कई बार टूट कर कमजोर हुई है कांग्रेस

देश की सबसे पुरानी पोलिटिकल पार्टी कांग्रेस कई बार टूट कर कमजोर होती रही है। आजादी से पहले ही कांग्रेस दो बार टूट चुकी थी। 1923 में सीआर दास और मोतीलाल नेहरू ने स्वराज पार्टी का गठन किया था। फिर 1939 में नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने सार्दुलसिंह और शील भद्र के साथ मिलकर अखिल भारतीय फॉरवर्ड ब्लॉक का निर्माण किया। आजादी के बाद भी सिलसिला बरक़रार रहा और कांग्रेस से टूटकर 50 से ज्यादा राजनैतिक दल बने। कुछ का अस्तित्व है तो कुछ खत्म हो चुके है। कांग्रेस को 1951 में बड़ी टूट का सामना करना पड़ा, जब जेबी कृपलानी ने अलग होकर किसान मजदूर प्रजा पार्टी बनाई। इसी तरह एनजी रंगा ने हैदराबाद स्टेट प्रजा पार्टी बनाई। सौराष्ट्र खेदुत संघ भी इसी साल बनी। फिर 1956 में पार्टी को बड़ा झटका लगा और सी. राजगोपालाचारी ने अलग होकर इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिक पार्टी बनाई। इसके बाद बिहार, राजस्थान, गुजरात , ओडिशा, केरल सहित कई राज्यों में कांग्रेस टूट गई। फिर 1967 में किसान नेता चौधरी चरण सिंह ने कांग्रेस से अलग होकर भारतीय क्रांति दल बनाया। बाद में उन्होंने लोकदल के नाम से पार्टी बनाई। चौधरी चरण सिंह भारत के प्रधानमंत्री भी बने। पार्टी से टूटने वाले नेताओं और उनके द्वारा बनाई गई पार्टियों की फेहरिस्त काफी लंबी है।
कांग्रेस की सबसे मजबूत नेता माने जाने वाली इंदिरा गाँधी के दौर में भी पार्टी की टूट जारी रही। पार्टी की अंतर्कलह के चलते 12 नवंबर, 1969 को कांग्रेस ने प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को पार्टी से बर्खास्त कर दिया। उस समय इंदिरा ने कांग्रेस (आर) नाम से एक नई पार्टी बनाई, जिसका चुनाव चिन्ह 'गाय और बछड़ा' था। बाद में कांग्रेस (आर) कांग्रेस (आई) हुई और कालांतर यही कांग्रेस आईएनसी यानी इंडियन नेशनल कांग्रेस हो गई। इंदिरा के दौर में इंदिरा और संजय गाँधी की कार्यशैली से खफा कई नेताओं ने अलग पार्टियां बनाई। 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद राजीव गांधी प्रधानमंत्री बने, लेकिन उनकी ही सरकार में रक्षा मंत्री रहे वीपी सिंह ने बगावत का झंडा बुलंद किया। वीपी सिंह कांग्रेस से बाहर निकलकर जनमोर्चा नाम से नया दल बनाया और बोफोर्स मुद्दे के सहारे वे भाजपा और वामपंथी दलों की बैसाखी के सहारे प्रधानमंत्री भी बने। बाद में इसी जनमोर्चा से टूटकर जनता दल, जनता दल (यू), राजद, जद (एस), सपा आदि कई दल बने। पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस, आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस, महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार), छत्तीसगढ़ में अजीत जोगी की जनता कांग्रेस भी पार्टी से टूटकर ही बने। ओडिशा में सत्तासीन बीजू जनता दल भी एक तरह से कांग्रेस की टूट का ही नतीजा है। पार्टी के संस्थापक बीजू पटनायक पहले कांग्रेस में थे, फिर जनता दल में शामिल हुए बाद में ओडिशा में बीजद नाम से दल बना। इसके अलावा भी कई प्रमुख राजनीतिक दल कांग्रेस से टुकर बने है।