ऐसे बने स्वतंत्र भारत के पहले मतदाता श्याम सरन, दिलचस्प है कहानी
देश के पहले मतदाता श्याम शरण नेगी का जन्म 1917 को किन्नौर जिला के कल्पा गांव में हुआ। 106 साल के श्याम शरण अपने पुश्तैनी गांव में रहते हैं। 1940 से 1946 तक वन विभाग में गार्ड की नौकरी की। उसके बाद शिक्षा विभाग में चले गए और कल्पा लोअर मिडिल स्कूल में अध्यापक बने। देश में 1952 में पहला लोकसभा चुनाव हुआ। लेकिन किन्नौर में भारी हिमपात के चलते 6 महीने पहले अक्टूबर 1951 में ही चुनाव हो गए।
पहले चुनाव के समय श्याम शरण किन्नौर के मूरंग स्कूल में अध्यापक थे। चुनाव करवाने में उनकी ड्यूटी लगी थी, लेकिन वोट डालने का इतना शौक था और ड्यूटी शोंगठोंग के मुरंग में थी और वोट कल्पा में डालना था तो उन्होंने सुबह-सुबह वोट देकर ड्यूटी पर जाने की इजाजत मांगी। सुबह-सुबह ही वह अपने मतदान स्थल पर पहुंच गए। 6:15 बजे मतदान पार्टी पहुंची। नेगी ने जल्दी मतदान करवाने का निवेदन किया। मतदान पार्टी ने रजिस्टर खोल कर उन्हें पर्ची दी। मतदान करते ही इतिहास बन गया और श्याम शरण नेगी आजाद भारत के पहले मतदाता बन गए।