राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 152वीं जयंती आज, जानिए उनके आदर्श विचार

देशभर में आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 152वीं जयंती मनाई जा रही है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था, उनका जन्म गुजरात के पोरबंदर में शुक्रवार 2 अक्टूबर 1869 को हुआ था। महात्मा गांधी ने पूरे जीवन सत्य और अहिंसा की राह चुनी. उन्होंने भारत की आजादी में महत्वपूर्ण योगदान निभाया था। महात्मा गांधी ने अपने जीवन के आदर्शों के पथ पर चलते हुए अहिंसा को अपना कर अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर मजबूर कर दिया था। कहते हैं कि कोई भी व्यक्ति महान पैदा नहीं होता है, उसे उसके आदर्श, विचार और सरलता ही महान बनाते हैं। महात्मा गांधी के आदर्शों पर चलकर हम भी अपने जीवन में कई अच्छे कार्य कर सकते हैं। पढ़िए महत्मा गाँधी के दस आदर्श विचार जिनसे जीवन को बनाया जा सकता है आदर्श
अहिंसा ही सबसे बड़ा धर्म है, वहीं जिंदगी का एक रास्ता है।
जब तक गलती की स्वतंत्रता नहीं होती, तब तक स्वतंत्रता का कोई अर्थ नहीं होता है।
पाप से घृणा करो और पापी से प्रेम करो।
जब भी आपका सामना किसी विरोधी से हो तो उसे प्रेम से जीतने की कोशिश करें।
अगर मनुष्य कुछ सीखना भी चाहे तो अपनी हर गलती से कुछ शिक्षा जरूर मिलती है।
खुद वो बदलाव बनिए, जो आप दुनिया में देखना चाहते हैं।
भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि आज आप क्या कर रहे हैं।
किसी भी व्यक्ति के विचार ही सबकुछ होते हैं, वह जैसा सोचता है वैसा बन जाता है।
खुद को खोजना का सबसे अच्छा तरीका है, खुद को दूसरों की सेवा में खो देना।
शांति का कोई दूसरा रास्ता नहीं है, इसका एकमात्र रास्ता शांति ही है।