विरोध के बावजूद बिजली महादेव रोपवे को मिली मंजूरी
** 283 करोड़ की लागत बनकर होगा तैयार
जिला कुल्लू में विरोध के बावजूद भी बिजली महादेव रोपवे को वन संरक्षण अधिनियम (FCA) के तहत पहले चरण की अनुमति मिल गई है।अनुमति मिलते ही अब रोपवे बनने का रास्ता साफ हो गया है। रोपवे का निर्माण नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड करेगी। निर्माण कंपनी को काम अवार्ड कर दिया गया है। वहीं, अब जिला कुल्लू की खराहल घाटी में स्थित बिजली महादेव मंदिर तक पहुंचने के लिए लोगों को ट्रैफिक जाम जैसी समस्याओं से दो-चार नहीं होना पड़ेगा और पर्यटक भी आसानी से यहां पहुंच पाएंगे।
एफसीए के तहत परमिशन मिलने के बाद अब जल्द यहां पर रोपवे तैयार किया जाएगा. वहीं, रोपवे के बन जाने से घाटी के पर्यटन को भी पंख लगेंगे। इस रोपवे के बनने से 36 हजार पर्यटक एक दिन में बिजली महादेव के दर्शन कर सकते हैं और यहां के पर्यटन को भी इससे काफी लाभ होगा। दशकों से लटके बिजली महादेव प्रोजेक्ट को अब जल्द ही धरातल पर उतारा जाएगा। इसके लिए काम किया जा रहा है। ऐसे में कुल्लू जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ये एक अहम कड़ी का काम करेगा। पांच मार्च 2024 को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने वर्चुअल हमीरपुर से रोपवे का भूमि पूजन किया गया था। रोपवे बन जाने के बाद पर्यटक बिजली महादेव का सफर आसानी से कर सकेंगे। रोपवे ब्यास नदी के किनारे नेचर पार्क मौहल के साथ बनाया जाएगा। इसकी लंबाई 2.33 किलोमीटर होगी। अभी तक बिजली महादेव के दर्शन करने के लिए 25 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार बिजली महादेव का दौरा तब किया गया था, जब वह प्रदेश भाजपा के प्रभारी थे। उन्होंने चार जून 2000 को बिजली महादेव मंदिर में माथा टेका था। पांच नवंबर 2017 को वह कुल्लू आए थे। इस दौरान एक जनसभा में बिजली महादेव का जिक्र भी किया था। बिजली महादेव मंदिर के लिए रोपवे बनाने का उनका ये सपना जल्द पूरा होने वाला है। स्थानीय लोगों का तर्क है कि बिजली महादेव रोपवे के बन जाने से स्थानीय लोगों का रोजगार खत्म हो जाएगा। कुल्लू से वाया रामशिला होते हुए रास्ते में जिन लोगों की दुकानें, ढाबे, होटल, रेस्तरां आता है, उन सभी को रोजगार चौपट हो जाएगा। इसके अलावा रोपवे के लिए पेड़ों का भी कटान किया जाएगा, जिससे पर्यावरण पर प्रभाव पड़ेगा, जबकि इसका लाभ बड़ी कंपनी को मिलेगा। इसके लिए ग्रामीणों ने कई बार रोपवे के विरोध में प्रदर्शन किया है।