हिमाचल में स्कूल-कॉलेज स्टाफ को वीडियो-रील्स बनाने पर पाबंदी, कड़े निर्देश जारी

हिमाचल प्रदेश के शिक्षण संस्थानों में गैर शैक्षणिक वीडियो और रील्स बनाने पर रोक लगा दी गई है। इसके अलावा सोशल मीडिया का अनावश्यक उपयोग नहीं होगा। शनिवार को उच्च शिक्षा निदेशालय ने सभी स्कूलों और कॉलेजों के प्रिंसिपलों को इस बाबत नजर रखने के निर्देश जारी किए। निदेशालय ने विद्यार्थियों पर इन गतिविधियों का गलत प्रभाव पड़ने का हवाला दिया है। निर्देशों का पालन न करने वाले शिक्षकों और गैर शिक्षकों को अनुशासनात्मक कार्रवाई के प्रति भी चेताया गया है। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने बताया कि ध्यान भटकाने वाली गतिविधियों पर लगाम लगाने और शैक्षणिक गतिविधियों पर फोकस बढ़ाने के उद्देश्य से यह फैसला लिया गया है।
सोशल मीडिया पर शिक्षकों और कर्मचारियों के गैर शैक्षणिक गतिविधियों में शामिल होने के बढ़ते मामलों की निदेशालय के पास लगातार शिकायतें आ रही हैं। इस पर संज्ञान लेते हुए निदेशालय ने स्कूलों-कॉलेजों के प्रिंसिपलों और जिला शिक्षा उपनिदेशकों को पत्र जारी किए हैं। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि कुछ शिक्षक और कर्मचारी स्कूल समय में ऐसी सामग्री बनाते रहते हैं, जो छात्रों के शैक्षणिक विकास में योगदान नहीं देती। ऐसी वीडियो या रील्स सोशल मीडिया पर डाले जा रहे हैं, जो शैक्षणिक, खेल या पाठयक्रम से संबंधित नहीं होते हैं। ऐसे विकर्षण विद्यार्थियों को उनके शैक्षिक लक्ष्यों से दूर करते हैं और उन्हें सोशल मीडिया के उपयोग में लिप्त होने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं जो उनके मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। स्कूलों-कॉलेजों के प्रिंसिपलों को निर्देश दिया है कि विद्यार्थियों के चरित्र निर्माण और उन्हें जिम्मेदार और बेहतर नागरिक बनने के लिए अनुकूल माहौल प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।