एक माह में दिल्ली ने खोये तीन बड़े नेता
करीब बीते एक माह में दिल्ली से जुड़े तीन राजनीति के दिग्गजों का निधन हुआ है। 20 जुलाई को 15 वर्ष तक दिल्ली की सीएम रही शीला दीक्षित का निधन हुआ। इसके बाद 6 अगस्त को दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री सुषमा स्वराज दुनिया को अलविदा कह गई। अब शनिवार (24 अगस्त) को पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली के निधन का समाचार आया है, जिनका दिल्ली की राजनीति में काफी दखल रहा है। वे कई बार दिल्ली के सीएम दावेदार भी माने जाते रहे लेकिन शीला दीक्षित के राज में 15 साल तक दिल्ली में कमल नहीं खिला।वे लंबे समय से टीशू कैंसर से जूझ रहे थे और नौ अगस्त से दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती थे।
13 साल तक रहे DDCA अध्यक्ष
अरुण जेटली 1999 से 2012 तक दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (Delhi and District Cricket Association) के अध्यक्ष भी रहे।
2014 की मोदी लहर में हारे
अरुण जेटली ने अपने पूरे राजनीतिक जीवन में केवल एक बार 2014 में लोकसभा चुनाव लड़ा। मोदी लहर के बावजूद अरुण जेटली को अमृतसर लोकसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी अमरिंदर सिंह के हाथों एक लाख से ज्यादा मतों से हार का सामना करना पड़ा था। बावजूद उन्हें वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई।