विमल नेगी मौत मामले में हिमाचल हाईकोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला,ASI ने छुपाई थी शव के पास रखी पेनड्राइव

शिमला: हिमाचल प्रदेश के बिजली विभाग के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की रहस्यमय मौत के मामले में बुधवार को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में हुई सुनवाई में चौंकाने वाले खुलासे हुए। सुनवाई के दौरान बिलासपुर पुलिस की शुरुआती जांच पर गंभीर सवाल खड़े हो गए, क्योंकि खुद राज्य सरकार ने कोर्ट के सामने यह स्वीकार किया कि बिलासपुर पुलिस ने सबूतों के साथ छेड़छाड़ की है।
याचिकाकर्ता ने इस मामले में शिमला पुलिस की SIT जांच पर भी सवाल उठाए हैं। डीजीपी द्वारा फाइल किए गए एफिडेविट के आधार पर शिमला पुलिस की जांच की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह लग गया है। कोर्ट ने इस मामले में अहम टिप्पणी करते हुए सरकार से सीधा सवाल किया कि इस मामले की सीबीआई जांच करवाने में उन्हें क्या परेशानी है। यह टिप्पणी इस बात का संकेत है कि हाईकोर्ट वर्तमान जांच की दिशा से संतुष्ट नहीं है।
अदालत में हिमाचल प्रदेश सरकार के एडवोकेट जनरल अनूप रत्न ने बताया कि डीजीपी द्वारा पहली SIT का गठन 15 मार्च को किया गया था, लेकिन इसके बावजूद 18 मार्च को बिलासपुर में ASI पंकज ने विमल नेगी के पास मौजूद एक पेन ड्राइव छुपाई। सरकार ने जांच पूरी करने के लिए और समय की मांग की है।
इसके अलावा, सुनवाई के दौरान डीजीपी और एसपी के बीच टकराव की बात भी सामने आई, जिससे मामले की जटिलता और बढ़ गई है। बुधवार को लगभग 2 घंटे 16 मिनट तक चली इस महत्वपूर्ण सुनवाई के बाद, मामले पर अगली सुनवाई की तारीख अभी तय नहीं हुई है।