पिता-पुत्र ने जीते 9 चुनाव, क्या शिलाई में इस बार भी चौहान ?
शिलाई विधानसभा सीट पर अब तक हुए 11 विधानसभा चुनाव में से 9 बार एक ही परिवार ने राज किया है। ये सीट कांग्रेस का गढ़ रही है। इस सीट पर गुमान सिंह चौहान का दबदबा रहा है और गुमान सिंह के बाद उनकी सियासत की विरासत को उनके बेटे हर्षवर्धन सिंह चौहान ने आगे बढ़ाया है। दिलचस्प बात ये है कि इस सीट पर गुमान सिंह चौहान अपराजित रहे। वे 1972 से 1985 तक लगातार चार चुनाव जीते। फिर 1990 में इस सीट से उनके बेटे हर्षवर्धन चौहान ने चुनाव लड़ा लेकिन तब भाजपा-जनता दल की लहर में वे अपना पहला चुनाव ही हार गए। पर इसके बाद 1993 से 2007 तक हर्षवर्धन फिर जीतते रहे। 2012 में हर्षवर्धन दूसरी बार चुनाव हारे, हालांकि 2017 में वे फिर जितने में कामयाब रहे।
अब पांच बार विधायक रहे हर्षवर्धन आठवीं बार इस सीट से मैदान में है और अपनी छठी जीत को लेकर आश्वस्त भी। उनका सामना हुआ है भाजपा के बदलेव तोमर से, वो ही बलदेव तोमर जिन्होंने 2012 में हर्षवर्धन को पटकनी दी थी। हालांकि इसके बाद 2017 में बलदेव हारे थे लेकिन इस बार भाजपा भी आश्वस्त है कि बलदेव फिर बल दिखाएंगे। दरअसल इस बार हाटी फैक्टर ने शिलाई के सियासी समीकरण पूरी तरह से बदल दिए है।
हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा देने के फैसले का इस विधानसभा क्षेत्र में सीधा असर है। जानकारी के अनुसार इस विधानसभा क्षेत्र में 58 पंचायतों के 95 गांवों के 66,775 लोग इससे प्रभावित होते है। पर इस विधानसभा क्षेत्र में 30,450 एससी समुदाय के लोग भी है, जो इस फैसले से नाखुश दिखे है। पर भाजपा ने इन्हें इसके दायरे से बाहर रखने का आश्वान देते हुए इन्हें साधने का भी प्रयास किया है। इस चुनाव में भाजपा ने मुद्दे को जमकर भुनाने की कोशिश की है। बाकायदा सतौन में गृह मंत्री अमित शाह का कार्यक्रम आयोजित करवाया गया। पर इसका कितना चुनावी लाभ भाजपा को मिला, ये तो नतीजे ही तय करेंगे।
शिलाई का चुनाव इस बार इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्यों कि हर्षवर्धन के लिए ये सिर्फ विधायक बनने का चुनाव नहीं है। दरअसल हर्षवर्धन चौहान भी मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में शामिल है। अगर वे मुख्यमंत्री नहीं भी बनते तो भी उन्हें अहम् दायित्व मिलना तय है। बहरहाल मुख्यमंत्री पद की आस बरकरार रखने के लिए पहले हर्षवर्धन का विधायक बनना जरूरी है। मतदान हो चूका है और शिलाई विधानसभा सीट पर मुकाबला कांटे का दिख रहा है। फिलहाल नतीजों के लिए 8 दिसम्बर का इंतज़ार जारी है।