किसान-बागवानों ने किया सचिवालय का घेराव, उग्र हुआ आंदोलन

हिमाचल किसान सभा और सेब उत्पादक संघ के बैनर तले आज सैकड़ों किसान- बागवानों ने वन भूमि से बेदखली के खिलाफ छोटा शिमला सचिवालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। इससे पहले प्रदर्शनकारी टोलेंड से रैली निकालते हुए सचिवालय की ओर बढ़े, जहा उन्होंने ने पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड तोड़ने का प्रयास किया गया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हल्की धक्का-मुक्की भी हुई। गौरतलब है कि हिमाचल हाईकोर्ट द्वारा अतिक्रमित वन भूमि पर लगे सेब को हटाने के आदेश के खिलाफ शिमला के पूर्व डिप्टी मेयर टिकेंद्र सिंह पंवर और एक अन्य याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में फलों से लदे सेब के पौधों की कटान पर रोक लगा दी है। इसके बावजूद किसान-बागवान बेदखली के मसले को लेकर चिंतित हैं और सरकार से जवाब मांग रहे हैं।
प्रदर्शन के दौरान किसान नेता एवं पूर्व विधायक राकेश सिंघा ने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा, यह सरकार अपंग है। सुप्रीम कोर्ट ने पहले भी दो मामलों में बेदखली को गैरकानूनी बताया, लेकिन न कोर्ट ने पूरी तरह रोक लगाई और न ही सरकार ने कोई ठोस कदम उठाया। उन्होंने कहा कि, अब जबकि सुप्रीम कोर्ट ने सेब कटान पर रोक लगा दी है, हम उसका स्वागत करते हैं। लेकिन अब हमारा सवाल है कि क्या सरकार और कोर्ट इस आदेश को मानेगा? हम अपनी अगली रणनीति इसी आधार पर तय करेंगे। सिंघा ने चेतावनी दी कि, सरकार के जेलों में जगह कम पड़ जाएगी। 1980 के बाद आई तमाम सरकारें अपने कर्तव्यों में विफल रही हैं। इन्होंने दो इंच भूमि नहीं छोड़ी, बल्कि सारी भूमि को 1952 की अधिसूचना के तहत वन घोषित कर दिया गया। लेकिन जैसे देश के किसानों ने तीन कृषि कानून वापस कराए थे, वैसे ही हम भी अपने हक की लड़ाई पूरी ताकत से लड़ेंगे।