आखिरकार अंशुल जिंदगी की जंग हार गया
आखिरकार अंशुल जिंदगी की जंग हार गया। ग्राम पंचायत पंजगाई का 20 वर्षीय अंशुल एस एस बी की ट्रेनिंग के दौरान कोमा में चला गया। मिली जानकारी अनुसार अंशुल शर्मा को नहाते समय दौरा पड़ा था, जिसके बाद 20 दिन से अंशुल कोमा में था। उधर, जैसे ही खबर क्षेत्रवासियों को मिली, सारा क्षेत्र गम में डूब गया। वहीं, अंशुल की विधवा मां व छोटे भाई पर भी दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। 20 वर्षीय अंशुल एक साल पहले ही एसएसबी में भर्ती हुआ था। वह अभी गोरखपुर में अपनी ट्रेनिंग पूरी कर रहा था। लेकिन 20 दिन पहले ट्रेनिंग के दौरान गोरखपुर में ही उसके साथ कुछ ऐसा घटित हुआ कि वह कोमा में चला गया। बताया जा रहा है कि 20 दिन पूर्व अंशुल ग्राउंड से खेलकर आया और नहाने के लिए जैसे ही उसने पानी अपने ऊपर फेंका उसे दौरा पड़ गया। इसके बाद उसे लखनऊ अस्पताल लाया गया, जहां पता चला कि वह कोमा में जा चुका है।शनिवार को 20 दिन बाद आखिरकार अंशुल जिंदगी की जंग हार गया और सभी को अलविदा कह गया। अंशुल के परिवार में उसकी मां मधु और छोटा भाई हैं। पिता कुलभूषण भी एसएसबी की सेवाएं देते वक्त ही स्वर्ग सिधार गए थे। उनकी मौत के बाद ही अंशुल को नौकरी मिली थी। अंशुल शर्मा को लेकर माता मधु ने बहुत से सपने सँजोये थे , परंतु कुदरत ने जिंदगी में एक और दर्द उन्हें दे दिया।
रविवार को अंशुल शर्मा के पार्थिव शरीर कों घर लाया गया और अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम संस्कार के दौरान उनके पार्थिव शरीर को वहां पर उपस्थित सशस्त्र सेना बल के जवानों ने सलामी दी ओर भारत माता की जय बोलकर अंतिम विदाई दी गई। सैकड़ों की संख्या में इस दुखद अवसर पर लोगों की भीड़ अंतिम विदाई के दौरान बरमाणा श्मशान घाट में उपस्थित थी।