बुज़ुर्ग पेंशनरों पर एफआईआर दुर्भाग्यपूर्ण : पेंशनर कल्याण संगठन
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धरने के दौरान एचआरटीसी पेंशनरों और पुलिस के बीच हुई धक्कामुक्की के बाद लगे जाम के मामले में 10 पेंशनरों के खिलाफ एफआईआर होने पर परिवहन पेंशनर कल्याण संगठन भड़क गया है। संगठन के पदाधिकारियों ने कहा है कि सरकार पेंशनरों की आवाज दबाने की कोशिश कर रही है। संगठन के प्रधान सत्यप्रकाश शर्मा, अध्यक्ष केसी चौहान, महासचिव सत्यप्रकाश शर्मा और महासचिव सुरिंद्र कुमार गौतम ने कहा है कि एफआईआर दर्ज कर वरिष्ठ नागरिकों को डराने की कोशिश की जा रही है लेकिन वे बिलकुल भी नहीं डरेंगे ।
पेंशनर संगठन का कहना है की उन्होंने ने 12 मई को एचआरटीसी मुख्यालय के सामने धरना देकर अपनी मांगें उठाई थी और आठ जून को सचिवालय मार्च का ऐलान किया था। 13 मई को सरकार और निगम प्रबंधन को नोटिस देकर सचिवालय मार्च को लेकर अवगत करवाया। बावजूद इसके सरकार और प्रबंधन ने संगठन को कानूनी बाध्यता के विषय में अवगत नहीं करवाया। उन्होंने कहा की अगर हमें सूचित किया जाता तो प्रदर्शन स्थल बदला जा सकता था लेकिन प्रशासन ने ऐसा नहीं किया।
संगठन के पदाधिकारियों ने कहा की पेंशनरों पर ट्रैफिक रोकने के निराधार आरोप लगाए जा रहे हैं। जबकि पुलिस ने बैरिकेड लगाकर और पुलिस बस और जीप सड़क पर तिरछी लगाकर ट्रैफिक रोका। टॉलैंड में लगे सीसीटीवी कैमरों में भी इसकी रिकॉर्डिंग है। पुलिस ने न सिर्फ ट्रैफिक रोका बल्कि वरिष्ठ नागरिकों के ऊपर बल प्रयोग भी किया। जिसमें कई बुजुर्ग चोटिल भी हुए। संगठन ने कहा की बुज़ुर्ग पेंशनरों के साथ ऐसा व्यवहार बेहद दुर्भाग्य पूर्ण है। उन्होंने कहा की अगर पेंशनरों के साथ इस तरह का व्यवहार होता रहा तो प्रदर्शन और भी उग्र होगा।