वन कटान मामले में रामलाल ठाकुर ने कहा सरकार अवैध कटान करने वालों का दे रही साथ
पूर्व मंत्री व वर्तमान विधायक श्री नैना देवी जी विधानसभा क्षेत्र रामलाल ठाकुर ने एक बार फिर से अवैध खैर कटान के मसले पर प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश सरकार उन लोंगो को बचा रही है जिन लोगों ने अवैध खैर कटान किया था। उनकी फाइलों को बंद करने की तैयारी की जा रही है ताकि उन पर कोई कार्यवाही न हो सके। उन फाइलों को बंद करने का निर्णय कर रही है ताकि मुजरिम को छोड़ा जा सके। उन्होंने कहा कि वह इस मामले को एक बार फिर से मिडिया में ला रहे हैं ताकि लोंगो को पता चल सके कि वर्तमान सरकार की वास्तविकता क्या है। यह अवैध कटान राजपुरा कोठीपुरा, दयोथ, मैथी से शुरू हुआ था और इसमें विभागीय अधिकारी व ठेकेदार भी गिरफ्तार हो चुके हैं। इसके अलावा यह अवैध कटान श्री नैना देवी जी के पांच खंडों में वर्ष 2015 और 2016 के बीच हजारों की तादाद में खैर काटे गए थे। अकेले सलोआ वन बीट में ही 9।33 करोड़ रूपये के खैर काटे गए थे, जिनकी संख्या 4743 थी। शेष बची बीटों में भाखड़ा, ग्वालथाई, बड़ोह, कोट और बस्सी की जांच मार्च 2016 से शुरू हो चुकी थी। इस अवैध खैर कटान के मसले पर इंडियन फॉरेस्ट एक्ट की धारा 32,33 और इंडियन पेनल कोड की धारा 420 120 बी और प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा 13 (1) (डी) और धारा 13 बी के तहत मुकदमा भी दर्ज हो चुका है। इस मामले में प्रदेश के वन मंत्री गोविंद ठाकुर भी कह चुके हैं कि कोई कोताही बरती नहीं जाएगी और जांच पूरी करवाई जाएगी।लेकिन प्रदेश सरकार द्वारा इस अवैध कटान के मामले में जो लोग संलिप्त पाए गए हैं उन लोगों की फाइलों को बंद करने की तैयारी गुपचुप तरीके से कर रही है। क्या इस तथ्य के बारे में प्रदेश के मुख्यमंत्री या प्रदेश के वन मंत्री को पता नहीं है? प्रदेश के वन मंत्री को इस बारे में जवाब देना चाहिए कि अवैध कटान की फाइलें गुपचुप तरीके से बंद करने की तैयारी क्यों की जा रही है? क्या इसमें भारतीय जनता पार्टी के किसी नेता का हाथ है या भारतीय जनता पार्टी से जुड़े किसी व्यक्ति को बचाने के लिए यह सारी लीपापोती करने की तैयारी वन विभाग कर रहा है? इस मामले में कई बार विधानसभा में भी कई बार चर्चा हो चुकी है लेकिन अब वन विभाग और वन मंत्री को यह ध्यान रखना चाहिए कि यह लीपापोती किसके इशारे पर हो रही है।