चुप - चुप मिले हो जरूर कोई बात है !

उपचुनाव में टिकट कटने के बाद खफा -खफा से दिखते रहे कांग्रेस नेता और भाजपा विधायक अनिल शर्मा के बेटे आश्रय शर्मा ने हाल ही गुपचुप सीएम जयराम ठाकुर से मुलाकात की है। इस मुलाक़ात के सियासी माहिर कई मायनें निकाल रहे है। अपने अस्तित्व की जंग लड़ रहा पंडित सुखराम का परिवार आखिर किसकी तरफ है, ये काफी लम्बे समय से बड़ा सवाल बना हुआ है। उपचुनाव के दौरान भी अनिल और आश्रय के दो अलग पार्टियों में होने से ये बिलकुल भी स्पष्ट नहीं हो पा रहा था कि आखिर पंडित सुखराम का निष्ठावान वोट किस प्रत्याशी की ओर जाएगा। भाजपा से विधायक अनिल शर्मा जहां उपचुनाव में भाजपा के प्रचार प्रसार नहीं कर रहे थे तो वहीं आश्रय जरूर प्रतिभा सिंह के लिए औपचारिक प्रचार प्रसार करते नज़र आए थे। अब आश्रय की मुख्यमंत्री के साथ मुलाक़ात चर्चा में है और अंदरखाते क्या चल रहा है कुछ कहा नहीं जा सकता। 2017 में पंडित सुखराम के परिवार ने भाजपा का दामन थामा था, पर फिर 2019 में पंडित सुखराम और आश्रय शर्मा कांग्रेस में लौट गए। वहीँ अनिल शर्मा भाजपा में तो है लेकिन लगातार नज़रअंदाजी का दंश झेल रहे है। हालांकि आश्रय शर्मा की भी कांग्रेस में ज्यादा सहज नहीं दिखते। यानी दो अलग -अलगे सियासी नावों में सवार ये परिवार लगभग हाशिए पर है। बीते दिनों अनिल शर्मा भी कह चुके है कि अब बाप -बेटा दोनों एक ही पार्टी में रहेंगे जिसके बाद से ही सबको इस परिवार के अगले कदम का इंतज़ार है।
मंडी लोकसभा के उपचुनाव के लिए आश्रय लगातार कांग्रेस से टिकट मांगते रहे। उनके दादा पंडित सुखराम का भी यही मानना था कि टिकट के असली हकदार आश्रय ही है। पर जैसा लग रहा था वैसा ही हुआ और कांग्रेस ने आश्रय को टिकट ना देकर पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह को टिकट दिया। हालाँकि इसके बाद उन्हें कांग्रेस द्वारा उपचुनावों के लिए प्रयवेक्षक नियुक्त किया गया। आश्रय ने प्रतिभा के लिए वोट मांगें ज़रूर मगर वो उपचुनावों में उतना एक्टिव नहीं दिखे। इस उपचुनाव में सदर मंडी से विधायक अनिल शर्मा के क्षेत्र से भाजपा को लीड मिली है। अनिल ने न तो भाजपा प्रत्याशी के लिए प्रचार किया और न ही वो मैदान में उतरे, बावजूद इसके उनके क्षेत्र से भाजपा के प्रत्याशी को करीब तीन हज़ार की बढ़त मिली। जबकि मंडी संसदीय क्षेत्र के तहत आने वाले दो मंत्रियों के गृहक्षेत्रों से भाजपा को लीड़ नहीं मिली है। चुनाव के दौरान अनिल शर्मा को भी सीएम जयराम ठाकुर ने पार्टी के लिए काम करने के लिए कहा था और उनके मान सम्मान को बरकरार रखने की बात कही थी। अब उपचुनाव के बाद आश्रय शर्मा के सीएम जयराम ठाकुर से मिलने के बाद कई कयास लग रहे है। हालांकि आश्रय इसे शिष्टाचार भेंट बता रहे है। बहरहाल ये तथाकथित शिष्टाचार भेंट भविष्य में क्या रंग लाती है, इसको लेकर चर्चा होना तो लाज़मी है।