बालासोर रेल हादसा : कुछ को अपनों का धड़ मिला, तो किसी को सिर
खून के सैलाब के बीच चारों ओर चीख-पुकार ओर क्षत-विक्षत अंगविहीन शव। रोते-बिलखते हुए, अपनों को तलाशते लोग। कुछ को अपनों का धड़ मिला, तो किसी को सिर। जो कुछ वक्त पहले जीवित थे, उन्हें टुकड़ों में बटोरा गया। इस हादसे से कई परिवार बिखर गए। ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार शाम करीब 7 बजे हुए ट्रेन हादसे में कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन के कई कोच तबाह हो गए। एक इंजन तो मालगाड़ी के रैक पर ही चढ़ गया। आलम ये था कि भीषण टक्कर में खिड़कियों के कांच टूट गए और करीब 50 लोग बाहर जाकर गिरे। इस हादसे में मरने की संख्या 280 पार है, वहीं, 900 से ज्यादा लोग घायल हैं। मरने वालों का आंकड़ा और भी बढ़ सकता है।
मिली जानकारी के मुताबिक, पहले शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस डिरेल हुई। इसके कुछ डिब्बे दूसरी पटरी पर पलटे और दूसरी तरफ से आ रही यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस से टकरा गए। इसके बाद दोनों ट्रेन की 15 बोगियां पटरी से उतर गईं। ये बोगियां दूसरे ट्रैक पर खड़ी मालगाड़ी से भिड़ गईं। टक्कर इतनी भीषण थी कि पैसेंजर ट्रेन का इंजन मालगाड़ी पर चढ़ गया।
NDRF की 9 टीमें तैनात:
NDRF की 9 टीमें मौके पर तैनात हैं। घटना के सवा घंटे के अंदर पहली टीम वहां पहुंच गई थी। बचाव अभियान में 300 से ज्यादा लोग लगे हुए हैं।