सीएम चेहरा काेई नहीं हाेता, मगर वीरभद्र खुद थे एक ही चेहरा: आशा कुमारी

प्रदेश में हाेने वाले चार उपचुनावाें से पहले राज्य में भाजपा और कांग्रेस की राजनीतिक सरगर्मियां तेज हाेती जा रही है। हालांकि अभी तक निर्वाचन आयोग से चुनावी शेड्यूल जारी नहीं हुआ है, लेकिन विपक्ष यानी कांग्रेस ने भीतरखाते पूरी तैयारी कर ली है। दोनों मुख्य राजनीतिक दलों की तरफ से वार -पलटवार की राजनीति प्रखर हो चुकी है। वहीँ पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के निधन के बाद कांग्रेस में भी सरगर्मियां तेज है। पार्टी के प्राइम फेस को लेकर तरह -तरह के कयास लग रहे है। कई वरिष्ठ नेताओं के नाम इस फेहरिस्त में है जिनमें से एक नाम है डलहौज़ी विधायक आशा कुमारी का। विधानसभा के बदले सीटिंग प्लान में आशा कुमारी को स्व वीरभद्र सिंह वाली कुर्सी दी गई है। इसके कई राजनीतिक मायने भी निकाले जा रहे है। ऐसे ही कई मसलों पर फर्स्ट वर्डिक्ट ने आशा कुमारी से विशेष बातचीत की। हमने यह भी जानने की काेशिश की कि पूर्व सीएम स्व.वीरभद्र सिंह के निधन के बाद पार्टी में अब सीएम का चेहरा काैन हाेगा? 2022 के चुनाव के लिए कांग्रेस की क्या रणनीति है? आशा कुमार ने साफ कहा कि सीएम चेहरा काेई नहीं हाेता है, पार्टी चुनाव लड़कर सत्ता में आएगी। उपचुनावाें में देरी काे लेकर भी आशा ने माेदी सरकार के खिलाफ माेर्चा खाेलते हुए कहा कि उपचुनाव से डर रही भाजपा काेराेना के बहाने इन्हें टालने के प्रयास कर रही है। पेश है आशा कुमारी से हुई बातचीत के मुख्य अंश...
सवाल: आप कांग्रेस की वरिष्ठ नेता है। जल्द चार उपचुनाव होने है, ऐसे में इन उपचुनावाें में कांग्रेस की तैयारी और प्रदर्शन को लेकर आप क्या कहेंगी ?
जवाब: प्रदेश में तीन विधानसभा और मंडी संसदीय सीट पर उपचुनाव हाेने हैं, लेकिन केंद्र की माेदी सरकार काेराेना के बहाने चुनाव टाल रही है, डर रही है। कांग्रेस पहले ही तैयार है और हर माेर्चे पर सशक्त है। हमें ताे सिर्फ चुनावी तिथियाें का इंतजार है। कांग्रेस चाराें उपचुनाव जीतेगी, मगर माेदी सरकार उपचुनाव करवाए ताे सही। हमें शंका है कि सरकार की उपचुनाव करवाने की मंशा नहीं हैं। काेराेना का बहाना बना कर सरकार चुनाव टालना चाहती है क्यों कि उनकी हार निश्चित है। काेराेना काल में हिमाचल के चार नेताओं का निधन हुआ। मंडी लाेकसभा क्षेत्र से स्व. रामस्वरूप शर्मा, अर्की विधानसभा क्षेत्र से हमारे पूर्व मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह, जुब्बल-काेटखाई से स्व. नरेंद्र बरागटा और फतेहपुर से स्व. सुजान सिंह पठानिया हमारे बीच नहीं रहे। वैसे ताे भारतीय संविधान के तहत काेई भी सीट खाेली हाेती है ताे वहां छह महीने के अंदर उपचुनाव करवाए जाने का प्रावधान है, मगर फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र में छह महीने के बाद भी उपचुनाव नहीं हुए। कांग्रेस पूरी तरह तैयार है और इन चाराें सीटाें पर जीत दर्ज करेगी।
सवाल: वीरभद्र सिंह अब नहीं रहे, ऐसे में प्रदेश कांग्रेस में 2022 के चुनाव में सीएम का चेहरा काैन हाे सकता है?
जवाब: सीएम का कोई चेहरा नहीं हाेता है, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह अपने आप में एक चेहरा थे। ऐसे में अब हम सबकाे साथ मिलकर अगले साल के चुनाव में उतरना हाेगा ताकि कांग्रेस सत्ता में आ सके। जहां तक सीएम चेहरे की बात है, प्रदेश में सीएम के चेहरे पर नहीं, बल्कि कांग्रेस पार्टी के नाम पर चुनाव लड़ेगी। सीएम बनाना या बनना काेई लक्ष्य नहीं हैं, कांग्रेस क्लेक्शनल लीडरशिप पर ही चुनाव लड़ेगी। पूर्ण बहुमत मिलने पर पार्टी हाईकमान तय करेगा कि हिमाचल का सीएम काैन हाेगा।
सवाल: विधानसभा सदन में जिस सीट पर वीरभद्र सिंह बैठा करते थे अब आप वहां पर बैठ रही हैं, ताे साफ जाहिर है कि आप पार्टी में उनके बाद सबसे वरिष्ठ नेता है?
जवाब: ऐसा कुछ नहीं हैं, मैं पार्टी में एक कार्यकर्ता हूं। 1985 से लेकर अब तक मैं छह बार चुनाव जीत कर आई हूं। विधानसभा सदन में बैठने का सीटिंग प्लान बदलते रहता है। कुछ लोग कहते हैं कि मैं अब पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की सीट पर बैठ रही हूं ताे पार्टी में सबसे वरिष्ठ नेता हूं, मगर ऐसा नहीं हैं। रामलाल ठाकुर जी भी 1985 से सदन में है, बस वो पांच बार जीते और मैं छ। हमारा एक ही लक्ष्य है कि कांग्रेस काे अगले साल यानी 2022 में सत्ता में वापसी करना है।
सवाल: जयराम सरकार के साढ़े तीन साल के कार्यकाल काे आप कितने अंक देना चाहेगी ?
जवाब: मैं काेई अंक नहीं देना चाहती हूं। जयराम सरकार के लिए ताे माइनस की रेटिंग ही दूंगी। अब तक के कार्यकाल में भाजपा सरकार ने एक ही पाॅलिसी लागू की वह है हम दाे हमारे काेई नहीं। यानी सिर्फ सराज और धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र में ही विकास कार्य हुए। बाकी अन्य क्षेत्राें में कुछ भी नहीं किया। यह सरकार भू-माफिया, जमीन माफिया, आईपीएच माफिया, वन माफिया की सरकार है। ये सिर्फ माफिया और माफिया की सरकार है। काेराेना काल में मिस मेनेजमेंट के कारण भ्रष्टाचार हुआ। डा. राजीव बिंदल काे इस्तीफा देना पड़ा, डायरेक्टर हेल्थ काे इस्तीफा देना पड़ा, ताे इससे बड़ा भ्रष्टाचार क्या हाे सकता है। इसलिए मैं यही कह रही हूं कि प्रदेश की भाजपा सरकार पूरी तरह से भ्रष्टाचार में डूबी है जिसका खामियाजा अगले साल हाेने वाले विधानसभा चुनाव में भुगतना पड़ेगा। जिस तरह से ममता बनर्जी ने भाजपा काे बंगाल में सबक सीखा दिया है उसी तरह 2022 के चुनाव में कांग्रेस हिमाचल में भाजपा काे सबक सिखाएगी।
सवाल: मंडी संसदीय सीट पर क्या वीरभद्र सिंह परिवार के चुनाव लड़ने को लेकर कयास लग रहे है, इस पर आप क्या कहेगी ?
जवाब: बिलकुल सही है कि मंडी संसदीय उपचुनाव में प्रतिभा सिंह काे मैदान में उतरना चाहिए। मगर पार्टी हाईकमान अंतिम फैसला करेगा। हमने यानी संगठन ने एक प्रस्ताव पास कर पार्टी हाईकमान काे भेज दिया है कि प्रतिभा सिंह काे मंडी संसदीय उपचुनाव के लिए मैदान में उतारा जाए। कारण यह है कि प्रतिभा सिंह काे पूर्व का अनुभव भी है। अब टिकट काे लेकर अंतिम निर्णय पार्टी हाईकमान काे ही लेना है। जब भी उप चुनाव हाेंगे कांग्रेस प्रत्याशियाें की जीत तय है। चाहे तीन विधानसभा हाे या फिर मंडी संसदीय क्षेत्र।