SC ने भूतपूर्व सैनिकों की शादीशुदा बेटियों के हक में सुनाया फैसला
बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने स्वतंत्रता सेनानियों की विवाहित बेटियों व भूतपूर्व सैनिकों की विवाहित बेटियों के पक्ष में एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए इस कैटेगरी की विवाहित बेटियों को भी सरकारी नौकरियों में आरक्षण का प्रावधान करने के हक में फैसला सुनाया। फैसले के मुताबिक अब विवाहित बेटियां भी सरकारी नौकरियों में स्थाई आरक्षण की हकदार होंगी। कोर्ट ने लिंग के आधार पर आरक्षण में भेदभाव को गलत ठहराया और मौलिक अधिकारों का हनन बताया। पिछले 3 वर्षों से सरकार ने विभिन्न विभागों में भर्तियां की और उसमें विवाहित बेटियों को भी नौकरियां दी लेकिन इन सब की नौकरियां इस केस के नतीजे पर निर्भर थी और इनके नियमित होने को लेकर हर वक्त तलवार लटकी हुई थी लेकिन इस केस में इन बेटियों के हक में फैसला आने से सभी को बड़ी राहत मिली।
सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल सरकार बनाम नीलम कुमारी केस पर मामले की सुनवाई करते हुए सरकार की एसएलपी को खारिज कर दिया और उच्च न्यायालय हिमाचल प्रदेश के फैसले को बरकरार रखा जिसमें उन्होंने विवाहित बेटियों को भी विवाहित बेटों के समान नौकरियों में आरक्षण का फैसला सुनाया था। 29 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अशोक भूषण जस्टिस आश्वास रेडी व जस्टिस आरएस की खंडपीठ में यह ऐतिहासिक फैसला सुनाया। सभी स्वतंत्रता सेनानी और भूतपूर्व सैनिकों की विवाहित बेटियां सरकार से गुजारिश की कि इस ऐतिहासिक फैसले को ध्यान में रखते हुए शीघ्र अति शीघ्र उनके हक में निर्णय ले ताकि वह जल्द से जल्द नियमित हो सके |