मंडी: नारला में भूस्खलन पर मेगा मॉक ड्रिल, आपदा से निपटने की प्रशासनिक तैयारियों का सफल अभ्यास

पधर (मंडी)। उपमंडल पधर के नारला क्षेत्र में शुक्रवार को एक मेगा मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। जिसका उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं, विशेष रूप से भूस्खलन जैसी स्थिति से निपटने के लिए प्रशासनिक तैयारियों की परख करना था। इस अभ्यास में उपमंडल आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से जुड़े सभी विभागों के अधिकारी, कर्मचारी, स्वयंसेवक और स्थानीय लोग सक्रिय रूप से शामिल हुए। ड्रिल के तहत एक काल्पनिक परिदृश्य को दर्शाया गया, जिसमें नारला के पास एक यात्री बस भूस्खलन की चपेट में आ गई। साथ ही, नारला तक जाने वाली मुख्य सड़क मलबे के कारण अवरुद्ध हो गई थी। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने तुरंत पीडब्ल्यूडी की जेसीबी मशीन को घटनास्थल पर भेजा और कुछ ही समय में सड़क को खोल दिया गया। इंसिडेंट कमांडर एवं तहसीलदार पधर डॉ. भावना वर्मा के नेतृत्व में रेस्क्यू टीम, पुलिस बल, अग्निशमन विभाग और स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य आरंभ किए। रेस्क्यू टीम ने घटनास्थल व आसपास के क्षेत्रों का बारीकी से निरीक्षण किया और यह सुनिश्चित किया कि किसी अन्य व्यक्ति को नुकसान न पहुंचे। बचाव अभियान के दौरान कई यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। राहत कार्यों में सेवानिवृत्त सैनिकों, रेड क्रॉस के स्वयंसेवकों, आपदा मित्रों, और स्थानीय नागरिकों ने बढ़-चढ़कर सहयोग किया, जिससे प्रशासन को समय पर और प्रभावी ढंग से कार्य करने में मदद मिली। एसडीएम पधर सुरजीत सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि मॉक ड्रिल के दौरान सभी आवश्यक व्यवस्थाएं पूर्व निर्धारित प्रोटोकॉल के तहत की गई थीं। पधर स्कूल मैदान में कमांड पोस्ट और स्टेजिंग एरिया स्थापित किया गया, जबकि सामुदायिक भवन पधर को राहत शिविर के रूप में प्रयोग किया गया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि वास्तविक आपदा की स्थिति में प्रशासनिक अमला, रेस्क्यू टीम, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग एवं अन्य सभी सहयोगी इकाइयाँ आपसी समन्वय के साथ प्रभावी ढंग से कार्य कर सकें और जनहानि को न्यूनतम किया जा सके।