कोरोना वायरस के चलते जान गवाने वाले कर्मचारियों के परिवारो को रेलवे विभाग ने दी नौकरी
कोरोना से लड़ाई में रेलवे ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। रेलवे ने कोरोना के दौरान सभी जरूरी सामान को देश के हर हिस्से में पहुंचाया और कोरोना के कठिन वक्त पर रेलवे के कर्मचारी कार्यरत थे, जिस कारण से रेलवे के कई कर्माचारी कोरोना से ग्रसित हुए और उनकी जान चली गई। इसी के चलते अब रेलवे ने वैसे कर्माचारी के परिवार वालों को नौकरी देने का ऐलान किया है जिनकी जान कोरोना के कारण चली गई है। इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार भारतीय रेलवे ने 2,800 से अधिक लोगों को नौकरी दी है, जो अनुकंपा के आधार पर महामारी के दौरान काम करते हुए कोविड -19 से मरने वाले कर्मचारियों के परिजन हैं। रेल मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि मृतक व्यक्तियों के नाबालिग बच्चों को 18 साल की उम्र में नौकरी मिल जाएगी। पिछले साल मार्च 2020 से भारतीय रेलवे ने विभिन्न रैंकों और विभागों के 3,256 अधिकारियों को खो दिया, जो की स्टेशनों, पटरियों और कार्यशालाओं में काम कर रहे थे, इनमें से 87 प्रतिशत लोगों के परिवार के सदस्यों को चार महीने के भीतर रेलवे की नौकरी मिल गई। ज्यादातर मामलों में बेटा या पत्नी है, जिसने नौकरी ली है। कई अन्य मामलों में, पत्नियों ने अनुरोध किया है कि उच्च प्रोफ़ाइल के लिए पात्र होने के लिए उनकी उच्च शिक्षा पूरी होने तक उनके रोजगार को रोक कर रखा जाए। ज्यादातर नौकरियां ग्रुप डी कैटेगरी में हैं। रेलवे ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल के एक निर्णय के अनुसार, अपने कर्मचारियों को 78 दिनों के वेतन के बराबर प्रदर्शन लिंक्ड बोनस की भी घोषणा की। रेलवे इस महीने तक रोजगार अभियान को पूरा करने की उम्मीद कर रहा है।