की जा रही है। कर्फ्यू और लाॅक डाउन के तहत वह अपने दैनिक कार्यों की पूर्ति के उपरांत मास्क बनाकर लोगों को कोरोना संक्रमण से बचने के प्रति जागरूकता प्रदान कर रही है। उन्होंने उपमंडलाधिकारी ग्रामीण शिमला नीरज गुप्ता को 100 मास्क बना कर दिए, जिन्हें उपमंडलाअधिकारी ने खंड चिकित्सा अधिकारी सुन्नी डाॅ. कविंदर लाल को सौंप दिए। सुषमा कुठियाला ने इसके अतिरिक्त 200 अन्य मास्क बनाकर आम लोगों को भी वितरित किए तथा लोगों को इस दौरान घर पर ही रहने, भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में न जाकर कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि लोगों की आवश्यकता व जरूरत के अनुरूप मास्क बनाने का क्रम जारी रखेंगे। संभवतः परोक्ष रूप से सुषमा कुठियाला अथवा अन्य लोगों द्वारा इस समय में प्रदान किया गया सहयोग देश के प्रति समर्पण भाव प्रकट करता है।
राज्य प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा विकसित ई-पास मेकेनिज्म न केवल लोगों को सुविधा उपलब्ध करवा रहा है, बल्कि कोविड-19 महामारी में लोगों में सामाजिक दूरी भी सुनिश्चित कर रहा है। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने यह बात सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को असुविधा न होने के लिए कोविड-19 से संबंधित विभिन्न विभागों के कार्यालय आदेश और अधिसूचना सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के निर्धारित पोर्टल पर अपलोड किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त मुख्य सचिव तथा राज्य के उपायुक्तों के लिए विभाग द्वारा डैशबोर्ड भी विकसित किया गया है। जय राम ठाकुर ने कहा कि विभाग द्वारा लोगों पर निगरानी रखने के लिए विकसित क्वारनटाईन ऐप भी सहायक सिद्ध होगा। इस ऐप द्वारा जो लोग क्वारनटाईन अवधि से पूर्व बाहर निकल रहे हैं, उन पर निगरानी रखी जाएगी। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा विकसित कोविड-19 कानून एवं व्यवस्था प्रणाली से कोविड-19 नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ किसी भी प्रकार के मामलों की रिपोर्टिंक सुचारू रूप से सुनिश्चित की जा सकेगी। मुख्य सचिव अनिल खाची, प्रधान सचिव सूचना प्रौद्योगिकी जेसी शर्मा, निदेशक सूचना प्रौद्योगिकी रोहन चन्द ठाकुर तथा अन्य अधिकारी भी इस बैठक में उपस्थित थे।
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने सभी जिलों के उपायुक्तों को अपने संबंधित जिले में सभी गैर पंजीकृत प्रवासी मजदूरों को पंजीकृत करने और उन्हें पहचान पत्र जारी करने के निर्देश दिए हैं। कोरोना महामारी को देखते हुए, देश में लाॅकडाउन के दौरान उनके भोजन और आश्रय की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि इस बात की भी निगरानी की जाए कि संबंधित ठेकेदार अपने श्रमिकों और मजदूरों की जरूरतों को पूरा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह कोविड-19 से उत्पन्न स्थिति पर 4 और 6 अप्रैल, 2020 को राज्य के सरकारी और निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ भी चर्चा करेंगे। राज्यपाल ने अतिरिक्त सचिव स्वास्थ्य को परीक्षण किट और अन्य व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण उचित मात्रा में खरीदने के लिए और कदम उठाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने इस कठिन समय में महामारी का मुकाबला करने के लिए लोगों का सरकार को सहयोग देने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कोरोना से बचाव के लिए कई प्रभावी कदम उठाए हैं। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील की। उन्होंने उन सामाजिक संगठनों और लोगों का भी धन्यवाद किया जो गरीब, प्रवासी मजदूरों और अन्य लोगों की मदद के लिए आगे आ रहे है। उन्होंने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई के लिए ऊना शहर के पास रहने वाली चैथी कक्षा की छात्रा मन्नत सिंह द्वारा अपनी जेब खर्च से उपायुक्त को 835 रूपए दान देने के लिए सराहना की और कहा कि मन्नत जैसी बेटियां समाज के लिए एक प्रेरणा स्रोत हैं।
भारतीय जनता पार्टी हिमाचल प्रदेश के प्रदेश महामंत्री त्रिलोक जमवाल ने कहा कि कांग्रेस के नेता राजेंद्र राणा तथ्यहीन बयानबाजी कर सरकार पर निराधार आरोप लगा रहे है। उन्होंने कहा हिमाचल प्रदेश की सरकार मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व में प्रदेश और अन्य राज्यों में रहने वाले हिमाचली लोगों के बारे में निरंतर चिंता कर रही है और जो सुविधाएं जनता के लिए घोषित कर रही है उसी के आधार पर धरातल पर कार्य भी कर रही है। उन्होंने कहा कांग्रेस नेता राजेंद्र राणा का यह कहना कि चंडीगढ़ और दिल्ली के हिमाचल भवनों में प्रदेश के आईएएस और एचएएस के बच्चों एवं रिश्तेदारों का कब्जा है यह पूरी तरह गलत है निराधार है, राजेंद्र राणा को पहले धरातल पर जाकर स्वयं स्थिति को देखना चाहिए और फिर बयानबाज़ी करनी चाहिए। उन्होंने कहा हिमाचल भवन चंडीगढ़ में कुल मिलाकर 5 बच्चे रह रहे हैं और वह सारे आम परिवारों से हैं , 3 पुरुष और 2 महिलाएं, इनमें से चार निजी क्षेत्र में कार्य कर रहे है और एक चंडीगढ़ में कोचिंग ले रहे है। उन्होंने कहा संकट की इस घड़ी में कांग्रेस के नेताओं को इन बच्चों का ख्याल रखना चाहिए था ना की राजनीतिक टिप्पणी करनी चाहिए थी, अभी पंजाब हरियाणा और हिमाचल में कर्फ्यू और लोकेडाउन चल रहे हैं इस परिस्थितियों में सरकारी कर्मचारियों को भी अधिकतम छुट्टी है, तो ऐसा कैसे हो सकता है की सरकारी गाड़ियां भी चल रही है और उनकी बच्चे और रिश्तेदार हिमाचल भवन में पहुंच गए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेताओं के पास ना तो नेता है और ना ही नीति है, ऐसे में कांग्रेस के नेताओं को समझ नहीं आ रहा है कि वह किस प्रकार से अपनी राजनीति चमकाए, केंद्र सरकार और प्रदेश की सरकार इस वैश्विक महामारी कोरोना वायरस को लेकर धरातल पर लगातार अफसरों और जनता से संपर्क में है जिसके परिणामस्वरूप आज पूरे देश भर में करुणा वायरस पर नियंत्रण पाया जा रहा है और निश्चित रूप से जिस प्रकार से हमारी सरकारें कार्य कर रही है हम इस वैश्विक महामारी के खिलाफ जंग जीत जाएंगे। आज भी इतनी बड़ी आबादी वाले देश में तुलात्मक कोरोना के केस बहुत कम है। उन्होंने कहा आखिर कांग्रेस ने अपना असली चेहरा दिखा ही दिया है, कांग्रेस के पास किसी भी प्रकार का मुद्दा केंद्र और प्रदेश की सरकार के खिलाफ नहीं है, इसी कारण कांग्रेस के नेता तथ्यहीन बयानबाजी कर लोकप्रियता हासिल करने में लगे हैं और जनता को गुमराह कर रहे हैं। संकट की इस घड़ी में जब देश वैश्विक महामारी करोना वायरस से लड़ रहा है कांग्रेस के नेता अपनी राजनीति चमकाने के लिए राजनीतिक बयानबाजी कर रहे हैं आज उन्हें राजनीति से ऊपर उठकर सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करना चाहिए और इस प्रकार की ओछी बयानबाजी नहीं करनी चाहिए।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए आवश्यक वस्तुओं की स्थिति, पौधों की सुरक्षा सामग्री और बागवानी इनपुट के भण्डार की समीक्षा की। उन्होने राज्य में बुधवार से आरम्भ ‘एक्टिव केस फांइडिंग’ अभियान के कार्यान्वयन में पंचायती राज संस्थानों की भूमिका की समीक्षा भी की। इस अभियान के तहत स्वास्थ्य कार्यकर्ता कोविड-19 के लक्षणों के बारे में लोगों को घरद्वार पर जानकारी प्रदान करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग और नागरिक आपूर्ति निगम को लोगों की सुविधा के लिए खुले बाजारों में आवश्यक वस्तुओं को पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने नागरिक आपूर्ति निगम के डिपो में बफर स्टाक सुनिश्चित करने के लिए भी प्रयास करने को कहा। उन्होंने कहा कि जमाखोरी और मुनाफाखोरी पर नजर रखे जाने पर विशेष बल दिया जाना चाहिए और उल्लंघन करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। जय राम ठाकुर ने कहा कि दालों को पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करवाने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए, क्योंकि इनकी खरीद अन्य राज्यों से की जानी है। उन्होंने कहा कि अधिकारी थोक विक्रेताओं से भी संपर्क करें, ताकि आपूर्ति प्रभावित न हो सके। उन्होंने अधिकारियों को गद्दी और गुज्जर समुदाय के लोगों को भी पर्याप्त मात्रा में राशन उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने बागवानी विभाग के अधिकारियों को घरद्वार अथवा प्रत्येक गांव में फफूंदनाशक की आपूर्ति सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने कहा कि मधुमक्खी के बक्सों और बागवानों के लिए एंटी हेलनेट की आपूर्ति समयबद्ध तरीके से करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गत तीन दिनों में 1,81 लाख पौधों में से लगभग एक लाख से अधिक पौधे किसानों को वितरित किए जा चुके हैं और आगामी तीन दिनों में शेष पौधे भी वितरित किए जाएंगे। उन्होंने अधिकारियों को गुजरात से एंटी हेलनेट की आपूर्ति का कार्य शीघ्र करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने पंचायती राज विभाग को ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को सामाजिक दूरी और कोरोना वायरस से बचाव उपाय के बारे जागरूक करने के निर्देश दिए। उन्होंने पंचायती राज संस्थानों को संपूर्ण सहयोग देने को कहा और प्रत्येक गांव के घर-घर जाकर प्रत्येक व्यक्ति की स्वास्थ्य सूचना लेकर गूगल फाॅर्म के माध्यम से विभाग के साथ सांझा करने को कहा, ताकि अन्य भागों से गांव में आए लोगों की स्वास्थ्य जांच हो सके। जय राम ठाकुर ने चारे की सुचारू आपूर्ति के लिए समुचित कदम उठाने के निर्देश दिए, ताकि राज्य में इसकी कमी न हो। उन्होंने राज्य के विभिन्न भागों में स्थित गौ सदनों में पर्याप्त मात्रा में चारा आपूर्ति सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने कहा कि गैर सरकारी संस्थानों को भी चारे की आपूर्ति में शामिल करने को कहा। मुख्य सचिव अनिल खाची, अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय गुप्ता और मनोज कुमार, प्रधान सचिव जगदीश शर्मा और संजय कुंडू, सचिव डाॅ आरएन बत्ता और अमिताभ अवस्थी, प्रबन्धक निदेशक खाद्य आपूर्ति निगम मानसी सहाय ठाकुर, निदेशक खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति आबिद हुसैन सादिक, निदेशक बागवानी एम।एम। शर्मा, निदेशक पशुपालन डाॅ। प्रियदर्शनी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस बैठक में उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार औद्योगिक घरानों को बद्दी, बरोटीवाला और नालागढ़ क्षेत्र में अपना संचालन आरम्भ करने के लिए सुविधा प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री ने शिमला में बद्दी, बरोटीवाला और नालागढ़ औद्योगिक एसोसिएशन के पदाधिकारियो के साथ वीडियो काॅन्फ्रेंसिग के माध्यम से संवाद के दौरान यह बात कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार श्रम शक्ति की आवाजाही को सुचारू रूप से बनाए रखने के लिए हर संभव कदम उठा रही है। इसके अतिरिक्त उद्योगों के लिए कच्चे माल की जरूरत और तैयार माल की सप्लाई को सुदृढ़ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उद्योगों को माल ढुलाई के लिए पर्याप्त मात्रा में ट्रक उपलब्ध करवाए जाएंगे। कपड़ा उद्योग द्वारा इस क्षेत्र में बड़ी मात्रा में श्रम शक्ति को रोजगार दिए जा रहे हैं, उन्हें स्थानीय श्रमिकों को नियुक्त करने के अन्य विकल्प खोजने चाहिए, ताकि उनका संचालन सुचारू रूप से चल सके। जय राम ठाकुर ने कहा कि सभी औद्योगिक घरानों को औद्योगिक इकाइयों के स्वतः विस्तार के लिए विभिन्न स्वीकृतियां दी जाएगी। उन्होंने कहा कि ईएसआई के तहत पंजीकृत कर्मचारियों को वेतन प्रदान करने के मामले को राज्य सरकार, केंद्र सरकार के समक्ष उठाएगी। उन्होने फार्मा उद्योग द्वारा अपने उत्पादन को फिर से शुरू करने के प्रयासों की भी सराहना की। उन्होंने कहा कुल 370 फार्मा उद्योगों में से 250 ने अपने उत्पादन को फिर से शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री ने ऐसोसिएशन द्वारा अपने सामाजिक दायित्व के तहत बद्दी, बरोटीवाला और नालागढ़ क्षेत्र में श्रमिकों को राशन उपलब्ध करवाने के प्रयासों की भी सराहना की। मुख्यमंत्री ने एसोसिएशन के सभी सदस्यों को आश्वस्त किया कि एसोसिएशन की सभी उचित मांगों पर विचार किया जाएगा। बद्दी, बरोटीवाला और नालागढ़ औद्योगिक एसोसिएशन के प्रधान संजय खुराना ने उद्योगपतियों के विभिन्न मामलों को मुख्यमंत्री के समक्ष रखा। मुख्य सचिव अनिल खाची, अतिरिक्त मुख्य सचिव बहुद्देश्यीय परियोजना एवं ऊर्जा राम सुभग सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग मनोज कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुंडू, सचिव पर्यावरण और विज्ञान तकनीकी रजनीश और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
विधायक नाहन एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डा. राजीव बिन्दल ने कोरोना वायरस के संक्रमण के दृष्टिगत हरियाणा और हिमाचल की सीमा पर कालाआम में स्थापित ‘कोरोना क्वारंटाइन केन्द्र’ का दौरा कर यहां उपलब्ध सुविधाओं का जायजा लिया। डा. बिन्दल ने क्वारेंटिन केन्द्र में स्वास्थ्य सेवा के साथ आवास, खानपान, आदि सुविधाओं की भी समीक्षा की। इस अवसर पर स्वास्थ्य, प्रशासनिक, पुलिस और अन्य सम्बन्धित विभाग के अधिकारी भी साथ रहे। डा. राजीव बिन्दल ने इस अवसर पर बताया कि प्रदेश सरकार के दिशा निर्देशों पर हिमाचल और हरियाण की बाउंडरी पर कालाआम में क्वारेंटिन केन्द्र की स्थापना की गई। उन्होंने कहा कि कालाआंब में 400 लोगों, पांवटा में 200 और नाहन में 100 लोगों सहित पूरे सिरमौर जिला में एक हजार क्षमता के क्वारेंटिन केन्द्रों की स्थापना की गई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के निर्देशों पर दूसरे राज्यों से आने वाले सभी लोगों के स्वास्थ्य-सुरक्षा के दृष्टिगत 14 दिनों तक निर्धारित क्वारेंटिन में रखा जाना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि यह सब देश, प्रदेश, समाज और परिवारों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को देखते हुए किया गया है। डा. बिन्दल ने कहा कि इन क्वारेंटिन केन्द्रों में रहने वाले लोगों को भोजन, नहाने की सुविधा के अलावा चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। हिमाचल में बाहर से आने वाले लोगों को क्वारेंटिन केन्द्रों स्वैच्छा से अपने आपको रखकर, अपना सहयोग देना चािहए। उन्होंने कहा कि यदि आज हिमाचल में कोरोना का कोई पाजिटिव मामला नहीं है तो इसका श्रेय प्रदेश सरकार के प्रबन्धों और प्रदेश के लोगों के आत्म अनुशासन को जाता है। प्रदेश के नागरिकों को कोरोना जैसी महामारी के संक्रमण से बचाने के लिए क्वारेंटिन केन्द्रों का संचालन अनिवार्य है। डा. राजीव बिन्दल ने डा. यशवंत परमार मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में पहुंचकर रोगियों का हाल चाल पूछा और यहां उपलब्ध सुविधाओं की चर्चा चिकित्सकों से की। उन्होंने इस अवसर कालाआम सीमा पर बाहरी राज्य से आने वाले लोगों की जांच करने वाले मैडिकल और पैरा मैडिकल कर्मचारियों के बीच उपस्थित होकर उनका हौंसला बढ़ाया और उनके कार्य की तारीफ भी की। उन्होंने क्वारेंटिन केन्द्र के भोजनालय का निरीक्षण भी किया। इससे पूर्व, डा. बिन्दल ने मंगलवार को नाहन शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 630 राशन किटों और 200 फूड पैकेट के वाहनों को प्रमुख कार्यकर्ताओं सहित रवाना किया। उन्होंने बताया कि भाजपा द्वारा प्रदेश भर में चिन्हित अभावगस्त लोगों को भोजन की व्यवस्था के लिए निशुल्क राशन कीटें उपलब्ध करवाई जा रही है। इन राशन किटों को भाजपा कार्यकर्ता बूथ स्तर पर उपलब्ध करवा रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड के अध्यक्ष एवं अतिरिक्त मुख्य सचिव राम सुभाग सिंह ने राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड की ओर से 3.03 करोड़ और राज्य वन मिनिस्ट्रीयल कर्मचारी एसोसिएशन की ओर से 10 लाख रुपये के चैक मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर को भेंट किए। मुख्यमंत्री ने इस अंशदान के लिए सभी का आभार व्यक्त किया। प्रधान अरण्यपाल, वन अजय कुमार और प्रधान अरण्यपाल (वन्य जीव) डाॅ. सविता, राज्य विद्युत बोर्ड के प्रबन्ध निदेशक जेपी काल्टा और निदेशक सुदेश कुमार मोखटा तथा वन अरण्यपाल राजेश शर्मा भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
सीटू राज्य कमेटी हिमाचल प्रदेश ने प्रदेश के उद्योगपतियों, कारखानेदारों व पूंजीपतियों द्वारा केंद्र व प्रदेश सरकार के आदेशों को ठेंगा दिखाने की कड़ी निंदा की है। सीटू ने प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री, श्रम मंत्री, श्रम सचिव, श्रमायुक्त, ईपीएफओ रीजनल कमिश्नर व ईएसआई निदेशक से मांग की है कि सरकार की अधिसूचनाओं की अनदेखी करके मजदूरों को आर्थिक व मानसिक तौर पर प्रताड़ित करने वाले उद्योगपतियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाए व मजदूरों को वेतन इत्यादि अन्य सुविधाएं समय से नियमानुसार सुनिश्चित की जाएं। सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा व महासचिव प्रेम गौतम ने कहा है कि कोरोना महामारी के कारण केंद्र व प्रदेश सरकारों द्वारा लागू किये गए लॉक डाउन व कर्फ्यू से सबसे ज़्यादा मजदूर वर्ग ही आर्थिक व मानसिक तौर पर प्रभावित हुआ है। इस स्थिति के चलते मजदूर भारी परेशानी में हैं। केंद्र सरकार के श्रम विभाग ने 20 मार्च, गृह मंत्रालय ने 29 मार्च व प्रदेश सरकार के श्रम विभाग ने 30 मार्च 2020 की अधिसूचनाओं में स्पष्ट गया किया है कि ऐसी स्थिति में मजदूरों के वेतन सहित सभी सुविधाएं समयानुसार प्रदान की जाएं व श्रम कानूनों की सख्ती से अनुपालना की जाए व इसकी अवहेलना करने वालों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि इन अधिसूचनाओं की सरेआम धज्जियां उड़ रही हैं। प्रदेश सरकार के मुख्यालय शिमला शहर में ही इन अधिसूचनाओं को लागू नहीं किया जा रहा है व इस पर श्रम विभाग की ख़ामोशी चिंताजनक है। शिमला शहर के ख़लीनी में स्थित ईस्टबोर्न होटल में कार्यरत एक सौ बीस मजदूरों व कर्मचारियों की स्थिति दयनीय है क्योंकि होटल के मालिक व प्रबंधन ने उन्हें पिछले तीन महीने का वेतन नहीं दिया है। इस से मजदूरों व कर्मचारियों को खाने के लाले पड़ गए हैं। इन मजदूरों को जनवरी से मार्च 2020 का वेतन नहीं दिया गया है। इसी तरह इन मजदूरों का पिछले नौ महीने का ईपीएफ व ईएसआई जमा नहीं किया गया है। ये मजदूर इन मसलों को कई बार श्रम विभाग, ईपीएफओ व ईएसआई के समक्ष उठा चुके हैं परन्तु इन मजदूरों का शोषण बदस्तूर जारी है व ये मजदूर भूखे-प्यासे रहने को मजबूर हैं। ईस्टबोर्न प्रबंधन होटल में कार्यरत मजदूरों व कर्मचारियों के पिछले तीन महीनों के वेतन के रूप में लगभग चौरासी लाख रुपये डकारकर बैठा हुआ है। इसी तरह ईपीएफ का लगभग साठ लाख व ईएसआई का लगभग पच्चीस लाख रुपये का भी इस प्रबंधन ने गोलमाल किया है। इस तरह कुल लगभग एक करोड़ उनहत्तर लाख रुपये की राशि मजदूरों को न देकर अथवा उनके खातों में जमा न करके प्रबंधन लगातार मजदूरों का भारी शोषण कर रहा है। इस सबके चलते मजदूर भारी परेशानी में हैं। प्रेम गौतम ने कहा है कि प्रदेश सरकार ईस्टबोर्न प्रबंधन को तुरन्त दिशानिर्देश जारी करे कि वह केंद्र व प्रदेश सरकार की कोरोना महामारी के मध्यनजर जारी की गई अधिसूचनाओं को बिना किसी देरी के लागू करे। उन्होंने सरकार से मांग की है कि मजदूरों का पिछले तीन महीने का वेतन दो दिन के भीतर सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा है कि अगर प्रदेश सरकार तुरन्त इस पर कोई कार्रवाई नहीं करती है तो फिर सीटू प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश को पत्र लिखकर प्रदेश सरकार, श्रम विभाग, ईपीएफओ, ईएसआई, होटल मालिक व प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेगा व मजदूरों के लिए न्याय मांगेगा।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डा. राजीव बिन्दल ने एक प्रैस विज्ञप्ति के माध्यम से प्रदेश की जय राम ठाकुर सरकार को बधाई दी और कहा कि प्रदेश की जनता की सेवा करने में जयराम ठाकुर सरकार कामयाब है। डा. बिन्दल ने कहा कि प्रदेश, देश व दुनिया वालों के लिए यह कष्ट का समय है जब लॉक डाउन हुआ है, तालाबन्दी है, लोग घरों में बन्द हैं, ऐसी सूरत में हर व्यक्ति को भोजन सामग्री, औषध, पानी, बिजली, मिलता रहे, यह सरकार की प्राथमिकता है और उसे भाजपा सरकार अच्छे से कर रही है। कांग्रेस पार्टी के नेता प्रदेश व देश की सरकारों की कार्यशैली की प्रशंसा भी कर रहे हैं। परन्तु चंद कांग्रेस नेता अपनी नेतागिरी चमकाने के लिए सरकार के फैसलों की अलोचना करते दिखाई देते हैं। इन कांग्रेस नेताओं की भाषा में भी अन्तरविरोध है। डा. बिन्दल ने कहा कि वह प्रतिपक्ष के नेतागणों से कहना चाहेंगे कि संकट की इस घड़ी में सरकार के बेहतरीन प्रयासों की राजनीति कारणों से आलोचना करना हिमाचल की जनता को पसंद नहीं आ रहा है। जनता सब देख रही है, व नोट कर रही है और इसका जवाब उचित समय पर देगी। प्रतिपक्ष के नेता स्पष्ट करें कि कर्फ्यू लॉकडाउन को जब सारी दुनिया पालन कर रही है तो उनके पास कोई और दूसरा रास्ता क्या ? यदि दूसरा रास्ता नहीं बता सकते तो समाज हित में चल रहे कार्यों को चलने दें। यदि सहयोग नहीं कर सकते तो विरोध भी अनुचित होगा।
भाजपा नेता एवं सरकार के मुख्य सचेतक नरेंद्र बरागटा ने कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री और कांग्रेस के विभिन्न नेतागण को सलाह देते हुए कहा की इस वैश्विक महामारी कारोना वायरस के कठिन समय पर सरकार के साथ खड़े हो और दलगत राजनीति से उठकर कार्य करें व बेबुनियाद बयानबाजी करके ध्यान ना भटकाए। उन्होंने कहा कांग्रेस के कुछ नेता यह समझ नहीं पा रहे हैं कि जो युद्ध महामारी कोरोना वायरस के विरुद्ध चल रहा है वह निर्णायक समय पर पहुंच गया है अगर इस युद्ध को जीतना है तो इस दलगत राजनीति से ऊपर उठना पड़ेगा और तभी हम इस वैश्विक महामारी पर काबू पा सकते हैं। उन्होंने कहा कांग्रेस के नेता अपने गिरेबान में झांके और देखें कि सरकार किस प्रकार सकारात्मक कार्य कर रही है उन्होंने कहा देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाथ जोड़कर सभी से निवेदन किया था कि लक्ष्मणरेखा बनाएं और उसको ना तोड़े, तो इस समय हम लोगों को किस प्रकार से राज्य में ला सकते हैं, अगर वह लोग राज्य में आते हैं तो कारोना वायरस का बहुत बड़ा जोखिम प्रदेशवासियों के लिए बढ़ जाता है। यह निर्णय हमें प्रशासन और जिला के डिप्टी कमिश्नरो के ऊपर छोड़ देना चाहिए जब उन्हें उचित समय लगेगा तो उन लोगों को राज्य में लाया जाएगा । ऐसा नहीं है कि सरकार को उनकी चिंता नहीं है तभी तो सरकार ने हिमाचल भवन दिल्ली और चंडीगढ़ में इस प्रकार के लोगों की व्यवस्था भी की है। उन्होंने कहा हमें लगता है कि प्रदेश की जनता को किसी भी प्रकार के जोखिम में नहीं डालना चाहिए , वैसे भी प्रशासन किसी भी बड़े हादसे के समय जनता को छूट दे रहा है और उचित माध्यम से परमिशन भी दे रहा है। उन्होंने कहा करोना की लड़ाई में देश एवं प्रदेश की सरकार जोरों से कार्य कर रही है, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और उनकी समस्त टीम प्रदेश के कोने-कोने में अधिकारियों से संपर्क में है और लोगों से सीधे संवाद कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार अपने निर्णय समय-समय पर बदलती है क्योंकि हर रोज धरातल पर रिव्यू बैठके होती है और जिस प्रकार के फीडबैक बैठक में आते हैं उसी के हिसाब से निर्णय किए जाते हैं। जयराम ठाकुर के नेतृत्व में सरकार पहले दिन से ही करोना वायरस को रोकने में लगी हुई है, तभी देश में हिमाचल प्रदेश ऐसा राज्य है जिसमें कोरोना वायरस के कम से कम मरीज़ सामने आए हैं और जो मरीज़ आए भी है वह ठीक हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार हर वर्ग के लोगों का ध्यान रख रही है गरीबों के घर राशन पहुंचा रही है ,सभी समस्याएं सुन रही है और किसी भी प्रकार की चिकित्सा सहायता की आवश्यकता हो तो वह भी घर द्वार पहुंचा रही है इसके लिए जयराम सरकार बधाई के पात्र है । उन्होंने कहा मुख्यमंत्री रोज प्रदेश की स्थिति को रिव्यू कर रहे हैं और जिस प्रकार से रिपोर्ट आ रही है उसी के हिसाब से निर्णय ले रहे हैं कि जनता में किसी भी प्रकार का त्रास ना बने ।
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय की अध्यक्षता में राजभवन में मुख्य सचिव एवं प्रदेश सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक का अयोजन किया गया, जिसमें कोरोना महामारी को लेकर राज्य में उठाए गए एहतियाती उपायों की समीक्षा की गई। इस अवसर पर राज्यपाल ने इस महामारी से निपटने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न पगों की सराहना करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश में स्थिति नियंत्रण में हैं और आपातकालीन सेवाओं में कार्यरत कर्मी निष्ठा से अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में वर्तमान में एक महिला को छोड़कर कोई भी मामला कोरोना पाजीटिव नहीं है। लेकिन, सामाजिक दूरी बनाए रखने और प्रदेश सरकार द्वारा समय-समय पर दिए जा रहे दिशा-निर्देशों का व्यापक प्रचार किया जाना चाहिए ताकि स्थिति आगे भी नियंत्रण में रहे। उन्होंने कहा कि आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति श्रृंखला बहाल रहनी चाहिए ताकि खाने-पीने व अन्य सामग्री की कोई कमी न हो। आवश्यक सामान की गृह आपूर्ति सेवा इस दिशा में कारगर सिद्ध हो सकती है। उन्होंने जनजातीय क्षेत्रों में और टेलीमेडिसन केंद्र विकसित करने पर बल दिया। दत्तात्रेय ने प्रदेशवासियों से मुश्किल की इस घड़ी में सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि कफ्र्यू लोगों की सुरक्षा के लिए लगाया गया है, इसलिए विशेषकर कामगार वर्ग जहां है, वहीं रहे और सामाजिक दूरी बनाए रखें। उनके खान-पान की व्यवस्था की गई है और इसमें कई स्वयंसेवी संगठन भी आगे आ रहे हैं। इस अवसर पर मुख्य सचिव अनिल खाची ने राज्यपाल को बताया कि मुख्यमंत्री दैनिक रूप से स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं और उचित निर्देश दिए जा रहे हैं। वर्तमान में प्रदेश में स्थिति नियंत्रण में है। खाद्य आपूर्ति की श्रृंखला व्यवस्था बहाल है और क्षमता निर्माण में तेजी लाई गई है। बैठक में राज्यपाल को अवगत करवाया गया कि अब तक 2870 लोगोें को निगरानी में रखा गया, जिसमेें से 857 लोगों ने 28 दिनों की आवश्यक निगरानी अवधि पूरी कर ली है। 1730 लोग अभी भी निगरानी में हैं, जबकि 173 लोग प्रदेश छोड़कर जा चुके हैं। प्रदेश मेें अभी तक एक व्यक्ति की कोरोना वायरस से मृत्यु हुई है, जो तिब्बती निवासी था और अमेरिका से आया था। एक अन्य को छुट्टी दे दी गई है और एक अन्य 63 साल की महिला टांडा अस्पताल में क्वारंटाइन में है। आई.सी.एम.आर द्वारा कोविड-19 के मामलों के नमूनों की जांच के लिए अभी तक आईजीएमसी शिमला एवं मेडिकल कालेज टांडा की प्रयोगशाला को अधिकृत किया गया है। अब, सीआरआई कसौली व क्षेत्रीय अस्पताल मण्डी को भी अधिकृत करने के लिए आईसीएमआर व भारत सरकार को लिखा गया है। इस महामारी को अधिक प्रभावी ढंग से रोकने व नियंत्रण करने के लिए 14 मार्च, 2020 को हिमाचल प्रदेश एपेडेमिक डिजीज़ (कोविड-19) रेगुलेशन-2020 अधिसूचित कर दिया गया है। अतिरिक्त मुख्य सचिव, स्वास्थ्य आर.डी धीमान ने प्रदेश में उपलब्ध वेंटीलेटर, आइसोलेशन वार्ड और जांच व उपचार सुविधा की विस्तृत जानकारी दी। मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुण्डू ने भी प्रदेश सरकार द्वारा उठाए जा रहे विभिन्न पगों की जानकारी दी।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में खुले बाज़ार और उचित मूल्य की दुकानों में चावल, गेहूॅं आटा, दालों, तेल और चीनी जैसी आवश्यक खाद्य वस्तुओं का पर्याप्त भण्डारण है। वह कोविड-19 वायरस के संक्रमण के कारण प्रदेश में लगाए गए कर्फ्यू के दौरान आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए किए जा रहे प्रबन्धों की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने अधिकारियों को समय रहते मध्य प्रदेश और तेलंगाना सहित अन्य राज्यों से दालों की आपूर्ति करने के समुचित प्रबन्ध करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होेंने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से आग्रह किया है कि हिमाचल प्रदेश के लिए आवश्यक खाद्य सामग्री लेकर आने वाले ट्रकों के चालकों की सुविधा के लिए राष्ट्रीय उच्च मार्गों पर कुछ ढाबे खोलने की अनुमति प्रदान की जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि खुले बाज़ार में थोक और परचून विक्रेताओं के साथ-साथ राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के भण्डारों में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति प्रभावी तरीके से सुनिश्चित बनाई जाए। कीटनाशकों, फफूंदनाशकों और अन्य पौध संरक्षण सामग्री की उपलब्धता की समीक्षा करते हुए जय राम ठाकुर ने बागवानी विभाग को निर्देश दिए कि बागवानों व किसानों तक इनकी सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। किसानों की मांग के अनुरूप सभी प्रकार की पौध संरक्षण सामग्री उन्हें घरों के समीप उपलब्ध करवाई जाए ताकि बागवानी केन्द्रों में भीड़ इकट्ठा न हो। उन्होंने कहा कि पड़ौसी राज्यों से मधुमक्खियों के लगभग 20 हजार बक्से मंगवाए जा रहे हैं जिन्हें मांग के अनुरूप बागवानों को वितरित किया जाएगा। जय राम ठाकुर ने कहा कि बागवानों के लिए गुजरात से 25 लाख वर्ग मीटर एन्टी हेलनेट की मांग भी की गई है जिसे शीघ्र मंगवा लिया जाएगा। उन्होंने प्रदेश के बागवानों और किसानों को आश्वासन दिया कि एन्टी हेलनेट की कोई कमी नहीं होगी और इन्हें समय से वितरित कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने उद्योग विभाग के अधिकारियों को यह सुनिश्चित बनाने के निर्देश दिए कि फार्मास्यूटिकल और खाद्य प्रसंस्करण से जुड़ी औद्योगिक इकाइयां प्रभावी तरीके से कार्य करें ताकि जीवन रक्षक दवाओं की कोई कमी न हो। उन्होंने इस बात ध्यान रखने के लिए भी कहा कि औद्योगिक इकाई प्रबन्धन अपने श्रमिकों को बिना विलम्ब वेतन प्रदान करे। ये प्रयास होने चाहिए कि आवश्यक वस्तुओं के प्रसंस्करण अथवा उत्पादन में शामिल औद्योगिक इकाइयां उत्पादन आरम्भ करें क्योंकि इससे श्रमिकों के प्लायन की समस्या का समाधान करने में भी सहायता मिलेगी। जय राम ठाकुर ने जल शक्ति विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि पेयजल आपूर्ति योजनाओं का उचित रख-रखाव किया जाए और लोगों को पेयजल की सुचारू आपूर्ति हो। जल शक्ति और बागवानी मंत्री महेन्द्र सिंह, मुख्य सचिव अनिल कुमार खाची, अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज कुमार एवं आर.डी धीमान, प्रधान सचिव प्रबोध सक्सेना, सचिव डाॅ. आर.एन बत्ता एवं अमिताभ अवस्थी, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम की महाप्रबन्धक मानसी सहाय ठाकुर, निदेशक आबिद हुसैन सादिक, जल शक्ति विभाग के इंजीनियर-इन-चीफ आर.के पुरी और बागवानी विभाग के निदेशक एम.एम शर्मा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक में शामिल हुए।
प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि जेलों में कोविड-19 का संक्रमण रोकने के लिए भारत के सर्वाेच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशों की अनुपालना करते हुए हिमाचल प्रदेश विधि सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चैहान की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय समिति ने प्रदेश की जेलों में कैद विचाराधीन कैदियों को अधिकतम तीन महीनें की अस्थाई जमानत पर रिहा करने का निर्णय लिया गया है। समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि यह जमानत केवल हिमाचल प्रदेश के विचाराधीन कैदियों को ही दी जाएगी जो सात साल से कम का मुकदमा भुगत रहे हैं, पिछले तीन महीनों अथवा इससे अधिक अवधि से जेल में हैं और पहली बार अपराध में शामिल हुए हैं। विचारधीन कैदियों को अस्थाई जमानत का निर्णय कोविड-19 का संक्रमण रोकने और सामाजिक दूरी सुनिश्चित बनाने के लिए लिया गया है। उन्होंने कहा कि जिला दण्डाधिकारी तथा पुलिस अधीक्षक जमानत पर छूटने वाले कैदियों को उनके घरों तक पहुंचाने का प्रबन्ध करेंगे। इन कैदियों को जेल अधिकारियों द्वारा उचित स्वास्थ्य जांच के उपरान्त ही जमानत पर छोड़ा जाएगा। प्रवक्ता ने कहा कि न्यायालयों और सरकारी कार्यालयों में भीड़ कम करने के उउद्देश्य से अस्थाई जमानत के लिए प्रार्थना-पत्र ऑनलाइन द्वारा भी भरे जा सकते हैं। देश भर में जारी लाॅकडाउन की स्थिति में विदेशी और बाहरी राज्यों के कैदियों को अस्थाई जमानत पर छोड़ने पर विचार नहीं किया जाएगा। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि जिन्हें सात साल तक की सजा हुई है, उन पात्र अपराधियों को पैरोल अथवा फरलो पर भेजने के लिए सक्षम प्राधिकरण उनके प्रार्थना पत्रों पर त्वरित कार्रवाई करेगा। सक्षम प्राधिकरण सीआरपीसी की धारा 432 के तहत अपराधियों की रिहाई के मामलों पर भी शीघ्रता से कार्रवाई करेगा।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने प्रदेश के भीतर और अन्य राज्यों में फंसे हिमाचलवासियों से आग्रह किया है कि वे जहां हैं, वहीं बने रहें, क्योंकि राज्य सरकार ने कोरोना वायरस के दृष्टिगत अन्तरराज्यीय और राज्य के अन्दर वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा रखी है। मुख्यमंत्री ने उपायुक्तों के साथ वीडियो काॅंफ्रेंस के माध्यम से बातचीत के दौरान यह बात कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश में एक जिले से दूसरे जिले और राज्य के बाहर लोगों की गतिविधियों पर नजर रखी जाए। जो लोग पहले ही राज्य में प्रवेश कर चुके हैं उन्हें सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थ्तापित क्वारन्टिन केन्द्रों में रखा जाए। उन्होंने उपायुक्तों को निर्देश दिए कि जो लोग विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए हैं उनके लिए भोजन और ठहरने की उचित व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन यह सुनिश्चित बनाए कि लोगों को किसी प्रकार की असुविधा न हो और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुचारू रूप से बनी रहे। फंसे हुए लोगों की सुविधा के लिए स्कूलों और डाइट भवनों में बनाए गए कैम्पों में स्वच्छता का विशेष रूप से ध्यान रखा जाए। जय राम ठाकुर ने उपायुक्तों को निर्देश दिए कि वे फंसे हुए लोगों को उसी स्थान पर बने रहने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इन लोगों की हर संभव सहायता करने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश के बाहर से और प्रदेश के एक जिले से दूसरे जिले में आए लोगों की पहचान करने के कार्य में पंचायती राज संस्थानों की सहायता ली जाए। उन्होंने कहा कि दिल्ली और चण्डीगढ़ में फंसे हिमाचलवासियों की सुविधा के लिए नई दिल्ली और चण्डीगढ़ स्थित हिमाचल भवनों में नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं। हिमाचल भवनों में इन लोगों को भोजन और ठहरने की सुविधा प्रदान करने के लिए हर संभव प्रयास किए जायेंगे। मुख्य सचिव अनिल कुमार खाची ने उपायुक्तों से कहा कि लोगों के एक जिले से दूसरे जिले और बाहरी राज्यों से निर्गमन पर पूर्ण रोक लगाई जाए। इसके अतिरिक्त श्रमिकों और अन्य राज्यों के कर्मियों को भी प्रदेश के बाहर जाने के लिए नहीं कहा जाए और उन्हें शिविरों में ही रखा जाए। पुलिस महानिदेशक एस.आर. मरडी ने कहा कि किसी भी अन्य राज्य से लोगों को लेकर आने वाले वाहनों को हिमाचल प्रदेश में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज कुमार और आर.डी. धीमान तथा सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग के निदेशक हरबंस सिंह ब्रसकोन भी बैठक में शामिल थे।
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कोरोना महामारी के दृष्टिगत मुख्यमंत्री राहत कोष में अपना एक माह का वेतन देने का निर्णय लिया है।राज्यपाल ने कहा कि इस वैश्विक महामारी से निपटने और बचाव कार्यों के लिए सरकारें अपने स्तर पर बेहतरीन कार्य कर रही हैं। गरीब एवं जरूरतमंद लोगों को हर संभव राहत प्रदान की जा रही है। उन्होंने राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि हर स्थिति की दक्षता से निगरानी की जा रही है तथा हर स्तर पर बेहतरीन कार्य किया जा रहा है। उन्होंने राज्य के लोगों से सरकार द्वारा समय-समय पर जारी किए जा रहे दिशा-निर्देशों का पूर्णत पालन करने का आह्वान किया।राज्यपाल ने आज राजभवन में अधिकारियों के साथ बैठक कर स्थिति का जायजा लिया।राज्यपाल के सचिव राकेश कंवर ने उन्हें सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों के बारे में अवगत करवाया।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि किसानों और बागवानों को पौध संरक्षण सामग्री जैसे स्प्रे तेल, फफूंदनाशक और उर्वरक आदि प्रदान करने के लिए प्रदेश में 300 पौध संरक्षण केंद्र खुले रहेंगे। मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि किसानों की सुविधा के लिए पौध संरक्षण सामग्री की बिक्री करने वाली दुकानें खुली रहेंगी। इसके अतिरिक्त मधुमक्खी पालन से जुड़े लोगों की सुविधा के लिए भी कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि आगामी सेब सीजन को ध्यान में रखते हुए पड़ोसी राज्यों से मधुमक्खी बक्सों के परिवहन के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि सेब और सब्जियों के लिए किसानों को एंटी हेलनेट उपलब्ध करवाए जाएंगे। मुख्य सचेतक नरेन्द्र बरागटा ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि बागवानों की सुविधा के लिए उर्वरकों और स्प्रे तेल की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित बनाई जाए। उन्होंने कहा कि सेब बागीचों के लिए इन दिनों उर्वरकों की आवश्यकता है, इसलिए ऊपरी शिमला के लिए इन सामग्रियांे की आपूर्ति करने वाले वाहनों की आवाजाही प्रतिबन्धित न की जाए। उन्होंने कहा कि एंटी हेलगन में इस्तेमाल होने वाले सिलेंडरों की आपूर्ति करने की भी स्वीकृति प्रदान की गई। मुख्य सचिव अनिल खाची, अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज कुमार एवं आरडी धीमान, पुलिस महानिदेशक एसआर मरडी, प्रधान सचिव जेसी शर्मा और सचिव देवेश कुमार भी बैठक में उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डा राजीव बिंदल के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम राज्य के भाजपा नेताओं के साथ बातचीत के दौरान प्रत्येक कार्यकर्ता को यह सुनिश्चित बनाने के लिए कहा कि कोरोना वायरस के कारण कर्फ्यू के दौरान राज्य में कोई भी व्यक्ति भोजन और आश्रय के बिना न रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्रों में फंसे औद्योगिक श्रमिकों और विभिन्न परियोजना स्थलों में निर्माण श्रमिकों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए पर विशेष बल दिया जाए। उन्होंने जिला प्रशासन से कहा कि सेब और अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में मजदूरों की सूची तैयार की जाए। उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं को विशेषतौर पर अन्य राज्यों से आए लोगों की पहचान में सहयोग करना चाहिए ताकि उन्हें भोजन और आश्रय प्रदान किया जा सके। जय राम ठाकुर ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं को आवश्यक वस्तुओं की होम डिलीवरी के लिए जिला प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित करना चाहिए ताकि लोगों को दैनिक जरूरतों की चीजें प्राप्त करने के लिए अपने घरों से बाहर न आन पड़े। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में उन्हें पंचायती राज संस्थाओं के पदाधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित करना चाहिए ताकि लोगों को आवश्यक वस्तुओं की डलीवरी हो सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि पार्टी के पदाधिकारियों को फंसे हुए लोगों को गेहूं, चावल, दाल और अन्य आवश्यक वस्तुओं सहित आपदा राहत किट वितरित करने के लिए गैर-सरकारी संगठनों और अन्य सामाजिक संगठनों के साथ भी समन्वय स्थापित करना चाहिए। उन्होंने लोगों को इन वस्तुओं को वितरित करते समय सामाजिक दूरी बनाए रखने का आग्रह भी किया। इस अवसर पर मुख्य सचेतक नरेंद्र बरागटा भी उपस्थित थे।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डा. राजीव बिन्दल ने आज एक वीडियो काफ्रेसिंग के जरिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और भाजपा के संसदीय क्षेत्र के प्रभारियों के साथ संवाद के दौरान कोरोना महामारी के दौरान कफर्यू और लॉकडाउन की स्थिति पर विस्तृत चर्चा में भाग लिया। वीडियो कांफ्रेसिंग में जहां मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कफर्यू और लॉकडाउन के दौरान सरकारी स्तर पर किए जा रहे कार्यों की ब्रीफिंग की, वहीं भाजपा अध्यक्ष और पदाधिकारियों द्वारा संगठन की ओर से किए जाने वाले सेवा कार्यों पर विस्तृत चर्चा हुई। डा. बिन्दल ने जयराम ठाकुर सरकार व प्रशासन द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते कोविड-19 कोरोना के पोजिटिव केस ठीक होने की सूचना उत्साहवर्धक है उसकी बधाई भी दी व भाजपा संगठन के दिशा निर्देशों पर कार्य करने के लिए कमर कसे हुए हैं, ऐसा विश्वास दिया। डा. राजीव बिंदल ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को संवाद के दौरान बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गर्शन में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नडडा के आहवान पर हिमाचल के 7793 बूथों पर चिन्हित अभावग्रस्त लोगों को ‘आपदा राशन किट’ के माध्यम से 15 दिनों का राशन उपलब्ध करवाने की प्रक्रिया पर कार्य चल रहा है। उन्होंने बताया कि सभी जिला प्रभारी द्वारा अपने अपने जिला से दानदाताओं और अभावग्रस्त व्यक्तियों की सूची प्राप्त कर संसदीय क्षेत्र के प्रभारियों को सौंपा जा रहा है और शीघ्र ही इस कार्य को पूर्ण कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोई भी व्यक्ति भोजना के अभाव में भूखा न सोए, संगठन इस संकल्प को लेकर आगे बढ़ने का प्रयास कर रहा है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डा. बिन्दल ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को कफर्यू और लॉकडाउन के दौरान आमजन को पेश आ रही समस्याओं से विस्तृत रूप से अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि कफर्यू और लॉकडाउन के दौरान सरकार द्वारा की जा रही व्यवस्थाएं बेहतरीन हैं और जिन क्षेत्रों में कुछ समस्याएं हैं उन्हें जिला प्रशासन के साथ संवाद स्थापित कर संगठन के पदाधिकारी निपटाने का प्रयास कर रहे हैं। डा. बिंदल ने आम जन की समस्याओं के साथ, औद्योगिक क्षेत्रों में श्रमिकों को आ रही परेशानियों पर भी मुख्यमंत्री से चर्चा की। इसके अलावा राशन, सब्जियां, दूध, डिपो में राशन की सप्लाई को भविष्य में भी अबाधित बनाए रखने के लिए सम्बन्धित अधिकारियों को आदेश देने का आग्रह मुख्यमंत्री से किया। इसके साथ ही उन्होंने स्ट्राबेरी जैसे किसान के उत्पाद के लिए भी व्यवस्था करने का आग्रह किया।
देश और दुनिया में फ़ैल रही कोरोना महामारी से मचे कोहराम के बीच हिमाचल प्रदेश के लिए राहत को खबर आई है। काँगड़ा जिले के टांडा अस्पताल में कोरोना पॉज़िटिव मरीज़ अब ठीक हो गया है। उसकी लेटेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आई है। बता दें की टांडा अस्पताल में 2 कोरोना मरीज़ो का इलाज चल रहा है। 21 मार्च को इन दोनों की रिपोर्ट्स पॉजिटिव आई थी जिन में से अब 32 वर्षीया युवक ठीक हो गया है। वहीं दूसरे मरीज़ का इलाज चल रहा है। इसके साथ ही 4 नए मामलो की रिपोर्ट नेगेटिव आई है जिस से प्रशासन ने राहत की सांस ली है। अभी तक हिमाचल में कोरोना से 1 मौत हो चुकी है। कोरोना के इस मरीज़ का पहला सैंपल 19 मार्च को लिया गया था, जिसकी जांच टांडा अस्पताल में हुई थी, व रिपोर्ट पॉजिटिव मिली थी। जिसके बाद इस मरीज़ का सैंपल पुने जाँच को भेजा गया और वह कोरोना पॉजिटिव था। सात दिन बाद टांडा में दुबारा जाँच करने पर इस मरीज़ का सैंपल नेगेटिव आया है। अब इसका सैंपल पुने भेजा जाएगा। रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद भी स्वस्थ विभाग ने युवक को आइसोलेशन में रखा है।
हिमाचल प्रदेश दूध प्रसंघ ने प्रदेश के किसानों से दूध खरीद मूल्य में दो रुपये प्रति लीटर की बढ़ौतरी का निर्णय लिया है। पहली अप्रैल 2020 से मिल्कफैड किसानों को चार प्रतिशत फैट और 85 प्रतिशत एसएनएफ वाले प्रति लीटर दूध के 27 रुपये 80 पैसे देगा देगा जो वर्तमान में 25 रुपये 80 पैसे प्रति लीटर है ।हिमाचल प्रदेश दुग्ध प्रसंग के अध्यक्ष निहाल चन्द शर्मा ने आज यहां बताया कि इससे प्रदेश के लगभग 45 हजार किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। यह वृद्धि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर द्वारा पेश किए गए बजट में घोषणा के अनुरूप की गई है। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त मिल्कफेड ने दुग्ध सहकारी सभाओं के सोसायटी कमीशन में भी 0.5 प्रतिशत की बढ़ौतरी की है। वर्तमान में मिल्कफेड द्वारा सहकारी सभाओं को 4.5 प्रतिशत सोसायटी कमीशन के रूप में दिया जा रहा है, जो 0.5 प्रतिशत बढ़ाने के उपरान्त 5.0 प्रतिशत हो जाएगा और इसे 1 अप्रैल, 2020 से लागू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस निर्णय से 950 से अधिक दुग्ध सहकारी सभाओं को लाभ मिलेगा और इन सभाओं को अपना खर्च चलाने में मदद मिलेगी।उन्होंने कहा कि लाॅकडाउन कफ्र्यू के दौरान जो किसान पहले अन्य दुकानदारों, विक्रेताओं को अपना दूध बेचते थे और लाॅकडाउन के चलते दूध नहीं दे पा रहे है, मिल्कफेड उनका दूध भी खरीदेगा। उन्होंने कहा कि किसान अपना दूध क्षेत्र में मिल्कफेड द्वारा लगाए वाहनों को या स्वयं मिल्कफेड के प्लांट/चिलिंग केन्द्रों में दे सकते है।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सभी ज़िलाधीशों से विडीओ कॉनफ़्रैन्स कर कोरोना वाइरस की स्थिति का जायज़ा लिया और तय किया है कि कर्फ़्यू की अवधि में आवश्यक वस्तुओं को ख़रीदने के लिए अब रोज़ाना सिर्फ़ तीन घंटे की छूट दी जाएगी। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने सभी उपायुक्तों को शहरी क्षेत्र/ज़िला मुख्यालयों में कर्फ़्यू की अवधि में जनता को उनके घर पर ही आवश्यक वस्तुओं को पहुँचाने के विकल्प तलाशने व उसे सुनिश्चित करने के आदेश भी दिए है। प्रदेश की जनता से अपील है कि आप कर्फ़्यू को सफल बनाने में हमें अपना सहयोग दें। जबकि वीरवार को सरकार ने ये समयावधि छह घंटो की कर दी थी जो कि काफी ज्यादा थी। इस फैसले को न तो विपक्ष और न ही प्रदेश की जनता ने स्वीकार किया था जिसके बाद दोबारा इसे तीन घंटे किया गया। शुक्रवार सुबह से ही लोग जरूरी वस्तुओं की खरीद के लिए निकले और दूध ब्रेड सब्जी इत्यादि की खरीददारी की गई। हालांकि शुक्रवार को सब्जी दूध ब्रेड इत्यादि खरीद के लिए लोगों की भीड़ कम थी।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि लोगों की सुविधा के लिए प्रदेश में प्रतिदिन प्रातः 7ः00 बजे से दोपहर 1ः00 बजे तक कर्फ्यू में छूट दी जाएगी और यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि लोगों को कम से कम असुविधा हो। मुख्यमंत्री कोरोना महामारी के कारण प्रदेश में लगाए गए कफ्र्यू की स्थिति का जायजा लेने के लिए आज यहां से प्रदेश के सभी उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों के साथ वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से बात कर रहे थे। उन्होंने प्रदेश के लोगों से वर्तमान स्थिति के कारण घरों से बाहर ना आने का आग्रह किया और कहा कि यह कफ्र्यू लोगों की सुरक्षा के लिए लगाया गया है। उन्होंने उपायुक्तों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि जनता को आवश्यक वस्तुएं लेने में कोई असुविधा न हो और कफ्र्यू में छूट की अवधि के दौरान लोगों के मध्य उचित सामाजिक दूरी बनी रहे। कर्फ्यू में छूट केवल लोगों को अपनी दैनिक जरूरतों का सामान खरीदने की सुविधा प्रदान करने के कारण दी गई है और वे इस अवधि में बिना किसी कारण बाहर न निकलें। जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने प्रदेश के सभी सरकारी कार्यालयों को 31 मार्च, 2020 तक बन्द रखने के निर्देश दिए हैं। ये निर्देश आवश्यक और आपातकाल सेवाओं से सम्बन्धित कार्यालयों के लिए मान्य नहीं होंगे। प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों को घर पर रहने, सामाजिक दूरी बनाए रखने के निर्देश दिए हैं तथा समय-समय पर जारी किए गए दिशा-निर्देशों का पालन करने को कहा है। कर्मचारियों से अपना स्थान न छोड़ने को भी कहा गया है क्योंकि आवश्यकता के समय उन्हें किसी भी समय ड्यूटी पर बुलाया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्फ्यू में छूट के दौरान किसानों और बागवानों के लिए उर्वरक भी उपलब्ध करवाई जाएंगी ताकि उनको कृषि संबंधी गतिविधियों में किसी समस्या का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लोगों की सुविधा के लिए 104 और 1077 हेल्पलाइन भी शुरू की गई है। जय राम ठाकुर ने प्रदेश के लोगों से आग्रह किया है कि उचित सामाजिक दूरी बनाए रखते हुए वे आवश्यक वस्तुएं अपने घर के नजदीक की दुकानों से ही खरीदें क्योंकि यह कोरोना वायरस संक्रमण को खत्म करने का उचित उपाय है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कर्फ्यू में छुट के दौरान शराब के ठेके खुले रहेंगे। छूट के दौरान घर से केवल एक व्यक्ति को ही आवश्यक वस्तुओं की खरीद के लिए बाहर आने की इजाजत दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने दालों की अधिक खरीद के लिए तेलंगाना, आन्ध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश की सरकारों से शीघ्र मामला उठाने का निर्णय लिया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रदेश में दालों की कमी न हो। प्रदेश में दूरसंचार सेवाओं को प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा क्योंकि इन सेवाओं के माध्यम से समाज को कोरोना वायरस से निपटने के लिए सरकार की ओर से किए जा रहे उपायों और प्रयासों से अवगत करवाने में बहुत सहायता मिलती है। उन्होंने कहा कि दूरसंचार कंपनियों के कर्मचारियों की आवाजाही पर नरमी बरती जाए क्योंकि उन्हें दूरसंचार टावरों की मुरम्मत और रख-रखाव आदि के लिए विभिन्न स्थानों पर जाने की आवश्यकता होती है। उन्होंने सोलन, कांगड़ा और सिरमौर जिलों के उपायुक्तों को विशेषरूप से यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया कि फार्मा उद्योगों में उत्पादन प्रभावित न हो क्योंकि इनमें कई जीवन रक्षक दवाओं का उत्पादन कर रहे हैं। उन्होंने उपायुक्तों से समाज के कमजोर वर्गों के लिए भोजन और आश्रय की पर्याप्त व्यवस्था करने को भी कहा। ऐसे लोगों को भोजन और आश्रय प्रदान करने के लिए स्कूल भवनों का उपयोग किया जा सकता है। राज्य में फंसे पर्यटकों का भी ध्यान रखा जाना चाहिए ताकि स्थिति सामान्य होने पर वे यहां से प्रशासन की अच्छी स्मृतियां लेकर लौटें। जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में 2257 लोगों को निगरानी में रखा गया है, जिसमें से 636 निगरानी के 28 दिन पूरा कर चुके हैं। कोविड-19 के लिए 34 व्यक्तियों की जांच आज की गई और सभी नकारात्मक पाए गए हैं। कोरोना वायरस के लिए राज्य में अब तक 133 व्यक्तियों की जांच की जा चुकी है। उन्होंने उपायुक्तों को शहरी क्षेत्रों के प्रमुख डिपार्टमेंटल स्टोरों के माध्यम से लोगों को होम डिलीवरी की संभावना का पता लगाने का भी निर्देश दिए, जो सामाजिक दूरी को बनाए रखने में एक लंबा रास्ता तय करेगा। मुख्य सचिव अनिल कुमार खाची ने कहा कि शहरी स्वच्छता को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए और स्वच्छता कर्मियों को सुरक्षा उपकरण प्रदान करने के लिए पर्याप्त व्यवस्था की जाए ताकि वे संक्रमण के संपर्क में न आएं। शहरी स्थानीय निकायों और पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों को सामाजिक दूरी का महत्व समझाने के उद्देश्य से बेहतर समन्वय और लोगों को जागरूक करने के लिए शामिल करना चाहिए। अतिरिक्त मुख्य सचिव, स्वास्थ्य आरडी धीमान ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग इस वायरस से निपटने के लिए बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में लोगों को जागरुक करने के अलावा कोविड-19 के खतरे से निपटने के लिए सभी प्रयास सुनिश्चित कर रहा है। पुलिस महानिदेशक एस.आर. मरडी ने मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया कि कफ्र्यू में ढील के दौरान सामाजिक दूरी की प्रभावी ढंग से निगरानी करने में पुलिस अतिरिक्त सतर्कता बरतेगी। मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुंडू ने कहा कि कफ्र्यू में छूट के दौरान शराब के ठेकों के अंदर और बाहर भीड़ को हतोत्साहित किया जाना चाहिए। बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज कुमार, प्रमुख सचिव ओंकार शर्मा, सचिव रजनीश और देवेश कुमार तथा निदेशक सूचना एवं जनसंपर्क हरबंस सिंह ब्रस्कोन शामिल हुए।
कोविड-19 के संक्रमण से निपटने के लिए राज्य के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों और सरकारी मेडिकल काॅलेजों में श्रम शक्ति को मजबूत करने के लिए राज्य सरकार ने सैन्य और अर्धसैनिक बलों से सेवानिवृत्त या रिलीज हुए सभी चिकित्सा अधिकारियों, संकाय सदस्यों और पैरामेडिकल स्टाफ को चिकित्सा अधिकारी और पेरामेडिकल स्टाफ के पदों पर नियुक्ति का प्रस्ताव दिया है। उनके पास समकक्ष या एनालाॅग पद पर काम करने का अनुभव के साथ साथ इन पदों पर नियुक्ति के लिए निर्धारित न्यूनतम शैक्षणिक, व्यावसायिक योग्यता और क्वालिफाइंग सेवा होनी चाहिए। अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) द्वारा जारी किए गए आदेश के अनुसार, यह प्रस्ताव पूरी तरह से अस्थायी आधार पर एक स्टाॅप-गैप व्यवस्था के रूप में है और बिना किसी नोटिस दिए या किसी भी कारण बताए बिना समाप्त या वापिस लिए जा सकता है। यह प्रस्ताव 1 अप्रैल, 2020 से अगले आदेशों तक प्रभावी रहेगा। उन्हें पद के न्यूनतम वेतन बैंड और ग्रेड वेतन के बराबर निर्धारित मासिक वेतन या मानदेय का भुगतान किया जाएगा। पूर्व सशस्त्र बल और अर्धसैनिक बल के कर्मचारी संबंधित जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी या मेडिकल काफलेज के प्रधानाचार्य के कार्यालयों में नियुक्ति के लिए आवेदन कर सकते हैं, जिन्हें नियुक्ति आदेश जारी करने के लिए अधिकृत किया गया है। जिले या मेडिकल काॅलेज में समतुल्य या अनुरूप पदों में उपलब्ध रिक्तियों का उपयोग परिलब्धियों या मानदेय के आहरण के लिए किया जाएगा।
सीटू राज्य कमेटी ने हिमाचल प्रदेश सरकार से मांग की है कि कोरोना महामारी के मध्यनजर किए गए लॉक डाउन व कर्फ्यू की स्थिति में प्रदेश में कार्यरत संगठित व असंगठित क्षेत्र में कार्यरत लाखों मजदूरों को सामाजिक सुरक्षा दी जाए तथा उनकी आर्थिक व राशन के रूप में उनकी मदद सुनिश्चित की जाए। सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा व महासचिव प्रेम गौतम ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न परिस्थिति से सबसे ज़्यादा नुकसान मजदूर वर्ग को ही हुआ है। इस स्थिति में मजदूर भारी आर्थिक व मानसिक परेशानी में हैं। रातोंरात उनका रोजगार खत्म हो गया है। हमीरपुर के नादौन में लगभग भुखमरी के कगार पर पहुंच चुके उत्तर प्रदेश निवासी एक मजदूर ने आत्महत्या करने की कोशिश की है। इस से साफ हो रहा है कि मजदूरों की स्थिति आने वाले दिनों में और बुरी होने वाली है। जेब में पैसा न होने के कारण प्रदेश में सैंकड़ों मजदूर पैदल मार्च करके घरों की ओर प्रस्थान कर रहे हैं। ऐसे अनेकों उदाहरण कांगड़ा-पठानकोट, मैहतपुर-नंगल, कालाअंब-हरियाणा, बद्दी-चंडीगढ़, पौंटा साहिब-उत्तराखंड व परवाणू-कालका सीमा में देखने को मिले हैं। विजेंद्र मेहरा ने कहा है सबसे बुरी स्थिति असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की है। प्रदेश में मनरेगा में लगभग बारह लाख जॉब कार्ड होल्डर हैं। इसके सिवाए असंगठित क्षेत्र में मिस्त्री, मजदूर, इलेक्ट्रीशियन, वेल्डर, कारपेंटर, प्लम्बर आदि के रूप में लगभग तीन लाख निर्माण मजदूर कार्यरत हैं। इन पन्द्रह लाख लोगों में से ज़्यादातर लोग हर रोज़ दिहाड़ी लगाकर गुज़र -बसर करने वाले लोग हैं। कोरोना के कारण इनका रोजगार पूरी तरह खत्म हो गया है। सरकार ने हिमाचल प्रदेश श्रमिक कल्याण बोर्ड से जो दो हज़ार रुपये मासिक आर्थिक सहायता की घोषणा की है वह भी कानून अनुसार बोर्ड में पंजीकृत लगभग एक लाख मजदूरों पर ही लागू होती है। हालांकि यह भी नाकाफी है। उन्होंने सरकार से अपील की है कि इन सभी पन्द्रह लाख मजदूरों के परिवार को आगामी तीन महीनों के लिए प्रति माह पांच हज़ार रुपये की मदद राज्य सरकार दे व साथ ही तीन महीने का प्रति माह 35 किलो मुफ्त राशन एकमुश्त इन्हें दिया जाए। इन मजदूरों में लगभग एक लाख से ज़्यादा मजदूर प्रवासी हैं व वे अपने प्रदेश में लौटने में असमर्थ हैं अतः राशन कार्ड न होने के बावजूद भी पांच हज़ार रुपये के साथ उन्हें भी राशन की यही व्यवस्था लागू की जाए। प्रेम गौतम ने कहा है कि प्रदेश के निजी उद्योगों व अन्य स्थापनाओं में लगभग दो लाख से ज़्यादा मजदूर कार्यरत हैं। लॉक डाउन के कारण ये उद्योग व स्थापनाएं लगभग बन्द हो चुके हैं। मज़दूरों को छुट्टी देकर घर भेजा जा रहा है। इन सभी के प्रबंधनों ने मजदूरों को आदेश दिया है कि लॉक डाउन व कर्फ्यू के कारण दी गयी यह छुट्टी अवैतनिक होगी व उन्हें उसका वेतन नहीं मिलेगा। शिमला नगर निगम के सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट भरयाल टूटू में भी यही फार्मूला अख्तियार किया गया है। ऐसे वातावरण में इन मजदूरों का जीवन जीना मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने मांग की है कि सरकार इन सभी निजी उद्योगों,निजी स्थापनाओं व सरकारी क्षेत्र में कार्यरत आउटसोर्स कम्पनियों को सख्त दिशानिर्देश जारी करें कि इन सभी मजदूरों को पूरे माह का वेतन हर हाल में दिया जाए व उनकी छुट्टियां वेतन सहित होंगी।
शिमला में कैन्सर, डिलीवरी केस, थेलेसीमिया, दिल के आपरेशन एवं अन्य बीमारियों से जूझ रहे मरीजों की जान खतरे में देखकर उमंग फाउंडेशन ने कर्फ्यू में उत्तर भारत का पहला रक्तदान शिविर मशोबरा में राधा कृष्ण मंदिर में लगाकर अंधेरे में उम्मीद की किरण जगा दी। कैम्प में 40 लोगों ने रक्तदान किया। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने एक संदेश में संकट के दौर में रक्तदान के लिए सभी रक्तदाताओं को बधाई दी है। टीएस नेगी ब्लड डोनर एसोसिएशन के सहयोग से आयोजित शिविर में संग्रह किया गया रक्त आईजीएमसी ब्लड बैंक को दिया गया है। उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो अजय श्रीवास्तव ने बताया कि रक्तदान शिविर मशोबरा के युवा रक्तदाताओं के नाम रहा। अर्चना शर्मा शिविर की पहली रक्तदाता थीं। 10 दिन पहले 18वां जन्मदिन मनाने वाले ध्रुव गोयल रक्तदान करने वालों में सबसे युवा, उनकी मां निधि गोयल और पिता राजेश गोयल ने भी खून दान किया। आईजीएमसी ब्लड बैंक के प्रभारी डॉ एमएल कौशल ने आठवीं बार और व्यापार मंडल के महासचिव अतुल शर्मा ने भी आठवीं बार रक्तदान किया। ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी जसवीर और अनिल भी रक्तदान करने वालों में शामिल थे। टीएस नेगी ब्लड डोनर्स एसोसिएशन के संयोजक तेजू नेगी और शिविर के समन्वयक विनोद योगाचार्य ने कहा कि मशोबरा के युवाओं को रक्तदान शिविर से बहुत प्रेरणा मिलेगी। इसमें मशोबरा व्यापार मंडल, राधाकृष्ण मंदिर समिति के अलावा जिला प्रशासन एवं पुलिस ने भी सहयोग दिया। मंदिर समिति के अध्यक्ष दीप मोदी ने कहा कि अब हर नवरात्र में मंदिर में रक्तदान शिविर लगाया जाएगा। शिविर में कोरोना संबंधी सभी सावधानियां अपनाई गईं। सभी बेड, कुर्सियाँ एवं अन्य सामग्री सैनेटाईज़ की गई और दो व्यक्तियों के बीच में एक मीटर की दूरी सुनिश्चित की गई। आइजीएमसी ब्लड बैंक के प्रभारी डॉ एम एल कौशल ने कहा कि इस शिविर से मरीज़ों को बहुत राहत मिलेगी।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज यहां प्रदेश की उचित मूल्य की दुकानों में आवश्यक खाद्य सामग्री की उपलब्धता को लेकर प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए निर्देश दिए की आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति प्रभावी तरीके से जारी रखी जाए। उन्होंने अधिकारियों को यह सुनिश्चित बनाने के निर्देश दिए कि कोरोना वायरस के कारण लोगों को आवश्यक वस्तुओं की किसी प्रकार कमी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने निर्देश दिए कि आवश्यक सामग्री लेकर आने वाले वाहनों को रोका नहीं जाए क्योंकि ऐसा करने से राज्य में आवश्यक सामग्री की उपलब्धता प्रभावित हो सकती है। उन्होंने कहा कि संबंधित जिला खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति नियंत्रक को यह निश्चित करना चाहिए कि आटा मीलें गेहूं पिसाई के लिए निर्बाध आपूर्ति जारी रखें। उन्होंने कहा कि भारतीय खाद्य निगम के भंडारों में गेहूं और चावल आदि का पर्याप्त भंडार है।हिमाचल प्रदेश में भी गेहूं आटा, चावल के पर्याप्त भंडार के साथ-साथ 1200 मीट्रिक टन से अधिक नमक और 4000 मीट्रिक टन से अधिक चीनी का भंडार है इसलिए किसी को घबराने की आवश्यकता नहीं है। जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य में इस समय चना और मसूर सहित दालों का भी पर्याप्त स्टाॅक है। अधिकारियों को अन्य राज्यों से दालों की प्रभावी आपूर्ति सुनिश्चित बनानी चाहिए। कर्फ्यू में ढील के समय उचति मूल्य की दुकानों में लोगों को आवश्यक वस्तुओं के वितरण के समय सामाजिक दूरी बनाए रखने का विशेष रूप से ध्यान रखा जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांगड़ा जिले में नागरिक आपूर्ति निगम के 1500 मीट्रिक टन के भंडारण क्षमता वाले चैतूड़ू और सिद्धपुर भंडारों, जिनका उद्घाटन होना बाकी है, उनका इस्तेमाल 350 से 400 मीट्रिक टन दालों और अन्य आवश्यक वस्तुओं के भंडारण के लिए किया जाए।निगम की दवा दुकानों में दवाइयों की पर्याप्त उपलब्धता भी सुनिश्चित बनाई जाए। उन्होंने अधिकारियों को उपभोक्ताओं के घरों को एलपीजी की पर्याप्त आपूर्ति करने के भी निर्देश दिए।उन्होंने प्रदेशवासियों से आग्रह किया है कि घबराहट में खरीददारी नहीं करें क्यूंकि प्रदेश में आवश्यक वस्तुएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम के सचिव अमिताभ अवस्थी, महाप्रबंधक मानसी सहाय ठाकुर एवं निदेशक आबिद हुसैन सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक में शामिल हुए।
‘कोरोना महामारी’ की रोकथान के लिए प्रदेश भर में कफर्यू और लाॅकडाउन के दृष्टिगत किसी भी गरीब और अभावग्रस्त परिवार को राशन की कमी न हो और राशन के अभाव में कोई भी व्यक्ति भूखा न सोए, इस उददेश्य से भाजपा ने संगठन स्तर पर पूरे प्रदेश के लिए एक विशेष योजना ‘‘भारत लाॅकडाऊन के दौरान सेवा’’ तैयार की है। इस योजना को अगले एक दो दिनों में अमली जामा पहनाने के लिए भाजपा द्वारा ग्रास रूट स्तर पर अपने पदाधिकारियों को कार्य आवंटित कर तैनात किया जा रहा है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डा राजीव बिंदल ने कहा कि प्रदेश की जयराम ठाकुर सरकार प्रदेश के हर परिवार की राशन और आवश्यक वस्तुओं की पूर्ण रूपेन चिंता कर रही है और संगठन भी इस महत्वपूर्ण कार्य में सहयोग करते हुए अपने दायित्व का निर्वहन करने का प्रयास करेगा। डा राजीव बिन्दल ने कहा कि संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नडडा के आवाहन पर प्रदेश के 7793 बूथों में कम से कम 5 दानदाता प्रति पोलिंग बूथ जो 15 दिन का राशन देंगे की सूची प्रदेश भाजपा तैयार करेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा राष्ट्रीय नेतृत्व ने हिमाचल में यह सुनिश्चत और प्रयास करने के लिए कहा है कि कोई भी व्यक्ति प्रदेश में भोजन के बिना न रहे। डा। बिंदल ने कहा कि बूथ स्तर पर दानदाताओं और अभावग्रस्त लोगों की सूची बनाने का कार्य बूथ पालक, प्रदेश कार्य समिति सदस्य, जिला प्रभारी और प्रदेश उपाध्यक्षों के जिम्मे सौंपा गया है। डा राजीव बिंदल ने कहा कि दानदाता और अभावग्रस्त लोगों को सूचीबद्ध करने की महत्वपूर्ण जिम्मेवारी संगठन ने जिला प्रभारियों को दी है। जिला प्रभारी अपने-अपने पालक जिलों में दानदाताओं और अभावग्रस्त परिवारों की सूचियां तैयार कर संसदीय क्षेत्रवार भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्षों कृपाल परमार, कांगड़ा संसदीय क्षेत्र, राम सिंह मंडी संसदीय क्षेत्र, संजीव कटवाल हमीरपुर संसदीय क्षेत्र और रतन पाल, शिमला संसदीय क्षेत्र को सौंपेंगे। प्रदेश उपाध्यक्ष इन संकलित सूचियों को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को सौंपेंगे। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने सूचीबद्ध कार्य करने वाले पदाधिकारियों और समस्त कार्यकर्ताओं से आग्रह किया है कि सूचीबद्ध करने का यह कार्य घर से बाहर निकले बिना फोन पर ही करें। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डा राजीव बिन्दल ने संगठन के सभी कार्यकर्ताओं का आहवान किया है कि करोना महामारी जैसी राष्ट्रीय आपदा के समय सभी कार्यकर्ता सेवा के लिए तत्पर रहें और जरूरतमंद लोगों की हर संभव सहायता और सहयोग करने का प्रयास करें व यह भी सुनिश्चित करें कि कफर्यू कामयाब हो।
शिमला में कर्फ्यू के दौरान वीरवार को ढील दी गई जिसकी शुरुआत 8 बजे से शुरू हो गई। पुराना बस स्टैंड शिमला में जैसे ही दुकानें खुली सभी लोग सब्जी दूध ब्रेड और राशन लेने के लिए पंचायत घर व उसके आसपास की दुकानों में इकट्ठे हो गए है। पुलिस के जवान भी लोगों से आग्रह किया कि ज्यादा भीड़ नहीं लगाएं परंतु कर्फ्यू में 3 घंटे की ढील दी गई है इसलिए लोगों का हुजूम दुकानों के बाहर पहले से ही लग गया था। लोग 2/3 दिनों का राशन ले गए। सब्जियां दुकानो में पंचायत भवन में सब्जी मंडी से सब्जियां यहाँ को आती है। इसी प्रकार शिमला के विभिन्न हिस्सों में लोग अपना जरूरी सामान खरीदने बाहर निकले। कुछ गाड़ियां भी इस दौरान सड़को पर नजर आई। इस बीच उपायुक्त शिमला ने लोगों से ये अपील भी की 1) एलपीजी की डिलीवरी प्रतिदिन की जाएगी और इसे आपके घरों तक पहुंचाया जाएगा, जिसके लिए हमने पहले ही व्यवस्था कर ली है। इसे केवल कर्फ़्यू में ढील के घंटों तक ही सीमित नहीं रखा जाएगा, बल्कि पूरे समय पर वितरित किया जाएगा पहले की तरह आपके घर पर । 2) बागीचों के लिए कीटनाशक / कीटनाशक की दुकानें खोलने के निर्देश दिए गए हैं। 3) कर्फ्यू के दौरान किसी भी आकस्मिक आवश्यकता के मामले में, जिसके लिए आपको हमारे हेल्पलाइन नंबर 1077 पर संपर्क करना होगा ताकि हम आपकी मदद कर सकें। इस नंबर का उपयोग किसी भी स्पष्टिकरण/ जानकारी को प्राप्त करने के लिए किया जा सकता है। 4) कर्फ्यू में ढील की शुरुआत हो गई है जो तीन घंटे के लिए है। यह फिर से कम करने के लिए आराम किया जाएगा, कृपया एक दूसरे से न्यूनतम एक मीटर की दूरी बनाए रखें।
31 दिसंबर, 2017 से 29 फरवरी, 2020 के बीच सेवानिवृत्त हुए चिकित्सा अधिकारियों और पैरामेडिकल स्टाफ को भी मिलेगा पुनर्राेजगार केरोना वारस सीओवीआईडी-19 के संक्रमण के कारण पैदा हुई स्थिति से निपटने के लिए प्रदेश सरकार ने राज्य में विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों और मेडिकल काॅलेजों में उपलब्ध श्रमशक्ति को मजबूत करने की दृष्टि से उन चिकित्सा अधिकारियों, संकाय सदस्यों और पैरा-मेडिकल स्टाफ की सेवानिवृत्ति को स्थगित करने और इसे अगामी अवधि तक बढ़ाने करने का आदेश दिया है जो 30 जून, 2020 तक सेवानिवृत्त हो रहे हैं। यह आदेश स्वास्थ्य और परिवार कल्याण और चिकित्सा शिक्षा अनुसंधान में काम करने वाले सभी श्रेणियों के चिकित्सा अधिकारी, संकाय सदस्य और पैरामेडिकल स्टाफ पर लागू होगा जो 31 मार्च, 30 अप्रैल और 31 मई, 2020 तक सेवानिवृत्त होने वाले हैं। अतिरिक्त मुख्य सचिव, स्वास्थ्य द्वारा जारी आदेशों के अनुसार, जो चिकित्सा अधिकारी और पैरामेडिकल कर्मचारी 31 दिसंबर, 2017 से 29 फरवरी, 2020 की अवधि में सेवानिवृत्त हुए हैं, उनको भी अंतिम पद पर 1 अप्रैल, 2020 से आगामी आदेशों तक पुनर्रोजगार दिया जाएगा। इसके लिए उनकी लिखित सहमति, उपलब्धता और स्वस्थता को ध्यान में रखा जाएगा। वे जिले के संबंधित मुख्य चिकित्सा अधिकारी या मेडिकल काॅलेज के प्रधानाचार्यांे के कार्यालयों में अपनी ड्यटी के बारे में रिपोर्ट करेंगे, जिन्हें आवश्यकता के आधार पर पनर्रोजगार के आदेश जारी करने और अपने अधिकार क्षेत्र में स्वास्थ्य संस्थानों में तैनात करने के लिए अधिकृत किया गया है। सेवा विस्तार या पुनर्राेजगार को इस संबंध में राज्य सरकार द्वारा प्रसारित मानक अवधि और शर्तों द्वारा विनियमित किया जाएगा। सेवा विस्तार या पुनर्राेजगार देने के उददेश्य से जिले अथवा मेडिकल काॅलेजों में समतुल्य या अनुरूप पदों में उपलब्ध रिक्तियां वेतन और परिलब्धियों के आहरण के लिए उपयोग की जाएंगी। प्रमोशनल पदों के विरुद्ध विस्तार या पुनर्राेजगार के मामले में, यदि कोई और पदोन्नति के लिए उपलब्ध नहीं है या इस उद्देष्य से मौजूदा या प्रत्याशित रिक्तियों के खिलाफ पैनल नहीं बना है, तो वर्तमान पद या पदों का उपयोग किया जाएगा। यदि विस्तार या पुनर्राेजगार प्रदान करने के लिए कोई उपयुक्त पद उपलब्ध नहीं है, तो इस उद्देश्य के लिए एक्स-कैडर पद या पदों का सृजन किया जाएगा।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने प्रदेश के लोगों से स्वेच्छा से रक्तदान करने के लिए आगे आने की अपील की है ताकि रक्त बैंकों में खून की कमी न हो। जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने रक्तदान शिविर लगाने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इस संबंध में सभी उपायुक्तों, मुख्य चिकित्सा अधिकारियों और रक्त बैंकों के प्रभारियों को भी निर्देश जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि स्वैच्छिक संगठनों को रक्तदान शिविर लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। जय राम ठाकुर ने कहा कि रक्तदान शिविरों के दौरान भीड़भाड़ से बचने के लिए विशेष सावधानी बरतनी चाहिए और रक्तदाताओं और अन्य लोगों को आपस में उचित दूरी बनाकर रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि गैर सरकारी संगठनों को रक्तदाताओं को इस तरह आमंत्रित करना चाहिए ताकि शिविरों में भीड़ न बढ़े।
भारतीय जनता पार्टी के चारों संसदीय क्षेत्रों के सांसदों ने कोरोना वायरस को लेकर गंभीरता दिखाई है कोरोना वायरस जैसी वैश्विक महामारी के चलते सभी सांसदों ने अपनी सांसद निधि से अपने अपने संसदीय क्षेत्र में कोरोना वायरस जैसी गंभीर बीमारी से लड़ने के लिए मास्क , सैनिटाइजर, वेंटिलेटर एवं इक्विपमेंट खरीदने के लिए दी है। हमीरपुर के सांसद अनुराग ठाकुर ने डिप्टी कमिश्नर हमीरपुर को चिट्ठी लिखकर 51 लाख रुपए की राशि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए दी, इसी प्रकार मंडी संसदीय क्षेत्र के सांसद रामस्वरूप शर्मा ने 50 लाख रुपए की राशि , शिमला संसदीय क्षेत्र के सांसद सुरेश कश्यप ने 60 लाख की राशि और कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के सांसद किशन कपूर ने 66 लाख की राशि इस महामारी से लड़ने के लिए स्वीकृत की है। कुल मिलाकर सभी सांसदों ने 2 करोड़ 27 लाख की राशि अपने अपने एम पी लैड फंड , सांसद निधि में से हिमाचल प्रदेश में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से लड़ने के लिए दी है। यह राशि उस समय आई है जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देश में 21 दिनों का लॉक डाउन लगाया है यह वैश्विक महामारी से लड़ने के लिए कल प्रधानमंत्री ने पूरे देश को संबोधित करते हुए कहा है कि अगर इस बीमारी से लड़ना है तो हमें अपने अपने घरों में रहना होगा, सोशल डिस्टेंसिंग के माध्यम से हम इस कोरोना वायरस को रोक सकते हैं और हमें इस महामारी के प्रति खुद भी जागरूक रहना है और सब को जागरूक रखना है। ऐसी में हिमाचल प्रदेश के चारों सांसद अनुराग ठाकुर, रामस्वरूप शर्मा, सुरेश कश्यप और किशन कपूर ने यह पहल की है जिससे हिमाचल के सभी मेडिकल कॉलेजों में वेंटिलेटर और अन्य इक्विपमेंट इस वैश्विक महामारी से लड़ने के लिए खरीदे जा सकते हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने इस पहल को वैश्विक महामारी से लड़ने के लिए एक बड़ा कदम बताया है।
राज्य सरकार द्वारा देश के साथ-साथ राज्य में भी इक्कीस दिन के बंद के दौरान आवश्यक वस्तुओं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा उचित और प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। यह बात मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने तालाबंदी के कारण उत्पन्न स्थिति का जायजा लेने के लिए आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएंगे कि राज्य के बाहर से आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति में बाधा न आए। उन्होंने कहा कि इसके लिए आपूर्ति लाइन के पूरक के लिए कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य में राशन, दाल और खाद्य तेलों का पर्याप्त भंडार था। पर्याप्त मात्रा में दूध और ब्रेड की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए भी कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि यदि आवश्यकता हुई तो उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए दुग्ध संग्रह केंद्रों की स्थापना की जाएगी और अनावश्यक भीड़-भाड़ से भी बचा जाएगा। जय राम ठाकुर ने निर्देश दिया कि पशुओं के चारे की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त कदम उठाए जाएं। उन्होंने कहा कि खानाबदोश गद्दी और गुर्जरों और उनके झुंडों के आंदोलन को प्रतिबंधित नहीं किया जाना चाहिए और उनकी सुरक्षा के लिए सभी निवारक उपाय किए जाने चाहिए। मुख्य सचिव अनिल कुमार खाची, अतिरिक्त मुख्य सचिव, गृह मनोज कुमार, अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य आर.डी. धीमान, पुलिस महानिदेशक एस.एस. मार्डी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुंडू और सचिव जीएडी देवेश कुमार बैठक में शामिल हुए।
छात्र अभिभावक मंच ने हिमाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री, शिक्षा सचिव व निदेशक उच्चतर शिक्षा से मांग की है कि कोविड-19 के चलते हुए प्रदेशव्यापी लॉक डाउन व कर्फ्यू के मध्यनजर प्राइवेट स्कूलों द्वारा फीस जमा करने की 30 मार्च की निर्धारित तारीख को स्थिति के सामान्यीकरण तक बढ़ाया जाए। मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा, सह संयोजक बिंदु जोशी व सदस्य फालमा चौहान ने कहा है कि केंद्र और राज्य सरकार ने वैश्विक महामारी कोविड-19 के चलते हिमाचल प्रदेश में लॉक डाउन व कर्फ्यू घोषित कर रखा है लेकिन प्राइवेट स्कूल किसी भी हालत में 30 मार्च से पहले फीस जमा करवाने के लिए अभिभावकों पर दबाव बना रहे हैं। यह मानवता व राष्ट्र हित के खिलाफ है। कोरोना जैसी महामारी के कारण आपातकालीन सेवाओं के अलावा सभी सेवाएं बन्द हैं लेकिन प्राइवेट स्कूलों को इस दौरान भी पैसा व अपना मुनाफा ही याद आ रहा है। स्थिति इतनी भयावह है कि उच्चतम, उच्च व अन्य न्यायालय भी बन्द कर दिए गए हैं। ट्रैफिक पूरी तरह जाम है। ज़्यादातर अभिभावक बच्चों के साथ अपने-अपने गांवों को निकल चुके हैं। ऐसी परिस्थिति में भी प्राइवेट स्कूलों द्वारा फीस को 30 मार्च से पूर्व जमा करवाने का फरमान पूरी तरह सरकार के आदेशों की अवहेलना है। इस दौरान जब गाड़ियां ही नहीं चलेंगीं तो अभिभावक किस तरह बैंकों तक पहुंच कर यह फीस जमा करवाएंगे। वैसे भी बैंकों में भीड़ पर नियंत्रण की एडवाइजरी जारी की जा चुकी है। इस दौरान पांच से ज़्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर भी रोक है व धारा-144 भी लागू है। प्राइवेट स्कूलों द्वारा फीस जमा करने के लिए अभिभावकों को बाध्य करने से भीड़ बढ़ेगी व कोरोना के फैलाव का खतरा भी बढ़ेगा। देश व प्रदेश में आपातकाल जैसी स्थिति है परन्तु फिर भी प्राइवेट स्कूल अपनी तानाशाही से बाज़ नहीं आ रहे हैं। तत्काल फीस जमा करवाने की कोई एमरजेंसी भी नज़र नहीं आती है। प्राइवेट स्कूलों की इस तानाशाही पर हर हाल में रोक लगनी चाहिए। विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि वैसे भी प्राइवेट स्कूल निदेशक उच्चतर शिक्षा द्वारा जारी 5 दिसम्बर 2019,18 जनवरी तथा 12 मार्च 2020 के आदेशों की पालना नहीं कर रहे हैं जिसके अनुसार इस वर्ष फीस के निर्धारण से पहले सभी स्कूलों में मार्च के महीने में जनरल हाउस अनिवार्य किया गया था। प्राइवेट स्कूल इन आदेशों को लागू किये बगैर ही आनन-फानन में गुपचुप तरीके सेे फीस बढ़ोतरी करके इन फीसों को 30 मार्च तक बसूलना चाहते हैं ताकि फीस बढ़ोतरी की ओर अभिभावकों, शिक्षा विभाग, प्रशासन व सरकार का ध्यान न जा पाए। यह गैर मानवीय है कि या तो कुछ स्कूलों ने इस दौर में फटाफट अभिभावकों से जबरन ये फीसें बसूल कर ली हैं अथवा 30 मार्च से पहले वे किसी भी हालत में इस फीस को हासिल करने की फिराक में हैं। प्राइवेट स्कूल महामारी के समय को भी मनाफाखोरी में परिवर्तित करना चाहते हैं। उन्होंने उपायुक्त व पुलिस अधीक्षक शिमला से मांग की है कि जब तक महामारी की स्थिति सामान्य न हो जाये तब तक जो भी स्कूल फीस बसूलने के लिए अभिभावकों से ज़ोर-ज़बरदस्ती करते हैं उनके प्रबंधन के खिलाफ कानून की विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई अमल में लायी जाए व उनपर शिकंजा कसा जाए।
भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI)के प्रदेशाध्यक्ष छत्तर सिंह ठाकुर द्वारा प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए केंद्र सरकार द्वारा 21 दिनों के राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन व राज्य सरकार द्वारा लगाए गए कर्फ्यू का समर्थन जताया व सभी नागरिकों से घरों से बाहर न निकलने की अपील की। छत्तर ठाकुर नेे कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम हेतु सरकार द्वारा यह एक बिल्कुल सही ठोस कदम उठाया गया है व मानव जाति की रक्षा हेतु इसके परिणाम सकारात्मक होंगे। साथ ही एनएसयूआई के प्रदेशाध्यक्ष छत्तर ठाकुर ने राज्य सरकार व प्रशासन से अनुरोध किया कि वे इस विकट परिस्थिती में हिमाचल के सेब बागवानों का भी अन्य सभी वर्गों की भांति विशेष ध्यान रखा जाए। गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश को देश भर में सेब राज्य के नाम से जाना जाता है व सेब यहाँ की मुख्य नकदी फसल है। आजकल का समय सेब सेटिंग की वजह से बागवानों के लिए अति महत्वपूर्ण है और ये समय सेब के बगीचों में कई जरूरी स्प्रे, छिड़काव व खाद आदि के लिए बहुत क्रूशियल पीरियड माना जाता है। ऐसे में कर्फ्यू व लॉकडाउन की स्थिति में पूरे बाज़ार के साथ ही स्प्रे व खाद की दुकानें भी बन्द कर दी गयी है। इसकेे चलते इस साल सेब सीज़न को लेकर बागवान बहुत चिंतित है। भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन ने प्रदेश सरकार व प्रशासन से सेब बागवानों की इस समस्या को जल्द दूर करने की गुहार लगाई है। प्रदेश संगठन महासचिव मनोज चौहान ने प्रदेश के सभी स्कूल, कॉलेज व विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं से कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए घरों से बाहर न निकलने की अपील की। मानोज चौहान ने छात्र शक्ति का आह्वाहन कर कोरोना संक्रमण के खिलाफ इस लड़ाई में छात्रों को अपने परिवार व आस-पड़ोस के लोगों को सरकार द्वारा लॉकडाउन व कर्फ्यू के महत्व व इसके पालन करने बारे सजग करने को कहा।
अतिरिक्त मुख्य सचिव, स्वास्थ्य आरडी धीमान ने प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में 912 लोगों को निगरानी में रखा गया है। 16 लोगों की जांच के लिए सैंपल लिए गए हैं, जिनमें से पांच की रिपोर्ट नेगेटिव आई है और 11 की रिपोर्ट आनी बाकी है। उन्होंने बताया कि आईसीएमआर, भारत सरकार द्वारा एडवाईजरी जारी कर बताया गया है कि हाईड्रोक्सी क्लोरोक्वीन उन लोगों के बचाव में उपयोगी सिद्ध हो सकती है, जो कोविड-19 पाॅजिटिव लोगों के निकट संपर्क में आए हैं एवं अभी तक उनमें कोविड-19 बीमारी के कोई लक्षण नहीं है तथा ऐसे स्वास्थ्य सेवा प्रदाता जो कि कोविड-19 पाॅजिटिव या संदिग्ध कोविड-19 लोगों के निकट संपर्क में आए हैं। इस दवाई के दुष्परिणाम भी हो सकते हैं, इसलिए इसे डाॅक्टर के परामर्श के अनुसार ही लें और आम लोग इस गलतफहमी से न लें कि इसको लेने से पूर्ण रूप से कोविड-19 से बचाव किया जा सकता है। आरडी धीमान ने बताया कि पूरे प्रदेश के स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के उपयोग के लिए जरूरी सामान जैसे कि मास्क, ग्लबज, दवाई, सेनिटाईजर आदि भी प्रदेश स्तर पर खरीदकर जिलों को भेजे जा रहे हैं। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि सरकार द्वारा जारी कफ्र्यू के तहत आदेशों का पूरी निष्ठा से पालन करें और अनावश्यक कारणों से घर से बाहर न निकलें। आदेशों की अवहेलना करने पर जिला प्रशासन को सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं। ऐसे लोग जो दूसरे देशों से आए हैं, उनसे व उनके परिवार से अतिरिक्त मुख्य सचिव ने आग्रह किया कि वे अपनी सूचना 104 हेल्पलाईन नंबर व जिला प्रशासन को अवश्य दें। ऐसी जानकारी छुपाने के लिए उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है। अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि प्रदेश के सभी निजी स्वास्थ्य संस्थानों एवं आयुष प्रैक्टिशनर को भी पुनः एडवाईजरी जारी की गई है कि वह कोविड-19 से प्रभावित किसी भी व्यक्ति की सूचना जिला सर्विलेंस अधिकारी या मुख्य चिकित्सा अधिकारी को अवश्य दें। वह अपनी संस्था के सभी स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को उचित सुरक्षा उपकरण प्रदान करें। उन्होंने बताया कि प्रदेश में हिमकेयर के कार्ड भी लोकमित्र केंद्र के माध्यम से बनाए जा रहे हैं। इन्हें बनाने की अंतिम तिथि 31 मार्च निर्धारित की गई थी, परंतु कोविड-19 की परिस्थिति को देखते हुए लोगों की सुविधा के लिए इसे 31 मई, 2020 तक बढ़ाया गया है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वह ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के माध्यम से हिमकेयर के कार्ड स्वयं बनाएं, ताकि लोकमित्र केंद्र में किसी प्रकार की भीड़ आदि न हों और सामाजिक दूरी के दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन किया जा सके।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डा राजीव बिन्दल, ने शिमला से जारी एक प्रैस विज्ञप्ति के माध्यम से हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की भाजपा शासित सरकार का धन्यवाद किया, जिन्होंने वैश्विक कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में कार्य करने वाले डेढ़ लाख मजदूरों को दो हजार रुपये प्रति परिवार देने की घोषणा की है, साथ ही एडवासं राशन व पैंशनधारकों की सामाजिक सुरक्षा की 2 माह अग्रिम राशि जारी करने की घोषणा की है। जहां प्रदेश की सरकार महामारी पर नियंत्रण पाने के लिए पूरी ताकत से लगी है और लगातार खंड स्तर तक निगरानी रखे हुए है, वहीं गरीबों के प्रति सेवा का भाव, संवेदनशीलता का भाव, प्रदेश की जय राम सरकार ने अपनाया है। डॉ राजीव बिंदल ने कहा यह अवसर है जब प्रदेश के प्रत्येक नागरिक का धर्म बन जाता है कि वह संयम बरते, अनुशासित रहे, जन सम्पर्क की श्रृंखला को पूरी तरह तोड़ दे, तब जाकर हिमाचल प्रदेश को सुरक्षित रखा जा सकता है और समस्त जनता को लॉक-डाउन का लाभ मिलेगा। भाजपा के प्रदेश स्तरीय प्रवक्ता ने बताया की भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ बिंदल ने नाहन में डॉ यशवंत सिंह परमार मेडिकल कॉलेज में प्रिन्सिपल, चिकित्सा अधीक्षक, एसडीएम, कॉलेज के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ कोरोना महामारी के दृष्टिगत रोगियों की व्यवस्थाओं का जायज़ा लिया व उचित दिशा निर्देश दिए, साथ ही शहर में स्वच्छता के लिए डिसिन्फ़ेक्टंट छिड़काव कार्य देखा।
दिनांक 24 मार्च को SFI हिमाचल प्रदेश राज्य कमेटी द्वारा जारी एक प्रेस वक्तकय के माध्यम से SFI ने कोरोना वायरस से बचने के लिए सरकार के सामने कुछ सुझाव पेश करते हुए प्रदेशवासियों से भी अपील की है। ●प्रदेश और देश के लोग COVID -19 के प्रसार के खिलाफ गंभीर लड़ाई के बीच में हैं। कई राज्यों में, इस घातक वायरस के प्रसार को रोकने के लिए एक सामान्य लॉकडाउन लागू किया जा रहा है जो हमारे प्रदेश में भी किया गया है। ●इस तरह के लॉकडाउन के दौरान, विशेष रूप से घोषित लक्षणों वाले लोगों के परीक्षण को और अधिक स्तर पर करना अनिवार्य है। इस आधार पर, विशिष्ट क्षेत्रों की पहचान की जा सकती है और ऐसे क्षेत्रों में लागू किए जाने वाले लॉकडाउन की पहचान की जा सकती है। ●नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी द्वारा अनुमोदित सभी परीक्षण किटों का उपयोग किया जाना चाहिए। यह अजीब है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक परिपत्र जारी किया है कि केवल यूएस एफडीए(अमरीकी दवा प्राधिकरण) और यूरोपीय ईसी द्वारा अनुमोदित परीक्षण किट का ही उपयोग किया जाएगा। रिपोर्टों से पता चलता है कि केवल गुजरात में एक निर्माता है जो इस तरह की किट का उत्पादन करता है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, इस परिपत्र को वापस ले लिया जाना चाहिए और एनआईवी द्वारा अनुमोदित सभी किटों को तत्काल उपयोग के लिए तैनात किया जाना चाहिए। ●करोड़ों परिवार जो अपने परिवार की दैनिक कमाई पर जीवित रहते हैं, वे वर्तमान में इस तरह के लॉकडाउन के कारण गंभीर रूप से पीड़ित हैं। यह आवश्यक है कि तुरंत कम से कम ₹ 5,000 जन धन खातों और बीपीएल लाभार्थियों को हस्तांतरित किया जाना चाहिए। ●मध्याह्न भोजन योजना से लाभ पाने वाले बच्चों के परिवारों को राशन किट की आपूर्ति की जानी चाहिए। ●छात्रों की परीक्षा व प्रेक्टिकल को स्थगित किया जाना चाहिए। ● SFI कोरोना वायरस की गम्भीरता को देखते हुए आम जनता से अपील भी करती है कि हमें हर तरह के आवशयक ऐहतियात बरतते हुए अफवाहों से बचना चाहिए तथा इस संदर्भ में फैलाई जा रही भ्रांतियों व गैरवैज्ञानिक पाखण्ड से दूर रहने की आवश्यकता है। ●सभी बीपीएल / एपीएल परिवारों को पीडीएस के माध्यम से मुफ्त राशन एक महीने के लिए दिया जाना चाहिए। ●दुनिया के कई देशों की तरह कोरोना से बचने के लिये आवश्यक दवाएं व सामग्री जैसे सेनेटीज़र, मास्क,आदि का प्रदेश में भी इसी तरह मुफ्त प्रबंधन करना चाहिए। ●इसके साथ ही मझले व छोटे उद्योगों (एसएमई) और खुदरा व्यापारियों के साथ-साथ ईएमआई पर एक वर्ष के लिए बैंक ऋण पर स्थगन होना चाहिए। ●अब जब विधानसभा में बजट पर चर्चा हो ही रही है , तो प्रदेश सरकार को लाखों लोगों के जीवन और आजीविका को बचाने के लिए पर्याप्त पैकेज के लिए अलग से धनराशि निर्धारित करनी चाहिए। Sfi राज्य सचिव अमित ठाकुर ने बताया कि आज जीवन बचाने के लिए हमारे संसाधनों का उपयोग करने का समय है और हमें राजकोषीय अनुशासन बनाए रखने के लिए चिंताओं का शिकार नहीं होना चाहिए।
विदेश से लौटे रोहड़ू के एक परिवार के खिलाफ अपनी हालिया यात्रा प्रशासन से छुपाने पर मामला दर्ज किया गया है। बताय जा रहा है की यह परिवार हल ही में थाईलैंड से वापस आया था। प्रशासन की एक सर्वेक्षण टीम ने एक परिवार का पता लगाया, जिसने थाईलैंड की अपनी हालिया यात्रा की बात छुपाई थी। पुलिस सूत्रों के मुताबिक अंशुल परिवार सहित हाल ही में थाईलैंड से वापिस आया था। लेकिन इस बात से प्रशासन को अंधेरे में रखा गया। थाईलैंड से लौटकर यह परिवार अपने चंडीगढ़ के फ्लैट में ठहरा था और बीते शनिवार ही रोहड़ू पहुंचा था। परिवार के सदस्यों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की प्रासंगिक धाराओं 188 व 271 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। गौरतलब है की कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखकर प्रशासन ने संज्ञान ली है। विदेशों से आने वाले लोगों को कोरोना वायरस के खतरे के कारण अनिवार्य रूप से पृथक रहने को कहा गया है, भले ही उनमें बीमारी के लक्षण दिखाई दें या नहीं। ऐसे में कोई भी प्रशासन के निर्देशों के खिलाफ जाता है तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।
नेता प्रतिपक्ष ने सदन में नियम 67 के अंतर्गत स्थगन प्रस्ताव लाया और बढ़ते हुए कोरोना के प्रकोप को देखते हुए हिमाचल प्रदेश को लॉक डाउन करने की मांग की। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि लॉक डाउन में किसी भी कर्मचारी चाहे वो आउटसोरस, दिहाड़ी दार, मजदूर और निजी कंपनियों में काम कर रहे लोगों को पेड हॉलिडे हो ऐसे निर्देश दिए जाएं ताकि लोग इस महामारी में बच सके। प्रदेश में आज सरकारी और निजी बसों और टैक्सी को बंद किया है और सरकारी दफ्तरों को खुला रखा गया है जिससे लोगों को आज खासे परेशान होना पड़ा है। प्रदेश को 15 दिन के लिए लॉक डाउन किया जाए केवल एमरजेंसी सेवा को ही चलाया जाए तभी प्रदेश को बचाया जा सकता है क्योंकि अभी स्थिति उतनी बिगड़ी नहीं है अगर स्थिति हाथ से बाहर हो गयी तो प्रदेश को बचाना मुश्किल हो जाएगा। साथ ही नेता प्रतिपक्ष ने विधायक निधि से विधायकों को मास्क और सेनेटाइजर खरीद कर विधानसभा क्षेत्र में बांटने की इजाजत दी जाए। वंही कांग्रेस विधायक जगत सिंह नेगी ने भी प्रस्ताव में भाग लेते हुए सरकार को त्वरित कार्यवाही करने की मांग की। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सदन में कोरोना वायरस को लेकर वक्तव्य दिया और कहा कि कोरोना से दुनिया परेशान है और हिमाचल प्रदेश सरकार भी इस महामारी को लेकर चिंतित है। प्रदेश में भी कोरोना के दो मामले पाए गए हैं सरकार ने कोरोना को रोकने के लिए कदम उठाए हैं। भारत सरकार ने भी कोरोना वायरस को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए हैं प्रधानमंत्री के आह्वान पर जनता कर्फ्यू में खुल कर समर्थन किया है। सर्वदलीय बैठक में भी सभी दलों के सुझाव लिए और सरकार के प्रयासों के बारे में बैठक में अवगत करवाया। प्रदेश में 1237 लोग आइसोलेशन में रखे गए हैं। जिनमें से 426 लोगों ने कोरेंटाइन के 28 दिन पूरे किए हैं, जबकि 57 संदिग्ध लोगों के टेस्ट किए हैं जिनमें से 55 नेगटिव आए हैं जबकि दो मामले कांगड़ा में पॉजिटिव आए हैं। 667 लोग होम आइसोलेशन में रखे हुए है, जबकि 13 लोग अस्पताल में आइसोलेशन में रखे गए हैं। प्रदेश में इस समय 80 से 90 टेस्ट एक दिन में हो रहे हैं और अगर कोरोना के मामले बढ़ने पर मंडी, कसौली की लैब में टेस्ट की सुविधा उपलब्ध करवाने की केंद्र सरकार से मांग की गई है। सरकार ने प्रदेश में दूसरे राज्यों और विदेशी पर्यटकों के आने पर प्रतिबंध लगा दिया है।मुख्यमंत्री ने कहा है कि लोगों को अफवाहों से बचने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कांगडा की तरह ही पूरे प्रदेश को आगामी निर्देश तक लॉक डाउन करने के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सदन में कहा कि कोरोना वायरस के चलते सरकार काफी सचेत है और आगे भी जनहित में जो जरूरी होगा सरकार कदम उठाने के लिए तैयार है। लॉक डाउन के समय मे जरूरी सेवाएं चलती रेंहेगी। मास्क, सेनेटाइजर और राशन की कालाबाजारी को लेकर सरकार सख्त है और लोगों को पैनिक होने की आवश्यकता नहीं है।
उपायुक्त शिमला अमित कश्यप ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जनता कर्फ्यू की अपील के तहत व हिमाचल प्रदेश सरकार के दिशा-निर्देशानुसार 22 मार्च, 2020 को शाम 5 बजे तथा 5 बजकर 5 मिनट पर सायरन बजाया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसका मुख्य उद्देश्य कोरोना संक्रमण से बचाव के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करना तथा मानव जाति के बचाव के लिए निरंतर कार्य कर रहे व आवश्यक सेवाओं की निरंतरता बनाए रखने में सहयोग करने वाले सभी कर्मचारियों, स्वास्थ्य सेवाओं में तैनात सभी कर्मियों, अधिकारियों, रेल यातायात तथा हवाई अड्डों पर सेवाएं प्रदान कर रहे सभी कर्मचारियों, सैनिक व अर्धसैनिक बलों व पुलिस के जवानों तथा प्रशासन व उन सभी व्यक्तियों के प्रति, जिन्होंने अपनी जान की परवाह न करते हुए कोरोना संक्रमण से बचाव के सेवा कार्य में लगे हैं का अपने दरवाजों, बालकनियों अथवा खिड़कियों के पास आकर 5 मिनट तक ताली या थाली बजा कर आभार व्यक्त करें। उन्होंने बताया कि जिला एवं उपमण्डल स्तर पर इस संबंध में आवश्यक निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने प्रदेश कार्यालय दीपकमल चक्कर में कोरोना वायरस को लेकर प्रदेश पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों से अनेक महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की और आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने चर्चा के उपरांत मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के मद्देनजर कल 22 मार्च 2020 रविवार को जनता कर्फ्यू का आह्वान किया है जिसमें हम सबको बढ़-चढ़कर भाग लेना है। जनता कर्फ्यू स्वयं अपने पर प्रतिबंध है और हम सब सुबह 7:00 बजे से लेकर रात 9:00 बजे तक घर पर रहेंगे, सभी बाजार और विभिन्न कार्यालय भी बंद रहेंगे। उन्होंने बताया कि जनता कर्फ्यू के तहत कल भाजपा प्रदेश कार्यालय भी बंद रहेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समस्त जनता से आव्हान किया है की कोरोना वायरस के चलते जनसंपर्क घटाएं और एक दूसरे से दूरी बनाकर रखें। अति आवश्यक कार्य हम फोन या व्हाट्सएप के माध्यम से करें। उन्होंने कहा कि हिमाचल वासी सदा सजग है और जो सजग है वह सुरक्षित है। हम सबको मिलकर के स्वयं भी जागरूक रहना है और सब को जागरुक भी करना है। डॉ बिन्दल ने कहा कि समाज का वह वर्ग चिकित्सक, पैरामैडिकल स्टाफ, पुलिस कर्मी, सरकारी अधिकारी विशेषकर सफाई कर्मचारी वर्ग, जो हमारी सेवा में लगा है उन सबका आभार व्यक्त करने के लिए 22 मार्च को ही सांय 5 बजे 5 मिनट तक अपने घरों से बाहर निकलकर, बॉलकोनी में जाकर थाली बजाकर, घंटी बजाकर या ताली बजाकर उनके प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करें, अपना आभार व्यक्त करें। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के चलते भाजपा ने अपनी सभी जिला एवं मंडल स्तरीय बैठकों को स्थगित कर दिया है और भाजपा के समस्त कार्यकर्ता केवल फोन या व्हाट्सएप के माध्यम से कार्य करेंगे।
The Corona virus which has caused awe in the world has also knocked in Himachal. So far untouched by the Corona virus, Himachal has received two positive cases on Friday. Both are residents of Kangra. They had been admitted to Dr. Rajendra Prasad Medical College Tanda. The sample investigation report of both has come positive. Chief Minister Jairam Thakur and Deputy Commissioner, Kangra Rakesh Prajapati have confirmed that the Women have returned from Dubai and the men from Singapore lately. The samples of both have now been sent to a lab in Pune for examination. According to the information, the 63-year-old victim woman returned from Dubai on 19 March, while the 32-year-old victim returned from Singapore on 18 March. CMO Kangra Dr. Gurdarshan Gupta said that both the patients were admitted to the isolation ward set up at Tanda Medical College late in the evening. Initial investigations have found both reports of corona virus positive. Now the samples of both have been sent to a lab in Pune for examination. People have been stirred up in Himachal for the first time with two cases. Now the health department is trying to find out how many people have come in contact with the two of them . They will also be brought under surveillance. The family of both has also been placed on observation. A young boy who has come from Malaysia Via Ship to Mumbai and then to Solan on Thursday, is admitted in isolation ward at Solan Hospital. Have sent his samples to Shimla. At the same time, two Nepali people of Rampur are admitted in isolation ward at DDU Shimla. People from other countries and Corona affected 85 people have arrived in Himachal. Their number was 748 on Thursday, which has now risen to 823. Of these, 283 people have completed their 28-day monitoring period. They have been allowed to meet people. Samples of 10 suspects have come negative. Reports of three are yet to come. 100 people have left Himachal, while 431 people are still on surveillance Chief Medical Officer Kangra Dr. Gurdarshan Gupta said that earlier people from only 19 countries identified were being monitored, but now local or foreign tourists from any country are being kept under surveillance. The suspect is being advised to stay in the hospital while the normal person is in home isolation. Prime Minister Narendra Modi on Friday held a video conference with Chief Ministers of all states across the country, including Himachal Pradesh, in the context of corona virus infection. Chief Minister Jairam Thakur gave information about Himachal's preparations and steps taken, while also expressing grief over two positive cases in the state. The Union Health Ministry suggested Himachal authorities to take more stringent measures. The Chief Minister, while holding a video conference with all the Deputy Commissioners of the state, asked them to ensure that the Janata curfew will be successful on March 22 at the call of the Prime Minister. He also gave instructions to stop black marketing. The CM said that it is difficult to interfere in weddings but appealed that people shorten the event and postpone the Dham.
नेपाल से आए एक युवक और एक युवती को शिमला के दीनदयाल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दोनों कोरोना वायरस के संदिग्ध है। दोनों के सेंपल टेस्ट के लिए भेजे गए है। शाम तक दोनों की रिपोर्ट आ सकती है। अस्पताल के एमएस लोकेंद्र शर्मा ने संदिग्धों के भर्ती होने की पुष्टि करते हुए बताया कि दोनों को दिन के समय अस्पताल लाया गया था। दोनों के सेंपल टेस्ट के लिए भेज दिए गए हैं, शाम तक रिपोर्ट आने की संभावना है।