हिमाचल: आज भी कई क्षेत्रों में येलो अलर्ट जारी, अभी तक इतना हुआ नुकसान: जानिए मौसम अपडेट

हिमाचल में बीती रात से ही मूसलाधार बारिश के चलते रोज़मर्रा की ज़िंदगी पूरी तरह से छिन्न-भिन्न हो गई हैं। वहीं तीव्र वर्षा की वजह से भूस्खलन और बाढ़ के चलते कई क्षेत्रों में भारी नुकसान हुआ है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के वैज्ञानिक संदीप कुमार शर्मा ने बताया कि 8 अगस्त से मौसम की तीव्रता फिर से बढ़ने की संभावना है। 8-9 अगस्त को ऊना, चंबा, कांगड़ा, सिरमौर और सोलन के कुछ हिस्सों में भारी बारिश हो सकती है। इसके अलावा जिला शिमला, सोलन और सिरमौर में विजिबिलिटी कम रहने का अनुमान है। खराब मौसम के दौरान लोगों से एहतियात बरतने की अपील की गई है। संदीप कुमार शर्मा ने बताया कि अगस्त महीने में अब तक प्रदेश में 34 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई है। वहीं, पूरे मानसून सीजन में अब तक सामान्य से 12 प्रतिशत अधिक बारिश रिकॉर्ड हुई है।
भारी बारिश और भूस्खलन के कारण कई सड़क बंद है, जिसके चलते सिरमौर और सोलन जिला के कई उपमंडलों के शिक्षण संस्थानों व आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद रखने के लिए आदेश हुआ हैं। वही प्रशासन ने भी आमजनों से अपील की है कि वे ऐसी स्थिति में अनावश्यक यात्रा से बचें।
प्रदेश में दो दिनों से हो रही लगातार भारी बारिश से जगह- जगह लैंडस्लाइड और पेड़ गिरने की घटनाएं सामने आई है जिसके प्रदेश में 4 एनएच सहित 613 सड़कें यातायात के बाधित हो गई हैं। इसके अलावा 1491 बिजली ट्रांसफार्मर और 265 पानी की स्कीमें बाधित हो गई है। 448 मकान पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं। मॉनसून सीजन में अबतक मरने वालों का आंकड़ा 194 पहुंच गया है।
वही राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश में मॉनसून की भारी बारिशों के कारण प्रदेश में 1600 करोड़ से अधिक का नुकसान हो गया है जबकि कृषि और बागवानी का आंकलन अभी पूरा नहीं हुआ है ऐसे में आंकड़ा अभी बढ़ेगा। सभी बाधित सड़कों को खोलने का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है। लगातार भारी बारिश से नदी नाले उफान पर है। प्रदेश में बादल फटने की घटनाओं और भूस्खलन में इज़ाफ़ा हो रहा है ऐसे में नदी नालों के समीप निर्माण पर सोचना होगा क्योंकि ज्यादातर क्षति नदी और नालों के समीप निर्माण से हो रही है। जगत सिंह नेगी ने उत्तरकाशी की खीर गंगा में बादल फटने की घटना से हुए नुकसान पर दुख प्रकट किया।