शिमला में प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों पर कड़ी नज़र, वेतन काटने की प्रक्रिया शुरू

शिमला में 26 अप्रैल को आयोजित प्रदर्शन में भाग लेने वाले प्राथमिक शिक्षकों के खिलाफ एक दिन का वेतन काटने की प्रक्रिया अब शुरू हो गई है। स्कूल शिक्षा निदेशालय ने संबंधित जिलों से शिक्षकों की हाजिरी का रिकॉर्ड मांगा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कौन-कौन शिक्षक बिना छुट्टी लिए प्रदर्शन में शामिल हुए थे। इसके साथ ही, चौड़ा मैदान में हुए प्रदर्शन की वीडियो रिकॉर्डिंग भी खंगाली जा रही है। हालांकि, इन शिक्षकों की वेतन कटौती अप्रैल माह के वेतन से नहीं की जाएगी, बल्कि मई महीने के वेतन से यह कटौती की जाएगी। निदेशालय ने दो सप्ताह के भीतर इन शिक्षकों की सूची तैयार करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
शिक्षा सचिव राकेश कंवर द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, जिन शिक्षकों ने सरकार द्वारा रोकने के बावजूद प्रदर्शन में भाग लिया, उनका एक दिन का वेतन काटा जाएगा। इसके लिए, निदेशालय ने संबंधित तारीख के लिए शिक्षकों की हाजिरी का रिकॉर्ड इकट्ठा करने का आदेश दिया है। जिन शिक्षकों ने प्रदर्शन के दिन छुट्टी नहीं ली होगी और स्कूल से गैर हाजिर पाए जाएंगे, उनका वेतन काटा जाएगा। इसके साथ ही, सरकार के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां करने वाले शिक्षकों को निलंबित भी किया जाएगा। इस मामले में अब तक आठ शिक्षकों को निलंबित किया जा चुका है और बाकी शिक्षकों के कार्य व्यवहार की भी जांच की जा रही है।
वहीं, प्राथमिक शिक्षकों ने अब अपनी जिम्मेदारी संभालते हुए स्कूलों में पढ़ाई का काम फिर से शुरू कर दिया है, साथ ही ऑनलाइन कार्य भी करने लगे हैं। सरकार ने यह स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि यदि कोई शिक्षक ऑनलाइन कार्य में भाग नहीं लेता है, तो उसे अनिवार्य सेवानिवृत्ति का सामना करना पड़ेगा।