पूर्व विधायक राजेंद्र राणा ने सख्त लहजे में कहा है कि हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार लोकतंत्र के चौथे स्तंभ मीडिया का गला घोंटने पर आमादा है। मुख्यमंत्री के दौरे के दौरान मीडिया कर्मियों को उनसे दूर रखने के आदेश और जिला कांगड़ा के एक पत्रकार पर दर्ज एफआईआर से यह स्पष्ट हो गया है कि सुक्खू सरकार आलोचना बर्दाश्त करने की बजाय दमनकारी नीतियों का सहारा ले रही है। राजेंद्र राणा ने आज जारी एक बयान में कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध लगाने के लिए सुक्खू सरकार ने इमरजेंसी के काले दौर की यादें फिर से ताजा कर दी हैं, जब कांग्रेस सरकार ने अखबारों पर सेंसरशिप थोप दी थी और कई साहसी पत्रकारों को जेल में डाल दिया गया था। राणा ने तीखे शब्दों में कहा, "यह बेहद शर्मनाक है कि मुख्यमंत्री सुक्खू जनता और चुने हुए जनप्रतिनिधियों से दूरी बनाने के साथ-साथ अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए मीडिया से भी भागने लगे हैं। मुख्यमंत्री की यह हरकतें उनके शासन की विफलताओं और असुरक्षा की पोल खोलती हैं। अब वे अपनी असफलताओं पर परदा डालने के लिए मीडिया को भी निशाना बना रहे हैं। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि मीडिया की आवाज को दबाने की यह कोशिशें हिमाचल के लोगों के अधिकारों और लोकतंत्र पर सीधा हमला है, और इसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
सुक्खू सरकार ने कर्मचारियों और पेंशनरों को दिवाली से पहले कई तोहफे दिए हैं। सरकार ने 75 साल से अधिक उम्र के पेंशनरों को नए संशोधित वेतनमान के बाद पेंशन का बकाया 22.50 प्रतिशत बचा एरियर देने के आदेश जारी किए हैं। कुल 45 प्रतिशत एरियर में से आधा यानी कि 22.50 फीसदी सरकार 9 अक्तूबर को पेंशन के साथ दे चुकी है। सरकार ने 75 साल से अधिक उम्र के करीब तीस हजार पेंशनरों को एक माह के अंदर ही पूरा एरियर दे दिया है। बताया जा रहा है कि 22.50 प्रतिशत एरियर पेंशनरों को 28 अक्तूबर को पेंशन के साथ ही जारी किया जा सकता है। सरकार ने हिमाचल के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को भी नए वेतनमान का एरियर जारी करने के आदेश दिए हैं। इनकी संख्या करीब 25 हजार के आसपास बताई जा रही है। ग्रुप डी यानी चतुर्थ श्रेणी के हर कर्मी को नए वेतनमान के बकाया एरियर के 20 हजार रुपये जारी करने के सरकार के आदेश हैं। कर्मचारियों को एरियर अक्तूबर में ही देने के आदेश दिए गए हैं। एक जनवरी 2016 से नया वेतनमान लागू होने के बाद से इनका एरियर देय है। प्रधान सचिव वित्त ने सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, हिमाचल हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल, मंडलीय आयुक्तों, उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को इस संबंध में एक चिट्ठी भेजी है। बता दें कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने एरियर देने की घोषणा पहले ही की थी। एरियर हिमाचल प्रदेश सिविल सर्विसेज संशोधित वेतनमान नियम 2022 के तहत देय होगा। इससे पहले चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को 60-60 हजार दिए गए थे और अब 20-20 हजार रुपये और दिए जाएंगे। हिमाचल सरकार के वित्त विभाग ने राज्य के करीब पौने दो लाख पेंशनरों को चार फीसदी महंगाई भत्ता जारी करने के भी आदेश जारी किए हैं। इसी माह पेंशन के साथ भत्ता दिया जाएगा। डीए की किस्त एक अक्तूबर 2024 से 38 से बढ़ाकर 42 प्रतिशत की गई है। एक जनवरी 2023 से लेकर 30 सितंबर 2024 तक के डीए के एरियर का भुगतान अलग आदेश के तहत किया जाएगा।
** लाखों परिवारों की दिवाली में घुलेगी मिठास हिमाचल में फेस्टिव सीजन में महंगाई के बढ़ते बोझ ने आम लोगों की कमर तोड़ दी है। दिवाली के पहले ही बाजार में महंगाई ने एक तरह से आग लगा दी है। प्रदेश भर के बाजारों में रोज़मर्रा की ज़रूरतों की चीजों की कीमतों में भारी बढ़ोतरी हो रही है। त्योहारी सीजन में प्याज के दाम बढ़कर 60 रुपए तक पहुंच गए हैं। टमाटर पहले ही 100 रुपए प्रति किलो बिक रहा है। वहीं, खाद्य तेल की कीमतें 200 प्रति लीटर तक के आंकड़े को छू रही हैं। आटा-दाल चावल और चीनी के भाव भी सातवें आसमान पर हैं इससे त्योहारी सीजन में बाजार से राशन खरीदना लोगों के लिए मुश्किल होता जा रहा है ।खासकर आवश्यक वस्तुओं के दाम बढ़ने से गरीब और निम्न वर्ग के लोगों को जीवन यापन करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में प्रदेश के लाखों परिवारों के लिए राहत की खबर ये है कि डिपुओं के जरिए सरकार 100 ग्राम प्रति व्यक्ति अतिरिक्त चीनी का फेस्टिवल कोटा दे सकती है । इसके लिए खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग ने एक प्रस्ताव सरकार को भेजा है। यहां से मंजूरी मिलते ही 19 लाख से अधिक राशन कार्ड धारकों को चीनी का फेस्टिवल कोटा जारी किया जाएगा। त्योहारी सीजन में मिठाइयों की अधिक डिमांड रहती है, जिससे इन दिनों बाजारों में चीनी की खपत भी ज्यादा रहती है। ऐसे में चीनी का रिटेल भाव भी 48 रुपए किलो तक पहुंच गया है। वहीं, डिपुओं के जरिए लोगों को यही चीनी बाजार से सस्ते रेट पर उपलब्ध कराई जाती है। प्रदेश में 5200 से अधिक डिपुओं के माध्यम से बीपीएल परिवारों को 13 रुपये प्रति किलो के हिसाब से चीनी दी जा रही है। इसी तरह से नॉन टैक्स पेयर एपीएल परिवारों को यही चीनी 33 रुपए प्रति किलो के हिसाब से उपलब्ध हो रही है। वहीं, टैक्स पेयर उपभोक्ताओं को डिपुओं में चीनी प्रति किलो के हिसाब से 44 रुपए चुकाने पड़ रहे हैं। उचित मूल्य की दुकानों के जरिए सरकार प्रति व्यक्ति 500 ग्राम चीनी का कोटा देती है, लेकिन फेस्टिवल सीजन में 100 ग्राम अतिरिक्त चीनी का कोटा मिलने से प्रति व्यक्ति 600 ग्राम चीनी मिलेगी ।
जिला शिमला में सड़क हादसों का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा मामला शिमला के नेरवा से सामने आया है। बीती रात नेरवा में एक स्कॉर्पियो गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई। हादसे के समय गाड़ी में 4 लोग सवार थे, जिसमें से दो की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो गंभीर रूप से घायल हैं, जिन्हें नेरवा में प्राथमिक उपचार देने के बाद आईजीएमसी अस्पताल शिमला के लिए रेफर कर दिया गया है। एसपी शिमला संजीव गांधी ने बताया कि सड़क हादसा देर रात करीब एक बजे के आसपास हुआ है। एक स्कॉर्पियो गाड़ी (नंबर HP 08C-0346) नेरवा से करीब 15 किलोमीटर दूर शामटा-टिकरी सड़क मार्ग पर पीपलाह के पास दुर्घटना का शिकार हो गई और खाई में गिर गई, जिस समय गाड़ी खाई में गिरी, उस समय गाड़ी में 4 लोग सवार थे, जिनमें से एक स्थानीय निवासी व तीन युवक बिहार के रहने वाले थे। तीनों युवक स्थानीय व्यक्ति के पास काम कर रहे थे जब देर रात काम से वापस घर लौटते समय ये सड़क हादसा हुआ। मृतकों की पहचान प्रताप हंसटा (उम्र 38 साल) निवासी नेरवा, जिला शिमला के रूप हुई है, जबकि एक अन्य मृतक बिहार का निवासी था। वहीं, गाड़ी में सवार अन्य दो लोगों को भी गंभीर चोटें आई हैं। जिन्हें नेरवा अस्पताल में प्राथमिक इलाज के बाद शिमला के आईजीएमसी के रेफर कर दिया गया है। जहां दोनों का इलाज किया जा रहा है। दोनों घायल युवक बिहार के रहने वाले हैं।
** अगले महीने समीक्षा करेंगे सीएम हिमाचल में राजस्व से संबंधित लंबित मामलों का अब जल्द ही निपटारा होगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सभी लंबित राजस्व मामलों का निपटारा करने के लिए विशेष अभियान शुरू करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि राजस्व लोक अदालतों के माध्यम से लंबित मामलों का निपटारा किया जा रहा है। इसमें और तेजी लाई जाने की आवश्यकता हैं। लोगों को बार-बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने से छुटकारा मिलना चाहिए, जिस पर राजस्व अधिकारियों को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। सीएम सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार लोगों को घर द्वार पर सुविधाएं देने के लिए वचनबद्ध है और लंबित राजस्व मामलों का निपटारा करना अति आवश्यक है।उन्होंने सभी मंडलायुक्तों और उपायुक्तों को दुरूस्ती से सभी लंबित मामलों का 31 अक्टूबर, 2024 तक निपटारा करने के निर्देश दिए हैं, जिसकी समीक्षा नवंबर महीने में की जाएगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सभी उपायुक्त लंबित राजस्व मामलों की समीक्षा के लिए अपने जिलों में एक-एक नोडल अधिकारी की तैनाती करें। इसकी सूचना डीसी को सरकार को भेजनी होगी, ताकि लंबित मामलों को समय सीमा के भीतर निपटाया जा सके। उन्होंने कहा कि राजस्व मामलों के निपटारे के लिए उपायुक्तों को नायब तहसीलदार तक खाली पड़े पदों को भरने की शक्तियां प्रदान की गई हैं। इसके लिए पर्याप्त बजट का प्रावधान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वह नवंबर माह में इस मामले की दोबारा समीक्षा करेंगे। सीएम सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार ने आपदा प्रभावितों के लिए विशेष राहत पैकेज के रूप में 4500 करोड़ रुपए जारी किए हैं। इस धनराशि से प्रभावित परिवारों की सहायता करने को कहा गया है, ताकि प्रभावित परिवारों को समय पर छत नसीब हो सके। बता दें कि पिछले साल मानसून सीजन में 500 से अधिक लोगों की मौत हुई थी। इसके अलावा 10 करोड़ रुपए की सार्वजनिक और निजी संपत्ति का नुकसान हुआ था। पिछली बरसात में 23 हजार परिवार प्रभावित हुए थे, जिनके पुनर्वास के लिए प्रदेश सरकार ने 4,500 करोड़ रुपए का आपदा राहत पैकेज लागू किया है। इस पैकेज के तहत पूरी तरह से नष्ट हो चुके घरों के लिए मुआवजे की राशि 1.30 लाख रुपए से बढ़ाकर 7 लाख रुपए किया गया है।
हिमाचल प्रदेश सरकार की युवाओं के लिए विदेश में रोजगार के अवसर प्रदान करने की पहल के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। आज इस योजना के अंतर्गत पांच युवाओं का पहला बैच अपनी नई भूमिका शुरू करने के लिए सऊदी अरब पहुंच गया। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने इन युवाओं को 31 अगस्त, 2024 को शिमला में नियुक्ति पत्र प्रदान किए थे। इन युवाओं में ऊना जिला के रजत कुमार, सुनील कुमार, जसप्रीत सिंह और अभिनव तथा जिला हमीरपुर के दिनेश शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि विदेश में रोजगार की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार ने यूएई स्थित दुबई में ईएफएस फैसिलिटीज़ सर्विसिज ग्रुप लिमिटेड के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) हस्ताक्षरित किया है। दिसम्बर, 2023 में मुख्यमंत्री की दुबई यात्रा के उपरांत इएफएस ने विदेश भर्ती आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए हिमाचल से 15-20 प्रतिशत भर्तियां करने का लक्ष्य रखा है। इसके अंतर्गत आतिथ्य, तकनीकी सेवाओं, हाउस कीपिंग, खाद्य व पेय पदार्थ और कार्यालय सहायक जैसे क्षेत्रों में प्रदेश से प्रतिवर्ष लगभग 1000 उम्मीदवारों को दुबई में रोजगार दिया जाएगा। इसके अलावा, श्रम एवं रोजगार विभाग को विदेश में कार्य कर रहे युवाओं का कुशलक्षेम सुनिश्चित करने के लिए एक तंत्र विकसित करने के निर्देश दिए गए हैं। यह प्रदेश सरकार की विदेश में राज्य के युवाओं की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्धता को दर्शाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के युवाओं को रोजगार एवं स्वरोजगार सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार ने सिर्फ 20 माह के अपने कार्यकाल के दौरान सरकारी क्षेत्र में 31000 पद सृजित किए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को विदेश में रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए भी सकारात्मक दृष्टिकोण से कार्य कर रही है ताकि भविष्य में अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार के लिए विदेश में और अवसर प्राप्त हो। इस पहल से राज्य के युवा ऐजेंटों के शोषण से बचेगें और विदेश में उनकी सुरक्षा सुनिश्चित होगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने स्वरोजगार को और अधिक बढ़ावा देने के लिए राजीव गांधी स्टार्ट-अप योजना भी आरम्भ की है। इस योजना से राज्य के युवा स्वयं के उद्यम और स्थायी आजीविका अर्जन के लिए प्रेरित होंगे और आत्मनिर्भर बनेंगे।
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने जिला कुल्लू के चार दिवसीय प्रवास के दौरान आज मनाली पहुंचने पर प्रीणी स्थित पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के आवास का दौरा किया। उन्होंने परिसर में कुछ समय व्यतीत किया और अटल जी के साथ बिताए पलों और स्मृतियों को याद किया। इस अवसर पर लेडी गवर्नर जानकी शुक्ला भी उनके साथ मौजूद रहीं। अटल जी को याद करते हुए राज्यपाल ने कहा कि उन्हें हिमाचल और यहां के लोगों से बहुत लगाव था। वह इसे अपना दूसरा घर मानते थे। यहां के शांतिपूर्ण माहौल में उन्होंने कई कविताएं लिखी हैं। राज्यपाल ने रोरिक आर्ट गैलरी और नग्गर कैसल का दौरा भी किया। राज्यपाल ने कहा कि महान कलाकार निकोलस रोरिक ने अपनी अद्भुत कला के माध्यम से हिमाचल की खूबसूरती को चित्रों में उकेरा है। यह गैलरी भारत और रूस के बीच मजबूत सांस्कृतिक संबंधों को प्रदर्शित करती है। इससे पहले, राज्यपाल ने काईस मॉनेस्ट्री का भी दौरा किया। इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव चंद्र प्रकाश वर्मा और जिला प्रशासन के अधिकारी भी उपस्थित थे।
हिमाचल प्रदेश में सिरमौर पुलिस ने लाखों रुपए की ऑनलाइन ठगी के मामले में एक आरोपी को धर दबोचा है।आरोपी को बिहार से गिरफ्तार किया गया है। आरोपी ने एजेंसी दिलाने के नाम पर पीड़ित से 30.87 लाख रुपए की ठगी की थी। आरोपी के खाते में ठगी के लाखों रुपए की ट्रांजेक्शन भी हुई है। मामले में गठित एसआईटी इस पूरे मामले की गहनता से जांच में जुटी हुई है। मामला सदर पुलिस थाना नाहन से जुड़ा है। एएसपी सिरमौर योगेश रोल्टा ने बताया कि गत 23 सितंबर को नाहन पुलिस थाने में पीयूष गुप्ता निवासी हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी नाहन ने इस मामले में शिकायत दर्ज करवाई थीं। शिकायत के मुताबिक पीयूष गुप्ता के साथ ‘कीया’ की एजेंसी दिलाने के नाम पर 30.87 हजार रुपए की ऑनलाइन ठगी हुई। इस पर पुलिस ने केस दर्ज किया। मामले की जांच के लिए नाहन शहर की गुन्नूघाट पुलिस चौकी के प्रभारी एएसआई सुरेश मेहता के नेतृत्व में एसआईटी गठित की गई। एसआईटी ने जांच के दौरान इस मामले में आरोपी अनुराग गौतम निवासी बेगूसराय, बिहार को गिरफ्तार किया है। जांच में सामने आया कि आरोपी के खाते में ठगी के करीब 26.65 लाख रुपए की ट्रांसजेक्शन हुई है। अब एसआईटी इस पूरे मामले की गहनता से जांच कर रही है। पूछताछ के बाद सामने आएगा कि शातिर किस तरह से ऑनलाइन ठगी को अंजाम देते थे और कौन-कौन इस गिरोह में शामिल हैं।
हिमाचल के पालमपुर में मुख्य एसडीआरएफ प्रशिक्षण संस्थान स्थापित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण आपदा की घटनाओं में वृद्धि हुई है। इसलिए आपदाओं का बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित कर हमें इन चुनौतियों के साथ जीना सीखना होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पर्याप्त धनराशि व्यय कर लोगों को आपदा से निपटने की तैयारियों के बारे में जागरूक कर रही है और आपदा से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए कई उपाय अपनाए जा रहे हैं। आपदा की चुनौतियों का सामना करने के लिए प्राधिकरण को सदैव तैयार रहना चाहिए। इस दिशा में फ्रांस की एजेंसी एएफडी के सहयोग से 800 करोड़ रुपये की परियोजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है और मिटीगेशन फंड से 500 करोड़ रुपये व्यय किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने पालमपुर में एक मुख्य एसडीआरएफ प्रशिक्षण संस्थान स्थापित करने की घोषणा भी की है। सीएम सुक्खू ने कहा कि पिछले साल मानसून के दौरान प्रदेश के लोगों ने तबाही का मंजर देखा, जिसमें 500 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी और 10 हजार करोड़ रुपये की सार्वजनिक और निजी संपत्ति का नुकसान हुआ था। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से किसी प्रकार की वित्तीय सहायता न मिलने के बावजूद राज्य सरकार ने 23 हजार प्रभावित परिवारों का पुनर्वास किया और 4,500 करोड़ रुपये का आपदा राहत पैकेज लागू किया है। इस पैकेज के तहत पूरी तरह से नष्ट हो चुके घरों के लिए मुआवजे की राशि 1.30 लाख रुपये से बढ़ाकर सात लाख रुपए की गई है। मुख्यमंत्री ने आपदा राहत प्रयासों में राजनीतिक हस्तक्षेप की आलोचना करते हुए कहा कि प्रदेश को अभी तक आपदा उपरांत आवश्यकता आकलन (पीडीएनए) के 10 हजार करोड़ रुपये नहीं मिले हैं। विपक्ष की ओर से खड़ी की गई हर बाधाओं के बावजूद उनके निरंतर प्रयासों के फलस्वरूप इस दिशा में कुछ प्रगति हुई है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के मामलों में राजनीति नहीं होनी चाहिए और प्रभावित लोगों को पूरी सहायता प्रदान की जानी चाहिए। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि 72 घंटे तक उन्होंने स्वयं आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर बचाव व राहत कार्यों का निरीक्षण किया। उन्होंने व्यक्तिगत रूप से राज्य से 75 हजार पर्यटकों और 15 हजार वाहनों को सुरक्षित निकालने का अभियान चलाया। सीएम ने कहा कि इतनी बड़ी प्राकृतिक आपदा के बावजूद 48 घंटों के भीतर, बिजली, पानी और संचार जैसी आवश्यक सेवाओं को अस्थायी रूप से बहाल किया गया. जिससे राहत कार्यों को सुचारू रूप से चलाने में मदद मिली। राज्य सरकार ने किसानों, विशेष रूप से सेब उत्पादकों की उपज को सुरक्षित रूप से मंडियों तक पहुंचाने की व्यवस्था भी सुनिश्चित की, ताकि उन्हें अपने उत्पादों के बेहतर दाम मिले। विश्व बैंक, नीति आयोग और पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने राज्य के प्रभावी आपदा प्रबंधन कार्यों की सराहना की। मुख्यमंत्री ने आपदा के अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी और मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी की अगुवाई में प्रदेश सरकार ने लाहौल-स्पीति जिले के चंद्रताल से 303 फंसे पर्यटकों को सफलतापूर्वक बचाया और सभी पर्यटकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की गई।
हिमाचल प्रदेश में फेस्टिव सीजन में सुक्खू सरकार ने सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को 4 फीसदी डीए देने के साथ पेंडिंग मेडिकल बिलों के भुगतान का ऐलान किया है। वहीं, कर्मचारियों और पेंशनर्स को अगले महीने यानी नवंबर में दी जाने वाली सैलरी और पेंशन को भी एडवांस में दिवाली से पहले 28 अक्टूबर को देने की घोषणा की गई है। ऐसे में त्योहारी सीजन में कई सौगातें एक साथ मिलने पर लाखों कर्मचारियों और पेंशनर्स की नाराजगी सरकार के प्रति कुछ हद तक दूर हो गई है। फेस्टिवल सीजन में 4 फीसदी डीए की किश्त देने, पेंडिंग मेडिकल बिलों के भुगतान और अगले महीने की सैलरी और पेंशन एडवांस में 28 अक्टूबर को डाले जाने के ऐलान से कर्मचारी और पेंशनर्स खुश हैं, लेकिन इसके साथ ही कुछ लंबित मांगों को लेकर सचिवालय कर्मचारियों का आज दोपहर बाद 1.30 जनरल हाउस होने जा रहा है, जिसमें सीएम सुक्खू की सरकार की ओर से कर्मचारी डीए की 4 फीसदी किश्त देने सहित एडवांस सैलरी और पेंशन सहित मेडिकल बिलों के बिलों के भुगतान करने के फैसले पर मुख्यमंत्री का धन्यवाद करेंगे।इसके साथ ही कर्मचारियों की अन्य लंबित मांगे भी सरकार के ध्यान में लाई जाएंगी। हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवाएं परिसंघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने कर्मचारियों और पेंशनर्स को 4 फीसदी डीए सहित मेडिकल बिलों के भुगतान और अगले महीने की सैलरी और पेंशन एडवांस में 28 अक्टूबर को डाले जाने के ऐलान को लेकर मुख्यमंत्री का आभार जताया है। उन्होंने कहा "जहां तक जनरल हाउस की बात है तो ये पहले से ही प्रस्तावित है। हमने कहा था कि 15 अक्टूबर को जनरल हाउस करेंगे। इस बीच सरकार कुछ देती है तो हम धन्यवाद करेंगे, वरना आगे की रणनीति तैयार की जाएगी। संजीव शर्मा का कहना है कि जनरल हाउस में कर्मचारियों को 2016 से 2022 के बीच का एरियर के भुगतान, साल में अनुबंध कर्मचारियों को दो बार नियमित करने और आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए नीति बनाने की मांग रखी जाएगी। उनका कहना है कि जनरल हाउस में प्रिविलेज मोशन को वापस लेने की भी मांग रखी जाएगी।
हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर की आरटीओ यानी रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिसर सोना चंदेल ने पंजाब रोडवेज के अमृतसर डिपो-2 के जीएम को नोटिस जारी किया है। इतना ही नहीं संबंधित डिपो की पांवटा साहिब-अमृतसर रूट पर बिना परमिट के चलने वाली एक बस पर 10,000 रुपए का चालान भी किया गया है। आरटीओ की ओर से जीएम को जारी नोटिस में संबंधित बस के ड्राइवर-कंडक्टर को आरटीओ कार्यालय नाहन में तलब किया गया है। आरटीओ ने यह कार्रवाई नाहन निवासी एक यात्री के. टांक की शिकायत पर अमल में लाई है। दरअसल के. टांक ने 18 सितंबर 2024 को इस बाबत आरटीओ सिरमौर को ई-मेल के जरिए पांवटा साहिब-अमृतसर रूट पर पंजाब रोडवेज बस की शिकायत भेजी थी। अमृतसर डिपो-2 की यह बस पांवटा साहिब से शाम 6:25 पर चलती है, जो शाम करीब साढ़े 7 बजे नाहन से 3 किलोमीटर दूर दोसड़का पहुंचती है। टांक ने बताया कि वह प्रतिदिन पांवटा साहिब से नाहन तक सफर करते हैं। आरटीओ को शिकायत करने से कुछ दिन पहले वह इसी बस में पांवटा साहिब से नाहन आ रहे था। बस का रूट पांवटा साहिब-नाहन-अमृतसर था, जैसे ही बस दोसड़का पर पहुंची, तो नाहन आने वाली सवारियों को दोसड़का पर ही उतार दिया गया, जिसमें वह भी शामिल थे. जबकि टिकट की एवज में पैसे पूरे नाहन तक के लिए गए। टांक ने बताया कि इसको लेकर बस के ड्राइवर-कंडक्टर देरी का बहाना बनाकर नाहन न आकर दोसड़का से ही बस लेकर अपने निर्धारित गंतव्य की तरफ निकल गए। यही नहीं 100 रुपए पूरा किराया वसूलने के बाद जो टिकट उन्हें दिया गया, उस पर भी बस का रूट पांवटा साहिब-नाहन दर्शाया गया है। इसके बाद उन्होंने इसकी शिकायत आरटीओ नाहन कार्यालय से की। शिकायत पर आरटीओ सिरमौर ने न केवल बिना परमिट पर संबंधित बस का 10,000 रुपए का चालान किया, बल्कि गत 7 अक्टूबर 2024 को पंजाब रोडवेज अमृतसर-2 के जीएम को भी कें. टांक की शिकायत के साथ एक नोटिस जारी किया। नोटिस में कहा गया है कि इस शिकायत के अलावा टेलीफोन पर भी इस बारे में काफी शिकायतें मिल रही हैं। वहीं, अमृतसर डिपो की बसों के नाहन-दोसड़का से रूट बदलने की सूचनाएं भी बार-बार मिल रही हैं। इसके चलते यात्रियों खासकर बुजुर्गों, बच्चों व महिलाओं को सामान सहित दोसड़का में उतारा जा रहा है, जबकि उनसे नाहन तक का किराया पूरा वसूल किया जा रहा है। नोटिस में जीएम से कहा गया कि पंजाब रोडवेज बस के ड्राइवर-कंडक्टर को 16 अक्टूबर को दोपहर 3 बजे आरटीओ कार्यालय नाहन में उपस्थित होने और इस लापरवाही के कारणों को बताने का निर्देश दें। साथ ही यह भी कहा गया कि संबंधित बसों को नाहन के जरिए अपने निर्धारित मार्ग पर बस चलाने के लिए भी निर्देशित करें। ऐसा न होने की सूरत में आरटीओ कार्यालय एमवी एक्ट 1998 के प्रावधानों और उसके तहत बनाए गए नियमों के तहत आवश्यक कार्रवाई करने के लिए बाध्य होगा।
हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार ने दिवाली से पहले जल शक्ति विभाग में 12 साल का सेवाकाल पूरा कर चुके कर्मचारियों को तोहफा दिया है। प्रदेश सरकार ने 184 जल रक्षकों को अब पंप अटेंडेंट बनाया है। जल शक्ति विभाग ने अनुबंध अवधि पूरी किए जाने के बाद इन्हें पंप अटेंडेंट बनाने का फैसला लिया है। ऐसे में अब दो साल की अनुबंध अवधि पूरी करने के बाद ये सभी कर्मचारी विभाग में रेगुलर किए जाएंगे, जिससे इन्हें राज्य सरकार की ओर से तय वेतन और भत्तों का लाभ मिलेगा। इस तरह से इन कर्मचारियों की अब दिवाली रोशन होने वाली है। हिमाचल प्रदेश सरकार ने जल रक्षकों के लिए 12 साल की अनुबंध अवधि तय की है, जिन्हें 5400 रुपए मासिक मानदेय दिया जाता है। प्रदेश भर में 184 कर्मचारियों ने 12 साल की तय अवधि को पूरा कर लिया है। इस लिए इन्हें पंप अटेंडेंट बनाया गया है। प्रदेश में इस समय छह हजार जल रक्षक अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इन जल रक्षक को 60 फीसदी भुगतान जल शक्ति विभाग के माध्यम से मिल रहा है, वहीं 40 फीसदी भुगतान पंचायत करती हैं। हिमाचल प्रदेश में अब भी करीब 700 कर्मचारी ऐसे हैं, जो इस अवधि को पूरा कर रहे हैं और इसी साल दिसंबर तक इनका 12 साल का कार्यकाल पूरा हो जाएगा। ऐसे में जल शक्ति विभाग को दिसंबर में इन कर्मचारियों को लेकर भी फैसला करना होगा। वहीं, जल रक्षक इस 60-40 के कोटे को खत्म कर खुद को पूरी तरह से जल शक्ति विभाग के अधीन किए जाने की मांग कर रहे हैं। जल रक्षक महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रूप लाल ने 184 कर्मचारियों को नियमित करने के फैसले का स्वागत किया है। लेकिन अभी भी जल रक्षकों को 12 साल की अवधि पूरी होने के बाद ही नियमित किया जा रहा है। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने पंप अटेंडेंट बनने वाले सभी कर्मचारियों को बधाई दी है। डिप्टी सीएम ने कहा, "अब कठिन समय पूरा करने वाले सभी कर्मचारियों का भविष्य उज्जवल होगा। राज्य सरकार ने कर्मचारियों को नियमित करने के लिए दो साल की समयावधि तय की है। अब कर्मचारी दो साल के बाद नियमित हो जाएंगे।
जिला शिमला में नशे के आदी युवाओं के जरिये चिट्टा तस्करी का नेटवर्क चलाया जा रहा है। इस साल पकड़े गए चिट्टा तस्करी के मामलों की जांच में यह खुलासा हुआ है। चिंता की बात यह है कि बाहरी राज्यों से बड़ी मात्रा में चिट्टे की तस्करी जिले के विभिन्न क्षेत्रों में हो रही है। इसमें कई अंतरराज्यीय चिट्टा तस्कर भी सक्रिय हैं और शहर के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी अपनी पैठ बना रहे हैं। इससे जिले के युवा नशे के दलदल में धंसते जा रहे हैं। जिले में इस साल अभी तक 102 अंतरराज्यीय चिट्टा तस्करों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इसमें पंजाब राज्य के 50 सबसे ज्यादा तस्कर पकड़े गए हैं। इसके अलावा हरियाणा और दिल्ली समेत अन्य राज्यों से भी नशे की तस्करी जिले के लिए हो रही है। पुलिस की कार्रवाई में सामने आया है कि नशा तस्कर जिले के विभिन्न क्षेत्रों में किराये के कमरे लेकर नशीला पद्धार्थ बेचने के कारोबार से जुड़े हैं। जिला शिमला के चलाैंठी में ही पुलिस ने कुछ समय पहल दो युवकों को चिट्टे के साथ पकड़ा था। पंजाब के रहने वाले दोनों युवक यहां किराये का कमरा लेकर चिट्टा तस्करी को अंजाम दे रहे थे। इसके अलावा जुलाई में पुलिस ने पंजाब और अमृतसर के रहने वाले चार युवकों को 169 ग्राम चिट्टे के साथ दबोचा था। चारों आरोपी पंजाब से नशे की खेप लेकर जिले में आए थे और इसे बेचने की फिराक में थे लेकिन पुलिस ने दबोच लिया। इसके अलावा संजौली में ही दिल्ली के आकाश माथुर नाम के शख्स को चिट्टा बेचते पकड़ा था। इसके अलावा रामपुर क्षेत्र में चिट्टा तस्करी करने वाले संजय भुरिया गिरोह और रोहड़ू में सालों से नशे की तस्करी कर रहे शाही महात्मा के गिरोह पर भी पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। शाही महात्मा गिरोह के अभी तक 25 सदस्यों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। जिला पुलिस नशा तस्करों पर कार्रवाई करने के लिए सोशल इंटेग्रिटी नेटवर्क पर काम कर रही है। इसमें शिमला शहर समेत ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं, स्कूल के विद्यार्थी, टैक्सी चालक, महिला मंडल की सदस्य और बुजुर्ग लोगों को शामिल किया है। यह सभी लोग अपने-अपने क्षेत्र में संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखते हैं और नशा बेचने वालों की सूचना पुलिस को देते हैं। नशा तस्करों के खिलाफ पुलिस कड़ी कार्रवाई कर रही है। इस साल करीब 102 अंतरराज्यीय तस्करों को पकड़ा जा चुका है। पंजाब से सबसे अधिक नशे की तस्करी हो रही है। इसको लेकर पुलिस पैनी नजर बनाए हुए है।
राजधानी शिमला के समीप जुन्गा में आयोजित तीन दिवसीय दशहरा पर्व के अवसर पर जाइका वानिकी परियोजना से जुड़े स्वयं सहायता समूहों के उत्पाद लागों की पहली पसंद बनी। वन परिक्षेत्र कोटी, मशोबरा और तारादेवी के स्वयं सहायता समूहों ने यहां प्राकृतिक उत्पादों की बिक्री के लिए स्टॉल लगाए, जिसमें पहाड़ी शहद, आचार और पाइन नीड्ल प्रोडक्ट्स उपलब्ध थे। दशहरा पर्व का लुत्फ उठाने पहुंचे ग्रामीणों ने स्वयं सहायता समूहों के प्राकृतिक उत्पाद खरीदने में खूब रुचि दिखाई। मेले के दूसरे दिन यानी रविवार को 25 हजार रुपये से अधिक की ब्रिकी हुई। वन परिक्षेत्र कोटी के अंतर्गत उमंग, सरस्वती और सशक्त महिला स्वयं सहायता समूह, वन परिक्षेत्र मशोबरा के अंतर्गत उमंग और कोरगन देवता स्वयं सहायता समूह और वन परिक्षेत्र तारादेवी के अंतर्गत राधे कृष्णा स्वयं सहायता समूह के उत्पाद मेले में आकर्षण को मुख्य केंद्र बना। मेले के दौरान रस्सा-कस्सी खेल का आयोजन भी किया गया। जिसमें उमंग स्वयं सहायता समूह और सरस्वती स्वयं सहायता समूह की मिक्स टीम ने बाजी मारी और 21 हजार रुपये का नकद पुरस्कार मिला।
**पुलिस ने शुरू की मामले की जांच हिमाचल प्रदेश में सड़क हादसों का दौर थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। ताजा मामला प्रदेश की राजधानी शिमला से सामने आया है। हादसे में एक गाड़ी सड़क से नीचे पलट गई, जिसमें गाड़ी सवार दो युवकों की मौत हो गई, जबकि एक युवक घायल है। एसपी शिमला संजीव गांधी ने बताया कि हादसा शिमला के चक्कर के पास बीती देर रात पेश आया है। दुर्घटना में यह गाड़ी कच्ची घाटी से लिंक रोड चक्कर कोर्ट पर गिरी, जिसमें दो युवकों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि एक युवक घायल हो गया है। स्थानीय लोगों को जैसे ही हादसे का पता चला, उन्होंने फौरन पुलिस को इसकी सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा और घायल का अस्पताल में इलाज चल रहा है। एसपी शिमला ने बताया कि गाड़ी में तीन युवक सवार थे। मृतक युवकों की पहचान गाड़ी के ड्राइवर अजय और उसके साथी विशाल के रूप में हुई है, जबकि गाड़ी में सवार तीसरे युवक की पहचान कपिल के तौर पर हुई है। घायल युवक को भी हादसे में गंभीर चोटें आई हैं, जिसे आईजीएमसी अस्पताल शिमला ले जाया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है। वहीं, एक युवक ने मौके पर दम तोड़ दिया था, जबकि दूसरे युवक की मौत अस्पताल ले जाते समय रास्ते में हो गई।
शिमला के संजौली मस्जिद में बनीं तीन अवैध मंजिलें गिराने के आदेशों की कॉपी नगर निगम प्रशासन ने मस्जिद कमेटी को भेज दी है। नगर निगम आयुक्त कोर्ट में लिए फैसले के अनुसार संजौली मस्जिद में अवैध निर्माण मस्जिद कमेटी की ओर से किया गया है। ऐसे में मस्जिद कमेटी को ही इसे गिराना होगा। इसे गिराने का खर्च भी खुद मस्जिद कमेटी को ही वहन करना है। यदि तय समय अवधि में अवैध निर्माण नहीं टूटता है तो नगर निगम इसे तोड़ेगा, इसका खर्च मस्जिद कमेटी से लिया जाएगा। 5 मंजिला मस्जिद की ऊपरी तीन मंजिली गिराई जानी हैं। दो महीने के भीतर इन आदेशों की अनुपालना करनी होगी। मौके पर की जाने वाली कार्रवाई की रिपोर्ट भी अगली सुनवाई को नगर निगम आयुक्त कोर्ट में देनी होगी। अगली सुनवाई 21 दिसंबर को निर्धारित की गई है। नगर निगम आयुक्त कोर्ट के फैसले की विस्तृत कॉपी मस्जिद कमेटी को शुक्रवार को भेजी गई। हालांकि, अवकाश के चलते सोमवार तक ही यह कमेटी को यह कॉपी मिल पाएगी। मस्जिद कमेटी का कहना है कि सोमवार को यह कॉपी मिलनी है, इसलिए बैठक बुलाई है। इस बैठक में नगर निगम कोर्ट के फैसले पर विस्तृत चर्चा होगी और आगामी रणनीति बनाई जाएगी। अवैध मंजिलें कैसे तोड़ी जानी है, इस पर चर्चा की जाएगी। मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद लतीफ ने कहा कि सोमवार को इस बारे में फैसला लिया जाएगा।
हिमाचल देशभर समेत हिमाचल प्रदेश में भी आज धूमधाम से दशहरा पर्व मनाया जा रहा है। शाम के समय प्रदेशभर में रावण दहन किया जाएगा। वहीं, हिमाचल प्रदेश का एक ऐसा जिला भी हैं,जहां पर रावण दहन नहीं होगा। प्रदेश के बाकी शहरों की तरह यहां पर जिला स्तरीय दशहरा उत्सव नहीं मनाया जाता है और न ही यहां पर रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतले जलाए जाते हैं। हिमाचल प्रदेश के जिला हमीरपुर शहर में दशहरा पर्व नहीं मनाया जा रहा है और न ही यहां पर विजयदशमी का उत्सव मनाने को लेकर कोई तैयारी की गई है। पिछले 3 सालों से यहां पर दशहरे का त्योहार नहीं मनाया जाता है। हालांकि हमीरपुर शहर में राम नाटक क्लब द्वारा भव्य रामलीला का आयोजन किया जाता है, लेकिन यहां पर रावण दहन नहीं किया जाता है। शहरवासियों ने यहां भी दशहरा पर्व मनाने की प्रशासन से अपील की है। दरअसल हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश हैं कि स्कूल के मैदानों में सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं हो सकते हैं, जिसके चलते हमीरपुर शहर में पिछले तीन सालों से रावण, मेघनाथ और कुंभकर्ण के पुतले नहीं जलाए जाते हैं। हमीरपुर में दशहरा उत्सव स्कूल मैदान में मनाया जाता था। ऐसे में हाईकोर्ट के फैसले के बाद से स्कूल मैदान में दशहरा उत्सव नहीं मनाया जा रहा है। वहीं, शहर के व्यापारियों और लोगों का कहना है कि हमीरपुर में भी अन्य शहरों की तरह दशहरा उत्सव का आयोजन किया जाना चाहिए। दशहरा कमेटी हमीरपुर के पूर्व प्रधान दीप बजाज का कहना है, "हमीरपुर शहर में दशहरे का सबसे बड़ा पर्व मनाया जाता था। तीन सालों से अब तक हाईकोर्ट के आदेशों के बाद बाल स्कूल के मैदान में गतिविधियां नहीं हो पा रही है। इसके साथ ही बाल स्कूल मैदान में कोरियन ग्रास लगाए जाने से भी मैदान में कोई कार्यक्रम नहीं हो पा रहा है। हमीरपुर शहर के लोगों ने सरकार और जिला प्रशासन से मांग की है कि हमीरपुर में भी दशहरे का आयोजन किया जाना चाहिए।
हिमाचल प्रदेश में अब तय समय अवधि ही नहीं, परीक्षा परिणाम भी शिक्षकों की पदोन्नति का आधार बनेगा। कम परीक्षा परिणाम देने वाले शिक्षकों की एसीआर में निगेटिव टिप्पणी भी लिखी जाएगी। प्रदेश सरकार ने पदोन्नति और एसीआर से जुड़ी पुरानी व्यवस्था को बदल दिया है। लगातार प्रदर्शन में गिरावट आने पर शिक्षकों की वेतन वृद्धि भी रोकी जाएगी। प्रदेश में गुणात्मक शिक्षा देने और शिक्षकों की जवाबदेही तय करने के लिए शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने विभागीय अधिकारियों को इस बाबत निर्देश जारी किए हैं। अभी तक एसीआर में नकारात्मक टिप्पणी करने का प्रावधान नहीं था। इस वर्ष से पुरानी व्यवस्था में बदलाव करते हुए नए प्रावधान कर दिए गए हैं। शिक्षा के क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश का प्रदर्शन लगातार कम होता जा रहा है। नेशनल अचीवमेंट सर्वे में देश में हिमाचल 21वें स्थान पर पहुंच गया है। प्रदेश की गिनती कुछ वर्ष पहले तक टॉप तीन राज्यों में हाेती थी। सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या में भी बड़ी कमी आई है। बीते दो दशकों में सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या में 5 लाख से अधिक की कमी आई है। इस कारण प्रदेश में बीते दिनों 500 से अधिक स्कूलों को मर्ज भी करना पड़ा है। इन कमियों को दूर करते हुए अब सरकार ने शिक्षकों की जवाबदेही तय करने के लिए कड़े फैसले लिए हैं। इसी कड़ी में पदोन्नति को परीक्षा परिणाम के साथ जोड़ा गया है। अब पदोन्नति सिर्फ तय समय अवधि पूरी करने पर ही नहीं मिलेगी। परीक्षा परिणाम को भी आंका जाएगा। इसके अलावा शिक्षकों की एसीआर में भी कम परिणाम को दर्ज किया जाएगा। निगेटिव टिप्पणियां भी अब एसीआर में की जाएंगी। बीते दिनों ही स्कूल शिक्षा बोर्ड की दसवीं कक्षा के नतीजों में 25 फीसदी से कम परिणाम देने वाले 116 स्कूलोंं के 250 शिक्षकों को नोटिस जारी हुए हैं। इन प्रशिक्षित स्नातक शिक्षकों (टीजीटी) को इस बार वार्षिक इंक्रीमेंट नहीं मिलेगी। कुल 116 स्कूलों में 30 स्कूल ऐसे भी हैं, जहां परीक्षा परिणाम शून्य रहा है। भविष्य में इस तरह के परिणाम ना आए, इसके लिए शिक्षकों को सतर्क करने के लिए पदोन्नति और एसीआर से परीक्षा परिणाम को जोड़ा गया है।
आज देशभर में विजयदमशी का त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है। दशहरे के पर्व पर आज हिमाचल में भी धूमधाम के साथ रावण दहन किया जाता है। राजधानी शिमला के जाखू मंदिर में दशहरा पर्व को लेकर सारी तैयारियां की जा चुकी हैं। आज शनिवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू जाखू मंदिर के प्रांगण में रावण दहन करेंगे। इससे पहले शुक्रवार को डीसी शिमला और एसपी शिमला ने जाखू मंदिर में जाकर सुरक्षा व्यवस्था को लेरक निरीक्षण किया। डीसी शिमला अनुपम कश्यप ने कहा, "दशहरा बहुत महत्वपूर्ण उत्सव है। इसको देखते हुए जाखू में भी सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद कर दी गई है। जाखू मंदिर में उत्सव सबसे पहले व्यवस्था को लेकर एसपी, एसडीएम समेत अधिकारियों ने व्यापक समीक्षा की है।। रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतले लगभग बनकर तैयार हैं। डीसी शिमला ने बताया कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू आज शाम को 5:30 बजे जाखू मंदिर पहुंचेंगे और 5:50 बजे रिमोट कंट्रोल के जरिए से रावण दहन करेंगे. उन्होंने बताया कि दशहरा पर्व पर ज्यादा से ज्यादा लोग यहां पहुंचते हैं। यहां पर 6 से 7 हजार लोगों के आने की संभावना है। इसको देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए हुए हैं। वहीं, एसपी शिमला संजीव गांधी ने कहा, "दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत है। जाखू मंदिर में दशहरा उत्सव एक ऐतिहासिक परंपरा रहा है। इसकी महत्वता को देखते हुए पुलिस प्रशासन भी पूरी तरह से तैयार है। सुरक्षा और यातायात व्यवस्था को दुरूस्त रखने के लिए पुलिस ने अपनी तैयारी कर ली है। आज सुबह 10:30 बजे के बाद जाखू मंदिर के लिए गाड़ियों के आवागमन पर रोकर लगा दी जाएगी। एसपी शिमला ने बताया कि आज बड़ी तादाद में लोग जाखू मंदिर पहुंचने वाले है। जगह कम होने के चलते पार्किंग एक बड़ी समस्या बन जाती है। ऐसे में आज के दिन यातायात के लिए फेरी सिस्टम रहेगा और एचआरटीसी की टैक्सी के जरिए श्रद्धालु मंदिर पहुंच पाएंगे। इस दौरान उन्होंने मंदिर आने वाले लोगों से अनुशासन बनाए रखने की अपील की है।
शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में हिमाचल की कांग्रेस सरकार ने बिजली सब्सिडी का युक्तिकरण किया है। उद्योगों को दी जाने वाली बिजली सब्सिडी खत्म करने से सरकार अपने खजाने को ब्रीदिंग स्पेस देना चाहती है, लेकिन इससे उद्योगपति नाराज हो गए हैं। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू का दावा है कि सब्सिडी खत्म करने के बावजूद हिमाचल में उद्योगों को पड़ोसी राज्यों से सस्ती बिजली मिल रही है। वहीं,उद्योगपति इस दावे से इनकार करते हुए कह रहे हैं कि बिजली पड़ोसी राज्यों से महंगी है। इसे लेकर भारतीय उद्योग परिसंघ यानी सीआईआई के एक प्रतिनिधिमंडल ने हाल ही में ऊर्जा सचिव राकेश कंवर से भी मुलाकात की है। ऊर्जा सचिव ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया है कि हिमाचल व पड़ोसी राज्यों की बिजली दरों का तुलनात्मक अध्ययन किया जाएगा। साथ ही इस मामले को सीएम सुक्खू के समक्ष रखा जाएगा। अगले हफ्ते इस मामले में फिर से सीआईआई के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की जाएगी। हिमाचल प्रदेश को देश का उर्जा राज्य कहा जाता है। हिमाचल प्रदेश बैंकिंग सिस्टम के जरिए देश के अन्य राज्यों को बिजली सप्लाई करता है। राज्य में पांच नदियां ऐसी हैं, जो बारहमासी हैं। हिमाचल में 24 हजार मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता है, लेकिन अभी तक 11209 मेगावाट जल विद्युत ही उत्पादन हो रहा है। राजस्व की बात की जाए तो हिमाचल प्रदेश ने वर्ष 2023-24 में बिजली उत्पादन से 1434 करोड़ रुपए का राजस्व जुटाया है। हिमाचल में उद्योग जगत सबसे बड़ा बिजली का उपभोक्ता है। उद्योग जगत में 2023-24 में 6382.64 मिलियन यूनिट बिजली की खपत हुई। ये कुल बिजली खपत का 58.26 फीसदी है। ये आंकड़ा दिसंबर 2023 तक का है। यानी उद्योगों को सबसे अधिक बिजली दी जाती है। राज्य सरकार उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए बिजली पर सब्सिडी प्रदान करती है। राज्य सरकार ने इस सब्सिडी का युक्तिकरण किया है। उसके बाद से बिजली महंगी हुई है। सरकार का तर्क है कि बिजली में सब्सिडी से सरकार के खजाने पर सालाना 900 करोड़ रुपए का बोझ पड़ता है। सीएम सुक्खू का कहना है कि राज्य सरकार ने उद्योगों को दी जाने वाली विद्युत सब्सिडी का युक्तिकरण किया है। सीएम का दावा है कि पड़ोसी राज्यों की तुलना में हिमाचल में उद्योगों को सस्ती दर पर पावर सप्लाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि 33 केवी (किलोवाट) से 220 केवी तक की वोल्टेज आपूर्ति वाले बड़े उद्योगों को पड़ोसी राज्यों पंजाब, हरियाणा और उत्तराखंड की तुलना में एक रुपए प्रति यूनिट से अधिक सस्ती दर पर बिजली दी जाएगी। सीएम का कहना है कि राज्य में केवल 159 इंडस्ट्रियल यूनिट्स हैं, जिन्हें 33 केवी से 220 केवी तक बिजली की आपूर्ति की जरूरत है। आंकड़ों के अनुसार हिमाचल में 33 केवी से 220 केवी तक वोल्टेज आपूर्ति के बड़े उद्योगों के अलावा 11 केवी और 22 केवी की वोल्टेज आपूर्ति वाले 2,011 उद्योग है। इन यूनिट्स को भी पड़ोसी राज्यों की तुलना में एक रुपए प्रति यूनिट से अधिक सस्ती दर पर बिजली दी जा रही है। इन उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने विद्युत शुल्क को 16.5 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया है। राज्य में कुल 31,298 लघु और मध्यम उद्योग इकाइयां हैं। इन्हें पहले की तरह ही सब्सिडी मिलती रहेगी। हिमाचल प्रदेश में सोलन, सिरमौर, कांगड़ा, ऊना आदि जिलों में सबसे अधिक उद्योग हैं। यहां के उद्योगपति सरकार के बिजली सब्सिडी खत्म करने के फैसले से खुश नहीं हैं। डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री के निर्वाचन क्षेत्र हरोली में बल्क ड्रग पार्क का निर्माण होना है। यहां हरोली ब्लॉक इंडस्ट्रियल एसोसिएशन ने बिजली सब्सिडी की बहाली की मांग उठाई है। एसोसिएशन के पदाधिकारी राकेश कौशल का कहना है कि ऊना के टाहलीवाल औद्योगिक क्षेत्र की नौ इंडस्ट्रियल यूनिट्स जो 33 केवी से 220 केवी की खपत वाली हैं, पर अनुदान खत्म होने से 14 करोड़ रुपए सालाना का बोझ पड़ेगा। यदि सब्सिडी बहाल न हुई तो तालाबंदी कर पलायन की नौबत आ जाएगी। वहीं, हिमाचल प्रदेश स्टील इंडस्ट्री एसोसिएशन के मुखिया मेघराज गर्ग का कहना है कि राज्य सरकार ने दो साल में बिजली की दरों में 46 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। एसोसिएशन के महासचिव राजीव सिंघल का कहना है, हिमाचल में पंजाब के मुकाबले पचास पैसे प्रति यूनिट अधिक रेट है। पंजाब, हरियाणा व जेएंडके सहित उत्तराखंड से अधिक दरें अब हिमाचल की हैं। वहीं, राज्य सरकार के ऊर्जा सचिव राकेश कंवर का कहना है कि पड़ोसी राज्यों की दरों के साथ हिमाचल की दरों का तुलनात्मक अध्ययन किया जाएगा। उद्योगपतियों के प्रतिनिधियों से साथ फिर से बैठक की जाएगी। उद्योग जगत का कहना है कि हिमाचल में एक रुपए सब्सिडी खत्म होने के बाद बिजली पड़ोसी राज्यों से यहां बिजली महंगी हो गई है। वहीं, सरकार का दावा है कि बिजली अभी भी पड़ोसी राज्यों से सस्ती है। आंकड़ों पर गौर किया जाए तो हिमाचल प्रदेश में अभी बिजली सब्सिडी खत्म करने के बाद 66 केवी उपभोग वाली इंडस्ट्रियल यूनिट्स को 7.70 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली मिल रही है। ये दरें एक रुपए प्रति यूनिट की सब्सिडी खत्म होने के बाद की हैं। वहीं, इससे पहले 31 मार्च 2023 को ये दर 5.29 पैसे प्रति यूनिट थी। इसमें लोड फैक्टर का भी हिसाब होता है। वहीं, 220 केवी उपभोग करने वाले उद्योगों को अब 7.58 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली मिल रही है। ये पहले 5.19 पैसे प्रति यूनिट थी। वहीं, जेएंडके में ये दर 5.37 पैसे प्रति यूनिट, हरियाणा में 6.76 पैसे प्रति यूनिट व पंजाब में 7.45 पैसे प्रति यूनिट है। ये आंकड़े 24 सितंबर को दरें बढ़ाने के बाद के है। फिलहाल अब उद्योगपतियों को अगले हफ्ते ऊर्जा सचिव के साथ मीटिंग का इंतजार है। राज्य सरकार का दावा है कि सब्सिडी खत्म होने के बाद उसे सालाना अधिकतम 600 करोड़ रुपए बचेंगे। अभी राज्य सरकार सभी उद्योगों को बिजली सब्सिडी पर 900 करोड़ सालाना खर्च कर रही है। इसमें से छोटे यूनिट्स को सब्सिडी जारी है और उनकी बिजली ड्यूटी भी घटाई गई है।
हिमाचल प्रदेश में देहरा में आयोजित हुए राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह के बाद सरकार और कर्मचारियों के बीच में तनातनी लगातार बढ़ती जा रही है। आजादी के महापर्व के दिन डीए और संशोधित वेतनमान के एरियर के भुगतान की घोषणा न होने से प्रदेश की कल्याणकारी योजनाओं को जनता तक पहुंचाने वाले कर्मचारी सरकार से नाराज चल रहे हैं। विभिन्न कर्मचारी महासंघ सरकार से बार-बार डीए और एरियर के भुगतान की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार ने कर्मचारियों की मांग को गंभीरता से नहीं लिया है। वहीं, सीएम सुक्खू ने स्वस्थ होने के बाद से सचिवालय में अब अपना रूटीन का कार्य संभाल लिया है, जिस पर कर्मचारियों ने सीएम को वार्ता के लिए बुलाए जाने के लिए दो दिन का समय दिया था, जो अब पूरा हो गया है, लेकिन सरकार ने कर्मचारियों को बातचीत के लिए नहीं बुलाया है। ऐसे में हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवाएं कर्मचारी परिसंघ ने 15 अक्टूबर को जनरल हाउस बुला लिया है। इस दिन फिर से अब सुक्खू सरकार पर कर्मचारियों का गुबार उतरेगा। हिमाचल प्रदेश में अपनी मांगों को लेकर सचिवालय कर्मचारियों ने 21 और 23 अगस्त को जनरल हाउस बुलाया था, जिसमें सरकार को विधानसभा के मानसून सत्र समाप्त होने के बाद डीए और एरियर के भुगतान किए जाने का अल्टीमेटम दिया गया था, लेकिन कर्मचारियों को सरकार के खिलाफ भाषणबाजी करने पर नोटिस जारी किए गए। यही नहीं कैबिनेट मंत्री के खिलाफ बोलने पर प्रिविलेज मोशन भी लाया गया है। ऐसे में सीएम के साथ वार्ता से पहले कर्मचारी प्रिविलेज मोशन और नोटिस को वापस लेने की भी मांग कर रहे हैं। इस पर भी सरकार की तरफ से कोई फैसला अभी तक नहीं लिया गया है। ऐसे में नाराज चल रहे कर्मचारियों के सब्र का बांध फिर से टूट गया है, जिसके बाद अब 15 अक्टूबर को सचिवालय परिसर में कर्मचारियों का जनरल हाउस होगा। ऐसे में सीएम सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार की मुश्किलें फिर से बढ़ सकती हैं। हाल ही में सचिवालय में कर्मचारियों की बैठक हुई थी। हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवाएं कर्मचारी परिसंघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित की गई, मीटिंग अब 15 अक्टूबर को जनरल हाउस करने का फैसला लिया गया है। ये जनरल हाउस सचिवालय परिसर में दोपहर बाद 1.30 होगा, जिसमें प्रदेश के विभिन्न विभागों के कर्मचारी संगठन भी जुटेंगे। हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवाएं कर्मचारी परिसंघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा का कहना है,15 अक्टूबर को जनरल हाउस बुलाया गया है। कर्मचारियों के डीए और एरियर के भुगतान को लेकर भी सरकार ने कोई फैसला नहीं लिया है। इसके अलावा पेंशनर्स को इस महीने 9 तारीख को पेंशन जारी की गई पिछले महीने सितंबर में कर्मचारियों को भी वेतन 5 तारीख को दिया गया। वहीं पेंशनर्स के खाते में भी 10 तारीख पेंशन डाली गई थी। इसलिए अब जनरल हाउस बुलाया गया है, जिसमें आगामी रणनीति तय की जाएगी।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री को उनके 62वें जन्मदिवस पर बधाई दी। मुख्यमंत्री ने अग्निहोत्री की दीर्घ आयु तथा उत्तम स्वास्थ्य की कामना की है। उन्होंने मुकेश अग्निहोत्री के समर्पण भाव के साथ प्रदेश की प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान की सराहना की। उन्होंने आशा व्यक्त की कि मुकेश अग्निहोत्री इसी प्रकार भविष्य में भी प्रदेश के विकास और कल्याण में प्रतिबद्धता से अपना योगदान सुनिश्चित करेंगे।
** 47 चयनित उम्मीदवारों की सूची हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग ने उच्च शिक्षा विभाग में प्रवक्ता (स्कूल न्यू) वाणिज्य के पदों के लिए आयोजित भर्ती परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया है। आयोग ने लिखित वस्तुनिष्ठ और विषय योग्यता परीक्षा के बाद दस्तावेज सत्यापन में उनके प्रदर्शन के आधार पर योग्यता के क्रम में 47 उम्मीदवारों की सूची प्रवक्ता वाणिज्य पदों पर नियुक्ति के लिए अनुशंसित की है। अनुशंसित उम्मीदवारों की अंतिम नियुक्ति हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से उनके दस्तावेजों/प्रमाणपत्रों के सत्यापन के अधीन है। भर्ती परिणाम आयोग ने अपनी वेबसाइट पर अपलोड़ कर दिया है।
** इस महीने 93 फीसदी कम बरसे बादल हिमाचल प्रदेश में आगामी छह दिनों तक माैसम साफ रहने के आसार हैं। माैसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार आज मध्य व उच्च पर्वतीय स्थानों पर कहीं-कहीं बारिश की संभावना है। 10 से लेकर 15 अक्तूबर तक पूरे प्रदेश में माैसम साफ रहने का पूर्वानुमान है। आज मंडी, शिमला व सिरमाैर जिले में एक-दो स्थानों पर गरज के साथ हल्की बारिश का पूर्वानुमान है। प्रदेश की राजधानी शिमला में भी आज हल्के बादल छाए हुए हैं। मानसून सीजन में 1 से 9 अक्तूबर तक राज्य में सामान्य से 93 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई है। इस अवधि के दाैरान बिलासपुर, चंबा, हमीरपुर, किन्नाैर, कुल्लू, लाहाैल-स्पीति, शिमला, सिरमाैर व सोलन में बारिश हुई ही नहीं। कांगड़ा में सामान्य से 92, मंडी 48 व ऊना में 8 फीसदी कम बारिश हुई।
**चोटियों पर बर्फबारी की संभावना हिमाचल प्रदेश के कुछ भागों में पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से माैसम बिगड़ने के आसार हैं। माैसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार राज्य के मध्य व उच्च पर्वतीय कुछ स्थानों पर 8 से 10 अक्तूबर तक बारिश का पूर्वानुमान है। इस दाैरान चोटियों पर हल्की बर्फबारी होने की संभावना है। इसके बाद 11 अक्तूबर से पूरे प्रदेश में माैसम साफ रहने के आसार हैं। उधर, मैदानी भागों में माैसम साफ रहने से पारा और चढ़ने के आसार हैं। आज राजधानी शिमला व आसपास भागों में धूप खिलने के साथ हल्के बादल छाए हुए हैं।
** मुख्यमंत्री बोले, राज्य के टैक्सों से उगाही करके ही केंद्र के पास आता है पैसा, खैरात नहीं बांट रहे **कहा, नड्डा कांग्रेस से गए नेता की सलाह लेना बंद करें मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के बयान पर पलटवार किया है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के बीते दिनों बयान दिया था कि केंद्र यदि मदद न करे तो एक दिन भी हिमाचल की सरकार नहीं चल सकती। इस पर सीएम सुक्खू ने कहा कि नड्डा को जानकारी होनी चाहिए कि हम संघीय ढांचे में रहते हैं। उस संघीय ढांचे में हिमाचल भी एक राज्य है। राज्य के टैक्सों से उगाही करके ही केंद्र के पास पैसा आता है। वो खैरात नहीं बांट रहे, हिमाचल के लोगों का हक है। रेवेन्यू डेफिसिट ग्रांट, सेंट्रल स्टेट टैक्स का शेयर भी हमारा हक है। इस तरह की बातें उन्हें(नड्डा) शोभा नहीं देतीं। सुक्खू ने कहा कि नड्डा के आजकल जो सलाहकार बने हैं वो कांग्रेस में भी रहे हैं। उनकी सलाह से बचकर रहेंगे तो अच्छा ही रहेगा। जिस प्रकार पूर्व भाजपा सरकार ने हेल्थ सेक्टर को नुकसान पहुंचाया, उसे उभारने में समय लगेगा। हमारी सरकार व्यवस्था परिवर्तन के माध्यम से एक वर्ष के भीतर इन संस्थानों को मजबूत करेगी। दो वर्ष में हमीरपुर काॅलेज, चंबा व नाहन व नेरचाैक काॅलेज के लिए पैसा दिया गया। नड्डा जी को ऐसा बयान शोभा नहीं देता, वो भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री भी है। टॉयलेट सीट टैक्स मामले को लेकर सीएम ने कहा कि प्रदेश की जनता पर किसी तरह का टैक्स नहीं लगाया गया है। अभी तक न तो जनता से पानी का शुल्क लिया गया है, न टॉयलेट सीट शुल्क लिया गया है। किसी की बिजली सब्सिडी बंद नहीं की है। हरियाणा चुनाव को लेकर भाजपा की ओर से ऐसी बातें की जा रही हैं। कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र में ज्यादा रुचि नहीं दिखाई, इसके चलते इसमें गिरावट आई। हमारी सरकार इन परिस्थितियों से निपटने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। इस दिशा में सरकार आईजीएमसी व टांडा मेडिकल काॅलेज में डाॅक्टर-मरीज व नर्स-मरीज अनुपात विश्वस्तरीय करने जा रही है। इसके लिए 400 पद स्टाफ नर्स के स्वीकृत किए हैं। डाॅक्टरों की भी भर्ती की जा रही है। इस दाैरान स्वास्थ्य मंत्री डॉ. (कर्नल) धनीराम शांडिल व सीपीएस संजय अवस्थी भी माैजूद रहे।
**किसी और एजेंसी से जांच की उठाई मांग पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) संजय कुंडू सहित 10 पुलिस अफसरों के खिलाफ प्रताड़ना के आरोप से संबंधित मामले में सीआईडी ने जांच करने से इन्कार कर दिया है। सीआईडी ने इस बारे में पुलिस मुख्यालय को पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि यह जांच किसी अन्य जांच एजेंसी से कराई जाए। हिमाचल प्रदेश पुलिस मुख्यालय को लिखे गए पत्र में स्पष्ट किया गया है कि इस मामले के आरोपितों में एक आरोपी अधिकारी सीआईडी में सेवारत है। लिखे पत्र में इसके अलावा भी सीआईडी ने जांच न करने के कई कारण बताए हैं। सीआईडी की तरफ से लिखा गया है कि निष्पक्षता और पारदर्शिता के लिए इस मामले की जांच किसी अन्य एजेंसी को करनी चाहिए। पुलिस विभाग में पूर्व में तैनात कर्मचारी धर्मसुख नेगी की पत्नी मीना नेगी निवासी रामनी, किन्नौर ने आरोप लगाए हैं कि पुलिस के उच्च अधिकारियों ने पद का दुरुपयोग करते हुए बदले की भावना से मेरे पति के खिलाफ फर्जी जांच की। विभागीय जांच के बाद आठ वर्षों की सेवा शेष रहते 9 जुलाई 2020 को मेरे पति का पक्ष सुने बिना नौकरी से निकाल दिया गया। पूर्व कर्मचारी की पत्नी ने इसके बारे में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू, मुख्य सचिव, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह और आईजी को शिकायत भेजी थी।
हिमाचल के ग्रामीण क्षेत्रों में दी जा रही पानी की फ्री सुविधा को सरकार ने एक अक्टूबर से बंद कर दिया है, जिसके बाद अब ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को इस महीने से 100 रुपए प्रति कनेक्शन के हिसाब से पानी के बिलों का भुगतान करना होगा। लेकिन प्रदेश में जिन उपभोक्ताओं ने मई 2022 में फ्री पानी की सुविधा मिलने से पहले के बिलों को जमा नहीं किया है। ऐसे उपभोक्ताओं से भी जल शक्ति विभाग ने पानी के बिल वसूलने जाने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिसके तहत करसोग जल शक्ति विभाग मंडल ने ऐसे करीब 12 हजार उपभोक्ताओं को अंतिम नोटिस जारी कर दिया है, जिसमें उपभोक्ताओं को निर्धारित समय में पानी के बकाया बिलों के भुगतान का आखिरी मौका दिया गया है। इसके बाद भी अगर पानी के बिल जमा किए गए जाते हैं तो ऐसे लोगों को कनेक्शन बिना किसी अग्रिम सूचना के काट दिया जाएगा, जल शक्ति विभाग ने सभी पंचायतों में संबंधित वाटर गार्ड के माध्यम से पानी के बिलों के साथ ही नोटिस भी जारी कर दिए हैं। वहीं, जल शक्ति विभाग करसोग मंडल ने उपभोक्ताओं से तय समय में बिलों का भुगतान करने की भी अपील की है। करसोग में लोगों पर जल शक्ति विभाग की पानी के बकाया बिलों की करीब 47 लाख की देनदारी है। हिमाचल प्रदेश में पूर्व भाजपा की जयराम सरकार ने 15 अप्रैल 2022 को ग्रामीण क्षेत्रों में फ्री पानी की सुविधा देने की घोषणा की थी, जिसकी अधिसूचना मई 2022 में जारी हुई थी। इस तरह से पिछले 28 महीनों से ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को फ्री पानी दिया जा रहा था, लेकिन करसोग उपमंडल में 12 हजार के करीब ऐसे उपभोक्ता हैं, जिन्होंने पानी की फ्री सुविधा मिलने से पहले के बिलों का भुगतान नहीं किया है, जिसमें सैंकड़ों की संख्या में ऐसे उपभोक्ता भी है, जिनके पानी के बिलों की बकाया राशि 10 हजार से अधिक है। हालांकि जल शक्ति विभाग लोगों से कई बार बिलों के भुगतान किए जाने की अपील कर चुका है, लेकिन इसके बाद भी उपभोक्ताओं ने बिल जमा नहीं किए हैं। ऐसे ने अब विभाग ने ऐसे उपभोक्ताओं को बिलों के भुगतान करने का अंतिम नोटिस जारी कर दिया है।
** दो महीने में तोड़नी होगी तीनों मंजिलें शिमला नगर निगम के आयुक्त कोर्ट ने संजौली मस्जिद में अवैध निर्माण को लेकर एक बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने मस्जिद कमेटी द्वारा दिए गए आवेदन पर सुनवाई करते हुए मस्जिद की दूसरी, तीसरी और चौथी मंजिल को गिराने का आदेश दिया है। मस्जिद कमेटी को अब इन तीनों मंजिलों को अगले दो महीनों के अंदर तोड़ना होगा। इस मामले की अगली सुनवाई 21 दिसम्बर को होगी।
** हर गलत जवाब पर कटेंगे अंक हिमाचल में शुरू होने जा रही विशेष पुलिस कांस्टेबल भर्ती की लिखित परीक्षा में निगेटिव मार्किंग होगी, ऐसे में हर गलत जवाब पर 0.25 अंक कटेंगे। किसी प्रश्न का उत्तर न देने पर भी निगेटिव मार्किंग होगी। अगर चार उपलब्ध उत्तरों में से कोई भी सही नहीं लगता है तो पांचवें विकल्प पर निशान लगाना होगा। इससे अंक नहीं कटेंगे। 90 अंकों की लिखित परीक्षा दो घंटे की होगी। फिजिकल ग्राउंड टेस्ट पास करने वाले अभ्यर्थियों को ही लिखित परीक्षा में बैठने का मौका मिलेगा। अभ्यर्थियों को शारीरिक लंबाई के आधार पर एक से छह और एनसीसी सर्टिफिकेट के आधार पर 4 अंक मिलेंगे। लिखित परीक्षा लोकसेवा आयोग और फिजिकल टेस्ट पुलिस विभाग करवाएगा। चयनित पुलिस कांस्टेबलों को पीटीसी डरोह में 9 माह का विशेष कमांडो कोर्स का प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण और कमांडो कोर्स पास न करने वाले अभ्यर्थी भर्ती से बाहर होंगे। आयाेग की ओर से शुक्रवार को कांस्टेबल भर्ती को लेकर दिशा निर्देश जारी किए गए। दसवीं और बारहवीं कक्षा पास करने वाले या मूल रूप से हिमाचली युवा भर्ती में शामिल हो सकेंंगे। दिव्यांग श्रेणी के अभ्यर्थी अपात्र होंगे। सामान्य श्रेणी के पुरुष आवेदकों को 600 और आरक्षित वर्ग के पुरुषों को 150 रुपये फीस चुकानी होगी। वहीं, एनसीसी सी सर्टिफिकेट पर 4, बी पर 2 और ए सर्टिफिकेट पर एक अंक अभ्यर्थियों को दिया जाएगा। पुरुषों को लंबाई के आधार पर 0 से छह अंक दिए जाएंगे। 5 फीट 7 इंच शारीरिक लंबाई तक एक, 5 फीट 8 इंच तक दो अंक, 5.9 फीट पर तीन, 5.10 फीट पर चार, 5.11 फीट पर 5 और 6 फीट या इससे अधिक लंबाई पर छह अंक मिलेंगे। महिलाओं की भर्ती में 5 फीट 3 इंच शारीरिक लंबाई पर एक अंक, 5.4 फीट पर दो, 5.5 फीट पर तीन, 5.6 फीट पर चार, 5.7 फीट पर पांच और 5 फीट 8 इंच या इससे अधिक लंबाई पर छह अंक मिलेंगे। फिजिकल टेस्ट के तहत पुरुषों को 5 मिनट 30 सेकेंड में 1500 मीटर दौड़ पूरी करनी होगी। वहीं, ऊंची कूद 1.35 मीटर की करनी होगी। 100 मीटर रेस 14 सेकेंड में पूरी करनी होगी। ब्राड जंप 4 मीटर तय है। महिलाओं को 800 मीटर रेस 3 मिनट 45 सेकेंड में पूरी करनी होगी। हाई जंप 1.10 मीटर, ब्राड जंप 3 मीटर तय है। 100 मीटर रेस 17 सेकेंड में पूरी करनी होगी। सभी मानकों को पूरा करने वाले अभ्यर्थी ही लिखित परीक्षा में बैठने के लिए पात्र होंगे। जो मानक पूरा नहीं करेगा, वह बाहर रहेगा।
नवरात्र महोत्सव पर शिमला शहर से श्रद्धालुओं के लिए तारादेवी मंदिर जाने और आने के लिए वीरवार से एचआरटीसी विशेष बस सेवा शुरू कर रहा है। यह बस सेवा 3 से 12 अक्तूबर तक सुबह 9:00 से शाम 6:00 बजे तक पुराना बस स्टैंड से तारादेवी मंदिर के लिए मिलेंगी। इसके अलावा टेंपो ट्रेवलर भी चलाए जाएंगे। इस बार एचआरटीसी पहली बार टुटू, बालूगंज और चक्कर के लिए भी पुराना बस स्टैंड से वाया टुटू होकर विशेष बसें चलाएगा। बस सेवा हर घंटे के नियमित अंतराल के बाद उपलब्ध करवाई जाएंगी। श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने पर अतिरिक्त बसें चलाई जाएंगी। इसके लिए एचआरटीसी ने विशेष रूप से टीमें पुराना बस स्टैंड, शोघी और तारादेवी में तैनात की हैं। मांग पर शोघी और आनंदपुर से भी तारादेवी मंदिर के लिए शटल बस सेवा शुरू की जाएगी। पुराना बस अड्डा से नवरात्र पर सुबह 9:00 बजे से नियमित अंतराल के बाद टेंपो ट्रैवलर चलाए जाएंगे। इसके लिए 25 सीटर तीन टेंपो ट्रेवलर उपलब्ध करवाए हैं। टेंपो ट्रेवलर की सुविधा श्रद्धालुओं को बस किराए की अपेक्षा डेढ़ गुना किराये पर मिलेगी। टेंपो ट्रेवलर भी शाम 6:00 बजे तक चलेंगे। एचआरटीसी पहली बार टुटू, बालूगंज, चक्कर और समरहिल के लोगों की सुविधा के लिए वाया टुटू होकर टेंपो ट्रैवलर सुविधा उपलब्ध करवा रहा है। यह टेंपो ट्रैवलर सुबह 10:00 और 11:00 बजे तक चलेंगे। एचआरटीसी के मुताबिक यह सुविधा ट्रायल के तौर पर शुरू की जा रही है। रुझान अच्छा रहा तो पूरे नवरात्र पर दो टेंपो ट्रैवलर को इस रूट पर चलाया जाएगा। नवरात्र महोत्सव पर एचआरटीसी श्रद्धालुओं शिमला से तारादेवी के लिए विशेष बस सेवाएं शुरू करेगा। इसके अलावा टेंपों ट्रैवलर भी चलाए जाएंगे। श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की दिक्कत न हो इसको देखते हुए अधिकारियों को जिम्मेदारियां सौंपी हैं। यात्रियों की संख्या को देखते हुए बसों की संख्या बढ़ाई जा सकती हैं।
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय को बीएड की खाली 1,369 सीटों को भरने के लिए विवि ने भले ही फाइनल मॉप अप राउंड करने का फैसला लिया है, लेकिन शैक्षणिक सत्र 2024-26 में भी विवि से संबद्ध निजी बीएड कॉलेजों की सभी सीटें भर पाएगी ऐसा नहीं लग रहा है। इस बार भी विवि प्रशासन और बीएड एडमिशन एंड काउंसलिंग कमेटी को प्रवेश परीक्षा में सामान्य वर्ग के लिए निर्धारित 53 अंक और आरक्षित वर्ग को 45 फीसदी अंकों की शर्त को समाप्त करनी पड़ सकती है। निजी बीएड कॉलेज प्रबंधकों ने खाली सीटों को भरने के लिए शर्त में छूट देने के लिए प्रशासन को मांग पत्र सौंपा है। इस फाइनल मॉप अप काउंसलिंग राउंड में कितने विद्यार्थी काउंसलिंग के लिए आवेदन करते हैं और इनमें से कितने काउंसलिंग में भाग लेते हैं, इसकी संख्या पर ही पात्रता शर्त में छूट देने का विवि का फैसला होगा। इस बार एचपीयू से संबद्ध सरकारी और निजी बीएड संस्थानों की 5,650 सीटों के लिए परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों में से 10,003 यानी दोगुने विद्यार्थियों ने न्यूनतम अंक अर्जित किए थे। इसके बावजूद चार काउंसलिंग के राउंड के लिए या तो आवेदन ही नहीं किया, या काउंसलिंग में अपीयर नहीं हुए। पांच हजार से अधिक छात्र पात्र होने के बावजूद सीटें नहीं भरीं। विवि को छात्र नहीं मिलते हैं तो सीटें खाली रह जाएंगी। इसके बाद विवि के पास न्यूनतम अंकों की शर्त को हटाकर सिर्फ बीएड में प्रवेश लेने वालों को प्रवेश का मौका देना पड़ सकता है। ऐसा लगातार होता भी रहा है। पात्रता की शर्तों को हटाने के बन चुकी इस रिवायत के जारी रहने से विवि प्रवेश परीक्षा के लिए इतनी कसरत करने, समय से परिणाम घोषित करने काउंसलिंग करवाने की पूरी कसरत का कोई मायने नहीं रह जाता है। विवि से संबद्ध निजी बीएड कॉलेजों की दस फीसदी मैनेजमेंट कोटा की सीटों को आवंटित करने को अभी प्रक्रिया शुरू होनी है। इसका शेड्यूल विवि की एडमिशन काउंसलिंग कमेटी अलग से जारी करेगी। कोटा की 10 फीसदी सीटों में करीब 560 सीटें भरी जानी हैं। इसके लिए एडमिशन और काउंसलिंग कमेटी की डीएस प्रो. बीके शिवराम की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में फैसला होना है।शैक्षणिक सत्र 2023-25 में बीएड को लेकर छात्रों का रुझान और रुचि इस बार की तुलना में अधिक रही थी। इसके चलते प्रवेश परीक्षा में सामान्य वर्ग में 53 और आरक्षित में 45 अंक लेने वाले छात्रों में से ही बीएड की सभी सीटें भर गई थी। इस बार 1300 से अधिक सीटें चार राउंड, स्पॉट काउंसलिंग के राउंड होने के बावजूद खाली हैं।
मानसून की विदाई के साथ अब हिमाचल प्रदेश में विकास कार्य गति पकड़ेंगे। एक महीने में जिन शहरों में सड़कों की टारिंग नहीं हुई है, उन्हें पूरा करने का लोक निर्माण विभाग ने लक्ष्य रखा है। भीड़भाड़ वाले इलाकों में रात को भी टारिंग की जाएगी। बरसात के कारण जिन सड़कों के किनारे डंगे ढह गए थे उनका काम भी निर्धारित समय में निपटाया जा सकेगा। लोक निर्माण विभाग ने मानसून के चलते फील्ड में भेजे कर्मचारियों को वापस अपने-अपने कार्यालय बुला लिया है। निर्देश दिए गए हैं कि सड़कों की टारिंग, भवनों व पार्किंग के निर्माण के दौरान इंजीनियर का मौके पर होना अनिवार्य है ताकि विकास कार्यों की गुणवत्ता बनी रहे। ठेकेदारों को भी निर्धारित समय में काम निपटाने को कहा गया है। उधर, जलशक्ति विभाग ने भी पानी के स्रोतों को सुधारने के निर्देश जारी किए हैं। मानसून के चलते जिन स्रोतों को नुकसान हुआ है, उन्हें दुरुस्त करने को कहा है। जो स्रोत आपदा से ढह गए हैं उन्हें नए सिरे से बनाने के लिए टेंडर आमंत्रित करने को कहा है। पेयजल कनेक्शनों पर लगी रोक को भी प्रदेश सरकार जल्द हटा सकती है। उल्लेखनीय है कि हिमाचल में 27 जून को मानसून ने दस्तक दी थी। इसी बीच शिमला, कुल्लू, मंडी में मानसून ने तबाही मचाई थी। कई भवन व स्कूल बाढ़ में बह गए। विभागों को भारी नुकसान हुआ था। प्रदेश में 4 अक्तूबर तक मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान है। 5 से पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से मध्य और उच्च पर्वतीय आठ जिलों शिमला, सोलन, सिरमौर, मंडी, कुल्लू, चंबा, किन्नौर और लाहौल-स्पीति के कई क्षेत्रों में बारिश की संभावना है। इन क्षेत्रों में 8 अक्तूबर तक माैसम खराब बना रह सकता है। मैदानी जिलों ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर और कांगडा में मौसम साफ रहेगा। प्रदेश में मानसून के चलते राज्य सरकार को 1,360 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है। बागवानी, जल शक्ति विभाग और लोक निर्माण विभाग को इस सीजन में भारी क्षति हुइ। कुल्लू, मंडी और जिला शिमला में बाढ़ से ज्यादा नुकसान हुआ। बादल फटने, बारिश, बाढ़, वाहन दुर्घटना और गिरने से 342 लोगों की मृत्यु हुई है, 535 घायल हुए और 28 लोगों का पता नहीं चल पाया है। इसके साथ ही हिमाचल प्रदेश में 81 पक्के मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए, जबकि 122 कच्चे मकान बाढ़ से ढह गए। वहीं 537 पशुशालाएं ध्वस्त हो गईं। कृषि विभाग को 132.64 लाख, बागवानी को 1,39,985.835 लाख, लोक निर्माण विभाग को 63,321.41, जेएसवी - 54,088.04 लाख, बिजली बोर्ड को 98.91 लाख, मत्स्य पालन विभाग को 87 लाख और पशुपालन विभाग को 3.25 लाख का नुकसान हुआ था।
शिमला: इस बार सरकारी कर्मचारियों को वेतन के लिए 5 तारीख का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। इस बार कर्मचारियों के खाते में पहले की तरह ही एक तारीख को ही खाते में सैलरी आएगी। बीते महीने एक तारीख को सरकारी कर्मचारियों को सैलरी न मिलने पर सरकार को आलोचनाओं का सामना भी करना पड़ा था। सरकार ने इस बार निर्णय लिया है कि सरकारी कर्मचारियों को सितम्बर माह का वेतन 1 अक्तूबर और पेंशन का भुगतान 9 अक्तूबर, 2024 को किया जाएगा। वित्त विभाग ने सरकारी कोषागार में होने वाले ‘फ्लो ऑफ मनी’ की समीक्षा के बाद निर्णय लिया है कि सरकारी कर्मचारियों को सितम्बर माह के वेतन भुगतान 1 अक्तूबर और पेंशन 9 अक्तूबर, 2024 को दी जाएगी। पिछले माह प्रदेश के कर्मचारियों को वेतन 5 सिंतबर और पेंशनरों को 10 सितम्बर 2024 को पेंशन का भुगतान किया गया था। इसके पीछे सरकार का तर्क था कि वित्तीय संसाधनों का सही तरीकों से उपयोग करने की दिशा में यह निर्णय लिया गया था। इस दिशा में राज्य सरकार को होने वाली प्राप्तियों और खर्चे में बैलेंस को कम करके यह प्रयास किया जा रहा है कि कर्ज राशि सही समय पर ली जाए, इससे ऋण पर दिए जाने वाले ब्याज पर कम से कम खर्च हो। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ये कह चुके हैं कि वेतन और पेंशन की अदायगी के लिए सरकार के पास पर्याप्त पैसा न होने के कारण लोन लेना पड़ता है। महीने के आरंभ में ही लोन लेने पर ब्याज के रूप में महीने में 2.80 करोड़ रुपए का बोझ पड़ता है। इस पैसे को बचाने के लिए वेतन पांच तारीख को दिया गया है। वहीं, मुख्यमंत्री ने विधानसभा के मानसून सत्र में साफ किया था कि सितम्बर महीने के वेतन के लिए वित्तीय स्थिति का आकलन करने के बाद 28 या 29 सितम्बर को इस पर फिर से निर्णय लिया जाएगा क्योंकि कई कर्मचारी ऐसे हैं जिन्होंने बैंकों से ऋण लिया है तथा मासिक किश्त पहली तारीख को अदा करनी पड़ती है।
हिमाचल प्रदेश करूणामूलक संघ द्वारा जिला स्तरीय बैठकों मे संघ की दूसरी बैठक जिला ऊना के लोक निर्माण विभाग के रेस्ट हाऊस में की गई। बैठक प्रदेशाध्यक्ष अजय कुमार की अध्यक्षता में हुई, जिसमे राज्य मीडिया प्रभारी गगन कुमार, जिला प्रधान निखिल शर्मा उप प्रधान साहिल व आईटी सेल शादी लाल, नरेंद्र ,सुनील सैकड़ो की संख्या में करूणामूलक आश्रितों ने भाग लिया। बता दें कि करुणामूलक संगठन ब समस्त परिवारों ने काफी लंबा संघर्ष पूर्व में किया और इस संघर्ष को यह निरंतर इसी प्रकार चलाए हुए हैं। विधानसभा चुनावों के समय जब कांग्रेस सरकार विपक्ष में थी तो करुणामूलक परिवारों एक साथ सभी को वन टाइम सेटलमेंट देने के बात हर एक मंच से की गई थी।अब जाकर प्रदेश सरकार करुणामूलक परिवारों के मुद्दे को लेकर गंभीर हुई है, जिस पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खु द्वारा करुणामूलक सब कमेटी गठित कर दी गई। कमेटी का अध्यक्ष शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर और कमेटी मेबर राजेश धर्मानी , यजुबिदर गोमा को बनाया गया। मुख्यमंत्री द्वारा कमेटी को आदेश दिया गया की जल्द से जल्द इस मुद्दे को कैबिनेट में लाया जाए, जिस पे हाल ही में पिछली कैबिनेट में करुणामूलक पॉलिसी पर भी कैबिनेट में चर्चा हुई। कैबिनेट में चर्चा होने के पश्चात अब इन सभी परिवारों के दिलो मे न्याय की उम्मीद जगी है। सभी परिवारों का कहना है कि सरकार बिना पेंशन छेड़छाड़ से सभी करुणा मूलक परिवारों को नौकरियां प्रदान करें पेंशन एक विधवा हक है वो हक एक विधवा से ना छिना जाए। यह परिवार काफी लम्बे समय से नौकरियों का इन्तजार कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने विधानसभा में जल्द करूणामूलक नौकरियाँ बहाली हेतू आश्वासन इन सभी परिवारों को दिया है। संगठन द्वारा मुख्यमंत्री के समक्ष मांग रखी गई थी कि जो भी पॉलिसी में खामियां है उनको दूर किया जाए व संगठन के दो से तीन पदाधिकारी को सुझाबिय तौर पर सब कमेटी में बुलाए जगह दी जाए, ताकि जो भी पॉलिसी में खामिया है उस पर पदाधिकारी अपने सुझाव सब कमेटी को दे सकें। संघ के पदाधिकारियो का कहना है कि रिजेक्ट केसो की नोटिफ़िकेशन को भी सरकार द्वारा वापिस लिया जाए ओर जिन विभागों ,बोडो, निगमो और यूनिवर्सिटी मे खाली पोस्टे नही है बहा पर पोस्टे क्रिएट की जाए या फिर अन्य किसी विभाग में किसी को शिफ्ट करके नौकरियां दी जाए ताकि सब परिवारोंको न्याय मिल सके। मुख्य मांगें:- कैबिनेट में पॉलिसी संशोधन किया जाए, जिसमें 62500 एक व्यक्ति सालाना आय शर्त को खत्म किया जाए। और आय सीमा को 2.50 लाख से ज्यादा से ज्यादा बढ़ाया है। इसके साथ वित विभाग के द्वारा रेजेक्टेड केसों को कंसिडेर न करने की नोटिफिकेशन को तुरंत प्रभाव से रद्द कर दिया जाए और रेजेक्टेड केसों को दोवारा कंसिडेर करने की नोटिफिकेशन जल्द की जाए और 5% कोटे की शर्त को हमेशा के लिए हटा दिया जाए और जिन विभागों बोडो निगमो और यूनिवर्सिटी में खाली पोस्टें नही है उन केसों को अन्य विभाग में शिफ्ट करके नोकरियाँ दी जाए। और साथ ही योग्यता के अनुसार सभी श्रेणियों (Technical+ non Techanical) के सभी पदों में नोकरियां दी जाए ताकि एक पद पर बोझ न पड़े। मांगों के संदर्भ में कैबिनेट में मोहर लगाई जाए।
हिमाचल प्रदेश में चिट्टे की तस्करी के लगातार बढ़ रहे मामलों के बीच शिमला पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। पुलिस ने अप्पर शिमला में चिट्टे के एक सरगना को गिरफ्तार कर उसके ड्रग्स साम्राज्य का भंडाफोड़ किया है। चौंकाने वाली बात यह है कि पुलिस के हत्थे चढ़ा सरगना शिमला के रोहड़ू का जाना-माना सेब कारोबारी है और इसी की आड़ में ड्रग्स तस्करी को भी अंजाम दे रहा था। अभियुक्त को शाही महात्मा के नाम से जाना जाता है, बल्कि उसका असल नाम शशि नेगी है। वह पिछले करीब छह सालों से अंतरराज्यीय ‘चिट्टा’ रैकेट चला रहा था और इसके दिल्ली में नाइजीरियन ड्रग गैंग और हरियाणा के अन्य गैंग के साथ संपर्क था। उसका जम्मू-कश्मीर में भी कुछ तस्करों के साथ संपर्क था। एसपी शिमला संजीव कुमार गांधी ने बताया कि शशि नेगी को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसके गिरोह के करीब दो दर्जन तस्करों को भी पकड़ा जा चुका है। शशि नेगी बड़ी चालाकी के साथ पिछले कई सालों से यह ड्रग्स रैकेट चला रहा था। वह सेब की आड़ में ड्रग रैकेट को संचालित कर रहा था। दिलचस्प यह है कि पकड़ा गया सेब कारोबारी अपने पूरे ड्रग्ज रैकेट को व्हाट्सएप के जरिए अंजाम देता था और ड्रग्ज डिलीवरी करने वाले शख्स और इसे हासिल करने वाला व्यक्ति कभी एक-दूसरे से नहीं मिलते थे। एसपी संजीव कुमार गांधी ने आरोपी सेब कारोबारी ने इस रैकेट को इतनी कड़ियों में बांट रखा था कि उसे यकीन था कि पुलिस उस तक नहीं पहुंच सकती है। लेकिन 20 सितंबर को उसे उस वक्त झटका लगा जब पुलिस ने शिमला में इस साल की सबसे बड़ी ड्रग्स की जब्ती की। पुलिस को इस दौरान 465 ग्राम ‘चिट्टा’ मिला। व्हाट्सएप पर होती थी ड्रग्स की मांग पुलिस के मुताबिक ड्रग्स की मांग व्हाट्सएप पर होती थी। ये लोग पहले सुनिश्चित करते थे कि ड्रग्स के वितरण से पहले यह चार हाथों से गुजरें। उन्होंने मांग लाने, ड्रग्स की आपूर्ति करने और भुगतान प्राप्त करने के लिए अलग-अलग अप्रत्याशित लोगों को नियुक्त किया। पुलिस ने जांच में पाया कि सरगना शशि नेगी खुद कभी भी किसी भी साझेदार के साथ सीधे संपर्क में नहीं आते थे। डिलीवरी करने वाला व्यक्ति ड्रग को एक अलग स्थान पर रखता और खरीदार को वहां से उठाने के लिए एक वीडियो साझा करता था। पैसे भी अलग-अलग खातों से होते हुए नेगी के खाते में पहुंचते थे। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पिछले 15 महीनों में आरोपियों के बैंक खातों में ढाई से तीन करोड़ रुपये के फंड फ्लो का खुलासा हुआ है। आरोपी सेब कारोबारी की पोल तब खुली जब पुलिस ने अप्पर शिमला में जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा निवासी एक तस्कर को चिट्टे की खेप के साथ पकड़ा था। आरोपी से हुई पूछताछ में सामने आया कि उसने चिट्टे की खेप को रोहड़ू में रहने वाले उक्त सेब कारोबारी तक पहुंचानी है। इसके बाद पुलिस ने आरोपी सेब कारोबारी के ड्रग साम्राज्य पर शिकंजा कसा और उसके गिरोह का पर्दाफाश किया। वह अप्पर शिमला के रोहड़ू, जुब्बल कोटखाई और ठियोग इत्यादि इलाकों में ड्रग्स की डिलीवरी करवाता था।
हिमाचल प्रदेश पुलिस विभाग में कार्यरत कुक श्रेणी कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर अराजपत्रित कर्मचारी सेवाएं महासंघ के राज्य उपाध्यक्ष एल ड़ी चौहान से शिमला में मुलाकात की तथा महासंघ के साथ जुड़ने बारे अपना विश्वास प्रकट किया। हिमाचल प्रदेश एनजीओ फेडरेशन के राज्य उपाध्यक्ष ने इन कर्मियों की मांगों को सुना तथा आश्वस्त किया कि जल्द इन मांगों को पुलिस महानिदेशक तथा गृह सचिव के समक्ष रखा जाएगा। चौहान ने कहा कि प्रदेश पुलिस विभाग में मुख्यालय, थानों, अधीक्षक कार्यालयों, पुलिस ट्रेनिंग सेंटर, 6 भारतीय आरक्षी वाहनियों, एक बटालियन में लगे मेस में लगभग 250 के करीब कुक अपनी सेवाएं दिन रात देते है, लेकिन विभाग द्वारा आज तक इनके लिए कोई भी पदोन्नति का प्रावधान नही किया गया है तथा तृतीय श्रेणी में होने पर भी इनको वेतन वही पुराने वाला चतुर्थ श्रेणी के बराबर निर्धारित किया गया है, जो कि इस श्रेणी के साथ सरासर अन्याय है। चौहान ने कहा कि 1996 से पूर्व कुक चतुर्थ श्रेणी में थे तथा न्यायालय के आदेश पर 1996 के बाद इस श्रेणी को क्लास-3 तो बनाया गया लेकिन 2012 के revise वेतन आयोग में इनको छोड़ दिया गया, इससे जहां इनको वितीय नुकसान हुआ वही अब ये लिपिक या अन्य श्रेणी पर पदोन्नत या LDR भर्ती पात्रता से भी बाहर हो गए, क्योंकि उसके लिए चतुर्थ श्रेणी ही पात्र है। एल ड़ी चौहान ने प्रदेश सरकार व पुलिस महानिदेशक से मांग रखी है जल्द कुक श्रेणी की अगली पदोन्नति हेतु नियमो में प्रावधान किया जाए तथा इनकी वेतन विसंगति को भी दुरुस्त करते हुए पूर्व की भांति इन्हें लिपिक व कॉन्स्टेबल के बराबर वेतन निर्धारित किया जाए, क्योंकि पदोन्नति सभी का संवैधानिक अधिकार है। महासंघ जल्द इस मुद्दे पर सचिव गृह से भी मुलाकात करेगा तथा कुक श्रेणी को न्याय देने की गुहार करेगा।
नगर निकायों के रविवार को हुए उपचुनाव में सोलन नगर निगम के वार्ड-5 से अमरदीप पांजा 283 मतों से जीत हासिल कर पार्षद बने। नगर परिषद (नप) सुजानपुर से नीरजा ठाकुर और नगर परिषद नेरचौक से गीता देवी पार्षद बनीं। पंचायती राज संस्थाओं के लिए 51.08% और नगर पालिकाओं के लिए हुए उपचुनाव में 68.75% मतदान हुआ है। सोलन नगर निगम वार्ड 5 के उपचुनाव में अमरदीप को 523 वोट, जबकि पुनीत नारंग को 240 वोट मिले। अमरदीप सोलन भाजपा मंडल के सचिव भी हैं। नगर परिषद सुजानपुर से नीरजा नीरजा को 276 वोट मिले, जबकि प्रतिद्वंदी सुमन को 183 वोटों पड़े। श्रवण को महज एक वोट मिला। नगर परिषद नेरचौक से गीता देवी को 414, भावना को 351 वोट पड़े। पंचायतीराज संस्थाओं के लिए सिरमौर जिला में सबसे अधिक 80.06% और हमीरपुर जिले में सबसे कम 44.63% मतदान हुआ। सुजानपुर में सबसे अधिक 72.68, नगर परिषद नेरचौक में 68.38, जबकि नगर निगम सोलन में 66.93% मतदान हुआ। शिमला जिले में एक उपप्रधान और 13 वार्ड सदस्यों को निर्विरोध चुन लिया था। जिला परिषद की दो सीटों पर भी रविवार को उपचुनाव हुआ। इनके नतीजे सोमवार यानि आज घोषित होंगे। इनमें लाहौल-स्पीति के वार्ड-6 सिस्सू और सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र का बगेड़ा वार्ड शामिल है। बिलासपुर की पंजगाईं पंचायत में प्रधान के उपचुनाव के बाद दो बार मतगणना हुई। इसमें दोनों प्रत्याशियों हेमराज और नत्थू राम को 461-461 मत मिले। इसके बाद टॉस के आधार पर हेमराज को प्रधान चुना गया। भोरंज की भकेड़ा पंचायत में प्रधान पद पर कर्णवीर सिंह, बिलासपुर की मलांगण पंचायत में ज्ञान चंद, पलासला में संदेश शर्मा को जीत मिली। मंडी जिले की रियूर पंचायत में दुष्यंत, तुमन में ख्याल चंद और खलवाहन में शिव प्रधान बने। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष राजीव बिंदल और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि उपचुनाव में भाजपा की जीत हुई है, जो सरकार की झूठी गारंटियों का करारा जवाब है। वहीं कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष संजय अवस्थी ने कहा कि ज्यादातर प्रत्याशी कांग्रेस से जीते हैं। वहीं, सीएम के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने कहा कि सोलन में पार्षद के उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी की जीत हुई है। कांग्रेस आकलन करेगी कि कहां चूक हुई है। अन्य सीटों पर भाजपा जीत के कोरे दावे कर रही है। विधानसभा चुनाव लड़ चुके सुरेंद्र सिंह दूसरी बार बने वार्ड पंच जोगिंद्रनगर हलके से विधानसभा चुनाव लड़ चुके लांगणा क्षेत्र से एडवोकेट सुरेंद्र सिंह खडियार पंचायत के गदियाड़ा वार्ड से वार्ड पंच चुने गए हैं। वह तीन बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। इससे पहले वह दो बार पंचायत प्रधान और एक बार वार्ड पंच रह चुके हैं। अब एक बार फिर जनता ने उन्हें पंचायतीराज संस्था में काम करने का मौका दिया है। 65 वर्षीय अधिवक्ता सुरेंद्र सिंह ने कहा कि वह धरातल स्तर पर जनता के लिए काम करेंगे। आमजन के कार्यों के लिए उपलब्ध रहेंगे।
शिमला: जिला शिमला में हर साल सेब सीजन के दौरान बाहरी राज्यों से आए शातिरों द्वारा सेब के ट्रक चोरी के मामले सामने आते हैं, जिससे बागवानों को काफी ज्यादा नुकसान होता है। हालांकि पुलिस ने इस ओर एक्शन लेते हुए सेब के ट्रकों की चोरी को रोकने का प्रयास किया है, जिसके चलते इन मामलों में कमी भी आई है। वहीं, एक बार फिर शिमला में सेब का ट्रक चोरी होने का मामला सामने आया है। पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। सेब के ट्रक चोरी का मामला शिमला जिले के ठियोग के कुमारसेन का है। कुमारसेन से आंध्र प्रदेश जा रहा है एक सेब का ट्रक बीच रास्ते में गायब हो गया है। सेब कारोबारी गोपाल राजटा ने पुलिस थाना कुमारसेन में इसकी शिकायत दर्ज करवाई है। पुलिस ने कारोबारी की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया है और ट्रक चोरी की जांच शुरू कर दी है। एसपी शिमला संजीव गांधी ने बताया कि सेब कारोबारी गोपाल राजटा, कुमारसेन के गांव रियोग का रहने वाला है। गोपाल राजटा ने कुमारसेन पुलिस को दी शिकायत में बताया कि 7 सितंबर को रीना देवी के सेब की 550 पेटियां नारकंडा व मतियाना से हरियाणा नंबर (HR 61 E 3500) के ट्रक में लोड होकर आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा के लिए रवाना हुआ। ट्रक को 12 सितंबर तक विजयवाड़ा पहुंचना था, लेकिन वो अभी तक वहां नहीं पहुंचा है। शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि ट्रक का मालिक ही ट्रक चला रहा था। ट्रक ड्राइवर का नाम नरेश है और वो हरियाणा के भिवानी का रहने वाला है। कारोबारी ने पुलिस को बताया कि वो कई सालों से सेब का व्यापार करता है। गोपाल राजटा का कहना है कि ट्रक में करीब 15 लाख का सेब है।
प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने आज बताया कि वित्त विभाग द्वारा सरकारी कोषागार में होने वाले ‘नकदी के प्रवाह’ की समीक्षा करने के पश्चात् निर्णय लिया गया है कि सरकारी कर्मचारियों को सितम्बर माह का वेतन 1 अक्तूबर तथा पेंशन का भुगतान 9 अक्तूबर, 2024 को किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पिछले माह प्रदेश के कर्मचारियों को वेतन 5 सिंतबर व पेंशनरों को 10 सितम्बर 2024 को पेंशन का भुगतान किया गया था। प्रवक्ता ने कहा कि वर्तमान सरकार द्वारा वित्तीय संसाधनों का विवेकपूर्ण तरीकों से उपयोग करने की दिशा में यह कदम उठाया गया था। इस दिशा में राज्य सरकार को होने वाली प्राप्तियों और खर्चे में असंतुलन को कम करके यह प्रयास किया जा रहा है कि ऋण राशि सही समय पर ली जाए, जिससे ऋण पर दिये जाने वाले ब्याज पर कम से कम खर्च हो। प्रवक्ता ने कहा कि 4 सितम्बर, 2024 को मुख्यमंत्री ने विधानसभा में स्पष्ट किया था कि सितम्बर महीने के वेतन के लिए वित्तीय स्थिति का आकलन करने के बाद 28 या 29 सितम्बर को इस पर फिर से निर्णय लिया जाएगा क्योंकि कई कर्मचारी ऐसे हैं जिन्होंने बैंकों से ऋण लिया है तथा मासिक किश्त पहली तारीख को अदा करनी पड़ती है।
** 5 अक्टूबर का कर रहे इंतजार लीपापोती ना करे सरकार राजधानी शिमला में शनिवार को एक बार फिर देवभूमि संघर्ष समिति के नेतृत्व में हिंदू संगठनों ने एकत्रित होकर डीसी ऑफिस के बाहर प्रदर्शन किया। इस दौरान हिंदू संगठनों ने सरकार से मस्जिद में हुए अवैध निर्माण पर कार्रवाई करने की मांग की। वहीं, बाहर से हिमाचल प्रदेश में आने वाले लोगों का वेरिफिकेशन करवाने की मांग की। देवभूमि संघर्ष समिति के संयोजक भारत भूषण ने कहा "प्रदेश में शनिवार को संजौली मस्जिद में हुए अवैध निर्माण को लेकर 16 स्थानों पर प्रदर्शन हो रहा है। मस्जिद में हुए अवैध निर्माण को लेकर 5 अक्टूबर को आने वाले फैसले का हम इंतजार कर रहे हैं। सरकार इस मामले में किसी तरह की लीपापोती ना करे। हाल में संजौली की मस्जिद में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM के नेता शोएब जमई आए थे। इसको लेकर देवभूमि संघर्ष समिति के संयोजक भारत भूषण ने सवाल किया कि "वह शख्स मस्जिद में कैसे पहुंचा, जबकि मस्जिद को पुलिस ने सील किया था। बावजूद इसके अभी तक शोएब जमई के खिलाफ FIR दर्ज नहीं हुई है। बता दें कि AIMIM के नेता शोएब जमई ने हाल ही में संजौली मस्जिद में प्रवेश किया था और वहां बाकायदा वीडियो बनाकर ये दावा किया था "यहां आसपास मस्जिद की ऊंचाई पर अन्य इमारतें भी हैं। अगर मस्जिद में बनी इमारत अवैध है तो आसपास बनी सभी इमारतें भी अवैध हैं और साथ ही कहा कि कोर्ट में इस मामले को लेकर पीआईएल दाखिल करेंगे और किसी भी कीमत पर मस्जिद को शहीद नहीं होने देंगे।
हिमाचल प्रदेश में बन रहीं कथित अवैध मस्जिदों और मजारों के निर्माण पर रोक की मांग को लेकर शनिवार को देवभूमि संघर्ष समिति शिमला सीटीओ चौक पर प्रदर्शन किया। समिति ने प्रदेशभर के जिला मुख्यालयों में भी प्रदर्शन किए। शिमला में हुए प्रदर्शन में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। इसके बाद शेरे पंजाब तक रैली भी निकाली गई और बाद में जिला प्रशासन को ज्ञापन साैंपा। प्रदर्शन को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए । मंडी में मस्जिद के पास पुलिस बल तैनात किया गया। मंडी शहर के सेरी चानणी परिसर में एकत्रित होकर हिंदू संगठनों ने हिंदू एकता जिंदाबाद के नारे लगाए। इसके बाद शहर में रैली के माध्यम से हिंदुओं को अपनी संस्कृति और सभ्यता के संरक्षण के प्रति जागरूक रहने का संदेश दिया । देवभूमि संघर्ष समिति, महामंडलेश्वर और नागा साधुओं के नेतृत्व में शहर में नगर परिक्रमा की गई। शहर व गलियों का भ्रमण कर भजन-कीर्तन किया। देवभूमि संघर्ष समिति की ओर से केंद्र सरकार से वक्फ बोर्ड को समाप्त करने और प्रदेश में अवैध रूप से आने वाले लोगों को रोकने के लिए प्रशासन को ज्ञापन भी साैंपे गए। इसके अलावा संजौली समेत प्रदेशभर में हुए प्रदर्शन के दौरान लोगों पर दर्ज एफआईआर को वापस लेने की मांग की गई। समिति ने 2 अक्तूबर को होने वाले ग्रामसभाओं में पंचायतों में बाहर से आने वाले लोगों के दस्तावेजों की जांच को लेकर प्रस्ताव पास करने की मांग की है। समिति का कहना है कि प्रदेश सरकार संजौली मसले पर टालमटोल कर रही है और मुस्लिम पक्ष को इसे गिराने की अनुमति नहीं दे रही है। कुनिहार में क्षेत्रीय हिंदु संगठन की ओर से प्रवासियों के पंजीकरण को लेकर प्रदर्शन किया। इस दाैरान संगठन ने प्रदेश सरकार समेत प्रशासन से प्रवासियों के पंजीकरण की मांग की इसके तहत कुनिहार का पूरा बाजार भी बंद रखा गया। संगठन ने कुनिहार के नायब तहसीलदार कार्यालय के बाहर भी प्रदर्शन कर हनुमान चालीसा का पाठ किया। इसके बाद तहसीलदार के माध्यम से प्रदेश सरकार को एक मांग पत्र भी भेजा है। देव संघर्ष समिति हमीरपुर नाम शनिवार को वाटर चौक से लेकर गांधी चौक तक रैली का आयोजन किया। इस दाैरान सदस्यों ने वक्फ बोर्ड को भंग करने की मांग की। देव संघर्ष समिति के जिला संयोजक सुजीत कुमार ने कहा कि वक्फ बोर्ड को भंग किया जाना चाहिए तथा अवैध रूप से हो रहे निर्माण को भी बंद किया जाना चाहिए। उन्होंने उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया।
शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्विद्यालय के हॉस्टल में देर रात एक बड़ा हादसा समाने आया है। हॉस्टल की छत से गिरने के कारण एक छात्र की गिरने से मौत हो गई है। ये हादसा देर रात शुक्रवार को पेश आया है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। बताया जा रहा है कि छात्र हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के एसबीएस (शहीद भगत सिंह) हॉस्टल की 5वीं मंजिल से अचानक गिर गया। मृतक युवक हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में विधि विभाग (लॉ) में प्रथम वर्ष का छात्र था। मृतक युवक की पहचान अखिल निवासी किन्नौर के रूप में हुई है। सूचना के अनुसार पुलिस की टीम ने मौके पर पहुंच कर शव को कब्जे में लेकर पोर्स्टमार्टम के लिए IGMC भेज दिया है। जहां आज युवक का पोर्स्टमार्टम किया जाएगा। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के छात्र देवराज ने बताया कि युवक हॉस्टल से कैसे गिरा फिलहाल इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है। पुलिस मौके पहुंच गई है। घटना स्थल को सील कर दिया गया है और मामले की जांच में जुट गई है। एसपी शिमला संजीव गांधी ने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है। छात्र पांचवी मंजिल से कैसे गिरा इसकी छानबीन की जा रही है। शव का आईजीएमसी में पोस्टमार्टम करवाया जा रहा है।
शिमला जिले में आयोजित किया गया 3 दिवसीय एएनसी गुणवत्ता प्रशिक्षण, जिसमें सीएचओ, हेल्थ वर्कर्स ने भाग लिया। प्रशिक्षण का आयोजन एनएचएम और JHPIEGO के समन्वय में किया गया। प्रशिक्षण का नाम एएनसी गुणवत्ता प्रशिक्षण और कार्यक्रम का नाम बॉर्न हेल्दी था। प्रशिक्षण में मशोबरा, मटियाना और सुन्नी ब्लॉक के लोगों ने भाग लिया। प्रशिक्षण में यह सिखाया गया कि गर्भवती महिलाओं को एएनसी के तीन ट्राइमास्टर में क्या सुविधाएं दी जानी चाहिए और सेवाओं को बेहतर करने के लिए क्या करना चाहिए। यह सब विशेषज्ञों ने प्रशिक्षणार्थियों को सिखाया। प्रशिक्षण के आयोजन से शिमला जिले में गर्भवती महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने में मदद मिलेगी। प्रशिक्षण में शामिल हुए लोगों को एएनसी के महत्व और गर्भवती महिलाओं को कैसे बेहतर सेवाएं दी जा सकती हैं, इसके बारे में जानकारी दी गई। प्रशिक्षण के बाद, प्रशिक्षणार्थियों को अपने क्षेत्रों में जाकर गर्भवती महिलाओं को बेहतर सेवाएं देने के लिए प्रेरित किया गया।
** मार्च से माहौल को शांतिपूर्ण बनाए रखने का दिया गया संदेश **मुस्लिम वर्ग के लोग बोले, बाहरी लोगों की होनी चाहिए वेरिफिकेशन शिमला में अवैध मस्जिद मामले की वजह से उपजे विवाद को लेकर आज विभिन्न संगठनों ने सीटीओ चौक से लोअर बाजार होते हुए रिज पर स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा तक संदभावना मार्च निकाला। सद्भावना मार्च में वामपंथी व मुस्लिम संगठनों सहित कई अन्य लोगों ने शामिल होकर शांति का संदेश दिया। इस दौरान सीपीआईएम के पूर्व में मेयर रहे संजय चौहान ने कहा कि शिमला में लंबे समय से सभी धर्मो के लोग आपस में मिलजुल कर रहते हैं लेकिन अब विवाद को लेकर माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है। आज शिमला में विभिन्न संगठनों द्वारा सद्भावना मार्च निकाला गया, जिसमें सभी समुदाय और संगठनों के लोग शामिल हुए हैं और लोगों से शांति की अपील की जा रही है। उन्होंने कहा कि शिमला शांतिपूर्ण प्रदेश है 1984 के दंगों के दौरान भी सभी वर्गों के लोगों ने यहां पर एकता का परिचय देते हुए आपसी भाईचारे और एकता का परिचय दिया था। कुतुब मस्जिद के के अध्यक्ष मोहम्मद पीरू ने कहा कि वह पिछले पच्चीस वर्षों से यहां शिमला में रह रहे हैं और यहां पर आज तक कभी इस तरह का माहौल पैदा नही हुआ। उन्होंने कहा कि सरकार और प्रशासन बाहर से आने वाले सभी लोगों की वेरिफिकेशन करें ताकि यहां पर माहौल खराब ना हो। उन्होंने कहा कि शांति मार्च से माहोल को शांतिपूर्ण बनाए रखने का संदेश दिया जा रहा है।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने भाजपा के राज्यसभा सदस्य हर्ष महाजन के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है। नोटिस के अनुसार महाजन ने चंबा की अपनी हालिया यात्रा के दौरान कुछ व्यक्तिगत टिप्पणियां की थीं। पठानिया ने कहा है कि महाजन ने उन पर झूठे आरोप और आक्षेप लगाए गए, जो अध्यक्ष और सदन के सदस्य की गरिमा के खिलाफ हैं। पठानिया ने कहा कि वह अपनी सांविधानिक शक्तियों का प्रयोग करते हुए उन्हें विशेषाधिकार नोटिस जारी कर रहे हैं। पठानिया ने कहा कि महाजन को सबूतों के साथ आरोपों को साबित करना चाहिए और स्पष्ट रूप से बताना चाहिए कि वह किस पठानिया का जिक्र कर रहे थे। उन्होंने किस संदर्भ में अपमानजनक टिप्पणी की और वह आरोपों को साबित करें, क्योंकि यह विशेषाधिकार हनन के बराबर है। सांसद को सवालों का जवाब देना चाहिए।
प्रदेश के प्री प्राइमरी स्कूलों में भर्ती किए जाने वाले प्रशिक्षकों को प्रतिमाह 10 हजार रुपये वेतन मिलेगा। साल में दस माह के लिए ही वेतन दिया जाएगा। दो माह की छुट्टियों की अदायगी नहीं की जाएगी। बुधवार को शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने 6297 प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा प्रशिक्षकों के भर्ती नियम अधिसूचित किए। 21 से 45 वर्ष की आयु के बारहवीं कक्षा में 50 फीसदी अंक प्राप्त करने वाले हिमाचली भर्ती के लिए पात्र होंगे। प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षा कार्यक्रम में दो वर्ष का डिप्लोमा या नर्सरी में बीएड होना अनिवार्य रहेगा। एक साल का डिप्लोमा करने वाले भर्ती के लिए पात्र नहीं होंगे। आउटसोर्स आधार पर इनकी भर्तियां की जाएंगी। प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा प्रशिक्षकों (ईसीसीईटी) की नियुक्ति के लिए नियम एवं शर्तें, उनके रोजगार, पारिश्रमिक, योग्यता और जिम्मेदारियों के लिए जारी दिशा-निर्देश में बताया गया कि इन्हें चयनित सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्त किया जाएगा। विद्यालयवार रिक्तियां प्रारंभिक शिक्षा निदेशक निर्धारित करेंगे। करों और सेवा प्रदाता शुल्क सहित 10 हजार का मासिक पारिश्रमिक मिलेगा। भुगतान केवल 10 महीनों के लिए किया जाएगा, जिसमें स्कूल की छुट्टियों की अवधि शामिल नहीं है। प्रत्येक जिले में प्राथमिक शिक्षा के उप निदेशक के समग्र नियंत्रण में रहते हुए प्रशिक्षक स्कूल के सबसे वरिष्ठ शिक्षक की देखरेख में काम करेंगे। राज्य सरकार की मंजूरी के बिना किसी भी प्रशिक्षक को वियोजन से मुक्त नहीं किया जा सकेगा। नामांकन भिन्नता या प्रशासनिक कारणों से प्राथमिक शिक्षा निदेशक के परामर्श से स्थानांतरण हो सकेंगे। मान्यता प्राप्त संस्थान से नर्सरी शिक्षक शिक्षा, प्री-स्कूल शिक्षा, प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षा कार्यक्रम (कम से कम दो वर्ष का) में डिप्लोमा या बीएड (नर्सरी) होना चाहिए। एससी/एसटी/ओबीसी/पीडब्ल्यूडी उम्मीदवारों के लिए योग्यता अंकों में 5 प्रतिशत की छूट रहेगी। हिमाचल प्रदेश के बाहर के संस्थानों से बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण करने वाले उम्मीदवारों को वास्तविक हिमाचली होना आवश्यक रहेगा। धोखाधड़ी को रोकने के लिए आउटसोर्सिंग एजेंसी उम्मीदवारों की उचित स्क्रीनिंग करेगी। डिप्लोमा प्रमाणपत्रों की प्रामाणिकता के लिए सत्यापन किया जाएगा। एनसीटीई-मान्यता प्राप्त संस्थानों से डिप्लोमा वाले उम्मीदवारों पर ही विचार किया जाएगा। किसी प्रशिक्षक के जाने की स्थिति में आउटसोर्स एजेंसी को 14 दिनों के भीतर उपयुक्त प्रतिस्थापन प्रदान करना होगा।
हिमाचल में प्री और पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जाति छात्रवृत्ति योजना के तहत 2022-23 और 2023-24 की राशि रोकी गई है। बैंक खाते से आधार नंबर नहीं जोड़ने पर 11,024 विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति जारी करने पर रोक लगा दी गई है। उच्च शिक्षा निदेशालय ने राशि जारी करवाने के लिए आधार नंबर को बैंक खातों से जुड़वाने के लिए अंतिम मौका देते हुए तीन माह की माेहलत दी है। विद्यार्थियों को जागरूक करने के लिए प्रदेश के सभी सरकारी और निजी स्कूल-कॉलेज प्रिंसिपलोंं और विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को पत्र भेजे गए हैं। उच्च शिक्षा निदेशक डाॅ. अमरजीत कुमार शर्मा ने बताया कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जिन बैंक खातों को आधार से नहीं जोड़ा गया है, ऐसे खातों में छात्रवृत्ति की राशि न जोड़ा जाए। छात्रवृत्ति आवंटन में फर्जीवाडा रोकने के लिए केंद्र सरकार ने यह कदम उठाया है। इसी कड़ी में उच्च शिक्षा निदेशालय ने शैक्षणिक सत्र 2022-23 और 2023-24 के लिए प्री मैट्रिक और पाेस्ट मैट्रिक अनुसूचित जाति छात्रवृत्ति योजना के लंबित मामलों में धनराशि जारी नहीं की है। निदेशक ने कहा कि इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक में बचत खाते खोलने के लिए विद्यार्थियों को जागरूक करने के लिए कहा है। भारतीय डाक भुगतान बैंक के पास ग्रामीण, दूरदराज और पहाड़ी क्षेत्रों में विशाल नेटवर्क क्षमता है। इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक द्वारा सभी खाते आधार नंबर से जोड़ने के बाद ही खोले जाते हैं। उच्च शिक्षा निदेशक ने स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधियों से विद्यार्थियों को जागरूक करने के साथ उनके अभिभावकों या संरक्षकों से भी संपर्क करने को कहा है। निदेशक ने कहा कि अगर किसी विद्यार्थी ने तीन माह के बाद भी आधार नंबर को बैंक खातों से नहीं जुड़वाया तो ऐसे मामलों में छात्रवृत्ति जारी नहीं होगी।प्री मैट्रिक अनुसूचित जाति छात्रवृत्ति योजना में 6,549 विद्यार्थियों की राशि रुकी है। शैक्षणिक सत्र 2022-23 के तहत 19,813 पात्र पाए गए। 16,408 को राशि दी गई जबकि बैंक खाते से आधार नहीं जुड़वाने पर 3,405 की राशि को रोका गया है। इसी तरह शैक्षणिक सत्र 2023-24 के लिए 19,523 विद्यार्थी पात्र थे। 16,311 को पैसा दिया गया और 3,144 की राशि रोकी गई। पोस्ट मैट्रिक योजना में 4,475 विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति नहीं मिली है। शैक्षणिक सत्र 2022-23 के लिए 23,450 विद्यार्थी पात्र पाए गए। 20,742 को राशि जारी हुई जबकि 2,708 को पैसा नहीं दिया गया है। शैक्षणिक सत्र 2023-24 के लिए 23,435 पात्र विद्यार्थी थे। 21,668 को राशि दी गई। बैंक खाते से आधार नहीं जुड़वाने पर 1,767 की छात्रवृत्ति रोका है।
शिमला: जस्टिस राजीव शकधर हिमाचल प्रदेश हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बन गए हैं। आज सुबह करीब 11 बजे हिमाचल राजभवन में हुए एक कार्यक्रम में जस्टिस राजीव शकधर ने हिमाचल हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में शपथ ली। राज्यपाल राजीव प्रताप शुक्ल ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस कार्यक्रम में हिमाचल सरकार के मंत्री, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल, हाइकोर्ट के जज और आला अधिकारी मौजूद थे। हिमाचल प्रदेश हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में राजीव शकधर का कार्यकाल एक महीने से भी कम का होगा, क्योंकि जस्टिस राजीव शकधर 18 अक्टूबर को रिटायर हो रहे हैं। इससे पहले हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रहे न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव को झारखंड हाईकोर्ट का सीजे नियुक्त किया गया है। हिमाचल हाईकोर्ट के सीजे का कार्यभार संभालने वाले न्यायमूर्ति राजीव शकधर फिलहाल दिल्ली हाइकोर्ट के जस्टिस थे। दिल्ली के ही सेंट कोलंबस स्कूल से उन्होंने आरंभिक शिक्षा हासिल की हैं। उन्होंने 1984 में दिल्ली यूनिवर्सिटी से बी-कॉम (ऑनर्स) की डिग्री हासिल की थी। फिर साल 1987 में दिल्ली यूनिवर्सिटी से ही एलएलबी की डिग्री प्राप्त की। वो नवंबर 1987 में वकील के तौर पर नामित हुए। इसी साल उन्होंने इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया से CA की पढ़ाई पूरी की थी। साल 1994 में उन्होंने लंदन यूनिवर्सिटी के इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल स्टडीज से लॉ का एडवांस कोर्स पूरा किया। 8 दिसंबर 2005 को वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित हुए थे। न्यायमूर्ति राजीव शकधर को 11 अप्रैल 2008 को दिल्ली हाईकोर्ट में न्यायाधीश बनाया गया था। फिर 17 अक्टूबर, 2011 को स्थायी न्यायाधीश के रूप में उनकी नियुक्ति की पुष्टि की गई। उन्हें 11 अप्रैल 2016 को मद्रास हाईकोर्ट में स्थानांतरित किया गया, लेकिन फिर 15 जनवरी, 2018 को उन्हें वापस दिल्ली हाईकोर्ट में ही स्थानांतरित किया गया। मद्रास उच्च न्यायालय में सूचना और प्रौद्योगिकी समिति की अध्यक्षता की है और दिल्ली उच्च न्यायालय में भी इसी पद पर हैं। उन्हें सिविल मुकद्दमे, संवैधानिक कानून, वाणिज्यिक मुकद्दमे, कॉर्पोरेट और कराधान कानूनों पर महारात हासिल है। उल्लेखनीय है कि 18 अक्तूबर को इनकी सेवानिवृति के बाद पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के सीनियर मोस्ट जज न्यायमूर्ति जीएस संधवालिया को हिमाचल हाईकोर्ट का न्यायाधीश बनाए जाने की सिफारिश भी सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने पहले ही कर दी थी। उनकी नियुक्ति न्यायमूर्ति शकधर की रिटायरमेंट के बाद होगी।
हिमाचल प्रदेश में पिछले तीन दिनों से मौसम शुष्क बना रहा, जिसके कारण तापमान में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई। हालांकि मौसम विभाग शिमला ने आज बुधवार के लिए शिमला, सोलन और सिरमौर जिले में भारी बारिश को लेकर चेतावनी जारी की है। विभाग ने बुधवार और गुरुवार को प्रदेश के 12 में से 6 जिलों में अलग-अलग स्थान पर गरज के साथ बारिश और बिजली गिरने का येलो अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग शिमला ने बताया कि 1 जून से 24 सितंबर तक चालू मानसून सीजन में बारिश की 21 फीसदी कमी दर्ज की गई। हिमाचल प्रदेश में सामान्य 723.1 मिमी के मुकाबले 573.7 मिमी बारिश हुई है। लाहौल-स्पीति में सबसे ज्यादा 69% बारिश की कमी दर्ज की गई है। इसके बाद ऊना में 35%, चंबा में 34%, हमीरपुर में 31%, सोलन में 21%, किन्नौर में 20%, कांगड़ा और सिरमौर में 9% और मंडी में 4% बारिश की कमी दर्ज की गई, जबकि शिमला प्रदेश में एकमात्र ऐसा जिला रहा, जहां 15% अधिक बारिश दर्ज की गई। वहीं, हिमाचल में अधिकतम तापमान में भी खासी बढ़ोतरी दर्ज की गई। पिछले कुछ दिनों से मौसम शुष्क रहने से तापमान सामान्य से 3 से 8 डिग्री सेल्सियस ज्यादा रहा। जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति के केलांग में अधिकतम तापमान 25.9 डिग्री दर्ज किया गया, जो सामान्य से 7.9 डिग्री ज्यादा रहा, जबकि जनजातीय जिला किन्नौर के कल्पा में दिन का तापमान 25.2 डिग्री दर्ज किया गया, जो सामान्य से 4.9 डिग्री ज्यादा रहा। प्रदेश में सबसे गर्म ऊना रहा, जहां अधिकतम तापमान 38.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 5.7 डिग्री सेल्सियस ज्यादा था। इसके अलावा सोलन में पारा सामान्य से 5.6 डिग्री ज्यादा, भुंतर में सामान्य से 5.8 डिग्री ज्यादा, धर्मशाला में सामान्य से 5.2 डिग्री ज्यादा और शिमला में सामान्य से 5.7 डिग्री ज्यादा रह। वहीं, प्रदेश में न्यूनतम तापमान भी सामान्य से 2 से 5 डिग्री अधिक रहा।