भूख से मरी अढ़ाई माह की बच्ची, कुछ न कर सका बेबस पिता
लोगों ने पैसे एकत्र कर की शव को दफनाने में मदद
एक अभागा बाप अपनी ढाई माह की बच्ची को इसलिए नहीं बचा सका क्यों कि उसके पास उसे दूध पिलाने हेतु पैसे नहीं थे। ढाई माह की केतकी ने रोते-बिलखते हुए दम तोड़ दिया। पिता करता भी क्या, जेब में पैसे नहीं थे और उस पर बरसात के बाद लगे जाम ने मुश्किलों में और इजाफा कर दिया था।
परमेरी निवासी बहादरपुर उत्तर प्रदेश मंडी में मजदूरी कर जीवन यापन कर रहा था। मूसलाधार बसरात के बाद वह अपने परिवार के साथ अपने घर के लिए निकला था। नेशनल हाईवे चंडीगढ़ मनाली स्वारघाट के पास भूस्खलन के कारण बंद था जिसे सोमवार शाम को एकतरफा आवाजाही के लिए खोला गया। परमेरी भी अपने परिवार के साथ इसी जाम में फंसा हुआ था। आर्थिक तौर पर कमजोर इस परिवार के पास न तो किराए के पैसे बचे थे, न ही कुछ खाने के लिए बचा था। ऐसे में भला बच्ची के लिए दूध कहा से लाता। सो बच्ची ने दम तोड़ दिया।इसके बाद स्थानीय लोगों ने 3500 रुपए की राशि एकत्रित की और बच्ची को दफनाने में भी मदद की। इस दर्दनाक मंजर को देख मौके पर मौजूद लोगों की आंखें भी भर आई।