दोनों प्रदेश अध्यक्षों का होगा इम्तिहान

** प्रतिभा सिंह और सुरेश कश्यप, दोनों है वर्तमान में सांसद
हिमाचल में दोनों मुख्य राजनीतिक दलों के अध्यक्षों में एक बात समान है, दोनों ही लोकसभा सांसद भी है। कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह मंडी से सांसद है, तो भाजपा अध्यक्ष सुरेश कश्यप शिमला से। मौजूदा राजनैतिक परिवेश में इन दोनों में एक समानता और है, वो ये है कि बीते विधानसभा चुनाव में ये दोनों ही अपने -अपने संसदीय क्षेत्रों में अपने दलों को बढ़त नहीं दिला पाएं। ये बेहद दिलचस्प आंकड़ा है कि प्रदेश के सभी सांसदों के क्षेत्रों में उनके दल पिछड़ गए और दोनों राजनैतिक दलों के प्रदेश अध्यक्ष भी इसमें शामिल है। जाहिर है ऐसे में 2024 की राह इन दोनों ही नेताओं के लिए आसान नहीं होने वाली।
पहले बात भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप की करते है। दो बार विधायक रह चुके कश्यप वर्तमान में शिमला से सांसद है और करीब पौने तीन साल से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी। पर विधानसभा चुनाव में जिन सुरेश कश्यप के कन्धों पर पार्टी के मिशन रिपीट का बोझथा वो अपने ही निर्वाचन क्षेत्र में फीके रहे। शिमला संसदीय क्षेत्र की 17 सीटों में से भाजपा को महज तीन पर जीत नसीब हुई। संसदीय क्षेत्रवार देखे तो शिमला में भाजपा सबसे ज्यादा कमजोर रही। ऐसे में 2024 में क्या भाजपा लगातार चौथी बार इस संसदीय सीट पर जीत दर्ज करेगी, ये बड़ा सवाल है। वैसे माहिर मान रहे है कि इससे भी बड़ा सवाल ये है कि क्या भाजपा फिर सुरेश कश्यप पर दांव खेलेगी ? संभवतः पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव में सुरेश कश्यप की जगह अन्य विकल्पों पर भी विचार करें।
अब बात प्रतिभा सिंह की करते है। विधानसभा चुनाव में मंडी संसदीय क्षेत्र के तहत आने वाली 17 में से सिर्फ पांच सीटों पर कांग्रेस को जीत मिली थी। ये एकमात्र ऐसा संसदीय हलका है जहाँ कांग्रेस पिछड़ी। ऐसे में जाहिर है प्रतिभा सिंह के जादू पर भी सवाल उठे है। बावजूद इसके इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि प्रतिभा सिंह ही हिमाचल कांग्रेस का वो एकमात्र चेहरा है जो मोदी दौर में भी लोकसभा पहुंचने में कामयाब रही है। माहिर मान रहे है कि प्रतिभा सिंह की स्थिति अब भी ठीक ठाक है। 2024 में उनकी राह कितनी आसान होती है और कितनी कठिन, ये दरअसल दो बातों पर निर्भर करेगा। पहला, क्या मोदी लहर का कितना असर होता है और दूसरा उनके सामने चेहरा कौन होता है।
सुक्खू राज में छाया शिमला संसदीय क्षेत्र
शिमला संसदीय क्षेत्र को सुक्खू सरकार में दिल खोलकर मिला है। शिमला संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस के 13 विधायक है और इनमें से पांच को मंत्री पद मिला है। इसके अलावा तीन विधायकों को सीपीएस बनाया गया है। प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह का भी शिमला में ख़ासा प्रभाव है और कार्यकारी अध्यक्ष विनय कुमार भी इसी क्षेत्र से आते है। जाहिर है ऐसे में भाजपा को यहाँ खूब जोर लगाना होगा।
जिला मंडी में जयराम फैक्टर असरदार
मंडी संसदीय क्षेत्र की अगर बात करें तो इसमें जिला मंडी के 9 विधानसभा क्षेत्र आते है और इन सभी पर विधानसभा चुनाव में भाजपा को जीत मिली है। इस जीत का सबसे बड़ा कारण है पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर। माहिर मानते है कि अगर जयराम ठाकुर खुद मंडी से मैदान में उतारते है तो इसका बड़ा लाभ भाजपा को हो सकता है।