अब दैनिक वेतन आधार पर काम करने वाले चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को भी मिलेगा OPS का लाभ
हिमाचल प्रदेश के हजारों दैनिक वेतन आधार पर लंबे समय तक कार्य करने वाले कर्मचारियों को पेंशन का रास्ता साफ हो गया है। राज्य सरकार ने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को बड़ी राहत देते हुए उन्हें ओपीएस के तहत शामिल करते हुए सुप्रीम कोर्ट के सुरेंद्र सिंह केस का लाभ सभी को देने का फैसला लिया है। वित्त विभाग ने सभी प्रशासनिक सचिवों को इस बाबत आदेश जारी किए। वित्त विभाग की ओर से 14 फरवरी 2019 की अधिसूचना को संशोधित कर दिया गया है। यह फैसला पुरानी पेंशन योजना की 1 अप्रैल 2023 से प्रभावी बहाली के बाद लिया है। संशोधित निर्देशों का लाभ केवल उन कर्मियों को मिलेगा जो अब सीसीएस पेंशन नियम 1972 यानी ओल्ड पेंशन स्कीम के तहत हैं। इसके तहत पांच वर्ष दैनिक वेतन सेवा को 1 वर्ष क्वालीफाइंग सर्विस माना जाएगा। अधिकतम 2 वर्ष की क्वालीफाइंग सर्विस का लाभ मिलेगा। चाहे उनकी नियमितीकरण की तिथि कोई भी रही हो।
यह लाभ उन चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को मिलेगा, जिनकी सेवाएं नियमितीकरण नीति के तहत नियमित की थीं। पेंशन तभी मिलेगी जब नियमित सेवा और दैनिक वेतन सेवा से प्राप्त लाभ के कुल 10 वर्ष बनेंगे। जिनको 15 मई 2003 या उसके बाद नियमित किया गया था और जो एनपीएस में थे, वे भी पेंशन के हकदार होंगे। इन्हें ओपीएस विकल्प चुनना होगा और सरकार के योगदान और लाभांश को सरकारी खजाने में जमा करवाना होगा। जिन कर्मियों ने यह विकल्प नहीं चुना है, वे 60 दिन में विकल्प दर्ज कर सकते हैं। पेंशन की प्रभावी तिथि 15 मई 2003 से पहले नियमित हुए कर्मियों के लिए एक जनवरी 2018 रखी गई है। 15 मई 2003 या इसके बाद में नियमित हुए और पहले एनपीएस में शामिल कर्मचारी को पेंशन 1 अप्रैल 2023 से लागू होगी।
