जो शहीद हुए हैं उनकी जरा याद करो कुर्बानी… कारगिल के सपूतों को सलाम

विजय दिवस… वह गौरवशाली दिन जब भारतीय सेना के जाबाज़ सिपाहियों ने करगिल, द्रास समेत कई भारतीय इलाकों पर कब्जा जमा चुके पाकिस्तानी सेना को धूल चटाकर फिर से यहां तिरंगा लहरा दिया था। भारत के इतिहास में यह ऐतिहासिक दिन हमेशा के लिए दर्ज हो गया… जी हां, आज पूरा देश विजय दिवस मना रहा है। आज के ही दिन भारत के वीरों ने करगिल युद्ध में पाकिस्तानी फौज को करारी मात देकर दुर्गम पहाड़ियों पर तिरंगा फहराया था। इस युद्ध में कई भारतीय वीर सैनिकों ने अपनी प्राणों की आहूति देकर शहीद हो गये। आज का दिन सिर्फ जीत को याद करने का नहीं है, बल्कि सेना के उन जवानों की वीरता, शौर्य, और अदम्य साहस को याद करने का दिन है… जिनके सजदे में देशवासियों का सिर हमेशा से झुकता आया है। आज पूरी देश करगिल युद्ध में शहीद हुए वीर सपूतो को याद कर रहा है।
कारगिल युद्ध, जिसे ऑपरेशन विजय के नाम से भी जाना जाता है, मई और जुलाई 1999 के बीच कश्मीर के करगिल जिले में भारत और पाकिस्तान के बीच लड़ा गया था। पाकिस्तान की सेना और कश्मीरी उग्रवादियों ने भारत की जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की, लेकिन भारतीय सेना और वायुसेना ने उन्हें पीछे हटने पर मजबूर कर दिया। लगभग 30,000 भारतीय सैनिक और करीब 5000 घुसपैठिए इस युद्ध में शामिल थे। आपरेशन विजय में सेना के 527 जवान शहीद हुए, जिनमें से 52 हिमाचली वीर सैनिक भी शामिल थे . इन वीरों में कैप्टन विक्रम बत्रा , कैप्टन मनोज पांडे, सूबेदार मेजर यादव और संजय कुमार को परम वीर चक्र से नवाजा गया।