ज्वालामुखी : 22 सितंबर से शुरू होंगे शारदीय नवरात्र, झंडा रस्म के साथ होगा आगाज

विश्व प्रसिद्ध शक्तिपीठ श्री ज्वालामुखी मंदिर में 22 सितंबर से शारदीय अश्विन नवरात्र शुरू होने जा रहे हैं, जो दो अक्तूबर तक चलेंगे। नवरात्रों का विधिवत पूजा-अर्चना और झंडा रस्म के साथ आगाज होगा। मंदिर में नौ दिन तक चलने वाले मेलों के दौरान इस बार 70 अतिरिक्त अस्थायी कर्मी तैनात रहेंगे। वहीं, 60 अतिरिक्त सफाई कर्मी शहर और मंदिर की सफाई व्यवस्था संभालेंगे। नवरात्र में मंदिर के गर्भ गृह में नारियल ले जाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है।
ज्वाला ज्योतियों का लाइव दर्शन शहर और मंदिर में लगी एलईडी पर लगातार होता रहेगा। सुरक्षा दृष्टि से अतिरिक्त 100 होमगार्ड, पुलिस जवान और एक्स सर्विसमैन चप्पे-चप्पे पर पहरा देंगे। मंदिर कर्मचारियों, मेला ड्यूटी पर अस्थायी कर्मचारियों और अधिकारियों को पहचान पत्र जारी किए जाएंगे। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मुंडन स्थल का विशेष प्रबंध किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से मेलों में निशुल्क स्वास्थ्य शिविर लगाया जाएगा। लाइनों में लगे श्रद्धालुओं को पेयजल सुविधा के लिए अलग से व्यवस्था की जाएगी।
तीन समय के भोजन की लंगर व्यवस्था रहेगी। मंदिर को रंग-बिरंगे फूलों और सजावटी लड़ियों से सजाया जाएगा। शहर में लगाए जाने वाले लंगरों और सभी प्रकार की फल और मिठाई की दुकानों पर खाद्य विभाग नजर रखेगा। श्रद्धालुओं की सुरक्षा व असामाजिक तत्वों को पकड़ने के मद्देनजर 80 सीसीटीवी कैमरों के जरिये कंट्रोल रूम से चप्पे-चप्पे पर नजर रहेगी। शहर में कई जगह वैकल्पिक और अतिरिक्त कैमरे स्थापित किए जाएंगे।
साथ ही हर श्रद्धालु को मेटल डिटेक्टर से चेकिंग के बाद ही मां के दर्शन के लिए भेजा जाएगा। शहर को सात सेक्टरों में बांटा गया है। चिह्नित स्थानों और शहर के बाहर नादौन, देहरा व कांगड़ा रोड पर बड़ी गाड़ियों की पार्किंग की सुविधा रहेगी। ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त किया जाएगा। नादौन, कांगड़ा, देहरा मार्ग पर पुलिस की अस्थायी चौकियां रहेंगी। दिव्यांगों को दर्शन के लिए व्हील चेयर का प्रावधान रहेगा। मुख्य मंदिर मार्ग नंबर एक वाहनों के लिए पूर्णतया बंद रहेगा। सड़क के किनारे वाहन पार्क करने पर प्रतिबंध रहेगा। मंदिर से पूरे शहर तक लाउडस्पीकर सूचना के लिए स्थापित किए गए हैं। ढोल नगाड़ों, विस्फोटक पदार्थ, आग्नेय शस्त्रों पर प्रतिबंध रहेगा।