कर्मचारियों की आवाज दबाने में लगी है सरकार: पठानिया | Himachal News

अपनी मांगों को लेकर कई कर्मचारी वर्ग लगातार सरकार से गुहार लगा रहे है। कर्मचारिओं की मांगों को मुद्दा बनाकर विपक्ष भी सरकार को घेरने में लगा है। कांग्रेस के प्रदेश महासचिव केवल सिंह पठानिया का कहना है कि आज प्रदेश के हर वर्ग के कर्मचारी अपने हक की लड़ाई के लिए सड़कों पर उतर आए हैं और प्रदेश सरकार की नजर इन कर्मचारियों पर नहीं बल्कि अपनी नाकामी को छुपाने के लिए पुलिस बल का प्रयोग करके इन कर्मचारियों की आवाज को दबाने में लगी है। केवल सिंह पठानिया का कहना है कि प्रदेश सरकार को प्रदेश के आशा वर्कर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सम्मान देना चाहिए था जिन्होंने कोरोना काल में आगे आकर अपने और अपने परिवार को जोखिम में डाल कर जनता की सेवा की थी, लेकिन प्रदेश सरकार ने अपनी घटिया मानसिकता का परिचय देकर सम्मान देने के बजाय लाठियां बरसाई। इस सरकार को अब सत्ता में रहने का कोई हक नहीं है। पठानिया का कहना है कि सचिवालय के घेराव को पहुंचे भारतीय मजदूर संघ के कार्यकर्ताओं को लाठियां खानी पड़ी, मजदूर संघ के कार्यकर्ताओं के साथ पुलिस कर्मियों ने धक्कामुक्की की और इस दौरान महासंघ के महासचिव और एक महिला आशा वर्कर कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल भी हो गए। प्रदेश के नौजवान बेरोजगारों को भी परीक्षा देने के लिए सरकार की नाकामी से भारी तकलीफों का सामना करना पड़ा। अगर सरकार ने समय रहते इन कर्मचारियों की मांगों पर गौर किया होता तो किसी को भी किसी भी प्रकार की तकलीफ का सामना नहीं करना पड़ता। इस धरने से प्रदेश की आम जनता भी अछूती नहीं रही कही न कही आम जनमानस को भी धरने की वजह से कई लोगों को परेशान होना पड़ा है। केवल सिंह पठानिया का कहना है कि प्रदेश के कर्मचारी वर्ग अपने हक के लिए आवाज उठा रहा है और सरकार पुलिस द्वारा मजदूर संघ के पदाधिकारियों सहित कार्यकर्ताओं पर एफआईआर दर्ज करने में लग गई। एफआईआर तो उन लोगों पर होनी चाहिए जिनके द्वारा ये सब हुआ इसकी जिम्मेवार सरकार में बैठे सीएम, मंत्री और विधायक हैं।
himachal Pradesh News | Himachal Politics