संस्कृत संभाषण शिविर का समापन
10 दिनों तक चले संस्कृत संभाषण शिविर में न केवल बच्चों द्वारा संस्कृत सीखने का आनंद लिया गया अपितु गांव की महिलाएं भी संस्कृत से खासी प्रभावित हुई। बच्चों ने 10 दिनों तक रीतू शर्मा से परस्पर परिचय,संस्कृत नाटी व गीत व्यवहारिक शब्दों का ज्ञान व उपयोग के माध्यम से संस्कृत सीखने में भरपूर रुचि दिखाई। शिविर का समापन राजकीय माध्यमिक विद्यालय शेरपुर में किया गया। जहां विद्यालय के सभी विद्यार्थियों ने विभिन्न संस्कृत कार्यक्रमों में भाग लिया। विद्यालय के मुख्याध्यापक वीरेंद्र शुक्ला व किशोरी शास्त्री ने शिविर समापन पर संस्कृत के ज्ञान को मानव जाति के संस्कारों को जीवित रखने का एकमात्र आधार बताया। संस्कृत भारती अर्की द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में किरण, अंजलि, राखी, साहिल, हिमांशु, इमरान, दिशा, संजना, जागृति, हिना, सुहानी, नेहा, राशि, हैप्पी व खेमचंद ने संस्कृत को सिखा। गांव की महिलाएं मीना, लता, नानकी, वीणा, चंद्रकांता, रामदेई आदि संस्कृत शिविर से प्रभावित हुई। संस्कृत भारती अर्की अध्यक्ष मस्तराम शास्त्री ने शिविर संचालन के लिए किशोरी शास्त्री व रीतू शर्मा का आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया की संस्कृत और संस्कृति के प्रचार-प्रसार का यह क्रम यूं ही जारी रहेगा।