इलाज़ से परहेज़ अच्छा
एड्स दिवस प्रति वर्ष 1 दिसंबर को पूरे विश्व भर में एड्स AIDS (Acquired Immuno Deficiency Syndrome) के विषय में लोगों को जागरूक करने के लिए मनाया जाता है। एड्स ह्यूमन इम्यूनोडिफीसिअन्सी वायरस (एचआईवी) के संक्रमण के कारण होने वाला एक महामारी रोग है। विश्व भर के ज्यादातर नेताओं ने मिलकर इस दिन को आधिकारिक रूप से मनाने का फैसला लिया। सबसे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति ने साल 1995, 1 दिसंबर को आधिकारिक तौर पर एड्स दिवस मनाने का ऐलान किया उसके बाद धीरे-धीरे विश्व के अन्य देश भी इस दिन को मनाने लगे। एक साधारण गणना के अनुसार पूरे विश्व भर में साल 1981 से 2007 के बीच लगभग 25 से 30 मिलियन लोगों की मौत HIV इंफेक्शन के कारण हुई थी। जिस में ज्यादातर मौत बच्चों की हुई थी। HIV में खासकर मृत्यु का कारण जागरूकता ना होना एक बड़ा कारण है इसलिए विश्व स्तर पर वर्ल्ड एड्स डे की शुरुआत की गई। यह दिन लोगों को एड्स के विषय में ज्यादा से ज्यादा जानकारी प्राप्त करने का एक बेहतरीन अवसर बन चुका है और ज्यादातर लोग आज अन्य साधारण व्यक्तियों की तरह ही अपना जीवन व्यतीत कर पा रहे है। इसका उद्देश्य एचआईवी संक्रमण के प्रसार की वजह से एड्स महामारी के प्रति जागरूकता बढाना, और इस बीमारी से जिसकी मौत हो गई है उनका शोक मनना है। सरकार और स्वास्थ्य अधिकारी, ग़ैर सरकारी संगठन और दुनिया भर में लोग अक्सर एड्स की रोकथाम और नियंत्रण पर शिक्षा के साथ, इस दिन का निरीक्षण करते है। विश्व एड्स दिवस की शुरूआत मात्र स्वास्थ्य के क्षेत्र को और मजबूत बनाना और लोगों को एचआईवी एड्स के विषय में पूर्ण जानकारी प्रदान करना है क्योंकि एचआईवी एड्स से बचने का एकमात्र उपाय है एचआईवी एड्स के विषय में जागरुकता।
- रोकने के उपाय
- लोगों को एंटीरेट्रोवायरल दवाइयों के विषय में जागरुकता प्रदान करना जिनसे उन्हें एचआईवी एड्स से लड़ने में मदद मिल सके।
- सबसे प्रभावी परिणाम प्राप्त करने के लिए अभियान में सहकर्मी समूहों को शामिल करना।
- स्कूलों, विश्वविद्यालयों और सामाजिक संरचनाओं से अधिक छात्रों को एड्स के लिए आयोजित प्रतियोगिताओं में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित करना।