केंद्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश के एनएसएस इकाई, देहरा सप्त सिंधु परिसर तथा SOTTO (स्टेट ऑर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन) हिमाचल प्रदेश के संयुक्त तत्वावधान में अंगदान जन संजीवनी अभियान के अंतर्गत एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत स्वागत भाषण से हुई, जिसे एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉ. श्रैया बख्शी ने प्रस्तुत किया। संगोष्ठी के मुख्य वक्ता SOTTO हिमाचल प्रदेश के स्टेट कोऑर्डिनेटर नरेश थे, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में समाजसेवी अमित शर्मा उपस्थित रहे। मुख्य वक्ता ने स्वयंसेवियों, छात्रों और संकाय सदस्यों को अंगदान और नेत्रदान की आवश्यकता और महत्व के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अंगदान के माध्यम से एक व्यक्ति मरने के बाद भी आठ लोगों की जिंदगी बचा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि मृत्यु के बाद शरीर को जलाने या दफनाने की बजाय अंगदान करके किसी जरूरतमंद को नया जीवन दिया जा सकता है। समाजसेवी अमित शर्मा ने बताया कि कोई भी व्यक्ति जिसकी आयु 18 वर्ष या उससे अधिक है, वह अपनी स्वेच्छा से अंगदान की शपथ ले सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि जानकारी के अभाव और भ्रांतियों के कारण अधिकांश लोग अंगदान से पीछे हट जाते हैं। सही जानकारी मिलने पर अधिक लोग इस दिशा में आगे आ सकते हैं। संगोष्ठी में नरेश ने यह भी बताया कि हिमाचल प्रदेश की आधिकारिक वेबसाइट www.sottohimachal.in के माध्यम से कोई भी व्यक्ति घर बैठे अंगदान के लिए पंजीकरण कर सकता है। वेबसाइट पर क्यूआर कोड स्कैन करके शपथ पत्र भरना संभव है, जिससे व्यक्ति अपनी अंगदान की इच्छा को औपचारिक रूप से दर्ज कर सकता है। कार्यक्रम का संचालन लक्ष्मी जिन्या ने किया और शोधार्थी शिवम् राज ने सभी अतिथियों का धन्यवाद किया।
राजधानी शिमला में वीरवार सुबह मौसम साफ रहा। दोपहर बाद अचानक मौसम बदला और शिमला व सोलन में बादल झमाझम बरसे। मैदानी जिलों में मौसम साफ रहने के साथ धूप खिली। वीरवार शाम तक मनाली-कोटली एनएच समेत 274 सड़कें, 56 बिजली ट्रांसफार्मर और 173 पेयजल योजनाएं ठप रहीं। चंबा के चुराह में बिजली गिरने से दो मवेशियों की मौत हो गई। शुक्रवार को भी प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में बारिश के आसार हैं। 26 से 30 जुलाई कई क्षेत्रों में बारिश का येलो अलर्ट जारी हुआ है। प्रदेश के कई क्षेत्रों में मौसम भले ही खुल गया है, लेकिन दुश्वारियां अभी बरकरार हैं। तेज बारिश और भूस्खलन की वजह से पेयजल योजनाएं ठप होने से कई जगह पीने के पानी का संकट गहरा गया है। बिजली ट्रांसफार्मर बंद होने से कई गांवों में अंधेरा छाया हुआ है। हालांकि, वीरवार को धूप खिलने के बाद विभागों ने बिजली-पानी और सड़कों को बहाल करने का काम तेज कर दिया है। जिला कुल्लू में बंजार से गुशैणी सड़क को लोक निर्माण विभाग ने तीन दिन बाद छोटे वाहनों के लिए बहाल कर दिया है। हाईवे-305 चार दिन से अवरुद्ध है। हमीरपुर जिले में सुबह से ही धूप खिली रही। धूप खिलने से फिर गर्मी बढ़ने लगी है। ऊना जिले में वीरवार सुबह से ही मौसम साफ रहा। मौसम खुलने के बाद किसान खेतों में कीटनाशक का छिड़काव करने में जुट गए हैं। कांगड़ा जिले में वीरवार को पूरा दिन मौसम साफ रहा। हालांकि, शाम को थोड़े बादल दिखे, लेकिन बारिश नहीं हुई।
26 जुलाई को 33/11 के वी उपकेन्द्र प्रागपुर और 11 केवी प्रागपुर, शांतला, गरली, नहेरन्पुखर, कलोहा फीडर की उचित मुरमम्त हेतु विधुत सप्लाई 10:00 बजे से 2 बजे तक बाधित रहेगी। जिससे 11 के वी फीडरो के अंतर्गत आने वाले गाँव प्रागपुर, गढ़, छडोल, मसोट, बलाहर नहेरन्पुखर, गरली लग, बलियाना, नालेटी, कलोहा, शांतला, बनी सेहेरी आदि गाँव प्रभावित होंगे। वही ई. विक्रमजीत विद्युत उपमंडल प्रागपुर ने कहा की 26 जुलाई को विद्युत आपूर्ति बाधित रहेगी। जिस बीच जनता से सहयोग की अपील की है।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य में लावारिस कुत्तों और बंदरों की बढ़ती संख्या और उनके हमलों की घटनाओं पर गंभीर चिंता जताते हुए कड़ा संज्ञान लिया है। मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायाधीश रंजन शर्मा की खंडपीठ ने इस मामले में सुनवाई करते हुए संबंधित पक्षों को कई महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए। कोर्ट ने कुत्तों और बंदरों के पुनर्वास के लिए एनजीओ की सहायता से 'कैटल पाउंड' (पशु आश्रय) जैसी व्यवस्था पर सुझाव मांगे हैं। इसके साथ ही खंडपीठ ने राज्य सरकार और संबंधित निकायों को निर्देश दिए हैं कि जानवरों की गणना व सर्वेक्षण की स्थिति पर हलफनामा दाखिल करें और स्पष्ट करें कि शहरी क्षेत्रों में इनकी आबादी की गणना की गई है या नहीं। सुनवाई के दौरान धर्मशाला नगर निगम की ओर से एक हलफनामा पेश किया गया, जिसमें बताया गया कि कुत्तों से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए एक प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। मामले की अगली सुनवाई 8 सितंबर को तय की गई है। उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट पहले ही 10 सितंबर 2024 को इस विषय पर एक विस्तृत आदेश पारित कर चुका है। उस आदेश में कोर्ट ने केंद्र सरकार से ‘पशु जन्म नियंत्रण नियम, 2023’ के उस प्रावधान पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया था, जिसके तहत नसबंदी के बाद जानवरों को उसी स्थान पर छोड़ना अनिवार्य है, जहां से उन्हें पकड़ा गया था। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि शहरी क्षेत्रों, स्कूलों और बाजारों के आसपास — जहां छोटे बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग रहते हैं — इन जानवरों के हमले का ख़तरा कहीं अधिक है। ऐसी स्थिति में नसबंदी के बाद भी जानवरों को उसी स्थान पर वापस छोड़ना जनसुरक्षा के लिहाज़ से खतरनाक हो सकता है। हाईकोर्ट ने निर्देश दिए थे कि पशुओं को छोड़ने से संबंधित दिशा-निर्देशों में संशोधन किया जाए और शहरी क्षेत्र, स्कूलों व बाजारों के आसपास के इलाकों को इस प्रावधान से बाहर रखा जाए। शिमला शहर में खासकर छोटा शिमला, हाईकोर्ट परिसर, जाखू, संजौली, समिट्री, ढली चौक, लक्कड़ बाजार, माल रोड, समरहिल, विकासनगर और आईजीएमसी जैसे क्षेत्रों में आए दिन लोग लावारिस कुत्तों और बंदरों के हमलों का शिकार हो रहे हैं। इन हमलों के डर से महिलाएं, स्कूल जाने वाले बच्चे और बुजुर्ग घर से बाहर निकलने में असहज महसूस कर रहे हैं।
वन भूमि पर अतिक्रमण वाले बगीचों में फलों से लदे सेब के पेड़ काटने के खिलाफ हिमाचल सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। राज्य सरकार की ओर से शीर्ष अदालत में पेड़ कटान के खिलाफ एसएलपी दायर की गई है। शुक्रवार को मामले में सुनवाई हो सकती है। राज्य सरकार ने हिमाचल हाईकोर्ट के उस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जिसके तहत वन भूमि पर सेब से लदे पेड़ों को काटने के आदेश दिए गए हैं। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश के बाद वन विभाग शिमला जिले में अतिक्रमण वाली भूमि पर सेब से लदे पेड़ों को काट रहा है। कुमारसैन उपमंडल के बड़ागांव और कोटखाई के चैथला गांव में सेब के फलों से लदे सैकड़ों पेड़ काटे जा चुके हैं। इस कार्रवाई से आम लोग हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ मुखर हो गए हैं, जिसके चलते राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। महाधिवक्ता अनूप रतन ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश सरकार शीर्ष अदालत से आग्रह करेगी कि फलों से लदे पेड़ों को काटने के उस आदेश पर फिलहाल रोक लगाई जाए। फलों से लदे पेड़ों को काटना संस्कृति के खिलाफ है। प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश के तहत लोगों को बेघर भी होना पड़ रहा है। राज्य में जिस तरह से बरसात चल रही है, उससे लोगों को घरों से भी बेदखल करना उपयुक्त नहीं है।
हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के दौर थम गया है। हालांकि, बारिश के बीच चंबा-किलाड़ मार्ग पर बारिश होने से सतरूंडी नाले का बुधवार को जलस्तर बढ़ गया। इससे एचआरटीसी बसों और पर्यटक वाहनों में 10 यात्री और 50 से अधिक सैलानी तीन घंटे तक फंसे रहे। प्रदेश में बुधवार शाम तक मनाली-कोटली एनएच सहित 344 सड़कें, 169 बिजली ट्रांसफार्मर और 230 पेयजल योजनाएं प्रभावित रहीं। वीरवार से शनिवार तक प्रदेश में हल्की बारिश के आसार हैं। 27 जुलाई से फिर मानसून के रफ्तार पकड़ने का पूर्वानुमान है। पठानकोट-मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग नूरपुर में पहाड़ी दरकने से मंगलवार रात दो घंटे बाधित रहा। बुधवार को कांगड़ा, शिमला, ऊना में हल्की बारिश हुई। राजधानी शिमला में बुधवार सुबह कई दिनों बाद धूप खिली। शाम के समय शहर में कुछ देर बादल बरसे। कांगड़ा जिले में बुधवार को सुबह से दोपहर तक बारिश का दौर जारी रहा। खराब मौसम के चलते दिल्ली से कांगड़ा हवाई अड्डा इंडिगो की एक फ्लाइट नहीं आई। बुधवार को इंडिगो और स्पाइस जेट की दो फ्लाइटें हवाई अड्डा पर पहुंचीं। कुल्लू में तीन दिन बारिश के बाद बुधवार दोपहर बाद मौसम साफ हुआ। भुंतर के लिए हवाई सेवा भी बुधवार को बंद रही। जिले में सड़कें बंद होने से जगह-जगह टमाटर, सेब व नाशपाती से भरे क्रेट मालवाहक वाहनों में फंसे हुए हैं।
तहसील डाडा सीवा के भू-स्वामियों के लिए एक महत्वपूर्ण सूचना जारी की गई है। तहसीलदार बीरबल ने जानकारी देते हुए बताया कि उपायुक्त कांगड़ा, धर्मशाला के निर्देशानुसार सभी भूमि मालिकों से आग्रह किया गया है कि वे अपनी भूमि संबंधी रिकॉर्ड में आधार कार्ड की सीडिंग का कार्य 30 जुलाई 2025 तक अनिवार्य रूप से पूरा करें। इसके लिए भू-स्वामी अपने संबंधित पटवार घर कार्यालय में जाकर यह प्रक्रिया पूर्ण करवा सकते हैं। तहसील प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि इस कार्य के लिए भू-स्वामी को अपना आधार कार्ड एवं आधार से लिंक मोबाइल नंबर साथ लाना अनिवार्य होगा। प्रशासन ने सभी पंचायत प्रतिनिधियों, वार्ड सदस्यों और नंबरदारों से विशेष अपील की है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में लोगों को जागरूक करें ताकि अधिक से अधिक लोग समय रहते इस प्रक्रिया को पूर्ण कर सकें। यह कार्य न केवल भू-स्वामित्व के रिकॉर्ड को पारदर्शी बनाएगा, बल्कि भविष्य में सरकारी योजनाओं का लाभ पाने में भी सहायक सिद्ध होगा अतः सभी भू-स्वामियों से अनुरोध है कि समय रहते आवश्यक दस्तावेजों के साथ आधार सीडिंग कार्य पूर्ण करवाएं।
उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप ने अधिसूचना जारी करते हुए बताया कि जिला शिमला में सेब सीजन के मध्यनजर वर्ष 2025 के लिए सेब पेटियों की वजन के हिसाब से ढुलाई के लिए ट्रक, मिनी ट्रक, पिक-अप (4 पहिया) की दर एवं परिवहन शुल्क को निर्धारित किया गया है। उन्होंने बताया कि दिल्ली तक ट्रक एवं अन्य वाहन का 90 पैसा, चंडीगढ़ तक ट्रक और अन्य वाहन का 1 रुपए 30 पैसा, पिकअप से 20 किलोमीटर तक का 2 रुपए 30 पैसा, पिकअप से 20 किलोमीटर से ज्यादा का 2 रुपए 50 पैसा एवं आयशर 4 पहिया (टाटा 407) का 1 रुपए 30 पैसा निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा कि यह दरें प्रति किलोमीटर / प्रति क्विंटल के हिसाब से निर्धारित की गई है | उन्होंने कहा कि अधिक शुल्क वसूलने पर दोषी ट्रक/मिनी ट्रक/पिकअप ऑपरेटर यूनियनों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
भाजपा के राज्यसभा सांसद हर्ष महाजन ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से दिल्ली में शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर हर्ष महाजन ने केंद्रीय मंत्री गडकरी से हिमाचल प्रदेश में आई त्रासदी के बारे में विस्तृत चर्चा की। हर्ष महाजन ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि हिमाचल प्रदेश में भारी नुकसान हुआ है जिसको लेकर धरातल पर काम करना बहुत आवश्यक है,केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने राज्यसभा सांसद को आश्वासन देते हुए कहा की हिमाचल प्रदेश में टनल एवं ब्रिजो को लेकर गंभीर रूप से काम होगा। ज्यादा से ज्यादा टनल और ब्रिजों का प्रयोग कर हिमाचल प्रदेश को राहत पहुंचाई जाएगी, मंडी जिला के पंडोह में भी एक टनल प्रस्तावित एवं स्वीकृत की गई है जिस को लेकर जल्द ही काम शुरू होगा। केंद्र मंत्री ने बताया कि आईआईटी रुड़की एवं अन्य संस्थाओं को हिमाचल प्रदेश के लिए कंसल्टेंट नियुक्त कर दिया गया है, जो हिमाचल प्रदेश में इन टनल एवं ब्रिजों को लेकर डिजाइन एवं री डिजाइन का कार्य करेंगे। आने वाले समय में एनएहएआई की कार्यप्रणाली में बड़ा बदलाव आएगा और आधुनिक तकनीक को अपनाते हुए हिमाचल प्रदेश में सड़कों की दृष्टि से सुदृढ़ काम होगा। उन्होंने यह भी कहा कि हिमाचल प्रदेश में सड़कों को जितना भी नुकसान हुआ है उसको तुरंत प्रभाव से ठीक किया जाएगा। राज्यसभा सांसद हर्ष महाजन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्र मंत्री अमित शाह का धन्यवाद भी किया कि जिस प्रकार से उन्होंने हिमाचल प्रदेश को आपदा की दृष्टि से पैसा भेजा है उससे हिमाचल प्रदेश को बड़ा लाभ हो रहा है। केंद्रीय मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय समिति ने वर्ष 2023 के लिए बाढ़, भूस्खलन और बादल फटने जैसी आपदाओं से प्रभावित क्षेत्रों में पुनर्वास और पुनर्निर्माण के लिए हिमाचल प्रदेश को 2006.40 करोड़ रुपये के परिव्यय को पहले ही मंजूरी दे दी है। 7 जुलाई, 2025 को 451.44 करोड़ रुपये की पहली किस्त भी जारी कर दी है। हम राज्य सरकार से निवेदन करते हैं कि जो भी पैसा केंद्र से आ रहा है उसका सदुपयोग किया जाए, आया पैसा उचित स्थान एवं उचित व्यक्ति पर खर्च होना चाहिए।
राजकीय महाविधालय ढलियारा में वीo वॉकo रिटेल मैनेजमेंट के 12 विद्यार्थियों ने एक बार फिर सफलता की नई इबारत लिखी है। कॉलेज के 12 होनहार विद्यार्थियों का चयन देश की नामी रिटेल कंपनियों में हुआ है, जिससे न केवल कॉलेज का नाम रोशन हुआ है, बल्कि व्यावसायिक और कौशल शिक्षा के क्षेत्र में कॉलेज की सशक्त उपस्थिति भी प्रमाणित हुई है। निखिल मांगला, शवन डढवाल, पंकज का चयन लीवाइस में हुआ है। जबकि पलक और काजल को क्लोविया में अवसर मिला है। अंजली को केंटाबिल और सुहानी को पैंटालूंस में नियुक्ति मिली है। पलक को सॉलिड स्टोर EBO में नौकरी मिली है। दिनेश कुमार को लाइफ स्टाइल में स्थान प्राप्त हुआ है और आर्यन को NFS में नियुक्त किया गया है। इसके अलावा विकास को रेडटेप और रितिका को सीएल फार्मा में नियुक्त किया गया है। कंपनियों द्वारा इन सभी विद्यार्थियों को औपचारिक नियुक्ति पत्र (ऑफर लेटर) प्रदान कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि इस शानदार उपलब्धि के पीछे राजकीय महाविद्यालय ढलियारा और एडूब्रिज इंडिया लर्निंग प्राइवेट लिमिटेड का विशेष योगदान रहा है। यह सफलता NSQF के अंतर्गत संचालित वीo वॉकo रिटेल मैनेजमेंट कार्यक्रमों की गुणवत्ता और व्यवहारिकता को दर्शाती है। महाविधालय प्राचार्या डॉ. अंजू आर चौहान, विभागाध्यक्ष प्रोफेसर कंचन रनोत और सभी शिक्षक विद्यार्थियों की इस उपलब्धि पर गर्व महसूस कर रहे हैं और उन्हें उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दी हैं।
नगरोटा सूरियां रेंज में वन संपदा की रक्षा हेतु चलाए जा रहे सतत प्रयासों के तहत, नगरोटा सूरियां रेंज के वन विभाग के कर्मियों ने बीती रात एक बड़ी सफलता हासिल की। विभाग की टीम ने पूरी रात जागते हुए सतर्कता बरती और एक पिकअप गाड़ी को धार में पकड़ा, जो अवैध रूप से काटी गई खैर लकड़ी से भरी हुई थी। यह कार्रवाई सुरेंद्र सैनी RO नगरोटा सूरिया के नेतृत्व में की गई। विश्वसनीय सूचना के आधार पर की गई इस कार्रवाई में, रात्रि लगभग 2:30 पर वन विभाग की टीम ने संदिग्ध वाहन को रोका और जांच करने पर उसमें खैर लकड़ी अवैध रूप से ले जाई जा रही पाई गई। खैर के 40 मौछे जिसका आयतन 1.243 घन मीटर और बाज़ारी मूल्य लगभग तीन लाख पचास हज़ार रुपये है l गाड़ी को तुरंत जपत कर लिया गया है, और दोषियों के खिलाफ भारतीय वन अधिनियम के तहत कार्यवाही की जा रही है l
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने ओबीसी प्रमाणपत्रों की वैधता को लेकर चली आ रही अस्पष्टता को समाप्त कर दिया है। न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की एकल पीठ ने रेशम बनाम हिमाचल प्रदेश मामले में ओबीसी प्रमाणपत्रों को वैध मानते हुए याचिकाकर्ता को प्रयोगशाला तकनीशियन के पद पर नियुक्त करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए 21 दिसंबर 2024 के उस कार्यालय आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें उम्मीदवारी को खारिज कर दिया गया था। न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि प्रमाणपत्र के शीर्ष पर उल्लेखित 1 वर्ष की वैधता (जनवरी से दिसंबर) के बजाय प्रमाणपत्र में वित्तीय वर्ष के लिए उल्लेख की गई वैधता ही मान्य होगी। कोर्ट ने प्रतिवादियों को निर्देश दिया है कि वह याचिकाकर्ता के 29 मार्च 2023 के ओबीसी प्रमाण पत्र को 1 अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2023 तक की अवधि के लिए वैध मानें और चार हफ्ते में उनके परिणामों के आधार पर कार्रवाई करें। अदालत ने सरकारी विभागों को त्रुटि रहित प्रमाणपत्र जारी करने के निर्देश दिए हैं। न्यायालय ने पाया कि प्रतिवादियों ने विज्ञापन की शर्तों और 9 जनवरी 2012 की अधिसूचना की गलत व्याख्या की है। अधिसूचना स्पष्ट रूप से कहती है कि ओबीसी सहित सभी अन्य प्रमाणपत्र संबंधित वित्तीय वर्ष की प्रासंगिक अवधि तक वैध रहेंगे। याचिकाकर्ता ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में अनुबंध के आधार पर प्रयोगशाला तकनीशियन के पदों की भर्ती के लिए 19 सितंबर 2022 को जारी विज्ञापन के तहत आवेदन किया था। विज्ञापन में शर्त थी कि ओबीसी उम्मीदवारों को 9 जनवरी 2012 के राजपत्र में प्रकाशित हिमाचल सरकार राजस्व विभाग के अधिसूचना के अनुसार वैध ओबीसी प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। रेशम ने ओबीसी उम्मीदवार के रूप में आवेदन किया और 22 जुलाई 2021 को जारी अपना ओबीसी प्रमाणपत्र अपलोड किया जो वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए था। दस्तावेज सत्यापन के समय उन्होंने 29 मार्च 2023 को एक और ओबीसी प्रमाणपत्र प्रस्तुत किया। जो वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए वैध था। प्रतिवादियों ने रेशम की उम्मीदवारी को यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि 2 अक्टूबर 2022 तक कोई वैध प्रमाणपत्र नहीं था।
हिमाचल प्रदेश में ऑरेंज अलर्ट के बीच सोमवार देर रात से मंगलवार दोपहर तक कई क्षेत्रों में बारिश का दौर जारी रहा। लाहौल-स्पीति के स्पीति के खुरिक में मंगलवार को बादल फटने से रंगरिक और खुरिक गांव समेत तीन स्थानों में बाढ़ आ गई। इससे दोनों गांवों में कुछ घरों को नुकसान पहुंचा है। खेतों में फैले मलबे के कारण नगदी फसलों को भारी क्षति हुई है। बाढ़ की चपेट में आकर एनएच-05 बाधित हो गया है। तीन एनएच सहित 375 सड़कें अभी भी बंद... वहीं प्रदेश में तीन एनएच मनाली-कोटली, पांवटा-शिलाई और खाब-ग्रांफू सहित 375 सड़कें, 326 बिजली ट्रांसफार्मर और 314 पेयजल योजनाएं अभी भी ठप हैं। शिमला-कुल्लू में तीन दिन से हवाई उड़ानें भी बंद हैं। हालांकि, कांगड़ा में दिल्ली से दो फ्लाइट पहुंची हैं और दो बंद रहीं। कांगड़ा के मियालू में एक मकान जमींदोज हो गया है। हमीरपुर जिले में बारिश के कारण निर्माणाधीन एनएच हमीरपुर-मंडी बाईपास बाधित रहा। चंबा में भूस्खलन से चुराह उपमंडल की चांजू पंचायत में निर्माणाधीन 48 मेगावाट चांजू-3 जलविद्युत परियोजना की मशीनरी, कार्यालय को लाखों का नुकसान हुआ है। सतलुज में गाद बढ़ने से नाथपा झाकड़ी और रामपुर प्रोजेक्ट में दूसरे दिन भी बिजली उत्पादन बंद रहा। किरतपुर-मनाली फोरलेन पर भी जगह-जगह भूस्खलन हुआ है। पांवटा साहिब-शिलाई-गुम्मा एनएच बंद है। राजधानी शिमला में शाम तक बूंदाबांदी का दौर जारी रहा। आज भी बारिश के आसार... प्रदेश के कई स्थानों में बुधवार को भी बारिश के आसार हैं हालांकि कोई चेतावनी जारी नहीं हुई है। वीरवार और शुक्रवार को अधिकांश क्षेत्रों में हल्की बारिश की संभावना है। इस दौरान लोगों को बारिश से कुछ राहत मिल सकती है। 26 से 28 जुलाई तक दोबारा कई क्षेत्रों में बारिश का पूर्वानुमान है।
हिमाचल प्रदेश में ऑरेंज अलर्ट के बीच सोमवार देर रात से मंगलवार दोपहर तक कई क्षेत्रों में बारिश का दौर जारी रहा। लाहौल-स्पीति के स्पीति के खुरिक में मंगलवार को बादल फटने से रंगरिक और खुरिक गांव समेत तीन स्थानों में बाढ़ आ गई। इससे दोनों गांवों में कुछ घरों को नुकसान पहुंचा है। खेतों में फैले मलबे के कारण नगदी फसलों को भारी क्षति हुई है। बाढ़ की चपेट में आकर एनएच-05 बाधित हो गया है। हिमाचल प्रदेश के कई स्थानों में बुधवार को भी बारिश के आसार हैं हालांकि कोई चेतावनी जारी नहीं हुई है। वीरवार और शुक्रवार को अधिकांश क्षेत्रों में हल्की बारिश की संभावना है। इस दौरान लोगों को बारिश से कुछ राहत मिल सकती है। 26 से 28 जुलाई तक दोबारा कई क्षेत्रों में बारिश का पूर्वानुमान है।
The Central Institute of Petrochemicals Engineering & Technology (CIPET) CSTS Baddi, under the Ministry of Chemicals & Fertilizers, has been a key player in providing high-quality technical education and nearly 100% placement for youth in the petrochemical and allied sectors across Himachal Pradesh for over a decade. On July 21, Prof. (Dr.) Shishir Sinha, Director General of CIPET and currently on lien from IIT Roorkee, paid a visit to the CIPET Baddi Centre to review its academic and infrastructural progress. Key Highlights of the Visit: Inspection of Training Programs: Prof. Sinha conducted a detailed inspection of the ongoing skill development and diploma programs. He interacted with students and reviewed the delivery of short-term NSQF-aligned courses, long-term diploma programs, and technical services provided by the centre. Engagement with Stakeholders: He held discussions with faculty members, administrative staff, and students, where he stressed the need for continued excellence in training delivery, student engagement, and institutional governance. Review of Campus Expansion at Sandholi: Prof. Sinha also visited the upcoming permanent campus at Sandholi, Baddi. He was briefed by Mr. Parminder Preet Singh, Joint Director & Head, CIPET Baddi, about the transition plan from the current rented premises at Jharmajri to the new state-of-the-art campus. Expressing his satisfaction, Prof. Sinha lauded the Centre’s consistent efforts in workforce development and skill empowerment. He expressed confidence that the shift to the new campus would mark a significant leap forward in strengthening technical education infrastructure in the region.
धर्मशाला के समीप स्थित शिल्ला चौक के रहने वाले और सक्रेड हार्ट सीनियर सेकेंडरी स्कूल में आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले 13 वर्षीय छात्र प्रथम पुरी ने इंसानियत और संवेदनशीलता की एक मिसाल पेश की है। प्रथम पुरी लंबे समय से प्लेस्टेशन फाइव (PS5) गेमिंग कंसोल खरीदने के लिए अपनी गुल्लक में पैसे जमा कर रहा था। लेकिन जब उसे हिमाचल प्रदेश के मंडी ज़िले के सिराज क्षेत्र में आई भीषण आपदा की जानकारी मिली, तो उसने अपनी इच्छाओं को दरकिनार करते हुए, संपूर्ण जमा राशि जिला उपायुक्त कार्यालय धर्मशाला स्थित में जमा करवा दी। ये राशि सराज आपदा राहत कोष के माध्यम से पीड़ितों तक पहुँचाई जाएगी। वही उपायुक्त कांगड़ा हेमराज बैरवा ने उसकी इस पहल की सराहना की है और कहा कि इस उम्र में ऐसा सोच रखना वाकई प्रेरणादायक है।
भारतीय जनता युवा मोर्चा हिमाचल प्रदेश सोशल मीडिया सह प्रभारी अजय राणा ने जारी बयान मे कहा कि प्रदेश सरकार का नौकरियों के संबंध में तुगलकी फरमान जारी हुआ है, जितनी नई नौकरियां लगेगी वे 2 साल के प्रशिक्षण पीरियड के बाद जारी की जाएंगी। यह पीड़ा का विषय है, बेरोजगार युवाओं के साथ यह एक महज बेहूदा मजाक है। राणा ने कहा कि चुनाव से पहले कॉंग्रेस सरकार ने जारी घोषणापत्र में युवाओं को 1 लाख रोजगार देने का वादा किया था और पहली कैबिनेट में स्वीकृति देने की बातें कही लेकिन आज प्रदेश सरकार को 3 वर्ष पूरे होने पर भी यह सार्थक नहीं हो पाया। रोजगार तो दूर अपितु युवाओं को भ्रमित और ठगने का काम किया जा रहा है, वास्तविकता तो यह कि आज हिमाचल प्रदेश में बेरोजगारी चरम सीमा पर है और बेरोजगारी में हिमाचल प्रदेश प्रथम स्थान प्राप्त कर चुका है।
मौसम विभाग के रेड अलर्ट के बीच हिमाचल में सोमवार को मूसलाधार बारिश के चलते कई इलाकों में फिर भारी नुकसान हुआ है। मौसम विभाग ने हिमाचल के कई क्षेत्रों में मंगलवार को भी भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। कई जिलों के लिए ऑरेंस अलर्ट जारी किया गया है। वहीं कांगड़ा जिले की चक्की खड्ड में आई बाढ़ से इंदौरा के ढांगू में रेलवे ब्रिज के नीचे की सुरक्षा वॉल धंस गई। उस समय यात्रियों से भरी मालवा एक्सप्रेस ट्रेन पुल से गुजर रही थी। घटना सोमवार दोपहर 12:00 के करीब हुई। ट्रेन जम्मू से दिल्ली जा रही थी। वही सतलुज नदी में गाद बढ़ने से 1500 मेगावाट के नाथपा झाकड़ी और 412 मेगावाट के रामपुर प्रोजेक्ट में बिजली उत्पादन ठप हो गया है। गाद बढ़ने के कारण नाथपा बांध के गेट खोलने पड़ गए। नाथपा बांध से सोमवार को 1400 क्यूमेक्स अतिरिक्त पानी छोड़ा गया। बता दें कि नाथपा से हिमाचल, पंजाब, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली और चंडीगढ़ को बिजली आपूर्ति होती है। मौसम खराब होने के कारण श्रीखंड और किन्नर कैलाश यात्राएं रोकीं मौसम विभाग के अलर्ट और भारी बारिश के चलते प्रशासन की ओर से सोमवार को श्रीखंड महादेव और किन्नर कैलाश यात्राएं भी एक दिन के लिए रोक दी गईं।
मौसम विभाग के रेड अलर्ट के बीच हिमाचल में सोमवार को मूसलाधार बारिश के चलते कई इलाकों में फिर भारी नुकसान हुआ है। मौसम विभाग ने आज भी कई क्षेत्रों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। कई जिलों के लिए ऑरेंस अलर्ट जारी किया गया है। ऊना, चंबा, कांगड़ा, मंडी और सिरमौर जिला के कुछ क्षेत्रों में भारी बारिश का पूर्वानुमान है। 23 से 27 जुलाई तक येलो अलर्ट जारी किया गया है। प्रशासन ने लोगों से नदी और नालों से दूर रहने की अपील की है। सोमवार को बारिश के चलते तापमान में 10 डिग्री की गिरावट दर्ज हुई। प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में रविवार देर रात से शुरू हुआ बारिश का दौर सोमवार शाम तक जारी रहा।भारी बारिश एवं भूस्खलन के चलते प्रदेश में तीन नेशनल हाईवे मंडी-कुल्लू, मंडी-पठानकोट, शिलाई-पांवटा साहिब समेत 398 सड़कें बंद हो गई हैं। प्रदेश में 682 बिजली ट्रांसफार्मर और 151 पेयजल योजनाएं ठप हो गईं, जबकि जगह-जगह 250 बसें फंस गई हैं। खराब मौसम के चलते सोमवार को तीन जिलों के कुछ उपमंडलों में स्कूल भी बंद करने पड़े।
हिमाचल प्रदेश में मानसून फिर से कहर बनकर बरस रही है। राजधानी शिमला के भी भारी बारिश से जगह-जगह लैंडस्लाइड हुए हैं। चौड़ा मैदान के पास राजीव गांधी डिग्री कॉलेज कोटशेरा के पास सड़क किनारे खड़ी कार (HP65-5644) मलबे में दब गई। संजौली कॉलेज के पास भी दो बड़े पेड़ गिरने से सड़क कुछ देर के लिए बंद हो गई और दो गाड़ियों को नुकसान पहुंचा। शिमला-चौपाल मुख्य मार्ग पर भी कई जगह पेड़ गिरने से सेब से लदे ट्रक और अन्य वाहन फंस गए हैं। टूटू कर पास लैंडस्लाइड से नालागढ़ सड़क यातायात के लिए बंद है। 2 राष्ट्रीय राजमार्ग समेत 468 सड़कें अभी भी बंद...... बीती रात से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से प्रदेश में जगह-जगह भूस्खलन हुए हैं, जिससे 2 राष्ट्रीय राजमार्ग समेत 468 सड़कें बंद हो गई हैं और 1200 बिजली ट्रांसफार्मर ठप पड़ने से कई क्षेत्रों में अंधेरा छा गया है। 600 पानी की स्कीमें बाधित है। ताज़ा बारिश से सबसे ज्यादा नुकसान शिमला जिले में हुआ है, जहां कई जगह सड़कें बंद हुईं, गाड़ियां मलबे में दबीं और पेड़ धराशायी हुए। कुछ जिलों के उपमंडलों में आज स्कूलों को बंद कर दिया गया है। इतने लोगों ने गंवाई जान......... मानसून सीजन में अब तक 125 लोगों की मौत हो चुकी है, 215 लोग घायल हुए और 34 लोग लापता हैं। प्रदेश में अब तक 382 मकान, 264 दुकानें और 945 गौशालाएं पूरी तरह तबाह हो चुकी हैं, जबकि 739 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि अनावश्यक यात्रा से बचें और नदी-नालों के पास न जाएं। मौसम विभाग ने आज और कल भारी वर्षा का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जबकि 23 से 27 जुलाई तक प्रदेश में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। इस दौरान कुछ इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश की भी संभावना है। -संदीप कुमार शर्मा, वैज्ञानिक,मौसम विज्ञान केंद्र शिमला
केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, वेदव्यास परिसर, बलाहर में संस्कृत भारती-हिमाचल प्रदेश न्यास के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दस दिवसीय अखिल भारतीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन समारोह सोमवार को परिसर के भरतमंडप में सम्पन्न हुआ। यह कार्यक्रम 12 जुलाई से आरंभ हुआ था। समापन समारोह में संस्कृतभारती के उत्तर क्षेत्र संगठन मंत्री नरेन्द्र कुमार मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। यह प्रशिक्षण विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. श्रीनिवास वरखेड़ी के संरक्षण एवं कुलसचिव आर. जी. मुरलीकृष्ण के निर्देशन में संपन्न हुआ। समारोह में परिसर निदेशिका प्रो. सत्यम कुमारी कार्यक्रमाध्यक्ष, सह-निदेशक प्रो. मञ्जुनाथ एस. जी. भट्ट सारस्वत अतिथि, तथा संस्कृतभारती हिमाचल प्रदेश के प्रान्ताध्यक्ष डॉ. राजेश शर्मा विशिष्ट अतिथि के रूप में मंचासीन रहे। कार्यक्रम की शुरुआत में गोरक्षनाथ संस्कृत महाविद्यालय के वेदाचार्य डॉ. सन्नी कुमार ने वैदिक मंगलाचरण प्रस्तुत किया, जबकि डॉ. रूपलाल शर्मा (व्याकरण विद्याशाखा) ने लौकिक मंगलाचरण किया। इसके बाद प्रतिभागियों द्वारा सामूहिक दीप मंत्र, सरस्वती वंदना और संकल्प मंत्र का उच्चारण किया गया तथा कुलगीत का गायन भी हुआ। डॉ. प्रतिज्ञा आर्या ने उपस्थित अतिथियों का परिचय एवं वाचिक स्वागत किया। कार्यक्रम के प्रशिक्षण प्रमुख डॉ. मुकेश कुमार (प्रान्त शिक्षण प्रमुख, संस्कृतभारती हिमाचल प्रदेश) ने प्रशिक्षण वर्ग की पूरी रिपोर्ट प्रस्तुत की। इसके पश्चात प्रतिभागियों ने अनुभव कथन और प्रदर्शनात्मक गतिविधियाँ प्रस्तुत कीं। संसाधक डॉ. जयकृष्ण शर्मा एवं रजनी ने भी अपने अनुभव साझा किए। मुख्य अतिथि नरेन्द्र कुमार ने अपने उद्बोधन में कहा कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम न केवल छात्रों के लिए बल्कि पूरे विश्वविद्यालय परिसर के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगा। उन्होंने संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार हेतु राज्य में संस्कृत प्रचार केन्द्र स्थापित करने की आवश्यकता पर बल दिया, जिसकी स्थापना शीघ्र की जाएगी। विशिष्ट अतिथि डॉ. राजेश शर्मा ने सभी को कार्यक्रम की सफलता पर बधाई दी और भविष्य में भी इस प्रकार की गतिविधियों को जारी रखने का आह्वान किया। सह-निदेशक प्रो. मञ्जुनाथ एस. जी. भट्ट ने संस्कृतमय वातावरण के निर्माण हेतु विद्यार्थियों को सदैव संस्कृत में वार्तालाप करने के लिए प्रेरित किया। इसके उपरांत सभी संसाधकों, प्रबंधकों एवं समिति सदस्यों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। परिसर निदेशिका प्रो. सत्यम कुमारी ने अध्यक्षीय उद्बोधन में कार्यक्रम की सफलता की सराहना करते हुए भविष्य में छात्रों के हित में ऐसे और आयोजनों की संस्तुति की। कार्यक्रम संयोजक डॉ. सत्यदेव ने अंत में सभी अतिथियों, प्रतिभागियों और सहयोगियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।
हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र सदर से विधायक आशीष शर्मा ने हिमाचल प्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन में ठेके के आधार पर 199 पदों को भरने के लिए टेंडर आमंत्रित करने का विरोध जताया है। उन्होंने के सरकार के इस निर्णय को निराशाजनक बताया है। विधायक आशीष शर्मा ने कहा कि नौकरियों को ठेके पर देने का यह निर्णय प्रदेश के युवाओं के साथ सरासर धोखा है। प्रदेश कांग्रेस सरकार ने जहां पांच लाख सरकारी नौकरियों देने की घोषणा की थी, वो नौकरियां तो क्या देनी, लेकिन जिन पदों पर नौकरियां निकाली वह भी ठेके पर देने के फरमान जारी किए हैं। इससे प्रदेश के लाखों युवाओं के भविष्य को खतरा पैदा हो गया है। इसके अलावा सरकार ने एक और फरमान जारी किए हैं जिसके तहत दो साल तक प्रदेश में कर्मचारी महज जॉब ट्रेनी के रूप में नियुक्त होंगे और दो सालों के बाद उन्हें उसी नौकरी को पाने के लिए टेस्ट देना होगा। इससे युवाओं में भारी रोष है और वह खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश की सुक्खू सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है। नौकरियों को ठेके पर देकर उनका निजीकरण करवाना निंदनीय है। जो युवा सरकारी नौकरी पाने के लिए दिन रात मेहनत कर रहे हैं, उन्हें अब सरकार के फरमानों के अनुसार या तो ठेके पर अस्थाई नौकरी मिलेगे या तो उन्हें नौकरी को पाने के लिए पहले जॉब ट्रेनी के रूप में कार्य करना होगा और उसके बाद उसी पद के लिए दोबारा परीक्षा देनी होगी। विधायक आशीष शर्मा ने सरकार को नसीहत देते हुए कहा कि जो 199 पद ठेके पर देने के लिए टेंडर आमंत्रित किए हैं उन्हें रद्द कर इन पदों को स्थाई भर्ती के आधार पर भरा जाए और जो दो साल ट्रेनी कर्मचारी रखने के फरमान हैं उन्हें वापिस लेकर अनुबंध आधार पर भर्ती कर कर्मचारियों को भर्ती नियमों के तहत नियमित किया जाए। आशीष शर्मा ने कहा कि युवाओं के भविष्य के साथ खिलबाड़ मंजूर नहीं होगा। अगर सरकार जल्द इन फरमानों को वापिस नहीं लेती है तो पार्टी नेतृत्व के साथ विचार विमर्श कर सरकार के खिलाफ उचित कदम उठाकर विरोध का रुख अपनाया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश बेरोजगार कला अध्यापक संघ ने प्रदेश सरकार द्वारा लागू की गई नई ट्रेनी पॉलिसी का विरोध करते हुए इसे अन्यायपूर्ण और तर्कहीन बताया है। संघ का कहना है कि यह नीति युवाओं को भ्रमित करने और उन्हें मानसिक तनाव में डालने का कार्य कर रही है। संघ के अनुसार, यह कैसी नीति है जिसमें पहले अभ्यर्थी को कमीशन द्वारा परीक्षा पास करनी होगी और फिर नियुक्ति के बाद पुनः एक और परीक्षा देकर नियमित नियुक्ति प्राप्त करनी होगी। इस प्रकार की व्यवस्था से न केवल युवा तनाव में रहेंगे, बल्कि वह आर्थिक रूप से भी असुरक्षित हो जाएंगे और अपने परिवार का भरण-पोषण करना कठिन होगा। संघ ने यह भी आरोप लगाया है कि प्रदेश सरकार समय-समय पर नई-नई घोषणाएं कर बेरोजगार युवाओं को केवल भ्रमित कर रही है, जबकि हकीकत यह है कि वर्षों से नई भर्तियाँ नहीं निकाली जा रही हैं। तीन वर्षों में सरकार का बेरोजगारी के प्रति रवैया पूरी तरह से निराशाजनक रहा है। संघ ने कहा कि इससे पूर्व जो भी मुख्यमंत्री हुए हैं, उन्होंने बेरोजगारों की मांगों पर ध्यान दिया है। लेकिन वर्तमान मुख्यमंत्री के कार्यकाल में बेरोजगारों की अनदेखी की गई है और उनकी समस्याओं का उपहास उड़ाया गया है। चुनावों के समय युवाओं को रोजगार देने के वादे किए गए थे, लेकिन अब सरकार उन्हीं वादों के विपरीत कार्य कर रही है। संघ ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने जल्द ठोस कदम नहीं उठाए, तो आने वाले चुनावों में कांग्रेस पार्टी को इसका गंभीर नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसके अतिरिक्त संघ ने कहा है कि प्रियंका गांधी और राहुल गांधी को पत्र लिखकर इस अन्यायपूर्ण नीति की जानकारी दी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि जिन स्कूलों को हिमाचल प्रदेश में बंद किया गया है, उसकी पूरी सूची भी उन्हें भेजी जाएगी ताकि उन्हें वास्तविक स्थिति का ज्ञान हो सके। अंत में संघ ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि नई ट्रेनी नीति को अविलंब रद्द किया जाए और बेरोजगार युवाओं को स्थायी एवं न्यायसंगत रोजगार की व्यवस्था उपलब्ध कराई जाए।
हिमाचल प्रदेश के लाहौल के दालंग स्थित आर्मी कैंप के पास प्रवासी मजदूरों के दो बच्चों की पानी के टैंक में नहाते समय डूबने से मौत हो गई है। जानकारी के अनुसार बच्चों के माता-पिता खेतों के काम कर रहे थे। इस बीच तीन बच्चे नहाने के लिए पानी के टैंक में उतरे लेकिन डूबने से दो की माैत हो गई। घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और शव अपने कब्जे में लिए। डीएसपी केलांग रश्मि शर्मा ने कहा कि शव पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिए हैं।
*बलाहर प्रशिक्षण वर्ग में नवम दिन डॉ. प्रणयव्रत शर्मा ने किया दीप प्रज्ज्वलन केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय वेदव्यास परिसर, बलाहर में चल रहे दस दिवसीय अखिल भारतीय प्रशिक्षण वर्ग के नवम दिन विशेष सत्र का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। यह कार्यक्रम संस्कृतभारती-हिमाचल प्रदेश न्यास के संयुक्त तत्वावधान में 12 से 21 जुलाई तक आयोजित किया गया है। गुरुनानक देव मेडिकल कॉलेज एवं रिसर्च सेंटर, लुधियाना में सहायक आचार्य के रूप में कार्यरत तथा प्रागपुर निवासी डॉ. प्रणयव्रत शर्मा ने इस अवसर पर वंदना सत्र में दीप प्रज्ज्वलित किया। संबोधन में उन्होंने कहा कि संस्कृत के प्रशिक्षण के साथ-साथ प्रतिभागियों को आयुर्वेद, योग और संहिताओं जैसे विषयों की ओर भी ध्यान देना चाहिए। उन्होंने समाज में छिपे इस प्राचीन ज्ञान को उजागर कर उसकी उपयोगिता को व्यापक स्तर पर फैलाने का आह्वान किया। इस अवसर पर कार्यक्रम संयोजक डॉ. सत्यदेव, डॉ. शैलेश तिवारी, डॉ. भूपेंद्र ओझा सहित अन्य कार्यकर्ता उपस्थित रहे ।
हिमाचल प्रदेश के चंबा ज़िले की चड़ी पंचायत से एक दर्दनाक हादसा सामने आया है। सोमवार को हुए भूस्खलन के चलते एक मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। घर के अंदर मौजूद पति-पत्नी मलबे में दब गए और उनकी मौके पर ही मौत हो गई। मृतकों की पहचान सन्नी और उनकी पत्नी पल्लवी के रूप में हुई है। जानकारी के अनुसार, पल्लवी हाल ही में अपने मायके आई थी और उसी दौरान यह हादसा हो गया। घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय ग्रामीण मौके पर पहुंचे और प्रशासन को सूचित किया गया। प्रशासन ने मलबा हटाकर शवों को बाहर निकाला और पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। भारी बारिश के चलते पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। स्थानीय प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और जोखिम वाले क्षेत्रों में न जाने की अपील की है।
भारी बारिश के चलते मंडी-कुल्लू राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात पूरी तरह से बाधित हो गया है। रविवार रात 10:00 बजे से ही 4 मील, 9 मील, बांध के नजदीक, मून होटल और फ्लाईओवर के पास पहाड़ी से लगातार पत्थर गिर रहे हैं, जिससे मार्ग बंद पड़ा है। बारिश के चलते पहाड़ियों से पत्थर और मलबा गिरने का सिलसिला जारी है, जिससे एनएचएआई की मशीनों को मार्ग से मलबा हटाने में कठिनाई हो रही है। लगातार बारिश के बीच मार्ग को खोलना जोखिम भरा बना हुआ है। पंडोह थाना प्रभारी एएसआई अनिल कटोच ने बताया कि एनएचएआई की टीमें मौके पर मौजूद हैं और जैसे ही बारिश में थोड़ी राहत मिलेगी, तुरंत मार्ग से मलबा हटाकर सड़क को यातायात के लिए सुरक्षित बनाया जाएगा। प्रशासन लोगों से अपील कर रहा है कि वे वैकल्पिक मार्गों का प्रयोग करें और अनावश्यक रूप से यात्रा से बचें। स्थानीय प्रशासन और पुलिस टीम हालात पर नजर बनाए हुए हैं। यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए किसी भी तरह का जोखिम नहीं लिया जा रहा है।
हिमाचल प्रदेश में बीती रात से लगातार जारी भारी बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। जगह-जगह भूस्खलन की घटनाएं सामने आई हैं। माैसम विज्ञान केंद्र शिमला की ओर से आज पांच जिलों के लिए भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है। चंबा जिले में भारी बारिश ने लोगों की दुश्वारियां बढ़ा दी हैं। जगह-जगह सड़कें बंद हो गई हैं, मक्की की फसल पानी के तेज बहाव में बह गई। चंबा- तीसा मुख्यमार्ग नकरोड व पंगोला में भूस्खलन हुआ है। नकरोड़-थली सड़क पर भी काफी क्षति होने की सूचना है। माैसम विज्ञान केंद्र शिमला की ओर से अगले तीन घंटों तक शिमला, सिरमाैर, चंबा, कांगड़ा व मंडी जिले के लिए भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है। ऐसे में लोगों को सावधानी बरतने के लिए कहा गया है।
देहरा गोपीपुर के हनुमान चौक के समीप अभी हाल ही में शुरू की गई मां ज्वाला कोचिंग ऑफ एक्सीलेंस अकादमी में कक्षाएं आरम्भ हो गई है। अधिक जानकारी देते हुए अकादमी के प्रबंध निदेशक मुनीश शर्मा ने बताया कि अकादमी में नीट से लेकर एन डी ए तक व एच ए एस से लेकर आई ए एस तक की प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग दी जाएगी। उन्होंने बताया कि इस कार्य हेतु उन्होंने काफी कर्मठ और अनुभवी शिक्षकों को नियुक्त किया है। उन्होंने बताया कि यह उनका सपना था कि प्रदेश के जो छात्र दूसरे राज्यों में जा कर कोचिंग लेते हैं,उन्हें यह सुविधा अपने राज्य में ही मिल सके। वहीं कोचिंग अकादमी में गुरु वरुण नाथ जी का आगमन हुआ। गुरुजी के आगमन के साथ ही अकैडमी में कक्षाएं भी आरंभ की गईं।
सोलन जिले के कैथलीघाट इलाके में सुबह एक दर्दनाक सड़क हादसा हो गया। यहां हिमाचल सड़क परिवहन निगम (HRTC) की एक बस और एक पिकअप वाहन के बीच सीधी टक्कर हो गई। यह हादसा इतना जबरदस्त था कि पिकअप वाहन के परखच्चे उड़ गए और उसका चालक गंभीर रूप से घायल हो गया। जानकारी के अनुसार, HRTC की बस सोलन की ओर जा रही थी, जबकि पिकअप वाहन विपरीत दिशा से आ रहा था। कैथलीघाट के पास एक मोड़ पर दोनों वाहनों की आमने-सामने की टक्कर हो गई। टक्कर की आवाज इतनी तेज थी कि आसपास के लोग तुरंत मौके पर पहुंचे।
पतलीकुहल की टीम द्वारा गश्त के दौरान शिव बावड़ी एनएच-03, 15 मील पुल के पास दो संदिग्ध व्यक्तियों की तलाशी ली। तलाशी के दौरान दोनों के कब्जे से 24 ग्राम चिट्टा (हेरोइन) बरामद किया गया है । आरोपियों की पहचान दिलवाग सिहं 35 वर्ष पुत्र मन्जीत सिंह निवासी हाउस न० 387/ए अप्पर बेली छराना सतवारी अलोरा जम्मू केंट (जम्मू-कश्मीर) तथा गुरमीत सिंह 43 वर्ष पुत्र चन्दा सिंह निवासी हाउस न० 21, KC कॉलोनी एक्सटैन्शन त्रिकुटा नगर जम्मू सिटी (जम्मू-कश्मीर) के रूप में हुई है। उपरोक्त दोनों व्यक्तियों के विरुद्ध पुलिस थाना पतलीकुहल में मादक पदार्थ अधिनियम की धारा 21,29 के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत कर नियमानुसार कार्यवाही करने के उपरांत बरामदा नशा की खरीद फरोख़्त का पता लगाया जा रहा है इस मामले की पुष्टि कुल्लू एसपी ने की है
जिला सिरमौर के गिरिपार के हाटी क्षेत्र में बरसों बाद शादी की जोड़ीदार प्रथा फिर जिंदा हुई है। क्षेत्र के दो भाइयों ने एक दुल्हन के साथ एक ही मंडप में सात फेरे लिए। बीते दिनों दोनों भाइयों ने दुल्हन से पारंपरिक हिंदू रीति-रिवाज के साथ शादी की। तीनों की रजामंदी से ऐसा हुआ है। शादी के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद इस पांडव कालीन परंपरा की आम लोगों में चर्चा हो रही है। हिमाचल के सिरमौर, किन्नौर और उत्तराखंड के जौंसार बावर जैसे क्षेत्रों में बहुपति प्रथा रही है। शिलाई गांव के दो भाइयों प्रदीप सिंह व कपिल ने क्षेत्र की युवती से जोड़ीदारी प्रथा के अनुसार विवाह किया। दोनों भाइयों ने एक दुल्हन के साथ हजारों लोगों की मौजूदगी में विवाह की रस्में निभाईं। यह शादी हाटी समुदाय की जोड़ीदार परंपरा के अनुसार हुई, जिसमें एक पत्नी को दो या अधिक भाई साझा रूप से अपनाते हैं। प्रदीप और कपिल नेगी ने इस परंपरा से शादी का फैसला लिया, जिसे वे विश्वास, देखभाल और साझी जिम्मेदारी का रिश्ता मानते हैं। केंद्रीय हाटी समिति गिरिपार क्षेत्र के महासचिव कुंदन सिंह शास्त्री ने कहा कि इस प्रथा के प्रचलन में महाभारत कालीन पांडव संस्कृति को मुख्य स्रोत के रूप में माना जाता है। क्षेत्र के बुजुर्गों ध्यान सिंह, जालम सिंह, नैन सिंह, दिवडू राम ने बताया कि जोड़ीदारी प्रथा से शादी करने का कारण पुश्तैनी संपत्ति का विभाजन रोकना, महिलाओं को विधवा होने से बचाना और परिवार में एकता बनाए रखना था।
हिमाचल प्रदेश में अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश का अनुमान है, जिसके चलते लोगों को खास सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। मौसम विभाग ने आज कई जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है, वहीं 22 जुलाई तक ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया गया है। इसका मतलब है कि 21 और 22 जुलाई को बारिश काफी तेज हो सकती है, इसलिए लोगों को अत्यधिक सतर्क रहने की जरूरत है। आज मौसम विभाग के अनुसार ऊना, हमीरपुर और मंडी जिलों में कुछ स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है। इन जगहों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। बाकी हिमाचल प्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश होने का अनुमान है। कल, यानी 19 जुलाई को, हिमाचल प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में बादल छाए रहे और कई जगहों पर बारिश हुई। बारिश के कारण ऊंचाई वाले इलाकों में तापमान में गिरावट भी दर्ज की गई। कल राज्य में सबसे कम न्यूनतम तापमान कल्पा में 12.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जबकि सबसे अधिक अधिकतम तापमान पोंटा साहिब में 39.0 डिग्री सेल्सियस रहा।
हिमाचल की 59 दवाओं समेत देश की 188 दवाएं मानकों पर खरी नहीं उतरी हैं। इन दवाओं में 44 सोलन जिले में, 13 सिरमौर और एक-एक ऊना और कांगड़ा जिले में बनी हैं। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) और स्टेट ड्रग अथाॅरिटी की ओर से जारी ड्रग अलर्ट में सैंपल फेल पाए गए हैं। जिन दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं, उनमें एंटी बायोटिक, एंटी डायबटिक, बीपी, पेट दर्द, प्रोस्टेट कैंसर, दर्द निवारक, विटामिन बी-12, कैंसर समेत कई दवाएं शामिल हैं। हिमाचल की 59 दवाएं मानकों पर खरी नहीं उतरीं। इनमें राज्य के ड्रग अलर्ट में 36 और केंद्र के ड्रग अलर्ट में 23 दवाएं शामिल हैं। इसके अलावा कैंसर और सोरायसिस में इस्तेमाल होने वाली इंजेक्शन के सैंपल भी फेल हुए हैं। मिथोट्रीक्सेट इंजेक्शन-15 जो अगस्त 2026 में एक्सपायर होगा और मुंबई के बीडीएच इंडस्टी लिमिटेड उद्योग में निर्मित है। इसी तरह चीन के शंघाई के बाॅयो फार्मास्यूटिकल उद्योग में निर्मित पेट और स्तन कैंसर की दवा डोसिटैक्सल हाइड्रॉस आईपी का सैंपल फेल पाया गया है। हिमाचल व देश के अन्य राज्यों में निर्मित पैरासिटामोल, विटामिन सी इंजेक्शन, रेबाप्रेजोल, टेलिमिस्ट्रिन, पेंटाप्रोजोल सोडियम इंजेक्शन, एमॉक्सीलिन और पोटाशियम इंजेक्शन सहित अन्य के सैंपल गुणवत्ता मानकों पर सही नहीं पाए गए हैं। जांच में तीन दवाएं नकली भी निकली हैं। इनमें टैक्सिम-ओ 200 जो साइनस, नाक, गले, कान के संक्रमण में उपयोग होती है और जुलाई 2024 में बनी है। थ्रोमबोफोब दवा जिसे रक्त के थक्के बनने से रोकने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। नकली पाई गई। रोसूवास एफ-10 जिसे कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए उपयोग किया जाता है। यह भी नकली नकली। इन दवा उद्योगों के नाम फिलहाल अंकित नहीं किए गए हैं। वही राज्य दवा नियंत्रक मनीष कपूर ने बताया कि हिमाचल में बनी 59 दवाओं के सैंपल मानकों पर खरे नहीं उतरे। जुलाई के ड्रग अलर्ट में सैंपल फेल होने वाली 40 फीसदी दवाएं हैं। इन सभी संबंधित उद्योगों को नोटिस जारी किए जाएंगे और बाजार से सभी दवाओं को वापस मंगवाया जाएगा।
**मुख्यमंत्री ने विशेषज्ञ रोबोटिक सर्जनों की भर्ती शुरू करने के निर्देश दिए हिमाचल प्रदेश में रोबोटिक सर्जरी सेवाएं शुरू करने के लिए प्रदेश सरकार शीघ्र ही विशेषज्ञ रोबोटिक सर्जनों की भर्ती प्रक्रिया शुरू करेगी। इससे मरीजों को सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में बेहतर और उच्च गुणवत्तायुक्त चिकित्सा उपचार सुविधाएं उपलब्ध होंगी। शुक्रवार देर सायं स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने यह जानकारी दी। इन विशेषज्ञ सर्जनों के लिए भर्ती नियमों का एक प्रस्ताव शीघ्र ही प्रदेश मंत्रिमंडल के समक्ष अनुमोदन के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। विशेषज्ञ चिकित्सक सर्जरी करने के अलावा अन्य चिकित्सकों को रोबोटिक सर्जरी तकनीकों का प्रशिक्षण भी देंगे। इससे राज्य में विशेषज्ञ चिकित्सकों की एक टीम तैयार होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों के माध्यम से लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य के सभी सरकारी चिकित्सा महाविद्यालयों और अन्य स्वास्थ्य संस्थानों में आधुनिक तकनीक और चिकित्सा उपकरण स्थापित किए जा रहे हैं। चमियाना स्थित अटल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सुपर-स्पेशलिटी में मरीजों को दिल्ली के एम्स के समान स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी और संस्थान में शीघ्र ही रोबोटिक सर्जरी सेवाएं शुरू होंगी, साथ ही डॉ. राजेंद्र प्रसाद राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय, टांडा में भी जल्द ही रोबोटिक सर्जिकल सिस्टम स्थापित किया जाएगा। उन्होंने विभाग को चिकित्सा महाविद्यालय हमीरपुर और इंदिरा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय शिमला में रोबोटिक सर्जिकल मशीनें स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को और मज़बूत करने के लिए रिक्त पद अविलंब भरने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि चिकित्सा शिक्षा निदेशालय में 100 नए चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती की जाएगी और चमियाना में जल्द ही 50 अतिरिक्त नर्सों की नियुक्ति भी की जाएगी। राज्य की स्वास्थ्य सेवा अधोसंरचना के सुदृढ़ीकरण के लिए पैरामेडिकल स्टाफ, तकनीकी स्टाफ और अन्य सहायक कर्मियों की भर्ती प्रक्रिया भी प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने ऑपरेशन थियेटर सहायकों का मासिक मानदेय 17,820 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये और रेडियोग्राफरों व एक्स-रे तकनीकी स्टाफ का मानदेय 13,100 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये किया गया है। CM सुक्खू ने कहा कि सरकारी क्षेत्र में पैरामेडिकल स्टाफ की कमी दूर करने के लिए 23 वर्षों के बाद प्रमुख पाठ्यक्रमों में प्रवेश क्षमता बढ़ाने का सरकार ने निर्णय लिया है इससे स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूती मिलेगी। आईजीएमसी शिमला में बीएससी मेडिकल लैबोरेटरी टेक्नोलॉजी, बीएससी रेडियोलॉजी एंड इमेजिंग, और बीएससी एनेस्थीसिया एंड ओटी टेक्नोलॉजी पाठ्यक्रमों में सीटों की संख्या 10 से बढ़ाकर 50 की गई है। टांडा चिकित्सा महाविद्यालय में बीएससी मेडिकल लैबोरेटरी टेक्नोलॉजी, बीएससी रेडियोलॉजी एंड इमेजिंग, और बीएससी एनेस्थीसिया एंड ओटी टेक्नोलॉजी में प्रत्येक पाठ्यक्रम में सीटों की संख्या 18 से बढ़ाकर 50 की है। उन्होंने कहा कि इससे स्थानीय युवाओं को राज्य में ही व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त करने में सहायता मिलेगी। बैठक में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल, स्वास्थ्य सचिव एम. सुधा देवी, विशेष सचिव डॉ. अश्विनी कुमार शर्मा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
स्थानीय क्षेत्र विकास प्राधिकरण किन्नौर द्वारा आज जिला के मुख्यालय रिकांग पीओ में एक दिवसीय स्वच्छता अभियान चलाया गया जिसमें मुख्यालय व आस-पास के क्षेत्रों में साडा के सफाई कर्मचारियों व उपायुक्त कार्यालय व अन्य कार्यालयों के कर्मचारियों ने सफाई कर स्वच्छता का संदेश दिया। सदस्य सचिव, साडा एवं उपमंडलाधिकारी कल्पा अमित कल्थाईक ने बताया कि जिला किन्नौर को स्वच्छ व सुंदर बनाए रखने के दृष्टिगत इस स्वच्छता अभियान का आयोजन किया ताकि पर्यावरण संरक्षण के प्रति आम लोगों को जागरूक किया जा सके। उन्होंने कहा कि जिला किन्नौर को प्रकृति ने सुंदरता की पराकाष्ठा से नवाज़ा है, इसलिए हम सभी जिला को स्वच्छ व सुंदर बनाए रखने में एक जिम्मेदार नागरिक की भूमिका का पालन सुनिश्चित करें। सफाई अभियान में उपायुक्त कार्यालय परिसर, पुलिस अधीक्षक कार्यालय परिसर, रिकांग पीओ बाजार व आस-पास के क्षेत्रों में सफाई कर लोगों को स्वच्छता बनाए रखने का संदेश दिया। इस अवसर पर उपायुक्त किन्नौर डॉ. अमित कुमार शर्मा, पुलिस अधीक्षक अभिषेक शेखर, उप पुलिस अधीक्षक नवीन जालटा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।
कुनिहार विकास सभा की विशेष बैठक शनिवार को तालाब स्टेडियम स्थित पेंशनर हाउस में आयोजित की गई। बैठक में कार्यकारिणी सदस्यों ने सर्वसम्मति से धनीराम तनवर को एक बार फिर विकास सभा का प्रधान चुना। धनीराम पहले भी लगातार 14 वर्षों तक इस पद पर रहे थे, लेकिन स्वास्थ्य कारणों से कुछ समय पहले उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया था। अब स्वस्थ होने के बाद उन्हें दोबारा यह जिम्मेदारी सौंपी गई। बैठक में गोपाल पंवर को पुनः वरिष्ठ उपप्रधान नियुक्त किया गया। कार्यकारिणी में अन्य सभी सदस्य यथावत रहेंगे। बैठक में भागमल तनवर, दीप राम ठाकुर, विनोद जोशी, संजय राघव, ओम प्रकाश ठाकुर, नागेंद्र ठाकुर, बाबूराम तनवर, संतराम, धर्म सिंह, जगदीश ठाकुर समेत अन्य सदस्यों ने भाग लिया। यह भी निर्णय लिया गया कि अब हर तीसरे महीने नियमित रूप से विकास सभा की बैठक आयोजित की जाएगी। इनमें क्षेत्र की जनसमस्याओं पर चर्चा कर उनका समाधान निकाला जाएगा। साथ ही लोगों से आह्वान किया गया कि वे अधिक से अधिक संख्या में सभा की सदस्यता लें, ताकि 38 वर्षों से सक्रिय इस पंजीकृत संस्था के माध्यम से जनहित के कार्यों को प्रभावी ढंग से अंजाम दिया जा सके।
पेंशनर एवं वरिष्ठ नागरिक कल्याण संगठन की पट्टा बराबरी-हरिपुर इकाई की मासिक बैठक पेंशनर कार्यालय में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता इकाई अध्यक्ष जगदेव गर्ग ने की। इस दौरान पेंशनरों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर सरकार पर नाराजगी जाहिर की और चेताया कि अगर जल्द समाधान नहीं हुआ तो वे 25 जुलाई को जिलाधीश कार्यालय के बाहर धरना देंगे। बैठक में प्रमुख रूप से लंबित महंगाई भत्ते और संशोधित वेतनमान का बकाया भुगतान मुद्दा बना रहा। पेंशनरों ने बताया कि 1 जनवरी 2016 से 31 जनवरी 2022 के बीच सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों को अब तक संशोधित पेंशन और वेतन का बकाया नहीं मिला है। इससे पेंशनर वर्ग में भारी असंतोष है। बैठक में कहा गया कि सरकार बार-बार आग्रह के बावजूद पेंशनरों की मांगों को नजरअंदाज़ कर रही है, जो पूरी तरह अनुचित है। संगठन ने पुरजोर मांग की है कि सभी लंबित बकाए तुरंत जारी किए जाएं। बैठक में निर्णय लिया गया कि संगठन के सदस्य 25 जुलाई को प्रस्तावित जिला स्तरीय प्रदर्शन में भाग लेंगे। इस बैठक में कोषाध्यक्ष प्रेम चन्द कश्यप, संयुक्त सचिव बिशन दास कश्यप, प्रेस सचिव रोशन गौड़, नेक राम कोंडल, बलबीर सिंह ठाकुर, खेम चंद ठाकुर, राम नाथ कश्यप समेत कई अन्य सेवानिवृत्त कर्मचारी मौजूद रहे।
जब काग़ज़ों में करोड़ों का विकास हो, और ज़मीन पर सिर्फ़ धूल उड़ती मिले तो समझिए कि भ्रष्टाचार ने विकास की बुनियाद ही हड़प ली है। हिमाचल प्रदेश की मंडी ज़िला स्थित करसोग उपमंडल की ठाकुरठाणा पंचायत से ऐसी ही एक चौंकाने वाली कहानी सामने आई है , जहां पंचायत प्रधान माला मेहता को लाखों के गबन और सरकारी धन के दुरुपयोग के आरोप में पद से निलंबित कर दिया गया है। काग़ज़ी दावों में ठाकुरठाणा पंचायत में नालियां बनीं, रास्ते पक्के हुए, सड़कों की मरम्मत हुईलेकिन ज़मीनी हकीकत यह है कि गांव वालों ने किसी निर्माण कार्य का नामोनिशान तक नहीं देखा। लाखों के बिल पास हुए, यहां तक कि मशीनों की एंट्री भी दर्ज कर दी गई। लेकिन जब ग्रामीणों ने हिम्मत जुटाकर शिकायत की, तो परत-दर-परत घोटाला सामने आया। करसोग बीडीओ सुरेंद्र कुमार से प्राप्त जानकारी के अनुसार जांच के दौरान सबसे हैरान करने वाला तथ्य यह सामने आया कि एक स्कूटी के नंबर को जेसीबी मशीन का नंबर बताकर भुगतान कर दिया गया था। यानी सड़क निर्माण में इस्तेमाल होने वाली जेसीबी असल में एक दोपहिया वाहन निकली। यह तथ्य RTI से मिली जानकारी के बाद सामने आया, जिसे ग्रामीणों ने सटीक दस्तावेजों के साथ पेश किया था। सरकारी धन के गबन की प्राथमिक जांच में आरोप सही पाए गए, जिस पर जिला पंचायत अधिकारी अंचित डोगरा ने प्रधान माला मेहता को 20 जून को कारण बताओ नोटिस जारी किया। मगर जवाब संतोषजनक नहीं रहा। आखिरकार पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 145(1)(ग) और नियमावली 1997 के नियम 142(1)(क) के तहत कार्रवाई करते हुए माला मेहता को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।
कुल्लू में नशे के खिलाफ एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ए.एन.टी.एफ.) की टीम ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। गश्त के दौरान लेफ्ट बैंक सेऊबाग क्षेत्र में टीम ने दो युवकों को हेरोइन के साथ रंगे हाथों पकड़ा। पकड़े गए आरोपियों की पहचान अमन शर्मा पुत्र स्व. ओम प्रकाश शर्मा, निवासी फतहपुर छबाला रोड, सतनाम नगर कॉलोनी, थाना हकीमा गेट, अमृतसर (पंजाब) और कुलदीप सिंह पुत्र संतोष सिंह, निवासी माला बली, पोस्ट ऑफिस जुज़र सिंह, थाना कैंट, अमृतसर (पंजाब) के रूप में हुई है। टीम ने इनके कब्जे से 11 ग्राम हेरोइन और 31,000 रुपये नकद बरामद किए हैं। मामले को लेकर पुलिस थाना कुल्लू में एनडीपीएस एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया गया है और आगे की जांच जारी है। इस पूरी कार्रवाई को अंजाम देने वाली ANTF टीम में मुख्य हेड कांस्टेबल राजेश रोपा, हेड कांस्टेबल समीर कुमार, एचएचसी नितेश कुमार और कांस्टेबल अशोक कुमार शामिल थे। कार्रवाई की पुष्टि एएनटीएफ डीएसपी हेमराज शर्मा ने की है।
डाडा सिबा से पठानकोट तक चलने वाली हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) की बस पिछले दो दिनों से रूट से गायब है। यह बस रोज सुबह 6:30 बजे डाडा सिबा से स्यूलखड्ड, मेहड़ा, घाटी होते हुए तलवाड़ा और फिर पठानकोट तक जाती है। लेकिन गुरुवार और शुक्रवार को यह बस नहीं चली, जिससे नौकरीपेशा मजदूरों और कॉलेज-आईटीआई छात्रों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। यह बस न सिर्फ आम यात्रियों, बल्कि संसारपुर टेरेस स्थित उद्योगों में काम करने वाले श्रमिकों और दूर-दराज़ से आने वाले विद्यार्थियों के लिए 'लाइफलाइन' मानी जाती है। दो दिनों तक इसके न चलने से लोगों को महंगे निजी साधनों का सहारा लेना पड़ा, जिससे आर्थिक बोझ भी बढ़ा। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह बस ही उनके दिन की पहली और आखिरी उम्मीद होती है। रविवार जैसे दिनों में जब फैक्ट्रियों में काम होता है, तब यही एक मात्र साधन होता है। ऐसे में बिना सूचना के बस का बंद हो जाना सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है। वहीं, पठानकोट डिपो के क्षेत्रीय प्रबंधक विजय कुमार ने बताया कि बस तकनीकी खराबी के कारण दो दिन सेवा से बाहर थी, लेकिन शुक्रवार को इसे दोबारा रूट पर बहाल कर दिया गया है।
मणिमहेश यात्रा नजदीक है और भरमौर बस स्टैंड पर सफाई और सुविधाओं को लेकर विभागीय तैयारियों की पोल खुलने लगी है। भरमौर बस स्टैंड में आमजन और यात्रियों के लिए बनाए गए सार्वजनिक शौचालयों में से एक पर किसी ने ताला जड़ दिया है, जिससे स्थानीय लोग और तीर्थयात्री परेशान हैं। समाजसेवी सोनू ठाकरे भरमोरी ने इस पर नाराज़गी जताते हुए कहा कि यह शौचालय आम जनता के लिए बनाए गए हैं, न कि किसी एक व्यक्ति की निजी सुविधा के लिए। ऐसे में किसी का इस पर कब्जा जमाना न केवल अनुचित है, बल्कि यात्रियों की मूलभूत सुविधा से भी खिलवाड़ है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जब मेला शुरू होने ही वाला है तो प्रशासन को चाहिए कि वह ऐसी लापरवाहियों पर सख्त कदम उठाए।
जकीय महाविद्यालय चिंतपूर्णी में शुक्रवार के दिन आईक्यूएसी सेल के द्वारा भूकंप पर एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। इसके लिए परागपुर के निकटवर्ती गांव बलेहड़ा निवासी डॉ अरविंद कुमार (रिसर्चर) व एसोसिएट प्रोफेसर जो नेशनल सेंटर फॉर रिसर्च ऑन अर्थक्वेक इंजीनियरिंग ताइपे (ताइवान) में कार्यरत है और दौरान मुख्य वक्ता के रूप में शामिल हुए है। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ अजय कुमार ने की। उन्होंने बताया कि डॉ अरविंद कुमार ने 50 से ज्यादा रिसर्च पेपर पब्लिश किए हैं। वहीं उन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय (रूस, जापान ) कांफ्रेंस में भी भाग लिया है। वही मुख्य वक्ता डॉ अरविन्द कुमार ने छात्रों को भूकंप के कारण प्रभाव और बचाव के तरीकों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने भूकंप की प्राइमरी और सेकेंडरी वेब्ज के बारे में बताते हुए कहा कि प्राइमरी वेव्ज से एहसास हो जाता है कि द्वितीय वेज आने वाली है। उन्होंने बताया कि भूकंप के केंद्र को मापने के लिए सीस्मोग्राफ का प्रयोग किया जाता है, जिससे यह पता चलता है कि भूकंप की तीव्रता कितनी है। उन्होंने बताया कि पांच की तीव्रता से ऊपर वाले भूकंप ज्यादा खतरनाक होते है। वही कार्यक्रम के अंत में डॉ विनोद कुमार द्वारा मुख्य वक्ता का धन्यवाद किया गया।
दयानंद आदर्श विद्यालय की पेमा ठाकुर ने कूडो चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन कर देश और स्कूल का नाम रोशन किया है। पेमा ठाकुर का स्कूल पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया। प्रिंसिपल उषा मित्तल ने बताया कि अंडर 16 वर्ग में बुल्गेरिआ में कुडो चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीत कर पेमा ठाकुर ने भारत का नाम रोशन किया है। सर्वप्रथम प्रिंसिपल उषा मित्तल ने तिलक लगाकर पेमा और उनके कोच संजय का स्वागत किया गया। साथ ही पेमा के शानदार प्रदर्शन के लिए प्रिंसिपल द्वारा मेडल पहनlकर व स्वामी दयानंद का स्मृति चिन्ह भेंट कर उन्हें सम्मानित किया।
कभी देश के टॉप 30 स्वच्छ शहरों में गिना जाने वाला शिमला… आज 300 में भी नहीं है। करोड़ों की हाईटेक मशीनें, सफाई के तमाम दावे और योजनाएं…सब धरा का धरा रह गया और इस बार शिमला 347वें स्थान पर आ गया है। 2024 के स्वच्छता सर्वेक्षण में शिमला को 347वां स्थान मिला है, जो अब तक की सबसे निचली रैंकिंग है। इससे पहले 2023 में शहर 188वें और 2022 में 56वें पायदान पर था। 2016 में जब सर्वे में कम शहर शामिल थे, तब शिमला देश में 27वें स्थान पर था। करोड़ों रुपये की मशीनें और संसाधन झोंकने के बावजूद सफाई के मोर्चे पर यह गिरावट नगर निगम और जनप्रतिनिधियों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करती है। कभी मिसाल था शिमला, अब चिंता का विषय 2016 में शिमला ने स्वच्छता रैंकिंग में 27वां स्थान हासिल कर देशभर का ध्यान अपनी ओर खींचा था। इसे सफाई व्यवस्था, कचरा प्रबंधन और नागरिक सहभागिता के लिए एक आदर्श मॉडल माना गया। मगर बीते कुछ वर्षों में नगर निगम की सुस्त कार्यप्रणाली, राजनीतिक अस्थिरता और अभियानात्मक ढिलाई ने शिमला को इस गर्त में धकेल दिया है। वर्ष शिमला की रैंक 2016 27 2017 47 2018 144 2019 127 2020 65 2023 56 2024 188 2025 347 रिपोर्ट में किन बिंदुओं पर फेल हुआ शिमला? स्वच्छ सर्वेक्षण 2025 की रिपोर्ट के अनुसार, शिमला डोर-टू-डोर कूड़ा संग्रहण, कचरा निपटान और स्रोत स्तर पर कचरे की छंटाई जैसे मूलभूत मानकों पर बेहद कमजोर प्रदर्शन कर रहा है। डोर-टू-डोर कूड़ा संग्रहण: सिर्फ 42% कचरे का निपटान: 44% स्रोत स्तर पर कचरे की छंटाई: मात्र 2% डंपिंग साइट की स्थिति: 0% (पूर्ण असंतोषजनक) सार्वजनिक शौचालयों की सफाई: 67% जबकि आवासीय और बाजार क्षेत्रों की सफाई रिपोर्ट में 100% अंक दिए गए हैं, लेकिन असल तस्वीर इससे अलग प्रतीत होती है। नगर निगम ने बताया सर्वे को 'त्रुटिपूर्ण' हाई कोर्ट के निर्देशों और राज्य सरकार की निगरानी के बावजूद जब यह रिपोर्ट सामने आई, तो नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. चेतन चौहान ने सवाल उठाए। उन्होंने कहा, "इस सर्वे में कई तथ्यों को गलत दर्शाया गया है। शिमला में डोर-टू-डोर कूड़ा नियमित रूप से उठ रहा है, लेकिन आंकड़ों में सिर्फ 42% दिखाया गया है। हम इस रिपोर्ट को चुनौती देंगे।"
हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले की विक्रमबाग पंचायत के डाडूवाला गांव में एक किसान ने आम की दुनिया की सबसे महंगी किस्म उगाने में सफलता पाई है। किसान नवीन कुमार ने अपने बगीचे में मियाजाकी नस्ल का आम उगाया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस आम की कीमत 2,70,000 रुपये से 3 लाख रुपये प्रति किलो तक है। जानकारी के अनुसार नवीन कुमार ने दो साल पहले पश्चिम बंगाल के कोलकाता स्थित नर्सरी से मियाजाकी नस्ल के आम के पौधों को कूरियर के माध्यम से मंगवाया था। पौधे आने के बाद इसे बगीचे में लगाया। दो साल में ही इन पौधों ने फल दे दिए हैं। नवीन कुमार ने विदेशी नस्ल के इस महंगे मियाजाकी आम के अलावा अकेरिकन रेड पामर, रेड आइवरी आम, रेड बनाना आम, येलो बनाना आम, चकापात आम, नामडोकमाई आम भी सफलतापूर्वक उगाए हैं। अब उनका मकसद इन आम के बगीचे तैयार करने का है।
प्लासी नाबार्ड वित्तपोषित प्लासी-मैड भगेटू संपर्क मार्ग (लंबाई: 2.5 किमी, लागत ₹1.85 करोड़) के निर्माण कार्य में स्थानीय ग्रामीणों ने गंभीर अनियमितताओं और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। ग्रामीणों का कहना है कि सड़क और डंगे के निर्माण में भारी धांधली की गई, और लगभग 100 फीट लंबे डंगे को केवल मिट्टी भरकर ढक दिया गया, जो भविष्य में जानलेवा साबित हो सकता है। मुख्य शिकायतकर्ता रवि कुमार उर्फ मोनू ठाकुर ने बताया कि उन्होंने और अन्य ग्रामीणों ने कई बार लोक निर्माण विभाग से शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि ठेकेदार सौरभ पठानिया के पिता राम चंद पठानिया, जो कांगड़ा एग्रीकल्चर बैंक के चेयरमैन हैं, और स्थानीय विधायक सुरेश कुमार के दबाव में विभाग ने चुप्पी साध ली। इतना ही नहीं, एक लाख रुपये की रिश्वत देकर मामला दबाने की भी कोशिश की गई। प्रकाश चंद, सुरेंद्र कुमार, पवन ठाकुर, जसबीर सिंह, सुशील कुमार सहित दर्जनों ग्रामीणों ने भी इस भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई है और ठेकेदार व जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने और बिजलेंस इन्क्वायरी कराने की मांग की है। ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री उपमुख्यमंत्री,लोक निर्माण मंत्री एवं केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से गुहार लगाई है कि दोषियों के खिलाफ रजिस्टर एफआईआर की जाए। पूरे निर्माण कार्य की तकनीकी ऑडिट करवाई जाए तथा भ्रष्टाचार में संलिप्त ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट किया जाए। वही ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई तो वे मुख्यमंत्री कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे।
केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय वेदव्यास परिसर बलाहर में संस्कृत भारती-हिमाचल प्रदेश न्यास के संयुक्त तत्त्वावधान में 12 जुलाई से 21 जुलाई तक आयोजित दश दिवसीय अखिल भारतीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के छठे दिन का शुभारंभ हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग से सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य दिनेश शर्मा ने दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया। कलोहा निवासी दिनेश शर्मा ने कहा कि बलाहर में निर्मित इस विद्यापीठ का होना क्षेत्रवासियों के लिए गर्व की बात है।केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के इस परिसर में सम्पूर्ण देश से छात्र अध्ययन हेतु आते हैं जिससे हम क्षेत्रवासियों का मस्तक गर्व से ऊँचा होता है। विश्वविद्यालय के कुलपति, कुलसचिव एवं समस्त प्रशासनिक व शैक्षणिक अधिकारियों एवं वेदव्यास परिसर के समस्त आचार्यों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि देवभूमि हिमाचल में स्थापित यह परिसर ऐसे ही समुन्नति करता रहे एवं राज्य के साथ-साथ देश के विविध राज्यों से अध्ययन हेतु आए छात्र इसका नाम रोशन करते रहें ।
शूलिनी विश्वविद्यालय ने यूनाइटेड किंगडम (यूके) के साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसका उद्देश्य दोनों संस्थानों के बीच शैक्षणिक और अनुसंधान सहयोग को मजबूत करना है। साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय के एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल, जिसमें इसके अध्यक्ष और कुलपति प्रो. मार्क ई. स्मिथ और उपाध्यक्ष (अंतर्राष्ट्रीय और सहभागिता) प्रो. एंड्रयू एथरटन शामिल थे, ने शूलिनी विश्वविद्यालय के अंतर्राष्ट्रीय मामलों के कार्यालय (ओआईए) द्वारा समन्वित दो दिवसीय सहभागिता के लिए विश्वविद्यालय का दौरा किया। प्रतिनिधियों ने वर्धमान अनुसंधान प्रयोगशाला, नैनो प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला, आईपीआर सेल और एआई एवं भविष्य केंद्र सहित प्रमुख अनुसंधान और नवाचार सुविधाओं का दौरा किया। उन्होंने शूलिनी के अधिकारियों के साथ रचनात्मक प्रौद्योगिकी केंद्र का औपचारिक उद्घाटन किया। उन्हें विश्वविद्यालय की स्थिरता पहलों और पर्यावरण के अनुकूल बुनियादी ढाँचे के बारे में भी जानकारी दी गई। शूलिनी सेंटर ऑफ क्रिएटिव टेक्नोलॉजी एक ऐसा स्थान बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है जहाँ रचनात्मकता और तकनीक का मिलन होता है। इस केंद्र की शुरुआत एक शैक्षणिक और रचनात्मक पहल के रूप में हुई है। इसका उद्देश्य उत्पाद डिज़ाइन, डिजिटल मीडिया, एनीमेशन, उपयोगकर्ता अनुभव और उभरती प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में छात्रों, शिक्षकों और पेशेवरों का समर्थन करना है। इस केंद्र का उद्देश्य मजबूत शैक्षणिक और उद्योग-आधारित शिक्षा के माध्यम से प्रौद्योगिकीविदों, उद्यमियों और मीडिया पेशेवरों की एक नई पीढ़ी का विकास करके भारत को रचनात्मक उत्कृष्टता में वैश्विक नेता बनने में मदद करना है। प्रो. मार्क ई. स्मिथ ने कहा कि दोनों संस्थानों का लक्ष्य अनुसंधान, नवाचार और शिक्षण में मिलकर काम करना है। उन्होंने कहा, "एआई वैश्विक स्तर पर शैक्षणिक और सांस्कृतिक जुड़ाव को नया रूप दे रहा है। प्रो. एंड्रयू एथरटन ने नवाचार और स्थिरता के प्रति शूलिनी के दृष्टिकोण की प्रशंसा करते हुए कहा, "हम शिक्षा और अनुसंधान पहलों पर सहयोग करने में महत्वपूर्ण संभावना देखते हैं। कुलपति प्रो. अतुल खोसला ने कहा कि यह साझेदारी ऐसे समय में हुई है जब वैश्विक शैक्षणिक परिदृश्य तेजी से विकसित हो रहा है। उन्होंने कहा, "संस्थानों को बदलाव के प्रति चुस्त और उत्तरदायी होने की आवश्यकता है।" कुलपति प्रो. पी.के. खोसला ने कहा कि शोध शूलिनी के शैक्षणिक मिशन का केंद्रबिंदु बना हुआ है। यह समझौता ज्ञापन छात्र और संकाय आदान-प्रदान, संयुक्त अनुसंधान, दोहरी डिग्री कार्यक्रम, ग्रीष्मकालीन स्कूल और शैक्षणिक सम्मेलनों जैसे क्षेत्रों में सहयोग की रूपरेखा प्रस्तुत करता है। विश्वविद्यालय के नेतृत्व की उपस्थिति में प्रो. अतुल खोसला और प्रो. मार्क ई. स्मिथ ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
हिमाचल प्रदेश के सात जिलों में आज से बारिश का यलो अलर्ट किया गया है। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, चंबा, कांगड़ा, कुल्लू और मंडी जिला में तेज वर्षा होगी। साथ ही आने वाले दो दिनों (18 व 19 जुलाई) में चंबा, कांगड़ा, कुल्लू और मंडी जिलों में यलो अलर्ट की स्थिति बनी रहेगी। प्रदेश में इस मानसून सीजन (20 जून से 16 जुलाई) की भारी बारिश व बादल फटने से 820 करोड़ रुपए की सरकारी व निजी संपत्ति तबाह हो चुकी है। इसी तरह 106 लोगों की जान जा चुकी है। इनमें से लैंडस्लाइड, बाढ़ व बादल फटने से 24 लोगों की जान गई है, जबकि 34 लोग लापता है। 44 लोगों की जान सड़क दुर्घटनाओं में गई है।