धर्मशाला: बिक्रम ठाकुर का आरोप, कर्मचारियों की नौकरी पर अब मुख्यमंत्री की नजर

सरकार के करीबी उच्च अधिकारीयों को लाखों के वेतन के साथ पुनः नियुक्ति और कर्मचारी जो रोज कमा कर अपने परिवार का पालन पोषण कर रहें है सरकार उन्हें बोझ समझ रही है। पूर्व उद्योग मंत्री एव विधायक बिक्रम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार ने अब प्रदेश के कर्मचारियों और पेंशनरों के प्रति अपनी संवेदनहीनता की सारी सीमाएं पार कर दी हैं। जिस सरकार ने ओपीएस का झूठा वादा कर सत्ता हथियाई, उसी सरकार ने अब अप्रैल 2024 के बाद सेवानिवृत्त हिमाचल पथ परिवहन निगम कर्मचारियों को पेंशन से वंचित कर दिया है।
उन्होंने कहा कि आज हिमाचल पथ परिवहन निगम पेंशनरों को अपने अधिकारों के लिए शिमला की सड़कों पर उतरना पड़ा, जो कांग्रेस सरकार की नाकामी और कर्मचारियों के प्रति निष्ठुर रवैये को उजागर करता है। लगभग 250 पेंशनरों को अब तक पेंशन नहीं मिली है, सितम्बर माह की पेंशन तक अटकी हुई है, जबकि 2016 के वेतनमान का एरियर, डीए और मेडिकल बिलों का भुगतान महीनों से लंबित है। यह वही सरकार है जो मंचों से “समृद्ध हिमाचल” की बात करती है और धरातल पर बुजुर्ग पेंशनरों को अपने अधिकारों के लिए सड़क पर धकेल देती है।
उन्होंने कहा कि सरकार की कुदृष्टि अब महिलाओं को मिलने वाले बस किराए में 50% की छूट पर पड़ गई है। यह सरकार हमेशा ही पहले पूर्व सरकार की योजनाओं पर टिप्पणी करती है, उन योजनाओं से होने वाले सामाजिक मनोवैज्ञानिक लाभ को नजरअंदाज करके उसके आर्थिक पहलुओं को गलत तरीके से जनता के सामने रखती है। इसके बाद वह सुविधा छीन लेती है। सुक्खू सरकार हमेशा इसी पैंतरे बाजी से काम करती है। पहले सरकार ने फ्री बिजली की योजना पर ओछी टिप्पणी की, ग्रामीण क्षेत्रों में मिल रहे नि:शुल्क पानी, सहारा योजना की पेंशन, हिम केयर के इलाज पर मुख्यमंत्री ने अपनी दूरदृष्टिहीन टिप्पणियां कर पहले अपनी मंशा जाहिर की और बाद में उन्हें घोषित या घोषित रूप से बंद कर दिया। यहां भी सरकार कुछ ऐसा ही करना चाहती है इसीलिए बार-बार महिलाओं को मिल रहे 50% बस किराए में छूट की आलोचना की जा रही है।
उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड, हिमुड़ा और अन्य संस्थानों में पद खत्म करने के बाद अब हिमाचल पथ परिवहन निगम को खत्म करने की तैयारी हो रही है। उन्होंने कहा कि सुक्खू सरकार कर्मचारियों और पेंशनरों को “बोझ” मान रही है, जबकि यही लोग प्रदेश की सेवा में अपना जीवन समर्पित कर चुके हैं। मुख्यमंत्री को बताना चाहिए कि हिमाचल पथ परिवहन निगम के 50 वर्ष पूरे होने पर किए गए वादे और घोषणाएं आज तक अधूरी क्यों हैं? बिक्रम ठाकुर ने कहा कि इतना निर्दयी और कर्मचारियों का विरोधी मुख्यमंत्री हिमाचल को पहले कभी नहीं मिला। यह सरकार न विकास कर पाई है, न वादे निभा पाई है और अब कर्मचारियों के अधिकारों को निगलने में जुटी है।