छठा वेतन आयोग : वेतनमान विकल्प चुनने के लिए अब 15 अप्रैल तक का वक्त

हिमाचल प्रदेश में घोषणा के तीन महीने बाद भी छठे वेतन आयोग की सिफारिशें लागू नहीं हो पाई है। अब सरकार ने एक बार फिर अवधि को बढ़ा कर पंजाब की तर्ज पर वेतनमान का विकल्प चुनने के लिए कर्मचारियों को 15 अप्रैल तक का वक्त दिया है। वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना की तरफ से डेट बढ़ाने का पत्र जारी हुआ है। ऐसे में कर्मचारियों को नए वेतनमान के लिए अभी और इंतजार करना होगा। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बीते साल ही छठे वेतनमान के लाभ देने का ऐलान कर दिया था। सरकार ने पहले कर्मचारियों को 2.25 व 2.59 के गुणांक के तहत वेतन वृद्धि का विकल्प चुनने का ऑप्शन दिया। इसका अधिकतर कर्मचारियों ने विरोध किया। कर्मचारियों का कहना था कि इन गुणांक को चुनने से कई कर्मचारियों से रिकवरी बन रही है, क्योंकि सरकार ने अपने कर्मचारियों को आईएआर की दो किश्त दे रखी है। मांग उठी तो सरकार ने कर्मचारियों को तीसरा विकल्प भी दे दिया। सरकारी कर्मचारियों के पास अब कुल तीन विकल्प पे-कमीशन को लेकर हैं, जिनमें 2.59 और 2.25 का गुणांक या फिर तीसरा विकल्प 15 फीसदी वेतन वृद्धि का है। अभी तक लगभग 75 फीसदी कर्मचारियों ने यह विकल्प चुन लिया है, लेकिन 25 फीसदी कर्मचारी अभी भी इंतजार कर रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश में जनवरी 2016 से ही कर्मचारियों व पेंशनरों को छठे वेतन आयोग के लाभ देय है। फिर भी इसके लिए कर्मचारियों का इंतजार लंबा होता जा रहा है। दरससल कर्मचारियों के विरोध के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कर्मचारियों को 15 फीसदी वेतन बढ़ोतरी का विकल्प तो दिया लेकिन 15 फीसदी बढ़ोतरी के विकल्प में ऐरियर नहीं देने का प्रावधान किया गया। इससे भी कुछ कर्मचारी खुश नहीं है और पंजाब की तर्ज पर वेतनमान की मांग पर अड़े हुए हैं। इस वजह से बहुत से कर्मचारियों ने सरकार द्वारा बार-बार वेतन वृद्धि का विकल्प मांगने के बावजूद ऑप्शन नहीं दिया। इसके अतिरिक्त दो साल के राइडर में फंसे कर्मचारी राइडर खत्म होने का इंतज़ार कर रहे है। दो साल पहले रेगुलर हुए कर्मचारियों की पे-फिक्सेशन कम ग्रेड पे पर हो रही है। इसी वजह से यह राइडर पर फैसला होने का इंतजार जारी हैं।