बड़ोग के सायरी गावं मे जगदीश शर्मा ने स्वर्गीय धर्मपत्नी उषा शर्मा के वार्षिकी पर किया भगवत का आयोजन
सायरी के साथ लगते गावं बड़ोग में पूर्व सयुंक्त निदेशक भाषा एवं संस्कृति विभाग से सेवानिवृत्त जगदीश शर्मा द्वारा अपनी स्वर्गीय धर्मपत्नी उषा शर्मा के वार्षिकी पर उनकी आत्मिक शांति के लिए परिवार सहित श्रीमद भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। आचार्य महेंद्र मोहन ने छटे दिवस की कथा में व्यास गदी से बाल कृष्ण की बाल लीलाओं का विस्तृत कथा सुनाई। इस दौरान उन्होंने पूतना वध सहित कई बाल लीलाओं को अपनी मधुर वाणी से श्रोताओं को सुनाया।भोले शंकर का बाल कन्हैया को गोकुल में दर्शन के लिए आना सहित कई रोचक प्रसंग सुनाये। कथा में कृष्ण द्वारा माखन चोरी की सुंदर कथा का व्याख्यान करते हुए कहा,कि गोपियों द्वारा नित्य माखन चोरी के आरोपों से तंग आकर एक रोज माखन चोरी करते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। मुख पर माखन लगा होने पर भी कान्हा द्वारा मैया मैने नही माखन खाया।मैया द्वारा कान्हा को जब ऊखल से बांधने लगी तो रस्सी दो उंगल छोटी पड़ जाती। आखिर जब मैया थक गई तो कान्हा स्वयं ही ऊखल से बन्ध गए। व्यास जी ने ऊखल के माध्यम से कान्हा के हाथों कुबेर के बेटों मणीगरीब व नल कुबर के उद्धार की कथा का व्याख्यान किया। यह कान्हा की गोकुल में अंतिम लीला थी।इसके बाद भगवान कृष्ण की लीलाएं बृन्दावन की पावन धरा पर रची गई,जंहा पर अगासुर वध,कालिया मर्दन,वकासुर मर्दन सहित कई रोचक प्रसंग सुनाये।